फैमिली के लिए बनाएं ये 4 Healthy Snacks

अलग अलग क्षेत्रों के लोगों को अलग अलग स्वाद पसंद हो सकते हैं, लेकिन पूरे भारत में स्नैक्स सभी पसंद करते हैं. स्नैक्स तैयार करते समय स्वाद और सेहत का खास ध्यान रखा जाता है. फिर भी लोगों का मानना है कि तलेभुने स्नैक्स ही मजेदार होंगे या फिर उन का मसालेदार होना जरूरी है. आज कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें आप फटाफट रसोई में तैयार कर सकते हैं और वे अन्य किसी भी स्नैक से स्वाद में कम नहीं होंगी.

बस इन स्नैक्स में सेहत भरी चीजें डालनी हैं. बटर, मैयोनीज और रिफाइंड औयल की जगह आप औलिव औयल, संपूर्ण गेहूं से तैयार नूडल्स और पास्ता जैसी तरहतरह की चीजें इस्तेमाल कर सकती हैं. चीनी की जगह ब्राउन शुगर और ऊपर से किशमिश डाल सकती हैं. सलाद की हैवी ड्रैसिंग की जगह ऐक्स्ट्रा वर्जिन औलिव औयल, मेवे और विनाइग्रेट फायदेमंद हैं.

आप चाहें तो पास्ता और चुनिंदा मेवे से कुछ सेहत भरे स्वादिष्ठ स्नैक्स भी तैयार कर सकती हैं. सही तरह पकाएं तो मजेदार स्वाद एवं खुशबू के साथ साथ सेहत संबंधी लाभ भी मिलेंगे. आइए, जानें कुछ ऐसे ही हैल्दी जायकों के बारे में.

1. पौपकौर्न

कौर्न के कर्नेल में फाइबर के साथ साथ पर्याप्त मात्रा में ऐंटीऔक्सिडैंट भी होते हैं. ये भले ही बहुत आम दिखते हों पर सेहत के लिए इन के खास फायदे हैं. आजकल पौपकौर्न बटर और कालीमिर्च के संग तैयार करने का चलन है. मगर इन में जो भी ऐक्स्ट्रा बटर है वह सेहत संबंधी इस का फायदा खत्म कर देता है. इसलिए आप बटर की जगह औलिव औयल के संग पौपकौर्न तैयार करें और ऊपर से सी साल्ट बुरक दें. हां, खास माइक्रोवेव में बने अधिकांश पौपकौर्न में पहले से फैट डला होता है, जिस से चरबी के साथ साथ कैलोरी बढ़ने का भी खतरा रहता है.

पौपकौर्न के मुख्य पोषक तत्त्व इस के छिलके में होते हैं. यदि आप का मन मसालेदार पौपकौर्न के लिए मचल रहा हो तो ब्राउन शुगर के साथ इन का सौस बनाएं और चिली फ्लैक्स डाल कर इन का फ्लेवर बढ़ाएं. ये पौपकौर्न एकसाथ मीठा और नमकीन का मजा देंगे. सेहत के लिहाज से सफेद चीनी से बेहतर ब्राउन शुगर आप के लिए फायदेमंद रहेगी. 1 कप पौपकौर्न में लगभग 30-35 कैलोरी ऊर्जा होती है. आप चाहें तो थोड़ा औलिव औयल डाल कर और ऊपर से छिड़क कर मैडिटेरेनियन जायके का मजा पैदा कर सकते हैं.

तो अब जब भी रसोई में कदम रखें और आप के सामने शैल्फ पर ये चीजें हों तो फटाफट कुछ हैल्दी स्नैक्स बनाएं और सेहत का खयाल रखते हुए स्वाद से समझौता किए बिना जी भर के इन का मजा लें.

ये भी पढ़ें- Winter Special: Chinese Food के हैं शौकीन तो घर पर बनाएं वेज स्प्रिंग रोल

2. पास्ता

यह मैडिटेरेनियन जायके का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है और भारत में भी बहुत पसंद किया जाता है. पास्ते में सेहत का तड़का लगाया जा सकता है. आमतौर पर पास्ते में हम ढेर सारा औयल और मसाले के साथ ऊपर से चीज भी डालते हैं. हालांकि आम कुकिंग औयल के बदले ऐक्स्ट्रा लाइट औलिव औयल डाल कर पास्ते को भारत के लोगों की पसंद के हिसाब से तैयार कर सकते हैं.

औलिव औयल में भुनने के बाद ऊपर से औलिव और ड्राईफ्रूट्स डालें तो न केवल असली स्पेनिश फ्लेवर आएगा, बल्कि यह सेहत के लिए भी सही रहेगा. अब संपूर्ण गेहूं से तैयार पास्ता हो तो इस में सेहत के अधिक फायदे होंगे ही. इस पास्ते में फाइबर और पोषक तत्त्वों की अधिकता होगी. आप को गेहूं के सब से पोषक हिस्सों चोकर और अंकुर का अच्छा लाभ मिल सकता है.

यदि चीज के बिना पास्ता बेमजा लगता हो तो 1 कटोरा पास्ते में इस का बस एक क्यूब डालें और ऊपर से सब्जियां भी रखें. पास्ता चबाने का अलग मजा होगा और इस का साल्टी टैक्स्चर किसी का भी जी ललचा सकता है. अगर पास्ते में नया ट्विस्ट डालना हो तो ग्रिल की गई सब्जियां डाल कर देखें. दही फेंट कर भी पास्ते में उलटपलट सकते हैं. ऊपर से नीबू और कालीमिर्च पाउडर बुरक दें तो मजा आ जाएगा. पास्ता बनाने की अलग अलग विधियां हैं जैसे पास्ता सलाद फल और मेवों के संग. पास्ता सब्जियों के साथ उबाल कर भी बना सकते हैं.

3. मसाला पास्ता

सब्जियों और भारतीय मसालों से बनाएं स्वादिष्ठ और सेहतमंद पास्ता.

सामग्री

1-1/2 कप पास्ता

1 बड़ा प्याज बारीक कटा हुआ

1/2 हरी शिमलामिर्च कटी हुई

2 टमाटर बारीक कटे हुए

2-3 हरीमिर्चें कटी

1 छोटा टुकड़ा अदरक कुटा

1-1/2 छोटे चम्मच गरममसाला पाउडर

1/2 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

1 छोटा चम्मच साबूत सरसों

1 छोटा चम्मच साबूत धनिया

10-12 करीपत्ते

थोड़ा सा जीरा

गरम करने के लिए पर्याप्त औलिव औयल

नमक स्वादानुसार

विधि

एक गहरे बरतन में 4 कप पानी डालें. इस में नमक और 1 छोटा चम्मच तेल डालें. फिर पास्ता डालें और जब तक यह नरम न हो जाए तब तक पकाएं. फिर पानी निकाल दें और ठंडे पानी से धो कर एक तरफ रख दें. अब कड़ाही में 2-3 बड़े चम्मच औयल गरम कर सरसों, जीरा, हरीमिर्च, अदरक और करीपत्ते डाल दें.

अब प्याज डालें और रंग हलका होने तक पकाएं. टमाटर डालें और गाढ़ा होने तक भूनें. फिर शिमलामिर्च, नमक, गरममसाला, हलदी पाउडर डालें और 6-7 मिनट तक भूनें फिर पास्ता डालें और धीरेधीरे उलटेंपलटें. धीमी आंच पर 2-3 मिनट भून कर आंच से उतार कर गरमगरम मसाला पास्ता परोसें.

ये भी पढ़ें- Winter Special: चाय के शौकीन बनाएं Cheese Tea

4. ड्राई फ्रूट्स/मेवे

ड्राईफ्रूट्स हर रसोई में रहते हैं. इन में पोषण के बड़े फायदे हैं. बादाम, पिस्ता और अखरोट से बनी न केवल मिठाई ललचाती हैं, बल्कि ये अपनेआप में भी मुकम्मल स्नैक्स हैं. यदि सलाद या अन्न के नाश्ते से आप का जी भर गया है तो इन में मुट्ठी पर ड्राईफ्रूट्स डाल कर देखें. आप का हर स्नैक अधिक मजेदार, क्रंची और सेहत भरा हो जाएगा. भुने या नमकीन ड्राईफ्रूट्स में भरपूर पोषण होता है. बादाम, किसमिस या पिस्ते से कोलैस्ट्रौल का भी सही स्तर बना रहता है.

