Anupamaa: समर के पीछे पड़ीं काव्या-किंजल और नंदिनी, ऐसे किया परेशान

सीरियल अनुपमा की कहानी में इन दिनों नया मोड़ आता दिख रहा है, जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं. वहीं सीरियल के सितारे भी इस बात से बेहद खुश हैं. इसी बीच अनुपमा के सेट से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें समर लड़कियों के बीच घिरे हुए नजर आ रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं वीडियो की झलक…

समर का हुआ ये हाल

टीवी सीरियल अनुपमा में समर का किरदार निभाने वाले पारस कलनावत ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसमें किंजल यानी निधि शाह, काव्या यानी मदालसा शर्मा और नंदिनी यानी अनघा भोंसले, समर के साथ मस्ती करती नजर आ रही हैं. इसी के साथ वह #touchit गाने पर डांस करते हुए भी दिख रहे हैं.

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काव्या संग करते हैं मस्ती

सीरियल की कैमेस्ट्री से हटकर औफस्क्रीन कैमेस्ट्री की बात करें तो काव्या यानी मदालसा शर्मा और समर यानी पारस कलनावत की बौंडिंग काफी अच्छी है. दोनों अक्सर सेट पर मजेदार वीडियो बनाते हैं और फैंस के साथ शेयर करते हैं. हाल ही में पारस कलनावत कृष्ण बनकर मदालसा के साथ ठुमके लगाते हुए भी नजर आए थे. फैंस को दोनों की कैमेस्ट्री काफी पसंद आई थी.

अनुपमा की जिंदगी में आया नया पड़ाव

 

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सीरियल की बात करें तो अनुज के दिए पार्टनरशिप के प्रपोजल को अनुपमा ने मंजूर कर लियाहै. हालांकि वनराज इस बात से नाखुश है, जिसके चलते वह अनुपमा को चुनौती देता है कि जल्दी वह इसका सपना तोड़ देगा. लेकिन अनुपमा अपने फैसले पर टिकी रहती है और अनुज को अपनी इस डील को केवल डील ही रखने के लिए कहती है.

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शिल्प को सम्मान शिल्पियों का स्वावलंबन: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगले 03 महीने में प्रदेश के 75 हजार कारीगरों और शिल्पियों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य तय किया है. इन तीन माह में 75 हजार शिल्पियों को प्रशिक्षित कर इन्हें विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जोड़ते हुए स्वावलम्बन से जोड़ा जाएगा आजादी के अमृत महोत्सव पर शिल्पियों और करीगरों के लिए यह सबसे बड़ा तोहफा होगा.

मुख्यमंत्री ने यह बातें विश्वकर्मा दिवस के मौके पर शुक्रवार को ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के तहत 21,000 लाभार्थियों को टूलकिट और 11 हजार लाभार्थियों को ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजनांतर्गत ऋण वितरण करते हुए कहीं. लोकभवन में आयोजित मुख्य समारोह के साथ-साथ जिला मुख्यालयों पर भी कार्यक्रम आयोजित हुए.

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 26 दिसम्बर 2018 में हमने प्रदेश में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का शुभारंभ किया, तब से परंपरागत हस्तशिल्पियों, कारीगरों को सम्मान देने, उनको स्वावलंबी बनाने और प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का यह सिलसिला चलता आ रहा है. हस्तशिल्पियों ने योजनाओं का लाभ लेकर एक जनपद एक उत्पाद और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने रोजगार उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में हर व्यक्ति चिंता में था कि उत्तर प्रदेश का क्या होगा. लेकिन हमारे पारंपरिक करीगरों, हस्तशिल्पियों ने मिलकर ऐसा तंत्र विकसित किया जिससे हर प्रवासी को शासन की योजनाओं से जुड़ने और प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का काम किया. आज बेरोजगारी की दर चार पांच फीसदी है. यह प्रसन्नता प्रदान करने वाला है. हमने दिसम्बर 2018 से 68412 से अधिक शिल्पियों को 100 करोड़ के उन्नत टूल किट वितरित किये हैं. सीएम ने कहा कि बहनें और माताएं यदि ठान लें तो उत्तर प्रदेश को रेडीमेड गारमेंट का हब बनाने में देरी नहीं लगेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमें अपने परंपरागत उद्यम और कारीगरी को एक मंच देना ही होगा. उनका प्रशिक्षित कराएं. आज प्रदेश के 21,000 से अधिक कारीगरों व हस्तशिल्पियों को टूलकिट वितरित किए जा रहे हैं. प्रदेश सरकार अपने परंपरागत कारीगरों व उद्यमियों को स्वावलंबी बना रही है, जिससे वह आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना योगदान दे सकें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के मोची, नाई, बढ़ई को मंच मिलना चाहिए. उन्हें सबल बनाना है. उन्हें उच्च प्रशिक्षण देकर तकनीकी से जोड़ना है और सर्टिफिकेट देकर साथ ही ट्रेनिंग के दौरान 250 रुपये प्रतिदिन प्रशिक्षण भत्ता देते हुए मजबूत बनाना है. उन्होंने बताया कि आज तक 1 लाख हस्तशिल्पियों को इस योजना से जोड़ा गया है, प्रशिक्षित करके टूलकिट उपलब्ध करवाए हैं. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अगले 03 महीनों में 75 हजार करीगरों और हस्तशिल्पियों को टूल किट और ऋण उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाएं.

उन्होंने विभाग के मंत्रियों से कहा कि वो गांव-गांव में करीगरों, हस्तशिल्पियों के यहां पहुंचकर उनको प्रोत्साहित करने का भी काम करें. उन्होंने कहा कि हमें कारीगरों को सम्मान देना होगा वो ही हमारी धरोहर हैं. उन्होंने कहा कि आज इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए विभाग को और आपको धन्यवाद बधाई देता हूं. प्रधानमंत्री जी के जन्मदिन के दिन से और सेवा के उनके 20 वर्ष के उपलक्ष्य में अगले 20 दिनों तक अलग अलग कार्यक्रम होंगे.

मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को दी जन्मदिन की बधाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि आज दो महत्वपूर्ण दिन है एक तो विश्वकर्मा जी की जयंती और दूसरा दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का जन्मदिन. प्रधानमंत्री जी के इस वर्ष 6 अक्टूबर को सेवा के 20 वर्ष के रूप में पूरे हो रहे हैं. मैं प्रदेश की जनता की तरफ से देश में जो उनकी ओर से की गई सेवाएं हैं उनके लिए हृदय से अभिनन्दन करता हूं.

मोदी जी के प्रयास से जो खुशहाली आपके जीवन में प्रारंभ हुई है, देश-समाज को नई दिशा मिली है. उसको विकास के उत्सव में रूप में प्रदेश में 7 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. हुनरमंदों, कारीगरों और हस्तशिल्पियों को सम्मान देने वाले कार्यक्रम से इसकी शुरुआत की जा रही है.

आयोध्या में इस बार हम साढ़े 7 लाख दिए जलाने जा रहे : सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव के लिए 51 हजार दीप जुटाने के लिए हमें पूरे प्रदेश की खाक छाननी पड़ी थी. इस वर्ष हम साढ़े सात लाख दिए जलाने जा रहे हैं. हमने तकनीक से करीगरों को जोड़ा तभी यह संभव हो पाया है. हमारे कारीगर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति बनाना छोड़ दिया था. चीन जैसे नास्तिक देश मूर्तियां बनाने लगा. पिछली सरकारों ने चिंता नहीं की. आज हमारे कारीगर मूर्तियां बना रहे हैं. चीन से अच्छी, सुंदर, सस्ती और टिकाऊ. उन्हीं कारीगरों के चेहरों पर आज खुशहाली आ गयी है.

मुख्यमंत्री योगी के आर्थिक मॉडल से प्रदेश बन रहा आत्मनिर्भर: सिद्धार्थनाथ सिंह

एमएसएमई विभाग के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आर्थिक मॉडल ने प्रदेश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने का काम किया है. बहुत कम लोगों को इसकी समझ है. पंडित दीनदयाल जी कह गये कि आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचना चाहिये. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसको प्रदेश में पूरा करने का काम किया है.

एक जनपद एक उत्पाद योजना ने उन गरीबों को जिनके पास हुनर है उनको आगे ले जाने का काम किया है. ओडीओपी और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि कोरोना के होते हुए भी प्रदेश में 68412 लोगों ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से प्रशिक्षण लिया है.

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्यमंत्री की अभिनव सोच को आगे बढ़ाने का और 17 दिसम्बर को एक बड़ा आयोजन कर 75 हजार लोगों को विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से प्रशिक्षण दिलाकर टूलकिट वितरित किये जाने का आश्वासन दिया.

पाखी पर भड़केगा सम्राट, विराट को लेकर परिवार के सामने पूछेगा सवाल

सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी में नए-नए ट्विस्ट आ रहे हैं.जहां एक तरफ सम्राट का सहारा लेकर पाखी, विराट के करीब आ रही है तो वहीं सई अपनी शादीशुदा जिंदगी को नया मौका देने की तैयारी कर रही है. इस बीच सीरियल में बड़ा हंगामा देखने को मिलने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे….

पाखी ने चली नई चाल

अब तक आपने देखा कि सई दोबारा घर लौट आती है, जिसे देखकर पाखी के चेहरे की हवाइयां उड़ जाती है और वह नया प्लान बनाते हुए अपना दुपट्टा हवन की आग में डाल देती है. लेकिन समय रहते सम्राट देख लेता है और उसे बचा लेता है, जो पाखी को बिल्कुल पसंद नही आता. इसी के साथ वह पाखी पर सवाल उठाना शुरु करती है.

 

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सम्राट को आएगा गुस्सा

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि सई से बात करने के लिए सम्राट अपना हाथ आगे बढ़ाएगा. लेकिन विराट कहेगा कि सई मेरी बीवी है इसलिए वह उससे सवाल और जवाब मांगेगा. वहीं पाखी, विराट को भड़काने के लिए कहेगी कि वह सई को हार चुका है. परिवार और विराट सई का हर कदम पर सपोर्ट कर रहा है, जिसके कारण वह हाथ से निकल चुकी है, जिसे सुनकर सम्राट आग बबूला हो जाएगा और पाखी से कहेगा कि वह हर समय भड़काने का काम क्यों करती है. उसे क्या चाहिए विराट या कुछ और इसी के साथ वह पाखी से अपने सवालों के जवाब भी मांगेगा, जिसे सुनकर पाखी और पूरा चौह्वाण परिवार चौंक जाएगा.

 

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सई उठाएगी नया कदम

सीरियल में आने वाले ट्विस्ट की बात करें तो सम्राट, सई को विराट के लिए उसके प्यार को समझने के लिए कहेगा, जिसके चलते सई एक अलग जगह जाने का फैसला करेगी. वह विराट संग गढ़चिरौली जाएगी. जहां वह, विराट के प्यार की परीक्षा लेने की तैयारी करेगी.

 

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यंग गर्ल्स पर खूब जचेंगे ‘अनुपमा’ की ‘किंजल’ के ये लुक्स

स्टार प्लस के सीरियल ‘अनुपमा’ में इन दिनों काफी ड्रामा देखने को मिल रहा है, जो फैंस को काफी एंटरटेन कर रहा है. आज हम आपको ‘अनुपमा’ के आगे आने वाले ट्विस्ट की नही बल्कि शो में किंजल के रोल में नजर आने वाली निधि शाह के फैशन के बारे में बताएंगे.

सिंपल रहने वाली किंजल के सोशलमीडिया अकाउंट की बात करें तो वह अक्सर अपनी इंडियन लुक में फोटोज शेयर करती रहती हैं. इसीलिए आज हम यंग गर्ल्स के फेस्टिव सीजन के निधि शाह के कुछ आउटफिट के बारे में आपको बताएंगे.

1. प्लेन सूट के साथ कलरफुल टच

अगर आप फेस्टिव सीजन में अपने लुक को सिंपल लेकिन स्टाइलिश बनाना चाहती हैं तो निधि शाह का ये लुक जरूर ट्राय करें. प्लेन वाइट सूट पर कलरफुल टच आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. वहीं ज्वैलरी की बात करें तो आप मल्टी कलर ज्वैलरी इस लुक के साथ कैरी कर सकती हैं.

