‘हमें तुम से प्यार कितना ये हम नहीं जानते, मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना,’ ‘मेरी रगरग में तुम हो और उसी होने के आनंद को जीती हूं मैं’, ‘तुम एक शब्द हो, जिस का अर्थ है खुशी’, ‘कह नहीं पाती तुम से पर यह सच है कि तुम मेरा आधार हो, जिस के भरोसे मेरा वजूद है...’

जैसे जैसे फरवरी माह करीब आने लगता है, जोड़े अपने साथी को वैलेंटाइन डे पर एक अच्छे से तोहफे पर कुछ ऐसी ही पंक्तियां लिख कर देने की फिराक में रहते हैं. क्योंकि उन के लिए तो यह दिन खुशियां, उम्मीदें और उमंग ले कर आता है. आएं आप भी थोड़ा रूमानी हो जाएं और जानें क्या है वैलेंटाइन डे, जिस ने भारत की जमीन पर दबे पांव कदम रखा था पर धीरेधीरे सभी युवाओं को अपना मुरीद बना लिया.

इस पर्व को मनाने के तौरतरीके और रीतिरिवाज बड़े अनोखे और रोचक रहे हैं. इतिहास के पन्ने पलटें तो वे कहते हैं कि एक ऐसे व्यक्ति के बलिदान का दिन है वैलेंटाइन डे, जिस ने प्यार किया और प्यार करने वालों को एक पवित्र बंधन में बांधने का प्रयास किया. उन के वक्त में रोम का शासक क्लोडियम था जो कि बहुत कू्रर और सख्त स्वभाव का था. उस ने अपने शासनकाल में सभी सिपाहियों पर प्रतिबंध लगा दिया था कि कोई भी न तो अपनी प्रेमिका से मिलेगा और न ही शादी करेगा. मगर वैलेंटाइन ने राजा की मरजी के खिलाफ प्रेमी जोड़ों की छिपछिप कर शादी करवाई और प्रेम करने वालों को एकदूसरे से मिला दिया. यों कहें कि वह प्रेम का फरिश्ता बन गया. क्लोडियम से यह सब बरदाश्त न हुआ और वैलेंटाइन को मृत्युदंड दिया गया. यह बात 14 फरवरी, 269 ई. की है.

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