सीएम योगी का मनरेगा कर्मियों को बड़ा तोहफा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनरेगा कर्मियों को दशहरा और दीपावली के पहले बड़ा तोहफा दिया है. उन्होंने मनरेगा कर्मियों के मानदेय वृद्धि की इसी माह से देने की घोषणा की है.

उन्होंने मनरेगा कर्मियों के लिए उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की तरह एचआर पालिसी एक माह के अंदर लाने की घोषणा की है, जिसमें आकष्मिक अवकाश 24 दिन और चिकित्सा अवकाश 12 दिन मिलेगा. यह बातें उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी सम्मेलन के दौरान कहीं.

कार्यक्रम का आयोजन डिफेंस एक्सपो मैदान वृंदावन लखनऊ में किया गया था. सीएम योगी ने मनरेगा कर्मियों के जॉब चार्ट में ग्राम्य विकास विभाग के कई अन्य कार्यों को भी जोड़ने का ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि रोजगार सेवक की सेवा समाप्ति के पूर्व उपायुक्त मनरेगा की सहमति आवश्यक होगी. यानि कोई जबरदस्ती नहीं हटा पाएगा.

उन्होंने कहा कि ग्राम रोजगार सेवक यदि नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान के निकटतम संबंधी या परिवारीजन हैं, तो उन्हें निकटतम रिक्त ग्राम पंचायत में तैनात किया जाएगा. उनकी सेवाएं समाप्त नहीं होंगी. इसी तरह उन्होंने महिला ग्राम रोजगार सेविका के विवाह के बाद उन्हें नए जिले में तैनात किया जाएगा. इसके अलावा सभी महिला संविदा कार्मिकों 180 दिन का मातृत्व अवकाश लागू कर दिया गया है.

सीएम योगी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्य स्तर पर अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार आदि, विकास खंड के अधिकारियों, कई मनरेगा कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत भी किया. इस दौरान ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास विभाग के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह और राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया.

इन मनरेगा कर्मियों का बढ़ा मानदेय

सीएम योगी ने मनरेगा कर्मियों को अब ग्राम रोजगार सेवकों को 10 हजार, तकनीकी सहायकों को 15,656, कंप्यूटर आपरेटरों को 15,156, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को 34,140, लेखा सहायक को 15,156, आपरेशन सहायक को 18,320, हेल्पलाइन एक्जीक्यूटिव को 18,320, चतुर्थ श्रेणी कर्मी को नौ हजार, ब्लॉक सोशल आडिट कोआर्डिनेटर को 14,100, डिस्ट्रिक्ट सोशल आडिट कोआर्डिनेटर को 19 हजार नौ सौ रुपए का मानदेय अक्तूबर माह से देने की घोषणा की है.

भ्रष्टाचार संज्ञान में आए, तो करें कठोरता पूर्वक कार्यवाही: सीएम योगी

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह संकल्प है कि भ्रष्टाचार मुक्त पूणर्त: पारदर्शी ढंग से लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाए और जहां कहीं भी भ्रष्टाचार के प्रकरण संज्ञान में आएं, उसमें कठोरता पूर्वक कार्यवाही भी की जाए. उन्होंने कहा कि विभाग को इस वर्ष कम से कम 20 लाख परिवारों को सौ दिन का रोजगार देते हुए 13 हजार करोड़ का कार्य कराना चाहिए. महिला मेटों का समयबद्ध ढंग से प्रशिक्षण होने पर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं के स्वावलंबन में बड़ी भूमिका हो सकती है.

225 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिया ग्राम रोजगार सेवकों को मानदेय

उन्होंने कहा कि मुझे याद है, जब ग्राम रोजगार सेवकों को कई-कई वर्षों से मानदेय का भुगतान नहीं हो पाता था. यह बात अकसर हमारे सामने आती थी. हमने कहा कि यह सभी लोग शासन से अल्प मानदेय पाते हैं और इसे भी हम कई-कई वर्षों तक न दें, तो अन्याय है. तत्काल हमने शासन से 225 करोड़ रुपए स्वीकृत किए और विभाग ने समयबद्ध ढंग से पहुंचाने का कार्य किया. इसी प्रकार से अप्रैल 2020 में मनरेगा संविदा कर्मियों का भुगतान राज्य स्तरीय केंद्रीयकृत पूल के माध्यम से जो पहले नहीं हो पाता था, उसे अब सीधे उनके खाते में भेजने की व्यवस्था कर दी गई है.

वाइन Facial: खूबसूरत बनाएं और बढ़ती उम्र पर लगाम लगाएं

बढ़ती उम्र पर लगाम लगाने की चाह हर महिला की होती है और इस चाह को पूरा करने के लिए वह ब्यूटी ट्रीटमैंट के तौर पर फ्रूट फेशियल, चौकलेट फेशियल व औक्सी फेशियल की तकनीक अपनाती है. लेकिन क्या आप जानती हैं कि वाइन भी आप की बढ़ती उम्र पर लगाम लगाने के साथसाथ आप के सौंदर्य को बढ़ाने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है? आप हैरान हो रही होंगी कि भला वाइन खूबसूरती निखारने व बढ़ती उम्र पर लगाम लगाने में कैसे मददगार हो सकती है?

आप जैसी अनेक महिलाओं की वाइन फेशियल से जुड़ी इस जिज्ञासा को दूर करने का प्रयास किया दिल्ली प्रैस भवन में आयोजित गृहशोभा की फेब मीटिंग में ब्यूटी ऐक्सपर्ट मीनू अरोड़ा ने. मीनू अरोड़ा ने वाइन फेशियल के फायदे बताते हुए इसे करने का तरीका भी बताया.

वाइन फेशियल प्रक्रिया:

 वाइन फेशियल में इस्तेमाल किए जाने वाले काले अंगूरों में मुख्यरूप से विटामिन ई, ऐंटोसिनो साइड्स, पौलीफेनोल, प्रोसिया निडोल्स और ऐंटीऔक्सीडैंट्स जैसे तत्त्व पाए जाते हैं. वाइन के ऐंटीसैप्टिक होने के कारण वह त्वचा में आने वाली सूजन व झुर्रियों को भी कम करती है. इतना ही नहीं, त्वचा की डैड स्किन निकालने में भी मदद करती है.

