#lockdown: अपने अंदर के ईगो को ना कहे! 

लॉक डाउन में पूरा वसुधा घर में कैद है ,इस समय आपका घर तू तू मैं मैं का अखाडा न बने इसके लिए पति और पत्नी दोनों को सझना होगा. घर में कलह आने से पहले ही रोकना होगा . जीवन एक यात्रा है और इस यात्रा के दो पहिये है पति पत्नी, दोनों को मिल कर रहना ईगो  आवश्यक है .पति -पत्नी के रिश्ते में भी शिष्टाचार जरूरी है. जीवन में इस शिष्टाचार का ईगो  योगदान है , तो आइए जानते हैं इसका इस रिश्ते के सात ईगो  पहलू के बारे में जिनका जीवन में महत्व है .

1. आपसी सम्मान की भावना विकसित करे

 घर में दोनों का महत्व सामान्य है तो दोनों का एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना ही बराबर होनी चाहिए. इस लॉक डाउन में यह बात आपको तय कर सुधार लेना ही होगा कि अगर आपके घर में कोई मेहमान आया है तो उसके सामने एक-दूसरे पर कटाक्ष ना करे.  ना ही एक -दूसरे का या एक-दूसरे के परिवार का मजाक उड़ाए . इसके बदले आप अपने व्यवहार में सहजता लाएं. आपसी सम्मान दें और छींटाकशी करने से बचे.

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2. समय की कोई पाबंदी नहीं एक-दूसरे को बेहतर समझ

यह लॉक डाउन का समय परिवार के लिए अनमोल समय है. जो समय का रोना रोकर परिवार को समय नहीं दे पा रहे थे, उसके लिए समय ही समय है. तो इस समय का उपयोग परिवार में उत्पन आपसी विवादों को आपसी समझौतों को दूर करने का है,किसी भी समस्या का हल है आपसी बातचीत किया जा सकता है . इसके लिए व्यस्त जीवनशैली से थोड़ा सा समय साथी के लिए निकालें और उसके साथ क्वालिटी टाइम बताएं. इस तरह से आपके रिश्तो की डोर मजबूत होगी. यह वह समय होता है जब आप एक-दूसरे को बेहतर समझ सकते हैं.

3. सन्देश, पार्सल या गिफ्ट चैक करने से बचे

एक दूसरे के किसी भी प्रकार के सन्देश को चैक ना करें. बेवजह एक-दूसरे के मोबाईल में आने वाले मैसेज या ई- मेल्स चैक करने से बचे . अगर आपके साथी के नाम पर कोई  पत्र, कोरियर पार्सल या गिफ्ट भी आता है तो उसे खुद ना खोलें . जिसके नाम सन्देश, पार्सल या गिफ्ट हो उस से ही बोले वह खोले और देखे . उस में अपनी रूचि ना दिखाए. ऐसे करने से आप अपने साथी के लिए खुद ही एक सकारात्मक सोच विकसित करने में मदद करेंगे .

4. आपसी अहंकार को ख़त्म करे

लॉक डाउन से पहले हर कोई अपने जीवन में इतना उलझा हुआ था कि किसी के पास समय नहीं था, अब समय ही समय है ,तो आपसी अंहकार को भूला कर खुद को दूसरों से श्रेष्ठ साबित करें. पति-पत्नी में से कोई भी एक-दूसरे की भावनाओं को समझने की कोशिश नहीं करता. ऐसे में एक-दूसरे की बात पर ध्यान दीजिए वरना यह अशिष्टता मानी जाएगीअहंकार को न पनपने दें. समझें कि आपका पार्टनर आपके जितना ही बुद्धिमान व जिम्मेदार है.

5. आपसी रिश्ते को सम्मान करें

परिवार में पति पत्नी का रिश्ता अनमोल होता है चाहे कोई सा भी हो, आपसी सम्मान बहुत जरूरी है. एक-दूसरे की इज्जत करें. संभव हो सके तो सॉरी, थैंक्यू या प्लीज जैसे मैजिक शब्दों का इस्तेमाल करें. यदि किसी बात पर गुस्सा आ रहा है तो शांत होने पर ही बात करें वरना अनावश्यक बहस बढ़ेगी.

6. खास समय के समय गैजेट से दूरी बनाये रखे

लॉक डाउन में जीवन में गैजेट का भी प्रभाव तेजी से बढ़ा है. इस बात का बेहत ध्यान देना है कि जब भी पति – पत्नी दोनों एक-दूसरे के साथ खास समय (क्वालिटी टाइम) बिता रहे हों, इस समय मोबाइल या किसी भी अन्य गैजट से दूरी बनाकर रखें.

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7 . पर्सनल स्पेस की ज़रूरत को समझे

लॉक डाउन में आप घर में इसका मतलब यह नहीं है कि आपके पति या पत्नी का कोई पर्सनल स्पेस की ज़रूरत नहीं है . हर किसी को अपने लिए पर्सनल स्पेस की ज़रूरत होती है. यह बात आपको समझनी चाहिए. हर वक्त और हर चीज में दखल देना आपको आपके पार्टनर के नजदीक लाने के बजाय आपके बीच दूरी बढ़ने का कारण हो सकता है. इसलिए एक-दूसरे के पर्सनल स्पेस का विशेष ख्याल रखे.

सावधान ! बदल गई है जॉब मार्केट, खुद को काम का बनाए रखने की कोशिश करें  

यह कहने की जरूरत नहीं है कि कोरोना ने बहुत कुछ ही नहीं बल्कि सब कुछ ही बदल दिया है. पिछले लगभग दो सालों से जिस तरह से पूरी दुनिया कोरोना महामारी के शिकंजे में है, उसका ग्लोबल जॉब मार्केट में जबरदस्त असर हुआ है, इसका खुलासा एमआई यानी मैकिंजे इंटरनेशनल के एक हालिया सर्वे से हुआ है. दुनिया के आठ देशों में जहां धरती की 50 फीसदी से ज्यादा आबादी रहती है और जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था का 62 फीसदी जीडीपी का उत्पादन होता है. ऐसे आठ देशों में मैकिंजे इंटरनेशनल ने पिछले दो सालों में बदले हुए जॉब ट्रेंड एक सर्वे किया है और कॅरियर शुरु करने के इंतजार में खड़ी पीढ़ी को सावधान किया है कि वे जल्द से जल्द अपने आपको नयी परिस्थितियों के मुताबिक ढालें वरना अप्रासंगिक हो जाएंगे.

मैकिंजे इंटरनेशनल ने जिन आठ देशों की अर्थव्यवस्था पर नजर रखी है और वहां के जॉब मार्केट में सर्वे किया है, उसमें चीन, भारत, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, जापान, यूनाइटेड किंगडम और यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमरीका शामिल हैं. इन सभी देशों में कम या ज्यादा मगर पिछले दो सालों में नौकरियां कम हुई हैं. कहीं 8 से 10 फीसदी तक तो कहीं 20 से 25 फीसदी तक और इन नौकरियों के कम होने में सबसे बड़ी भूमिका है आटोमेशन की. शोध अध्ययन से पता चला है कि बड़े पैमाने पर जॉब  कुछ विशेष क्षेत्रों में समाहित हो गये हैं. मैकिंजे के विस्तृत अध्ययन से पता चला है कि पिछले दो सालों में 800 से ज्यादा प्रोफेशन, 10 कार्यक्षेत्रों में समाहित हो गये हैं और खरीद-फरोख्त के मामले में तो ऐसा उलटफेर कर देने वाला परिवर्तन हुआ है कि कोरोना से पहले जहां ग्लोबल शोपिंग में ऑनलाइन  शोपिंग की हिस्सेदारी 35 से 40 फीसदी थी, वहीं पिछले दो सालों में यह बढ़कर 80 फीसदी तक हो गई है.

