DIY टिप्स से दूर भगाएं शरीर की बदबू

आज अधिकांश महिलाएं अपने फेस की स्किन को तो खूबसूरत बनाने के लिए प्रयास करती हैं, जिसके लिए बाथरूम शेल्वस व अपनी मेकअप किट में फेसवाश, मॉइस्चराइजर, एक्सफोलिएटर्स व स्किन की केयर के विभिन ब्यूटी ट्रीटमेंट्स रखती हैं.  लेकिन शरीर से आने वाली दुर्गंध के प्रति ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं.  जिससे उन्हें अपने फ्रैंड्स व अपनों के सामने शर्मिंदा होना पड़ता है. खासकर अब जब गर्मियों की  शुरुवात हो गई है तो शरीर से ज्यादा पसीना आने के काऱण दुर्गंध आने लगती है. ऐसे में जरूरी है कि वे स्किन के साथसाथ शरीर के आने वाली दुर्गंध पर भी ध्यान दें, ताकि उनकी ओवरआल पर्सनालिटी निखर कर आ सके.

बता दें कि पसीना आना एक सामान्य सी स्तिथि है, जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी माना जाता  है. क्योंकि पसाने के जरिए शरीर से विषैले प्रधर्त  बाहर जो निकलते हैं और साथ ही शरीर को ठंडक भी पहुंचती है. लेकिन समस्या तब उत्पन होती है जब हमारी त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया पसीने में मौजूद प्रोटीन को तोड़ना शुरू करते हैं , जिसके कारण शरीर से बदबू आनी शुरू हो जाती है, जिसके कारण हमें दूसरों के सामने खड़े होने में शर्मिंदगी महसूस होने लगती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी किचन में ही कुछ ऐसी चीजें हैं , जिन्हें इस्तेमाल करके आप शरीर की दुर्गंध से निजात पा सकते हैं.  तो जानते हैं इस बारे में स्किनवर्क्स की फाउंडर नेहा जुनेजा से.

1. लेमन जूस 

लेमन जूस विटामिन सी में रिच होने के कारण न सिर्फ आपको हाइड्रेट रखने का काम करता है बल्कि आपके पाचन तंत्र को ठीक रखने के साथसाथ आपके वजन को भी तेजी से कम करता है. यही नहीं बल्कि आपकी स्किन को भी ग्लोइंग बनाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लेमन जूस स्किन के पीएच लेवल को कम करके उन बैक्टीरिया को मारने का काम करता है, जो शरीर में बदबू पैदा करने का काम करते हैं. इसके लिए आप आधे नींबू को काटकर उसे अपनी अंदरआर्म्स में 2 – 3 मिनट तक रब करें , फिर ड्राई होने के साथ साफ पानी से क्लीन करें. या फिर कटे हुए नींबू पर थोड़ा सा नमक लगाकर उससे अंदरआर्म्स को 10 मिनट तक आराम से रब करें. फिर साफ पानी से क्लीन करें. ऐसा आपको हफ्ते में 4 बार करना होगा. इससे आपको पसाने की बदबू से निजात मिलेगा.

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2. टी 

चाय में मौजूद टैनिन्स स्किन को ड्राई रखकर पसीने से होने वाली दुर्गंध को कम करने का काम करते हैं. इसके लिए आप थोड़े से पानी को अच्छे से उबाल कर उसमें ग्रीन टी को डालकर थोड़ा और उबालें. फिर इसे ठंडा कर छानकर स्वेटिंग प्रोन एरिया पर अप्लाई कर 5 से 10  मिनट के बाद साफ पानी से क्लीन कर लें. या फिर आप 1 लीटर पानी को उबाल कर उसमें 2 टी बैग्स को डालकर 10 मिनट के लिए उसे रेस्ट करने के लिए छोड़ दें. फिर इस सोलूशन को  अपने नहाने के पानी में डालकर इससे नहाएं. ऐसा हफ्ते में  अगर आप  2 – 3 बार करेंगी तो इससे आपको पसीने की बदबू से निजात मिलेगा.

3. बेकिंग सोडा 

बेकिंग सोडा त्वचा के पीएच लेवल में बदलाव लाकर बैक्टीरिया ग्रोथ को होने से रोकता है.  जिससे शरीर से आने वाली दुर्गंध कंट्रोल होती है. इसके लिए आप बेकिंग सोडा को अंदरआर्म्स व अपने पैरों की उंगलियों के बीच लगाकर पूरी रात के लिए छोड़ दें. और फिर हाथों की मदद से ही क्लीन कर लें.  इससे ये मोइस्चर को ट्रैप करके आपकी अंदरआर्म्स व पैरों से आने वाली दुर्गंध को कम करने का काम करेगा. यहां तक की आप एक कप पानी में 2 बड़े चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर उसे स्प्रे बोतल में डालकर रोजाना स्वेटिंग वाली जगह पर अप्लाई कर सकते हैं . इससे आपके कपड़ों पर दाग न लगे, इसके लिए इसे लगाने के बाद पहले ड्राई होने दें. अगर आप बराबर मात्रा में बेकिंग सोडा में कॉर्नस्ट्रॉच मिलाकर इसके पाउडर को भी एफ्फेक्टेड एरिया पर अप्लाई करते हैं तो इससे भी पसीने से आने वाली दुर्गंध कंट्रोल होती है.

4. टोमेटो जूस 

टमाटर में एस्ट्रिंजेंट और एन्टिओक्सीडैंट्स प्रोपर्टीज होने के कारण ये अतिरिक्त पसीने वाली ग्रंथि के सताव के साथसाथ शरीर की सतह से बैक्टीरिया को भी हटाने में सक्षम होता है . इसके लिए आप टमाटर के रस में कपड़े को डुबोकर उसे अपने शरीर की उन जगहों पर लगाएं,  जहां से दुर्गंध आती हो. इससे पोर्स बंद होने के साथसाथ अतिरिक्त मात्रा में निकलने वाले पसीना में भी कमी आती है. इस प्रक्रिया को आपको हफ्ते में 2 बार दोहराने पर ही असर दिखाई देगा.