ये भी पढ़ें- बालों की देखभाल के Top 10 Best हेयर केयर टिप्स हिंदी में

क्लींजिंग व स्क्रबिंग:

अन्य फेशियलों की तरह वाइन फेशियल की शुरुआत भी क्लींजिंग, स्क्रबिंग व टोनिंग से की जाती है. त्वचा की क्लींजिंग के लिए थोड़े से कच्चे दूध में 2 छोटे चम्मच ऐप्पल वाइन, 2 बूंदें रैड वाइन और गुलाब की पत्तियों की पीस कर मिलाएं और अच्छी तरह मिक्स करें. फिर कौटन बौल की सहायता से इस से त्वचा की क्लींजिंग करें. इस से त्वचा को मिनरल्स मिलते हैं. इस के बाद 200 एमएल गरम पानी में 1 छोटा चम्मच बोरिक ऐसिड मिला कर घोल बनाएं. उस घोल में कौटन भिगो कर चेहरे को हौट कंप्रैशन दें. इस से त्वचा के ब्लैकहैड्स व व्हाइटहैड्स निकलने में मदद मिलेगी. इस के बाद रोजवाटर का टोनर लगाएं ताकि ओपन पोर्स बंद हो जाएं. अब एकदम ठंडे नारियल पानी में कौटन डुबो कर चेहरे पर कोल्ड कंप्रैशन दें.

मसाज:

ऐलोवेरा जैल में रैड वाइन मिक्स कर के 3 मिनट तक गैलवेमिक नैगेटिव व 3 मिनट तक गैलवेनिक पौजिटिव मसाज दें. आप चाहें तो मसाज मिक्सचर में विटामिन ई औयल भी डाल सकती हैं. गैलवेनिक मसाज देते समय ग्रेप्स जूस भी चेहरे पर डालती रहें.

पैक:

अंत में गौज को रैड वाइन में डुबो कर चेहरे पर रखें व ऊपर से काले अंगूरों का पल्प लगाएं. 10 मिनट बाद पैक को उतार दें. इस पैक से त्वचा के उत्तक तो रिपेयर होते ही हैं, साथ ही त्वचा को टाइटनिंग इफैक्ट भी मिलता है. अंत में चेहरे पर सनब्लौक क्रीम या सनस्क्रीन लगाएं. सनस्क्रीन लगाने से सनबर्न व टैनिंग होने की संभावना कम हो जाती है. 

ये भी पढ़ें- इन 5 होममेड टिप्स से पाएं डार्क सर्कल से तुरंत छुटकारा

त्वचा के अनुसार करें वाइन का चुनाव:

अलगअलग प्रकार की त्वचा के लिए अलगअलग तरह की वाइन का प्रयोग किया जाता है. जहां तैलीय त्वचा के लिए रैड वाइन बेहतर रहती है और वह ऐलोवेरा मिला कर प्रयोग की जाती है, वहीं सूखी त्वचा के लिए व्हाइट वाइन में मौजूद अल्फा हाइड्रौक्सी ऐसिड्स त्वचा के लिए असरदार साबित होते हैं. इस से त्वचा मुलायम होती है. अगर त्वचा सैंसिटिव हो तो व्हाइट वाइन में गुलाबजल और बादाम का पेस्ट भी मिलाया जाता है. रैड वाइन में मौजूद ऐंटीऐजिंग तत्त्व त्वचा को रिजुवनेट और डिहाइड्रेट करते हैं. यही नहीं ये पिगमैंटेशन को रोकते हुए ऐजिंग प्रोसैस पर भी लगाम लगाते हैं.

शैतान : रानिया के साथ कौनसा खेल खेल रहा था अरलान

crime story in hindi

तो आसान होगी तलाक के बाद दूसरी शादी

2017 में पति अरबाज खान से तलाक ले चुकी फिल्म अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा ने हाल ही में अपने 17 वर्षीय बेटे अरहान का जन्मदिन मनाया. 46 वर्षीय मलाइका फिलहाल अपने बौयफ्रैंड अर्जुन कपूर के साथ रिलेशनशिप में हैं और दोनों जल्द ही शादी प्लान करने की सोच रहे हैं.

एक वैबसाइट को दिए इंटरव्यू में मलाइका ने बताया कि तलाक के बाद दोबारा प्यार पाना उन के लिए बहुत खास है. उन के मुताबिक यह एक कमाल की फीलिंग है क्योंकि जब शादी टूट रही थी, वे नहीं जानती थीं कि दूसरी बार उन्हें इस रिश्ते में जाना है या नहीं. बहरहाल उन्हें खुशी है कि उन्होंने अपनेआप को दोबारा यह मौका दिया और सही फैसला लिया. उन के अनुसार तलाक के बाद दूसरी शादी एक औरत का नितांत निजी निर्णय है जिस पर किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

यह सही है कि तलाक के बाद किसी भी व्यक्ति की जिंदगी में बदलाव आ जाता है खासकर औरतों की जिंदगी तो लगभग पूरी तरह से बदल जाती है क्योंकि संबंधविच्छेद द्वारा पति की ओर से मिलने वाली तकलीफों से तो वे आजाद हो जाती हैं परंतु दूसरी परेशानियां इस कदर बढ़ जाती हैं मानो ंिंजदगी में कोई भूचाल आ गया हो. ऐसे में तलाकशुदा स्त्री अगर दूसरी शादी के बारे में सोचती है तो यकीनन उस की दिक्कतें और बढ़ जाती हैं.

आज के दौर में तेजी से होते तलाक इतना गंभीर विषय नहीं जितना कि इस के बाद तलाकशुदा स्त्री की जिंदगी में होने वाली परेशानियां हैं. निम्न केस इस मसले पर महत्त्वूपर्ण प्रकाश डाल सकते हैं:

नीरा के तलाक को 2 साल हो चुके हैं. पति की बेवफाई ने उसे जिंदगी के मझधार पर ला कर खड़ा कर दिया है. 15 वर्षीय बेटी शैली की मां नीरा को अब बेटी के साथ ही अपने भविष्य की भी चिंता सता रही है. तलाक की कानूनी प्रक्रिया में उलझ कर उस ने एक तरफ जहां समय की बरबादी झेली है वहीं दूसरी ओर अपना मानसिक सुकून भी खोया है. फिलहाल वह एक प्राइवेट स्कूल में टीचर की नौकरी कर रही है. लेकिन भविष्य की असुरक्षा कई बार उस के मन को बेचैन कर देती है. वह दूसरी शादी की इच्छुक है, मगर जानती है कि दूसरी शादी का यह सफर उतना आसान भी नहीं.

पिंक सिटी जयपुर की निवासी कोमल गुप्ता के तलाक की मुख्य वजह उस के पति का हिंसक रवैया था. यहां तक कि अंतरंग पलों में भी उसे अपने पति के वहशीपन को झेलना पड़ता था. तलाक की बोझिल प्रक्रियाओं से गुजरती कोमल भीतर ही भीतर टूट चुकी है. उसे अब किसी सहारे की दरकार है. मगर 8 साल के बच्चे आशू के साथ उसे कोई अपना सकेगा, इस पर उसे संशय है.

नीरा और कोमल की तरह कई महिलाएं हैं, जो किसी न किसी मजबूरी के चलते पति से तलाक ले कर अलग तो हो गई हैं, किंतु आगे की जिंदगी का सफर उन के लिए बेहद दुष्कर प्रतीत होता है. वे बच्चों के भविष्य के साथसाथ अपने भविष्य के प्रति भी शंकित हैं.

ये भी पढ़ें- इस Festive Season डर नहीं लाएं खुशियां

तलाक के बाद होने वाली परेशानियां

हेयदृष्टि वाली सामाजिक मानसिकता:

भले ही हमारा सामाज आज तकनीकी ज्ञान व रहनसहन, पहनावे आदि से काफी आधुनिक हो चुका है पर सच तो यह है कि उस की सोच आज भी सदियों पुरानी है. यही कारण है कि तलाकशुदा महिलाओं को आज भी हेयदृष्टि से देखा जाता है फिर चाहे वह किसी भी वर्ग से क्यों न हो. उसे तेजतर्रार, बेशर्म व चालाक औरत की पदवी दी जाती है मानो उस ने बड़ी खुशी से अपने पति से तलाक का चुनाव किया हो.

व्यक्तिगत जीवन में ताकझांक:

समाज में स्त्रीपुरुष के दोहरे मानदंड के चलते अकसर स्त्रियों को ही तलाक के लिए पूर्णरूपेण दोषी करार दिया जाता है. उन की तकलीफ समझना तो दूर लोग उन पर तंज कसने से भी बाज नहीं आते. तलाक को ले कर गाहेबगाहे उन्हें पासपड़ोस, नातेरिश्तेदारों के कटाक्षों का सामना करना पड़ता है. वैसे भी हमारा तथाकथित सभ्य समाज एक पुरुष के मुकाबले स्त्री के व्यक्तिगत जीवन में ज्यादा दिलचस्पी रखता है. ऐसे में जाहिर सी बात है उस की पर्सनल लाइफ में लोगों की ताकझांक अधिक कुतूहल और चर्चा का विषय बन जाती है.

आर्थिक निर्भरता:

चूंकि आज भी ज्यादातर महिलाएं आर्थिक रूप से पति पर ही निर्भर हैं लिहाजा तलाक के बाद भी अपने भरणपोषण के लिए उन्हें अपने पति की ओर देखना पड़ता है. कोर्ट द्वारा पति से दिलवाया गया गुजाराभत्ता कई बार उन के खर्चों के लिए नाकाफी होता है.

शारीरिक व मानसिक शोषण:

तलाकशुदा औरतों का उन के वर्कप्लेस पर शारीरिक व मानसिक शोषण होने की बहुत गुंजाइश होती है. पुरुषप्रधान समाज होने से बिना मर्र्द वाले घर की औरतें सभी के लिए आसान शिकार मानी जाती हैं, जिन्हें थोड़ी सी हमदर्दी दिखा कर कोई भी बड़ी सहजता से हासिल कर सकता है. लिहाजा घर में नातेरिश्तेदार तथा बाहर बौस की ललचाई नजरें तलाकशुदा स्त्री पर विचरती ही रहती हैं. इस तरह महिलाओं को हर कदम फूंकफूंक कर रखना पड़ता है.

बढ़ती जिम्मेदारियां:

जिस तरह 2 पहियों की गाड़ी अपने बोझ को आसानी से उठा पाने में सक्षम होती है उसी तरह पतिपत्नी भी मिल कर सहजता से अपनी गृहस्थी की गाड़ी को चला लेते हैं जबकि अकेली स्त्री के लिए गृहस्थी की पूरी जिम्मेदारियां संभालना इतना आसान नहीं है. घरबाहर के काम, बच्चों की परवरिश, आमदनी का जुगाड़ करतेकरते उस की हालत खराब होने लगती है. ऐसे में बढ़ती जिम्मेदारियों का दबाव उस के तलाकशुदा जीवन को मुश्किलों में डाल देता है.

ये भी पढ़ें- जिद्दी बच्चे को बनाएं समझदार

दूसरी शादी में आने वाली अड़चनें:

पुरुषवादी सोच का गुलाम हमारा समाज आज भी तलाकशुदा स्त्री को संदेह की नजर से देखता है. इसलिए उस के साथ वैवाहिक संबंध जोड़ने से पहले अपने स्तर पर तलाक के कारणों की जांचपड़ताल की जाती है कि तलाक का जो कारण था वह वाजिब था या नहीं. ऐसे में तलाकशुदा महिला के चरित्र पर भी कई सवाल उठ खड़े होते हैं जिन से उस की परेशानियां बढ़ जाना लाजिम है.

मगर कहते हैं जब ओखली में सिर दिया तो मूसलों की क्या गिनती यानी जब तलाक लेने का तय कर ही लिया तो उस के बाद आने वाली मुश्किलों से घबराना कैसा.

शादी के 7 सालों बाद अपने पति से तलाक ले चुकी रीना तलाक के बाद की जिंदगी पर खुल कर अपने विचारों को साझा करती है. उस के मुताबिक तलाक के बाद का जीवन कठिन है पर नामुमकिन नहीं. वैसे भी तलाक से पहले उस का जीवन एक दर्दभरी दास्तां के अलावा कुछ नहीं था. पति और ससुराल वालों ने उस का व बच्ची का जीना मुहाल कर रखा था. वह कभी अपने पति के पास लौटने को तैयार नहीं है. अपनी 6 साल की बच्ची के साथ अपने जीवन को खुशीखुशी जीना चाहती है. रीना दूसरी शादी की भी इच्छा रखती है बशर्ते उस की बच्ची को पिता का प्यार मिले. पर शादी के नाम पर अपनी स्वतंत्रता को गिरवी रख देना अब उसे गवारा नहीं है.

