कब करें सैकंड बेबी प्लानिंग

पेरैंट्स बनने का सपना हर किसी का होता है. जिस के लिए वे काफी ऐक्साइटेड रहते हैं और जैसे ही घर में पहले बच्चे की किलकारियां गूंजती हैं तो मेहमान, फ्रैंड्स यही बोल कर उन्हें और ब्लैस्सिंग्स देते हैं कि जल्द ही दूसरे बच्चे की भी खुशखबरी सुना कर अपनी फैमिली को कंपलीट कर लें, जिस के लिए कुछ पेरैंट्स तो पहले बच्चे के 2 से 3 साल के अंदर ही दूसरा बच्चा प्लान कर लेते हैं, तो कुछ पेरैंट्स सालों तक इस बारे में सोचते ही नहीं है.

वैसे तो दूसरा बच्चा चाहिए या नहीं, यह हर पेरैंट्स की अपनी चौइस पर निर्भर करता है, लेकिन अगर आप के मन में सैकंड बेबी का प्लान है तो ऐसे में सवाल यह है कि दोनों बच्चों के बीच में सही में कितना गैप होना चाहिए, आइए जानते हैं इस बारे में:

पहला बच्चा लेट होने पर चौइस नहीं

आज सब अपना कैरियर बनाने में इतने अधिक बिजी हो गए हैं कि न तो शादी को अधिक प्राथमिकता देते हैं और न ही बच्चों को, जिस कारण एक तो लेट मैरिज करते हैं और दूसरा फिर बच्चे भी लेट होते हैं. ऐसे में अगर आपका पहला बच्चा 32 या फिर 33 साल की उम्र में हो रहा है तो आप के पास सैकंड बच्चे की प्लानिंग के लिए ज्यादा चौइस या फिर सोचने का समय नहीं होता है क्योंकि ज्यादा लेट होने पर शारीरिक चैलेंजेज होने के साथसाथ जरूरी नहीं कि जब आप बच्चा प्लान करें, तब हो ही जाए क्योंकि बढ़ती उम्र में महिलाओं की ओवरीज में अंडे बहुत कम हो जाते हैं, जिस के कारण कंसीव करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

इसलिए पहला बच्चा 32 या फिर 33 साल की उम्र में होने पर अगर आप सैकंड बेबी चाहते हैं तो अगले डेढ़दो साल में दूसरे बच्चे की प्लानिंग कर लें ताकि बढ़ती उम्र में कंसीव करने में दिक्कत न है और आप का सैकंड बेबी का सपना भी पूरा हो सके.

तुरंत कंसीव करने पर भी कई शारीरिक चैलेंजेस

कई बार जानकारी के अभाव में या फिर घर वालों के ज्यादा प्रैशर के चक्कर में पेरैंट्स पहले बच्चे के होने के 1 साल के भीतर ही दूसरा बच्चा प्लान कर लेते हैं, जो महिलाओं के लिए किसी बड़े शारीरिक चैलेंज से कम साबित नहीं होता है क्योंकि पहले बच्चे को जन्म देने के कारण उन के शरीर में हीमोग्लोबिन की काफी कमी हो जाती है. ऐसे में अगर वे 1 साल के अंतराल में ही दूसरे बच्चे की प्लानिंग कर लेती हैं, तो न तो शरीर को उस तरह से उबरने का समय मिल पाता है और साथ ही अनेक स्टडीज में यह भी साबित हुआ है कि 1 साल में दोबारा प्रैगनैंट होने वाली महिलाओं में कमियां रहने के कारण ऐसे बच्चों का वजन कम होने के साथसाथ प्रीमैच्योर डिलिवरी का भी डर बना रहता है. इसलिए सैकंड बेबी के लिए तुरंत कंसीव करने की भी भूल न करें.

6-7 साल से ज्यादा का गैप न रखें

सैकंड बेबी चाहिए लेकिन कब चाहिए यह सवाल पेरैंट्स के मन में बना रहता है. ऐसे में कई पेरैंट्स जौब में बिजी रहने के कारण इस बारे में सालोंसाल नहीं सोचते हैं, जो बिलकुल सही नहीं है क्योंकि बढ़ती उम्र में बायोलौजिकल क्लौक जिसे महिलाओं में ओवुलेशन कहते हैं, जो एक समय सीमा तक होता है और अगर 35 के बाद होता भी है तो स्लो होने के साथ एग और स्पर्म की क्वालिटी काफी डाउन हो जाती है. इसलिए जब सैकंड बेबी के बारे में प्लान करें तो बायोलौजिकल क्लौक का ध्यान रखने के साथसाथ दोनों बच्चों में 6-7 साल से ज्यादा का गैप न रखें क्योंकि इस से दोनों बच्चों पर अच्छी तरह ध्यान देने के साथसाथ सिबलिंग्स भी एकदूसरे को अच्छी तरह सम?ा पाते हैं वरना ज्यादा साल का गैप सिबलिंग्स अंडरस्टैंडिंग में प्रौब्लम का कारण बनता है. इसलिए बेहतर है कि समय पर बच्चा होने से आप उस की अपब्रिंगिंग में भी हैल्दी रोल निभा सकें.

3-4 साल का गैप आइडियल

अगर आप के मन में सैकंड बेबी की प्लान में शुरू से ही है तो आप को सैकंड बेबी के लिए

3-4 साल के बीच में ही प्लानिंग कर लेनी चाहिए क्योंकि यही गैप आइडियल होता है. ऐक्सपर्ट्स का मानना है कि दोनों बच्चों में इतना गैप होने से पहले बच्चे को प्रौपर केयर मिलने के साथसाथ वह थोड़ा सम?ादार हो जाता है, जिस से मां को दूसरे बच्चे को संभालने व उस की केयर करने में आसानी होती है. साथ ही आगे के बारे में भी अच्छी तरह प्लानिंग हो जाती है वरना बच्चों के बीच में ज्यादा गैप किसी भी लिहाज से सही नहीं होता है.

डाक्टर की सलाह जरूर लें

आप जब भी सैकंड बेबी प्लान करने के बारे में सोचें तो उस से कुछ समय पहले इस बारे में डाक्टर की सलाह जरूर लें. अपने और अपने हस्बैंड की मैडिकल कंडीशंस से उन्हें अवगत करवाएं, फर्स्ट प्रैगनैंसी में किस तरह की परेशानियां फेस करनी पड़ीं ताकि समय से पहले आप दोनों के सभी जरूरी टैस्ट्स हो सकें और आप को समय पर सही सलाह मिलने के साथसाथ सैकंड प्रैगनैंसी में किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो.