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2. सिंपल शरारा लुक करें ट्राय 

अगर आप शरारा पहनना चाहती हैं तो निधि शाह का ये प्रिंटेड शरारा लुक आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. इसके साथ आप हैवी औक्साइड ज्वैलरी ट्राय कर सकती हैं.

3. ये कौम्बिनेशन है परफेक्ट

अगर आप फेस्टिव सीजन में किसी पार्टी का हिस्सा बनने वाली हैं तो ग्लिटर सिलवर लहंगे के साथ प्लेन ब्लाउज आपके लिए परफेक्ट रहेगा. ये आपके लुक को क्लासी बनाने में मदद करेगा.

4.  पिंक लहंगा है परफेक्ट

 

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And honey, you should know, that i could never go on without you ~🎶 🌸

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फेस्टिव सीजन हो या वेडिंग, निधि शाह का ये पिंक लहंगा आपके लिए परफेक्ट औप्शन साबित होगा. इसके साथ हैवी ज्वैलरी आपके लुक पर चार चांद लगा देगी.

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5. फ्लावर प्रिंट लहंगा करें ट्राय

 

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Rise n slayyyyy 💞

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अगर फेस्टिव सीजन में लहंगा ट्राय करना चाहती हैं तो फ्लावर प्रिंटेड लहंगा आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

माइक्रोवेव में न रखें ये बर्तन, हो सकता है नुकसान

क्या आप जानती हैं कि भोजन को प्लास्टिक के डब्बे में रख कर माइक्रोवेव ओवन में पकाने पर आप को बांझपन, मधुमेह, मोटापा, कैंसर (कर्क रोग) आदि होने का खतरा हो सकता है?

दरअसल, विभिन्न अध्ययनों में वैज्ञानिकों ने पाया है कि प्लास्टिक के डब्बे में भोजन को रख कर माइक्रोवेव ओवन में पकाने या गरम करने पर उच्च रक्तचाप की समस्या पैदा हो सकती है. इस से प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है, मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को नुकसान पहुंचता है, दूसरी तरह के और कई भयावह दुष्प्रभाव सामने आते हैं. दरअसल, माइक्रोवेव ओवन में प्लास्टिक के बरतन के गरम होने पर उस में मौजूद रसायनों का 95% तक रिसाव होता है.

सेहत की दुश्मन प्लास्टिक

प्लास्टिक के बरतनों को बनाने के लिए औद्योगिक रसायन बिस्फेनोल ए का इस्तेमाल किया जाता है. इस रसायन को सामान्य तौर पर बीपीए के नाम से जाना जाता है. इस रसायन का सीधा संबंध बांझपन, हारमोनों में बदलाव और कैंसर की बढ़ोतरी से है. यह लैगिंक लक्षणों में बदलाव लाता है यानी यह पुरुषोचित गुणों को भी कम करता है. यह मस्तिष्क की संरचना को नुकसान पहुंचाने, और मोटापा बढ़ाने का भी काम करता है.

प्लास्टिक में पीवीसी, डाइऔक्सिन और स्टाइरीन जैसे कैंसरकारी तत्त्व पाए जाते हैं, जिन का सीधा संबंध कैंसर से होता है.

चौंकाने वाला सच यह है कि जब प्लास्टिक के बरतन में भोज्यपदार्थों को रख कर माइक्रोवेव ओवन में पकाया जाता है तो प्लास्टिक के पात्र में मौजूद रसायन, ओवन की गरमी से पिघल कर खाद्य पदार्थ पर अपना असर छोड़ता हैं. भोजन गरम होने पर प्लास्टिक के गरम बरतन से निकलने वाले रसायनों के संपर्क में आता है और दूषित हो जाता है.

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माइक्रोवेव में किसी भी तरह का प्लास्टिक सुरक्षित नहीं है. हालांकि, इतना जरूर है कि सामान्य तौर पर इस्तेमाल में लिए जाने वाले प्लास्टिक की तुलना में प्लास्टिक के दूसरे विकल्प कम खतरनाक है, जिन में अपेक्षाकृत रूप से कम हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है.

जब भी माइक्रोवेव का इस्तेमाल करें उस से दूरी बनाए रखें, क्योंकि विभिन्न शोधों में पाया गया है कि माइक्रोवेव के इस्तेमाल के समय हानिकारक विकिरण निकलते हैं. हालांकि अधिकांश मामलों में यह जरूर पाया गया है कि माइक्रोवेव में भोजन पकाना या गरम करना नुकसानदेह नहीं है. माइक्रोवेव में गलत बरतन का प्रयोग आप की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए प्लास्टिक का इस्तेमाल करना छोड़ दें.

कांच के बरतन अधिक सुरक्षित

भोजन को पैक करने के लिए कांच के बरतन अधिक सुरक्षित हैं. वे प्लास्टिक की तरह रसायन नहीं छोड़ते और भोजन को गरम करने के लिहाज से भी सुरक्षित होते हैं. आप अपने भोजन को बिना गरम किए भी खा सकते हैं, हालांकि यह इस पर निर्भर करता है कि खाद्य पदार्थ क्या है.

चूंकि प्लास्टिक का उपयोग सभी जगह हो रहा है, इसलिए प्लास्टिक के इस्तेमाल से खुद को दूर रखना काफी मुश्किल है. लेकिन प्लास्टिक का कम से कम उपयोग कर आप अपने भोजन और पेयपदार्थों को इस के विषैले असर से अधिक से अधिक दूर रख सकती हैं और शरीर में बीपीए का स्तर कम रख सकती हैं.

– डा. निताशा गुप्ता, गाइनोकोलौजिस्ट ऐंड आईवीएफ ऐक्सपर्ट, इंदिरा आईवीएफ हौस्पिटल, नई दिल्ली

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कुछ दिनों से मुझे पेशाब करने में परेशानी हो रही है, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल-

मेरी उम्र 50 वर्ष है. मुझे 10 वर्षों से शुगर की शिकायत है, जिस की दवा चल रही है. मगर कुछ दिनों से मुझे पेशाब करने में परेशानी हो रही है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

आप कुछ अच्छी आदतों को अपना कर तथा कुछ सावधानी बरत कर अपनी शुगर को नियंत्रित कर सकते हैं तथा सामान्य जीवन जी सकते हैं. आप को स्मोकिंग से बचना चाहिए. अपना ब्लड प्रैशर तथा कोलैस्ट्रौल लैवल नियंत्रित रखें, रोजाना व्यायाम करें, खाने में चीनी की तथा कार्बोहाइड्रेट की मात्रा में कमी लाएं, पानी ज्यादा पीएं, ज्यादा फाइबर वाली चीजें खाएं और विटामिन डी का अनुकूल स्तर बनाए रखें.

