इन 4 नेचुरल तरीके से धोएं फल और सब्‍जियां

यह कोई बताने वाली बात नहीं है कि फल और सब्‍जियों को पकाने या खाने से पहले अच्‍छी तरह से धो लेना चाहिये. कीटाणु और कीटनाशक से भरे फल और सब्‍जियां खाने से फूड प्वाइजनिंग के साथ दूसरी बीमारियां होने का चांस रहता है.

अच्‍छा होगा कि आप फल और सब्‍जियों को इस तरह से धोएं कि उसमें कीटनाशक का एक भी अंश ना रहे. आप बाजार से चाहे जितना भी सोंच कर अच्‍छी साग सब्‍जियां ले कर आएं, लेकिन अगर किसान ने उसे कीटनाशक छिड़क कर पैदा किया होगा, तो आप दूर दूर तक नहीं बच पाएंगी.

ये पेस्‍टीसाइड कैंसर की बीमारी पैदा कर सकते हैं साथ ही यह होने वाले शिशु में बर्थ डिफेक्‍ट पैदा कर सकते हैं. गंदी साग साब्‍जी खाने से आपका शरीर भी कमजोर हो जाएगा. इसलिये फल और सब्‍जियों को हमारे बताए गए तरीको से धोएं तो ज्‍यादा अच्‍छा रहेगा. आइये जानते हैं कौन से हैं वे नेचुरल तरीके…

1. सिरके द्वारा

सिरके द्वारा कीटाणु और कीटनाशक आराम से साफ किये जा सकते हैं. एक कटोरे में पानी और 1 कप वाइट वेनिगर डालें और उसमें फल या सब्‍जियों को धोएं. जब ये दोनों चीजें धुल जाए तब इन्‍हें साफ कटोरे में रखें और आगे के लिये प्रयोग करें.

2. बेकिंग सोडा

यह कीटनाशक को पूरी तरह से साफ करता है. बडे़ कटोरे में 5 गिलास पानी भरें फिर उसमें 4 चम्‍मच बेकिंग सोडा मिलाएं. अब इस पानी में सब्‍जियां और फल डुबो दें और 15 मिनट के बाद निकाल कर सुखा लें. ये खाने के लिये सेफ हैं.

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3. हल्‍दी वाला पानी

हल्‍दी में एंटीबैक्‍टीरियल गुण होते हैं जो कीटाणुओं का नाश करती है. एक खौलते हुए पानी के कटोरे में 5 छोटे चम्‍मच हल्‍दी मिक्‍स करें. फिर उसमें सब्‍जियां और फल मिलाएं. इन्‍हें एक बार हल्‍दी वाले पानी से साफ करें और बाद में साफ पानी से धो लें.

4. नमक वाला पानी

सेंधा नमक को पानी में मिला कर प्रयोग करने से कीटनाशक का सफाया होता है. एक साफ पानी के कटोरे में 1 कप नमक मिक्‍स करे. फिर इसमें फल और सब्‍जियां डाल कर 10 मिनट तक भिगो कर रखें. कुछ देर के बाद इन्‍हें निकाल कर साफ पानी से 5 मिनट धोएं.

अच्‍छा है कि छिलका निकाल दें अगर आप फल और सब्‍जियों के छिलके निकाल देंगे तो समझिये कि उनमें से 90 प्रतिशत के कीटनाशक अपने आप ही निकल जाएंगे.

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थोड़ा सा ब्रेक ले कर तो देखें

रिश्तों में स्पेस उतनी ही जरूरी है जितनी जीने के लिए औक्सीजन जैसे अगर वातावरण में औक्सीजन की कमी हो जाए तो घुटन होती है ठीक उसी तरह रिश्तों में भी बिना स्पेस के प्यार कहीं खोने लगता है. यदि आप भी अपने सब से प्यारे रिश्ते को ताउम्र तरोताजा रखना चाहती हैं, तो आप को देना होगा अपने बैटर हाफ को एक छोटा सा ब्रेक.

उन के इस स्वभाव को समझें, लेकिन साथ न छोड़ें. यकीनन इस ब्रेक के बाद जब वे लौट कर आप के पास आएंगे, तो आप का यह मिलन निश्चित रूप से जादुई होगा. उस में अपनेआप पहले वाली ताजगी लौट चुकी होगी. निश्चित ही ब्रेक के बाद रिश्ते में पहले से कहीं ज्यादा मिठास होगी और ताजगी भी.

‘‘एक वक्त ऐसा आया था, जब हम दोनों को लगने लगा कि हमारा यह रिश्ता अब ज्यादा दिन नहीं चलेगा, लेकिन आज एकदूसरे की कीमत हम से ज्यादा कोई नहीं जानता. यह कमाल है एक छोटे से ब्रेक का,’’ चेहरे पर कौन्फिडैंस लिए यह कहना था करुणा शर्मा का.

पता नहीं पहले कभी आप ने सुना हो या नहीं, लेकिन सच्चे और लंबे समय के मिलन के लिए जुदाई बहुत जरूरी है. अगर आप के रिश्ते में कभी ब्रेक नहीं लगा, तो यकीनन आप कुछ खो रहे हैं. आज के हर युवा को चाहिए रिलेशनशिप में थोड़ी सी स्पेस और एक छोटा सा ब्रेक. कई लोगों ने इसे आजमाया और यही पाया कि कुछ समय बिछुड़ने के बाद मिलना बहुत सुखदायक होता है.

लिव इन रिलेशनशिप, आसानी से मिलने वाला प्यार और इन दिनों आम हो रहे प्रेम प्रसंगों ने ही इस नए चलन को जन्मा है. आइए मिलते हैं, ऐसे ही कुछ लोगों से जिन की जिंदगी में इस ब्रेक की बहुत जरूरत थी :

इम्तिहान के वे 5 महीने

जयपुर की रहने वाली स्मिता कहती हैं, ‘‘हमारे रिश्ते को अब पूरे 5 साल हो गए. इन 5 सालों में करीब 5 महीने की एक लंबी जुदाई आई. करीब 3 साल लगातार हमारा प्यार परवान चढ़ा रहा. पहले एकदूसरे में कभी कोई कमी नजर नहीं आती थी, लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब रिश्ता घुटन बनने लगा. किसी को जब आप बहुत ज्यादा जान लेते हैं, तो भी मुसीबतें खड़ी होने लगती हैं. जिन बातों को पहले हम नजरअंदाज कर दिया करते थे, वही अब बड़ी लग रही थीं.