एकमत होना जरूरी

बहुत सारे मामलों में देखने में आया है कि महिलाएं ही अपने पार्टनर पर सैकंड बेबी का प्रैशर डालती हैं, जिस की वजह से कई बार आपस में तनातनी का माहौल भी पैदा हो जाता है. ऐसे में जरूरी है कि इस मामले में दोनों की एक राय जब तक न बने तब तक जबरदस्ती सैंकंड बेबी की प्लानिंग के बारे में नहीं सोचना चाहिए.

प्रौपर स्पेस

जब घर में सदस्य बढ़ते हैं तो स्पेस की भी ज्यादा जरूरत होती है खासकर के बच्चों को तो ज्यादा स्पेस की जरूरत होती है. इसलिए जब भी सैकंड बेबी के बारे में प्लान करें तो इस बात का ध्यान रखें कि भले ही ज्यादा नहीं, लेकिन घर में बच्चों के खेलने के लिए थोड़ीबहुत स्पेस होनी बहुत जरूरी है.

उम्र का ध्यान रखना

रिसर्च में यह साबित हुआ है कि जिस तरह से 35 के बाद महिलाओं के एग कम होने के साथसाथ उन की क्वालिटी भी प्रभावित होने लगती है, ठीक उसी तरह पुरुषों के स्पर्म की क्वालिटी भी 35 के बाद लो होने लगती है. ऐसे में अगर आप सैकंड बेबी के बारे में प्लान कर रहे हैं तो दोनों पार्टनर अपनी उम्र का ध्यान जरूर रखें ताकि जब सही समय पर प्लानिंग करें तो गड़बड़ न हो.

फाइब्रोमायल्जिया: इस दर्द से बचना है जरूरी

फाइब्रोमायल्जिया एक पुराने दर्द की स्थिति है, जिस वजह से पूरे शरीर में दर्द फैल जाता है. यह आमतौर पर 20 से 55 वर्ष की महिलाओं की मांसपेशियों और हड्डियों में होने वाले दर्द के कारण होता है. इस में कई महिलाएं थकान, नींद में व्यवधान, सिरदर्द, अवसाद तथा चिंता जैसी मानसिक तकलीफ भी अनुभव करती हैं. इस में थोड़ाबहुत मांसपेशियों का दर्द हमेशा बना रहता है. दर्द की तीव्रता कम ज्यादा होती रहती है. चिंता, तनाव, अनिद्रा, थकान, ठंड या नमी के कारण दर्द बढ़ जाता है.

करीब 90% महिलाओं को लगातार थकान के साथसाथ तरोताजा न रहने या पूरी नींद न लेने जैसी शिकायत रहती है. मरीज को बांहों तथा टांगों में सुन्नपन, सिहरन या असामान्य खिंचाव भी महसूस हो सकता है. इस स्थिति में माइग्रेन या मस्क्युलर सिरदर्द, पेट में गड़बड़ी या बारबार पेशाब आना जैसी समस्याएं आम हैं.

कैसे पहचानें इसे

फाइब्रोमायल्जिया के बारे में समझा जाता है कि यह दर्द के एहसास में होते रहने वाले बदलाव का परिणाम होता है. इस स्थिति को सैंट्रल सैंसेशन कहा जाता है, जो आनुवंशिक प्रवृत्ति, शारीरिक या भावनात्मक चोट सहित तनाव बढ़ाने वाले कारकों, अनिद्रा या अन्य चिकित्सा स्थितियों के कारण हो सकती है. फाइब्रोमायल्जिया की पहचान के लिए कोई विशेष लैबोरेटरी या इमेजिंग टैस्ट नहीं है, क्योंकि मांसपेशियों में कोई असामान्य स्थिति पकड़ में नहीं आती है.

इलाज

फाइब्रोमायल्जिया का इलाज संभव है. इस के इलाज का मकसद दर्द में कमी लाना, नींद में सुधार लाना, शारीरिक गतिविधियों को सुचारु बनाना, सामाजिक मेलजोल बरकरार रखना और भावनात्मक संतुलन स्थापित करना है. इन की प्राप्ति के लिए मरीज का सामाजिक सहयोग, शिक्षा, शारीरिक सुधार और दवा से इलाज किया जाता है.

इस के लिए जहां मरीज में सकारात्मक बदलाव लाने की जरूरत पड़ती है वहीं परिवार के सदस्यों, नियोक्ताओं, नीतिनिर्धारकों की मदद भी मरीज की स्थिति पर बड़ा प्रभाव डालती है. मरीजों को शिक्षित करना और यह समझाना जरूरी है कि उचित व्यवहार बनाए रखने और उपचारात्मक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी करने से उन्हें लाभ मिल सकता है.

ऐरोबिक ऐक्सरसाइज से न सिर्फ हर किसी की सक्रियता बढ़ाई जा सकती है, बल्कि उन के दर्द में कमी, अच्छी नींद, संतुलित मिजाज, मानसिक स्थिति में सुधार लाया जा सकता है. हौट बाथ, हौट वाटर बोतल या इलैक्ट्रिक हीट पैड जैसी हीट प्रक्रिया मांसपेशियों को आराम पहुंचाती है, व्यायाम करने के योग्य बनाती है और बेहतर सेहत का एहसास कराती है. इस स्थिति से उबरने के लिए आजमाई गई कुछ नई चिकित्सा पद्घतियां भी उपलब्ध हो गई हैं, जिन में एनलजेसिक, ऐंटीडिप्रैजेंट की अल्प मात्रा दी जाती है. इस स्थिति से उबारने के लिए ऐंटीकनवल्सैंट दवा भी कारगर साबित हुई है.

इस प्रकार फाइब्रोमायल्जिया पीडि़तों को बहिष्कृत कर डायग्नोज नहीं करना चाहिए. प्रबंधन और मरीज के लिए बहुआयामी उपाय करते हुए परिवार को शिक्षित करना और उसे इस में भागीदार बनाना ही इस की सही डायग्नोसिस है. इस से मरीज को बेहतर जिंदगी जीने में मदद मिल सकती है.

