39 साल की उम्र में मां बनीं Priyanka Chopra, शेयर किया पोस्ट

बौलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) अपनी फिल्म की बजाय पर्सनल लाइफ को लेकर अक्सर सुर्खियां बटोरती हैं. बीते दिनों जहां उनके तलाक की खबरों ने फैंस को हैरान कर दिया था तो वहीं अब एक्ट्रेस की मां बनने की खबर ने लोगों को चौंका दिया है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

मां बनीं प्रियंका चोपड़ा

 

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दरअसल, थोड़ी देर पहले ही प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने अपने फैंस को जानकारी  दी है कि वह और उनके पति निक जोनस (Nick Jonas) सरोगेसी के जरिए पेरेंट्स बन गए हैं. प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) ने लिखा ये बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हमने सेरोगेसी के जरिए बच्चे का स्वागत किया है. हम इस विशेष समय में आपसे सम्मानपूर्वक प्राइवेसी की अपील करते हैं क्योंकि हम अपने परिवार पर ध्यान दे रहे हैं. बहुत-बहुत धन्यवाद. वहीं निक जोनस ने भी एक जैसा पोस्ट अपने फैंस के लिए शेयर किया है. हालांकि दोनों ने बेटा या बेटी होने की खबर नहीं दी है. वहीं इस पोस्ट पर सेलेब्स और फैंस दोनों को बधाई देते नजर आ रहे हैं.

 

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फैमिली बढ़ाने को लेकर कह चुकी हैं ये बात

 

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साल 2018 के दिसंबर में जोधपुर में हिंदू और फिर ईसाई रीति-रिवाज से  शादी करने वाली प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra)मां बनने की इस खबर से पहले कई बार पति निक (Nick Jonas) के साथ परिवार बढ़ाने की बात कहते हुए नजर आ चुकी हैं. वहीं एक शो में उन्होंने लाइव औडियंस के सामने फैमिली बढ़ाने की बात कही थीं. हालांकि बाद में उन्होंने खुद उसे मजाक कहा था. इसके अलावा वह इंटरव्यू में भी वह मां बनने की बात कहती नजर आईं थीं.

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फेस से ब्लैकहैड्स हटाने का तरीका बताएं?

सवाल-

मेरे चेहरे पर ब्लैकहैड्स हैं जो आसानी से नहीं निकलते हैं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

ब्लैकहैड्स को फेस पैक के जरीए निकाल पाना पौसिबल नहीं है क्योंकि वे पोर्स के अंदर होते हैं और पोर्स को खोल कर क्लीन करने के लिए स्क्रब करना जरूरी होता है. इन ब्लैकहैड्स को रिमूव करने के लिए आप किसी अच्छे कौस्मैटिक क्लीनिक से वेज या फ्रूट पील करवा सकती हैं. 15 दिन में एक बार पील करवा लेने से ब्लैकहैड्स व व्हाइट हैड्स रिमूव हो जाएंगे साथ ही चेहरे पर निखार भी आएगा.

इस के साथ ही डेली बेसिस पर अपने फेस को क्लीन करने के लिए स्क्रब बना लें. घर पर बादाम व दलिया खुरदरा पीस कर पाउडर बनाएं और इस में चुटकीभर हलदी और गुलाबजल मिला कर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को अपनी नाक व चेहरे पर लगा कर हलके हाथों से स्क्रब कीजिए और थोड़ी देर बाद सादे पानी से धो लें.

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वातावरण में मौजूद प्रदूषण और चेहरे को नियमित ऐक्सफौलिएट न करने की वजह से चेहरे पर होने वाले दागधब्बे अच्छे नहीं लगते हैं. खासकर नाक और लोअर लिप के नीचे होने वाले ब्लैकहैड्स और व्हाइटहैड्स. दरअसल, सिबेसियस ग्लैंड के द्वारा जरूरत से ज्यादा तेल पैदा करने पर स्किन के पोर्स बंद हो जाते हैं या फिर मृत कोशिकाओं के एकत्रित हो हेयर फौलिकल्स को ब्लौक करने के कारण स्किन तक औक्सीजन नहीं पहुंच पाती और स्किन सांस नहीं ले पाती.

इन्हें ठीक करने के लिए बहुत से उपायों का इस्तेमाल किया जाता है, बावजूद इस के ये बारबार हो जाते हैं. मशहूर कौस्मैटोलौजिस्ट भारती तनेजा इस परेशानी से बचने के लिए नियमित रूप से अपने चेहरे को सैलिसिलिक ऐसिड युक्त क्लींजर से धोने की सलाह देती हैं.

व्हाइटहैड्स के लिए करें ये उपाय

नीम और हलदी पैक:

नीम और हलदी दोनों ही अपने औषधीय गुणों के लिए जाने जाते हैं. इन दोनों में पाए जाने वाले ऐंटीऔक्सीडैंट के कारण ये व्हाइटहैड्स को दूर करने में मदद करते हैं. इस के लिए नीम की कुछ पत्तियां ले कर उन में 1 चुटकी हलदी मिला कर पीस लें. फिर इस पेस्ट को चेहरे पर लगा लें. 10 मिनट लगा रहने के बाद पानी से धो लें. इस से आप को व्हाइटहैड्स से छुटकारा मिल जाएगा.

चने की दाल का स्क्रब:

बेसन स्किन की अंदरूनी सफाई करता है. डैड स्किन की प्रौब्लम दूर करने के साथ ही इस से चेहरे की रंगत भी निखरती है. 1 चम्मच चने की दाल पीस कर उस में 1 चम्मच कच्चा दूध और 2 चम्मच रोजवाटर मिलाएं. अब इस पेस्ट को चेहरे पर 20 मिनट तक लगाए रखें और फिर चेहरा धो लें.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- ब्लैकहैड्स और व्हाइटहैड्स को ऐसे करें दूर

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

दोषी मातापिता ही क्यों

सरकार शादी की आयु में लड़कों और लड़कियों का भेद खत्म करने वाली है और शादी की आयु दोनों के लिए न्यूनतम 21 वर्ष होगी. इस का अर्थ होगा कि यदि किसी ने अपनी मरजी से 21 साल से पहले साथ रहना शुरू भी कर दिया तो इसे लिवइन कहा जाएगा, विवाह नहीं चाहे पंडित, काजी या पादरी ने धार्मिक क्रियाकलापों से शादी करा दी हो.

यह कहना गलत नहीं है पर भारत जैसे देश में जहां लड़कियों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती है, बहुत से गरीब मांबापों के लिए अविवाहित बेटी आफत होती है. 21 साल तक घर पर रख कर उसे सुरक्षा देना देश के गरीब वर्ग के लिए संभव नहीं है.

एक तरफ लड़कियों को पीरियड्स 13-14 की जगह 10-11 में शुरू हो रहे हैं और दूसरी ओर शादी में देर हो रही है. अगर माहौल ऐसा हो जिस में घर का दरवाजा टाट का परदा हो, छत कच्ची हो, पानी लेने मीलों जाना हो, शौचालय न हो वहां 10-11 से ले कर 21 साल तक लड़की की सुरक्षा करना कितने गरीब मांबापों के बस की है?

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पुलिस वाले हैं पर वे तो खुद ही ऐसी लड़कियां की ताक में रहते हैं. अगर किसी के साथ सिर्फ छींटाकशी हो तो वह डर जाती है पर शिकायत तक नहीं कर सकती क्योंकि मांबाप के पास सिवा उसे घर में बंद कर के जाने के और कोई उपाय नहीं होता.

21 साल की आयु तक लड़कियों को समझ आ जाती है और वे घरगृहस्थी का बोझ संभालने में ज्यादा सक्षम हो जाती हैं, यह सोच ठीक है पर जब तक शारीरिक जरूरत जो प्रकृति ने दी है, का कोई जवाब न हो, कानून से कुछ भी करना लड़कियों के साथ खिलवाड़ हो सकता है.

शादी की आयु का कानून बनाना हो तो इस में सजा पंडित, काजी, मुल्ला और पादरी को देने का भी प्रावधान हो कि अगर वे इस आयु से कम की लड़की की शादी कराएंगे तो उन्हें जेल भेजा जाएगा. आजकल दोषी मातापिता ठहराए जाते हैं जो गलत है.

अगर 21 से ज्यादा का लड़का किसी 21 साल से कम उम्र की लड़की से सामाजिक, धार्मिक तरीके से शादी कर ले तो भी दोषी लड़कालड़की नहीं, उन के मातापिता नहीं, शादी कराने वाले होने चाहिए क्योंकि यदि वे शादी की रस्में नहीं कराएंगे तो कानून की नजरों में शादी होगी ही नहीं.

अफसोस यह है कि किसी सरकार, भाजपा सरकार में तो खासतौर पर पंडितों और दूसरे धर्म के दुकानदारों को सजा देने का कानून बनाने की हिम्मत नहीं है.

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स्टेटमेंट ज्वैलरी से पायें आकर्षक लुक

स्टेटमेंट अर्थात् अभिव्यक्ति. अपने नाम से ही स्वयं को परिभाषित करती हुई स्टेटमेंट ज्वैलरी आजकल बहुत ट्रेंडी और फैशन में है. स्टेटमेंट ज्वैलरी को धारण करने वाला अपने व्यक्तित्व को अपनी ज्वैलरी के माध्यम से अभिवयक्त करता है. यह व्यक्तित्व को बोल्ड, आकर्षक, फंकी और यूनिक लुक प्रदान करती है. आउटिंग,  आफिस अथवा किसी भी छोटी बड़ी पार्टी में आप स्टेटमेंट ज्वैलरी पहनकर अपने व्यक्त्वि में चार चांद लगा सकती हैं. वजन में हल्की और कम कीमत में उपलब्धता इसकी विशेषता है. लाइट वेट होने के कारण इसे कैरी करना भी काफी आसान होता है. Bollywood और TV सीरियल्स के कलाकारों से लेकर आम महिलाओं, युवतियों और किशोरियों में भी यह ज्वैलरी अपनी खासी पैठ बना चुकी यह ज्वेलरी के प्रमुख प्रकार निम्न हैं-

कैसी कैसी स्टेटमेंट ज्वैलरी

-चंकी स्टेटमेंट ज्वैलरी

धातुओं, नग, रत्नों अथवा फेब्रिक से विविध,  आधुनिक और आकर्षक डिजायन्स में बने चंकी ईयरिंग्स, ब्रेसलेट, और नेकलेस आपको भीड़ में भी पृथक पहचान प्रदान करते हैं. यह आपको पारंपरिक और आधुनिक दोनों ही लुक प्रदान करते हैं. कीमत में कम होने के कारण किशोरियों की यह पसंदीदा ज्वेलरी है.

-हैवी मेटल स्टेटमेंट ज्वैलरी

इस प्रकार की ज्वैलरी को बनाने में सोना, चांदी, तांबा, और पीतल जैसी धातुओं का प्रयोग किया जाता है. इस प्रकार की ज्वैलरी को पहनते समय एक ही धातु से बनी ज्वैलरी को ही पहनना चाहिए ताकि आपके व्यक्तित्व में समरूपता दिखायी दे सके.

-स्पार्कलिंग स्टेटमेंट ज्वैलरी

स्पार्क अर्थात चमकते रत्नों और नगों के साथ बनी ज्वैलरी. यह विविध आकर्षक रंगों में नेकलेस,  ईयरिंग्स और ब्रेसलेट के साथ बाजार में उपलब्ध है आप अपने आउटफिट के रंग के साथ मैच करती ज्वैलरी पहनकर अपने लुक को आकर्षक बना सकतीं हैं. यद्यपि इस प्रकार की ज्वैलरी में प्रयोग किए जाने वाले वास्तविक नग और रत्नों क कारण यह कीमती हो जाती है परंतु विकल्प के तौर पर बाजार में कम कीमत की आर्टिफिशियल स्पार्कल ज्वैलरी उपलब्ध है जो लुक में एकदम वास्तविक ही प्रतीत होती है.

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-फेब्रिक स्टेटमेंट ज्वैलरी

लेस, रिबन, ऊन और गोटे जैसे विविध फेब्रिक से बनाए जाने के कारण इसे फेब्रिक ज्वेलरी कहा जाता है. इसे फेब्रिक के साथ स्टोन्स, मोती, मिरर और बीड्स आदि को पेअर करके बनाया जाता है. अपने आउटफिट के अनुसार आप रंग का चुनाव कर सकती हैं. यह बहुत ही हल्की और फंकी लुक वाली होती है जिसके कारण यह किशोरियों और युवतिओं में बहुत लोकप्रिय है.

-मॉडर्न स्टेटमेंट ज्वैलरी

यदि आप स्वयं को एकदम माडर्न, फैश नेबल और सबसे अलग लुक देना चाहती हैं तो माडर्न स्टेटमेंट ज्वैलरी आपके लिए सबसे उपयुक्त है. इसे सोना, चांदी, तांबा, पीतल और सिरेमिक जैसी धातुओं से बनाया जाता है. आजकल इन्हें अधिक आकर्षक बनाने के लिए थ्री डी तकनीक का प्रयोग भी किया जाता है.

-मिरर वर्क स्टेटमेंट ज्वैलरी

आजकल यह बहुत चलन में है किसी भी धातु में मिरर को फ्रेम करके इसे बनाया जाता है. झुमके, नेकलेस त्तथा कंगन सभी इस प्रकार की ज्वैलरी में मिलते हैं इन्हें किसी भी रंग के साथ पेयर किया जा सकता है.

