5 टिप्स: सांवली स्किन का ऐसे रखें ख्याल

सांवली स्किन के नाम से ही हम भारतीय अपनी सुंदरता में कमी महसूस करने लगते हैं. कई महिलाएं तो सांवले रंग को लेकर कम्पैरिजन का शिकार हो जाती हैं, जबकि सांवला रंग जयादा आकर्षित करता है. अगर एक ब्यूटीशियन की नजर से देखा जाए तो हर तरह की रंगत खूबसूरत होती है. सिर्फ जरूरत है अपनी स्किन को पहचानने की और उसे संवारने की. आज हम आपको कैसे सांवली स्किन का ख्याल कैसे रखें…

1. सांवली स्किन की देखभाल है जरूरी

रोज सुबह नहाने से पहले 1 चम्मच कच्चा दूध, 1 चुटकी नमक, 2 बूंदें नीबू का रस व 2 बूंदें शहद डाल कर 5 मिनट तक चेहरे पर लगाएं. बाद में साफ पानी से चेहरा धो लें. हफ्ते में 2 बार चंदन व गुलाबजल का फेस पैक जरूर लगाएं. धूप में सांवली स्किन गोरी स्किन से ज्यादा प्रभावित होती है. इसलिए हमेशा सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें. किसी अच्छी कंपनी के वाइटनिंग फेस वाश से चेहरे को दिन में 2 बार जरूर धोएं. रात को सोते समय अपनी स्किन के अनुसार वाइटनिंग क्रीम लगाएं.

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2. खाने का रखें ख्याल

दिन में 10-12 गिलास पानी जरूर पीएं. संतरा, मौसमी, अनन्नास और आंवला जैसे फल अधिक खाएं. विटामिन सी वाली चीजें अधिक इस्तेमाल करें. दिन में 2 बार दूध पीएं. खाली पेट खुली हवा में सैर करें.

3. कपड़ों से भी पड़ता है लुक पर असर

सांवली स्किन वालों को अधिक भड़कीले कपड़े नहीं पहनने चाहिए. नीला, हरा और पीला रंग कम पहनें. मिक्स रंग भी कम पहनें. हलका गुलाबी, मैरून, आसमानी, हलके जामुनी आदि रंग अधिक पहनें.

लाइट मेकअप से रखें स्किन का ध्यान

हलका फुलका मेकअप करें. अपने चेहरे को पाउडर या फाउंडेशन की मोटी परत से न ढकें. रंग को अधिक गोरा दिखाने वाला फाउंडेशन न लगाएं. गोल्डन आइवरी कलर का फाउंडेशन इस्तेमाल करें. सांवली रंगत पर आंखों में काजल अच्छा लगता है. आईलाइनर और मस्कारा भी जरूर लगाएं. रंगबिरंगा आईलाइनर लगाया जा सकता है पर रंग अधिक शोख नहीं होने चाहिए. ग्रे या भूरे रंग के लेंस भी लगाए जा सकते हैं. ब्लशआन का रंग गाजरी, पीच या गुलाबी होना चाहिए. चेहरा कभी भी रूखा नहीं लगना चाहिए. चेहरे पर मास्चराइजर अवश्य लगाएं. गुलाबी, मैरून या ब्राउन लिपस्टिक अच्छी लगेगी.

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4. बालों का कलर स्किन के हिसाब से चुनें

सांवली स्किन पर बालों का रंग ब्राउन या काला होना चाहिए. बालों को हफ्ते में 2 बार शैंपू से अवश्य धोएं. कंडीशनर करें और बालों में हेयर सीरम लगाएं. बालों की स्ट्रेटनिंग भी करा सकती हैं. इस प्रकार अगर आप सांवलीसलोनी स्किन को संवारती रहें तो आप की सुंदरता में चार चांद लग जाएंगे.

ऑक्सीजन उपलब्धता में आत्मनिर्भर हो रहा उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के लिए बड़ी पहल की है. जल्द ही ऑक्सीजन को लेकर प्रदेश आत्मनिर्भर हो जाएगा और दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सीएम के निर्देश के बाद प्रदेश में युद्ध स्तर पर 485 ऑक्सीजन प्लांट में से 290 ऑक्सीजन प्लांट पर काम चल रहा है. जबकि 167 के प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे गए हैं.

सीएम योगी की पहल पर प्रदेश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं. सीएम योगी ने निजी मेडिकल कॉलेजों में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने के निर्देश दिए हैं. ऐसे निजी मेडिकल कॉलेज जिन्हें सरकार की ओर से टेकओवर किया गया है, उनमें अगर ऑक्सीजन प्लांट नहीं है, तो सरकार की ओर से ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा और इसकी प्रतिपूर्ति निजी मेडिकल कॉलेजों को दी जाने वाली धनराशि से की जाएगी.

प्रदेश में ऑक्सीजन आडिट और साफ्टवेयर आधारित ट्रैकिंग के बेहतर परिणाम मिल रहे हैं. मौजूदा समय में सभी जिलों में पर्याप्त बैकअप है. मेडिकल कॉलेजों में भी ढाई दिन तक का ऑक्सीजन स्टोर है, पिछले 24 घंटों में प्रदेश में 753 एमटी ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है. होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को भी ऑक्सीजन दिया जा रहा है.

33 ऑक्सीजन प्लांट लगे, 258 पर चल रहा काम

प्रदेश में 25 ऑक्सीजन प्लांट कार्य कर रहे हैं. पीएम केयर फंड से कुल 188 नए ऑक्सीजन प्लांट लगने हैं, जिसमें से पांच लग गए हैं और 16 पर काम चल रहा है. इसके अलावा 167 प्लांट के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. राज्य सरकार की ओर से 27, चीनी मिलों और आबकारी विभाग की ओर से 79, बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से 10, सांसद निधि से छह और विधायक निधि से 37, स्टेट डिजास्टर रीलिफ फंड (एसडीआरएफ) से 25 और पाथ की ओर से दो ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं. इसके अलावा सीएसआर फंड से 59 प्लांट लग रहे हैं, जिसमें तीन लग चुके हैं. सांसद निधि से दो, विधायक निधि से 20, एसडीआरएफ से पांच ऑक्सीजन प्लांट जल्द स्वीकृत होने की उम्मीद है.

इन 10 अस्पतालों में भी लगे रहे आक्सीजन प्लांट

प्रदेश के 10 अस्पतालों में लखनऊ के अवन्तीबाई, महिला चिकित्सालय और आरएसएम हास्पिटल-साढ़ामऊ, गौतमबुद्धनगर के 300 बेडेड कोविड हास्पिटल, कानपुरनगर के मान्यवर कांशीराम ट्रामा सेंटर, अमेठी के डीसीएच गौरीगंज, बिजनौर, देवरिया और इटावा के जिला चिकित्सालय, मथुरा के कम्बाइंड हास्पिटल वृन्दावन और पीलीभीत के जिला चिकित्सालय में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है.

मौनी रॉय ने की कोरोना पीड़ितों की मदद, पढ़ें खबर

बौलीवुड अदाकारा मौनी रॉय उन चंद अभिनेत्रियों में से एक हैं,  जो कि भयानक कोरोना महामारी के दौरान अपने साथी देशवासियों की यथा संभव मदद करतने के लिए तत्पर नजर आ रही हैं. मोनी रॉय ने अब इस्कॉन फाउंडेशन की प्रमुख मायापुर के बारे में जानकारी साझा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया और जब उन्हे पता चला कि पश्चिम बंगाल का यह छोटा शहर चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण सबसे अधिक कोरोना  पीड़ित है, तो उन्होने अपनी तरफ से मदद करने का बीड़ा उठाया.

पश्चिम बंगाल के मायापुर में अस्पताल, ऑक्सीजन सिलेंडर,  ऑन-कॉल डॉक्टर और संबंधित चिकित्सा आपूर्ति नहीं होने से आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ बस्ती के लोग भी पीड़ित हैं. मायापुर स्थित ‘इस्कॉन फाउंडेशन’एक अस्पताल का निर्माण कर रहा है, जो कोविड -19 से पीड़ित लोगों को उचित चिकित्सा सहायता प्राप्त करने में मदद करेगा. मौनी रॉय ने इस नेक काम के लिए अपनी क्षमता अनुसार इस्कॉन फाउंडेशन को धनराशि व अन्य सुविधाएं मुहैय्या की हैं.

 

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इसी संबंध में बात करते हुए मौनी रॉय ने अपने इंस्टाग्राम के सोशल मीडिया एकांउट पर एक वीडियो साझा किया हैः

 

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मौनी रॉय ने हाल ही में इस कोविड -19 संकट के बीच जरूरतमंद लोगों की मदद करने की दिशा में उनके इस नेक काम को आगे बढ़ाते हुए गिव इंडिया फाउंडेशन को भी दान दिया था.

अपने वीडियो में,  मौनी रॉय ने अपने प्रशंसकों और फॉलोअर्स से इस संदेश को फैलाने और इस्कॉन फाउंडेशन के प्रति दान के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करने का अनुरोध किया है. मौनी रॉय का मानना है कि इस नेक काम के लिए जितने अधिक लोग आगे आएंगे और दान करेंगें, उससे इस जानलेवा बीमारी से पीड़ित लोगों को लड़ने में ज्यादा सहायता मिलेगी.  उनकी राय में मनुष्य के रूप में सभी का मूल कर्तव्य है कि इस कठिन महामारी के समय में एक-दूसरे की हर संभव मदद करें.

सीरत की शादी में रणवीर संग जमकर डांस करेगा कार्तिक, वीडियो वायरल

स्टार प्लस का सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में जल्द सीरत-रणवीर की शादी होने वाली है. वहीं इस शादी में नए शख्स की भी एंट्री होने वाली है. इस दौरान कार्तिक भी सीरत और रणवीर की शादी में जमकर डांस करते हुए नजर आने वाला है. हाल ही में कार्तिक के डांस की वीडियो सोशलमीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे देखकर फैंस हैरान हो रहे हैं. आइए आपको बताते हैं क्या हैं पूरी खबर…

कार्तिक करेगा डांस

लेटेस्ट ट्रैक की बात करें तो कार्तिक ने बिछुड़े हुए इन दो प्रेमी सीरत और रणवीर को मिला दिया है. वहीं दोनों की गलतफहमी दूर करके अब वह दोनों की शादी करवाता हुआ भी नजर आ रहा है. वहीं अब सीरियल के आने वाले ट्रैक में कार्तिक, सीरत-रणवीर की शादी में जमकर डांस करते हुए भी दिखेगा. वहीं इस दौरान पूरा परिवार खुश नजर आएगा.

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रणवीर के पिता की होगी एंट्री

 

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खबरों की मानें तो शो रणवीर के पिता की एंट्री होने वाली है, जिसके रोल में एक्टर शहबादज खान नजर आने वाले हैं. हालांकि वह एक बार फिर रणवीर और सीरत के बीच दरार डालने की कोशिश करते नजर आएंगे. जैसा कि पहले उन्होंने सीरत को मरवाने की कोशिश करके की थी. वहीं इसी कारण सीरत और रणवीर अलग हुए थे और उनके बीच गलतफहमियां बढ़ गई थी.

तीनों का लुक था खास

 

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सीरत और रणवीर की शाद से पहले संगीत में कार्तिक नीली शेरवानी पहने नजर आया तो वहीं. रणवीर भी इसी कलर की शेरवानी पहने दिखा. वहीं सीरत भी मोहसिन और करण कुंद्रा की शेरवानी से मैच करता हुआ नीला लहंगा पहनती हुई नजर आई, जिसमें उनका लुक बेहद खूबसूरत लग रहा था.

 

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बता दें, सीरत और रणवीर की शादी से फैंस का दिल टूट गया है. वह एक बार फिर मोहसिन खान और शिवांगी जोशी को साथ देखना चाहते हैं. हालांकि देखना है कि मेकर्स अब सीरियल की कहानी में कौनसा मोड़ लाते हैं.

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एक्शन और सीरियस फिल्मों में काम करना चाहती हूं – वंदना पाठक

धारावाहिक ‘हम पांच’ से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखने वाली अभिनेत्री वंदना पाठक के पिता अरविन्द वैद्य गुजराती थिएटर के नामचीन कलाकार है और उनकी माँ जयश्री वैद्य भी सरकारी कार्यालय में काम किया है. 5 साल की उम्र से वंदना ने अभिनय शुरू किया है, लेकिन पढाई पूरी करने के बाद ही उन्होंने अभिनय करना शुरू किया और एक अच्छा समय इंडस्ट्री में बिताया है. वंदना ने अधिकतर हास्य धारावाहिकों और फिल्मों में हास्य गुजराती किरदार निभाए है, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया. ‘खिचड़ी’धारावाहिक की दोनों सिक्वल में जयश्री पारिख की भूमिका को भी दर्शकों ने खूब पसंद किया और वह घर-घर जानी जाने लगी. काम के दौरान ही उन्हें राइटर और डायरेक्टर नीरज पाठक से प्यार हुआ,शादी की और दो बच्चों यश पाठक (24 वर्ष) और राधिका पाठक (19 वर्ष ) की माँ बनी. स्वभाव से विनम्र और हंसमुख विनीता ने गुजराती फिल्म ‘स्वागतम’ में मुख्य भूमिका निभाई है, ये एक थ्रिलर रोमकोम फिल्म है. जिसे शेमारू मी पहली बार ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया है. विनीता इस भूमिका से बहुत खुश है. पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.

सवाल-इस किरदार को करने की खास वजह क्या है?

इस फिल्म में मैं दादी सरयू देवी की भूमिका निभा रही हूं, जो अपने पिता की प्रोपर्टी को मोटेल की तरह प्रयोग करती है. व्हील चेयर पर रहने के बावजूद मेरा सेंस ऑफ़ ह्यूमर बहुत अच्छा है और बुजुर्ग होने की वजह से मुझे सभी सम्मान देते है. आज से पहले की संयुक्त परिवार की तरह नोक-झोक वाली ये फिल्म है.

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सवाल-संयुक्त परिवार की कल्पना अभी टूट चुकी है, सभी एकाकी परिवार में रहना पसंद करते है, इसका प्रभाव बच्चों पर कितना पड़ता है?

संयुक्त परिवार के फायदे कई है, क्योंकि आज हर कोई कमाने वाला होता है, ऐसे में बुजुर्ग की छत्रछाया में पल रहे बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ता है. मैं भी संयुक्त परिवार में दादी-नानी के साथ रहकर बड़ी हुई हूं. इसके अलावा बड़े-बुजुर्ग व्यक्ति के घरेलू नुस्खे अस्पताल जाने से पहले बहुत फायदेमंद होते है.

सवाल-25 साल की इस जर्नी से आप कितने संतुष्ट है, क्या कोई रिग्रेट रह गया है?

बहुत संतुष्ट हूं, क्योंकि अभी मैं अच्छा काम कर रही हूं. गुजराती फिल्म इंडस्ट्री का ये गोल्डन पीरियड है. नए-नए राइटर और डायरेक्टर अलग-अलग नई कहानियां लेकर आ रहे है. वे हर चीज को एक्स्प्लोर कर रहे है. इसे मैं बहुत एन्जॉय कर रही हूं. मैं बहुत खुश हूं कि मुझे ऐसे प्रतिभावान लोगों के साथ काम करने का मौका मिल रहा है. पहले हिंदी फिल्मों में काम करने वाले रीजनल में काम नहीं करना चाहते थे. आज सभी कलाकार हर तरीके की कहानियों में काम करना पसंद करते है. मैंने अभी फिल्मों में काम करना शुरू किया है और कॉमेडी में बहुत काम भी किया है, अब कुछ अलग करना चाहती हूं. एक्शन और सीरियस फिल्मों में काम करने की इच्छा रखती हूं.

सवाल-थिएटर और फिल्मों या धारावाहिकों में कुछ अंतर पाती है?

एक कलाकार के लिए माध्यम कोई माइने नहीं रखती, क्योंकि सबमें अभिनय ही करना पड़ता है. थिएटर में ढाई घंटे उसी चरित्र में रहना, इतने सारे दर्शकों के बीच अभिनय करना, जिसमे पास और फेल का हिसाब उसी वक्त मिलना एक चुनौती होती है. फिल्म की शूटिंग करते वक़्त एक छोटी सी आवाज आने पर फिर से शूट किया जाता है. ऐसे में उसी दृश्य को उसी मूड में शूटिंग करना भी बहुत मुश्किल होता है.

सवाल-कोरोना में शूटिंग करना कितना मुश्किल हो रहा है?

कोरोना में काम करना बहुत मुश्किल हो रहा है. फिल्म और धारावाहिक की शूटिंग पहले से कम हो रही है, लेकिन सावधानियां अभी पहले से अधिक लिया जा रहा है. पूरे समय काढ़ा, सेनीटाइजर, मास्क, फेस शील्ड आदि की व्यवस्था रहती है. कई बार इतना सम्हालने के बाद भी कोरोना संक्रमण हो जाता है. इस मुश्किल समय में हर कोई एक दूसरे की सहायता कर रहे है, जो अच्छी बात है.

सवाल-इस पेंडेमिक से सीख क्या मिलती है?

लापरवाही कभी न करें. मुझे इस बात दुःख होता है कि आज भी कई लोग सही तरह से मास्क नहीं लगाते. भीड़ में घूमते है. मास्क सबके लिए है और सबको इसे हमेशा पहनना है. सबसे ऊपर हेल्थ है,इसे लोग जितनी जल्दी समझ जाएँ अच्छा होगा, क्योंकि अगर हेल्थ सही रहेगी, तो हम किसी बीमारी से लड़ सकते है. कोरोना की वजह से सारा काम आज बंद है, लेकिन हमें जिन्दा रहना है, तभी हम काम कर सकेंगे. कोविड की दूसरी लहर बहुत भयंकर है. हजारों की संख्या में पिछले कुछ दिनों से रोज लोगों की मृत्यु हो रही है. इस दौरान मैंने अपनी पहचान से कईयों को बेड, ऑक्सीजन और खाना पहुंचाया है. अभी सबकी हालत ख़राब है, सबको पैसे की जरुरत है.

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सवाल-आप अपनी सफलता का श्रेय किसे देना चाहती है?

मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे सहयोग हर तरीके से दिया है. इसके बाद मेरे पति को देना चाहती हूं, जो हमेशा मेरे साथ रहे. मैं 8 महीने प्रेग्नेंट थी और हम पांच धारावाहिक ख़त्म किया था. सेकंड डिलीवरी के समय मैंने अंतिम समय तक काम किया था. दोनों प्रेगनेंसी में मेरे पति ने मुझे मेरी ख़ुशी को अधिक देखा. उन्होंने मुझे काम करने से कभी मना नहीं किया. मेरे बच्चे आज तक कभी शूटिंग पर जाने से मना नहीं करते, उन्हें पता रहता है कि मैं शूटिंग के लिए जा रही हूं. इसके अलावा मेरे सारे निर्माता और निर्देशक भी बहुत अच्छे रहे है. जरुरत के समय मुझे मेरी सीन जल्दी शूट कर जाने देते थे. यही वजह है कि मैंने कभी बच्चों के स्कूल के किसी भी फंक्शन और मीटिंग को मिस नहीं किया.

सवाल-क्या आपके बच्चे फिल्म इंडस्ट्री में आना चाहते है?

मैंने उन्हें पूरी आज़ादी दी है, मेरा बेटा क्रिकेट का शौक़ीन है और उस दिशा में मेहनत कर रहा है, मेरी बेटी फिल्म मेकिंग से जुडी हुई है. वह पिता की तरह राइटर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर बनना चाहती है. बच्चे अपनी इच्छा से काम कर रहे है, लेकिन काम में कमिटमेंट पूरी रखे इसकी सलाह मैं देती हूं.

सवाल-आपके पिता से आपने क्या सीख ली है?

मेरे पिता 80 साल की उम्र में अभी भी काम करते है, शो ‘अनुपमा’ में वे दादाजी की  भूमिका निभा रहे है. वे अभी भी फिट है और 80 के लगते भी नहीं है. उनसे मैंने सीखा है कि मेहनत से ही सफलता मिलती है और उसमें कमी कभी मत करना.

सवाल-कौन सी धारावाहिक आपके दिल के करीब है और क्यों?

मैंने जो भी काम किया बेस्ट किया और मैंने कभी बिना सोचे किसी काम को लिया नहीं. फिर चाहे अहमदाबाद में थिएटर में काम करना हो या धारावाहिक हम पांच हो, सभी एक दूसरे से अलग और खास है. सभी शोज मेरे दिल के करीब है. सभी से कुछ न कुछ मुझे मिला है.

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मां बनने वाली हैं Sushmita Sen की भाभी Charu Asopa, देखें वीडियो

बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) की भाभी चारु असोपा (Charu Asopa Sen) आए दिन अपनी फोटोज को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. जहां पिछले साल उनकी शादी टूटने की खबरें छाई हुई थीं तो वहीं अब वह अपनी मां बनने की खबरों को लेकर चर्चा में हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

मां बनने वाली हैं चारु

 

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दरअसल, चारु असोपा ने सोशलमीडिया पर एक बेहद खूबसूरत फोटो शेयर करते हुए फैंस को अपने मां बनने की खुशखबरी दी है. बेबी बंप फ्लॉन्ट करते हुए पोस्ट में चारु असोपा ने लिखा, ‘आशीर्वाद, आभार, खुशियां’. फोटो शेयर करते ही सेलेब्स से  लेकर फैंस चारु असोपा को बधाईयां देते नजर आ रहे हैं.

 

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टूटने वाली थी शादी

 

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खबरों की मानें तो बीते साल लौकडाउन में शादी के कुछ महीनों बाद ही चारु  असोपा और राजीव सेन के रिश्ते में दरार आ गई थीं, जिसके कारण दोनों एक दूसरे से अलग रहने लगे थे. दरअसल, चारु  असोपा जहां अपने मुंबई वाले घर में ही रही थीं तो वहीं राजीव सेन दिल्ली में थे. वहीं इस दौरान दोनों के कई नए बयान भी सामने आए थे. हालांकि दोनों ने अपने रिश्ते को दूसरा मौका दिया. वहीं अब उनकी प्रैग्नेंसी की खबर से ये जोड़ी बेहद खुश है.

 

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बता दें कि साल 2019 में चारु असोपा ने सुष्मिता सेन के भाई राजीव सेन से शादी की थी, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर काफी वायरल हुई थीं. वहीं इस शादी में सुष्मिता सेन अपने बच्चों और बौयफ्रेंड रोहमन शौल संग मस्ती करते हुए भी दिखीं थीं. वहीं बीते दिनों दुबई में अपनी फैमिली संग वेकेशन मनाते हुए भी नजर आईं थीं.

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उत्तर प्रदेश में गांव और वार्ड स्तर पर कोरोना को निगरानी से बदले हालत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर प्रभावी बनाए रखने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अत्यन्त सफल सिद्ध हो रही है. प्रदेश में कोविड संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आ रही है. रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है. इसके दृष्टिगत कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के प्रयासों को पूरी प्रतिबद्धता से जारी रखा जाये.

मुख्यमंत्री वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे. बैठक में मुख्यमंत्री जी को बातया गया कि विगत 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 7,735 केस आए हैं. इसी अवधि में 17,668 संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार करके  डिस्चार्ज किया गया है. प्रदेश में 30 अप्रैल, 2021 को संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक 3,10,783 मामले थे.

वर्तमान में संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 1,06,276 हो गयी है. इस प्रकार विगत 30 अप्रैल के सापेक्ष एक्टिव मामलों की संख्या में 2,04,507 की कमी आयी है.

मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है. वर्तमान में यह दर 92.5 प्रतिशत है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर लगातार कम हो रही है. प्रदेश में पिछले 24 घण्टों में 2,89,810 कोविड टेस्ट किए गए हैं. इनमें 1,32,226 कोरोना टेस्ट आर0टी0पी0सी0आर0 विधि से किये गये हैं.

ब्लैक फंगस से निपटने की तैयारी

प्रदेश में अब तक 4 करोड़, 61 लाख, 12 हजार 448 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा ब्लैक फंगस के उपचार के सम्बन्ध में दिये गए सुझावों एवं निर्देशों का यथाशीघ्र क्रियान्वयन किया जाए. महामारी अधिनियम-1897 के अन्तर्गत ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित किया जाए. प्रदेश में इस रोग से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार के सभी प्रबन्ध सुनिश्चित किये जाएं.

ब्लैक फंगस के संक्रमण से प्रभावित सभी मरीजों को दवा तत्काल उपलब्ध कराई जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों में ब्लैक फंगस की दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे. निजी अस्पतालों में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों को भी दवा उपलब्ध कराई जाए. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस संक्रमण की दवा की कालाबाजारी न होने पाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए संचालित वृहद जांच अभियान के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं.

गांव स्तर पर हो अच्छी देखभाल

प्रदेश में संक्रमण दर निरन्तर कम हो रही है. इसे और गति प्रदान करने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर जागरूकता सृजित की जाए. इसके अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ तथा शहरी क्षेत्रों में ‘मेरा वाॅर्ड, कोरोना मुक्त वाॅर्ड’ अभियान संचालित किया जाए. अभियान का संचालन व्यापक जनसहभागिता से किया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि कोविड बेड की संख्या में निरन्तर वृद्धि की जाए. आवश्यक मानव संसाधन की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी की जाए, इसके लिए भर्ती की कार्यवाही तेजी से सम्पन्न की जाए. मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि कोविड-19 के उपचार की व्यवस्था को प्रभावी बनाए रखने के लिए उनके निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की जा रही है. कोविड बेड की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है. विगत दिवस प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में 197 बेड की वृद्धि हुई है. इसमें आइसोलेशन बेड के अलावा आई0सी0यू0 बेड भी शामिल हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर को सुदृढ़ बनाकर प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखा जाए. इन केन्द्रों के मेडिकल उपकरणों के रख-रखाव, आवश्यक मानव संसाधन, पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू बनाया जाए. स्वास्थ्य केन्द्रों की साफ-सफाई तथा रंगाई-पुताई कराई जाए. जनपदवार सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर में उपलब्ध मेडिकल उपकरणों तथा तैनात चिकित्सकों तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सूची संकलित कर उपलब्ध कराई जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों में उपलब्ध समस्त वेंटिलेटर कार्यशील अवस्था में रहे. खराब वेंटिलेटर की तुरन्त मरम्मत कराई जाए. प्रत्येक जनपद के अस्पतालों तथा मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध कुल वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स तथा डायलिसिस यूनिट की संख्या तथा उनकी क्रियाशीलता के सम्बन्ध में विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने कहा कि आयुष विभाग द्वारा संचालित हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर को सक्रिय किया जाए. आयुष विभाग द्वारा प्राणायाम के अभ्यास के सम्बन्ध में व्यापक जानकारी दी जाए, इसका प्रचार प्रसार भी कराया जाए.

अस्पताल रहे तैयार

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों एवं राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) स्थापित किये जाने हैं. इस सम्बन्ध में की गई कार्रवाई की जानकारी प्राप्त करते हुए उन्होंने कहा कि पीकू की स्थापना की कार्यवाही को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाया जाए. प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाए. उन्होंने कहा कि पीकू के संचालन के लिए पीडियाट्रिशियन्स, टेक्नीशियन्स तथा पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण का कार्य भी साथ-साथ कराया जाए.

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में राज्य में 753 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है. विगत कुछ दिनों में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या में कमी आने से ऑक्सीजन की मांग में भी तेजी से कमी आई है. अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों तथा रीफिलर्स के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन बैकअप उपलब्ध है. होम आइसोलेशन के मरीजों में भी ऑक्सीजन की डिमाण्ड में कमी आयी है. मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि राज्य में ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की कार्यवाही को त्वरित गति से आगे बढ़ाया जाए.

कोविड वैक्सीन का रखे ध्यान

मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि कोविड वैक्सीनेशन की कार्यवाही निर्बाध और सुचारु ढंग से संचालित की जाए. जीरो वेस्टेज को ध्यान में रखकर टीकाकरण कार्य किया जाए. वैक्सीनेशन कार्य को व्यापक स्तर पर संचालित किए जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि आगामी 06 माह में लक्षित आयु वर्ग के सभी प्रदेशवासियों के वैक्सीनेशन के लक्ष्य के साथ योजनाबद्ध ढंग से तैयारी की जाए. ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीनेशन कार्य को त्वरित और प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए कॉमन सर्विस सेण्टर (सी0एस0सी0) को सक्रिय कर वैक्सीनेशन हेतु रजिस्ट्रेशन में उपयोग किया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की कार्यवाही सुचारु ढंग से जारी रखी जाए. ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर तथा घनी आबादी के क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फाॅगिंग का विशेष अभियान संचालित किया जाए. इसी प्रकार सभी नगर निकायों में भी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर पर स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग का कार्य कराया जाए. जलजमाव को रोकने के लिए नाले व नालियों की सफाई करा ली जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू का प्रभावी ढंग से पालन कराया जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि घर से बाहर निकलने वाले लोग मास्क का इस्तेमाल और दो-गज की दूरी का पालन करें. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी गेहूं क्रय केन्द्र कार्यशील रहे.

एमएसपी के तहत हो खरीददारी

एम0एस0पी0 के तहत गेहूं खरीद तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न का वितरण कोविड प्रोटोकाॅल के पूर्ण पालन के साथ सुचारु ढंग से किया जाए. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद बनाकर उन्हें खाद्यान्न वितरण के समय राशन की दुकानों का भ्रमण करने के लिए आमंत्रित किया जाए. डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था सुदृढ़ रखी जाए, जिससे आम जनता को असुविधा न हो.

अब कैंसर, अल्जाइमर और पार्किन्सन जैसी बीमारियों का जल्दी इलाज संभव

कैंसर और न्युरोलोजिकल डिसऑर्डर मसलनअल्जाइमर,पार्किन्सनजैसी बिमारियों के इलाज में सकारात्मक परिणाम के उद्देश्य से भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी-एम) और मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलोजी (एमआईटी) अमेरिका के वैज्ञानिकों ने 3D प्रिंटेड बायोरिएक्टर की सहायता से मानव मस्तिष्क के टिश्यु को विकसित किया है, जिसे ‘ऑर्ग़ेनॉइड’ कहा जाता है. ये रिसर्च हेल्थकेयर और फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री के लिए वरदान होगी,जहाँ सेल कल्चर के द्वारा किसी बीमारी को पहचान कर सही दवा देने में आसानी होगी.

इस डिवाइस का उद्देश्य मस्तिष्क के टिश्यु के विकास को ओब्जर्ब करना और एक ऐसी तकनीक का विकास करना, जो कैंसर अल्जाइमर और पार्किन्सन की जैसी न्युरोलोजिकल बीमारी की चिकित्सा और चिकित्सीय खोजो को जल्दी करने में समर्थ हो सकें. इस बारें में डिपार्टमेंट ऑफ़ इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग (आईआईटी-मद्रास ) के प्रोफेसर अनिल प्रभाकर कहते है कि यह एक 3डी प्रिंटेड माइक्रो-इनक्यूबेटर और इमेजिंग चैंबर को एक हथेली के आकार के प्लेटफॉर्म में बनाया गया है,जिसे लंबे समय तक मानव मस्तिष्क कोशिकाओं की कल्चर और रीयल-टाइम इमेजिंग के लिए सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया गया. इस 3D प्रिंट के द्वारा काफी दूर तक इंजिनियरिंग किया जा सकता है, क्योंकि एक डिवाइस में अलग-अलग चैनल बनाकर किसी में कम तो किसी में अधिकन्यूट्रीएंट्स, तापमान के आधार पर डालते है. इन न्यूट्रीएंट्स का सही बैलेंस ‘ऑर्ग़ेनॉइड’ ग्रोथ के लिए बहुत जरुरी होता है. इसमें फायदा यह होता है कि 30 ऐसे ऑर्ग़ेनॉइड’ ग्रो करने पर अधिक काम करने वाली न्यूट्रीएंट्स की कंडीशन के बारें में पता चलता है औरउसके अनुसार किसी में अधिक ड्रग और किसी में कम ड्रग डालने पर कोशिकाओं की स्ट्रेंथ के बारें में पता चल जाता है. इससे बीमारी जल्दी पकड़ में आने के अलावा इलाज करने में आसानी होती है. ऐसी कोशिकाओं को ग्रो करने में 3 सप्ताह लग जाते है. करीब एक सेंटीमीटर होने तक कंट्रोल करना पड़ता है, जिसे डिवाइस में डाला गया है.

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इसके आगे प्रोफेसर अनिल कहते है कि कैंसर में अलग कोशिकाए होती है. अगर ब्रैस्ट कैंसर के बारें में पता करना है तो मेमेलिया सेल को डिवाइस में डालना पड़ेगा और उसी तरीके से किसी कोशिका में कमड्रग, किसी में अधिक तो किसी में ड्रग नहीं डालने पर सेल्स की कंडीशन का पता चलता है. इस काम में मेरे साथ कैंसर सेल की स्टडी करने वाले बायोटेक्नोलोजिस्ट डॉ. शांतनु और कई रिसर्चर है. ये डिवाइस माइक्रो लेवल पर काम करेगी और इससे जांच करना, आज की तुलना में खर्चा भी कम होगा. इसमें मेडिकल कॉलेज की भी सहायता लेकर काम किया जायेगा.

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वातावरण का प्रभाव सेल्स पर अधिक होने की वजह से उसका भी ध्यान रखा गया है. अभी मैंने 6 वेल्स बनाये है, आगे 32 वेल्स बनांएगे, 32 के अच्छा काम करने पर 64 वेल्स बनायेंगे, क्योंकि जितने अधिक कोशिकाओं में न्यूट्रीएंट्स डाले जायेगे, उतने अधिक बीमारी को पकड़ने और इलाज में सहायता मिलेगी. इस तकनीक का पेटेंट भारत में कराया गया है.

इसप्रकार यह जीवविज्ञानी या प्रयोगशाला टेक्निशियनों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-असिस्टेड ऑटोमेटेड सेल कल्चर प्रोटोकॉल द्वारा संचालित यूजर-फ्रेंडली सिस्टम के साथ ऑर्गेनॉइड के विकास को संचालित, नियंत्रित और मॉनिटर करने में सक्षम करेगा.

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Mother’s Day Special: नाश्ते में बनाएं जैकफ्रूट दलिया

जैकफ्रूट, जिसे आम भाषा में कटहल कहा जाता है की गणना फल और सब्जी दोनों में की जाती है. इस समय यह बाजार में भरपूर मात्रा में उपलब्ध है. इसका ऊपरी आवरण काफी सख्त और कांटे जैसा नुकीला होता है. इसमें से चिपचिपा दूध जैसा पदार्थ निकलता है इसलिए इसे काटते समय हाथों और चाकू पर सरसों का तेल अथवा नीबू का रस लगा लेना चाहिए. कटहल में विटामिन्स, मिनरल्स, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फोलिक एसिड और थायमीन जैसे अनेंको पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं जो शरीर में खून की कमी को दूर करके पाचन तंत्र और दिल को दुरुस्त रखने के साथ साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मददगार है. इससे सब्जी, आइसक्रीम, कोफ्ते और अचार आदि बनाये जाते हैं. आज हम आपको कटहल से एक ऐसी रेसिपी बनाना बता रहे हैं जो बनाने में काफी आसान होने के साथ साथ पौष्टिक तत्वों का खजाना है क्योंकि हम इसे दलिया और जैक फ्रूट से बना रहे हैं. तो आइए देखते हैं कि इसे कैसे बनाया जाता है-

कितने लोंगों के लिए          4

बनने में लगने वाला समय    30 मिनट

मील टाइप                       वेज

सामग्री

कटहल                        250 ग्राम

गेहूं का दलिया             डेढ़ कप

प्याज                         1 बड़ा

अदरक, लहसुन पेस्ट    1 टीस्पून

हरी मिर्च                      3

लौंग                             3

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साबुत काली मिर्च           4

दालचीनी                     1/2 इंच टुकड़ा

जीरा पाउडर                1/4 टीस्पून

गरम मसाला                 1/2 चम्मच

लाल मिर्च                     1/4 टीस्पून

नीबू का रस                   1 टीस्पून

ताजा दही                        1/2 कप

नमक                              स्वादानुसार

हरा धनिया                       1 टेबलस्पून

घी                                   2 टेबलस्पून

विधि

कटहल को छीलकर मध्यम आकार के टुकड़ों में काट लें. 1टेबलस्पून घी में मंदी आंच पर सुनहरा होने तक सेंक लें. दलिये को आधा कप पानी में भिगोकर आधे घण्टे के लिए रख दें. आधे घण्टे बाद दलिया को बिना घी के सुनहरा होने तक भून लें. अब एक नॉनस्टिक पैन में शेष 1 टेबलस्पून घी को गर्म करके लौंग, दालचीनी, काली मिर्च, जीरा तड़काकर प्याज और हरी मिर्च भूनकर अदरक, लहसुन का पेस्ट  डालकर भूनें, फिर  सूखे मसाले व दही डालकर चलाते हुए मंदी आंच पर घी के ऊपर आने तक भूनें. अब इसमें भीगा दलिया, कटहल, नमक और तीन कप पानी डालकर मंदी आंच पर ढककर पकाएं. 5 मिनट बाद खोलकर चलाएं और पुनः 3 मिनट पकाकर गैस बंद कर दें. नीबू का रस और हरा धनिया मिलाकर सर्व करें.

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4 टिप्स: बालों में कलर कराते समय ऐसे बरतें सावधानी

बालों में कलर करना आजकल आम बात हो गई है कुछ लोग फैशन के लिए तो कुछ लोग सफेद हो चुके बालों को छुपाने के लिए तरह-तरह के रंगों का प्रयोग करते हैं. एक आंकड़े के मुताबिक करीब लगभग 75 फीसदी महिलाएं बालों को कलर करती हैं. कलर कराने से कुछ हानियां भी हैं. कलर करने में जरा सी लापरवाही आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है. इस समय बाजार में कई तरह के कलर मौजूद हैं. नेचुरल कलर, टेम्‍परेरी कलर और परमानेंट हेयर कलर. हम आपको बता रहे हैं कि बालों में कलर करने से आपको क्‍या नुकसान हो सकता है और इससे आप कैसे बच सकते हैं.

1. हेयर डाई करते समय एलर्जी का रखें ध्यान

कुछ लोग बालों में डाई लगाते हैं. इससे कुछ लोगों को एलर्जिक रिएक्शन होता है. ये रिएक्शन मामूली असर वाला या फिर गंभीर भी हो सकता है. बालों में कलर करने के बाद यदि आपको सिर की स्किन में मामूली जलन या सनसनाहट महसूस हो तो यह एलर्जी की शुरूआत हो सकती है. अगर कलर करने के बाद आपके माथे, कान, गर्दन के पीछे सूजन और आंखों में जलन की शिकायत होती है तो यह एलर्जी का गंभीर मामला हो सकता है.

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2. हेयर कलरिंग से बचें कैसे

कुछ सावधानी बरत कर बालों में हेयर डाई से हो सकने वाले नुकसान से बच सकते हैं. ऐसा करने से आपके सिर के बाल ज्‍यादा समय तक ठीक रहेंगे. जब भी आप किसी नए ब्रांड को इस्‍तेमाल करें तो पहले उसके बारे में अच्‍छे से जानकारी कर लें. ऐसा देखा गया है कि कई बार कुछ लोग कलर बदलने से एलर्जी का शिकार हुए हैं. कोशिश करें कि आप लगातार एक ही अच्‍छा ब्रांड उपयोग करें.

3. हेयर कलरिंग का टेस्ट करके देखें

एलर्जी से बचने के लिए पैच टेस्ट करके देख लें. पैच टेस्ट, किसी प्रोडक्ट के प्रति आपकी स्किन की संवेदनशीलता के बारे में बतात है. इसके साथ ही आपको एलर्जिक रिएक्शन से भी बचाता है. इसलिए हेयर डाई का मिश्रण बनाते समय लेबल पर दिए गए निर्देशों को पढ़ लें. कान के पीछे का हिस्सा सबसे ज्‍यादा संवेदनशील होता है. यह किसी भी प्रकार के एलर्जिक रिएक्‍शन के लक्षणों को तुरंत दिखाता है. आप रुई के टुकड़े को हेयर डाई के मिश्रण में डुबाकर कान के पीछे लगा लें. इसे 24 घंटे तक लगाकर रखने से आप एलर्जी के प्रकोप से बचे रहेंगे. यदि आप हेयर डाई को निर्धारित समय से ज्‍यादा लगाकर रखते हैं तो यह आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकती है.

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4. हेयर कलरिंग

अगर आपको एलर्जिक रिएक्शन होने का खतरा लगता है तो किसी भी परेशानी से बचने के लिए पानी की धार से अपने बालों को धो लें. इससे हेयर कलर आपके बालों से साफ हो जाएगा. अगर फिर भी आपके बालों में कोई केमिकल रह गया है तो आप क्‍लेरिफाइंग शैम्‍पू से इसे हटा सकती हैं.

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