GHKKPM: सई ने दिखाया बेबी बंप, क्या है प्रैग्नेंसी की सच्चाई?

सीरियल गुम हैं किसी के प्यार में (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी में इन दिनों सई (Ayesha Singh) और विराट (Neil Bhatt) के तलाक का सीन दिखाया जा रहा है. हालांकि श्रुति और उसके बच्चे के बारे में जानने के बाद परिवार सई का साथ देता नजर आ रहा है. इसी बीच सीरियल के सेट से कुछ फोटोज वायरल हो रही हैं, जिसमें सई अपना बेबी बंप फ्लौंट करती नजर आ रही हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

प्रैग्नेंट हुई सई?

 

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दरअसल, हाल ही में गुम है किसी के प्यार में की सई यानी आयशा सिंह (Ayesha Singh Instagram) ने अपने औफिशियल इंस्टाग्राम पेज पर कुछ फोटोज फैंस के साथ शेयर की हैं, जिसमें वह बेबी बंप फ्लौंट करती नजर आ रही हैं. वहीं फैंस जहां उनकी फोटोज वह जमकर कमेंट कर रहे हैं तो वहीं सीरियल के सितारे अपकमिंग ट्विस्ट का जिक्र करते नजर आ रहे हैं. वहीं कुछ फैंस का कहना है कि सई, विराट के बच्चे की मां बनने वाली है. हालांकि यह ट्विस्ट नहीं बल्कि सई का सपना साबित होते हुए नजर आने वाला है.

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पाखी देगी सई को सलाह

 

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सीरियल के लेटेस्ट ट्रैक की बात करें तो विराट के नौकरी पर खतरे की बात सुनते ही वह चौह्वाण हाउस आएगी और विराट को तलाक के पेपर्स देगी. हालांकि भवानी और अश्विनी सई को समझाने की कोशिश करेंगे. वहीं पाखी इस बात का फायदा उठाकर सई को दूसरी शादी करने की सलाह देगी, जिसके चलते सम्राट और पाखी का झगड़ा होता नजर आएगा. इसी बीच सई भी पाखी पर बरसती नजर आएगी.

विराट करेगा श्रुति से दिल की बात

 

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सई के तलाक लेने की खबर के बाद विराट टूट जाएगा. वहीं श्रुति उसे सपोर्ट करती नजर आएगी और उसका हौंसला बढ़ाती दिखेगी, जिसके चलते विराट, सई के लिए अपने प्यार को श्रुति के सामने बयां करेगा.

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किशमिश ही नहीं, इसका पानी भी है सेहत के लिए फायदेमंद

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

सूखे मेवों में शामिल किशमिश न केवल अपने स्वाद बल्कि गुणों के लिए भी खूब जानी जाती है. किशमिश से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में हर कोई जानता है. यही वजह है कि, अक्सर लोग वजन कम करने और शरीर में खून बढ़ाने के लिए इसका सेवन करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं केवल किशमिश से ही नहीं, बल्कि इसका पानी पीने से भी हेल्द को बहुत फायदा होता है. हर रोज सुबह खाली पेट किशमिश का पानी पीने से एक दर्जन बीमारियों का इलाज हो सकता है. यह न केवल आपको एसिडिटी से बचाता है, बल्कि एंटी एजिंग का बेहतरीन घरेलू उपाय भी है. तो चलिए, जानते हैं किशमिश का पानी पीने के फायदों के बारे में.

किशमिश का पानी पीने से मिलेंगे ये  फायदे

खून की कमी दूर करे- 

कई लोगों के शरीर में खून की कमी होती हैं, खासतौर से यह समस्या महिलाओं से जुड़ी होती है. इसकी कमी को पूरा करने के लिए कई महिलाएं दवाओं का सहारा लेती हैं, लेकिन हर रोज सुबह अगर वे किशमिश का पानी पीना शुरू कर दें, तो ये उनके शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ा देगा. दरअसल, किशमिश के पानी में आयरन, कॉपर और बी-कॉम्प्लेक्स भरपूर मात्रा में होता है. ये खून की कमी को दूर करके रेड ब्लड सेल्स को हल्दी बनाता है.

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किडनी बनाए हेल्दी- 

शरीर के ठीक से काम करने के लिए किडनी का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है. ऐसे में इसे हेल्दी बनाने के लिए किशमिश का पानी बहुत फायदेमंद साबित होता है. किशमिश के पानी में पोटैशियम और मैग्रीशियम जैसे मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं. ये बॉडी से विषाक्त टॉक्सिन को निकालकर किडनी को हेल्दी बनाने का काम करते हैं.

कब्ज से बचाए- 

अगर आपको अक्सर ही कब्ज की समस्या रहती है, तो रोज सुबह उठकर सबसे पहले किशमिश का पानी पीना आपके लिए बहुत लाभदायक हो सकता है. दरअसल, जब आप किशमिश को पानी में भिगोते हैं, इसके बाद किशमिश पानी में फूलकर नेचुरल लेक्सेटिव का काम करती है. विशेषज्ञों की मानें, तो नियमित रूप से रोज सुबह इसका पानी पीने से पेट की अच्छी सफाई हो जाती है और लंबे समय तक कब्ज से भी छुटकारा मिलता है.

एसिडटी की समस्या करे दूर-

जिन लोगों को एसिडिटी रहती है, उनके लिए किशमिश का पानी बहुत अच्छा घरेलू उपाय है. किशमिश में मौजूद सॉल्यूबल फाइबर्स पेट की सफाई करके गैस और एसिडिटी से बहुत राहत दिलाते हैं.

आंखों की रोशनी तेज करे-

प्रतिदिन सुबह किशमिश का पानी पीने से आंखों की रोशनी बहुत तेज होती है. अगर आपकी नजर  कमजोर हैं, तो आपको ये घरेलू उपाय तो जरूर आजमाना चाहिए. दरअसल, इस पानी में विटामिन ए, बीटा कैरोटीन और आंखों के लिए फायदेमंद फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं. इससे नजर की कमजोरी दूर करने में मदद मिलती है.

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सर्दी-जुकाम से बचाए- 

सर्दी-जुकाम होने पर आप किशमिश का पानी पी सकते हैं. इसके एंटी बैक्टीरियल गुण सर्दी-जुकाम के साथ बुखार से बचाने में भी बहुत मददगार हैं. इस पानी में पॉलीफेनिक फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो संक्रमण से भी आपका बचाव करते हैं.

ऐसे तैयार करें किशमिश का पानी-

किशमिश खाने से उम्र बढ़ती है, लेकिन इसका पानी पीने से आपको और ज्यादा लाभ मिलता है. किशमिश का पानी आप कैसे बना सकते हैं, जानिए यहां-

– सबसे पहले मीडियम आंच पर एक बर्तन में पानी गर्म करें.

– एक उबाल आने पर गैस बंद कर दें.

– अब इस पानी में 150 ग्राम किशमिश इस पानी में रातभर भिगोने के लिए छोड़ दें.

– अगले दिन सुबह पानी को छान लें और दोबारा हल्की आंच पर गर्म करें इसे खाली पेट पी जाएं. ध्यान रखें, किशमिश का पानी पीने के आधे घंटे तक नाश्ता न करें.

किशमिश एक बेहतर सुपरफूड है. भले ही किशमिश का पानी आपके स्वस्थ रहने के लिए अच्छा है, लेकिन यह किसी दवा का विकल्प नहीं है. यदि आपको ह्दय, रक्तचाप या शरीर के किसी अंग में समस्या है, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें.

Winter Special: सर्दियों में स्किन को कैसे संभालें 

सर्दियों के मौसम में स्किन को अतिरिक्त केयर की जरूरत होती है. क्योंकि मौसम व तापमान में आए बदलाव के कारण हमारी स्किन बहुत अधिक ड्राई हो जाती है और ड्राई स्किन कई अन्य चुनौतियों जैसे फटे होंठ, स्किन की ऊपरी लेयर निकलना , स्किन का रूखापन जैसी समस्याओं को न्यौता दे सकती है. इसलिए ऐसे समय में स्किन को पोषण देने की खास आवश्यकता होती है, ताकि वह स्किन में मोइस्चर को लौक करके उसकी नमी को बनाए रख सके. डर्मटोलोजिस्ट वैशाली श्रद्धा के अनुसार तापमान में गिरावट के साथ हमारी स्किन अधिक शुकस हो जाती है और अगर इसे सही से , सही इंग्रीडिएंट्स से बने मॉइस्चराइजर से मॉइस्चराइज नहीं किया जाता तो यह परतदार स्किन का कारण बन सकती है. इसलिए सर्दियों में एक अच्छे स्किनकेयर रूटीन का पालन करते हुए नेचुरल इंग्रीडिएंट्स से युक्त उत्पादों का उपयोग करना फायदेमंद साबित होता है. तो जानते हैं सर्दियों में कैसे करें केयर.

1. मॉइस्चराइजर है जरूरी 

वैसे तो सभी जानते हैं कि स्किन को नमी प्रदान करने के लिए बारह महीने स्किन को मॉइस्चराइजर की जरूरत होती है, लेकिन इसकी खास तौर पर जरूरत तब महसूस होती है , जब तापमान में गिरावट देखने को मिलती है.  मॉइस्चराइजर से स्किन हाइड्रेट रहती है. वरना नमी के अभाव व रूखेपन की वजह से स्किन में इंफेक्शंस व ऑउटब्रेक्स की समस्या भी खड़ी हो जाती है. इसलिए स्किन को करें  मॉइस्चराइज .

 इंग्रीडिएंट्स इन गुड मॉइस्चराइजर

– हुमेक्टेंट्स , आपकी स्किन की टोप लेयर में जिसे एपिडर्मिस कहते हैं , हवा से और आपकी स्किन की गहरी परतों से पानी खींचते हैं. जिससे स्किन हाइड्रेट रहती है.  हुमेक्टेंट्स में शामिल हैं , ग्लिसरीन, ह्यलुरोनिक एसिड और प्रोपाइलिन ग्लाइकोल.

– एमोलिएंट्स जैसे शिया बटर, कोको बटर एपिडर्मिस में होने वाले क्रैक्स को हील करके स्किन में मोइस्चर को लौक करने में मदद करता है.

बेस्ट टाइम 

– नहाने के तुरंत बाद व रात को सोने से पहले मॉइस्चराइजर अप्लाई करने से स्किन को ज्यादा फायदा मिलता है.

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2. लिप बाम है जरूरी 

सर्दियों में लिप्स का ड्राई होना आम है. क्योंकि लिप्स में आयल ग्लैंड्स नहीं होते हैं , जिसके कारण  ठंड , हवा का सीधा व पहला असर लिप्स पर ही पड़ता है, जबकि लिप बाम आपके लिप्स और सर्द हवाओं के बीच एक प्रोटेक्टिव लेयर बनाने का काम करता है.  इसलिए ही लिप्स की खास केयर के लिए लिप बाम की खास जरूरत होती है.

इंग्रीडिएंट्स इन गुड लिप बाम 

– शिया और कोको बटर नेचुरल टाइप के फैट्स होने के कारण ये आपके लिप्स में मोइस्चर को होल्ड करने के साथ उन्हें फटने से बचाने का काम करते हैं.

– हनी को हुमेक्टैंट के रूप में जाना जाता है. जो मोइस्चर को अपनी ओर खींचने का काम करता है. साथ ही इस इंग्रीडिएंट से युक्त लिप बाम अपनी एक्सफोलिएशन प्रोपर्टीज के कारण लिप्स को एक्सफोलिएट करने के साथ उसे हाइड्रेट रखने का  काम करती है.

– कैस्टर आयल स्किन में आसानी से घुसकर उसे हाइड्रेट रखने का काम करता है. तभी तो लिप्स की ड्राईनेस को दूर करने के लिए  कैस्टर आयल युक्त लिप बाम लगाने की सलाह दी जाती है.  क्योंकि इसमें है जरूरी फैटी एसिड्स , जो एन्टिओक्सीडैंट्स में रिच होते हैं.

3. प्रोटेक्शन के लिए सनस्क्रीन 

सिर्फ गर्मियों में ही नहीं बल्कि सर्दियों में भी स्किन को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाव के लिए सनस्क्रीन की जरूरत होती है. क्योंकि सर्दियों में यूवीए किरणों के प्रभाव से स्किन पर डार्क स्पोट्स , टैनिंग व यहां तक कि झुर्रियां तक पड़ जाती है. इसलिए भूलकर भी सर्दियों में सनस्क्रीन से स्किन को प्रोटेक्ट करना न भूलें.

बेस्ट इन सनस्क्रीन 

मामा एअर्थ इंडियन सनस्क्रीन विद कैरेट सीड, टर्मेरिक एंड एसपीएफ

बता दें कि कैरेट सीड आयल स्किन में अंदर तक जाकर न सिर्फ सनप्रोटेक्शन देने का काम करता है बल्कि स्किन को मॉइस्चराइज भी करता है. वहीं हलदी में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होने के कारण ये स्किन को हील करने के साथसाथ सभी तरह की स्किन के लिए परफेक्ट है. वहीं ऑरेंज आयल नोन ग्रीसी होने के साथ इसमें हैं एंटीइंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज , जो यूवीए और यूवीबी किरणों से प्रोटेक्ट करने का काम करता है.

न्यूट्रोजेना हाइड्रो बूस्ट सनस्क्रीन 

इसका हाइड्रो बूस्ट फार्मूला , जिसमें है ह्यलुरोनिक एसिड और ग्लिसरीन. जो स्किन को हाइड्रेट रखने के साथ उसकी यूवी किरणों से प्रोटेक्शन करने का भी काम करता है.

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4. बोडी लोशन 

सिर्फ फेस को ही नहीं बल्कि सर्दियों में पूरे शरीर को मोइस्चर प्रदान करने की जरूरत होती है. ऐसे में अकसर लोग फेस क्रीम व बोडी लोशन को एक ही समझ कर अप्लाई करने लगते हैं. लेकिन आपको बता दें कि बोडी लोशन क्रीम के मुकाबले में कम गाढ़ा होता है. इसमें प्यूरीफाई पानी का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने के कारण ये काफी पतले होते हैं. ये शरीर पर आसानी से फैलने के साथसाथ उसके रूखेपन को दूर करने का काम करते हैं. हमेशा ऐसे बोडी लोशन का इस्तेमाल करना चाहिए , जो डेड स्किन को रिमूव करने के साथ पोर्स को ब्लोक न करे.

इंग्रीडिएंट्स इन गुड बोडी लोशन 

– जरूरी फैटी एसिड्स , जो स्किन को हैल्दी व ग्लोइंग बनाने का काम करते हैं. बता दें कि शरीर खुद से फैटी एसिड्स नहीं बनाता है बल्कि इसे डाइट व स्किन क्रीम्स के जरिए प्राप्त किया जाता है. ऐसे में जरूरी फैटी एसिड्स के लिए आपके बोडी लोशन में शिया बटर, ओलिव आयल , एवोकाडो , आलमंड आयल जैसे इंग्रीडिएंट्स का होना बेहद जरूरी है, ताकि वे स्किन में मोइस्चर को लौक कर सके.

– ग्लिसरीन, ग्ल्य्कोल्स और पोलियोल्स ये तीनों हुमेक्टेंट्स फैमिली के सदस्य होते हैं. ये तीनों स्किन में एक्स्ट्रा मोइस्चर को लौक करते हैं.

– ह्यलुरोनिक एसिड की त्वरित और प्रभावी हाइड्रेटेड क्रिया कोलेजन और इलास्टिन को नम और कार्यशील रखती है. जिससे स्किन सोफ्ट, स्मूद व यंग बनती है. इस तरह से आप सर्दियों में अपनी स्किन का खास खयाल रख सकते हैं.

हर औरत का अपना आत्मसम्मान है

औरतों के सदियों से शिक्षा दी जाती रही है कि उन्हें सहनशीलता अपनानी चाहिए और अगर कोई उन के विरुद्ध कुछ कहे तो वे उसे चुपचाप सुन लें. इस सहनशीलता की आड़ में औरतों पर अत्याचार किए जाते रहे हैं और सासससुर, पति ही नहीं, देवर, जेठजेठानी और दूर के रिश्तेदार हर औरत, खासतौर पर नई बहू के खिलाफ एक मोर्चा बना लेते और रातदिन न केवल औरत के कामकाज की आलोचना का अधिकार रहता है, उस के घरवालों, बहन, पिता, भाई के चरित्र व व्यवहार को बखिया उधडऩे का जन्मसिद्ध अधिकार रहता है.

आजकल वे कानूनों ने और नई बहूओं की कमाई ने इस पर थोड़ा अंकुश लगाया है पर यह बिमारी समाप्त नहीं हुई है. यह तब है जब सरकार और धर्म के मालिक अपने खिलाफ बोले 2 शब्दों पर भी बेचैन हो उठते हैं. देश में कानूनों की भरमार है जिसमें धर्म या सरकार को सही या गलत कुछ कहने पर पुलिस वाले रात 12 बजे भी किसी को घर में उठा सकते हैं. जब से टिवट्र और इंस्टाग्राम जैसे एप बने हैं और कोई भी कुछ भी बड़ी संख्या में लोगों तक अपने विचार पहुंचा सकता है, सरकार और धर्म सत्ता औरतों से भी ज्यादा तुनकमिजाज हो गई है.

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सुप्रीम कोर्ट के अवकाश प्राप्त जज रोहिंदन नरीमन ने कहा है कि इस देश में, युवाओं, छात्रों, स्टेंडअप कौमेडियनों, समाचारपत्रों, वेबसाइटों पर बोले शब्दों पर राष्ट्रद्रोह के मुकदमे चला दिए जाते हैं और बहुत बार उन्हें महिनों जेलों में सडऩे को मजबूर किया जाता है. अब तक शायद ही कोई मामला हुआ तो जिसमें इन छात्रों, युवाओं, कौमेडियनों को देश के कानूनों के अनुसार अंतिम न्यायालय से अपराधी माना गया हो पर ट्रायल के दौरान ही उन्हें यातनाएं जेलों में मिल जाती है और उनके परिवार अदालतों और वकीलों पर पैसा बरसाते थकते रहते हैं. जो सहनशीलता औरतों में होने का उदपदेश दिया जाता है वह असल में सरकार व धर्म के मालिकों को दिया जाना चाहिए.

औरतों को भी हेट स्पीच का मुकाबला करना पड़ता है. शादी के तुरंत बाद से लेकर 10-20 साल तक उस के पीहर को लेकर टीका टिप्पणी चलती रहती है. वे ही लोग जो अपने धर्म या अपनी प्रिय पार्टी की सरकार के खिलाफ 4 शब्द नहीं सुन सकते, घर की सदस्या बनी बहू को वर्षों तक नहीं छोड़ते. सहनशीलता को जो सलाह औरतों को दी जाती है असल में सरकार और धर्मों को चलाने वालों को दी जानी चाहिए.

जहां बात औरतों के बारे बोलने का हक है, यह स्पष्ट है कि यह हक किसी को नहीं है, पति को भी नहीं. हर औरत का अपना आत्मसम्मान है, अपना परिवार है, पैतृर्क संबंध हैं और किसी को कुछ कहने का हक है और न उस से कुछ मिलता है. औरतों को दासी समझ कर उन्हें ताउम्र का अधिकारी मानना धर्मग्रंथों में लिखा है तो उस धर्म को घर में नहीं घुसने देना चाहिए.

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इन 4 नेचुरल तरीके से धोएं फल और सब्‍जियां

यह कोई बताने वाली बात नहीं है कि फल और सब्‍जियों को पकाने या खाने से पहले अच्‍छी तरह से धो लेना चाहिये. कीटाणु और कीटनाशक से भरे फल और सब्‍जियां खाने से फूड प्वाइजनिंग के साथ दूसरी बीमारियां होने का चांस रहता है.

अच्‍छा होगा कि आप फल और सब्‍जियों को इस तरह से धोएं कि उसमें कीटनाशक का एक भी अंश ना रहे. आप बाजार से चाहे जितना भी सोंच कर अच्‍छी साग सब्‍जियां ले कर आएं, लेकिन अगर किसान ने उसे कीटनाशक छिड़क कर पैदा किया होगा, तो आप दूर दूर तक नहीं बच पाएंगी.

ये पेस्‍टीसाइड कैंसर की बीमारी पैदा कर सकते हैं साथ ही यह होने वाले शिशु में बर्थ डिफेक्‍ट पैदा कर सकते हैं. गंदी साग साब्‍जी खाने से आपका शरीर भी कमजोर हो जाएगा. इसलिये फल और सब्‍जियों को हमारे बताए गए तरीको से धोएं तो ज्‍यादा अच्‍छा रहेगा. आइये जानते हैं कौन से हैं वे नेचुरल तरीके…

1. सिरके द्वारा

सिरके द्वारा कीटाणु और कीटनाशक आराम से साफ किये जा सकते हैं. एक कटोरे में पानी और 1 कप वाइट वेनिगर डालें और उसमें फल या सब्‍जियों को धोएं. जब ये दोनों चीजें धुल जाए तब इन्‍हें साफ कटोरे में रखें और आगे के लिये प्रयोग करें.

2. बेकिंग सोडा

यह कीटनाशक को पूरी तरह से साफ करता है. बडे़ कटोरे में 5 गिलास पानी भरें फिर उसमें 4 चम्‍मच बेकिंग सोडा मिलाएं. अब इस पानी में सब्‍जियां और फल डुबो दें और 15 मिनट के बाद निकाल कर सुखा लें. ये खाने के लिये सेफ हैं.

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3. हल्‍दी वाला पानी

हल्‍दी में एंटीबैक्‍टीरियल गुण होते हैं जो कीटाणुओं का नाश करती है. एक खौलते हुए पानी के कटोरे में 5 छोटे चम्‍मच हल्‍दी मिक्‍स करें. फिर उसमें सब्‍जियां और फल मिलाएं. इन्‍हें एक बार हल्‍दी वाले पानी से साफ करें और बाद में साफ पानी से धो लें.

4. नमक वाला पानी

सेंधा नमक को पानी में मिला कर प्रयोग करने से कीटनाशक का सफाया होता है. एक साफ पानी के कटोरे में 1 कप नमक मिक्‍स करे. फिर इसमें फल और सब्‍जियां डाल कर 10 मिनट तक भिगो कर रखें. कुछ देर के बाद इन्‍हें निकाल कर साफ पानी से 5 मिनट धोएं.

अच्‍छा है कि छिलका निकाल दें अगर आप फल और सब्‍जियों के छिलके निकाल देंगे तो समझिये कि उनमें से 90 प्रतिशत के कीटनाशक अपने आप ही निकल जाएंगे.

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थोड़ा सा ब्रेक ले कर तो देखें

रिश्तों में स्पेस उतनी ही जरूरी है जितनी जीने के लिए औक्सीजन जैसे अगर वातावरण में औक्सीजन की कमी हो जाए तो घुटन होती है ठीक उसी तरह रिश्तों में भी बिना स्पेस के प्यार कहीं खोने लगता है. यदि आप भी अपने सब से प्यारे रिश्ते को ताउम्र तरोताजा रखना चाहती हैं, तो आप को देना होगा अपने बैटर हाफ को एक छोटा सा ब्रेक.

उन के इस स्वभाव को समझें, लेकिन साथ न छोड़ें. यकीनन इस ब्रेक के बाद जब वे लौट कर आप के पास आएंगे, तो आप का यह मिलन निश्चित रूप से जादुई होगा. उस में अपनेआप पहले वाली ताजगी लौट चुकी होगी. निश्चित ही ब्रेक के बाद रिश्ते में पहले से कहीं ज्यादा मिठास होगी और ताजगी भी.

‘‘एक वक्त ऐसा आया था, जब हम दोनों को लगने लगा कि हमारा यह रिश्ता अब ज्यादा दिन नहीं चलेगा, लेकिन आज एकदूसरे की कीमत हम से ज्यादा कोई नहीं जानता. यह कमाल है एक छोटे से ब्रेक का,’’ चेहरे पर कौन्फिडैंस लिए यह कहना था करुणा शर्मा का.

पता नहीं पहले कभी आप ने सुना हो या नहीं, लेकिन सच्चे और लंबे समय के मिलन के लिए जुदाई बहुत जरूरी है. अगर आप के रिश्ते में कभी ब्रेक नहीं लगा, तो यकीनन आप कुछ खो रहे हैं. आज के हर युवा को चाहिए रिलेशनशिप में थोड़ी सी स्पेस और एक छोटा सा ब्रेक. कई लोगों ने इसे आजमाया और यही पाया कि कुछ समय बिछुड़ने के बाद मिलना बहुत सुखदायक होता है.

लिव इन रिलेशनशिप, आसानी से मिलने वाला प्यार और इन दिनों आम हो रहे प्रेम प्रसंगों ने ही इस नए चलन को जन्मा है. आइए मिलते हैं, ऐसे ही कुछ लोगों से जिन की जिंदगी में इस ब्रेक की बहुत जरूरत थी :

इम्तिहान के वे 5 महीने

जयपुर की रहने वाली स्मिता कहती हैं, ‘‘हमारे रिश्ते को अब पूरे 5 साल हो गए. इन 5 सालों में करीब 5 महीने की एक लंबी जुदाई आई. करीब 3 साल लगातार हमारा प्यार परवान चढ़ा रहा. पहले एकदूसरे में कभी कोई कमी नजर नहीं आती थी, लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब रिश्ता घुटन बनने लगा. किसी को जब आप बहुत ज्यादा जान लेते हैं, तो भी मुसीबतें खड़ी होने लगती हैं. जिन बातों को पहले हम नजरअंदाज कर दिया करते थे, वही अब बड़ी लग रही थीं.

‘‘आखिरकार वही हुआ, जिस का हमें अंदाजा था. एकदूसरे की सहमति से हम ने

इस रिश्ते को हमेशा के लिए खत्म करने का फैसला किया. दोनों ने वादा किया कि अब

कभी फोन, किसी संदेश और दूसरी तरह से संपर्क नहीं होगा. हुआ भी ऐसा ही. मैं भी अपनी दुनिया में व्यस्त हो गई और वे भी. कभीकभी उन की याद भी आती, तो उसे मैं दिल में ही दबा देती.

‘‘पूरे 5 महीने बाद मौसम बदला और दिल में किसी की कमी महसूस होने लगी. उस से कभी बात न करने का वादा किया था, लेकिन नजरों को फिर उसी की तलाश थी. कुदरत ने साथ दिया और हम वापस मिले, लेकिन इस बार हमेशा के लिए. इतने बड़े अंतराल में एक बात साबित हो गई थी कि रिश्ता भले कोई भी हो, उस में थोड़ी स्पेस जरूर हो.’’

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रबड़बैंड थ्यौरी

रिश्ते की इन उलझनों को समझने के लिए आप का रबड़बैंड थ्यौरी को समझना बहुत जरूरी है. जान ग्रे की बुक ‘मैन्स आर फ्रौम मार्स ऐंड विमन आर फ्रौम वीनस’ स्त्रीपुरुष की रिलेशनशिप को समझने और सुधारने के लिए एक बेहतर किताब है. इस में साफतौर पर पुरुष की मनोस्थिति को बताते हुए उन की तुलना एक रबड़बैंड से की गई है.

पुरुषों का यह स्वाभाविक अंदाज है कि वे किसी महिला के पूरी तरह पास आने के कुछ समय बाद दूर जाने लगते हैं. चाहे महिला कितना भी प्रेम करे. ऐसा होना स्वाभाविक है. अपनी आजादी और अस्तित्व को तलाशने के लिए वे ऐसा करते हैं. लेकिन यह भी सच है कि जब वे पूरी तरह से दूर जाते हैं. तभी लौट कर आते भी हैं. जब वे वापस आते हैं, तो उन का प्यार और अपने पार्टनर के प्रति आस्था कहीं ज्यादा हो चुकी होती है. महिलाएं अकसर उन के इस स्वभाव से धोखा खा कर उन का साथ छोड़ देती हैं.

जानबूझ कर लिया ब्रेक

फीके पड़ते रिश्तों में फिर से पहले वाली मिठास भरने के लिए कुछ कपल जानबूझ कर भी ब्रेक लेने लगे हैं. वे जानना चाहते हैं कि क्या वे वाकई एकदूसरे के बिना नहीं रह सकते? उन के बीच सच में प्यार है या महज आकर्षण? उन्हें लगने लगा है कि दूरी ही वह राह है, जो उन्हें सही मंजिल का पता दे सकती है.

एमबीए स्टूडैंट विकास शर्मा कहते हैं, ‘‘अगर हम रोजरोज दाल खाएंगे, तो एक दिन ऐसा जरूर होगा जब हमें उस से नफरत हो चुकी होगी. जिस तरह हम रोज एक स्वाद का खाना नहीं खा सकते, ठीक उसी तरह रोजाना एक

ही पैटर्न पर जिंदगी भी नहीं चल सकती.

कोई आप से हमेशा के लिए दूर हो जाए, उस से तो अच्छा है कि उसे कुछ दिन के लिए ही दूर करें.

‘‘मैं निशा को बहुत प्यार करता हूं. जब वह मुझे मिली नहीं थी, तो मैं उसे पाने के लिए कुछ भी कर सकता था, लेकिन जब वह मेरी हो गई तो धीरेधीरे उस की कद्र भी कम हो गई. उस की हर बात मेरे लिए इतनी गंभीर नहीं होती थी, क्योंकि मुझे मालूम था कि वह मुझ से प्यार करती है और मुझे छोड़ कर कहीं नहीं जाएगी. अपने इस रवैए से मैं खुद परेशान होने लगा. अपने प्यार के एहसास को फिर से वापस पाने के लिए मैं ने निशा से एक छोटा सा ब्रेकअप किया. वह उस समय बहुत रोई, लेकिन मैं ने अपने दिल पर पत्थर रखते हुए उसे अपने से अलग कर दिया. शुरुआत में उस के फोन भी रिसीव नहीं किए.

‘‘करीब 1 साल बाद उसी तारीख को जब हम जुदा हुए थे, मेरे अंदर प्यार और पागलपन फिर से वापस आने लगा. मेरे पास उस का जो नंबर था, वह बदल गया था. उस की कोई खबर नहीं थी, लेकिन मैं चाहता था कि मुझे दिलोजान से प्यार करने वाली निशा फिर से मेरी जिंदगी में आ जाए. उस के दोस्तों से मिल कर उस के घर का नंबर लिया. उस समय शायद वह मुझे बेवफा समझ रही थी, इसलिए फोन पर आने को भी तैयार नहीं थी. काफी कोशिश कर के उस से फिर मुलाकात हो पाई. जब अपने दूर होने का कारण उसे बताया, तो उस की नम आंखें मुझे घूर रही थीं. मैं उस की एक हां के लिए फिर से तरस रहा था. उस दिन पता चला कि अगर यह ब्रेकअप न होता, तो हम कभी इस प्यार की गहराई को नहीं समझ सकते थे.’’

हम भी आजमाते हैं इसे

विशाल और कविता का प्रेमविवाह हुआ है. दोनों सेम प्रोफैशन के तो हैं ही, साथ ही उन के विचार भी एकजैसे हैं. वे कहते हैं, ‘‘अकसर लोग हमें कहते हैं कि प्यार का जोश कुछ समय में ठंडा हो जाता है. पहले जैसा जोश और प्यार उन के रिश्ते में नहीं रहता. हमें मालूम है कि हमें लंबे समय तक अपने प्यार को जिंदा रखने के लिए क्या करना है? प्यार को ताजा रखने के लिए हमें एकदूसरे को जगह और आजादी देना जरूरी है. हर वक्त यह उम्मीद लगाए नहीं बैठना चाहिए कि हम साथ हों.’’

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विशाल कहते हैं, ‘‘मैं अपनी पत्नी को उस के दोस्तों के साथ और परिवार वालों के साथ भी समयसमय पर भेजता हूं. यह वह वक्त होता है, जब मैं उसे एक भी फोन नहीं करता. हर वक्त वह भी मुझ से सवाल नहीं करती. ऐसा करते हुए हम एकदूसरे का लगातार खयाल रखते हैं. जब हम अपने इस अकेलेपन के मूड से निकल कर फिर एक होते हैं, तो प्यार अपनेआप ताजा हो जाता है.’’

जरूरी है थोड़ी सी स्पेस

राजस्थान यूनिवर्सिटी जयपुर में समाजशास्त्र की प्रोफैसर अंजलि सिन्हा कहती हैं, ‘‘काम की थकान के बाद नींद अच्छी आती है. अच्छी नींद अच्छे ख्वाब लाती है. रिश्ते भी इसी तरह के मीठे ख्वाब हैं, जिन्हें सुकून होने पर ही महसूस कर पाते हैं. लेकिन यह तब होता है जब आप रिश्तों को जीते हैं. ब्रेक लेने का मतलब यह नहीं कि आप अपने साथी को बिसरा दें, बल्कि तनहाई में सोचें कि कितना पाया है आप ने इस रिश्ते में. साथ ही यह भी कि दिया कितना है? दोनों पलड़ों का संतुलन देखें और सोचें अगर कहीं संतुलन नहीं बन पा रहा है, तो वजह क्या है?

‘‘आप से दूर रहना आप के जीवनसाथी को भी इतनी मोहलत देगा कि वे सोच सकें कि आप उन की जिंदगी में कितने अहम हैं. उन्हें हर समय खुद में उलझाए रखा तो आप उन से वह समय भी ले लेंगी, जिस में वे आप के बारे में सोचना चाहते हैं और यह समय छोटे से ब्रेक से उन्हें दे सकती हैं. जरूरी नहीं कि यह महीनों लंबा हो, लेकिन इतना जरूर हो कि आप एक जिम्मेदारी की तरह उन्हें याद न आएं. याद आएं तो इस तरह कि वे फिर बस आप के पास लौट आने के लिए बेकरार हो उठें.’’

गौरतलब है कि हर पतिपत्नी के बीच झगड़े की खास वजह असुरक्षा और ईगो होता है. यदि आप अपने पार्टनर को प्रौपर स्पेस देते हैं,

तो उस के मन में किसी तरह की असुरक्षा की भावना नहीं रहेगी और न ही आप के मन में रहेगी. आप दोनों हमेशा प्यार से रहें, हंसीमजाक करे, लेकिन शक के घेरे में ले कर हजार सवाल न पूछें. किसी भी रिश्ते में स्पेस देने से भरोसा और भी ज्यादा बढ़ता है. इतना ही नहीं, आप के पार्टनर आप से ज्यादा खुल कर बात कर सकते हैं. साथ ही इस से आप दोनों के बीच सम्मान और प्यार बढ़ता है. ऐसे में पतिपत्नी को पर्सनल स्पेस का ध्यान रखना चाहिए. जिस से कि रिश्ते में प्यार बना रहे.

इन सब के बावजूद भी रिश्ते में सही तालमेल नहीं बैठ रहा है, तो अलगअलग समय बिताने की कोशिश करें. 1 या 2 सप्ताह के लिए एकदूसरे को नहीं देखने की सहमति लें और यह तय करने के बाद स्पष्ट करें कि आप अभी भी एकसाथ हैं और अपना रिश्ता इस समय के दौरान खास रहेगा. ऐसे वक्त में एकसाथ समय नहीं बिताएं न एकदूसरे को मैसेज भेजें. न ही फोन पर बात करें. यह जुदाई आप के लिए यह जानने में मददगार साबित होगी कि आप इस रिश्ते को कितना महत्त्व देते हैं.

यह पहली बार में मुश्किल जरूर हो सकता है. लेकिन यदि आप अपने जीवन में अपने पार्टनर के बिना सुकून महसूस करते हैं, तो शायद ब्रेक ले लेना एक अच्छा विचार है. इसे आप रिश्ते को बेहतर बनाने का एक बेहतरीन विकल्प भी कह सकते हैं. अब यदि आप शुरुआती कुछ दिनों में ब्रेकअप में आनंद महसूस करते हैं, लेकिन उस के बाद आप अपने पार्टनर को मिस करने लगते हैं और अपना जीवन उस के बिना अधूरा महसूस करते हैं, तो आप को रिश्ते को फिर से सुधारने की पहल करनी चाहिए.

निजी आजादी का सम्मान

– विनिता छाबड़ा

‘‘रिश्तों में निजी आजादी के लिए घट रहे स्पेस की वजह से परिवार टूट रहे हैं. आए दिन ऐसे मामले बढ़ रहे हैं. आजादी की जितनी दरकार एक देश को, एक समाज को, हमारे विचारों को और हमारी अभिव्यक्ति को है, उतनी ही आजादी की मांग एक मजबूत रिश्ता भी करता है. इस तरह के मामलों को बढ़ने से आ रही दरार को खत्म कर यदि मजबूत रिश्ता चाहते हैं, तो यह बेहद जरूरी है कि एकदूसरे की निजी आजादी का सम्मान करना होगा.’’

स्पेस में भी रिश्ता रहे मजबूत

– डा. सावित्री सराधना, प्रोफैसर, समाजशास्त्र, राजस्थान विश्वविद्यालय मनोचिकित्सक, एसएमएस अस्पताल, जयपुर

‘‘हर इनसान को अपनी आजादी प्यारी होती है, क्योंकि कोई भी रिश्ता सिर्फ प्यार से ही नहीं चलता, बल्कि उसे चलाने के लिए कई ऐसी चीजें हैं, जो अपनी जगह माने रखती हैं. कई बार जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते में दरार पैदा कर देती है. ऐसे में रिश्ते में स्पेस देना जरूरी हो जाता है. खासतौर से शादीशुदा जिंदगी में स्पेस बहुत जरूरी हो जाता है. ज्यादा दखलंदाजी रिश्ते को खराब कर सकती है. ऐसे में जरूरी है कि सब से पहले अपने पार्टनर को समय दें. साथ ही उस की जिंदगी में ज्यादा ताकझांक या रोकाटोकी न करें. ऐसे में पार्टनर को अकेला छोड़ने के बजाय उसे उस की सोच को कायम रखने के लिए सोचने का मौका दिया जाए. इस दौरान अपने साथी को हमेशा उस की गलतियां बताने में न रहे, क्योंकि ऐसे वक्त में सही बात भी गलत लगने लगती है.’’

फायदे फैमिली ब्रेक के

कैरियर और निवेश ने आप का कल तो सुरक्षित कर दिया, लेकिन आज की खुशियों का क्या? कल की चिंता में कई बार हम आज की खुशियों के छोटेछोटे पलों को नजरअंदाज कर देते हैं. अब ऐसा न हो, इस के लिए फैमिली ब्रेक लेने के कुछ मौके बिलकुल न गंवाएं.

त्योहार हमें परिवार के साथ समय बिताने का पूरा मौका देते हैं लेकिन हम तीजत्योहार की रीतिरस्म निभाने में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि त्योहार की छुट्टियां कब आईं और चली गईं, हमें पता ही नहीं चलता. यदि इन सब चीजों को दरकिनार कर क्वालिटी फैमिली टाइम बिताना है तो फैमिली डिनर, शौर्ट ट्रिप इत्यादि ऐसे विकल्प हैं, जो न सिर्फ आपसी रिश्तों को ताजगी से सराबोर करेंगे, बल्कि फैमिली के हर सदस्य के बारे में करीब से जानने का मौका भी देंगे.

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फैमिली डिनर आउटिंग पत्नी को रोज के घरेलू कामों से थोड़ा ब्रेक देगी, तो वह भी रिलैक्स हो कर आप के साथ क्लालिटी टाइम बिता पाएगी और फिर पत्नीबच्चों के साथ शौर्ट ट्रिप या लौंग ड्राइव पर जाने से बेहतर तो शायद और कुछ न हो, क्योंकि ऐसे पल आपसी बौंडिंग को मजबूत करने के साथ यादगार पलों का तोहफा भी दे जाते हैं.

किसी विज्ञापन की एक लाइन यहां याद आती है कि दूर जाओगे तभी तो अपनों के करीब आओगे.

जल्द पिता बनेंगे Aditya Narayan, वाइफ संग फोटो की शेयर

कई रिएलिटी शो के होस्ट रह चुके आदित्य नारायण जल्द ही पापा बनने वाले हैं, जिसके खुशखबरी उन्होंने सोशलमीडिया के जरिए फैंस को दी है. वहीं एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने पापा बनने की खुश और प्लान के बारे में भी बताया है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

आदित्य ने शेयर की वाइफ संग फोटो

इन दिनों रियलिटी शो सा रे गा मा पा (Sa Re Ga Ma Pa) में नजर आ रहे आदित्य नारायण (Aditya Narayan) ने वाइफ श्वेता अग्रवाल के साथ अपनी एक फोटो शेयर की है, जिसमें श्वेता बेबी बम्प फ्लौंट करती नजर आ रही है. वहीं बेबी बम्प के साथ श्वेता की यह पहली फोटो है, जो सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.

 

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पापा बनने को लेकर कही ये बात

होस्ट और सिंगर आदित्य नारायण ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘श्वेता और मैं जिंदगी के एक नए पड़ाव में आने वाले हैं, जिसे लेकर मैं काफी खुश हूं. मुझे बच्चे बेहद पसंद है और मैं हमेशा से एक पिता बनना चाहता था. हालांकि अब मुझे और श्वेता को और भी ज्यादा काम करना होगा क्योंकि मैं खुद एक बच्चे से कम नहीं हूं. ये बहुत की फिल्मी लगता है लेकिन मैने 30वें जन्मदिन यानी 2017 में एक सपना देखा था कि श्वेता हमारे बच्चे को लेकर गोद में लिए खड़ी है. हालांकि मैं खुश हूं कि मेरा सपना जल्द ही पूरा होने वाला है.

जल्द होगी गोदभराई

आदित्य नारायण ने अपने आगे के प्लान्स को शेयर करते हुए बताया है कि जल्द श्वेता की गोदभराई होगा. लेकिन कोरोना के कारण इस रस्म में केवल परिवार और दोस्त ही मौजूद होंगे. वहीं शादी की बात करें तो कोरोना के बीच ही 1 December 2020 में आदित्य नारायण ने अपनी लौंग टाइम गर्लफ्रेंड और एक्ट्रेस श्वेता अग्रवाल से शादी करने का फैसला किया था.

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Anupama का साथ पाकर वापस लौटेगी पुरानी काव्या, वनराज का करेगी बुरा हाल

सीरियल अनुपमा (Anupama) में जहां वनराज (Sudhanshu Panday), मालविका (Aneri Vajani) को अपने जाल में फंसाने की तैयारी कर रहा है तो वहीं काव्या (Madalsa Sharma) की शो में दोबारा धमाकेदार एंट्री हो गई है, जिसके चलते अपकमिंग एपिसोड (Anupama Latest Update) में धमाकेदार ट्विस्ट आने वाला है. इसी के साथ शो में काव्या अपने पुराने रुप में वापस आने वाली है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

काव्या और वनराज के बीच हुआ झगड़ा

 

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अब तक आपने देखा कि नंदिनी, समर से कहती है कि अपने पापा से कह दें कि वह उसकी मासी काव्या पर ना चिल्लाए. हालांकि समर एक बार फिर नंदिनी को ताना मारते हुए नजर आता है. इसी बीच काव्या, वनराज को चेतावनी देती है कि वह उसकी पतंग की डोर बार-बार काटती रहेगी और उसे शांति से जीने नहीं देगी, जिसे सुनकर वनराज गुस्से में पार्टी से चला जाएगा.

 

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वनराज का साथ देगी मालविका

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुपमा, वनराज के कारण परेशान होती हुई नजर आएगी और कहेगी कि पता नहीं क्यों मिस्टर शाह शांत नहीं हो सकते. वहीं मालविका आएगी और कहेगी कि काव्या के कारण, वह अपनी शांति बनाए नहीं रखता क्योंकि वह दूसरों को नहीं जाने देती. वनराज का साथ देते हुए मालविका कहेगी कि कि वनराज और काव्या का रिश्ता उसके रिश्ते की तरह जहरीला होता जा रहा है. उसके रिश्ते में, आदमी की गलती थी, लेकिन उन दोनों के मामले में काव्या की गलती है और उन्हें रिश्ता खत्म कर देना चाहिए. हालांकि अनुपमा  कहेगी कि डॉक्टर अंग को तभी हटाता है जब यह ठीक न हो, काव्या कम से कम अपने रिश्ते को मौका देने की कोशिश कर रही है. लेकिन वनराज इसके लिए तैयार नहीं है.

 

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काव्या मांगेगी अनुपमा से मदद

 

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इसके अलावा आप देखेंगे कि नंदिनी, काव्या से सबकुछ छोडकर यूएस चलने के लिए कहेगी. हालांकि काव्या राजी नहीं होगी. वहीं अनुपमा दोनों की बात सुन लेगी और कहेगी कि नंदिनी और काव्या यूएस जा सकते हैं लेकिन गर्व के साथ. हालांकि काव्या, अनुपमा से अपना पुराना रूप बनने के लिए मदद मांगती हुई नजर आएगी. दूसरी तरफ वनराज को लगेगा कि अनुपमा, काव्या और नंदिनी का साथ देकर गलत कर रही है.

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मेरी आईलैशेज काफी कम और छोटी हैं, इनकी ग्रोथ के लिए कोई उपाय बताएं?

सवाल-

मेरी उम्र 30 साल है. मेरी आईलैशेज काफी कम और छोटी हैं. मुझे कोई उपाय बताएं, जिस से उन की ग्रोथ हो सके?

जवाब-

घनी आईलैशेज के लिए अरंडी का तेल काफी फायदेमंद माना जाता है. इस में रिसिनोलिक ऐसिड पाया जाता है. यह बालों की जड़ों में रक्तप्रवाह को बढ़ाता है और पलकों के विकास के लिए उत्तेजित करता है.

अरंडी के तेल से न सिर्फ आप की पलकें घनी होंगी बल्कि यह पलकों को टूटने से भी बचाएगा. इसे लगाने के लिए अपने चेहरे को अच्छी तरह साफ कर लें. ध्यान रहे कि आप की आंखों पर किसी तरह का मेकअप न हो. अब साफ मसकारा ब्रश लें. इस ब्रश को अरंडी के तेल में डुबोएं और पलकों पर लगाएं. इसे रातभर पलकों पर लगा रहने दें और सुबह गुलाबजल या फिर मेकअप वाइप्स की मदद से साफ कर लें.

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कई लड़कियां आंखों की सुंदरता को उभारने के लिए नकली या आर्टिफिशियल पलकों का इस्तेमाल करती हैं. लेकिन जब आप अपनी पलकों को प्राकृतिक रूप से घना बना सकती हैं, तो इतनी तकलीफ उठाने की जरूरत क्या है. लड़कियों की खूबसूरती उन की आंखों से होती है और यदि उन की पलकें घनी हैं तब तो कहने ही क्या.

कई युवतियों की पलकें घनी नहीं होतीं, इसलिए वे अपनी आंखों की सुंदरता को उभारने के लिए नकली या आर्टिफिशियल पलकों का सहारा लेती हैं, जिन्हें ज्यादा समय तक अपनाने से नुकसान भी हो सकता है. आइए, जानते हैं कि किस तरह आप अपनी पलकों को कुदरती तौर पर घना और मोटा बना सकती हैं:

1. कैस्टर तेल

रात को सोते समय हर रोज अपनी पलकों पर इस तेल को लगाएं. चाहें तो तेल को हलका सा गरम भी कर सकती हैं. इस को 2 महीने तक लगाएं और फिर देखिए कि आप की पलकें किस तरह से घनी हो जाती हैं.

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2. विटामिन ई तेल

एक छोटा सा आइलैश ब्रश लें और उसे इस तेल में डुबो कर रोजाना अपनी पलकों पर लगाएं. चाहें तो विटामिन ई की कुछ टैबलेट को क्रश कर इस तेल के साथ मिला कर लगा सकती हैं. अगर आप की पलकों पर खुजली होती है तो वह भी इस तेल को लगाने से खत्म हो जाएगी.

3. वैसलीन

यदि आप किसी प्रकार का तेल नहीं लगाना चाहतीं, तो वैसलीन इस का बेहतर विकल्प है. रोजाना रात को सोने से पहले अपनी पलकों पर वैसलीन लगाएं. उस के बाद सुबह उठते ही पलकों पर हलके गरम पानी से छींटे मार कर साफ करें, वरना पूरे दिन वे चिपचिपाती रहेंगी.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- इन 5 टिप्स से बनाएं पलकों को घना

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

समाज नियमों से चलता है धर्म से नहीं

दिसंबर के अंत में हरिद्वार में धर्म संसद में यदि नरसिहानंद को हिंदूमुसलिम संबंधों पर ही नहीं औरतों पर भी गहरा कटाक्ष असल में उन भक्त औरतों के कारण गया जो धर्म की दुकानदारी को चलाती है. हर धर्म में सब से बड़ी ग्राहक औरतें होती हैं और उन्हें  लगता है कि यदि उन्होंने धर्म की शरण ली तो उन का यह जन्म तो ठीक रहेगा ही मरने के बाद अगला जन्म मिलेगा या स्वर्ग में स्थान मिलेगा. औरतों को पैदा होते ही जो पट्टी पढ़ा दी जाती है कि उन को जो मिल रहा है वह पूजापाठ के कारण ही मिल सकता है और यही पति नरिसहानंद जैसों को बकबक करने का साहस देता है.

सवाल तो यह है कि यह धर्म संसद आयोजित कैसे होती हैं? कैसे देश के दूरदूर से लोग हवाई जहाज, रेल या गाडिय़ों से अकेले नहीं अपने शिष्य और शिष्याओं के साथ पहुंच जाते हैं.

धर्म संसद का आयोजन मुफ्त में नहीं हो जाता. इस के लिए स्थान, पंडाल, रहने की जगह, खाने की व्यवस्था सब करनी होती है खासतौर पर जब इस तरह ही संसद 3 दिन की होने वाली हो. जब तक पैसा नहीं होगा यह नहीं हो सकती. यह पैसा चंदे से आता है और चंदा एक तरह से या सीधे औरतों से ही मिलता है. यदि पुरुष देते हैं तो वे घर की आय काट कर देते हैं. औरतें देती है तो अपनी बचत में से भी घर की कुछ सुविधाएं काट कर देती है. किसलिए?

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उन्हें यही बताया जाता है कि धर्म के कारण ही वे समाज टिका है और वे सुरक्षित है. ये दोनों बातें  झूठी हैं, समाज समाज के नियमों से टिकता है, धर्म के नियमों से नहीं. किसी भी धार्मिक प्रवचन को सुन लीजिए, किसी धार्मिक पुस्तक को उठा कर पढ़ लीजिए, उस में व्रत, उपवास, पूजा, प्रार्थना, दानदक्षिणा की बातें होंगी, कहींकहीं उपदेश होंगे कि औरतों को मति अपना कर पति की सेवा करने चाहिए पर उस के साथ पुछल्ला लगा होगा कि चाहे पति कैसा भी हो.

धर्म की चलती है पर पूजापाठ और दानदक्षिणा के मामले में, धर्म न तो औरतों पर बलात्कार रोक पाना, न विधवाओं को आदर दे पाया, न लड़कियों के लिए आफत दहेज को रोक पाया, न दहेज हत्याओं को रोक पाया. कोई धर्म औरतों का व्यापार नहीं रोक पाया बल्कि हर धर्म नगरी में वेश्याओं के इलाके बड़े जोरशोर से फलते चलते हैं. धर्म औरतों को बराबरी नहीं दे पाया. औरतों को ही सारी प्राकृतिक आपदओं का कारण पौराणिक युगों से चला जाता रहा है. औरतों को नंगा कर के उन से हल चलवा कर बारिश कराने के इंद्र देवता को खुश करने के काम भी धर्म के ईशारों पर होते हैं.

धर्म ही यति नरसिहानंद जैसे को खुली छूट देता है क्योंकि धर्म की आड़ में ही सीता को घर निकाला मिला था, राम को ब्राहमण के श्राप के कारण पिता को सेना पड़ा था, आहिल्या को पत्थर बनना पड़ा था. यही औरतें धर्म के दुकानदारों की सब से बड़ी स्पोर्टर और फाइनेंनसर हैं और आज अगर देश ोराहे पर खड़ा है और जाति व धर्म की कशमकश में फंसा है तो इसलिए औरतों से मिलने वाली आर्य को झपटने के लिए सब बुरी तरह बेचैन हैं.

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अगर धर्म या जाति के कारण कहीं दंगे, फसाद, हत्याएं हुईं तो सब से बुरी हालत लड़कियां अनाथ होंगी तो धर्म उन्हें सहारा नहीं देगा. वे विधवा होंगी तो धर्म उन्हें संरक्षण नहीं देगा, उन के घर जलेंगे तो धर्म बनवा कर नहीं देगा. धर्म तो आग लगवा कर हाथ झाड़ कर खड़ा हो जाएगा और भक्तों को कहेगा कि और भार चाहे खुद भर जाए और अपने पीछे घर में इंतजार करने बालियों को भूल जा. वही औरतें धर्म संसद को पैसा देती हैं, यह न भूलें.

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