हालांकि यह स्थायी डाटा नहीं रहने वाला. क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर ऑनलाइन, शोपिंग इसलिए भी इन दिनों हुई  से क्योंकि इस दौरान दुनिया के ज्यादातर देशों में लॉकडाउन लगा हुआ था. बावजूद इसके मैकिंजे इंटरनेशनल शोध अध्ययन की पहली किस्त का साफ तौरपर निष्कर्ष है कि खरीद-फरोख्त की दुनिया में कोरोना महामारी ने आमूलचूल परिवर्तन कर दिया है. इस महामारी के खत्म होने के बाद भी यह परिवर्तन लौटकर पहली वाली स्थिति में नहीं आने वाला. आज की तारीख में राशन से लेकर सिरदर्द की टैबलेट तक लोग बड़ी सहजता से ऑनलाइन मंगवा रहे हैं. आश्चर्य तो इस बात का भी है कि बड़ी तेजी से इन लॉकडाउन के दिनों में अलग अलग शहरों के मशहूर स्नैक्स तक 24 से 48 घंटों के अंदर देश के एक कोने से दूसरे कोने में डिलीवर होने लगे हैं. इलाहाबाद के पेड़े (अमरूद) ही नहीं अब समोसे भी 24 घंटे के अंदर नागपुर, भोपाल, मुंबई, पुणे और विशाखापट्टनम में खाये जा सकते हैं.

वैसे कभी न कभी तो यह सब होना ही था. लेकिन कोरोना महामारी ने इसकी रफ्तार बहुत तेज कर दी है. पिछले दो सालों में ई-कॉमर्स  और आटोमेशन में जबरदस्त इजाफा हुआ है और इस इजाफे में कैटेलेटिक एजेंट की भूमिका कामकाजी लोगों का बड़े पैमाने पर घर में रहना यानी वर्क फ्राम होम की स्थिति ने निभाया है. पिछले दो सालों के भीतर औसतन पूरी दुनिया में करीब 25 फीसदी सेवा क्षेत्र की नौकरियों में इंसानों की उपस्थिति खत्म हो चुकी है,उनकी जगह या तो रोबोट ने ले ली है या कम स्टाफ ने. शायद इस महामारी के खत्म होने के कुछ सालों बाद ही दुनिया आश्चर्यजनक ढंग से इस महामारी के दौरान दुनिया में हुए रातोंरात तूफानी परिवर्तनों को महसूस करे, अभी तो यह सब कुछ बहुत तात्कालिक लगता है और कहीं न कहीं यह भी लगता है कि महामारी के जाते ही दुनिया शायद पुरानी जगह लौट आयेगी. लेकिन इतिहास इस अनुमान का, इस भरोसे का साथ नहीं देता.

इतिहास बताता है कि किसी भी क्षेत्र में हुआ कोई भी बदलाव आसानी से पहले की स्थिति में नहीं लौटता. यूरोप में और अमरीका में पिछले दो सालों के भीतर सफाई के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मशीनों का आगमन हुआ है. आज की तारीख में अमरीका में 18 से 20 फीसदी तक और यूरोप में 12 से 15 फीसदी तक रोबोट सफाई कर्मचारियों के रूप में मोर्चा संभाले हुए हैं. कोरोना संकट खत्म होने के बाद विशेषज्ञों को नहीं लगता कि रोबोट वापस शो रूम में चले जाएंगे. मैकिंजे की मानें तो आने वाले सालों में रोबोट इंसानों को अनुमान से 50 फीसदी ज्यादा चुनौती देने जा रहे हैं. हां, कुछ क्षेत्र इस दौरान ऐसे भी उभरकर सामने आये हैं, जहां मैनपावर यानी इंसानों की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा महसूस हुई है. इसमें सबसे प्रमुख क्षेत्र निःसंदेह चिकित्सा का है . दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है जहां कोरोना त्रासदी के दौरान, डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी महसूस न हुई हो. भारत, चीन जैसे जनसंख्या प्रधान देशों में डॉक्टरों को सामान्य समय के मुकाबले कोरोनाकाल में करीब 2.5 से 3 गुना तक कमी महसूस कराई गई है.

यही हाल चिकित्सा क्षेत्र में देखरेख का मुख्य आधार नर्सों का भी है. दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है जो आज की तारीख में अपनी कुल जरूरत की 80 फीसदी तक नर्सें रखता हो. दुनिया के बहुत सारे देशों में भारत से ही नर्सें जाती हैं या उनकी बड़ी जरूरत को किसी हद तक पूरा करते हैं. लेकिन इस कोरोना महामारी के दौरान भारत में 300 फीसदी से ज्यादा नर्सों की कमी महसूस की गई. हालांकि नर्से उपलब्ध हो जाएं तो भी भारत के चिकित्सा क्षेत्र के पास इतने संसाधन नहीं है कि वह उन्हें नौकरी दे सके. लेकिन कोरोना की रह-रहकर आयी लहरों ने साबित किया है कि डॉक्टर, नर्स और इस क्षेत्र के दूसरे सहायकों की आज पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है और आने वाले भविष्य में भी यह जरूरत बनी रहने वाली है.

ब्रेकअप के बाद मुसीबत न बन जाए बौयफ्रैंड

हर लव स्टोरी सक्सैसफुल हो, ऐसा होता नहीं है. रिश्ते टूटते भी हैं और यहीं से पैदा होती है ‘नफरत’. जरूरी नहीं कि हर केस में ऐसा हो, लेकिन ज्यादातर में ऐसा होता है. ब्रेकअप होने पर जहां कुछ लोग अपनी जिंदगी में मस्त हो जाते हैं या दूसरा साथी ढूंढ़ लेते हैं. वहीं कुछ लोग बदला लेने की ठान लेते हैं. सोचते हैं कि वह मेरी नहीं हुई तो किसी और की कैसे हो सकती है. ऐसे में क्या करें, आइए जानें:

बरतें सावधानी:

एक गीत के बोल हैं, ‘वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन, उसे एक खूबसूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा…’ किसी के साथ रिश्ते में होना बेहद खूबसूरत एहसास है, मगर यह सुंदर सपना जब टूटता है, तो बड़ी चोट पहुंचती है. प्रेम संबंध टूटने की कुछ वजहें होती हैं, जैसे दोनों में से किसी एक का शादी के लिए राजी न होना, घरवालों का दबाव होना, धर्मजाति का अलगअलग होना, लड़के का नौकरी न करना, कोई फ्यूचर प्लैनिंग न होना वगैरहवगैरह. जब आप को लगे कि आप का रिश्ता किसी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता तो ठीकठीक वजहें सामने रख कर अलगअलग राह चुनने के लिए अपने पार्टनर से खुल कर बात करें. यदि आप को बौयफ्रैंड आप से किसी मतलब से जुड़ा हुआ है तो वह आप को धमकी देने की या डराने की कोशिश करेगा. हो सकता है वह आप को ब्लैकमेल भी करे. ऐसे में तुरंत अपने मातापिता को उस के बारे में बताएं और उस की पुलिस में शिकायत करें.

धीरेधीरे दूरी बनाएं:

अगर आप की शादी तय हो गई है, तो जरूरी नहीं कि आप एक  झटके में अपना रिश्ता तोड़ दें. जब रिश्ता बनने में वक्त लगता है, तो उसे खत्म करने में भी लगेगा. इसलिए दूरी धीरेधीरे बनाएं. उसे उन बातों का एहसास दिलाएं कि वे क्या मजबूरियां हैं, जिन के कारण आप उस से दूर हो रही हैं. एक पल में सबकुछ खत्म करने की कोशिश न करें, क्योंकि हो सकता है कि सामने वाला अचानक हुए खालीपन को बरदाश्त न कर पाए. उसे समय दें और धीरेधीरे सारे कौंटैक्ट खत्म कर लें.