‘‘आखिरकार वही हुआ, जिस का हमें अंदाजा था. एकदूसरे की सहमति से हम ने

इस रिश्ते को हमेशा के लिए खत्म करने का फैसला किया. दोनों ने वादा किया कि अब

कभी फोन, किसी संदेश और दूसरी तरह से संपर्क नहीं होगा. हुआ भी ऐसा ही. मैं भी अपनी दुनिया में व्यस्त हो गई और वे भी. कभीकभी उन की याद भी आती, तो उसे मैं दिल में ही दबा देती.

‘‘पूरे 5 महीने बाद मौसम बदला और दिल में किसी की कमी महसूस होने लगी. उस से कभी बात न करने का वादा किया था, लेकिन नजरों को फिर उसी की तलाश थी. कुदरत ने साथ दिया और हम वापस मिले, लेकिन इस बार हमेशा के लिए. इतने बड़े अंतराल में एक बात साबित हो गई थी कि रिश्ता भले कोई भी हो, उस में थोड़ी स्पेस जरूर हो.’’

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रबड़बैंड थ्यौरी

रिश्ते की इन उलझनों को समझने के लिए आप का रबड़बैंड थ्यौरी को समझना बहुत जरूरी है. जान ग्रे की बुक ‘मैन्स आर फ्रौम मार्स ऐंड विमन आर फ्रौम वीनस’ स्त्रीपुरुष की रिलेशनशिप को समझने और सुधारने के लिए एक बेहतर किताब है. इस में साफतौर पर पुरुष की मनोस्थिति को बताते हुए उन की तुलना एक रबड़बैंड से की गई है.

पुरुषों का यह स्वाभाविक अंदाज है कि वे किसी महिला के पूरी तरह पास आने के कुछ समय बाद दूर जाने लगते हैं. चाहे महिला कितना भी प्रेम करे. ऐसा होना स्वाभाविक है. अपनी आजादी और अस्तित्व को तलाशने के लिए वे ऐसा करते हैं. लेकिन यह भी सच है कि जब वे पूरी तरह से दूर जाते हैं. तभी लौट कर आते भी हैं. जब वे वापस आते हैं, तो उन का प्यार और अपने पार्टनर के प्रति आस्था कहीं ज्यादा हो चुकी होती है. महिलाएं अकसर उन के इस स्वभाव से धोखा खा कर उन का साथ छोड़ देती हैं.

जानबूझ कर लिया ब्रेक

फीके पड़ते रिश्तों में फिर से पहले वाली मिठास भरने के लिए कुछ कपल जानबूझ कर भी ब्रेक लेने लगे हैं. वे जानना चाहते हैं कि क्या वे वाकई एकदूसरे के बिना नहीं रह सकते? उन के बीच सच में प्यार है या महज आकर्षण? उन्हें लगने लगा है कि दूरी ही वह राह है, जो उन्हें सही मंजिल का पता दे सकती है.

एमबीए स्टूडैंट विकास शर्मा कहते हैं, ‘‘अगर हम रोजरोज दाल खाएंगे, तो एक दिन ऐसा जरूर होगा जब हमें उस से नफरत हो चुकी होगी. जिस तरह हम रोज एक स्वाद का खाना नहीं खा सकते, ठीक उसी तरह रोजाना एक

ही पैटर्न पर जिंदगी भी नहीं चल सकती.

कोई आप से हमेशा के लिए दूर हो जाए, उस से तो अच्छा है कि उसे कुछ दिन के लिए ही दूर करें.

‘‘मैं निशा को बहुत प्यार करता हूं. जब वह मुझे मिली नहीं थी, तो मैं उसे पाने के लिए कुछ भी कर सकता था, लेकिन जब वह मेरी हो गई तो धीरेधीरे उस की कद्र भी कम हो गई. उस की हर बात मेरे लिए इतनी गंभीर नहीं होती थी, क्योंकि मुझे मालूम था कि वह मुझ से प्यार करती है और मुझे छोड़ कर कहीं नहीं जाएगी. अपने इस रवैए से मैं खुद परेशान होने लगा. अपने प्यार के एहसास को फिर से वापस पाने के लिए मैं ने निशा से एक छोटा सा ब्रेकअप किया. वह उस समय बहुत रोई, लेकिन मैं ने अपने दिल पर पत्थर रखते हुए उसे अपने से अलग कर दिया. शुरुआत में उस के फोन भी रिसीव नहीं किए.

‘‘करीब 1 साल बाद उसी तारीख को जब हम जुदा हुए थे, मेरे अंदर प्यार और पागलपन फिर से वापस आने लगा. मेरे पास उस का जो नंबर था, वह बदल गया था. उस की कोई खबर नहीं थी, लेकिन मैं चाहता था कि मुझे दिलोजान से प्यार करने वाली निशा फिर से मेरी जिंदगी में आ जाए. उस के दोस्तों से मिल कर उस के घर का नंबर लिया. उस समय शायद वह मुझे बेवफा समझ रही थी, इसलिए फोन पर आने को भी तैयार नहीं थी. काफी कोशिश कर के उस से फिर मुलाकात हो पाई. जब अपने दूर होने का कारण उसे बताया, तो उस की नम आंखें मुझे घूर रही थीं. मैं उस की एक हां के लिए फिर से तरस रहा था. उस दिन पता चला कि अगर यह ब्रेकअप न होता, तो हम कभी इस प्यार की गहराई को नहीं समझ सकते थे.’’

