बंबई, बौम्बे और अब मुंबई. रात को भी जागने वाला शहर. गगनचुंबी इमारतों की जगमग करतीं लाइटें इसे कुछ ज्यादा ही सुंदर बनाती हैं. तभी तो कहा जाता है, ‘मुंबई रात की बांहों में.’ दुनियाभर में विख्यात यह शहर एक बार फिर चर्चा में है, हालांकि, दुनिया के अन्य बड़े नगरों की तरह यह भी नोवल कोरोना वायरस की मार झेल रहा है.

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई इन दिनों कोरोना के अलावा एक और चीज को ले कर चर्चा में है और वह है यहां रहने के लिए होने वाला खर्च. दरअसल, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई रहने के लिहाज से देश का सब से महंगा शहर है. वहीं, समूचे एशिया में यह 19वां सब से महंगा शहर है, जबकि दुनिया के सब से महंगे शहरों में इस का 60वां स्थान है.

मर्सर के ‘वर्ष 2020 - कौस्ट औफ लिविंग (रहनसहन की लागत) सर्वे’ की रिपोर्ट सामने आ गई है. इस सर्वे में भारत के मुंबई शहर को प्रवासियों के लिए रहनेखाने के लिहाज से देश का सब से महंगा शहर बताया गया है. अमेरिकी शहर न्यूयौर्क को आधार बना कर किए गए इस सर्वे का मकसद काम के लिए अलगअलग शहरों में रहने वाले लोगों, नौकरीपेशा लोगों द्वारा किए जाने वाले खर्च का आकलन करना था. इस से मल्टीनेशनल कंपनियों और सरकारों को अपनी योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी.

ये  भी पढे़ें- जानें क्या है फर्जी अनामिका शुक्ला की असली कहानी

भारतीय शहरों में बढ़ती लिविंग कौस्ट :

भारत के दूसरे शहरों की बात करें तो दिल्ली (विश्व स्तर पर 101वां) और चेन्नई (विश्व स्तर पर 143वें स्थान पर) हैं. वहीँ, बेंगलुरु (171) और कोलकाता (185) रैंकिंग में अपेक्षाकृत कम खर्चीले भारतीय शहर हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...