मैंने कभी अपर लिप्स नहीं बनवाए, इसे बनवाने का सही तरीका क्या है?

सवाल-

मेरी उम्र 32 साल है. मैं ने कभी अपर लिप्स नहीं बनवाए. इसे बनवाने का सब से सही तरीका क्या है?

जवाब-

लिप हेयर को हटाना थोड़ा दर्दनाक होता है लेकिन इन्हें हटाना भी बहुत जरूरी है. अगर आप को भी अपरलिप कराते समय तेज दर्द महसूस होता है तो आप कुछ घरेलू तरीके भी अपना सकती हैं. 2 नीबू के रस को निचोड़ कर उस में थोड़ा पानी और थोड़ी चीनी मिला लें. इस पेस्ट को तब तक मिलाएं जब तक कि पेस्ट पतला न हो जाएं. अब तैयार किए गए पेस्ट को अपने होंठों के ऊपरी हिस्से पर लगाएं. 15 मिनट बाद पानी से चेहरा धो लें.

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अपरलिप्स से छुटकारा…

इसके लिए लेजर भी करा सकती हैं. लेजर बालों को उन की जड़ों से उखाड़ता है और 1 साल या अधिक समय तक दोबारा बढ़ने से रोकता है. लेजर सेशन में 5 मिनट के अंदर पूरा हो जाता है. आप को केवल ऐसा महसूस होगा कि आप के चेहरे पर एक रबर बैंड लगाया गया है (हालांकि आप इससे अच्छा महसूस नहीं करेंगी, लेकिन आप को कोई दर्द नहीं होगा). लेजर कराना थोड़ा महंगा है. वहीं ज्यादातर महिलाओं को 6 सेशन कराने की जरूरत पड़ती है.

वैक्सिंग…

कुछ सप्ताह छुटकारा पाने के लिए इसके लिए वैक्सिंग करा सकती हैं. आईब्रोज के उलट चेहरे के इस हिस्से पर घर में भी वैक्सिंग कर सकती हैं. लेकिन कम तापमान वाली किट का इस्तेमाल करें, क्योंकि शरीर के अन्य हिस्सों के लिए इस्तेमाल में लाया जाने वाला वैक्स आप के चेहरे को जला सकता है. तीन अलग- अलग हस्सों में वैक्सिंग करें (बायीं ओर, दायीं ओर और बीच में). वैक्स को नाक के नीचे से नीचे की तरफ फैलाएं. जब इसे हटाएं तो वैक्स स्ट्रिप को ऊपर की ओर खीचें.

क्रीम का इस्तेमाल…

इसके अलावा डिपिलेटरी क्रीम का भी प्रयोग कर सकती हैं. डिपिलेटरी क्रीम त्वचा के नीचे तक प्रभाव डालती है और 1 सप्ताह तक होंठ के ऊपरी हिस्से को बालों से मुक्त रखती है. पहली बार क्रीम को परखने के लिए अपने टखने के पास की त्वचा पर थोड़ी क्रीम लगा कर देख लें कि किसी तरह का रिएक्शन तो नहीं हो रहा है.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

जब बीवी बन जाए घर में बौस

राकेश अपने दफ्तर में सीनियर पोस्ट पर काम करता है. औफिस में उस की खूब चलती है. कई लोग उस के नीचे काम करते हैं. मगर उस का यह रोब और रुतबा घर आते ही खत्म हो जाता है, क्योंकि घर आते ही बीवी का मिजाज देखते ही उस के हौसले पस्त हो जाते हैं. बीवी के आगे उस की एक नहीं चलती. बीवी की जीहुजूरी के अलावा राकेश के पास कोई और चारा नहीं है. आखिर बात घर में शांति की है.

यह कहानी सिर्फ राकेश की ही नहीं है, बल्कि ऐसे बहुत से पति हैं, जिन्हें बीवी के इस तरह के ऐटिट्यूड को ले कर हमेशा शिकायत रही है. लेकिन वे चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पाते. माना यह समस्या मुश्किल है, लेकिन ऐसी भी नहीं कि इस से निबटा ही न जा सके. बस इस के लिए थोड़ी सी समझदारी और हिम्मत की जरूरत है.

इस चिकचिक डौट कौम से कैसे बचें

टहल आएं: जब बीवी ऐसा ऐटिट्यूड दिखाने के मूड में हो तो इधरउधर टहल लें. मतलब उस सिचुएशन में पड़ने से बचें. उस स्थिति से जितना बचेंगे तकरार की संभावना उतनी ही कम होगी.

काम करें लेकिन सोचसमझ कर: अगर दफ्तर से आते ही या घर पर खाली बैठा देख कर वह आप को घर का काम करने का हुक्म सुनाती है और खुद टीवी के सामने बैठ जाती है तो उस से कहें कि आप भी अभी थक कर आए हैं या अभी मैं रिलैक्स कर रहा हूं, थोड़ी देर बाद दोनों मिल कर सारा काम निबटा लेंगे. घर का काम पुरुष नहीं कर सकते, ऐसा नहीं है, लेकिन वह किस ढंग और ऐटिट्यूड के साथ कराया जा रहा है उस पर डिपैंड करता है.

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वार्निंग दें: न तो आप खुद बेवजह बीवी पर चिल्लाएं और न ही उसे ऐसा करने दें. उसे समझाएं कि बात आराम से भी हो सकती है वरना चिल्लाना आप को भी आता है. इस से वह अगली बार आप से बदतमीजी करने से पहले एक बार जरूर सोचेगी.

आपसी विश्वास बढ़ाएं: बीवी को प्यार से भी समझाया जा सकता है कि उसे उस का इस तरह का व्यवहार आप को बिलकुल पसंद नहीं है. उसे खुद में थोड़ा बदलाव लाने की जरूरत है. साथ में यह भी कहें कि अगर उसे भी आप में कुछ खामियां नजर आती हैं तो आप भी खुद को बदलने को तैयार हैं. इस से आप दोनों के बीच आपसी समझ और विश्वास बढ़ेगा.

नेक सलाह

– ज्यादा रोब जमाने के चक्कर में कहीं ऐसा न हो कि पति की नजरों में आप की इज्जत एक धेले की भी न रह जाए.

– हो सकता है कि आप दफ्तर में अपने पति की बौस हों, लेकिन यह बात कभी न भूलें कि यह घर है आप का दफ्तर नहीं. इसलिए हर बात में हुक्म न चलाएं.

– पति की तो छोडि़ए, बच्चे भी आप से डरने लगेंगे और पीठ पीछे आप की चुगली करेंगे कि मम्मा कितनी बुरी हैं और यह बात आप को कभी पसंद नहीं आएगी.

