माता-पिता का डिवोर्स बच्चे पर कितना भारी, आइए जानें

‘परफेक्शनिस्ट’ अभिनेता आमिर खान और किरण राव का 15 साल बाद तलाक लेना आश्चर्य और शॉकिंग है, क्योंकि हर इंटरव्यू में आमिर खान हमेशा किरन राव की तारीफ़ करते आये हैऔर साथ में कई फिल्मों और पानी फाउंडेशन का काम करने की इच्छा भी रखते है. हालाँकि दोनों ने आपसी समझौते से डिवोर्स लिया है, जिसमें आमिर खान और किरण राव एक पेरेंट्स की तरह ही आजाद का पालन-पोषण करेंगे, लेकिन माता-पिता के अलग होने पर सबसे अधिक प्रभाव बच्चों पर होते हुए दिखाई पड़ता है, क्योंकि बच्चे को कभी भी माता-पिता की मतभेद और डिवोर्स पसंद नहीं होता और बड़े होकर वे किसी रिश्ते में जाना पसंद भी नहीं करते.

सूत्रों की माने, तो आमिर की पहली पत्नी रीना दत्त से डिवोर्स लेने के बाद भी कई साल जुनैद डिप्रेशन का शिकार रहा. उसका मन पढाई में नहीं लगता था. कक्षा में पीछे बैठकर सोता रहता था. बाद में टीचर को पता चला कि आमिरखान और रीना में डिवोर्स हुआ है. बहुत मुश्किल से रीना ने अपने बच्चे जुनैद और ईरा को सम्हाला है. वैसी हालत एक बार फिर किरण को 10 साल के आजाद को सम्हालने में होगी. उनके डिवोर्स की खबर के बाद दंगल गर्ल फातिमा सना शेख की तस्वीरे सोशल मीडिया पर ट्रोल हुई है. हालाँकि आमिर ने डिवोर्स की वजह नहीं बतायी है, पर समय के साथ ही सब पता चल सकेगा.

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मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान का फ़िल्मी कैरियर बहुत सफल रहा, लेकिन उनका निजी जीवन नहीं,क्योंकि पहले की दोनों पत्नियों नेकई सालों तक साथ रहने के बाद डिवोर्स दिया, लेकिन आमिर खान दोनों पत्नियों से डिवोर्स के बाद को-पैरेंट रहकर बच्चों की परवरिश करने की बात कह चुके है. पेरेंट्स और को-पैरेंट में बहुत अंतर होता है, जिसे हर माता-पिता को मानना आवश्यक है. एक इंटरव्यू के दौरान अमीर कह चुके है कि जब मेरी और रीना का डिवोर्स हुआ और मीडिया में बात फैली, तब उसका फ़ोन आया कि वह मुझसे मिलना चाहती है और मुझे डिवोर्स से रोकना चाहती है. मैं उस समय किसी से मिलना भी नहीं चाहता था,लेकिन वह आई और उसे न छोड़ने की सलाह दी थी. मुझे उस दिन लगा था कि कहीं न कहीं उसके दिल में मेरे लिए जगह है, जिससे वह मेरे मुश्किल घडी में मुझसे मिलने आई थी.

इस बारें में मुंबई की मनोवैज्ञानिक राशिदा कपाडिया कहती है कि अभिनेता आमिर खान एक अच्छे कलाकार के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी है. उनकी अधिकतर फिल्मों के सफल होने में उनका खुद हर फिल्म को बनाने में सक्रिय होना है. उन्हें साल 2003 में पद्मश्री और वर्ष 2010 में पद्मभूषण अवार्ड भी मिल चुका है, उनकी एक अच्छी इमेज है और उन्हें लोग फोलो करते है, ऐसे में इस तरह की छवि ठीक नहीं. को-पैरेंट का अर्थ साथ रहना नहीं, बल्कि कभी-कभी बच्चे से मिलना होता है. इससे बच्चा बहुत कंफ्यूजन में रहता है कि वह किसे अपनाए, किसकी बात सुने, किसकी नहीं. माता-पिता के अलग होने में बच्चे ही सबसे अधिक प्रभावित होते है. माता-पिता की मनमानी से बच्चे खुद को उपेक्षित महसूस करने लगते है.देखा जाय तो बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है. कुछ प्रभाव निम्न है,जिससे बच्चे को निकलना आसान नहीं होता,

• बच्चों को माता-पिता दोनों का प्यार चाहिए, पिता का सहयोग और माँ की ममता दोनों बच्चे चाहते है,

• दोनों साथ रहने पर बच्चे को एक स्ट्रेंथ मिलती है, उन्हें समझ में आती है कि परिवार उनके अच्छी परवरिश के लिए कमाई कर, उन्हें एक अच्छा इंसान बनाना चाहती है,

• माता-पिता के अलग होने पर सपोर्ट की दिवार एकदम से गिर जाती है, बच्चा बहुत अकेला महसूस करता है, क्योंकि जब पिता होते है, तो माँ नहीं और जब माँ होती है, तो पिता नहीं,क्योंकि माता-पिता एक दूसरे के साथ सामंजस्य करकेही एक अच्छी परिवेश देते है,

• माँ का प्यार पिता नहीं दे सकता और पिता की स्ट्रेंथ माँ नहीं दे सकती, बच्चे का मानसिक संतुलन बिगड़ता है,कई बार बच्चा माता-पिता की अलग होने को, खुद को जिम्मेदार मानने लगता है,

• बच्चा बड़ा होकर परिवार, रिश्तों और प्यार में विश्वास करना भूल जाता है,

• मानसिक के अलावा शारीरिक विकास पर भी अधिक प्रभाव होता है, क्योंकि बच्चे स्ट्रेस में होते है, खुद के जीवन को जरुरत नहीं समझते, इससे उन्हें खाने-पीने की इच्छा नहीं होती , शरीर कमजोर होकर बच्चा बीमार पड़ने लगता है,

• इन हालातों से खुद को दूर रखने के लिए बच्चा खुद, ड्रग और नशे का शिकार हो जाता है, गलत आदतें पाल लेता है और बुरी संगत में रहने लगता है,

• किसी के कुछ कहने पर बच्चे चिडचिडापन के शिकार होकर विद्रोही हो जाते है,बच्चे की बातचीत का तरीका बहुत गलत हो जाता है,

