सहेली का दर्द: भाग 1- कामिनी से मिलने साक्षी क्यों अचानक घर लौट गई?

ट्रेन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाली थी. साक्षी सामान संभाल रही थी. उस ने अपने बालों में कंघी की और अपने पति सौरभ से बोली, ‘‘आप भी अपने बाल सही कर लें. यह अपने कुरते पर क्या लगा लिया आप ने? जरा भी खयाल नहीं रखते खुद का.’’

‘‘अरे यार, रात को डिनर किया था न. लगता है कुछ गिर गया.’’

तीखे नैननक्श, सांवले रंग की साक्षी मध्यवर्गीय परिवार से संबंध रखती थी. पति सौरभ सरकारी विभाग में बाबू था. शादी को 15 साल होने जा रहे थे. दोनों का 1 बेटा करीब 13 साल का था. लेकिन इस वक्त उन के साथ नहीं था.

साक्षी जब पढ़ती थी तब कसबे में एक ही सरकारी गर्ल्स कालेज था. उस में ही मध्यवर्गीय और उच्चवर्ग के घरों की लड़कियां स्कूल से आगे की पढ़ाई पूरी करती थीं. कसबे के करोड़पति व्यापारी की बेटी कामिनी भी साक्षी की कक्षा में थी. वह चाहती तो यह थी कि शहर में जा कर किसी बड़े नामी कालेज में दाखिला ले, लेकिन उसे इस बात की इजाजत नहीं मिली.

साक्षी और कामिनी ने सरकारी कालेज में ही बीए किया. दोनों में इतनी गहरी मित्रता थी कि दोनों की सुबहशाम साथ ही गुजरती थीं. साथसाथ पलीबढ़ी हुई दोनों सहेलियां मित्रता की एक मिसाल थीं. बीए के बाद दोनों की शादी के रिश्ते आने लगे. कामिनी की शादी हो गई. शादी के बाद वह दिल्ली में अपनी ससुराल चली गई.

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इधर साक्षी के परिजनों के पास शादी में खर्च को ज्यादा कुछ नहीं था. उस की शादी में कुछ दिक्कतें आईं. 1 साल बाद साक्षी की शादी भी कामिनी की ससुराल के कसबे में ही हो गई. दोनों सहेलियां शादी के बाद बिछुड़ गईं. साक्षी को इतना तो पता था कि कामिनी दिल्ली में है, लेकिन पताठिकाना क्या है, यह उसे नहीं पता था. वह अपने सरकारी बाबू पति सौरभ के साथ जीवन व्यतीत कर रही थी. छोटा सा कसबा ऊपर से पति एक मामूली बाबू. सुबह से शाम, शाम से रात हो जाती. सब कुछ नीरस सा लगता साक्षी को. वह सोचती यह भी कोई जिंदगी है, कुछ भी नया नहीं. उसे रहरह कर कामिनी की याद आती. सोचती कामिनी दिल्ली में है, कितने मजे में रहती होगी.

दोनों की शादी को कई बरस गुजर गए. कामिनी का अतापता नहीं था, क्योंकि उस के पिता ने अपना कारोबार कसबे से समेट कर दिल्ली में शुरू कर लिया था. कसबे से आनाजाना छूटा तो कामिनी भी दिल्ली की हो कर रह गई.

शादी के 14 साल बाद शहर से एक दिन कामिनी के पिता किसी काम से कसबे में आए, तो साक्षी से भी मिले. वे साक्षी को भी अपनी बेटी की ही तरह मानते थे. साक्षी ने उन से कामिनी का मोबाइल नंबर लिया. साक्षी ने कामिनी से बातें कीं. जब भी टाइम मिलता दोनों मोबाइल पर बातें करतीं.

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कामिनी ने साक्षी को दिल्ली आने का निमंत्रण दिया. साक्षी कई दिनों तक टालती रही. आखिर एक दिन उस ने अपने पति सौरभ को दिल्ली ले चलने को राजी कर लिया.

कामिनी के निमंत्रण पर ही साक्षी अपने पति के साथ दिल्ली जा रही थी. कामिनी ने कहा था कि वह उसे लेने रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाएगी. साक्षी पहली बार दिल्ली जा रही थी. वह बहुत खुश थी. उस की उम्मीदों को पंख लग रहे थे. दिल्ली जिस का अभी तक नाम सुना था, उसे देखेगी. सब से बड़ी बात कामिनी से 15 साल बाद मिलेगी. बहुत सारी बातें करेगी. उस ने सुना था खूब धनदौलत, ठाटबाट हैं कामिनी के ससुराल में. उस का पति वैभव भी काफी हैंडसम और तहजीब वाला इनसान है.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पहुंच चुकी थी. साक्षी जैसे ही गेट पर पहुंची सामने कामिनी खड़ी नजर आई. दोनों की नजरें जैसे ही मिलीं होंठों पर मुसकान तैर गई. साक्षी को तो यों लगा जैसे जीवन में बाहर आ गई हो. कामिनी को देख कालियों की तरह उस का रोमरोम खिल उठा. कामिनी तो वैसे के वैसी थी, बल्कि उस का रंगरूप और निखर गया था. जींस और टौप पहने थी. उम्र पर तो जैसे ब्रेक ही लगा लिया था उस ने. वह आज भी कालेज बाला सी लग रही थी.

दिल्ली की सड़कों पर कामिनी की कार दौड़ रही थी, जिसे वह खुद ड्राइव  कर रही थी. बराबर में साक्षी बैठी थी और पीछे वाली सीट पर साक्षी का पति सौरभ.