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गिफ्ट नष्ट कर दें:

आप के बौयफ्रैंड ने भी आप को गिफ्ट, कार्ड या कपड़े अत्यादि दिए होंगे. उन्हें आप जितनी जल्दी खुद से दूर कर देंगी, उतनी जल्दी आप उस की यादों से मुक्त हो जाएंगी. कोशिश करें कि आप ने भी उसे जो गिफ्ट या कार्ड्स वगैरह दिए हैं सब उस से वापस मिल जाएं. उन्हें भी नष्ट कर दें. नए जीवन में पुरानी चीजों की छाया नहीं पड़नी चाहिए.

ब्रेकअप के बाद खुद को समय दें:

ब्रेकअप के बाद अकसर यह एहसास होता है कि यह कुछ वक्त की दूरी है, हम फिर एक हो जाएंगे. इस एहसास से निकलना आसान नहीं होता है. ज्यादातर लोग ब्रेकअप के बाद उत्पन्न हुए खालीपन को भरने के लिए तुरंत कोई दूसरा दोस्त ढूंढ़ लेते हैं या शादी के लिए तैयार हो जाते हैं, यह ठीक नहीं है. बौयफ्रैंड के साथ बिताए पलों को भूलने और सचाई को पूरी तरह स्वीकार करने के लिए खुद को समय दें, चिंतन करें और खुद को सम झाएं कि आप ने जो कदम उठाया है, वह बिलकुल ठीक है. नया दोस्त या जीवनसाथी चुनने में हड़बड़ी न करें.

शादी में बौयफ्रैंड को भूल कर न बुलाएं:

भले आप आपसी सम झौते के तहत अपने बौयफ्रैंड से अलग हुई हों और हो सकता है आप शादी के बाद भी अपने लवर को दोस्त की हैसियत से अपने करीब रखना चाहें, तो इस में कोईर् हरज नहीं है, लेकिन कोशिश करें कि आप उसे अपनी शादी पर न बुलाएं, क्योंकि उस हालत में एकदूसरे का सामना करना मुश्किल होगा और आप खुद उस की मौजूदगी में किसी और से शादी करने में असहज महसूस करेंगी. वहीं आप का ऐक्स बौयफ्रैंड उस व्यक्ति से जलन महसूस करेगा, जिस के गले में आप वरमाला डाल रही हैं. यह जलन कब बदले की भावना में बदल जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है.

हसबैंड को सबकुछ न बताएं:

यह गलत होगा कि आप अपने जीवनसाथी से अपने पिछले रिश्ते की बात छिपाएं, लेकिन जरूरी यह भी नहीं कि अपने अतीत के बारे में सबकुछ बताया जाए. आजकल स्कूलकालेज में बौयफ्रैंड गर्लफ्रैंड बनना आम बात है. इसे ले कर अकसर पति अपनी पत्नी से सवाल नहीं करते हैं. जवानी में अपोजिट सैक्स के प्रति आकर्षण होना स्वाभाविक है. यह आम चलन है. इसलिए पति से यह बताना कि हां, आप का प्रेमी था, कोई गजब ढाने वाली बात नहीं होगी. हां, अगर उस से आप के शारीरिक संबंध थे या आप उस से कभी प्रैगनैंट हुईं अथवा आप का अबौर्शन हुआ, तो जरूरी नहीं कि आप अपने पति को यह सारी बातें बताएं, क्योंकि ऐसा करना आप के रिश्ते में कड़वाहट भर देगा.

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पति की तुलना बौयफ्रैंड से न करें:

आप के बौयफ्रैंड की बहुत सी बातें शायद आप से मिलती होंगी, तभी आप की दोस्ती हुई और हो सकता है जिस व्यक्ति से आप की शादी हुई है, उस की आदतें आप से कतई न मिलती हों. उस हालत में आप को अपने बौयफ्रैंड का खयाल आ सकता है.

याद रखें आप ने जिस व्यक्ति से शादी की है वह बहुत बेहतर है, क्योंकि उस ने आप को स्थायित्व दिया है, आप को आर्थिक सुरक्षा दी है. क्या आप का बौयफ्रैंड आप को कभी इतना सब दे सकता था? शायद नहीं, इसीलिए कभी अपने पति की तुलना उस व्यक्ति से न करें.

सब से जरूरी बात यह है कि शादी के  बाद यदि ऐसी किसी अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़े तो आत्मविश्वास के साथ उस का सामना करें.

Silky Hair के लिए जानें कौन से हैं सही प्रोडक्ट्स

बाल अगर खूबसूरत होते हैं तो वे चेहरे की रंगत ही बदल देते हैं. लेकिन आज स्टाइल का जमाना है और इसी स्टाइल के चक्कर में कभी महिलाएं बालों को कलर करवाती हैं, कभी हाईलाइट, कभी रीबौंडिंग तो कभी हेयरस्टाइलिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं. जमाने के साथ चलना अच्छी बात है, लेकिन उस के चक्कर में अति कर के अपना नुकसान करना समझदारी नहीं.

कभीकभार हर चीज ठीक होती है, लेकिन जब आप स्टाइल के चक्कर में बालों पर जरूरत से ज्यादा कैमिकल्स व हीट प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने लगती हैं या फिर बालों की केयर नहीं करतीं तो यह बालों के नैचुरल मौइस्चर को चुरा कर उन्हें बेजान बना कर डैमेज करने का काम करता है.

यही नहीं बल्कि बाल झड़ने भी लगते हैं, स्प्लिट ऐंड्स की प्रौब्लम हो जाती है व बालों में फ्रिजीनैस आ जाती है, जो आप की सुंदरता को कम करने का काम करती है.

ऐसे में जब बाल डैमेज हो गए हैं तो उन्हें खास ट्रीटमैंट की जरूरत होती है ताकि आप के बालों में फिर से नई जान आ जाए. इस संबंध में जानते हैं कौस्मैटोलौजिस्ट पूजा नागदेव से:

सीरम से बालों को दें मौइस्चर

बाल तभी डैमेज होना शुरू होते हैं जब उन का मौइस्चर खत्म हो जाता है. इस से बालों में डलनैस आने लगती है.

लेकिन अगर डैमेज बालों को सीरम से हाइड्रेट रखा जाता है, तो धीरेधीरे बाल अपने पहले वाले रूप में वापस आने लगते हैं क्योंकि ये प्रदूषण व सनलाइट के बीच प्रोटैक्टिव लेयर का काम करते हैं. लेकिन इस के लिए जरूरी है कि आप का हेयर सीरम बालों के टाइप के हिसाब से हो व उसे लगाने का तरीका बिलकुल परफैक्ट हो. तभी आप को उस का फायदा मिल पाएगा.

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जब भी आप इसे बालों में अप्लाई करें तो आप के बाल हलके गीले होने चाहिए, फिर आप अपनी हथेली में सीरम की कुछ बूंदें डालें, फिर उन्हें दोनों हाथों से अच्छी तरह रब करते हुए बालों में लगाएं और फिर बालों में लगा छोड़ दें. इस से पूरा दिन आप के बालों में शाइन व साफ्टनैस रहेगी. जब भी आप को बालों में ड्राईनैस, फ्रिजीनैस व उमस के कारण बाल उड़ेउड़े नजर आएं तो आप सीरम जरूर अप्लाई करें. इसे स्मूदनिंग ट्रीटमैंट भी कहा जाता है.

इनग्रीडिऐंट्स इन सीरम

मार्केट में आप को ढेरों सीरम मिल जाएंगे, लेकिन आप उसी सीरम का चयन करें, जो आप के बालों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुचाए. इस के लिए जरूरी है कि आप को इस में होने वाले इनग्रीडिऐंट्स की जानकारी हो.

– लाइट वेट सीरम हैं बैस्ट, जो और्गन औयल, जोजोबा औयल व सनफ्लौवर औयल की खूबियों से भरे हों क्योंकि ये स्प्लिट ऐंड्स खत्म कर बालों को हैल्दी, स्मूद व शाइनी बनाने का काम करते हैं.

– कोकोनट मिल्क ऐंटीब्रेकेज सीरम कम समय में बालों को हील कर के उन्हें हैल्दी बनाने का काम करता है.

– सीरम में ह्यालुरोनिक ऐसिड, बालों को हाइड्रेट व हेयर डैंसिटी को बढ़ाने का काम करता है.

– पौलीफिनोल्स नामक इनग्रीडिऐंट बालों में एंटीऔक्सीडैंट प्रोटैक्शन का काम करता है.

– विटामिन बी-12 रिच सीरम बालों को सुपर सौफ्ट फील देने का काम करता है.

इन इनग्रीडिऐंट्स से बचें

– पीइजी, पौलीक्वाटेर्नियम, आर्टिफिशियल कलर, डीसोडियम इडीटीए, फ्रैगरैंस जैसे हानिकारक कैमिकल्स से बचें. साथ ही इन में सिंथैटिक सिलिकौन का भी इस्तेमाल किया जाता है. यह बालों के ऊपर एक प्रोटैक्टिव लेयर बनाने का काम कर के मौइस्चर के लौस को रोकने में मददगार होता है. यह मौइस्चर के साथसाथ न्यूट्रिएंट्स को भी बालों तक जाने से रोकने का काम करता है, जो बालों के लिए नुकसानदायक साबित होता है.

हेयर कंडीशनर

कंडीशनर बालों को जरूरी न्यूट्रिएंट्स प्रदान कर के उन्हें हैल्दी, सौफ्ट बनाने का काम करता है. लेकिन हम में से अधिकांश महिलाएं यही सोचती हैं कि हम ने तो बालों की डलनैस व उन्हें सौफ्ट बनाने के लिए कंडीशनर का इस्तेमाल किया था, लेकिन इसे अप्लाई करने के 1 दिन बाद ही हमारे बाल वैसे के वैसे हो गए, जबकि कंडीशनर तो यह दावा करते हैं कि इस से बाल कई दिनों तक सिल्की हो जाएंगे.

तो आप को बता दें कि आप के कंडीशनर में जरूरत से ज्यादा कैमिकल्स का इस्तेमाल होने के कारण आप के बाल रूखे हुए हैं.

ऐसे में जरूरत है कि अगर आप डैमेज बालों की समस्या से जूझ रही हैं तो कोई भी कंडीशनर न खरीदें, बल्कि उस में शामिल किए गए इनग्रीडिऐंट्स को जरूर देखें. तभी आप को कंडीशनर का फायदा मिल पाएगा.

इनग्रीडिऐंट्स इन कंडीशनर

– एवोकाडो औयल में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी

ऐसिड्स बालों को मजबूत बना कर यूवी किरणों से उन्हें पूरी तरह से बचाने का काम करते हैं.

– वीट प्रोटीन आप के बालों की मजबूती को बढ़ा कर उस के मौइस्चर को फिर से वापस लौटाने का काम करता है.

– कंडीशनर में केराटिन का उपयोग उसे बालों के लिए लाभकारी बनाता है. बता दें कि केराटिन सैल्स को सौफ्ट बना कर स्प्लिट ऐंड्स की समस्या को कम करता है. जिस से बालों का मौइस्चर धीरेधीरे वापस लौटने लगता है.

– और्गन औयल में ओलिक और लिनोलेइक नामक फैटी ऐसिड्स होते हैं जो आप के बालों और स्कैल्प को फैटी लेयर प्रदान कर उन की ड्राईनैस, फ्रिजीनैस को दूर कर उन्हें सौफ्ट व स्मूद बनाने का काम करते हैं.

– पैंथेनोल यानी विटामिन बी 5 बहुत ही असरदार हुमेक्टैंट है जो हेयर शाफ्ट में ऐंटर कर बालों के मौइस्चर को बढ़ाने का काम करता है.

– शिया बटर में विटामिन ए, ई और ऐसैंशियल फैटी ऐसिड्स होते हैं जो बालों को हीट प्रोडक्ट्स के कारण हुए नुकसान से बचाने के साथसाथ बालों की फ्रिजीनैस को कम कर उस की शाइन को भी बढ़ाने में मददगार है.

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इन इनग्रीडिऐंट्स से बचें

– पैराबेंस, सल्फेट्स, ट्रिक्लोसन, सिंथैटिक कलर्स, फ्रैगरैंस, रैटिनील पल्मीटेट. ये धीरेधीरे बालों के मौइस्चर को खत्म करने के साथसाथ स्किन ऐलर्जी का भी कारण बनते हैं. इसलिए इन तत्त्वों से बने कंडीशनर का इस्तेमाल करने से बचें वरना डैमेज हेयर्स की हालत और खराब हो जाएगी.

शैंपू

धूलमिट्टी व प्रदूषण के कारण हमारे बाल आए दिन गंदे हो जाते हैं. उन में गंदगी व बालों में औयल आने के कारण उन में रफनैस भी आ जाती है, जिस से नजात पाने के लिए हम आए दिन शैंपू का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप जानती हैं कि जिस शैंपू का इस्तेमाल आप बिना सोचेसम?ो बालों से गंदगी व डैमेज बालों की रिपेयर करने के लिए कर रही हैं, वह आप के बालों को और डैमेज कर रहा है. ऐसे में आप के लिए यह जानना जरूरी है कि आप हफ्ते में कितने दिन व आप के शैंपू में ऐसी क्या खूबियां हों जो बालों से गंदगी भी निकाल दें और बालों को बिना डैमेज किए उन्हें सौफ्ट बनाने का भी काम करें.

इनग्रीडिऐंट्स इन शैंपू

– डीप नरिशिंग शैंपू है बैस्ट, जिस में है वर्जिन औलिव औयल व विटामिन ई की खूबियां क्योंकि यह बालों को डीटौक्स करने के साथसाथ उन की रफनैस, फ्रिजीनैस को दूर कर उन्हें सौफ्ट व शाइनी लुक देता है.

– शैंपू में फर्मेंटेड राइस वाटर, प्रो विटामिंस, एमिनो ऐसिड जैसे तत्त्व कुछ ही दिनों में  डैमेज बालों में फिर से नई जान डालने का काम करते हैं.

– ऐप्पल साइडर विनेगर में अल्ट्रा ऐसिडिक पावरहाउस इनग्रीडिऐंट होने के कारण यह बालों की शाइन को बढ़ाने के साथसाथ डैमेज हेयर्स को फिर से स्मूद बनाने का काम करता है.

– शैंपू में सोया प्रोटीन बालों को न्यूट्रिएंट्स दे कर उन की हैल्थ का खास खयाल रखता है क्योंकि इस से जड़ें मजबूत व उन में चमक आती है.

– हनी मौइस्चर शैंपू ड्राई व डैमेज बालों को हाइड्रेट रख कर उन के मौइस्चर को फिर से वापस लौटाने का काम करता है. यह हेयर फौलिकल्स को मजबूती प्रदान कर उन्हें झड़ने से भी रोकने का काम करता है.

 इन इनग्रीडिऐंट्स से बचें

– शैंपू में सल्फेट्स जो सोडियम लौरयल सलफेट व सोडियम लौरेथ सल्फेट के नाम से इनग्रीडिऐंट्स होता है. यह बालों को ड्राई बनाने के साथसाथ स्किन ऐलर्जी का भी कारण बनता है.

– पैराबेंस जैसे प्रोपिल और ऐथिल पैराबेंस यह जहां हेयर प्रोडक्ट्स की शैल्फ लाइफ को बढ़ाने का काम करते हैं, वहीं ये फीमेल हारमोन को प्रभावित कर के उन में कैंसर के खतरे को भी बढ़ाते हैं.

– ट्रिक्लोसन एक ऐंटीबैक्टीरियल एजेंट होता है, जो प्रिजर्वेटिव के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. यह आप की वसा कोशिकाओं में जमा हो कर शरीर के लिए खतरा पैदा करता है.

– सोडियम क्लोराइड शैंपू को गाड़ा बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इस से स्कैल्प पर ड्राईनैस, जलन व बाल झड़ने की समस्या भी पैदा होती है. इस में डलने वाली खुशबू कैमिकल्स से भरपूर होती है, जिस से स्कैल्प को नुकसान पहुंचने के साथसाथ अस्थमा, कैंसर जैसी घातक बीमारियां भी हो सकती हैं.

– सेलेनियम सल्फाइड तत्त्व कैंसर का कारण बनता है.

– शैंपू में इस्तेमाल होने वाले कलर्स हमारी इम्यूनिटी को कमजोर बनाने का काम करते हैं.

– रैटिनील पल्मीटेट से स्किन पीली होने, रैडनैस, जलन की परेशानी होती है.

 हेयर मास्क

हेयर मास्क बालों को न्यूट्रिशन देने का काम करता है क्योंकि इस में बालों को मौइस्चर प्रदान करने वाले तत्त्व होते हैं. यह कंडीशनर के मुकाबले बालों को कहीं अधिक पोषण देता है. लेकिन तभी जब हेयर मास्क नैचुरल चीजों से बना हुआ हो और आप को इस की पूरी जानकारी हो.

यहां हम आप को कुछ ऐसे हेयर मास्क के बारे में बता रहे हैं, जो डैमेज बालों को ठीक करने के साथसाथ बालों में सौफ्टनैस लाने का भी काम करते हैं:

– केराटिन और और्गन औयल हेयर मास्क हेयर फौल को रोक कर बालों को हाइड्रेट, मौइस्चर प्रदान करने के साथसाथ उन की रिपेयर करने का काम भी करता है. केराटिन हमारे बालों में मौजूद नैचुरल प्रोटीन होता है. लेकिन प्रदूषण, धूलमिट्टी व धूप के कारण यह बालों से गायब हो जाता है, जिसे बालों में दोबारा से रिस्टोर करने के लिए आर्टिफिशियल केराटिन ट्रीटमैंट दिया जाता है, जिस से बाल फिर से सौफ्ट नजर आने लगते हैं. वहीं और्गन औयल में विटामिन ई की मौजूदगी बालों को सौफ्ट व सिल्की बनाने का काम करती है. खास बात यह है कि यह सभी तरह के बालों पर सूट करता है.

  मार्केट में 200 मिलीलीटर हेयर मास्क की कीमत ₹500 के करीब है.

– रैड ओनियन ब्लैक सीड औयल से बना हेयर मास्क बालों के मौइस्चर को रिस्टोर करने में मदद करता है. यह पतले, कमजोर व बाल झड़ने की प्रौब्लम को ठीक करता है. इस में पैराबीन, सल्फेट, सिलिकोंस व कलर नहीं है यानी पूरी तरह से नैचुरल. जहां रैड ओनियन में विटामिंस, एंटीऔक्सीडैंट्स होने के कारण यह बालों के पीएच लैवल को मैंटेन रखने का काम करता है वहीं ब्लैक सीड औयल में एंटीऔक्सीडैंट्स व नौरिशमैंट प्रौपर्टीज होने के कारण यह फ्री रेडिकल्स से बालों को होने वाले नुकसान से बचाने का काम कर के उन्हें सुपर हैल्दी बनाने का काम करता है. मार्केट में  200 मिलीलीटर हेयर मास्क की कीमत ₹400 के करीब है.

– कोलेजन हेयर मास्क, जो ब्लैक सीड औयल, और्गन औयल व शिया बटर की खूबियों से भरपूर है. इस में रूखे व डैमेज बालों को ठीक करने की क्षमता है क्योंकि इस में विटामिंस और जरूरी फैटी ऐसिड्स होने के कारण यह हीट व कैमिकल्स के कारण बालों को पहुंचे नुकसान को ठीक कर फिर से बालों में नई जान डालने का काम करता है. इस के 100 ग्राम पैक की कीमत ₹250 के करीब है.

– राइस वाटर हेयर मास्क इसलिए खास है क्योंकि इस में पाया जाने वाला इनोसिटोल तत्त्व डैमेज हेयर्स के अंदर तक जा कर उन की रिपेयर करता है. यह सल्फेट, सिलिकौन व पैराबीन फ्री प्रोडक्ट है. इस के 200 मिलीलीटर पैक की कीमत  ₹530 के करीब है.

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  हेयर केयर टिप्स

– हफ्ते में एक बार हेयर मास्क जरूर अप्लाई करें.

– हेयर कलर व कैमिकल स्टाइलिंग ट्रीटमैंट्स से दूर रहें.

– रैग्युलर ट्रिंमिंग करवाएं. इस से ड्राई, डैड व स्प्लिट ऐंड्स ठीक होते हैं.

– बालों को रब न करें. इस से बालों के डैमेज होने का डर रहता है.

– खुद को हाइड्रेट रखने के लिए खूब पानी पीएं.

– आप की डाइट पौष्टिक तत्त्वों से भरपूर हो.

– शैंपू हफ्ते में 3 बार से ज्यादा न करें.

4 बैस्ट औयल्स

कोकोनट औयल: इस में विटामिंस, मिनरल्स व जरूरी फैटी ऐसिड्स होने के कारण यह बालों की जड़ों तक जा कर उन्हें न्यूट्रिशन देता है, जिस से बाल लंबे, घने, मजबूत व उन में सौफ्टनैस आती है. स्प्लिट ऐंड्स की समस्या से भी नजात मिलती है.

और्गन औयल: इस में एंटीऔक्सीडैंट्स और विटामिंस होने के कारण यह फ्रिजी, कमजोर व ड्राई बालों की समस्या से फाइट करने में मददगार है.

आमंड औयल: यह औयल एंटीऔक्सीडैंट्स, विटामिंस व प्रोटीन से भरपूर होने के कारण यह बालों को टूटने और झड़ने से बचाता है और उन के मौइस्चर को लौक करता है.

औलिव औयल: इस में ऐक्सफौलिएटिंग व डैंड्रफ फाइटिंग प्रौपर्टीज होने के कारण यह बालों की ड्राईनैस को कम कर के हैल्दी बाल देने में मदद करता है.

ब्यूटी ट्रैंड में आए वाटर टिंट फाउंडेशन लुक के बारे में जानना चाहती हूं?

सवाल-

मैं आप के कौलम में पढ़ती आई हूं कि फाउंडेशन मेकअप का बेस बनता है. इसलिए हाल ही में ब्यूटी ट्रैंड में आए वाटर टिंट फाउंडेशन लुक के बारे में जानना चाहती हूं?

जवाब-

वाटर टिंट फाउंडेशन मेकअप में अभी लेटैस्ट ट्रैंड है जिस में फाउंडेशन की पतली सी लेयर आप की स्किन को हैल्दी व हाइड्रेटेड लुक देती है. इस तरह का लुक पाने के लिए आप को टिंटेड मौइस्चराइजर या लाइटवेट फाउंडेशन अप्लाई करना होगा, जो आप की स्किन को दे ईवन टोन, लाइट और वाटरी लुक.

