आधुनिक समय में देश का कोई ऐसा कोना नहीं है जहां निजी स्कूलों में बस की व्यवस्था नहीं की गई है, स्कूल के स्टूडेंट के लिए स्कूल आने और जाने के लिए स्कूल प्रबंधन जो व्यवस्था करते हैं मगर जो लापरवाही सामने आ रही है वह चिंताजनक है और कई सवाल खड़े करती है.

कुल मिलाकर के बच्चे चाहे ऑटो में हो या रिक्शा में या फिर बसों में स्कूल जाते - आते समय एक तरह से जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते दिखाई देते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य सरकारें हो या फिर स्थानीय जिला प्रशासन इस और आंखें बंद किए रहता है जब कभी कोई दुर्घटना हो जाती है तो शासन की आंखें खुलती है और फिर कुछ ही दिनों बाद फिर सब वैसे का वैसा‌ चलने लगता है.

हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में 11 अप्रेल 2024 को स्कूल के बच्चों को लेकर जा रही एक बस के पेड़ से टकराकर पलट गई और छह स्कूली विद्यार्थियों की मौत हो गई साथ, लगभग 20 घायल हो गए. पुलिस के मुताबिक- स्कूल प्रधानाध्यापक और बस चालक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर - लिया गया है. सबसे चिंताजनक बात यह है कि जांच में पाया गया है कि हादसे के समय बस चालक नशे में था.

अब विचारणीय बात यह है कि जब स्कूल के बस वाहन को चलाते समय परिचालक नशा करने लगे और स्कूल प्रबंधन ध्यान ना दे पाए तो ऐसे स्कूल प्रबंधन को तत्काल बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए और कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

जैसा कि होता है घटना दुर्घटना के बाद शासन की कुंभ करनी नींद खुलती है ऐसा ही हरियाणा में हुआ राज्य की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने अस्पतालों में घायल छात्रों का हालचाल जाना. उनके मुताबिक निजी स्कूल को कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा गया है कि ईद के अवसर पर छुट्टी होने के बावजूद यह कैसे खुला था. यह घटना कनीना में उन्हाणी गांव के निकट सुबह लगभग 8.30 बजे हुई जब बस प्राथमिक से माध्यमिक कक्षाओं के लगभग 40 बच्चों को लेकर जीएल पब्लिक स्कूल जा रही थी.

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