-पुष्पेंदर सिंह मेहता

ऐसोसिएट कंसल्टैंट, पेन मैडिसिन,

इंडियन स्पाइनल इंजरीज सैंटर, नई दिल्ली

Food Special: स्नैक्स में बनाएं बंगाली झाल मूड़ी

बंगाली झाल मूड़ी मिनटों में तैयार हो जाने वाला स्नैक है. इसे बनाना बहुत आसान है और यह हर उम्र वर्ग को पसंद आने वाली डिश है. अगर आप या आपके घर का कोई शख्स पिकनिक पर जा रहा है तो आप उसे झाल मूड़ी दे सकती हैं. सफर के लिहाज से यह बहुत अच्छा विकल्प है.

सामग्री

200 ग्राम पफ्ड राइस या मूड़ी

एक मध्यम आकार का उबला हुआ आलू

बारीक कटा हुआ आधा खीरा

चार हरी मिर्च कटी हुई

दो चम्मच मिक्स्ड स्प्राउट्स

एक छोटा प्याज, बारीक कटा हुआ

एक छोटा टमाटर बारीक कटा हुआ

2 छोटा चम्मच बारीक कटा हुआ अदरक

नमक स्वादानुसार

2 चम्मच कच्ची मूंगफली

4 चम्मच सरसों का तेल

विधि

सरसो तेल और नमक को छोड़कर सारी चीजों को एक साथ एक बड़े बर्तन में मिला लें. फोर्क की मदद से मिलाएं और इसके बाद इसमें तेल और नमक मिलाएं. एक बार फिर सारी चीजों को अच्छी तरह से मिलाएं. और इसे सर्व करें.

Bigg Boss 14 फेम Sonali Phogat का 42 साल की उम्र में निधन

Bigg Boss 13 से जहां एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला के निधन ने फैंस को हैरान कर दिया था तो वहीं अब बिग बॉस 14 में सुर्खियों में रही नेता और टिकटॉक स्टार सोनाली फोगाट (Sonali Phogat) के निधन से फैंस को धक्का लगा है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

हार्ट अटैक से हुआ निधन

42 साल की टिकटॉक फेम सोनाली फोगाट का हार्ट अटैक से निधन हो गया है. खबरों की मानें तो, वह अपने कुछ कर्मचारियों के साथ गोवा किसी काम से गई थीं. जहां उनका बीती रात यानी 22 अगस्त को निधन हो गया है. वहीं निधन से पहले  उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट और ट्विटर अकाउंट पर अपनी प्रोफाइल पिक्चर को भी बदला था.

बिग बॉस 14 से सुर्खियों में आईं थीं सोनाली

बिग बॉस 14 का हिस्सा रह चुकीं सोनाली फोगाट (Sonali Phogat) अक्सर अपनी डांस वीडियो और फैशन को लेकर सुखियों में रहती हैं. इसी के चलते उनकी फैन फॉलोइंग काफी अच्छी रही है. दूसरी तरफ बीजेपी नेता के निधन पर कई सेलेब्स ने शोक व्यक्त किया है. वहीं उनकी फैमिली को दुख सहने की हिम्मत देने की कामना करते दिख रहे हैं.

बता दें कि सोनाली फोगाट (Sonali Phogat) की बिग बॉस 14 में एक्ट्रेस निक्की तंबोली और रुबीना दिलैक से काफी बड़ी लड़ाई हुई थी और उन्होंने दोनों को बिग बॉस से बाहर देख लेने की धमकी दी थी. हालांकि इसी के चलते होस्ट सलमान खान (Salman Khan) ने उनकी खूब क्लास लगाई थी.

तलाक की खबरों के बीच बिग बौस 16 का हिस्सा बनेंगे चारु और राजीव! पढ़ें खबर

कलर्स का रियलिटी शो बिग बौस 16 का नया सीजन जल्द ही शुरु होने वाला है. हालांकि अभी तक इस शो का हिस्सा बनने वाले सितारों के नाम सामने नहीं आए हैं. लेकिन खबरें हैं कि अपनी शादीशुदा जिंदगी को लेकर चर्चा में रहने वाले एक्ट्रेस सुष्मिता सेन के भाई और भाभी यानी राजीव सेन (Rajeev Sen) और चारु असोपा (Charu Asopa) शो का हिस्सा बनने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

शो हुआ ऑफर

 

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रिश्ते में अनबन तो कभी तलाक तक बात पहुंचने वाले कपल एक्ट्रेस चारु असोपा और राजीव सेन अपनी पर्सनल लाइफ के कारण सुर्खियों में रहते हैं. वहीं अब खबरें हैं कि चारु और राजीव को ‘बिग बॉस’ के नए सीजन के लिए अप्रोच किया गया है. हालांकि अभी तक दोनों या शो की तरफ से कोई कंफर्मेशन नहीं आया है. वहीं शो से जुड़े एक सूत्र ने एक इंटरव्यू में कहा है कि ‘हां, हम चारु और राजीव के साथ चर्चा में रहे हैं. हमें उम्मीद है कि पब्लिक डोमेन में उनके विवाद शो में भाग लेने के उनके फैसले को प्रभावित नहीं करेंगे. हमें उम्मीद है कि दोनों सहमत होंगे और जल्द ही वो कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करेंगे.’

कपल को एक-दूसरे की नहीं जानकारी

 

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एक्ट्रेस चारु असोपा ने जहां शो ऑफर होने की बात कबूली है तो वहीं कहा है कि उन्हें राजीव के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हालांकि उन्हें एक्टर के साथ काम करने में कोई दिक्कत नहीं है. दूसरी तरफ राजीव सेन ने भी यही कहा है कि उन्हें शो ऑफर हुआ है. लेकिन चारु असोपा का शो का हिस्सा बनने की उन्हें कोई खबर नहीं है और न ही उन्होंने इस बारे में बात की है.

 

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बता दें, बीते दिनों खबरें थीं कि एक्ट्रेस चारु असोपा और राजीव सेन जल्द तलाक लेने वाले हैं. हालांकि बाद में उन्होंने साथ रहने का फैसला किया था.

अनुज पुकारेगा Anupama का नाम, बरखा-अंकुश की आएगी शामत!

