बहन पर गुस्सा

भाई बहन के रिश्ते में बड़ा ही अपनापन होता है. इस अनमोल रिश्ते को संजोए रखना भाईबहन दोनों का ही कर्तव्य है, लेकिन कभीकभी इस रिश्ते में खटास उत्पन्न हो जाती है, जो दोनों के लिए जान देने को तैयार रहते थे वे एकदूसरे से ख्ंिचेख्ंिचे रहने लगते हैं. भाइयों का अपनी बहनों से खास लगाव होता है. अगर बहन छोटी है तो भाई जहां उस के हर नाजनखरे सहता है वहीं यह भी प्रयास करता है कि वह उस से रूठ न जाए. लेकिन कभीकभी जानेअनजाने ऐसी बात बन जाती है कि भाई को बहन पर गुस्सा आ जाता है. किशोर भाईबहनों में कुछ बातें हैं जिन के चलते भाई को बहन पर गुस्सा आता है.

परीक्षा की तैयारी में लापरवाही

अकसर लड़कियां पढ़ाई में लापरवाही करती हैं. सालभर तो वे सहेलियों के साथ मौजमस्ती करती रहती हैं और जब परीक्षा आने वाली होती है तो वे किताब उठाती हैं. ऐसे में पूरा कोर्स याद कर पाने में उन्हें परेशानी होती है और वे सिर पकड़ कर बैठ जाती हैं.

ऐसे में जब वे भाई से हैल्प करने को कहती हैं तो भाई को गुस्सा आना स्वाभाविक है. रश्मि की बोर्ड की परीक्षा थी. उस का भाई रमेश हमेशा उस से कहता रहता कि पढ़ ले, लेकिन रश्मि एक कान से सुनती, दूसरे से बाहर निकाल देती. यही नहीं वह भाई को कहती तू अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे. मैं तो पास हो ही जाऊंगी.

परीक्षा में जब एक महीना बचा तो रश्मि भाई के पास साइंस की किताब ले कर आई और बोली, ‘‘भैया, बस तुम मुझे साइंस के कुछ चैप्टर्स समझा दो. मेरी समझ में नहीं आ रहे हैं.’’

इतना सुनना था कि रमेश का पारा चढ़ गया.  उस ने न केवल उस की किताब दूर फेंक दी बल्कि एक चांटा भी मार दिया.

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मिसबिहेव करना

ज्यादातर लड़कियां अपनी ईगो में रहती हैं. कब, कहां और किस से कैसा व्यवहार करना चाहिए, इस का उन्हें ध्यान नहीं रहता. कुछ तो इतनी बिगड़ी होती हैं कि घर आए मेहमानों से भी बदतमीजी से पेश आती हैं. ऐसी लड़कियों को देख कर ऐसा लगता है जैसे उन के मातापिता ने उन्हें तमीज सिखाई ही नहीं.

मोनिका भी कुछ इसी तरह के स्वभाव की लड़की थी. अपनी सहलियों के साथ तो वह मिसबिहेव करती ही थी अपने कजिंस के साथ भी उस का व्यवहार ठीक नहीं था. बातबात में उन की खिंचाई करना उस की आदत थी. छोटीछोटी चीजों के लिए पेरैंट्स से जिद करती थी.

मोनिका का भाई दिनकर जो उस से 4 साल बड़ा था, उसे हमेशा समझाता कि वह अपनी यह आदत छोड़ दे, पर वह भाई से भी लड़ जाती और कहती कि तू कौन होता है मुझे तमीज सिखाने वाला.

एक दिन तो मोनिका ने हद ही पार कर दी. घर में चाचाजी आए हुए थे. उन्होंने मोनिका से बड़े प्यार से कहा कि बेटी, गरमियों की छुट्टियों में हमारे घर मम्मीपापा के साथ जरूर आना. मोनिका ने चाचाजी को टका सा जवाब देते हुए कहा, ‘‘चाचाजी, आप के घर एसी तो है नहीं, मैं एसी के बिना एक पल भी नहीं रह सकती इसलिए मैं आप के घर नहीं आऊंगी.’’

ऐसा मुंहफट जवाब सुन कर चाचाजी का मुंह उतर गया. उन्हें देख कर ऐसा लगा कि उन्हें मोनिका का व्यवहार पसंद नहीं आया. चाचाजी के जाने के बाद दिनकर ने मोनिका की जम कर क्लास ली. मम्मीपापा ने भी उसे बहुत फटकारा. दिनकर ने तो उस से बात तक करनी छोड़ दी.

लेटनाइट पार्टी में जाने की जिद

कोई भी भाई यह बरदाश्त नहीं कर सकता कि उस की बहन अपने फ्रैंड्स के साथ लेटनाइट पार्टी में जाए. अगर कोई बहन लेटनाइट पार्टी में जाने की जिद करती है तो भाई को गुस्सा आना स्वाभाविक है. आज जमाना कितना खराब है. लेटनाइट पार्टी में जाना बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है. इन पार्टियों में अकसर फ्रैंड्स लड़कियों को नशीला पदार्थ खिला कर मनमानी कर सकते हैं. देर से आने पर रास्ते भर डर भी बना रहता है.

लेकिन कुछ लड़िकयां अपनेआप को इतना बोल्ड समझती हैं कि वे लेटनाइट पार्टी में जाने के लिए अपने मातापिता व भाई से लड़ जाती हैं. डेजी भी इसी तरह की बोल्ड लड़की थी. एक दिन वह भाई के  मना करने पर भी अपने बौयफ्रैंड और उस के दोस्तों के साथ डिस्कोथैक चली गई. वहां उस के साथ जो हुआ वह भूल नहीं पाती. जब वह घर आई तो रोरो कर उस ने सारा किस्सा घर वालों को सुनाया.

ऐसे में भाई को डेजी पर बहुत गुस्सा आया. कितना मना किया था वहां जाने को. डेजी ने भाई से माफी मांगते हुए कहा, ‘‘भैया, अब यह गलती कभी नहीं करूंगी.’’ भाई ने डेजी को माफ तो कर दिया लेकिन जो हादसा हो गया वह कैसे रिवर्स होता. लड़कियां जब ऐसी हरकत करती हैं तो भाई को गुस्सा आता है, क्योंकि वह बहन की बदनामी बरदाश्त नहीं कर सकता.

व्हाट्सऐप, फेसबुक पर दोस्ती

लड़कियों को व्हाट्सऐप औैर फेसबुक का चसका लग गया है. वे अपने सारे काम छोड़ कर चैटिंग में लगी रहती हैं. वे अनजान लोगों से भी चैट करती हैं. कभीकभी यह चैट दोस्ती में बदल जाती है, पर लड़कियों को इस बात का ध्यान नहीं रहता कि वे जिस से फ्रैंडशिप कर रही हैं, उस का पताठिकाना क्या है, क्योंकि अकसर लड़के बहुत सी बातें गुप्त रखते हैं या गलत जानकारी दे कर लड़कियों को इंप्रैस करते हैं.