‘‘जीजू क्यों नहीं आए तेरे साथ? अकेली क्यों चली आई?’’ साक्षी ने कामिनी के कंधे पर हाथ मारते हुए पूछा.

‘‘अरे यार, यह दिल्ली है. यहां सब अपनेअपने हिस्से की लाइफ जीते हैं,’’ कामिनी ने आंखें तरेरते हुए जवाब दिया.

‘‘क्या जीजू से बनती नहीं तेरी?’’ साक्षी ने सवाल किया.

‘‘अरे, नहीं यार. ऐसी कोई बात नहीं है. दरअसल, वैभव रात को देर से आते हैं. आने के बाद भी कंप्यूटर पर काम निबटाते हैं, तो सुबह जल्दी नहीं उठ पाते,’’ कामिनी ने कहा.

‘‘अच्छा… यह तो बड़ी दिक्कत है भई.’’

‘‘दिक्कत क्या है साक्षी? अब तो रूटीन लाइफ हो गई है,’’ कामिनी ने कहा.

दोनों की बातचीत में रेलवे स्टेशन और घर के बीच का रास्ता कब कट गया पता ही नहीं चला. कामिनी का घर, घर नहीं एक महल था. कई लग्जरी गाडि़यां खड़ी थीं. घर के बाहर गार्ड, माली अपने काम में लगे थे. जैसे ही गाड़ी रुकी, गार्ड ने बड़ा सा दरवाजा खोला. कामिनी कार को सीधा कोठी के अंदर ले गई. कार जैसे ही रुकी, 2 नौकर दौड़ कर पास आए. यह सब देख साक्षी को कामिनी से एक पल के लिए ईर्ष्या हुई कि क्या ठाट हैं यार इस के.

‘‘गाड़ी का सामान निकालो और गैस्ट हाउस में ले जाओ,’’ कामिनी ने नौकरों को आदेश दिया.

‘‘आओ साक्षी, जीजू प्लीज, आप भी आइए,’’ कामिनी ने कहा.

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साक्षी और सौरभ देखते रह गए. उन्होंने इधरउधर नजरें दौड़ाईं. सब कुछ व्यवस्थित नजर आया. सौरभ ने साक्षी को कुहनी मारी और इशारों में कहा कि देखा क्या ठाट हैं, उन्हें लगा वे किसी फिल्मी सैट पर आ गए हैं. अब तक इस तरह का बंगला, गाडि़यां  फिल्मों में ही देखी थीं इन्होंने.

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आर्थिक प्रबंधन है बेहद जरूरी

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान रेवती को एक दिन अचानक कुछ कोरोना के लक्षण प्रतीत हुए तो हॉस्पिटल में एडमिड रहना पड़ा,  1सप्ताह बाद जब घर आयीं तब तक उनकी लगभग समस्त जमापूंजी इलाज पर खर्च हो चुकी थी क्योंकि उनके परिवार का कोई मेडिकल बीमा नहीं था.

कोरोना के कारण राजाराम जी की अचानक मृत्यु हो गयी. उनके जाने के बाद जब ऑफिसियल और इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए कागजों की तलाश की गई तो पता चला कि उन्होंने किसी को अपना नॉमिनी ही नहीं बनाया था. इससे क्लेम मिलने में देरी तो हुई ही साथ ही नॉमिनी रजिस्टर करवाने के लिए अनावश्यक रूप से अनेकों ऑफिसों के चक्कर भी लगाने पड़े सो अलग.

अस्मिता के घर में वित्तीय मामले उसके पति ही सम्भालते थे. उसे न तो इन्वेस्टमेंट के बारे में कोई जानकारी थी और न ही सेविंग्स के बारे में एक दिन अचानक उसके पति को हार्टअटैक आया और वे चल बसे. उनके जाने के बाद सब कुछ समझने में उसे काफी वक्त लग गया दूसरों की अनावश्यक मदद तो लेनी ही पड़ी साथ ही कई प्लान्स की तो किश्तें भी लेट हो गई जिसके कारण पेनॉल्टी  भरनी पड़ी.

हमारे सामाजिक ढांचे में आमतौर पर भारतीय परिवार पुरुष प्रधान होते हैं घर के आर्थिक मामलों का हिसाब किताब वे ही रखते हैं. इसके अतिरिक्त कई परिवारों में जब पति अपनी पत्नियों को इस बाबत जानकारी देना भी चाहते हैं तो वे, “हमें वैसे ही घर के क्या कुछ कम काम हैं जो अब ये भी सम्भालें कहकर झिटक देतीं हैं.” परन्तु कोरोना जैसे छोटे से वायरस ने मानव जीवन की अनिश्चितता को पूरी दुनिया के सामने ला खड़ा किया है. कब परिवार पर कोरोना कहर बनकर टूट पड़ेगा ये कोई भी नहीं जानता इसलिए वर्तमान परिदृश्य में घर का वित्तीय प्रबंधन करना बेहद आवश्यक है जिसमें बचत, मेडिकल बीमा और इन्वेस्टमेंट जैसे मुद्दे अवश्य शामिल हों.

-परिवार को जानकारी देना है आवश्यक

अपने बचत खाते, डिपॉजिट, लॉकर, क्रेडिट कार्ड प्रोविडेंट फण्ड , लोन, इन्वेस्टमेंट आदि के बारे में अपने जीवन साथी , बच्चों, माता पिता अथवा किसी भरोसेमन्द को अवश्य बताएं. इस सम्बंध में सी ए रविराज जी कहते हैं, “एक डायरी में सभी इन्वेस्टमेंट, बैंक खाते, उनके पिन, और भविष्य में जमा की जाने वाली किश्तों के बारे में विस्तृत विवरण लिखा जाना चाहिए और इसके बारे में परिवार के प्रत्येक सदस्य को जानकारी होना चाहिए ताकि वक़्त पड़ने पर उसका उपयोग किया जा सके.”

