Monsoon Special: दूध से मिठाई बनाने के टिप्स

मिठाई भारतीयों का एक प्रिय डेजर्ट है. भोजनोपरांत कुछ मीठा होना ही चाहिए. पेड़ा, बर्फी, लड्डू, रबड़ी, आदि अनेकों मिठाईयां हैं जिन्हें बेसन, खोया और आटा आदि से बनाया जाता है. दूध से रबड़ी, कुल्फी, श्रीखंड आदि बनाये जाते हैं. दूध से मिठाईयां बनाते समय आंच का ध्यान रखने की अतिरिक्त सावधानी रखने की आवश्यकता होती है क्योंकि गैस की धीमी, तेज और मद्धिम आंच से ही दूध की मिठाइयों की रंगत निर्धारित होती है. यहां पर प्रस्तुत हैं दूध से मिठाई बनाने के 10 टिप्स-

-गुलाबी रबड़ी बनाने के लिए दूध में शकर मिलाकर एकदम धीमी आंच पर उबलने के लिए रखें. बीच बीच में चलाती रहें. यदि आप मैंगों, ऑरेंज और सीताफल जैसे फलों से फ्लेवर्ड रबड़ी बनाना चाहतीं हैं तो तैयार रबड़ी के एकदम ठंडा हो जाने पर फलों का गूदा मिलाएं.

-बर्फी, गुलाबजामुन, पेड़ा आदि को दूध से खोया बनाकर बनाया जाता है. खोया को तेज आंच पर लगातार चलाते हुए बनाएं, इससे खोए का रंग एकदम सफेद रहेगा.

-कुल्फी बनाने के लिए दूध को मद्धिम आंच पर बीच बीच में चलाते हुए बनाने से कुल्फी के दूध में मलाई नहीं पड़ती और रंग गुलाबी रहता है.

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-पनीर बनाने के लिए दूध को तेज आंच पर उबालकर नीबू का रस मिलाकर चम्मच से चलाएं इससे दूध पूरी तरह फट जाएगा और पनीर भी अच्छी मात्रा में निकलेगा.

-बादामी रंगत वाले प्रसादी पेड़े बनाने के लिए दूध को शकर मिलाकर धीमी आंच पर गाढ़ा होने तक उबालने से पेड़े का स्वाद और रंग दोनों ही बेहतर होते हैं.

-नारियल की बर्फी बनाने के लिए खोए को तेज आंच पर लगातार चलाते हुए भूनें, इससे नारियल की बर्फी का रंग एकदम सफेद रहेगा.

-सर्दियों में केसर पिस्ते वाले दूध को बनाने के लिए दूध को शकर डालकर एकदम धीमी आंच पर उबालें और कटे केसर पिस्ता डालकर सर्व करें.

-मिलककेक बनाने के लिए दूध को तेज आंच पर एक उबाल लें, फिर फिटकरी या नीबू का रस डालकर आंच को धीमा कर दें इससे दूध धीरे धीरे फटेगा और गाढ़ा होकर मिल्ककेक तैयार हो जाएगा.

-दूध से दही बनाने के लिए दूध को गुनगुना गर्म करें फिर जामुन डालें, गर्मियों में दही जमाते समय मौसम का भी ध्यान रखें क्योंकि गर्मियों में गुनगुने और सर्दियों में हल्के गर्म दूध से दही बनाना उपयुक्त रहता है.

-खीर को सदैव धीमी आंच पर ही बनाएं इससे खीर की रंगत और स्वाद दोनों ही बेहतर होते हैं.

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हरी-भरी वादियों से घिरा हिल स्टेशन लोनावला

महाराष्ट्र में बसा एक छोटा सा हिल स्टेशन लोनावला अपनी नेचुरल ब्यूटी के लिए जाना जाता है. सुंदर झील और झरनों का ये शहर टूरिस्टों के दिल को जीतने के लिए पूरे साल स्वागत को तैयार रहता है. पुणे से 64 किमी तथा मुंबई से 96 किमी दूर ये शहर एक अच्छे वीकेंड के लिए बेस्ट ओपशन है.

समुद्रतल से 624 मीटर की ऊंचाई पर बसे हरी-भरी पहाडियों से घिरे लोनावला की सुंदरता देखते ही बनती है. यहां घूमने लायक बहुत सारी जगहें हैं. ट्रेकिंग का मन हो तो पहाड़ पर चढ़ने की सुविधा भी मौजूद है. ट्रेकिंग करते समय पहाड़ों के नजारों का लुत्फ अलग ही एक्सपीरियंस देता है. इस छोटे से शहर में घूमने के लिए कई जगहें हैं. राजमची पाइंट, लोनावला झील, कारला केव्स, लोहागढ़ फोर्ट, बुशी डैम, रईवुड पार्क तथा शिवाजी उद्यान प्रमुख हैं. परिवार के साथ घूमने जाना हो या दोस्तों के साथ मस्ती करनी हो, यह जगह सभी के लिए है.

राजमची पाइंट

लोनावला से लगभग 6 किमी की दूरी पर खूबसूरत वादियों से सजी एक दूसरी जगह है राजमची. इसका यह नाम यहां के गांव राजमची के कारण पड़ा है. यहां का खास अट्रैक्शन शिवाजी का किला और राजमची वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी है. इस जगह की सुंदरता टूरिस्ट्स को बहुत लुभाती है.

रईवुड पार्क

यह स्थल पूरी तरह से हरियाली से भरा रहता है. खूब सारे पेड़ और धरती पर बिछी हरी घास का इलाका सबका मन मोह लेता है. बड़ों के साथ बच्चे भी यहां खूब मस्ती करते हैं. पार्क में एक प्राचीन शिव मंदिर भी है.

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लोहागढ़ किला

लोनावला से 20 किलोमीटर की दूरी पर समुद्रतल से 1,050 मीटर की ऊंचाई पर बसा लोहागढ़ किला बेहद ही दर्शनीय स्थल है. इस किले की बनावट और इसकी ऐतिहासिकता अपनी ओर खींचती है. यह किला शिवाजी का युद्धस्थल भी था. विशाल चट्टान पर स्थित इस किले में कैदियों के लिए लोहे के दरवाजे लगाए गए थे.

बुशी डैम

लोनावला से 6 किलोमीटर की दूरी पर बसा बुशी डैम एक फेमस पिकनिक स्पॉट है. बरसात के दिनों में जब यह पानी से लबालब भर जाता है तो इसकी सुंदरता देखने लायक होती है.

कब जाएं

लोनावला का मौसम ज्यादातर सुहावना ही रहता है. यहां किसी भी मौसम में जा सकते हैं. लेकिन मार्च से लेकर अक्टूबर के बीच यहां जाएंगे तो मजा कई गुना बढ़ जाएगा. बरसात का मौसम यहां की झीलों और झरनों को निहारने का सबसे अच्छा समय है.

क्या खाएं

लोनावला चिक्की के लिए मशहूर है. तिल, काजू, बादाम, मूंगफली, पिस्ता, अखरोट जैसे मेवों को शक्कर या गुड़ में मिलाकर बनाई जाने वाली चिक्की का स्वाद जबरदस्त होता है. यहां के फज भी बहुत फेमस हैं. लोनवला की यादगार के तौर पर आप यहां से चिक्की, चॉकलेट, मैंगो फज साथ ले जा सकते हैं.

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कैसे जाएं

मुंबई से लोनावला 96 किमी है. लोनावला के लिए नजदीक का रेलवे स्टेशन लोनावला तथा नजदीक का हवाई अड्डा पुणे है. मुंबई और पुणे से सड़क मार्ग से भी लोनावला जा सकते हैं.

Monsoon Special: ट्राय करें ये ट्रैंडी मौनसून फैशन

बारिश के मौसम यानी मौनसून में दिल का मयूर रहरह कर नाच उठता है. इस मौसम में कुछ अलग अंदाज के फैशनेबल कपड़े पहनने का मजा ही कुछ और होता है.

आशिमा एस कुटोर की संस्थापक और फैशन डिजाइनर आशिमा शर्मा बता रही हैं कि मौनसून के अनुरूप आप के वार्डरोब में किस तरह की ड्रैसेज होनी चाहिए. ये ड्रैसेज स्टाइलिश लुक देने के साथसाथ कंफर्टेबल भी रहेंगी:

बैल स्लीव ड्रैस: बैल स्लीव ड्रैस फेमिनिन और सैक्सी लुक प्रदान करती है. आप शौर्ट्स या रफ्ड जींस के साथ इसे आराम से पहन सकती हैं. इस मौनसून आप ढीले व सिल्हूट कपड़े पहनें, क्योंकि ये बारिश के मौसम के लिए सब से ज्यादा आरामदायक होते हैं.

बौडीकोन ड्रैस: बौडीकोन ड्रैस पहन कर आप सैक्सी और गुडि़या सी नजर आएंगी. महिलाएं आमतौर पर इसे पार्टी और रात की डेट पर पहनना पसंद करती हैं. आप बौडीकोन पहन कर उस पर कमर के चारों तरफ शर्ट को बांध लें. यह पहनावा आप को 90 के दशक का लुक देगा. आप इस के साथ स्नीकर्स पहन कर लुक पूरा कर सकती हैं. ग्राफिक बौडीकोन के ऊपर टीशर्ट भी आजमा सकती हैं. बस टीशर्ट के एक तरफ से गांठ बांध लें ताकि यह ढीला व अजीब लुक न दे. आप इसे सफेद स्नीकर्स के साथ भी लंबे समय तक पहन सकती हैं.

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वनपीस शर्ट ड्रैस: ओवर साइज ड्रैस मौनसून के लिए बिलकुल सही विकल्प है. यह काफी ढीलीढाली व लचीली होती है और आप को आकर्षक व फंकी लुक देती है. कौटन शर्ट के साथ सफेद स्नीकर्स पहनें.

कुलोट्स: यह आजकल काफी ट्रैंड में है. यह कंफर्टेबल होने के साथसाथ प्रोफैशल लुक भी देता है. आप इसे पहन आराम से मीटिंग में जा सकती हैं. कुलोट्स में बहुत वैराइटीज उपलब्ध हैं. आप इसे लिनेन क्रौप टौप के साथसाथ डैनिम जैकेट के साथ भी पहन सकती हैं. यह आप को गरमी से भी बचाएगा.

टैसल व फ्रिंज वाले कपड़े: 60 के दशक में फ्रिंज काफी चलन में था. लेकिन यह ट्रैंड कुछ बदलाव के साथ अब वापस आ गया है. आजकल बाजुओं में और कपड़े के नीचे फ्रिंज ड्रैस पहन कर आप पार्टी में भी जा सकती हैं. इसे लंबे बूटों व मैचिंग ज्वैलरी के साथ पहनें.

मौनसून के मौसम में आप अपनी पर्सनैलिटी में किस तरह फैशनेबल ट्विस्ट ला सकते हैं, यह बता रहे हैं रंगरीति के एमडी, सिद्धार्थ बिंद्रा:

गोल्ड फौयल प्रिंट: मौनसून में हलके मैटीरियल और पेस्टल शेड्स खूब जंचते हैं. अगर आप अपनी पेस्टल कुरती को गोल्ड फौयल प्रिंट के साथ हलका सा शिमर टच दे दें तो इस मौसम में आप की खूबसूरती में चार चांद लग जाएंगे. यह इस मौसम में खूबसूरत दिखने का सब से अच्छा तरीका है. हलके चंदेरी कौटन जैसे मैटीरियल पर गोल्ड फौयल प्रिंट्स इस मौसम में बहुत अच्छे लगते हैं. आप टर्क्वाइश डस्ट पिंक, टील ब्लू और ब्राइट पिंक जैसे रंगों का चुनाव भी कर सकती हैं.

चमकदार रंग: जब आप का वार्डरोब बेसिक ब्लैक जैसे रंगों से भरा होगा तो आप को तैयार होने में मजा नहीं आएगा. चमकदार रंगों से अपने वार्डरोब को फैशनेबल बनाएं. मौनसून में मैटेलिक और लैदर से बचना चाहिए.

लेयरिंग: मौनसून में लेयर्स के लिए श्रग्स जैसे कई विकल्प हैं, जो आप की खूबसूरती बढ़ा सकते हैं. मौनसून में लेयरिंग का एक अच्छा तरीका है ऐथनिक क्विल्टेड जैकेट. बाजार में इन के बहुत से विकल्प उपलब्ध हैं. यह क्विल्टेड ऐथनिक जैकेट जहां आप को चिक लुक देती है, वहीं हवा से भी सुरक्षित रखती है.

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कोलाज/मिक्स ऐंड मैच प्रिंट: थोड़ा सा मिक्स ऐंड मैच आप की खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देता है. मौनसून में अलगअलग रंगों एवं प्रिंट्स को मिक्स ऐंड मैच करें. मौनसून स्लिम पैंट को ब्लैक इंडी टौप के साथ मैच करें और साथ में ऐथनिक प्रिंट क्विल्टेड जैकेट पहन दिखाएं अपना स्टाइल.

फुटवियर भी हो खास

लिबर्टी के अनुपम बंसल के मुताबिक, मौनसून के लिए आप के फुटवियर का कलैक्शन आकर्षक होने के साथसाथ ऐसा होना चाहिए जो बारिश के लिए भी अनुकूल हो-

बूट: बूट मौनसून सीन में फैशनेबल और कंफर्टेबल रहते हैं. बूटों की कई तरह की वैराइटी बाजार में उपलब्ध है जैसे प्रिंटेड, लेस्ड या बकल्ड. रबड़ सोल के बूट मौनसून में अच्छे रहते हैं.

फ्लिपफ्लौप: इस मौसम में सड़कें कीचड़ और धूलमिट्टी से भरी रहती हैं. ऐसे में फ्लिपफ्लौप बेहद आरामदायक होते हैं. आजकल सभी रंगों में फैंसी फ्लिपफ्लौप उपलब्ध हैं. ये डैनिम के साथ भी बहुत जंचते हैं और टिकाऊ भी होते हैं.

फ्लोटर सैंडल: फ्लोटर सैंडल मौनसून में बेहद आरामदायक होते हैं खासतौर पर तब जब आप को परिवहन के सार्वजनिक साधनों का इस्तेमाल करना हो. इन्हें आप जींस या सेमीफौर्मल परिधान के साथ पहन कर स्मार्ट दिख सकती हैं.

क्लोग: इस मौनसून अपने पैरों को दीजिए क्लोग का आराम. यह मौनसून के लिए सब से कूल फुटवियर है. इस की सब से अच्छी बात यह है कि बारिश के मौसम में इस में किसी तरह की दुर्गंध नहीं आती. इस मौसम का लुत्फ उठाने के लिए क्लोग्स सब से आरामदायक फुटवियर है.

लोफर्स: इस मौसम में शर्ट और शौर्ट्स सब से कैजुअल परिधान हैं. इन के साथ लोफर्स मैच कर बारिश के मौसम में भी कूल और स्मार्ट दिखें.

हील: मौनसून में भी आप हील पहन कर स्मार्ट और खूबसूरत दिख सकती हैं. अगर आप को पार्टी में जाना है तो टिकाऊ पीवीसी सोल या जैली स्ट्रैप्स के साथ हील पहनें.

वैज: हील हमेशा आरामदायक नहीं होती. ऐसे में अगर आप आरामदायक हील पहनना चाहती हैं तो वैज हील चुनें. यह जींस टाइट्स, जैगिंग्स आदि सभी परिधानों के साथ जंचती है.

गम बूट: इस मौसम में चारों ओर पानी भरा रहता है. ऐसे में गम बूट आप के पैरों को सुरक्षित रखते हैं. इन का रबड़ पानी को भीतर नहीं आने देता और इन्हें आसानी से पोंछ कर साफ किया जा सकता है.

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इन 5 दालों में छिपा है आप की सेहत का राज

दाल जैसे, राजमा, उरद, मूंग आदि में खूब सारा प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और आयरन आदि जैसे ढेर सारे पोषक तत्‍व मिले होते हैं. अगर आप वेजिटेरियन हैं तो दालों को अपने खाने में हर रोज शामिल कीजिये. आइये देखते हैं कि कौन सी दाल में कौन से गुण छुपे हुए हैं.

1. प्रोटीन का भंडार राजमा

राजमा (किडनी बीन्स) में बहुत सारा प्रोटीन होता है. यही नहीं इसमें आयरन, फौसफोरस, मैगनीशियम और विटामिन बी9 पाया जाता है. साथ ही यह सोडियम और पोटैशियम में सबसे लो आहार हैं. राजमा में सोया प्रोडक्‍ट के मुकाबले अधिक प्रोटीन होता है.

2. मसूर दाल

मसूर दाल की प्रकृति गर्म, शुष्क, रक्तवर्द्धक एवं रक्त में गाढ़ापन लाने वाली होती है. इस दाल को खाने से बहुत शक्‍ति मिलती है. दस्त, बहुमूत्र, प्रदर, कब्ज व अनियमित पाचन क्रिया में मसूर की दाल का सेवन लाभकारी होता है. सौदर्य के हिसाब से भी यह दाल बहुत उपयोगी है.

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3. काबुली चना, हरा चना और लाल चना

काबुली चना, हरा चना और लाल चना नाम से जाना जाने वाला यह चना तीन प्रकार का होता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन,नमी, चिकनाई, रेशे, केल्शिय, आयरन व विटामिन्स पाए जाते हैं. रक्ताल्पता, कब्ज, डायबिटिज और पीलिया जैसे रोगों में चने का प्रयोग लाभकारी होता है. बालों और त्वचा की सौंदर्य वृद्धि के लिए चने के आटे का प्रयोग हितकारी होता है. चना एक प्रमुख फसल है.

4. काली बीन्‍स

गर्भवती महिलाओं के लिये काला बीन्‍स बहुत लाभकारी होता है क्‍योंकि इसमें फोलेट पाया जाता है. जो कि बच्‍चे के विकास के लिये एक जरुरी तत्‍व होता है. एक कटोरी काला बीन्‍स आपको 90 प्रतिशत तक के फोलेट तक की जरुरत पूरी कर देगा. इसमें फाइबर और प्रोटीन भी अच्‍छी मात्रा में पाया जाता है. रोजाना इसे स्‍प्राउट के तौर पर जरुर खाइये.

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5. मूंग दाल

मूंग साबुत हो या धुली, पोषक तत्वों से भरपूर होती है. अंकुरित होने के बाद तो इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों केल्शियम,आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन्स की मात्रा दोगुनी हो जाती है. मूंग शक्तिवर्द्धक होती है. ज्वर और कब्ज के रोगियों के लिए इसका सेवन करना लाभदायक होता है.

अक्षय कुमार-नुपुर सेनन की Filhaal 2 सौंग हुआ रिलीज, केमिस्ट्री ने जीता फैंस का दिल

अक्षय कुमार और नूपुर सेनन के 2019 के सबसे पौपुलर सौंग्स में से एक ‘फ़िलहाल’ का Filhaal 2 रिलीज हो गया है. वहीं सोशलमीडिया पर रिलीज होते ही यह गाना फैंस का दिल जीत रहा है. दर्द और प्यार से भरा B Praak का गाना Filhaal 2 तेजी से वायरल हो रहा है. आइए आपको दिखाते हैं Filhaal 2 की म्यूजिक वीडियो…

गाना हो रहा है वायरल 

https://www.youtube.com/watch?v=JZWYUG3vYhk

‘फ़िलहाल’ की तरह B Praak का गाना Filhaal 2 मोहब्बत गाना भी सोशलमीडिया पर फैंस का दिल जीत रहा है, जिसके बोल Jaani ने लिखे हैं. वहीं इस गाने के वीडियो में अक्षय और नुपुर का प्यार और दर्द भरा अंदाज एक बार फिर से फैंस को बैचेन करता हुआ नजर आ रहा है. इसी के चलते रिलीज होते ही इस सौंग्स को तेजी से लाइक्स और लाखों लोग देख चुके हैं.

 

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अनपल्ग्ड वर्जन ने भी जीता था फैंस का दिल

5 मिनट के शॉर्ट वीडियो में नुपुर ने गाया था. वहीं फैंस को नुपुर का ये अंदाज फैंस को काफी पसंद आया था. हर कोई इस प्यारे गाने का दिवाना हो गया था.

फिलहाल को भी मिला था फैंस का प्यार

पंजाबी सेंसेशन बी प्राक द्वारा गाया और जानी द्वारा लिखा गया है. इस सौंग को यूट्यूब पर 650 मिलियन व्यूज मिले थे, जिसके बाद यह ट्रेंडिंग चार्टबस्टर नंबर 1 पर रहा था. वहीं इस गाने का अनपल्ग्ड वर्जन भी रिलीज  हुआ था, जिसे 3000 मीलियन से ज्यादा बार देखा गया था.

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अनुपमा का सपना होगा पूरा तो नौकरी से हाथ थो बैठेंगे काव्या और वनराज

टीवी सीरियल अनुपमा में इन दिनों फैमिली ड्रामा दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है, जिसके चलते शो की टीआरपी बढ़ती जा रही है. इसी बीच मेकर्स सीरियल की कहानी में नया ट्विस्ट लाने के लिए तैयार हैं. दरअसल, अपकमिंग एपिसोड में काव्या का घमंड चकनाचूर होते हुए नजर आने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

समर के मिला खास तोहफा

 

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अब तक आपने देखा कि सीरियल में समर का बर्थडे बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं इस दौरान समर को ढेर सारे गिफ्ट भी मिलते हैं. वहीं वनराज का दिया हुआ गिफ्ट भी समर को पसंद आता है. लेकिन इस दौरान अनुपमा, बा से समर और नंदिनी के रिश्ते की मंजूरी देने के लिए कहती है. वहीं बा पूरे परिवार को चौंकाते हुए नंदनी और समर की सगाई के लिए राजी हो जाती है, जिसे सुनकर काव्या को गुस्सा आ जाता है.

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समर-नंदनी की होगी सगाई

 

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अपकमिंग एपसोड में आप देखेंगे कि समर के बर्थडे पर बा सगाई के लिए अंगूठी लेकर आएगी और कहेगी कि समर और नंदनी ने बड़ों की बात मानी और अब तक कोई जिद्द नहीं की. इसीलिए वह इस रिश्ते के लिए अपनी मंजूरी देती हैं. वहीं अनुपमा और पूरे परिवार को खुश देखकर काव्या को गुस्सा आएगा और वह पूरे परिवार के सामने कहेगी कि वो लोग उसे क्यों बहू के रुप में नहीं अपना पा रहे हैं, जिसका जवाब देते हुए बापूजी कहेंगे कि वो अगर अपने गुस्से का चश्मा उतार कर अलग कर दे तो सब ठीक दिखाई देगा. इसी बीच समर-नंदिनी की सगाई भी होती हुई नजर आएगी.

अनुपमा होगी कामयाब तो काव्या की होगी हालत खराब

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि काव्या (Madalsha Sharma) ऑफिस की मीटिंग से पहले अनुपमा को खूब नीचा दिखाते हुए उसे अनपढ़ होने के कारण ताना मारेगी. वहीं काव्या के बॉस मीटिंग के बाद किंजल के सामने ही काव्या को नौकरी से निकाल देगा. वहीं वनराज की नई नौकरी भी चली जाएगी. दूसरी तरफ अनुपमा अपनी डांस अकेडमी खोलकर घर का पूरी खर्च उठाती नजर आएगी.

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10 दिन बाद होगी राहुल वैद्य-दिशा परमार की शादी, फैंस के साथ शेयर की खुशी

सेलेब्स इन दिनों शादी का सिलसिला जारी है. जहां बीते दिनों यामी गौतम ने अपनी शादी से फैंस को चौंका दिया था तो वहीं बिग बौस में अपने प्यार का इजहार करने वाले सिंगर राहुल वैद्य (Rahul Vaidya) और दिशा परमार (Disha Parmar) की शादी की तारीख का भी खुलासा हो गया है. आइए आपको बताते हैं कब करेंगे राहुल वैद्य और दिशा परमार शादी…

इस दिन होगी शादी

सिंगर राहुल वैद्य (Rahul Vaidya) और दिशा परमार (Disha Parmar) की शादी का फैंस को बेसब्री से इंतजार है, जिसके चलते अब इस कपल ने सोशलमीडिया पर अपनी शादी की डेट का खुलासा किया है. दरअसल, यह क्यूट और रोमांटिक कपल 16 जुलाई, 2021 को शादी के बंधन में बंधने वाले हैं.

ऐसे किया शादी का ऐलान

कोरोना संक्रमण को देखते हुए राहुल-दिशा की यह शादी भी बेहद निजी रहने वाली है. इसका खुलासा राहुल वैद्य ने एक सोशलमीडिया पोस्ट के जरिए किया है. पोस्ट में राहुल वैद्य ने अपने फैंस को शादी की तारीख और आशीर्वाद देने की बात कही है.

कुछ इस तरह होगी शादी

जहां राहुल वैद्य ने एक इंटरव्यू में बताया कि ‘दिशा और मैंने तय किया है कि हम बेहद निजी समारोह में अपनों के बीच शादी करेंगे. हम यही चाहते हैं कि हमारे रिलेटिव और हमें प्‍यार करने वाले लोग हमारी जिंदगी के इस बड़े दिन पर हमारे साथ रहें और हमें आशीर्वाद दें. शादी वैदिक रीति-रिवाजों से होगी, जिसके साथ गुरबानी शबद भी गाया जाएगा.’ वहीं शादी को लेकर दिशा परमार का कहना है कि ‘एक आदर्श शादी समारोह के लिए मेरा यही मानना है कि यह बेहद निजी मामला है. विवाह दो लोगों और उनके संबंधित परिवारों का एक मिलन है, जिसमें उनके प्रियजनों की मौजूदगी होती है.

बता दें, बिग बौस 14 में राहुल वैद्य ने नेशनल टेलीविजन पर प्यार का इजहार करते हुए दिशा परमार से शादी करने की बात कही थी. वहीं शो में ही दिशा परमार ने एंट्री करके अपने प्यार पर मोहर लगा दी थी.

पति राज कौशल के निधन के बाद पहली बार मंदिरा बेदी ने शेयर किया पोस्ट

इन दिनों एक्ट्रेस मंदिरा बेदी (Mandira Bedi) की जिंदगी मुश्किल वक्त में हैं. जहां बीते दिनों उनके पति राज कौशल (Raj Kaushal) का हार्ट अटैक से निधन हो गया तो वहीं कुछ लोग पति की अर्थी उठाने और अंतिम संस्कार की विधि करने को लेकर मंदिरा बेदी को ट्रोल करते नजर आए. हालांकि इस दौरान उनके दोस्तों और इंडस्ट्री के लोगों ने उनका पूरा साथ दिया. इसी बीच मंदिरा बेदी ने पति के निधन के बाद एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया है. आइए आपको दिखाते हैं मंदिरा बेदी का पोस्ट

पति के निधन के बाद शेयर किया पोस्ट

 

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हाल ही मंदिरा बेदी ने पति राज कौशल की याद में इंस्टाग्राम (Mandira Bedi) से अपनी प्रोफाइल फोटो डिलीट कर दी थी, जिसकी जगह उन्होंने काली फोटो लगाई थी. वहीं अब उन्होंने राज कौशल संग बिताए कुछ हसीन पलों की अनदेखी फोटोज शेयर की हैं, जिसमें उनका प्यार साफ नजर आ रहा है. इन फोटो के साथ मंदिरा बेदी ने कैप्शन में टूटे दिल वाला ब्लैक इमोजी बनाया है. मंदिरा बेदी के इस पोस्ट पर फैन्स और सिलेब्रिटीज जहां प्यार दे रहे हैं तो वहीं उन्हें हिम्मत रखने के लिए भी कहते नजर आ रहे हैं.

 

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ट्रोल हुई थीं मंदिरा बेदी

 

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बीते बुधवार यानी 30 जून को एक्ट्रेस मंदिरा बेदी के पति राज कौशल का हार्ट अटैक से निधन हो गया था, जिसके बाद सेलेब्स ने इस दुख की घड़ी में मंदिरा बेदी के साथ नजर आए थे. वहीं मंदिरा बेदी ने खुद ही पति के अंतिम संस्कार की सारी रस्में निभाई थी, जिसे लेकर उन्हें ट्रोलिंग का सामना भी करना पड़ा था. इसी बीच शनिवार को राज कौशल के लिए प्रेयर मीट भी रखी गई. जहां मौनी रौय जैसे सितारे नजर आए थे.

 

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बता दें, राज कौशल एक फिल्म मेकर थे. वहीं साल 1999 में 14 फरवरी को मंदिरा बेदी संग लव मैरिज की थी. वहीं उनके दो बच्चे एक बेटा और गोद ली हुई बेटी भी है.

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#coronavirus: रोजाना 90 लाख वैक्सीन देने का दावा कितना सही?

भारत ने हाल ही में 21 जून को देश में 90 लाख से ज्यादा लोगों को कोविड वैक्सीन डोज देने का ‘वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बनाया था. जिसको लेकर केंद्र सरकार अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनने को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी थी. 21 जून के बाद कोई भी दिन ऐसा नहीं था जिस दिन इतनी तो क्या इसके आसपास भी वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है, जिसको लेकर अब सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आ रहा है. 21 जून से केंद्र ने वैक्सीन की खरीद खुद से करनी शुरू की थी और ऐसे-ऐसे राज्यों में वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड बना, जहां दो-तीन दिन पहले तक कुछ हजार डेली वैक्सीनेशन भी ठीक से नहीं हो पा रहे थे.

अब ये बात गौर करने वाली है कि क्या देश के पास सिर्फ 21 जून के लिए वैक्सीन स्टॉक था? पिछले चार दिनों में वैक्सीनेशन 17 लाख तक गिर चुका है. ऐसे में क्या फिर हम वैक्सीन कमी से जूझ रहे हैं?

वैक्सीनेशन की रफ्तार में कमी

21 जून को रिकॉर्ड वैक्सीनेशन के बाद से ही वैक्सीनेशन में लगातार कमी आ रही है. 22 जून को ही सिर्फ 54,66,891 लोगों को वैक्सीन की डोज दी गईं. 23 और 24 जून को वैक्सीनेशन में कुछ उछाल जरूर आया था, लेकिन अब पिछले चार दिनों से फिर रफ्तार धीमी पड़ती नजर आ रही है.

28 जून को 52,68,881 लोगों को वैक्सीन की डोज दी गईं, तो आंकड़ा 29 जून को सीधे 36 लाख पर पहुंच गया. 30 जून को ये 27 लाख रहा. कुल मिलाकर पिछले चार दिनों के आंकड़े देखकर ऐसा लगता नहीं है कि वैक्सीन खरीद की जिम्मेदारी केंद्र के पास जाने के बावजूद कोई बड़ा बदलाव आया है.

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राज्यों में दोबारा हुई वैक्सीन की कमी

मुंबई में 1 जुलाई को सभी सरकारी वैक्सीनेशन केंद्र बंद कर दिए गए. कई शहरों और गांवो में वैक्सीन की कमी की वजह से वैक्सीनेशन स्थगित कर दिया गया है. वैक्सीनेशन ऐसे समय में रोक दिया गया है जब डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं.

अगर हम 27 जून का आंकड़ा देखगें तो हमें अप्रैल, मई का महीना याद आ सकता है, जब कई राज्य वैक्सीन कमी की शिकायत कर रहे थे. इस दिन सिर्फ 17 लाख वैक्सीन दी गईं. इतना ढुलमुल वैक्सीनेशन म्यूटेशन पर आती हर दिन नई जानकारी के बीच डराने वाला है.

पश्चिम बंगाल, दिल्ली, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे राज्य एक बार फिर वैक्सीन की कमी का सामना कर रहे हैं. 21 जून के रिकॉर्ड वैक्सीनेशन के बमुश्किल एक हफ्ते बाद ऐसी स्थिति गंभीर सवाल पैदा करती है.

बीजेपी शासित राज्य गुजरात के अहमदाबाद में वैक्शीनेशन के लिए लंबी कतारें और अस्त-व्यस्त माहौल देखा गया. अधिकारियों का दावा है कि अहमदाबाद में 1 लाख लोगों के रोजाना वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा होना नामुमकिन सा है.

रोजाना का आंकड़ा करीब 40 लाख डोज

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना था कि जून में 12 करोड़ वैक्सीन डोज राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दी जाएगी. जिसमें 10 करोड़ कोविशील्ड और 2 करोड़ कोवैक्सीन के हिसाब से रोजाना का आंकड़ा करीब 40 लाख डोज ही बैठता है.

एक बार फिर आपको याद दिलाते है कि 21 जून को वैक्सीनेशन रिकॉर्ड 90 लाख हुआ. जिसके बाद गिरना, बढ़ना, गिरना चलता रहा है. इसमें सोचने वाली बात यह है कि अगर सरकार को ये बात स्पष्ट थी कि 12 करोड़ से ज्यादा डोज नहीं दी जा सकती है तो एक दिन में 88 लाख डोज देने का क्या मतलब बनता था. अगर ध्यान दे पाएंगे कि ज्यादातर राज्यों ने 21 जून के बाद वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज कर दी गई थी लेकिन सप्लाई में वैक्सीनेशन की मात्रा जस की तस बनीं हुई थी. नतीजा लगातार गिरती वैक्शीनेशन की रफ्तार सबके सामने है.

वैक्सीनेशन में सुधार की कितनी उम्मीद?

गौरतलब हो कि सरकार ने 21 जून को कथित ‘वर्ल्ड रिकॉर्ड’ तो बना लिया, लेकिन क्या अब उसके पास इतनी वैक्सीन है कि इस रिकॉर्ड को कायम रखा जा सके? सरकार अपनी वाहवाही लूटने में लगी है, लेकिन इसपर किसी के पास कोई जवाब नहीं है कि रोजाना 90 लाख डोज के लिए वैक्सीन कहां से आएंगी.

इस रिकॉर्ड को बरकरार रखने के लिए सरकार को लगभग जुलाई तक 30 करोड़ डोज की जरुरत पड़ेगी, लेकिन देखने वाली बात यह है कि देश में वैक्सीन का प्रोडक्शन लगभग 15 करोड़ तक होता है.

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने मई से प्रतिमाह 10 करोड़ वैक्सीन का प्रोडक्शन करने का ऐलान किया था, जो मुमकिन नहीं हो पाया. सीरम ने जून से 10 करोड़ वैक्सीन देने की शुरुआत की है.

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इसके साथ ही कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक का प्रोडक्शन सीरम इंस्टीट्यूट के मुकाबले अभी भी काफी कम है. बेशक कंपनी जुलाई-अगस्त तक साढ़े 6 करोड़ डोज और सितंबर से 10 करोड़ डोज तैयार करने की तैयारी में जरुर है. लेकिन अभी इसका प्रोडक्शन सिर्फ 2 ही करोड़ है.

केंद्र सरकार स्पुतनिक वैक्सीन को काफी समय पहले मंजूरी दे चुका है. स्पुतनिक की सवा करोड़ डोज भारत आई थीं. लेकिन कितनी-कहां दी गईं, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है. इसके साथ ही मॉडर्ना को भी सरकार की तरफ से मंजूरी मिल चुकी है. लेकिन, ये वैक्सीन कब तक और कितनी आएगी, अभी इसकी कोई जानकारी नहीं है.

मतलब साफ है कि 90 लाख डोज रोजाना देने का ख्वाब अभी तो पूरा नहीं हो पाएगा . इसके लिए जब तक सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक का कुल प्रोडक्शन लगभग 24 करोड़ नहीं पहुंचता है, इस रिकॉर्ड का आंकड़ा छूना लगभग नामुमकिन है. ऐसे में सरकार का ये दावा कब तक सफल हो पाएगा ये देखने वाली बात है.

रामगढ़ताल बाढ़ के पानी के साथ ही लोगों को बीमारियों से भी बचाया जाएगा : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 50 हजार राजस्व ग्रामों में इस वर्ष दिसंबर तक जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल परियोजना से शुद्ध पानी मिलेगा. बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में कार्य जारी है. शुद्ध पेयजल की उपलब्धता से इंसेफेलाइटिस समेत प्रदूषित पानी से होने वाली कई बीमारियों से भी निजात मिलेगी.

सीएम योगी सोमवार को गोरखपुर स्थित राप्ती नदी के मलौनी बांध स्थित तरकुलानी रेगुलेटर के समीप बाढ़ के पानी से निजात दिलाने के लिए निर्मित पंपिंग स्टेशन के लोकार्पण के बाद ग्राम बेलवार में जनसभा को संबोधित कर रहे थे.

अक्टूबर में पीएम मोदी करेंगे खाद कारखाने और एम्स का उद्घाटन

जनसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1990 में बंद गोरखपुर का खाद कारखाना बनकर लगभग तैयार है. अक्टूबर में इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराया जाएगा. इस अवसर पर उन्होंने अक्टूबर में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं वाले एम्स के पीएम मोदी के हाथों उद्घाटन किए जाने की जानकारी भी दी.

मुंबई को भी मात देगा रामगढ़

गोरखपुर में विकास के नए प्रतिमानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जो रामगढ़ताल कभी अपराधियों का अड्डा होता था, अब पर्यटन केंद्र बन चुका है. अपनी सुंदरता में यह मुम्बई को भी फेल कर देगा.

विकास भी होगा, विनाशकारी तत्वों पर सख्त कार्रवाई भी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपराधियों व उपद्रवियों की संपत्ति कब्जे में लेकर उसे गरीबों में बांट रही है. सरकार का बुजडोजर अपराधियों की छाती को रौंद रहा है. उदबोधन के दौरान ही माफिया के खिलाफ जारी कार्रवाई पर उनके सवाल पर जनता ने पुरजोर समर्थन किया. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार में विकास भी होगा और विनाशकारी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी.

कोरोनाकाल में भी विकास पर आंच नहीं आने दी : योगी

सीएम योगी ने कहा कि पिछला डेढ़ साल पूरी दुनिया के लिए बहुत खराब रहा. विश्व में न जाने कितने लोग कोरोना की चपेट में आए. हमनें कोरोना से जीवन के साथ जीविका को भी बचाया. कोरोनाकाल में भी विकास पर, नौजवानों के भविष्य पर आंच नहीं आने दी. सीएम ने कोरोना से अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश सुरक्षित स्थिति में है. उन्होंने कहा कि 33 करोड़ की आबादी वाले विकसित देश अमेरिका में उससे चार गुना आबादी वाले भारत की तुलना में दोगुनी मौतें हुईं. सीएम ने कहा कि जीवन के साथ जीविका की रक्षा के लिए हमें जागरूकता के साथ आगे बढ़ना है. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने गोरखपुर ग्रामीण व चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र के लिए 212 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया. इसमें 10 सड़कें, दो उपरगामी सेतु व विद्यालय निर्माण के कार्य शामिल हैं.

उन्होंने तरकुलानी पंपिंग स्टेशन समेत सिंचाई विभाग की मंडल में 10 परियोजनाओं का लोकार्पण करते हुए कहा कि, तरकुलानी रेगुलेटर पर निर्मित पंपिंग स्टेशन की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए कहा कि 2009 में जब से यह क्षेत्र गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में आया तब से यहां पंपिंग स्टेशन की मांग की जा रही थी. यह पचास हजार परिवारों, दो लाख की आबादी के लिए जरूरी था ताकि बाढ़ के साथ ही लोगों को बीमारी से भी बचाया जा सके. यह पंपिंग स्टेशन आज से प्रारंभ हो गया है. सीएम ने इसकी क्षमता का जिक्र करते हुए बताया कि रामगढ़ताल में जितना पानी है, यह पंपिंग स्टेशन उसे एक घण्टे में उड़ेलकर फेंक देगा. उन्होंने कहा कि यह होता है कार्य. जब केंद्र व राज्य में डबल इंजन की सरकार होती है तो वह कई गुना स्पीड से काम करती है और लोगों के जीवन मे खुशहाली लाती है.

खेती के साथ बीमारी से बचाव का माध्यम बनेगी यह परियोजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि तरकुलानी रेगुलेटर पर पंपिंग स्टेशन की यह परियोजना क्षेत्र में खेती बचाने के साथ ही बीमारी से बचाव का भी माध्यम बनेगी. उन्होंने कहा कि खोराबार ब्लॉक इंसेफेलाइटिस से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल रहा है. पंपिंग स्टेशन न होने से यहां जलजमाव से बीमारियां होती थीं. तरकुलानी का यह पंपिंग स्टेशन जलजमाव की समस्या का समाधान करेगा.

यूपी की दशा व दिशा बदलने में जुटे हैं योगी : गजेंद्र शेखावत

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की दशा व दिशा बदलने में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत, जल संरक्षण, पेयजल, सिंचाई आदि के क्षेत्र में यूपी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. केंद्र के बाद यूपी देश का पहला ऐसा राज्य है जहां एकीकृत जलशक्ति मंत्रालय का गठन है. श्री शेखावत ने कहा कि पीएम मोदी के विजन व सीएम योगी की देखरेख में यूपी के बाँदा, चित्रकूट, महोबा आदि क्षेत्रों में हर घर नल से जल पहुंचाने का कार्य तीव्र गति से हो रहा है. दो साल में प्रदेश के हर घर में शुद्ध पेयजल मिलने लगेगा. उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय की तरफ से सर्वाधिक 10400 करोड़ रुपये का बजट यूपी को दिया गया है, और जरूरत होगी तो उसे भी दिया जाएगा. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने बताया कि यूपी में सरयू, बाणगंगा, मध्यगंगा परियोजना तीन चार माह में पूरी हो जाएंगी. इन परियोजनाओं से इस प्रदेश में 22 लाख हेक्टेयर नई सिंचित भूमि उपलब्ध होगी.

बाढ़ राहत में यूपी ने पेश की मिसाल

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बाढ़ राहत के कार्यों में स्थायित्व देकर उत्तर प्रदेश ने पूरे देश मे मिसाल कायम किया है. यह अन्य राज्यो के लिए प्रेरणास्रोत है. तरकुलानी रेगुलेटर पर बने पंपिंग स्टेशन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि योगी जी ने इसके जरिये एक नई तकनीकी दी है. इस अनूठी परियोजना को देख उनका भरोसा जगा है कि इसे अपनाकर अन्य प्रदेश भी बाढ़ के पानी से खुद को प्रभावित होने से बचा सकते हैं.

पूरे प्रदेश को बाढ़ से बचाया है सीएम योगी ने: डॉ महेंद्र सिंह

जनसभा में अपनी बात रखते हुए प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से बदल रहा है. उन्होंने इस राज्य का मान, सम्मान व स्वाभिमान वापस कराया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश को बाढ़ से बचाया है. पहले बाढ़ से बचाव के कार्यों के लिए पैसा अप्रैल, मई में जारी होता था और काम जून में शुरू होता था. तब तक बाढ़ आ जाती थी और पैसा भी उसी में बह जाता था. अब योगी जी जनवरी में ही पैसा दे देते हैं और बाढ़ आने से काफी पहले काम पूरा हो जाता है. डॉ सिंह ने कहा कि वर्ष 2016 में यूपी में 543771 हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई थी, योगी जी के कुशल मार्गदर्शन में हुए कार्यों से 2020-21 तक यह घटकर 6886 हेक्टेयर रह गई है. सीएम योगी की देखरेख में बाढ़ बचाव की 170 परियोजनाओं का लोकार्पण व 246 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है. चार सालों में 25 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिली है. ऐसा अन्य किसी भी राज्य में नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि आज यूपी देश की हर योजना में नम्बर वन है और योगी जी के नेतृत्व में इसे पूरे देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाया जा रहा है.

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