लेखकों को भारतीय साहित्य और संस्कृति से जोड़ेगी प्रधानमंत्री युवा योजना

  युवराज मलिक

 डायरेक्टर, नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया

युवा लेखकों को भारतीय साहित्य और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने के लिए सक्षम बनाने की योजना नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया द्वारा शुरू की गई है. प्रधानमंत्री युवा योजना नाम से इस योजना की शुरुआत हो चुकी है. नेशनल बुक ट्रस्ट के डायरेक्टर श्री युवराज मलिक की कुशल देखरेख में यह योजना चलाई जा रही है. युवराज मलिक इससे पहले भारत सरकार के लिए विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी नेतृत्वक्षमता साबित कर चुके हैं. पेश हैं, प्रधानमंत्री युवा योजना के सिलसिले में उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश:

खास तौर पर केवल युवाओं के लिए योजना लाने के पीछे क्या वजह है?

बदलते वक्त के साथ हमारी संस्कृति कहीं खोती जा रही है तो आने वाली पीढ़ी का उसमें रूझान बढ़ाने के लिए यह योजना बनाई गई है. अगले वर्ष भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं, आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत इंडिया 75 प्रोजेक्ट में प्रधानमंत्री द्वारा लाई गई यह योजना आज के युवा लेखकों को देश के इतिहास से जोड़ने का काम करेगी.

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प्रधानमंत्री युवा योजना में हिस्सा लेने के लिए प्रतियोगियों को किनकिन बातों का ध्यान रखना होगा?

इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए युवा लेखकों के द्वारा आयोजित की गई अखिल भारतीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेना होगा जिसके तहत वे अपने लेखन की एक 5000 शब्दों की पांडुलिपी प्रस्तुत करेंगे. उस पांडुलिपी के आधार पर एनबीटी द्वारा गठित एक समिति 75 प्रतियोगियों का चयन करेगी जिन्हें फिर आगे प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिया जाएगा. कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी उम्र 30 वर्ष या उस से कम है या पीआईओ व भारतीय पासपोर्ट रखने वाले एनआरआई इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं. सिर्फ उन्हीं प्रविष्टियों को चयन के लिए स्वीकारा जाएगा जिनके प्रमुख विषय होंगे अज्ञात नायक (अनसंग हीरो), राष्ट्रीय आंदोलन के बारे में अल्प ज्ञात तथ्य, राष्ट्रीय आंदोलन में विभिन्न स्थानों की भूमिका, राष्ट्रीय आंदोलन आदि के राजनीतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक या विज्ञान संबंधी पहलुओं  से संबंधित नए दृष्टिकोण.

योजना कब लागू की जाएगी और क्या होगा इसका  एक्शन प्लान?

यह प्रतियोगिता 1 जून से 31 जुलाई तक राष्ट्रीय स्तर पर शुरू की जा चुकी है. योजना 6 महीने की अवधि की होगी जिसमें प्रतियोगियों को मार्गदर्शित किया जाएगा और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. चयनित लेखकों के नामों की घोषणा 15 अगस्त, 2021 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर की जाएगी. योजना को 3-3 महीनों के 2 चरणों में बांटा गया है. पहला चरण प्रशिक्षण पर आधारित होगा और दूसरा प्रोत्साहन पर. योजना के आयोजन में इस बात का खास तौर पर ध्यान रखा गया है की प्रतियोगियों को प्रकाशन के  इको-सिस्टम की हर छोटी से छोटी जानकारी प्रदान की जाए. योजना की सारी जानकारी एनबीटी की वेबसाइट पर उपलब्ध है.

इस योजना में एनबीटी की क्या  भूमिका होगी?

इस योजना में एनबीटी कार्यान्वयन एजेंसी की भूमिका निभा रहा है. हम प्रतियोगियों के चयन से लेकर उनकी पुस्तकों के विमोचन तक, इस योजना के हर चरण से जुड़े रहेंगे. लेखकों को एनबीटी के निपुण लेखकों और रचनाकारों के पैनल से 2 प्रख्यात लेखकों/मार्गदर्शकों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा. इसके अलावा, योजना के अंत में हम प्रतियोगियों की पुस्तकों का प्रकाशन, विमोचन और उनका अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद भी करेंगे.

योजना में भाग लेने वाले चयनित युवा लेखकों को क्या लाभ मिलेगा?

इस योजना के माध्यम से नवोदित लेखकों को अपनी लेखन कौशल को  सुधारने का एक सुनहरा अवसर प्रशिक्षण  के रूप में मिलेगा. मेंटरशिप प्रोग्राम सफलतापूर्वक पूरा होने पर लेखकों को  उनकी पुस्तकों के सफल प्रकाशन के बाद  10% रॉयल्टी भी दी जाएगी. योजना में  चयनित लेखकों के लिए छात्रवृति का भी प्रावधान है जिसमें प्रत्येक लेखक को  50,000 रु. प्रति माह 6 माह तक प्रदान  किये जाएंगे.