हम भी आजमाते हैं इसे

विशाल और कविता का प्रेमविवाह हुआ है. दोनों सेम प्रोफैशन के तो हैं ही, साथ ही उन के विचार भी एकजैसे हैं. वे कहते हैं, ‘‘अकसर लोग हमें कहते हैं कि प्यार का जोश कुछ समय में ठंडा हो जाता है. पहले जैसा जोश और प्यार उन के रिश्ते में नहीं रहता. हमें मालूम है कि हमें लंबे समय तक अपने प्यार को जिंदा रखने के लिए क्या करना है? प्यार को ताजा रखने के लिए हमें एकदूसरे को जगह और आजादी देना जरूरी है. हर वक्त यह उम्मीद लगाए नहीं बैठना चाहिए कि हम साथ हों.’’

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विशाल कहते हैं, ‘‘मैं अपनी पत्नी को उस के दोस्तों के साथ और परिवार वालों के साथ भी समयसमय पर भेजता हूं. यह वह वक्त होता है, जब मैं उसे एक भी फोन नहीं करता. हर वक्त वह भी मुझ से सवाल नहीं करती. ऐसा करते हुए हम एकदूसरे का लगातार खयाल रखते हैं. जब हम अपने इस अकेलेपन के मूड से निकल कर फिर एक होते हैं, तो प्यार अपनेआप ताजा हो जाता है.’’

जरूरी है थोड़ी सी स्पेस

राजस्थान यूनिवर्सिटी जयपुर में समाजशास्त्र की प्रोफैसर अंजलि सिन्हा कहती हैं, ‘‘काम की थकान के बाद नींद अच्छी आती है. अच्छी नींद अच्छे ख्वाब लाती है. रिश्ते भी इसी तरह के मीठे ख्वाब हैं, जिन्हें सुकून होने पर ही महसूस कर पाते हैं. लेकिन यह तब होता है जब आप रिश्तों को जीते हैं. ब्रेक लेने का मतलब यह नहीं कि आप अपने साथी को बिसरा दें, बल्कि तनहाई में सोचें कि कितना पाया है आप ने इस रिश्ते में. साथ ही यह भी कि दिया कितना है? दोनों पलड़ों का संतुलन देखें और सोचें अगर कहीं संतुलन नहीं बन पा रहा है, तो वजह क्या है?

‘‘आप से दूर रहना आप के जीवनसाथी को भी इतनी मोहलत देगा कि वे सोच सकें कि आप उन की जिंदगी में कितने अहम हैं. उन्हें हर समय खुद में उलझाए रखा तो आप उन से वह समय भी ले लेंगी, जिस में वे आप के बारे में सोचना चाहते हैं और यह समय छोटे से ब्रेक से उन्हें दे सकती हैं. जरूरी नहीं कि यह महीनों लंबा हो, लेकिन इतना जरूर हो कि आप एक जिम्मेदारी की तरह उन्हें याद न आएं. याद आएं तो इस तरह कि वे फिर बस आप के पास लौट आने के लिए बेकरार हो उठें.’’

गौरतलब है कि हर पतिपत्नी के बीच झगड़े की खास वजह असुरक्षा और ईगो होता है. यदि आप अपने पार्टनर को प्रौपर स्पेस देते हैं,

तो उस के मन में किसी तरह की असुरक्षा की भावना नहीं रहेगी और न ही आप के मन में रहेगी. आप दोनों हमेशा प्यार से रहें, हंसीमजाक करे, लेकिन शक के घेरे में ले कर हजार सवाल न पूछें. किसी भी रिश्ते में स्पेस देने से भरोसा और भी ज्यादा बढ़ता है. इतना ही नहीं, आप के पार्टनर आप से ज्यादा खुल कर बात कर सकते हैं. साथ ही इस से आप दोनों के बीच सम्मान और प्यार बढ़ता है. ऐसे में पतिपत्नी को पर्सनल स्पेस का ध्यान रखना चाहिए. जिस से कि रिश्ते में प्यार बना रहे.

इन सब के बावजूद भी रिश्ते में सही तालमेल नहीं बैठ रहा है, तो अलगअलग समय बिताने की कोशिश करें. 1 या 2 सप्ताह के लिए एकदूसरे को नहीं देखने की सहमति लें और यह तय करने के बाद स्पष्ट करें कि आप अभी भी एकसाथ हैं और अपना रिश्ता इस समय के दौरान खास रहेगा. ऐसे वक्त में एकसाथ समय नहीं बिताएं न एकदूसरे को मैसेज भेजें. न ही फोन पर बात करें. यह जुदाई आप के लिए यह जानने में मददगार साबित होगी कि आप इस रिश्ते को कितना महत्त्व देते हैं.

यह पहली बार में मुश्किल जरूर हो सकता है. लेकिन यदि आप अपने जीवन में अपने पार्टनर के बिना सुकून महसूस करते हैं, तो शायद ब्रेक ले लेना एक अच्छा विचार है. इसे आप रिश्ते को बेहतर बनाने का एक बेहतरीन विकल्प भी कह सकते हैं. अब यदि आप शुरुआती कुछ दिनों में ब्रेकअप में आनंद महसूस करते हैं, लेकिन उस के बाद आप अपने पार्टनर को मिस करने लगते हैं और अपना जीवन उस के बिना अधूरा महसूस करते हैं, तो आप को रिश्ते को फिर से सुधारने की पहल करनी चाहिए.

निजी आजादी का सम्मान

– विनिता छाबड़ा

‘‘रिश्तों में निजी आजादी के लिए घट रहे स्पेस की वजह से परिवार टूट रहे हैं. आए दिन ऐसे मामले बढ़ रहे हैं. आजादी की जितनी दरकार एक देश को, एक समाज को, हमारे विचारों को और हमारी अभिव्यक्ति को है, उतनी ही आजादी की मांग एक मजबूत रिश्ता भी करता है. इस तरह के मामलों को बढ़ने से आ रही दरार को खत्म कर यदि मजबूत रिश्ता चाहते हैं, तो यह बेहद जरूरी है कि एकदूसरे की निजी आजादी का सम्मान करना होगा.’’

