Serial Story: यह रिश्ता नहीं हो सकता- भाग 3

राज को आश्चर्यचकित देख कैथ ने कहा, ‘‘अच्छा अब बताओ यहां कब तक रुक सकते हो?’’

‘‘मैं कल शाम तक लौटना चाहूंगा. 2-3 घंटों में एक प्रोजैक्ट का बचा काम पूरा कर लूंगा. पर क्या यहां एक ही रूम में रुकना है?’’

‘‘इतना बड़ा सूट क्या 2 के लिए काफी नहीं है? ऐंजौय टिल देन.’’

‘‘राजन और कैथ करीब 2 दिन वहां रहे. राजन ने फ्री लंच डिनर, ड्रिंक और वाटर पार्क सब का आनंद लिया. संडे शाम को राजन को ड्रौप करते हुए कैथ ने उसे 1000 डौलर कैश दिए. यही तुम्हारी जौब रहेगी और इसी तरह तुम्हें नियमित पेमैंट मिलती रहेगी. कम लगे तो बताना.’’

राजन और कैथ का इसी तरह मिलना होता. कभी वे आसपास शौर्ट वैकेशन पर एक दिन के लिए जाते. इसी दौरान जब दोनों ने पी रखी थी बल्कि कैथ ने तो बहुत ज्यादा पी ली थी उस की कुछ हरकतों से दोनों के धैर्य की सीमा टूट गई और जब एक बार यह टूटी तो आगे भी परहेज न रहा. राजन को कैश के अतिरिक्त अच्छेअच्छे गिफ्ट्स लैपटौप, कैमरा, ऐप्पल वाच आदि मिलते रहे. राजन का करीबकरीब पूरा खर्च कैथ उठाती रही, दोनों की जरूरतें पूरी होतीं. देखतेदेखते राजन की पढ़ाई भी पूरी हो गई और उसे टैक्सास में जौब भी मिल गई.

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जाते समय कैथ बोली, ‘‘अगर तुम चाहो तो बीचबीच में आ सकते हो मैं रिटर्न एयर टिकट भेज दूंगी.’’

ह्यूस्टन के राइस यूनिवर्सिटी कैफेटेरिया के एक कोने में एक दिन लोलिता कौफी पी रही थी. जिस टेबल पर वह कौफी पी रही थी वह एक छोटा सा टेबल था जिस पर सिर्फ 2 कुरसियां थीं. उस टेबल पर आमतौर पर लोलिता ही बैठा करती थी. बाकी टेबल पर स्टूडैंट्स गु्रप में बैठते. लोलिता को भीड़ या शोर पसंद नहीं था. उसी टेबल पर एक आदमी हाथ में कौफी का मग लिए आया और उस से पूछा, ‘‘क्या आप किसी और का इंतजार कर रही हैं?’’

लोलिता कुछ पल उसे देखती रही, फिर मुसकरा कर बोली, ‘‘जी, मैं किसी का इंतजार कर रही थी.’’

सौरी बोल कर वह जाने लगा तो लोलिता ने कहा, ‘‘हैलो, आप ने मेरी पूरी बात नहीं

सुनी है.’’

‘‘जी, कहिए.’’

‘‘दरअसल, मैं आप का ही वेट कर रही थी.’’ बोल कर लोलिता मुसकरा उठी, फिर बोली, ‘‘आप यहां बेतकल्लुफ हो कर बैठ सकते हैं.’’

‘‘थैंक्स,’’ बोल कर वह बैठ गया.

‘‘इस कैफेटेरिया में आप को पहली बार देख रही हूं.’’

‘‘जी, मैं राजन हूं. आज ही कंप्यूटर साइंस में टीचिंग असिस्टैंट के पद पर जौइन किया है.’’

‘‘ग्रेट, तब मैं आप की छात्रा लोलिता हूं. बी टैक फाइनल में हूं. खुशी हुई आप से मिल कर. अगर मैं गलत नहीं तो आप एशियन लगते हैं.’’

‘‘यस मैं इंडियन हूं और अगर मैं गलत नहीं तो आप रंग से अमेरिकन और रूप से इंडियन लगती हैं.’’

‘‘बिलकुल सही पकड़ा है आप ने… मेरे डैड भारतीय हैं और मौम अमेरिकन पर अब वे अलग हो चुके हैं और मैं डैड के साथ रहती हूं.’’

कुछ देर खामोश रहने के बाद राजन बोला, ‘‘आप एकांत में इस कोने में बैठीं किसी का इंतजार कर रही होंगी, इसलिए मैं आप से पूछ बैठा था.’’

‘‘मैं अकसर यहीं अकेली बैठना पसंद करती हूं. शायद कल से यह सीट खाली नहीं रहेगी.’’

‘‘क्यों?’’

‘‘क्योंकि इस पर आप बैठे होंगे.’’

‘‘आप मजाक अच्छा कर लेती हैं.’’

‘‘वैसे मजाक करने का मौका बहुत कम मिलता है. पर मैं आप की स्टूडैंट हूं. आप मुझे तुम कहें तो बेहतर होगा.’’

लोलिता और राजन में नजदीकियां बढ़ती गईं, दोनों एकदूसरे को चाहने लगे थे. लोलिता के डैड सैम को भी राजन पसंद था. 6 महीनों में लोलिता ने बी टैक पूरा किया. तब राजन ने उस से कहा, ‘‘अब हम दोनों शादी कर सकते हैं.’’

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‘‘मैं और डैड भी यही सोच रहे हैं.’’

‘‘तब शुभ काम में देरी नहीं होनी चाहिए, इसे भी जल्दी निबटा लेते हैं दोनों मिल कर.’’

शादी की तैयारियां हो रही थीं, शादी के कार्ड भी छप चुके थे. सैम, लोलिता

और राजन एकसाथ वैडिंग की प्लानिंग कर रहे थे. सैम और लोलिता गैस्ट लिस्ट बना रहे थे जहां कार्ड भेजने थे. राजन ने अपने भी कुछ गैस्ट के नाम लिखवा दिए थे.

राजन लोलिता का फोटो अलबम देख रहा था, उस में अचानक उस की नजर कैथरीन की फोटो पर पड़ी. उस ने लोलिता से पूछा, ‘‘यह लेडी कौन हैं?’’

‘‘ये मेरी मां हैं. हालांकि अब उन से हमारा संपर्क न के बराबर है फिर भी औपचारिकतावश एक कार्ड उन्हें भी भेज रहे हैं हम लोग. अगर

वे आना चाहें तो आ सकती हैं,’’ बोल कर लोलिता ने कैथ का कार्ड राजन को देखने के लिए बढ़ा दिया.

कैथ के बारे में जानने के बाद राजन के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं. हालांकि वह उसे छिपाने की पूरी कोशिश कर रहा था. कुछ देर बाद वह जब जाने लगा तो लोलिता उसे छोड़ने के लिए बाहर उस की कार तक आई. तब राजन ने साहस करते हुए कहा, ‘‘तुम लोग अभी शादी के कार्ड पोस्ट मत करना.’’

‘‘क्यों? शादी की तैयारियां हो रही हैं, शादी के कार्ड भी छप चुके हैं.’’

‘‘इसीलिए तो कह रहा हूं, अभी सिर्फ छपे ही हैं न, उन्हें रोक दो, किसी को नहीं भेजना है. मेरा कहा मानो  इसी में सब की भलाई है.’’

‘‘यह अचानक क्या हो गया तुम्हें? शादी क्यों पोस्टपोन करना चाहते हो?’’

‘‘मैं पोस्टपोन नहीं इस रिश्ते को पूरी तरह से खारिज करना चाहता हूं. यह रिश्ता किसी कीमत पर नहीं हो सकता है. आई एम डीपली सौरी बट हैल्पलैस.’’

‘‘पर यह शादी क्यों नहीं हो सकती है?’’

‘‘मैं इस से आगे कोई सफाई नहीं दे सकता हूं. बेहतर है हम दोस्त बने रहें तो यही काफी होगा. ओके, बाय.’’

राजन ने कार स्टार्ट की और वह तेजी से चल गया. वह मन में सोच रहा था कि अच्छा हुआ उस ने कैथ का फोटो भर ही देखा था. कहीं अचानक शादी के मौके पर वह मिल जाती तो कितना बुरा होता. मेरी भलाई इसी में है कि अब यह शहर जल्द से जल्द छोड़ दूं.

लोलिता और सैम सोचते रह गए कि आखिर शादी न करने की वजह क्या रही होगी. लाख कोशिशों के बावजूद उन्हें आज तक पता न चल सका और यह पहेली बनी रही, क्योंकि राजन शहर छोड़ कर कहीं और चला गया था. शायद अमेरिका से भी दूर किसी अन्य देश में.

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Serial Story: यह रिश्ता नहीं हो सकता- भाग 1

कैथरीन ने देर रात अपनी कार ड्राइव वे में पार्क की. फिर वह लड़खड़ाते कदमों से चल कर बैकयार्ड डोर खोलने की कोशिश करने लगी. वह नशे में थी, इसलिए चाबी की होल में ठीक से नहीं लगा पा रही थी. आहट सुन कर श्याम ने अंदर से दरवाजा खोला. कैथरीन अपना बैग एक तरफ फैंक कर लिविंगरूम में धम्म से सोफे पर बैठ गई.

श्याम ने कहा, ‘‘कैथ, अब तुम सिर्फ मेरी वाइफ ही नहीं हो एक बच्ची की मां भी हो. मैं तुम्हारी हरकतें न चाहते हुए भी बरदाश्त कर लेता हूं पर बेचारी लोलिता की सोचो वह 3 साल की हो गई है. उसे भी तुम्हारी जरूरत है.’’

