बेदाग चेहरा हर किसी को पसंद होता है. लेकिन यदि खूबसूरत चेहरे पर कोई दाग लग जाए तो वह भद्दा दिखने लगता है. जरूरी नहीं कि यह दाग जलने या कटने का हो. हो सकता है जन्म से हो. चेहरे पर कई प्रकार के मार्क्स हो जाते हैं जैसे तिल, मस्सा, फ्रैकल्स, बर्थमार्क इत्यादि. इन मार्क्स की वजह से चेहरे की खूबसूरती छिन सी जाती है. मगर अब बदलते समय के साथ ईजाद होती नई तकनीकों से इन मार्क्स को आसानी से हटाया जा सकता है.

इन्हीं नई तकनीकों में एक लेजर ट्रीटमैंट है. लेजर ट्रीटमैंट क्या है और यह कितना कारगर है, आइए जानते हैं ऐक्सपर्ट निमीषा गुप्ता से:

क्या है लेजर ट्रीटमैंट?

लेजर ट्रीटमैंट में लाइट की तेज किरणें ट्रीटमैंट किए जाने वाले हिस्से पर डाली जाती हैं, जो स्किन के ऊपर या अंदर वाली लेयर तक जा कर ट्रीटमैंट करती हैं. लेजर ट्रीटमैंट से स्किन के अनचाहे हिस्से को बर्न कर दिया जाता है, जिस से अनचाहा दाग खत्म हो जाता है.

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क्या बर्न करते समय स्किन के बाकी हिस्से को नुकसान पहुंचने का डर रहता है?

बिलकुल नहीं. बर्न सिर्फ  स्किन के उस हिस्से को किया जाता है जहां ट्रीटमैंट करना है. लेजर ट्रीटमैंट करते समय ऐनर्जी भी उतनी ही सैट की जाती है जितनी जरूरत होती है. यदि किसी के चेहरे पर लाइट फ्रैकल्स हैं तो ऐसे में ऐनर्जी लैवल 0.5 रखा जाता है. लेकिन फ्रैकल्स ज्यादा डार्क हों तो ऐनर्जी लैवल 0.5 से 1.5 तक रखा जाता है.

लेजर ट्रीटमैंट कितने प्रकार का होता है?

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