अभिनेता डेनियल डे-लुइस को सबसे पहले दूरदर्शन पर हर साल आने वाली फिल्म ‘गांधी’ (1982) में देखा गया था. वो सीन जब साउथ अफ्रीका में मोहनदास गांधी एक गली से गुजर रहे होते हैं और सामने एक यंग लड़का खड़ा होता है, जो रंग भेद के चलते या निम्नतर चमड़ी वाले को वहां से गुजरने नहीं देगा. लेकिन गांधी भी दूसरा गाल आगे करने पर यकीन पैदा कर रहे हैं. अंत में लड़के की सख्त मां झल्लाकर उसे काम पर जाने का निर्देश देती है. टकराव टल जाता है.

इस फिल्म के आने के अगले ही साल गांधी का रोल निभाने वाले बेन किंग्सले ने बेस्ट एक्टर का ऑस्कर प्राप्त किया. अब ये बात तो लगभग सबको पता है, लेकिन इस फिल्म में सामने जो लड़का था, उसने भी आगे चलकर सिनेमा जगत में जो किया उसके सामने सब फीका पड़ गया.

उस लड़के का नाम था डेनियल डे-लुइस, जो आज अकेले ऐसे एक्टर हैं जिसने बेस्ट एक्टर कैटेगरी में तीन ऑस्कर जीते हुए हैं. तब से लेकर आज तक उन्होंने दुनिया भर में अपने प्रशंसकों को दीवाना बनाया हुआ था. कुछ समय पहले ही उन्होंने सबको शोक में डुबो दिया, ये कह कर कि अब वे एक्टिंग छोड़ रहे हैं. डेनियल डे-लुइस अब एक्टर के तौर पर काम नहीं करेंगे.

यानी डेनियल अभी जिस फिल्म पर काम कर रहे हैं वो उनकी आखिरी होगी. ‘फैंटम थ्रेड’ नाम की इस फिल्म के राइटर और डायरेक्टर हैं, पॉल थॉमस एंडरसन. पॉल थॉमस ने ही डेनियल की सबसे प्रतिष्ठित अदाकारी वाली फिल्म ‘देयर विल भी ब्लड’ लिखी और डायरेक्ट की थी. इसके लिए भी डेनियल को बेस्ट एक्टर का ऑस्कर मिला था. ‘फैंटम थ्रेड’ इस साल 25 दिसंबर को रिलीज होनी है.

फिल्म ‘देयर विल बी ब्लड’ के अलावा, साल 1989 में आई फिल्म ‘माई लेफ्ट फुट’ (1989) और साल 2012 में प्रदर्शित फिल्म ‘लिंकन’, जिसमें वे अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के ऐतिहासिक किरदार में थे, के लिए बेस्ट एक्टर का ऑस्कर अवार्ड मिला.

डेनियल इससे पहले भी वे दो फिल्मों के बीच पांच-पांच साल जितना लंबा अंतराल लेते रहे हैं. इससे पहले साल 1997 में रिलीज हुई ‘द बॉक्सर’ की तैयारी में वे इतना थक गए थे कि एक्टिंग से एक तरह का रिटायरमेंट ले लिया था. वे लकड़ी में नक्काशी का काम करने की हॉबी में चले गए. वे इटली गए तो वहां जूते बनाने का काम इतना पसंद आया कि वे वही करने लगे.

अलग किस्म की मेथड एक्टिंग की वजह से उनके बहुत से प्रशंसक, उन्हें एक्टिंग की दुनिया का स्रोत बोलते हैं.

डेनियल के बारे में बहुत सी बातें उन्हें, सबसे अलग और खास बनाती हैं. वे उन एक्टर्स में से हैं तो अपने हर किरदार में कायापलट कर लेते हैं. जैसे अब्राहम लिंकन का रोल करने के लिए उन्होंने तैयारी एक साल पहले शुरू कर दी थी. बताया जाता है कि उन्होंने लिंकन से जुड़ी 100 से ज्यादा किताबें पढ़ीं.

कुछ इसी तरह फिल्म ‘माई लेफ्ट फुट’ में उनका कैरेक्टर सिर्फ बायां पैर ही हिला सकता है, बाकी कोई हाथ-पैर नहीं. तो शूटिंग के दौरान जब सीन ओके हो जाता था और टेक्स के बीच ब्रेक होता था तो भी वे व्हीलचेयर पर ही बैठे रहते थे. हर समय वे उसी किरदार में सेलेब्रल पाल्सी से ग्रस्त बने रहते थे. सेट पर मौजूद लोगों को उनकी व्हीलचेयर पकड़कर उन्हें इधर उधर ले जाना पड़ता था. उन्हें कुर्सी समेत उठाकर मूव करना पड़ता था. इस दौरान लोगों की आंखों में घृणा का भाव भी उन्हें दिखता था और यही सब उन्हें चाहिए था. वे महसूस करना चाहते थे कि ऐसे विशेष लोगों को रोजा़ना कैसी जिल्लत झेलनी पड़ती है.

खबरों की मानें तो उन्होंने शुरुआती फिल्मों के बाद ही ये मन बना लिया था कि वे दृश्यों के बीच के खाली वक्त में भी अपने कैरेक्टर से बाहर नहीं निकलेंगे. उन्हें इस तरह से काम करना पसंद नहीं रहा. क्योंकि ऐसा करने से उस किरदार के भाव बार-बार गुम होते हैं और बिखर जाते हैं. वे शुरू से लेकर आखिर तक  संबंधित किरदार की शारीरिक और मानसिक स्थिति में रहना चाहते हैं.

चाहे उनकी तबीयत खराब ही क्यों न हो जाएं वे अपने किरदारों के लिए शारीरिक और मानसिक बदलावों की हदें पार कर जाते हैं. बीमार होकर भी वे अपना किरदार निकालकर लाते हैं. दुनिया में इन सिद्धांतों के साथ एक्टिंग करने वाले बहुत कम हैं. भारत में ‘दंगल’ के लिए आमिर ने जो किया या पंकज कपूर अपनी फिल्मों में जो करते हैं, वो सब इसी श्रेणी में आता है.

डेनियल अभी सिर्फ 60 बरस के हैं और स्वस्थ हैं लेकिन अभिनय न करने का फैसला लिया है. 14 साल की उम्र से एक्टिंग कर रहे डेनियल ने 46 साल तक 21 फिल्में की हैं.

फिलहाल हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड के अभिनेताओं, फिल्म आलोचकों और दुनिया भर के प्रशंसकों के लिए आश्चर्य की स्थिति है. उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि डेनियल ने एक्टिंग की दुनिया छोड़ दी है.

यहां देखिए उनके अभिनय की कुछ बेहतरीन झलकियां…

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