ड्राईफ्रूट्स में उचित मात्रा में विटामिन और मिनरल्स भी होते हैं. ड्राईफ्रूट्स का सेवन वजन सही रखने का कुदरती उपाय है. ड्राईफ्रूट्स के फ्लेवर का पूरा आनंद और फायदा तो तब है जब आप इन्हें कच्चा खाएं. हालांकि रोस्ट करने से भी इन का फ्लेवर अधिक मजेदार हो जाता है.

बादाम

पोषक तत्त्वों से भरपूर बादाम न केवल शरीर को चरबी से छुटकारा दिला सकते हैं, बल्कि आप के दिल की सेहत के रखवाले भी हैं.

पिस्ता

पिस्ता एक लंबे अरसे से अनमोल मेवा रहा है. इस में कई मिनरल्स जैसेकि कौपर, मैग्नीज, पोटैशियम, कैल्सियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक आदि अच्छी मात्रा में पाए

जाते हैं.

अखरोट

अखरोट से हमारे शरीर का बैड कोलैस्ट्रौल कम होने के साथसाथ हमारे मैटाबोलिज्म में भी सुधार होता है और डायबिटीज पर भी नियंत्रण रहता है.

ध्यान रहे

शिमलामिर्च के साथ जितना चाहें सब्जियां डाल सकते हैं. इस से स्वाद के साथ पोषण भी बढ़ता है.

आप इस में पावभाजी, गरममसाला आदि किसी भी खास मसाले का तड़का लगा सकते हैं.

पास्ता कुक करते हुए औयल डालने से पास्ता न तो चिपकेगा और न ही टूटेगा.

– रजनीश भसीन

ये भी पढ़ें- 26 January Special: फैमिली के लिए बनाएं तिरंगा पुलाव

शूटिंग के लिए पेन किलर लेती थीं एक्ट्रेस यानिया भारद्वाज, पढ़ें इंटरव्यू

वेब सीरीज ‘मेड इन हेवेन’ में काम कर चुकी अभिनेत्री यानिया भारद्वाज ने हाल ही में थ्रिलर फिल्म छोरी में एक चुड़ैल सुनैनी की भूमिका निभाकर अपनी एक अलग पहचान बनाई है. हालाँकि इस अवस्था में आधिकतर न्यू कमर रॉमकॉम फिल्मों में काम करना पसंद करते है, ऐसे में यानिया ने अन्कन्वेन्शनल रास्ता चुना है, जिस पर उनके लिए चलना आसान नहीं था, पर यानिया को इस भूमिका से काफी प्रसंशा मिली है. उनके इस फ़िल्मी कैरियर में उनकी मां सुषमा शर्मा और पिता निरंजन शर्मा का बहुत सहयोग रहा है. उन्होंने हमेशा बेटी का साथ दिया है. स्वभाव से विनम्र और हंसमुख यानिया ने गृहशोभा के किये ख़ास बात की पेश है अंश.

सवाल- आभिनय में आने की इच्छा कैसे पैदा हुई?

जवाब – परिवार में दूर-दूर तक कोई भी फ़िल्मी दुनिया से नहीं है. सभी इंजीनियर और साइंस के क्षेत्र से है. मुझे अभिनय का शौक वर्ल्ड सिनेमा देखकर आया और इसके बाद मैंने थिएटर में अभिनय करना शुरू कर दिया था. इसके बाद धीरे-धीरे फिल्मों में काम मिल रहा है. मुझे टीवी देखना पसंद है, पर काम करने की इच्छा अभी नहीं है. मुझे हमेशा अलग और चुनौतीपूर्ण काम करने में मजा आता है.

सवाल –छोरी जैसी फिल्मों में काम करने की खास वजह क्या रही?

जवाब – ये चरित्र बहुत चुनौतीपूर्ण थी, क्योंकि इसमें प्रोस्थेटिक का प्रयोग हुआ है, लेकिन इसमें चुड़ैल की भी एक इमोशन और मेंटल स्टेटस बहुत मजबूत है, जिसे दिखाने की कोशिश की गयी है. यही इस चरित्र की खास विशेषता थी और कलाकार के रुपमे मुझे कर लेना चाहिए. इसके अलावा वेब सीरीज मेड इन हेवेन से ये चरित्र एकदम अपोजिट था और इसे करने पर दर्शकों को लगेगा कि मैंने कुछ अलग काम किया है. इस काम का मिलना भी आसान नहीं था. मुझे तीन ऑडिशन देने पड़े.

ये भी पढ़ें- Anupama-काव्या को ‘सौतन बनी सहेली’ का ताना कसेगा वनराज, देखें वीडियो

सवाल – सुना है कि आप इस प्रोस्थेटिक को लगाने के के लिए 3 घंटे बैठने पड़ते थे, इसके बाद उसे लेकर शूटिंग और अंत में निकालना, ऐसा करते-करते आप अस्पताल में भर्ती हो गयी थी, इसमें कितनी सच्चाई है?

जवाब – असल में प्रोस्थेटिक में पूरे शरीर को कवर करना पड़ता है,इसे दिन की शुरुआत में लगता था, फिर शूटिंग शाम तक खत्म होता था,इससे मैं थक जाती थी. इसलिए मैं हर रात को एक पेन किलर लेती थी, ताकि मेरी वजह से शूटिंग में देरी न हो. हर रोज पेन किलर लेने की वजह से मेरे पेट में गड़बड़ी हो गयी थी और शूटिंग की अंतिम दिन मैं कुछ खा नहीं पा रही थी, जो भी खाती थी मुझे उल्टी हो जाती थी, इसलिए मुझे हॉस्पिटल जाना पड़ा था.

सवाल –हिमाचल प्रदेश से अधिकतर न्यू कमर आते है और उन्हें काम भी कमोवेश मिल जाता है, क्या हिमाचल कला के क्षेत्र में धनी है ? वजह क्या मानती है?

जवाब – वैसे इंडस्ट्री में हर जगह से लोग आते है, लेकिन सफल वही हो पाते है, जो किसी चुनौती को लेने से डरते नहीं, क्योंकि यहाँ रिजेक्शन बहुत होता है और यूथ उससे डर कर भाग जाते है, जबकि ऑडिशन में रिजेक्शन लाइफ की एक पार्ट है और उसे उसी रूप में लेने की आवश्यकता है. मेहनत को जारी रखने से काम मिल जाता है और जो ऐसा नहीं कर पाते वे छोडकर चले जाते है. इसके अलावा हिमाचल कला के क्षेत्र में धनी है, वहां की हवा प्योर है और प्रदूषण नहीं है.

सवाल – हिमांचल से मुंबई कैसे आना हुआ, परिवार के रिएक्शन क्या थे?

जवाब – मेरी जर्नी बहुत कठिन थी. पहले मैं मुंबई आई थी, लेकिन ग्रेजुएशन के लिए वापस चली गयी थी. ग्रेजुएशन करने के बाद मेरे पेरेंट्स ने मुझेमेरे पसंद की काम करने की आज़ादी दी. उन्होंने कभी किसी बात को मेरे ऊपर थोपा नहीं, लेकिन हमेशा साथ देने की बात कही, जो मेरे लिए बहुत अच्छी बात रही,क्योंकिपहले मैं एस्ट्रोनॉट्स बनना चाहती थी, लेकिन कुछ कारणों से उस फील्ड में नहीं जा सकी. फिर मैंने एक्टिंग में जाने की बात सोची. इसके अलावा मुंबई आते वक्त कभी मेरी माँ तो कभी मेरे पिता साथ आते थे. परिवार का पूरा सहयोग है.मुंबई आकर मैं अपनी छोटी बहन के साथ रही. धीरे-धीरे मेरी एक्टिंग जर्नी थिएटर से शुरू हुई.

सवाल – फिल्म छोरी की सफलता को कैसे सेलिब्रेट कर रही है?