वनीता को भी चैटिंग का शौक लग गया था. उस का भाई अकसर उसे टोक कर पूछता कि वह इतनी देरदेर तक किस से चैटिंग करती है? तो वह कोई न कोई बहाना बना देती कि वह किसी सहेली से पढ़ाई के बारे में चैट कर रही थी. एक दिन वनीता का मोबाइल उस के भाई के हाथ लग गया. मोबाइल पर किसी लड़के ने उसे बहुत गंदे मैसेज भेज रखे थे. भाई को वनीता पर बहुत गुस्सा आया और उस ने उस का मोबाइल तोड़ दिया.

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ऊटपटांग फैशन करना

हर भाईर् चाहता है कि उस की बहन अच्छे कपड़े पहने और जहां भी जाए लोग उस की ड्रैस सैंस की तारीफ करें पर आज लड़कियां ऊटपटांग फैशन करने लगी हैं. वे ऐसे कपड़े पहनती हैं जिन में उस का पूरा शरीर झलकता है. ऐसे में मनचले उन पर फबतियां कसें तो कोई भाई बिलकुल बरदाश्त नहीं करेगा इसलिए भी भाईबहन में अकसर तकरार हो जाती है.

अकसर लड़कियों को अपने भाइयों से यह भी शिकायत रहती है कि वे उन की निजी जिंदगी में दखलंदाजी करते हैं और उन्हें अपनी मरजी से जीने नहीं देते, पर इस के पीछे भाई की जो मानसिकता होती है उस का अंदाजा शायद वे नहीं लगा पातीं. हर भाई को अपनी बहन से प्यार होता है और जब बहन उस की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती तो भाई को गुस्सा आना स्वाभाविक है.

बहनों को भी चाहिए कि वे मर्यादा में रहें. भाईबहन के रिश्ते को अच्छी तरह निभाएं. ऐसा कोई काम न करें, जिस से भाई को गुस्सा आए और परिवार की बदनामी हो.

धर्म के हिसाब से पहनावा क्यों

हम क्या पहनें और क्या खाएं, क्या यह तय करने वाला कोई और होना चाहिए. आमतौर पर एक समाज में सब एक से कपड़े पहनते हैं. आदमियों के कपड़े एक से तय हैं, खास दिनों के लिए एक से. जब से संचार क्रांति हुई है और न केवल फोटो और विडियों इधर से उधर घूम रहे हैं. पहनावे में फर्क आने लगा है पर हर बार पायनियरों को, शुरुआत करने वालों को विद्रोही माना जाता रहा है.

उस का कारण यह है कि तय परंपरा लागू  करने में धर्म की भूमिका बड़ी रहती है. हर धर्म ने दूरदूर तक अपनी पहचान बनाई तो पहनावे से. अगर ईसाई हो तो इस तरह का पहने. मुसलिम हो तो इस तरह का और हिंदू हो तो इस तरह का. क्षेत्रीय प्रभाव रहा है पर उस में धर्म का रौव फिर रहा है. इस से धर्म को लाभ यह रहता है कि जैसे ही कोई बिचकने लगे, वे उसे घेर सकते हैं. लोगों को इकट्ठा कर के उसे धर्म के हिसाब से पहनने को तो मजबूर करते ही हैं. उस की सोच में तर्क का कोई कीड़ा घुसने लगे तो उस पर तुरंत वार करो और उसे मार डालो. धर्म जानता है कि कपड़ों से शुरू हो कर बात धाॢमक रीतिरिवाजों तक जाएगी और फिर सवालजवाब शुरू हो जाएंगे.

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विधवा सफेद पहने यह हिंदू धर्म आज भी अपनाया जा रहा है. अच्छी भली पढ़ीलिखी औरतें भी पति को खोने के बाद जो पहनती हैं उस में सफेद कुछ ज्यादा होता है. अगर वे न पहनें तो तुरंत पंडे टोकने लगते हैं. माहौल की भारी बेचारी विधवा अब विद्रोह करे तो कैसे करे. उसे अपने तन और धन को बचाना हो मुश्किल होता है, मन की कैसे चलाए.

भारत सरकार ने सेंसर बोर्ड बना रखा है जो वर्षों तक फिल्मों में नग्नता व फुहड़ता की आड़ में औरतों की पोशाकों को धार्मिक नियमों में दबाता रहा है. ईसाई एक तरह की पहनें, मुसलिम एक तरह की, हिंदू एक तरह की. पश्चिम में जब मानसिक क्रांति ने बिकनी का हक दिया और सैंकड़ों की संख्या में औरतें समुद्र बीच में बिकनी में घूमने लगीं तो फिल्मों में छूट मिली. उस से पहले तो केवल खलनायिका ही इसे पहन सकती थी.

आज भी हर रोज विवाद उठते हैं. हैडलाइनें दिखती है कि फला एक्ट्रेस की कोल्ड तस्वीरें आई हैं. बोल्ड का मतलब सिर्फ कम कपड़े क्यों? कम कपड़ों  का मतलब बोल्डनेस क्यों? इसलिए कि हैडलाइन लिखने वाला आज भी कहता है कि समझदार लडक़ी कंधे, पेट और पैर ढंक कर रखेगी. मुसलिम है तो सिर भी ढकेगी. यह अन्याय है जो असल में मानसिक सोच के हक को कुंद करता है. औरतें स्वतंत्र है कि वे मौसम के हिसाब से चाहे जो पहनें. ड्रेस फार्मूले स्कूलों तक या फौज तक रहें तो ही अच्छा है.

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REVIEW: जानें कैसी वेब सीरिज ‘बरूण राय एंड द हाउस औन द क्लिफः’

रेटिंगः दो स्टार

निर्माताः युनीकोर्न मोशन पिक्चर प्रोडक्शन

निर्देशकः सैम भट्टाचार्यजी

कलाकारः प्रियांशु चटर्जी,नायरा बनर्जी,सिड मक्कर,

अवधिः लगभग दो घंटे 45 मिनट , छह एपीसोड

ओटीटी प्लेटफार्मः ईरोज नाउ

इन दिनों छोटे परदे के साथ साथ ओटीटी प्लेटफार्म पर भी हॉरर यानी कि डरावनी कहानियंा व घटनाक्रम काफी पसंद किए जा रहे हैं. यह एक अलग बात है कि इस तरह के सीरियल, वेब सीरीज व फिल्में अंधविश्वास,आत्मा व भूतप्रेत आदि को बढ़ावा ही देती हैं. बहरहाल,इंग्लैंड के एक तट पर पहाड़ी पर नदी के किनारे बसे एक गांव में हो रही रहस्यमयी आत्महत्याओं का सच जानने के लिए पुलिस एक परामनोवैज्ञानिक की मदद लेता है. क्योंकि इन आत्महत्याओं के पीछे कोई स्पष्ट संदिग्ध नहीं है और परिस्थितियां समझ से परे हैं. पर इस वेब सीरीज को देखकर डर पैदा नही होता.

कहानीः

कहानी इंग्लैंड के एक टापू  कोर्विड्स हेड के एक छोटे से गांव में लगातार पुरूषों द्वारा आत्महत्या करने का सिलसिला जारी है. इन आत्महत्याओं को कोई स्पष् ट कारण भी समझ से परे है. ऐसे में इसकी जांच पड़ताल के लिए पुलिस  इंस्पेक्टर जेनी जोन्स (एम्मा गैलियानो), परामनोवैज्ञानिक जासूस बरुण राय (प्रियांशु चटर्जी) को कॉर्विड्स हेड के छोटे से गाँव में बुलाती है. बरूण राय परामनोविज्ञान में महारत रखते हैं. जेनी जोम्स की सोच के अनुसार ऐसे में बरुण की विशेष योग्यताएं असाधारण वजहों को जानने में मदद कर सकती हैं.

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इधर नवविवाहित जोड़ा  हरमेश (सिड मक्कड़) और शौमिली (नायरा बनर्जी) भारत से इंग्लेंड पहुॅचते हैं. वह कॉर्विड्स क्लिफ में एक घर में रहने पहुॅचते हैं. शौमिली नर्स के तौर पर कार्यरत है. दो दिन के अंदर ही शौमिली को घर के अंदर आसामान्य गतिविधियां घटित होने का अहसास होने लगता है. पुलिस को कुछ भी गलत नजर नहीं आता. उधर डौक्टर शौमिली कोे डिप्रेशन की दवा देने लगते हैं. पर हरमेश व शौमिली की जिंदगी खतरे में पड़ जाती है. उधर ब्रायन(जौर्ज डावसन ) छिप कर इनकी तस्वीरें खींचता रहता है. धीरे धीरे यह स्पष्ट होता है कि एक बुरी आत्मा ही लोगों की इस तरह हत्या कर रही है कि वह आत्महत्या लगे. अब यह बुरी आत्मा हरमेश को भी मारना चाहती है.

स्थानीय चर्च के पादरी फादर पॉल (टोनी रिचर्डसन) और उनके गुरु (डेविड बेली) को इस आत्मा के बारे में कुछ ज्ञान है,जो इस घर के साथ ही हरमेश व शौमिल को प्रताड़ित कर रही है. फादर पॉल अतीत में कई बार इस बुराई से लड़ने का असफल प्रयास कर चुके हैं. अब वह शौमिली व हरमेश की मदद करने इनके घर पहुॅचते हैं,पर किसी तरह अपनी जान बचाकर वापस आ जाते हैं.

इधर बरूण रौय को भी असफलता ही मिल रही हे. एक दिन ‘मिली,बरूण राय को एक किताब देती है. बरूण राय उस किताब को पढ़कर कुछ तो समझता है,पर इस किताब में ‘कोड वर्ड’ में भी कुछ लिखा है,जिसके लिए बरूण राय सुखबीर की मदद लेता है. इस किताब से बरूण की समझ में आता है कि किसी समय एलेक्जेंडर व पोली पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी में शादी करने वाले थे,मगर अलेक्जेंडर ने पोली को धो दिया था. इन सारी बातों को पोली ने इस किताब में लिखा है और यह भी लिखा है कि वह हर पुरूष से अपना बदला लेती रहेगी. इस बीच हरमेश भी नदी में कूदकरी आतमहत्या कर लेता है और बुरी आत्मा लगातार शौमिली को परेशान कर रही है. ब्रायन भी मारे जाते हैं.

अब पूर्णमासी की रात आ रही है. और बरूण राय,फादर पॉल व उनके गुरू के पास इस शहर के निवासियों को पोली की बुरी आत्मा से बचाने का एक आखिरी मौका है, इससे पहले कि आत्मा इतनी शक्तिशाली हो जाए कि कोई भी रोक न सके. बरूण व फादर पॉल पूरी तैयारी के साथ शौमिली के घर पहुंचते और इन्हें अपने लक्ष्य में सफलता मिल जाती है.

लेखन व निर्देशनः   

वेब सीरीज का हर एपीसोड बहुत धीमी गति से आगे बढ़ता है. पटकथा काफी गड़बड़ है. किसी भी किरदार को सही ढंग से विकसित नही किया गया है. एक भी दृश्य ऐसा नही है,जिससे दर्शक के अंदर भय का अहसास हो. कहानी का कोई प्रवाह नजर नही आता. कई दृश्यों के समय आदि की भी सही व्याख्या नही की गयी है. इस सीरीज की खासियत यह है कि इसमें बौलीवुड फिल्मों में दिखायी जाती रही बुरी आत्माएं या भूतप्रेत नजर नही आते.

कई दृश्य तो दर्शकों को भी द्विविधा में डालते हैं. निर्देशक ने अचानक  फर्नीचर के टकराने व हिलने या हवा से अचानक खिड़की के खुलने जैसे बहुप्रचलित साधनों का उपयोग कर डर व रहस्यमय माहौल पैदा करने का असफल प्रयास किया है. क्लायमेक्स तो काफी घटिया है.

मगर इस सीरीज में इंग्लैंड के ग्रामीण इलाकों की सुंदरता के साथ-साथ शानदार चट्टानों और तट को बेहतरीन तरीके से कैद करने में फिल्मकार सफल रहे हैं. यानी कि लोकेशन काफी सुंदर व खूबसूरत चुनी गयी है. हॉरर फिल्म या सीरीज  में आम तौर पर जिस तरह का संगीत परोसा जाता है,उससे इसका संगीत काफी अलग है.

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अभिनयः

परामनोवैज्ञानिक बरूण के किरदार में प्रियांशु चटर्जी काफी सुस्त नजर आते हैं. शोमिली के किरदार में कुछ दृश्यों में डर की भावनाओं को चित्रित करने में नायरा बनर्जी सफल रही हैं. नायरा बनर्जी अपने आस पास होने वाली घटनाओ को बेहतर अहसास दिलाती हैं. शौमिली के किरदार में उन्होने इस बात के संकेत दिए हैं कि उनके अंदर अभिनय प्रतिभा की कमी नही है. जरुरत है एक बेहतरीन निर्देशक की,जो उनके अंदर की कला को निखार सके. एम्मा गैलियानो, सिड मक्कर, टोनी रिचर्डसन और जॉर्ज डावसन के हिस्से करने को कुछ खास नही रहा.