स्पेस में भी रिश्ता रहे मजबूत

– डा. सावित्री सराधना, प्रोफैसर, समाजशास्त्र, राजस्थान विश्वविद्यालय मनोचिकित्सक, एसएमएस अस्पताल, जयपुर

‘‘हर इनसान को अपनी आजादी प्यारी होती है, क्योंकि कोई भी रिश्ता सिर्फ प्यार से ही नहीं चलता, बल्कि उसे चलाने के लिए कई ऐसी चीजें हैं, जो अपनी जगह माने रखती हैं. कई बार जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते में दरार पैदा कर देती है. ऐसे में रिश्ते में स्पेस देना जरूरी हो जाता है. खासतौर से शादीशुदा जिंदगी में स्पेस बहुत जरूरी हो जाता है. ज्यादा दखलंदाजी रिश्ते को खराब कर सकती है. ऐसे में जरूरी है कि सब से पहले अपने पार्टनर को समय दें. साथ ही उस की जिंदगी में ज्यादा ताकझांक या रोकाटोकी न करें. ऐसे में पार्टनर को अकेला छोड़ने के बजाय उसे उस की सोच को कायम रखने के लिए सोचने का मौका दिया जाए. इस दौरान अपने साथी को हमेशा उस की गलतियां बताने में न रहे, क्योंकि ऐसे वक्त में सही बात भी गलत लगने लगती है.’’

फायदे फैमिली ब्रेक के

कैरियर और निवेश ने आप का कल तो सुरक्षित कर दिया, लेकिन आज की खुशियों का क्या? कल की चिंता में कई बार हम आज की खुशियों के छोटेछोटे पलों को नजरअंदाज कर देते हैं. अब ऐसा न हो, इस के लिए फैमिली ब्रेक लेने के कुछ मौके बिलकुल न गंवाएं.

त्योहार हमें परिवार के साथ समय बिताने का पूरा मौका देते हैं लेकिन हम तीजत्योहार की रीतिरस्म निभाने में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि त्योहार की छुट्टियां कब आईं और चली गईं, हमें पता ही नहीं चलता. यदि इन सब चीजों को दरकिनार कर क्वालिटी फैमिली टाइम बिताना है तो फैमिली डिनर, शौर्ट ट्रिप इत्यादि ऐसे विकल्प हैं, जो न सिर्फ आपसी रिश्तों को ताजगी से सराबोर करेंगे, बल्कि फैमिली के हर सदस्य के बारे में करीब से जानने का मौका भी देंगे.

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फैमिली डिनर आउटिंग पत्नी को रोज के घरेलू कामों से थोड़ा ब्रेक देगी, तो वह भी रिलैक्स हो कर आप के साथ क्लालिटी टाइम बिता पाएगी और फिर पत्नीबच्चों के साथ शौर्ट ट्रिप या लौंग ड्राइव पर जाने से बेहतर तो शायद और कुछ न हो, क्योंकि ऐसे पल आपसी बौंडिंग को मजबूत करने के साथ यादगार पलों का तोहफा भी दे जाते हैं.

किसी विज्ञापन की एक लाइन यहां याद आती है कि दूर जाओगे तभी तो अपनों के करीब आओगे.

जल्द पिता बनेंगे Aditya Narayan, वाइफ संग फोटो की शेयर

कई रिएलिटी शो के होस्ट रह चुके आदित्य नारायण जल्द ही पापा बनने वाले हैं, जिसके खुशखबरी उन्होंने सोशलमीडिया के जरिए फैंस को दी है. वहीं एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने पापा बनने की खुश और प्लान के बारे में भी बताया है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

आदित्य ने शेयर की वाइफ संग फोटो

इन दिनों रियलिटी शो सा रे गा मा पा (Sa Re Ga Ma Pa) में नजर आ रहे आदित्य नारायण (Aditya Narayan) ने वाइफ श्वेता अग्रवाल के साथ अपनी एक फोटो शेयर की है, जिसमें श्वेता बेबी बम्प फ्लौंट करती नजर आ रही है. वहीं बेबी बम्प के साथ श्वेता की यह पहली फोटो है, जो सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.

 

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पापा बनने को लेकर कही ये बात

होस्ट और सिंगर आदित्य नारायण ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘श्वेता और मैं जिंदगी के एक नए पड़ाव में आने वाले हैं, जिसे लेकर मैं काफी खुश हूं. मुझे बच्चे बेहद पसंद है और मैं हमेशा से एक पिता बनना चाहता था. हालांकि अब मुझे और श्वेता को और भी ज्यादा काम करना होगा क्योंकि मैं खुद एक बच्चे से कम नहीं हूं. ये बहुत की फिल्मी लगता है लेकिन मैने 30वें जन्मदिन यानी 2017 में एक सपना देखा था कि श्वेता हमारे बच्चे को लेकर गोद में लिए खड़ी है. हालांकि मैं खुश हूं कि मेरा सपना जल्द ही पूरा होने वाला है.

जल्द होगी गोदभराई

आदित्य नारायण ने अपने आगे के प्लान्स को शेयर करते हुए बताया है कि जल्द श्वेता की गोदभराई होगा. लेकिन कोरोना के कारण इस रस्म में केवल परिवार और दोस्त ही मौजूद होंगे. वहीं शादी की बात करें तो कोरोना के बीच ही 1 December 2020 में आदित्य नारायण ने अपनी लौंग टाइम गर्लफ्रेंड और एक्ट्रेस श्वेता अग्रवाल से शादी करने का फैसला किया था.

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Anupama का साथ पाकर वापस लौटेगी पुरानी काव्या, वनराज का करेगी बुरा हाल

सीरियल अनुपमा (Anupama) में जहां वनराज (Sudhanshu Panday), मालविका (Aneri Vajani) को अपने जाल में फंसाने की तैयारी कर रहा है तो वहीं काव्या (Madalsa Sharma) की शो में दोबारा धमाकेदार एंट्री हो गई है, जिसके चलते अपकमिंग एपिसोड (Anupama Latest Update) में धमाकेदार ट्विस्ट आने वाला है. इसी के साथ शो में काव्या अपने पुराने रुप में वापस आने वाली है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

काव्या और वनराज के बीच हुआ झगड़ा

 

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अब तक आपने देखा कि नंदिनी, समर से कहती है कि अपने पापा से कह दें कि वह उसकी मासी काव्या पर ना चिल्लाए. हालांकि समर एक बार फिर नंदिनी को ताना मारते हुए नजर आता है. इसी बीच काव्या, वनराज को चेतावनी देती है कि वह उसकी पतंग की डोर बार-बार काटती रहेगी और उसे शांति से जीने नहीं देगी, जिसे सुनकर वनराज गुस्से में पार्टी से चला जाएगा.