जवाब – मुझे ख़ुशी इस बात से है कि उसमें मेरी भूमिका के इमोशन को लोग फील कर पा रहे है और मेरे पेरेंट्स भी इससे बहुत खुश है. मुझे एक खूबसूरत मेसेज इन्स्टाग्राम पर आया है कि फिल्म छोरी को देखते हुए उस लड़की की माँ इतनी डर गयी कि पूरी फिल्म तक वह रोते जा रही थी, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि इस लड़की के साथ ये सब कैसे हुआ. बहुत ही रियल अभिनय था. इसके अलावा लड़कियों के लिए इसमें काफी मेसेज है, जिसकी वजह से वे मेरे चरित्र से काफी प्रभावित हो रही है.

सवाल –  रियल लाइफ में यानिया कैसी है?

जवाब – मैं बहुत ज्यादा इमोशनल हूं. कई बार मेरी माँ मुझे किसी बात को लेकर सोचने  से मना करती है.

सवाल – अभिनय के अलावा किस बात का शौक रखती है?

जवाब – मैं ट्रैकिंग करती हूं. मुझे माउंटनियरिंग का बहुत शौक है और मैंने 5 हज़ार 400 मीटर तक चढ़ाई कर वहां की गुफा में 2 से 3 दिन रही भी हूं और मैं प्रोफेशनली 8 से 9 किलो का बैग उठाकर चलती हूं, लेकिन एक दिन माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश अवश्य करुँगी.अभी धौलाधार रेंज मैंने कवर किया है. अगले साल मैं माउंट एवरेस्ट की  बेस कैंप तक जाने की इच्छा है. कभी न कभी मैं एक कोशिश अवश्य करुँगी.

ये भी पढ़ें- साउथ इंडियन स्टाइल में दुल्हन बनीं Mouni Roy, शादी की फोटोज हुई वायरल

सवाल – आपकी ड्रीम क्या है?

जवाब – मेरी ड्रीम एक वैरियर बनने की है. मुझे तलवार चलानी आती है, इसलिए अगर मुझे किसी वैरियर की भूमिका निभाने का मौका मिले तो बहुत अच्छी बात होगी.

सवाल – आज भी पुरुष और महिला कलाकारों में भेदभाव हर परिस्थिति में होती है, क्या आपको कभी इसका सामना करना पड़ा और आपकी नजर में इसमें जिम्मेदारी किसकी है?

जवाब – ये व्यक्ति विशेष की सोच पर निर्भर करता है. किसी को इसका जिम्मेदार नहीं कहा जा सकता है. मेरा कहना है कि लड़कों की तरह ही लड़कियों को उतनी महत्व दें. लड़कियां बहुत मजबूत होती है और जो काम करना चाहे कर सकती है.

Anupama-काव्या को ‘सौतन बनी सहेली’ का ताना कसेगा वनराज, देखें वीडियो

टीवी सीरियल अनुपमा (Anupama) में इन दिनों काव्या (Madalsa Sharma) का नया अंदाज देखने को मिल रहा है. जहां वनराज (Sudhanshu Pandey) को सबक सिखाने का काव्या ने फैसला कर लिया है तो वहीं समर और नंदिनी का रिश्ता भी एक बार फिर जुड़ गया है. लेकिन अपकमिंग एपिसोड में दर्शकों को मालविका और अनुज का झगड़ा होते हुए नजर आने वाला है, जिसका कारण और कोई नहीं वनराज होगा. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे (Anupama Latest Update)…

काव्या-अनुपमा पर ताना कसता है वनराज

अब तक आपने देखा कि अनुपमा, काव्या को कंपनी में नौकरी देती है, जिसके चलते वनराज काफी नाराज नजर आता है. हालांकि अनुपमा, काव्या को समझाती है कि वह अपना प्यार पाने के लिए सब्र रखे. लेकिन वनराज दोनों की दोस्ती देखकर ताना कसता हुए सौतन बनी सहेली की बात कहता दिखेगा, जिसका अनुपमा करारा जवाब देती है. वहीं काव्या उसका साथ देती नजर आती है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by @anujkapadia_gauravkhanna

ये भी पढ़ें- साउथ इंडियन स्टाइल में दुल्हन बनीं Mouni Roy, शादी की फोटोज हुई वायरल

ठीक होगा समर-नंदनी का रिश्ता

 

View this post on Instagram

 

A post shared by The Real Shopping (@anupama_fan_pg__)

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि काव्या-वनराज के कारण समर-नंदिनी में हुई लड़ाई खत्म हो जाएगी और दोनों अपने रिश्ते को माफी मांगकर दूसरा मौका देने की बात कहेंगे. वहीं अनुज एक बार फिर अनुपमा से अपने 26 साल पुराने प्यार का इजहार करेगा. वहीं अनुपमा भी अपने इस रिश्ते को नहीं छिपाएगी.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by anupama (@anupama_ka_anuj)

अनुज को समझाएगी अनुपमा

दूसरी तरफ आप देखेंगे कि मालविका को अपने जाल में फंसाने वाला वनराज उसे अनुज के खिलाफ करता नजर आएगा. इसी के चलते मालविका, अनुज से कहेगी कि अगर वनराज को औफिस में कंफरटेबल महसूस नहीं होगा तो वह अपना औफिस चेंज कर लेगी. वहीं मालविका की बात सुनकर अनुज परेशान नजर आएगा. हालांकि अनुपमा उसे समझाएगी कि जल्दबाजी में कोई फैसला लेगा तो मालविका उससे दूर हो जाएगी.

ये भी पढ़ें- GHKKPM: सई ने दिखाया बेबी बंप, क्या है प्रैग्नेंसी की सच्चाई?

10 Tips: टूथपेस्ट से करें इन चीजों की सफाई

टूथपेस्ट… दिन में दो बार साफ दांतों और ताजगी भरी सांसों के लिए इसका उपयोग किया जाता है. बस जरा सा टूथपेस्ट और दांत मोतियों जैसे चमकेंगे, कई टूथपेस्ट बनाने वाली कंपनियां ऐसे दावे करती हैं. गौरतलब है कि सिर्फ अच्छे टूथपेस्ट से ही दांत साफ और मजबूत नहीं बनते. सही खान-पान भी बहुत जरूरी है.

पर क्या आप जानती हैं कि जरा से टूथपेस्ट से आप अपने दांतों के अलावा भी कई चीजों को चमका सकती हैं. साफ-सफाई से लेकर फर्स्ट एड तक, ये सब काम आपके बाथरूम सिंक के ऊपर रखा टूथपेस्ट करता है. बहुत से लोग इसका इस्तमाल पिंपल्स और मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए भी करते हैं. पर हम आपको ऐसा करने से पहले केमिस्ट की सलाह लेने की हिदायत देंगे. क्योंकि आपको आपकी त्वचा के अनुसार ही ऐसे ऐक्सपेरिमेंट करना चाहिए.

1. जिद्दी दाग

सफाई किसे पसंद नहीं होती ? पर घर पर अगर बच्चें हों तो साफ-सफाई रखना और भी मुश्किल हो जाता है. कभी कभी आप खुद ही अपनी महंगी सफेद ड्रेस पर स्याही या सॉस उड़ेल लेती हैं. इन सब से छुटकारा दिलाएगा सिर्फ जरा सा टूथपेस्ट.

जिद्दी दाग पर जरा सा टूथपेस्ट लगाएं. थोड़ी देर के लिए छोड़ दें और ठंडे पानी से धो लें. अगर एक बार में दाग न जाए तो इस प्रोसेस को दोहराएं.

2. गौगल्स

काला चश्मा तो सभी पर जचदा है. पर चश्मे को डस्ट फ्री रखना भी जरूरी है. चश्मे पर गंदगी बैठ जाती है, और पूरी तरह से साफ करने में दिक्कत होती है. जरा से टूथपेस्ट से आपके गौगल्स नए जैसे हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें- इन 4 नेचुरल तरीके से धोएं फल और सब्‍जियां

3. डायमंड ज्वेलरी

डायमंड ज्वेलरी की चमक बरकरार रखना भी आसान नहीं है. हीरे के गहने आपकी सुंदरता तो बढ़ाते हैं. पर इन्हें चमकदार बनाए रखने में परेशानी होती है. डायमंड ज्वेलरी को आप टूथपेस्ट की सहायता से आसानी से साफ कर सकती हैं. ब्रश और टूथपेस्ट से साफ करें डायमंड ज्वेलरी और अपने गहनों को सालो साल बनाए रखें नए जैसा.