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5. एप्पल साइडर विनेगर 

इसमें एसिडिक प्रोपर्टीज होने के कारण ये शरीर से विषाक्त रोगाणुओं को नस्ट करने का काम करता है. इसके लिए आप एप्पल साइडर विनेगर में कॉटन बाल्स को डिब करके उसे आर्मपिट्स , पैरों व उंगलियों पर लगाकर आधा घंटे के लिए लगा छोड़ दें. इससे त्वचा पर पनपने वाले बैक्टीरिया नष्ट होने से दुर्गंध भी कम होगी. इस तरह आप घर पर ही शरीर से आने वाली दुर्गंध को दूर कर पाएंगे.

क्या तुलसी का इस्तेमाल रंगरूप निखारने के लिए किया जा सकता है?

सवाल-

क्या तुलसी का इस्तेमाल रंगरूप निखारने के लिए किया जा सकता है?

जवाब-

तुलसी एक जड़ीबूटी है, जिस का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है. तुलसी में कई ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा और बालों से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं. इस के इस्तेमाल से किसी भी तरह के साइड इफैक्ट का खतरा नहीं होता है.

तुलसी और नीम के पत्तों को पीस कर पेस्ट तैयार कर लें. फिर इस में शहद की कुछ बूंदें मिला लें. पेस्ट को पिंपल्स पर लगा कर सूखने दें. कुछ दिन यह उपाय करने पर पिंपल्स दूर हो जाएंगे.

अगर आप के सिर में रूसी है तो तुलसी के पत्तों का पेस्ट बना लें. फिर इसे आंवले के पाउडर के साथ मिला कर स्कैल्प में लगाएं. कुछ देर बाद बालों को धो लें. इस के अलावा आप चाहें तो तुलसी की पत्तियों को पानी में उबाल कर भी प्रयोग में ला सकती हैं. दांतों में पीलापन आ जाना एक आम समस्या है. आप चाहें तो तुलसी की पत्तियों को सुखा कर पाउडर बना इस से मंजन करें. इस के अलावा संतरे के छिलकों के साथ पीस कर पेस्ट भी बना सकती हैं. इस पेस्ट के नियमित इस्तेमाल से पायरिया की शिकायत भी दूर हो जाती है.

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तुलसी एक जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं इसका इस्तेमाल रूप-रंग निखारने के लिए भी किया जा सकता है? तुलसी में कई ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो त्‍वचा और बालों से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में सहायक हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- तुलसी के पत्तों से निखारें रंग-रूप

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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Winter special: स्नैक्स में बनाएं खट्टामीठा समोसा

अगर आप अपनी फैमिली के लिए नई रेसिपी ट्राय करने की सोच रही हैं तो खट्टामीठा समोसा आपके लिए बेस्ट औप्शन है.

सामग्री पेस्ट्री की

– 2 कप मैदा

– 1/4 कप घी

– नमक स्वादानुसार.

सामग्री भरावन की

– 1/4 कप बीकानेरी सेव

– 1 छोटा चम्मच नारियल का बूरा

– 1 छोटा चम्मच साबूत धनिया

– 1 छोटा चम्मच सौंफ

– 1/2 छोटा चम्मच जीरा

– 1 बड़ा चम्मच काजू कटे

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– 1 बड़ा चम्मच किशमिश

– 1/2 छोटा चम्मच हलदी

– 1 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

– 1/2 छोटा चम्मच गरममसाला

– 1 कप आलू उबले

– 1 बड़ा चम्मच प्याज कटा

– थोड़ा सा कच्चा आम कटा

– थोड़ा सी धनियापत्ती

– 1/2 छोटा चम्मच चीनी

– पर्याप्त तेल

– नमक स्वादानुसार.

बनाने का तरीका

एक बाउल में मैदा, थोड़ा सा नमक और घी डाल कर कुनकुने पानी से नरम आटा गूंधें. तैयार आटे को गीले मलमल के कपड़े से ढक कर 30 मिनट के लिए रख दें. भरावन तैयार करने के लिए पैन में थोड़ा सा औयल गरम कर जीरा चटकाएं.

फिर इस में सौंफ और साबू धनिया डाल कर भूनें. अब काजू और किशमिश डाल कर 1-2 मिनट तक चलाएं. फिर इस में प्याज, नमक डाल कर थोड़ा भूनें. अब नारियल बूरा, हलदी पाउडर, लालमिर्च पाउडर, गरममसाला, कच्चा आम व आलू डाल कर 1-2 मिनट तक अच्छे से पकाएं.

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सेव, धनियापत्ती, चीनी और नमक भी मिला कर कुछ देर भूनें फिर आंच से उतार लें. आटे की लोइयां बेल कर भरवान भरें और समोसे का आकार दे कर अच्छी तरह सील करें. ग्राम तेल में सुनहरा होने तक समोसे तलें और आमपुदीने की चटनी के साथ सर्व करें.

9 टिप्स: घर में होगी मच्छरों की नो एंट्री

मच्छर को सब से खतरनाक कीट माना जाता है. यह विभिन्न प्रकार के जीवाणु लिए होता है. मच्छर गड्ढों, तालाबों, स्थिर जलाशयों, अंधेरे या नमी युक्त स्थानों पर पाए जाते हैं. सिर्फ मादा मच्छर ही मनुष्य या पशुओं का खून चूसती है, जबकि नर मच्छर पेड़पौधों का रस चूसते हैं. मच्छरों के काटने से मलेरिया, चिकनगुनिया, पीला बुखार, डेंगू आदि कई प्रकार की बीमारियां होती हैं. हर साल करीब 30 करोड़ लोग इन से प्रभावित होते हैं. इन के काटने से बचना सभी के लिए बहुत जरूरी है.

इस बारे में स्किन रोग विशेषज्ञा डा. सरोज सेलार कहती हैं कि आजकल मच्छरों का प्रकोप बहुत अधिक बढ़ गया है. ये गांवों और छोटे कसबों से ज्यादा शहरों में पनपने लगे हैं. इस की वजह शहरों में हो रहा निर्माणकार्य है, जिस से पानी का जमाव एक जगह पर कई दिनों तक रहता है और फिर उस में मच्छर आसानी से ग्रो कर जाते हैं. मच्छरों के काटने से बचने के उपाय निम्न हैं:

1. मच्छर भगाने वाली क्रीम और लोशन का शरीर के खुले भागों पर प्रयोग करें. कई बार ऐसी क्रीम से स्किन पर रैशेज हो जाते हैं. ऐसे में स्किन रोग विशेषज्ञ से सलाह लें.

2. कीटनाशक स्प्रे करने और अगरबत्ती जलाने से भी मच्छर भाग जाते हैं.

3. अगर घर में वयस्क या बच्चे, जिन्हें सांस की बीमारी हो, उन्हें बाजार के कैमिकल युक्त उत्पादों से तकलीफ हो सकती है. ऐसे में मच्छरों को भगाने के लिए हमेशा कैमिकल फ्री क्रीम या लोशन का ही प्रयोग अधिक अच्छा रहता है. टीट्री औयल एक अच्छा औप्शन है.

4. आजकल कई कंपनियां आयुर्वेदिक लोशन व क्रीमें बना रही हैं, जो स्किन के लिए हानिकारक नहीं होतीं. अत: उन्हें लगाया जा सकता है.

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5. नारियल का तेल, लैवेंडर का तेल, लौंग का तेल, नीलगिरी का तेल, तुलसी के पत्तों का रस, नीम का तेल, पुदीने के पत्तों का रस, लहसुन का रस आदि में से किसी को भी शरीर पर लगाने या छिड़काव करने से भी मच्छर भाग जाते हैं, साथ ही ये स्किन के लिए हानिकारक भी नहीं होते. बच्चे और वयस्क सभी इन्हें लगा सकते हैं.

6. कमरे में मच्छर न आने देने के लिए कर्पूर और नीलगिरी के तेल को जला सकते हैं. इस से धुआं नहीं निकलता. उस की स्मैल से ही मच्छर भाग जाते हैं.

7. जब बाहर निकलें, तो पूरी बाजू वाली कमीज और ढीली पैंट पहनें.

8. रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.

9. शाम को कमरे की खिड़कियों और दरवाजे को बंद कर बाद में खोलें. इस से मच्छर अंदर नहीं आ सकेंगे.

पनपने से रोकने के लिए इन बातों का भी रखें ध्यान

डा. सरोज कहती हैं कि मच्छरों को अपने आसपास न पनपने दें. इस के निम्न उपाय हैं:

– अपने आसपास पानी जमा न होने दें. जमा पानी में मच्छर जल्दी ग्रो करते हैं.

– आसपास ऐसी जगह हो जहां पानी जमा होता ? हो, तो उस जगह को मिट्टी से भर दें या क्लोरीन डाल कर ढक कर रखें, नालियों में फ्यूमिगेशन करें.

– आसपास के क्षेत्र और खुद को हमेशा साफसुथरा रखने की कोशिश करें.

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कुछ पेड़पौधे भी आसपास लगाने से मच्छर कम होते हैं. मसलन, तुलसी, पुदीना, अजवाइन के पौधे. नीलगिरी और नीम के पेड़ के आसपास भी मच्छर कम होते हैं.

चाहत के वे पल: अपनी पत्नी गौरा के बारे में क्या जान गया था अनिरुद्ध

Serial Story: चाहत के वे पल- भाग 2

शेखर का मन हुआ अभी गौरा को जलील कर के हाथ पकड़ कर ले आए पर वह चुपचाप थके पैरों से औफिस न जा कर घर ही लौट आया. बच्चे हैरान हुए. वह चुपचाप बैडरूम में जा कर लेट गया. बेहद थका, व्यथित, परेशान, भीतरबाहर अनजानी आग में झुलसता, सुलगता… ये सब चीजें, यह घर, यह परिवार कितनी मेहनत, कितने संघर्ष और कितनी भागदौड़ के बाद व्यवस्थित किया था. आज अचानक जैसे सब कुछ बिखरता सा लगा. बेशर्म, धोखेबाज, बेवफा, मन ही मन पता नहीं क्याक्या वह गौरा को कहता रहा.

शेखर अपने मातापिता की अकेली संतान था. उस के मातापिता गांव में रहते थे. गौरा के मातापिता अब दुनिया में नहीं थे. वह भी इकलौती संतान थी. शेखर की मनोदशा अजीब थी. एक बेवफा पत्नी के साथ रहना असंभव सा लग रहा था. पर ऐसा क्या हो गया… उन के संबंध तो बहुत अच्छे हैं. पर गौरा को उस के प्यार में ऐसी क्या कमी खली जो उस के कदम बहक गए… अगर वह ऐसे बहकता तो गौरा क्या करती, उस ने हालात को अच्छी तरह समझने के लिए अपना मानसिक संयम बनाए रखा.

गौरा जैसी पत्नी है, वह निश्चित रूप से अपने पति को प्यार से, संयम से संभाल लेती, वह इतने यत्नों से संवारी अपनी गृहस्थी को यों बरबाद न होने देती… तो वह क्यों नहीं गौरा की स्थिति को समझने की कोशिश कर सकता? वह क्यों न बात की तह तक पहुंचने की कोशिश करे? बहुत कुछ सोच कर कदम उठाना होगा.