 

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वनराज का साथ देगी मालविका

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुपमा, वनराज के कारण परेशान होती हुई नजर आएगी और कहेगी कि पता नहीं क्यों मिस्टर शाह शांत नहीं हो सकते. वहीं मालविका आएगी और कहेगी कि काव्या के कारण, वह अपनी शांति बनाए नहीं रखता क्योंकि वह दूसरों को नहीं जाने देती. वनराज का साथ देते हुए मालविका कहेगी कि कि वनराज और काव्या का रिश्ता उसके रिश्ते की तरह जहरीला होता जा रहा है. उसके रिश्ते में, आदमी की गलती थी, लेकिन उन दोनों के मामले में काव्या की गलती है और उन्हें रिश्ता खत्म कर देना चाहिए. हालांकि अनुपमा  कहेगी कि डॉक्टर अंग को तभी हटाता है जब यह ठीक न हो, काव्या कम से कम अपने रिश्ते को मौका देने की कोशिश कर रही है. लेकिन वनराज इसके लिए तैयार नहीं है.

 

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काव्या मांगेगी अनुपमा से मदद

 

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इसके अलावा आप देखेंगे कि नंदिनी, काव्या से सबकुछ छोडकर यूएस चलने के लिए कहेगी. हालांकि काव्या राजी नहीं होगी. वहीं अनुपमा दोनों की बात सुन लेगी और कहेगी कि नंदिनी और काव्या यूएस जा सकते हैं लेकिन गर्व के साथ. हालांकि काव्या, अनुपमा से अपना पुराना रूप बनने के लिए मदद मांगती हुई नजर आएगी. दूसरी तरफ वनराज को लगेगा कि अनुपमा, काव्या और नंदिनी का साथ देकर गलत कर रही है.

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मेरी आईलैशेज काफी कम और छोटी हैं, इनकी ग्रोथ के लिए कोई उपाय बताएं?

सवाल-

मेरी उम्र 30 साल है. मेरी आईलैशेज काफी कम और छोटी हैं. मुझे कोई उपाय बताएं, जिस से उन की ग्रोथ हो सके?

जवाब-

घनी आईलैशेज के लिए अरंडी का तेल काफी फायदेमंद माना जाता है. इस में रिसिनोलिक ऐसिड पाया जाता है. यह बालों की जड़ों में रक्तप्रवाह को बढ़ाता है और पलकों के विकास के लिए उत्तेजित करता है.

अरंडी के तेल से न सिर्फ आप की पलकें घनी होंगी बल्कि यह पलकों को टूटने से भी बचाएगा. इसे लगाने के लिए अपने चेहरे को अच्छी तरह साफ कर लें. ध्यान रहे कि आप की आंखों पर किसी तरह का मेकअप न हो. अब साफ मसकारा ब्रश लें. इस ब्रश को अरंडी के तेल में डुबोएं और पलकों पर लगाएं. इसे रातभर पलकों पर लगा रहने दें और सुबह गुलाबजल या फिर मेकअप वाइप्स की मदद से साफ कर लें.

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कई लड़कियां आंखों की सुंदरता को उभारने के लिए नकली या आर्टिफिशियल पलकों का इस्तेमाल करती हैं. लेकिन जब आप अपनी पलकों को प्राकृतिक रूप से घना बना सकती हैं, तो इतनी तकलीफ उठाने की जरूरत क्या है. लड़कियों की खूबसूरती उन की आंखों से होती है और यदि उन की पलकें घनी हैं तब तो कहने ही क्या.

कई युवतियों की पलकें घनी नहीं होतीं, इसलिए वे अपनी आंखों की सुंदरता को उभारने के लिए नकली या आर्टिफिशियल पलकों का सहारा लेती हैं, जिन्हें ज्यादा समय तक अपनाने से नुकसान भी हो सकता है. आइए, जानते हैं कि किस तरह आप अपनी पलकों को कुदरती तौर पर घना और मोटा बना सकती हैं:

1. कैस्टर तेल

रात को सोते समय हर रोज अपनी पलकों पर इस तेल को लगाएं. चाहें तो तेल को हलका सा गरम भी कर सकती हैं. इस को 2 महीने तक लगाएं और फिर देखिए कि आप की पलकें किस तरह से घनी हो जाती हैं.

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2. विटामिन ई तेल

एक छोटा सा आइलैश ब्रश लें और उसे इस तेल में डुबो कर रोजाना अपनी पलकों पर लगाएं. चाहें तो विटामिन ई की कुछ टैबलेट को क्रश कर इस तेल के साथ मिला कर लगा सकती हैं. अगर आप की पलकों पर खुजली होती है तो वह भी इस तेल को लगाने से खत्म हो जाएगी.

3. वैसलीन

यदि आप किसी प्रकार का तेल नहीं लगाना चाहतीं, तो वैसलीन इस का बेहतर विकल्प है. रोजाना रात को सोने से पहले अपनी पलकों पर वैसलीन लगाएं. उस के बाद सुबह उठते ही पलकों पर हलके गरम पानी से छींटे मार कर साफ करें, वरना पूरे दिन वे चिपचिपाती रहेंगी.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

समाज नियमों से चलता है धर्म से नहीं

दिसंबर के अंत में हरिद्वार में धर्म संसद में यदि नरसिहानंद को हिंदूमुसलिम संबंधों पर ही नहीं औरतों पर भी गहरा कटाक्ष असल में उन भक्त औरतों के कारण गया जो धर्म की दुकानदारी को चलाती है. हर धर्म में सब से बड़ी ग्राहक औरतें होती हैं और उन्हें  लगता है कि यदि उन्होंने धर्म की शरण ली तो उन का यह जन्म तो ठीक रहेगा ही मरने के बाद अगला जन्म मिलेगा या स्वर्ग में स्थान मिलेगा. औरतों को पैदा होते ही जो पट्टी पढ़ा दी जाती है कि उन को जो मिल रहा है वह पूजापाठ के कारण ही मिल सकता है और यही पति नरिसहानंद जैसों को बकबक करने का साहस देता है.