‘‘व्हाट, सैम, तुम भी दकियानूसी वाली बात करते हो. लोलिता को हम बेबी केयर में भेज ही रहे हैं, उसे कोई प्रौब्लम नहीं है तो तुम्हें क्या प्रौब्लम है. अब मेरा मूड खराब न करो. चलो सोने चलें.’’

बैड पर लालिता को देख कर कैथ ने चिल्ला कर कहा, ‘‘मैं ने इस के लिए पिछले 10 दिनों से अलग रूम में बैड लगा दिया है और यह आज फिर यहां. इसे उस के कमरे में ले जाओ.’’

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‘‘बहुत मुश्किल से रोतेरोते सो पाई है, फिर इस की नींद खराब हो जाएगी. फिलहाल इसे यहीं रहने दो.’’

कैथ ने लोलिता को उठा कर अलग रूम में ले जाने लगी. तभी श्याम ने गुस्से से उस के हाथ से छीन कर फिर उसे बैड पर सुला दिया.

कैथ ने भी गुस्से में चिल्ला कर कहा, ‘‘हाऊ डेयर यू असौल्ट मी.’’

‘‘मैं ने असौल्ट कब किया? बस तुम्हारे हाथ से ले कर बेबी को वापस बैड पर सुला दिया,’’ सैम बोला.

‘‘इट्स औल द सेम. तुम ने फोर्सिबली छीना है मुझ से. आउट बोथ औफ यू. इस रूम से निकलो दोनों और मुझे सोने दो.’’

शोर से लोलिता उठ गई और वह डर गई थी. उसे गोद में ले कर सैम लोलिता के रूम में गया और दोनों वहीं सो गए.

श्याम एक भारतीय मूल का इंजीनियर था. कुछ वर्ष पूर्व वह अमेरिका के कैलिफोर्निया में आया था और उसे ग्रीन कार्ड मिल चुका था. उस के मातापिता भारत में थे. अगले 1-2 साल में उसे अमेरिकी नागरिकता मिलने की उम्मीद थी. करीब 5 साल पहले उस ने एक अमेरिकन लड़की कैथरीन से शादी की थी. हालांकि उम्र में वह श्याम से कुछ बड़ी थी. यह शादी उस के मातापिता की मरजी के विरुद्ध थी. कैथ उसी की कंपनी में रिसैप्शनिस्ट थी. कैथरीन स्कूल से आगे पढ़ नहीं सकी थी. उस की मां का देहांत उस के बचपन में हो गया था और उस के पिता का भी निधन शादी के एक साल बाद हो गया था. उस के पिता की संपत्ति के अलावा उसे इंश्योरैंस से भी काफी डौलर्स मिले थे. कैथरीन बचपन से ही स्वच्छंद स्वभाव की थी. वह श्याम को सैम कहती और श्याम भी उसे कैथ कह कर बुलाता था.

सुबह उठ कर सैम ने कैथ से पूछा, ‘‘कल रात की बातें कुछ याद भी है तुम्हें?’’

‘‘मुझे सब याद है, उतनी ज्यादा भी नहीं पी थी मैं ने.’’

‘‘अच्छा कुछ और पी लेती तो और हंगामा करती.’’

‘‘हंगामा तुम ने किया था, मैं ने नहीं.’’

‘‘मैं ने तो बस लोलिता का कमरा अलग कर दिया था और वहां कैमरा भी लगा दिया था ताकि उस पर नजर भी रख सकें.’’

‘‘लोलिता को मांबाप दोनों का प्यार चाहिए. अभी उतनी बड़ी भी नहीं है कि उस का अलग सोना जरूरी है.’’

‘‘यह तुम्हारा इंडिया नहीं है, यहां तो एक साल के बच्चों को भी लोग अलग सुलाने लगते हैं.’’

‘‘इंडिया और अमेरिका की बात कहां से आ गई. मैं तो वर्षों से अमेरिका में ही हूं और यहीं रहने जा रहा हूं. तुम ने भी यह जान कर मुझ से शादी की थी.’’

‘‘वही तो मेरी सब से बड़ी भूल थी.’’

‘‘अब बेकार बातों को तूल न दो. लोलिता की डे केयर तुम ड्रौप कर रही हो या नहीं?’’

‘‘नहीं, आज मैं हाफ डे लीव लूंगी, तुम ही ड्रौप कर देना.’’

‘‘और हां, बौस बोल रहा था तुम्हें समझाने के लिए… दफ्तर पी के न जाया करो. किसी ने तुम्हारे खिलाफ कंप्लेन की है.’’

‘‘बौस की ऐसीतैसी, वह जानता नहीं है कि नौकरी मेरी मजबूरी नहीं है, बस एक शौक है टाइम पास.’’

‘‘तुम्हारे लिए हो सकता है पर औफिस टाइम पास के लिए नहीं है.’’

‘‘तुम अपना काम करो और बौस को मैं हैंडल कर लूंगी.’’

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कैथ अकसर वीकैंड में क्लब से नशे की हालत में घर आती और सैम के साथ उस का झगड़ा होता. सैम की क्लब में कोई रुचि नहीं थी. एक बार उस ने इतनी ज्यादा पी ली कि उस की कार कोई दूसरा आदमी चला कर लाया और कैथ को अपने दोनों हाथों से उठा कर घर छोड़ने आया. सैम ने दरवाजा खोला तो देखते ही वह गुस्से से आगबबूला हो उठा. उस आदमी को धन्यवाद दे विदा कर कैथ से कहा, ‘‘यह क्या बदतमीजी है? तुम्हें शर्म नहीं आती कि इतना पी लेती हो कि गैरमर्द को तुम्हें बांहों में टांग कर लाना पड़ता है.’’

‘‘वह कोई अनजान नहीं था. मेरे स्कूल का साथी था. हम दोनों बहुत बार डेट पर भी जा चुके हैं और…’’

‘‘और क्या, तुम उस के साथ फिजिकल भी रही होगी. शेम औन यू.’’

‘‘माइंड योर टंग. मैं कोई कुएं की मेढक नही हूं, तुम्हारे जैसी कंजर्वेटिव नहीं हूं. मुझे घर से पूरी छूट थी.’’

‘‘मैं जानता हूं. तुम्हारी स्टैप मौम से नहीं पटती थी और तुम्हारा बाप जोरू का गुलाम था इसलिए ज्यादातर तुम नानी के यहां रही. उस के बाद बोर्डिंग में रही. तुम मुझे एक दिन वैकेशन में मिआमि में मिली… न जाने कैसे अचानक मुझ पर फिदा हो गई.’’

‘‘फिदा हो गई, माई फुट, तुम ने मुझे बीयर औफर की और मेरे साथ डांस करने के लिए रिक्वैस्ट की थी. मैं नहीं गई थी तुम्हारे पास.’’

‘‘स्टौप इट नाऊ, गो टु बैड. कल सुबह बात करते हैं.’’

इसी तरह तूतू, मैंमैं कर दोनों के दिन कट रहे थे. लोलिता अब बड़ी हो चली थी, वह अपनी मां के व्यवहार से दुखी थी और अपने पिता से उसे बहुत प्यार था. उसे हाई स्कूल में बोर्डिंग में भेज दिया गया.

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सोच बदलने से समाज बदलेगा, आखिर क्या कहना चाहती हैं रीना कपूर

धारावाहिक वो रहने वाली महलों की से चर्चित होने वाली अभिनेत्री रीना कपूर ने मनोरंजन की दुनिया में अपनी एक सफल इमेज बनाई है. उन्हें अलग और चुनौतीपूर्ण कहानी में काम करना पसंद है. उनका शो हमेशा हिट होने की वजह वे कहानी को मानती है, जो आम जिंदगी से जुडी हुई होती है, जिससे हर कोई रिलेट कर सकता है. सुंदर और हंसमुख रीना दंगल टीवी पर प्रसारित होने वाली शो रंजू की बेटियां में मुख्य भूमिका रंजू मिश्रा की निभा रही है. उनसे बात करना रोचक था, पेश है कुछ खास अंश.

सवाल-इस शो को करने की खास वजह क्या रही?

इस कहानी में रंजू एक महिला है जिसकी 4 बेटियां है. उसका पति उसे छोड़कर चला जाता है और वह सिंगल मदर बन अपनी चारों बेटियों की परवरिश करती है. ये किरदार बहुत ही चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि असल जिंदगी में ये समझा जाता है कि पुरुष का होना परिवार के लिए जरुरी है, उसके बिना घर नहीं चल सकता. इस सोच को हटाने के लिए यह धारावाहिक बनाई गयी है, जिसमें मैं माँ रंजू की भूमिका निभा रही हूं. रंजू अनपढ़ है और 4 बेटियों को जन्म दिया है, ऐसे में गुस्सा होकर उसका पति उसे छोड़कर दूसरी शादी कर लेता है. इसके अलावा एक सिंगल मदर की जद्दोजहद, समाज का नजरिया आदि को दिखाने की कोशिश की गयी है.

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सवाल-सिंगल मदर की भूमिका निभाना कितना मुश्किल था?

एक सेंसेटिव कलाकार किसी भी किरदार की बारीकियां आसानी से समझ जाता है. हर किसी के साथ ऐसी परिस्थिति आ सकती है. उसे सोचकर इस भूमिका को निभाई है.

सवाल-एक्टिंग में शौक था या इत्तफाक ?

एक्टिंग में आना कभी शौक नहीं था. अचानक आने के बाद अब शौक बन गया है. परिवार का सहयोग पूरा था, लेकिन पहले मैं टूरिज्म में कुछ करना चाहती थी, क्योंकि मेरी बहन की एक टूरिज्म कंपनी थी, लेकिन एक्टिंग में जब मौका मिला, तो उसी को मैंने अपना प्रोफेशन बना लिया. पहले मेरा परिवार और अब मेरे ससुराल वाले भी मेरे काम से बहुत खुश है. इसकी वजह यह भी है कि मैंने जो भूमिका निभाई है, वह हमेशा अलग और शालीनतापूर्ण रही है, जिससे मेरे परिवार वालों को शर्मिंदगी का सामना न करनी पड़े. वे मेरे काम से गर्व महसूस करते है. इसलिए काम को लेकर कभी समस्या नहीं आई.

