घर में ऐसे उगाएं मसाले और सब्जियां

हरी मिर्च, धनिया, पोदीना जैसी सब्जियों का हम हर रोज ही उपयोग करते हैं. किसी भी खाद्य पदार्थ का स्वाद बढ़ाने के साथ साथ ये उसका सौंदर्य भी बढ़ा देतीं हैं. कई बार हमें इनकी सख्त जरूरत होती है और ये घर में उपलब्ध नहीं होतीं और फिर हमें बिना इनके उपयोग के ही अपना काम चलाना पड़ता है. तो क्यों न इन्हें घर में ही उगा लिया जाए. इन्हें उगाना बहुत आसान होता है. तो आइए बताते हैं कि रोजमर्रा में काम आने वाली इन सब्जियों को हम कैसे उगा सकते हैं.

-पोदीना के ताजे जड़ वाले डंठल को आप किसी भी साइज के गमले में बड़ी ही आसानी से लगा सकतीं है. अच्छी बढ़त के लिए नियमित रूप से पानी देना और छंटाई करना अत्यंत आवश्यक होता है. इसका प्रयोग चटनी, परांठा, रायता और पुलाव बनाने में किया जाता है.

-धनिया का प्रयोग मूलतः खाद्य पदार्थो की गार्निश करने और चटनी बनाने में किया जाता है. साबुत धनिया को किसी भारी बर्तन से दबाकर दरदरा कर लें और 5-6 इंच के गमले या ट्रे में तीन चौथाई मिट्टी और एक भाग गोबर की खाद डालकर दरदरे बीजों को बुरककर मिट्टी से ढक दें. ऊपर से पानी का छिड़काव करके गमले को धूप में रखें,कुछ ही दिनों में अंकुर निकल आएंगे.

-अजवायन को सीधे ही गमले में डालकर धूप में रखें. इसे बहुत अधिक देखभाल की आवश्यकता नहीं होती इसे सब्जियों में फ्लेवर के लिए प्रयोग किया जाता है.

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-साबुत लाल मिर्च को तोड़कर उसके बीज निकाल लें. इन बीजों को सीधे ही गमले में डालकर ऊपर से मिट्टी बुरक दें. कुछ ही दिनों में अंकुर निकल आएंगे.

-चायनीज और इटैलियन व्यंजनों में खासतौर से प्रयोग किया जाने वाले हरे प्याज और लहसुन को उगाने के लिए छोटे आकार के प्याज और लहसुन को गमले में गाढ़ दें, लगभग 15 दिनों के बाद इनमें अंकुर निकल आता है.

-पालक और मेथी जैसी सब्जियों को गमले की अपेक्षा आयताकार ट्रे में उगाना चाहिए. इनके बीजों को गमले या ट्रे में डालकर ऊपर से मिट्टी डाल दें कुछ समय के बाद इनमें अंकुरण हो जाता है.

ध्यान रखने योग्य बातें

-प्रारम्भिक अवस्था में जब अंकुर एकदम छोटे होते हैं, पानी बहुत सावधानी से फुहारे से धीरे धीरे देना चाहिए ताकि अंकुर टूटें नहीं.

-इन्हें सीधा धूप में थोड़ा बड़े होने पर ही रखें क्योंकि प्रारम्भ में अंकुर बहुत नाजुक होते हैं और वे सीधी धूप को सहन नहीं कर पाते.

-हर रोज पानी देने की अपेक्षा मिट्टी को उंगली से छूकर देखें और यदि वह नमीरहित है तो ही पानी दें.

-गमले में से पानी के निकास की समुचित व्यवस्था होनी अत्यंत आवश्यक है अन्यथा पौधा सड़ने लगता है

-सप्ताह में एक बार गमलों की मिट्टी की गुड़ाई अवश्य करें ताकि पौधे की जड़ों को हवा मिल सके.

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Travel Special: मुक्तेश्वर में लें नेचुरल खूबसूरती का मजा

उत्तराखंड के कुमाऊं प्रभाग के नैनीताल जिले में मुक्तेश्वर सब से सुंदर स्थानों में से एक है. यह नैनीताल से 45 कि.मी. की दूरी पर बसा है. मुक्तेश्वर में प्राकृतिक खूबसूरती तो जैसे बिखरी हुई है. क्योंकि यहां पर जंगल, झील, झरने व वन्यजीव खूब हैं. यह समुद्र तल से 2,290 मीटर की ऊंचाई पर है.

यहां के जंगलों में रेसस बंदर, लंगूर, हिरन, दुर्लभ पर्वतीय पक्षी, चीते, काले भालू आदि मिलते हैं. यहां पर सब के लिए कुछ न कुछ है. अगर आप साहसिक खेलों के शौकीन हैं, तो आप रौक क्लाइंबिंग, रैपलिंग, नेचर वाक और जंगल वाक भी कर सकते हैं.

मुक्तेश्वर की खूबसूरत वादियों में बसा है क्लब 10 पाइन लौज. यहां आप को घर के बाहर घर जैसा सुकून और आनंद प्राप्त होगा. यहां पर कमरे बड़े और हवादार हैं. अधिकतर कमरों की बालकनी पहाड़ों की तरह खुलती है. पहाड़ों में अकसर कमरों में सीलन रहती है, लेकिन क्लब 10 पाइन लौज के कमरे सीलन रहित हैं. लौज में आप आराम से गाड़ी पार्क कर सकते हैं. लौज चारों ओर से पाइन के पेड़ों से घिरा हुआ है. लौज के ठीक सामने स्थानीय निवासियों के खेत हैं, जो बेहद खूबसूरत दिखते हैं. अगर आप शांति और सुकून चाहते हैं तो यह जगह आप को बेहद आकर्षित करेगी.

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हर कमरे में एलसीडी टीवी और डिश कनैक्शन है. हर कमरे की लाइटिंग इस तरह से हुई है कि वह न सिर्फ आप को रूमानी लगती है, बल्कि आप को अंदर तक एक सुकून से भर देती है. बाथरूम काफी बड़े हैं और सब में गीजर है जहां आराम से आप गरम पानी का उपयोग कर सकते हैं.

लौज की एक और विशेषता यह है कि यहां आप को तरहतरह के फेसमास्क मिलेंगे. इन मास्क को नाइजीरिया से मंगवाया गया है. क्लब 10 पाइन लौज का अपना एक डाइनिंग एरिया भी है और यहां का कुक बेहद स्वादिष्ठ भोजन बनाता है. आप को यहां शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का भोजन मिलेगा. अगर आप कुछ हलका घर जैसा खाना चाहते हैं तो आराम से कुक से बोल कर बनवा सकते हैं.

क्लब 10 पाइन लौज का गाइड आप को करीबी जंगलों, झरनों की भी सैर कराने ले जाएगा. अगर आप तरहतरह के पक्षी और वन्यजीव देखना चाहते हैं, तो यह गाइड टूर आप के लिए बहुत अच्छा रहेगा. लौज से थोड़ी दूर पर झरने भी हैं, जहां पर आप सैर करते हुए जा सकते हैं.

लौज के गार्डन में बैठ कर पहाड़ों को देखते हुए आप अपने प्रिय पेय को ऐंजौय कर सकते हैं. लौज में एक गेम रूम भी है जहां पर आप कैरम, लूडो, चैस, टेबलटैनिस जैसे गेम खेल सकते हैं. अगर आप शाम को बाहर न जा कर लौज में समय बिताना चाहते हैं, तो आप आराम से गेम रूम का आनंद उठा सकते हैं.

सीजन के समय पर यहां सुइट का रेट 3,750 होता है और नौर्मल कमरों की 2,750. पर औफ सीजन में ये दोनों आप को डिस्काउंट रेट पर मिल सकते हैं.

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Monsoon Special: बच्चों के लिए बनाएं आलू मसाला पूरी

अगर आप लंच में कुछ टेस्टी या ब्रेकफास्ट में कुछ जायकेदार बनाना चाहते हैं तो ये रेसिपी ट्राय करना न भूलें. सिंपल और टेस्टी आलू मसाला आलू पूरी आप आसानी से बनाकर अपने बच्चों को दे सकती हैं.

हमें चाहिए

गेहूं का आटा- 2 कप (300 ग्राम)

आलू- 2 (250 ग्राम) (उबले हुए)

हरा धनिया- 2 टेबल स्पून (बारीक कटा हुआ)

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नमक- स्वादानुसार

धनिया पाउडर- 1 छोटी चम्मच

लाल मिर्च पाउडर- 1/4 छोटी चम्मच

हल्दी पाउडर- 1/4 छोटी चम्मच

अजवायन- 1/4 छोटी चम्मच

तेल- पूरियां तलने के लिए

बनाने का तरीका

आलू मसाला पूरी बनाने के लिए, उबले हुए आलू को छीलकर कद्दूकस कर लीजिए. किसी बड़े से प्याले में गेहूं का आटा लीजिए. इसमें कद्दूकस किए हुए आलू डाल दीजिए. साथ ही साथ नमक, अजवायन, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर और हरा धनिया भी डाल दीजिए. सभी सामग्री को मिला लीजिए.

आटे में 2 छोटी चम्मच तेल डाल दीजिए. इसके बाद, इसमें थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए सख्त आटा गूंथकर तैयार कर लीजिए. आटे को ढककर 15 से 20 मिनट के लिए रख दीजिए ताकि आटा फूलकर सेट हो जाए.

20 मिनट में आटा सेट होकर तैयार है. हाथों पर थोड़ा सा तेल लगाइए और आटे को मसल-मसल कर चिकना कर लीजिए. आटे को चिकना करने के बाद, इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर लोइयां बना लीजिए और पूरी के आकार का बेल लिजिए.

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अब कढाई में तेल गर्म कीजिए और पूरी डाल दीजिए. इसे फुलाने के लिए कलछी से हल्का सा दबा-दबा कर सेक लीजिए. पूरी को पलट-पलट कर गोल्डन ब्राउन होने तक फ्राय कर लीजिए.

स्वाद से भरपूर गरमागरम आलू मसाला पूरियों को अचार, दही, चटनी या अपनी मनपसंद सब्जी के साथ परोसिए और मजे से खाइए व खिलाइए.

Monsoon Special: ट्राय करें इन 5 टीवी एक्ट्रेसेस के Flower प्रिंट ड्रेसेस

मानसून सीजन में अक्सर फ्लावर प्रिंट ड्रेसेस ट्रैंड में होती हैं, जिसे हर कोई ट्राय करता है. वहीं अगर बात टीवी एक्ट्रेसेस की जाए तो उनका फैशन हर किसी को पसंद आता है, क्योंकि ये आसानी और किफायती दामों में मिलने वाला फैशन होता है. ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की ‘नायरा’ यानी शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) हो या ‘नागिन’ की रश्मि देसाई (Rashmi Desai) हर कोई इनके फैशन को ट्राय करना चाहता है. आज हम आपको मानसून में टीवी की 5 टौप एक्ट्रेसेस के फ्लालर प्रिंटेड ड्रेसेस फैशन के बारे में बताएंगे, जिसे आप घर बैठे मानसून में ट्राय कर सकती हैं.

1. दिव्यांका त्रिपाठी की ड्रैस है परफेक्ट

अगर आप मानसून का मजा लेने के लिए वॉक पर जाने का सोच रही हैं तो दिव्यांका की ब्लू फ्लावर प्रिंटेड ड्रैस ट्राय करें. इसके साथ आप चाहें तो वाइट शूज और मास्क के साथ कौम्बिनेशन कर सकती हैं. ये आपके लुक को स्टाइलिश और फंकी दिखाने में मदद करेगा.

 

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New week.. New aspirations.. New twists.. New experiences. Walk out all #renewed!

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2. सुरभि ज्योति की लौंग ड्रेस है परफेक्ट औप्शन

अगर आपको शौर्ट ड्रेसेस पहनना पसंद नही है तो आप सुरभि ज्योति की फ्लावर प्रिंट ड्रेस आपके लिए परफेक्ट है मानसून में आप इस ड्रेस के साथ मानसून में इस्तेमाल होने वाले जूते ट्राय कर सकती हैं.

3. अनिता हसनंदानी के ये ड्रेस करें ट्राय

 

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फ्लावर प्रिंट ड्रेसेस की बात की जाय तो अनिंता हसनंदानी हर किसी की फेवरेट हैं वह अक्सप मानसून सीजन हो या समर हर सीजन में फ्लावर प्रिंट ड्रैस कैरी करना पसंद करती हैं, जिसे आप शूज के साथ कैरी कर सकती हैं.

4. रश्मि का कुर्ति लुक ड्रेस

अगर आप रश्मि देसाई के फैशन की शौकीन हैं तो रश्मि की फ्लावर प्रिंट ड्रैस आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. अनारकली पैटर्न वाली रश्मि देसाई की ये फ्लावर प्रिंट ड्रैस आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

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5.  शिवांगी की ड्रैस है स्टाइलिश

 

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अगर आप अपनी बेटी के लिए मानसून में कोई ड्रैस गिफ्ट करना चाहती हैं तो शिवांगी की ये ब्लैक कलर के साथ फ्लावर प्रिंट कौम्बिनेशन वाली ड्रैस आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

वनराज का कैफे बंद करने के लिए राखी ने चली नई चाल, क्या करेगी अनुपमा

रुपाली गांगुली और सुधांशू पांडे स्टारर अनुपमा (Anupamaa) में नए-नए मोड़ आ रहे हैं. जहां एक तरफ पाखी के कारण शाह परिवार परेशान है तो वहीं अनुपमा की समधन और किंजल की मां राखी दवे, वनराज के कैफे को बंद करवाने के लिए नई चाले चल रही है. इसी बीच सीरियल की कहानी में नया ट्विस्ट आने वाला है. आइए आफको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

वनराज के पीछे पड़ी राखी

 

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अब तक आपने देखा कि किंजल की मां राखी दवे वनराज को परेशान करने का एक भी मौका नही छोड़ रही. राखी दवे अपनी बेटी किंजल को पेंट हाउस में शिफ्ट करने के चलते वह उसे शाह परिवार से दूर करने में लगी हुई है. हालांकि किंजल अपने परिवार के साथ रहना चाहती है. वहीं राखी, वनराज (Sudhanshu Pandey) के कैफे में आकर उसकी खूब बेइज्जती भी करती है, जिसका वह करारा जवाब देता है.

 

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राखी करेगी ये काम

अपकमिंग एपिसोड (Anupamaa Upcoming Episode) में देखेंगे कि वनराज के कैफे में एक जानी-मानी फूड क्रिटिक (Sarita Rai) आएगी, जो कि सीरियल में आने वाले ट्विस्ट के लिए नई एंट्री होगी. इस फूड क्रिटिक को अगर खाना पसंद आ गया तो वनराज का कैफे टॉप में शामिल हो जाएगा लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो बंद भी हो जाएगा. वहीं राखी वनराज का कैफे बंद करने के लिए फूड क्रिटिक के साथ हाथ मिलाने की कोशिश करती नजर आएगी.

काव्या मांगेगी मदद

फूड क्रिटिक के आने से काव्या की वनराज के कैफे से उम्मीदें बढ़ जाएगी औऱ वह उसे बढ़ाने के लिए अनुपमा की मदद मांगती नजर आएगी. हालांकि अनुपमा उसे इंकार कर देगी. लेकिन वनराज की मदद के लिए वह आगे आएगी.  दूसरी तरफ मदद के बावजूद काव्या, वनराज को उसके परिवार से दूर रखने की कोशिश करेगी.

 

मैन्युफैक्चरिंग और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने में जुटी यूपी सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने सरकारी आवास पर आहूत एक बैठक में में उत्तर प्रदेश की प्रगति के सम्बन्ध में भारत के सतत् विकास लक्ष्य इण्डेक्स 3.0 की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि निर्धारित 15 सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर प्रदेश तेजी से कार्य करते हुए सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है. सतत् विकास लक्ष्य इण्डेक्स 2020 में उत्तर प्रदेश 60 अंकों के साथ परफॉर्मर स्टेट के रूप में आगे आया है, जबकि वर्ष 2019 व वर्ष 2018 में प्रदेश के क्रमशः 55 एवं 42 अंक थे. उन्होंने मानकों के अनुसार कार्य करते हुए इन लक्ष्यों के सम्बन्ध में और बेहतर स्कोर किए जाने पर बल दिया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्तर्विभागीय समन्वय एवं निरन्तर समीक्षा करते हुए सतत् विकास लक्ष्यों की पूर्ति में तेजी लायी जाए. इसके लिए सभी नोडल विभाग तथा उनके साथ लिंक किए गए विभाग सम्बन्धित फोकस सेक्टरों पर मिलकर काम करें. उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागों को अद्यतन डाटा फीडिंग कराए जाने के निर्देश दिए. विभागीय स्तर पर सतत् विकास लक्ष्यों के सम्बन्ध में अद्यतन डाटा उपलब्ध रहे. नीति आयोग से समन्वय बनाते हुए डाटा में सुधार के प्रयास किए जाएं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर तथा स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किया जाए. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार हमें सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बेहतर परिणाम प्राप्त करते हुए आगे बढ़ना है. विभागीय स्तर पर लक्ष्यों का निर्धारण करते हुए उन्हें प्राप्त करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जाएं. उन्होंने नियोजन विभाग को लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रति माह नोडल/सम्बन्धित विभागों से रिपोर्ट प्राप्त कर इनकी गहन मॉनीटरिंग किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सतत् विकास के लक्ष्यों का लाभ वंचित वर्गों तक पहुंचाना राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है. विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति गुणवत्तापरक होनी चाहिए, तभी समाज को इनका लाभ मिलेगा.

मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित 15 एस0डी0जी0 लक्ष्यों में नो पॉवर्टी (ग्राम्य विकास विभाग), जीरो हंगर (खाद्य एवं आपूर्ति तथा कृषि विभाग), गुड हेल्थ एण्ड वेल बींग (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग), क्वॉलिटी एजुकेशन (बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग), जेण्डर इक्वॉलिटी (महिला एवं बाल विकास विभाग), क्लीन वॉटर एण्ड सैनीटेशन (सिंचाई, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग), एफोर्डेबल एण्ड क्लीन इनर्जी (ऊर्जा विभाग), डीसेण्ट वर्क एण्ड इकोनॉमिक ग्रोथ (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग), इण्डस्ट्री इनोवेशन एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर (अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग), रिड्यूस्ड इनइक्वॉलिटीज (समाज कल्याण विभाग), सस्टेनेबल सिटीज एण्ड कम्युनिटीज (नगर विकास विभाग), रिस्पॉन्सिबल कन्जम्पशन एण्ड प्रोडक्शन (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग), क्लाइमेट एक्शन (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग), लाइफ ऑन लैण्ड (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग) तथा पीस, जस्टिस एण्ड स्ट्रॉन्ग इंस्टीट्यूशंस (गृह विभाग) की विस्तृत समीक्षा की.

बैठक में मुख्य सचिव श्री आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव नियोजन श्री सुरेश चन्द्रा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव सिंचाई श्री टी0 वेंकटेश, अपर मुख्य सचिव वित्त श्रीमती एस0 राधा चौहान, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला, अपर मुख्य सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव नगर विकास श्री रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव खाद्य एवं आपूर्ति श्रीमती वीना कुमारी मीना, प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती वी. हेकाली झिमोमी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

“मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना” को बेहतर बनाने में लगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ का लाभ पात्र बालिकाओं तक पहुंचाने के लिए तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ बालिकाओं के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के स्तर में वृद्धि करने तथा उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए सहायक सिद्ध हो रही है. इस योजना के तहत अब तक 07 लाख 81 हजार बालिकाओं को लाभान्वित किया जा चुका है. उन्होंने योजना के सम्बन्ध में नियमित समीक्षा करते हुए अन्य सम्बन्धित विभागों से संवाद व समन्वय बनाकर कार्य किए जाने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के सम्बन्ध में समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए लक्ष्य निर्धारित कर पात्र बालिकाओं तक योजना का लाभ पहुंचाया जाए. उन्होंने ग्राम पंचायतों, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों, आशा वर्कर्स, अध्यापकों व प्रधानाचार्यों, बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय आदि से ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के सम्बन्ध में समन्वय व संवाद किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मण्डल व जनपद स्तर पर योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के ठोस प्रयास किए जाएं. उन्होंने कहा कि मानक के अनुसार पात्र बालिकाओं तक योजना का लाभ पहुंचाने की दिशा में बेहतर रणनीति के साथ कार्य किए जाएं.

इस अवसर पर महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह, प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती वी0 हेकाली झिमोमी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

अनुपमा से लेकर पाखी तक, टीवी सेलेब्स पर चढ़ा इस बच्चे का बुखार

स्टार प्लस का सीरियल अनुपमा इन दिनों टीआरपी चार्ट्स में धमाल मचा रहा है. वहीं सीरियल के सितारे भी सेट पर मस्ती करते नजर आ रहे हैं. हाल ही में वायरल हुआ गाना बसपन का प्यार इन दिनों अनुपमा के कलाकारों के बीच छाया हुआ है, जिसमें अलग-अलग वीडियो बनाते नजर आ रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं अनुपमा की वायरल वीडियो…

अनुपमा ने बा संग की मस्ती

हाल ही में सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा एक बच्चे का गाना बसपन का प्यार सेलेब्स के बीच छाया हुआ है. जहां बीते दिनों गुम है किसी के प्यार में की पाखी यानी ऐश्वर्या शर्मा इस Reel पर मस्ती करती नजर आईं थीं. तो वहीं अब अनुपमा एक्ट्रेस रुपाली गांगुली बा यानी अल्पना बुच संग मस्ती करती दिख रही हैं.

 

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बा संग वीडियो हुआ वायरल

 

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जिस तरह काव्या यानी मदालसा शर्मा इन दिनों सोशलमीडिया पर छाई हुई हैं. वहीं अनुपमा यानी रुपाली गांगुली भी इन दिनों मजेदार वीडियो बनाकर फैंस को एंटरटेन करती नजर आ रही हैं. कभी बा-बापूजी तो कभी वह अपने रियल लाइफ हस्बैंड संग मस्ती करते हुए नजर आई थीं, जिसे फैंस ने काफी पसंद किया था औऱ मजेदार रिएक्शन भी दिया था.

 

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सेलेब्स पर चढा खुमार

 

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#BaspanKaPyaar का रील्स इन दिनों सेलेब्स के बीच धमाल मचा रहा है. हर कोई इस गाने पर मजेदार रील्स बना रहे हैं. वहीं अपनी कौमेडी और गाने के लिए जानी जाने वाली एक्ट्रेस और कौमेडियन सुगंधा मिश्रा अपने पति के साथ इस वीडियो पर रील्स बनाती दिखीं. थीं वहीं फैंस को उनका ये रील्स काफी पसंद आया था.

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यूपी सरकार के पोर्टल से मिलेगी विकास को नई गति

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने up.mygov.in पोर्टल का शुभारम्भ किया. भारत सरकार के myGov पोर्टल के 07 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इस पोर्टल की शुरुआत की गयी है. कार्यक्रम के दौरान  myGov  पोर्टल के 07 वर्ष पूर्ण होने पर केन्द्रित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गयी.

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है. myGov पोर्टल के 07 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आज भारत सरकार के सहयोग से up.mygov.in पोर्टल का शुभारम्भ किया गया. इससे प्रदेश भी केन्द्र सरकार के उलळवअ पोर्टल से जुड़ गया है. यह पोर्टल पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की अंत्योदय की भावना के अनुसार अंतिम पायदान के व्यक्ति तक शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सहायक होगा. साथ ही, इससे राज्य सरकार को जनता के सुझावों को जानने, विभिन्न मामलांे में सहयोग प्राप्त करने तथा इनोवेशन को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 07 वर्ष पहले प्रधानमंत्री जी ने तकनीक के माध्यम से लोकतंत्र की भावनाओं को साकार करने के लिए जो कार्य प्रारम्भ किये थे, उसने न केवल अपनी पहचान बनायी, बल्कि सुशासन का लक्ष्य प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभायी. 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने शपथ ली थी. 26 जुलाई, 2014 को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर उन्होंने myGov पोर्टल का शुभारम्भ किया था.

यह पोर्टल लोकतंत्र की भावना के अनुरूप विभिन्न योजनाआंे में जनभागीदारी, जनता के सुझावों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. पोर्टल से 01 करोड़ 85 लाख से अधिक लोगों का जुड़ाव इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है. उन्हांेने शासन की योजनाओं से जनता को जोड़ने में पोर्टल का बेहतरीन उपयोग करने के लिए myGov पोर्टल की टीम को बधाई दी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तकनीक न केवल आमजन के जीवन में व्यापक सुधार का माध्यम बन सकती है, बल्कि लोकतंत्र की भावना को भी चरितार्थ कर सकती है. भ्रष्टाचार को समाप्त करने में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. उन्होंने कहा कि विगत डेढ़ वर्ष से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है. कोरोना काल में तकनीक जनता को शासन की विभिन्न योजनाआंे का प्रभावी एवं पारदर्शी ढंग से लाभ पहुंचाने में सहायक सिद्ध हुई है.

राज्य सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न वितरण को ई-पॉस मशीनों से जोड़ा. इससे न केवल पहले से अधिक संख्या मंे जरुरतमन्द लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने में मदद मिली, बल्कि पारदर्शी ढंग से खाद्यान्न वितरण के कारण राज्य सरकार को 1200 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष बचत भी हो रही है. तकनीक के उपयोग से प्रदेश के राजस्व मंे भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है.

मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग को up.mygov.in पोर्टल बनाने व लॉन्च करने के लिए धन्यवाद देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि यह पोर्टल निरन्तर भारत सरकार के मार्गदर्शन में आमजन की भावनाआंे के अनुरूप प्रधानमंत्री जी के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ का प्रतीक बनेगा. उन्होंने विश्वास जताया कि myGov का यू0पी0 चैप्टर भी myGov की तर्ज पर अपनी बेहतर सेवाओं के लिए जाना जाएगा.

कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि myGov देश के जनमानस के जीवन में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री जी का एक सफल कार्यक्रम है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में myGov के उत्तर प्रदेश चैप्टर की शुरुआत के लिए शुभकामनाएं देते हुए उन्हांेने कहा कि इससे प्रदेश की जनता को विभिन्न सरकारी सेवाएं सरलता से उपलब्ध होंगी तथा समाज एवं सरकार के मध्य सामंजस्य बढ़ेगा तथा साधारण से साधारण व्यक्ति को सरकार से सीधा जुड़ने का अवसर मिलेगा.

श्री वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत सरकार समाज के गरीब, शोषित, वंचित वर्गाें के कल्याण के लिए प्रयासरत है. तकनीक के प्रयोग से अंत्योदय की सोच को साकार करने का कार्य किया जा रहा है. इस उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी ने तकनीक के व्यापक प्रयोग को प्रोत्साहन दिया है. इसके लिए आधार, मोबाइल, मोबाइल निर्माण में तेजी, गरीब से गरीब व्यक्ति को इण्टरनेट सेवा, डिजीटल पेमेन्ट, डी0बी0टी0 आदि को बढ़ाने का प्रयास किया गया है. इन प्रयासों का उद्देश्य आम लोगों के जीवन में परिवर्तन लाना है.

वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम को केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना एवं प्रौद्योगिकी सचिव श्री अजय साहनी ने भी सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि myGov पोर्टल के माध्यम से सरकार की विभिन्न महत्वपूर्ण नीतियों पर नागरिकों की राय लेकर उनका प्रयोग किया जाता है. कोविड-19 के सम्बन्ध में जानकारी के लिए myGov पोर्टल का डैशबोर्ड सर्वाधिक फॉलो किया गया. उन्होंने कहा कि डिजीटल इण्डिया का ‘लोगो’ myGov पोर्टल द्वारा सुझाया गया था. आज यह एक जाना पहचाना ‘लोगो’ है.

कार्यक्रम का संचालन myGov के सीईओ श्री अभिषेक सिंह ने वर्चुअल माध्यम से किया.

कार्यक्रम के अन्त में अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अपर मुख्य सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में लोकतंत्र की भावना के अनुरूप शासन की योजनाओं में जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए myGov पोर्टल तैयार कराया गया है. यह प्रयास किया जाएगा कि प्रदेश में भी इसी प्रकार up.mygov.in पोर्टल राज्य सरकार और नागरिकों के बीच सेतु के रूप में कार्य करे. उन्होंने भारत सरकार की myGov टीम को बहुत कम समय में पोर्टल तैयार कराने के लिए धन्यवाद देते हुए प्रदेश मंे पोर्टल के बेहतर ढंग से संचालन के लिए प्रदेश की टीम की सहायता का अनुरोध भी किया.

केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री श्री राजीव चन्द्रशेखर भी वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में सम्मिलित हुए.

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

Friendship Day Special: ईमानदारी की गहरी नींव पर ही टिकती है दोस्ती की बुलंद इमारत

संदीप जितने समय तक कालेज कम्पाउंड में रहता है, महेश उसके आगे-पीछे घूमता रहता है. लेकिन जैसे ही वह कालेज से बाहर जाता है महेश के मुंह से उसके लिए गालियां ही गालियां निकलती हैं. लगभग यही हाल ऐक्टिंग स्कूल की उन तीन लड़कियों की है. शीला, मीता और रोजी. तीनों की तीनों क्लास के एक लड़के राकेश ग्रोवर के इर्द गिर्द मंडराती रहती हैं. राकेश जिसको भी इशारा कर दे, वह उसकी मर्सिडीज की आगे वाली सीट में बैठने को तैयार रहती है. लेकिन इन तीनों से कोई ईमानदारी से पूछे तो इन तीनों में से राकेश को प्यार कोई नहीं करता. चाहे महेश हो या शीला, मीता और रोजी. ये सभी संदीप या राकेश के आगे-पीछे इसलिए घूमती हैं क्योंकि राकेश और संदीप बड़े घरों के बेटे हैं. इनके आगे-पीछे घूमने का मतलब खाना-पीना और मस्त रहना है. एक तरह से घूमने के ये संबंध इसी मस्ती के एवज के संबंध हैं.
लेकिन याद रखिए ये एवजी संबंध न तो लंबे समय तक चलते हैं और न ही इनमें कोई आत्मीयता होती है. दरअसल जीवन के तमाम रंग होते हैं. सुबह सोकर उठने से लेकर रात में बिस्तर पहुंचने तक न जाने कितने मोड़ आते हैं. न जाने कितने रंगों से गुजरना पड़ता है. कई बार जिंदगी चलाने के लिए कई किस्म के गणितीय संबंधों को भी निभाना पड़ता है जैसे स्वागत बाला की नौकरी के लिए होठों पर मुस्कुराहट को चिपकानी पड़ती है. ठीक उसी तरह घर और दफ्तर में कई औपचारिक रिश्तों की चादर ओढ़नी पड़ती है. ऐसा करने में कोई हर्ज नहीं है. समस्या तब आती है जब हम सब कुछ जानते-समझते हुए भी गणितीय संबंधों से संवेदनशीलता या स्थायित्व की उम्मीद करने लगते हैं.
याद रखें संबंध हमेशा आपके अपने स्वभाव के मुताबिक ही बनते हैं. इसलिए यदि आप इस मुगालते में हैं कि फलां से आपका स्वभाव मेल नहीं खाता इसके बावजूद भी वह आपका घनिष्ठ दोस्त हो सकता है या कि आपके मौके पर वह काम आ सकता है तो ऐसी अपेक्षा महज गलतफहमी भर ही होगी. आप किसी से महज फायदे के लिए कोई झूठी दोस्ती रचकर उसे संवेदनशील संबंधों का लबादा नहीं पहना सकते. दफ्तरों और कालेजों में इस तरह के गणितीय संबंध सबसे ज्यादा बनते हैं. दरअसल दफ्तरों में लोग झूठ की एक भरी-पूरी जिंदगी जिया करते हैं. आमतौर पर दफ्तरों में पुरूष कर्मचारी खासकर अपनी महिला सहकर्मियों के साथ जिस तरह से पेश आते हैं, वह उनका मूल स्वभाव नहीं होता. घरों में उनका असली रूप और स्वभाव कुछ अलग ही होता है. दफ्तरों में ज्यादा पुरूष अपनी महिला सहकर्मियों के साथ इस तरह से पेश आते हैं जैसे उनके जैसे संवेदनशील और स्त्रियों का सम्मान करने वाला आदमी दुनिया में कोई दूसरा है ही नहीं. वही पुरूष घरों में अपनी पत्नियों से इस तरह पेश आते हैं जैसे संवेदना से उनका दूर-दूर तक का कोई नाता ही न हो.
महिलाएं भी ठीक इसी तरह का व्यवहार करती हैं. दफ्तरों में वह जितनी मधुर मिश्री होती हैं, घरों में उतनी ही कर्कशा. दरअसल दफ्तरों में औरतें और पुरूष तथा कालेजों में लड़के-लड़कियां एक-दूसरे के सामने जो छवि प्रस्तुत किया करते हैं, वह नकली छवि होती है. वह तात्कालिक रिश्तों का महज गणितीय आयाम भर होता है. ऐसे रिश्ते थोड़ी ही देर या कि घरों से बाहर तक ही चल सकते हैं. क्योंकि ऐसे रिश्तों में असलियत कुछ नहीं होती. ऐसे रिश्ते महज अपने इंटरनेट के लिए होते हैं. इसलिए ऐसे रिश्तों के आधार पर कोई दीर्घकालिक फैसला नहीं लेना चाहिए.
कुछ साल पहले मुंबई की एक एजेंसी ने सर्वे कराया कि जो टाप एक्जीक्यूटिव हैं, वे अपनी महिला पर्सनल सेक्रेटरी को अपनी पत्नी के बारे में क्या बताते हैं और किस तरह बताते हैं. सर्वेक्षण में पाया गया कि 70 प्रतिशत से ज्यादा एक्जीक्यूटिव अपनी सेक्रेटरी से यही प्रदर्शित करते हैं कि उनके अपनी पत्नियों से बहुत खराब रिश्ते हैं. वे उनसे असंतुष्ट हैं. कई तो अपनी सेक्रेटरी की नजर में बेचारे बनने के लिए यह पुराना हथकंडा अपनाने से भी बाज नहीं आते कि उनकी पत्नी अक्सर बीमार रहती है. जबकि ऐसा कुछ भी नहीं होता. जो लोग अपने दफ्तरों में यह साबित करने की कोशिश करते हैं कि वे अपनी पत्नी से असंतुष्ट हैं, अकसर होता उल्टा है. ऐसे लोग अपनी पत्नियों से संतुष्ट होते हैं. इनकी पत्नियां दबंग नहीं होतीं और न ही बेचारी वह अक्सर बीमार रहती हैं. दरअसल उनको इस तरह पेश करने के पीछे अपने निजी स्वार्थ होते हैं. स्वार्थ भी कोई बहुत स्थायी और व्यापक नहीं होते. कई लोग तो महज इसलिए ये सब बातें करते हैं कि उन्हें औरतों की हमदर्दी मिल जाए.
मगर सिर्फ पुरूष ही ऐसा नहीं करते औरतें भी ऐसा करती हैं. तमाम औरतें अपने दफ्तरों में कुछ खास पुरूषों की सहानुभूति हासिल करने के लिए अपने आपको यूं प्रदर्शित करती हैं जैसे उन्हें किसी जाहिल, अत्याचारी के साथ बांध दिया गया है जिसमें न तो कोई संवेदना है और न ही सुरूर या सलीका. ये सब झूठी और बनावटी बातें होती हैं. इनके जरिए महज कुछ व्यक्तिगत किस्म के फायदे लिए जा सकते हैं. बस इसके अलावा इनकी कुछ और उपयोगिता नहीं होती. इसलिए ऐसे गणितीय संबंधों से बचें.

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