सवाल तो यह है कि यह धर्म संसद आयोजित कैसे होती हैं? कैसे देश के दूरदूर से लोग हवाई जहाज, रेल या गाडिय़ों से अकेले नहीं अपने शिष्य और शिष्याओं के साथ पहुंच जाते हैं.

धर्म संसद का आयोजन मुफ्त में नहीं हो जाता. इस के लिए स्थान, पंडाल, रहने की जगह, खाने की व्यवस्था सब करनी होती है खासतौर पर जब इस तरह ही संसद 3 दिन की होने वाली हो. जब तक पैसा नहीं होगा यह नहीं हो सकती. यह पैसा चंदे से आता है और चंदा एक तरह से या सीधे औरतों से ही मिलता है. यदि पुरुष देते हैं तो वे घर की आय काट कर देते हैं. औरतें देती है तो अपनी बचत में से भी घर की कुछ सुविधाएं काट कर देती है. किसलिए?

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उन्हें यही बताया जाता है कि धर्म के कारण ही वे समाज टिका है और वे सुरक्षित है. ये दोनों बातें  झूठी हैं, समाज समाज के नियमों से टिकता है, धर्म के नियमों से नहीं. किसी भी धार्मिक प्रवचन को सुन लीजिए, किसी धार्मिक पुस्तक को उठा कर पढ़ लीजिए, उस में व्रत, उपवास, पूजा, प्रार्थना, दानदक्षिणा की बातें होंगी, कहींकहीं उपदेश होंगे कि औरतों को मति अपना कर पति की सेवा करने चाहिए पर उस के साथ पुछल्ला लगा होगा कि चाहे पति कैसा भी हो.

धर्म की चलती है पर पूजापाठ और दानदक्षिणा के मामले में, धर्म न तो औरतों पर बलात्कार रोक पाना, न विधवाओं को आदर दे पाया, न लड़कियों के लिए आफत दहेज को रोक पाया, न दहेज हत्याओं को रोक पाया. कोई धर्म औरतों का व्यापार नहीं रोक पाया बल्कि हर धर्म नगरी में वेश्याओं के इलाके बड़े जोरशोर से फलते चलते हैं. धर्म औरतों को बराबरी नहीं दे पाया. औरतों को ही सारी प्राकृतिक आपदओं का कारण पौराणिक युगों से चला जाता रहा है. औरतों को नंगा कर के उन से हल चलवा कर बारिश कराने के इंद्र देवता को खुश करने के काम भी धर्म के ईशारों पर होते हैं.

धर्म ही यति नरसिहानंद जैसे को खुली छूट देता है क्योंकि धर्म की आड़ में ही सीता को घर निकाला मिला था, राम को ब्राहमण के श्राप के कारण पिता को सेना पड़ा था, आहिल्या को पत्थर बनना पड़ा था. यही औरतें धर्म के दुकानदारों की सब से बड़ी स्पोर्टर और फाइनेंनसर हैं और आज अगर देश ोराहे पर खड़ा है और जाति व धर्म की कशमकश में फंसा है तो इसलिए औरतों से मिलने वाली आर्य को झपटने के लिए सब बुरी तरह बेचैन हैं.

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अगर धर्म या जाति के कारण कहीं दंगे, फसाद, हत्याएं हुईं तो सब से बुरी हालत लड़कियां अनाथ होंगी तो धर्म उन्हें सहारा नहीं देगा. वे विधवा होंगी तो धर्म उन्हें संरक्षण नहीं देगा, उन के घर जलेंगे तो धर्म बनवा कर नहीं देगा. धर्म तो आग लगवा कर हाथ झाड़ कर खड़ा हो जाएगा और भक्तों को कहेगा कि और भार चाहे खुद भर जाए और अपने पीछे घर में इंतजार करने बालियों को भूल जा. वही औरतें धर्म संसद को पैसा देती हैं, यह न भूलें.

जानें क्या है I CAN READ: आपके बच्चे की शुरुआती विकास में सहायक

बच्चों को पढ़ने के लिए जरूर प्रोत्साहित करें, पढ़ाई के कारण ही बच्चों की रोजमर्रा की जिंदगी आसान बनेगी. बच्चों की पढ़ाई को लेकर हमेशा पॉजिटिव रहें और उनकी मदद करें. इससे आपका अपने बच्चों के साथ स्ट्रॉन्ग कम्युनिकेशन बना रहेगा और उनके पढ़ने और सीखने की इच्छाशक्ति भी बढ़ती रहेगी.

इसके लिए HarperCollins Publishers India ने की है एक खास शुरुआत जिसका नाम है I Can Read! ये बच्चों (बिगनिंग रीडर्स) की रीडिंग जर्नी का सबसे अहम  हिस्सा है.

I Can Read! कैसे करता है बच्चों की मदद?

I Can Read! सीरीज की सभी किताबे उनके रीडिंग्स लेवल के आधार पर तैयार किए गए है.

फर्स्ट लेवल उन पैरेंट्स के लिए आदर्श है जो अपने बच्चों को किताबें पढ़कर सुनाते हैं. जब तक कोई बच्चा तीसरे लेवल तक पहुंचता है तब तक उसे खुद से पढ़ने में सक्षम हो जाना चाहिए.

यहां पर हम आपको बता रहे हैं उन विभिन्न चरणों के बारे में जिनसे गुजरकर आपका बच्चा एक इंडिपेंडेट रीडर बनेगा…..

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माय फर्स्ट: साथ में पढ़ना

मूल भाषा, शब्द दोहराव, और मजेदार चित्रण, अपने उभरते पाठकों के साथ बांटने के लिए आदर्श…

बच्चों को अच्छा पाठक बनने में मदद करने के लिए पहला कदम है, उन्हें बोल बोल कर पढ़ाना. इस स्तर पर Biscuit और Pete the Cat: Too Cool for School जैसी किताबें हैं, जिनमें सरल शब्दावली के साथ छोटी-छोटी आर्कषक कहानियां हैं. इनमें दोहराए गए वाक्यांश युवा पाठकों को अपने माता-पिता के साथ मिलकर कुछ शब्दों को पढ़ने का मौका देते हैं. बहुत से शब्द ऐसे होते हैं, जिन्हें बच्चे आसानी से पहचान लेते हैं. साथ ही इन किताबों में शुरुआती पाठकों के लिए सक्रिय, आकर्षक कहानियां और विषय और ढेर सारे प्यारे पात्र होते हैं.