सीरियल अनुपमा (Anupama) में इन दिनों जन्माष्टमी सेलिब्रेशन देखने को मिल रहा है, जिसके चलते मेकर्स सीरियल में नया ट्विस्ट लाने हैं. वहीं अपकमिंग एपिसोड में अनुज ठीक होते हुए दिखने वाला है, जिसके बाद अंकुश और बरखा पर आफतों का पहाड़ टूटने वाला है. आइए आपको बताते हैं सीरियल अनुपमा  (Anupama Written Update) के आगे की कहानी…

वनराज पहुंचा कपाड़िया हाउस

 

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अब तक आपने देखा कि अनुपमा औफिस के लोगों को कपाड़िया हाउस में जन्माष्टमी सेलिब्रेशन के लिए बुलाते हैं, जिसे देखकर बरखा और अंकुश चिड़ जाते हैं. वहीं शाह हाउस में भी जन्माष्टमी सेलिब्रेशन होता है, जिसके चलते जहां शाह परिवार मस्ती करता है तो वहीं वनराज, अनुज से मिलने के लिए निकल जाता है. साथ ही पाखी भी उसके साथ कपाड़िया हाउस पहुंच जाती है.

बरखा पार करेगी हदें

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि वनराज और पाखी के साथ राखी दवे भी कपाड़िया हाउस पहुंचेगी और हंगामा करेगी, जिसके बाद बरखा एक बार फिर वनराज और अनुपमा पर चिल्लाएगी और उसके चरित्र पर सवाल उठाएगी. दरअसल, बरखा, अनुपमा से कहेगी कि वह अनुज से बिल्कुल भी प्यार नहीं करती और अनुज ने गलत तरीके से 3 बच्चों की मां और तलाकशुदा महिला से शादी कर ली. इसी के साथ वह कहेगी कि अब कपाड़िया हाउस को वह और अंकुश संभालेगी, जिसे सुनकर अनुपमा हैरान रह जाएगी.

ठीक होगा अनुज

 

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इसके अलावा आप देखेंगे कि बरखा की बद्तमीजी देखकर अनुज की आंखों में गुस्सा नजर आएगा. हालांकि वह कुछ नहीं कर पाएगा. वहीं बरखा, अनुपमा को कानूनी दस्तावेज दिखाएगी, जिसे देखकर वह हैरान रह जाएगी. इसी के साथ अंकुश कहेगा कि वह अब कपाडिया अम्पायर संभालेगा न कि अनुपमा, जिसे सुनकर अनुपमा कहेगी कि उन्होंने महाभारत शुरू किया है तो श्रीकृष्ण आएंगे ही. वहीं दूसरी तरफ अनुज की हालत में सुधार होगा और वह अनुपमा का नाम पुकारेगा, जिसे सुनकर अनुपमा हैरान रह जाएगी.

पति-पत्नी के बीच जब वो आ जाए

अमृता प्रीतम ऐसी पहली साहित्यकार हैं जिन के साहित्य से ज्यादा उन से जुड़े प्रेमप्रसंग पढ़े जाते हैं. आज का युवा यह जान कर हैरत में पड़ सकता है कि घोषित तौर पर लिविंग टूगैदर का चलन दरअसल में अमृता प्रीतम ने ही शुरू किया था जो अपने एक प्रेमी इमरोज के साथ 40 साल एक छत के नीचे रहीं.

लेकिन वे अपने ही दौर के अपने ही जितने मशहूर गजलकार साहिर लुधियानवी से भी प्यार करती थीं और इस के भी और पहले वे अपने शादीशुदा कारोबारी पति प्रीतम सिंह से प्यार करती थीं इसीलिए उन्होंने अपना तखल्लुस यानी उपनाम प्रीतम कभी हटाया नहीं वरना तो शादी के पहले उन का नाम अमृता कौर हुआ करता था. प्रीतम से उन्हें 2 बच्चे भी हुए थे, लेकिन तलाक के बाद लोग इमरोज जो पेशे से चित्रकार थे को ही उन का पति समझते थे. प्रीतम का रोल तो तलाक के साथ ही खत्म हो गया था.

कहने का मतलब यह नहीं कि अमृता प्रीतम नाम की साहित्यकार जिन्हें अपनी रचनाओं के लिए ढेरों छोटेबड़े  पुरस्कार और सम्मान देशविदेश से मिले ने प्यार और व्यभिचार में फर्क ही खत्म कर दिया था बल्कि सच तो यह है कि उन्होंने प्यार के असल माने उस दौर में समझए थे जब किसी तलाकशुदा या शादीशुदा और विवाहित महिला का प्यार करना पाप और किसी अविवाहिता का प्यार में पढ़ना चरित्रहीनता अपराध, नादानी, बहकना या गलती समझ जाता था.

आज का युवा अमूमन अमृता इमरोज और साहिर जैसा ही प्यार कर रहा है जिस में घर और समाज के दखल के लिए कोई स्पेस ही न हो और प्यार में हमेशा बंधे रहने की कसमेंरस्में यानी वर्जनाएं भी न हों. 2019 में अमृता प्रीतम की जन्मशताब्दी पर गूगल पर सब से ज्यादा उन के प्रेमप्रसंग सर्च किए गए थे. इन में भी युवाओं की खासी तादाद थी जिस के मद्देनजर कहा जा सकता है कि उन में से अधिकांश इस ट्राइऐंगुलर में अपनी किसी परेशानी का हल ढूंढ़ रहे थे.

बहुत बड़ी चुनौती

अब न अमृता हैं, न साहिर हैं और न ही प्रीतम और इमरोज हैं, लेकिन उन के प्यार के किस्से मिसाल और सबक नई पीढ़ी के लिए बन रहे हैं तो उस की खासीयत यह है कि कोई कभी किसी के लिए न तो पजैसिव हुआ और न ही किसी ने जरूरत से ज्यादा त्याग किया. चारों किरदारों ने जो कुछ भी था उसे सहज रूप से स्वीकार लिया था जिस से लगता है कि सच्चा प्यार करने की पहली शर्त बहुत बड़ा दिल और उदारता है जिस में आप अपनी पत्नी के ऐक्स प्रेमी या पति को सहज स्वीकार लें.

एक भारतीय पति के लिए यह सिचुएशन बहुत बड़ा चैलेंज होती है कि वह अपनी पत्नी के पूर्व पति या प्रेमी के सामने पड़ने पर कैसे रिएक्ट करे. हरकोई इमरोज या साहिर लुधियानवी तो नहीं हो सकता जो कबीर दास के दोहे- प्रेम गली अति सांकरी जा में दो न समाय… बाला मिथक तोड़ दे. हरकोई प्रीतम भी नहीं हो सकता जो यह जानतेसमझते कि पत्नी किसी और से प्यार करने लगी है इसलिए सहूलियत से तलाक दे दे.

