Dark Neck: नेहा के गरदन की त्वचा हमेशा थोड़ी काली और हार्ड रहती थी. उस ने कई घरेलू इलाज करवा डाले, लेकिन ठीक नहीं हुआ. अंत में उस ने डर्मेटोलौजिस्ट से कैमिकल पील्स करवाई, जिस से त्वचा का कालापन कम हुआ.

बाद में नेहा को पता चला कि उसे किसी भी मेटल की ज्वैलरी से ऐलर्जी है, जिस से उस की गरदन का रंग काला हो जाता है. डाक्टर ने उसे पहनने से भी मना किया है. अब उस ने मेटल के किसी भी नेकपीस को पहनना बंद कर दिया है. इस की जगह वह टसेल या धागे से बनी हुई ज्वैलरी पहनती है.

असल में गरदन का कालापन एक सामान्य स्थिति है, जिस में गरदन (अकसर उस के पिछले हिस्से) की त्वचा शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में गहरे रंग की होती है. शायद गहरे रंग की एक पट्टी या रेखा के साथ यह दिखाई पड़ती है.

गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में गरदन का कालापन चमड़े जैसा लग सकता है. इसे काली गरदन भी कहा जाता है. गरदन पर यह हाइपरपिगमेंटेशन आमतौर पर चिंता का विषय नहीं होता है और संक्रामक भी नहीं होता है.

इस बारे में मुंबई की डाक्टर शरीफा स्किन केअर क्लिनिक की त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. शरीफा चौसे कहते हैं कि गरदन की स्किन काली पड़ जाना कोई बीमारी नहीं होती, लेकिन यह आम लड़कियों को पसंद नहीं आती, इसलिए वे कैमिकल या लेजर ट्रीटमैंट का सहारा लेती हैं. इस के लक्षण निम्न हैं :

लक्षण

-त्वचा आसपास की त्वचा की तुलना में मोटी महसूस होना.

-स्पर्श करने पर त्वचा मखमली महसूस होना.

-खुजली होना आदि.

कारण

इस के कई कारण हो सकते हैं. जैसे, हार्मोनल बदलाव. इस के कारण युवावस्था, गर्भावस्था, मेनोपोज या थायरायड की समस्या होने पर शरीर में हार्मोंस बदलते हैं. इस से त्वचा में मेलानिन बढ़ता है और त्वचा का रंग काला पङने लगता है.

धूप में अधिक समय तक रहना

सूरज की किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं और मेलानिन बढ़ाती हैं, जिस की वजह से गरदन काली पड़ सकती है.

साफसफाई की कमी

अगर गरदन की ठीक से सफाई और स्क्रबिंग न की जाए, तो गंदगी, पसीना और मृत त्वचा जमा हो जाती है, जिस से त्वचा काली दिखने लगती है.

रगड़ से

टाइट कपड़े, दुपट्टा, चेन या ज्वैलरी लगातार गरदन पर रगड़ पैदा करते हैं, जिस से त्वचा काली हो सकती है.

जैनेटिक कारण

कुछ स्त्रियों में प्राकृतिक रूप से गरदन जल्दी काली पड़ने की प्रवृत्ति होती है और यह जैनेटिक कारण हो सकती है.

उम्र बढ़ना

कुछ स्त्रियों के उम्र के साथ त्वचा की नई कोशिकाएं धीरेधीरे बनती हैं. इस से मृत त्वचा जमा हो कर गरदन गहरी दिखने लगती है.

बीमारियां

कुछ खास बीमारियां जैसे ऐडिसन रोग या अकैंथोसिस नाइग्रिकन्स होने पर भी गरदन काली हो सकती है.

अकैंथोसिस नाइग्रिकन्स एक त्वचा संबंधी स्थिति है, जो गहरे रंग की मोटी त्वचा से जुड़ी होती है, जो मखमली सी महसूस हो सकती है.

यह अकसर गरदन, कमर, बगलों और त्वचा की सिलवटों वाले अन्य क्षेत्रों (जैसे, घुटनों और कुहनियों) पर होता है. यह कोई बीमारी नहीं है और न ही संक्रामक होता है.

अकैंथोसिस नाइग्रिकन्स मोटापे से ग्रस्त लोगों में ज्यादा आम है, लेकिन यह स्वस्थ लोगों में भी हो सकता है, खासकर गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में हो सकता है.

एडिसन रोग

यह एक दुर्लभ हार्मोनल विकार है, जिस में एड्रीनल ग्रंथियां पर्याप्त कोर्टिसोल और एल्डोस्टेरोन जैसे आवश्यक हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाती हैं. यह स्थिति अकसर औटोइम्यून रोग के कारण होती है, जहां शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अधिवृक्क ग्रंथियों की बाहरी परत पर हमला करती है और उसे नुकसान पहुंचाती है.

एडिसन रोग के लक्षणों में थकान, कमजोरी, निम्न रक्तचाप, वजन घटना और त्वचा का काला पड़ना शामिल है.

कुछ खास दवा की वजह से स्किन पिगमेंटेशन

दवा की वजह से भी हाइपरपिग्मेंटेशन हो सकता है, जिस का असर कई बार गरदन पर दिखता है, मसलन नौन स्टेराइडल इंफ्लेमेटोरी ड्रग, कैंसर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कीमोथेरैपी दवाएं, मिनोसाइक्लिन जैसी ऐंटीबायोटिक मलेरिया रोधी दवाएं,

ऐमियोडैरोन (हृदयरोग की एक दवा)

मनोविकार नाशक दवाएं, हार्मोनल या जन्म नियंत्रण वाली दवाएं आदि कई हैं, जिन की वजह से भी गरदन की त्वचा काली पड़ सकती है.

इलाज

अगर दवा की वजह से गरदन की त्वचा काली पड़ जाती है, तो दवा बंद करने पर वह अनायास ही कुछ समय बाद ठीक हो जाती है, लेकिन ऐसा न होने पर इलाज करवा लेना ठीक होता है, जैसे क्रीम और मलहम.

कई बार लोग त्वचा काली पङने पर क्रीम लगाते हैं. हाइड्रोक्विनोन, रेटिनौइड्स जैसी क्रीमें त्वचा का रंग हलका करने में मदद करती हैं और मेलानिन कम करती हैं.

कैमिकल पील्स

ये त्वचा पर जमा मृत कोशिकाएं हटा कर कालेपन को कम करती हैं और त्वचा की चमक को बनाए रखती हैं.

लेजर उपचार

लेजर मेलानिन पर सीधा असर करता है और धीरेधीरे कालेपन को कम करने में मदद करता है.

गरदन के कालेपन से बचने के कुछ सुझाव :

-रोज गरदन साफ करें और हफ्ते में 1-2 बार स्क्रब करें.

-जब भी बाहर जाएं तो 30 से 50 एसपीएफ वाले सनस्क्रीन लगाना न भूलें और बाहर जाते समय गरदन को अवश्य ढकें.

-ज्यादा पानी पीने से त्वचा हाइड्रेटेड रहती है और स्वस्थ दिखती है.

-टाइट या रगड़ देने वाले कपड़ों को पहनने से बचें.

इस प्रकार गरदन के कालेपन की वजह को समझने के बाद ऐक्सपर्ट की सही इलाज से आप आसानी से इस की सुंदरता को बनाए रख सकते है, क्योंकि सुंदर और साफ ग्रीवा ही खूबसूरती में चार चांद लगाती है.

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