Glamour World Reality: ग्लैमर वर्ल्ड में आएदिन कोई डाइरैक्टर हो, ऐक्टर हो या कोई और, लड़कियों द्वारा बैडटच, रेप, मौलेस्टेशन आदि घिनौने आरोप लगते रहते हैं, जिन के चलते इस मामले से जुड़े कुछ लोग जहां हवालात पहुंच गए, कुछ पर केस चल रहा है, तो वहीं कई लोगों का कैरियर भी बरबाद हो चुका है.
इतना ही नहीं, इसी मामले से जुड़ी कई लड़कियों ने आत्महत्या तक कर ली है और इस के लिए इंडस्ट्री से जुड़े मर्दों को जिम्मेदार ठहराया गया है.
ऐसी हीरोइनों की आत्महत्या के पीछे क्या ठोस वजह थी, वह भी साफ नहीं हो पाता क्योंकि आत्महत्या करने वाली लड़कियां अपने ऊपर हुए अत्याचार का कोई पुख्ता सुबूत नहीं छोड़तीं.
सवाल गंभीर है
ऐसे में सवाल यह उठता है कि 21वीं सदी में समानता का हक मांगने वाली, आजाद खयालों की लङकियां पुरुष प्रधान इंडस्ट्री में दया की पात्र क्यों बनी हुई हैं? अत्याचार पीड़ित ऐसी सभी महिलाएं जो ग्लैमर वर्ल्ड से जुड़ी हैं सिवाय कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के और सोशल मीडिया पर अपने ऊपर हुए अत्याचार की बयानबाजी कर के तमाशा करने के अलावा कुछ और क्यों नहीं कर रहीं? क्या इस के पीछे छिपा हुआ कोई स्वार्थ है जो बदले की भावना, बदनामी का डर दिखा कर सामने वाले इंसान से काम पाना है या खुद की बदनामी का डर और कमजोर होना है.
ग्लैमर वर्ल्ड जहां पर स्त्री और पुरुष में आमतौर पर कोई भेदभाव नहीं माना जाता, अंग प्रदर्शन से ले कर प्रेम संबंधों तक नैतिक हो या अनैतिक कोई रोकटोक नहीं है, काम के दौरान भी महिलाओं से भी उतना ही काम करवाया जाता है जितना कि पुरुष करते हैं, तो ऐसे में क्या वजह है कि ग्लैमर वर्ल्ड से जुड़ी स्त्रियां चाहे वे भोजपुरी इंडस्ट्री की हों, बौलीवुड या साउथ इंडस्ट्री की, आएदिन पुरुषों द्वारा हुए अत्याचार, बलात्कार के इल्जाम सोशल मीडिया पर लगाती रहती हैं.
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