लुक को आकर्षक बनाएं कुछ इस तरह

-रॉकस्टार लुक पाने के लिए डिस्ट्रेस जींस और टैंक टॉप के साथ हैवी नेकलेस और चंकी स्टेटमेंट ब्रेसलेट और ईयरिंग्स के साथ मेटल चैन की घड़ी पहनें.

-शाम की किसी पार्टी में जाते समय मोती और रत्नों से बनी स्पार्कलिंग ज्वैलरी पहनें इसे आप साड़ी, फ्रिंज गाउन मैक्सी स्कर्ट अथवा किसी अन्य पारंपरिक परिधान के साथ कैरी कर सकतीं हैं. किसी भी प्रकार की मल्टीलेयर्ड ज्वैलरी भी पहनी जा सकती है.

-सर्कल, त्रिकोणीय, आयताकार जैसे ज्यामितीय डिजायन्स में बनी स्टेटमेंट ज्वैलरी को आप किसी भी आउटफिट के साथ पहनें यह सभी पर अपना जादू चलाती है.

-जींस और डीप नेक वाले टाप पर हैवी स्टेटमेंट ज्वैलरी आपको एकदम माडर्न लुक प्रदान करती है, इसके साथ बहुत हल्के डिजायन वाले ईयरिंग्स बहुत आकर्षक लगते हैं.

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ध्यान रखने योग्य बातें

-चूंकि इस प्रकार की ज्वैलरी में फेब्रिक, रंग, मिरर और बीड्स आदि का प्रयोग किया जाता है इसलिए इन्हें पानी से बचाना चाहिए.

-अगर आपका बजट बहुत अधिक नहीं है तो आप मल्टीकलर्ड ज्वैलरी खरीदें ताकि हर रंग की ड्रेस पर आप इसे कैरी कर सकें.

-स्टेटमेंट ज्वैलरी बहुत ध्यान से पहनें और प्रयोग करने के बाद सावधानीपूर्वक बॉक्स में रखें क्योंकि यह बहुत हल्की और बारीक होती है. जरा सी असावधानी से यह टूट सकती है.

जब अजीब हो सैक्सुअल व्यवहार

ओसामा की पत्नी सैक्स की भूखी

अलकायदा के पूर्व प्रमुख ओसामा बिन लादेन की सब से बड़ी पत्नी ने दावा किया है कि ओसामा की सब से छोटी पत्नी चौबीसों घंटों सैक्स करना चाहती थी. द सन के अनुसार खैरियाह ने कहा कि अमल हमेशा ओसामा के साथ सोने के लिए झगड़ा करती थी. मुझे ओसामा के पास नहीं जाने देती थी.

क्या कहता है सर्वे

अमेरिका ने भी सैक्स की लत को 2012 में मानसिक विकृति करार दिया और इस काम को लास एंजिल्स की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अंजाम दिया है. भारत में यह समस्या अभी शुरुआती दौर में है. लेकिन एक ओर मीडिया और इंटरनैट पर मौजूद तमाम उत्तेजना फैलाने वाली सामग्री की मौजूदगी तो दूसरी ओर यौन जागरूकता और उपचार की कमी के चलते वह दिन दूर नहीं जब सैक्स की लत महामारी बन कर खड़ी होगी. क्याआप को फिल्म ‘सात खून माफ’ के इरफान खान का किरदार याद है या फिर फिल्म ‘मर्डर-2’ देखी है? फिल्म ‘सात खून माफ’ में इरफान ने ऐसे शायर का किरदार निभाया है, जो सैक्स के समय बहुत हिंसक हो जाता है. इसी तरह ‘मर्डर-2’ में फिल्म का खलनायक भी मानसिक रोग से पीडि़त होता है. फिल्म ‘अग्नि साक्षी’ में भी नाना पाटेकर प्रौब्लमैटिक बिहेवियर से पीडि़त होता है. इसे न सिर्फ सैक्सुअल बीमारी के रूप में देखना चाहिए, बल्कि यह गंभीर मानसिक रोग भी हो सकता है.

सैक्सोलौजिस्ट डाक्टर बीर सिंह, डाक्टर एम.के. मजूमदार और मनोचिकित्सक डाक्टर स्मिता देशपांडे से बातचीत के आधार पर जानें कि सैक्सुअल मानसिक रोग कैसेकैसे होते हैं:

ऐबनौर्मल सैक्सुअल डिसऔर्डर

फैटिशिज्म: इस में व्यक्ति उन वस्तुओं के प्रति क्रेजी हो जाता है, जो उस की सैक्स इच्छा को पूरा करती हैं. इस बीमारी से पीडि़त व्यक्ति अपने पासपड़ोस की महिलाओं के अंडरगारमैंट्स चुरा कर रात को पहनता है. कभीकभी ऐसे लोग महिलाओं पर बेवजह हमला भी कर देते हैं या फिर उन्हें छिप कर देखते हैं.

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सैक्स फैरामोन: सैक्स फैरामोन यानी गंध कामुकता से पीडि़त व्यक्ति काफी खतरनाक होता है. ऐसा व्यक्ति स्त्री की डेट की गंध से उत्तेजित हो जाता है. ऐसे में कोई भी स्त्री, जिस की देह की गंध से वह उत्तेजित हुआ हो, उस का शिकार बन सकती है. वह उस स्त्री को हासिल करने के लिए कुछ भी कर सकता है.

सैक्सुअली प्रौब्लमैटिक बिहेवियर: सैक्स से पहले पार्टनर को टौर्चर करने के मनोविकार को प्रौब्लमैटिक बिहेवियर भी कहते हैं, जिसे नाना पाटेकर की फिल्म ‘अग्नि साक्षी’ में दिखाया गया है. महिला की आंखों पर पट्टी बांधना, उस के हाथपैर बांधना, उसे काटना, बैल्ट या चाबुक से मारना, दांत से काटना, सूई चुभोना, सिगरेट से जलाना, न्यूड घुमाना, चुंबन इतनी जोर से लेना कि दम घुटने लगे, हाथों को बांध कर पूरे शरीर को नियंत्रण में लेना और फिर जो जी चाहे करना. इस तरह के कई और हिंसात्मक तरीके होते हैं, जिन्हें ऐसे पुरुष यौन क्रिया से पहले पार्टनर के साथ करते हैं.

निम्फोमैनिया: निम्फोमैनिया काफी कौमन डिजीज है. इस की पेशैंट केवल फीमेल्स ही होती हैं. उन में डिसबैलेंस्ड हारमोंस की वजह से हाइपर सैक्सुअलिटी हो जाती है. फीमेल्स के सैक्सुअली ज्यादा ऐक्टिव हो जाने की वजह से उन्हें मेल्स का साथ ज्यादा अच्छा लगने लगता है. ऐसी लड़कियों में मेल्स को अपनी तरफ अट्रैक्ट करने की चाह काफी बढ़ जाती है. वे ऐसी हरकतें करने लगती हैं, जिन से लड़के उन की तरफ अट्रैक्ट हों. ऐसा न होने पर उन्हें डिप्रैशन की प्रौब्लम भी हो जाती है.