4. हाथों का ड्योड्रेंट
प्याज और लहसुन छिलने और काटने से इनकी खुशबू हाथों में ही रह जाती है. हाथों पर जरा सा टूथपेस्ट लगाएं और हाथों को धो लें. प्याज, लहसुन की महक चली जाएगी. वैसे तो आप हैंडवॉश का यूज करती ही होंगी, पर टूथपेस्ट भी इस काम के लिए कारगर है.

5. बालों से हटाएं च्युइंग गम

बच्चे शरारती होते हैं. खेल-खेल में वे कई शैतानियां करते हैं. कई बार च्युइंग गम चबाने के अलावा बालों में भी लगा लेते हैं. च्युइंग गम बालों से आसानी से नहीं निकलता. पर टूथपेस्ट से यह आसानी से निकल जाएगा. बालों में लगे च्युइंग गम पर टूथपेस्ट लगाएं, इससे च्युइंग गम आसानी से निकल जाएगा.

6. कार्पेट स्टेन्स

कार्पेट पर स्टेन्स तो लग ही जाते हैं. चाहे आप कितनी भी सावधानी क्यों न बरतें. पर ये दाग छुड़ाने में शामत आपकी आती है. पर टूथपेस्ट से ये काम आसान हो जाएगा. दाग पर टूथपेस्ट लगाएं, और गीले टूथब्रश से रगड़ें. अगर दाग एक बार में न निकले, तो यह प्रोसेस दोहराएं.

7. दीवारों पर क्रेयॉन (crayons)

बच्चे अपनी करामात दीवारों पर भी दिखाते हैं. इन नन्हे-मुन्ने चित्रकारों को डांटने के बजाय अपने ख्यालों को आकार देने दीजिए. गंदी दीवारों की सफाई का जिम्मा टूथपेस्ट पर छोड़ दीजिए. दीवारों पर टूथपेस्ट लगाएं. गिले कपड़े से साफ कर लें. दीवारों पर बने क्रेयॉन के दाग साफ हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें-जानें सफेद कपड़ों को कैसे रखें White

8. कॉफी टेबल पर बने पानी के दाग

कॉफी टेबल पर बने पानी के दाग आपके खूबसूरत से कॉफी टेबल की रंगत बिगाड़ देते हैं. कॉफी टेबल पर बने इन दागों को भी आप आसानी से टूथपेस्ट से साफ कर सकती हैं. दाग पर टूथपेस्ट लगाएं और भीगे कपड़े से पोछें करें. दाग साफ हो जाएंगे.

9. हेडलाइट्स

स्कूटी या कार से घूमना जितना मजेदार होता है, इसके रख-रखाव पर उतना ही ध्यान देना पड़ता है. हेडलाइट पर पड़े स्क्रैच और गंदे लगते हैं. पर जरा से टूथपेस्ट से आप अपने गाड़ी की हेडलाइट भी चमका सकती हैं. टूथपेस्ट को हल्के से पानी के साथ मिलाकर हेडलाइट पर लगाएं. जरा सा रगड़कर कपड़े से पोंछ लें. हेडलाइट साफ करने की यह टिप आजमाइए और फर्क खुद ही देख लीजिए.

10. सफेद जूते

सफेद जूते आजकल फैशन का नया ट्रेन्ड हैं. पर इनको भी चमकदार बनाए रखना आसान नहीं है. पर टूथपेस्ट से आपका यह काम भी आसान हो जाएगा. गंदे जूतों पर टूथपेस्ट लगाएं, और ब्रश से साफ करें. जूते नए जैसे चमकेंगे.

टूथपेस्ट आपके कई काम आसान हो जाएंगे. वैसे भी साफ-सफाई में आपका बहुत सारा वक्त लग जाता है. पर ध्यान रखें की आप सफेद टूथपेस्ट जैसे कोल्गेट, बबूल आदि का ही इस्तमाल करें, न की जेल-बेस्ड टूथपेस्ट का.

ये भी पढ़ें- कीटाणु नहीं घर में बसे खुशियां

बच्चे को बचाएं Allergy से

बच्चों में विभिन्न प्रकार की ऐलर्जी होने की प्रवृत्ति होती है और ऐलर्जी उत्पन्न करने वाले कारण कई होते हैं. जैसे- धूल के कण, पालतू जानवर की रूसी और कुछ भोज्य पदार्थ. कुछ बच्चों को कौस्मैटिक्स मिलाए जाने वाले सौंदर्य प्रसाधनों, कपड़े धोने वाले साबुन, घर में इस्तेमाल होने वाले क्लीनर्स से भी ऐलर्जी हो जाती है. ऐलर्जी अकसर जींस के कारण भी पनपती है. लेकिन आप अगर इस के उपचार का पहले से पता लगा लें तो इस की रोकथाम कर सकती हैं.

ऐलर्जी के लक्षण

लगातार छींकें आना, नाक बहना, नाक में खुजली होना, नाक का बंद होना, कफ वाली खांसी, सांस लेने में परेशानी और आंखों में होने वाली कंजंक्टिवाइटिस. अगर बच्चे की सांस फूलती है या सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ होने लगे तो वह श्वास रोग का शिकार हो सकता है.

ऐलर्जी का इलाज

यदि बच्चे में 1 हफ्ते से अधिक समय तक ये लक्षण नजर आएं अथवा साल में किसी एक खास समय में लक्षण दिखाई दें तो डाक्टर की सलाह लें. डाक्टर आप से इन लक्षणों के बारे में कुछ प्रश्न पूछेगा और उन के जवाब पर बच्चे के शारीरिक परीक्षण के आधार पर उसे दवाएं देगा. अगर जरूरत पड़े तो ऐलर्जी के विशेषज्ञ डाक्टर से परामर्श व दवा लेने के लिए कहेगा या रेफर करेगा.

ये भी पढ़ें- किशमिश ही नहीं, इसका पानी भी है सेहत के लिए फायदेमंद

ऐलर्जी की तकलीफ का वास्तव में कोई इलाज नहीं है. लेकिन इस के लक्षण को कम कर के आराम मिल सकता है. मातापिता को अपने बच्चों को ऐलर्जी से मुकाबला करने के लिए शिक्षित करना होगा और उन के शिक्षकों, परिवार के सदस्यों, भाईबहन, दोस्तों आदि को इन के लक्षणों से अवगत करा कर निबटने की अनिवार्य जानकारी देनी होगी.

ऐलर्जी से बचाव

अपने बच्चों के कमरे से पालतू जानवर को दूर रखें और ऐसे कौस्मैटिक्स वगैरह को भी दूर रखें, जिन से ऐलर्जी की संभावना हो. कालीन को हटाएं जिस से मिट्टी न जमा हो. ज्यादा भारी परदे न टांगें जिन में धूल जमा हो. तकिया के सिरों को ठीक से सिल कर रखें. जब पराग का मौसम हो तो अपने कमरे की खिड़कियां बंद रखें. बाथरूम को साफ और सूखा रखें और उन्हें ऐसे खाद्यपदार्थ न दें जिन से उन्हें ऐलर्जी होती हो.

-डा. अरविंद कुमार

 एचओडी, पीडिएट्रिक्स विभाग, फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग 

ये भी पढ़ें- 15 मिनट लें सुबह की धूप, जीवनभर बने रहेंगे Healthy और Energetic

पैठणी साड़ी के नए अंदाज

2 हजार साल पुरानी महाराष्ट्र की पैठणी साड़ी को ‘साडि़यों की रानी’ कहा जाता है. हर दुलहन के पास ऐसी साड़ी उस के वार्डरोब में अवश्य देखने को मिलती है. यह साड़ी हर महिला को किसी भी रूप में पसंद है. बदलते समय के साथ इस के रंग, पैटर्न और पहनावे में अंतर आया पर आज भी यह साड़ी अपनी उस मर्यादा और शान को समेटे हुए है जो सालों पहले हुआ करती थी.