यहां देखिए I CAN READ लेवल माय फर्स्ट बुक्स की सभी किताबें

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पहला चरण: शुरुआती पढ़ाई

छोटे वाक्य, जाने पहचाने शब्द और उन बच्चों के लिए सिंपल कॉन्सेप्ट जो खुद से पढ़ने के लिए उत्सुक हैं…

पहला चरण उन पाठकों के लिए बिल्कुल सही है, जो शब्दों और वाक्यों का उच्चारण करने की शुरुआत कर रहे हैं. इस लेवल पर Danny and the Dinosaur जैसी बुक्स, जिसमें जाने पहचाने शब्दों का इस्तेमाल करके सरल वाक्यों के साथ लिखा गया है.  इस लेवल की कई बुक्स जानवरों की फोटोज से भरी हुई हैं, जिसे पढ़ने में अद्भुत रोमांच महसूस होता हैं! वहीं इसकी शब्दावली पाठकों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है. इस स्तर पर पसंदीदा कैरेक्टर की तलाश करने वाले बच्चों को Berenstain Bears और Pinkalicious जैसे और भी मजेदार किरदार मिलेंगे.

यहां देखिए I CAN READ लेवल 1 की सभी किताबें

दूसरा चरण: मदद के साथ पढ़ना

विकासशील पाठकों के लिए दिलचस्प कहानियां, लंबे वाक्य और लैंग्वेंज प्ले, उनके लिए जिन्हें अभी भी थोड़ी मदद की ज़रूरत है…

दूसरा चरण उन पाठकों के लिए है, जो पढ़ने के लिए आत्मविश्वासी तो हैं, लेकिन फिर भी उन्हें थोड़ी मदद की जरूरत पड़ती है. इस लेवल में Frog and Toad Are Friends और Amelia Bedelia जैसी किताबें शामिल हैं, जिनमें ज्यादा जटिल कथा सूत्र (स्टोरी लाइन), लंबे वाक्य और ज्यादा चुनौतीपूर्ण शब्द शामिल हैं. इसके अलावा Plants vs. Zombies; Save Your Brains! और Justice League Classic: I Am the Flash जैसी रहस्य और एडवेंचर की कहानियां इस चरण में शामिल हैं.

यहां देखिए I CAN READ लेवल 2 सभी किताबें

तीसरा चरण: अकेले पढ़ना

स्वतंत्र पाठक के लिए जटिल विषय, चुनौतीपूर्ण शब्दावली और पसंदीदा विषय…

तीसरे चरण में पाठकों के लिए कई मज़ेदार विषय शामिल हैं, जिन्हें बच्चे खुद पढ़ना पसंद करते हैं. The Drinking Gourd and Buffalo Bill और The Pony Express जैसी ऐतिहासिक कहानियों वाली किताबें इस लेवल पर पेश की जाती हैं. इसके अलावा इसमें दोस्ती, रोमांच और विज्ञान जैसे अन्य विषय भी शामिल हैं. तीसरे चरण में शामिल किताबें खुद से पढ़ने वाले पाठकों के लिए लिखी गई हैं, इनमें कठिन शब्द और ज्यादा जटिल विषय और कहानियां शामिल हैं.

यहां देखिए I CAN READ लेवल 3 की सभी किताबें

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Sunrise Pure स्वाद और सेहत उत्सव में आज बनाते हैं चाउमीन

सर्दियों में कईं ऐसी चीजें हैं, जिसे खाने का मन बच्चों का ही नही बड़ों का भी करता है. अक्सर लोग बाहर का खाना ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन बाहर का खाना आपको नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन चाइनीज नूडल्स बाहर का ही ज्यादात्तर लोगों को पसंद आता है पर आज हम आपको घर पर रेस्टोरेंट स्टाइल चाउमीन यानी नूडल्स की रेसिपी के बारे में बताएंगे.

हमें चाहिए

200 ग्राम फ्रेश नूडल्स

5 कप पानी

1 टी स्पून नमक

2 टेबल स्पून तेल

1 टी स्पून अदरक लहसुन पेस्ट

1 टी स्पून लाल मिर्च पाउडर

1/4 कप प्याज, कटा हुआ

1/2 टी स्पून सोया सौस

1 टी स्पून नमक

1/4 कप सेलेरी , टुकड़ों में कटा हुआ

1 टी स्पून सिरका

1 टी स्पून चिली सौस

1 कप हरी और लाल शिमला मिर्च

1 मशरूम

1 कप गाजर, गुच्छा

1 हरी मिर्च, टुकड़ों में कटा हुआ

1 टेबल स्पून टोमैटो सौस

1 टेबल स्पून हरा प्याज

1 टी स्पून लहसुन, टुकड़ों में कटा हुआ

2 टी स्पून Sunrise Pure चाउ मिक्स मसाला

बनाने का तरीका

एक पैन में पानी लें, इसमें नमक और औलिव औयल डालें और उबाल आने दें. नूडल्स डालें और पकने दें, अगर वह फ्रेश हो तो हल्का पकाएं और सूखे हो तो थोड़ा और पका लें.

इसका पानी तुरंत निकाल लें और चलते पानी में ठंडा कर लें नूडल्स पूरी तरह ठंडे हो जाएंगे. नूडल्स में एक बड़ा चम्मच तेल डालें और अगर जरूरत पड़े तो नूडल्स को छलनी में ही छोड़ दें.

एक छोटे बाउल में गार्निशिंग के लिए सिरके में हरी मिर्च को भिगोकर एक तरफ रख दें. अब एक बड़े पैन में तेल गर्म करें और इसमें लहसुन, अदरक-लहसुन का पेस्ट और प्याज डालकर तेज आंच पर भूनें.

इसमें अब सेलेरी, मशरूम, लाल और हरी मिर्च के साथ गाजर डाले और अच्छे से भूनें. इसके बाद नमक, कालीमिर्च पाउडर, टोमैटो सौस, चिली सौस, सोया सौस और सिरका सब्जियों में डालें. अच्छे से मिक्स करें.

इसमें नूडल्स डालें और अच्छे से मिलाएं जब तक यह पूरी तरह मिक्स न हो जाएं. इसी के साथ चाउमीन में Sunrise Pure चाउ मिक्स मसाला डालें और अच्छी तरह मिलाएं, जिसके बाद लाल शिमला मिर्च, सिरक वाली हरी मिर्च को इस पर डालकर गार्निश करके अपनी फैमिली और बच्चों को खिलाएं.

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Kundali Bhagya से लेकर ‘गुम हैं किसी के प्यार में’ के सितारों ने कोरोना में रचाई शादी, फोटोज वायरल

कोरोना की तीसरी लहर यानी ओमीक्रॉन का कहर जहां बढ़ता जा रहा है. वहीं शादियों के सीजन की भी शुरुआत हो गई हैं. वहीं इन शादियों टीवी सेलेब्स की शादियां भी शामिल हो चुकी हैं. दरअसल, हाल ही में टीवी के 3 सेलेब्स शादी के बंधन में बंध गए हैं. वहीं इनमें कुंडली भाग्य और गुम हैं किसी के प्यार में के एक्टर्स का भी नाम शामिल है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

कुंडली भाग्य एक्ट्रेस ने की शादी

 

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कुंडली भाग्य एक्ट्रेस मानसी श्रीवास्तव ने कोरोना में लॉन्ग टाइम बॉयफ्रेंड कपिल तेजवानी से शादी कर ली है. लाल रंग का भारी लहंगा और हेवी ज्वेलरी के साथ मानसी काफी खूबसूरत लग रही थीं. वहीं उनकी फोटोज सोशलमीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं. कोरोना के कारण शादी कम लोग नजर आए. वहीं इनमें कुंडली भाग्य के सितारे में नहीं दिखे. हालांकि रिसेप्शन में कुंडली भाग्य के लीड एक्टर धीरज धूपर मस्ती करते नजर आए.

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गुम है किसी के प्यार में एक्टर ने रचाई शादी

कुंडली भाग्य एक्ट्रेस के अलावा ‘गुम है किसी के प्यार में’ फेम ऐक्टर यश पंडित (Yash Pandit marriage photos) ने भी अपनी लौंग टाइम गर्लफ्रेंड महिमा मिश्रा से 22 जनवरी को शादी कर ली. ‘गुम है किसी के प्यार में’ सीरियल में विराट के जीजा का रोल निभाने वाले यश पंडित का फैंस को शादी में ट्रैडिशनल लुक देखने को मिला. हालांकि इस शादी में सीरियल के सितारे नदारद दिखे. वहीं बात करें तो इससे पहले नील भट्ट और ऐश्वर्या शर्मा भी शादी के बंधन में बंध चुके हैं.

 

 

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कोरोना में हुई शादी

 

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‘एक घर बनाऊंगा’ एक्टर राहुल शर्मा (Rahul Sharma wedding photos) ने अपनी गर्लफ्रेंड नेहा शर्मा से जयपुर के एक रिजॉर्ट में शादी कर ली है दोनों की शादी की फोटोज भी सोशलमीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं. वहीं एक इंटरव्यू में राहुल शर्मा ने अपने हनीमून प्लानिंग के बारे में बात करते हुए कहा था कि वह कोरोना के कारण इंडिया से बाहर नहीं जाएंगे. हालांकि माहौल ठीक होने पर वह एक महीने के लिए यूरोप टूर पर जाएंगे.

 

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Virat Kohli की Copy हैं बेटी Vamika, Anushka Sharma संग सामने आई Cute फोटोज

बौलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) और क्रिकेटर विराट कोहली (Virat Kohli) अपनी बेटी वामिका (Vamika Kohli) की प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखते हैं, जिसके चलते वह पूरी कोशिश करते हैं कि उसका चेहरा मीडिया या फैंस के सामने ना आए. लेकिन हाल ही में विराट कोहली के मैच के दौरान अनुष्का शर्मा ने अपनी बेटी का चेहरा फैंस को दिखा दिया हैं. वहीं वामिका की फोटोज सोशलमीडिया पर छा गई हैं. आइए आपको दिखाते हैं वामिका की फोटोज….

बेटी वामिका का चेहरा आया सामने

 

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भारत और साउथ अफ्रीका के बीच तीसरे वनडे मुकाबले के दौरान विराट कोहली की बेटी वामिका की पहली झलक दिखाई दी. दरअसल, मैच के दौरान विराट कोहली की पत्नी यानी बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा स्टैंड्स में अपनी बेटी वामिका के साथ विराट कोहली और टीम इंडिया के लिए चीयर करती नजर आईं. वहीं इस दौरान कैमरा की नजर वामिका पर पड़ी, जो पिंक कलर की ड्रेस पहने अनुष्का शर्मा की गोद में दिखीं. वहीं विराट बेटी को हाय करते हुए भी दिखे.

 

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विराट  की कौपी हैं वामिका

वामिका कोहली की फोटोज वायरल होने के बाद जहां फैंस उसकी क्यूटनेस की तारीफें कर रहे हैं तो वहीं वह वामिका को पापा विराट की कौपी बताते नजर आ रहे हैं. इसी के साथ सोशलमीडिया पर वामिका और अनुष्का शर्मा और विराट के बचपन की फोटोज वायरल हो रही हैं.

बता दें, क्रिकेटर विराट कोहली और एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा शुरुआत से ही मीडिया और फैंस से अपील की थी कि वह अपनी बेटी की प्राइवेसी का ख्याल रखते हुए उसे मीडिया से दूर रखेंगे. लेकिन मैच के दौरान वायरल हुई फोटोज और वीडियो को देखने के बाद फैंस के मजेदार रिएक्शन देखने को मिल रहे हैं. बात करें वामिका की तो वह जनवरी में ही एक साल की हुई हैं, जिसका बर्थडे सेलिब्रेशन मैच के दौरान ही मनाया गया था.

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