-नामांकन करें

पासबुक, एफ डी या आपका अन्य कोई भी इन्वेस्टमेंट हो सभी जगह पर अपनी पत्नी या बच्चों को नॉमिनी अवश्य बनाएं ताकि आपके जाने के बाद क्लेम लेने में किसी भी प्रकार की परेशानी न आये. इसके साथ ही नॉमिनी को अपडेट कराना भी बेहद आवश्यक है क्योंकि विवाह से पूर्व आमतौर पर युवा अपने माता पिता को नॉमिनी बनाते  हैं, इसके अतिरिक्त कई बार जीवन के उत्तरार्द्ध में जीवनसाथी की मृत्यु हो जाती है ऐसे में अपडेट के अभाव में क्लेम लेने में परेशानी आती है

– अपनी वसीयत बनाएं

आपके जाने के बाद आपकी परिसंपत्तियों को लेकर परिवार के सदस्यों में कोई झगड़ा या मनमुटाव न हो इसके लिए वसीयत बनवाना अत्यंत आवश्यक है. कोरोना के इस भयावह काल में अनेकों बच्चों के माता पिता दोनों की मृत्यु हो गयी ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वसीयत बनाना अत्यंत आवश्यक है जिससे बच्चों की समुचित देखभाल के लिए आप परिवार के विश्वसनीय व्यक्ति को नियुक्त कर सकें

-मेडिकल बीमा करवाएं

आजकल अनेकों बीमा कम्पनियां मेडीकल बीमा करतीं हैं आप अपनी सुविधानुसार परिवार का बीमा करवाएं इससे आपकी बीमारी पर होने वाला खर्च काफी कम हो जाता है, चूंकि इसका प्रीमियम साल में एक बार ही देना होता है इसलिए आसानी से इसे भरा जा सकता है.

-मेडिकल बजट बनाए

आजकल बीमार पड़ने पर पैथोलॉजिकल टेस्ट्स, डॉक्टर की फीस आदि पर बहुत खर्च आता है, आवश्यकता पड़ने पर इन खर्चों को सहजता से मैनेज करने के लिए घर का मेडिकल बजट बनाएं इसमें आप अपनी आय का कुछ भाग प्रतिमाह अवश्य जमा करें ताकि जरूरत पड़ने पर इस अतिरिक्त खर्च को आसानी से मैनेज किया जा सके.

REVIEW: जानें कैसी हैं शिल्पा शेट्टी और परेश रावल की ‘Hungama 2’

रेटिंगः एक स्टार

निर्माताः वीनस वल्र्डवाइड इंटरटेनमेंट

निर्देशकः प्रियदर्शन

कलाकारः परेश रावल, शिल्पा शेट्टी, आशुतोष राणा, मिजान जाफरी,  प्रणिता सुभाष, टीकू टलसानिया, जॉनी लीवर, राजपाल यादव, मनोज जोशी व अन्य.

अवधिः दो घंटे 36 मिनट

ओटीटी प्लेटफार्मः हॉट स्टार डिजनी

मशहूर फिल्मसर्जक प्रियदर्शन हमेशा अपनी सफल मलयालम फिल्मों का ही हिंदी रीमेक बनाते रहे हैं. इस बार वह अपनी 1994 की सफल मलयालम हास्य फिल्म ‘‘मिन्नारम’’का हिंदी रीमेक ‘‘हंगामा 2’’लेकर आए हैं, जिसे 2003 की उनकी सफलतम हिंदी फिल्म ‘हंगामा’का सिक्वअल बताया जा रहा है. दो घंटे 36 मिनट लंबी हास्य फिल्म ‘हंगामा 2’’देखकर हंसी आती ही नही है.

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कहानीः

कहानी के केंद्र में दो परिवार हैं. एक परिवार वकील राधे तिवारी(  परेश रावल)  और उनकी पत्नी अंजली( शिल्पा शेट्टी) का है. और दूसरा परिवार तिहाड़ जेल में सुपरीटेंडेंट रहे कपूर(  आशुतोष राणा )  का है. कपूर के परिवार में उनके दो बेटे अमन(रमन त्रिखा )  और आकाश(मिजान जाफरी) तथा एक बेटी है. अमन की पत्नी श्वेता(नायरा शाह) हैं. अमन के तीन बेटे व एक बेटी छोटे है और वह अपने दादाजी कपूर के साथ ही रहते हैं. कपूर के घर मे रसोइया नंदन(टीकू टलसानिया) है. अमन व श्वेता विदेश में रहते हैं. अमन व श्वेता के बीच तलाक होते होते बचा है. इधर कपूर ने अपने दूसरे बेटे आकाश का विवाह अपने मित्र बजाज(मनोज जोशी )  की बेटी सिमरन के साथ तय कर दी है. अमन की जिंदगी व कैरियर को सुधारने के लिए कपूर अपने मित्र बजाज से दस करोड़ रूपए उधार भी मागते हैं. आकाश व सिमरन की सगाई होने से पहले ही एक दिन वाणी(प्रणिता सुभाष )  एक छोटी बच्ची गहना के साथ कपूर के घर पहुंचती है और दावा करती है कि वह आकाश की पत्नी तथा गहना आकाश की बेटी है. आकाश यह स्वीकार करता है कि  कालेज में वह वाणी से प्यार करता था. उनके इस प्यार कीक हानी से कालेज कैंटीन का मैनेजर पोपट (राजपाल यादव ) वाकिफ है. मगर उसने वाणी से शादी नही की है. वाणी धमकी देती है कि न्याय न मिलने पर वह कपूर के घर के बाहर बैठकर धरना देगी. मामले को सुलझाने तक कपूर, वाणी को अपने घर में रहने के लिए कह देते हैं और सच का पता लगाना शुरू करते हैं. इस बीच वह वाणी का सच बजाज से भी छिपाने की कोशिश करते रहते हैं. आकाश इस मुसीबत से बचने के लिए अंजली की मदद लेता है. कपूर, अंजली से कह देते हैं कि यह बात राधे तिवारी को भी पता न चले. राधे छिपकर अंजली व आकाश की बातें सुनकर अंदाजा लगाता है कि उसकी पत्नी अंजली, आकाश के बेटे क मां बनने वाली है.  अब राधे, आकाश  की हत्या करना चाहता है. उधर आकाश अपने तरीके से वाणी से छुटकारा पाना चाहता है. . पर हर बार असफलता ही हाथ लगती है.

लेखन व निर्देशनः

इस फिल्म की सबसे बड़ी कमजोर कड़ी इसके पटकथा लेखक युनुस सजावल और निर्देशक प्रियदर्शन हैं. इसके अलावा कई किरदारों में कलाकारों का गलत चयन भी कमजोर कड़ी है. इसका अहसास इसी बात से लगाया जा सकता है कि मलयालम फिल्म में जिस किरदार को मोहनलाल ने निभाया था, उसी किरदार में यहां मिजान हैं. निर्देशक प्रियदर्शन  इस बात को भूल गए कि मलयालम भाषी और हिंदी भाषी दर्शकों की रूचि अलग है. हिंदी रीमेक करते समय कुछ बदलाव करने चाहिए थे, प्रियदर्शन अतीत में अपनी हर फिल्म के साथ ऐसा करते रहे हैं. मगर इस बार प्रियदर्शन ने अपनी मलयालम फिल्म ‘मिन्नारम’’का हिंदी रीेमेक करते समय सीन दर सीन फिल्मा डाला. मगर मलयालम फिल्म के इमोशनल कर देने वाले क्लायमेक्स को हिंदी में बदलकर फिल्म का बंटाधार कर दिया. इतना ही नही संवाद लेखक ने मलयालम फिल्म के संवादों का शब्दशः हिंदी में अनुवाद कर डाला. इससे ह्यूमर खत्म हो गया. कुछ संवाद अति घटिया व पुराने हैं. एक दो दृश्यों को नजरंदाज कर दें, तो हंसी आती ही नही है. फिल्म में  कहानी के एक दो सब प्लॉट बेवजह ठूंसे हुए लगते हैं. इसमें जबरन ठूंसा हुआ हास्य जरुर है. पहली बार प्रियदर्शन ने अपने प्रशंसको को बुरी तरह से निराश किया है.

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अभिनयः

पूरे 14 वर्ष बाद शिल्पा शेट्टी ने इस फिल्म से अभिनय में वापसी की है, मगर उनका वनवास खत्म नही हुआ. अंजली के किरदार के साथ न्याय करने में असफल रही हैं. राधे तिवारी के किरदार में परेश रावल भी नही जमे. परेश रावल की बॉडी लैंगवेज, उनके संवाद व उनकी हरकतों से हंसी नही आती. कपूर के किरदार में आशुतोष राणा काफी निराश करते हैं. आकाश के किरदार के लिए मिजान का चयन ही गलत रहा. मिजान को अभी अपने अभिनय को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है. मिजान के चेहरे पर भाव ही नही आते हैं. एक दृश्य है जब प्रणिता सुभाष आती है, उसे देखकर आकाश के चेहरे पर डर,  गुस्सा, प्रणिता को पहचानते हुए भी न पहचानने का नाटक करने के भाव चेहरे पर एक साथ आने चाहिए थे, पर उनका चेहरा एकदम सपाट रहता है. यह निर्देशक की भी कमी है कि उसने ऐसे दृश्य को ओके कर दिया. वाणी के किरदार में प्रणिता सुभाष कुछ नही कर पायी. प्रणिता को अभिनय की ट्रेनिंग लेना चाहिए. टीकू टलसानिया के किरदार को ठीक से गढ़ा ही नहीं गया. जॉनी लीवर की प्रतिभा को जाया किया गया है. अक्षय खन्ना छोटे से किरदार में भी अपनी छाप नही छोड़ पाते. पोपट के किरदार में राजपाल यादव भी नही जमे. उनकी कॉमिक टाइमिंग भी गड़बड़ है. मनोज जोशी का भी अभिनय बहुत खराब है.

क्या ‘दयाबेन’ के बाद ‘बबीता जी’ छोड़ेंगी ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’? पढ़ें खबर

सब टीवी का पौपुलर कौमेडी सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा टीआरपी चार्ट्स में टौप 5 में बना रहता है. वहीं सीरियल के किरदार भी घर-घर में फेमस हो चुके हैं. हालांकि अभी तक दयाबेना यानी दिशा बेन शो से गायब हैं, जिसके चलते फैंस काफी दुखी रहते हैं. इसी बीच खबरें हैं कि बबीता जी के रोल में नजर आने वाली मुनमुन दत्ता शो छोड़ने वाली हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

विवादों के चलते सुर्खियों में हैं बबीता जी

बीते दिनों एक विवाद के कारण सुर्खियां बटोरने वाली एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता सीरियल से गायब हैं, जिसके चलते फैंस कयास लगा रहे हैं कि कही बबीता जी ने भी तो शो को अलविदा कह नही दिया है. दरअसल, कोरोना के चलते  महाराष्ट्र में शूटिंग बैन होने की वजह से कलाकारों और क्रू को दमन में शिफ्ट किया गया है. वहीं मुनमुन दत्ता इसलिए शूटिंग का हिस्सा नहीं बनी थीं. लेकिन बावजूद इसके कास्ट के मुंबई लौटने के बावजूद सेट पर वापस नहीं आई हैं.

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शो छोड़ने की खबरें पर बोले प्रौड्यूसर

खबरों की मानें तो कहा जा रहा है कि जातिवाचक शब्द का इस्तेमाल करने वाले विवाद के कारण बबीता जी यानी मुनमुन दत्ता सेट पर नहीं लौटी हैं. लेकिन इसी बीच सीरियल के प्रोडक्शन हाउस ने मुनमुन दत्ता के शो छोड़ने की खबरों को केवल अफवाह बताया है. दरअसल, तारक मेहता का उल्टा चश्मा के प्रोडक्शन हाउस और नीला फिल्म प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड  के मालिक असित कुमार मोदी ने इस खबर पर पुष्टि करते हुए कहा है कि “मुनमुन दत्ता बतौर बबीता जी तारक मेहता का उल्टा चश्मा का हिस्सा बनी हुई हैं. उनके शो छोड़ने के बारे में कोई भी अफवाहें निराधार और गलत हैं.”

बता दें, सीरियल की शुरुआत से ही बबीता जी के रोल में मुनमुन दत्ता को फैंस ने काफी पसंद किया है, जिसके चलते वह फैंस के बीच काफी पौपुलर हैं. वहीं जेठालाल के साथ उनकी कैमेस्ट्री फैंस को काफी पसंद आती हैं.

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गमले खरीदने से पहले जान लें ये बातें

बारिश के साथ ही मौसम की फिजा में घुल जाती है ठंडक और चारों तरफ हरियाली अपनी छटा बिखेर देती है. इस मौसम में हम अपने घरों की छोटी सी बगिया को भी नए पौधों से सजाते हैं  आजकल फ्लैट कल्चर प्रचलन में है जहां पर अपने बागवानी के शौक को पूरा करने के लिए हमारे पास केवलबालकनी होती है. इसीलिए आजकल जमीन की अपेक्षा गमलों में ही पौधे लगाए जा सकते हैं.

आजकल बाजार में मिट्टी, सिरेमिक, सीमेंट और प्लास्टिक के विविध डिजाइन्स में गमले मौजूद हैं. पौधे लगाने से पूर्व प्रत्येक प्रकार के गमले की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है ताकि आप अपनी आवश्यकतानुसार गमले खरीद सकें.

मिट्टी के गमले

इनमें पानी की निकासी सुगमता से होती है इसलिए ये सभी प्रकार के पौधों के लिए उपयुक्त होते हैं. चूंकि ये पानी अधिक सोखते हैं इसलिए गर्मियों में इन्हें अधिक पानी की आवश्यकता होती है.

सीमेंट के गमले

पानी की निकासी तो आसानी से होती ही है परन्तु वजन में भारी होने के कारण इन्हें शिफ्ट करना मुश्किल होता है. छत के लिए ये गमले उपयुक्त नहीं होते.

प्लास्टिक के गमले

आजकल बाजार में इनकी भरमार है, ये भांति भांति के डिजाइन और रंगों में उपलब्ध हैं. वजन में हल्का होने के कारण इन्हें कहीं भी टांगा या रखा जा सकता है. अक्सर पानी की समुचित निकासी न हो पाने से पौधा सड़ने लग जाता है इसलिए इन्हें प्रयोग करने से पूर्व इनमें नीचे छेद करना उचित रहता हैं.

सिरेमिक और पीतल के गमले

इन्हें आमतौर पर कम रोशनी वाले इंडोर पौधों के लिए प्रयोग किया जाता है. इन्हें अधिक देखभाल और पर्याप्त सफाई की आवश्यकता होती है. मिट्टी और सीमेंट के गमलों की अपेक्षा इनकी कीमत अधिक होती है.

हैंगिग गमले

ये आमतौर पर प्लास्टिक के होते हैं इनमें छोटे और कम जगह घेरने वाली जड़ों के पौधों के लिए प्रयोग किया जाता है. बालकनी की रेलिंग या छत की बाउंड्री वाल के लिए ये उपयुक्त होते हैं.

रखें इन बातों का ध्यान

जब आप गमले खरीदने जाएं तो इन बातों का ध्यान अवश्य रखें-

-गुलाब के लिए सीमेंट या मिट्टी का ही गमला खरीदें ताकि पानी की समुचित निकासी हो सके क्योंकि इसे अधिक पानी की आवश्यकता होती है.

-सेक्युलेन्ट अर्थात कैक्टस जैसे गूदेदार पौधों को आप किसी भी प्रकार के गमले में लगा सकते हैं क्योंकि इसे बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है.

-बोन्साई पौधों के लिए कम गहरे परन्तु चौड़े तसले या ट्रेनुमा गमले खरीदें ताकि इनकी जड़ों को फैलने की जगह मिल सके.

-लौकी, तोरई या पान के पौधों के लिए गहरे और चौड़े गमले लेना उचित रहता है.

-यदि आप पोर्च, बालकनी या लिविंग रूम जैसी कम धूप वाली जगह  में गमले रखना चाहतीं हैं तो प्लास्टिक के गमले ले सकतीं हैं.

-इंडोर पौधों के लिए सिरेमिक या प्लास्टिक की डिजाइन वाले गमले उपयुक्त रहते हैं.

Monsoon Special: नाश्ते में बनाएं पैनकेक चीज सैंडविच

बारिश में अक्सर कुछ चटपटा खाने का मन करता है. नाश्ता हर गृहिणी के लिए अक्सर बहुत बड़ी समस्या होती है क्योंकि इसे हर सुबह या शाम को बनाना होता है इसलिए इसका पौष्टिक होना भी अत्यंत आवश्यक है. हमारे घरों में सैंडविच बनाने के लिए आमतौर पर ब्रेड का प्रयोग किया जाता है परन्तु एक तो मैदा से बनाई जाने के कारण दूसरे प्रिजर्वेटिव इत्यादि डाले जाने से इसका कम से कम प्रयोग किया जाना चाहिए. यूं भी पौष्टिकता के लिहाज ताजे खाद्य पदार्थ ही खाना चाहिए. इसी तारतम्य में आज हम आपको बेसन से सैंडविच बनाना बता रहे हैं. बेसन को मूलतः चने की दाल को पीसकर बनाया जाता है इससे अनेकों मिठाईयां, नाश्ते और सेव आदि नमकीन बनाये जाते हैं. तो आइए देखते हैं कि इसे कैसे बनाया जाता है-

कितने लोंगों के लिए         4

बनने में लगने वाला समय    30 मिनट

मील टाइप                        वेज

सामग्री

बेसन                                1 कप

सूजी                                 1/4 कप

नमक                                स्वादानुसार

खाने वाला पीला रंग            1 चुटकी

मीठा सोडा                        1/4 टीस्पून

तेल                                    2 टेबलस्पून

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सामग्री (फिलिंग के लिए)

बारीक कटी शिमला मिर्च         1

बारीक कटी गाजर                   1

कटी हरी मिर्च                          4

कटा हरा धनिया                   1 टेबलस्पून

उबला मैश किया आलू           1

किसा चीज                           2 टेबलस्पून

नमक                                  1/4 टीस्पून

लाल मिर्च                             1/2 टीस्पून

चाट मसाला                         1/4 टीस्पून

विधि

बेसन और सूजी को एक कप पानी में घोलकर 15 मिनट के लिए रख दें ताकि सूजी फूल जाए. भरावन की समस्त सामग्री को एक साथ मिला लें. अब बेसन के घोल में आधा कप पानी, सोडा, नमक और पीला रंग डालकर अच्छी तरह चलाएं.  एक नॉनस्टिक पैन में तेल लगाकर तैयार बेसन के मिश्रण से मंदी आंच पर दोनों तरफ हल्का सा  सेंककर पैनकेक बनाएं. इसी तरह सारे पैनकेक तैयार करें. 1 टेबलस्पून भरावन के मिश्रण को एक पैनकेक पर फैलाएं, ऊपर से दूसरे पैनकेक से कवर कर दें. एक नॉनस्टिक पैन में 1 चम्मच मक्खन लगाकर तैयार सैंडविच को रखकर ढक दें ताकि चीज मेल्ट हो जाये. पलटकर दूसरी तरफ से भी सेकें. बीच से काटकर टोमेटो सॉस के साथ सर्व करें.

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Anupamaa से लेकर Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin तक, रीजनल शोज के हिंदी रीमेक हैं ये 7 सीरियल

टीवी इंडस्ट्री पर इन दिनों कई नए सीरियल टीआरपी लिस्ट में धमाल मचा रहे हैं. अनुपमा की कहानी से लेकर सीरियल गुम है किसी के प्यार में आज घर-घर में फेमस हो चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं आपके हिंदी फेमस टीवी सीरियल रीजनल टीवी शो के रिमेक हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

1. अनुपमा

टीआरपी चार्ट्स में इन दिनों पहले नंबर पर धमाल मचाने वाला रूपाली गांगुली (Rupali Ganguly) और सुधांशू पांडे स्टारर सीरियल अनुपमा (Anupamaa) भी रीजनल शो का रिमेक है. दरअसल, बंगाली सीरियल ‘श्रीमोई’ (Sreemoyee) पर बेस्ड सीरियल अनुपमा को मराठी भाषा में भी बनाया गया है, जो फैंस के बीच काफी पौपुलर है.

2. इमली

सुंबुल तौकीर खान (Sumbul Touqueer Khan) और गश्मीर महाजनी (Gashmeer Mahajani) स्टारर सीरियल इमली (Imlie) भी बंगाली सीरियल ‘इश्टी कुटूम’ का रीमेक है, जिसे इन दिनों औडियंस काफी पसंद कर रही हैं. वहीं सीरियल की कहानी भी आए दिन नए मोड़ ले रही है.

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3. गुम है किसी के प्यार में

सुपरहिट सीरियल्स में से एक नील भट्ट (Neil Bhatt), आएशा सिंह (Ayesha Singh) और ऐश्वर्या शर्मा (Aishwarya Sharma) स्टारर ‘गुम है किसी के प्यार में’  (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) भी बंगाली सीरियल कुसुम डोला का हिंदी रीमेक है, जिसे इन दिनों फैंस काफी पसंद कर रहे हैं. वहीं कुछ फैंस ने सई और विराट को #sairat नाम भी दे दिया है.

4. पवित्र रिश्ता

जल्द ही सीरियल पवित्र रिश्ता (Pavitra Rishta 2.0) का दूसरा सीजन शुरु होने वाला है. लेकिन अंकिता लोखंडे (Ankita Lokhande) और सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) स्टारर सीरियल पवित्र रिश्ता (Pavitra Rishta) पहले ही लाखों-करोड़ों दिलों को जीत चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं सीरियल पवित्र रिश्ता तमिल सीरियल थिरुमथि सेल्वम (Thirumathi Selvam) पर बेस्ड सीरियल रह चुका है.

5. कुल्फी कुमार बाजेवाला

टीवी एक्टर मोहित मलिक और आकृति शर्मा स्टारर सीरियल कुल्फी कुमार बाजेवाला (Kulfii Kumar Bajewala) भी फैंस के बीच पौपुलर रहा है. हालांकि ये सीरियल जल्द ही बंद हो गया था. लेकिन ये बंगाली शो ‘पोतोल कुमार गानवाला’ (Potol Kumar Gaanwala) पर बेस्ड सीरियल रह चुका है.

6. ससुराल गेंदा फूल

अमीर बहू और मिडिल क्लास फैमिली की कहानी बताने वाला रागिनी खन्ना (Ragini Khanna) और जय सोनी स्टारर सीरियल ‘ससुराल गेंदा फूल’  (Sasural Genda Phool) भी बंगाली सीरियल ‘ओगो बोधु शुंदोरी’ (Ogo Bodhu Sundari) का रीमेक रह चुका है, जिसे फैंस ने काफी पसंद किया था.

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7. साथ निभाना साथिया

गोपी बहू आज भी घर-घर में फेमस है. वहीं इसका दूसरा सीजन भी इन दिनों काफी पौपुलर हो रहा है. साथ निभाना साथिया  (Saath Nibhana Saathiya ) भी बंगाली सीरीज ‘के ऑपन के पोर’ (Ke Apon Ke Por) का हिंदी रीमेक है, जिसे फैंस ने काफी प्यार दिया है. वहीं आज भी ये फैंस के दिलों पर राज करता है. फफ

Mouni Roy ने कौपी किया Aishwarya Rai Bachchan के Jodhaa लुक, Photos Viral

बौलीवुड एंड टीवी एक्ट्रेस मौनी रॉय (Mouni Roy) अपने हौट लुक के लिए सुर्खियां बटोरती रहती हैं. हालांकि फैंस उनका इंडियन लुक भी काफी पसंद करते हैं. इसी बीच एक्ट्रेस मौनी रौय ने अपनी फैंस को तोहफा देते हुए इंडियन लुक में कुछ फोटोज शेयर की हैं, जिसमें वह जोधा अकबर फिल्म की जोधा यानी ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) के मारवाड़ी लुक को कॉपी करती नजर आ रही हैं. वहीं उनका ये लुक फैंस को काफी पसंद आ रहा है. आइए आपको दिखाते हैं मौनी रौय की लेटेस्ट फोटोज…

रानी के लुक में दिखीं मौनी रॉय

 

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एक्ट्रेस मौनी रॉय (Mouni Roy) ने हाल ही में एक अपकमिंग प्रौजेक्ट की फोटोज सोशलमीडिया पर शेयर की हैं, जिसमें वह मारवाड़ी लुक में नजर आ रही हैं. वहीं फैंस उनके इस लुक की तुलना ऐश्वर्या राय बच्चन के जोधा लुक से कर रहे हैं. हालांकि मौनी रौय का लुक फैंस को काफी पसंद आ रहा है. दऱअसल, फोटोज में एक्ट्रेस मौनी रॉय (Mouni Roy) लाल रंग के जोड़े में दुल्हन की तरह सजी संवरी दिख रही है. वहीं इस लुक पर उनकी मारवाड़ी ज्वैलरी चार चांद लगा रहा है.

 

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ज्वैलरी से हुआ मौनी रौय को प्यार

 

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जोधा लुक के अलावा सेट के लोकेशन की तारीफ करते हुए मौनी रौय ने कुछ और फोटोज शेयर की हैं, जिसमें वह मारवाड़ी ज्वैलरी फ्लौंट करती नजर आ रही हैं. गोल मांगटीका और नथ के साथ मौनी रौय का लुक फैंस का दिल जीत रहा है. इडियन लुक में मौनी फैंस का दिल जीतती नजर आ रही हैं.

अली गोनी के साथ आएंगी नजर

 

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खबरों की मानें तो एक्ट्रेस मौनी रौय जल्द ही टीवी एक्टर अली गोनी संग एक म्यूजिक वीडियो में नजर आएंगी, जिसके चलते फैंस काफी एक्साइटेड हैं. वहीं दोनों की एक साथ फोटोज भी सोशलमीडिया पर वायरल होनी शुरु हो गई हैं.

 

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Monsoon Special: फैमिली के लिए बनाएं तवा पुलाव

अगर आप डिनर में टेस्टी रेसिपी अपनी फैमिली और बच्चों को परोसना चाहते हैं तो तवा पुलाव आपके लिए बेस्ट रेसिपी हैं.

लालमिर्च पेस्ट बनाने के लिए

–  6-7 भीगी हुई साबूत लाल कश्मीरी मिर्च

–  4-5 लहसुन की कलियां

–  1 छोटा चम्मच जीरा.

तवा पुलाव बनाने के लिए  

–  2 बड़े चम्मच बटर

–  1 बड़ा चम्मच औयल

–  1 छोटा चम्मच जीरा

–  1 प्याज कटा हुआ

–  1 बड़ा चम्मच अदरकलहसुन का पेस्ट

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–  1/4 कप लालमिर्च का पेस्ट

–  1 कप पत्तागोभी कटी हुई

–  1/4 कप शिमलामिर्च कटी हुई

–  1 टमाटर कटा हुआ

–  1/2 कप आलू उबले व कटे हुए

–  1/4 कप हरे मटर उबले हुए

–  2 कपचावल उबले हुए

–  1/2 छोटा चम्मच नीबू का रस

–  2 बड़े चम्मच बटर

–  2 बड़े चम्मच पाव भाजी मसाला

–  नमक स्वादानुसार.

गार्निशिंग के लिए 

–  1 टमाटर कटा हुआ

–  थोड़ीसी धनियापत्ती कटी

–  टुकड़ों में कटा हुआ नीबू.

सर्व करने के लिए

–  पापड़ भुना हुआ

–  टमाटर का रायता.

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बनाने का तरीका

ब्लैंडर में भीगी हुई लालमिर्च, जीरा और लहसुन डाल कर पेस्ट तैयार कर के एक तरफ रख दें. फिर एक पैन में बटर और औयल गरम कर उस में जीरे को चटकाएं. फिर प्याज डाल कर अच्छी तरह चलाते हुए सुनहरा होने तक भूनें. अब अदरकलहसुन व तैयार लालमिर्च का पेस्ट डाल कर थोड़ी देर और चलाएं. इस के बाद इस में सारी सब्जियों को डाल कर अच्छी तरह 5-6 मिनट तक पकाएं. अब इस में चावल के साथ नमक डालते हुए अच्छी तरह मिलाएं. फिर इस में नीबू, बटर और पाव भाजी मसाला डाल कर एक बार चलाएं. अब टमाटर, धनियापत्ती और नीबू से गार्निश कर के टमाटर के रायते और पापड़ के साथ गरमगरम सर्व करें.

Monsoon Special: बारिश के मौसम में ऐसे करें स्किन की खास देखभाल

बारिश के मौसम में त्वचा का खास ख्याल रखना और भी जरुरी होता है, क्योंकि हवा में बढ़ी हुई नमी के कारण त्वचा चिपचिपी और बेजान हो जाती है. आइए जानें त्वचा की देखभाल करने के कुछ खास घरेलू उपाय.

– हफ्ते में कम से कम दो बार एक्सफोलिएट करें.

– फ्रूट एक्सट्रैक्ट से बना फेस वाश का इस्तेमाल करें.

– जितनी बार भी चेहरा धोएं, स्किन ब्राइटनिंग टोनर का इस्तेमाल जरुर करें, ताकि त्वचा के रोमछिद्र बंद हो जाएं.

– हेवी मौइश्चराइजिंग क्रीम्स, क्रीम बेस्ड मेकअप और आयली फाउंडेशन्स के इस्तेमाल से बचें.

– आयली स्किन के लिए मिंट बेस्ड स्किन टौनिक काफी अच्छा रहता है. आप रोज टौनिक को फ्रिज में स्टोर करके रखें और दिन में कई बार कौटन से अप्लाई करें. आपको काफी फ्रेश फील होगा.

– गुलाबजल भी नेचुरल टोनर का काम करता है.

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– मौनसून में चेहरे को साबुन से न धोएं. बेहतर होगा कि चेहरे को एस्ट्रिजेंट से साफ करें.

अपनाएं ये फैसपैक

– ओटमील-टमाटर का पैक भी काफी फायदेमंद है. 1 टेबलस्पून टमाटर के रस में थोड़ा-सा ओटमील मिलाकर पतला पेस्ट तैयार कर लें. इसमें 1 बूंद पेपरमिंट एसेंशियल आयल डालें और चेहरे को गुनगुने पानी से धोकर यह पैक अप्लाई करें. 10 मिनट बाद गीले कौटन बौल से पोंछकर ठंडे पानी से चेहरा धो ले.

– एक केले को मैश करके वेजीटेबल या सलाद आयल में फेंट लें . चेहरे पर लगाएं और 20 मिनट बाद धो लें.

– 1 अंडे की जर्दी को फेंटकर उसमें 1-1 टीस्पून दही और मुल्तानी मिट्टी मिला लें . गाढ़ा पेस्ट तैयार करके चेहरे पर लगाएं. सूखने पर धो लें. इसे हफ्ते में दो बार इस्तेमाल करें.

– मुल्तानी मिट्टी, चंदन पाउडर और बेसन को समान मात्रा में मिलाकर एयरटाइट कंटेनर में रख लें. जब भी यूज करना हो, तो 1 टेबलस्पून को थोड़े-से पानी में मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें और अप्लाई करें, सूखने पर धो लें.

– मौनसून फेस पैक के लिए 3 टीस्पून ओटमील में अंडे की जर्दी और 1-1 टीस्पून शहद और दही मिलाएं. अगर आप अंडा यूज नहीं करना चाहती, तो उसकी जगह गुलाबजल या आरेंज जूस का इस्तेमाल करें और आधे घंटे बाद चेहरा धो लें . इस पैक को हफ्ते में दो बार लगाएं.

– आप फ्रूट मास्क का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. पके पपीते में सेब, पाइनेप्प्ल और तरबूज को कद्दूकस करके मास्क बनाएं.

– आयली स्किन के लिए बेसन में दूध मिलाकर पैक तैयार कर लें और चेहरे पर अप्लाई करें. 20 मिनट बाद धो लें.

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– बारिश के मौसम में जितना हो सके, गुनगुने पानी से चेहरा धोएं, ताकि एक्स्ट्रा आयल निकल जाए.

– अगर आपकी स्किन ड्राई है, तो अल्कोहल फ्री टोनर का ही इस्तेमाल बेहतर होगा.

– ड्राई स्किन के लिए टोनर के रूप में 5 बूंद कैमोमाइल आयल में 1 टीस्पून दूध मिलाकर अप्लाई करें.

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