सवाल-सिंगल मदर, विधवा या फिर डिवोर्सी, हमेशा महिलाओं पर इसका दोष मढ दिया जाता है, इस बारें में आपकी सोच क्या है?

कोई भी इंसान बुरा नहीं होता, बचपन से जो वह माता-पिता से सुनता आ रहा है, उसे ही वह सही समझता है और बड़े होकर एक महिला के साथ वैसे ही व्यवहार करता है, जैसा उसने अपने पिता को माँ के साथ करते हुए देखा है. इसे बदलने के लिए परिवार के सोच को बदलने की जरुरी है. इसलिए ऐसे शोज दिखाए जा रहे है, ताकि इसके परे भी वे दूसरी चीज को देख सकें. सोच बदलने से समाज अवश्य बदलेगी.

सवाल-आपकी शो ‘वो रहने वाली महलों की’ से आपको कितना फायदा हुआ था?

उससे मुझे सभी ने जाना, मैं घर-घर में पहचानी गयी. प्रसंशकों ने काफी तारीफ की और मुझे उस चरित्र के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का पुरस्कार भी मिला, लेकिन मुझे अब इस शो से भी काफी उम्मीद है, क्योंकि उस शो में मैंने एक साधारण लड़की की भूमिका निभाई थी, जबकि इसमें एक संघर्षरत महिला की कहानी है.

सवाल-आप अपने पति से कैसे मिली?

मेरा अरेंज्ड विवाह हुआ है. मेरे पति हेलिकॉप्टर के पायलट है.

सवाल-महिला सशक्तिकरण पर बहुत बातें की जाती है, आज महिलाये अपने बल पर हर क्षेत्र में काम भी कर रही है, लेकिन अभी भी वे कस्बो, छोटे या बड़े शहरों में प्रताड़ित होती है, इसकी वजह क्या मानती है?

इसकी जिम्मेदार खुद महिलाएं ही है, क्योंकि वे आगे आकर पुरुषों की गलतियों को बताने से हिचकिचाती है. किसी भी क्लास में महिलाएं कमाकर पुरुषों को भले ही खिला रही हो, पर वे  सबकुछ करने के बाद भी अपने आपको पुरुषों से कमतर समझती है. असल में महिलाओं को जन्म से सिखाया जाता है कि वे पुरुषों के साथ कंधा मिलाकर काम तो कर सकती है, पर उनकी बराबरी नहीं कर सकती, क्योंकि पुरुष तो पुरुष ही है. इसके आगे कोई जाना नहीं चाहती.

सवाल-आपने कई सफल शो किये है, पर फिल्मों में कम दिखने की वजह क्या है?

मुझे शो करना एक कम्फर्ट जोन लगता है. इसका रेगुलर टाइम अच्छा लगता है. इसमें किसी प्रकार की अनिश्चितता नहीं होती. इसके अलावा मैंने फिल्मों के लिए कभी कोशिश नहीं की है. मुझे फिल्में लार्जेर देन लाइफ लगती है, जिससे कोई अपने आपको जोड़ नहीं सकता, जबकि शो को दर्शक खुद से जोड़ सकता है. इतना ही नहीं फिल्मों के लिए निर्माता, निर्देशक से मिलना पड़ता है, जो कास्टिंग काउच का रूप कई बार धर लेती है. मुझे मालूम नहीं कि ये कितना होता होगा, लेकिन मैं किसी का सुनकर ही घबरा जाती हूं. मैं अपने इस काम से संतुष्ट हूं. मैं अधिक आशावादी नहीं.

सवाल-वेब सीरीज में कब आ रही है?

वेब की कंटेंट बहुत अच्छे होते है, लेकिन इसके सब्जेक्ट बहुत बोल्ड होते है. हो सकता है कि मेरी भूमिका बोल्ड न हो, लेकिन सीरीज में भी बोल्ड होने पर मैं अपने परिवारजन को देखने के लिए नहीं कह सकती.

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सवाल-आउटसाइडर होने की वजह से क्या पहला ब्रेक मिलने में परेशानी आई?

पहला ब्रेक मिलना आसान रहा, लेकिन बाद में एक अच्छे शो के लिए मुझे संघर्ष करने पड़े और ये अभी तक कर रही हूं. इन चीजो से बहुत कुछ सीखने को मिलता है और व्यक्ति ग्राउंडेड रहता है.

सवाल-समय मिलने पर क्या करना पसंद करती है?कोरोना काल में आपने क्या-क्या किया है?

मैं घर पर रहना पसंद करती हूं और पौधों को पानी डालना और उसकी देखभाल पर ध्यान देती हूं. कोरोना काल में हम सब घर पर रहे, बहुत कम बाहर निकलना हुआ. एक साल तक मैं दिल्ली, ससुराल में रही. सबने मिलजुलकर घर का काम किया.

सवाल-गृहशोभा के ज़रिये क्या मेसेज देना चाहती है?

महिलाएं समाज और परिवार की मुख्य होती है, ऐसे में उन्हें सम्मान देने की आवश्यकता है. महिला चाहे सिंगल हो या विधवा उसे कम नहीं समझना चाहिए. आज बहुत सारी सिंगल मदर्स है और वे अपने बच्चे की परवरिश अच्छे से कर भी रही है,ऐसे में परिवार और समाज को उनके प्रति अपनी सोच को बदलने की जरुरत है.

क्या ‘The Kapil Sharma Show’ में होगी डॉ. गुलाटी की वापसी, जानें क्या है मामला

टीवी के पौपुलर कॉमेडियन कपिल शर्मा (Kapil Sharma) इन दिनों शो ‘द कपिल शर्मा शो’ (The Kapil Sharma Show) बंद होने के चलते सुर्खियों में हैं. जहां वह अपने बेटे के होने के बाद फैमिली के साथ वक्त बिता रहे हैं तो वहीं शो के बंद होने से फैंस काफी दुखी हो गए हैं. लेकिन अब शो को दोबारा नए फौर्मेट में आने की खबरों से फैंस खुश हो गए हैं. साथ ही कहा जा रहा है कि द कपिल शर्मा शो में एक फिर सुनील ग्रोवर (Sunil Grover) नजर आने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला….

सलमान खान ने कराई बात!

खबरों की मानें तो काफी समय से चल रही कपिल शर्मा और सुनील ग्रोवर के बीच लड़ाई को सलमान खान ने खत्म करवा दिया है. द कपिल शर्मा शो के निर्माता सलमान खान का सुनील ग्रोवर से एक खास लगाव है, जिसके कारण वह चाहते हैं कि सुनील ‘द कपिल शर्मा शो’ पर वापसी करें. इसी कारण दोनों की सुलह करवाई गई है.

 

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फोटो को लेकर चली ये बात

 

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बीते दिनों ही कपिल शर्मा के मेकअप आर्टिस्ट ने सुनील ग्रोवर के साथ फेसबुक पर फोटो साझा की थी, जिसके बाद से खबरें सोशलमीडिया पर छा गई थीं कि सुनील ग्रोवर जल्द ही शो पर वापसी करेंगे. हालांकि मेकर्स भी इन दिनों पूरी कोशिश कर रहे हैं सुनील ग्रोवर को शो में लाने की.

 

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बता दें, जहां सुनील ग्रोवर अपनी फिल्म तांडव को लेकर इन दिनों सुर्खियों में हैं तो वहीं कपिल शर्मा अपने बेटे के जन्म के बाद से फैमिली संग क्वौलिटी टाइम बिता रहे हैं. हालांकि हाल ही में एक इंटरव्यू में सुनील ग्रोवर ने कहा था कि वह कपिल शर्मा से ज्यादा नाराज नही रह सकते, जिसके बाद शो में शामिल होने की खबरें छा गई हैं.

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Yeh Rishta Kya Kehlata Hai की इस प्यारी जोड़ी का हुआ ब्रेकअप, फैंस को लगा झटका

स्टार प्लस के सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) की कास्ट अक्सर सुर्खियों में रहती है. हिना खान से लेकर शिवांगी जोशी तक रिलेशनशिप की खबरों में छाई रहती हैं. वहीं अब शो में हिना खान के बेटे के रोल में नजर आने वाले एक्टर रोहन मेहरा (Rohan Mehra) इन दिनों अपनी ब्रेकअप की खबरों में हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

रोहन और कांची का हुआ ब्रेकअप

लम्बे समय से ‘ये रिश्ता…’ फेम रोहन मेहरा अपनी को-स्टार कांची सिंह को डेट कर रहे हैं. वहीं फैंस को भी दोनों की केमेस्ट्री बेहद पसंद आती है. लेकिन अब खबरें हैं कि रोहन मेहरा और कांची सिंह (Kanchi Singh) का ब्रेकअप हो गया है, जिसका कारण है दोनों का सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को अनफॉलो करना.

 

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वेलेंटाइन डे पर नही किया पोस्ट शेयर

अपने रिलेशनशिप को लेकर फैंस के बीच छाए रहने वाले रोहन और कांची ने वैलेंटाइन डे के मौके पर कोई भी पोस्ट शेयर नहीं किया, जिसके चलते फैंस अब दोनों की ब्रेकअप की बात को सच मान रहे हैं.

 

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ऐसे हुई थी मुलाकात

 

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सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में भाई-बहन के रोल में नजर आने वाले एक्टर रोहन मेहरा और कांची सिंह की पहली मुलाकात सेट पर हुई थी. हालांकि बिग बॉस में हिस्सा लेने की वजह से रोहन मेहरा ने सीरियल को अलविदा कह दिया था. वहीं रोहन के सीरियल को अलविदा कहने के कुछ ही महीने बाद ही कांची ने भी शो छोड़ने का फैसला ले लिया था.

 

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बता दें, रोहन मेहरा इन दिनों वेब सीरिज क्रैश में नजर आ रहे हैं. हालांकि कांची फिल्मी दुनिया से अभी दूर चल रही हैं.

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Winter Special: इन 5 जूस से बढ़ाएं इम्यूनिटी

कुछ लोगों को मौसम के बदलते ही मौसमी बीमारियों का शिकार होना पड़ता है. उन्हें सर्दीजुखाम, बुखार तुरंत अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं. ऐसे में वे बस यही सोचते हैं कि ऐसा हमारे साथ ही क्यों होता है, जबकि हमारी डाइट तो अच्छीखासी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ खाने से काम नहीं चलता, बल्कि हैल्दी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने की जरूरत होती है ताकि आप की इम्यूनिटी बूस्ट हो सके.

अगर आप की इम्यूनिटी स्ट्रौंग होगी तो आप बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो पाते हैं. इस के लिए आप अपनी डाइट में ऐसे जूस शामिल कर सकती हैं, जो आप को फिट रखने के साथसाथ आप की इम्यूनिटी को भी बूस्ट करने का काम करते हैं.

आइए, जानते हैं इम्यूनिटी बूस्टर के बारे में:

वैजिटेबल व फ्रूट जूस हैं बैस्ट

आप ने हर घर में किसी न किसी को यह कहते जरूर सुना होगा कि मु?ो सब्जियां व फ्रूट्स पसंद नहीं हैं. मु?ो तो बाहर का खाना व फास्ट फूड ही ज्यादा पसंद आता है. ऐसे में उन के लिए वैजिटेबल व फ्रूट जूस बैस्ट औप्शन हैं, ताकि उन्हें जूस के जरीए वैजिटेबल्स व फू्रट्स भी मिल जाएं, जिस से उन्हें जरूरी न्यूट्रिऐंट्स मिलने के साथसाथ उन की इम्यूनिटी भी बूस्ट हो सके.\

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ये जूस आप की टम्मी को लंबे समय तक फुल रख कर आप के पेट की हैल्थ के साथसाथ आप की पूरी हैल्थ का भी खयाल रखने का काम करते हैं. ये हर उम्र के लोगों के लिए परफैक्ट हैं. खासकर बच्चों के लिए काफी अच्छा रहते हैं, क्योंकि पेरैंट्स के लिए बच्चों को सब्जियां खिलाना काफी मुश्किल होता है. ऐसे में जूस टेस्टी होने के कारण उन में बिटामिंस व मिनरल्स की कमी को पूरा कर के उन्हें हैल्दी बनाए रखने का काम करते हैं. ये ऐंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर होने के कारण पूरा दिन ऊर्जा से भरपूर रखते हैं.

इन से लिवर क्लीन होने के साथसाथ ये बौडी को डीटौक्स करने का भी काम करते हैं, जिस से शरीर अंदर से हैल्दी रह कर आप बीमारियों से बच पाते हैं. ये आप की अनहैल्दी स्नैक्स की हैबिट को छुड़ा कर आप को पूरा दिन लाइट फील करवाने का भी काम करते हैं.

जानते हैं इम्यूनिटी बूस्टर जूस के बारे में

टमाटर का जूस

टमाटर लाइकोपीन नामक ऐंटीऔक्सीडैंट में रिच होने के कारण इम्यूनिटी को बूस्ट करने के साथसाथ आप की हैल्थ के लिए भी मैजिक का काम करता है.

इस में लाइकोपीन नामक तत्त्व आप के सैल्स को फ्री रैडिकल्स से बचा कर शरीर में सूजन को कम करता है व कैंसर से बचाने के साथसाथ दिल की सेहत का भी खास खयाल रखता है, क्योंकि इस में मैग्नीशियम व पोटैशियम मिनरल्स दिल के लिए अच्छे माने जाते हैं. साथ ही इस में विटामिन बी और फौलेट होने के कारण यह मैटाबोलिज्म को बूस्ट करने के साथ ही आप के वजन को भी नियंत्रित रखने का काम करती है.

कैसे बनाएं सामग्री

–  3-4 टमाटर

–  थोड़ा सा भुना जीरा

–  थोड़ा सा कद्दूकस किया लहसुन.

विधि

सब से पहले टमाटरों को उबाल कर ठंडा कर लें. फिर मिक्सी में पीस कर छलनी से छान कर इस में थोड़ा पानी डालें. फिर कड़ाही में कुछ बूंदें घी की डाल कर उस में कद्दूकस किए लहसुन को थोड़ा चलाएं. फिर इस में टमाटर सूप डाल कर थोड़ा पकाएं और स्वाद बढ़ाने के लिए इस में जीरा पाउडर ऐड करें.

आप चाहें तो इसे गरम भी पी सकते हैं या फिर ठंडा कर के भी. इस से आप को विटामिन ए, बी, सी, पोटैशियम, मैग्नीशियम मिल जाएगा. इस में ऐंटीऔक्सीडैंट््स और ऐंटीइनफ्लैमेटरी प्रौपर्टीज होने के कारण यह जूस आप के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा.

गाजर, सेब व संतरे का जूस

इन तीनों का कौंबिनेशन आप को बीमारियों से लड़ने में मददगार साबित होगा, क्योंकि सेब व संतरा विटामिन सी के अच्छे स्रोत होते हैं. वहीं गाजर में विटामिन ए और विटामिन बी6 होने के कारण ये इम्यून सैल्स को बनाने के साथसाथ ऐंटीबौडीज बनाने में मददगार साबित होते हैं. इसलिए इसे इम्यूनिटी बूस्टर ड्रिंक कहा जाए तो गलत नहीं होगा.

कैसे बनाएं सामग्री

–  2 गाजर छिली हुए

–  2 सेब

–  3 संतरे छिले.

विधि

सारी सामग्री को जूसर में डाल कर जूस तैयार करें. फिर ऊपर से इस के स्वाद को बढ़ाने के लिए चाट मसाला या फिर काला नमक डाल कर सर्व करें. इस से आप को विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी6, विटामिन बी12, पोटैशियम, फाइबर, ऐंटीऔक्सीडैंट्स मिल जाएंगे, जो आप की हैल्थ का खयाल रखने का काम करेंगे.

वाटरमैलन व लौकी जूस

इस में 90% वाटर कंटैंट होने के कारण यह आप को रिफ्रैश करने के साथसाथ इस में ढेरों न्यूट्रिऐंट्स भी होते हैं, जो आप की भूख को कंट्रोल करने में मदद करते है. साथ ही टेस्टी होने के कारण आप इसे बड़े चाव से अपनी डाइट  मेें ऐड कर सकते हैं.

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अगर आप को कब्ज, डायबिटीज की शिकायत है तो आप इस ड्रिंक को जरूर अपनी डाइट में शामिल करें. लौकी सैचुरेटेड फैट व कोलैस्ट्राल में लो होने के साथ फाइबर में रिच होता है, जिस से आप को न्यूट्रिशन भी मिल जाता है और इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है. इन में आयरन, मिनरल, विटामिन बी, ऐंटीऔक्सीडैंट्स होने के कारण ये आप की इम्यूनिटी को बूस्ट करने का भी काम करते हैं.

कैसे बनाएं सामग्री

–  1 कप कद्दूकस की लौकी

–  1 कप टुकड़ों में कटा तरबूज

–  थोड़ी सी धनियापत्ती

–  थोड़ा सा काला नमक

–  थोड़ा सा भुना जीरा पाउडर.

विधि

सारी सामग्री को जूसर में डाल कर उस का स्मूद पेस्ट तैयार करें. फिर इसे जीरा पाउडर से गार्निश कर के सर्व करें. इस से आप को मैग्नीशियम, जिंक, आयरन, गुड फैट्स, विटामिन सी, कैल्सियम, विटामिन बी 3, विटामिन बी 5, विटामिन 6 मिल जाएगा, यह ड्रिंक आप के अंदर की कमजोरी को भी दूर करेगा और आप को हैल्दी बनाने में मददगार होगा.

खीरा व पाइनऐप्पल जूस

बता दें कि पाइनऐप्पल में ब्रोमेलाइन ऐंजाइम्स होते हैं, जो दर्द व सूजन से लड़ने में मददगार होते हैं. साथ ही यह जूस विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के कारण आप की इम्यूनिटी को स्ट्रौंग बनाने का काम भी करता है. वहीं खीरे में 95% वाटर होने के कारण यह आप को हाइड्रेट रखने का काम करता है.

इस में विटामिन ए की मौजूदगी आप की इम्यूनिटी को स्ट्रौंग बनाने के साथ ही आप की किडनियों, लंग, हार्ट के कार्यों को सुचारु रखने में मददगार है.

कैसे बनाएं सामग्री

–  1 छोटा खीरा

–  2 बड़े टुकड़े पाइनऐप्पल के

–  थोड़ी सी पुदीनापत्ती

–  आधे नीबू का रस

–  थोड़ा सा काला नमक.

विधि

सारी सामग्री को मिला कर ब्लैंड करें. फिर इस में थोड़ा सा पानी डाल कर तुरंत सर्व करें. इस से आप को विटामिन ए, के, बी, सी, जिंक, कैल्सियम मिल जाएगा. यह जूस आप की इम्यूनिटी के साथसाथ आप की स्किन की हैल्थ के लिए भी अच्छा होता है.

बीटरूट जूस

बीटरूट गुड बैक्टीरिया की क्वांटिटी को इंप्रूव करने के साथसाथ आप के पेट की हैल्थ को भी ठीक रखता है. यह विटामिन सी में रिच होने के साथ आप की स्ट्रौंग इम्यूनिटी के लिए अच्छा माना जाता है. इन में मौजूद मिनरल्स आप दांतों को हैल्दी रखने का काम करता है.

यही नहीं ब्लड सर्कुलेशन को इंपू्रूव करने के साथ ही आप के हीमोग्लोबिन को बढ़ाने का काम करती हैं, जिस से आप को थकान व कमजोरी महसूस नहीं होती है और आप की कार्यक्षमता बढ़ती है.

कैसे बनाएं सामग्री

–  1-2 मध्यम आकार के बीटरूट

–  थोड़ा सा अदरक का टुकड़ा

–  थोड़ा सा नीबू का रस

–  थोड़ा सा काला नमक.

विधि

सब से पहले बीटरूट व अदरक को छील कर इन का जूसर में जूस तैयार करें. फिर उस में नीबू का रस व काला नमक डाल कर सर्व करें. इस जूस से आप को कैल्सियम, आयरन, विटामिन ए, सी, फौलिक ऐसिड, मैग्नीशियम, पोटैशियम मिल जाएगा. यह वजन को कम करने के साथ ही कैंसर से भी बचाता है, दिल के लिए भी अच्छा होता है. आप के ऐक्सरसाइज करने के स्टैमिना को बढ़ाता है. इस जूस के रोज सेवन से आप को तुरंत सुधार दिखने लगेगा.

एक दिन में कितना जूस लें

अगर आप अपनी हैल्थ को ठीक रखना चाहते हैं, इम्यूनिटी को बूस्ट करना चाहते हैं तो रोज 1 गिलास जूस बैस्ट है. यह आप को हाइड्रेट रखेगा, फिटनैस का खयाल रखेगा, साथ ही आप की न्यूट्रिशन संबंधित जरूरतों को भी काफी हद तक पूरा करने का काम करेगा.

इन जूस का ज्यादा फायदा लेने के लिए हमेशा फ्रैश फू्रट्स और वैजिटेबल्स का ही इस्तेमाल करें. इस बात का भी ध्यान रखें कि इस की अति से बचें. यह न सोचें कि आप रोटी, सब्जी, दाल की जगह पूरा दिन जूस पर ही टिके रहें. इस से आप की हैल्थ को नुकसान पहुंच सकता है.

किस समय लेना ज्यादा फायदेमंद

जूस को सुबह के ब्रेकफास्ट के साथ लेना ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि इस से आप पूरा दिन हाइड्रेट रहने के साथसाथ ज्यादा फुरती के साथ काम कर सकते हैं. आप की इम्यूनिटी बूस्ट होने में मदद मिलती है, जिस से आप किसी भी तरह के इन्फैक्शन व बीमारी से बच सकते हैं. बस खाली पेट जूस लेने से बचें, क्योंकि यह एसिडिटी, तुरंत शुगर लैवल को बढ़ाने का काम करता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए ठीक नहीं होता है.

पैक्ड जूस फ्रैश जूस

अगर आप हैल्दी औप्शन के बारे में सोच रहे हैं तो आप के लिए फ्रैश जूस ही बैस्ट है. चूंकि पैक्ड जूस शुगर व कैलोरीज में काफी हाई होता है, इसलिए यह वेट को कंट्रोल करने वालों व डायबिटीज के मरीजों के लिए सही है.

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बता दें कि इस में न्यूट्रिशन वैल्यू भी काफी कम होती है, क्योंकि प्रोसैसिंग व स्टोरेज के कारण इस में मौजूद ऐंटीऔक्सीडैंट्स खत्म हो जाते हैं, जिस से न तो यह आप की इम्यूनिटी को बूस्ट कर पाता है, साथ ही मोटापे का खतरा भी काफी बढ़ जाता है, जबकि फ्रैश जूस से आप को उस के पूरे न्यूट्रिशन का फायदा मिल पाता है. साथ ही आप उस में जरूरत होने पर ही शुगर डालते हैं, जिस से आप का कैलोरीज पर कंट्रोल रहता है.

स्ट्रैस भी दूर करती है बुनाई

आंकड़ों के अनुसार 2020 में 80% भारतीय काम, हैल्थ व अन्य आर्थिक कारणों से स्ट्रैस की गिरफ्त में आए हैं. यही नहीं, दिनप्रतिदिन किसी न किसी कारण से हम स्ट्रैस का शिकार होते हैं, जिस से उबरने के लिए हम ऐंटीस्ट्रैस चीजें करने के बारे में सोचने को विवश हैं ताकि हम खुश रह सकें, प्रोडक्टिव सोच सकें व स्ट्रैस से खुद को बाहर निकाल सकें.

ऐसे में हाल के समय में बुनाई स्ट्रैस से बाहर निकालने का बहुत ही बेहतरीन विकल्प है, जबकि बुनाई को ले कर कुछ लोगों का मानना है कि इस से इंसान सुस्त, आलसी बनता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बुनाई से आप ऐक्टिव रहते हैं, चीजों पर अच्छी तरह फोकस कर पाते हैं, रिलैक्स मूड में रहते हैं, नैगेटिव चीजों से दूर रहते हैं, यह कहना भी ज्यादा नहीं होगा कि यह हमारे ब्रेन के लिए स्ट्रैस बस्टर का काम करती है.

जानते हैं, बुनाई से हमें क्याक्या फायदे मिलते हैं:

मैडिटेशन का काम करे

जिस तरह मैडिटेशन से आप का मन शांत हो कर आप खुद पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं, उसी तरह बुनाई से आप एक जगह ध्यान लगा कर यानी अपने बुनाई के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर के खुद को तनाव से दूर रख पाते हैं.

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अनेक शोधों में यह साबित हुआ है कि बुनाई उन लोगों को तनाव से राहत देने का काम करती है, जो जल्दी उत्साहित हो जाते हैं, तनाव में आ जाते हैं या फिर छोटीछोटी बातों को ले कर टैंशन ले लेते हैं, यह उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद करती है.

आप ने कई बार नोटिस किया होगा कि आप परेशान होने पर अपने हाथपैरों को हिलाते होंगे या फिर पेन से खेलते होंगे. आप में से कुछ लोगों ने इन संवेदनाओं को महसूस किया होगा या कुछ ने इस से मिलताजुलता किया होगा. जानेअनजाने में, हमारा ब्रेन इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो कर हमारी परेशान होने वाली भावनाओं को कम करने में मदद करता है. उसी तरह जब हम बुनाई के जरीए एक ही चीज को बारबार दोहराते हैं तो उस से हमारे ब्रेन में हैप्पी हारमोंस सक्रिय हो कर हमें रिलैक्स करने के साथ ही हमें खुश करने का काम भी करते हैं.

बुनाई एक तरह से मैडिटेशन के समान है, क्योंकि जिस तरह आप मैडिटेशन के दौरान अपने पूरे ध्यान को सांस लेने पर केंद्रित करते हैं, उसी तरह बुनाई में भी ज्यादातर कार्य आप के हाथों पर केंद्रित होता है.

रखे प्रोडक्टिव

आलसी बने रहने व काम न करने के कारण भी हम धीरेधीरे स्ट्रैस की गिरफ्त में आने लगते हैं या यह कह सकते हैं कि यह स्ट्रैस का एक महत्त्वपूर्ण लक्षण है.

लेकिन जब हम बुनाई के जरीए एक ही चीज को बारबार दोहराते हैं तो हमें अच्छा महसूस होने के साथसाथ हमें यह भी लगता है कि हम ने आज कुछ बेहतर किया है, जिस की शायद हम ने उम्मीद भी न की हो. इस की खास बात यह भी है कि आप बुनाई करते हुए दूसरे काम भी कर सकते हैं. जैसे आप नैटफ्लिक्स या फिर टीवी पर अपना फैवरिट प्रोग्राम अथवा फिर सीरीज भी देख सकते हैं यानी एकसाथ दो काम.

बुरी आदतों से दूर रखे

हर समय स्ट्रैस में रहने से आप का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के साथसाथ अन्य मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं, जैसे गंभीर अवसाद, ज्यादा खाने की आदत, ऐनोरेक्सिया आदि जो आप की मुश्किलों को और बढ़ा सकते हैं, जबकि बुनाई एक सामान्य सी गतिविधि है, फिर भी आप को अन्य गंभीर विकारों के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार करती है.

सेहत वाले लाभ

जो लोग दिल से संबंधित बीमारी या फिर अन्य समस्याएं जैसे पोस्ट ट्रोमैटिक स्ट्रैस डिसऔर्डर, तनाव, क्रोनिक पेन आदि समस्याओं से ग्रस्त होते हैं, उन के लिए अपने जीवन में स्ट्रैस को दूर करने के लिए कुछ स्ट्रैस से राहत देने वाली गतिविधियों को करना जरूरी होता है. ऐसे में बुनाई भी एक ऐसी गतिविधि है, जिसे इन स्थितियों में थेरैपिस्ट भी करने की सलाह देते हैं.

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इसलिए बिना किसी हिचकिचाहट आप बुनाई को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बना लें और अपनी जिंदगी को तनावरहित हो कर जीएं.

व्यक्तिगत सुख की गारंटी नहीं शादी

माहिरा एक मध्यमवर्गीय परिवार की पढ़ीलिखी और समझदार लड़की थी. पढ़ाई खत्म होते ही उस के मांबाप ने एक संपन्न घराने के इकलौते वारिस से उस की शादी करा दी. मांबाप ने अपनी तरफ से बेटी के लिए अच्छा घरबार और कमाऊ पति की तलाश की थी. वे निश्चिंत थे कि अब उन की बेटी का जीवन सुखमय बीतेगा मगर ऐसा हो न सका. शादी के कुछ समय बाद ही माहिरा को पता चल गया कि उस के पति का संबंध किसी दूसरी औरत से भी है.

माहिरा ने जब सवाल किया तो उस के पति ने दो टूक शब्दों में जवाब दिया,” मैं सिर्फ तुम्हारा नहीं हो सकता. मेरे जीवन में कोई और है जो तुम से बहुत ज्यादा अहमियत रखती है. उस के बिना मैं जी ही नहीं सकता.”

“तो फिर शादी भी उसी से करते,” चिढ़े हुए स्वर में माहिरा ने कहा.

“मेरे मॉमडैड ने करने नहीं दिया. सो टेक इट इजी और जैसा चल रहा है वैसा चलने दो. वरना जो है उस से भी हाथ धो बैठोगी,” बेशर्मी से उस के पति ने कहा.

अपने पति का जवाब सुन कर माहिरा के पास कहने को कुछ भी नहीं रह गया. उसे एक शादीशुदा जिंदगी का सुख मिल कर भी नहीं मिला था. कहने को वह एक बहुत बड़े घर की बहू बन कर आई थी मगर उस की जिंदगी से सुख और सुकून हमेशा के लिए जा चुके थे. वह खुद को कितना भी समझाने की कोशिश करती पर पति की अवहेलना उस के दिल को कचोटती रहती. वह छिपछिप कर रोती पर मांबाप से कुछ भी कह नहीं पाती. आखिर उन्हें बुढ़ापे में तकलीफ कैसे दे सकती थी.

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कई महीने ऐसे ही बीत गए पर हालात नहीं बदले तो माहिरा ने एक फैसला लिया. वह ऑनलाइन जौब सर्च करने लगी. जैसे ही उसे जौब कंफर्म हुई उस ने ससुराल छोड़ने और किराए का घर ले कर अलग रहने का फैसला किया. हिम्मत कर के उस ने अपना यह फैसला अपने पैरेंट्स को बताया. पहले तो उन्होंने उसी को एडजस्ट करने की सलाह दी पर माहिरा के इनकार करने पर वे उसे अपने पास बुलाने लगे.

माहिरा ने उन्हें समझाया, “आप लोग मेरी चिंता न करें. मैं पढ़ीलिखी हूं, जॉब कर के आत्मनिर्भर जीवन जीना चाहती हूं. आप के ऊपर बोझ बन कर नहीं रह सकती. प्लीज मुझे मेरी खुशियां चुनने का अधिकार दें. ”

मांबाप ने फिर कुछ नहीं कहा. माहिरा अपनी खुशियों की तलाश में निकल पड़ी. शादी के बाद माहिरा जैसी परिस्थितियां किसी के साथ भी आ सकती हैं. जिस तरह माहिरा ने इस अप्रत्याशित स्थिति से निकलने का सम्मानजनक रास्ता चुना वैसा ही हर स्त्री को करना चाहिए. खुद को हर परिस्थिति के लिए तैयार रखना चाहिए.

शादी ख़ुशी का सर्टिफ़िकेट नहीं

लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर( जो एक हैप्पीनेस एक्सपर्ट भी हैं ) पॉल डोलन के शब्दों में ‘शादी पुरुषों के लिए तो फायदेमंद है लेकिन महिलाओं के लिए नहीं. इसलिए महिलाओं को शादी के लिए परेशान नहीं होना चाहिए क्योंकि वे बिना पति के ज्यादा खुश रह सकती हैं. खासकर मध्यम आयु वर्ग की विवाहित महिलाओं में अपनी हमउम्र अविवाहित महिलाओं की तुलना में शारीरिक और मानसिक परेशानियां होने का ज्यादा खतरा होता है. इस से वे जल्दी मर भी सकती हैं.’

विवाहित महिलाओं की तुलना में अविवाहित महिलाएं ज्यादा खुश रहती हैं

शादीशुदा, कंवारे, तलाक़शुदा, विधवा और अलग रहने वाले लोगों पर किए गए सर्वे के आधार पर पॉल डोलन का कहना है कि आबादी में जो हिस्सा सब से स्वस्थ और खुशहाल रहता है वह उन महिलाओं का है जिन्होंने कभी शादी नहीं की और जिन के बच्चे नहीं हैं. उन के मुताबिक़ जब पतिपत्नी एक साथ होते हैं और उन से पूछा जाए कि वे कितने खुश हैं तो उन का कहना होता है कि वे बहुत खुश हैं. लेकिन जब पति या पत्नी साथ में नहीं हो तो वे स्वाभाविक रूप से यह कहते सुने जा सकते हैं कि जिंदगी हराम हो गई है.

कहीं भी अगर शादी की बात पर बहस होती है तो शादी की जरुरत के कई कारण बताए जाते हैं, जैसे नई सृष्टि की रचना, भावनात्मक सुरक्षा, सामाजिक व्यवस्था, औरत मां बन कर ही पूरी होती हैं, नारी पुरूष एकदूसरे के पूरक हैं, समाज में अराजकता रोकने मे सहायक आदि. ये सारे कारण शादी को महज एक जरुरत का दर्जा देते हैं मगर कोई यह नहीं कहता कि हम ने शादी अपनी खुशी के लिये की है.

ज्यादातर घरों में लड़कियों को बचपन से शादी कर के खुशीखुशी घर बसाने के सपने दिखाए जाते हैं. हर बात पीछे उन्हें समझाया जाता है कि शादी के बाद वह अपने मन का कर सकेगी, शादी के बाद उसे बहुत प्यार मिलेगा, शादी के बाद वह अपने घर जाएगी या फिर शादी के बाद ही उस का जीवन सार्थक होगा वगैरहवगैरह. मगर सच तो यह है कि शादी के बाद भी बहुत सी लड़कियों के सपने हकीक़त के आईने में बेरंग ही नजर आते हैं ——

अपना घर

घर की बुजुर्ग महिलाओं द्वारा लड़कियों के मन में बचपन से यह बात भरी जाती है कि मां का घर उस का अपना नहीं है. उसे मायका छोड़ कर ससुराल जाना पड़ेगा और वही उस का अपना घर कहलाएगा. ससुराल पहुंच कर लड़की को पता चलता है कि वह इस घर में बाहर से आई है और कभी सगी नहीं कहलाएगी. वह बहू ही रहेगी कभी बेटी नहीं हो सकती. मायके में जब उसे किसी चीज की कमी होती है या वह कुछ जिद करती है तो मांबाप समझाते हैं कि ससुराल में हर ख्वाहिश पूरी कर लेना. मायके के पास पैसों की कितनी भी कमी हो पर लड़की को कभी महसूस नहीं होने देते. जबकि ससुराल कितना भी धनदौलत से पूर्ण हो पर लड़की को अपनी सीमा में रहना होता है. शुरुआत में कई साल उसे घरपरिवार के किसी भी मसले में बोलने का हक नहीं दिया जाता. ससुराल वाले कितने भी एडवांस हों मगर बहू तो बहू ही होती है. वह बेटे या बेटी की बराबरी नहीं कर सकती.

अकेलापन

लड़कियों को बचपन से शादी के सपने दिखाए जाते हैं. जिस लड़की की किसी कारणवश शादी नहीं हो पाती या फिर वह स्वयं शादी करना नहीं चाहती तो मांबाप या रिश्तेदारों के साथसाथ सारा समाज उसे सिखाता है कि शादी के बाद ही लाइफ सेटल हो पाती है. शादी के बिना जीवन में कुछ भी नहीं रखा. भले ही वह लड़की सेल्फ डिपेंडेंट हो, अच्छा कमा रही हो मगर उसे बुढ़ापे का डर जरूर दिखाया जाता है. उसे बताया जाता है कि जब घर में सब खुद के परिवारों में व्यस्त हो जाएंगे तो वह अकेली रह जाएगी. यह सोच काफी हद तक सही है क्योंकि समय के साथ जब मांबाप चले जाते हैं और भाईबहन अपनी दुनिया में व्यस्त हो जाते हैं तब अविवाहित लड़की खुद को अकेला महसूस करती है. मगर इस का समाधान कठिन नहीं. वह यदि अपने काम में व्यस्त रहे और रिश्तेदारों व दोस्तों के साथ अच्छे संबंध बना कर रखे तो इस तरह की समस्या नहीं आती. दूसरी तरफ शादी करने के बावजूद यदि वह पति और ससुराल वालों के साथ बना कर नहीं रख पाती या वह विधवा हो जाती है या उस का तलाक हो जाता है तब क्या वह अकेली नहीं हो जाती? इसी तरह मान लीजिये कि उस के बच्चे नहीं होते और बुढ़ापे में पतिपत्नी ही रह जाते हैं. बाद में पति के जाने के बाद भी उसे अकेले ही जीवन गुजारना होता है. कहने का मतलब है कि आप ऐसा नहीं कह सकते कि शादी कर के उसे कभी अकेला नहीं रहना पड़ेगा. जीवन में कुछ भी अप्रत्याशित हो सकता है.

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महत्वपूर्ण यह नहीं होता कि अविवाहित लड़की अकेली रह जाएगी या शादीशुदा. महत्वपूर्ण यह है कि वह उस परिस्थिति को हैंडल कैसे करती है. यदि वह किसी भी हालत में पॉजिटिव रह सकती हैं, सेल्फ डिपेंडेंट है और आत्मविश्वास बनाए रखती है तो फिर उसे घबराने की जरूरत नहीं.

मां बनना जरूरी

लड़कियों को बचपन से यह भी सिखाया जाता है कि एक औरत मां बनने के बाद ही पूर्ण होती है. लड़कियों पर कम उम्र में ही शादी के लिए दवाब डाला जाता है ताकि वह सही उम्र में मां बन जाए. मां बनना जीवन की एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है. मगर जरा सोचिए इस के कारण लड़की को सब से पहले तो अपनी पढ़ाई और करियर बीच में छोड़ना पड़ता है. फिर वह शादी कर दूसरे घर आ जाती है और वहां एडजस्टमेंट कर ही रही होती है कि हर तरफ से बच्चे के लिए दबाव पड़ने लगते हैं. सही समय पर बच्चे हो गए तो सब अच्छा है पर मान लीजिए किसी कारण से बेबी नहीं हुए तब क्या होता है? दबी आवाज़ में उस पर ही इल्जाम लगाए जाते हैं. उसे भाग्यहीना और बांझ कह कर पुकारा जाता है. सालों साल बच्चे की चाह में घरवाले उसे पंडेपुजारियों और झाड़फूंक वालों के पास ले जाते हैं. इन सब के बीच उस महिला को कितना मेंटल स्ट्रेस होता होगा यह बात समझनी भी जरूरी है.

पति गलत आदतों का शिकार निकल जाए

शादी के बाद जरूरी नहीं कि आप की जिंदगी खुशहाल ही रहेगी. शादी के समय आप को यह पता नहीं होता कि आप का पति कैसा है ? पति अच्छा निकला तो लड़की सुकून भरी जिंदगी जीती है मगर जरूरी नहीं कि हमेशा ऐसा ही हो. कितनी ही लड़कियां शादी के बाद अपने शराबी पति के अत्याचारों का शिकार बन जाती हैं तो कुछ पति की बेवफ़ाई से परेशान रहती हैं. कुछ के पति बिज़नेस डुबो देते हैं तो कुछ दोस्तबाजी के चक्कर में बीवी को रुलाते रहते हैं. बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो पत्नी के साथ मारपीट करते हैं और उन्हें अपने पैरों की जूती से ज्यादा नहीं समझते. ऐसे में आप यह कैसे कह सकते हैं कि शादी के बाद लड़की को सुख ही मिलेगा और उस का जीवन संवर जाएगा. संभव तो यह भी है न कि उस की जिंदगी बर्बाद ही हो जाए और उसे उम्र भर घुटघुट कर जीना पड़े.

ससुराल वालों के सितम

कई बार ऐसा भी होता है कि मांबाप तो अच्छा घर देख कर बेटी की शादी करते हैं मगर नतीजा उल्टा निकलता है. बहुत से मामलों में ससुराल वाले लड़की पर जुल्म करते हैं. कभी दहेज के लिए धमकाते हैं तो कभी घरेलू हिंसा करते हैं. बहुत सी लड़कियों को ससुराल में जिंदा जला दिया जाता है. कुछ घरों में ऊपरी तौर पर भले ही कुछ न किया जाए पर दिनरात ताने दिए जाते हैं, बुराभला कहा जाता है. अक्सर सास बहू के खिलाफ बेटे के कान भरती पाई जाती है. ऐसे हालातों में लड़की को शादी के बाद घुटघुट कर जीना पड़ता है और उन की जिंदगी खुशहाल होने के बजाय और भी बर्बाद हो जाती है.

मांबाप का कर्तव्य है कि वे अपनी बेटियों को हमेशा अप्रत्याशित के लिए तैयार रहने के काबिल बनाएं. शादी के बाद भी ऐसा बहुत कुछ हो सकता है जिस का मुकाबला करने के लिए खुद को मजबूत बनाना पड़ता है, दिमाग से ही नहीं, मन से और तन से भी . बेहतर होगा कि लोग बेटियों पर शादी के लिए दबाव डालने के बजाय उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाएं.

लड़कियों को भी खुद को इस लायक बना कर रखना चाहिए कि वे ऐसे हालातों में भी सहजता से अपना जीवनयापन कर सकें. कोई कठिन परिस्थिति आए तो उस से निबट सकें. खुद को फाइनेंशली स्ट्रौंग बना कर रखें. पढ़ाई पूरी नहीं की है तो कोई हुनर सीखें ताकि जरूरत पड़ने पर खुद को आत्मनिर्भर बना सकें. हमेशा बचत करने की आदत रखें. दिमाग से भी इतने स्ट्रौंग बन कर रहें कि छोटी सी बात पर घबड़ाने या हिम्मत हारने के बजाए नए रास्ते खोज सकें.

शादी करनी मजबूरी क्यों

एक शादीशुदा महिला ही जानती है कि असल में उसे क्याक्या झेलना पड़ता है. यही वजह है कि आज बहुत सी लड़कियां शादी करना नहीं चाहतीं. उन का मानना है कि जब वे खुद कमा रही हैं और शांति से जी रही हैं तो फिर शादी कर के अपनी परेशानियां क्यों बढ़ाएं. दरअसल हमारा सामाजिक तानाबाना ही इस तरह का रहा है जहां यह माना जाता है कि महिलाओं का काम घर संभालना और बच्चे पैदा करना होता है जबकि पुरुषों का काम कमाना और महिलाओं को संरक्षण देना है. लेकिन वक्त के साथ महिलाओं और पुरुषों के रोल बदल रहे हैं ऐसे में सोच बदलना भी लाज़िमी है. यह सही है कि अविवाहित जीवन में महिलाओं को अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. मगर शादी भी इंसान को अनेक सामाजिक व पारिवारिक झंझटों में फंसाती है. तो फिर अविवाहित जीवन को गलत या हेय क्यों माना जाए? क्यों न लड़कियों को खुद तय करने दिया जाए कि उसे क्या करना है.

30 – 35 साल से ऊपर की अविवाहित महिला अब भी लोगों की आंखों में खटकती है. लड़की भले ही कितना भी पढ़लिख ले और ऊँचे पद पर पहुँच जाए लेकिन उसे ससुराल भेज कर ही मातापिता के सिर से बोझ उतरता है. ज्यादातर लोगों की सोच यह होती है कि 30 साल से ऊपर की अविवाहित लड़की सुखी हो ही नहीं सकती. सुख का सीधा संबंध शादी से है. मगर सच तो यह है कि सुखी या दुखी और खुश या नाखुश होने की परिभाषा सब के लिये अलग अलग होती है. ऐसी बहुत सी अविवाहित महिलाएं हैं जो तीस के ऊपर हैं और अपनेआप मे पूर्ण हैं . आप मदर टेरेसा, लता मंगेशकर, पीनाज़ मसानी, बरखा दत्त, सोनल मान सिंह जैसी बहुत सी महिलाओं का नाम ले सकते हैं. हम यदि कहीं भी अचीवर्स लिस्ट ढूंढते हैं तो कभी भी शादी क्राइटेरिया नहीं होता. यानी जीवन में आप की ख़ुशी शादी पर निर्भर नहीं करती.

यह सच है कि पुराने समय से भारत में नारी को केवल माँ /बहन /बेटी और पत्नी के रूप मे देखा जाता रहा है लेकिन इस का मतलब यह नहीं कि जिस ने इस परंपरा को नहीं अपनाया वह ग़लत है. शादी किसी भी तरीके से समाज मे अपना स्थान बनाने का कोई मापदंड नहीं हैं. शादी करना या न करना अपना व्यकिगत निर्णय होना चाहिये. इसे सामाजिक व्यवस्था का निर्णय मान कर या व्यक्तिगत सुख की गारंटी मान कर नहीं चला जा सकता. मातापिता का कर्तव्य हैं की बच्चों को शिक्षित करें, आत्म निर्भर बनाए और उस के बाद अपने जीवन के निर्णय ख़ुद लेने दें. सब के सुख अलगअलग होते हैं. सुख को अगर परिभाषित करे तो कोई भी इंसान जब अपने मन की करता है या कर पाता है शायद तभी वह सब से सुखद स्थिति में होता है.

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विवाह तभी करना चाहिए जब आप किसी को इतना चाहें कि उस के साथ जीवन बिताना चाहें. मगर जिसे शादी में रुचि न हो उसे कभी भी नहीं करना चाहिए. प्रेम हो तो शादी करें मगर उस में भी खुशी मिलेगी ही यह कहा नहीं जा सकता. जीवन में ख़ुशियाँ चुननी पड़ती हैं. कोई हाथ में रख कर नहीं देता. खुशियाँ पाने का यत्न हम सभी करते हैं. कभी सफल होते हैं तो कभी असफल. विवाह करना या न करना व्यक्ति का निजी मामला है. इस में कोई कुछ नहीं कह सकता. हमारे समाज में शादीशुदा, अविवाहित और समलैगिक के लिये व्यक्ति के स्तर पर समान इज़्ज़त होनी चाहिये. कोई क्या चुनता है यह व्यक्तिगत मसला है.

ओवेरियन सिस्ट न करें नजरअंदाज

ओवेरियन सिस्ट महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है. यह हर महीने मासिकचक्र के दौरान हो सकती है, जिस के बारे में महिलाओं को जानकारी नहीं होती. कई बार यह सिस्ट अपनेआप ठीक हो जाती है, लेकिन अगर समय के साथ इस का आकार बढ़ता है, तो इस का इलाज करवा लेना जरूरी हो जाता है. मुंबई के ‘वर्ल्ड औफ वूमन’ की स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञा डा. बंदिता सिन्हा के अनुसार कुछ सिस्ट निम्न हैं:

सिंपल फौलिक्युलर सिस्ट: यह नौर्मल सिस्ट है और हर महिला में होती है. यह ओवुलेशन की प्रक्रिया में होती है. यह एग फौर्मेशन में बनती है. यह नैचुरल होती है और इस से नुकसान नहीं होता. अगर यह 4 सैंटीमीटर से अधिक बड़ी हो जाती है, तो यह दवा से गला कर निकाल दी जाती है, क्योंकि सिस्ट बड़ी होने के बाद कई बार दर्द होता है और यह पीरियड को भी अनियमित कर सकती है, मगर प्रैगनैंसी में समस्या नहीं होती.

पौलिसिस्टिक ओवरी सिस्ट: इस में कई सिस्ट होती हैं, जिस से नियमित ओवुलेशन नहीं होता. इस में ओवरी काम नहीं करती. हारमोनल असंतुलन की वजह से एग नहीं बनते और बच्चा होना मुश्किल हो जाता है. इस सिस्ट को ठीक तरह से ट्रीट करना जरूरी होता है.

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लक्षण

– पीरियड का अनियमित होना.

– ओवुलेशन का न होना.

– पीरियड का धीरेधीरे कम हो जाना.

– अचानक वजन बढ़ना.

– हेयर लौस होना.

– चेहरे पर अचानक बालों का उगना.

ऐंडोमेट्रायोसिस: यह सिस्ट ओवरी में बनती है और उस के अंदर ब्लीडिंग होती है. खून अंदर होने की वजह से यह सिस्ट काले रंग की दिखती है. यह सिस्ट धीरेधीरे अंडे की क्वालिटी को खराब करती है और बाद में ओवरी और ट्यूब को भी खराब करती है. इंटरनल ब्लीडिंग होने की वजह से आसपास के और्गन एकदूसरे से चिपक जाते हैं. ऐसे रोगी को पीरियड के दौरान असहनीय दर्द होता है, ब्लीडिंग अधिक होती है. ऐसे रोगी को इन्फर्टिलिटी हो सकती है. इस में माइल्ड, मौडरेट और सीवियर क्वालिटी होती है. उसी के हिसाब से इलाज किया जाता है.

लक्षण

– हर पीरियड के वक्त दर्द का धीरेधीरे बढ़ना

– लोअर ऐब्डोमेन के साथसाथ कमर में भी दर्द होना.

– दर्द का अधिक समय तक पीरियड के बाद भी होते रहना.

कई बार यह सिस्ट सोनोग्राफी से भी नहीं दिखती. तब लैप्रोस्कोपी का सहारा लेना पड़ता है.

कार्पस ल्युटियम सिस्ट: यह प्रैगनैंसी को सपोर्ट करती है और प्रैगनैंसी के दौरान ही होती है. यह हार्मलैस होती है. यह बच्चे

के साथ रहती है, उस के लिए ओवरी में जगह बनाती है.

हेमोरहेजिक सिस्ट: यह पीरियड के बाद बनती है और अपनेआप गल जाती है. इस में रोगी को औब्जर्वेशन में रखना पड़ता है. 5% केस में अगर अधिक ब्लीडिंग हो, तो सर्जरी करनी पड़ती है. इस में फर्टिलिटी को कोई नुकसान नहीं होता.

डरमोइड सिस्ट: यह अधिकतर ओवरी में प्रैगनैंसी के साथ होती है. इस तरह की सिस्ट में हेयर, नेल्स, बोंस आदि होते हैं, जिन्हें लैप्रोस्कोपी से निकाल दिया जाता है.

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सिस्ट निकालने के बाद निम्न सावधानियां बरतनी जरूरी हैं:

– माइल्ड सिस्ट होने पर भी इलाज के बाद समयसमय पर जांच करवानी चाहिए.

– सिस्ट निकालने के तुरंत बाद प्रैगनैंसी की सलाह दी जाती है ताकि प्रैगनैंसी में हुए हारमोनल बदलाव से फिर से सिस्ट होने का खतरा न हो. गर्भधारण न होने पर दोबारा सिस्ट डेढ़दो साल में हो सकती है.

पिंपल्स से छुटकारा पाने के लिए ट्राय करें ये 5 फेस पैक

बेदाग स्किन की चाह हर महिला रखती है. मगर यदि चेहरे पर एक भी पिंपल आ जाए तो सुंदरता में कमी आ जाती है. पिंपल्स दूर करने के लिए महिलाएं न जाने कितने प्रयास करती हैं पर रिजल्ट कोई खास नहीं निकलता. मगर अब आप को परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम आप को कुछ ऐसे होममेड फेस पैक की जानकारी दे रहे हैं, जो चेहरे पर दिखाई देने वाले दागों व जिद्दी पिंपल्स को जड़ से खत्म कर आप को देंगे चमकती-दमकती स्किन.

क्यों होते हैं मुंहासे

वैसे तो मुंहासों की समस्या तैलीय त्वचा पर ज्यादा होती है, लेकिन आजकल हरकोई मुंहासों से परेशान रहता है. इस का कारण है खराब लाइफस्टाइल, हारमोनल बदलाव और गलत व जल्दीजल्दी कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स चेंज करना.

मुंहासे तब होते हैं जब स्किन के रोमछिद्रों में तेल व डैड स्किन इकट्ठी हो जाती है. यह मुंहासों का कारण बनती है. असल में सीबम औयल स्किन के रोमछिद्र में उत्पन्न होता है. सीबम खराब सैल्स को रोमछिद्र से बाहर लाने में मदद करता है, जिस से नए सैल्स बनते हैं. मगर कई बार हारमोंस की गड़बड़ी के कारण सीबम औयल ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, जिस से रोमछिद्र बंद हो जाते हैं और मुंहासे हो जाते हैं. ऐक्नों से छुटकारा पाने वाले फेस पैक

1. ऐलोवेरा व नीबू का कौंबिनेशन

ऐलोवेरा में ऐंटीऔक्सीडैंट गुण होने के कारण यह डैमेज स्किन की रिपेयर करता है. विटामिन सी, ई और जिंक की मौजूदगी मुंहासों को खत्म करने के साथसाथ दागधब्बों को हटाने का भी काम करती है, जिस से स्किन क्लीयर व स्मूद नजर आती है.

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कैसे अप्लाई करें

थोड़े से ऐलोवेरा जैल में 1 छोटा चम्मच नीबू का रस मिला कर उसे चेहरे पर लगा कर 10 मिनट लगा रहने दें. फिर कुनकुने पानी से चेहरे को धो लें. इस पैक को हफ्ते में 2-3 बार अप्लाई करने से आप को मुंहासों से छुटकारा मिल जाएगा.

2. आमंड मिल्क और एग व्हाइट पैक

अंडे के सफेद भाग में ऐस्ट्रिंजैंट प्रौपर्टीज होती हैं, जो औयल कंट्रोल करने में मदद करती हैं. इस की हीलिंग प्रौपर्टीज मुंहासों के दागों को हटाने में भी मददगार होती हैं. बादाम मिल्क स्किन को नरिश करने का काम करता है.

कैसे अप्लाई करें

सब से पहले 2 बड़े चम्मच बादाम मिल्क में अंडे का सफेद भाग और 1 छोटा चम्मच नीबू का रस मिला कर मिश्रण तैयार करें. फिर इसे चेहरे पर अप्लाई कर 15 मिनट के लिए छोड़ दें. फिर कुनकुने पानी से चेहरे को धो लें. इस पैक को हफ्ते में 2 बार अप्लाई कर के आप बेहतर रिजल्ट पा सकती हैं.

3. संतरे के छिलकों का पैक

यह सीबम सीक्रेशन को कंट्रोल करने के साथसाथ कोलोजन के उत्पादन को भी बढ़ाता है. यह डैमेज स्किन की भी रिपेयर करता है. इस में रैटीनौल की मौजूदगी नई कोशिकाएं बनाने के साथसाथ मुंहासों को दूर करने में भी मददगार होती है.

कैसे अप्लाई करें

1 बड़े चम्मच सूखे संतरे के छिलकों के पाउडर में थोड़ा सा दूध मिलाएं. पेस्ट गाढ़ा हो. फिर उसे चेहरे पर लगा कर 10 मिनट के लिए छोड़ दें. बाद में हलके हाथों से मसाज कर पानी से चेहरे को साफ कर पाएं कुछ ही हफ्तों में बेदाग स्किन. इस पैक को हफ्ते में 2 बार जरूर अप्लाई करें.

4. ऐप्पल साइडर विनेगर और हनी पैक

ऐप्पल साइडर विनेगर में अल्फा हाइड्रौक्सी ऐसिड होने के कारण यह डैड स्किन सैल्स को रिमूव करने के साथसाथ रोमछिद्रों को खोलने का भी काम करता है, जिस से मुंहासों की समस्या कंट्रोल होने के साथसाथ स्किन का पीएच लैवल भी मैंटेन रहता है.

कैसे अप्लाई करें

1 बड़े चम्मच ऐप्पल साइडर विनेगर में 2 छोटे चम्मच ग्रीन टी, थोड़ी सी चीनी व 1 छोटा चम्मच शहद मिला कर गाढ़ा पेस्ट तैयार कर चेहरे पर लगाएं. 5 मिनट बाद चेहरे को कुनकुने पानी से धो लें. मिनटों में ग्लोइंग स्किन तो पाएंगी ही, साथ ही मुंहासों से भी छुटकारा मिलेगा. हफ्ते में इस पैक को चेहरे पर 1 बार जरूर अप्लाई करें.

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5. दही और मुलतानी मिट्टी का पैक

दही में लैक्टिक ऐसिड होने के कारण यह स्किन के टैक्स्चर को इंप्रूव कर उसे स्मूद बनाता है. मुलतानी मिट्टी में पिंपल्स को कंट्रोल करने के गुण होते हैं.

कैसे अप्लाई करें

1 बड़े चम्मच मुलतानी मिट्टी में 2 बड़े चम्मच दही मिला कर पैक तैयार करें. फिर इस पैक को चेहरे पर अप्लाई कर थोड़ी देर बाद चेहरे को धो लें. आप का चेहरा क्लीयर दिखने के साथसाथ ग्लोइंग भी नजर आएगा. इस पैक को हफ्ते में 2-3 बार अप्लाई करें.

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