इस सबके अलावा चयनित लेखकों को विभिन्न प्रकार के अंतराष्ट्रीय कार्यक्रम जैसे कि साहित्य उत्सव, पुस्तक मेले, आभासी पुस्तक मेले, संस्कृत आदान प्रदान कार्यक्रम आदि के माध्यम से अपने ज्ञान का विस्तार करने का एवं कौशल विकास करने का अमूल्य अवसर प्राप्त होगा.

क्या इससे ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ को बढ़ावा मिलेगा?

यह योजना लेखकों का एक वर्ग विकसित करने में मदद करेगी जो भारतीय विरासत, संस्कृति और ज्ञान-प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए विविध वर्णी विषयों पर लिख सकते हैं.

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पाठकों के लिए कोई खास संदेश?

यह युवा लेखकों के लिए एक बेहतरीन योजना है. एनबीटी ऐसी योजनाओं को  सामने लाने के लिए निरंतर काम कर रहा  है जिससे भारतीय संस्कृति और कला को बढ़ावा मिलेगा. जब देश के युवा नागरिक रीडिंग कल्चर को बढ़ावा देंगे तो जाहिर है  देश भी आगे बढ़ेगा. जैसा कि माननीय प्रधानमंत्रीजी कहते हैं, ‘‘पढ़ेगा भारत तभी तो बढ़ेगा भारत’’.

‘सिमर’ के रियल लाइफ पति के साथ फ्लर्ट करती दिखीं ‘ Sasural Simar Ka 2 ‘ की ‘रीमा’, पढ़ें खबर

कलर्स के पौपुलर टीवी सीरियल ‘ससुराल सिमर का के दूसरे सीजन की कास्ट इन दिनों सोशलमीडिया पर छाई हुई है. सीरियल की बात करें तो जहां रीमा (Tanya Sharma) और विवान (Karan Sharma) की शादी हो चुकी है तो वहीं आरव (Avinash Mukherjee) और सिमर (Radhika Muthukumar) दोनों एक-दूसरे से पहले ही शादी कर चुके हैं, जिसके चलते रीमा और सिमर के बीच अक्सर अनबन देखने को मिलती रहती है. इसी बीच हाल ही में सिमर यानी राधिका मुथुकुमार ने अपने रियल लाइफ पति का बर्थडे सेलिब्रेट किया. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

सिमर ने पति को विश किया बर्थडे

दरअसल, ससुराल सिमर का में सिमर के रोल में नजर आने वाली राधिका मुथुकुमार रियल लाइफ में मैरिड हैं, जिनका नाम अभिषेक अय्यर है. वहीं बीते दिन राधिका मुथुकुमार ने अपने पति का बर्थडे सेलिब्रेट करते हुए पति के साथ एक फोटो शेयर करते हुए बर्थडे विश किया. वहीं उनके फैंस ने भी उनके इस पोस्ट को काफी पसंद किया है. इसी बीच ध्यान खीचने वाला पोस्ट था रीमा यानी तान्या शर्मा का.

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रीमा ने किया फ्लर्ट

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सीरियल ससुराल सिमर का 2 के सेलेब्स ने भी जहां राधिका मुथुकुमार के पति को बर्थडे विश किया तो वहीं रीमा यानी तान्या शर्मा ने लिखा, हैप्पी बर्थडे जीजू… , जिसके बाद तान्या शर्मा ने इस पोस्ट पर एक और कमेंट करते हुए  लिखा, नजर न लग जाए जानू…. दूसरी तरफ फैंस कमेंट देखते ही कमेंट कर रहे हैं .

सीरियल के लेटेस्ट ट्रैक की बात करें तो विवान और रीमा की शादी के बाद ओसवाल परिवार में ड्रामा देखने को मिल रहा है. वहीं रीमा, सिमर से आरव को छीनने की बात कहती नजर आ रही हैं. हालांकि अब धीरे-धीरे माताजी सिमर के साथ खड़ी होती नजर आ रही हैं, जिसके कारण अब देखना होगा कि सीरियल की कहानी कौन सा नया मोड़ लेती है.

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अनुपमा-वनराज के रिश्ते पर सवाल उठाएगी काव्या, मिलेगा करारा जवाब

स्टार प्लस का सीरियल अनुपमा इस हफ्ते भी टीआरपी की लिस्ट में पहले पायदान पर हैं. वहीं मेकर्स सीरियल की कहानी फैमिली ड्रामा को और भी नए ट्विस्ट देने के लिए तैयार हैं. सीरियल की बात करें तो अपकमिंग एपिसोड में पाखी के कारण शाह परिवार में जहां नया बवाल मचेगा तो वहीं अनुपमा औऱ वनराज के रिश्ते पर काव्या सवाल उठाती नजर आएगी. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे….

पाखी को पड़ा थप्पड़

 

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अब तक आपने देखा कि काव्या और पाखी, वनराज के कैफे में जाकर खाना बर्बाद कर देती हैं, जिसके चलते अनुपमा दोनों की क्लास लगाती नजर आती है. वहीं इस दौरान पाखी पर हाथ भी उठा देती है, जिसके कारण पाखी आगबबूला हो जाती है. वहीं काव्या को भी अनुपमा सबक सिखाती नजर आती है.

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समर-परितोष में हुई लड़ाई

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि समर, पाखी को समझाने के लिए उसके कमरे में जाएगा. जहां वह उसे अनुपमा और वनराज से मांफी मांगने के लिए खींचता नजर आएगा. वहीं अचानक पाखी गिर जाएगी और तभी परितोष वहां आ जाएगा और उसे गलतफहमी होगी कि समर ने पाखी पर हाथ उठाया है, जिसके बाद दोनों भाइयों में बहस होती नजर आएगी.

राखी ने वनराज को भिखारी

 

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दूसरी तरफ किंजल की मां राखी दवे , वनराज को रास्ते में पैम्पलेट बांटता देख भड़केगी और उसे भिखारी कहेगी. वहीं जवाब देते हुए कहेगा कि वहीं पर उसके पिता भी पैम्पलेट बांट रहे थे. तो राखी कहेगी कि अब उसने अपने पिता को भी भिखारी बना दिया, जिसके कारण वनराज गुस्से में नजर आएगा.

काव्या पर भड़केगी अनुपमा

 

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वनराज औऱ अनुपमा की दोस्ती देखकर अपकमिंग एपिसोड में काव्या का गुस्सा फूटने वाला है. दरअसल, काव्या, अनुपमा और वनराज की दोस्ती देखकर दोनों पर बरसेगी, जिसका जवाब देते हुए अनुपमा कहेगी कि एक-लड़का और लड़की कभी दोस्त नही हो सकते. इसीलिए अगर तुम्हें या तुम्हारे पति वनराज को कोई प्रौब्लम है तो उसके कारोबार और घऱ से जा सकते हैं, जिसे सुनकर काव्या-वनराज हैरान रह जाएंगे.

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कोरोना होने के बाद बाल बहुत झड़ रहे हैं, मैं क्या करुं?

सवाल-

मैं कोरोना से रिकवरी के बाद बाल झड़ने से परेशान हूं. प्लीज मुझे सलाह दें कि मैं अपने बालों की केयर कैसे करूं?

जवाब-

इस समस्या को ‘टेलोजन एफ्लुवियम’ के नाम से जाना जाता है. इस के कारण किसी बीमारी या सदमे की वजह से कुछ समय के लिए हेयर फौल होने लगता है. इस के कारण बौडी के सिस्टम को शौक मिलता है. इस से हेयर की नई ग्रोथ बंद हो जाती है और कुछ समय बाद बाल गिरने लगते हैं.

कोविड-19 से ठीक होने के बाद कुछ हफ्ते या महीनों तक उन के बाल झड़ते रहते हैं क्योंकि वे उस शौक से बाहर नहीं आ पाते हैं. जब मरीज धीरेधीरे शारीरिक रूप से ठीक होने लगते हैं तब उन के बालों की ग्रोथ वापस आ जाती है.

इसलिए तब तक आप खानेपीने में प्रोटीन लें जो बौडी और हेयर के लिए बेहद जरूरी हैं. आयरन, विटामिन डी और दूसरे न्यूट्रिएंट्स का सेवन भी जरूर करें जो बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं. बालों को झड़ने से रोकने के लिए ताजा ऐलोवेरा को मिक्सी में पीस कर जितना जैल है उस में

1/4 औलिव औयल मिला कर स्कैल्प में रोज मसाज करें.

मसाज के बाद सिर पर एक शौवर कैप पहन लें और इसे करीब 1 घंटे बाद शैंपू से धो लें. इस के नियमित उपयोग से बालों का झड़ना कम होता है.

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लंबे-खूबसूरत और काले बाल किसे पसंद नहीं आते…लेकिन लाइफस्टाइल और सही देखभाल के अभाव में अक्सर हमें बालों से जुड़ी किसी न किसी परेशानी को फेस करना पड़ता ही है. महंगे हेयर ट्रीटमेंट और कॉस्मेटिक्स के इस्तेमाल के बावजूद हमें इन परेशानियों से छुटकारा नहीं मिलता.

इसके अलावा बहुत अधिक केमिकल इस्तेमाल करने से भी बाल खराब हो जाते हैं. ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप नेचुरल तरीके अपनाए. बहुत से ऐसे कुदरती उपाय हैं जिनकी मदद से आप बालों से जुड़ी परेशानियों को दूर कर सकते हैं. आमतौर पर लोगों को बालों से जुड़ी तीन तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रूखे-बेजान बाल, रूसी और ग्रोथ की समस्या…

आमतौर पर इन परेशानियों के लिए अलग-अलग उपाय बताए जाते हैं लेकिन आलू एक ऐसी चीज है, जिसके इस्तेमाल से आप इन सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं. आलू में शहद, दही और नींबू मिलाकर आप अलग-अलग समस्याओं से मुक्त‍ि पा सकते हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- बालों की प्रौब्लम्स के लिए ट्राय करें आलू के ये टिप्स

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

शादी के लिए हां करने से पहले ये 5 बातें जानना है जरुरी

हमेशा पति को ही हर गलत बात का जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. पत्नियां भी काफी अनुचित बातें कह कर पति का दिल दुखाती हैं. कुछ बातें पति को कभी न कहें. उन्हें बुरा लग सकता है. जानें वे बातें क्या हो सकती हैं-

1. मैं कर लूंगी

पलंबर या इलैक्ट्रिशियन को बुलाने के समय यह न कहें कि मैं कर लूंगी, भले ही इस से आप का काम जल्दी हो जाए पर पति को शायद अच्छा न लगे. मनोवैज्ञानिक ऐनी क्रोली का कहना है, ‘‘हो सकता है वह आप की हैल्प कर के आप को खुश करना चाहता हो. इस बात से पति चिढ़ते हैं, क्योंकि ‘मैं कर लूंगी’ इस बात से पति के कार्य करने पर आप का संदेह प्रतीत होता है और या यह कि आप को उस की जरूरत नहीं है.’’

2. तुम्हें पता होना चाहिए था

क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक रियान होव्स का कहना है, ‘‘अगर आप यह आशा करती हैं कि आप का पति हर बात या इशारा जो आप करती हैं, अपनेआप समझ जाएं तो आप खुद ही निराश होंगी. जब पति पत्नी के मन की बात नहीं समझते तो पत्नियां बहुत अपसैट हो जाती हैं. लेकिन पुरुष सच में दिमाग नहीं पढ़ पाते. अगर पत्नियां इस बात को स्वीकार कर लें तो वे बहुत दुखों से बच सकती हैं. वे साफसाफ कहें कि वे क्या चाहती हैं.’’

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3. क्या तुम्हें लगता है कि वह सुंदर है

पुरुषों की काउंसलिंग के स्पैशलिस्ट एक थेरैपिस्ट कर्ट स्मिथ का कहना है, ‘‘क्या आप सचमुच किसी आकर्षक स्त्री के विषय में अपने पति के विचार जानना चाहती हैं? शायद नहीं. आप यह पूछ कर अपने पति को असहज स्थिति में डाल रही हैं. कमरे में अधिकांश पुरुष सुंदर स्त्री को पहले ही देख चुके होते हैं. यदि वह आप का सम्मान रखने के लिए वहां नहीं देख रहा है तो आप का पूछना उसे असहज कर देगा. वह तय नहीं कर पाएगा कि आप को अपसैट न करने के लिए या आप को दुख न पहुंचाने के लिए क्या करे.’’

4. पुरुष बनो

स्मिथ कहते हैं, ‘‘क्या आप सचमुच ये शब्द कहती हैं? पुरुष बन कर दिखाने का कोई सही या गलत तरीका नहीं है. आदमी बनो यह कहना उस की पहचान पर एक घातक हमला होता है, यह नफरत और शर्म से भरी बात होती है, यह आप के रिश्ते को ऐसी हानि पहुंचा सकती है, जिस की पूर्ति मुश्किल होगी.’’

5. हमें बात करने की जरूरत है

ये शब्द विवाहित पुरुष के अंदर डर सा पैदा कर देते हैं. थेरैपिस्ट मार्सिया नेओमी बर्गर का कहना है, ‘‘अगली बार कोई इशू हो तो आसान शब्दों का प्रयोग करें. ये शब्द सिगनल देते हैं कि पत्नी को पति से शिकायत या कोई आलोचना का विषय है, फिर जो आप अकसर सोच रही होती हैं, उस के उलटा हो जाता है.’’

6. फिर दोस्तों के साथ जा रहे हो

होव्स कहते हैं, ‘‘पति का दोस्तों के साथ क्रिकेट देखने या गोल्फ खेलने से आप के विवाह को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, यह चीज आप के रिश्ते को अच्छा ही बनाएगी. हां, कभीकभी पति पीने के लिए कोई बहाना कर देते हैं पर अधिकतर कुछ सलाह, कुछ महत्त्वपूर्ण बातें, सहारे के लिए मिलतेजुलते हैं, जो पत्नी अपने पति को दोस्तों से मिलनेजुलने से मना करती है वह अपने पति को उस के सपोर्ट सिस्टम से दूर कर रही होती है जबकि वह अन्य पतियों और पिताओं के साथ समय बिता कर अच्छा इनसान ही बनेगा.’’

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किसी पुरुष ने आप का पति बनने के बाद अपनी मरजी से जीने का अधिकार नहीं खो दिया है. उस पर विश्वास करें, उस का सम्मान करें. अपनी शिकायतें, सुखदुख उस के साथ प्यार से बांटें. वैसे भी आज के जीवन में बहुत भागदौड़ है, तनाव है. उस के साथ अपना जीवन प्यार से, सुख से, आराम से बिताएं.

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Monsoon Special: बारिश में बनाएं भुट्टा कटलेट

इन दिनों देश में मानसून दस्तक दे चुका है. बारिश अपने साथ लाता है, छाते, रैनकोट, और भुट्टे. भुट्टे में फाइबर, विटामिन बी तथा मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक और आयरन जैसे अनेकों पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं जो सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं. पीले रंग के नरम दानों वाले भुट्टे को यूं तो आंच पर सेंककर खाया जाता है परन्तु इससे बनने वाले स्नैक्स तथा मिठाईयां भी कम स्वादिष्ट नहीं होतीं. आज हम आपको ऐसे ही एक स्नैक के बारे में बता रहे हैं जिसे बनाना बहुत आसान है तो आइए देखते हैं कि इसे कैसे बनाते हैं-

कितने लोंगों के लिए         6

बनने में लगने वाला समय   30 मिनट

मील टाइप                       वेज

सामग्री

नरम भुट्टे के दाने          3 कप

ब्रेड क्रम्ब्स                  2 कप

उबले आलू                 2

कटा प्याज                  1

कटी हरी मिर्च               4

कटी शिमला मिर्च          1

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किसी गाजर                   1

किसा पनीर                   1/2 कप

नमक                          स्वादानुसार

जीरा                            1/4 टीस्पून

धनिया पाउडर                1/2 टीस्पून

लाल मिर्च पाउडर            1/2 टीस्पून

गरम मसाला पाउडर         1/4टीस्पून

अमचूर पाउडर                  1/2 टीस्पून

बारीक कटा धनिया            1 टीस्पून

तलने के लिए तेल

विधि

भुट्टे के दानों को बिना पानी के मिक्सी में पीस लें. अब इसमें डेढ़ कप ब्रेड क्रम्ब्स और 1/4 टीस्पून नमक मिलाकर 10 मिनट के लिए रख दें. 1 टीस्पून गरम तेल में जीरा डालकर प्याज और हरी मिर्च को सॉते करके शिमला मिर्च और गाजर डालकर ढक दें. जब शिमला मिर्च और गाजर नरम हो जाये तो पनीर, सभी मसाले और आलू को मैश करके डाल दें. अच्छी तरह चलाकर 5 मिनट तक पकाकर हरा धनिया डालकर गैस बंद कर दें. ठंडा होने पर 1 टेबलस्पून मिश्रण को हथेली पर रखकर हल्का सा चपटा कर लें. भुट्टे के मिश्रण में से थोड़ा सा मिश्रण लेकर हथेली पर फैलाकर बीच में भरावन की फ्लेट बॉल रखकर चारों ओर से बंद कर दें. इसे ब्रेड क्रम्ब्स में लपेटकर गरम तेल में सुनहरा होने तक तलकर टिश्यू पेपर पर निकालें और टोमेटो सॉस या हरी चटनी के साथ सर्व करें.

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कोरोना और बच्चों की Handwriting

कोरोना के इस संसार में आगमन के बाद से आर्थिक, सामाजिक जैसे क्षेत्रों में देश के प्रत्येक नागरिक को नुकसान उठाना पड़ा है. बड़ों के साथ साथ बच्चे भी इससे बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं, लॉक डाउन के कारण लंबे समय तक घरों में रहने से वे चिड़चिड़े और तनावग्रस्त रहने लगे हैं. पूरे वर्षभर से वे लेपटॉप और मोबाइल के सामने घण्टों बैठकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं. कमजोर होती नींव, दोस्तों के साथ होने वाली मौज मस्ती का अभाव, घर में निरन्तर रहने से कमजोर होता आत्मविश्वास, गजेट्स से पढ़ने से बीमार होती  आंखें, कमजोर होती लर्निंग कैपेसिटी जैसे अनेकों नुकसान बच्चों को ऑनलाइन पढ़ने से हो रहे हैं परन्तु इस दौरान उनकी खराब होती हैंडराइटिंग सबसे बड़े नुकसान के रूप में उभरा है.

एक समाचार पत्र एजेंसी के द्वारा कराए गए सर्वे में पाया गया कि कोरोना के ऑनलाइन क्लासेज के दौरान कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों की हैंडराइटिंग को बहुत अधिक प्रभावित किया है. जब कि इस उम्र में सबसे ज्यादा फोकस हैंडराइटिंग पर होता था क्योंकि बाल्यावस्था में बन गयी अक्षरों की बनावट घर की नींव की भांति होती है जो जिंदगी भर वैसी ही होती है. ग्वालियर के एयरफोर्स स्कूल की शिक्षिका और कैलीग्राफी विशेषज्ञ कीर्ति दुबे कहतीं हैं , ”बच्चों के अक्षरों की बनावट, उनके मध्य कस स्पेस और लाइनों के बीच का अंतर अब कहीं नजर नहीं आता वे किसी तरह जल्दी जल्दी लिखकर हमें ऑनलाइन दिखा देते हैं जिसमें हमारे द्वारा दी गयी समझाइश का कोई असर होते नहीं दिखता क्योंकि उन्हें पता है कि स्क्रीन के उस पार बैठकर हम कुछ नहीं कर सकते.”

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हैंडराइटिंग बिगड़ने के क्या हैं कारण

-उनकी हैंडराइटिंग खराब होने का सबसे बड़ा कारण है कि कोरोना काल से पूर्व टीचर द्वारा बोर्ड पर लिखे शब्दों को देखकर वे  काफी कुछ सीखते थे जो अब नहीं हो पा रहा है.

-उन्हें पता है कि वे कैसा भी लिख लें अब कोई उसे देखने वाला नहीं है.

-स्कूल जाने पर शिक्षक बच्चों को होमवर्क दिया करते थे जिससे बच्चों को लिखने की आदत रहती थी.

-कक्षा में एक दूसरे को देखकर बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना रहती थी जिससे वे सुंदर लेखन के द्वारा शिक्षक पर अपना प्रभाव जमाने का प्रयास करते थे परन्तु अब यह सब नदारद है.

क्या करें अभिभावक

स्कूल कब खुलेंगे यह नहीं कहा जा सकता परन्तु इस समय घर में रह रहे बच्चों को माता पिता थोड़े से प्रयास करके बच्चों की हैंडराइटिंग को सुधार सकते हैं. इस समय चूंकि स्कूल की पढ़ाई का प्रेशर भी नहीं है तो उनकी हेंडराइटिंग पर आसानी से काम किया जा सकता है-

-ऑनलाइन स्टडी से समझकर कॉपी पर लिखने का प्रयास करें.

-बच्चों को सही से अक्षर की बनावट लाइन स्पेसिंग पर पर्याप्त ध्यान देने को कहें.

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-अच्छा लिखने के लिए सबसे पहली शर्त है पढ़ना, इसलिए अपने बच्चों को बाल पत्रिकाएं अवश्य पढ़ने को दें, पढ़ने से नवीन जानकारी प्राप्त करने के साथ साथ वे अक्षरों को बनाना भी सीखते हैं.

-इंग्लिश और हिंदी भाषा के लिए बाजार में उपलब्ध कर्सिव राइटिंग की कापियों का उपयोग किया जा सकता है.

-बच्चों से नियमित रूप से 8 से 10 लाइनें लिखवाएं.

-सबसे महत्त्वपूर्ण है कि आप अपने बच्चों से कोई भी काम करवाएं उसे चेक अवश्य करें ताकि उनका उत्साह कायम रहे.

Travel Special: नैनीताल की खूबसूरती के दीवाने हैं हजारों

दोस्तों के साथ घूमने-फिरने का प्लान बने तो सबसे पहले नैनीताल का नाम ही जहन में आता है. जहां गर्मियों में नैनीताल की खूबसूरती और ठंडा मौसम सैलानियों को अपनी ओर खींच लाता है वहीं सर्दियों में बर्फबारी और विंटर स्पोर्ट्स के दीवानों के लिए नैनीताल स्वर्ग बन जाता है.

कहा जाता है कि एक समय में नैनीताल जिले में 60 से ज्यादा झीलें हुआ करती थीं. यहां चारों ओर खूबसूरती बिखरी है. सैर-सपाटे के लिए दर्जनों जगहें हैं, जहां जाकर पर्यटक मंत्र-मुग्ध हो जाते हैं.

एनएच 87 नैनीताल को पूरे देश से जोड़ता है. नैनीताल में रेल और हवाई सेवाएं नहीं हैं, लेकिन यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन यहां से सिर्फ 34 किमी दूर काठगोदाम में है. काठगोदाम से नैनीताल के लिए राज्य परिवहन की गाड़ियां दिन में हर समय उपलब्ध रहती हैं. अगर आप हवाई मार्ग से नैनीताल जाना चाहती हैं तो यहां का नजदीकी पंतनगर एयरपोर्ट करीब 55 किमी दूर है.

नैनीताल की खोज सन् 1841 में एक अंग्रेज चीनी (शुगर) व्यापारी ने की. बाद में अंग्रेजों ने इसे अपनी आरामगाह और स्वास्थ्य लाभ लेने की जगह के रूप में विकसित किया. नैनीताल तीन ओर से घने पेड़ों की छाया में ऊंचे-ऊंचे पर्वतों के बीच समुद्रतल से 1938 मीटर की ऊंचाई पर बसा है. यहां के ताल की लंबाई करीब 1358 मीटर और चौड़ाई करीब 458 मी‍टर है. ताल की गहराई 15 से 156 मीटर तक आंकी गई है, हालांकि इसकी सही-सही जानकारी अब तक किसी को नहीं है.

ताल का पानी बेहद साफ है और इसमें तीनों ओर के पहाड़ों और पेड़ों की परछाई साफ दिखती है. आसमान में छाए बादलों को भी ताल के पानी में साफ देखा जा सकता है. रात में नैनीताल के पहाड़ों पर बने मकानों की रोशनी ताल को भी ऐसे रोशन कर देती है, जैसे ताल के अंदर हजारों बल्ब जल रहे हों.

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ताल में बत्तखों के झुंड, रंग-बिरंगी नावें और ऊपर से बहती ठंडी हवा यहां एक अदभुत नजारा पेश करते हैं. ताल का पानी गर्मियों में हरा, बरसात में मटमैला और सर्दियों में हल्का नीला दिखाई देता है.

नैनीताल में सैर-सपाटे की जगह

तल्लीताल और मल्लीताल

नैनीताल का मल्ला भाग (ऊपरी हिस्सा) मल्लीताल और नीचला भाग तल्लीताल कहलाता है. मल्लीताल में एक फ्लैट खुला मैदान है और यहां पर खेल तमाशे होते रहते हैं. इस फ्लैट पर शाम होते ही सैलानी इकट्ठे हो जाते है. भोटिया मार्केट में गर्म कपड़े, कैंडल और बेहतरीन गिफ्ट आइटम मिलते हैं.

मल्लीताल से तल्लीताल को जोड़ने वाली सड़क को मॉल रोड कहा जाता है. मॉल रोड पर जगह-जगह लोगों के बैठने और आराम करने के लिए बेंच लगे हुए हैं. सैर-सपाटे के लिए यहां आने वाले सैलानी पैदल ही करीब डेढ़ किमी की इस दूरी को शॉपिंग करते हुए तय कर लेते हैं. वैसे दोनों ओर से रिक्शों की अच्छी व्यवस्था है.

चाइना पीक या नैनापीक

नैनीताल की सात चोटियों में 2611 मीटर ऊंची चाइना पीक सबसे ऊंची चोटी है. चाइना पीक की दूरी नैनीताल से लगभग 6 किलोमीटर है. इस चोटी से हिमालय की ऊंची-ऊंची चोटियों के दर्शन होते हैं. यहां से नैनीताल झील और शहर के भी भव्य दर्शन होते हैं. यहां एक रेस्तरां भी है.

लड़ियाकांटा

इस पर्वत श्रेणी की ऊंचाई 2481 मीटर है और यह नैनीताल से लगभग साढ़े पांच किलोमीटर दूर है. यहां से नैनीताल के ताल को देखना अपने आप में एक अनूठा अनुभव है.

किलवरी

2528 मीटर की ऊंचाई पर दूसरी पर्वत चोटी है और इसे किलवरी कहते हैं. यह पिकनिक मनाने के लिए शानदार जगह है.

डेरोथी सीट और टिफिन टॉप

एक अंग्रेज ने अपनी पत्नी डेरोथी की याद में इस पहाड़ की चोटी पर उसकी कब्र बनाई और उसका नाम डेरोथी सीट रख दिया. तभी से यह डेरोथी सीट के नाम से जाना जाता है. नैनीताल से चार किलोमीटर की दूरी पर 2290 मीटर की ऊंचाई पर यह चोटी है. टिफिन टॉप से हिमालय के खूबसूरत नजारे दिखते हैं, यहां से नेपाल की ऊंची-ऊंची हिमालय पर्वत श्रृंखलाएं भी नजर आती हैं.

देवपाटा और केमल्स बैक

देवपाटा और केमल्स बैक नाम की ये दोनों चोटियां साथ-साथ हैं. देवपाटा की ऊंचाई 2435 मी‍टर है जबकि केमल्स बैक 2333 मीटर ऊंची है. इस चोटी से भी नैनीताल और उसके आसपास के इलाके के बेहद सुंदर नजारे दिखते हैं.

स्नोव्यू और हनी-बनी

नैनीताल से केवल ढाई किलोमीटर और 2270 मीटर की ऊंचाई पर हवाई पर्वत चोटी है. मल्लीताल से रोपवे पर सवार होकर यहां आसानी से जाया जा सकता है. यहां से हिमालय का विहंगम दृश्य दिखाई देता है. स्नोव्यू से लगी हुई दूसरी चोटी हनी-बनी है, जिसकी ऊंचाई 2179 मीटर है, यहां से भी हिमालय का सुंदर नजारा दिखता है.

नैनीताल का चिड़ियाघर

नैनीताल का चिड़ियाघर बस अड्डे से करीब 1 किमी दूर है. इसका नाम उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी गोविंद बल्लभ पंत के नाम पर रखा गया है. चिड़ि‍याघर में बंदर से लेकर हिमालय का काला भालू, तेंदुए, साइबेरियाई बाघ, पाम सिवेट बिल्ली, भेड़िया, चमकीले तितर, गुलाबी गर्दन वाले प्रकील पक्षी, पहाड़ी लोमड़ी, घोरल, हिरण और सांभर जैसे जानवर हैं.

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राजभवन

इंग्लैंड के बकिंघम पैलेस की तर्ज पर बनाए गए राजभवन का निर्माण अंग्रेजों ने उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के गवर्नर के रहने के लिए किया था. अब यहां उत्तराखंड के राज्यपाल का निवास है और राज्य के अतिथि‍ भी यहां आकर ठहरते हैं. दो मंजिला इमारत में 113 कमरे हैं. यहां शानदार गार्डन, गोल्फ लिंक, स्वीमिंग पुल, झंडीदार मोदी हाइट्स, मुंशी हाइट्स जैसी जगहें राजभवन में देखने योग्य हैं.

घुड़सवारी

नैनीताल आने वाले सैलानियों के लिए हॉर्स राइडिंग एक और आकर्षण है. यहां बारापत्थर से घोड़े किराए पर लेकर सैलानी नैनीताल की अलग-अलग चोटियों की सैर करते हैं. शहर के अंदर घुड़सवारी अब पूरी तरह से प्रतिबंधित है.

इन जगहों पर ना भूलें जाना

1. इको केव

इको केव यहां के सबसे मशहूर जगहों में से एक है . इसमें कई सारी गुफाएं हैं. इस गुफा की सबसे खास बात ये है कि बाहर चाहे जैसा भी मौसम हो लेकिन इस गुफा में हमेशा ठंड ही रहती है. यहां से स्नो व्यू पौइंट भी देखा जा सकता है.  इस गुफा के आसपास कई सारी बौलिवुड फिल्मों की शूटिंग भी हुई है.

2. नैनी झील

नैनीताल के दिल में बसी है खूबसूरत नैनी झील. नैनी झील में आसपास के सारे पहाड़ों का रिफ्लेक्शन पड़ता है जिससे इसका पानी बिल्कुल हरा दिखता है और यह दृश्य काफी मनोरम लगता है. इस झील में आप बोटिंग का भी लुत्फ उठा सकती हैं, इससे आप झील की खूबसूरती को करीब से महसूस कर पाएंगे.

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3. नौकुचिया ताल

जैसा कि आप जानती हैं कि नैनीताल को झीलों का शहर कहा जाता है. यहां आप घूमते-घूमते थक जाएंगी लेकिन झीलों का सिलसिला खत्म नहीं होगा. यहां की नौकुचिया ताल काफी मशहूर है, भीमताल से 11 किमी. की दूरी पर स्थित नौकुचिया ताल की खूबसूरती देखते ही बनती है. इस झील की गहराई तकरीबन 160 फीट है. यहां आप सूकून के पल बिता सकती हैं.

Monsoon Special: फैमिली के लिए बनाएं स्पाइसी इडली

अगर आप अपनी फैमिली के लिए कुछ चटपटा, टेस्टी और हेल्दी रेसिपी ट्राय करना चाहते हैं तो स्पाइसी इडली की रेसिपी बनाएं. ये आसानी से बनने वाली रेसिपी है, जिसे आप अपनी फैमिली को डिनर या शाम की चाय में परोस सकती हैं.

हमें चाहिए

–  2 बड़े चम्मच औयल

–  1 बड़ा चम्मच सरसों

–  1 बड़ा चम्मच गोटा उड़द

–  1/4 छोटा चम्मच हींग

–  1 बड़ा चम्मच लाल और हरीमिर्च कटी हुई

–  7-8 काजू कटे हुए

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–  1 कप सूजी

–  ग्रीस करने के लिए औयल

–  1/2 कप दही

–  थोड़ी सी धनियापत्ती कटी हुई

–  1 बड़ा चम्मच फ्रूट साल्ट

–  नमक स्वादानुसार.

गार्निशिंग के लिए

–  भुने हुए काजू.

बनाने का तरीका

एक पैन में औयल गरम कर उस में सरसों, गोटा उड़द, हींग, लाल और हरीमिर्च और काजू डाल कर अच्छी तरह चलाएं. फिर इस में नमक, अदरक और सूजी डाल कर मीडियम आंच पर भूनें.

फिर इसे एक बाउल में निकाल कर इस में दही और पानी डाल कर अच्छी तरह मिला कर 20 मिनट के लिए भिगो कर रख दें. अब बैटर में फ्रूट साल्ट ऐड कर अच्छी तरह मिलाएं.

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अब इडली मोल्ड को ग्रीस कर उस में बैटर डाल कर काजू डालें. फिर इसे 3-4 मिनट तक पकाएं और नारियल की चटनी के साथ सर्व करें.

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