आखिर श्वेता तिवारी ने क्यों मांगी माफी, जानें मामला

टीवी की पौपुलर एक्ट्रेस श्वेता तिवारी (Shweta Tiwari) आए दिन अपनी पर्सनल लाइफ के चलते सुर्खियों में रहती हैं. जहां बीते दिनों एक्ट्रेस का बयान विवाद बन गया था तो वहीं अब श्वेता तिवारी ने अधिकारिक बयान देते हुए माफी मांगी है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

श्वेता तिवारी ने मांगी माफी

 

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दरअसल, वेब सीरीज ‘शो स्टॉपर’ का प्रमोशन के दौरान एक्ट्रेस श्वेता ने अपने इनरवियर के बारे में एक बयान दिया था, जिसके चलते वह सोशलमीडिया पर काफी ट्रोल भी हुई थीं. वहीं ट्रोलिंग के बाद श्वेता तिवारी ने माफी मांगते हुए एक स्टेटमेंट जारी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा कि यह मुझे पता चला है कि एक कोस्टार की पिछली भूमिका का जिक्र करते हुए मेरे बयान को गलत तरह से दिखाया गया और गलत समझा गया है. क्योंकि मैं ‘भगवान’ की नहीं बल्कि सौरभ राज जैन के बारे में बात कर रही थीं, जिन्होंने एक शो में भगवान का पौपुलर रोल अदा किया था. लोग किरदारों के नामों को एक्टर्स से जोड़ते हैं और इसलिए मैंने मीडिया के साथ अपनी बातचीत के दौरान इसे एक उदाहरण के रूप में इस्तेमाल किया.’  ‘हालांकि लोगों ने इसे पूरी तरह से गलत समझा, जिसे देखकर दुख होता है. ‘भगवान’ को मानने वाली मैं जानबूझकर या अनजाने में ऐसी कोई बात नहीं कहूंगी, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे. हालांकि मुझे पता चला है कि इसे गलत तरीके से लेने के कारण अनजाने में लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा है. लेकिन मेरा किसी को हर्ट करने का इरादा कभी नहीं रहा है. इसलिए मैं विनम्रतापूर्वक उन सभी से माफी मांगना चाहती हूं जो मेरे बयान से अनजाने में हर्ट हुए हैं.’

 

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ये था मामला

 

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दरअसल, एक फिल्म प्रमोशन के दौरान एक्ट्रेस श्वेता तिवारी ने बयान दिया था कि मेरी ब्रा का साइज भगवान ले रहे हैं, जिसके बाद उन्हें काफी ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा था. वहीं उन पर एफआईआर भी दर्ज हो गई थी. वहीं कई नेताओं ने उनके खिलाफ बयान भी दिया था.

बता दें, एक्ट्रेस श्वेता तिवारी सुर्खियों के बीच बिग बौस 15 के ग्रैंड फिनाले में नजर आने वाली हैं.

photo and video credit-Viral Bhayani

Bigg Boss 15 Finale: सिद्धार्थ को याद कर इमोशनल हुए सलमान और शहनाज, देखें वीडियो

कलर्स के रियलिटी शो ‘बिग बॉस 15’ का ग्रैंड फिनाले (Bigg Boss 15 Grand Finale) आ गया है. जहां शो के विनर का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं तो वहीं #sidnaaz के फैन्स शहनाज गिल (Shehnaaz Gill) के शो में आने की राह देखते नजर आ रहे हैं. इसी बीच शो का नया प्रोमो रिलीज हो गया है, जिसमें बिग बौस 13 में सिद्धार्थ और उनकी यादों को एक बार फिर तरोताजा करने वाली हैं. वहीं इस दौरान शो के होस्ट और शहनाज गिल इमोशनल होते हुए नजर आ रहे हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

शहनाज ने दिया ट्रिब्यूट

 

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Bigg Boss 15 के Grand Finale में जहां सितारों की महफिल जमा होने वाली है तो वहीं शहनाज गिल अपने गाने ‘तू यहां है’ से एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला को ट्रिब्यूट देने वाली हैं. वहीं इस परफौर्मेंस का वीडियो आने के बाद सिडनाज के फैंस जमकर वीडियो की तारीफ कर रहे हैं. इसी बीच शो के दूसरे प्रोमो में सलमान खान और शहनाज गिल सिद्धार्थ शुक्ला को याद करते हुए इमोशनल होते हुए नजर आ रहे हैं.

 

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शमिता शेट्टी और तेजस्वी के बीच होगी लड़ाई

 

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इसके अलावा शो में एक बार फिर कंटेस्टेंट तेजस्वी प्रकाश और शमिता शेट्टी के लड़ाई होने वाली है, जिसका प्रोमो रिलीज हो गया है. दरअसल, शमिता शेट्टी के बौयफ्रेंड राकेश बापट, तेजस्वी के आंटी कमेंट पर बात करेंगे, जिसके चलते दोनों के बीच एक बार फिर लड़ाई होते हुए नजर आएगी.

बिग बौस के पुराने विनर आएंगे नजर

शहनाज गिल के अलावा Bigg Boss 15 Grand Finale में शो के पुराने सीजन के विनर भी नजर आने वाले हैं, जिसके चलते शो में धमाल मचने वाला है. वहीं खबरों की मानें तो फिनाले की दौड़ से रश्मि देसाई जहां बाहर हो गई हैं तो वहीं निशांत भट्ट ने 15 लाख की रकम लेकर विनर की रेस छोड़ दी है. हालांकि प्रतीक सहजपाल भी बैग उठाने वाले थे. लेकिन निशांत भट्ट ने पहले ही बजर बजाकर बैग अपने नाम कर दिया.

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साउथ इंडियन से लेकर बंगाली शादी में खास था Mouni Roy का लुक, देखें फोटोज

टीवी एक्ट्रेस मौनी रॉय (Mouni Roy) हाल ही में यानी 27 जनवरी को अपने लौंग टाइम बौयफ्रेंड सूरज नांबियार संग शादी के बंधन में बंध गई हैं, जिसकी फोटोज इन दिनों सोशलमीडिया पर छा रही हैं. वहीं मौनी रौय के साउथ इंडियन वेडिंग लुक से लेकर बंगाली वेडिंग लुक की तारीफ हर कोई कर रहा है. आइए आपको दिखाते हैं मौनी रॉय के खूबसूरत वेडिंग लुक्स की झलक…

पति के लिए साउथ इंडियन लुक में सजीं मौनी

 

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साउथ इंडियन और बंगाली, दो रीति-रिवाजों में मौनी रॉय शादी के बंधन में बंधी. दरअसल, मौनी रॉय के पति सूरज नांबियार साउथ इंडियन हैं, जिसके चलते मौनी  साउथ इंडियन दुल्हन बनें हुए नजर आईं. रेड और वाइट कलर की साड़ी के साथ साउथ इंडियन ज्वैलरी में मौनी रॉय बेहद खूबसूरत लग रही थीं.

 

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बंगाली दुल्हन बनीं मौनी

 

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दूसरी तरफ बंगाली होने के चलते मौनी रॉय बंगाली दुल्हन के लुक में नजर आईं. बंगाली रीति रिवाजों से शादी के लिए मौनी रॉय ने पूरा रेड कलर का लहंगा चुना. वहीं इसके साथ मांगटीका, नथ और चूड़े के साथ आयुष्मती भव: वाला दुप्ट्टा बेहद खूबसूरत लग रहा था. इस लुक में मौनी रॉय को देखकर फैंस और सेलेब्स उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं.

हल्दी में सिंपल था लुक

 

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शादी के अलावा हल्दी की रस्मों में मौनी रौय सिंपल वाइट कलर के लहंगे में नजर आईं. हालांकि हल्दी लगने के बाद उनका लुक खिला खिला नजर आया.

