कई हीरो और हीरोइनों को अपनी उंगली पर नचा चुके कोरियोग्राफर टैरेंस लुईस ‘डीआईडी’, ‘नच बलिए’, ‘हिंदुस्तान के हुनरबाज’ और ‘चक धूमधूम’ जैसे टीवी रिऐलिटी शोज के जज रहे चुके हैं. टैरेंस की खासीयत यह है कि वे प्रतियोगियों को काफी मोटिवेट करते हैं और अपने कमैंट्स व गाइडैंस से उन का बैस्ट निकलवा लेते हैं. यही वजह है कि आज वे अपनी अलग पहचान रखते हैं. एक माइक्रोबायलौजिस्ट और होटल मैनेजमैंट की पढ़ाई करने के बाद भी डांस में रुचि होने की वजह से टैरेंस ने परंपरागत पेशे को न अपना कर अपने दिल की बात सुनी और अपने लिए वह काम चुना, जिस में उन का मन रमता था. हालांकि, उन को शुरुआत में अपने परिवार से काफी नाराजगी मिली, लेकिन वे यह समझते थे कि उन्होंने अपने लिए बिलकुल सही रास्ता चुना है. टैरेंस की मेहनत और लगन ने उन्हें आज अपने क्षेत्र में काफी ऊंचाई पर ला दिया है. पेश हैं एक शो के दौरान उन से हुई बातचीत के खास अंश :
डांस की लत कैसे लगी?
डांस तो मैं बचपन से ही करता था. 14 साल की उम्र में मैं ने अपने स्कूल की तरफ से डांस इंटरनैशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था. वहां मौजूद जज परवेज शेट्टी ने मुझे डांस करते देखा और आगे बढ़ने को प्रोत्साहित किया क्योंकि उस प्रतियोगिता में मुझे पहला पुरस्कार मिला था. साथ ही, डांस सीखने के लिए स्कौलरशिप भी मिली थी.
जब मैं जैज बैलेट क्लासेज में डांस सीखने गया तो वहां के टीचर मेरा डांस देख कर खुश हो गए. परवेज शेट्टी सर के बाद अमेरिकन मौडर्न कन्टैंपरेरी डांस टीचर जौन फ्रीमैन का मेरी जिंदगी में आना मेरी लाइफ को ट्विस्ट कर गया.
वर्ष 1996-97 में फ्रीमैन मुझे हौटन स्टाइल सिखाने के लिए मुंबई आए थे. उस से पहले मुझे इस डांस स्टाइल के बारे में पता तक नहीं था. इस के बाद मैं डांस में पूरी तरह खो गया.
डांस को कैरियर बनाने की कब सोची?
मेरा परिवार मुंबई की चाल में रहता था. मैं ने वह सबकुछ देखा जो एक आम भारतीय परिवार में होता है. इसलिए परिवार चलाने के लिए जब पैसों की जरूरत हुई तो मैं ने डांस को ही कैरियर बनाने की सोची. सब से पहले मैं ने शुरुआत डांस टीचर के रूप में शुरू की. इस के बाद सैलिब्रिटी माधुरी दीक्षित और गौरी खान जैसी कई हस्तियां को डांस सिखाया.
‘लगान’ फिल्म में मैं ने कोरियोग्राफी की है. मेरी डांस क्लास सही चल रही थी कि एक दिन एलीक पद्मसी का कौल आया. उन्होंने मुझे एक विज्ञापन कोरियोग्राफ करने का मौका दिया. उस विज्ञापन के लिए मुझे कुछ डांसर्स की जरूरत थी. इसलिए कई कालेजों में मैं ने डांस औडीशंस कराए और यहीं से नींव पड़ी मेरी डांस कंपनी टैरेंस लुईस कन्टेंपरेरी डांस कंपनी की.
क्या यंग जैनरेशन डांस में कैरियर बना सकती है?
बिलकुल बना सकती है. जब से डांस रिऐलिटी शो शुरू हुए हैं तब से तो संभावनाएं और बढ़ गई हैं. मेरा डांस कंपनी शुरू करने का मकसद भी यही था कि मैं इस के माध्यम से डांस को मेन स्ट्रीम कैरियर के रूप में स्थापित कर सकूं. विदेशों में डांसिंग एक फुलफलेज्ड कैरियर है, जबकि भारत में इसे केवल हौबी के रूप में लिया जाता है और इज्जत की नजर से नहीं देखा जाता. हमारा मुंबई में सिर्फ एक डांस इंस्टिट्यूट है. हमारे यहां प्रतिभाओं की कमी नहीं है, सिर्फ उन्हें पहचानने और प्लेटफौर्म देने की जरूरत है.
नए लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
मैं एक डांस टीचर हूं, लेकिन हमेशा स्टूडैंट बन कर ही रहना चाहता हूं, क्योंकि मैं हमेशा सीखना चाहता हूं. जिंदगी में अनुशासन व अभ्यास 2 ऐसी चीजें हैं जिन्होंने मुझे कभी रुकने नहीं दिया. यही मैं डांस में कैरियर बनाने वालों से कहना चाहता हूं कि वे अपने काम में माहिर बनें. बाजार में क्या स्टाइल चल रहा है, इस पर नजर रखें.
बौलीवुड में कोरियोग्राफी ज्यादा न करने की वजह?
कोई खास वजह नहीं. मैं उन लोगों को डांस नहीं सिखा सकता जो उस की एबीसीडी भी न जानते हों. दूसरी बात, मैं जो कहना चाहता हूं, सामने बोल देता हूं जो सब को बुरा लगता है. फिल्मों में कई बार ऐसा होता है कि डांस करने वाले को बच्चों की तरह सिखाना पड़ता है. तब मैं कह देता हूं कि तुम से नहीं होगा डांस, इसी वजह से मैं बौलीवुड में कोरियोग्राफी कम करता हूं. मैं सिर्फ डांस सिखाता और जज करता हूं. पैसे की मुझे भी जरूरत होती है लेकिन किसी की झूठी तारीफ कर के मैं पैसा नहीं कमाना चाहता.
सबसे अच्छे डांसर
आज रणवीर सिंह और वरुण धवन सब से अच्छे डांसर हैं. इन्हें ज्यादा सिखाना नहीं पड़ता. क्योंकि आज के कलाकार फिल्म में आने से पहले डांस सीखने और जिम जाने को पहली प्राथमिकता देते हैं. रितिक रोशन जैसे कलाकार के साथ काम करना आसान है. वे डांस में इतने परफैक्ट हैं कि कोरियोग्राफर एकदो नए स्टैप्स खुद सीख लेता है.
काबिलीयत की कदर नहीं
टैरेंस कहते हैं ‘‘मैं रिऐलिटी डांस शोज करता हूं. कई ऐसे लोगों को देखता हूं जो डांस के मामले में जीरो हैं लेकिन उन के प्रशंसकों की तादाद इतनी ज्यादा है कि काबिलीयत न होने पर भी वे ऊपर पहुंच जाते हैं. हमारे यहां टैलेंट की नहीं, चमकदमक और ग्लैमर की कदर है.’’
राइटर भी हैं टैरेंस
टैरेंस एक अच्छे डांसर होने के साथसाथ एक राइटर भी हैं. पिछले दिनों उन्होंने एक विवाहित जोड़े के तनावपूर्ण जीवन पर एक कहानी लिखी. कोरियोग्राफी पेशे से संबद्ध एक पति व पत्नी के रिश्तों में पैदा हुई समस्याओं पर आधारित इस पटकथा पर अगर फिल्म बनती है तो यह संवेदनशील फिल्म साबित होगी.
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