दिलचस्त बात

हालांकि एक बड़ी दिलचस्प बात देशभर से पिछले दिनों में यह सामने आनी है कि कुछ पतियों ने दीनदुनिया की परवाह न करते हुए अपनीअपनी पत्नी की शादी उस के प्रेमी से करवा कर एक नई मिसाल कायम कर दी नहीं तो रोजरोज ऐसी खबरें आना भी आम बात है जिन में पति ने पत्नी के प्रेमी की हत्या कर दी क्योंकि वह उस का कहीं और अफेयर बरदाश्त नहीं कर पा रहा था या फिर यह कि पत्नी ने प्रेमी के साथ मिल कर पति को ठिकाने लगा डाला.

इन में समझदार कौन? इस सवाल का जवाब बहुत स्पष्ट है कि वे पति जिन्होंने अपनी पत्नी का हाथ उस के प्रेमी के हाथों में सौंप कर खुद की चैन की नींद और सुकून भरी जिंदगी का इंतजाम कर लिया. वे शक और बदले की आग में नहीं जले और न ही होश या नशे में पत्नी को कुलटा कहा या उस से मारपीट की यानी उस के प्रति हिंसा नहीं की जो कई परेशानियों और कलह की वजह बनती है और इस से किसी को कुछ हासिल नहीं होता.

‘वो’ के चक्कर में तबाही

पत्नी के पूर्व पति या प्रेमी से सामना होने पर क्या करें यह सवाल ही किसी भी पति को असहज कर देने वाला है. सभ्य और आधुनिक होते समाज का यह वह दौर है जिस में इस वो को ले कर आए दिन हंसतेखेलते घर उजड़ रहे हैं. अभी तक प्यार करना पुरुष का ही अधिकार माना जाता था, लेकिन अब उलटी गंगा बहने लगी है जो अपने साथ तबाही का तूफान ले कर आती है और हैरत की बात यह कि इस का खमियाजा अकसर पति को ही भुगतना पड़ता है. ऐसे हादसे रोजमर्रा की बात हो चले हैं जिन में पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिल कर पति की हत्या कर दी.

बीती 25 फरबरी को राजस्थान के बीकानेर जिले के महाजन नाम के कसबे में नहर के पास

22 वर्षीय आमिर की लाश मिली. पुलिस की जांच में उजागर हुआ कि हत्या आमिर की पत्नी सुलताना और उस के प्रेमी समीर ने की थी. 19 वर्षीय सुलताना को बीती 16 मार्च को गिरफ्तार किया गया.

आमिर और उस के परिवारजनों को सुलताना के प्रेमप्रसंग की भनक शादी के वक्त से ही थी, लेकिन इज्जत के चलते वे खामोश रहे. पतिपत्नी में कलह इस बात को ले कर होती रहती थी. तंग आ कर समीर ने सुलताना से कहा कि जब तक तुम्हारा पति जिंदा है तब तक हम एक नहीं हो पाएंगे फिर दोनों ने मिल कर आमिर को ठिकाने लगा दिया पर अब जेल में हैं यानी एक नहीं हो पाए.

खतरनाक अंजाम

दिल्ली के बेगमपुर इलाके के 35 वर्षीय करोड़पति डेयरी कारोबारी प्रदीप की लाश 21 फरवरी को मिली थी. पुलिस जांच में पता चला कि यह साजिश पत्नी सीमा और उस के प्रेमी गौरव ने रची थी जो सीमा और प्रदीप की शादी के पहले से ही एकदूसरे को प्यार करते थे और इतना करते थे कि गौरव ने उत्तर प्रदेश से दिल्ली आकर प्रदीप के मकान में एक कमरा ही किराए पर ले लिया था. एक होने के लिए प्रदीप को रास्ते से हटाने के लिए इन्होने प्लानिंग कर भाड़े के हत्यारों को 20 लाख रुपए दिए थे.

होते हैं विवाद

यानी पत्नी के ‘वो’ को ले कर फसाद अब ऊंची सोसायटी में भी आम होने लगे हैं. एक दिलचस्प मामला भोपाल के पौश इलाके कटारा हिल्स का है. पत्नी संगीता और उस के सौफ्टवेयर इंजीनियर प्रेमी आशीष पांडे ने पति धनराज मीणा की अपने फ्लैट में डंडे से पीटपीट कर हत्या कर दी और दूसरे दिन लाश को ठिकाने लगाने की गरज से दिनभर शहर में घूमते रहे? लेकिन कोई मौका या एकांत जगह नहीं मिली तो दोनों कटारा हिल्स थाने पहुंचे और कार की डिग्गी खोल कर धनराज की लाश खुद पुलिस वालों को बरामद करवा दी.

यहां संगीता ने बड़ी मासूमियत से स्वीकारा कि उस ने प्रेमी के सहयोग से अपने पति की हत्या कर दी. आशीष को ले कर धनराज और संगीता में आए दिन विवाद होता था.

ऐसे 90 फीसदी मामलों में मारा पति ही गया तो जाहिर है इस की वजह पत्नी के वो को सहज स्वीकार न कर पाना है जिस की बहुत ज्यादा उम्मीद भी नहीं करने चाहिए. खुद महिलाएं भी इस बात को जानतीसमझती हैं कि पति उन के विवाह पूर्व पति या प्रेमी को बहुत ज्यादा दरियादिली से नहीं ले पाएगा क्योंकि शादी की पहली रात उस का पहला सवाल यही होता है कि देखो तुम्हारा पहले कभी कहीं अफेयर रहा हो तो अभी बता दो.

मगर अब पूरी तरह ऐसा नहीं है. बैंगलुरु में एक सौफ्टवेयर कंपनी में जौब कर रहे भोपाल के आर्यमान का कहना है कि अधिकांश युवा जानते हैं कि लगभग सभी लड़कियां शादी के पहले प्यार करती ही हैं क्योंकि आजकल आजादी और प्यार के मौके उन्हें भी बराबर मिल रहे हैं.

बदलता नजरिया

आजकल लड़कियां अपने अफेयर छिपाती नहीं हैं जो भविष्य के लिहाज से अच्छी बात है. आर्यमान अपने 2 दोस्तों का हवाला देते बताते हैं कि उन्हें पत्नी के अफेयर के बारे में मालूम था. इन में से एक तो बाकायदा पत्नी के पहले प्रेमी से मिला भी था और उसे घर पर डिनर के लिया इनवाइट भी किया था. तो क्या नए दौर के पतियों ने इस मसले पर रोना, कल्पना, चिढ़ना छोड़ दिया है और उन्हें पत्नी की बेवफाई से कोई गिलाशिकवा नहीं रह गया है? क्या भारतीय समाज अंगरेजी दां हो गया है?

इन सवालों पर आर्यमान के मुंबई के एक बड़े मल्टीनैशनल बैंक में काम कर रहे सारांश (बदला नाम) कहते हैं कि नहीं ऐसा नहीं है पत्नी का अफेयर पूरी दुनिया में कहीं सहज स्वीकार नहीं किया जाता.

मैं ने अपनी पत्नी के प्रेमी को डिनर पर आमंत्रित इसलिए किया था कि दोनों को समझ आ जाए कि अब उन के बीच मामूली दोस्ती भर रह गई है और पत्नी नेहा (बदला नाम) भी मुझ पर पूरा भरोसा कर सके क्योंकि उस ने मुझे शादी के पहले ही सब बता दिया था. हां अचानक यह सब हुआ होता तो जरूर मुझे तनाव होता.

जब हटता है राज पर से परदा

मगर आमतौर पर सभी युवा इतने समझदार नहीं होते. भोपाल की 28 वर्षीय वर्तिका (बदला नाम) को उन के पति ने 3 साल पहले शादी के 4 महीने बाद ही छोड़ दिया था क्योंकि एक दिन उन का प्रेमी घर आ धमका था. तब दोनों पुणे में नौकरी करते हुए किराए के फ्लैट में रहते थे.

पति पहले तो अचकचाया और सामान्य होने की कोशिश या यों कह लें कि सच का सामना करने के लिए खुद को तैयार कर ही रहा था कि प्रेमी ने अपने और वर्तिका के नैनीताल ट्रिप का जिक्र कर डाला. इस ट्रिप के कुछ अंतरंग पलों के बारे में वह कुछ बोला ही था कि पति ने आपा खोते हुए भद्दी गालियां बकते हुए उसे घर से निकाल दिया. जातेजाते गुस्से में प्रेमी ने भी कह दिया कि मैं तो अच्छी दोस्ती और रिलेशन की उम्मीद ले कर आया था, लेकिन तुम तो निहायत घटिया इंसान निकले जो इत्तफाक से वर्तिका जैसी सुंदर और प्रतिभावान लड़की का पति बन गया. अब जिंदगीभर मेरी जूठन चाटते मुझे याद करते रहना.

उस के जाने के बाद पति ने वर्तिका की तुलना वेश्याओं से कर डाली. यह सीन मानसिकता और व्यवहार के मामले में ठीक झग्गीझेंपड़ी सरीखा था. फर्क इतना भर था कि किरदार साफ सुथरे कपडे़ पहने थे, अंगरेजी स्कूलकालेज में पड़े थे, अच्छी नौकरियां कर रहे थे और सभ्य व आधुनिक समाज का हिस्सा माने जाते. उस के जाने के बाद तो मेरी घरगृहस्थी बसने के पहले ही उजड़ गई.

वर्तिका बताती है कि पति ने एक बार फिर मुझे केरैक्टरलैस कहते घर से बाहर कर दिया. वह रात मैंने एक होटल में बिताई और दूसरे दिन की फ्लाइट से भोपाल आ कर मम्मीपापा को सारी बात बताई. दुख तो तब और बढ़ा जब उन दोनों ने भी मुझे गलत ठहराया, लेकिन मुझे चिंता न करने की भी हिदायत दी कि कभीकभी ऐसा होता है और वे पति से बात कर उसे समझ लेंगे.

क्या करें जब कोई हल न निकले

मगर आज तक कोई हल नहीं निकला. दोनों के तलाक का मामला अदालत में चल रहा है. पति ने उस के पिता से साफ कह दिया कि अब कुछ नहीं हो सकता. मैं किसी और की झठन चाट कर स्वाभिमान के साथ जिंदा नहीं रह सकता. आप ने और आप की लड़की ने मुझे धोखा दिया है.

अगर वह पहले बता देती कि वह शादी के पहले किसी और के साथ नैनीताल के एक होटल में 2 रातें गुजार चुकी है तो मैं शायद एडजैस्ट कर लेता, लेकिन उस के ऐक्स ने मेरी बेइज्जती की है, मेरी मर्दानगी को ललकारा है. मैं आत्महत्या नहीं कर रहा हूं यही बहुत है. अब आप तलाक के बाद उस के प्रेमी से ही उस की शादी करवा दें तभी सब सुखी और खुश रहेंगे.

अप्रत्याशित घटना

इस मामले में सब से बड़ी गलती वर्तिका के ‘वो’ की है. शक उस की मंशा और नीयत पर भी किया जा सकता है. इस के बाद खुद वर्तिका की गलती है जिस ने पति को अल्ट्रामाडर्न समझ और प्रेमी को घर आने दिया वह भी शादी के तुरंत बाद जब दोनों एकदूसरे को अच्छी तरह समझ भी नहीं पाए थे.

वर्तिका के पति ने वही रिएक्ट किया जो कोई भी पति करता लेकिन उसने बहुत बड़े दिल से काम नहीं लिया. अगर बारीकी से देखें तो उस के गुस्से की वजह पत्नी के ऐक्स की वे बातें ज्यादा थीं जो इस वक्त में करना गैरजरूरी था. सामान्य बातचीत होती तो यह नौबत नहीं आती.

खुद वर्तिका अब यह मानने लगी है कि जो भी उस शाम हुआ वह अप्रत्याशित था और एकदम कुछ न सोच पाने के कारण वह प्रेमी को टरका नहीं पाई और इस से भी ज्यादा अहम बात यह कि उसे पति को शादी के पहले सबकुछ बता देना चाहिए था. लेकिन प्रौस्टीट्यूट कहने और घर से निकालने के फैसले पर सोचना उसे भी चाहिए था. किसी को भी इस तरह पत्नी तो क्या किसी भी औरत का अपमान करने का हक नहीं. ऐसे गंवार के साथ कोई लड़की जिंदगी नहीं गुजार सकती. मैं ने और लड़कियों की तरह प्यार किया था कोई गुनाह नहीं किया था.

महंगा पड़ता है सच बताना

ठीक ऐसी ही परिस्थिति से डेढ़ साल पहले कानपुर के युवा पिंटू को दोचार होना पड़ा था जब शादी के चंद दिनों बाद ही खुमारी उतरने से पहले ही उसे लगा कि पत्नी कोमल मोबाइल फोन पर किसी से कुछ ज्यादा ही बतियाती रहती है. उस ने इस बाबत उस से पूछा तो शुरुआती नानुकुर के बाद कोमल ने सच बता दिया कि यह शादी तो उस ने घर वालों के दबाव में की नहीं तो वह तो स्कूल के दिनों से ही पंकज नाम के लड़़के से प्यार करती है और उसे कभी भूल नहीं पाएगी.

