टीनऐजर्स एंड वैक्सिंग

टीनऐजर्स की स्किन सौफ्ट होती है, छोटी उम्र में वैक्सिंग बिलकुल नहीं, हाथपैर खराब हो जाएंगे, सैंसिटिव स्किन पर रैशेज पड़ने का डर रहेगा, वैक्स करवाने से स्किन लटक जाएगी आदि बातें की जाती हैं.

सचाई यह है कि प्यूबर्टी के कारण शारीरिक व मानसिक रूप से काफी परिवर्तन होते हैं. खासकर, बालों की ग्रोथ तेजी से बढ़ती है. इस का कारण हार्मोनल चैंजेस होते हैं. ऐसे में टीनऐजर्स अपने शरीर में हुए इन बदलावों को स्वीकार नहीं कर पाते हैं और खुद की तुलना दूसरी लड़कियों से कर के कौंपलैक्स के शिकार होने लगते हैं. वैक्सिंग व उन की स्किन की सही जानकारी ले कर उन की इस समस्या का समाधान करें.

कैसी है स्किन

आप की स्किन की सौफ्टनैस व लचीलापन सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि आप कैसा प्रोडक्ट इस्तेमाल करती हैं, बल्कि इस के लिए एक्स्टर्नल व इंटरनल दोनों कारण जिम्मेदार होते हैं.

जैसे, स्किन की इलास्टिसिटी कितना वाटर रिटेन करने में सक्षम है इस बात पर डिपैंड करती है तो वहीं सीबम के उत्पादन पर स्किन की सौफ्टनैस निर्भर करती है. स्किन की सैंसिटिविटी के लिए हमारा खानपान व हार्मोंस जिम्मेदार होते हैं, इसलिए स्किन टाइप को ध्यान में रख कर ही हमेशा वैक्सिंग करवानी चाहिए ताकि किसी तरह के रिऐक्शन का डर न हो. लेकिन ऐसा तभी हो पाएगा जब आप को इस की जानकारी होगी.

स्किन टाइप के हिसाब से वैक्सिंग

नौर्मल स्किन : नौर्मल स्किन वालों में वाटर व लिपिड कंटैंट काफी अच्छा होता है, जिस के कारण उन की स्किन ड्राई नहीं होती. यह अतिरिक्त सीबम का उत्पादन भी करता है. इस से स्किन पर किसी भी तरह का रिऐक्शन नहीं होता. ऐसी स्किन वाले टीनऐजर्स के लिए सौफ्ट व हार्ड वैक्स बैस्ट विकल्प है, जो उन की स्किन को नरिश करने का काम करता है.

ड्राई स्किन : ड्राई स्किन पर्याप्त मात्रा में सीबम का उत्पादन करने में सक्षम नहीं होती है, जिस से स्किन ड्राईड्राई सी लगती है. इस के लिए वैक्सिंग से पहले स्किन को ऐक्सफौलिएट करने की जरूरत होती है ताकि डैड स्किन रिमूव हो कर स्मूद हो सके.

ऐसी स्किन वालों के लिए हनी व कोको वैक्स बेहतर औप्शन है, जो स्किन को मौइश्चर प्रदान करने के कारण सौफ्ट फील देता है.

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औयली स्किन : औयली स्किन में वाटर लैवल अच्छाखासा होता है. लेकिन अतिरिक्त सीबम औयली स्किन के लिए परेशानी का कारण बनता है. इसलिए स्किन पर वैक्सिंग से पहले पाउडर अप्लाई किया जाता है ताकि अतिरिक्त औयल को पाउडर सोख सके और वैक्स एक बार में ही अपना काम कर दे. ऐसी स्किन पर क्रीम वैक्स अच्छा रिजल्ट देती है.

सैंसिटिव स्किन : सैंसिटिव स्किन को खास केयर की जरूरत होती है क्योंकि ऐसी स्किन पर एलर्जी पनपने के चांसेज ज्यादा रहते हैं. इस के लिए लो मैल्ट वाली हाई वैक्स अच्छी रहती है, जो स्किन को सेफ रखने के साथसाथ स्मूद बनाए रखती है.

सभी स्किन के लिए बैस्ट है क्रीम वैक्स

क्रीम वैक्स को सभी स्किन टाइप के लिए उपयुक्त माना जाता है क्योंकि यह कम हीट पर पिघलती है और बाकी वैक्स की तुलना में चिपकती भी कम है. यह विभिन्न औयल व मिल्क से बनी होने के कारण स्किन को नरिश करने का काम करती है.

पतली स्किन की ज्यादा केयर

बड़ों की तुलना में टीनऐजर्स की स्किन थोड़ी पतली होती है, जिस से स्किन को नुकसान पहुंचने का डर बना रहता है. ऐसे में अगर आप अपने बच्चे की वैक्सिंग खुद घर पर करने की सोच रही हैं तो आप का यह निर्णय सही नहीं है, क्योंकि आप को स्किन व वैक्स के बारे में सही जानकारी नहीं होने के कारण हो सकता है कि आप ज्यादा गरम वैक्स स्किन पर लगा दें, जिस से स्किन जल भी सकती है.

ऐसे में प्रोफैशनल की देखरेख में ही इसे करवाना उपयुक्त रहता है. टीनऐजर्स की स्किन को देख कर ही पता लगा लेते हैं कि उन की स्किन पर किस तरह की वैक्स की जरूरत है, जिस से दर्द भी कम हो व बाल भी जड़ से निकल जाएं. उन की देखरेख में स्किन जलने, काली पड़ने का डर नहीं रहता, जो शायद घर पर संभव न हो. वे फ्री व पोस्ट वैक्सिंग केयर का भी खास ध्यान रखते हैं.

भूल कर भी हेयर रिमूवल क्रीम्स नहीं

हेयर रिमूवल क्रीम्स भले आसानी से उपलब्ध होने के साथसाथ शरीर से अनचाहे बालों को हटाने का बहुत ही आसान सा उपाय हैं लेकिन इस में मौजूद कैमिकल्स से स्किन काली पड़ने के साथसाथ उन पर रैशेज, दागधब्बे भी पड़ जाते हैं. साथ ही, 3-4 दिनों में ही काले व मोटे बाल आने शुरू हो जाते हैं, जो स्किन की सौफ्टनैस को खत्म करने का काम करते हैं.

