भारत एक ऐसा देश है जो अपने हर त्यौहार को खूब धूम-धाम  से मनाना पसंद करता है. भारत देश में हर त्यौहार खूब ख़ुशी- उल्लास और उत्साह से मनाया जाता आ रहा है.  हर "ग्रेट इंडियन फेस्टिवल" के लिए ज़रूरी होता है की हम त्यौहार के दिन कुछ मीठा और सवादिष्ट भोजन बनाए जिससे की त्यौहार का उत्साह दो गुना हो जाता है, हर  त्यौहार में हम कोई न कोई पारंपरिक भारतीय मिठाइयाँ हम ज़रूर बनाते है. और यह  मिठाइयां आपको पारंपरिक मिठाइयों की दुकानों के साथ-साथ घरों में भी तैयार की जाती है.  भारतीय लोगों को अपनी पसंदीदा मिठाइयों को खाने के लिए किसी भी कारण की आवश्यकता नहीं है,बल्कि यह त्यौहारों के समय में और ज्यादा खाई और बनाई जाती है.  त्यौहार के समय में इसके बिक्री और खपत काफी उच्च स्तर पर पहुंच जाती है.

हालांकि, हम सभी यह बात अच्छे से जानते है की इन मिठाइयों में मिठास के लिए चीनी का इस्तेमाल किया जाता है , और बात किसी से भी छिपी नहीं है की हम मिठाइयों में चीनी का इस्तेमाल खूब करते है और हम सब यह भी जानते है की ज्यादा मात्रा में मीठा खाने से हमे डायबिटीज जैसे समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है. त्यौहार के सीजन में मिठाइयों की खपत ज्यादा होती है , और अधिक मात्रा में मीठे का का सेवन करने से डायबिटीज सहित विभिन्न  बीमारियों  का उत्पन हो सकता है. और मीठे की वजह से उत्सव का आनंद  कम नहीं होना चाहिए, क्यूंकि आज मार्किट में कई अन्य तरह के लौ कैलोरी स्वीटनेस  (एल सी एस ) आसानी से उपलब्ध है.

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