सुन कर पिंटू को जोर का झटका लगा, लेकिन उस ने खुद को संभाल लिया और अपने ‘सौत’ से खुद मिला.

पिंटू जलाभुना नहीं, न ही उस ने पत्नी व ससुराल वालों पर धोखा देने का आरोप लगाया और न ही वर्तिका के पति की तरह पत्नी के चरित्र पर ऊंगली उठाई बल्कि कोमल और पंकज के सच्चे प्यार का कायल हो गया. इस के पहले उस ने पति का फर्ज निभाते हुए कोमल को समझया पर उस ने अपना दिल खोल कर रख दिया तो वह पसीज उठा और पत्नी की शादी प्रेमी से करवा दी.

इस के लिए पहले उस ने बाकायदा कोमल को तलाक दिया और खुद की मौजूदगी में पत्नी के 7 फेरे प्रेमी से पड़वा दिए. कोई अनहोनी या अड़ंगा पेश न आए इस के लिए उस ने पुलिस की मदद भी ली. इस त्याग और समझ की चर्चा देश भर में हुई जिस का असर भी हुआ था. इस के बाद से ऐसी खबरें भी आने लगीं जिन में पति ने पत्नी के प्रेमी को सहज स्वीकार लिया.

पौराणिक मानसिकता

यह भी सच है कि अमृता, इमरोज और साहिर जैसे आभिजात्य कलाकार अपना एक अलग समाज बना लेते हैं, जिस में स्वतंत्रता और उच्छृंखलता में कोई खास फर्क नहीं रह जाता, लेकिन औसत समाज अपने ही बनाए कायदेकानूनों के मकड़जाल में फंसा छटपटाता रहता है. यह पौराणिक मानसिकता है कि कोई पति, पत्नी के ‘वो’ को ले कर तिलमिला उठता है और उस का सामना आमतौर पर सहज दिखने की कोशिश करता हुआ करता है, लेकिन बाद में उस की मर्दानगी हिंसा और शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना की शक्ल में पत्नी पर उतरती है.

यहां से अकसर एक अपराध कथा की स्क्रिप्ट का भी जन्म होता है. जितना पति पत्नी को अपनी दासी और जायदाद मानते हुए परेशान और प्रताडि़त करता है पत्नी उतनी ही शिद्दत से प्रेमी के और नजदीक पहुंचती जाती है और फिर एक दिन अखबार की सुर्खी इस तरह के शीर्षक के साथ बनती है कि पत्नी ने प्रेमी के साथ मिल कर पति की हत्या कर दी.

कानपुर का पिंटू भी यही सब करता तो मुमकिन है उस का हश्र भी भोपाल के धनराज या दिल्ली के प्रदीप जैसा होता, इसलिए पत्नी के प्रेमी से पेश आने के पहले बहुत सोचसमझ लेना चाहिए. किसी भी तरह की हिंसा या पत्नी को किश्तों में कल्पा कर सजा देना और खुद भी घुटते रहना इस समस्या का हल नहीं.

आगाज: क्या हुआ था नव्या के साथ

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वजन घटाने ही नहीं नींबू से घर को चमकाए ऐसे

नींबू का इस्तेमाल आप कब कब करती हैं? खांसी में या फिर वजन घटाने में या फिर खाने का स्वाद बढ़ाने में. बस? पर आप नींबू का इस्तेमाल बहुत सारे कामों को आसानी से करने के लिए कर सकती हैं. खान कभी बेस्वाद लगे तो नींबू की कुछ बूंदें ही काफी है खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए.

अपने इन कामों को नींबू से करें आसान

1. नैचुरल एयर फ्रेशनर

हम बाजार से एयर फ्रेशनर की न जाने कितनी बोतलें खरीदते हैं. इसमें अच्छा-खासा खर्च भी हो जाता है. नींबू नैचुरल एयर फ्रेशनर की तरह काम करता है. एक स्प्रे बोतल में पानी और लाइम जूस मिला कर रख लें. अब इसे घर में छिड़कें. आपका घर रिफ्रेश हो जाएगा.

2. चींटियों की छुट्टी

चींटियां हर रसोई में आफत बन कर टूट पड़ती हैं. पर नींबू की मदद से आप चींटियों से आसानी से छुटकारा पा सकती हैं. रसोई में या घर में जहां भी चींटियों की लाइन दिखें वहां नींबू का रस डाल दें. चींटियां भाग जाएंगी.

3. बाथ टब की पूरी सफाई

दिन भर काम करने से थक चुके शरीर को शाम या रात के वक्त एक फ्रेश बाथ के अलावा और क्या चाहिए? पर बाथ टब की नियमित सफाई भी बहुत जरूरी है. एक बाउल में आधा कप नींबू का रस और आधा कप पानी लें. अब इस मिश्रण से बाथ टब की सफाई करें. बाथ टब अच्छे से साफ हो जाएगा. आप इसी तरीके से अपने शावर हेड की भी सफाई कर सकती हैं.

इसके अलावा आधा कप बोरेक्स में एक ग्लास नींबू का रस मिलाकर टॉयलेट में डालने से टॉयलेट की बदबू चली जाती है.

4. डिस्इंफेक्टेंट

नींबू एक बहुत ही अच्छा डिस्इंफेक्टेंट भी है. नींबू से हाथों का कालापन तो दूर होता ही है, साथ ही आपके हाथ और पैर किटाणु मुक्त भी होते हैं.

5. माइक्रोवेव

हमारे बहुत सारे कामों को माइक्रोवेव आसान कर देता है. खाना गर्म करना हो या टेस्टी केक बनाना. पर माइक्रोवेव की सफाई उतनी ही मुश्किल लगती है. नींबू से आप आसानी से माइक्रोवेव की सफाई कर सकती हैं. एक बाउल में नींबू के टुकड़े और पानी को माइक्रोवेव में 30-60 सेकेंड के लिए गर्म करें. इसके बाद माइक्रोवेव की सफाई आसानी से हो जाएगी.

6. फ्रिज की बदबू करे दूर

फ्रिज में कई तरह की चीजें स्टोर की जाती है. इससे फ्रिज में बदबू होने लगती है. पर आधा नींबू फ्रिज में रखने से फ्रिज से बदबू नहीं आती.