मेहंदी में था पीला रंग

 

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मेहंदी लुक की बात करें तो मौनी रॉय शरारा पहनें नजर आई. हैवी एम्बौयडरी वाले लुक में वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं. वहीं इस लुक में वह अपनी वेडिंग में पति संग डांस करते हुए भी नजर आईं थीं.

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फैमिली के लिए बनाएं ये 4 Healthy Snacks

अलग अलग क्षेत्रों के लोगों को अलग अलग स्वाद पसंद हो सकते हैं, लेकिन पूरे भारत में स्नैक्स सभी पसंद करते हैं. स्नैक्स तैयार करते समय स्वाद और सेहत का खास ध्यान रखा जाता है. फिर भी लोगों का मानना है कि तलेभुने स्नैक्स ही मजेदार होंगे या फिर उन का मसालेदार होना जरूरी है. आज कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें आप फटाफट रसोई में तैयार कर सकते हैं और वे अन्य किसी भी स्नैक से स्वाद में कम नहीं होंगी.

बस इन स्नैक्स में सेहत भरी चीजें डालनी हैं. बटर, मैयोनीज और रिफाइंड औयल की जगह आप औलिव औयल, संपूर्ण गेहूं से तैयार नूडल्स और पास्ता जैसी तरहतरह की चीजें इस्तेमाल कर सकती हैं. चीनी की जगह ब्राउन शुगर और ऊपर से किशमिश डाल सकती हैं. सलाद की हैवी ड्रैसिंग की जगह ऐक्स्ट्रा वर्जिन औलिव औयल, मेवे और विनाइग्रेट फायदेमंद हैं.

आप चाहें तो पास्ता और चुनिंदा मेवे से कुछ सेहत भरे स्वादिष्ठ स्नैक्स भी तैयार कर सकती हैं. सही तरह पकाएं तो मजेदार स्वाद एवं खुशबू के साथ साथ सेहत संबंधी लाभ भी मिलेंगे. आइए, जानें कुछ ऐसे ही हैल्दी जायकों के बारे में.

1. पौपकौर्न

कौर्न के कर्नेल में फाइबर के साथ साथ पर्याप्त मात्रा में ऐंटीऔक्सिडैंट भी होते हैं. ये भले ही बहुत आम दिखते हों पर सेहत के लिए इन के खास फायदे हैं. आजकल पौपकौर्न बटर और कालीमिर्च के संग तैयार करने का चलन है. मगर इन में जो भी ऐक्स्ट्रा बटर है वह सेहत संबंधी इस का फायदा खत्म कर देता है. इसलिए आप बटर की जगह औलिव औयल के संग पौपकौर्न तैयार करें और ऊपर से सी साल्ट बुरक दें. हां, खास माइक्रोवेव में बने अधिकांश पौपकौर्न में पहले से फैट डला होता है, जिस से चरबी के साथ साथ कैलोरी बढ़ने का भी खतरा रहता है.

पौपकौर्न के मुख्य पोषक तत्त्व इस के छिलके में होते हैं. यदि आप का मन मसालेदार पौपकौर्न के लिए मचल रहा हो तो ब्राउन शुगर के साथ इन का सौस बनाएं और चिली फ्लैक्स डाल कर इन का फ्लेवर बढ़ाएं. ये पौपकौर्न एकसाथ मीठा और नमकीन का मजा देंगे. सेहत के लिहाज से सफेद चीनी से बेहतर ब्राउन शुगर आप के लिए फायदेमंद रहेगी. 1 कप पौपकौर्न में लगभग 30-35 कैलोरी ऊर्जा होती है. आप चाहें तो थोड़ा औलिव औयल डाल कर और ऊपर से छिड़क कर मैडिटेरेनियन जायके का मजा पैदा कर सकते हैं.

तो अब जब भी रसोई में कदम रखें और आप के सामने शैल्फ पर ये चीजें हों तो फटाफट कुछ हैल्दी स्नैक्स बनाएं और सेहत का खयाल रखते हुए स्वाद से समझौता किए बिना जी भर के इन का मजा लें.

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2. पास्ता

यह मैडिटेरेनियन जायके का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है और भारत में भी बहुत पसंद किया जाता है. पास्ते में सेहत का तड़का लगाया जा सकता है. आमतौर पर पास्ते में हम ढेर सारा औयल और मसाले के साथ ऊपर से चीज भी डालते हैं. हालांकि आम कुकिंग औयल के बदले ऐक्स्ट्रा लाइट औलिव औयल डाल कर पास्ते को भारत के लोगों की पसंद के हिसाब से तैयार कर सकते हैं.

औलिव औयल में भुनने के बाद ऊपर से औलिव और ड्राईफ्रूट्स डालें तो न केवल असली स्पेनिश फ्लेवर आएगा, बल्कि यह सेहत के लिए भी सही रहेगा. अब संपूर्ण गेहूं से तैयार पास्ता हो तो इस में सेहत के अधिक फायदे होंगे ही. इस पास्ते में फाइबर और पोषक तत्त्वों की अधिकता होगी. आप को गेहूं के सब से पोषक हिस्सों चोकर और अंकुर का अच्छा लाभ मिल सकता है.

यदि चीज के बिना पास्ता बेमजा लगता हो तो 1 कटोरा पास्ते में इस का बस एक क्यूब डालें और ऊपर से सब्जियां भी रखें. पास्ता चबाने का अलग मजा होगा और इस का साल्टी टैक्स्चर किसी का भी जी ललचा सकता है. अगर पास्ते में नया ट्विस्ट डालना हो तो ग्रिल की गई सब्जियां डाल कर देखें. दही फेंट कर भी पास्ते में उलटपलट सकते हैं. ऊपर से नीबू और कालीमिर्च पाउडर बुरक दें तो मजा आ जाएगा. पास्ता बनाने की अलग अलग विधियां हैं जैसे पास्ता सलाद फल और मेवों के संग. पास्ता सब्जियों के साथ उबाल कर भी बना सकते हैं.

3. मसाला पास्ता

सब्जियों और भारतीय मसालों से बनाएं स्वादिष्ठ और सेहतमंद पास्ता.

सामग्री

1-1/2 कप पास्ता

1 बड़ा प्याज बारीक कटा हुआ

1/2 हरी शिमलामिर्च कटी हुई

2 टमाटर बारीक कटे हुए

2-3 हरीमिर्चें कटी

1 छोटा टुकड़ा अदरक कुटा

1-1/2 छोटे चम्मच गरममसाला पाउडर

1/2 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

1 छोटा चम्मच साबूत सरसों

1 छोटा चम्मच साबूत धनिया

10-12 करीपत्ते

थोड़ा सा जीरा

गरम करने के लिए पर्याप्त औलिव औयल

नमक स्वादानुसार

विधि

एक गहरे बरतन में 4 कप पानी डालें. इस में नमक और 1 छोटा चम्मच तेल डालें. फिर पास्ता डालें और जब तक यह नरम न हो जाए तब तक पकाएं. फिर पानी निकाल दें और ठंडे पानी से धो कर एक तरफ रख दें. अब कड़ाही में 2-3 बड़े चम्मच औयल गरम कर सरसों, जीरा, हरीमिर्च, अदरक और करीपत्ते डाल दें.

अब प्याज डालें और रंग हलका होने तक पकाएं. टमाटर डालें और गाढ़ा होने तक भूनें. फिर शिमलामिर्च, नमक, गरममसाला, हलदी पाउडर डालें और 6-7 मिनट तक भूनें फिर पास्ता डालें और धीरेधीरे उलटेंपलटें. धीमी आंच पर 2-3 मिनट भून कर आंच से उतार कर गरमगरम मसाला पास्ता परोसें.

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4. ड्राई फ्रूट्स/मेवे

ड्राईफ्रूट्स हर रसोई में रहते हैं. इन में पोषण के बड़े फायदे हैं. बादाम, पिस्ता और अखरोट से बनी न केवल मिठाई ललचाती हैं, बल्कि ये अपनेआप में भी मुकम्मल स्नैक्स हैं. यदि सलाद या अन्न के नाश्ते से आप का जी भर गया है तो इन में मुट्ठी पर ड्राईफ्रूट्स डाल कर देखें. आप का हर स्नैक अधिक मजेदार, क्रंची और सेहत भरा हो जाएगा. भुने या नमकीन ड्राईफ्रूट्स में भरपूर पोषण होता है. बादाम, किसमिस या पिस्ते से कोलैस्ट्रौल का भी सही स्तर बना रहता है.

ड्राईफ्रूट्स में उचित मात्रा में विटामिन और मिनरल्स भी होते हैं. ड्राईफ्रूट्स का सेवन वजन सही रखने का कुदरती उपाय है. ड्राईफ्रूट्स के फ्लेवर का पूरा आनंद और फायदा तो तब है जब आप इन्हें कच्चा खाएं. हालांकि रोस्ट करने से भी इन का फ्लेवर अधिक मजेदार हो जाता है.

बादाम

पोषक तत्त्वों से भरपूर बादाम न केवल शरीर को चरबी से छुटकारा दिला सकते हैं, बल्कि आप के दिल की सेहत के रखवाले भी हैं.

पिस्ता

पिस्ता एक लंबे अरसे से अनमोल मेवा रहा है. इस में कई मिनरल्स जैसेकि कौपर, मैग्नीज, पोटैशियम, कैल्सियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक आदि अच्छी मात्रा में पाए

जाते हैं.

अखरोट

अखरोट से हमारे शरीर का बैड कोलैस्ट्रौल कम होने के साथसाथ हमारे मैटाबोलिज्म में भी सुधार होता है और डायबिटीज पर भी नियंत्रण रहता है.

ध्यान रहे

शिमलामिर्च के साथ जितना चाहें सब्जियां डाल सकते हैं. इस से स्वाद के साथ पोषण भी बढ़ता है.

आप इस में पावभाजी, गरममसाला आदि किसी भी खास मसाले का तड़का लगा सकते हैं.

पास्ता कुक करते हुए औयल डालने से पास्ता न तो चिपकेगा और न ही टूटेगा.

– रजनीश भसीन

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शूटिंग के लिए पेन किलर लेती थीं एक्ट्रेस यानिया भारद्वाज, पढ़ें इंटरव्यू

वेब सीरीज ‘मेड इन हेवेन’ में काम कर चुकी अभिनेत्री यानिया भारद्वाज ने हाल ही में थ्रिलर फिल्म छोरी में एक चुड़ैल सुनैनी की भूमिका निभाकर अपनी एक अलग पहचान बनाई है. हालाँकि इस अवस्था में आधिकतर न्यू कमर रॉमकॉम फिल्मों में काम करना पसंद करते है, ऐसे में यानिया ने अन्कन्वेन्शनल रास्ता चुना है, जिस पर उनके लिए चलना आसान नहीं था, पर यानिया को इस भूमिका से काफी प्रसंशा मिली है. उनके इस फ़िल्मी कैरियर में उनकी मां सुषमा शर्मा और पिता निरंजन शर्मा का बहुत सहयोग रहा है. उन्होंने हमेशा बेटी का साथ दिया है. स्वभाव से विनम्र और हंसमुख यानिया ने गृहशोभा के किये ख़ास बात की पेश है अंश.

सवाल- आभिनय में आने की इच्छा कैसे पैदा हुई?

जवाब – परिवार में दूर-दूर तक कोई भी फ़िल्मी दुनिया से नहीं है. सभी इंजीनियर और साइंस के क्षेत्र से है. मुझे अभिनय का शौक वर्ल्ड सिनेमा देखकर आया और इसके बाद मैंने थिएटर में अभिनय करना शुरू कर दिया था. इसके बाद धीरे-धीरे फिल्मों में काम मिल रहा है. मुझे टीवी देखना पसंद है, पर काम करने की इच्छा अभी नहीं है. मुझे हमेशा अलग और चुनौतीपूर्ण काम करने में मजा आता है.

सवाल –छोरी जैसी फिल्मों में काम करने की खास वजह क्या रही?

जवाब – ये चरित्र बहुत चुनौतीपूर्ण थी, क्योंकि इसमें प्रोस्थेटिक का प्रयोग हुआ है, लेकिन इसमें चुड़ैल की भी एक इमोशन और मेंटल स्टेटस बहुत मजबूत है, जिसे दिखाने की कोशिश की गयी है. यही इस चरित्र की खास विशेषता थी और कलाकार के रुपमे मुझे कर लेना चाहिए. इसके अलावा वेब सीरीज मेड इन हेवेन से ये चरित्र एकदम अपोजिट था और इसे करने पर दर्शकों को लगेगा कि मैंने कुछ अलग काम किया है. इस काम का मिलना भी आसान नहीं था. मुझे तीन ऑडिशन देने पड़े.

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सवाल – सुना है कि आप इस प्रोस्थेटिक को लगाने के के लिए 3 घंटे बैठने पड़ते थे, इसके बाद उसे लेकर शूटिंग और अंत में निकालना, ऐसा करते-करते आप अस्पताल में भर्ती हो गयी थी, इसमें कितनी सच्चाई है?

जवाब – असल में प्रोस्थेटिक में पूरे शरीर को कवर करना पड़ता है,इसे दिन की शुरुआत में लगता था, फिर शूटिंग शाम तक खत्म होता था,इससे मैं थक जाती थी. इसलिए मैं हर रात को एक पेन किलर लेती थी, ताकि मेरी वजह से शूटिंग में देरी न हो. हर रोज पेन किलर लेने की वजह से मेरे पेट में गड़बड़ी हो गयी थी और शूटिंग की अंतिम दिन मैं कुछ खा नहीं पा रही थी, जो भी खाती थी मुझे उल्टी हो जाती थी, इसलिए मुझे हॉस्पिटल जाना पड़ा था.