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हम सभी जानते हैं कि खाने-पीने के रेडीमेड सामानों और सॉफ्ट ड्रिंक्स के जरिए हम सबसे ज्यादा शुगर (चीनी) कंज्यूम करते हैं. ये शूगर ही हमारे शरीर को कई तरह से सबसे ज्यादा नुकसान भी पहुंचाती है.

इस एक्स्ट्रा शुगर से आपकी सेहत को कोई भी फायदा नहीं होता बल्कि जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक ये शरीर में घटिया किस्म के कॉलेस्ट्रोल को बढ़ावा देती है जिससे आगे चलकर दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा पहले से कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है.

ज्यादा शुगर वाली खाने-पीने की चीजें इस्तेमाल करने से डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है. एडल्ट्स को करीब 30 ग्राम शुगर एक दिन में कंज्यूम करने की सलाह दी जाती है जबकि 4 से 6 साल के बच्चों के लिए ये मात्रा 19 ग्राम और 7 से 10 साल के बच्चों के लिए 34 ग्राम है.

अगर आप मीठा खाने के बहुत ज्यादा शौकीन हैं और डायबिटीज जैसे इसके नुकसानों से भी बचे रहना चाहते हैं तो न्यूट्रीशन एक्सपर्ट डॉक्टर मर्लिन ग्लेनविल बता रहीं हैं ऐसे 6 तरीके जिससे आप अपनी आदत बदले बिना रह सकते हैं डायबिटीज से दूर.

1. बाहर संभल कर खाएं: सबसे ज्यादा शुगर बाहर से खाने-पीने वाली चीजों के जरिये कंज्यूम की जाती हैं. ऐसे में थोड़े सी सतर्कता से आप मीठा खाकर भी बीमारियों से बचे रह सकते हैं. आपको करना बस इतना है कि स्पैगिटी सॉस और मियोनीज की जगह ऑर्गनिक योगार्ट इस्तेमाल करें और ऐसी दुकानों पर खाएं जो अपने सॉस खुद तैयार करते हैं. घर में बने सॉस में अपेक्षाकृत कम शुगर होती है.

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कभी न करें ये 5 मेकअप मिस्टेक्स

चाहे चेहरे की रौनक को फाउंडेशन से बढ़ाने की बात हो या फिर लिप्स को ग्लौस व लिपस्टिक से शाइनी व कलर देने की बात हो या चीकबोंस को हाइलाइटर से उभारने की या फिर आंखों को आईशैडो से ग्लैमरस लुक देने की, लड़कियां व महिलाएं किसी भी तरह का मेकअप करने में पीछे नहीं रहतीं. मेकअप के साथ आए दिन नएनए ऐक्सपैरिमैंट्स करना उन्हें पसंद होता है.

मगर क्या आप जानती हैं कि इस दौरान आप अनजाने में कुछ मेकअप मिस्टेक्स भी कर देती हैं, जो स्किन के लिए नुकसानदायक साबित होती हैं? तो आइए जानते हैं उन मिस्टेक्स के बारे में:

1. मेकअप को रिमूव न करना

जितनी ऐक्साइटमैंट महिलाओं की मेकअप को अप्लाई करने की होती है, उतनी मेकअप रिमूव करने की नहीं होती. वे यही सोचती हैं कि उन्होंने ब्रैंडेड प्रोडक्ट चेहरे पर अप्लाई किया है, इसलिए मेकअप चाहे रिमूव नहीं भी करें तो भी चलेगा, जबकि उन की यह सोच गलत है क्योंकि मेकअप को लंबे समय तक स्किन पर लगाए रखना या फिर उसे बिना हटाए सो जाने से मेकअप में इस्तेमाल होने वाले कैमिकल्स, धूलमिट्टी के कारण स्किन पर जमी गंदगी व बैक्टीरिया पोर्स को क्लोग करने के साथसाथ स्किन ऐलर्जी का कारण भी बनते हैं. इसलिए कभी भी मेकअप उतारे बिना न सोएं.

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2. मौइस्चराइजर के बिना मेकअप

महिलाओं को मेकअप करना तो पसंद होता है, लेकिन उन्हें कई बार मेकअप से संबंधित बहुत सी चीजों की जानकारी नहीं होती है, जिस में से एक है कि बिना मौइस्चराइजर अप्लाई किए मेकअप करने की भूल.

वे यही सोचती हैं कि जो काम मेकअप को करना है वह तो हो ही जाएगा, फिर मौइस्चराइजर लगाने की क्या जरूरत. लेकिन वे यह भूल जाती हैं कि जब वे बिना मौइस्चराइजर के स्किन पर मेकअप अप्लाई करती हैं तो उस से स्किन पर ड्राईनैस रहने के कारण मेकअप क्रैकी लुक देने लगता है और मेकअप भी लंबे समय तक स्टे नहीं कर पाता है और स्किन हैल्दी भी नहीं रहती. इसलिए जरूरी है कि मेकअप अप्लाई करने से पहले स्किन को मौइस्चराइज जरूर करें.

3. कंसीलर का गलत इस्तेमाल

कंसीलर जिसे कलर करैक्टर भी कहते हैं, यह डार्क सर्कल्स, ऐज स्पौट्स, बड़े पोर्स व स्किन पर दागधब्बों को छिपाने का काम करता है, जिस से स्किन टोन में भी काफी फर्क नजर आता है. लेकिन जब कंसीलर को सही तरीके से नहीं लगाते यानी जरूरत से ज्यादा कंसीलर का इस्तेमाल करती हैं तो स्किन अपना नैचुरल लुक खोने के साथसाथ पैचीपैची सी भी नजर आने लगती है.

इसलिए जब भी लगाएं तो इसे ड्रौपड्रौप कर के ही लगाएं. साथ ही लेयर्स पर लेयर्स लगाने की कोशिश न करें वरना चेहरा भद्दा नजर आने लगेगा.

4. मसकारा की कई लेयर्स

मसकारा आंखों की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करता है क्योंकि यह पलकों को शेप देने के साथसाथ उन्हें घना दिखाने का भी काम करता है और कई बार महिलाएं इस की खूबसूरती को बढ़ाने के चक्कर में इस की एक बार में ही कईकई लेयर्स अप्लाई कर लेती हैं, जिस से पलकें काफी मोटी लगने के साथसाथ वे ड्राई होने के बाद अलगअलग हो कर आंखें खूबसूरत लगने के बजाय काफी अजीब सा लुक देने लगती हैं. इसलिए 1-2 बार इसे ब्रश से पतलापतला ही लैशेज पर अप्लाई करें. इस से लुक बिगड़ने का डर नहीं रहता और आंखें भी ग्लैमरस लगती हैं.

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5. मेकअप ब्रश को क्लीन न करना

महिलाएं मेकअप प्रोडक्ट्स को मेकअप ब्रश व ब्यूटी ब्लैंडर से ही लगाना पसंद करती हैं खासकर क्रीमी मेकअप प्रोडक्ट्स व फाउंडेशन को. लेकिन वे इन ब्रश व ब्यूटी ब्लैंडर को इस्तेमाल करने के बाद क्लीन करना जरूरी नहीं समझतीं, जिस से चेहरे पर स्किन प्रौब्लम्स जैसे एक्ने, ब्रेकआउट जैसी प्रोब्लम्स हो जाती हैं. मौइस्ट व गंदे  ब्रश आदि में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं, जो स्किन के लिए बिलकुल भी ठीक नहीं होते हैं. इसलिए जब भी इस्तेमाल करें तो इन्हें क्लीन कर के सही जगह रखें.

हैप्पी लाइफ के लिए बनिए स्मार्ट वूमन

रक्षिता एक संयुक्त परिवार की छोटी बहू है. परिवार का रैडीमेड कपड़ों का बड़ा व्यवसाय है, पढ़ीलिखी तो थी ही, सो शादी के बाद वह भी व्यवसाय में मदद करने लगी. जहां उस की 2 जेठानियां घर पर रहतीं, वह हर दिन तैयार हो कर दुकान जाती और बिजनैस में सहभागी होती. परंतु उस की आर्थिक स्वतंत्रता बिलकुल अपनी जेठानियों के ही स्तर की रही. वह एक कर्मचारी की ही तरह काम करती और वित्तीय मामलों में उस के सुझवों को उस के अधिकारों का अतिक्रमण माना जाता है.

रक्षिता को भी इस व्यवस्था में कोई खामी नजर नहीं आती है और घर से बाहर जाने के मिले अधिकार की खुशी में ही संतुष्ट रहती है. उस के ससुर, जेठ या उस के पति यह सोच भी नहीं सकता कि घर की औरतों को आयव्यय, बचत, हिसाब जानने की कोई जरूरत भी है. वहीं कुछ महिलाएं खुद ही यह मान कर चलती हैं कि घर के वित्तीय मामले उन के लिए नहीं हैं.

शर्माजी कोविडग्रस्त हो 75 साल की उम्र में गुजर गए. सबकुछ इतना अचानक हुआ कि उन की पत्नी जिंदगी में आए इस बदलाव से भौचक सी रह गई. आर्थिक रूप से शर्मा दंपती बेहद संपन्न थे. शर्माजी के गुजरने के बाद भी मजबूत बैंक बैलेंस, पैंशन और इंश्योरैंस की मजबूत आर्थिक सुरक्षा थी. परंतु अफसोस यह है कि शर्माजी की पत्नी अपनी आर्थिक सुदृढ़ता से पूरी तरह से अनभिज्ञ हैं.

विवाह के शुरुआती दिनों से उन्होंने कभी भी यह सीखने या जानने की कोशिश नहीं की कि घर में कितने पैसे आ रहे हैं, कहां खर्च हो रहे हैं या फिर कहां क्या बचत हो रही है. शर्माजी उन के लिए सदा एटीएम बने रहे.

बच्चों पर निर्भरता

बेटे के बड़े होने और अवकाशप्राप्ति के बाद शर्माजी ने बड़ी कोशिश करी उर्मला को अपना वित्तीय स्टैटस समझने की, बैंक और औनलाइन ट्रांजैक्शन समझने की, परंतु उर्मला को यही लगता कि कौन इस झमेले में पड़े, जब उन के पति सब कर ही लेते हैं.

अब जब शर्माजी नहीं रहें तो अचानक वे पूरी तरह अपने बेटे पर निर्भर हो गईं, अकेले रहने लायक वे थी ही नहीं. अब पाईपाई के लिए बेटे पर निर्भरता उन्हें बेहद खलती है पर अब कोई चारा नहीं है.

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उर्मला के विपरीत कंचन बाजपेयी ने देर से ही सही पर सबकुछ सीखा और अपने आत्मसम्मान के साथ एक आत्मनिर्भर जीवन व्यतीत कर रही हैं. यदाकदा जरूरत पड़ने पर बच्चों या किसी और की मदद लेती हैं. वे भी उर्मला की ही तरह गृहिणी थीं और वित्तीय जानकारी उन की भी शून्य ही थी.

यहां बाजपेयी ने कभी बताने की भी जरूरत नहीं समझ थी कि ‘मैं तो हूं’ ही. परंतु मरने से 10 वर्ष पहले जब उन्हें पहली बार हार्टअटैक आया तो अपनी पत्नी की अनभिज्ञता के चलते उन्हें रिश्तेदारों और दोस्तों पर निर्भर होना पड़ा. अस्पताल के बिल चुकाने से ले कर अन्य बातों के लिए. बाद में स्वस्थ होने पर उन्होंने ठान लिया कि पत्नी को सब सिखाना है.

60 वर्षीय कंचन बाजपेयी न सिर्फ एटीएम से पैसे निकालना जानती हैं बल्कि विभिन्न औनलाइन पोर्टल से ट्रांजैक्शन करना भी उन्हें आता है. कहां किस बैंक में कितने पैसे हैं, कौन नौमिनी है, खर्चों के पैसों को किस अकाउंट से निकालना है इत्यादि उन्हें सब पता है. अपनी इस वित्तीय जागरूकता के चलते वे निर्णय लेने की क्षमता भी रखती हैं और बच्चों के घर में एक फर्नीचर की तरह रहने की जगह वे अपने घर में अपनी इच्छानुसार रहती हैं.