ऐटिट्यूड के कारण जानें

– क्या वह आप से कहीं ज्यादा गुड लुकिंग है

– क्या वह दफ्तर में भी आप की बौस है

– क्या वह बहुत अमीर घर से है

– क्या वह अपने मायके में बच्चों में सब से बड़ी है जो अपने भाईबहनों पर रोब चलातेचलाते यह उस की आदत हो गई

– क्या आप दोनों के बीच कुछ ऐसी बातें हैं, जिन की वजह से पत्नी फ्रस्ट्रेट फील करती हो और उस का गुस्सा वह आप पर निकालती हो

जब बेवजह आए गुस्सा

यदि आप को अकसर गुस्सा आता है और आप अपने साथी पर बेवजह चिल्लाते हैं, तो आप को अपने खून में ग्लूकोज के स्तर की जांच करानी चाहिए. ग्लूकोज का स्तर सामान्य से कम होने पर लोग गुस्सैल और आक्रामक हो जाते हैं.

ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में संचार एवं मनोविज्ञान के प्रोफैसर ब्रैड बुशमैन का कहना है कि अध्ययन से पता चला है कि किस तरह भूख जैसा सामान्य सा कारक भी परिवार में कलह, लड़ाईझगड़ा और कभीकभी घरेलू हिंसा की वजह बन जाता है.

शोध में 107 विवाहित युगलों पर अध्ययन किया गया, जिस में हर जोड़े से पूछा गया कि अपने विवाहित जीवन से संतुष्ट होने के बारे में उन की क्या राय है  21 दिनों तक किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि विवाहित जोड़े में हर शाम ग्लूकोज का स्तर साथी के साथ संबंधों पर प्रभाव डालता है.

जिन लोगों में ग्लूकोज का स्तर कम पाया गया, वे अपने साथी पर ज्यादा गुस्सा करते हैं, उन पर हावी होने की कोशिश कर उन्हें दबाने के प्रयास में तेज आवाज में बात करते हैं. ग्लूकोज का स्तर कम होने से उत्पन्न भूख और क्रोध की स्थिति बेहद करीबी रिश्तों को भी प्रभावित कर सकती है.

सम्मान न खोने दें: आप ने प्यारप्यार में कुछ ज्यादा ही छूट तो नहीं दे दी जो उस का गलत फायदा उठा कर वह आप के सिर पर सवार होने की कोशिश कर रही हो. अत: प्यार करें, लेकिन अपने सम्मान को न खोने दें.

अपने दब्बूपन को बदलें: खुद को भी टटोलें कि कहीं आप कुछ ज्यादा ही दब्बू तो नहीं हैं  हर जगह चाहे पड़ोसी से लड़ाई हो या रिश्तेदारी में कोई बात, आप अपनी बीवी को आगे तो नहीं कर देते  अगर ऐसा है तो सब से पहले अपनी इस आदत को बदलें, क्योंकि बाहर रोब जमातेजमाते यह ऐटिट्यूड वह घर में आप पर भी अपनाने लगी है.

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हिम्मत भी दिखाएं: हर बार टालना भी कोई उपाय नहीं है. इसलिए एक बार हिम्मत कर के आमनेसामने बात कर ही लें कि आखिर इस तरह के व्यवहार की वजह क्या है  पत्नी को साफसाफ शब्दों में यह भी समझा दें कि अब इस तरह की बातें आप और सहन नहीं करेंगे. हो सकता है आप की इस धमकी के बाद वह सुधर जाए.

बिजी रखें: आप खुद को बिजी रखें ताकि आपस में उलझने के मौके कम आएं. जब आप खुद को बिजी रखेंगे तो वह भी आप से कम ही बोलेगी.

ओवर रिऐक्ट न करें: यह भी हो सकता है कि वह सही बात कह रही हो, बस कहने का अंदाज थोड़ा कर्कश हो. यह उस का नेचर भी हो सकता है, इसलिए यह भी सोचें कि कहीं आप ही तो ओवर रिऐक्ट नहीं कर रहे.

10 प्री ब्राइडल ब्यूटी केयर

‘चंदन सा बदन, चंचल चितवन…’ जी हां हर भावी वर की यही तमन्ना होती है कि विवाह की वेदी पर उस की सहचरी का यही रूप हो. वहीं हर भावी वधू का यही अरमान होता है कि शृंगार से अलंकृत उस का रुपयौवन उस के प्रियवर को मदहोश कर दे. इसलिए अगर आप भी दुलहन बनने जा रही हैं तो शादी से लगभग डेढ़दो माह पहले से ही अपने रंगरूप, खानपान और सौंदर्य की ओर ध्यान देना शुरू कर दें.

स्ट्रैसफ्री रहें:

आजकल अधिकतर लड़कियां वर्किंग गर्ल की श्रेणी में आती हैं. इसलिए शारीरिक व मानसिक रूप से फिट रहने व तनावमुक्त होने के लिए योगाभ्यास करें. स्टै्रस लैवल को कम करने के लिए पिकनिक, फिल्म या फिर बौडी स्पा का सहारा लें क्योंकि आप के मन को प्रसन्नता का आभास आप के चेहरे की चमक से होगा.

चेहरे को निखारें:

चेहरे की सुंदरता निखारने के लिए डेली क्लीजिंग, टोनिंग व मौइस्चराइजिंग करें. धूप में निकलने से आधा घंटा पहले सनस्क्रीन लगाना न भूलें.

सैलून विजिट:

शादी से कम से कम 1-2 महीने पहले ही अपने ब्यूटीशियन से प्रीब्राइडल व ब्राइडल मेकअप के बारे में जानकारी लें ताकि अगर आप को किसी खास ट्रीटमैंट की जरूरत हो तो वह शुरू किया जा सके. समयसमय पर ब्यूटी सिटिंग्स व ब्यूटी रूल भी फौलो करें ताकि शादी के समय व उस के बाद भी आप की सुंदरता बनी रहे.

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नए उत्पाद ट्राई करें पर आंख मूद कर नहीं:

शादी से कुछ दिन पहले किसी नए सौंदर्य प्रसाधन का इस्तेमाल करने से बचें. अगर आप को किसी प्रकार की ऐलर्जी है तो अपनी ब्यूटीशियन को जरूर बताएं.

वैडिंग ड्रैस व ज्वैलरी:

अपनी वैडिंग ड्रैस, ज्वैलरी व मेकअप के बारे में पहले से ही ब्यूटी ऐक्सपर्ट से मिल कर रूपरेखा तैयार कर लें ताकि वैडिंग डे पर आप अपना मनचाहा रूप पा सकें. वैडिंग ड्रैस व ज्वैलरी प्लान करते समय अपने स्किन कौंप्लैक्शन व फिगर के अनुसार ही आउटफिट व ज्वैलरी का चुनाव करें.

समय रहते बदलाव:

अगर आप भी अपने में कुछ बदलाव चाहती हैं तो अपनी ब्यूटी ऐक्सपर्ट से सलाह लें, इस में वह बालों की कटिंग के द्वारा व आप की आईब्रोज की शेप में थोड़ा बदलाव ला कर आप का व्यक्तित्व निखार सकती है.

डाइट प्लान:

शादी से कम से कम 2-3 महीने पहले ही अपनी डाइट पर कंट्रोल करें. फास्ट फूड व चिकनाई वाले खाने से परहेज करें तथा ग्रीन सलाद व फ्रूट्स को अपने डेली रूटीन में शामिल करें. खूब पानी पीएं. चाहें तो डाइट प्लान के लिए डाइटीशियन से भी संपर्क कर सकती हैं.

हर अंग संवारें:

चेहरे के अलावा हाथपैरों व अंदरूनी हिस्सों की भी साफसफाई का विशेष ध्यान रखें. समयसमय पर मैनीक्योर, पैडीक्योर व वैक्सिंग करवाएं. अगर एडि़यां कटीफटी हैं तो उन पर पैरोसिन वैक्स लगाएं तथा गरम पानी में समुद्री नमक डाल कर पैरों की सिंकाई करें.

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मौसम के अनुरूप:

अगर आप की शादी गरमियों में है तो मैटी मेकअप का इस्तेमाल करें और अगर सर्दियों में है तो क्रीमी मेकअप का. विंटर सीजन में ब्राइट, डार्र्क व फाइन शिमरी शाइन कलर्स टोन परफैक्ट रहते हैं.

ब्राइडल पैकेज:

आजकल मार्केट में सैलून द्वारा स्पैशल पैकेज उपलब्ध हैं, जिन्हें आप अपने ब्यूटी ट्रीटमैंट व बजट के अनुरूप अपना सकती हैं. इस के लिए ब्यूटीशियन से बिना संकोच किए सलाह लें.

समयसमय पर कोविड टैस्ट कराती रहें और दोनों वैक्सीन डोज शादी से पहले अवश्य ले लें क्योंकि शादी के दौरान बहुतों को बिना मास्क के मिलना पड़ता है.

शादी का दिन आप की जिंदगी का सब से खास दिन होता है. अत: इस दिन कोई कमी नहीं रह जाए, इस के लिए समय निर्धारण की बहुत जरूरत होती है.

Valentine’s Day को जानें कैसे मनाते है Gehraiyaan एक्टर सिद्धांत चतुर्वेदी

अगर आपने किसी चीज के लिए जी जान से मेहनत की है, तो उसका फल अवश्य मिलेगा और मैंने इसमें कोई कमी नहीं की और आज यहाँ पर पहुंचा हूँ, जहाँ मुझे दीपिका पादुकोण जैसी बड़ी अभिनेत्री के साथ काम करने का मौका मिला, कहते है 28 वर्षीय अभिनेता सिद्धांत चतुर्वेदी. दरअसल सिद्धांत एक शांत स्वभाव के व्यक्ति है, इसलिए जब कभी उन्हें रिजेक्शन मिलता है, तो वे अपने मन को खुद ही शांत कर सोचते है कि ये फिल्म उनके लिए नहीं बनी है. वे युवा पीढ़ी से भी कहते है कि उन्होंने जो सपना देखा है, वह पूरा तभी हो सकता है, जब व्यक्ति अच्छी तरह सोचकर कदम बढाएं.

पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया में जन्मे और 5 साल की उम्र में परिवार के साथ मुंबई आयें. मुंबई आकर चार्टेड एकाउंट की पढाई करते हुए ही फिल्म में उतरने की कोशिश करते रहे. इसमें देर भले हुई हो,पर उनके मन मुताबिक फिल्में मिली. उनके पिता एक चार्टर्ड एकाउंटेंट है और उनकी मां एक गृहिणी. सीए की पढाई के दौरान एक सिद्धांत को एक प्रतियोगिता में जाने का अवसर मिला और वे ‘फ्रेश फेस 2012’ का ख़िताब जीता. इसके बाद उन्होंने कुछ विज्ञापन, मॉडलिंग असाइनमेंट और फोटोशूट किए. सही काम न मिलने की वजह से सिद्धांत मुंबई में अभिनेता और लेखक के रूप में एक थिएटर ग्रुप में शामिल हो गए. थिएटर ग्रुप में एक नाटक के दौरान, उन्हें फिल्म निर्देशक लव रंजन ने नोटिस किया और उन्हें टीवी शो ‘लाइफ सही है ‘ मिली. टीवी के बाद उन्हें फिल्म भी मिली, पर उन्हें सफलता गलीबॉय से मिली. साधारण कदकाठी और घुंघराले बाल होने की वजह से उन्हें बहुत रिजेक्शन सहना पड़ा. ‘गहराइयाँ’ फिल्म रिलीज़ हो चुकी है, जिसमें उन्होंने काफी इंटेंस भूमिका निभाई है. उनसे उनकी जर्नी के बारें में बात हुई आइये जाने कुछ बातें.

सवाल – दीपिका पादुकोण के साथ इंटेंस भूमिका निभाने का अनुभव कैसा था, रिलेशनशिप में आये उतार-चढ़ाव को कैसे देखते है?

जवाब– निर्देशक शकुन बत्रा से जब मैं स्क्रिप्ट के लिए मिला, तो मेरी उम्र 24 थी, जबकि उन्हें एक 30 साल का मेच्योर व्यक्ति चाहिए. उन्होंने मुझे नहीं लिया और मुझे ये फिल्म करनी थी. एक दिन मैं इशान खट्टर के साथ एक रेस्तरां में गया, वहां मेरी बात शकुन बत्रा से हुई. उन्होंने मेरी एक्टिंग गलीबॉय में देखी थी, जहाँ मैंने रणवीर सिंह की मेंटर की भूमिका निभाई थी. उन्होंने समय लिया और दो दिन बाद उन्होंने मुझे बताया कि जेन की मेरी भूमिका ट्रांसफॉर्म किया जा सकता है और उन्होंने मुझे इस फिल्म के लिए चुना.

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मैंने रोमांटिक फिल्में बचपन से देखी है और लगा था कि ऐसी ही कुछ शाहरुख़ खान की फिल्में जैसी रोमांटिक सीन्स होगी, क्योंकि इससे पहले मैंने इस तरह के रिश्तो के बारें में कभी सुना नहीं था. शाहरुख़ खान मेरे पसंदीदा हीरों है और मैं भी ट्रू लव ऑन स्क्रीन करना चाहता था. इस फिल्म में दीपिका पादुकोण और धर्मा प्रोडक्शन जैसी लोग जुड़े है, इसलिए इसमें मेरा सपना कुछ हद तक पूरा हो सकता है. मैं बाहर से आया हूँ और काफी दिनों तक ऑडिशन दे रहा हूँ, पर कोई अच्छा काम नहीं मिल रहा है. इसमें दीपिका पादुकोण भी है, जिस पर मेरा क्रश पहले से रहा है. मौका अच्छा है, हाँ कहने के बाद भी मैं इस भूमिका को निभाने में डर रहा था, क्योंकि मेरे हिसाब से प्यार जन्मों-जन्मों वाला होता है. जिसे आज सभी ओल्ड स्कूल थॉट कहते है. इस भूमिका के लिए मुझे कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना पड़ा. दीपिका से मिलने पर कैसे क्या करूँ, कैसे बैठू समझ नहीं आ रहा था,क्योंकि स्क्रिप्ट के अनुसार काफी इंटेंस सीन्स थे. एक से दो हफ्ते मुझे सामान्य होने में लगे थे, लेकिन दीपिका की सहयोग से ऐसा जल्दी हो पाया, क्योंकि वह बहुत साधारण स्वभाव की है और मुझे इस फिल्म को करने में काफी सहयोग दिया है. वर्कशॉप करने के बाद मैं नार्मल हो पाया, पर शुरू मैं काफी घबराया हुआ था.

सवाल–क्या इस फिल्म से क्या आपको स्टार की उपाधि मिल पाएगी?

जवाब– जब में 19 साल में हीरो बनना था. फिर मुझे लगा कि आप जो बनना चाहते है उसपर फोकस करें, स्टार बनना किसी के हाथ में नहीं होता. अगर आप स्टार किड है तो प्रोडूसर उसे स्टार बना देते है. आउटसाइडर को स्टार बनाने वाली जनता होती है. मुझे दर्शकों ने बहुत प्यार दिया है, पर इतना जरुर है कि अब मैं महंगे कपडे पहनने लगा हूँ. मेरे पेरेंट्स, पडोसी को लगता है कि मैं स्टार हूँ, पर मेरे दोस्त कुछ अतरंगी ड्रेस पहनने पर मेरा बहुत मजाक उड़ाते है. मैं इस सब चीजो के बारें में नहीं सोचता, क्योंकि इससे मेरा काम सही नहीं हो पाता. एक्शन और कट के बीच में मैं अपना दिमाग नहीं लगता. मेरा काम बारीकी से क्राफ्ट को देखना और कुछ नया लेकर आना है. अपना एक नया मार्ग बनाना है.

सवाल–आप अपनी जर्नी को कैसे देखते है? कॉलेज में आप वेलेंटाइन डेज को कैसे मनाते थे?

जवाब– मैं अपनी जर्नी से बहुत संतुष्ट हूँ. मेरी जर्नी की सफलता का पूरा श्रेय मेरे माता-पिता को जाता है. कॉलेज में मुझे वेलेंटाइन डे मनाने का समय नहीं मिलता था, क्योंकि सुबह कॉलेज से निकलने के बाद चार्टेड एकाउंट की क्लास कर केवल दो से तीन घंटे के लिए दोस्तों के साथ थिएटर देखता और प्रैक्टिस करता था. रात को फिर सीए की पढाई करना पड़ता था. थिएटर की बात मेरे पेरेंट्स को पता नहीं था, ऐसे में वेलेंटाइन डे को मनाने का समय नहीं मिलता था और मेरे आसपास लड़कियां कम मंडराती थी, क्योंकि मैं साधारण दिखने वाला लड़का था. इसके अलावा मेरे पिता का कहना था कि कुछ भी करने से पहले अपने कैरियर में स्टेब्लिटी लाओं, इसके बाद जो भी करना चाहो कर सकते हो, क्योंकि फिल्म इंडस्ट्री में अनिश्चितता बहुत है और वहां तुम्हारे कोई चाचा या ताऊ बैठे नहीं है, जो तुम्हे आसानी से काम दे देंगे.

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पिता की बात सही थी,ग्रेजुएशन के बाद मैंने सीए की प्रवेश परीक्षा को भी क्लियर किया, उसकी पढाई भी शुरू कर दी. उस दौरान थिएटर में भी मुझे कई अवार्ड मिलने लगे थे. मुझे समझना मुश्किल हो रहा था कि मैं क्या करूँ? मुझे जॉब भी मिल गया,पूरा दिन काम करने के बाद थिएटर नहीं कर पा रहा था. मुझसे थिएटर छूटता जा रहा था. काम से आने पर पिता देखते थे कि मैं अपने काम से खुश नहीं हूँ. इसके अलावा मैं और मेरे पिता हर फ्राइडे एक नई फिल्म देखते थे. मेरी हालत देखकर उन्होंने एकदिन कहा कि सीए की फाइनल कभी भी दे सकते हो इसलिए अब ऑडिशन देना शुरू करो, लेकिन मै किसी को जानता नहीं था इसलिए थिएटर के दोस्तों के साथ ऑडिशन देता रहा. काम किसी एड में भी नहीं मिला, क्योंकि मेरा चेहरा किसी हीरो की तरह नहीं है . मेरे कर्ली बाल है, आँखे छोटी है. रिजेक्शन के बाद दुखी होकर घर आने पर पिता दिलासा देते थे. फिर मैंने सीए की अंतिम परीक्षा दी, लेकिन क्लियर नहीं कर पाया. अब मैंने जी जान से ऑडिशन देने लगा और पहला शो टीवी का मिला और आज यहाँ पहुंचा हूँ. मैं संघर्ष के दर्द को समझता हूँ.

सवाल – आपके रिलेशनशिप में सबसे अधिक नजदीक किसके रहे?

जवाब – सबसे अधिक नजदीक मैं अपने पिता के रहा हूँ,उन्होंने हर परिस्थिति में मेरा साथ दिया है और सही रास्ता बताया.

टाइल्स फ्लोरिंग से दें इंटीरियर को नया लुक

आज की बदलती जीवनशैली में हर चीज ट्रैंडी व मौडर्न पसंद आती है. लेकिन हम अपनी ड्रैस व मेकअप में तो इन चीजों का ध्यान रखते हैं, पर अपने घर को ट्रैंडी बनाना भूल जाते हैं. आज बहुत से ऐसे ट्रैंडी तरीके हैं जिन से घर को नया लुक दिया जा सकता है. इन दिनों घर के इंटीरियर में टाइल्स फ्लोरिंग सब से ज्यादा चलन में है. दिल्ली के आइडियाज किचन की इंटीरियर डिजाइनर सीमा खोसला कहती हैं कि अब वह जमाना गया जब घर की फ्लोरिंग प्लेन हुआ करती थी और टाइल्स फ्लोरिंग केवल होटलों या रेस्तराओं में ही होती थी. अब यह घर के इंटीरियर में भी होने लगी है. इस का चलन इसलिए भी बढ़ता जा रहा है, क्योंकि स्टोन के मुकाबले टाइलों को बिछाना आसान होता है. फिर बारबार पौलिश करवाने का भी कोई झंझट नहीं होता. साथ ही इस से पूरे घर को मौडर्न लुक भी मिलता है.

टाइल्स फ्लोरिंग के फायदे

आप अपने घर में कितनी भी महंगी चीजें क्यों न रखें, पर जब तक घर में फ्लोरिंग सही न होगी तब तक घर का इंटीरियर अच्छा नहीं लगता. फर्श के तौर पर टाइल्स बेहद टिकाऊ होती हैं तथा मजबूती के मामले में भी इन का मुकाबला नहीं होता. ये पानी से जल्दी खराब नहीं होतीं और साफसफाई में भी किसी तरह की दिक्कत नहीं होती.

नए जमाने की नई टाइल्स

घर की रौनक बढ़ाने और दीवारों को सजाने के लिए टाइल्स लगवाना एक अच्छा विकल्प है. इन दिनों 3डी, वुडेन, स्टोन फिनिश, मौजेक और स्टील टाइल्स खासा चलन में हैं. आजकल पैटर्न वाली टाइल्स भी आ गई हैं, जिन्हें आप फ्लोर तथा दीवारों पर लगवा सकती हैं. घर को पारंपरिक लुक देने के लिए हैंडमेड टाइल्स भी बैस्ट औप्शन हैं. डैकोरेटिव टाइलें भी उपलब्ध हैं, उन्हें पूरे फ्लोर पर लगवाने के बजाय एक वाल के कुछ खास हिस्सों पर लगवाया जाता है. आप चाहें तो घर के मुख्यद्वार पर भी लगवा सकती हैं. टाइल्स में मैट फिनिश का चलन जोरों पर है. चमचमाती या ग्लौसी टाइल्स अब चलन से आउट हो गई हैं.

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कई कंपनियां आप की पसंद अनुसार भी टाइल्स बनाने लगी हैं, जिन्हें कंप्यूटर की मदद से बनाया जाता है. इन में आप अपनी पसंदीदा मोटिफ्स या परिवार के फोटो भी प्रिंट करवा सकती हैं. टाइल्स फ्लोरिंग करवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि फ्लोरिंग आप की दीवारों से मैच करे. अगर आप के घर की दीवारें लाइट कलर की हैं, तो टाइल्स डार्क कलर की लगवाएं, अगर दीवारें डार्क कलर की हैं, तो लाइट टाइल्स लगवाएं.

ये डिजाइनिंग टाइल्स हैं इन डिमांड

डिजिटल प्रिंटेड ग्लास टाइल्स

वुडन लुक टाइल्स

लैदर ऐंड वुडन टाइल्स

वाटर टाइल्स विद डिजिटल प्रिंट

ग्लिटर टाइल्स

स्टोन कौंसैप्ट डिजाइनिंग टाइल्स

लिविंग एरिया

लिविंग एरिया वह स्थान होता है जहां आप अपने मेहमानों का स्वागत करती हैं, दोस्तों से मिलती हैं, उन से बातें करती हैं. इस स्थान को खास बनाना जरूरी है. यहां आप कारपेट टाइल्स लगवा सकती हैं. इन्हें पूरे फ्लोर पर लगवाने के बजाय एक निश्चित स्थान पर ही लगवाएं ताकि देखने में लगे जैसे कारपेट बिछा हो. साथ ही यहां आप कुछ हैंडमेड व मौजेक टाइल्स भी लगवा सकती हैं. आप चाहें तो फ्लोर पर लगवाने के साथसाथ लीविंग एरिया की एक वाल पर भी टाइल्स लगवा सकती हैं. अगर आप का घर छोटा है तो एक ही तरह की टाइल्स लगवा सकती हैं, जो घर को अच्छा लुक देती हैं. अगर घर बड़ा है तो अलगअलग डिजाइनों की टाइल्स लगवाएं. लिविंग एरिया में पैटर्न और बौर्डर वाली टाइल्स का भी ट्रैंड इन है.

बैडरूम

बैडरूम वह जगह है जहां हम रिलैक्स करते हैं. कई लोग यहां डार्क कलर फ्लोरिंग करा लेते हैं. ऐसा करने से बचें. बैडरूम जैसे एरिया में हमेशा टाइल्स फ्लोरिंग के लिए हलके और पेस्टल शेड्स का इस्तेमाल करें. इस से मानसिक सुकून महसूस होता है. बैडरूम में फ्लोरल पैटर्न या हलके रंग की टाइल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है. इन के अलावा आप रंगबिरंगी व अलग तरीके की बौर्डर वाली टाइल्स भी लगवा सकती हैं. बैडरूम के लिए नैचुरल स्टोन टाइल्स भी खास हैं.

किचन

किचन छोटी हो तो दीवारों पर हलके रंग की टाइल्स लगवाना ही सही रहता है. बड़ी किचन में सौफ्ट कलर का इस्तेमाल करना चाहिए. इन दिनों किचन में स्टील लुक वाली टाइल्स ट्रैंड में हैं. इन्हें लगवाने पर किचन की सफाई में किसी तरह की परेशानी नहीं होती. हमेशा प्लेन सरफेस वाली टाइल्स ही चुनें, क्योंकि इन्हें साफ करना आसान होता है. अगर उभरी हुई टाइल्स लगाती हैं तो डिजाइनों के बीच गंदगी जमा हो जाती है, जिसे साफ करना मुश्किल होता है.

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बाथरूम

यह घर में सब से ज्यादा इस्तेमाल होने वाली जगहों में से एक है. इसे सुंदर व आरामदेह बनाना बहुत जरूरी है. बाथरूम में हमेशा सौफ्ट फील वाली टाइल्स लगवाएं. ये टाइल्स नंगे पैरों को रिलैक्स फील कराती हैं. कुछ लोग बाथरूम में भी फूलपत्तियों वाली टाइल्स लगवा लेते हैं. ऐसा न करें. कुछ रिफ्रैशिंग थीम पर आधारित टाइल्स लगवाएं ताकि नहाते समय आप की नजरें उन पर पड़ें तो आप को रिफ्रैश फील हो. इन दिनों बाथरूम में सी ब्लू और पिंक कलर की ऐंटीस्किड टाइल्स सब से ज्यादा डिमांड में हैं. सिरैमिक टाइल्स भी बाथरूम के लिए कई तरह की आती हैं. आप बौर्डर वाली, क्रिसक्रौस पैटर्न वाली टाइल्स भी लगवा सकती हैं.

वाल टाइल्स

आजकल टाइल्स केवल फ्लोर पर ही नहीं लगवाई जातीं, बल्कि दीवारों पर भी लगवाई जा रही हैं. वैसे तो घर में ऐसे बहुत से हिस्से होते हैं जहां वाल टाइल्स लगवाई जा सकती हैं जैसे गार्डन से जुड़ी दीवार या सीढि़यों से लगी दीवार. इजिप्ट, इंडियन, ट्रैडिशनल और चाइनीज पैटर्न वाली टाइल्स ड्राइंगरूम या ऐंट्री गेट पर पेंटिंग की तरह इस्तेमाल की जा रही हैं.

रखरखाव

टाइल्स कई सालों तक चलती हैं. इन्हें साफ करना भी आसान होता है. कई महिलाएं टाइल्स को साफ करने के लिए हार्ड कैमिकल का प्रयोग करती हैं. अत: ऐसा न करें. टाइल्स को साफ करने के लिए टौयलेट क्लीनर का इस्तेमाल कर सकती हैं, सर्फ के पानी से भी टाइल्स को साफ किया जा सकता है.

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क्या लंबाई बढ़ाने वाले कैप्सूल इस में कुछ मदद कर सकते हैं?

सवाल-

मेरी लंबाई 4 फुट 11 इंच और उम्र 15 साल है. अब मेरी लंबाई बढ़नी रुक गई है. क्या लंबाई बढ़ाने वाले कैप्सूल इस में कुछ मदद कर सकते हैं? और मेरे लिए कौनकौन से व्यायाम उपयोगी होंगे?

जवाब-

इस संदर्भ में किए गए अध्ययनों के अनुसार भारतीय किशोरियों की लंबाई प्राय: 16-17 साल तक बढ़ती है. इस दृष्टि से आप अभी कम से कम अगले 1-2 साल तक लंबाई बढ़ने की उम्मीद रख सकती हैं. असल में लंबाई का पूरा जोड़तोड़ जीन्स से जुड़ा है. तंदुरुस्ती, समुचित पौष्टिक आहार, शारीरिक व्यायाम, पर्याप्त नींद इस गणित में चार चांद लगाते हैं. अगर आप तंदुरुस्त हैं तो आप को किसी भी दवा की जरूरत नहीं है. विज्ञापनों के जोर पर बिकने वाली गोलियां व कैप्सूल मात्र पैसा बनाने का गोरखधंधा हैं. उन्हें लेने से सिर्फ जेब हलकी होती है, कोई लाभ नहीं होता. आप कोई भी व्यायाम कर सकती हैं. जौगिंग, तैराकी या साइक्लिंग सभी अच्छे हैं. उन से ग्रोथ हारमोन में वृद्धि का लाभ उठाया जा सकता है. यह आप के ऊपर है कि आप कौन सा व्यायाम चुनें.

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बच्चों की हाइट में रुकावट आना माता-पिता के लिए चिंता का कारण बन जाता है. वैसे तो लड़कों की हाइट 25 वर्ष तक और लड़कियों की हाइट 18 वर्ष तक बढ़ती है. ज़्यादातर बच्चों की हाइट उनके माता-पिता के अनुसार ही होती है जिसे हम जेनेटिक बोलते है, लेकिन कई बार बच्चों की हाइट माता -पिता जितनी भी नहीं बढ़ती इसकी वजह हार्मोन का ग्रोथ न होना हो सकता है.
कम हाइट के वजह से बच्चों के व्यवहार में भी बदलाव देखने को मिलता है. कई बार कम हाइट वाला बच्चा बाकी बच्चों के सामने खुद को कमजोर समझने लगता है, ऐसा देखा भी गया है जिन बच्चों की हाइट कम होती है उन में चिढ़चिढ़ापन ज्यादा आ जाता है. अगर आप को भी अपने बच्चों के हाइट में ग्रोथ नजर नहीं आ रही तो आप इन टिप्स को जरूर अपनाएं.

एक्सरसाइज है जरूरी

बच्चों को सुबह एक्सरसाइज करवाना बहुत जरूरी है. हालांकि बच्चे सुबह उठना पसंद नहीं करते, लेकिन बच्चों के लिए आप को भी थोड़ी सी मेहनत करनी पड़ेगी. एक्सरसाइज में आप बच्चों से स्ट्रेचिंग, जमपिंग और दौड़ लगवा सकते है. बच्चों के अच्छी ग्रोथ के लिए साइकलिंग भी जरूरी है. बच्चों से सुबह शाम साइकलिंग जरूर करवाएं.

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खाने पर रखें खास ध्यान

अगर बच्चों का खानपान सही हो तो बच्चों की हाइट भी बढ़ती है और वह हेल्दी के साथ एक्टिव भी नजर आते है. इसलिए बचपन से ही बच्चों का खानपान का खास ध्यान रखना चाहिए. आइए जानते है बच्चों के ग्रोथ के लिए उन्हें क्या खिलाना चाहिए.

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Anupama करेगी अनुज से प्यार का इजहार, प्रोमो आया सामने

TRP चार्ट्स में पहले नंबर पर रहने वाला सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupamaa) की कहानी नया मोड़ लेने वाली है. अनुज (Gaurav Khanna) और मालविका के रिश्ते में जहां दरार आ गई है तो वहीं अपकमिंग एपिसोड में अनुपमा (Rupali Ganguly) अपने प्यार का इजहार करती हुई नजर आने वाली है. आइए आपको दिखाते हैं शो के नए प्रोमो की झलक…

अनुपमा करेगी प्यार का इजहार

 

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फैंस के दिल पर राज करने वाली अनुपमा और अनुज की जोड़ी जल्द ही सीरियल में औफिशियल होते हुए नजर आने वाली है. दरअसल, शो के नए प्रोमो में वेलेंटाइन डे के मौके पर अनुपमा, अनुज से अपने प्यार का इजहार करने वाली है. वहीं इस 26 साल बाद अनुज का सपना पूरा होने वाला है. शो के नए प्रोमो को देखकर फैंस बेहद खुश हैं और अपकमिंग एपिसोड का इंतजार कर रहे हैं.

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रुपाली गांगुली ने कही ये बात

 

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इसी के साथ शो के प्रोमो को शेयर करते हुए अनुपमा यानी रुपाली गांगुली  (Rupali Ganguly Instagram) ने कैप्शन में लिखा, ‘फरवरी फैब है अनुपमा की जिंदगी का पहला वेलेंटाइन डे स्पेशल तो होगा ही. मैं बस जानना चाहती हूं कि आप लोग क्या चाहते हैं क्य़ा हो! और आप लोग को क्या लगता है की अनुपमा और अनुज का वेलेंटाइन डे कैसा होगा.’ रुपाली गांगुली का ये पोस्ट देखकर फैंस बेताब हैं दोनों का रोमांस देखने के लिए. वहीं इस पोस्ट पर जमकर कमेंट करते हुए अपने दिल की बात कहते नजर आ रहे हैं.

सीरियल में आएगा नया ट्विस्ट

खबरों की मानें तो अनुपमा और अनुज के बीच जहां रोमांटिक कैमेस्ट्री नजर आने वाली है तो वहीं तोषू और किंजल के बीच दूरियां आती हुई नजर आने वाली है, जिसके चलते शाह परिवार में बवाल होता नजर आएगा.

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रेटिंगः दो स्टार

निर्माताः धर्मा प्रोडक्शंस,वायकाम 18 और जोउस्का फिल्मस

निर्देशनः शकुन बत्रा

लेखनःआयशा देवित्रे , सुमित रॉय , यश सहाय और शकुन बत्रा

कलाकारः दीपिका पादुकोण,अनन्या पांडे,सिद्धांत चतुर्वेदी,धैर्य करवा ,नसिरूद्दीन शाह व अन्य.

अवधिः दो घंटे 28 मिनट

ओटीटी प्लेटफार्मः अमजान प्राइम वीडियो

शहरों में रह रही अंग्रेजीदां युवा वर्ग जिस तरह से अपनी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए रिश्तें के हर मापदंड को दरकिनार करती जा रही है,वह जिस तरह बचपन की दोस्ती,प्यार के रिश्ते व संबंधों को पैसे व महत्वाकांक्षा की तराजू पर तौलने लगी है,उसी का चित्रण करने वाली,अति बोल्ड दृश्यों की भरमार व अति धीमी गति वाली फिल्म ‘‘गहराइयां’’ लेकर फिल्मकार शकुन बत्रा आए हैं,जो कि ग्यारह फरवरी से अमेजान प्राइम पर स्ट्रीम हो रही है.

कहानीः

कहानी के केंद्र में दो चचेरी बहने आलिशा(दीपिका पादुकोण ) और टिया(अनन्या पांडे ) हैं. इनके पिता सगे भाई व व्यापार में भागीदार थे. इनका अलीबाग में भी बंगला है. मगर जब टिया व आलिशा छोटी थीं,तभी कुछ रिश्तें में आयी एक जटिलता के चलते आलिशा के पिता(नसिरूद्दीन शाह) सब कुछ छोड़कर पूरे परिवार के साथ नाशिक रहने चले गए थे तथा वह की आलिशा मां को दोषी मानते रहे. अंततः घुटघुटकर जिंदगी जीने की बजाय एक दिन आलिशा की मां ने खुदकुशी कर ली थी. इसका आलिशा के मनमस्तिक पर गहरा असर पड़ा. बादा में टिया पढ़ाई करने अमरीका चली जाती है. जहां उसकी मुलकात अतिमहत्वाकांक्षी जेन से होती है और दोनो रिश्ते में बंध जाते हैं. इधर महत्वाकांक्षी आलिशा योगा शिक्षक है और अपने प्रेमी करण के साथ मुंबई में रहती है. उसकी तमन्ना अपना योगा का ऐप शुरू करने का है. करण एक एड एजंसी की नौकरी छोड़कर किताब लिख रहा है. उस पर लेखक बनने का भूत सवार है.

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फिल्म वहां से शुरू होती है, जब अलीशा खन्ना खुद को जीवन में एक चैराहे पर पाती हैं. उसे लग रहा है कि उसका छह वर्ष का करण के साथ लंबा रिश्ता नीरस हो गया है. उसके करियर में काफी बाधाएं आयीं और अब उसने इस वास्तविकता को अपरिवर्तनीय मान लिया है. तभी उसकी चचेरी बहन बहन टिया अपने मंगेतर जेन के साथ मंुबई वापस आती है और आलीशा व करण को अपने साथ अलीबाग चलने के लिए कहती हैं. यहीं से इन चारों के बीच के रिश्ते में काफी उथल पुथल मचने लगती है. अतीत के घटनाक्रम भी सामने आते हैं. रिश्तों का बांध टूटता है. आलीशा व जेन के बीच एक रिश्ता विकसित होता है,जिसका दुःखद अंत सामने आता है. कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं.  दो वर्ष के अंतराल के बाद आलिशा व टिया पुनः मंुबई में तब मिलते हैं,जब करण,अनिका से सगाई कर रहा होता है.

लेखन व निर्देशनः

पूरे छह वर्ष बाद फिल्म सर्जक शकुन बत्रा ने फिल्म ‘‘गहराइयां’’ से वापसी की है. लेकिन कहानी में कुछ भी नया नही है. सब कुछ वही बौलीवुड फिल्मो की घिसी पिटी व हवा हवाई बातें.  जी हॉ! अति धीमी गति से आगे बढ़ने वाली इस फिल्म में मनोरंजन व रोमांच का घोर है. फिल्मकार ने रिश्तों में बनावटी जटिलता,बनावटी प्यार,बनावटी बेवफाई के साथ ही अविश्वसनीय घटनाक्रमों का मुरब्बा परोसा है. नकली-बनावटी किरदार, दिखावे की यॉट से लेकर फाइव स्टार होटल, महंगी शराब, चिकने बाथटब, गद्देदार बिस्तर, करोड़ों-करोड़ की हाई-फाई बातें फिल्म को उठाने की बजाय गहराईयों में डुबाने का ही काम करती हैं. लेखक व निर्देशक ने दर्शकों को मूर्ख बनाने का ही काम किया है. इसीलिए कहानी मुंबई व अलीबाग में चलती है. सभी जानते हैं कि मुंबई में किसी भी इंसान को मूर्ख कहने के लिए कहा जाता है-‘अलीबाग से आया है क्या?’

फिल्म हिंदी भाषा में है,मगर ठेठ हिंदी भाषी दर्शकों के सिर के उपर से यह गुजरती है. क्योंकि मोबाइल से आदान प्रदान किए जाने वाले संदेशों के अलावा काफी संवाद अंग्रेजी भाषा में हैं. लेखक व निर्देशक यह कैसे भूल जाते हैं कि उनका असली दर्शक आज भी हिंदी भाषी ही है,जो कि अच्छी बौलीवुड फिल्मों के अभाव में हिंदी में डब की गयी दक्षिण भारत की अच्छी मनोरंजक फिल्में देखता हुआ पाया जाता है. वैसे शकुन बत्रा से यह उम्मीद करना कि वह भारतीयों और हिंदी भाषियों के लिए कहानी लिखेंगे या फिल्म बनाएंगे,बेमानी है. क्योंकि उन्हें तो हिंदी भाषी पत्रकारों से बात करना भी गवारा नही होता. वह तो चाहते हैं कि पत्रकार उनसे वही बात करे,जो वह चाहते हैं.

माना कि लेखक व निर्देशक ने फिल्म में इस बात का सटीक चित्रण किया है कि वर्तमान समय में शहरी मध्यमवर्गीय अंग्रेजीदां युवा पीढ़ी किस तरह अपनी महत्वाकांक्षा की पूर्ति के साथ-साथ पैसा कमाने के लिए रिश्तांे का दुरुपयोग करती है. आज की युवा पीढ़ी अपनी महत्वाकांक्षा व स्वार्थपूर्ति के लिए प्यार के रिश्ते को भी कपड़े की तरह बदलती है,इसका भी चित्रण बहुत ही उपरी सतह पर किया गया है. क्या वर्तमान शहरी मध्यमवर्गीय युवा पीढ़ी महज बिना किसी रोक-टोक के शारीरिक संबंधों @इंटीमसी में यकीन करती हैं? रिश्तों की जटिलता को लेकर फिल्मकार एक परिपक्व व गंभीर फिल्म लेकर आए हैं,मगर इसमें कहीं भी परिपक्वता नजर नही आती.  शकुन बत्रा यह भी भूल गए कि उन्होेने फिल्म हिंदी में हिंदी भाषियों  के लिए बनाया है. फिल्म का क्लामेक्स भी काफी गड़बड़ है. फिल्मसर्जक ने सेक्सी बोल्ड दृश्यों को परोसने में कोई कंजूसी नही दिखायी. शायद सही वजह है कि फिल्म का प्रचार भी इस तरह किया गया, जैसे कि ‘कामसूत्र’ का विज्ञापन किया जा रहा हो. वास्तव में शकुन बत्रा ने एडल्ट फिल्म बना डाली,मगर उनके अंदर इस तरह के विषय व परिपक्वता का घोर अभाव है.

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इंसान का अतीत किस तरह उसका पीछा करता है, इसका कुछ हद तक सही चित्रण है. फिल्म में एक जगह अंग्रेजी में नसिरूद्दीन शाह का संवाद है- ‘‘अतीत से भागने की जरुरत नहीं,उसे स्वीकार करो. ’

इस फिल्म में दो चरित्र विभाजित परिवार यानी कि डिस्फंक्ंशनल परिवार से हैं. मगर फिल्मकार इस बात को सही ढंग से रेखांकित करने में असफल रहे है कि माता पिता के बीच के संबंधो व डिस्फंक्शनल परिवार के बच्चांे पर  कैसा असर पड़ता है.

निर्देशक ‘शकुन बत्रा ने इसफिल्म के माध्यम से इस बात की ओर भी इशारा किया है कि भले ही 21वीं सदी की युवा पीढ़ी रिश्तों में किसी भी तरह के मापदंडों में यकीन न करती हो,मगर वह रिश्ते में स्थायित्व व भरोसे की तलाश में भटकती रहती है.

अभिनयः

‘गहराइयां’की सबसे बड़ी कमजोर कड़ी अनन्या पंाडे ही हैं. अनन्या पंाडे को अभी अपने अभिनय में निखार लाने के लए काफी मेहनत करने की जरुरत है. उनके चेहरे पर एक्सप्रेशन भाव नजर ही नही आते. आलीशा के किरदार के माध्यम से इंसानी मन की द्विविधा व असमंजसता  को काफी बेहतर तरीके से दीपिका पादुकोण ने अपने अभिनय से उकेरा है. आलीशा के दिमाग मे बचपन की घटना के चलते बनी ग्रंथी,आलीशा के चरित्र की जटिलता,उसके मनोभावों,रिश्तें में भरोसेे की तलाश आदि को दीपिका पादुकोण ने अपने अभिनय से जीवंतता प्रदान की है. मगर फिल्मों का चयन करते समय दीपिका को सावधान रहने की जरुरत है. ‘गहराइयां’ जैसी फिल्म को उनका बेहतरीन अभिनय भी दर्शक नही दिला सकता. अनन्या पांडे के बाद महत्वाकांक्षी जेन के किरदार में सिद्धांत चतुर्वेदी भी कमेजार कड़ी हं. उनका अभिनय निराश ही करता है. वह अपने हाव भाव या बौडी लैंगवेज या अभिनय से दर्शक को आकर्षित करने में विफल रहे हैं. धैर्य करवा व नसिरूददीन शाह के हिस्से करने को कुछ खास आया ही नही.

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Hunarbaaz के सेट पर हुई भारती सिंह की गोदभराई, देखें वीडियो

पौपुलर कॉमेडियन में से एक भारती सिंह (Bharti Singh) इन दिनों अपनी प्रेग्नेंसी के चलते सुर्खियों में हैं. जहां जल्द ही वह और हर्ष लिंबाचिया (Harsh Limbachiya) पेरेंट्स बनने वाले हैं तो वहीं अब उनकी गोदभराई  (Bharti Singh Baby Shower) की फोटोज भी सामने आ गई हैं. दरअसल, प्रैग्नेंसी के दौरान भारती सिंह इन दिनों अपने पति हर्ष लिंबाचिया के साथ टीवी शो ‘हुनरबाज’ होस्ट कर रही हैं, जिसके चलते शो में ही उनकी गोदभराई सेलिब्रेशन मनाया जाएगा. आइए बताते हैं पूरी खबर…

शो में हुई गोदभराई

 

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दरअसल, कलर्स के रियलिटी शो ‘हुनरबाज’ के अपकमिंग एपिसोड में भारती और हर्ष की लव स्टोरी के साथ-साथ उनकी गोद भराई की रस्म भी सेलिब्रेट की जाएगी. वहीं शो के नए प्रोमों में इस सेलिब्रेशन की झलक देखने को मिली है. प्रोमो में भारती की आंखों पर पट्टी बांधकर उनके पति हर्ष उन्हें स्टेज पर सोफे पर बिठाकर सरप्राइज देते हुए नजर आ रहे हैं.

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सेलेब्स ने दिया गिफ्ट

 

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जहां गोदभराई की रस्म में भारती सिंह बेहद खुश नजर आ रही हैं तो वहीं करण जौहर कहते दिख रहे हैं कि पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब टीवी पर किसी की गोदभराई की रस्म निभाई जाएगी. दूसरी तरफ, भारती सिंह को गोदभराई का गिफ्ट देते हुए कहती नजर आ रही हैं कि वह गोदभराई में खाली हाथ नहीं आई हैं बल्कि सोने का सामान लेके आई हैं, जिसे देखकर भारती सिंह गुस्से में नजर आ रही हैं. हालांकि प्रोमों में यह नहीं दिखाया गया है कि परिणीति ने भारती को क्या गिफ्ट दिया है.

 

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प्रैग्नेंसी को लेकर बटोरतीं हैं सुर्खियां

 

 

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बता दें, भारती अक्सर अपनी प्रेग्नेंसी (Bharti Singh Pregnancy) को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. वहीं भारती मीडिया के सामने खुलासा कर चुकी हैं कि वह अप्रैल में मां बनने वाली हैं, जिसे जानकर उनके फैंस बेहद खुश हैं.

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