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• डिवोर्स होकर भी साथ में रहना, बहुत ही अलग बात है, ये ऑनलाइन मीटिंग की तरह है, बात में साथ हूं, लेकिन शारीरिक रूप से दूर हूं, ऑफिस में बैठकर काम करना और ऑनलाइन काम करने में बहुत बड़ा अंतर होता है, बोन्डिंग अलग तरह की होती है, माता-पिता बनने के लिए फिजिकल बोन्डिंग की जरुरत होती है,

• इसके अलावा बच्चे कॉनफ्यूज हो जाते है,क्योंकि अलग होने के बाद अगर आमिर खान की कोई गर्लफ्रेंड अगर साथ में आई या किरण राव की कोई उनके साथ आते है, तो बच्चे को नया रिलेशनजोड़ना पड़ता है,

• माँ के साथ आये व्यक्ति को वह दूसरा पिता या स्टेप फादर कहकर संबोधन करेगा और पिता के साथ आई दूसरी लड़की वह स्टेप मदर या डैडी की गर्लफ्रेंड कहेगा और वह बहुत मुश्किल होता है, बच्चा अगर टीनेजर में है, तो वह नए व्यक्ति को अपने परिवार का सदस्य नहीं मान सकता, क्योंकि उसे ये सब थोपा जाने वाला रिश्ता लगने लगता है.

तो नहीं होगी मेकअप से एलर्जी

आज शायद ही ऐसा कोई इवेंट होगा, जहां महिलाएं मेकअप कर के न जाएं क्योंकि मेकअप भले ही थोड़ी देर के लिए, लेकिन उन की ब्यूटी और अट्रैक्शन को बढ़ाने का काम करता है और उन के चेहरे की खामियों को पूरी तरह से छिपा देता है.

लेकिन कई बार जिन ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल हम खुद के रूप को निखारने के लिए करते हैं वे असल में हमारे रूप को बिगाड़ने का काम भी करते हैं. जब तक हमें पता चलता है तब तक देर हो चुकी होती है.

ऐसे में जरूरी है आप को मेकअप ऐलर्जी के बारे में और प्रोडक्ट्स में कौन से इनग्रीडिऐंट्स आप की स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इस की जानकारी होना ताकि आप मेकअप ऐलर्जी से खुद को बचा सकें.

इस संबंध में जानते हैं फरीदाबाद के ‘एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज’ के डर्मैटोलौजिस्ट डाक्टर अमित बांगा से:

किसकिस से मेकअप ऐलर्जी

क्या आप के साथ भी ऐसा हुआ है कि आप ने स्किन पर मेकअप अप्लाई किया हो और अचानक स्किन पर रैड रैशेज पड़ गए हों. यही नहीं बल्कि जलन, खुजली, सूजन, दर्द इस कदर हो कि उसे सहन करना भी मुश्किल हो जाता. तब आप सोचती होंगी कि काश मैं ने मेकअप किया ही न होता. लेकिन आप को बता दें कि चेहरे पर ऐलर्जी आप को किनकिन प्रोडक्ट्स से हो सकती है.

फाउंडेशन व कंसीलर: फाउंडेशन का इस्तेमाल स्किन टोन को इंप्रूव करने व दागधब्बों को कवरअप करने के लिए किया जाता है. लेकिन क्या आप जानती हैं कि इन में ऐसे कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें ऐक्सपर्ट्स लगाने की सलाह नहीं देते हैं. लेकिन जब आप इन का रोजाना इस्तेमाल करने लगती हैं तो स्किन पर उस से ऐलर्जी हो जाती है.

बता दें कि इन में पैराबेंस, खुशबू, प्रिजर्वेटिव्स, ट्रिक्लोसन, सोडियम लौरेथ सल्फेट, फतहलातेस, लेड का इस्तेमाल किया जाता है. ये सब चीजें फाउंडेशन व कंसीलर के कलर, उस की शैल्फ लाइफ व उस में खुशबू बनी रहे, इस के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, जो स्किन पर ऐलर्जी, पोर्स को क्लोज करने, ऐक्नों के साथसाथ कैंसर व इनफर्टिलिटी का कारण भी बनती हैं.

इसलिए जब भी फाउंडेशन खरीदें तो देखें कि उस में स्किन की हैल्थ का खयाल रखने वाले इनग्रीडिऐंट्स जरूर होने चाहिए जैसे जिंक औक्साइड आदि. यह फाउंडेशन सैंसिटिव स्किन के लिए बैस्ट माना जाता है. साथ ही यह सन प्रोटैक्शन से भी बचा कर ऐजिंग प्रोसैस को भी स्लो करने का काम करता है.

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ब्लश व हाईलाइटर: मेकअप किया और ब्लश व हाईलाइटर अप्लाई नहीं किया, ऐसा हो ही नहीं सकता क्योंकि ब्लश से चीकबोंस की ब्यूटी को निखार मिलने के साथसाथ चेहरे पर एक अलग ही फ्रैशनैस आती है. वहीं हाईलाइटर कंटूरिंग व शाइन लाने का काम करता है.

लेकिन कई बार ब्लश व हाईलाइटर के इस्तेमाल से चेहरा भी खराब हो जाता है. उस पर इतनी अधिक ड्राईनैस आ जाती है कि कोई भी क्रीम, मौइस्चराइजर काम नहीं करता है क्योंकि इस के एक शेड को बनाने के लिए 3-4 पिगमैंट्स व कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है और जिन महिलाओं को कलर से ऐलर्जी होती है इस से उन्हें नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए जब भी ब्लश का इस्तेमाल करें तो कोशिश करें कि आप का प्रोडक्ट और्गेनिक हो. नैचुरल शेड यूज करें. इस बात का खास ध्यान रखें कि ब्लश व हाईलाइटर के लिए जिस भी ब्रश का इस्तेमाल करें वह साफ होना चाहिए क्योंकि यह भी ऐलर्जी का एक खास कारण होता है.

आई मेकअप: आंखों को निखारना हो, उन्हें बड़ा दिखाना हो, उन्हें संवारना हो इस के लिए आई मेकअप का सहारा लिया जाता है, जिस के लिए काजल, लाइनर, मसकारा, आईशैडो, आईलैश कर्लर्स का इस्तेमाल कर के उन्हें मनमुताबिक रूप में संवारने की कोशिश की जाती है.

लेकिन कई बार यह आंखों की ऐलर्जी का कारण भी बन जाता है क्योंकि इस में लेड सल्फाइड, कार्बन ब्लैक, ऐथानोल माइन, बेंजल्कोनियम क्लोराइड (प्रिजर्वेटिव), प्राइम यलो कारनोबा वैक्स (वाटरप्रूफ बनाने के काम आती है), फौर्मेल्डह्यदे रिलीजिंग प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया है.

साथ ही हैवी मैटल्स, ऐल्युमीनियम पाउडर, ये सभी कैंसर, आंखों में ड्राईनैस, ऐलर्जी, रैडनैस का कारण बनते हैं. इसलिए जब भी आई मेकअप की बात आए तो आप इनग्रीडिऐंट्स देख कर ही प्रोडक्ट्स खरीदें. वाटरप्रूफ प्रोडक्ट से बचें क्योंकि ये ड्राईनैस का कारण बनते हैं. जिस प्रोडक्ट में कम से कम कैमिकल का इस्तेमाल किया हो, वही बैस्ट होता है.

लिपस्टिक: लिपस्टिक के बिना मेकअप अधूरा होता है. तभी तो आज महिलाएं चाहे उन्हें घर से दो कदम दूर जाना हो या फिर किसी पार्टी में वे खुद को ग्लैमरस दिखाने के लिए अलगअलग तरह के अलगअलग शेड्स में लिपस्टिक्स ट्राई करने से नहीं चूकतीं. लेकिन शायद आप इस बात से अनजान हैं कि लिपस्टिक्स में इस्तेमाल होने वाले कैमिकल्स आप के लिप्स को नुकसान पहुंचाने के साथसाथ लिप्स के जरीए आसानी से आप के शरीर में जा कर आप को बीमार कर देते हैं.

इस में मिथाइलोपैराबीन का इस्तेमाल प्रिजर्वेटिव्स के तौर पर किया ज्यादा है जो ऐलर्जी के साथसाथ कैंसर का भी कारण बनता है. इस में सिंथैटिक ड्राई का भी इस्तेमाल किया जाता है जो पैट्रोलियम प्रोडक्ट्स से आती है. इस से स्किन पर जलन व इरिटेशन की समस्या पैदा होती है.

इसलिए जब भी लिपस्टिक, लिप ग्लौस, लिप बाम का चयन करें तो देखें कि उस में नैचुरल प्रिजर्वेटिव के साथसाथ ऐसैंशियल औयल्स का भी ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया हो.

बिंदी व सिंदूर: ट्रैडिशनल लुक की बात आए और बिंदी का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. लेकिन अगर आप लंबे समय तक बिंदी व सिंदूर का इस्तेमाल करती हैं तो वह ऐलर्जी का कारण बनता है क्योंकि किसी बिंदी की ग्लू अच्छी नहीं होती तो कई बार हमारी आदत होती है कि हम एक ही बिंदी को शीशे वगैरह पर चिपका कर बारबार इस्तेमाल करती हैं, जो स्किन ऐलर्जी का कारण बनता है.

वहीं लिपस्टिक से सिंदूर लगाने की आदत व रैग्युलर सिंदूर लगाने से उस में इस्तेमाल होने वाले रैड लेड आगे के बालों को झड़ने व उस एरिया में ड्राईनैस लाने के साथसाथ आप के शरीर के लिए भी खतरनाक साबित होते हैं.

इसलिए हमेशा एक चीज की आदत न डालें और बिंदी व सिंदूर हमेशा ब्रैंडेड ही खरीदें ताकि आप का सिंगार आप की खूबसूरती को कम न करे.

नेल पेंट: नेल पौलिश लगाने का शौक हर लड़की व महिला को होता है क्योंकि यह नाखूनों व हाथों की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करता है. आज सिर्फ एक ही नेल पेंट से नाखूनों को रंगने का ट्रैंड नहीं है, बल्कि इस के बढ़ते चलन को देखते हुए नेल आर्ट का चलन चल गया है.

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लेकिन यह भी सच है कि कई नेल पौलिश व नेल रिमूवर के इस्तेमाल के कारण नेल्स पीले व कमजोर होने लगते हैं, जिस के कारण हर समय नाखूनों को रंगना मजबूरी बन जाती है क्योंकि नेल पेंट्स में फौर्मेल्डह्यदे, टोल्यूने जैसे कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो नाखूनों को कमजोर, पीला व वे पील होने लगते हैं. इन से फर्टिलिटी भी प्रभावित होती है. वहीं नेल रिमूवर में एसीटोन, टोल्यूने, मेथानोल जैसे कैमिकल्स का इस्तेमाल होने के कारण ये कैंसर, स्किन एलर्जी व सिरदर्द का कारण बनता है.

इसलिए हमेशा कैमिकल फ्री नेल पोलिश व रिमूवर का इस्तेमाल करें और जब भी नेल पौलिश अप्लाई करें तो उस से पहले बेस कोट जरूर अप्लाई करें ताकि वह प्रोटैक्टिव लेयर का काम कर सके.

क्रीम्स व लोशंस: बहुत सी फेस क्रीम्स ऐलर्जी का कारण बनती हैं क्योंकि एक तो उन में कैमिकल्स का इस्तेमाल होता है और दूसरा आप जब उसे अपनी स्किन टाइप को ध्यान में नहीं रख कर खरीदती हैं तो यह ऐक्ने, पोर्स को क्लोज करने, स्किन इचिंग जैसी समस्याओं का कारण बनती है. बहुत सी फेस क्रीम्स, लोशंस में मिनरल औयल का इस्तेमाल किया जाता है जो स्किन के लिए ठीक नहीं होता क्योंकि ये पोर्स को क्लोज कर देता है, जिस से टौक्सिंस स्किन से बाहर नहीं निकल पाते और जो ऐक्ने का कारण बनते हैं. पैराबींस का इस्तेमाल ऐलर्जी के साथ हारमोंस के संतुलन को बिगाड़ने का काम करता है.

क्या है ट्रीटमैंट

– अगर आप को मेकअप के बाद ऐलर्जी हो गई है तो आप सब से पहले फेस को वाश कर के उसे बर्फ से ठंडक दें ताकि स्किन रिलैक्स हो सके. लेकिन फिर भी आराम न मिले तो आप ऐंटीऐलर्जी मैडिसिन लेने के साथसाथ 1% हाइड्रोकोर्टीसोन क्रीम अप्लाई करें. लेकिन फिर भी 2 -3 दिन में आराम न मिले तो डर्मैटोलौजिस्ट को दिखाएं.

– डर्मैटोलौजिस्ट माइल्ड मौइस्चराइजर बताते हैं.

– ट्रोपिकल स्टेरौइड्स क्रीम बताते हैं, लेकिन इन्हें डाक्टर की सलाह के बाद ही लगाना चाहिए.

– ऐंटीऐलर्जी टैबलेट दी जाती हैं.

– थोड़े दिन कैमिकल्स, फैशियल, ब्लीच से दूर रहने की सलाह दी जाती है.

– कौस्मैटिक सीरीज का पैच टैस्ट करवाया जाता है, जिस से ब्यूटी प्रोडक्ट के किस इनग्रीडिऐंट से ऐलर्जी है, इस का पता लगाया जाता है.

– ऐलर्जी के कारण लिप्स या स्किन पर हुई पिगमैंटेशन को कम करने के लिए टायरोसिनैस इनहिबिटर्स दिया जाता है.

– ऐलर्जी ठीक होने पर भी खास तरह के स्किन केयर प्रोडक्ट्स लगाने को कहा जाता है.

– ट्रीटमैंट बीच में नहीं छोड़ना चाहिए.

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Monsoon Special: दूध से मिठाई बनाने के टिप्स

मिठाई भारतीयों का एक प्रिय डेजर्ट है. भोजनोपरांत कुछ मीठा होना ही चाहिए. पेड़ा, बर्फी, लड्डू, रबड़ी, आदि अनेकों मिठाईयां हैं जिन्हें बेसन, खोया और आटा आदि से बनाया जाता है. दूध से रबड़ी, कुल्फी, श्रीखंड आदि बनाये जाते हैं. दूध से मिठाईयां बनाते समय आंच का ध्यान रखने की अतिरिक्त सावधानी रखने की आवश्यकता होती है क्योंकि गैस की धीमी, तेज और मद्धिम आंच से ही दूध की मिठाइयों की रंगत निर्धारित होती है. यहां पर प्रस्तुत हैं दूध से मिठाई बनाने के 10 टिप्स-

-गुलाबी रबड़ी बनाने के लिए दूध में शकर मिलाकर एकदम धीमी आंच पर उबलने के लिए रखें. बीच बीच में चलाती रहें. यदि आप मैंगों, ऑरेंज और सीताफल जैसे फलों से फ्लेवर्ड रबड़ी बनाना चाहतीं हैं तो तैयार रबड़ी के एकदम ठंडा हो जाने पर फलों का गूदा मिलाएं.

-बर्फी, गुलाबजामुन, पेड़ा आदि को दूध से खोया बनाकर बनाया जाता है. खोया को तेज आंच पर लगातार चलाते हुए बनाएं, इससे खोए का रंग एकदम सफेद रहेगा.

-कुल्फी बनाने के लिए दूध को मद्धिम आंच पर बीच बीच में चलाते हुए बनाने से कुल्फी के दूध में मलाई नहीं पड़ती और रंग गुलाबी रहता है.

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-पनीर बनाने के लिए दूध को तेज आंच पर उबालकर नीबू का रस मिलाकर चम्मच से चलाएं इससे दूध पूरी तरह फट जाएगा और पनीर भी अच्छी मात्रा में निकलेगा.

-बादामी रंगत वाले प्रसादी पेड़े बनाने के लिए दूध को शकर मिलाकर धीमी आंच पर गाढ़ा होने तक उबालने से पेड़े का स्वाद और रंग दोनों ही बेहतर होते हैं.

-नारियल की बर्फी बनाने के लिए खोए को तेज आंच पर लगातार चलाते हुए भूनें, इससे नारियल की बर्फी का रंग एकदम सफेद रहेगा.

-सर्दियों में केसर पिस्ते वाले दूध को बनाने के लिए दूध को शकर डालकर एकदम धीमी आंच पर उबालें और कटे केसर पिस्ता डालकर सर्व करें.

-मिलककेक बनाने के लिए दूध को तेज आंच पर एक उबाल लें, फिर फिटकरी या नीबू का रस डालकर आंच को धीमा कर दें इससे दूध धीरे धीरे फटेगा और गाढ़ा होकर मिल्ककेक तैयार हो जाएगा.

-दूध से दही बनाने के लिए दूध को गुनगुना गर्म करें फिर जामुन डालें, गर्मियों में दही जमाते समय मौसम का भी ध्यान रखें क्योंकि गर्मियों में गुनगुने और सर्दियों में हल्के गर्म दूध से दही बनाना उपयुक्त रहता है.

-खीर को सदैव धीमी आंच पर ही बनाएं इससे खीर की रंगत और स्वाद दोनों ही बेहतर होते हैं.

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हरी-भरी वादियों से घिरा हिल स्टेशन लोनावला

महाराष्ट्र में बसा एक छोटा सा हिल स्टेशन लोनावला अपनी नेचुरल ब्यूटी के लिए जाना जाता है. सुंदर झील और झरनों का ये शहर टूरिस्टों के दिल को जीतने के लिए पूरे साल स्वागत को तैयार रहता है. पुणे से 64 किमी तथा मुंबई से 96 किमी दूर ये शहर एक अच्छे वीकेंड के लिए बेस्ट ओपशन है.

समुद्रतल से 624 मीटर की ऊंचाई पर बसे हरी-भरी पहाडियों से घिरे लोनावला की सुंदरता देखते ही बनती है. यहां घूमने लायक बहुत सारी जगहें हैं. ट्रेकिंग का मन हो तो पहाड़ पर चढ़ने की सुविधा भी मौजूद है. ट्रेकिंग करते समय पहाड़ों के नजारों का लुत्फ अलग ही एक्सपीरियंस देता है. इस छोटे से शहर में घूमने के लिए कई जगहें हैं. राजमची पाइंट, लोनावला झील, कारला केव्स, लोहागढ़ फोर्ट, बुशी डैम, रईवुड पार्क तथा शिवाजी उद्यान प्रमुख हैं. परिवार के साथ घूमने जाना हो या दोस्तों के साथ मस्ती करनी हो, यह जगह सभी के लिए है.

राजमची पाइंट

लोनावला से लगभग 6 किमी की दूरी पर खूबसूरत वादियों से सजी एक दूसरी जगह है राजमची. इसका यह नाम यहां के गांव राजमची के कारण पड़ा है. यहां का खास अट्रैक्शन शिवाजी का किला और राजमची वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी है. इस जगह की सुंदरता टूरिस्ट्स को बहुत लुभाती है.

रईवुड पार्क

यह स्थल पूरी तरह से हरियाली से भरा रहता है. खूब सारे पेड़ और धरती पर बिछी हरी घास का इलाका सबका मन मोह लेता है. बड़ों के साथ बच्चे भी यहां खूब मस्ती करते हैं. पार्क में एक प्राचीन शिव मंदिर भी है.

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लोहागढ़ किला

लोनावला से 20 किलोमीटर की दूरी पर समुद्रतल से 1,050 मीटर की ऊंचाई पर बसा लोहागढ़ किला बेहद ही दर्शनीय स्थल है. इस किले की बनावट और इसकी ऐतिहासिकता अपनी ओर खींचती है. यह किला शिवाजी का युद्धस्थल भी था. विशाल चट्टान पर स्थित इस किले में कैदियों के लिए लोहे के दरवाजे लगाए गए थे.

बुशी डैम

लोनावला से 6 किलोमीटर की दूरी पर बसा बुशी डैम एक फेमस पिकनिक स्पॉट है. बरसात के दिनों में जब यह पानी से लबालब भर जाता है तो इसकी सुंदरता देखने लायक होती है.

कब जाएं

लोनावला का मौसम ज्यादातर सुहावना ही रहता है. यहां किसी भी मौसम में जा सकते हैं. लेकिन मार्च से लेकर अक्टूबर के बीच यहां जाएंगे तो मजा कई गुना बढ़ जाएगा. बरसात का मौसम यहां की झीलों और झरनों को निहारने का सबसे अच्छा समय है.

क्या खाएं

लोनावला चिक्की के लिए मशहूर है. तिल, काजू, बादाम, मूंगफली, पिस्ता, अखरोट जैसे मेवों को शक्कर या गुड़ में मिलाकर बनाई जाने वाली चिक्की का स्वाद जबरदस्त होता है. यहां के फज भी बहुत फेमस हैं. लोनवला की यादगार के तौर पर आप यहां से चिक्की, चॉकलेट, मैंगो फज साथ ले जा सकते हैं.

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कैसे जाएं

मुंबई से लोनावला 96 किमी है. लोनावला के लिए नजदीक का रेलवे स्टेशन लोनावला तथा नजदीक का हवाई अड्डा पुणे है. मुंबई और पुणे से सड़क मार्ग से भी लोनावला जा सकते हैं.

Monsoon Special: ट्राय करें ये ट्रैंडी मौनसून फैशन

बारिश के मौसम यानी मौनसून में दिल का मयूर रहरह कर नाच उठता है. इस मौसम में कुछ अलग अंदाज के फैशनेबल कपड़े पहनने का मजा ही कुछ और होता है.

आशिमा एस कुटोर की संस्थापक और फैशन डिजाइनर आशिमा शर्मा बता रही हैं कि मौनसून के अनुरूप आप के वार्डरोब में किस तरह की ड्रैसेज होनी चाहिए. ये ड्रैसेज स्टाइलिश लुक देने के साथसाथ कंफर्टेबल भी रहेंगी:

बैल स्लीव ड्रैस: बैल स्लीव ड्रैस फेमिनिन और सैक्सी लुक प्रदान करती है. आप शौर्ट्स या रफ्ड जींस के साथ इसे आराम से पहन सकती हैं. इस मौनसून आप ढीले व सिल्हूट कपड़े पहनें, क्योंकि ये बारिश के मौसम के लिए सब से ज्यादा आरामदायक होते हैं.

बौडीकोन ड्रैस: बौडीकोन ड्रैस पहन कर आप सैक्सी और गुडि़या सी नजर आएंगी. महिलाएं आमतौर पर इसे पार्टी और रात की डेट पर पहनना पसंद करती हैं. आप बौडीकोन पहन कर उस पर कमर के चारों तरफ शर्ट को बांध लें. यह पहनावा आप को 90 के दशक का लुक देगा. आप इस के साथ स्नीकर्स पहन कर लुक पूरा कर सकती हैं. ग्राफिक बौडीकोन के ऊपर टीशर्ट भी आजमा सकती हैं. बस टीशर्ट के एक तरफ से गांठ बांध लें ताकि यह ढीला व अजीब लुक न दे. आप इसे सफेद स्नीकर्स के साथ भी लंबे समय तक पहन सकती हैं.

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वनपीस शर्ट ड्रैस: ओवर साइज ड्रैस मौनसून के लिए बिलकुल सही विकल्प है. यह काफी ढीलीढाली व लचीली होती है और आप को आकर्षक व फंकी लुक देती है. कौटन शर्ट के साथ सफेद स्नीकर्स पहनें.

कुलोट्स: यह आजकल काफी ट्रैंड में है. यह कंफर्टेबल होने के साथसाथ प्रोफैशल लुक भी देता है. आप इसे पहन आराम से मीटिंग में जा सकती हैं. कुलोट्स में बहुत वैराइटीज उपलब्ध हैं. आप इसे लिनेन क्रौप टौप के साथसाथ डैनिम जैकेट के साथ भी पहन सकती हैं. यह आप को गरमी से भी बचाएगा.

टैसल व फ्रिंज वाले कपड़े: 60 के दशक में फ्रिंज काफी चलन में था. लेकिन यह ट्रैंड कुछ बदलाव के साथ अब वापस आ गया है. आजकल बाजुओं में और कपड़े के नीचे फ्रिंज ड्रैस पहन कर आप पार्टी में भी जा सकती हैं. इसे लंबे बूटों व मैचिंग ज्वैलरी के साथ पहनें.

मौनसून के मौसम में आप अपनी पर्सनैलिटी में किस तरह फैशनेबल ट्विस्ट ला सकते हैं, यह बता रहे हैं रंगरीति के एमडी, सिद्धार्थ बिंद्रा:

गोल्ड फौयल प्रिंट: मौनसून में हलके मैटीरियल और पेस्टल शेड्स खूब जंचते हैं. अगर आप अपनी पेस्टल कुरती को गोल्ड फौयल प्रिंट के साथ हलका सा शिमर टच दे दें तो इस मौसम में आप की खूबसूरती में चार चांद लग जाएंगे. यह इस मौसम में खूबसूरत दिखने का सब से अच्छा तरीका है. हलके चंदेरी कौटन जैसे मैटीरियल पर गोल्ड फौयल प्रिंट्स इस मौसम में बहुत अच्छे लगते हैं. आप टर्क्वाइश डस्ट पिंक, टील ब्लू और ब्राइट पिंक जैसे रंगों का चुनाव भी कर सकती हैं.

चमकदार रंग: जब आप का वार्डरोब बेसिक ब्लैक जैसे रंगों से भरा होगा तो आप को तैयार होने में मजा नहीं आएगा. चमकदार रंगों से अपने वार्डरोब को फैशनेबल बनाएं. मौनसून में मैटेलिक और लैदर से बचना चाहिए.

लेयरिंग: मौनसून में लेयर्स के लिए श्रग्स जैसे कई विकल्प हैं, जो आप की खूबसूरती बढ़ा सकते हैं. मौनसून में लेयरिंग का एक अच्छा तरीका है ऐथनिक क्विल्टेड जैकेट. बाजार में इन के बहुत से विकल्प उपलब्ध हैं. यह क्विल्टेड ऐथनिक जैकेट जहां आप को चिक लुक देती है, वहीं हवा से भी सुरक्षित रखती है.

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कोलाज/मिक्स ऐंड मैच प्रिंट: थोड़ा सा मिक्स ऐंड मैच आप की खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देता है. मौनसून में अलगअलग रंगों एवं प्रिंट्स को मिक्स ऐंड मैच करें. मौनसून स्लिम पैंट को ब्लैक इंडी टौप के साथ मैच करें और साथ में ऐथनिक प्रिंट क्विल्टेड जैकेट पहन दिखाएं अपना स्टाइल.

फुटवियर भी हो खास

लिबर्टी के अनुपम बंसल के मुताबिक, मौनसून के लिए आप के फुटवियर का कलैक्शन आकर्षक होने के साथसाथ ऐसा होना चाहिए जो बारिश के लिए भी अनुकूल हो-

बूट: बूट मौनसून सीन में फैशनेबल और कंफर्टेबल रहते हैं. बूटों की कई तरह की वैराइटी बाजार में उपलब्ध है जैसे प्रिंटेड, लेस्ड या बकल्ड. रबड़ सोल के बूट मौनसून में अच्छे रहते हैं.

फ्लिपफ्लौप: इस मौसम में सड़कें कीचड़ और धूलमिट्टी से भरी रहती हैं. ऐसे में फ्लिपफ्लौप बेहद आरामदायक होते हैं. आजकल सभी रंगों में फैंसी फ्लिपफ्लौप उपलब्ध हैं. ये डैनिम के साथ भी बहुत जंचते हैं और टिकाऊ भी होते हैं.

फ्लोटर सैंडल: फ्लोटर सैंडल मौनसून में बेहद आरामदायक होते हैं खासतौर पर तब जब आप को परिवहन के सार्वजनिक साधनों का इस्तेमाल करना हो. इन्हें आप जींस या सेमीफौर्मल परिधान के साथ पहन कर स्मार्ट दिख सकती हैं.

क्लोग: इस मौनसून अपने पैरों को दीजिए क्लोग का आराम. यह मौनसून के लिए सब से कूल फुटवियर है. इस की सब से अच्छी बात यह है कि बारिश के मौसम में इस में किसी तरह की दुर्गंध नहीं आती. इस मौसम का लुत्फ उठाने के लिए क्लोग्स सब से आरामदायक फुटवियर है.

लोफर्स: इस मौसम में शर्ट और शौर्ट्स सब से कैजुअल परिधान हैं. इन के साथ लोफर्स मैच कर बारिश के मौसम में भी कूल और स्मार्ट दिखें.

हील: मौनसून में भी आप हील पहन कर स्मार्ट और खूबसूरत दिख सकती हैं. अगर आप को पार्टी में जाना है तो टिकाऊ पीवीसी सोल या जैली स्ट्रैप्स के साथ हील पहनें.

वैज: हील हमेशा आरामदायक नहीं होती. ऐसे में अगर आप आरामदायक हील पहनना चाहती हैं तो वैज हील चुनें. यह जींस टाइट्स, जैगिंग्स आदि सभी परिधानों के साथ जंचती है.

गम बूट: इस मौसम में चारों ओर पानी भरा रहता है. ऐसे में गम बूट आप के पैरों को सुरक्षित रखते हैं. इन का रबड़ पानी को भीतर नहीं आने देता और इन्हें आसानी से पोंछ कर साफ किया जा सकता है.

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इन 5 दालों में छिपा है आप की सेहत का राज

दाल जैसे, राजमा, उरद, मूंग आदि में खूब सारा प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और आयरन आदि जैसे ढेर सारे पोषक तत्‍व मिले होते हैं. अगर आप वेजिटेरियन हैं तो दालों को अपने खाने में हर रोज शामिल कीजिये. आइये देखते हैं कि कौन सी दाल में कौन से गुण छुपे हुए हैं.

1. प्रोटीन का भंडार राजमा

राजमा (किडनी बीन्स) में बहुत सारा प्रोटीन होता है. यही नहीं इसमें आयरन, फौसफोरस, मैगनीशियम और विटामिन बी9 पाया जाता है. साथ ही यह सोडियम और पोटैशियम में सबसे लो आहार हैं. राजमा में सोया प्रोडक्‍ट के मुकाबले अधिक प्रोटीन होता है.

2. मसूर दाल

मसूर दाल की प्रकृति गर्म, शुष्क, रक्तवर्द्धक एवं रक्त में गाढ़ापन लाने वाली होती है. इस दाल को खाने से बहुत शक्‍ति मिलती है. दस्त, बहुमूत्र, प्रदर, कब्ज व अनियमित पाचन क्रिया में मसूर की दाल का सेवन लाभकारी होता है. सौदर्य के हिसाब से भी यह दाल बहुत उपयोगी है.

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3. काबुली चना, हरा चना और लाल चना

काबुली चना, हरा चना और लाल चना नाम से जाना जाने वाला यह चना तीन प्रकार का होता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन,नमी, चिकनाई, रेशे, केल्शिय, आयरन व विटामिन्स पाए जाते हैं. रक्ताल्पता, कब्ज, डायबिटिज और पीलिया जैसे रोगों में चने का प्रयोग लाभकारी होता है. बालों और त्वचा की सौंदर्य वृद्धि के लिए चने के आटे का प्रयोग हितकारी होता है. चना एक प्रमुख फसल है.

4. काली बीन्‍स

गर्भवती महिलाओं के लिये काला बीन्‍स बहुत लाभकारी होता है क्‍योंकि इसमें फोलेट पाया जाता है. जो कि बच्‍चे के विकास के लिये एक जरुरी तत्‍व होता है. एक कटोरी काला बीन्‍स आपको 90 प्रतिशत तक के फोलेट तक की जरुरत पूरी कर देगा. इसमें फाइबर और प्रोटीन भी अच्‍छी मात्रा में पाया जाता है. रोजाना इसे स्‍प्राउट के तौर पर जरुर खाइये.

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5. मूंग दाल

मूंग साबुत हो या धुली, पोषक तत्वों से भरपूर होती है. अंकुरित होने के बाद तो इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों केल्शियम,आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन्स की मात्रा दोगुनी हो जाती है. मूंग शक्तिवर्द्धक होती है. ज्वर और कब्ज के रोगियों के लिए इसका सेवन करना लाभदायक होता है.

अक्षय कुमार-नुपुर सेनन की Filhaal 2 सौंग हुआ रिलीज, केमिस्ट्री ने जीता फैंस का दिल

अक्षय कुमार और नूपुर सेनन के 2019 के सबसे पौपुलर सौंग्स में से एक ‘फ़िलहाल’ का Filhaal 2 रिलीज हो गया है. वहीं सोशलमीडिया पर रिलीज होते ही यह गाना फैंस का दिल जीत रहा है. दर्द और प्यार से भरा B Praak का गाना Filhaal 2 तेजी से वायरल हो रहा है. आइए आपको दिखाते हैं Filhaal 2 की म्यूजिक वीडियो…

गाना हो रहा है वायरल 

https://www.youtube.com/watch?v=JZWYUG3vYhk

‘फ़िलहाल’ की तरह B Praak का गाना Filhaal 2 मोहब्बत गाना भी सोशलमीडिया पर फैंस का दिल जीत रहा है, जिसके बोल Jaani ने लिखे हैं. वहीं इस गाने के वीडियो में अक्षय और नुपुर का प्यार और दर्द भरा अंदाज एक बार फिर से फैंस को बैचेन करता हुआ नजर आ रहा है. इसी के चलते रिलीज होते ही इस सौंग्स को तेजी से लाइक्स और लाखों लोग देख चुके हैं.

 

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अनपल्ग्ड वर्जन ने भी जीता था फैंस का दिल

5 मिनट के शॉर्ट वीडियो में नुपुर ने गाया था. वहीं फैंस को नुपुर का ये अंदाज फैंस को काफी पसंद आया था. हर कोई इस प्यारे गाने का दिवाना हो गया था.

फिलहाल को भी मिला था फैंस का प्यार

पंजाबी सेंसेशन बी प्राक द्वारा गाया और जानी द्वारा लिखा गया है. इस सौंग को यूट्यूब पर 650 मिलियन व्यूज मिले थे, जिसके बाद यह ट्रेंडिंग चार्टबस्टर नंबर 1 पर रहा था. वहीं इस गाने का अनपल्ग्ड वर्जन भी रिलीज  हुआ था, जिसे 3000 मीलियन से ज्यादा बार देखा गया था.

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अनुपमा का सपना होगा पूरा तो नौकरी से हाथ थो बैठेंगे काव्या और वनराज

टीवी सीरियल अनुपमा में इन दिनों फैमिली ड्रामा दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है, जिसके चलते शो की टीआरपी बढ़ती जा रही है. इसी बीच मेकर्स सीरियल की कहानी में नया ट्विस्ट लाने के लिए तैयार हैं. दरअसल, अपकमिंग एपिसोड में काव्या का घमंड चकनाचूर होते हुए नजर आने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

समर के मिला खास तोहफा

 

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अब तक आपने देखा कि सीरियल में समर का बर्थडे बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं इस दौरान समर को ढेर सारे गिफ्ट भी मिलते हैं. वहीं वनराज का दिया हुआ गिफ्ट भी समर को पसंद आता है. लेकिन इस दौरान अनुपमा, बा से समर और नंदिनी के रिश्ते की मंजूरी देने के लिए कहती है. वहीं बा पूरे परिवार को चौंकाते हुए नंदनी और समर की सगाई के लिए राजी हो जाती है, जिसे सुनकर काव्या को गुस्सा आ जाता है.

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समर-नंदनी की होगी सगाई

 

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अपकमिंग एपसोड में आप देखेंगे कि समर के बर्थडे पर बा सगाई के लिए अंगूठी लेकर आएगी और कहेगी कि समर और नंदनी ने बड़ों की बात मानी और अब तक कोई जिद्द नहीं की. इसीलिए वह इस रिश्ते के लिए अपनी मंजूरी देती हैं. वहीं अनुपमा और पूरे परिवार को खुश देखकर काव्या को गुस्सा आएगा और वह पूरे परिवार के सामने कहेगी कि वो लोग उसे क्यों बहू के रुप में नहीं अपना पा रहे हैं, जिसका जवाब देते हुए बापूजी कहेंगे कि वो अगर अपने गुस्से का चश्मा उतार कर अलग कर दे तो सब ठीक दिखाई देगा. इसी बीच समर-नंदिनी की सगाई भी होती हुई नजर आएगी.

अनुपमा होगी कामयाब तो काव्या की होगी हालत खराब

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि काव्या (Madalsha Sharma) ऑफिस की मीटिंग से पहले अनुपमा को खूब नीचा दिखाते हुए उसे अनपढ़ होने के कारण ताना मारेगी. वहीं काव्या के बॉस मीटिंग के बाद किंजल के सामने ही काव्या को नौकरी से निकाल देगा. वहीं वनराज की नई नौकरी भी चली जाएगी. दूसरी तरफ अनुपमा अपनी डांस अकेडमी खोलकर घर का पूरी खर्च उठाती नजर आएगी.

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10 दिन बाद होगी राहुल वैद्य-दिशा परमार की शादी, फैंस के साथ शेयर की खुशी

सेलेब्स इन दिनों शादी का सिलसिला जारी है. जहां बीते दिनों यामी गौतम ने अपनी शादी से फैंस को चौंका दिया था तो वहीं बिग बौस में अपने प्यार का इजहार करने वाले सिंगर राहुल वैद्य (Rahul Vaidya) और दिशा परमार (Disha Parmar) की शादी की तारीख का भी खुलासा हो गया है. आइए आपको बताते हैं कब करेंगे राहुल वैद्य और दिशा परमार शादी…

इस दिन होगी शादी

सिंगर राहुल वैद्य (Rahul Vaidya) और दिशा परमार (Disha Parmar) की शादी का फैंस को बेसब्री से इंतजार है, जिसके चलते अब इस कपल ने सोशलमीडिया पर अपनी शादी की डेट का खुलासा किया है. दरअसल, यह क्यूट और रोमांटिक कपल 16 जुलाई, 2021 को शादी के बंधन में बंधने वाले हैं.

ऐसे किया शादी का ऐलान

कोरोना संक्रमण को देखते हुए राहुल-दिशा की यह शादी भी बेहद निजी रहने वाली है. इसका खुलासा राहुल वैद्य ने एक सोशलमीडिया पोस्ट के जरिए किया है. पोस्ट में राहुल वैद्य ने अपने फैंस को शादी की तारीख और आशीर्वाद देने की बात कही है.

कुछ इस तरह होगी शादी

जहां राहुल वैद्य ने एक इंटरव्यू में बताया कि ‘दिशा और मैंने तय किया है कि हम बेहद निजी समारोह में अपनों के बीच शादी करेंगे. हम यही चाहते हैं कि हमारे रिलेटिव और हमें प्‍यार करने वाले लोग हमारी जिंदगी के इस बड़े दिन पर हमारे साथ रहें और हमें आशीर्वाद दें. शादी वैदिक रीति-रिवाजों से होगी, जिसके साथ गुरबानी शबद भी गाया जाएगा.’ वहीं शादी को लेकर दिशा परमार का कहना है कि ‘एक आदर्श शादी समारोह के लिए मेरा यही मानना है कि यह बेहद निजी मामला है. विवाह दो लोगों और उनके संबंधित परिवारों का एक मिलन है, जिसमें उनके प्रियजनों की मौजूदगी होती है.

बता दें, बिग बौस 14 में राहुल वैद्य ने नेशनल टेलीविजन पर प्यार का इजहार करते हुए दिशा परमार से शादी करने की बात कही थी. वहीं शो में ही दिशा परमार ने एंट्री करके अपने प्यार पर मोहर लगा दी थी.

पति राज कौशल के निधन के बाद पहली बार मंदिरा बेदी ने शेयर किया पोस्ट

इन दिनों एक्ट्रेस मंदिरा बेदी (Mandira Bedi) की जिंदगी मुश्किल वक्त में हैं. जहां बीते दिनों उनके पति राज कौशल (Raj Kaushal) का हार्ट अटैक से निधन हो गया तो वहीं कुछ लोग पति की अर्थी उठाने और अंतिम संस्कार की विधि करने को लेकर मंदिरा बेदी को ट्रोल करते नजर आए. हालांकि इस दौरान उनके दोस्तों और इंडस्ट्री के लोगों ने उनका पूरा साथ दिया. इसी बीच मंदिरा बेदी ने पति के निधन के बाद एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया है. आइए आपको दिखाते हैं मंदिरा बेदी का पोस्ट

पति के निधन के बाद शेयर किया पोस्ट

 

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हाल ही मंदिरा बेदी ने पति राज कौशल की याद में इंस्टाग्राम (Mandira Bedi) से अपनी प्रोफाइल फोटो डिलीट कर दी थी, जिसकी जगह उन्होंने काली फोटो लगाई थी. वहीं अब उन्होंने राज कौशल संग बिताए कुछ हसीन पलों की अनदेखी फोटोज शेयर की हैं, जिसमें उनका प्यार साफ नजर आ रहा है. इन फोटो के साथ मंदिरा बेदी ने कैप्शन में टूटे दिल वाला ब्लैक इमोजी बनाया है. मंदिरा बेदी के इस पोस्ट पर फैन्स और सिलेब्रिटीज जहां प्यार दे रहे हैं तो वहीं उन्हें हिम्मत रखने के लिए भी कहते नजर आ रहे हैं.

 

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ट्रोल हुई थीं मंदिरा बेदी

 

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बीते बुधवार यानी 30 जून को एक्ट्रेस मंदिरा बेदी के पति राज कौशल का हार्ट अटैक से निधन हो गया था, जिसके बाद सेलेब्स ने इस दुख की घड़ी में मंदिरा बेदी के साथ नजर आए थे. वहीं मंदिरा बेदी ने खुद ही पति के अंतिम संस्कार की सारी रस्में निभाई थी, जिसे लेकर उन्हें ट्रोलिंग का सामना भी करना पड़ा था. इसी बीच शनिवार को राज कौशल के लिए प्रेयर मीट भी रखी गई. जहां मौनी रौय जैसे सितारे नजर आए थे.

 

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बता दें, राज कौशल एक फिल्म मेकर थे. वहीं साल 1999 में 14 फरवरी को मंदिरा बेदी संग लव मैरिज की थी. वहीं उनके दो बच्चे एक बेटा और गोद ली हुई बेटी भी है.

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