पीड़ा रति नामक काम विकृति: इस बीमारी में व्यक्ति संबंध बनाने से पहले महिला को बुरी तरह पीटता है. यौनांग को बुरी तरह नोचता है. पूरे शरीर में नाखूनों से घाव बना देता है. पीड़ा रति से ग्रस्त पुरुष अपने साथी को पीड़ा पहुंचा कर यौन संतुष्टि अनुभव करता है. ऐसी अनेक महिलाएं हैं, जिन्हें शादी के बाद पता चलता है कि उन के पति इस तरह के किसी ऐबनौर्मल सैक्सुअल डिसऔर्डर से पीडि़त हैं. ऐसी स्थिति में उन्हें जल्द से जल्द किसी मनोचिकित्सक या सैक्सोलौजिस्ट के पास ले जाना जरूरी हो जाता है. अगर इलाज के बाद भी पुरुष सही न हो, तो किसी वकील से मिल कर आप परामर्श ले सकती हैं कि ऐसे व्यक्ति के साथ पूरी जिंदगी बिताना सही है या फिर इस रिश्ते को खत्म कर लेना.

वैवाहिक बलात्कार: सुनने में अटपटा सा लगता है कि क्या विवाह के बाद पति बलात्कार कर सकता है. लेकिन यह सच है कि कुछ महिलाओं को अपने जीवन में इस त्रासदी से गुजरना पड़ता है. इस प्रकार के पति हीनभावना के शिकार होते हैं. उन्हें सिर्फ अपनी सैक्स संतुष्टि से मतलब होता है. अपने साथी की भावनाएं उन के लिए कोई माने नहीं रखतीं. हमारे हिंदू विवाह अधिनियम के तहत इस तरह पत्नी की इच्छा व सहमति की परवाह किए बिना पति द्वारा जबरन यौन संबंध बनाना यौन शोषण व बलात्कार की श्रेणी में आता है.

आमतौर पर शराब के नशे में पति इस तरह के अपराध करते हैं. शराब के नशे में वे न केवल पत्नी का यौनशोषण करते हैं वरन उन से मारपीट भी करते हैं. यह कानूनन अपराध है. वैसे पति द्वारा पत्नी पर किए गए बलात्कार के लिए हमारे हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 375 और 379 के तहत पत्नियों को कई अधिकार प्राप्त हैं. वे कानूनी तौर पर पति से तलाक भी ले सकती हैं.

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पीडोफीलिया: पीडोफीलिया यानी बाल रति पीडोफीलिया से पीडि़त पुरुष छोटे बच्चे के साथ यौन संबंध बना कर काम संतुष्टि पाते हैं. वे बच्चों के साथ जबरदस्ती करने के बाद पहचान छिपाने के लिए बच्चे की हत्या तक कर डालते हैं. पीडोफीलिया से पीडि़त व्यक्ति में यह भ्रांति होती है कि बच्चे के साथ यौन संबंध बनाने पर उस की यौन शक्ति हमेशा बनी रहेगी. ऐसे व्यक्ति अधिकतर 14 साल से कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बनाते हैं.

सैक्स मेनिया: इस से ग्रस्त व्यक्ति के मन में हर समय सैक्स करने की इच्छा रहती है. वह दिनरात उसी के बारे में सोचता है. फिर चाहे वह औफिस में काम कर रहा हो या फिर दोस्तों के साथ पार्टी में हो, उसे हर वक्त सैक्स का ही खयाल रहता है. वह अपने सामने से गुजरने वाली हर महिला को उसी नजर से देखता है. यह एक प्रकार का मानसिक रोग होता है, जिस में व्यक्ति के मन में सैक्स की इच्छा इस कदर प्रबल हो जाती है कि वह पहले अपनी पत्नी को बारबार सैक्स करने के लिए कहता है और फिर बाहर अन्य महिलाओं से भी संबंध बनाने की कोशिश करता है. एक पार्टनर से उस का काम नहीं चलता है. उसे अलगअलग पार्टनर के साथ सैक्स करने में आनंद आता है.

इस बीमारी से पीडि़त व्यक्ति का कौन्फिडैंस इस हद तक बढ़ जाता है कि उसे लगता है कि उस के लिए कुछ भी असंभव नहीं है. जो भी वह चाहता है उसे पा सकता है. अपने इसी जनून के चलते कई बार वह अपना अच्छाबुरा सोचनेसमझने की शक्ति भी खो देता है और फिर कोई अपराध कर बैठता है. उसे उस का पछतावा भी नहीं होता, क्योंकि ऐसा कर के उस के दिल और दिमाग को अजीब सी संतुष्टि मिलती है, जो उसे सुकून देती है.

सैक्स फोबिया: यह सैक्स से जुड़ी एक समस्या है. जिस तरह सैक्स मेनिया में व्यक्ति के मन में सैक्स को ले कर कुछ ज्यादा ही इच्छा होती है उसी तरह कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें सैक्स में कोई रुचि नहीं होती. जब ऐसी अलगअलग प्रवृत्ति के 2 लोग आपस में वैवाहिक संबंध में बंधते हैं, तो सैक्स के बारे में अलगअलग नजरिया रखने के कारण सैक्स की प्रक्रिया और मर्यादा को ले कर उन में विवाद शुरू होता है और दोनों में से कोई भी इस बात को नहीं समझ पाता कि सैक्स मेनिया और सैक्स फोबिया, मानव मस्तिष्क में उठने वाली सैक्स को ले कर 2 अलगअलग प्रवृत्तियां हैं. दोनों के ही होने के कुछ कारण होते हैं और थोड़े से प्रयास और मनोचिकित्सक की सलाह के साथ इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है.

पीपिंग: पीपिंग का मतलब है चोरीछिपे संभोगरत जोड़ों को देखना और फिर उसी से यौन संतुष्टि प्राप्त करना. संभोगरत अवस्था में किसी को देखने से रोमांच की स्वाभाविक अनुभूति होती है. हेवलाक एलिस ने अपनी पुस्तक ‘साइकोलौजी औफ सैक्स’ में लिखा है कि संभ्रांत लोग अपनी जवानी के दिनों में दूसरी औरतों को सैक्स करते हुए देखने के लिए उन के कमरों में ताकाझांकी करते थे. यही नहीं सम्मानित मानी जाने वाली औरतें भी परपुरुष के शयनकक्षों में झांकने की कोशिश किया करती थीं. अगर आदत हद से ज्यादा बढ़ जाए तो एक गंभीर मानसिक रोग के रूप में सामने आती है.

ऐग्जिबिशनिज्म: इस डिसऔर्डर से पीडि़त व्यक्ति अपने गुप्तांग को किसी महिला या बच्चे को जबरदस्ती दिखाता है. इस से उसे खुशी और संतुष्टि मिलती है. ऐसे लोग दूसरों को अप्रत्यक्ष रूप से हानि पहुंचाना चाहते हैं. हमारे देश में किसी को इस तरह तंग करना कानूनन अपराध है. ऐसा करने वालों को निश्चित अवधि की कैद और जुर्माना देना पड़ सकता है.

फ्रोट्यूरिज्म: इस सैक्सुअल डिसऔर्डर से पीडि़त व्यक्ति किसी से भी संबंध बनाने से पहले अपने गुप्तांग को रगड़ता या दबाता है. यह डिसऔर्डर ज्यादातर नपुंसकों में पाया जाता है.

बेस्टियलिटि: इस में व्यक्ति के ऊपर सैक्स इतना हावी हो जाता है कि वह किसी के साथ भी सैक्स करने में नहीं झिझकता. ऐसे में वह ज्यादातर असहाय लोगों या जानवरों का उत्पीड़न करता है.

सैडीज्म ऐंड मैसेकिज्म: इस से पीडि़त व्यक्ति ज्यादातर समय फैंटेसी करता रहता है. ऐसे लोग सैक्स के समय अपने पार्टनर को नुकसान भी पहुंचाते हैं.

ऐक्सैसिव डिजायर: अगर किसी शादीशुदा पुरुष का मन अपनी पत्नी के अलावा अन्य महिलाओं के साथ भी शारीरिक संबंध बनाने को करे तो वह एक डिसऔर्डर से पीडि़त होता है.

सैक्स ऐडिक्शन: सैक्स ऐडिक्शन एक प्रकार की लत है, जिस में पीडि़त व्यक्ति को हर जगह दिन और रात सैक्स ही सूझता है. ऐसे लोग अपना ज्यादातर समय सैक्स संबंधी प्रवृत्तियों में बिताने की कोशिश करते हैं. जैसे कि पोर्न वैबसाइट देखना, सैक्स चैट करना, पोर्न सीडी, अश्लील एमएमएस देखना. एक सैक्स ऐडिक्ट की सैक्स इच्छा बेकाबू होती है. उस की प्यास कभी पूरी तरह नहीं बुझती. ऐसे लोग समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं. वे बच्चों, बुजुर्गों या जानवरों के साथ सैक्स कर सकते हैं.

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ऐबनौर्मल सैक्सुअल डिसऔर्डर के कारण

वैज्ञानिक, मनोचिकित्सक ऐबनौर्मल सैक्सुअल बिहेवियर के उत्पन्न होने के बारे में अभी तक सहीसही कारणों का पता नहीं लगा पाए हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि मस्तिष्क में स्थित न्यूरोट्रांसमीटर में किसी प्रकार की खराबी, मस्तिष्क की रासायनिक कोशिकाओं में गड़बड़ी, जींस की विकृति आदि कारणों की वजह से व्यक्ति ऐबनौर्मल सैक्सुअल बिहेवियर से पीडि़त हो जाता है. अगर हम बात करें सैक्स ऐडिक्शन की तो कुछ वैज्ञानिक ऐसा भी मानते हैं कि 80% सैक्स ऐडिक्ट लोगों के मातापिता भी जीवन में अकसर सैक्स ऐडिक्ट रहे होंगे. ऐसा भी माना जाता है कि अकसर ऐसे लोगों में सैक्सुअल ऐब्यूज की हिस्ट्री होती है यानी ज्यादातर ऐसे लोगों का कभी न कभी यौन शोषण हो चुका होता है. इस के अलावा जिन परिवारों में मानसिक और भावनात्मक रूप से लोग बिखरे हुए हों, ऐसे परिवारों के लोगों के भी सैक्स ऐडिक्ट होने की आशंका रहती है.

इस तरह के डिसऔर्डर की कई वजहें हो सकती हैं. जिन लोगों की उम्र 60 साल से ज्यादा होती है वे भी इस का शिकार हो सकते हैं. दूषित वातावरण, गलत सोहबत, अश्लील पुस्तकों का अध्ययन, ब्लू फिल्में अधिक देखने आदि की वजह से व्यक्ति ऐसी काम विकृति से पीडि़त हो जाते हैं. विवाह के बाद जब पत्नी को अपने पति के काम विकृत स्वभाव के बारे में पता चलता है तब उस की स्थिति काफी परेशानी वाली हो जाती है.

डिसऔर्डर को दूर करने के उपाय

अगर शादी के बाद पत्नी को पता चले कि उस का पति किसी ऐसे ही रोग से पीडि़त है, तो उसे संयम से काम लेना चाहिए. ऐसे पति पर गुस्सा करने, उस के बारे में ऊलजलूल बकने, यौन इच्छा शांत न करने देने, ताना देने आदि से गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है. ऐसे पति तुरंत किसी तरह का गलत निर्णय भी ले सकते हैं. यहां तक कि हत्या या आत्महत्या का निर्णय भी ले लेते हैं.

काम विकृति से पीडि़त पति को प्यार से समझाएं. सामान्य संबंध बनाने को कहें. जब पति न माने तब अपनी भाभी या सास को इस की जानकारी दें.

ऐसे लोगों का मनोचिकित्सक से इलाज कराया जा सकता है. इन में सब से पहले मरीज की काउंसलिंग की जाती है, जिस से पता लगाया जाता है कि मरीज बीमारी से कितना ग्रस्त है. उस के बाद उसे दवा दी जाती है.

वक्त रहते डाक्टर से परामर्श किया जाए तो इस तरह के डिसऔर्डर ठीक हो जाते हैं. लेकिन यह परेशानी ठीक नहीं हो रही और पति मानसिक व शारीरिक पीड़ा पहुंचाता है तो ऐसे व्यक्ति से तलाक ले कर अपनी जिंदगी को एक नई दिशा देने के बारे में सोच सकती हैं.

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‘गहराइयां’ के ट्रेलर लांच पर इमोशनल हुईं Deepika Padukone, जानें वजह

अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘गहराइयाँ’ की ट्रेलर लांच होने के मौके पर दीपिका भावुक हो गयी, क्योंकि उन्होंने इस फिल्म में उनकी भूमिका अबतक की सभी फिल्मों से अलग बताया है, क्योंकि इसमें दिखाई गयी कहानी भारत में पहली बार होगी, ऐसी फिल्में विदेशों में बहुत सामान्य होती है. इसे करने के पीछे उनकी भावनाएं है,जिसे उन्होंने अपने रियल लाइफ में जिया है. इसलिए उन्होंने इस फिल्म को करने के बारें में जरा भी नहीं सोची. वह इस फिल्म में अलीशा की भूमिका निभा रही है. इसमें रिलेशनशिप और प्यार को एक अलग नजरिये से दिखाया गया है, जिसमें प्रेम लालसा और तड़प खास है,जिसे हमारे देश के लोग अँधेरे में रहकर निभाते है.

वह कहती है कि रिलेशनशिप या प्यार को कई तरीके से निभाया जा सकता है, ये केवल बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड के लिए नहीं होती, बल्कि किसी दोस्त या रिश्ते में भी हो सकती है. मेरे लिए भी ये एक स्ट्रोंग और चुनौतीपूर्ण चरित्र है, जिसे निभाना आसान नहीं था. चरित्र का संघर्ष और उनका सफर एकदम असली, स्वाभाविक और आम लोगों के जीवन से जुड़ा है, इसलिए बहुत हद तक दर्शक इससे जुड़ सकेंगे. इस चरित्र को आसान बनाने में निर्देशक शकुन बत्रा का काफी हाथ रहा. उन्होंने मुझे पूरी भूमिका के ग्राफ को बता दिया था, जिससे काम करना आसान हो गया. इसके अलावा मैंने इस फिल्म में हर काम टीम के साथ-साथ किया है, जिसमें एक साथ खाना, एक साथ शूटिंग करना, एक साथ कही घूमने जाना आदि.इससे मेरे और टीम के बीच एक अच्छी बोन्डिंग स्थापित हुई जिससे अभिनय करना आसान हुआ.

 

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इसके आगे दीपिका कहती है कि बोल्ड अभिनय को लेकर कई भ्रांतियां है, बोल्ड के अर्थ को समझने के लिए कहानी में चरित्र को देखना पड़ेगा, क्योंकि बोल्ड का स्ट्रोंग के साथ-साथ  इंटिमेसी भी है, जिसे फिल्म में बहुत ही बेहतरीन तरीके से पेश किया गया है. इस तरह की इंटेंस सीन्स, जिसमें संबंधों के कई लेयर्स को पर्दे पर लाने में निर्देशक का हाथ रहा,जिसने ऐसे सीन्स के लिए अलग से कोरियोग्राफ किया. इससे इस फिल्म की किसी भी अन्तरंग दृश्य को परफॉर्म करने में सोचना नहीं पड़ा. इसके अलावा फिल्म में सिंद्दान्त चतुर्वेदी, अनन्या पांडे और धैर्य करवा ने साथ मिलकर हर अभिनय को अधिक रियल बनाया है.

 

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बहरहाल इस तरह की इंटेंस इमोशन के खेल को लेकर बनी फिल्में हमारी दर्शक अधिक डाइजेस्ट नहीं कर पाती और फिल्म फ्लॉप हो जाती है, लेकिन गहराइयाँ के लिए निर्माता निर्देशक बहुत अधिक गहराई तक सोच चुके है, उन्हें उबरने में कितना समय लगेगा, ये तो फिल्म की रिलीज के बाद ही पता चल पाएगी. ‘गहराइयां’ अमेजन प्राइम वीडियो पर 11 फ़रवरी को स्‍ट्रीम की जाएगी.

 

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Imlie: आदित्य से अतीत का बदला लेगा आर्यन, मारेगा गोली

सीरियल इमली (Imlie) में इन दिनों आदित्य (Gashmeer Mahajani) मुसीबत में फंसा हुआ नजर आ रहा है. जहां पूरा त्रिपाठी परिवार आदित्य को बचाने की दुआ कर रहा है तो वहीं अनु और मालिनी (Mayuri Deshmukh), इमली (Sumbul Tauqeer Khan) की जान के पीछे पड़े हैं. हालांकि आर्यन (Fehman Khan) उसे बचाने की कोशिश करता नजर आ रहा है. लेकिन अपकमिंग एपिसोड  (Imlie Serial Update) में कुछ ऐसा होगा कि मालिनी का सुहाग यानी आदित्य की जान खतरे में पड़ने वाली है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

मालिनी पर बरसी अपर्णा

अब तक आपने देखा कि आदित्य की जान खतरे में होने के बावजूद मालिनी, इमली की बुराई करते नजर आती है. हालांकि अपर्णा, मालिनी से कहती है कि वह जानती है कि वह आदित्य के लिए परेशान है, लेकिन चिंता दिखाने का उसका तरीका बिल्कुल गलत है. लेकिन मालिनी पूछती है कि कौन आदित्य की मदद करेगा, वे इतनी ऊंची बात करते हैं. दूसरी तरफ, आर्यन, इमली पर गुस्सा करता है, जिसे देखकर आदिवासी हमला करने के लिए आर्यन की ओर बढते हैं. लेकिन इमली उसे बचा लेती है.

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आदित्य करेगा पुलिस की मदद

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि कान में बम लगाए आदित्य पुलिस के पास जाएगा और मदद करने के लिए कहेगा. साथ ही पुलिस को बताएगा कि आतंकी ने 30 मिनट में 100 करोड़ की मांग की. वरना वह एक निर्दोष महिला को जान से मार देंगे. हालांकि पुलिस उसकी बात मानने से इनकार कर देंगे. लेकिन आदित्य उन्हें बताएगा कि जब भी आतंकी उसे फोन करता था तो उन्हें रेलवे क्रॉसिंग की आवाज सुनाई देती है, इसलिए उन्हें वहां जांच करनी चाहिए, जिसके कारण पुलिस आदित्य की टीम को बचा लेगी.

आर्यन लेगा आदित्य की जान

 

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इसी के साथ आप देखेंगे कि अपर्णा का इमली के लिए प्यार देखकर मालिनी जलती हुई नजर आएगी. वहीं आर्यन, आदित्य पर बंदूक तान कर खड़ा हो जाएगा और उसे अरविंद की आग दुर्घटना याद आएगी. साथ ही वह आदित्य को चेतावनी देते हुए कहेगा कि उसे अपने सभी पापों की सजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए. वहीं इमली, आदित्य को बचाने के लिए भागेगी, लेकिन आर्यन उसके पहुंचने से पहले ही  गोली चला देगा.

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इन 20 Body Massage से रखें खुद को एनर्जेटिक

आपने मसाज तो कभी ना कभी करवाई होगी और मसाज के बारे में सुना भी बहुत होगा. लेकिन क्या आप जानती हैं मसाज कितने तरह की होती है. जी हां, आज हम आपको अलग अलग तरह के मसाज के बारे में बताने जा रहे हैं. जानिए, कौन सी मसाज किस समस्या के लिए करवाई जाती है और किस मसाज थेरेपी के क्या फायदे हैं.

1. स्वीडिश मसाज थेरेपी (Swedish Massage)

ये सबसे पॉपुलर मसाज है जिसे सिंपली मसाज थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है. ये मसाज मसाज लोशन या ऑयल से होती है. ये बहुत ही कोमल और आरामदायक होती है. अगर आप पहली बार मसाज करवाने जा रही हैं तो स्वीडिश मसाज थेरेपी ले सकती हैं.

2. हॉट स्टोन मसाज (Hot Stone Massage)

टाइट मांसपेशियों को लूज करने, बॉडी को गर्म करने और बॉडी की एनर्जी बैलेंस करने के लिए हॉट स्टोन मसाज का इस्तेमाल होता है. इस मसाज के दौरान गर्म और चिकने पत्थर बॉडी के कुछ चुनिंदा हिस्सों में रखें जाते हैं. मसाज थेरेपिस्ट गर्म स्टोन को होल्ड‍ करके भी बॉडी के कई हिस्सों में प्रेशर बनाते हैं. हॉट स्टोन मसाज आमतौर पर उन लोगों के लिए बेस्ट है जिनको मसल्स टेंशन हैं.

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3. प्रेग्नेंसी मसाज (Pregnancy Massage)

इसे प्रीनेटल मसाज के नाम से भी जाना जाता है. ये प्रेग्नेंट महिलाओं में काफी पॉपुलर मसाज है. इस मसाज को कुछ खास एक्सपर्ट द्वारा ही किया जाता है. ये महिलाओं में तनाव को कम करने, स्वेलिंग कम करने, दर्द से राहत दिलाने, डिप्रेशन से बचाने और एंजाइटी दूर करने में मदद करती है. प्रेग्नेंसी मसाज को महिला की जरूरत के हिसाब से कस्टमाइज भी किया जा सकता है.

4. बैक मसाज (Back Massage)

बहुत से क्लीनिक और स्पा सेंटर 30 मिनट की बैक मसाज ऑफर करते हैं. जैसा की नाम से ही पता चल रहा है ये मसाज खासतौर पर कमर के लिए की जाती है. बैक पेन हो या शोल्डर पेन इस मसाज के जरिए दर्द में आराम मिलता है.

5. डीप टिश्यूस मसाज (Deep Tissue Massage)

ये मसाज मसल्स की डीप लेयर और कनेक्टिव टिश्यूज के लिए की जाती है. मसाज थेरेपिस्ट स्लोअर स्ट्रोक्स और फ्रिक्शन टेक्नीक से मसल्स की मसाज करते हैं. ये मसाज बेहद टाइट की जाती है. ताकि मसल्स से दर्द को दूर किया जा सके. इससे पहले हुए इंजरी को भी रिकवर किया जा सकता है.

6. अरोमाथेरेपी मसाज (Aromatherapy Massage)

अमरोमाथेरेपी मसाज में एक या इससे अधिक सेंट प्लांट्स का इस्तेमाल होता है जिसे एसेंशियल ऑयल कहा जाता है. इस मसाज में इस्तेमाल हुए ऑयल्स बॉडी को रिलैक्स करने के साथ-साथ एनर्जी देते हैं, स्ट्रेस कम करते हैं. अरोमाथेरेपी में सबसे ज्यादा जो एसेंशियल ऑयल इस्तेमाल होता है वो है लैवेंडर.

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7. शिआस्तु मसाज थेरेपी (Shiatsu Massage)

शिआस्तु एक जापानी मसाज थेरेपी है. इस थेरेपी में अंगूठे, उंगलियों और हथेलियों के साथ एक्यूप्रेशर के रूप में दबाव डाला जाता है. हर प्वॉइंट पर एनर्जी के साथ 2 से 8 सेकेंड तक प्रेशर डाला जाता है. इससे बॉडी का बैलेंस बनाने में मदद मिलती है. इस थेरेपी के बाद बॉडी में कोई सूजन नहीं आती और ना ही दर्द होता है.

8. रिफ्लैक्सोलॉजी मसाज (Reflexology Massage)

इस मसाज को फूट मसाज के नाम से भी जाना जाता है. ये सिंपल फूट मसाज से कहीं ज्यादा होती है. पैरों में अलग-अलग हिस्सों पर प्रेशर डाला जाता है. ये मसाज उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो दिनभर खड़े रहकर काम करते हैं या फिर बहुत टायर्ड रहते हैं या फिर जिनके पैरों में दर्द रहता है.

9. थाई मसाज (Thai Massage)

शिआस्तु थेरेपी की तरह ही थाई मसाज में भी कुछ खास हिस्सों पर एनर्जी के साथ प्रेशर से दबाव डाला जाता है. इसमें योगा की तरह बॉडी स्ट्रेच होती है. ये सबसे ज्यादा एनर्जेटिक होती है. ये तनाव कम करती है और बॉडी को फ्लैसिबल करती है.

10. स्पोर्ट्स मसाज (Sports Massage)

जो लोग फीजिकल एक्टिविटीज में रहते हैं स्पोर्ट्स मसाज उनके लिए फायदेमंद होती है. ये ना सिर्फ बॉडी को रिलैक्स करती है बल्कि स्पोर्ट्स के दौरान हुई इंजरी को भी ठीक करती है. साथ ही ये खिलाड़ी को परफॉर्मेंस को भी बेहतर करने में मदद करती है. बॉडी में लचीलापन बढ़ाने से लेकर ये मसाज मसल्स की स्टिफनेस को भी खत्म करती है.

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शाह परिवार में बवाल के बीच हौट लुक में नजर आई Anupama की Kinjal, देखें फोटोज

सीरियल अनुपमा (Anupama) में इन दिनों फैमिली ड्रामा देखने को मिल रहा है. जहां एक तरफ-समर-नंदिनी का रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच गया है तो वहीं पाखी के कारण अनुपमा (Rupali Ganguly) और वनराज (Sudhanshu Panday) के बीच जंग शुरु हो गई है, जिसके कारण पूरा शाह परिवार परेशान हैं. इसी बीच शाह फैमिली की बड़ी बहू किंजल यानी एक्ट्रेस निधि शाह (Nidhi Shah) की बोल्ड फोटोज ने सोशलमीडिया पर तहलका मचा दिया है. आइए बताते हैं पूरी खबर…

बोल्ड लुक में दिखीं किंजल

 

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हाल ही में अनुपमा की किंजल यानी एक्ट्रेस निधि शाह ने अपने औफिशियल इंस्टाग्राम पेज (Nidhi Sha Instagram) पर फोटोज शेयर की है, जिसमें वह बोल्ड अंदाज में नजर आ रही हैं. दरअसल, निधि शाह एक फोटोशूट में क्रीम कलर का कोट पैंट पहना है, जिसके साथ ब्लैक कलर की ब्रालेट पेयर करते हुए निधि शाह कोट के बटन खोले नजर आ रही हैं. एक्ट्रेस का हौट अवतार  (Nidhi Sha Bold Look) देखकर फैंस हैरान हैं. वहीं कमेंट्स के जरिए एक्ट्रेस के लुक की तारीफें करते नजर आ रहे हैं.

 

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किंजल के लुक में भी लगती हैं खूबसूरत

 

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एक्ट्रेस निधि शाह रियल लाइफ में जितनी खूबसूरत हैं उतनी ही सीरियल में भी अपने फैशन को फ्लौंट करती नजर आती हैं. इंडियन लुक के साथ वेस्टर्न अंदाज में वह दर्शकों का दिल जीतती हैं. वही सोशलमीडिया पर भी अक्सर सुर्खियां बटोरती हैं. दरअसल, बीते दिनों ब्राइडल और इंडियन लुक में एक्ट्रेस निधि शाह ने एक फोटोशूट करवाया था, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं.

 

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बता दें, सीरियल में इन दिनों किंजल अपने देवर समर को नंदिनी के साथ रिश्ता न तोड़ने के लिए समझाती नजर आ रही हैं. वहीं पाखी के विदेश में पढ़ाई को लेकर शाह हाउस में बवाल होता नजर आ रहा है.

 

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Top 10 Best Social Story in Hindi : टॉप 10 सोशल कहानियां हिंदी में

Social Story in Hindi: समाज से जुड़ी कुछ नीतियां और कुरीतियां सभी को माननी पड़ती हैं. लेकिन कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो इन नियमों को मानने की बजाय अपना रास्ता खुद बनाने का प्रयास करते हैं. हालांकि इस रास्ते पर उनकी जिंदगी में कई मुश्किलें आती है. लेकिन वह बिना हार माने अपनी जीत हासिल करते हैं. तो इसलिए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं गृहशोभा की Top 10 Social Story in Hindi 2022. समाज का एक पहलू दिखाती ये कहानियां आपकी लाइफ में गहरी छाप छोड़ेंगी. तो पढ़िए गृहशोभा की Top 10 Social Story in Hindi 2022.

1. आसमान छूते अरमान : चंद्रवती के अरमानों की कहानी

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चंद्रो बस से उतर कर अपनी सहेलियों के साथ जैसे ही गांव की ओर चली, उस के कानों में गांव में हो रही किसी मुनादी की आवाज सुनाई पड़ी.

‘गांव वालो, मेहरबानो, कद्रदानो, सुन लो इस बार जब होगा मंगल, गांव के अखाड़े में होगा दंगल. बड़ेबडे़ पहलवानों की खुलेगी पोल, तभी तो बजा रहा हूं जोर से ढोल. देखते हैं कि मंगलवार को लल्लू पहलवान की चुनौती को कौन स्वीकार करता है. खुद पटका जाता है कि लल्लू को पटकनी देता है. मंगलवार शाम4 बजे होगा अखाड़े में दंगल.’‘‘देख चंद्रो, इस बार तो तेरा लल्लू गांव में ही अखाड़ा जमाने आ गया,’’ एक सहेली बोली….

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2. उलझन: टूटती बिखरती आस्थाओं और आशाओं की कहानी

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बेटी की शादी की बधाई तथा उस के सुखमय भविष्य के लिए आशीषों की वर्षा की जगह हम पर झूठ, धोखेबाजी, दुरावछिपाव और न जाने किनकिन मिथ्या आरोपों की बौछार हो रही थी और हम इन आरोपों की बौछार तले सिर झुकाए बैठे थे…

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3. हुस्न का बदला: क्या हुआ था शीला के साथ

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शीला की समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे और क्या न करे. पिछले एक महीने से वह परेशान थी. कालेज बंद होने वाले थे. प्रदीप सैमेस्टर का इम्तिहान देने के बाद यह कह कर गया था, ‘मैं तुम्हें पैसों का इंतजाम कर के 1-2 दिन बाद दे दूंगा. तुम निश्चिंत रहो. घबराने की कोई बात नहीं.’

‘पर है कहां वह?’ यह सवाल शीला को परेशान कर रहा था. उस की और प्रदीप की पहचान को अभी सालभर भी नहीं हुआ था कि उस ने उस से शादी का वादा कर उस के साथ… ‘शीला, तुम आज भी मेरी हो, कल भी मेरी रहोगी. मुझ से डरने की क्या जरूरत है? क्या मुझ पर तुम्हें भरोसा नहीं है?’ प्रदीप ने ऐसा कहा था.

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4. गर्भपात: रमा क्या इस अनजाने भय से मुक्त हो पाई?

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रमा अपने बारबार होने वाले गर्भपात का कारण बचपन में घटी एक कटु घटना को मानती रही जिस ने उस के मन में एक अनजाने भय को उत्पन्न कर दिया था. जबकि वास्तविकता तो कुछ और थी. अंतर्द्वंद्व से जूझती रमा क्या इस अनजाने भय से मुक्त हो पाई?

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5. मसीहा: शांति के दुख क्या मेहनत से दूर हो पाए

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शांति का नाम आते ही मानसपटल पर अतीत का पन्ना खुल गया. छोटी सी उम्र में ही कितने दुख उठाने पड़े थे उसे. लेकिन अपनी हिम्मत और जिंदगी में कुछ करने की लगन ने उसे कहां से कहां पहुंचा दिया.

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6. सफर: फौजी पर कौन तरस खाता है

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रात के ठीक 10 बजे ‘झेलम ऐक्सप्रैस’ ट्रेन ने जम्मूतवी से रेंगना शुरू किया, तो पलभर में रफ्तार पकड़ ली. कंपार्टमैंट में सभी मुसाफिर अपना सामान रख आराम कर रहे थे.

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7. चीयर गर्ल: फ्रैंड रिक्वैस्ट एक्सैप्ट करने के बाद क्या हुआ उसके साथ

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फेसबुक पर आई एक फ्रैंड रिक्वैस्ट को ऐक्सैप्ट करने के बाद उसे खुद ही पता नहीं था कि उस की शांत जिंदगी अचानक से बदल जाएगी…

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8. नीलोफर: क्या दोबारा जिंदगी जी पाई नीलू

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एक दुर्घटना में अपने दोनों पैर खोने के बाद हताशा में जी रही नीलू को एक चिडि़या ने जीना सिखाया. आखिर कैसे…

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9. ब्लैक फंगस: क्या महुआ और उसके परिवार को मिल पाई मदद

अस्पताल में पति अमित जीवन और मौत से जूझ रहा था, मगर ऐसा कोई नहीं था जो महुआ की मदद को आगे आए. फिर एक दिन…

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10. फर्क: पल्लव के धोखे के बाद क्या था रवीना का खतरनाक कदम

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जिस पल्लव की वजह से रवीना अपने घर की देहरी लांघ आई थी, उसी पल्लव ने उस की पूरी जिंदगी ही तबाह कर दी. अब वह अकेली थी और इस अकेलेपन ने उसे खतरनाक कदम उठाने को विवश कर दिया…

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