वैक्सिंग से ग्रोथ भी कम

हेयर रिमूवल क्रीम की तुलना में वैक्सिंग जड़ से बालों को निकालने का काम करती है, जिस से लंबे समय तक बाल नहीं आते और जब आते हैं तो बहुत ही सौफ्ट ग्रोथ आती है. खास बात यह है कि यह स्किन की टैनिंग को रिमूव करने के साथ स्किन के टैक्स्चर को भी इंप्रूव करती है.

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लेजर ट्रीटमैंट भी कारगर

हर लड़की खूबसूरत दिखना चाहती है. लेकिन कई बार मासिकधर्म शुरू होने या एंड्रोजन हार्मोन (जो पुरुष हार्मोन होता है) की मात्रा महिला के शरीर में बढ़ने से चेहरे पर अनचाहे बाल आने लगते हैं, जिस से उन्हें लोगों को फेस करने में शर्मिंदगी महसूस होती है और इस से छुटकारा पाने के लिए कभी वे चोरीछिपे थ्रेड चलवाती हैं तो कभी रेजर का इस्तेमाल करती हैं, जिस से चेहरा खराब होने लगता है.

ऐसे में जब बात चेहरे की आए तो मांओं को चाहिए कि वे अपने बच्चों को अच्छे डर्मेटोलौजिस्ट को दिखाएं ताकि चेहरे पर आने वाले अनचाहे बालों का कारण ज्ञात हो सके. हार्मोंस में गड़बड़ी होने पर उसे दवाइयों से कंट्रोल किया जा सकता है. वहीं चेहरे पर अनचाहे बालों को लेजर ट्रीटमैंट से भी ठीक किया जा सकता है, जो काफी सेफ व इफैक्टिड तरीका है.

यह तकनीक चेहरे, गरदन, हाथपैरों या शरीर के किसी भी भाग से बालों को हटाने में सक्षम है. इस के लिए 7-8 सिटिंग्स दी जाती हैं. लेकिन रिजल्ट काफी बेहतर मिलता है. और फिर बारबार वैक्सिंग करवाने से भी छुटकारा मिल जाता है.

इसलिए मांएं वैक्सिंग को हौआ न बनाएं बल्कि वैक्सिंग की तकनीक की सही जानकारी रख कर अपने बच्चों की जरूरतों के साथ उन की भावनाओं को सम  झें ताकि उन्हें अनचाहे बालों के कारण किसी के सामने शर्मिंदा न होना पड़े.

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Valentine’s Special: स्किन के हेल्थ में सुधार करें ‘Matcha’, स्किनकेयर रूटीन में करें शामिल

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

क्या आप भी अपने चेहरे का ग्लो बढ़ाने के लिए फेसपैक, फेसमास्क का इस्तेमाल करते हैं. अगर ऐसा है, तो इस बार कुछ अलग ट्राय करके जरूर देखें. हम बात कर रहे हैं माचा की, जो इन दिनों ब्यूटी ट्रेंड का एक हिस्सा है.  कहने को माचा एक जापानी ग्रीन टी है, लेकिन सौंदर्य लाभ के लिए सबसे ज्यादा डिमांड वाली वेरिएंट के रूप में उभरी है. पिछले कुछ समय में माचा ने काफी पॉपुलेरिटी हासिल की है. यह एक बारीक पिसा हुआ पाउडर है, जो 12वीं शताब्दी से जापानी संस्कृति का हिस्सा रहा है. स्किन की कई समस्याओं को कम करने के लिए इस पांरपरिक उपाय का उपयोग किया जाता है. ब्यूटी एक्सपट्र्स के अनुसार, माचा एक पॉपुलर एंटी ऑक्सीडेंट है , जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की रक्षा करता है. इसके अलावा ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करके स्किन को स्वस्थ बनाने में भी मददगार है. बता दें कि माचा का हरा रंग क्लोरोफिल से आता है , जो तैलीय और मुंहासों वाली स्किन को संतुलित करने में हेल्प करता है.  इसमें मौजूद विटामिन ए, सी, के , बी जैसे सभी पोषक तत्व स्वस्थ स्किन के लिए कोलेजन का उत्पादन करते हैं और समय से पहले स्किन की उम्र को बढऩे से रोकते हैं. तो आइए जानते हैं कि अपनी स्किन के स्वास्थ्य में सुधार के लिए माचा का उपयोग कैसे किया जा सकता है.

स्किन को टोन करने के लिए-

– एक कटोरी में दो चम्मच माचा पाउडर लें और इसमें गुलाबजल मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें.

– लैवेंडर असेंयिशयल ऑयल की कुछ बूंदें डालें और अच्छी तरह मिलाएं.

– इस पेस्ट को अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं.

– 15 मिनट के बाद मास्क सूखने के बाद इसे धो लें.

चमकदार और साफ स्किन पाने के लिए इस होममेड स्किनटोनर का इस्तेमाल हफ्ते में 3 बार करें.

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चेहरे की चिकनाई को रोकने के लिए-

– एक कटोरी में माचा पाउडर को मुल्तानी मिट्टी के साथ मिलाएं .

– इसमें टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें डालें.

– एक चिकना पेस्ट बनाने के लिए पानी डालें.

– अब इसे अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं.

– सूखने दें और सादा पानी से धो लें.

यह  होमेमड फेसमास्क  स्किन से अतिरिक्त तेल को हटा देगा और पोर्स को भी कम कर देगा.

एक्सफोलिएट करने के लिए-

– एक  कटोरी में दो चम्मच  माचा ग्रीन टी पाउडर और एक चम्मच पिसी हुई कॉफी बीन्स लें.

– इसमें थोड़ा सा दही मिलाकर पेस्ट बना लें.

– अच्छी तरह ब्लेंड करें और इस मिश्रण को चेहरे व गर्दन पर लगाएं.

– इसे कुछ मिनट के लिए लगा छोड़ दें और फिर सूखने पर फर्म मसाज स्ट्रोक का उपयोग करके स्किन को धीरे से स्क्रब करें.

– अब पानी से धो लें और स्किन को धीरे से थपथपाएं.