वाटर टिंट फाउंडेशन लुक पाने के लिए आप स्किन की क्लींजिंग और टोनिंग के बाद टिंटेड मौइस्चराइजर लगाएं. यह एक तरह का डबल कोट वर्क वाला मौइस्चराइजर होता है. अगर आप इस का इस्तेमाल करती हैं तो यह आप की स्किन को हाइड्रेट रखने का भी काम करेगा. आप इस गरमी वाले मौसम में अपनी स्किन को प्रोटैक्ट करने के लिए यह मौइस्चराइजर इस्तेमाल कर सकती हैं.

यह हर तरह की स्किन को सूट करता है और साथ ही सैंसिटिव स्किन के लिए भी उपयुक्त है. अब वाटर टिंट फाउंडेशन चुनें, जोकि स्किन पर आसानी से लगता है और ब्लैंड हो जाता है. यदि आप की स्किन ड्राई है तो फैशियल मिस्ट लगाएं ताकि आप का वाटरी लुक मैंटेन रह सके.

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अगर आप को अपनी फ्रैंड की पार्टी में जाना हो और आप की स्किन डल, चेहरे पर दागधब्बे नजर आ रहे हों, जिन के कारण आप पार्टी में नहीं जाना चाहती हैं. लेकिन आप की फ्रैंड ने झट  से आप को एक समाधान बता दिया, जिस से मिनटों में आप की स्किन चमकदमक उठेगी और कोई यकीन भी नहीं कर पाएगा कि आप ने पार्लर से नहीं, बल्कि खुद से अपना रूप निखारा है.

अगर आप ने उस प्रोडक्ट को अपनी स्किन टाइप को ध्यान में रख कर नहीं खरीदा तो आप का चेहरा इतना बेढंगा लगेगा कि आप खुद उसे देख कर हैरान रह जाएंगी.

जी हां, यहां हम बात कर रहे हैं फाउंडेशन की, जो स्किन को खूबसूरत बनाने का काम करता है. इसलिए इस के चयन में अपनी स्किन टाइप को ध्यान में जरूर रखें.

कैसेकैसे फाउंडेशन

लिक्विड फाउंडेशन: अगर बिगनर्स और ड्राई स्किन वालों की बात करें तो लिक्विड फाउंडेशन उन के लिए बैस्ट है क्योंकि यह एक तो इजी टु अप्लाई है और दूसरा यह आसानी से स्किन में ब्लैंड हो जाता है. लिक्विड फाउंडेशन औयल और वाटर बेस फौर्मूले से मिल कर बनाया जाता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- कैसे चुनें परफैक्ट फाउंडेशन

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

आईना: रिश्तों में संतुलन ना बनाना क्या शोभा की एक बढ़ी गलती थी

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मोबाइल तकिए से रखें दूर, वरना हो सकता है नुकसान

जब से फोन का स्वरूप बदला और इतना छोटा हो गया कि वह हम सब की मुट्ठी के अंदर समाने लगा तब यह बहुगुणी भी हो गया, बातचीत और पूरी दुनिया के काम निबटाने के कारण इस छोटे रूप का मोबाइल सब के पास हर समय हर वक्त साथी की तरह रहने लगा. यह सौ फीसदी सच है कि मोबाइल के द्वारा आप पूरी दुनिया की जानकारी अपनी जेब में रख सकती हैं. इसी कारण मोबाइल जीवन का जरूरी अंग बन गया है. लोग इस के बिना जी नहीं पाते हैं. यहां तक कि सुबह, दोपहर, शाम, दिनरात हर पल मोबाइल को अपने पास रखना नहीं भूलते हैं. किसी को चिंता होती है कि कोई जरूरी फोन न आ जाए या किसी को जल्दी उठने के लिए उसी में अलार्म लगाने की जरूरत होती है. आमतौर पर लोगों की यह आदत होती है कि वे रात को सोते समय अपने तकिए के नीचे मोबाइल रख कर सो जाते हैं. लेकिन जो भी ऐसा कर रहा है उस की यह आदत बिलकुल गलत है. ऐसा करने से आगे आने वाले समय में आप को सिरदर्द और चक्कर आने की समस्याएं हो सकती हैं. मोबाइल से निकलने वाला इलैक्ट्रोमैग्नेटिक रैडिएशन काफी नुकसानदेह होता है. लत है गलत

जैसेजैसे मोबाइल फोन और टैबलेट का साइज बढ़ता जा रहा है वैसेवैसे ये गैजेट्स और अधिक नुकसानदेह बनते जा रहे हैं. रात को जब अंधेरा होने लगता है तो हमारा शरीर मैलाटोनिन नाम का तत्त्व शरीर में छोड़ने लगता है. यह तत्त्व शरीर को नींद के लिए तैयार करता है.

मगर मोबाइल फोन और टैबलेट की डिस्पले स्क्रीन से निकलने वाली नीलीहरी  रोशनी इस तत्त्व को नहीं बनने देती. इस वजह  से शरीर में बहुत ही कम मात्रा में मैलाटोनिन बनता है जिस से आसानी से नींद भी नहीं आती. हमें यह कोशिश करनी चाहिए कि नीलीहरी रोशनी के बजाय उन की डिस्पले स्क्रीन से पीलीलाल रोशनी निकले.

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बढ़ा नुकसान

रातभर मोबाइल को तकिए के पास रखने को ले कर हुए कई अध्ययनों में भी कहा गया है कि इस से तमाम दिक्कतें हो सकती हैं, जिन में प्रमुख हैं- बारबार होने वाला सिरदर्द, सिर में कभीकभी ?ान?ानाहट होना और उस ?ान?ानाहट से निराशा पैदा होना, कम काम करने पर भी लगातार थकान महसूस करना, बेवजह ही चलते हुए चक्कर आना, निराशा और नकारात्मक सोच का बहुत बढ़ जाना, घंटों तक कोशिश कर के भी गहरी नींद न आना, आंखों में सूखापन बनने लगना, किसी भी काम में ध्यान न लगना, शारीरिक श्रम से जी चुराना, कानों में आवाज बजना जैसा महसूस होना, पास बैठ कर बात करने में भी किसी वाक्य को साफ सुनने में कमी, याददाश्त में कमी, पाचनतंत्र में गड़बड़ी, अनियमित धड़कन, जोड़ों में दर्द इतना ही नहीं  रातभर मोबाइल पास रहेगा तो वह आप की त्वचा की सामान्य उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है. समय से पहले ?ार्रियां, त्वचा की सूजन, खुजली तक की समस्याओं में योगदान देता है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

आज सारी दुनिया के सभी चिकित्सकों का यही कहना है कि अगर सोने से पहले मोबाइल फोन अथवा टैबलेट का इस्तेमाल न किया जाए तो लगभग एक घंटे की नींद और ली जा सकती है. उन का कहना है कि हमारी जैविक घड़ी धरती की चौबीसों घंटों की घड़ी के साथ तालमेल बैठा कर काम करती है.

वैज्ञानिकों का मानना है कि दिमाग में एक मास्टर घड़ी होती है जिस पर वातावरण के कई कारणों से भी असर पड़ता है. नींद पूरी न होने से सेहत को काफी नुकसान पहुंचता है. अच्छी नींद लेने के लिए जरूरी है कि सोने से कम से कम 1 घंटा पहले मोबाइल फोन, टैबलेट, लैपटौप जैसी चीजों का इस्तेमाल करना बंद कर दें.

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आईना- भाग 1 : रिश्तों में संतुलन ना बनाना क्या शोभा की एक बढ़ी गलती थी

आंखें फाड़फाड़ कर मैं उस का चेहरा देखती रह गई. शोभा के मुंह से ऐसी बातें कितनी विचित्र और बेतुकी सी लग रही हैं, मैं सोचने लगी. जिस औरत ने पूरी उम्र दिखावा किया, अभिनय किया, किसी भी भाव में गहराई नहीं दर्शा पाई उसी को आज गहराई दरकार क्यों कर हुई? यह वही शोभा है जो बिना किसी स्वार्थ के किसी को नमस्कार तक नहीं करती थी.

‘‘देखो न, अभी उस दिन सोमेश मेरे लिए शाल लाए तो वह इतनी तारीफ करने लगी कि क्या बताऊं…पापा इतनी सुंदर शाल लाए, पापा की पसंद कितनी कमाल की है. पापा यह…पापा वह,’’ शोभा अपनी बहू चारू के बारे में कह रही थी, ‘‘सोमेश खुश हुए और कहने लगे कि शोभा, तुम यह शाल चारू को ही दे दो. मैं ने कहा कि इस में देनेलेने वाली भी क्या बात है. मिलबांट कर पहन लेगी. लेकिन सोमेश माने ही नहीं कहने लगे, दे दो.

‘‘मेरा मन देने को नहीं था. लेकिन सोमेश के बारबार कहने पर मैं उसे देने गई तो चारू कहने लगी, ‘मम्मी, मुझे नहीं चाहिए, यह शेड मुझ पर थोड़े न जंचेगा, आप पर ज्यादा जंचेगा.’

‘‘मैं उस की बातें सुन कर हैरान रह गई. सोमेश को खुश करने के लिए इतनी तारीफ कर दी कि वह भी इतराते फिरे.’’

भला तारीफ करने का अर्थ यह तो नहीं होता कि आप को वह चीज चाहिए ही. मुझे याद है, शोभा स्वयं जो चीज हासिल करना चाहती थी उस की दिल खोल कर तारीफ किया करती थी और फिर आशा किया करती थी कि हम अपनेआप ही वह चीज उसे दे दें.

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हम 3 भाई बहन हैं. सब से छोटा भाई, शोभा सब से बड़ी और बीच में मैं. मुझे सदा प्रिय वस्तु का त्याग करना पड़ता था. मैं छोटी बहन बन कर अपनी इच्छा मारती रही पर शोभा ने कभी बड़ी बहन बन कर त्याग करने का पाठ न पढ़ा.

अनजाने जराजरा मन मारती मैं इतनी परिपक्व होती गई कि मुझे उसी में सुख मिलने लगा. कुछ नया आता घर में तो मैं पुलकित न होती, पता होता था अगर अच्छी चीज हुई तो किसी भी दशा में नहीं मिलेगी.

‘‘एक ही बहू है मेरी,’’ शोभा कहती, ‘‘क्याक्या सोचती थी मैं. मगर इस के तो रंग ही न्यारे हैं. कोई भी चीज दो, इसे पसंद ही नहीं आती. एक तरफ सरका देगी और कहेगी नहीं चाहिए.’’

शोभा मेरी बड़ी बहन है. रक्त का रिश्ता है हम दोनों में मगर सत्य यह है कि जितना स्वार्थ और दोगलापन शोभा में है उस के रहते वह अपनी बहू से कितना अपनापन सहेज पाई होगी मैं सहज ही अंदाजा लगा सकती हूं.

चारू कैसी है और उसे कैसी चीजें पसंद आती हैं यह भी मैं जानती हूं. मैं जब पहली बार चारू से मिली थी तभी बड़ा सुखद सा लगा था उस का व्यवहार. बड़े अपनेपन से वह मुझ से बतियाती रही थी.

‘‘चारू, शादी में पहना हुआ तुम्हारा वह हार और बुंदे बहुत सुंदर थे. कौन से सुनार से लिए थे?’’

‘‘अरे नहीं, मौसीजी, वे तो नकली थे. चांदी पर सोने का पानी चढ़े. मेरे पापा बहुत डरते हैं न, कहते थे कि शादी में भीड़भाड़ में गहने खो जाने का डर होता है. आप को पसंद आया तो मैं ला दूंगी.’’

कहतीकहती सहसा चारू चुप हो गई थी. मेरे साथ बैठी शोभा की आंखों को पढ़तीपढ़ती सकपका सी गई थी चारू. बेचारी कुशल अभिनेत्री तो थी नहीं जो झट से चेहरे पर आए भाव बदल लेती. झुंझलाहट के भाव तैर आए थे चेहरे पर, उस से कहां भूल हुई है जो सास घूर रही है. मौसी अपनी ही तो हैं. उन से खुल कर बात करने में भला कैसा संकोच.

‘‘जाओ चारू, उधर तुम्हारे पापा बुला रहे हैं. जरा पूछना, उन्हें क्या चाहिए?’’ यह कहते हुए शोभा ने चारू को मेरे पास से उठा दिया था. बुरा लगा था चारू को.

चारू के उठ कर जाने के बाद शोभा बोली, ‘‘मेरी दी हुई सारी साडि़यां और सारे गहने चारू मेरे कमरे में रख गई है. कहती है कि बहुत महंगी हैं और इतनी महंगी साडि़यां वह नहीं पहनेगी. अपनी मां की ही सस्ती साडि़यां उसे पसंद हैं. सारे गहने उतार दिए हैं. कहती है, उसे गहनों से ही एलर्जी है.’’

शोभा सुनाती रही. मैं क्या कहती. एक पढ़ीलिखी और समझदार बहू को उस ने फूहड़ और नासमझ प्रमाणित कर दिया था. नाश्ता बनाने का प्रयास करती तो शोभा सब के सामने बड़े व्यंग्य से कहती, ‘‘नहीं, नहीं बेटा, तुम्हें हमारे ढंग का खाना बनाना नहीं आएगा.’’

‘‘हर घर का अपनाअपना ढंग होता है, मम्मी. आप अपना ढंग बताइए, मैं उसी ढंग से बनाती हूं,’’ चारू शालीनता से उत्तर देती.

‘‘नहीं बेटा, समझा करो. तुम्हारे पापा  और अनुराग मेरे ही हाथ का खाना पसंद करते हैं.’’

अपने चारों तरफ शोभा ने जाने कैसी दीवार खड़ी कर रखी थी जिसे चारू ने पहले तो भेदने का प्रयास किया और जब नहीं भेद पाई तो पूरी तरह उसे सिरे से ही नकार दिया.

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‘‘कोई भी काम नहीं करती. न खाना बनाती है न नाश्ता. यहां तक कि सजतीसंवरती भी नहीं है. अनुराग शाम को थकाहारा आता है, सुबह जैसी छोड़ कर जाता है वैसी ही शाम को पाता है. मेरे हिस्से में ऐसी ही बहू मिलने को थी,’’ शोभा कहती.

‘‘कल चारू को मेरे पास भेजना. मैं बात करूंगी.’’

‘‘तुम क्या बात करोगी, रहने दो.’’

‘‘किसी भी समस्या का हल बात किए बिना तो नहीं निकलेगा न.’’

शोभा ने साफ शब्दों में मना कर दिया. वह यह भी तो नहीं चाहती थी कि उस की बहू किसी से बात करे. मैं जानती हूं, चारू शोभा के व्यवहार की वजह से ही ऐसी हो गई है.

‘‘बस भी कीजिए, मम्मी. मुझे भी पता है कहां कैसी बात करनी चाहिए. आप के साथ दम घुटता है मेरा. क्या एक कप चाय बनाना भी मुझे आप से सीखना पड़ेगा. हद होती है हर चीज की.’’

चारू एक बार हमसब के सामने ही बौखला कर शोभा पर चीख उठी थी. उस के बाद घर में अच्छाखासा तांडव हुआ था. जीजाजी और शोभा ने जो रोनाधोना शुरू किया कि उसी रात चारू अवसाद में चली गई थी.

अनुराग भी हतप्रभ रह गया था कि उस की मां चारू को कितना प्यार करती हैं. यहां तक कि चाय भी उसे नहीं बनाने देतीं. नाश्ता तक मां ही बनाती हैं. बचपन से मां के रंग में रचाबसा अनुराग पत्नी की बात समझता भी तो कैसे.

आगे पढ़ें- अस्पताल रह कर चारू लौटी तो अपने ही…

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सिंपल लुक में भी खूबसूरत लगती हैं बैरिस्टर बाबू की बड़ी बोंदिता, देखें फोटोज

कलर्स के सीरियल बैरिस्टर बाबू (Barrister Babu) में बड़ी बोंदिता यानी आंचल साहू (Anchal Sahu) की एंट्री हो चुकी हैं, जिसे दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं. हालांकि कुछ लोग छोटी बोंदिता यानी औरा भटनागर के रिप्लेस होने के कारण एक्ट्रेस आंचल साहू (Anchal Sahu) को ट्रोल करते हुए भी नजर आ रहे हैं. लेकिन आज हम आपको आंचल साहू (Anchal Sahu) की किसी खबर के बारे में नहीं बल्कि उनके फैशन के बारे में बताएंगे.

आंचल साहू (Anchal Sahu) सिंपल लुक में काफी खूबसूरत लगती हैं. इसलिए उनका फैशन भी सिंपल लेकिन ट्रैंडी होता है. आइए आपको दिखाते हैं बैरिस्टर बाबू की बड़ी बोंदिता के फैंशन की झलक…

सिंपल लुक कैरी करना पसंद करती हैं बोंदिता

 

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बड़ी बोंदिता यानी आंचल साहू (Anchal Sahu)सिंपल लुक कैरी करना पसंद करती हैं, जिसका अंदाजा उनके इंस्टाग्राम अकाउंट की फोटोज को देखकर लगाया जा सकता है. आंचल अक्सर सिंपल सूट कैरी करते हुए नजर आती हैं, जिसे फैंस काफी पसंद करते हैं. वहीं इन लुक्स में आंचल की खूबसूरत की तारीफ फैंस करते रहते हैं.

 

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वेस्टर्न लुक भी होता है ट्रैंडी

 

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आंचल साहू (Anchal Sahu) के वेस्टर्न लुक की बात करें तो सिंपल डैनिम स्कर्ट के साथ औफशोल्डर टौप हो या जींस के साथ क्रौप टौप, हर लुक में आंचल साहू (Anchal Sahu) का लुक बेहद खास होता है. सिंपल  वेस्टर्न अंदाज में आंचल साहू फैंस का दिल जीतती नजर आती हैं.

 

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पार्टी वियर लुक में गिराती हैं बिजलियां

 

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पार्टी वियर लुक की बात करें तो हैवी अनारकली सूट में बड़ी बोंदिता बेहद खूबसूरत लगती हैं. लाइट कलर के हैवी अनारकली सूट में आंचल साहू (Anchal Sahu) किसी परी से कम नहीं लगती. उनका हर लुक इन दिनों सोशलमीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसे देखकर फैंस काफी खुश हैं.

 

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Monsoon Special: क्या आपका घर बारिश के लिए तैयार है?

मानसून में घर की, खासकर लकड़ी के फर्नीचर और दरवाजेखिड़कियों की देखभाल बहुत जरूरी होती है, वरना मानसून के बाद उनका आकार और रंग, दोनों खराब हो सकते हैं. अगर आप अपना घर बारिश के लिए तैयार नहीं रखती हैं तो यह मौसम भारी मुसीबत का कारण बन सकता है. बारिश का मतलब है नमी, बदबूमारते कपड़े, अलमारियों में फंगल इंफेक्शन और भी बहुत कुछ. इसलिए इस खूबसूरत मौसम का मजा आप ले सकें, इसके लिए आपको थोड़ी-सी तैयारी करनी होगी…

1. फर्नीचर की देखभाल करें

मौसम की नमी लकड़ी की गुणवत्ता और शेप पर बहुत बुरा असर डालती है. इसमें फंगस जमा हो सकती है. इस मौसम में हल्के गीले कपड़े की बजाय साफनरम और सूखे कपड़े से फर्नीचर साफ करें. लेमिनेटेड फर्नीचर जैसे स्टडी डेस्क, अलमारी, शटर या डोर को साफ करने के लिए साबुन और पानी का इस्तेमाल करें. इस बात का खास खयाल रखें कि अलमारी में रखने से पहले कपड़े पूरी तरह से सूख चुके हों. अलमारी में थोड़ी-बहुत सूखी नीम की पत्तियां भी डाल दें.

2. कारपेट्स और रग्स साफ रखें

मानसून कारपेट्स और रग्स पर बहुत ही बुरा असर डालता है. बारिश में खिड़कियां खुली न रखें, उनसे नमी अंदर आकर कारपेट्स में समा जाएगी. नम कारपेट्स फंगस का बहुत बड़ा घर होते हैं. इसी तरह से कारपेट पर गीले फुटवियर ले जाने से भी बचें. बेहतर होगा कि पंखा चलाए रखें. कारपेट्स को नियमित रूप से वैक्यूम क्लीन करती रहें. वैसे अच्छा यही होगा कि इस मौसम में भारी कारपेट्स उठा कर रख दें. आप ईकोफ्रेंडली कारपेट्स भी इस्तेमाल कर सकती हैं. इनकी ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती.

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3. सीलन आने से रोकें

बारिश के दिनों में अक्सर दीवारों और छतों पर सीलन आ जाती है. अगर दीवार या छत पर हल्की सी भी दरार है, खिड़कियां सही नहीं हैं तो घर की दीवारें बुरी तरह से प्रभावित होती हैं. इससे पेंट भी पपड़ी के रूप में उतर सकता है. इन दिनों जो पेंट्स लगाए जाते हैं, वे भी नमी को आसानी से पकड़ लेते हैं और फिर पपड़ी के रूप में उतर जाते हैं. आरसीसी की छत में भी पानी घुस सकता है. इसलिए बारिश आने से पहले ही पूरे घर की दीवारों को चेक करें और सारे पाइपों और नालियों की सफाई करवा लें.

सोफों की सफाई

बारिश के मौसम सोफों को वैक्यूम क्लीन करना न भूलें. वैक्यूमिंग करते समय क्लीनर को गर्म हवा वाले मोड पर रखें. सोफे के कोनों में नेफ्थलीन की गोलियां डाल दें.

ऐसा भी करें

रसोई के सारे केबिनेट्स को खाली करके अच्छी तरह साफ करें. खाना खुला न छोड़ें. फ्रिज को भी अच्छी तरह साफ करके देख लें, जो खाद्य सामग्री पुरानी हो गई है, उसे फेंक दें. पेड़पौधों की कटाई करें. बारिश में पेड़-पौधे जल्दी बढ़ते हैं, इसलिए इन्हें ट्रिम कर दें.

बारिश के मौसम में दीमक बहुत तेजी से बढ़ती है. इसलिए पूरे घर के खिड़की-दरवाजे चेक करें कि कहीं कोई दीमक तो नहीं लगी हुई. इस मौसम में घर में कोई तोड़फोड़ या रिनोवेशन न करवाएं.

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बारिश से पहले गद्दों को निकालकर धूप दिखा दें. इससे बारिश में कोई कीड़े बिस्तरों में नहीं लगेंगे.

नमी को पूरी तरह से नियंत्रित करने की कोशिश करें. इलेक्ट्रिकल गैजेट्स को लेकर विशेष सावधानी बरतें. उन्हें सिलिकॉन पाउच में रखें.

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