दरअसल, पैठणी साड़ी की एक वैराइटी है जो औरंगाबाद के एक शहर पैठन से उत्पन्न हुई है. यह हाथ से बुनी हुई ‘फाइन सिल्क’ है, जो भारत की सब से उत्तम प्रकार की साड़ी मानी जाती है. इस के किनारे और पल्लू अपनी खास डिजाइन के लिए प्रसिद्व हैं. चौकोर और तिरछे आकार वाले पल्लू में तोतामैना, कमल, हंस, नारियल, मोर आदि खास होते हैं.

दूसरी साड़ियों से अलग

ये साडि़यां हर अवसर पर पहनने वाली को खास अनुभव कराती हैं. पहले ये साडि़यां असली सोने और चांदी के तार से बनाई जाती थीं, जो काफी हैवी होने के साथ साथ महंगी भी होती थीं और बनाने में 6 महीने से ले कर साल भर तक का समय लगता था. पेशवाओं में ऐसी साडि़यों का खास महत्त्व हुआ करता था. उस समय की साडि़यां असली सोने और चांदी के तार से बनाई जाती थीं. 1 किलोग्राम सोने में एक तोला तांबे के तार मिला कर फिर बुनी जाती थी. ‘नार्ली’ और ‘पांखी’ पल्लू उस समय खास प्रचलित थे.

समय के साथसाथ महिलाओं का टेस्ट भी बदला और आज ये साडि़यां सूती से ले कर सिल्क सभी तरह की बाजार में उपलब्ध हैं. ये साडि़यां 200-250 ग्राम जरी, 700 ग्राम सिल्क के साथ बनाई जाती हैं जो वजन में 800 से 900 ग्राम तक होती हैं. अधिक हैवी नहीं होती. ये साडि़यां कुछ इस तरह से बुनी जाती हैं कि इन का बहुमूर्तिदर्शी रूप दिखे. ये दूसरी साडि़यों से अलग पहचान रखती हैं.

ये भी पढ़ें- लहंगे में हुस्न के जलवे बिखेरती दिखीं Shehnaaz Gill, फैंस हुए दीवाने

बढ़ रही है मांग

इस बारे में डिजाइनर श्रुति संचेती कहती हैं, ‘‘समय के साथ इन साडि़यों ने भी अपना रूप बदला. इन की बुनाई काफी कठिन होती है. अलगअलग रंगों के धागों को मिला कर इन्हें बुना जाता है, जो थ्री डाइमैंशन लुक देती हैं. आजकल की महिलाएं हैवी साड़ी नहीं पहनना चाहतीं और महंगी होने की वजह से भी खरीदना नहीं चाहतीं. ऐसे में मैं ने उसी रूप में जरी की जगह ‘टेस्टेड गोल्ड’ का प्रयोग कर पैठणी डिजाइन बनाई. यह साड़ी सस्ती होने के साथसाथ ग्लैमर और ऐलिगैंसी को भी दिखाती है. ऐसी डिजाइन की साडि़यों की मांग आजकल खूब है.’’

श्रुति कहती हैं, ‘‘ये डिजाइनें सूती और सिल्क दोनों में समान रूप से बनाई जाती हैं. साथ ही, पहले जो बौर्डर 6-7 इंच चौड़ा होता था अब उसे कम कर 3 इंच कर दिया गया है. आज के ‘कंटैंपरेरी मोटिफ्स’ जो अधिक डैलिकेट होते हैं, उन का प्रयोग किया जाता है ताकि साड़ी हलकी रहे. इस के अलावा ये साडि़यां एक बार खरीद लेने पर हर अवसर पर अलगअलग तरीके से ‘मिक्स ऐंड मैच’ कर पहनी जा सकती

है. जिस में जैकेट, अलग चोली, ब्लाउज आदि सभी उपयोगी होते हैं. साथ ही, साड़ी को नया रूप दिया जा सकता है. ये साडि़यां अधिकतर डार्क कलर की होती हैं, जिन में नीला, लाल, औरेंज, गुलाबी मोरपंखी, पीला आदि रंग काफी पौपुलर हैं.’’

फ्यूजन है उपयोगी

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Aishwarya Sharma Bhatt (@aisharma812)

साडि़यां हमेशा महिलाओं के व्यक्तित्व को उभारती हैं. कितनी भी मौडर्निटी आ जाए, पर साडि़यां हमारे देश में हमेशा पहनी जाएंगी. डिजाइनर गौरांग कहते हैं, ‘‘मैं पैठणी की प्राचीन कला को नए रूप में पेश करने की कोशिश करता हूं या फिर कंटैंपरेरी डिजाइन बनाता हूं ताकि सभी आयुवर्ग की महिलाओं को पसंद आएं. डिजाइन में नयापन लाने के लिए टैक्सचर, कलर और क्रौस बौर्डर का इन्फ्लुएंस काफी महत्त्व रखता है. पैठणी के बुनकर पूरे महाराष्ट्र में हैं. मेरे साथ करीब 100 बुनकर काम करते हैं. वे मेरी ही बताई डिजाइनों को बुनते हैं.’’

‘‘हमेशा नई डिजाइन किसी को भी आकर्षित करती है, इसलिए मैं ने पैठणी में बंगाल की जामदानी का मिश्रण कर नई तकनीक से महिलाओं का परिचय करवाया है. इसलिए मुझे डिजाइन को एक्स्प्लोर करने में आसानी होती है. कोई भी डिजाइन अलग और सुंदर होने पर आप को आकर्षित कर सकती है. मैं अलगअलग टेक्स्चर, रंग और मोटिफ्स से हमेशा नया लुक देने की कोशिश करता हूं. विदेश में रहने वाले भारतीय भी इस की कद्र जानते हैं और मंगवा कर पहनते हैं. हां, विदेशी इसे नहीं पहचान पाते, पर अब धीरेधीरे ‘इंडियन टैक्सटाइल’ दुनियाभर में पहुंच रहा है.’’

ये भी पढ़ें- स्टेटमेंट ज्वैलरी से पायें आकर्षक लुक

पैठणी साडि़यां महिलाओं के बीच और अधिक पौपुलर हों, इसलिए फैशन शो के साथसाथ कई प्रदर्शनियां भी समयसमय पर लगाई जाती हैं. ‘न्यूवैब पैठणी’ साडि़यों का फैस्टिवल हर साल मुंबई या आसपास के क्षेत्र में लगाया जाता है. इस फैस्टिवल के आयोजक सनिंदा भिडे कहती हैं, ‘‘हर साल महिला खरीदारों की संख्या बढ़ रही है. इसलिए साडि़यों के बनाने वाले कारीगर भी अच्छा कमा रहे हैं.’’

ध्यान रहे

साड़ी के पहनने के बाद खुली हवा में सुखा कर ही अलमारी में रखें.

अगर साड़ी पर कुछ गिर जाए तो तुरंत साफ कर सुखाएं.

सीलन और नमीयुक्त हवा से बचाएं.

मलमल के कपड़े में पैक कर रखें.

साल में 1 बार हलकी धूप में सुखाएं.

जरी को हरे रंग के मलमल के कपड़े से ढक कर रखें. जरी काली नहीं पड़ेगी.

जिए तो जिए कैसे संग आपके

स्नेहा मेरी बचपन की सहेली और हमराज है. आज वह पूना में है और मैं दिल्ली में. विवाह से पहले हम एक दिन भी एकदूसरे से मिले बिना नहीं रह पाते थे. अब एकदूसरे को देखे 16 साल बीत गए हैं. उस से मिलने की इच्छा हो रही थी. गरमियों की छुट्टियों में मुंबई गई तो स्वयं को रोक न पाई. अगले दिन पूना के लिए रवाना हो गई. साथ में 14 वर्षीय बेटा और पति भी थे. स्टेशन पर वह भी सपरिवार आई हुई थी. हम आपस में ऐसे मिले कि एकदूसरे को छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था. हंसतेबतियाते हम उस के घर पहुंचे. खाना खाया तो पता चला कि हमारी फिल्म के टिकट आए हुए हैं. स्नेहा और मैं ने तो साथ जाने को मना कर दिया, पति और बच्चों को भेज दिया. हम दोनों एकांत में यादों की पोटली खोल कर बैठ गईं. सोचा, बच्चों व पति के वापस आने पर ही घूमने जाएंगे. लेकिन स्नेहा ने बताया कि वहीं से दूसरी फिल्म देखने जाने का प्रोग्राम है और शाम को डिनर के बाद फिर नाइट शो देखा जाएगा. यह सुनते ही मैं बिफर उठी, ‘‘तेरा दिमाग खराब है क्या? एक दिन में 3 शो देखने की क्या तुक है? मेरे पति क्या सोचेंगे? घर नहीं बैठाना था तो ऐसे ही कहती मैं आती ही नहीं.’’ मैं बोलती रही और वह बुत बनी सुनती रही. एकाएक उस की आंखों में आंसू देख कर मैं चुप हो गई.

अचानक वह मुझ से लिपट कर फूटफूट कर रोने लगी. लग रहा था जैसे बरसों का बांध टूट कर बह रहा हो. थोड़ा संभलने पर उस ने जो बताया, उसे सुन कर मैं हैरान रह गई.

शक का कीड़ा

उस ने बताया कि उस के पति उसे पुरुषों से बात करते देख नहीं सकते थे, उस पर शक करते थे. यहां तक कि जब विवाह के बाद चचेरा भाई मिलने आया और उस ने स्नेहा की कलाई पकड़ ली तो उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया. उसे अकेले मायके जाने की भी परमिशन नहीं थी. जब जाते, साथ जाते. यदि रुकना भी होता तो होटल में रुकते ताकि किसी को उन के शहर में होने की खबर न हो. इस बीच उन की 2 बेटियां भी हो गईं. वे उसे बेटियों के सामने भी जलील करते. कोठी तो शानदार थी, लेकिन छत या बालकनी का दरवाजा तभी खुलता जब वे खुद खोलते. यदि कभी दरवाजा खुले और रिकशेवाला भी खड़ा हो तो कहते कि तुम्हारे लिए खड़ा होगा. यह तो उस की परमानेंट जगह है. आज तुम्हारे पति और बेटे को भी इसीलिए घर में नहीं रहने दिया कि कहीं वे मेरे साथ बात न करें.

यह सुन कर मैं तिलमिला उठी. उसे कोसने लगी कि उस ने बगावत क्यों नहीं की? जानवरों की तरह जुल्म क्यों सहती रही? उस का जवाब था कि वह जब भी अपनी सफाई में कुछ कहती, झगड़ा हो जाता. नौबत मारपीट तक पहुंच जाती. मैं ने पूछा कि आखिर कब तक यह चलता रहेगा तो उस का जवाब था, ‘‘जब 16 साल बीत गए तो बाकी भी काट लूंगी. 2 बेटियों की मां हूं. अकेले संघर्ष नहीं कर सकती. यहीं ठीक हूं. शायद कभी दिन फिर जाएं.’’ उस का जवाब सुन कर समझ नहीं आया कि क्या करूं. उस की सहनशीलता के आगे नतमस्तक हो जाऊं या गूंगी जबान खुलवाने के लिए उसे 2 झापड़ रसीद कर दूं.

ये भी पढ़ें- थोड़ा सा ब्रेक ले कर तो देखें

कैसी त्रासद स्थिति है यह. जब दांपत्य जीवन में अविश्वास हो, पति चरित्र पर संदेह करे तो पत्नी की जिंदगी नारकीय बन जाती है. कभीकभी ऐसा भी होता है कि पतिपत्नी तो एकदूजे पर जान छिड़कते हों, लेकिन सासससुर (दोनों के मातापिता) उन का जीना दूभर कर देते हों जैसा कि तरुणी और तेजस के साथ हुआ. दोनों की मुलाकात एक पार्टी में हुई, जो प्रेम में तबदील हो गई. दोनों ने विवाह करने का निश्चय कर लिया, लेकिन परिस्थितियां प्रतिकूल थीं. तेजस के पिता शाम होते ही शराब की बोतल ले कर बैठ जाते थे. नशे में चूर अनापशनाप भी बकते थे. जब उन्हें तेजस के प्रेम का पता चला तो जायदाद से बेदखल करने की धमकी दे दी. उधर तरुणी की मां कर्कशा थीं, गालियों के बिना बात नहीं करती थीं. जब उन्हें तरुणी के प्रेम का पता चला तो उन्होंने तेजस के पूरे खानदान पर गालियों की बौछार कर दी. बेटी को भी कुलच्छिनी, वेश्या जैसी गालियां दीं.

स्पष्ट है कि प्रेम कितना भी अटूट हो, ऐसी स्थिति में विचलित होना स्वाभाविक है. किसी तरह मन को पक्का कर के दोनों ने कोर्टमैरिज कर ली. सोचा, अलग हो कर जुदाई का दुख भी तो सहना पड़ेगा. अत: मिल कर दुख बांटें तो बेहतर है. मन को पक्का कर के तेजस तरुणी को घर ले गया. तरुणी को देखते ही उस के पिता चिल्लाने लगे, ‘‘ले आया अपनी माशूका को. अब क्या लेने आया है? दफा हो यहां से.’’

यह था तरुणी का अपने ससुर के साथ पहला साक्षात्कार. उधर तेजस भी अपनी सासूमां की गालियां खाने के लिए तैयार था. जब वह अपनी ससुराल पहुंचा तो उस की मां उसे देखते ही चिल्लाई, ‘‘कुलच्छिनी कहीं की. ले आई खसम को. मर्द के बिना रह नहीं सकती थी?’’ पतिपत्नी एकदूसरे पर कितनी भी जान छिड़कते हों, लेकिन ऐसे हालात में बेडरूम में प्रेमालाप की जगह सन्नाटा होता है, जहां दोनों अपने मातापिता के कारण एकदूसरे को सांत्वना भी नहीं दे पाते या यों कहें कि हालात पर शोक प्रकट करने के लिए शब्द जुटाने भी मुश्किल हो जाते हैं.

दांपत्य जीवन और विपरीत हालात

विवाह 2 अपरिचित प्राणियों का संयोगवश आपस में मिलन है, जिस में सारी जिंदगी साथ निभाने की अपेक्षा की जाती है. विवाह बेशक एक इंद्रधनुषी सपने के समान रंगीन लगे, लेकिन जब हालात विपरीत हों तो सपने बिखरने में देर नहीं लगती. जैसा कि तरुणी, तेजस और स्नेहा के साथ हुआ. इन की त्रासद स्थिति कोई एक दिन की नहीं है, जो कट जाएगी. ये कोई साधारण जख्म नहीं हैं, जो समय के साथ भर जाएंगे. ये तो कैंसर के फोड़े हैं जो मरते दम तक सालते रहेंगे. लेकिन मरना भी आसान नहीं होता और न ही यह कोई सार्थक हल है. ऐसे हालात में एक ही रास्ता बचता है कि या तो चुपचाप सब कुछ सह लिया जाए या फिर तलाक ले कर एकाकी जिंदगी की नई शुरुआत की जाए.

एकाकी जिंदगी : समस्याएं ही समस्याएं

तलाक लेना इतना आसान नहीं होता. इस के लिए कोर्टकचहरियों के धक्के खाने पड़ते हैं, पैसा पानी की तरह बह जाता है, सालों गुजर जाते हैं. किसी तरह तलाक हो भी जाए तो उस के बाद की जिंदगी भी कम दुष्कर नहीं होती. तलाक के साथ ही जहां पुरुष पर तलाकशुदा का लेबल लग जाता है, वहीं स्त्री को संदेह की नजर से देखा जाता है. यदि दोबारा विवाह करना हो तो पहले तलाक के बारे में सफाई देनी पड़ती है, खासी जलालत झेलनी पड़ती है. पुनर्विवाह के बाद भी समझौते करने पड़ते हैं. यदि बच्चे हों तो उन की समस्याएं और भी बढ़ जाती हैं. स्त्री के लिए स्थिति और भी दुखद होती है. वह तो कटीपतंग के समान होती है, जिसे लूटने के लिए कई हाथ आगे बढ़ते हैं, जिन का उद्देश्य कुछ पल मजे लेना होता है.