यह होममेड स्क्रब गंदगी और मृत स्किन कोशिकाओं को भीतर से हटाकर स्किन को कोमलता प्रदान करेगा.

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Winter Special: सर्दियों में स्किन को कैसे संभालें 

सर्दियों के मौसम में स्किन को अतिरिक्त केयर की जरूरत होती है. क्योंकि मौसम व तापमान में आए बदलाव के कारण हमारी स्किन बहुत अधिक ड्राई हो जाती है और ड्राई स्किन कई अन्य चुनौतियों जैसे फटे होंठ, स्किन की ऊपरी लेयर निकलना , स्किन का रूखापन जैसी समस्याओं को न्यौता दे सकती है. इसलिए ऐसे समय में स्किन को पोषण देने की खास आवश्यकता होती है, ताकि वह स्किन में मोइस्चर को लौक करके उसकी नमी को बनाए रख सके. डर्मटोलोजिस्ट वैशाली श्रद्धा के अनुसार तापमान में गिरावट के साथ हमारी स्किन अधिक शुकस हो जाती है और अगर इसे सही से , सही इंग्रीडिएंट्स से बने मॉइस्चराइजर से मॉइस्चराइज नहीं किया जाता तो यह परतदार स्किन का कारण बन सकती है. इसलिए सर्दियों में एक अच्छे स्किनकेयर रूटीन का पालन करते हुए नेचुरल इंग्रीडिएंट्स से युक्त उत्पादों का उपयोग करना फायदेमंद साबित होता है. तो जानते हैं सर्दियों में कैसे करें केयर.

1. मॉइस्चराइजर है जरूरी 

वैसे तो सभी जानते हैं कि स्किन को नमी प्रदान करने के लिए बारह महीने स्किन को मॉइस्चराइजर की जरूरत होती है, लेकिन इसकी खास तौर पर जरूरत तब महसूस होती है , जब तापमान में गिरावट देखने को मिलती है.  मॉइस्चराइजर से स्किन हाइड्रेट रहती है. वरना नमी के अभाव व रूखेपन की वजह से स्किन में इंफेक्शंस व ऑउटब्रेक्स की समस्या भी खड़ी हो जाती है. इसलिए स्किन को करें  मॉइस्चराइज .

 इंग्रीडिएंट्स इन गुड मॉइस्चराइजर

– हुमेक्टेंट्स , आपकी स्किन की टोप लेयर में जिसे एपिडर्मिस कहते हैं , हवा से और आपकी स्किन की गहरी परतों से पानी खींचते हैं. जिससे स्किन हाइड्रेट रहती है.  हुमेक्टेंट्स में शामिल हैं , ग्लिसरीन, ह्यलुरोनिक एसिड और प्रोपाइलिन ग्लाइकोल.

– एमोलिएंट्स जैसे शिया बटर, कोको बटर एपिडर्मिस में होने वाले क्रैक्स को हील करके स्किन में मोइस्चर को लौक करने में मदद करता है.

बेस्ट टाइम 

– नहाने के तुरंत बाद व रात को सोने से पहले मॉइस्चराइजर अप्लाई करने से स्किन को ज्यादा फायदा मिलता है.

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2. लिप बाम है जरूरी 

सर्दियों में लिप्स का ड्राई होना आम है. क्योंकि लिप्स में आयल ग्लैंड्स नहीं होते हैं , जिसके कारण  ठंड , हवा का सीधा व पहला असर लिप्स पर ही पड़ता है, जबकि लिप बाम आपके लिप्स और सर्द हवाओं के बीच एक प्रोटेक्टिव लेयर बनाने का काम करता है.  इसलिए ही लिप्स की खास केयर के लिए लिप बाम की खास जरूरत होती है.

इंग्रीडिएंट्स इन गुड लिप बाम 

– शिया और कोको बटर नेचुरल टाइप के फैट्स होने के कारण ये आपके लिप्स में मोइस्चर को होल्ड करने के साथ उन्हें फटने से बचाने का काम करते हैं.

– हनी को हुमेक्टैंट के रूप में जाना जाता है. जो मोइस्चर को अपनी ओर खींचने का काम करता है. साथ ही इस इंग्रीडिएंट से युक्त लिप बाम अपनी एक्सफोलिएशन प्रोपर्टीज के कारण लिप्स को एक्सफोलिएट करने के साथ उसे हाइड्रेट रखने का  काम करती है.

– कैस्टर आयल स्किन में आसानी से घुसकर उसे हाइड्रेट रखने का काम करता है. तभी तो लिप्स की ड्राईनेस को दूर करने के लिए  कैस्टर आयल युक्त लिप बाम लगाने की सलाह दी जाती है.  क्योंकि इसमें है जरूरी फैटी एसिड्स , जो एन्टिओक्सीडैंट्स में रिच होते हैं.

3. प्रोटेक्शन के लिए सनस्क्रीन 

सिर्फ गर्मियों में ही नहीं बल्कि सर्दियों में भी स्किन को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाव के लिए सनस्क्रीन की जरूरत होती है. क्योंकि सर्दियों में यूवीए किरणों के प्रभाव से स्किन पर डार्क स्पोट्स , टैनिंग व यहां तक कि झुर्रियां तक पड़ जाती है. इसलिए भूलकर भी सर्दियों में सनस्क्रीन से स्किन को प्रोटेक्ट करना न भूलें.

बेस्ट इन सनस्क्रीन 

मामा एअर्थ इंडियन सनस्क्रीन विद कैरेट सीड, टर्मेरिक एंड एसपीएफ

बता दें कि कैरेट सीड आयल स्किन में अंदर तक जाकर न सिर्फ सनप्रोटेक्शन देने का काम करता है बल्कि स्किन को मॉइस्चराइज भी करता है. वहीं हलदी में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होने के कारण ये स्किन को हील करने के साथसाथ सभी तरह की स्किन के लिए परफेक्ट है. वहीं ऑरेंज आयल नोन ग्रीसी होने के साथ इसमें हैं एंटीइंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज , जो यूवीए और यूवीबी किरणों से प्रोटेक्ट करने का काम करता है.

न्यूट्रोजेना हाइड्रो बूस्ट सनस्क्रीन 

इसका हाइड्रो बूस्ट फार्मूला , जिसमें है ह्यलुरोनिक एसिड और ग्लिसरीन. जो स्किन को हाइड्रेट रखने के साथ उसकी यूवी किरणों से प्रोटेक्शन करने का भी काम करता है.

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4. बोडी लोशन 

सिर्फ फेस को ही नहीं बल्कि सर्दियों में पूरे शरीर को मोइस्चर प्रदान करने की जरूरत होती है. ऐसे में अकसर लोग फेस क्रीम व बोडी लोशन को एक ही समझ कर अप्लाई करने लगते हैं. लेकिन आपको बता दें कि बोडी लोशन क्रीम के मुकाबले में कम गाढ़ा होता है. इसमें प्यूरीफाई पानी का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने के कारण ये काफी पतले होते हैं. ये शरीर पर आसानी से फैलने के साथसाथ उसके रूखेपन को दूर करने का काम करते हैं. हमेशा ऐसे बोडी लोशन का इस्तेमाल करना चाहिए , जो डेड स्किन को रिमूव करने के साथ पोर्स को ब्लोक न करे.

इंग्रीडिएंट्स इन गुड बोडी लोशन 

– जरूरी फैटी एसिड्स , जो स्किन को हैल्दी व ग्लोइंग बनाने का काम करते हैं. बता दें कि शरीर खुद से फैटी एसिड्स नहीं बनाता है बल्कि इसे डाइट व स्किन क्रीम्स के जरिए प्राप्त किया जाता है. ऐसे में जरूरी फैटी एसिड्स के लिए आपके बोडी लोशन में शिया बटर, ओलिव आयल , एवोकाडो , आलमंड आयल जैसे इंग्रीडिएंट्स का होना बेहद जरूरी है, ताकि वे स्किन में मोइस्चर को लौक कर सके.

– ग्लिसरीन, ग्ल्य्कोल्स और पोलियोल्स ये तीनों हुमेक्टेंट्स फैमिली के सदस्य होते हैं. ये तीनों स्किन में एक्स्ट्रा मोइस्चर को लौक करते हैं.

– ह्यलुरोनिक एसिड की त्वरित और प्रभावी हाइड्रेटेड क्रिया कोलेजन और इलास्टिन को नम और कार्यशील रखती है. जिससे स्किन सोफ्ट, स्मूद व यंग बनती है. इस तरह से आप सर्दियों में अपनी स्किन का खास खयाल रख सकते हैं.

Winter Special: कोल्ड क्रीम से स्किन को करें नरिश

जब सर्दियों में स्किन अपनी नमी खोने लगती है तो खूबसूरती में भी कमी आने लगती है जो शायद किसी को भी गवारा नहीं होता है. ऐसे में कोल्ड क्रीम खोए हुए मोइस्चर को वापस लौटाने के साथसाथ स्किन में मॉइस्चर को लौक करने का काम भी करती है, जिससे स्किन को विंटर प्रोब्लम्स से दूर रखने में मदद मिलती है. लेकिन इसके लिए जरूरत है सही कोल्ड क्रीम का चयन करने की और जब बात आए कोल्ड क्रीम की और रोजा हर्बल कोल्ड क्रीम का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता है क्योंकि यह मौसम व आपकी स्किन का खास ध्यान रखकर जो बनाई गई है. जानते हैं क्यों है यह खास:

है विटामिन ई की खूबियां

विटामिन ई बहुत ही पावरफुल एन्टिओक्सीडेंट होने के कारण यह स्किन को अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने के साथसाथ स्किन को नौरिश करने में भी मदद करता है. इसकी मॉइस्चराइजिंग प्रोपर्टीज स्किन को सोफ्ट, स्मूद व जवां बनाए रखने का काम करती हैं. तभी तो सलाह दी जाती है कि आप विंटर के मौसम में स्किन प्रोब्लम्स से छुटकारा पाने के लिए विटामिन ई युक्त क्रीम जरूर अप्लाई करें.

ऐलोवेरा की मौजूदगी

ऐलोवेरा में ढेरों माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होने के कारण यह शरीर को बीमारियों से दूर रखकर न सिर्फ शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करता है, बल्कि इसमें विटामिन बी, सी, बीटा कैरोटिन होने के कारण यह स्किन को नौरिश करने के साथसाथ एजिंग प्रोसेस को भी स्लो करने का काम करता है. इस इनग्रीडिएंट से बनी क्रीम का खासकर के विंटर्स में इस्तेमाल करना काफी फायदेमंद होता है क्योंकि यह ड्राई व डीहाइड्रेट स्किन को बिना ग्रीसी इफेक्ट दिए मॉइस्चराइज करने का काम जो करता है. इसकी खास बात यह है कि ऐलोवेरा सभी स्किन टाइप के लिए परफेक्ट होता है.

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फ्रूट एक्सट्रैक्ट्स भी

इसमें फलों की मौजूदगी होने के कारण इसमें है विटामिन ए, सी और डी की खूबियां जो स्किन को प्रोटेक्ट करने के साथसाथ उसे हैल्दी, सॉफ्ट बनाने का काम करती हैं. ये स्किन टोन को भी नेचुरली इंप्रूव करके स्किन को हील करके उसे जवां बनाए रखने का काम करती हैं. विटामिन ए अल्ट्रावायलेट किरणों से स्किन को प्रोटेक्ट करने का काम करता है, तो  विटामिन सी कोलेजन के उत्पादन में मदद करके स्किन को यंग लुक देने का काम करता है खास करके इसकी सर्दियों में सबसे ज्यादा जरूरत होती है क्योंकि सर्दियों में कोलेजन के कम होने का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है, जिससे स्किन पर झुर्रियों व फाइन लाइन्स की समस्या खड़ी हो जाती है. वहीं विटामिन डी को सनशाइन विटामिन कहा जाता हैं. यह हैल्दी स्किन सेल ग्रोथ के निर्माण में मददगार होने के साथसाथ उसे हील भी करने का काम करता है. कह सकते हैं कि यह स्किन की इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करता है.

बादाम की खूबियां भी

बादाम विटामिन ई में रिच होने के कारण स्किन को नॉरिश व सॉफ्ट बनाने का काम करता है, साथ ही इससे फेशियल रिंकल्स भी कम होती हैं. बादाम विटामिंस, ओमेगा 3 और एन्टिऑक्सीडेंट्स में रिच होता है जो स्किन को पोषण देने का काम करते हैं, साथ ही बढ़ती उम्र के संकेतों को भी कम करने में मददगार हैं. अगर आप रोजाना इससे युक्त क्रीम को चेहरे पर अप्लाई करती हैं तो इससे स्किन सर्दियों में ड्रॉयनेस की समस्या से बची रहती है, जिससे उस की नेचुरल ब्यूटी भी मेन्टेन रहती है.

है नेचुरल ऑयल्स

जितना स्किन पर नेचुरल ऑयल्स का इस्तेमाल किया जाता है, स्किन उतनी ही नेचुरल व प्रॉब्लम फ्री रहती है. ऐसे में रोजा कोल्ड क्रीम में है नेचुरल ऑयल्स, जिनमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट्स व एंटीइनफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं जो स्किन के मॉइस्चर को स्किन में लॉक करने के साथसाथ स्किन के हीलिंग प्रोसेस को भी तेज करने का काम करते हैं, साथ ही ये चेहरे की ऑउटर लेयर को भी मजबूती प्रदान करते हैं.

बेनिफिट्स इन शॉर्ट्स

– स्किन को एजिंग और डिहाइड्रेशन से बचाए.

– स्किन से वाटर लॉस को कम करे.

– स्किन में तेजी से जाकर उसे सॉफ्ट बनाता है.

– नेचुरल इनग्रीडिएंट्स व ऑयल्स की खूबियों से भरपूर.

– इजी टू अवेलेबल.

– बजट फ्रेंडली भी.

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इन बातों का रखें ध्यान

– कोल्ड क्रीम हमेशा नेचुरल तत्त्वों से ही बनी हो.

– जब भी आप क्रीम खरीदें तो उसके इनग्रीडिएंट्स जरूर चेक करें.

– एक्सपायरी डेट देखकर ही कोल्ड क्रीम खरीदें.

– केमिकलरहित कोल्ड क्रीम ही स्किन के लिए फायदेमंद होती है.

– ऑनलाइन, ऑफलाइन जहां से भी आप क्रीम खरीदें, विश्वसनीय प्लेटफॉर्म से ही खरीदें. तो फिर इस विंटर अपनी स्किन को रोजा हर्बल केयर से करें नॉरिश.

साबुन बढ़ा सकता है पिंपल्स की प्रौब्लम

आज की भागदौड़ भरी और व्यस्त जीवनशैली का विपरीत असर चेहरे की स्किन पर पड़ता है, जिससे स्किन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं. इन समस्याओं में पिंपल्स का होना सबसे आम है और इससे निपटने के लिए हम कई उपाय भी करते हैं.

अक्सर हम इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि किस तरह हमारा फेशियल क्लेन्जर पिंपल्स से छुटकारा दिलाने के बजाय और भी नुक्सान पहुंचा रहा है. साधारण टॉयलेट सोप पिंपल्स के लिए नुक्सानदायक होने के साथ-साथ उन्हें बढ़ा भी सकता है.

सोप पिंपल्स से निपटने के लिए सही उपाय क्यों नहीं हैं?

यदि चेहरे पर पिंपल्स हैं, तो ऐसे में साबुन का इस्तेमाल करना पिंपल्स के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. चेहरे की स्किन शरीर की बाकी स्किन की तुलना में ज्यादा संवेदनशील होती है. साबुन चेहरे के पीएच स्तर को प्रभावित करता है, जिससे स्किन रूखी नजर आने लगती है. चेहरा जब ज्यादा ड्राई हो जाता है, तब यह तेल ग्रंथियों को सक्रिय कर देता है. ऐसे में पिंपल्स पैदा करने वाले बैक्टीरिया स्किन पर पनपने लगते हैं और पिंपल्स की समस्या भी बढ़ने लगती है.

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ऐसे में हमें चाहिए एक ऐसा सोप-फ्री फेशियल क्लेन्जर जिसमें ऐसे तत्त्व हों जो पिंपल्स से छुटकारा दिला सकें. हिमालया प्यूरीफाइंग नीम फेसवाश पूरी तरह सोप-फ्री है इसलिए पिंपल्स पर हार्श नहीं होता.

पिंपल्स से छुटकारा दिलाने में किस तरह सहायक है?

हिमालया प्यूरीफाइंग नीम फेसवाश सोप फ्री फेसवाश है. यह स्किन की गंदगी को साफ करने के साथ-साथ आपके चेहरे को पिंपल्स से भी मुक्त करता है. इसमें नीम और हल्दी जैसे प्राकृतिक गुण होते हैं जो चेहरे की स्किन पर पिंपल्स के कारण पनपने वाले बैक्टीरिया से लड़ने का काम करते हैं और इस तरह पिंपल्स की समस्या से छुटकारा दिलाने में यह फेसवाश सहायक है. तो साफ-सुथरी और पिंपल फ्री स्किन पाने के लिए सोप फ्री फेसवाश अपनाने का यही है सही समय.

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जैसी Skin वैसा Face Pack

समयसमय पर फेस पैक का इस्तेमाल करने से त्वचा स्वस्थ और कोमल बनी रहती है. रक्तसंचार भी सुचारु रहता है. यह त्वचा के लिए एक सर्वोत्तम टौनिक है. अगर इसे हफ्ते में 1-2 बार नियम से लगाया जाए तो त्वचा बहुत सुंदर हो जाती है. वैसे तो बाजार में फेस पैक तैयार मिलते हैं, लेकिन आप चाहें तो घर पर भी स्वयं फेस पैक तैयार कर सकती हैं. किस त्वचा के लिए कैसा फेस पैक चुनें, आइए जानते हैं:

सूखी त्वचा के लिए

– 1 चम्मच चंदन पाउडर, 1 चम्मच शहद, 1 चम्मच दूध पाउडर व 1 चम्मच गुलाबजल मिला कर पेस्ट बनाएं और पूरे चेहरे व गले पर लगा कर सूखने दें. कम से कम 20 मिनट बाद कुनकुने पानी से धो लें.

– 1-1 चम्मच बादाम रोगन, बेसन व मलाई मिला कर पेस्ट बनाएं. चेहरे और गरदन पर 15-20 मिनट तक लगाए रखें, उस के बाद गरम पानी से धो लें.

– औलिव औयल की 1-2 बूंदें 2 चम्मच मैदे में मिला कर पेस्ट तैयार कर आधे घंटे तक चेहरे पर लगाए रखें. सूखने पर पानी या गुलाबजल से धो लें.

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सामान्य त्वचा के लिए

– 2 बादाम भिगो कर पीस लें. उस में 2 चम्मच दूध, 1 चम्मच गाजर और संतरे का रस मिला कर चेहरे और गरदन पर गाढ़ागाढ़ा लेप करें. आधे घंटे बाद धो लें. यह झांइयां दूर करेगा और त्वचा भी कोमल हो जाएगी.

– 1 चम्मच शहद में आलमंड औयल की कुछ बूंदें मिला कर चेहरे और गले पर लगाएं. 10 मिनट बाद पानी से धो लें. इस से त्वचा कोमल होती है और झुर्रियां भी कम होती हैं.

– 2 चम्मच आटे में दूध, हलदी मिलाएं, फिर उस में थोड़ा सा गुलाबजल डाल कर चेहरे पर लगाएं. 15 मिनट बाद कुनकुने पानी से धो लें.

– थोड़े से आटे में पानी, 1 चम्मच शहद मिला कर चेहरे पर लगाएं. 15-20 मिनट बाद कुनकुने पानी से चेहरे को धो लें.

तैलीय त्वचा के लिए

– 1×1/2 चम्मच मुलतानी मिट्टी में 1×1/2 चम्मच नीबू का रस व 1/2 चम्मच शहद मिलाएं. पेस्ट बना कर चेहरे पर लगाएं. 20 मिनट बाद हलके गरम पानी से धो लें.

– मसूर की दाल व चावल को दरदरा पीस कर उस में चंदन पाउडर, मुलतानी मिट्टी, संतरे के छिलकों का पाउडर व 2 चम्मच खीरे का रस मिला कर पेस्ट बनाएं और चेहरे पर लगाएं. जब सूख जाए तो ठंडे पानी से धो लें.

– जौ का पाउडर थोड़ा सा, 2 चम्मच नीबू का रस, थोड़ा सा दूध सब को मिला कर चेहरे पर लगाएं. सूखने पर धो लें. इस से चेहरे का रक्तसंचार ठीक होता है और त्वचा भी साफसुथरी हो जाती है.

– खीरे को कस कर उस में नीबू रस की कुछ बूंदें और 1 चम्मच गुलाबजल मिलाएं. इसे कपड़े के 2 टुकड़ों के बीच रख कर चेहरे पर लगाएं.

15-20 मिनट के बाद साफ कर लें.

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सावधानी

फेस पैक लगाते समय ध्यान रहे कि यह तय समय से अधिक समय न लगा रहे और इसे आंखों के चारों तरफ कभी न लगाएं. उन पर रुई के फाहों को ठंडे पानी से भिगो कर रख लें.

Karwa Chauth Special: दही की इन 4 Tips से निखारें खूबसूरती

अपने चेहरे के नूर को दिनभर बरकरार रखने के लिए ना जाने आप क्या क्या करती होंगी, किस किस ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तमाल करती होंगी. अपनी इस इच्छा की पूर्ति के लिए आप लोशन, क्रीम आदि पर खूब पैसे खर्च करती होंगी. और गलती से कभी सस्ती ब्यूटी प्रोडक्ट लगा लिया तो सौंदर्य समस्याओं की चिंता.

आज हम आपको आपकी इस परेशानी का एक सरल उपाय बताने जा रहे हैं. दमकती और चमकती त्वचा के लिए आप दही का प्रयोग करें. दही आपके चेहरे पर नूर ला देगा.

दही में प्रचुर मात्रा में बैक्टीरिया, विटामिन और खनिज पाया जाता है जो कंडिशनर और स्क्रब की तरह कार्य करता है. दही में उपस्थित लैक्टिक अम्ल में जस्ता और अन्य महत्वपूर्ण खनिज होते हैं जो आपकी त्वचा के स्वास्थ्य के लिये जरूरी है.

1. मॉइस्चराजर

दही के गुण, दही कुछ ही मिनटों में आपकी त्वचा को नम कर देगा. दही को अपने चेहरे, शरीर, हाथ और पैर पर लगा लें. 15 से 20 मिनट तक छोड़ने के बाद सादे पानी से धुल दें. यह त्वचा को नम रखेगा. आप दही के साथ शहद का भी उपयोग कर सकती हैं.

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2. स्क्रबर

दही स्क्रब का प्रयोग त्वचा की रंगत और चमक को बढ़ाने के लिये किया जा सकता है. दो चम्मच दही में 3 चम्मच जौ के आटे को मिला दें. दही के फायदे, इन दोनों सामग्रियों को मिलाकर अपने चेहरे पर रगड़ें और कुछ मिनट बाद गुनगुने पानी से धुल दें. आप दही में चावल के आटे को भी मिलाकर उपयोग कर सकती हैं.

3. एजिंग एफेक्ट

उम्र बढ़ने के साथ ही चेहरे पर झुर्रियां, महीन रेखाएं और त्वचा के बेजान होने जैसी समस्याएं आना काफी सामान्य बात है. पर दही के प्रयोग से आप उम्र बढ़ने की वजह से त्वचा पर आए निशानों को काफी कम कर सकती हैं.

3 चम्मच दही में 2 चम्मच केले का लेप और एक चम्मच मसला हुआ रुचिरा लेकर इन तीनों को अच्छे से मिला लें और एक चिकना लेप बना लें. स्किन की देखभाल, इसे चेहरे पर 20 से 25 मिनट तक लगायें और फिर धुल दें और कपड़े से सुखा लें. इस मिश्रण में शहद को शामिल करना चिकनी त्वचा पाने में लाभकारी है.

4. दही फेस पैक

जब हमारी त्वचा इसके अंदर की नमी पर नियंत्रण प्राप्त नहीं कर पाती है तो इसके परिणाम काफी भयंकर हो सकते हैं. दही के इस फेस पैक की मदद से आप ठंडी हवाओं को अपनी त्वचा की नमी को छीनने से रोक सकती हैं. यह विधि सिर्फ ठण्ड के मौसम के लिए नहीं है, बल्कि आप नमी प्रदान करने वाले त्वचा के इस पैक का प्रयोग साल के किसी भी समय कर सकती हैं. आपकी त्वचा पर यह पैक काफी अच्छा असर दिखाएगा.

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भयंकर खुजली, जलन, ब्लैकहेड आपके आत्मविश्वास के स्तर को गिरा देते हैं. दही की चिकनाई और मलाई की संरचना बाह्य त्वचा को साफ त्वचा और नई परत देगा. एक रूचिरा का गूदा, 1 या 2 चम्मच दही और 2 चम्मच जैतून का तेल ले लें. इन सभी सामग्रियों को मिलाकर चिकना लेप बना लें. इससे मालिश करने के बाद 15 से 20 मिनट छोड़कर धुल दें.

मुल्तानी मिट्टी को दही के साथ मिलाने पर एक अद्भुत स्क्रब मिलता है जो मृत त्वचा कोशिकाओं को हटा देगा. अगर यह फिर भी गंदा रह जाता है तो यह प्राकृतिक चमक को घटा देता है. त्वचा की देखभाल कैसे करें, मुल्तानी मिट्टी के पैक को काटकर एक बर्तन में डाल लें, और एक चम्मच दही मिलायें. इसे उचित मोटा बनाने के लिये कुछ बूंदें शहद की मिलायें. इस मिश्रण को हिलाकर लेप बना लें. इसे 20 मिनट तक अपनी त्वचा पर लगाये रखे इसके बाद धुल दें.

Festive Special: अब घर बैठे मिनटों में करें वैक्स

आप को फ्रैंड की बर्थडे पार्टी में जाना हो और आप यह सोचसोच कर परेशान हो रही हों कि बिना हेयर रिमूव किए कैसे पार्टी में जाऊं, इस से तो मेरी पूरी ड्रैस की शोभा ही बिगड़ जाएगी. अभी मेरे पास इतना टाइम भी नहीं है कि पार्लर से अपौइंटमैंट लूं और अगर लिया भी तो टाइम खराब होने के साथसाथ जल्दबाजी में ज्यादा पैसे भी देने पड़ेंगे तो ऐसे में आप परेशान न हों बल्कि वीट कोल्ड वैक्स स्ट्रिप्स से कुछ ही मिनटों में बनें खूबसूरत.

पार्लर जैसी फिनिशिंग घर में ही

ये आप को बिलकुल पार्लर जैसी फिनिशिंग देने के साथसाथ आपकी स्किन को स्मूदनैस व मौइश्चर देने का काम करेगी.

हौट वैक्स की जलन से छुटकारा

बौडी पर हौट वैक्स से हेयर रिमूव कराने से हर कोई डरता है, क्योंकि इस प्रक्रिया में गरम वैक्स की वजह से जलने का डर भी रहता है. लेकिन कोल्ड वैक्स स्ट्रिप्स यूज करने में ईजी है. इस के लिए आप को बस स्ट्रिप्स को आराम से ओपन कर के हेयरी एरिया पर अप्लाई कर के हेयर की दिशा में पुल करना है. इस से दर्द भी न के बराबर होता है और बाल जड़ से भी निकल जाते हैं.

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खास बात यह है कि स्ट्रिप्स का साइज अच्छाखासा है, जिस से काफी बड़ा एरिया कवर हो जाता है और आप को महीने भर तक इस की जरूरत महसूस नहीं होती. यह 1.5 एमएम के छोटे बालों को भी निकालने में सक्षम है.

आप इस की हर स्ट्रिप तब तक यूज कर सकती हैं जब तक यह अपनी चिपचिपाहट न खो दे. आप हेयर रिमूवल के बाद परफैक्ट फिनिश वाइप से बची वैक्स को भी आसानी से हटा सकते हैं.

टेनिंग रिमूव करने में कारगर

सिर्फ हेयर ही नहीं बल्कि टेनिंग रिमूव करने के साथसाथ ये डैड सैल्स को भी हटाने का काम करता है. ये 20 स्ट्रिप्स पैक जिस की कीमत क्व174 और 8 स्ट्रिप्स पैक जिस की कीमत क्व90 है में उपलब्ध है.

इसे ड्राई, नौर्मल और सैंसिटिव स्किन को ध्यान में रख कर डिजाइन किया गया है. इस्तेमाल करते वक्त यह ध्यान रखें कि सनबर्न व कटी हुई स्किन पर इसे अप्लाई न करें.

तो फिर तैयार हैं न घर पर वैक्स करने के लिए.

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स्क्वैलिन की मदद से झुर्रियों और बढ़ती उम्र के संकेतों से पाएं निजात

आप जैसा खाते हैं वैसे ही आपके शरीर में लगता है. आप जो कुछ भी खा रहे हैं उसका प्रभाव न केवल आपके सामान्य स्वास्थ्य पर पड़ता है, बल्कि खानपान का असर आपके शरीर के साथ साथ आपकी स्किन पर भी पड़ता है.  डॉ  कुमारा पणिकर गोपाकुमार, साइंटिस्ट ,द लाइफकार्ट.इन के मुताबिक स्क्वैलिन हमारे शरीर की ऑयल ग्लैंड (तेल ग्रंथियों) के जरिए बनता है, इसकी वजह से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी दिखती है और शरीर भी स्वस्थ रहता है. इसके अलावा स्क्वैलिन ऑक्सीजन की मदद से सेलुलर मेटाबॉलिज़्म में सुधार करके इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने और ख़राब सेहत को सही करने में मदद करता है.

स्वस्थ शरीर के लिए स्क्वैलिन बहुत जरूरी होता है और वह भी प्राकृतिक तरीके से स्क्वैलिन मिलना सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है. स्क्वैलिन मानव शरीर में बनने वाला एक अणु है जो इम्यूनिटी तथा उर्जा को बढ़ाता है और स्किन की क्वॉलिटी में सुधार करता है. उम्र बढ़ने से शरीर में स्क्वैलिन का लेवल कम होता जाता है. स्क्वैलिन की इस कमी से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है जिसके कारण खराब नींद, जल्दी बुढ़ापा और लाइफ़स्टाइल संबंधी बीमारियां होती हैं.

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स्क्वैलिन मानव शरीर को कई स्वास्थ्य-लाभ जैसे कि एंटी-ऑक्सीडेशन, इम्यूनिटी का निर्माण, कोलेस्ट्रॉल के लेवल का संतुलन करके सप्लीमेंट प्रदान करता है.  स्क्वैलिन कैंसर विरोधी एजेंट के रूप में भी कार्य करता है और हार्ट की बीमारियों को होने से बचाता है. शरीर को अंदर से पोषण प्रदान करने के अलावा अपने खानपान में स्क्वैलिन को शामिल करने का उद्देश्य स्किन की परतों को संतुलित करके, स्किन के मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाकर, स्किन की नमी में सुधार करके और लोच बनाए रखते हुए स्किन को जवान रखना होता है. यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, ख़राब इम्यूनिटी, ट्यूमर और कोलेस्ट्रॉल असंतुलन की समस्याओं से भी निजात दिलाता है.

स्किन के लिए स्क्वैलिन

स्क्वैलिन की कोई गंध, रंग नहीं होती है. इसमें चिकनाई या स्टेनिंग नहीं होती है. यह केवल कुछ बूंदों के जरिए स्किन को नमीयुक्त और गीला बना देता है. यह मुँहासे वाली स्किन के लिए त्वचा को नम और झुर्रियों से मुक्त बनाती है. इन दिनों स्क्वैलिन ने कॉस्मेटिक उत्पादों में भी अपनी जगह बनायीं है और पूरी दुनिया में इसके इस्तेमाल को देखा जा सकता है. हमारे शरीर में स्क्वैलिन प्राकृतिक रूप से मौजूद है, लेकिन जब हम उम्र में बड़े हो जाते हैं, तो शरीर में स्क्वैलिन कम होती जाती है. हमारी स्किन को नमीयुक्त बनाए रखने और बढ़ती उम्र से लड़ने के लिए स्क्वैलिन की जरुरत होती है. स्क्वैलिन का इस्तेमाल तब भी होता है जब आपको एक्जिमा, फटी और क्रैक स्किन जैसी कुछ स्किन की समस्या हो.

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स्क्वैलिन स्किन पर कई तरह के लाभ प्रदान करती है:

– स्किन को मॉइस्चराइज़ करता है

– स्किन में कोमलता और लचीलापन लाता है.

– झुर्रियों और काले धब्बों को कम करता है.

– खुरदरी चिड़चिड़ी स्किन को नरम करता है और कोशिका वृद्धि को बढ़ाता है.

– ड्राई / खुरदरी स्किन, स्किन में दरारें, चकत्ते जैसी स्किन की समस्या का निवारण करता है.

– सूर्य के रेडियेशन से बचाता है.

 स्क्वैलिन का सेवन

रोजाना स्क्वैलिन-आधारित सप्लीमेंट्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह वायरस, पैथोजंस और हमारे शरीर में स्वस्थ कोशिकाओं पर दैनिक आधार पर हमला करने वाले फ्री रेडिकल्स  का मुकाबला करने में मदद करता है.   फ्री रेडिकल्स  से ऑक्सीजन की जरूरी आपूर्ति नहीं हो पाती है. हमारे पास बाजार में कई स्क्वैलिन-आधारित हेल्थ सप्लीमेंट हैं और O2live भारत का सबसे अच्छा ब्रांड है क्योंकि इसमें 100% शुद्ध स्क्वैलिन होता हैऔर यह प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ शरीर का निर्माण करता है. अगर इसका सेवन रोज किया जाए तो यह आपको जबरदस्त स्वास्थ्य लाभ प्रदान करेगा.

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इन 5 आसान उपायों से हटाएं ब्लैकहेड्स

क्‍या आपके चेहरे पर भी ब्‍लैकहेड हो गए हैं और आप काफी परेशान हैं. कई उपाय अपनाकर थक चुकी हैं पर ब्‍लैकहेड बार बार आपके चेहरे पर अपनी जगह बना लेता है. तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि , जिसमें सरसों के दानों से स्‍क्रबिंग की जाती है.

सरसों और मलाई

अपने चेहरे को सुंदर और आकर्षक बनाने के लिये सरसों और मलाई का प्रयोग कीजिये. 1 चम्‍मच दूध की मलाई और 1 चम्‍मच राई लेकर अपने चेहरे पर 3-4 मिनट तक के लिये रगड़िये. जब आप अपना चेहरा धोएंगी तो आप पाएंगी की चेहरा गोरा हो गया होगा और ग्‍लो करने लग गया होगा.

सरसों, नींबू और शहद

इस स्‍क्रब से चेहरे के डेड सेल हटेंगे, ब्‍लैकहेड हटेंगे, जिससे मिलेगा ग्‍लो करता हुआ चेहरा. 1 चम्‍मच राई, 1 चम्‍मच शहद और 1 चम्‍मच नींबू का रस ले कर मिला लीजिये और 2-3 मिनट तक चेहरे पर रगडिये.

सरसों और एलो वेरा

मसटर्ड और एलोवेरा जेल चेहरे के लिये एक बहुत ही अच्‍छा कौम्‍बिनेशन है, जो चेहरे को साफ करता है और गंदगी को निकाल फेकता है. 1 चम्‍मच सरसों और 2 चम्‍मच एलोवेरा जेल मिला कर अपने चेहरे पर स्‍क्रब कीजिये.

सरसों और कार्नफ्लोर

1 चम्‍मच सरसों का दाना, 1 चम्‍मच पानी और 1 चम्‍मच कार्नफ्लोर मिलाइये और 3 मिनट तक के लिये रगडिये. अपने चेहरे को पानी से धो लीजिये और फिर देखिये अंतर.

सरसों और तेल

1 चम्‍मच सरसों लीजिये और 2 चम्‍मच बादाम या कोई अन्‍य तेल ले कर मिला लीजिये. इस मिक्‍सचर को अपने चेहरे पर पहले क्‍लाकवाइज घुमाइये और फिर एंटी क्‍लाकवाइज दिशा में रगड़िये. इसको 3 से 4 बार करने के बाद चेहरे को पानी से धो लीजिये. ब्‍लैकहेड गायब हो जाएंगे.

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