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2 घंटे के बाद गौरा आई, अब तक बच्चे खेलने बाहर जा चुके थे. शेखर को अकेला लेटा देख वह चौंकी, फिर प्यार से उस का माथा सहलाते हुए उस के पास ही अधलेटी हो गई, ‘‘आप ने मुझे फोन क्यों नहीं किया? मैं फौरन आ जाती.’’

‘‘रचना को छोड़ कर?’’

‘‘कोई आप से बढ़ कर तो नहीं है न मेरे लिए,’’ कहते हुए गौरा ने शेखर के गाल पर किस किया.

शेखर गौरा का चेहरा देखता रह गया फिर बोला, ‘‘बहुत सुंदर लग रही हो.’’

‘‘अच्छा?’’

‘‘कैसी है तुम्हारी फ्रैंड?’’

‘‘ठीक है,’’ संक्षिप्त सा उत्तर दे कर गौरा खड़ी हो गई, ‘‘चाय बना कर लाती हूं, आप ने लंच किया?’’

‘‘हां.’’

गौरा गुनगुनाती हुई चाय बनाने चल दी. शेखर स्तब्ध था. इतनी फ्रैश, इतनी खुश क्यों? ऐसा क्या हो गया? बस, इस के आगे शेखर कोई कल्पना नहीं करना चाहता था. उस का दिमाग एक अनोखी प्लानिंग कर चुका था. शेखर अब सैर पर नियमित रूप से जाने लगा था. वह स्मार्ट था, मिलनसार था, उस ने धीरेधीरे सैर करते हुए ही अनिरुद्ध से दोस्ती कर ली थी. अपना नाम शेखर ने विनय बताया था ताकि गौरा तक उस का नाम न पहुंचे. शेखर बातोंबातों में अनिरुद्ध से दोस्ती बढ़ा कर, उस का विश्वास पा कर, उस से खुल कर उन के रिश्ते का सच जानना चाहता था. दोनों की दोस्ती दिनबदिन बढ़ती गई. शेखर गौरा का नाम लिए बिना अपने परिवार के बारे में अनिरुद्ध से बातें करता रहता था. अनिरुद्ध ने भी बताया था, ‘‘सीमा लखनऊ में अच्छे पद पर है. वह अपनी जौब छोड़ कर बनारस नहीं आना चाहती. मैं ही ट्रांसफर करवाने की कोशिश कर रह हूं.’’

शेखर हैरान हुआ. इस का मतलब यह तो अस्थाई रिश्ता है, इस का क्या होगा. लेकिन शेखर को इंतजार था कि अनिरुद्ध कब गौरा की बात उस से शेयर करेगा. कभी शाम को शेखर अनिरुद्ध को कौफी हाउस ले जाता, कभी बाहर लंच पर बुला लेता. कहता, ‘‘मेरी पत्नी मायके गई है, बोर हो रहा हूं.’’ उस की कोशिश अनिरुद्ध से ज्यादा से ज्यादा खुलने की थी और एक दिन उस की कोशिश रंग लाई. अनिरुद्ध ने उस के सामने अपना दिल खोल कर रख दिया, ‘‘यहां मेरी दोस्त है गौरा.’’

शेखर के दिल की धड़कनें बढ़ गईं. हथेलियां पसीने से भीग उठीं. एक पराए पुरुष के मुंह से अपनी पत्नी के बारे में सुनना आसान नहीं था.

अनिरुद्ध कह रहा था, ‘‘बहुत ही अच्छी है, हम साथ पढ़ते थे. अचानक फेसबुक पर मिल गए.’’

‘‘अच्छा? उस की फैमिली?’’

‘‘पति है, 2 बच्चे हैं, उन में तो गौरा की जान बसती है.’’

‘‘फिर तुम्हारे साथ कैसे?’’

‘‘बस यों ही,’’ कह अनिरुद्ध ने बात बदल दी. शेखर ने भी ज्यादा नहीं पूछा था. अब अनिरुद्ध अकसर शेखर से गौरा की तारीफ करता हुआ उस की बातें करता रहता था. उस ने यह भी बताया था कि पढ़ते हुए एकदूसरे के अच्छे दोस्त थे बस. कोई प्रेमीप्रेमिका नहीं थे, और आज भी. अनिरुद्ध चला गया था पर शेखर बहुत देर तक बैंच पर बैठा बहुत कुछ सोचता रहा. फिर उदास सा घर की तरफ चल पड़ा. आज शनिवार था. छुट्टी थी. गौरा ने थोड़ी देर बाद ही उस की कमर में पीछे से हाथ डालते हुए पूछा, ‘‘कहां खोए हुए हो? जब से सैर से आए हो, चेहरा उतरा हुआ है, क्या हुआ?’’

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शेखर को आज गौरा की बांहें जैसे कांटे सी चुभीं. उस के हाथ दूर करते हुए बोला, ‘‘कुछ नहीं, बस जरा काम की टैंशन है.’’

‘‘उफ,’’ कह कर गौरा उस का कंधा थपथपा कर किचन की तरफ बढ़ गई. आजकल शेखर अजीब मनोदशा में जी रहा था. गौरा सामने आती तो उसे कुछ कह न पाता था. घर के बाहर होता तो उस का मन करता, जा कर गौरा को पीटपीट कर अधमरा कर दे… अनिरुद्ध को उस के सामने ला कर खड़ा करे. कभी सालों से समर्पित पत्नी का निष्कपट चेहरा याद आता, कभी अनिरुद्ध की बातें याद आतीं. आज उस ने सोच लिया, छुट्टी भी है,

वह अनिरुद्ध से उन दोनों के संबंध के बारे में कुछ और जान कर ही रहेगा. शेखर ने अनिरुद्ध को फोन किया, ‘‘क्या कर रहे हो? लंच पर चलते हैं.’’

‘‘पर तुम्हारी फैमिली भी तो है?’’

‘‘आज उन सब को बाहर जाना है किसी के घर, मैं वहां बोर हो जाऊंगा. चलो हम दोनों भी लंच करते हैं कहीं.’’

‘‘ठीक है, आता हूं.’’

दोनों मिले. शेखर ने खाने का और्डर दे कर इधरउधर की बातें करने के बाद पूछा, ‘‘और तुम्हारी दोस्त के क्या हाल हैं? कहां तक पहुंची है बात, दोस्ती ही है या…?’’

‘‘वह सब कहने की बात थोड़े ही है, दोस्त,’’ अनिरुद्ध मुसकराया.

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Serial Story: चाहत के वे पल- भाग 1

‘‘गौरा जब हंसती है तो मेरे चारों तरफ खुशी की लहर सी दौड़ जाती है. कैसी मासूम हंसी है उस की इस उम्र में भी. मुझे तो लगता है उस के भोले, निष्कपट से दिल की परछाईं है उस की हंसी,’’ अनिरुद्ध कह रहा था और शेखर चुपचाप सुन रहा था. अपनी पत्नी गौरा के प्रेमी के मुंह से उस की तारीफ. यह वही जानता था कि वह कितना धैर्य रख कर उस की बातें सुन रहा है. मन तो कर रहा था कि अनिरुद्ध का गला पकड़ कर पीटपीट कर उसे अधमरा कर दे, पर क्या करे यह उस से हो नहीं पा रहा था. वह तो बस गार्डन में चुपचाप बैठा अनिरुद्ध की बातें सुनने के लिए मजबूर था.

फिर अनिरुद्ध ने कहा, ‘‘अब चलें… मेरा क्या है. मैं तो अकेला हूं, तुम्हारे तो बीवीबच्चे इंतजार कर रहे होंगे.’’

‘‘क्यों, आज गौरा मिलने नहीं आएगी?’’

‘‘आज शनिवार है. उस के पति की छुट्टी रहती है और उस के लिए पति और बच्चे पहली प्राथमिकता हैं जीवन में.’’

‘‘तो फिर तुम से क्यों मिलती है?’’

‘‘तुम नहीं समझोगे.’’

‘‘बताओ तो?’’

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‘‘फिर कभी, चलो बाय,’’ कह कर अनिरुद्ध तो चला गया, पर शेखर गुस्से में तपती अपनी कनपटियों को सहलाता रहा कि क्या करे. क्या घर जा कर गौरा को 2 थप्पड़ रसीद कर उस के इस प्रेमी की बात कर उसे जलील करे? पर क्या वह गौरा के साथ ऐसा कर सकता है? नहीं, कभी नहीं. गौरा तो उसे जीजान से प्यार करती है, उस के बिना नहीं रह सकती, फिर उस के जीवन में यह क्या और क्यों हो रहा है? यह अनिरुद्ध कहां से आ गया?

वह पिछले 3 महीनों के घटनाक्रम पर गौर करने लगा जब वह कुछ दिनों से नोट कर रहा था कि गौरा अब पहले से ज्यादा खुश रहने लगी थी. वह अपने प्रति बहुत सजग हो गई थी, सैर पर जाने लगी थी, ब्यूटीपार्लर जा कर नया हेयरस्टाइल, फेशियल, मैनीक्योर, पैडीक्योर सब करवाने लगी थी. पहले तो वह ये सब नहीं करती थी. अब हर तरह के आधुनिक कपड़ों में दिखती थी. सुंदर तो वह थी ही, अब बहुत स्मार्ट भी लगने लगी थी. दोनों बच्चों सिद्धि और तन्मय की देखरेख, घर के सारे काम पूरा कर अपने पर खूब ध्यान देने लगी थी. सब से बड़ी बात यह थी कि धीरगंभीर सी रहने वाली गौरा बातबात पर मुसकराती थी.

शेखर पर वह प्यार हमेशा की तरह लुटाती थी, पर कुछ तो अलग था, यह शेखर को साफसाफ दिख रहा था. अब तक गौरा ने शेखर को कभी शिकायत का मौका नहीं दिया था. उसे कुछ भी कहना शेखर को आसान नहीं लग रहा था. वह सच्चरित्र पत्नी थी, फिर यह क्या हो रहा है? क्यों गौरा बदल रही है? इस का पता लगाना शेखर को बहुत जरूरी लग रहा था. पर कुछ पूछ कर वह उस के सामने छोटा भी नहीं लगना चाहता था. क्या करे? गौरा का ही पीछा करता हूं किसी दिन, यह सोच कर उस ने मन ही मन कई योजनाएं बना डाली थीं.

शेखर गौरा का मोबाइल चैक करना चाहता था, पर उस की हिम्मत नहीं हो रही थी. घर में यह अलिखित सा नियम था, कोई किसी का फोन नहीं छूता था. यहां तक कि युवा होते बच्चों के फोन भी उन्होंने कभी नहीं छुए. पर कुछ तो करना ही था. एक दिन जैसे गौरा नहाने गई, उस ने गौरा का फोन चैक करना शुरू किया. किसी अनिरुद्ध के ढेरों मैसेज थे, जिन में से अधिकतर जवाब में गौरा ने अपने पति और बच्चों की खूब तारीफ की हुई थी. अनिरुद्ध से मिलने के प्रोग्राम थे. अनिरुद्ध? शेखर ने याद करने की कोशिश की कि कौन है अनिरुद्ध? फिर उसे सब कुछ याद आ गया.

गौरा ने एक दिन बताया था, ‘‘शेखर आज फेसबुक पर मुझे एक पुराना सहपाठी अनिरुद्ध मिला. उस ने फ्रैंड रिक्वैस्ट भेजी तो मैं हैरान रह गई. वह यहीं है बनारस में ही.’’

‘‘अच्छा?’’

‘‘हां शेखर, कभी मिलवाऊंगी, कभी घर पर बुला लूं?’’

‘‘फैमिली है उस की यहां?’’

‘‘नहीं, उस की फैमिली लखनऊ में है. उस की पत्नी वहां सर्विस करती है. 2 बच्चे भी वहीं हैं, वह अकेला रहता है यहां. बीचबीच में लखनऊ जाता रहता है.’’

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‘‘ठीक है, बुलाएंगे कभी,’’ शेखर ने थोड़ा रूखे स्वर में कहा, तो गौरा ने फिर कभी इस बारे में बात नहीं की थी. लेकिन दिनबदिन जब गौरा के अंदर कुछ अच्छे परिवर्तन दिखे तो वह हैरान होता चला गया. वह अभी भी पहले की ही तरह घरपरिवार के लिए समर्पित पत्नी और मां थी. फिर भी कुछ था जो शेखर को खटक रहा था. फोन चैक करने के बाद शेखर ने अब इस बात को बहुत गंभीरता से लिया. जाहिल, अनपढ़ पुरुषों की तरह इस बात पर चिल्लाचिल्ला कर शोर मचाना, गालीगलौज करना उस की सभ्य मानसिकता को गवारा न था. इस विषय में किसी से बात कर वह गौरा की छवि को खराब भी नहीं करना चाहता था. वह उस की पत्नी थी और दोनों अब भी जीजान से एकदूसरे को प्यार करते थे.

एक दिन गौरा ने जब कहा, ‘‘शेखर, मैं दोपहर में कुछ देर के लिए बाहर जा रही हूं… कुछ काम हो तो मोबाइल तो है ही.’’

शेखर को खटका हुआ, ‘‘कहां जाना है?’’

‘‘एक फ्रैंड से मिलने.’’

‘‘कौन?’’

‘‘रचना.’’

शेखर ने आगे कुछ नहीं पूछा था. लेकिन दोपहर में वह औफिस से उठ कर ऐसी जगह जा कर खड़ा हो गया जहां से वह गौरा को जाते देख सकता था. शेखर ने पहले बच्चों को स्कूल से आते देखा, फिर अंदाजा लगाया, अब गौरा बच्चों को खाना देगी, फिर शायद जाएगी. यही हुआ. थोड़ी देर में खूब सजसंवर कर गौरा बाहर निकली. अपनी सुंदर पत्नी को देख शेखर ने गर्व महसूस किया. फिर अचानक अनिरुद्ध के बारे में सोच कर उस के अंदर कुछ खौलने सा लगा. गौरा पैदल ही थोड़ी दूर स्थित नई बन रही एक सोसायटी की एक बिल्डिंग की तरफ बढ़ी. तीसरे फ्लैट की बालकनी में खड़े एक पुरुष ने उस की तरफ देख कर हाथ हिलाया. शेखर ने दूर से उस पुरुष को देखा. चेहरा जानापहचाना लगा उसे. यह तो रोज गार्डन में सैर करने के लिए आता है.

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Serial Story: चाहत के वे पल- भाग 3

‘‘मतलब? क्या तुम शारीरिक रूप से भी…’’

अनिरुद्ध ने उस की बात बीच में ही काट कर कहा, ‘‘चलो आज बताता हूं तुम्हें. असल में गौरा बहुत अच्छी है. वह हमेशा पहले भी अपनी मर्यादा में रहने वाली लड़की थी और आज भी वह बहुत अच्छी पत्नी और मां है. हम जब शुरू में मिले तो बातें बहुत आम सी होती रहीं. एक दिन जब गौरा मुझ से मिलने मेरे फ्लैट पर आई तो मैं ने पहली बार उस का हाथ पकड़ा. मुझे अचानक एक शेर याद आया था जो मैं ने उसे सुनाया भी था. उस का हाथ छुआ तो लगा, काश, सारी दुनिया उस के हाथ की तरह गरम और सुंदर होती. फिर मैं अपनेआप को रोक नहीं पाया था और मैं ने उसे बांहों में भर लिया. उस ने खुद पर नियंत्रण रखने की कोशिश की थी, लेकिन फिर वह सब हो गया जो होना नहीं चाहिए था. चाहत के उन पलों में उस ने खुद स्वीकार कर लिया कि उन पलों में वैसी चाहत, प्यार, सरसता उसे अपने पति के साथ अब नहीं मिलती.

उस ने बताया उस का पति है तो बहुत अच्छा इनसान पर अंतरंग पलों में उसे उस का मशीनी अंदाज उतना नहीं छूता जितना उसे मेरा स्पर्श अनोखे उत्साह से भर जाता है. उन पलों की मेरी चाहत में वह खो सी जाती है. उस का पति तो उन पलों को भी जरूरी काम समझता है. वह अंतरंग संबंधों का 1-1 पल जीना चाहती है, एक खुशनुमे माहौल में रोमांटिक समर्पण चाहती है. वह अपने पति को धोखा नहीं देना चाहती, वह अपने पति को बहुत प्यार करती है पर उस के मन के किसी कोने में बसी एक अधूरी सी कसक मेरे साथ मिटती है. कभीकभी पल भर में भी जीवन के अनंत पलों को एकसाथ जीया जा सकता है.

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गौरा उस पल यही महसूस करती है जब मेरे साथ होती है,’’ अनिरुद्ध कहे जा रहा था, खाना कब से सर्व हो कर ठंडा हो रहा था. शेखर बिलकुल सांस रोके अनिरुद्ध की बातें सुन रहा था, जो बताता जा रहा था, ‘‘गौरा जैसे एक प्यासा रेगिस्तान है और शायद उस का पति खुल कर बरसने की कला नहीं जानता. उस के जीवन में साथ रहना, सोना, खाना, पारिवारिक कार्यक्रमों में जाना सब कुछ है पर प्यार की उष्णता न जाने कहां खो गई है… अपने पति का साथ गौरा को किसी महोत्सव से कम नहीं लगता, उस का पति स्नेही भी है पर भावनाओं के प्रदर्शन में अत्यंत अनुदार वह अकसर भूल जाता है कि बच्चों और घर की अन्य जिम्मेदारियों के बीच चक्करघिन्नी सी नाचती गौरा भी प्यार चाहती है.’’ शेखर जो अब तक स्वयं को जीने की कला में पारंगत मानता था आज उसे एहसास हुआ कि उस से चूक हुई है.

‘‘आज तो मैं ने तुम्हें सब बता दिया, मेरे दिल पर भी एक बोझ सा है कि मैं भी सीमा के साथ गलत कर रहा हूं पर क्या करूं, अपने कैरियर के चलते मुझ से दूर रह कर भी उसे मेरी कमी नहीं खलती और यहां गौरा अपने पति के साथ रह कर भी चाहत भरे पल खोजती ही रह जाती है. शायद हमारे जीवन में कुछ न कुछ कमी रह ही जाती है. मुझे लगता है गौरा को जब यह पता चलेगा कि मेरा ट्रांसफर कभी भी हो सकता है तो वह बहुत दुखी होगी.’’

शेखर चौंका, ‘‘क्या? तुम्हारा ट्रांसफर?’’

‘‘हां, कोशिश कर रहा हूं, सीमा तो आएगी नहीं, बच्चे भी तो हैं. मुझे ही जाने की कोशिश करनी पड़ेगी. घरगृहस्थी सिर्फ सीमा की जिम्मेदारी तो नहीं है न.’’ सामने बैठा व्यक्ति शेखर को अचानक अपने से ज्यादा समझदार लगा. बिल शेखर ने

ही दिया. फिर दोनों अपनेअपने घर लौट आए. शेखर घर आया, बच्चे नहीं दिखे तो पूछा, ‘‘बच्चे कहां हैं?’’

‘‘एक बर्थडे पार्टी में गए हैं.’’

‘‘तो इस का मतलब हम दोनों अकेले हैं घर में.’’

गौरा ने ‘हां’ में सिर हिलाया. रास्ते भर शेखर को गुस्सा तो बहुत आ रहा था गौरा पर, नफरत भी हो रही थी पर गौरा को देखते ही वह उस से नाराज नहीं हो पाया. उस ने गौरा को बांहों में उठा लिया. गौरा हैरान हुई, फिर उस के गले में बांहें डाल दीं. शेखर खुद पर हैरान था. वह कैसे यह सब कर रहा है. उस ने गौरा पर प्यार की बरसात कर दी. गौरा हैरान सी मुसकराते हुए उस बरसात में नहाती रही. शेखर ने खुद नोट किया, सचमुच सालों हो गए थे गौरा के साथ ऐसा समय बिताए, सालों से वह मशीन बन कर ही तो करता है सारे काम. गौरा के चेहरे पर फैला संतोष और सुख पता नहीं क्याक्या समझा गया शेखर को.

बहुत देर तक शेखर ने गौरा को अपनी बांहों से आजाद नहीं किया तो गौरा हंस पड़ी, ‘‘आप को क्या हो गया आज?’’

‘‘क्यों, अच्छा नहीं लगा?’’

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‘‘मैं तो इन पलों को ढूंढ़ती ही रह जाती हूं, मुझे क्यों नहीं अच्छा लगेगा?’’ शेखर के कानों में अनिरुद्ध की आवाज गूंज गई. वह बहुत देर तक गौरा से बातें करता रहा, बहुत समय बाद दोनों ने बहुत ही अच्छा समय साथ बिताया. बच्चे आ गए तो दोनों उन से बातें करने में व्यस्त हो गए.

अगले 2 दिन शेखर अनिरुद्ध से कोई बात नहीं कर पाया. सैर पर भी नहीं जा पाया. वह बहुत व्यस्त था. तीसरे दिन सैर करते समय अनिरुद्ध मिला तो उस ने बताया, ‘‘मेरा ट्रांसफर हो गया है. मैं अगले हफ्ते चला जाऊंगा.’’

शेखर चौंका, ‘‘तुम्हारी दोस्त? उसे पता है?’’

‘‘नहीं, आज शाम को फोन पर बताऊंगा.’’

‘‘क्यों? वह आई नहीं मिलने?’’

‘‘नहीं, उस के बच्चों की परीक्षाएं हैं. वह व्यस्त है.’’

‘‘तो क्या उस से मिले बिना ही चले जाओगे?’’

‘‘शायद.’’

शेखर जब शाम को औफिस से आया तो उस ने गौरा का चेहरा पढ़ने की कोशिश की. क्या वह जानती है अनिरुद्ध जा रहा है, क्या वह उदास है? उसे कुछ अंदाजा नहीं हुआ. गौरा बच्चों को पढ़ा रही थी. शेखर फ्रैश हो कर आया तो बच्चों से कहने लगी, ‘‘अब तुम दोनों पढ़ो, मैं पापा के लिए चाय बनाती हूं.’’ बच्चे ड्राइंगरूम से उठ कर अपने कमरे में चले गए. शेखर ने चाय पीते हुए थोड़ीबहुत इधरउधर की बातें करने के बाद कहा, ‘‘अरे, वह जो तुम्हारा दोस्त था, क्या नाम है उस का?’’

‘‘अनिरुद्ध.’’

‘‘हां, क्या हाल हैं उस के?’’

‘‘ठीक है, उस का ट्रांसफर हो गया है, वह जा रहा है.’’

‘‘अच्छा?’’

‘‘हां, 2 दिन बाद,’’ शेखर को गौरा के चेहरे पर विषाद की एक रेखा भी नहीं दिखी, वह हैरान हुआ जब गौरा ने मुसकराते हुए आगे बात की, ‘‘और बताओ, दिन कैसा रहा?’’

‘‘ठीक रहा. तो वह जा रहा है?’’

‘‘तो उसे तो जाना ही था न. उस का परिवार है वहां. चलो, अब आप टीवी देखो, मैं जल्दी से खाने की तैयारी कर बच्चों की पढ़ाई देखती हूं,’’ कहते हुए गौरा उस के बाल छेड़ती मुसकरा दी. शेखर समझ ही नहीं पाया कि वह अनिरुद्ध के जाने पर खुल कर चैन की सांस ले, ठहाका लगाए या गौरा को सीने से लगा ले. पलभर की देर किए बिना शेखर ने उठ कर जाती गौरा को पीछे से बांहों में भर लिया.

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Bigg Boss 14 फेम Sonali Phogat को लगा बड़ा झटका, घर में हुई लाखों की चोरी

कलर्स के रियलटी शो ‘बिग बॉस 14’ के कंटेस्टेंट इन दिनों सोशलमीडिया पर छाए हुए हैं. वहीं घर से बाहर हो चुकी सोनाली फोगाट भी लगातार अपने वीडियो और बयानों को लेकर सुर्खियों में छाई हुई हैं.  लेकिन हाल ही में सोनाली फोगाट के साथ घर में चोरी हो गई है, जिसके चलते वह खबरों में आ गई हैं.

घर में हुई चोरी

बिग बॉस के घर से बाहर निकलने के बाद से सोनाली फोगाट (Sonali Phogat) अपने काम में के सिलसिले में चंडीगढ़ गई हुई थी, वहीं इस दौरान सोनाली फोगाट के हरियाणा वाले घर में लाखों की चोरी हो गई है. दरअसल, सोनाली काम के चलते चंडीगढ़ में 4-5 दिनों के लिए गई थीं, जिसके कारण उनके घर पर कोई भी मौजूद नहीं था. वहीं कहा जा रहा है कि सोनाली के घर से चांदी के बर्तन, सोने की ज्वेलरी और एक लाइसेंसी पिस्टल गायब हो गई है.

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प्लानिंग के साथ हुई चोरी

खबरों की मानें तो चोरी होने की खबर मिलते ही जब सोनाली ने तुरंत ही पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई तो उन्हें पता चला कि सोनाली फोगाट के घर में लगे सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) को भी चोर उठा ले गए. हालांकि पुलिस इस बात की पूरी छानबीन कर रही हैं.

वीडियो को लेकर छाई रहती हैं सोनाली


बिग बौस 14 के घर से निकलने के बाद से सोनाली अपनी कई फोटोज और वीडियो शेयर करती रहती हैं. वहीं हाल ही में एक वीडियो में उन्होंने रुबीना पर खाने के एक मुद्दे को लेकर जवाब भी दिया था.

बता दें, शो में सोनाली फोगाट, अली गोनी संग अपने क्रश को लेकर सुर्खियों में छाई हुई थीं, जिसके बाद वह शो से बाहर आने के बाद भी अली गोनी का सपोर्ट करती रहती हैं. वहीं हाल ही में एक इंटरव्यू ने अली गोनी और जैस्मीन की सगाई की खबरों पर भी मोहर लगाई थी.

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अनुपमा और वनराज के तलाक से टूटा पाखी का दिल, होगी डिप्रेशन का शिकार

स्टार प्लस के सीरियल अनुपमा (Anupama) अपनी जिंदगी की नई शुरुआत कर चुकी है. हालांकि इस सफर में उसके सामने कई नई मुसीबतें आ रही हैं. लेकिन इस सफर में अनुपमा का परिवार साथ दे रहा है. वहीं दूसरी तरफ काव्या की हरकतों का असर अब पाखी पर पड़ रहा है. इसी बीच शो में कुछ ऐसा होने वाला है, जिससे सभी परेशान हो जाएंगे. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

वनराज-अनुपमा का होता है तलाक

जारी ट्रैक के अनुसार बा नही चाहती की अनुपमा और वनराज का तलाक हो जाए. लेकिन अनुपमा डिवोर्स पेपर पर साइन कर देती है. हालांकि इस दौरान दोनों काफी इमोशनल नजर आते हैं. वहीं दूसरी तरफ वनराज के जन्मदिन को लेकर काव्या काफी उत्साहित है. लेकिन बा चाहती है कि वनराज घर पर उनलोगों के साथ बर्थडे मनाए. लेकिन काव्या ऐसा होने नही देगी.

 

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काव्या कहेगी ये बात

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि बा किंजल को ऑफिस से छुट्टी लेने के लिए कहेगी, लेकिन वो ऐसा करने से मना कर देगी. दूसरी तरफ काव्या, वनराज से पाखी को एक दिन के लिए अनुपमा के घर भेज देने की बात कहेगी ताकि हमदोनों साथ में समय बिता पाए. वहीं काव्या की ये बातें पाखी सुन लेगी और वह दुखी हो जाएगी.

 

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डिप्रेशन का शिकार होगी पाखी

 

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आने वाले एपिसोड में जहां काव्या, वनराज का बर्थडे सेलिब्रेट करेगी तो वहीं पाखी, वनराज से दूर रहना शुरू कर देगी. वहीं जब अनुपमा पाखी से बात करने की कोशिश करेगी तो उसे पाखी के बर्ताव में बदलाव नजर आएगा, जिसके बाद उसे पता चलेगा कि धीरे-धीरे पाखी डिप्रेशन का शिकार हो रही है. वहीं यह बात जब वह वनराज को बताएगी तो दोनों उसके साथ समय बिताने की कोशिश करेगें. अब देखना होगा कि क्या अनुपमा और वनराज पाखी को डिप्रेशन से बाहर निकाल पाएंगे.

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