तलाकशुदा औरत को मायके में सामंजस्य न होने पर और रास्ते ढूंढ़ने पड़ते हैं. यदि पढ़ीलिखी है तो नौकरी कर के अपना गुजारा कर सकती है, लेकिन सिर छिपाने के लिए उसे सुरक्षित जगह की जरूरत तो पड़ती ही है. उसे पेइंगगेस्ट के तौर पर, विमन होस्टल या किराए पर जगह ले कर रहना पड़ता है. किराए का मकान ढूंढ़ने में उसे परेशानी उठानी पड़ सकती है. आतेजाते लोगों की कुत्सित निगाहों को झेलना पड़ता है. उस पर छींटाकशी होती है, चरित्र पर लांछन लगाए जाते हैं, उसे शक की नजरों से देखा जाता है. यदि कभी स्वास्थ्य खराब हो तो अकेले जूझना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- इकलौते लड़के से शादी

तलाकशुदा अभिभावकों के बच्चे भी कम परेशान नहीं करते. वे मांबाप के आगे हठधर्मिता से पेश आते हैं, ब्लैकमेल करते हैं. कानूनी तौर पर वे बेशक अपने माता या पिता के साथ रहते हों लेकिन छोड़े गए मातापिता के प्रति उन के मन में सौफ्ट कौर्नर अवश्य होता है, जो कभी भी रंग दिखा सकता है. इस का कारण यह है कि बच्चों को भी कम ताने नहीं सुनने पड़ते. आर्थिक अभाव बेशक उन की समस्या न हो लेकिन मातापिता का अभाव कहीं अधिक गंभीर होता है. तलाकशुदा स्त्री हो या पुरुष दोनों को ही अपने बच्चों के तानों, क्रोध और अवहेलना का शिकार होना पड़ता है.

तलाक कोई हल नहीं

स्पष्ट है कि दांपत्य संबंधों में आई दरार का हल तलाक कदापि नहीं हो सकता. वैवाहिक जीवन में समस्याएं जहां एक तरफ कुआं हैं, वहीं तलाक खाई के समान है. तलाक किसी भी परिस्थिति में कारगर नहीं हो सकता. अगर तलाक के बाद के कुछ महीने सुख से निकल भी जाएं तो भी आजीवन कष्ट उठाने पड़ते हैं. जीवन भर का सुखदुख आप के हाथ में है. अत: दांपत्य जीवन की समस्याओं का इलाज ढूंढि़ए. यदि परिस्थितियां लाइलाज हों तो भी कष्ट सहते रहने में कोई बुराई नहीं है, क्योंकि कष्टों का अंत करना आप के हाथ में नहीं है, लेकिन कष्टों को स्वीकार कर के जीना आप के हाथ में है. कुछ समस्याएं अनदेखी भी की जा सकती हैं. उदाहरण के लिए तरुणी और तेजस की समस्या, जो अभिभावकों की वजह से है, इसे अनदेखा करने में ही भलाई थी. यदि दंपती में आपस में प्रेम हो तो अभिभावकों को छोड़ कर अकेले रहा जा सकता है, बशर्ते मेहनतमशक्कत कर के दालरोटी कमाने और घर बनाने की क्षमता हो. यदि छोड़ना किसी कारण से संभव न हो तो भी अनदेखा करना ठीक है. आखिर कोई कब तक बोलता रहेगा. यदि बोलता भी रहे तो भी एक कान से सुन कर दूसरे से निकालने मे ही भलाई है.

यदि पति या पत्नी का किसी परस्त्री या परपुरुष से संबंध भी हो जाए तो भी लड़नेझगड़ने या अलग होने से समस्या हल नहीं होगी. आमतौर पर ये संबंध आएगए होते हैं, लेकिन यदि प्रेम संबंध प्रगाढ़ हो, जिसे तोड़ पाना असंभव हो तो भी अनदेखा करने में ही भलाई है. फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र की पत्नी प्रकाश ने हेमामालिनी को बेशक घर में स्वीकार नहीं किया, लेकिन होहल्ला नहीं मचाया, न ही तलाक की मांग की. आज उन के बच्चे भी तनावमुक्त हैं. धर्मेंद्र और हेमामालिनी का विवाह वस्तुत: उदाहरण है, जहां समस्याएं न होने का पूरा श्रेय धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश को जाता है, जिस ने सच को स्वीकारा. बगावत का रास्ता चुने बगैर निभाया. दूसरी तरफ हेमा की सहनशीलता और त्याग भी कम नहीं है, जिस ने प्रेम की खातिर एकाकी जीवन को आदर से जीया. धर्मेंद्र की एडजस्टमेंट की कुशलता काबिलेतारीफ है ही, जिस ने दोनों हाथों में लड्डू ले कर मजे किए. आजकल टीवी पर दिखाए जा रहे कई धारावाहिक भी यही दर्शाते हैं.

ये भी पढ़ें- जब अजीब हो सैक्सुअल व्यवहार

साउथ इंडियन स्टाइल में दुल्हन बनीं Mouni Roy, शादी की फोटोज हुई वायरल

कोरोना में कई बौलीवुड और टीवी सितारों ने शादी की. वहीं अब इस लिस्ट में टीवी की नागिन यानी एक्ट्रेस मौनी रौय  (Mouni Roy) का नाम भी शामिल हो गया है. 27 जनवरी को गोवा में मौनी रॉय अपनी लौंग टाइम बौयफ्रेंड सूरज नांबियार संग शादी के बंधन में बंध गई हैं. आइए आपको दिखाते हैं मौनी रॉय की वेडिंग फोटोज (Mouni Roy Wedding Photos) की झलक…

मौनी रॉय की हुई शादी

टीवी की पौपुलर एक्ट्रेसेस में से एक मौनी रॉय की शादी का फैंस को बेसब्री से इंतजार था. इसी के चलते शादी की लेटेस्ट फोटोज सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. वाइट औऱ रेड कलर की साड़ी में ब्राइडल ज्वैलरी पहनें मौनी बेहद खूबसूरत लग रही थीं. वहीं उन्हें देखते ही पति सूरज नांबियार हैरान रह गए.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by abinaya (@mouniabinaya)

ये भी पढ़ें- GHKKPM: सई ने दिखाया बेबी बंप, क्या है प्रैग्नेंसी की सच्चाई?

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Mouni Roy (@mouni_roy_my_fav_actress)

सेलेब्स की दिखी झलक

मौनी रॉय की शादी कोरोना के कारण जहां कम लोग नजर आए तो वहीं सेलेब्स की भी झलक देखने को मिली. दरअसल, मौनी रॉय की शादी में उनके करीब दोस्त और रिश्तेदार नजर आए, जिनमें मंदिरा बेदी (Mandira Bedi), एक्टर अर्जुन बिजलानी (Arjun Bijlani) और Meet Bros नजर आए.

कुछ ऐसी थी हल्दी-मेहंदी सेरेमनी

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Mandira Bedi (@mandirabedi)

मौनी रॉय की हल्दी सेरेमनी की बात करें तो खास दोस्त मंदिरा बेदी और अर्जुन बिजलानी फंक्शन में मस्ती करते नजर आए, जिसका अंदाजा वायरल फोटोज और वीडियो से लगाया जा सकता है. इसके अलावा मेहंदी सेरेमनी की बात करें तो मौनी रॉय अपनी शादी में जमकर ठुमके लगाती नजर आईं. वहीं इसमें जहां उनका साथ दोस्त देते नजर आए तो वहीं पति सूरज नांबियार भी उनके साथ ताल मिलाते नजर आए.

ये भी पढ़ें- Anupama का साथ पाकर वापस लौटेगी पुरानी काव्या, वनराज का करेगी बुरा हाल

बता दें, मौनी रॉय  (Mouni Roy) और उनके पति सूरज नांबियार की मुलाक 2019 में हुई थी, जिसके बाद दोनों लौकडाउन में दुबई में साथ क्वालिटी टाइम बिताते नजर आए थे.