आर्थिक गुलामी

आर्थिक आत्मनिर्भरता हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है. अब दिनोंदिन कामकाजी और आर्थिक रूप से स्वतंत्र महिलाओं की गिनती बढ़ रही है पर अब भी उन महिलाओं की गिनती अधिक है जो आर्थिक स्वावल?ंबन से दूर हैं. यह लेख मूलतया उन्हीं महिलाओं के लिए है, जो संपन्न होने के बावजूद आर्थिक गुलामी की जिंदगी चुन लेती हैं.

अधिकतर महिलाएं आर्थिक रूप से निर्भर होती हैं चाहे पिता पर, पति पर या फिर पुत्र पर. माइंड कंडीशनिंग कुछ ऐसी होती है महिलाओं

की कि उन्हें बुरा भी नहीं महसूस होता है. मगर उन्हें मालूम होना चाहिए कि यह गुलामी का ही प्रतीक है.

बेटियों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना हर मातापिता का फर्ज है. फिर भी यदि किसी कारणवश एक लड़की आर्थिक आत्मनिर्भरता नहीं प्राप्त कर पाती है तो भी उस का यह हक है कि अपनी गृहस्थी के फाइनैंशियल स्टेटस को पूरी तरह सम?ो.

जरूरतें और मुसीबतें कभी बता कर नहीं आती हैं. हर परिस्थिति के लिए पतिपत्नी को शुरू से प्लानिंग करनी चाहिए और महत्त्वपूर्ण बातों को आपस में शेयर करना चाहिए. पतिपत्नी दोनों को मिल कर अपने भविष्य की तैयारी करनी चाहिए, न कि पति अपनी घरवाली को सिर्फ घरेलू काम की ही इंसान सम?ो. बहुत लोग दोस्तों से, रिश्तेदारों से अपनी वित्तीय जानकारी शेयर करते हैं पर अपनी घरवाली को अनभिज्ञ रखेंगे. घर की महिलाओं को पता ही नहीं रहता है कि आड़े वक्त में पैसे कहां से आएंगे.

कदमकदम पर धोखा

रामकली घर पर ब्लाउज सिलने का काम करती थी. वह कुछ दर्जियों से जुड़ी हुई थी जो उस से सिलवा कर अपने ग्राहकों को देते थे. ठीकठाक कमा लेती थी. वह जो कमाती अपने पति रणबीर के हाथों में दे कर निश्चिंत हो जाती थी जो खुद टैंपो चलाता था. एक दिन रणबीर टेम्पो सहित दुर्घटनाग्रस्त हो गया. आसपास के लोगों की मदद से उसे पास के अस्पताल में भरती करवाने के बाद रामकली को समझ नहीं आ रहा था कि अब वह अस्पताल के बिल कैसे और कहां से भरे.

उस ने पूरा घर छान मारा पर कुछ हजार रुपयों के अलावा उसे कुछ नहीं मिला. रणबीर तो बेहोश था. इसलिए वह कैसे पूछती कि पैसे कहां रखे हैं. नतीजा समय पर पैसे नहीं जमा करने के कारण उस के इलाज में देरी हो गई. सिलाईमशीन छोड़ वह घर का 1-1 समान बेच कर किसी तरह इलाज करवा और सदा के लिए अपंग हो गए पति को घर ला पाई.

बाद में पता चला कि रणबीर अपनी और रामकली की सारी कमाई अपने दोस्त को ब्याज पर उधार दे रखी थी, जिस ने पूरी रकम डकार ली. इस धोखे के बाद रामकली ने फिर से ब्लाउज सिलने शुरू किए तो खुद अपनी कमाई का हिसाबकिताब रखने लगी.

गलती किस की

बिल गेट्स की एक प्रसिद्ध उक्ति है कि यदि आप गरीब परिवार में जन्म लेते हैं तो यह आप की गलती नहीं है पर यदि आप गरीब ही मर जाते हैं तो यह आप की गलती है.

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इसी तर्ज पर यदि कोई महिला पूर्णरूपेण समृद्ध होते हुए भी अपनी नासमझ और अज्ञानता के कारण किसी पर आश्रित हो कर जीती है तो यह उस की गलती है. अपने आसपास ऐसी कई औरतें दिख जाएंगी जो हर तरह से समृद्ध होते हुए भी पति के गुजरने पर बेबस और पराश्रित हो जाती हैं. अफसोस होता है उन की पराधीनता पर. अकसर घरेलू और कई बार कामकाजी कमाऊ पत्नियां भी पति के बताने के बावजूद फाइनैंशियल ज्ञान से बेखबर रहना पसंद करती  हैं. यह गलत है. शुरू से ही पति की सहायिका बन कर सारी जानकारी रखनी चाहिए. बदलते वक्त के साथ खुद को अपडेट भी करते रहना चाहिए. बैंकिंग और टैक्नोलौजी के प्रति आप  की थोड़ी सी जागरूकता भविष्य में बहुत  सहायक होगी.

सरला माथुर 72 वर्ष की आयु में भी काफी सक्रिय रहती हैं. माथुर साहब कुछ वर्षों से बहुत बीमार रहने लगे तो न सिर्फ सरलाजी ने सारी जिम्मेदारियों को अपने पर ले लिया बल्कि बैंक, पोस्ट औफिस, पैंशन और मैडिकल इंश्योरैंस सहित सभी वित्तीय मामलों की लगाम अपने हाथों में थाम लिया. कभी बच्चों के घर जा कर रहने पर भी वे उन पर आश्रित नहीं रहतीं. गृहस्थी की शुरुआत से ही पतिपत्नी के बीच एक मधुर सामंजस्य रहा. जब जिंदगी में जैसी जरूरत पड़ी रोल बदल कर उन्होंने जिंदगी आसान और खुशनुमा बनाए रखी.

यह एक कड़वा सत्य है कि पतिपत्नी में एक को पहले गुजरना है, उम्र में कम होने के चलते ज्यादातर पत्नियां रह जाती हैं. एक तो जुदाई का गम दूसरा अपनी परतंत्रता स्त्रियों पर दोहरी गाज बन गिरती है, इसलिए स्मार्ट वूमन बनिए और जिंदगी को अपनी शर्तों पर जीते रहने की कला से वाकिफ रहिए. आर्थिक स्वतंत्रता ही सुखद, उन्मुक्त जीवन की कुंजी है ताउम्र. -रीता गुप्ता द्य

घर में पेंट करवाने से पहले ये बातें रखें याद

एशियन पेंट का एक विज्ञापन तो आप सभी को याद ही होगा, जिस में सुनील बाबू की जिंदगी आगे बढ़ती रहती है. हर चीज में बदलाव आता रहता है, पर एक चीज जो नहीं बदलती है वह है उन का घर, जो हमेशा नयानया सा लगता है.

अगर आप भी अपने घर को पेंट करवाने की सोच रहे हैं तो थोड़ी समझदारी आप भी दिखाएं ताकि आप का घर भी हमेशा नयानया सा लगे और लोग आप की तारीफ करते न थकें. तो आइए जानते हैं कि घर को पेंट करवाते समय किन बातों का ध्यान रखें और रंगों का चुनाव कैसे करें:

कर्टेंस व इंटीरियर को ध्यान में रखें

जब भी आप अपने घर में पेंट करवाने के बारे में विचार करें, तो सब से पहले देख लें कि आप के घर में कर्टेंस किस तरह के लगे हुए हैं, क्योंकि हमेशा पेंट घर के परदों को, इंटीरियर को ध्यान में रख कर ही करवाना चाहिए क्योंकि उसी से घर का लुक निखरता है.

ऐसा भी हमेशा जरूरी नहीं है कि पूरे घर में एक जैसा ही पेंट करवाएं. आप अपनी चौइस के हिसाब से अलगअलग कमरों में मैच करता पेंट करवा सकते हैं, जो खूबसूरत लगने के साथसाथ आजकल काफी ट्रैंड में भी है. इस के लिए आप किसी ऐक्सपर्ट की राय जरूर लें ताकि आप के घर को सही तरीके से न्यू मेकओवर मिलने में मदद मिल सके.

बच्चों को ध्यान में रख कर करवाएं पेंट 

जब भी घर में पेंट करवाएं तो बच्चों को ध्यान में जरूर रखें. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप के घर में छोटे बच्चे हैं और आप दीवारों पर नौर्मल पेंट करवाने की सोच रहे हैं, तो आप के पेंट के जल्दी खराब होने के साथसाथ बच्चों के द्वारा दीवारों पर लिखने या पेंटिंग करने से वे भद्दी लगने के साथसाथ घर की खूबसूरती को भी कम करती हैं.

इस की जगह आप दीवारों पर औयल पेंट, वाटरपू्रफ पेंट करवा सकते हैं, जिस पर दाग लगने पर वह तुरंत वाश करने पर हट जाता है. साथ ही अगर आप घर को खूबसूरत बनाने के लिए अच्छा व महंगा पेंट करवाने का विचार कर रहे हैं तो आप बच्चों के रूम में उन के थीम का ध्यान जरूर रखें क्योंकि उन के रूम में फैवरिट थीम का वाल पेंट जैसे कार्टून करैक्टर्स बगैरा होने से बच्चे उस की ओर अट्रैक्ट होते हैं और वहां बैठ कर मन से हर चीज करने के लिए तैयार हो जाते हैं.

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तरहतरह के पेंट्स

अगर आप अपने घर को फ्रैश लुक देने के लिए पेंट करवाने के बारे में सोच रहे हैं, तो उस के लिए आप को सही पेंट, कलर व उस की फिनिश का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, तभी आप अपने घर को खूबसूरत बना पाएंगे. लेकिन इस के लिए पहले आप को कौनकौन से पेंट मार्केट में उपलब्ध हैं, यह ध्यान में रखना बहुत जरूरी है ताकि आप हर तरह के पेंट के बारे में जान कर आप को अपने घर के लिए पेंट का चुनाव करने में आसानी हो.

तो जानते हैं पेंट्स के बारे में:

– ऐनामेल पेंट औयल बेस्ड पेंट होता है, जो लंबे समय तक टिके रहने के साथसाथ दीवारों को ग्लौसी फिनिश देने के कारण घर को रौयल लुक देने का भी काम भी करते है. यह पेंट उन जगहों पर ज्यादा सूट करता है, जहां ज्यादा मौइस्चर व ह्यूमिडिटी होती है. लेकिन इस पेंट में समय बीतने के साथसाथ क्रैक्स पड़ने शुरू हो जाते हैं.

– डिस्टैंपर पेंट पौकेट फ्रैंडली होने के साथसाथ इन्हें दीवारों पर बिना प्राइमर अप्लाई किए डाइरैक्ट अप्लाई किया जा सकता है. लेकिन ये वाटरपू्रफ नहीं होते. गीला होने पर डिस्टैंपर निकल जाता है.

– टैक्सचर पेंट दीवारों को काफी यूनिक टच देने का काम करता है. यह वाटरपू्रफ होने के साथसाथ दीवारों पर विशेष टैक्नीक का सहारा ले कर दीवारों को खास इफैक्ट देने का काम करता है. लेकिन यह पेंट काफी महंगा होने के साथसाथ इसे ऐक्सपर्ट पेंटर्स ही कर सकते हैं.

– मैटेलिक पेंट वाटर बेस्ड होने के साथसाथ दीवारों को मैटेलिक फिनिश देने के कारण घर को लग्जरियस लुक देने का काम करता है. यह पेंट ज्यादा महंगा होता है, इसलिए यह शानदार इफैक्ट देने के लिए सिर्फ छोटे से हिस्से में ही लगाया जाता है.

– ऐक्रिलिक पेंट वाटरप्रूफ होने के साथसाथ अधिकांश लोगों की पसंद है क्योंकि यह लंबे समय तक चलने के साथसाथ ज्यादा टिकाऊ जो है. यह मैट, साटिन, सिल्क हर तरह की फिनिश में उपलब्ध रहता है. यह दीवारों पर क्रैक्स भी नहीं पड़ने देता. बस इस पेंट को करवाने से पहले दीवारों पर प्राइमर का कोट करवाना जरूरी होता है.

कलर्स का ध्यान रखें

– लिविंगरूम घर का वह रूम होता है, जहां हम परिवार के साथ बैठ कर सब से ज्यादा समय व्यतीत करते हैं. यहां तक कि यही वह रूम होता है, जो बाहर से आए लोगों को अट्रैक्ट करता है. ऐसे में इस खास जगह के लिए न्यूट्रल शेड्स का चुनाव कर सकते हैं.