सवाल –हिमाचल प्रदेश से अधिकतर न्यू कमर आते है और उन्हें काम भी कमोवेश मिल जाता है, क्या हिमाचल कला के क्षेत्र में धनी है ? वजह क्या मानती है?

जवाब – वैसे इंडस्ट्री में हर जगह से लोग आते है, लेकिन सफल वही हो पाते है, जो किसी चुनौती को लेने से डरते नहीं, क्योंकि यहाँ रिजेक्शन बहुत होता है और यूथ उससे डर कर भाग जाते है, जबकि ऑडिशन में रिजेक्शन लाइफ की एक पार्ट है और उसे उसी रूप में लेने की आवश्यकता है. मेहनत को जारी रखने से काम मिल जाता है और जो ऐसा नहीं कर पाते वे छोडकर चले जाते है. इसके अलावा हिमाचल कला के क्षेत्र में धनी है, वहां की हवा प्योर है और प्रदूषण नहीं है.

सवाल – हिमांचल से मुंबई कैसे आना हुआ, परिवार के रिएक्शन क्या थे?

जवाब – मेरी जर्नी बहुत कठिन थी. पहले मैं मुंबई आई थी, लेकिन ग्रेजुएशन के लिए वापस चली गयी थी. ग्रेजुएशन करने के बाद मेरे पेरेंट्स ने मुझेमेरे पसंद की काम करने की आज़ादी दी. उन्होंने कभी किसी बात को मेरे ऊपर थोपा नहीं, लेकिन हमेशा साथ देने की बात कही, जो मेरे लिए बहुत अच्छी बात रही,क्योंकिपहले मैं एस्ट्रोनॉट्स बनना चाहती थी, लेकिन कुछ कारणों से उस फील्ड में नहीं जा सकी. फिर मैंने एक्टिंग में जाने की बात सोची. इसके अलावा मुंबई आते वक्त कभी मेरी माँ तो कभी मेरे पिता साथ आते थे. परिवार का पूरा सहयोग है.मुंबई आकर मैं अपनी छोटी बहन के साथ रही. धीरे-धीरे मेरी एक्टिंग जर्नी थिएटर से शुरू हुई.

सवाल – फिल्म छोरी की सफलता को कैसे सेलिब्रेट कर रही है?

जवाब – मुझे ख़ुशी इस बात से है कि उसमें मेरी भूमिका के इमोशन को लोग फील कर पा रहे है और मेरे पेरेंट्स भी इससे बहुत खुश है. मुझे एक खूबसूरत मेसेज इन्स्टाग्राम पर आया है कि फिल्म छोरी को देखते हुए उस लड़की की माँ इतनी डर गयी कि पूरी फिल्म तक वह रोते जा रही थी, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि इस लड़की के साथ ये सब कैसे हुआ. बहुत ही रियल अभिनय था. इसके अलावा लड़कियों के लिए इसमें काफी मेसेज है, जिसकी वजह से वे मेरे चरित्र से काफी प्रभावित हो रही है.

सवाल –  रियल लाइफ में यानिया कैसी है?

जवाब – मैं बहुत ज्यादा इमोशनल हूं. कई बार मेरी माँ मुझे किसी बात को लेकर सोचने  से मना करती है.

सवाल – अभिनय के अलावा किस बात का शौक रखती है?

जवाब – मैं ट्रैकिंग करती हूं. मुझे माउंटनियरिंग का बहुत शौक है और मैंने 5 हज़ार 400 मीटर तक चढ़ाई कर वहां की गुफा में 2 से 3 दिन रही भी हूं और मैं प्रोफेशनली 8 से 9 किलो का बैग उठाकर चलती हूं, लेकिन एक दिन माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश अवश्य करुँगी.अभी धौलाधार रेंज मैंने कवर किया है. अगले साल मैं माउंट एवरेस्ट की  बेस कैंप तक जाने की इच्छा है. कभी न कभी मैं एक कोशिश अवश्य करुँगी.

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सवाल – आपकी ड्रीम क्या है?

जवाब – मेरी ड्रीम एक वैरियर बनने की है. मुझे तलवार चलानी आती है, इसलिए अगर मुझे किसी वैरियर की भूमिका निभाने का मौका मिले तो बहुत अच्छी बात होगी.

सवाल – आज भी पुरुष और महिला कलाकारों में भेदभाव हर परिस्थिति में होती है, क्या आपको कभी इसका सामना करना पड़ा और आपकी नजर में इसमें जिम्मेदारी किसकी है?

जवाब – ये व्यक्ति विशेष की सोच पर निर्भर करता है. किसी को इसका जिम्मेदार नहीं कहा जा सकता है. मेरा कहना है कि लड़कों की तरह ही लड़कियों को उतनी महत्व दें. लड़कियां बहुत मजबूत होती है और जो काम करना चाहे कर सकती है.

Anupama-काव्या को ‘सौतन बनी सहेली’ का ताना कसेगा वनराज, देखें वीडियो

टीवी सीरियल अनुपमा (Anupama) में इन दिनों काव्या (Madalsa Sharma) का नया अंदाज देखने को मिल रहा है. जहां वनराज (Sudhanshu Pandey) को सबक सिखाने का काव्या ने फैसला कर लिया है तो वहीं समर और नंदिनी का रिश्ता भी एक बार फिर जुड़ गया है. लेकिन अपकमिंग एपिसोड में दर्शकों को मालविका और अनुज का झगड़ा होते हुए नजर आने वाला है, जिसका कारण और कोई नहीं वनराज होगा. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे (Anupama Latest Update)…

काव्या-अनुपमा पर ताना कसता है वनराज

अब तक आपने देखा कि अनुपमा, काव्या को कंपनी में नौकरी देती है, जिसके चलते वनराज काफी नाराज नजर आता है. हालांकि अनुपमा, काव्या को समझाती है कि वह अपना प्यार पाने के लिए सब्र रखे. लेकिन वनराज दोनों की दोस्ती देखकर ताना कसता हुए सौतन बनी सहेली की बात कहता दिखेगा, जिसका अनुपमा करारा जवाब देती है. वहीं काव्या उसका साथ देती नजर आती है.

 

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ठीक होगा समर-नंदनी का रिश्ता

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि काव्या-वनराज के कारण समर-नंदिनी में हुई लड़ाई खत्म हो जाएगी और दोनों अपने रिश्ते को माफी मांगकर दूसरा मौका देने की बात कहेंगे. वहीं अनुज एक बार फिर अनुपमा से अपने 26 साल पुराने प्यार का इजहार करेगा. वहीं अनुपमा भी अपने इस रिश्ते को नहीं छिपाएगी.

 

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अनुज को समझाएगी अनुपमा

दूसरी तरफ आप देखेंगे कि मालविका को अपने जाल में फंसाने वाला वनराज उसे अनुज के खिलाफ करता नजर आएगा. इसी के चलते मालविका, अनुज से कहेगी कि अगर वनराज को औफिस में कंफरटेबल महसूस नहीं होगा तो वह अपना औफिस चेंज कर लेगी. वहीं मालविका की बात सुनकर अनुज परेशान नजर आएगा. हालांकि अनुपमा उसे समझाएगी कि जल्दबाजी में कोई फैसला लेगा तो मालविका उससे दूर हो जाएगी.

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10 Tips: टूथपेस्ट से करें इन चीजों की सफाई

टूथपेस्ट… दिन में दो बार साफ दांतों और ताजगी भरी सांसों के लिए इसका उपयोग किया जाता है. बस जरा सा टूथपेस्ट और दांत मोतियों जैसे चमकेंगे, कई टूथपेस्ट बनाने वाली कंपनियां ऐसे दावे करती हैं. गौरतलब है कि सिर्फ अच्छे टूथपेस्ट से ही दांत साफ और मजबूत नहीं बनते. सही खान-पान भी बहुत जरूरी है.

पर क्या आप जानती हैं कि जरा से टूथपेस्ट से आप अपने दांतों के अलावा भी कई चीजों को चमका सकती हैं. साफ-सफाई से लेकर फर्स्ट एड तक, ये सब काम आपके बाथरूम सिंक के ऊपर रखा टूथपेस्ट करता है. बहुत से लोग इसका इस्तमाल पिंपल्स और मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए भी करते हैं. पर हम आपको ऐसा करने से पहले केमिस्ट की सलाह लेने की हिदायत देंगे. क्योंकि आपको आपकी त्वचा के अनुसार ही ऐसे ऐक्सपेरिमेंट करना चाहिए.

1. जिद्दी दाग

सफाई किसे पसंद नहीं होती ? पर घर पर अगर बच्चें हों तो साफ-सफाई रखना और भी मुश्किल हो जाता है. कभी कभी आप खुद ही अपनी महंगी सफेद ड्रेस पर स्याही या सॉस उड़ेल लेती हैं. इन सब से छुटकारा दिलाएगा सिर्फ जरा सा टूथपेस्ट.

जिद्दी दाग पर जरा सा टूथपेस्ट लगाएं. थोड़ी देर के लिए छोड़ दें और ठंडे पानी से धो लें. अगर एक बार में दाग न जाए तो इस प्रोसेस को दोहराएं.

2. गौगल्स

काला चश्मा तो सभी पर जचदा है. पर चश्मे को डस्ट फ्री रखना भी जरूरी है. चश्मे पर गंदगी बैठ जाती है, और पूरी तरह से साफ करने में दिक्कत होती है. जरा से टूथपेस्ट से आपके गौगल्स नए जैसे हो जाएंगे.

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3. डायमंड ज्वेलरी

डायमंड ज्वेलरी की चमक बरकरार रखना भी आसान नहीं है. हीरे के गहने आपकी सुंदरता तो बढ़ाते हैं. पर इन्हें चमकदार बनाए रखने में परेशानी होती है. डायमंड ज्वेलरी को आप टूथपेस्ट की सहायता से आसानी से साफ कर सकती हैं. ब्रश और टूथपेस्ट से साफ करें डायमंड ज्वेलरी और अपने गहनों को सालो साल बनाए रखें नए जैसा.

4. हाथों का ड्योड्रेंट
प्याज और लहसुन छिलने और काटने से इनकी खुशबू हाथों में ही रह जाती है. हाथों पर जरा सा टूथपेस्ट लगाएं और हाथों को धो लें. प्याज, लहसुन की महक चली जाएगी. वैसे तो आप हैंडवॉश का यूज करती ही होंगी, पर टूथपेस्ट भी इस काम के लिए कारगर है.

5. बालों से हटाएं च्युइंग गम

बच्चे शरारती होते हैं. खेल-खेल में वे कई शैतानियां करते हैं. कई बार च्युइंग गम चबाने के अलावा बालों में भी लगा लेते हैं. च्युइंग गम बालों से आसानी से नहीं निकलता. पर टूथपेस्ट से यह आसानी से निकल जाएगा. बालों में लगे च्युइंग गम पर टूथपेस्ट लगाएं, इससे च्युइंग गम आसानी से निकल जाएगा.

6. कार्पेट स्टेन्स

कार्पेट पर स्टेन्स तो लग ही जाते हैं. चाहे आप कितनी भी सावधानी क्यों न बरतें. पर ये दाग छुड़ाने में शामत आपकी आती है. पर टूथपेस्ट से ये काम आसान हो जाएगा. दाग पर टूथपेस्ट लगाएं, और गीले टूथब्रश से रगड़ें. अगर दाग एक बार में न निकले, तो यह प्रोसेस दोहराएं.

7. दीवारों पर क्रेयॉन (crayons)

बच्चे अपनी करामात दीवारों पर भी दिखाते हैं. इन नन्हे-मुन्ने चित्रकारों को डांटने के बजाय अपने ख्यालों को आकार देने दीजिए. गंदी दीवारों की सफाई का जिम्मा टूथपेस्ट पर छोड़ दीजिए. दीवारों पर टूथपेस्ट लगाएं. गिले कपड़े से साफ कर लें. दीवारों पर बने क्रेयॉन के दाग साफ हो जाएंगे.

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8. कॉफी टेबल पर बने पानी के दाग

कॉफी टेबल पर बने पानी के दाग आपके खूबसूरत से कॉफी टेबल की रंगत बिगाड़ देते हैं. कॉफी टेबल पर बने इन दागों को भी आप आसानी से टूथपेस्ट से साफ कर सकती हैं. दाग पर टूथपेस्ट लगाएं और भीगे कपड़े से पोछें करें. दाग साफ हो जाएंगे.

9. हेडलाइट्स

स्कूटी या कार से घूमना जितना मजेदार होता है, इसके रख-रखाव पर उतना ही ध्यान देना पड़ता है. हेडलाइट पर पड़े स्क्रैच और गंदे लगते हैं. पर जरा से टूथपेस्ट से आप अपने गाड़ी की हेडलाइट भी चमका सकती हैं. टूथपेस्ट को हल्के से पानी के साथ मिलाकर हेडलाइट पर लगाएं. जरा सा रगड़कर कपड़े से पोंछ लें. हेडलाइट साफ करने की यह टिप आजमाइए और फर्क खुद ही देख लीजिए.

10. सफेद जूते

सफेद जूते आजकल फैशन का नया ट्रेन्ड हैं. पर इनको भी चमकदार बनाए रखना आसान नहीं है. पर टूथपेस्ट से आपका यह काम भी आसान हो जाएगा. गंदे जूतों पर टूथपेस्ट लगाएं, और ब्रश से साफ करें. जूते नए जैसे चमकेंगे.

टूथपेस्ट आपके कई काम आसान हो जाएंगे. वैसे भी साफ-सफाई में आपका बहुत सारा वक्त लग जाता है. पर ध्यान रखें की आप सफेद टूथपेस्ट जैसे कोल्गेट, बबूल आदि का ही इस्तमाल करें, न की जेल-बेस्ड टूथपेस्ट का.

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