7. पीतल और तांबे के बर्तन चमकाएं

पीतल और तांबे के बर्तन में खाना स्वास्थय के लिए फायदेमंद होने के साथ साथ ही एक रोयाल फीलिंग भी देता है. पर इनकी चमक सालों साल बनाए रखना आसान नहीं. नींबू से पीतल और तांबे के बर्तनों को रगड़ने से इनकी चमक सालों साल बनी रहती है.

8. सफेद कपड़ों की सफेदी लौटाए

वाशिंग मशीन में कपड़े डालते समय उसमें 1 चम्मच नींबू का रस डाल दें. कपड़ों से ताजी खुशबू आएगी.

अगर आप बाल्टी में कपड़ें भिगो रही हैं तो यही तरीका अपना सकती हैं.

9. कचड़े के डिब्बे की बदबू हटाए

कचड़े के डिब्बे में अगर आप नींबू के छिलके डालेंगी तो इससे कुछ हद तक डिब्बे से बदबू नहीं आएगी.

10. चॉपिंग बोर्ड की सफाई

आपके चॉपिंग बोर्ड पर क्या कुछ नहीं बितती. न जाने कितने ही किटाणु उस पर हो जाते हैं. चॉपिंग बोर्ड की भी सफाई नींबू से की जा सकती है. आधे नींबू को चॉपिंग बोर्ड पर रगड़ें. 2-3 घंटों के लिए छोड़ दें. हल्के गर्म पानी से धो ले. चॉपिंग बोर्ड से कुछ हद तक किटाणु खत्म हो जाएंगे.

11. आईने की खोई चमक लौटाए

समय बीतने के साथ आईना अपनी चमक खोने लगता है. 2 लिटर पानी में 4 चम्मच नींबू का रस मिलाएं. इससे आईने, खिड़की और दरवाजों के कांच आसानी से साफ हो जाएंगे.

इन आसान से उपायों को आजमाएं और अपनी जिन्दगी नींबू से आसान बनाएं.

ऐसे पाएं औयली बालों से छुटकारा

क्या आप जानती हैं की आपके बालों के लिए कौन सा तेल सही है? क्या आप भी टीवी पर विज्ञापन देख कर अपने बालों के लिए तेल खरीदती हैं? अगर आप सचमुच ऐसा करती हैं तो आप गलती कर रही हैं.

ये बात आपको समझनी होगी कि बालों की सही देखभाल करना जितना आवश्यक होता है उतना ही आवश्यक है आपके बालों के लिए सही तेल का चुनाव करना. बालों की चमक और खूबसूरती आपके द्वारा लगाए जाने वाले तेल पर निर्भर करती है. अपने बालों की जरूरत के हिसाब से सही तेल इस्तेमाल करना ही आपके लिए फायदेमंद है. यहां हम आपको कुछ ऐसे ही हेयर ऑयल्स के बारे में बताएंगे, जिनको जानने के बाद आपको अपने लिए सही तेल का चुनाव करने में बहुत आसानी होगी.

तो आईए जानते हैं बालों के लिए तेल और उनके कुछ गुणों के बारे में..

1. नारियल का तेल : कई सालों से बालों के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल होता आया है. यह तेल काफी बेहतर भी होता है. नारियल के तेल की खासियत ये है कि इसे त्वचा आसानी और जल्दी सोख लेती है. इसके कारण आपके सर की त्वचा में भी लंबे समय तक नमी बनी रहती है और बाल झड़ते नहीं हैं.

अगर आपके बाल झड़ते हैं तो आपको नारियल के तेल का प्रयोग करना चाहिए. आपके बालों का झड़ना जल्दी रुक जायेगा. इसके अलावा अगर आपके बालों में रुसी है तो इसके इलाज के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल आवश्यक जैसा ही है. क्या आप जानते हैं कि नारियल के तेल में लॉरिक-एसिड पाया जाता है, जो आपकी त्वचा को बैक्टीरिया, फंगस और इंफेक्शन से बचाता है.

2. आंवला का तेल : आंवला हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे बालों के लिए भी अच्छा और फायदेमंद होता है. अगर आपके सिर की त्वचा रुखी हो गई है या फिर आपको सिर में खुजली होती है तो आंवले का तेल इस्तेमाल करें. आंवले के तेल के नियमित इस्तेमाल से आपको बहुत लाभ होगा. आंवले का तेल बालों को मजबूती प्रदान करता है.

3. बादाम का तेल : बादाम या आलमंड में विटामिन-ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो बालों को पोषण प्रदान करते हैं. अगर आप अपने बालों को जल्दी लम्बा करना चाहती हैं तो बादाम के तेल का प्रयोग रोजाना करें. इसके रोजाना इस्तेमाल से आप 3 महीने में अपने बालों को करीब 4 इंच तक लम्बा पाएंगी.

4. जैसमीन का तेल : यह तेल आपके बालों की जड़ों से मजबूत बनाता है और उन्हें झड़ने से रोकता है. यह आपके बालों में चमक लाता है और उनका प्राकृतिक रंग बनाए रखता है. अगर आपके बाल रूखे और घुंघराले हैं तो आप जैसमीन का तेल इस्तेमाल कर सकती हैं.

5. ऑलिव ऑयल : यह तेल संवेदनशील बालों के लिए उपयुक्त है. यह बालों के लिए एक अच्छा कंडीशनर भी होता है. ऐसी महिलाएं जिनके बाल कमजोर और दो-मुंहे हैं या फिर उनके सिर में जुएं हैं, तो उन्हें ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए. ऑलिव ऑयल को अपने पूरे बालों में अच्छी तरह लगाएं और रात भर लगा कर छोड़ दें. फिर सुबह अच्छे शैम्पू से बाल धोलें. इसका रोजाना प्रयोग करने से बालों का झड़ना रुक जायेगा और दो मुंहे बाल नहीं आएंगे और बालों में चमक आएगी.

6. सरसों का तेल : सरसों के तेल में विटामिन और मिनरल भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं, जो आपके बालों को चमक प्रदान करते हैं और उन्हें खूबसूरत बनाते हैं. एक बात हमेशा ध्यान रखें कि सरसों के तेल का इस्तेमाल एक हफ्ते में 2 से 3 बार ही करें और इससे ज्यादा ना करें. सरसों को तेल लगाने के बाद किसी अच्छे ब्रांड के शैम्पू से अपने बालों को धो लें.

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