GHKKPM: सई ने दिखाया बेबी बंप, क्या है प्रैग्नेंसी की सच्चाई?

सीरियल गुम हैं किसी के प्यार में (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी में इन दिनों सई (Ayesha Singh) और विराट (Neil Bhatt) के तलाक का सीन दिखाया जा रहा है. हालांकि श्रुति और उसके बच्चे के बारे में जानने के बाद परिवार सई का साथ देता नजर आ रहा है. इसी बीच सीरियल के सेट से कुछ फोटोज वायरल हो रही हैं, जिसमें सई अपना बेबी बंप फ्लौंट करती नजर आ रही हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

प्रैग्नेंट हुई सई?

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Ayesha Singh (@ayesha.singh19)

दरअसल, हाल ही में गुम है किसी के प्यार में की सई यानी आयशा सिंह (Ayesha Singh Instagram) ने अपने औफिशियल इंस्टाग्राम पेज पर कुछ फोटोज फैंस के साथ शेयर की हैं, जिसमें वह बेबी बंप फ्लौंट करती नजर आ रही हैं. वहीं फैंस जहां उनकी फोटोज वह जमकर कमेंट कर रहे हैं तो वहीं सीरियल के सितारे अपकमिंग ट्विस्ट का जिक्र करते नजर आ रहे हैं. वहीं कुछ फैंस का कहना है कि सई, विराट के बच्चे की मां बनने वाली है. हालांकि यह ट्विस्ट नहीं बल्कि सई का सपना साबित होते हुए नजर आने वाला है.

ये भी पढ़ें- जल्द पिता बनेंगे Aditya Narayan, वाइफ संग फोटो की शेयर

पाखी देगी सई को सलाह

 

View this post on Instagram

 

A post shared by ghkkpm (@ghkkpm_2)

सीरियल के लेटेस्ट ट्रैक की बात करें तो विराट के नौकरी पर खतरे की बात सुनते ही वह चौह्वाण हाउस आएगी और विराट को तलाक के पेपर्स देगी. हालांकि भवानी और अश्विनी सई को समझाने की कोशिश करेंगे. वहीं पाखी इस बात का फायदा उठाकर सई को दूसरी शादी करने की सलाह देगी, जिसके चलते सम्राट और पाखी का झगड़ा होता नजर आएगा. इसी बीच सई भी पाखी पर बरसती नजर आएगी.

विराट करेगा श्रुति से दिल की बात

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Ayesha Singh (@ayesha.sinngh.19)

सई के तलाक लेने की खबर के बाद विराट टूट जाएगा. वहीं श्रुति उसे सपोर्ट करती नजर आएगी और उसका हौंसला बढ़ाती दिखेगी, जिसके चलते विराट, सई के लिए अपने प्यार को श्रुति के सामने बयां करेगा.

ये भी पढ़ें- Anupama का साथ पाकर वापस लौटेगी पुरानी काव्या, वनराज का करेगी बुरा हाल

किशमिश ही नहीं, इसका पानी भी है सेहत के लिए फायदेमंद

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

सूखे मेवों में शामिल किशमिश न केवल अपने स्वाद बल्कि गुणों के लिए भी खूब जानी जाती है. किशमिश से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में हर कोई जानता है. यही वजह है कि, अक्सर लोग वजन कम करने और शरीर में खून बढ़ाने के लिए इसका सेवन करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं केवल किशमिश से ही नहीं, बल्कि इसका पानी पीने से भी हेल्द को बहुत फायदा होता है. हर रोज सुबह खाली पेट किशमिश का पानी पीने से एक दर्जन बीमारियों का इलाज हो सकता है. यह न केवल आपको एसिडिटी से बचाता है, बल्कि एंटी एजिंग का बेहतरीन घरेलू उपाय भी है. तो चलिए, जानते हैं किशमिश का पानी पीने के फायदों के बारे में.

किशमिश का पानी पीने से मिलेंगे ये  फायदे

खून की कमी दूर करे- 

कई लोगों के शरीर में खून की कमी होती हैं, खासतौर से यह समस्या महिलाओं से जुड़ी होती है. इसकी कमी को पूरा करने के लिए कई महिलाएं दवाओं का सहारा लेती हैं, लेकिन हर रोज सुबह अगर वे किशमिश का पानी पीना शुरू कर दें, तो ये उनके शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ा देगा. दरअसल, किशमिश के पानी में आयरन, कॉपर और बी-कॉम्प्लेक्स भरपूर मात्रा में होता है. ये खून की कमी को दूर करके रेड ब्लड सेल्स को हल्दी बनाता है.

ये भी पढ़ें- 15 मिनट लें सुबह की धूप, जीवनभर बने रहेंगे Healthy और Energetic

किडनी बनाए हेल्दी- 

शरीर के ठीक से काम करने के लिए किडनी का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है. ऐसे में इसे हेल्दी बनाने के लिए किशमिश का पानी बहुत फायदेमंद साबित होता है. किशमिश के पानी में पोटैशियम और मैग्रीशियम जैसे मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं. ये बॉडी से विषाक्त टॉक्सिन को निकालकर किडनी को हेल्दी बनाने का काम करते हैं.

कब्ज से बचाए- 

अगर आपको अक्सर ही कब्ज की समस्या रहती है, तो रोज सुबह उठकर सबसे पहले किशमिश का पानी पीना आपके लिए बहुत लाभदायक हो सकता है. दरअसल, जब आप किशमिश को पानी में भिगोते हैं, इसके बाद किशमिश पानी में फूलकर नेचुरल लेक्सेटिव का काम करती है. विशेषज्ञों की मानें, तो नियमित रूप से रोज सुबह इसका पानी पीने से पेट की अच्छी सफाई हो जाती है और लंबे समय तक कब्ज से भी छुटकारा मिलता है.

एसिडटी की समस्या करे दूर-

जिन लोगों को एसिडिटी रहती है, उनके लिए किशमिश का पानी बहुत अच्छा घरेलू उपाय है. किशमिश में मौजूद सॉल्यूबल फाइबर्स पेट की सफाई करके गैस और एसिडिटी से बहुत राहत दिलाते हैं.

आंखों की रोशनी तेज करे-

प्रतिदिन सुबह किशमिश का पानी पीने से आंखों की रोशनी बहुत तेज होती है. अगर आपकी नजर  कमजोर हैं, तो आपको ये घरेलू उपाय तो जरूर आजमाना चाहिए. दरअसल, इस पानी में विटामिन ए, बीटा कैरोटीन और आंखों के लिए फायदेमंद फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं. इससे नजर की कमजोरी दूर करने में मदद मिलती है.

ये भी पढ़ें- मदहोश कर देगी सांसों की खुशबू

सर्दी-जुकाम से बचाए- 

सर्दी-जुकाम होने पर आप किशमिश का पानी पी सकते हैं. इसके एंटी बैक्टीरियल गुण सर्दी-जुकाम के साथ बुखार से बचाने में भी बहुत मददगार हैं. इस पानी में पॉलीफेनिक फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो संक्रमण से भी आपका बचाव करते हैं.

ऐसे तैयार करें किशमिश का पानी-

किशमिश खाने से उम्र बढ़ती है, लेकिन इसका पानी पीने से आपको और ज्यादा लाभ मिलता है. किशमिश का पानी आप कैसे बना सकते हैं, जानिए यहां-

– सबसे पहले मीडियम आंच पर एक बर्तन में पानी गर्म करें.

– एक उबाल आने पर गैस बंद कर दें.

– अब इस पानी में 150 ग्राम किशमिश इस पानी में रातभर भिगोने के लिए छोड़ दें.

– अगले दिन सुबह पानी को छान लें और दोबारा हल्की आंच पर गर्म करें इसे खाली पेट पी जाएं. ध्यान रखें, किशमिश का पानी पीने के आधे घंटे तक नाश्ता न करें.

किशमिश एक बेहतर सुपरफूड है. भले ही किशमिश का पानी आपके स्वस्थ रहने के लिए अच्छा है, लेकिन यह किसी दवा का विकल्प नहीं है. यदि आपको ह्दय, रक्तचाप या शरीर के किसी अंग में समस्या है, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें