‘‘नानी आप को पता है कि ममा ने शादी कर ली?’’ मेरी 15 वर्षीय नातिन टीना ने जब सुबहसुबह यह अप्रत्याशित खबर दी तो मैं बुरी तरह चौंक उठी.

मैं ने पूछा, ‘‘तुझे कैसे पता? फोन आया है क्या?’’

‘‘नहीं, फेसबुक पर पोस्ट किया है,’’ नातिन ने उत्तर दिया.

मैं ने झट से उस के हाथ से मोबाइल लिया और उस पुरुष के प्रोफाइल को देख कर सन्न रह गई. वह पाकिस्तान में रहता था. मैं अपना सिर पकड़ कर बैठ गई. ‘यह लड़की कब कौन सा दिन दिखा दे, कुछ नहीं कह सकते... इस का कुछ नहीं हो सकता.’ मैं मन ही मन बुदबुदाई.

टीना ने देखते ही अपनी मां को अनफ्रैंड कर दिया. 10वीं क्लास में है. छोटी थोड़ी है, सब समझती है.

पूरे घर में सन्नाटा पसर गया था. मेरे पति घर पर नहीं थे. वे थोड़ी देर बाद आए तो यह खबर सुन कर चौंके. फिर थोड़ा संयत होते हुए बोले, ‘‘अच्छा तो है. शादी कर के अपना घर संभाले और हमें जिम्मेदारी से मुक्ति दे. उस के नौकरी पर जाने के बाद उस के बच्चे अब हम से नहीं संभाले जाते... तुम इतनी परेशान क्यों हो?’’

मैं ने थोड़े उत्तेजित स्वर में कहा, ‘‘अरे, मुक्ति कहां मिलेगी? और जिम्मेदारी बढ़ गई है. जिस आदमी से शादी की है वह पाकिस्तानी है, अब वह वहीं रहेगी. इसीलिए तो उस ने नहीं बताया और चुपचाप शादी कर ली. अब बच्चे तो हमें ही संभालने पड़ेंगे... कम से कम मुझे शादी करने से पहले बताती तो... लेकिन जानती थी कि इस शादी के लिए हम कभी नहीं मानेंगे. मानते भी कैसे. अपने देश के लड़के मर गए हैं क्या? मुझ से तो बोल कर गई थी कि औफिस के काम से मुंबई जा रही है.’’

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