– अगर आप डाइनिंगरूम को कौफी लुक देना चाहते हैं तो आप रैड शेड्स चूज करें क्योंकि रैड कलर लाइवलीनैस को प्रमोट करने के साथसाथ भूख को भी बढ़ाने का काम करता है.

यही वजह है कि स्पेनिश रैस्टोरैंट्स रैड कलर के फैन हैं. वहीं यलो कलर खुशहाली का प्रतीक होने के साथसाथ आप ज्यादा कंफर्ट हो कर अच्छा खाने के बारे में सोचते हैं. ग्रीन डाइनिंगरूम नेचर के करीब लाने के साथसाथ आप को अच्छा खाने के लिए भी प्रमोट करने का काम करता है.

– बच्चों के रूम में हमेशा सौफ्ट टोन्स वाले पेंट्स ही ज्यादा करवाने चाहिए क्योंकि ये उन्हें शांत व कूल रखने का काम करते हैं.

– बैडरूम घर की वह जगह होती है, जहां हम खुद को रिलैक्स करने के लिए जाते हैं. ऐसे में जब भी बैडरूम के लिए पेंट कलर्स का चयन करें तो वे सौफ्ट कलर्स यानी लाइटर कलर्स औफ टोन्स हों, जो आप को रिलैक्स फील करवाने का काम करें.

– जब बात आए किचन की तो आप किचन  में व्हाइट, ग्रे, ब्लू, रैड, यलो, ग्रीन जैसे शेड्स चूज करें क्योंकि ये कलर्स ज्यादा शाइन  करने के साथसाथ अट्रैक्ट करने का भी  काम करते हैं.

– बाथरूम में व्हाइट कलर काफी बैस्ट रहता है क्योंकि यह हमेशा फ्रैश व क्लीन फील देने का काम करता है, साथ ही आप सौफ्ट ग्रे, लाइट ब्लू, पिस्ता, लाइट ग्रीन जैसे शेड्स भी ट्राई कर सकते हैं. ये कलर्स भी काफी कूल फील देने का काम करते हैं.

ट्रैडिशनल पेंट्स का भी ट्रैंड

अगर आप अपने घर को ट्रैडिशनल लुक देना चाहते हैं, तो आजकल ट्रैंड में चल रहे मधुबनी पेंट्स से दीवारों को सजा सकते हैं. पहले मधुबनी पेंटिंग रंगोली के रूप में लोगों के सामने प्रस्तुत होती थी, लेकिन अब यह आधुनिक रूप में कपड़ों, दीवारों एवं कागज पर उतर आई है. इस कला को न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी खूब पसंद किया जाता है.

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  बदलाव है जरूरी

अगर आप इन फैस्टिवल्स पर अपने घर को पेंट करवाने के बारे में सोच रहे हैं, तो बदलाव के बारे में जरूर सोचें क्योंकि हम जब भी अपने घर को सालों से एक ही रंग में रंगा हुआ देखते हैं, तो हमें उसे उसी लुक में देखने की आदत सी पड़ जाती है. ऐसे में हम बदलाव करना जरूरी नहीं समझते. लेकिन दीवारों पर पेंट न सिर्फ आप के घर को खूबसूरत बनाता है बल्कि अलगअलग दिल को छू जाने वाले रंगों के बीच जब हम रहते हैं तो वे हमारे अंदर पौजिटिव ऐनर्जी का संचार करते हैं और यही पौजिटिव ऐनर्जी हमें अच्छा सोचने, कुछ नया करने के लिए प्रेरित करती है.

  बजट का भी ध्यान रखें

जब भी अपने घर में पेंट करवाएं, तो जल्दबाजी न करें क्योंकि इस से आप को क्वालिटी वर्क भी नहीं मिलेगा और साथ ही आप का बजट भी गड़बड़ा जाएगा. अगर आप इन फैस्टिवल्स पर अपने घर को रंगने का विचार कर रहे हैं तो और देर न करें, बल्कि कुछ ही दिनों में निर्णय ले कर अपने घर में पेंट का काम शुरू करवा सकते हैं. इस से आप को जरूरत के हिसाब से कहां कौन सा पेंट करवाना है, कौन सा कलर करवाना है, किस ऐक्सपर्ट पेंटर से पेंट करवाना है, समय होने के कारण निर्णय लेने में आसानी होगी और आप अपने बजट का भी ध्यान रख पाएंगे.

फैमिली के लिए बनाएं राइस पीनट्स फ्राइड इडली

इडली एक हेल्दी डिश है, जिसे कई तरह से परोसा जा सकता है. आज हम आपको राइस पीनट्स फ्राइड इडली की रेसिपी के बारे में बताएंगे, जिसे आप अपनी फैमिली के लिए बना सकते हैं.

सामग्री

– 1 कप चावल पके

– 1/2 कप मूंगफली के दाने उबले

– 4-5 लालमिर्च साबूत उबली

– 1/2 कप दही – 1/4 कप सूजी

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– 11/2 छोटे चम्मच राईदाना

– 8-10 करीपत्ते

– 4-5 हरीमिर्चें

– 1 छोटा चम्मच उरद दाल

– 1 छोटा चम्मच चना दाल

– 1 बड़ा चम्मच रिफाइंड

– नमक स्वादानुसार.

विधि

चावल, मूंगफली के दाने, लालमिर्च और दही डाल कर ग्राइंड कर लें. पैन में रिफाइंड गरम कर के राई और उरद दाल डालें. तड़कने लगे तो सूजी डाल कर 1 मिनट भूनें. अब सूजी को चावल के मिश्रण में डाल कर मिला लें. नमक डाल कर दोबारा मिक्स करें व इडली के सांचे में चिकनाई लगा कर तैयार मिश्रण डालें और स्टीम करें. फ्राइंग पैन में फिर से रिफाइंड गरम कर के राई, चीरा लगी हरीमिर्चें, उरद दाल, चना दाल व करीपत्ते डाल कर तड़कने पर इडली को काट कर तड़के में मिक्स कर दें. आंच बंद कर के सर्विंग बाउल में निकालें व चटनी के साथ परोसें.

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