तलाकशुदा होना कोई गुनाह नहीं. किसी वाजिब कारण से यदि आप ने तलाक ले ही लिया है तो जिंदगी को बदनुमा दाग की तरह नहीं बल्कि प्रकृति की अनमोल देन मान कर जीएं. अपने सकारात्मक रवैए से आने वाली चुनौतियों का हंस कर मुकाबला करें और अबला नहीं बल्कि सबला बन कर समाज में अपने वजूद, अपनी गरिमा को बनाएं. निम्न उपाय इस काम में आप की सहायता कर सकते हैं:

भविष्य की प्राथमिकताएं तय करना:

बिना किसी दबाव के अपने भविष्य की प्राथमिकताओं को तय करें. याद रखें जिंदगी आप की है तो उसे जीने का सलीका और तरीका भी आप का ही होगा. सोचसमझ कर जिंदगी को दूसरा मौका दें और बिना घबराए अपने लक्ष्य की ओर चलने का प्रयास करें.

सकारात्मक सोच हो भविष्य की:

कभीकभी ऐसा होता है कि 2 व्यक्ति एकसाथ नहीं रह पाते, मगर इस का मतलब यह तो नहीं कि जिंदगी खत्म हो चुकी है. जिंदगी हमेशा दूसरा मौका देती है और वह भी पहले से बेहतर. अत: लोग क्या कहेंगे इस बात को दिल से निकाल दें और उन के द्वारा की जा रहीं टीकाटिप्पणियों पर ध्यान न दें क्योंकि कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना. अत: सकारात्मक हो कर जीवन को नए सिरे से जीने की कोशिश करें.

आत्मनिर्भर बनें:

आर्थिक रूप से अपने आप को मजबूत बनाने की कोशिश करें. अपनी पढ़ाई व प्रतिभा अनुसार रोजगार के अवसर तलाशें और अपने पैरों पर खड़ा होने का प्रयास करें.

बच्चे के साथ मजबूत ब्रैंड:

कितनी भी परेशानियां हों बच्चे को नजरअंदाज न करें. उस के साथ खुशियों भरे पल जरूर बिताएं. इस से बच्चे के साथ आप का रिश्ता भी मजबूत होगा और आप स्वयं सकारात्मक ऊर्जा से भर उठेंगी. कोईर् भी महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले बच्चों को विश्वास में लेना जरूरी है अन्यथा उन का रोष या उदासीनता आप के किसी भी निर्णय पर भारी पड़ सकती है. अत: बच्चों के साथ मजबूत बौंड बनाएं.

आत्मविश्वास बढ़ाएं:

आप ने कुछ गलत नहीं किया बल्कि आप के साथ जो गलत हो रहा था आप ने उस का विरोध कर अपना मानसिक बल दिखाया है. भले ही समाज कुछ देर से आप के नजरिए को सही माने मगर आप स्वयं हमेशा अपने साथ खड़ी रहें अर्थात अपने को बेवजह के आरोपों और दोषों से मुक्त कर खुली हवा में सांस लें और अपने हर फैसले पर विश्वास रखें.

ये भी पढ़ें- पुरुषों को क्यों भाती हैं बड़ी उम्र की महिलाएं

करिए वही जो आप को लगता है सही:

तलाक के बाद अकेले रहना है या खुद को दूसरा मौका दे कर शादी करनी है आप का अपना फैसला होना चाहिए. कठिनाइयों के डर से पीछे न हटें बल्कि पूरी मुस्तैदी से उठ खड़ी हों अपनी समस्याओं का स्वयं समाधान करने हेतु क्योंकि लोग भी उन्हीं का साथ देते हैं जो अपने लिए खड़े होने का जज्बा रखते हैं. इसलिए यदि आप हैं तैयार तो आसान होगा तलाक के बाद दूसरी शादी का सफर भी.

Festive Season में यूं सजाएं घर

त्योहारों की बात हो और घर को सजाने का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता क्योंकि त्योहारों के लिए बाहर जा कर शौपिंग करने व घर को सजाने से न सिर्फ हमारा मूड ठीक होता है, बल्कि घर भी खूबसूरत बनता है. लेकिन इन त्योहारों पर आप को थोड़ा संभलना होगा और अपने कदमों को घर तक ही सीमित रख कर   घर के नए मेकओवर के बारे में सोचना होगा क्योंकि तीसरी लहर की चेतावनी जो है.

ऐसे में हम आप को कुछ टिप्स बताते हैं, जिन से आप भी सुरक्षित व आप घर बैठे अपने घर को खूबसूरत बना कर उसे सैंटर औफ अट्रैक्शन बना सकती हैं. तो जानिए उन टिप्स के बारे में:

पोजीशन चेंज करें

जब भी घर को नया लुक देने की बात आती है तो या तो हमारे दिमाग में घर के इंटीरियर को चेंज करने की बात आती है या फिर घर में रखे फर्नीचर को बदलने के बजाय उस की जगह को बदलने की क्योंकि इस से भले ही चीजें वही होती हैं, लेकिन उन की जगह बदलने से घर फिर दोबारा से नया सा लगने लगता है. ऐसे में इन त्योहारों पर घर से बाहर जाना इतना सेफ नहीं है, तो इंटीरियर के आइडिया को इस बार छोड़ना ही आप के लिए फायदेमंद रहेगा.

ऐसे में आप अपने लिविंगरूम व बैडरूम की सैटिंग को चेंज कर के घर को दे सकती हैं नया लुक. सिर्फ सैटिंग ही चेंज न करें, बल्कि सोफे को नया लुक देने के लिए भी उस के स्टाइलिश डिजाइनर औनलाइन कवर्स खरीदें.

आजकल कुशंस का काफी ट्रैंड हैं, ऐसे में आप अपने बैड पर स्टाइलिश चादर के साथ छोटेछोटे कुशंस लगा कर रूम के लुक को चेंज करने के साथसाथ अपने बैड को भी नया लुक दे सकती हैं. बस आप को यह देखना है कि सैटिंग कैसे करें, ताकि आप का घर बड़ा भी लगे और खूबसूरत भी.

ये भी पढ़ें- False Ceiling से अपने घर को करें जगमग

वौल स्टीकर से सजाएं दीवारों को

अगर आप के घर की दीवारें कई जगह से गंदी हो रही हैं और आप यह सोच रही हैं कि अभी माहौल ऐसा नहीं है कि घर में सफेदी करवाई जाए तो आप घर की उन जगहों को ढकने के साथसाथ दीवारों को सुंदर दिखाने के लिए वौल स्टीकर्स का इस्तेमाल कर सकती हैं. इस के लिए औनलाइन आप को बैस्ट विकल्प मिल जाएंगे. आप दीवार के लिए आजकल ट्रैंड में चल रहे मधुबनी वौल स्टीकर, थ्री डी वौल स्टीकर, नेचर को रिप्रैजेंट करने वाले वौल स्टीकर, छोटे से ले कर बड़े वौलपेपर से आप अपने घर को खुद सजा सकती हैं.

बस जब भी इन्हें खरीदें तो साइज को अच्छे से देखने के बाद ही खरीदें. इन स्टीकर्स की खास बात यह है कि इन्हें आप खुद भी आसानी से लगा सकती हैं. ये पौकेट फ्रैंडली होने के साथसाथ आप के घर को कूल लुक देने का भी काम करते हैं.

बालकनी को सजाएं यों

अगर आप नेचर लवर हैं और आप को अपनी बालकनी को पौधों से सजाने का शोक है तो आप का यी शौक ही आप की बालकनी को इन त्योहारों पर खूबसूरत लुक देने का काम करेगा. इस के लिए आप ने जो भी गमले पहले से लगाए हुए हैं, उन्हें कलर्स से रंग कर नया लुक दे सकती हैं, जिस से आप की बालकनी खिल उठेगी. आप औनलाइन भी खूबसूरत गमले खरीद सकती हैं.

लेकिन पहले आप अपने पुराने गमलों को खूबसूरत बना कर उन्हें नया बनाने की कोशिश करें क्योंकि इस से आप का बजट भी नहीं बिगड़ेगा और आप की क्रिएटिविटी से इन त्योहारों पर आप की बालकनी को भी खूबसूरत लुक मिल जाएगा. आप अपनी बालकनी की ग्रिल्स को भी खुद से रंग कर उन्हें नया जैसा लुक दे सकती हैं. यहां तक कि आप इंडोर प्लांट लगे गमलों को खुद सजा कर लिविंगरूम की शोभा को भी बढ़ा सकती हैं.

नए परदों से नया लुक

कहते हैं कि अगर घर को नया लुक देना हो तो सब से पहले घर के परदों में बदलाव लाना चाहिए क्योंकि परदे घर में नई जान डालने का काम जो करते हैं. ऐसे में आप तुरंत औनलाइन परदे न खरीद लें, बल्कि पहले सर्च करें कि आजकल कौन से परदे ट्रैंड में चल रहे हैं. यह भी देखें कि आप के घर का इंटीरियर व वौल पेंट कैसा है कि आप के पूरे घर में एक जैसे परदे अच्छे लगेंगे या फिर कंट्रास्ट में परदे डालना ज्यादा अच्छा लगेगा.

वैसे आप को बता दें कि ज्यादा भारी व मोटे परदे एक तो आप के घर में अंधेरा रखने का काम करते हैं साथ ही इन से घर थोड़ा छोटा भी लगता है और ये ज्यादा महंगे भी होते हैं.

ऐसे में आप अपने घर में हलके, कलरफुल, मिक्समैच करते, एर्थ टोन्स, ऐक्सोटिक प्रिंट्स, पैटर्न प्रिंट्स, बोल्ड स्टेटमैंट कलर्स का चयन कर सकती हैं क्योंकि ये आंखों को अच्छा लगने के साथसाथ घर को खूबसूरत तो दिखाते ही हैं साथ ही काफी कंफर्ट फील भी देते हैं. आप अगर रूम में खूबसूरती के मकसद से ही परदे डाल रही हैं तो आप नेट, लेयर्स, रफ्ल वाले परदों का भी चुनाव कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें-इस Festive Season डर नहीं लाएं खुशियां

इन्हें खरीदने के लिए आप को मार्केट नहीं जाना, बल्कि औनलाइन इन्हें साइज के हिसाब से खरीद सकती हैं क्योंकि इस से एक तो आप को घर बैठे सामान मिल जाएगा और दूसरा पसंद नहीं आने पर इन्हें बदलने का भी औप्शन जो रहता है.

सैंटर टेबल को सजाएं रोज पेटल्स से

घर में लिविंगरूम ही वह जगह होती है, जहां लोगों का ध्यान सब से ज्यादा जाने के साथसाथ यह जगह घर की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करती हैं. ऐसे में आप को सिर्फ अपने सोफे पर ही ध्यान नहीं देना है, बल्कि सैंटर टेबल को भी सजाने की जरूरत होगी ताकि आप का कमरा पौजिटिव वाइब्स देने के साथसाथ खिल उठे. इस के लिए आप अपनी सैंटर टेबल को रोज पेटल्स से सजा सकती हैं. उस के सैंटर में कांच का छोटा सा फ्लौवर पौट लगा कर उस के आसपास गुलाब की पत्तियों से सजा सकती हैं या फिर आप टेबल पर खूबसूरत सी वुडन टोकरी ले कर उस में कलरफुल आर्टिफिशियल फ्लौवर डाल कर बीच में कैंडिल लैंप या दिया लगाएं.

यह आप की सैंटर टेबल को फ्रैश फील देने के साथसाथ त्योहारों के लिए भी रेडी करेगा. अगर आप ने लिविंगरूम में शोकेस भी रखा हुआ है तो आप उस पर छोटेछोटे शोपीस, छोटेछोटे टेडी बीयर या फिर अगर ओपन शोकेस है तो आप उस पर वाटरफौल शोपीस भी लगा सकती हैं. अगर आप इस तरह से रूम को सजाएंगी तो आप की नजर ही आप के घर से नहीं हटेगी.

लाइटिंग भी हो खास

त्योहारों पर घर व बाहर लाइटिंग का खास महत्त्व होता है. इस के लिए लोग कई दिन पहले से तैयारी करनी शुरू कर देते हैं. तो आप भी पीछे न रहें, बल्कि इन त्योहारों पर अपने घर को कम बजट में बैस्ट लाइटिंग विकल्पों के साथ सजाएं. इन के लिए आप सोलर पावर स्ट्रिंग लाइट्स लगवा सकती हैं. इस के लिए बिजली की जरूरत नहीं होती है, बल्कि यह इंटरनल बैटरी से औपरेट होती हैं. ये लाइट्स बाहर की सजावट जैसे गार्डन, प्लांट्स को सजाने के लिए उपयुक्त होती हैं.

वहीं मल्टी कलर एलइडी लाइट्स से भी आप अपने घर की खूबसूरती को बढ़ा सकती हैं. आप लेजर लाइट प्रोजैक्टर से भी लाइटिंग कर सकती हैं. यहां तक कि आप लाइट फैस्टिवल पर ग्लो स्टिक्स से घर में लाइट कर सकती हैं. ये वन टाइम होती हैं. इन्हें जलाते ही ये कलरफुल स्टिक्स अपनेआप जलना शुरू हो जाती हैं.

अलग अंदाज में सजाएं मेन गेट को  

जब कोई त्योहारों पर घर में आता है तो उस की पहली नजर ही दरवाजे पर पड़ती है और इस की सजावट घर में पौजिटिविटी लाने का भी काम करती है.

ये भी पढ़ें- जिद्दी बच्चे को बनाएं समझदार

ऐसे में जब बात हो घर के मेन गेट को सजाने की तो आप हाथ से तरहतरह की चीजें बना कर उन से दरवाजे को सजा सकती हैं. आप लो बजट में भी सुंदर बंदरवाल खरीद कर अपने मैन गेट को खूबसूरत बना सकती हैं. आप मेन गेट के कौर्नर पर खूबसूरत सा फ्लौवर पौट और उस पर लाइटिंग कर के या फिर उसे रिंबस से सजा कर भी डैकोरेट कर सकती हैं. इस से आप का घर अंदर व बाहर दोनों जगहों से खूबसूरत दिखेगा.

REVIEW: साधारण लेखन व निर्देशन ‘सुमेरू’

रेटिंगः डेढ़ स्टार

निर्माताः पद्मसिद्ध फिल्मस

निर्देशकः अविनाश ध्यानी

कलाकारः अविनाश ध्यानी, संस्कृति भट्ट, शगुफ्ता अली, अभिषेक मंडोला,  सुरूचि सकलानी, प्रशिल रावत, सतीश शर्मा, माधवेंद्र सिंह रावत

अवधिः एक घंटा 58 मिनट

फिल्मों में अलग अलग परिवेश में प्रेम के कई रंग पेश किए जाते रहे हैं. इस बार अभिनेता, लेखक व निर्देशक अविनाश ध्यानी अपनी नई फिल्म ‘‘सुमेरू’’ में पहाड़ों में हिमस्खलन व भीषण ठंड के बीच एक अलग तरह की प्रेम कहानी के साथ पिता व पुत्र के बीच भावनात्मक संबंधो को उकेरा है. फिल्म एक अक्टूबर को महाराष्ट् और केरला के अलावा देश के अन्य हिस्सों के सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई है.

कहानीः

सूरत के उद्योगपति मल्होत्रा की बेटी सावी मल्होत्रा (संस्कृति भट्ट) की सगाई रोमी(प्रशिल रावत) से हो चुकी है. लेकिन अंदर से सावी, रोमी की हरकतों से खुश नही है. दोनों डेस्टीनेशन वेडिंग के लिए उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र हर्षिल में लोकेशन देखने जाते हैं. हर्ष िाल की बाजार पहुंचने पर रोमी को जगह पसंद नही आती, पर सावी को अपने मंगेतर का उस जगह फाइव स्टार होटल की तलाश की बात पसंद नहीं आती और वह रोमी को कार के पास अकेला छोड़कर पैदल चल देती है. सावी नीरस और अनपेक्षित जीवन शैली से तंग आ चुकी है और इससे मुक्त होना चाहती है. घने जंगल से गुजरते हुए सावी एक जंगली जानवर के कराहने की आवाज से डरती है और गाना गाते हुए दौड़ने लगती है, क्योंकि उसकी माँ ने उसे सिखाया था कि डर लगन पर गाना गाने से डीर दूर हो जाता है. अचानक सावी की मुलाकात एक हरियाणवी लड़के भांवर प्रताप सिंह (अविनाश ध्यानी) से होती है, जो अपने पिता के  अवशेषों की तलाश में सुमेरु नामक पर्वत की तरफ जा रहा है.

ये भी पढ़ें- Raatan lambiyan गाने पर Anupama और Anuj का रोमांटिक वीडियो वायरल, Chemistry ने जीता दिला

भांवर प्रताप सिंह के पिता मांउटेरियन रहे हैं और वह हर वर्ष पहाड़ों पर ट्ैकिंग करने जाते थे. उसे उनकी अंतिम लाकेशन सुमेरू पर्वत की ही मिली है, जहां हिमस्खलन में मृत्यु हो गई थी. भांवर प्रताप सिंह , सावी को जंगल में गाना गाते हुए देख उसे भूतनी समझता है. पर दोनोें मिलते हैं और दोनों के बीच  तीखी नोकझोंक होती है. उसके बाद सावी रात भर के लिए मदद मांगती है और दोनों साथ चलने लगते हैं. सुमेरू पर्वत तक पहुॅचने तक दोनों एक दूसरे की खोज करते हैं. सावी खुद की भी तलाश कर रही है. राह में दोनों ठंड व हिमस्खलन में एक-दूसरे का भावनात्मक सहारा बनते हैं. अंततः दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगते हैं, पर इस बात को कोई स्वीकार नही करता. पिता   अवशेषों को पाने के बाद उनका वहीं अंतिम संस्कार कर दोनों वहां से वापसी करते हैं. सावी सूरत और भांवर प्रताप सिंह हरियाणा रवाना होते हैं. पर प्यार अपना रंग दिखाएगा ही.

समीक्षाः

लेखक, निर्देशक व अभिनेता अविनाश ध्यानी का लेखन व निर्देशन अति साधारण है. इस कहानी को मंुबई या दिल्ली किसी जगह की पृष्ठभूमि पर कहा जा सकता था. लेकिन उत्तराखंड का निवासी होते हुए भी अविनाश ध्यानी पहाड़,  हिस्खलन, जंगल और वहां के निवासी इन सभी को फिल्म की कहानी के साथ सही अर्थों में जोड़ नहीं पाए. जबकि गुजरात की लड़की व हरियाणा के लड़के का उन पहाडो व जंगलो में एक साथ होना जहां लगातार बर्फबारी हो रही हो, तो उनके साथ आने वाली समस्याओं, उस क्षेत्र में रहने वालों के साथ इन दो किरदारों के व्यवहार व रिश्ते सहित कहानी में कई रोचक घटनाक्रम जोड़ जा सकते थे. मगर लेखक व निर्देशक यह सब करने में चूक गए. यहां तक कि भांवर प्रातप सिंह का अपने पिता के साथ के संबधों को चित्रित करने की बजाय  महज संवादों में बयंा कर दिया गया. यह भी लेख व निर्देशक की कमजोरी है. फिल्म की गति भी काफी धीमी है. एडीटिंग टेबल पर इसे कसे जाने की जरुरत थी. फिल्म में एकरसता है. दो तीन संवादों को छोड़कर एक भी संवाद दर्शक को अपनी तरफ आकर्षित नही करते.

ये भी पढ़ें-नही रहे Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah के नट्टू काका, 77 साल की उम्र में कहा दुनिया को अलविदा

अभिनयः

भांवर प्रताप सिंह के किरदार में अविनाश ध्यानी अपना प्रभाव छोड़ने में विफल रहे हैं. सावी के किरदार में  संस्कृति भट्ट खूबसूरत जरुर लगी हैं, मगर अभिनय के मसले पर उन्हें काफी मेहनत करने की जरुरत है. उनमें अभिनेत्री वाले गुण नही है. उनके चेहरे पर कोई भाव ही नही आते. केवल हंसती रहती हैं. शमैरा के छोटे किरदार में शगुफ्ता अली अपनी उपस्थिति दर्ज करा जाती हैं. अन्य सह कलाकार ठीक ठाक हैं.

Raatan lambiyan गाने पर Anupama और Anuj का रोमांटिक वीडियो वायरल, Chemistry ने जीता दिला

रुपाली गांगुली (Rupali Ganguli) और सुधांशू पांडे स्टारर टीवी सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupama) की कहानी और भी ट्विस्ट एंड टर्न्स से भरने वाली है. जहां वनराज और बा, अनुज कपाड़िया (Gaurav Khanna)  को अनुपमा की जिंदगी से दूर करने का प्लान बनाएंगे तो वहीं किंजल की मां राखी दवे, अनुपमा के खिलाफ साजिश करेगी. इसी बीच सोशलमीडिया पर वायरल एक वीडियो में अनुपमा और अनुज दुनिया की चालों से बेखबर रोमांस करते नजर आ रहे हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

अनुपमा का पल्लू पकड़े नजर आए अनुज

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Rups (@rupaliganguly)

जल्द ही अनुपमा अपने सपनों की उड़ान भरने वाली है, जिसके चलते वह बेहद खुश है. वहीं वीडियो में अनुपमा यानी रुपाली गांगुली (Rupali Gaguli) सज-धजकर घूमती नजर आ रही हैं. वहीं इस दौरान अनुपमा के कपड़ों से मैचिंग कपड़े पहनकर अनुज यानी गौरव खन्ना (Gaurav Khanna) अनुपमा का पल्लू पकड़े नजर आ रहे हैं. इस दौरान बैकग्राउंड में फिल्म ‘शेरशाह’ का रोमांटिक सॉन्ग ‘ये रातां लंबियां लबियां रे…’ बज रहा है. अनुज-अनुपमा की ये औफस्क्रीन कैमेस्ट्री देखकर फैंस जहां दोनों की तारीफें कर रहे हैं तो वहीं सीरियल में भी ऐसा ही रोमांस दिखाने की बात करते नजर आ रहे हैं.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Anupamastar (@anupamaastar)

ये भी पढ़ें- नही रहे Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah के नट्टू काका, 77 साल की उम्र में कहा दुनिया को अलविदा

अनुपमा की कहानी में आएंगे नए ट्विस्ट

 

View this post on Instagram

 

A post shared by indian serial (@india_tv_series)

औफस्क्रीन कैमेस्ट्री से अलग सीरियल में अनुज, अनुपमा से प्यार का इजहार ना कर पाने का पछतावा करता नजर आ रहा है. दरअसल, अपकमिंग एपिसोड में अनुपमा, वनराज के तानों से तंग होगी. लेकिन अनुज उसे भूमि पूजन का कार्ड दिखाकर खुश कर देगा. वहीं दोनों इस पूजा में साथ में बैठेंगे, जिसे देखकर वनराज का खून खौल उठेगा. दूसरी तरफ समर गुंडों के बीच फंसकर मुसीबत में पड़ जाएगा. हालांकि वनराज और अनुज दोनों उसकी मदद करने की कोशिश करेंगे. अब देखना होगा कि अनुपमा की जिंदगी में और कौनसे नए ट्विस्ट दर्शकों को देखने को मिलेंगे.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by shubhangiaofficial (@shubhangis_fan)

ये भी पढ़ें- अनुज को होगा Anupama से दिल की बात ना कहने का पछतावा, करेगा ये फैसला

नही रहे Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah के नट्टू काका, 77 साल की उम्र में कहा दुनिया को अलविदा

साल 2020 से लेकर 2021 तक एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से बुरी खबरों का सिलसिला जारी है. बीते साल अपनी बीमारी को लेकर सुर्खियों में रहने वाले टीवी के मशहूर सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा के नट्टू काका उर्फ घनश्याम नायक का निधन हो गया, जिसके चलते फैंस सदमें में हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

निर्माता ने दी जानकारी

दरअसल, एक्टर घनश्याम नायक 77 साल की उम्र में कैंसर से बीमार थे, जिसके चलते उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई वहीं बीते दिन उनका निधन हो गया. इस खबर की जानकारी तारक मेहता का उल्टा चश्मा के निर्माता असित मोदी ने ट्वीट कर दी. उन्होंने लिखा, ‘हमारे प्यारे नट्टू काका, हमारे साथ नहीं रहे. परम कृपालु परमेश्वर उन्हें अपने चरणो में स्थान दे और परम शांति दे. उनके परिवार को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे.नट्टू काका हम आपको नहीं भूल सकते.’ ट्विट होते ही नट्टू काका के फैंस काफी दुखी नजर आए, जिसका सोशलमीडिया पर उनके लिए शेयर किए गए पोस्ट से लगाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- Imlie बनेगी आदित्य के बच्चे की मां, मालिनी को लगेगा झटका

टीम ने दी श्रद्धांजलि

नट्टू काका यानी घनश्याम नायक के निधन की खबर मिलते ही जहां फैंस ने उन्हें श्रद्धांजलि दी तो वहीं सीरियल के सितारे यानी बबीता जी ने भी सोशलमीडिया पर उनके लिए एक पोस्ट शेयर किया. वहीं  शो का अटूट हिस्सा रहीं दया भाभी यानी दिशा वकानी ने भी सोशल मीडिया के जरिए घनश्याम नायक को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा – ‘आप हमेशा याद आएंगे नट्टू काका, ओम शांति.’

मरते दम तक एक्टिंग से जुड़े रहना चाहते थे नट्टू काका

बीते दिनों एक इंटरव्यू में नट्टू काका यानी घनश्याम नायक ने अपनी कैंसर से लड़ने की जर्नी बताते हुए कहा था कि वह मरते वक्त मेकअप लगाकर जाना चाहते हैं, जिससे उनका एक्टिंग से प्यार साफ नजर आता है. सीरियल में उनके रोल को फैंस काफी पसंद करते हैं. वहीं जेठालाल संग उनकी कैमेस्ट्री के फैंस दिवाने हैं, जिसके चलते सोशलमीडिया पर अक्सर दोनों की वीडियो वायरल होती रहती है.

ये भी पढ़ें- अनुज को होगा Anupama से दिल की बात ना कहने का पछतावा, करेगा ये फैसला

उलझन: टूटती बिखरती आस्थाओं और आशाओं की कहानी

social story in hindi

False Ceiling से अपने घर को करें जगमग

“फाल्स सीलिंग” का शाब्दिक अर्थ है “बनावटी छत” अर्थात ऐसी छत जो केवल देखने के लिए हो. इसे फाल्स कहे जाने का कारण है कि इसे घर की ईंट और सीमेंट की आर सी सी से बनी वास्तविक छत के नीचे जिप्सम बोर्ड और टीन के एंगल द्वारा बनावटी रूप से बनाया जाता है. इसीलिए इसे ड्राप सीलिंग भी कहा जाता है. कुछ समय पूर्व तक इस प्रकार की सीलिंग केवल अभिजात्य वर्गीय घरों में ही बनाई जाती थी परन्तु आजकल यह हर घर के इंटीरियर का प्रमुख हिस्सा हो गईं हैं. यह सही है कि फाल्स सीलिंग घर की खूबसूरती में चार चांद लगा देतीं हैं परन्तु कई बार ये बजट में नहीं होतीं तो ऐसी स्थिति में आप केवल ड्राइंग रूम या केवल हॉल में भी फाल्स सीलिंग करवा सकते हैं. फाल्स सीलिंग की कीमत का निर्धारण प्रति स्क्वेयर फिट और डिजाइन के अनुसार होता है. अर्थात जितनी अधिक डिजाइन और जगह वाली सीलिंग उतनी अधिक कीमत.

कैसी कैसी सीलिंग

-जिप्सम फाल्स सीलिंग

एल्युमिनियम के एंगल्स के द्वारा जिप्सम के बोर्ड को छत पर फिक्स किया जाता है. ये जिप्सम सीट वजन में हल्की, साउंड प्रूफ और फायर प्रूफ होती हैं. इन सीट्स को पुट्टी  की परत से कवर करके पेंट, वाल पेपर, वुड और टेक्सचर के द्वारा सजाया जाता है. इनके अंदर कोप लाइट लगाई जाने से घर के सौंदर्य में चार चांद लग जाते हैं. वर्तमान में यह सर्वाधिक लोकप्रिय फाल्स सीलिंग है.

-वुडन फाल्स सीलिंग

इस प्रकार की सीलिंग पहाड़ी क्षेत्र में सर्दी से बचाव के लिए की जाती है.परन्तु यह खर्चीली अधिक होती है इसलिए कम प्रचलित है.

-प्लास्टर ऑफ पेरिस फाल्स सीलिंग

इस प्रकार की सीलिंग पूरी छत पर अलग से परत न बनाकर केवल बीच में और छत के किनारों पर डिजाइन बनाकर की जाती है यह बहुत कम खर्चीली होती है इसलिए कम बजट में भी आप अपने घर को इसे करवाकर सुंदर बना सकते हैं.

ये भी पढ़ें- जब Air Conditioner हो लगाना

क्यों कराएं फाल्स सीलिंग

-फाल्स सीलिंग करवाने से छत की ऊंचाई 4 से 5 फ़ीट तक कम हो जाती है जिससे कमरे की बीम्स, और दोष आदि पूरी तरह से छुप जाते हैं, सीलिंग में लगी कोप लाइट्स कमरे को भव्य लुक प्रदान करती हैं.

-फाल्स सीलिंग मूल छत के ऊपर एक परत प्रदान करती है जिससे छत पर धूप का सीधा प्रभाव नहीं पड़ता इससे गर्मी के मौसम में कमरे के तापमान में कमी हो जाती है और ए सी की क्षमता बढ़ जाती है.

-फाल्स रूफ में छोटी छोटी एल ई डी लाइट्स का प्रयोग किया जाता है जिससे ऊर्जा की खपत में काफी कमी हो जाती है और यह बिजली के बिल को कम कर देता है.

-सामान्य से कमरे को यदि आप एक बेहतर लुक देना चाहते हैं तो फाल्स सीलिंग अवश्य करवाएं.

ये भी पढ़ें-इन 6 टिप्स से रखें बाथरूम को Germ Free

ध्यान रखने योग्य बातें

-छोटे कमरे और घर मे बहुत अधिक डिजाइन वाली फाल्स सीलिंग करवाने के स्थान पर साधारण कम डिजाइन वाली फाल्स सीलिंग करवाएं ताकि कमरा एकदम भरा भरा सा होटल जैसा न लगे.

-फाल्स सीलिंग सदैव किसी कुशल इंटीरियर डिजाइनर से ही करवाएं साथ ही सामान की क्वालिटी में कोई समझौता न करें.

-यदि आपके कमरे की छत की हाइट कम है तो अधिक लेयर्स की डिजाइन के स्थान पर सिंगल लेयर की डिजाइन बनवाएं.

-यदि दीवारों पर टेक्सचर और वाल पेपर लगवाया है तो छत का रंग सफेद ही रखें क्योंकि सफेद रंग प्रत्येक रंग के साथ मैच कर जाता है.

 (इंटीरियर डिजाइनर आशीष मालवीय से की गई बातचीत के आधार पर)

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें