10 दिन बाद होगी राहुल वैद्य-दिशा परमार की शादी, फैंस के साथ शेयर की खुशी

सेलेब्स इन दिनों शादी का सिलसिला जारी है. जहां बीते दिनों यामी गौतम ने अपनी शादी से फैंस को चौंका दिया था तो वहीं बिग बौस में अपने प्यार का इजहार करने वाले सिंगर राहुल वैद्य (Rahul Vaidya) और दिशा परमार (Disha Parmar) की शादी की तारीख का भी खुलासा हो गया है. आइए आपको बताते हैं कब करेंगे राहुल वैद्य और दिशा परमार शादी…

इस दिन होगी शादी

सिंगर राहुल वैद्य (Rahul Vaidya) और दिशा परमार (Disha Parmar) की शादी का फैंस को बेसब्री से इंतजार है, जिसके चलते अब इस कपल ने सोशलमीडिया पर अपनी शादी की डेट का खुलासा किया है. दरअसल, यह क्यूट और रोमांटिक कपल 16 जुलाई, 2021 को शादी के बंधन में बंधने वाले हैं.

ऐसे किया शादी का ऐलान

कोरोना संक्रमण को देखते हुए राहुल-दिशा की यह शादी भी बेहद निजी रहने वाली है. इसका खुलासा राहुल वैद्य ने एक सोशलमीडिया पोस्ट के जरिए किया है. पोस्ट में राहुल वैद्य ने अपने फैंस को शादी की तारीख और आशीर्वाद देने की बात कही है.

कुछ इस तरह होगी शादी

जहां राहुल वैद्य ने एक इंटरव्यू में बताया कि ‘दिशा और मैंने तय किया है कि हम बेहद निजी समारोह में अपनों के बीच शादी करेंगे. हम यही चाहते हैं कि हमारे रिलेटिव और हमें प्‍यार करने वाले लोग हमारी जिंदगी के इस बड़े दिन पर हमारे साथ रहें और हमें आशीर्वाद दें. शादी वैदिक रीति-रिवाजों से होगी, जिसके साथ गुरबानी शबद भी गाया जाएगा.’ वहीं शादी को लेकर दिशा परमार का कहना है कि ‘एक आदर्श शादी समारोह के लिए मेरा यही मानना है कि यह बेहद निजी मामला है. विवाह दो लोगों और उनके संबंधित परिवारों का एक मिलन है, जिसमें उनके प्रियजनों की मौजूदगी होती है.

बता दें, बिग बौस 14 में राहुल वैद्य ने नेशनल टेलीविजन पर प्यार का इजहार करते हुए दिशा परमार से शादी करने की बात कही थी. वहीं शो में ही दिशा परमार ने एंट्री करके अपने प्यार पर मोहर लगा दी थी.

पति राज कौशल के निधन के बाद पहली बार मंदिरा बेदी ने शेयर किया पोस्ट

इन दिनों एक्ट्रेस मंदिरा बेदी (Mandira Bedi) की जिंदगी मुश्किल वक्त में हैं. जहां बीते दिनों उनके पति राज कौशल (Raj Kaushal) का हार्ट अटैक से निधन हो गया तो वहीं कुछ लोग पति की अर्थी उठाने और अंतिम संस्कार की विधि करने को लेकर मंदिरा बेदी को ट्रोल करते नजर आए. हालांकि इस दौरान उनके दोस्तों और इंडस्ट्री के लोगों ने उनका पूरा साथ दिया. इसी बीच मंदिरा बेदी ने पति के निधन के बाद एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया है. आइए आपको दिखाते हैं मंदिरा बेदी का पोस्ट

पति के निधन के बाद शेयर किया पोस्ट

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Mandira Bedi (@mandirabedi)

हाल ही मंदिरा बेदी ने पति राज कौशल की याद में इंस्टाग्राम (Mandira Bedi) से अपनी प्रोफाइल फोटो डिलीट कर दी थी, जिसकी जगह उन्होंने काली फोटो लगाई थी. वहीं अब उन्होंने राज कौशल संग बिताए कुछ हसीन पलों की अनदेखी फोटोज शेयर की हैं, जिसमें उनका प्यार साफ नजर आ रहा है. इन फोटो के साथ मंदिरा बेदी ने कैप्शन में टूटे दिल वाला ब्लैक इमोजी बनाया है. मंदिरा बेदी के इस पोस्ट पर फैन्स और सिलेब्रिटीज जहां प्यार दे रहे हैं तो वहीं उन्हें हिम्मत रखने के लिए भी कहते नजर आ रहे हैं.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Viral Bhayani (@viralbhayani)

ये भी पढ़ें- पापा आमिर खान के तलाक के बाद बेटी Ira ने किया पोस्ट, लिखी ये बात

ट्रोल हुई थीं मंदिरा बेदी

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Viral Bhayani (@viralbhayani)

बीते बुधवार यानी 30 जून को एक्ट्रेस मंदिरा बेदी के पति राज कौशल का हार्ट अटैक से निधन हो गया था, जिसके बाद सेलेब्स ने इस दुख की घड़ी में मंदिरा बेदी के साथ नजर आए थे. वहीं मंदिरा बेदी ने खुद ही पति के अंतिम संस्कार की सारी रस्में निभाई थी, जिसे लेकर उन्हें ट्रोलिंग का सामना भी करना पड़ा था. इसी बीच शनिवार को राज कौशल के लिए प्रेयर मीट भी रखी गई. जहां मौनी रौय जैसे सितारे नजर आए थे.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Rakhi Sawant (@rakhisawant2511)

बता दें, राज कौशल एक फिल्म मेकर थे. वहीं साल 1999 में 14 फरवरी को मंदिरा बेदी संग लव मैरिज की थी. वहीं उनके दो बच्चे एक बेटा और गोद ली हुई बेटी भी है.

ये भी पढ़ें- Balika Vadhu 2 नया प्रोमो हुआ रिलीज, Cute अंदाज में दिखीं छोटी आनंदी

#coronavirus: रोजाना 90 लाख वैक्सीन देने का दावा कितना सही?

भारत ने हाल ही में 21 जून को देश में 90 लाख से ज्यादा लोगों को कोविड वैक्सीन डोज देने का ‘वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बनाया था. जिसको लेकर केंद्र सरकार अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनने को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी थी. 21 जून के बाद कोई भी दिन ऐसा नहीं था जिस दिन इतनी तो क्या इसके आसपास भी वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है, जिसको लेकर अब सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आ रहा है. 21 जून से केंद्र ने वैक्सीन की खरीद खुद से करनी शुरू की थी और ऐसे-ऐसे राज्यों में वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड बना, जहां दो-तीन दिन पहले तक कुछ हजार डेली वैक्सीनेशन भी ठीक से नहीं हो पा रहे थे.

अब ये बात गौर करने वाली है कि क्या देश के पास सिर्फ 21 जून के लिए वैक्सीन स्टॉक था? पिछले चार दिनों में वैक्सीनेशन 17 लाख तक गिर चुका है. ऐसे में क्या फिर हम वैक्सीन कमी से जूझ रहे हैं?

वैक्सीनेशन की रफ्तार में कमी

21 जून को रिकॉर्ड वैक्सीनेशन के बाद से ही वैक्सीनेशन में लगातार कमी आ रही है. 22 जून को ही सिर्फ 54,66,891 लोगों को वैक्सीन की डोज दी गईं. 23 और 24 जून को वैक्सीनेशन में कुछ उछाल जरूर आया था, लेकिन अब पिछले चार दिनों से फिर रफ्तार धीमी पड़ती नजर आ रही है.

28 जून को 52,68,881 लोगों को वैक्सीन की डोज दी गईं, तो आंकड़ा 29 जून को सीधे 36 लाख पर पहुंच गया. 30 जून को ये 27 लाख रहा. कुल मिलाकर पिछले चार दिनों के आंकड़े देखकर ऐसा लगता नहीं है कि वैक्सीन खरीद की जिम्मेदारी केंद्र के पास जाने के बावजूद कोई बड़ा बदलाव आया है.

ये भी पढ़ें- सावधान ! बदल गई है जॉब मार्केट, खुद को काम का बनाए रखने की कोशिश करें  

राज्यों में दोबारा हुई वैक्सीन की कमी

मुंबई में 1 जुलाई को सभी सरकारी वैक्सीनेशन केंद्र बंद कर दिए गए. कई शहरों और गांवो में वैक्सीन की कमी की वजह से वैक्सीनेशन स्थगित कर दिया गया है. वैक्सीनेशन ऐसे समय में रोक दिया गया है जब डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं.

अगर हम 27 जून का आंकड़ा देखगें तो हमें अप्रैल, मई का महीना याद आ सकता है, जब कई राज्य वैक्सीन कमी की शिकायत कर रहे थे. इस दिन सिर्फ 17 लाख वैक्सीन दी गईं. इतना ढुलमुल वैक्सीनेशन म्यूटेशन पर आती हर दिन नई जानकारी के बीच डराने वाला है.

पश्चिम बंगाल, दिल्ली, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे राज्य एक बार फिर वैक्सीन की कमी का सामना कर रहे हैं. 21 जून के रिकॉर्ड वैक्सीनेशन के बमुश्किल एक हफ्ते बाद ऐसी स्थिति गंभीर सवाल पैदा करती है.

बीजेपी शासित राज्य गुजरात के अहमदाबाद में वैक्शीनेशन के लिए लंबी कतारें और अस्त-व्यस्त माहौल देखा गया. अधिकारियों का दावा है कि अहमदाबाद में 1 लाख लोगों के रोजाना वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा होना नामुमकिन सा है.

रोजाना का आंकड़ा करीब 40 लाख डोज

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना था कि जून में 12 करोड़ वैक्सीन डोज राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दी जाएगी. जिसमें 10 करोड़ कोविशील्ड और 2 करोड़ कोवैक्सीन के हिसाब से रोजाना का आंकड़ा करीब 40 लाख डोज ही बैठता है.

एक बार फिर आपको याद दिलाते है कि 21 जून को वैक्सीनेशन रिकॉर्ड 90 लाख हुआ. जिसके बाद गिरना, बढ़ना, गिरना चलता रहा है. इसमें सोचने वाली बात यह है कि अगर सरकार को ये बात स्पष्ट थी कि 12 करोड़ से ज्यादा डोज नहीं दी जा सकती है तो एक दिन में 88 लाख डोज देने का क्या मतलब बनता था. अगर ध्यान दे पाएंगे कि ज्यादातर राज्यों ने 21 जून के बाद वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज कर दी गई थी लेकिन सप्लाई में वैक्सीनेशन की मात्रा जस की तस बनीं हुई थी. नतीजा लगातार गिरती वैक्शीनेशन की रफ्तार सबके सामने है.

वैक्सीनेशन में सुधार की कितनी उम्मीद?

गौरतलब हो कि सरकार ने 21 जून को कथित ‘वर्ल्ड रिकॉर्ड’ तो बना लिया, लेकिन क्या अब उसके पास इतनी वैक्सीन है कि इस रिकॉर्ड को कायम रखा जा सके? सरकार अपनी वाहवाही लूटने में लगी है, लेकिन इसपर किसी के पास कोई जवाब नहीं है कि रोजाना 90 लाख डोज के लिए वैक्सीन कहां से आएंगी.

इस रिकॉर्ड को बरकरार रखने के लिए सरकार को लगभग जुलाई तक 30 करोड़ डोज की जरुरत पड़ेगी, लेकिन देखने वाली बात यह है कि देश में वैक्सीन का प्रोडक्शन लगभग 15 करोड़ तक होता है.

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने मई से प्रतिमाह 10 करोड़ वैक्सीन का प्रोडक्शन करने का ऐलान किया था, जो मुमकिन नहीं हो पाया. सीरम ने जून से 10 करोड़ वैक्सीन देने की शुरुआत की है.

ये भी पढ़ें- बेटियां भी संपत्ति में बराबर की हकदार

इसके साथ ही कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक का प्रोडक्शन सीरम इंस्टीट्यूट के मुकाबले अभी भी काफी कम है. बेशक कंपनी जुलाई-अगस्त तक साढ़े 6 करोड़ डोज और सितंबर से 10 करोड़ डोज तैयार करने की तैयारी में जरुर है. लेकिन अभी इसका प्रोडक्शन सिर्फ 2 ही करोड़ है.

केंद्र सरकार स्पुतनिक वैक्सीन को काफी समय पहले मंजूरी दे चुका है. स्पुतनिक की सवा करोड़ डोज भारत आई थीं. लेकिन कितनी-कहां दी गईं, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है. इसके साथ ही मॉडर्ना को भी सरकार की तरफ से मंजूरी मिल चुकी है. लेकिन, ये वैक्सीन कब तक और कितनी आएगी, अभी इसकी कोई जानकारी नहीं है.

मतलब साफ है कि 90 लाख डोज रोजाना देने का ख्वाब अभी तो पूरा नहीं हो पाएगा . इसके लिए जब तक सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक का कुल प्रोडक्शन लगभग 24 करोड़ नहीं पहुंचता है, इस रिकॉर्ड का आंकड़ा छूना लगभग नामुमकिन है. ऐसे में सरकार का ये दावा कब तक सफल हो पाएगा ये देखने वाली बात है.

रामगढ़ताल बाढ़ के पानी के साथ ही लोगों को बीमारियों से भी बचाया जाएगा : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 50 हजार राजस्व ग्रामों में इस वर्ष दिसंबर तक जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल परियोजना से शुद्ध पानी मिलेगा. बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में कार्य जारी है. शुद्ध पेयजल की उपलब्धता से इंसेफेलाइटिस समेत प्रदूषित पानी से होने वाली कई बीमारियों से भी निजात मिलेगी.

सीएम योगी सोमवार को गोरखपुर स्थित राप्ती नदी के मलौनी बांध स्थित तरकुलानी रेगुलेटर के समीप बाढ़ के पानी से निजात दिलाने के लिए निर्मित पंपिंग स्टेशन के लोकार्पण के बाद ग्राम बेलवार में जनसभा को संबोधित कर रहे थे.

अक्टूबर में पीएम मोदी करेंगे खाद कारखाने और एम्स का उद्घाटन

जनसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1990 में बंद गोरखपुर का खाद कारखाना बनकर लगभग तैयार है. अक्टूबर में इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराया जाएगा. इस अवसर पर उन्होंने अक्टूबर में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं वाले एम्स के पीएम मोदी के हाथों उद्घाटन किए जाने की जानकारी भी दी.

मुंबई को भी मात देगा रामगढ़

गोरखपुर में विकास के नए प्रतिमानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जो रामगढ़ताल कभी अपराधियों का अड्डा होता था, अब पर्यटन केंद्र बन चुका है. अपनी सुंदरता में यह मुम्बई को भी फेल कर देगा.

विकास भी होगा, विनाशकारी तत्वों पर सख्त कार्रवाई भी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपराधियों व उपद्रवियों की संपत्ति कब्जे में लेकर उसे गरीबों में बांट रही है. सरकार का बुजडोजर अपराधियों की छाती को रौंद रहा है. उदबोधन के दौरान ही माफिया के खिलाफ जारी कार्रवाई पर उनके सवाल पर जनता ने पुरजोर समर्थन किया. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार में विकास भी होगा और विनाशकारी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी.

कोरोनाकाल में भी विकास पर आंच नहीं आने दी : योगी

सीएम योगी ने कहा कि पिछला डेढ़ साल पूरी दुनिया के लिए बहुत खराब रहा. विश्व में न जाने कितने लोग कोरोना की चपेट में आए. हमनें कोरोना से जीवन के साथ जीविका को भी बचाया. कोरोनाकाल में भी विकास पर, नौजवानों के भविष्य पर आंच नहीं आने दी. सीएम ने कोरोना से अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश सुरक्षित स्थिति में है. उन्होंने कहा कि 33 करोड़ की आबादी वाले विकसित देश अमेरिका में उससे चार गुना आबादी वाले भारत की तुलना में दोगुनी मौतें हुईं. सीएम ने कहा कि जीवन के साथ जीविका की रक्षा के लिए हमें जागरूकता के साथ आगे बढ़ना है. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने गोरखपुर ग्रामीण व चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र के लिए 212 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया. इसमें 10 सड़कें, दो उपरगामी सेतु व विद्यालय निर्माण के कार्य शामिल हैं.

उन्होंने तरकुलानी पंपिंग स्टेशन समेत सिंचाई विभाग की मंडल में 10 परियोजनाओं का लोकार्पण करते हुए कहा कि, तरकुलानी रेगुलेटर पर निर्मित पंपिंग स्टेशन की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए कहा कि 2009 में जब से यह क्षेत्र गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में आया तब से यहां पंपिंग स्टेशन की मांग की जा रही थी. यह पचास हजार परिवारों, दो लाख की आबादी के लिए जरूरी था ताकि बाढ़ के साथ ही लोगों को बीमारी से भी बचाया जा सके. यह पंपिंग स्टेशन आज से प्रारंभ हो गया है. सीएम ने इसकी क्षमता का जिक्र करते हुए बताया कि रामगढ़ताल में जितना पानी है, यह पंपिंग स्टेशन उसे एक घण्टे में उड़ेलकर फेंक देगा. उन्होंने कहा कि यह होता है कार्य. जब केंद्र व राज्य में डबल इंजन की सरकार होती है तो वह कई गुना स्पीड से काम करती है और लोगों के जीवन मे खुशहाली लाती है.

खेती के साथ बीमारी से बचाव का माध्यम बनेगी यह परियोजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि तरकुलानी रेगुलेटर पर पंपिंग स्टेशन की यह परियोजना क्षेत्र में खेती बचाने के साथ ही बीमारी से बचाव का भी माध्यम बनेगी. उन्होंने कहा कि खोराबार ब्लॉक इंसेफेलाइटिस से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल रहा है. पंपिंग स्टेशन न होने से यहां जलजमाव से बीमारियां होती थीं. तरकुलानी का यह पंपिंग स्टेशन जलजमाव की समस्या का समाधान करेगा.

यूपी की दशा व दिशा बदलने में जुटे हैं योगी : गजेंद्र शेखावत

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की दशा व दिशा बदलने में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत, जल संरक्षण, पेयजल, सिंचाई आदि के क्षेत्र में यूपी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. केंद्र के बाद यूपी देश का पहला ऐसा राज्य है जहां एकीकृत जलशक्ति मंत्रालय का गठन है. श्री शेखावत ने कहा कि पीएम मोदी के विजन व सीएम योगी की देखरेख में यूपी के बाँदा, चित्रकूट, महोबा आदि क्षेत्रों में हर घर नल से जल पहुंचाने का कार्य तीव्र गति से हो रहा है. दो साल में प्रदेश के हर घर में शुद्ध पेयजल मिलने लगेगा. उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय की तरफ से सर्वाधिक 10400 करोड़ रुपये का बजट यूपी को दिया गया है, और जरूरत होगी तो उसे भी दिया जाएगा. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने बताया कि यूपी में सरयू, बाणगंगा, मध्यगंगा परियोजना तीन चार माह में पूरी हो जाएंगी. इन परियोजनाओं से इस प्रदेश में 22 लाख हेक्टेयर नई सिंचित भूमि उपलब्ध होगी.

बाढ़ राहत में यूपी ने पेश की मिसाल

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बाढ़ राहत के कार्यों में स्थायित्व देकर उत्तर प्रदेश ने पूरे देश मे मिसाल कायम किया है. यह अन्य राज्यो के लिए प्रेरणास्रोत है. तरकुलानी रेगुलेटर पर बने पंपिंग स्टेशन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि योगी जी ने इसके जरिये एक नई तकनीकी दी है. इस अनूठी परियोजना को देख उनका भरोसा जगा है कि इसे अपनाकर अन्य प्रदेश भी बाढ़ के पानी से खुद को प्रभावित होने से बचा सकते हैं.

पूरे प्रदेश को बाढ़ से बचाया है सीएम योगी ने: डॉ महेंद्र सिंह

जनसभा में अपनी बात रखते हुए प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से बदल रहा है. उन्होंने इस राज्य का मान, सम्मान व स्वाभिमान वापस कराया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश को बाढ़ से बचाया है. पहले बाढ़ से बचाव के कार्यों के लिए पैसा अप्रैल, मई में जारी होता था और काम जून में शुरू होता था. तब तक बाढ़ आ जाती थी और पैसा भी उसी में बह जाता था. अब योगी जी जनवरी में ही पैसा दे देते हैं और बाढ़ आने से काफी पहले काम पूरा हो जाता है. डॉ सिंह ने कहा कि वर्ष 2016 में यूपी में 543771 हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई थी, योगी जी के कुशल मार्गदर्शन में हुए कार्यों से 2020-21 तक यह घटकर 6886 हेक्टेयर रह गई है. सीएम योगी की देखरेख में बाढ़ बचाव की 170 परियोजनाओं का लोकार्पण व 246 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है. चार सालों में 25 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिली है. ऐसा अन्य किसी भी राज्य में नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि आज यूपी देश की हर योजना में नम्बर वन है और योगी जी के नेतृत्व में इसे पूरे देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाया जा रहा है.

#lockdown: अपने अंदर के ईगो को ना कहे! 

लॉक डाउन में पूरा वसुधा घर में कैद है ,इस समय आपका घर तू तू मैं मैं का अखाडा न बने इसके लिए पति और पत्नी दोनों को सझना होगा. घर में कलह आने से पहले ही रोकना होगा . जीवन एक यात्रा है और इस यात्रा के दो पहिये है पति पत्नी, दोनों को मिल कर रहना ईगो  आवश्यक है .पति -पत्नी के रिश्ते में भी शिष्टाचार जरूरी है. जीवन में इस शिष्टाचार का ईगो  योगदान है , तो आइए जानते हैं इसका इस रिश्ते के सात ईगो  पहलू के बारे में जिनका जीवन में महत्व है .

1. आपसी सम्मान की भावना विकसित करे

 घर में दोनों का महत्व सामान्य है तो दोनों का एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना ही बराबर होनी चाहिए. इस लॉक डाउन में यह बात आपको तय कर सुधार लेना ही होगा कि अगर आपके घर में कोई मेहमान आया है तो उसके सामने एक-दूसरे पर कटाक्ष ना करे.  ना ही एक -दूसरे का या एक-दूसरे के परिवार का मजाक उड़ाए . इसके बदले आप अपने व्यवहार में सहजता लाएं. आपसी सम्मान दें और छींटाकशी करने से बचे.

ये भी पढ़ें- आर-बाम्बिंग’ रिलेशनशिप सही नहीं

2. समय की कोई पाबंदी नहीं एक-दूसरे को बेहतर समझ

यह लॉक डाउन का समय परिवार के लिए अनमोल समय है. जो समय का रोना रोकर परिवार को समय नहीं दे पा रहे थे, उसके लिए समय ही समय है. तो इस समय का उपयोग परिवार में उत्पन आपसी विवादों को आपसी समझौतों को दूर करने का है,किसी भी समस्या का हल है आपसी बातचीत किया जा सकता है . इसके लिए व्यस्त जीवनशैली से थोड़ा सा समय साथी के लिए निकालें और उसके साथ क्वालिटी टाइम बताएं. इस तरह से आपके रिश्तो की डोर मजबूत होगी. यह वह समय होता है जब आप एक-दूसरे को बेहतर समझ सकते हैं.

3. सन्देश, पार्सल या गिफ्ट चैक करने से बचे

एक दूसरे के किसी भी प्रकार के सन्देश को चैक ना करें. बेवजह एक-दूसरे के मोबाईल में आने वाले मैसेज या ई- मेल्स चैक करने से बचे . अगर आपके साथी के नाम पर कोई  पत्र, कोरियर पार्सल या गिफ्ट भी आता है तो उसे खुद ना खोलें . जिसके नाम सन्देश, पार्सल या गिफ्ट हो उस से ही बोले वह खोले और देखे . उस में अपनी रूचि ना दिखाए. ऐसे करने से आप अपने साथी के लिए खुद ही एक सकारात्मक सोच विकसित करने में मदद करेंगे .

4. आपसी अहंकार को ख़त्म करे

लॉक डाउन से पहले हर कोई अपने जीवन में इतना उलझा हुआ था कि किसी के पास समय नहीं था, अब समय ही समय है ,तो आपसी अंहकार को भूला कर खुद को दूसरों से श्रेष्ठ साबित करें. पति-पत्नी में से कोई भी एक-दूसरे की भावनाओं को समझने की कोशिश नहीं करता. ऐसे में एक-दूसरे की बात पर ध्यान दीजिए वरना यह अशिष्टता मानी जाएगीअहंकार को न पनपने दें. समझें कि आपका पार्टनर आपके जितना ही बुद्धिमान व जिम्मेदार है.

5. आपसी रिश्ते को सम्मान करें

परिवार में पति पत्नी का रिश्ता अनमोल होता है चाहे कोई सा भी हो, आपसी सम्मान बहुत जरूरी है. एक-दूसरे की इज्जत करें. संभव हो सके तो सॉरी, थैंक्यू या प्लीज जैसे मैजिक शब्दों का इस्तेमाल करें. यदि किसी बात पर गुस्सा आ रहा है तो शांत होने पर ही बात करें वरना अनावश्यक बहस बढ़ेगी.

6. खास समय के समय गैजेट से दूरी बनाये रखे

लॉक डाउन में जीवन में गैजेट का भी प्रभाव तेजी से बढ़ा है. इस बात का बेहत ध्यान देना है कि जब भी पति – पत्नी दोनों एक-दूसरे के साथ खास समय (क्वालिटी टाइम) बिता रहे हों, इस समय मोबाइल या किसी भी अन्य गैजट से दूरी बनाकर रखें.

ये भी पढ़ें- एकतरफा प्यार में पागल

7 . पर्सनल स्पेस की ज़रूरत को समझे

लॉक डाउन में आप घर में इसका मतलब यह नहीं है कि आपके पति या पत्नी का कोई पर्सनल स्पेस की ज़रूरत नहीं है . हर किसी को अपने लिए पर्सनल स्पेस की ज़रूरत होती है. यह बात आपको समझनी चाहिए. हर वक्त और हर चीज में दखल देना आपको आपके पार्टनर के नजदीक लाने के बजाय आपके बीच दूरी बढ़ने का कारण हो सकता है. इसलिए एक-दूसरे के पर्सनल स्पेस का विशेष ख्याल रखे.

सावधान ! बदल गई है जॉब मार्केट, खुद को काम का बनाए रखने की कोशिश करें  

यह कहने की जरूरत नहीं है कि कोरोना ने बहुत कुछ ही नहीं बल्कि सब कुछ ही बदल दिया है. पिछले लगभग दो सालों से जिस तरह से पूरी दुनिया कोरोना महामारी के शिकंजे में है, उसका ग्लोबल जॉब मार्केट में जबरदस्त असर हुआ है, इसका खुलासा एमआई यानी मैकिंजे इंटरनेशनल के एक हालिया सर्वे से हुआ है. दुनिया के आठ देशों में जहां धरती की 50 फीसदी से ज्यादा आबादी रहती है और जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था का 62 फीसदी जीडीपी का उत्पादन होता है. ऐसे आठ देशों में मैकिंजे इंटरनेशनल ने पिछले दो सालों में बदले हुए जॉब ट्रेंड एक सर्वे किया है और कॅरियर शुरु करने के इंतजार में खड़ी पीढ़ी को सावधान किया है कि वे जल्द से जल्द अपने आपको नयी परिस्थितियों के मुताबिक ढालें वरना अप्रासंगिक हो जाएंगे.

मैकिंजे इंटरनेशनल ने जिन आठ देशों की अर्थव्यवस्था पर नजर रखी है और वहां के जॉब मार्केट में सर्वे किया है, उसमें चीन, भारत, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, जापान, यूनाइटेड किंगडम और यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमरीका शामिल हैं. इन सभी देशों में कम या ज्यादा मगर पिछले दो सालों में नौकरियां कम हुई हैं. कहीं 8 से 10 फीसदी तक तो कहीं 20 से 25 फीसदी तक और इन नौकरियों के कम होने में सबसे बड़ी भूमिका है आटोमेशन की. शोध अध्ययन से पता चला है कि बड़े पैमाने पर जॉब  कुछ विशेष क्षेत्रों में समाहित हो गये हैं. मैकिंजे के विस्तृत अध्ययन से पता चला है कि पिछले दो सालों में 800 से ज्यादा प्रोफेशन, 10 कार्यक्षेत्रों में समाहित हो गये हैं और खरीद-फरोख्त के मामले में तो ऐसा उलटफेर कर देने वाला परिवर्तन हुआ है कि कोरोना से पहले जहां ग्लोबल शोपिंग में ऑनलाइन  शोपिंग की हिस्सेदारी 35 से 40 फीसदी थी, वहीं पिछले दो सालों में यह बढ़कर 80 फीसदी तक हो गई है.

हालांकि यह स्थायी डाटा नहीं रहने वाला. क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर ऑनलाइन, शोपिंग इसलिए भी इन दिनों हुई  से क्योंकि इस दौरान दुनिया के ज्यादातर देशों में लॉकडाउन लगा हुआ था. बावजूद इसके मैकिंजे इंटरनेशनल शोध अध्ययन की पहली किस्त का साफ तौरपर निष्कर्ष है कि खरीद-फरोख्त की दुनिया में कोरोना महामारी ने आमूलचूल परिवर्तन कर दिया है. इस महामारी के खत्म होने के बाद भी यह परिवर्तन लौटकर पहली वाली स्थिति में नहीं आने वाला. आज की तारीख में राशन से लेकर सिरदर्द की टैबलेट तक लोग बड़ी सहजता से ऑनलाइन मंगवा रहे हैं. आश्चर्य तो इस बात का भी है कि बड़ी तेजी से इन लॉकडाउन के दिनों में अलग अलग शहरों के मशहूर स्नैक्स तक 24 से 48 घंटों के अंदर देश के एक कोने से दूसरे कोने में डिलीवर होने लगे हैं. इलाहाबाद के पेड़े (अमरूद) ही नहीं अब समोसे भी 24 घंटे के अंदर नागपुर, भोपाल, मुंबई, पुणे और विशाखापट्टनम में खाये जा सकते हैं.

वैसे कभी न कभी तो यह सब होना ही था. लेकिन कोरोना महामारी ने इसकी रफ्तार बहुत तेज कर दी है. पिछले दो सालों में ई-कॉमर्स  और आटोमेशन में जबरदस्त इजाफा हुआ है और इस इजाफे में कैटेलेटिक एजेंट की भूमिका कामकाजी लोगों का बड़े पैमाने पर घर में रहना यानी वर्क फ्राम होम की स्थिति ने निभाया है. पिछले दो सालों के भीतर औसतन पूरी दुनिया में करीब 25 फीसदी सेवा क्षेत्र की नौकरियों में इंसानों की उपस्थिति खत्म हो चुकी है,उनकी जगह या तो रोबोट ने ले ली है या कम स्टाफ ने. शायद इस महामारी के खत्म होने के कुछ सालों बाद ही दुनिया आश्चर्यजनक ढंग से इस महामारी के दौरान दुनिया में हुए रातोंरात तूफानी परिवर्तनों को महसूस करे, अभी तो यह सब कुछ बहुत तात्कालिक लगता है और कहीं न कहीं यह भी लगता है कि महामारी के जाते ही दुनिया शायद पुरानी जगह लौट आयेगी. लेकिन इतिहास इस अनुमान का, इस भरोसे का साथ नहीं देता.

इतिहास बताता है कि किसी भी क्षेत्र में हुआ कोई भी बदलाव आसानी से पहले की स्थिति में नहीं लौटता. यूरोप में और अमरीका में पिछले दो सालों के भीतर सफाई के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मशीनों का आगमन हुआ है. आज की तारीख में अमरीका में 18 से 20 फीसदी तक और यूरोप में 12 से 15 फीसदी तक रोबोट सफाई कर्मचारियों के रूप में मोर्चा संभाले हुए हैं. कोरोना संकट खत्म होने के बाद विशेषज्ञों को नहीं लगता कि रोबोट वापस शो रूम में चले जाएंगे. मैकिंजे की मानें तो आने वाले सालों में रोबोट इंसानों को अनुमान से 50 फीसदी ज्यादा चुनौती देने जा रहे हैं. हां, कुछ क्षेत्र इस दौरान ऐसे भी उभरकर सामने आये हैं, जहां मैनपावर यानी इंसानों की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा महसूस हुई है. इसमें सबसे प्रमुख क्षेत्र निःसंदेह चिकित्सा का है . दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है जहां कोरोना त्रासदी के दौरान, डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी महसूस न हुई हो. भारत, चीन जैसे जनसंख्या प्रधान देशों में डॉक्टरों को सामान्य समय के मुकाबले कोरोनाकाल में करीब 2.5 से 3 गुना तक कमी महसूस कराई गई है.

यही हाल चिकित्सा क्षेत्र में देखरेख का मुख्य आधार नर्सों का भी है. दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है जो आज की तारीख में अपनी कुल जरूरत की 80 फीसदी तक नर्सें रखता हो. दुनिया के बहुत सारे देशों में भारत से ही नर्सें जाती हैं या उनकी बड़ी जरूरत को किसी हद तक पूरा करते हैं. लेकिन इस कोरोना महामारी के दौरान भारत में 300 फीसदी से ज्यादा नर्सों की कमी महसूस की गई. हालांकि नर्से उपलब्ध हो जाएं तो भी भारत के चिकित्सा क्षेत्र के पास इतने संसाधन नहीं है कि वह उन्हें नौकरी दे सके. लेकिन कोरोना की रह-रहकर आयी लहरों ने साबित किया है कि डॉक्टर, नर्स और इस क्षेत्र के दूसरे सहायकों की आज पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है और आने वाले भविष्य में भी यह जरूरत बनी रहने वाली है.

ब्रेकअप के बाद मुसीबत न बन जाए बौयफ्रैंड

हर लव स्टोरी सक्सैसफुल हो, ऐसा होता नहीं है. रिश्ते टूटते भी हैं और यहीं से पैदा होती है ‘नफरत’. जरूरी नहीं कि हर केस में ऐसा हो, लेकिन ज्यादातर में ऐसा होता है. ब्रेकअप होने पर जहां कुछ लोग अपनी जिंदगी में मस्त हो जाते हैं या दूसरा साथी ढूंढ़ लेते हैं. वहीं कुछ लोग बदला लेने की ठान लेते हैं. सोचते हैं कि वह मेरी नहीं हुई तो किसी और की कैसे हो सकती है. ऐसे में क्या करें, आइए जानें:

बरतें सावधानी:

एक गीत के बोल हैं, ‘वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन, उसे एक खूबसूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा…’ किसी के साथ रिश्ते में होना बेहद खूबसूरत एहसास है, मगर यह सुंदर सपना जब टूटता है, तो बड़ी चोट पहुंचती है. प्रेम संबंध टूटने की कुछ वजहें होती हैं, जैसे दोनों में से किसी एक का शादी के लिए राजी न होना, घरवालों का दबाव होना, धर्मजाति का अलगअलग होना, लड़के का नौकरी न करना, कोई फ्यूचर प्लैनिंग न होना वगैरहवगैरह. जब आप को लगे कि आप का रिश्ता किसी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता तो ठीकठीक वजहें सामने रख कर अलगअलग राह चुनने के लिए अपने पार्टनर से खुल कर बात करें. यदि आप को बौयफ्रैंड आप से किसी मतलब से जुड़ा हुआ है तो वह आप को धमकी देने की या डराने की कोशिश करेगा. हो सकता है वह आप को ब्लैकमेल भी करे. ऐसे में तुरंत अपने मातापिता को उस के बारे में बताएं और उस की पुलिस में शिकायत करें.

धीरेधीरे दूरी बनाएं:

अगर आप की शादी तय हो गई है, तो जरूरी नहीं कि आप एक  झटके में अपना रिश्ता तोड़ दें. जब रिश्ता बनने में वक्त लगता है, तो उसे खत्म करने में भी लगेगा. इसलिए दूरी धीरेधीरे बनाएं. उसे उन बातों का एहसास दिलाएं कि वे क्या मजबूरियां हैं, जिन के कारण आप उस से दूर हो रही हैं. एक पल में सबकुछ खत्म करने की कोशिश न करें, क्योंकि हो सकता है कि सामने वाला अचानक हुए खालीपन को बरदाश्त न कर पाए. उसे समय दें और धीरेधीरे सारे कौंटैक्ट खत्म कर लें.

ये भी पढ़ें- पड़ोसी की न जात पूछें और न धर्म

गिफ्ट नष्ट कर दें:

आप के बौयफ्रैंड ने भी आप को गिफ्ट, कार्ड या कपड़े अत्यादि दिए होंगे. उन्हें आप जितनी जल्दी खुद से दूर कर देंगी, उतनी जल्दी आप उस की यादों से मुक्त हो जाएंगी. कोशिश करें कि आप ने भी उसे जो गिफ्ट या कार्ड्स वगैरह दिए हैं सब उस से वापस मिल जाएं. उन्हें भी नष्ट कर दें. नए जीवन में पुरानी चीजों की छाया नहीं पड़नी चाहिए.

ब्रेकअप के बाद खुद को समय दें:

ब्रेकअप के बाद अकसर यह एहसास होता है कि यह कुछ वक्त की दूरी है, हम फिर एक हो जाएंगे. इस एहसास से निकलना आसान नहीं होता है. ज्यादातर लोग ब्रेकअप के बाद उत्पन्न हुए खालीपन को भरने के लिए तुरंत कोई दूसरा दोस्त ढूंढ़ लेते हैं या शादी के लिए तैयार हो जाते हैं, यह ठीक नहीं है. बौयफ्रैंड के साथ बिताए पलों को भूलने और सचाई को पूरी तरह स्वीकार करने के लिए खुद को समय दें, चिंतन करें और खुद को सम झाएं कि आप ने जो कदम उठाया है, वह बिलकुल ठीक है. नया दोस्त या जीवनसाथी चुनने में हड़बड़ी न करें.

शादी में बौयफ्रैंड को भूल कर न बुलाएं:

भले आप आपसी सम झौते के तहत अपने बौयफ्रैंड से अलग हुई हों और हो सकता है आप शादी के बाद भी अपने लवर को दोस्त की हैसियत से अपने करीब रखना चाहें, तो इस में कोईर् हरज नहीं है, लेकिन कोशिश करें कि आप उसे अपनी शादी पर न बुलाएं, क्योंकि उस हालत में एकदूसरे का सामना करना मुश्किल होगा और आप खुद उस की मौजूदगी में किसी और से शादी करने में असहज महसूस करेंगी. वहीं आप का ऐक्स बौयफ्रैंड उस व्यक्ति से जलन महसूस करेगा, जिस के गले में आप वरमाला डाल रही हैं. यह जलन कब बदले की भावना में बदल जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है.

हसबैंड को सबकुछ न बताएं:

यह गलत होगा कि आप अपने जीवनसाथी से अपने पिछले रिश्ते की बात छिपाएं, लेकिन जरूरी यह भी नहीं कि अपने अतीत के बारे में सबकुछ बताया जाए. आजकल स्कूलकालेज में बौयफ्रैंड गर्लफ्रैंड बनना आम बात है. इसे ले कर अकसर पति अपनी पत्नी से सवाल नहीं करते हैं. जवानी में अपोजिट सैक्स के प्रति आकर्षण होना स्वाभाविक है. यह आम चलन है. इसलिए पति से यह बताना कि हां, आप का प्रेमी था, कोई गजब ढाने वाली बात नहीं होगी. हां, अगर उस से आप के शारीरिक संबंध थे या आप उस से कभी प्रैगनैंट हुईं अथवा आप का अबौर्शन हुआ, तो जरूरी नहीं कि आप अपने पति को यह सारी बातें बताएं, क्योंकि ऐसा करना आप के रिश्ते में कड़वाहट भर देगा.

ये भी पढ़ें- बहनों के बीच जब हो Competition

पति की तुलना बौयफ्रैंड से न करें:

आप के बौयफ्रैंड की बहुत सी बातें शायद आप से मिलती होंगी, तभी आप की दोस्ती हुई और हो सकता है जिस व्यक्ति से आप की शादी हुई है, उस की आदतें आप से कतई न मिलती हों. उस हालत में आप को अपने बौयफ्रैंड का खयाल आ सकता है.

याद रखें आप ने जिस व्यक्ति से शादी की है वह बहुत बेहतर है, क्योंकि उस ने आप को स्थायित्व दिया है, आप को आर्थिक सुरक्षा दी है. क्या आप का बौयफ्रैंड आप को कभी इतना सब दे सकता था? शायद नहीं, इसीलिए कभी अपने पति की तुलना उस व्यक्ति से न करें.

सब से जरूरी बात यह है कि शादी के  बाद यदि ऐसी किसी अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़े तो आत्मविश्वास के साथ उस का सामना करें.

Silky Hair के लिए जानें कौन से हैं सही प्रोडक्ट्स

बाल अगर खूबसूरत होते हैं तो वे चेहरे की रंगत ही बदल देते हैं. लेकिन आज स्टाइल का जमाना है और इसी स्टाइल के चक्कर में कभी महिलाएं बालों को कलर करवाती हैं, कभी हाईलाइट, कभी रीबौंडिंग तो कभी हेयरस्टाइलिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं. जमाने के साथ चलना अच्छी बात है, लेकिन उस के चक्कर में अति कर के अपना नुकसान करना समझदारी नहीं.

कभीकभार हर चीज ठीक होती है, लेकिन जब आप स्टाइल के चक्कर में बालों पर जरूरत से ज्यादा कैमिकल्स व हीट प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने लगती हैं या फिर बालों की केयर नहीं करतीं तो यह बालों के नैचुरल मौइस्चर को चुरा कर उन्हें बेजान बना कर डैमेज करने का काम करता है.

यही नहीं बल्कि बाल झड़ने भी लगते हैं, स्प्लिट ऐंड्स की प्रौब्लम हो जाती है व बालों में फ्रिजीनैस आ जाती है, जो आप की सुंदरता को कम करने का काम करती है.

ऐसे में जब बाल डैमेज हो गए हैं तो उन्हें खास ट्रीटमैंट की जरूरत होती है ताकि आप के बालों में फिर से नई जान आ जाए. इस संबंध में जानते हैं कौस्मैटोलौजिस्ट पूजा नागदेव से:

सीरम से बालों को दें मौइस्चर

बाल तभी डैमेज होना शुरू होते हैं जब उन का मौइस्चर खत्म हो जाता है. इस से बालों में डलनैस आने लगती है.

लेकिन अगर डैमेज बालों को सीरम से हाइड्रेट रखा जाता है, तो धीरेधीरे बाल अपने पहले वाले रूप में वापस आने लगते हैं क्योंकि ये प्रदूषण व सनलाइट के बीच प्रोटैक्टिव लेयर का काम करते हैं. लेकिन इस के लिए जरूरी है कि आप का हेयर सीरम बालों के टाइप के हिसाब से हो व उसे लगाने का तरीका बिलकुल परफैक्ट हो. तभी आप को उस का फायदा मिल पाएगा.

ये भी पढ़ें- कैसे चुनें परफैक्ट फाउंडेशन

जब भी आप इसे बालों में अप्लाई करें तो आप के बाल हलके गीले होने चाहिए, फिर आप अपनी हथेली में सीरम की कुछ बूंदें डालें, फिर उन्हें दोनों हाथों से अच्छी तरह रब करते हुए बालों में लगाएं और फिर बालों में लगा छोड़ दें. इस से पूरा दिन आप के बालों में शाइन व साफ्टनैस रहेगी. जब भी आप को बालों में ड्राईनैस, फ्रिजीनैस व उमस के कारण बाल उड़ेउड़े नजर आएं तो आप सीरम जरूर अप्लाई करें. इसे स्मूदनिंग ट्रीटमैंट भी कहा जाता है.

इनग्रीडिऐंट्स इन सीरम

मार्केट में आप को ढेरों सीरम मिल जाएंगे, लेकिन आप उसी सीरम का चयन करें, जो आप के बालों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुचाए. इस के लिए जरूरी है कि आप को इस में होने वाले इनग्रीडिऐंट्स की जानकारी हो.

– लाइट वेट सीरम हैं बैस्ट, जो और्गन औयल, जोजोबा औयल व सनफ्लौवर औयल की खूबियों से भरे हों क्योंकि ये स्प्लिट ऐंड्स खत्म कर बालों को हैल्दी, स्मूद व शाइनी बनाने का काम करते हैं.

– कोकोनट मिल्क ऐंटीब्रेकेज सीरम कम समय में बालों को हील कर के उन्हें हैल्दी बनाने का काम करता है.

– सीरम में ह्यालुरोनिक ऐसिड, बालों को हाइड्रेट व हेयर डैंसिटी को बढ़ाने का काम करता है.

– पौलीफिनोल्स नामक इनग्रीडिऐंट बालों में एंटीऔक्सीडैंट प्रोटैक्शन का काम करता है.

– विटामिन बी-12 रिच सीरम बालों को सुपर सौफ्ट फील देने का काम करता है.

इन इनग्रीडिऐंट्स से बचें

– पीइजी, पौलीक्वाटेर्नियम, आर्टिफिशियल कलर, डीसोडियम इडीटीए, फ्रैगरैंस जैसे हानिकारक कैमिकल्स से बचें. साथ ही इन में सिंथैटिक सिलिकौन का भी इस्तेमाल किया जाता है. यह बालों के ऊपर एक प्रोटैक्टिव लेयर बनाने का काम कर के मौइस्चर के लौस को रोकने में मददगार होता है. यह मौइस्चर के साथसाथ न्यूट्रिएंट्स को भी बालों तक जाने से रोकने का काम करता है, जो बालों के लिए नुकसानदायक साबित होता है.

हेयर कंडीशनर

कंडीशनर बालों को जरूरी न्यूट्रिएंट्स प्रदान कर के उन्हें हैल्दी, सौफ्ट बनाने का काम करता है. लेकिन हम में से अधिकांश महिलाएं यही सोचती हैं कि हम ने तो बालों की डलनैस व उन्हें सौफ्ट बनाने के लिए कंडीशनर का इस्तेमाल किया था, लेकिन इसे अप्लाई करने के 1 दिन बाद ही हमारे बाल वैसे के वैसे हो गए, जबकि कंडीशनर तो यह दावा करते हैं कि इस से बाल कई दिनों तक सिल्की हो जाएंगे.

तो आप को बता दें कि आप के कंडीशनर में जरूरत से ज्यादा कैमिकल्स का इस्तेमाल होने के कारण आप के बाल रूखे हुए हैं.

ऐसे में जरूरत है कि अगर आप डैमेज बालों की समस्या से जूझ रही हैं तो कोई भी कंडीशनर न खरीदें, बल्कि उस में शामिल किए गए इनग्रीडिऐंट्स को जरूर देखें. तभी आप को कंडीशनर का फायदा मिल पाएगा.

इनग्रीडिऐंट्स इन कंडीशनर

– एवोकाडो औयल में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी

ऐसिड्स बालों को मजबूत बना कर यूवी किरणों से उन्हें पूरी तरह से बचाने का काम करते हैं.

– वीट प्रोटीन आप के बालों की मजबूती को बढ़ा कर उस के मौइस्चर को फिर से वापस लौटाने का काम करता है.

– कंडीशनर में केराटिन का उपयोग उसे बालों के लिए लाभकारी बनाता है. बता दें कि केराटिन सैल्स को सौफ्ट बना कर स्प्लिट ऐंड्स की समस्या को कम करता है. जिस से बालों का मौइस्चर धीरेधीरे वापस लौटने लगता है.

– और्गन औयल में ओलिक और लिनोलेइक नामक फैटी ऐसिड्स होते हैं जो आप के बालों और स्कैल्प को फैटी लेयर प्रदान कर उन की ड्राईनैस, फ्रिजीनैस को दूर कर उन्हें सौफ्ट व स्मूद बनाने का काम करते हैं.

– पैंथेनोल यानी विटामिन बी 5 बहुत ही असरदार हुमेक्टैंट है जो हेयर शाफ्ट में ऐंटर कर बालों के मौइस्चर को बढ़ाने का काम करता है.

– शिया बटर में विटामिन ए, ई और ऐसैंशियल फैटी ऐसिड्स होते हैं जो बालों को हीट प्रोडक्ट्स के कारण हुए नुकसान से बचाने के साथसाथ बालों की फ्रिजीनैस को कम कर उस की शाइन को भी बढ़ाने में मददगार है.

य़े भी पढ़ें- फेस लिफ्ट सर्जरी कराने से पहले ध्यान रखें कुछ ज़रूरी बातें

इन इनग्रीडिऐंट्स से बचें

– पैराबेंस, सल्फेट्स, ट्रिक्लोसन, सिंथैटिक कलर्स, फ्रैगरैंस, रैटिनील पल्मीटेट. ये धीरेधीरे बालों के मौइस्चर को खत्म करने के साथसाथ स्किन ऐलर्जी का भी कारण बनते हैं. इसलिए इन तत्त्वों से बने कंडीशनर का इस्तेमाल करने से बचें वरना डैमेज हेयर्स की हालत और खराब हो जाएगी.

शैंपू

धूलमिट्टी व प्रदूषण के कारण हमारे बाल आए दिन गंदे हो जाते हैं. उन में गंदगी व बालों में औयल आने के कारण उन में रफनैस भी आ जाती है, जिस से नजात पाने के लिए हम आए दिन शैंपू का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप जानती हैं कि जिस शैंपू का इस्तेमाल आप बिना सोचेसम?ो बालों से गंदगी व डैमेज बालों की रिपेयर करने के लिए कर रही हैं, वह आप के बालों को और डैमेज कर रहा है. ऐसे में आप के लिए यह जानना जरूरी है कि आप हफ्ते में कितने दिन व आप के शैंपू में ऐसी क्या खूबियां हों जो बालों से गंदगी भी निकाल दें और बालों को बिना डैमेज किए उन्हें सौफ्ट बनाने का भी काम करें.

इनग्रीडिऐंट्स इन शैंपू

– डीप नरिशिंग शैंपू है बैस्ट, जिस में है वर्जिन औलिव औयल व विटामिन ई की खूबियां क्योंकि यह बालों को डीटौक्स करने के साथसाथ उन की रफनैस, फ्रिजीनैस को दूर कर उन्हें सौफ्ट व शाइनी लुक देता है.

– शैंपू में फर्मेंटेड राइस वाटर, प्रो विटामिंस, एमिनो ऐसिड जैसे तत्त्व कुछ ही दिनों में  डैमेज बालों में फिर से नई जान डालने का काम करते हैं.

– ऐप्पल साइडर विनेगर में अल्ट्रा ऐसिडिक पावरहाउस इनग्रीडिऐंट होने के कारण यह बालों की शाइन को बढ़ाने के साथसाथ डैमेज हेयर्स को फिर से स्मूद बनाने का काम करता है.

– शैंपू में सोया प्रोटीन बालों को न्यूट्रिएंट्स दे कर उन की हैल्थ का खास खयाल रखता है क्योंकि इस से जड़ें मजबूत व उन में चमक आती है.

– हनी मौइस्चर शैंपू ड्राई व डैमेज बालों को हाइड्रेट रख कर उन के मौइस्चर को फिर से वापस लौटाने का काम करता है. यह हेयर फौलिकल्स को मजबूती प्रदान कर उन्हें झड़ने से भी रोकने का काम करता है.

 इन इनग्रीडिऐंट्स से बचें

– शैंपू में सल्फेट्स जो सोडियम लौरयल सलफेट व सोडियम लौरेथ सल्फेट के नाम से इनग्रीडिऐंट्स होता है. यह बालों को ड्राई बनाने के साथसाथ स्किन ऐलर्जी का भी कारण बनता है.

– पैराबेंस जैसे प्रोपिल और ऐथिल पैराबेंस यह जहां हेयर प्रोडक्ट्स की शैल्फ लाइफ को बढ़ाने का काम करते हैं, वहीं ये फीमेल हारमोन को प्रभावित कर के उन में कैंसर के खतरे को भी बढ़ाते हैं.

– ट्रिक्लोसन एक ऐंटीबैक्टीरियल एजेंट होता है, जो प्रिजर्वेटिव के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. यह आप की वसा कोशिकाओं में जमा हो कर शरीर के लिए खतरा पैदा करता है.

– सोडियम क्लोराइड शैंपू को गाड़ा बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इस से स्कैल्प पर ड्राईनैस, जलन व बाल झड़ने की समस्या भी पैदा होती है. इस में डलने वाली खुशबू कैमिकल्स से भरपूर होती है, जिस से स्कैल्प को नुकसान पहुंचने के साथसाथ अस्थमा, कैंसर जैसी घातक बीमारियां भी हो सकती हैं.

– सेलेनियम सल्फाइड तत्त्व कैंसर का कारण बनता है.

– शैंपू में इस्तेमाल होने वाले कलर्स हमारी इम्यूनिटी को कमजोर बनाने का काम करते हैं.

– रैटिनील पल्मीटेट से स्किन पीली होने, रैडनैस, जलन की परेशानी होती है.

 हेयर मास्क

हेयर मास्क बालों को न्यूट्रिशन देने का काम करता है क्योंकि इस में बालों को मौइस्चर प्रदान करने वाले तत्त्व होते हैं. यह कंडीशनर के मुकाबले बालों को कहीं अधिक पोषण देता है. लेकिन तभी जब हेयर मास्क नैचुरल चीजों से बना हुआ हो और आप को इस की पूरी जानकारी हो.

यहां हम आप को कुछ ऐसे हेयर मास्क के बारे में बता रहे हैं, जो डैमेज बालों को ठीक करने के साथसाथ बालों में सौफ्टनैस लाने का भी काम करते हैं:

– केराटिन और और्गन औयल हेयर मास्क हेयर फौल को रोक कर बालों को हाइड्रेट, मौइस्चर प्रदान करने के साथसाथ उन की रिपेयर करने का काम भी करता है. केराटिन हमारे बालों में मौजूद नैचुरल प्रोटीन होता है. लेकिन प्रदूषण, धूलमिट्टी व धूप के कारण यह बालों से गायब हो जाता है, जिसे बालों में दोबारा से रिस्टोर करने के लिए आर्टिफिशियल केराटिन ट्रीटमैंट दिया जाता है, जिस से बाल फिर से सौफ्ट नजर आने लगते हैं. वहीं और्गन औयल में विटामिन ई की मौजूदगी बालों को सौफ्ट व सिल्की बनाने का काम करती है. खास बात यह है कि यह सभी तरह के बालों पर सूट करता है.

  मार्केट में 200 मिलीलीटर हेयर मास्क की कीमत ₹500 के करीब है.

– रैड ओनियन ब्लैक सीड औयल से बना हेयर मास्क बालों के मौइस्चर को रिस्टोर करने में मदद करता है. यह पतले, कमजोर व बाल झड़ने की प्रौब्लम को ठीक करता है. इस में पैराबीन, सल्फेट, सिलिकोंस व कलर नहीं है यानी पूरी तरह से नैचुरल. जहां रैड ओनियन में विटामिंस, एंटीऔक्सीडैंट्स होने के कारण यह बालों के पीएच लैवल को मैंटेन रखने का काम करता है वहीं ब्लैक सीड औयल में एंटीऔक्सीडैंट्स व नौरिशमैंट प्रौपर्टीज होने के कारण यह फ्री रेडिकल्स से बालों को होने वाले नुकसान से बचाने का काम कर के उन्हें सुपर हैल्दी बनाने का काम करता है. मार्केट में  200 मिलीलीटर हेयर मास्क की कीमत ₹400 के करीब है.

– कोलेजन हेयर मास्क, जो ब्लैक सीड औयल, और्गन औयल व शिया बटर की खूबियों से भरपूर है. इस में रूखे व डैमेज बालों को ठीक करने की क्षमता है क्योंकि इस में विटामिंस और जरूरी फैटी ऐसिड्स होने के कारण यह हीट व कैमिकल्स के कारण बालों को पहुंचे नुकसान को ठीक कर फिर से बालों में नई जान डालने का काम करता है. इस के 100 ग्राम पैक की कीमत ₹250 के करीब है.

– राइस वाटर हेयर मास्क इसलिए खास है क्योंकि इस में पाया जाने वाला इनोसिटोल तत्त्व डैमेज हेयर्स के अंदर तक जा कर उन की रिपेयर करता है. यह सल्फेट, सिलिकौन व पैराबीन फ्री प्रोडक्ट है. इस के 200 मिलीलीटर पैक की कीमत  ₹530 के करीब है.

ये भी पढ़ें- लेजर हेयर रिमूविंग एट होम  

  हेयर केयर टिप्स

– हफ्ते में एक बार हेयर मास्क जरूर अप्लाई करें.

– हेयर कलर व कैमिकल स्टाइलिंग ट्रीटमैंट्स से दूर रहें.

– रैग्युलर ट्रिंमिंग करवाएं. इस से ड्राई, डैड व स्प्लिट ऐंड्स ठीक होते हैं.

– बालों को रब न करें. इस से बालों के डैमेज होने का डर रहता है.

– खुद को हाइड्रेट रखने के लिए खूब पानी पीएं.

– आप की डाइट पौष्टिक तत्त्वों से भरपूर हो.

– शैंपू हफ्ते में 3 बार से ज्यादा न करें.

4 बैस्ट औयल्स

कोकोनट औयल: इस में विटामिंस, मिनरल्स व जरूरी फैटी ऐसिड्स होने के कारण यह बालों की जड़ों तक जा कर उन्हें न्यूट्रिशन देता है, जिस से बाल लंबे, घने, मजबूत व उन में सौफ्टनैस आती है. स्प्लिट ऐंड्स की समस्या से भी नजात मिलती है.

और्गन औयल: इस में एंटीऔक्सीडैंट्स और विटामिंस होने के कारण यह फ्रिजी, कमजोर व ड्राई बालों की समस्या से फाइट करने में मददगार है.

आमंड औयल: यह औयल एंटीऔक्सीडैंट्स, विटामिंस व प्रोटीन से भरपूर होने के कारण यह बालों को टूटने और झड़ने से बचाता है और उन के मौइस्चर को लौक करता है.

औलिव औयल: इस में ऐक्सफौलिएटिंग व डैंड्रफ फाइटिंग प्रौपर्टीज होने के कारण यह बालों की ड्राईनैस को कम कर के हैल्दी बाल देने में मदद करता है.

ब्यूटी ट्रैंड में आए वाटर टिंट फाउंडेशन लुक के बारे में जानना चाहती हूं?

सवाल-

मैं आप के कौलम में पढ़ती आई हूं कि फाउंडेशन मेकअप का बेस बनता है. इसलिए हाल ही में ब्यूटी ट्रैंड में आए वाटर टिंट फाउंडेशन लुक के बारे में जानना चाहती हूं?

जवाब-

वाटर टिंट फाउंडेशन मेकअप में अभी लेटैस्ट ट्रैंड है जिस में फाउंडेशन की पतली सी लेयर आप की स्किन को हैल्दी व हाइड्रेटेड लुक देती है. इस तरह का लुक पाने के लिए आप को टिंटेड मौइस्चराइजर या लाइटवेट फाउंडेशन अप्लाई करना होगा, जो आप की स्किन को दे ईवन टोन, लाइट और वाटरी लुक.

वाटर टिंट फाउंडेशन लुक पाने के लिए आप स्किन की क्लींजिंग और टोनिंग के बाद टिंटेड मौइस्चराइजर लगाएं. यह एक तरह का डबल कोट वर्क वाला मौइस्चराइजर होता है. अगर आप इस का इस्तेमाल करती हैं तो यह आप की स्किन को हाइड्रेट रखने का भी काम करेगा. आप इस गरमी वाले मौसम में अपनी स्किन को प्रोटैक्ट करने के लिए यह मौइस्चराइजर इस्तेमाल कर सकती हैं.

यह हर तरह की स्किन को सूट करता है और साथ ही सैंसिटिव स्किन के लिए भी उपयुक्त है. अब वाटर टिंट फाउंडेशन चुनें, जोकि स्किन पर आसानी से लगता है और ब्लैंड हो जाता है. यदि आप की स्किन ड्राई है तो फैशियल मिस्ट लगाएं ताकि आप का वाटरी लुक मैंटेन रह सके.

ये भी पढ़ें- 

अगर आप को अपनी फ्रैंड की पार्टी में जाना हो और आप की स्किन डल, चेहरे पर दागधब्बे नजर आ रहे हों, जिन के कारण आप पार्टी में नहीं जाना चाहती हैं. लेकिन आप की फ्रैंड ने झट  से आप को एक समाधान बता दिया, जिस से मिनटों में आप की स्किन चमकदमक उठेगी और कोई यकीन भी नहीं कर पाएगा कि आप ने पार्लर से नहीं, बल्कि खुद से अपना रूप निखारा है.

अगर आप ने उस प्रोडक्ट को अपनी स्किन टाइप को ध्यान में रख कर नहीं खरीदा तो आप का चेहरा इतना बेढंगा लगेगा कि आप खुद उसे देख कर हैरान रह जाएंगी.

जी हां, यहां हम बात कर रहे हैं फाउंडेशन की, जो स्किन को खूबसूरत बनाने का काम करता है. इसलिए इस के चयन में अपनी स्किन टाइप को ध्यान में जरूर रखें.

कैसेकैसे फाउंडेशन

लिक्विड फाउंडेशन: अगर बिगनर्स और ड्राई स्किन वालों की बात करें तो लिक्विड फाउंडेशन उन के लिए बैस्ट है क्योंकि यह एक तो इजी टु अप्लाई है और दूसरा यह आसानी से स्किन में ब्लैंड हो जाता है. लिक्विड फाउंडेशन औयल और वाटर बेस फौर्मूले से मिल कर बनाया जाता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- कैसे चुनें परफैक्ट फाउंडेशन

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

आईना: रिश्तों में संतुलन ना बनाना क्या शोभा की एक बढ़ी गलती थी

hindi

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें