Serial Story: कड़ी – भाग 2

निकिता ने विवेक को समझाया कि वह मां से कह दे कि न तो वह उन की मरजी के बगैर शादी करेगा और न अपनी मरजी के बगैर. सो, लड़की देखने जाने का सवाल ही नहीं उठता.

घर जाने के बाद विवेक का फोन आया कि मां बहुत बिगड़ीं कि अगर वह कह कर भी लड़की देखने नहीं गईं तो उन की क्या इज्जत रह जाएगी. तो मैं ने कह दिया कि मेरी इज्जत का क्या होगा जब मैं वादा तोड़ कर शादी करूंगा? पापा ने मेरा साथ दिया कि मां ने तो सिर्फ प्रस्ताव रखा है और मैं वादा कर चुका हूं. सो, मां गुड़गांव वालों को फिलहाल तो लड़के की व्यस्तता का बहाना बना कर टाल दें.

जैसा निकिता का खयाल था, अगली सुबह मां का फोन आया कि वह किसी तरह भी समय निकाल कर उन से मिलने आए. निकिता तो इस इंतजार में थी ही, वह तुरंत मां के घर पहुंच गई. मां ने उसे उत्तेजित स्वर में सब बताया, गुड़गांव वाली डाक्टर लड़की की तारीफ की और कहा, ‘‘महज इसलिए कि अमेरिका के रहनसहन पर विवेक और अपूर्वा के विचार मिलते हैं और वह उसी से शादी करना चाहता है, मैं उस लड़की को अपने घर की बहू नहीं बना सकती.’’

‘‘पापा क्या कहते हैं?’’

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‘‘उन के लिए तो जस्टिस धरणीधर के घर बेटे की बरात ले कर जाना बहुत गर्व और खुशी की बात है,’’ मां ने चिढ़े स्वर में कहा.

‘‘तो आप किस खुशी में बापबेटे की खुशी में रुकावट डाल रही हैं, मां?’’

‘‘क्योंकि सब सहेलियों में मजाक तो मेरा ही बनेगा कि सुकन्या को बेटे से बड़ी लड़की ही मिली अपनी बहू बनाने को.’’

‘‘आप ने अपनी सहेलियों को विवेक की उम्र बताई है?’’

‘‘नहीं. उस का तो कभी जिक्र ही नहीं आया.’’

‘‘तो फिर उन्हें कैसे पता चलेगा कि अपूर्वा विवेक से बड़ी है क्योंकि लगती तो छोटी है?’’

‘‘शीलाजी कहती थीं कि लड़का उन के बेटे का पड़ोसी है. सो, शादी तय होने के बाद अकसर ही वह उन के घर आता होगा और लड़की उस के घर जाती होगी. क्या गारंटी है कि लड़की कुंआरी है?’’

‘‘अमेरिका से विक्की जो पिकनिक वगैरा की फोटो भेजा करता था उस में उस के साथ कितनी लड़कियां होती थीं? आप क्या अपने बेटे के कुंआरे होने की गारंटी ले सकती हैं?’’

सुकन्या के चुप रहने से निकिता की हिम्मत बढ़ी.

‘‘गुड़गांव वाली लड़की के बायोडाटा के अनुसार, वह भी किसी विशेष ट्रेनिंग के लिए 2 वषों के लिए अमेरिका गई थी. सो, गारंटी तो उस के बारे में भी नहीं ली जा सकती. अपूर्वा को नापसंद करने के लिए आप को कोई और वजह तलाश करनी होगी, मां.’’

‘‘यही वजह क्या काफी नहीं है कि वह विवेक से बड़ी है और मांबाप का तय किया रिश्ता नकार रही है?’’

तभी निकिता का मोबाइल बजा. निखिल का फोन था पूछने को कि मां निकिता को समझा सकी या नहीं और सब सुनने पर बोला कि यह क्लब की सहेलियों वाली समस्या तो शायद अपूर्वा की मां के साथ भी होगी. सो, बेहतर रहेगा कि दोनों सहेलियों को एकसाथ ही समझाया जाए.

‘‘मगर यह होगा कैसे?’’ निकिता ने पूछा.

‘‘साथ बैठ कर सोचेंगे. फिलहाल तुम मां से ज्यादा मत उलझो और किसी बहाने से घर वापस चली जाओ. मैं विवेक को शाम को वहीं बुला लेता हूं,’’ कह कर निखिल ने फोन रख दिया.

जैसा कि अपेक्षित था, सुकन्या ने पूछा. ‘‘किस का फोन था?’’

‘‘निखिल का पूछने को कि शाम को कुछ लोगों को डिनर पर बुला लें?’’

‘‘तो तू ने क्या कहा?’’

‘‘यही कि जरूर बुलाएं. मैं जाते हुए बाजार से सामान ले जाऊंगी और निखिल के लौटने से पहले सब तैयारी कर दूंगी.’’

‘‘और मैं ने जो तुझे अपनी समस्या सुलझाने व बापबेटे को समझाने को बुलाया है, उस का क्या होगा?’’  सुकन्या ने चिढ़े स्वर में पूछा.

‘‘आप की तो कोई समस्या ही नहीं है, मां. आप सीधी सी बात को उलझा रही हैं और आप के एतराज से जब मैं खुद ही सहमत नहीं हूं तो पापा या विक्की को क्या समझाऊंगी?’’ कह कर निकिता उठ खड़ी हुई. सुकन्या ने भी उसे नहीं रोका.

शाम को निखिल व विवेक इकट्ठे ही घर पहुंचे. ‘‘अपूर्वा को सब बात बता कर पूछता हूं कि क्या उस की मां के साथ भी यह समस्या आएगी,’’ विवेक ने निखिल की बात सुनने के बाद कहा और बरामदे में जा कर अपूर्वा से मोबाइल पर बात करने लगा.

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‘‘आप का कहना सही है, जीजाजी, अपूर्वा कहती है कि घर में सिर्फ मां ही को उस का रिश्ता तोड़ने पर एतराज है वह भी इसलिए कि लोग, खासकर उन की महिला क्लब की सहेलियां, क्या कहेंगी. रिश्ता तो खैर टूट ही रहा है क्योंकि जस्टिस धर ने अपने बेटे को आलोक से बात करने को कह दिया है. लेकिन मेरे साथ रिश्ता जोड़ने में भी उस की मां जरूर अडं़गा लगाएंगी, यह तो पक्का है,’’ विवेक ने कहा.

‘‘आलोक से रिश्ता खत्म हो जाने दो, फिर तुम्हारे से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू करेंगे. मां के कुछ कहने पर यही कहो कि कुछ दिनों तक सिवा अपने काम के, तुम किसी और विषय पर सोचना नहीं चाहते. अपूर्वा को आश्वासन दे दो कि उस की शादी तुम्हीं से होगी,’’ निखिल ने कहा.

‘‘मगर कैसे? 2 जिद्दी औरतों को मनाना आसान नहीं है, निखिल,’’ निकिता ने कहा.

‘‘पापा को तो बीच में डालना नहीं चाहता क्योंकि तब मां उन से और अपूर्वा दोनों से चिढ़ जाएंगी,’’ निखिल कुछ सोचते हुए बोला. ‘‘पापा से इजाजत ले कर मैं ही जस्टिस धरणीधर से बात करूंगा.’’

‘‘मगर पापा या जस्टिस धर की ओर से तो कोई समस्या है ही नहीं,’’ विवेक ने कहा.

‘‘मगर जिन्हें समस्या है, उन दोनों को एकसाथ कैसे धाराशायी किया जा सके, यह तो उन से बात कर के ही तय किया जा सकता है. फिक्र मत करो साले साहब, मैं उसी काम की जिम्मेदारी लेता हूं जिसे पूरा कर सकूं,’’ निखिल ने बड़े इत्मीनान से कहा, ‘‘जस्टिस धर के साथ खेलने का मौका तो नहीं मिला लेकिन बिलियर्ड्स रूम में अकसर मुलाकात हो जाती है. सो, दुआसलाम है. उसी का फायदा उठा कर उन से इस विषय में बात करूंगा.’’

कुछ दिनों के बाद क्लब में आयोजित एक बिलियर्ड प्रतियोगिता जीतने पर जस्टिस धर ने उस के खेल की तारीफ की, तो निखिल ने उन्हें अपने साथ कौफी पीने के लिए कहा और उस दौरान उन्हें विवेक व अपूर्वा के बारे में बताया.

जस्टिस धर के यह कहने पर कि उन्हें तो अपूर्वा के लिए ऐसे ही घरवर की तलाश है. सो, वे विवेक और उस के पिता केशव नारायण से मिलना चाहेंगे. निखिल ने कहा कि वे तो स्वयं ही उन से मिलना चाहते हैं, लेकिन समस्या सुकन्या के एतराज की है, महिला क्लब के सदस्यों को ले कर और यह समस्या अपूर्वा की माताजी की भी हो सकती है.

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‘‘अपूर्वा की माताजी के महिला क्लब की सदस्यों ने तो मेरी नाक में दम कर रखा है,’’ जस्टिस धर ने झल्ला कर कहा, ‘‘शीला स्वयं भी नहीं चाहती कि अपूर्वा शादी कर के अमेरिका जाए लेकिन सब सहेलियों को बता चुकी है कि उस का होने वाला दामाद अमेरिका में इंजीनियर है. सो, उन के सामने अपनी बात बदलना नहीं चाहती, इसलिए अपूर्वा को समझा रही है कि फिर अमेरिका जाए और आलोक को बहलाफुसला कर भारत में रहने को मना ले.

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Serial Story: कड़ी – भाग 1

बृहस्पति की शाम को विवेक को औफिस से सीधे अपने घर आया देख कर निकिता चौंक गई.

‘‘खैरियत तो है?’’

‘‘नहीं दीदी,’’ विवेक ने बैठते हुए कहा, ‘‘इसीलिए आप से और निखिल जीजाजी से मदद मांगने आया हूं, मां मुझे लड़की दिखाने ले जा रही है.’’

निखिल ठहाका लगा कर हंस पड़ा और निकिता भी मुसकराई.

‘‘यह तो होना ही है साले साहब. गनीमत करिए, अमेरिका से लौटने के बाद मां ने आप को 3 महीने से अधिक समय दे दिया वरना रिश्तों की लाइन तो आप के आने से पहले ही लगनी शुरू हो गई थी.’’

‘‘लेकिन मैं लड़की पसंद कर चुका हूं जीजाजी और यह फैसला भी कि शादी करूंगा तो उसी से.’’

‘‘तो यह बात मां को बताने में क्या परेशानी है, लड़की अमेरिकन है क्या?’’

‘‘नहीं जीजाजी. आप को शायद याद होगा, दीदी, जब मैं अमेरिका से आया था तो एयरपोर्ट पर मेरे साथ एक लड़की भी बाहर आई थी?’’

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निकिता को याद आया, विवेक के साथ एक लंबी, पतली युवती को आते देख कर उस ने मां से कहा था, ‘विक्की के साथ यह कौन है, मां? पर जो भी हो दोनों की जोड़ी खूब जम रही है.’ मां ने गौर से देख कर कहा था, ‘जोड़ी भले ही जमे मगर बन नहीं सकती. यह जस्टिस धरणीधर की बेटी अपूर्वा है और इस की शादी अमेरिका में तय हो चुकी है, शादी से पहले कुछ समय मांबाप के साथ रहने आई होगी’.

निकिता ने मां की कही बात विवेक को बताई.

‘‘तय जरूर हुई है लेकिन शादी होगी नहीं. मेरी तरह अपूर्वा को भी अमेरिका में रहना पसंद नहीं है और वह हमेशा के लिए भारत लौट आई है,’’ निकिता की बात सुन कर विवेक ने कहा.

‘‘उस ने यह फैसला तुम से मुलाकात के बाद लिया?’’

‘‘मुझ से तो उस की मुलाकात प्लेन में हुई थी, दीदी. बराबर की सीट थी, सो, इतने लंबे सफर में बातचीत तो होनी ही थी. मेरे से यह सुन कर कि मैं हमेशा के लिए वापस जा रहा हूं, उस ने बताया कि उस का इरादा भी वही है. उस के बड़े भाई और भाभी अमेरिका में ही हैं.

‘‘पिछले वर्ष घरपरिवार अपने बेटे के पास बोस्टन गया था. वहां जस्टिस धर को पड़ोस में रहने वाला आलोक अपूर्वा के लिए पसंद आ गया. अपूर्वा के यह कहने पर कि उसे अमेरिका पसंद नहीं है, उस की भाभी ने सलाह दी कि बेहतर रहे कि वीसा की अवधि तक अपूर्वा वहीं रुक कर कोई अल्पकालीन कोर्स कर ले ताकि उसे अमेरिका पसंद आ जाए. सब को यह सलाह पसंद आई. संयोग से आलोक के मातापिता भी उन्हीं दिनों अपने बेटे से मिलने आ गए और सब ने मिल कर आलोक और अपूर्वा की शादी की बात पक्की कर दी और यह तय किया कि शादी आलोक का प्रोजैक्ट पूरा होने के बाद करेंगे.

‘‘अपूर्वा को आलोक या उस के घर वालों से कोई शिकायत नहीं है. बस, अमेरिका की भागदौड़ वाली जिंदगी खासकर ‘यूज ऐंड थ्रो’ वाला रवैया कोशिश के बावजूद भी पसंद नहीं आ रहा. भाईभावज ने कहा कि वह बगैर आलोक से कुछ कहे, पहले घर जाए और फिर कुछ फैसला करे. मांबाप भी उस से कोई जोरजबरदस्ती नहीं कर रहे मगर उन का भी यही कहना है कि वह रिश्ता तोड़ने में अभी जल्दबाजी न करे क्योंकि आलोक के प्रोजैक्ट के पूरे होने में अभी समय है. तब तक हो सकता है अपूर्वा अपना फैसला बदल ले. यह जानते हुए कि उस का फैसला कभी नहीं बदलेगा, अपूर्वा आलोक को सच बता देना चाहती है ताकि वह समय रहते किसी और को पसंद कर सके.’’

‘‘उस के इस फैसले में आप का कितना हाथ है साले साहब?’’

‘‘यह उस का अपना फैसला है, जीजाजी. हालांकि मैं ने उस से शादी करने का फैसला प्लेन में ही कर लिया था मगर उस से कुछ नहीं कहा. टैनिस खेलने के बहाने उस से रोज सुबह मिलता हूं. आज उस के कहने पर कि समझ नहीं आ रहा मम्मीपापा को कैसे समझाऊं कि आलोक को ज्यादा समय तक अंधेरे में नहीं रखना चाहिए, मैं ने कहा कि अगर मैं उन से उस का हाथ मांग लूं तो क्या बात बन सकती है तो वह तुरंत बोली कि सोच क्या रहे हो, मांगो न. मैं ने कहा कि सोचना मुझे नहीं, उसे है क्योंकि मैं तो हमेशा नौकरी करूंगा और वह भी अपने देश में ही. सो, आलोक जितना पैसा कभी नहीं कमा पाऊंगा. उस का जवाब था कि फिर भी मेरे साथ वह आलोक से ज्यादा खुश और आराम से रहेगी.’’

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‘‘इस से ज्यादा और कहती भी क्या, मगर परेशानी क्या है?’’ निखिल ने पूछा.

‘‘मां की तरफ से तो कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि अपूर्वा की मां शीला से उन की जानपहचान है…’’

‘‘वही जानपहचान तो परेशानी की वजह है, दीदी,’’ विवेक ने बात काटी, ‘‘मां कहती हैं कि अपूर्वा की मां ने उन्हें जो बताया है वह सुनने के बाद वे उसे अपनी बहू कभी नहीं बना सकतीं.’’

‘‘शीला धर से मां की मुलाकात सिर्फ महिला क्लब की मीटिंग में होती है और बातचीत तभी जब संयोग से दोनों बराबर में बैठें. मैं नहीं समझती कि इतनी छोटी सी मुलाकात में कोई भी मां अपनी बेटी के बारे में कुछ आपत्तिजनक बात करेगी.’’

‘‘मां उन से मिली जानकारी को आपत्तिजनक बना रही हैं जैसे लड़की की उम्र मुझ से ज्यादा है…’’

‘‘तो क्या हुआ?’’ निकिता ने बात काटी, ‘‘लगती तो तुम से छोटी ही है और आजकल इन बातों को कोई नहीं मानता. मैं समझाऊंगी मां को.’’

‘‘यही नहीं और भी बहुतकुछ समझाना होगा, दीदी,’’ विवेक ने उसांस ले कर कहा, ‘‘फिलहाल तो शनिवार की शाम को गुड़गांव में जो लड़की देखने जाने का कार्यक्रम बना है, उसे रद करवाओ.’’

‘‘मुझे तो मां ने इस बारे में कुछ नहीं बताया.’’

‘‘कुछ देर पहले मुझे फोन किया था कि शनिवारइतवार को कोई प्रोग्राम मत रखना क्योंकि शनिवार को गुड़गांव जाना है लड़की देखने और अगर पसंद आ गई तो इतवार को रोकने की रस्म कर देंगे. मैं ने टालने के लिए कह दिया कि अभी मैं एक जरूरी मीटिंग में हूं, बाद में फोन करूंगा. मां ने कहा कि जल्दी करना क्योंकि मुझे निक्की और निखिल को भी चलने के लिए कहना है.’’

निखिल फिर हंस पड़ा,

‘‘यानी मां ने जबरदस्त नाकेबंदी की योजना बना ली है. पापा भी शामिल हैं इस में?’’

‘‘शायद नहीं, जीजाजी. सुबह मैं और पापा औफिस जाने के लिए इकट्ठे ही निकले थे. तब मां ने कुछ नहीं कहा था.’’

‘‘मां योजना बनाने में स्वयं ही सिद्धहस्त हैं. उन्हें किसी को शामिल करने या बताने की जरूरत नहीं है. उन के फैसले के खिलाफ पापा भी नहीं बोल सकते,’’ निकिता ने कहा.

‘‘तुम्हारा मतलब है साले साहब को गुड़गांव लड़की देखने जाना ही पड़ेगा,’’ निखिल बोला.

‘‘जब उसे वहां शादी करनी ही नहीं है तो जाना गलत है. तुम कई बार शनिवार को भी काम करते हो विवेक, सो, मां से कह दो कि तुम्हें औफिस में काम है और फिर चाहे अपूर्वा के साथ या मेरे घर पर दिन गुजार लो.’’

‘‘औफिस में वाकई काम है, दीदी. लेकिन उस से समस्या हल नहीं होगी. मां लड़की वालों को यहां बुला लेंगी.’’

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‘‘तुम चाहो तो मां को समझाने के लिए विवेक के साथ जा सकती हो, निक्की. मैं बच्चों को खाना खिलाने के बाद सुला भी दूंगा.’’

‘‘तब तो मां और भी चिढ़ जाएंगी कि मैं ने दीदी से उन की शिकायत की है. फिलहाल तो दीदी को मुझे यह समझाना है कि गुड़गांव वाला परिच्छेद खुलने से पहले बंद कैसे करूं. और जब मां मेरी शिकायत दीदी से करें तो वह कैसे बात संभालेंगी,’’ विवेक ने कहा.

आगे पढ़ें- निकिता ने विवेक को समझाया कि…

Serial Story: कड़ी – भाग 3

अपूर्वा को यह संभव नहीं लगता क्योंकि उसे और आलोक को अभी तक तो एकदूसरे से कोई ऐसा लगाव है नहीं कि वह ग्रीनकार्ड वापस कर के भारत आ जाए. और अब जब उसे विवेक पसंद आ गया है तो वह कोशिश भी नहीं करेगी. हमें जबरदस्ती ही करनी पड़ेगी दोनों औरतों के साथ.’’

‘‘देखिए धर साहब, अपनी इज्जत तो सभी को प्यारी होती है खासकर अभिजात्य वर्ग की महिलाओं को अपने सोशल सर्किल में,’’ निखिल ने नम्रता से कहा, ‘‘जबरदस्ती करने से तो वे बुरी तरह बिलबिला जाएंगी और उन के ताल्लुकात अपूर्वा और विवेक के साथ हमेशा के लिए बिगड़ सकते हैं.’’

‘‘अपूर्वा और विवेक से ही नहीं, मेरे और केशव नारायण से भी बिगड़ेंगे लेकिन इन सब फालतू बातों से डर कर हम बच्चों की जिंदगी तो खराब नहीं कर सकते न?’’

‘‘कुछ खराब करने की जरूरत नहीं है, धर साहब. धैर्य और चतुराई से बात बन सकती है,’’ निखिल ने कहा, ‘‘मैं यह प्रतियोगिता जीतने की खुशी के बहाने आप को सपरिवार क्लब में डिनर पर आमंत्रित करूंगा और अपनी ससुराल वालों को भी. फिर देखिए मैं क्या करता हूं.’’

जस्टिस धर ने अविश्वास से उस की ओर देखा. निखिल ने धीरेधीरे उन्हें अपनी योजना बताई. जस्टिस धर ने मुसकरा कर उस का हाथ दबा दिया.

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निखिल का निमंत्रण सुकन्या ने खुशी से स्वीकार कर लिया. क्लब में बैठने की व्यवस्था देख कर उस ने निखिल से पूछा कि कितने लोगों को बुलाया है?

‘‘केवल जस्टिस धरणीधर के परिवार को?’’

‘‘उन्हें ही क्यों?’’ सुकन्या ने चौंक कर पूछा.

‘‘क्योंकि जस्टिस धर ने मैच जीतने की खुशी में मुझ से दावत मांगी थी. सो, बस, उन्हें बुला लिया और लोगों को बगैर मांगे छोटी सी बात के लिए दावत देना अच्छा नहीं लगता न,’’ निखिल ने समझाने के स्वर में कहा.

तभी धर परिवार आ गया. विवेक और अपूर्वा बड़ी बेतकल्लुफी से एकदूसरे से मिले और फिर बराबर की कुरसियों पर बैठ गए, जस्टिस धर ने आश्चर्य व्यक्त किया, ‘‘तुम एकदूसरे को जानते हो?’’

‘‘जी पापा, बहुत अच्छी तरह से,’’ अपूर्वा ने कहा, ‘‘हम दोनों रोज सुबह टैनिस खेलते हैं.’’

‘‘और तकरीबन 24 घंटे बराबर की कुरसियों पर बैठे रहे हैं अमेरिका से लौटते हुए,’’ विवेक ने कहा.

‘‘शीलाजी, आप ने शादी से पहले कुछ समय अपने साथ गुजारने को बेटी को दिल्ली बुला ही लिया?’’ सुकन्या ने पूछा.

‘‘नहीं आंटी, मैं खुद ही आई हूं,’’ अपूर्वा बोली, ‘‘मम्मी तो अभी भी वापस जाने को कह रही हैं लेकिन मैं नहीं जाने वाली. मुझे अमेरिका पसंद ही नहीं है.’’

‘‘लेकिन तुम्हारी सगाई तो अमेरिका में हो चुकी है,’’ सुकन्या बोली.

‘‘सगाईवगाई कुछ नहीं हुई है,’’ जस्टिस धर बोले, ‘‘बस, हम ने लड़का पसंद किया और उस के मांबाप ने हमारी लड़की. लड़का फिलहाल किसी प्रोजैक्ट पर काम कर रहा है और जब तक प्रोजैक्ट पूरा न हो जाए वह सगाईशादी के चक्कर में पड़ कर ध्यान बंटाना नहीं चाहता. एक तरह से अच्छा ही है क्योंकि उस के प्रोजैक्ट के पूरे होने से पहले ही मेरी बेटी को एहसास हो गया है कि वह कितनी भी कोशिश कर ले उसे अमेरिका पसंद नहीं आ सकता.’’

‘‘विवेक की तरह,’’ केशव नारायण ने कहा, ‘‘इस के मामा ने इसे वहां व्यवस्थित करने में बहुत मदद की थी, नौकरी भी अच्छी मिल गई थी लेकिन जैसे ही यहां अच्छा औफर मिला, यह वापस चला आया.’’

‘‘सुव्यवस्थित होना या अच्छी नौकरी मिलना ही सबकुछ नहीं होता, अंकल,’’ अपूर्वा बोली, ‘‘जिंदगी में सकून या आत्मतुष्टि भी बहुत जरूरी है जो वहां नहीं मिल सकती.’’

‘‘यह तो बिलकुल विवेक की भाषा बोल रही है,’’ निकिता ने कहा.

‘‘भाषा चाहे मेरे वाली हो, विचार इस के अपने हैं,’’ विवेक बोला.

‘‘यानी तुम दोनों हमखयाल हो?’’ निखिल ने पूछा.

‘‘जी, जीजाजी, हमारे कई शौक और अन्य कई विषयों पर एक से विचार हैं.’’

‘‘यह तो बड़ी अच्छी बात है,’’ निखिल शीला और सुकन्या की ओर मुड़ा, ‘‘आप इन दोनों की शादी क्यों नहीं कर देतीं.’’

‘‘क्या बच्चों वाली बातें कर रहे हो निखिल?’’ सुकन्या ने चिढ़े स्वर में कहा, ‘‘ब्याहशादी में बहुतकुछ देखा जाता है. क्यों शीलाजी?’’

‘‘आप ठीक कहती हैं, सिर्फ मिजाज का मिलना ही काफी नहीं होता,’’ शीला ने हां में हां मिलाई.

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‘‘और क्या देखा जाता है?’’ निखिल ने चिढ़े स्वर में पूछा. ‘‘कुल गोत्र, पारिवारिक स्तर, और योग्यता वगैरा, वे तो दोनों के ही खुली किताब की तरह सामने हैं बगैर किसी खामी के…’’

‘‘फिर भी यह रिश्ता नहीं हो सकता,’’ सुकन्या और शीला एकसाथ बोलीं.

‘‘क्योंकि इस पर वरवधू की माताओं के महिला क्लब के सदस्यों की स्वीकृति की मुहर नहीं लगी है,’’ जस्टिस धर ने कहा.

‘‘यह तो आप ने बिलकुल सही फरमाया, जज साहब,’’ केशव नारायण ठहाका लगा कर हंसे, ‘‘वही मुहर तो सुकन्या और शीलाजी की मानप्रतिष्ठा का प्रतीक है.’’ दोनों महिलाओं ने आग्नेय नेत्रों से अपनेअपने पतियों को देखा, इस से पहले कि वे कुछ बोलतीं, निखिल बोल पड़ा, ‘‘उन की मुहर मैं लगवा दूंगा, उन्हें एक बढि़या सी दावत दे कर जिस में विवेक और अपूर्वा सब के पांव छू कर आशीर्वाद के रूप में स्वीकृति प्राप्त कर लेंगे.’’

‘‘आइडिया तो बहुत अच्छा है, निखिल, लेकिन कन्या और वर की माताओं की समस्या का हल नहीं है,’’ जस्टिस धर ने उसांस ले कर कहा, ‘‘असल में शीला ने सब को बताया हुआ है कि उस का होने वाला दामाद अमेरिका में रहता है.’’

‘‘यह बात तो है,’’ निखिल कुछ सोचते हुए बोला, ‘‘आप ने सब को लड़के का नाम वगैरा बताया है आंटी?’’

‘‘नहीं, बस इतना ही बताया था कि अमेरिका में अनिल के पड़ोस में रहता है. हमें अच्छा लगा और हम ने अपूर्वा के लिए पसंद कर लिया.’’

‘‘उस के मांबाप के बारे में बताया था?’’

‘‘कुछ नहीं. किसी ने पूछा भी नहीं.’’

‘‘तो फिर तो समस्या हल हो गई, साले साहब भी तो अमेरिका से ही लौटे हैं, इन्हें अनिल का पड़ोसी बना दीजिए न. आप ने तो विवेक का अमेरिका का एड्रैस अपनी सहेलियों को नहीं दिया हुआ न, मां?’’ निखिल ने सुकन्या से पूछा.

‘‘हमारी सहेलियों को यह सब पूछने की फुरसत नहीं है, निखिल. लेकिन वे इतनी बेवकूफ भी नहीं हैं कि तुम्हारी बचकानी बातें सुन कर यह मान लें कि विवेक वही लड़का है जो शीलाजी अमेरिका में पसंद कर के आई थीं,’’ सुकन्या ने झल्ला कर कहा, ‘‘वे मुझ से पूछेंगी नहीं कि मैं ने यह, बात उन सब को क्यों नहीं बताई?’’

‘‘क्योंकि आप नहीं चाहती थीं कि जब तक सगाईशादी की तारीख पक्की न हो, वे सब आप दोनों को समधिन बना कर क्लब के अनौपचारिक माहौल और आप के रिश्तों को खराब करें,’’ निखिल बोला.

‘‘यह बात तो निखिलजी ठीक कह रहे हैं, सुकन्या और पिछली मीटिंग में ही किसी के पूछने पर कि आप ने विवेक के लिए कोई लड़की पसंद की या नहीं. आप ने कहा था कि लड़की तो पसंद है लेकिन जिस से शादी करनी है उसे तो फुरसत मिले. विवेक आजकल बहुत व्यस्त है,’’ शीला ने कुछ सोचते हुए कहा.

‘‘तो अगली मीटिंग में कह दीजिएगा कि विवेक को फुरसत मिल गई है और फलां तारीख को उस की सगाई है. अगली मीटिंग से पहले तारीख तय कर लीजिए,’’ निखिल ने कहा.

‘‘वह तो हमें अभी तय कर लेनी चाहिए, क्यों धर साहब?’’ केशव नारायण ने पूछा.

‘‘जी हां, इस से पहले कि कोई और शंका उठे.’’

‘‘तो ठीक है आप लोग तारीख तय करिए, हम लोग पीने के लिए कोई बढि़या चीज ले कर आते हैं,’’ निखिल उठ खड़ा हुआ. ‘‘चलो विवेक, अपूर्वा और निक्की तुम भी आ जाओ.’’

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‘‘कमाल कर दिया जीजाजी आप ने भी,’’ विवेक ने कुछ दूर जाने के बाद कहा. ‘‘समझ नहीं पा रहा आप को जादूगर कहूं या जीनियस?’’

‘‘जीनियसवीनियस कुछ नहीं, साले साहब,’’ निखिल मुसकराया, ‘‘मैं तो महज एक अदना सी कड़ी हूं आप दोनों का रिश्ता जोड़ने वाली.’’

‘‘अदना नहीं, अनमोल कड़ी, जीजाजी,’’ अपूर्वा विह्वल स्वर में बोली.

बिग बौस कंटेस्टेंट स्वामी ओम का निधन, पढ़ें खबर

सलमान खान के शो ‘बिग बॉस का हर सीजन पौपुलर रहा है. वहीं कुछ सीजन के कंटेस्टेंट ऐसे हैं, जिन्हें कभी नही भुलाया जा सकता. वहीं इन कंटेस्टेंट में बिग बौस के 10वें सीजन का हिस्सा रह चुके स्वामी ओम भी हैं. लेकिन इस बार स्वामी ओम को लेकर दुखद खबर सामने आई हैं. दरअसल, आज ही यानी 3 फरवरी को स्वामी ओम का निधन हो गया है. आइए आपको बताते हैं क्या थी मौत की वजह…

बीमार चल रहे थे स्वामी ओम

खबरों की मानें तो पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे स्वामी ओम का आधा शरीर पैरालाइज्ड हो गया था, जिसके कारण बुधवार को उनकी मौत हो गई है.

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कौंट्रवर्सी में रहते थे स्वामी ओम

कभी अपने बयानों से तो कभी हरकतों से सुर्खियों में रहने वाले ओम स्वामी आए दिन कोई न कोई बयान देते रहते थे, जिसके कारण वह सुर्खियों में आ जाते थे. वहीं एक बार तो उन्होंने ‘नच बलिए 8’ की टीम को फोन कर खुद को शो में लेने की बात कही थी. हालांकि कपल शो के कारण उन्हें यह कहकर मना कर दिया था कि वह इस शो में हिस्सा नही ले सकते क्योंकि  वह कोई कपल नही हैं.

 

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बिग बौस 14 बटोर रहा है सुर्खियां

बिग बौस के लेटेस्ट सीजन की बात करें तो हाल ही मेकर्स की ओर से जारी किए गए प्रोमो में दिखाया गया है कि राखी सावंत, अभिनव शुक्ला (Abhinav Shukla) को भड़काने की पूरी प्लानिंग करती हुई नजर आएंगी. दरअसल, राखी सावंत वाशरूम के पास अभिनव शुक्ला से बात कर रही होंगी और बातों ही बातों में वह गुस्से में उन्हें ठरकी बोल देंगी, जिसके बाद अभिनव शुक्ला गुस्से में राखी पर बरसते नजर आएंगे.

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म्यूजिक वीडियो में नजर आएंगे नेहा कक्कड़ के एक्स बौयफ्रेंड हिमांश कोहली, पढ़ें खबर

2014 की सफलतम फिल्म ‘‘यारियां’’ से अभिनय के मैदान में कदम रखने वाले अभिनेता हिमांश कोहली पिछले छह वर्ष के अंतराल में करीबन छह फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं, मगर बतौर अभिनेता उन्हे जो मुकाम पाना चाहिए था, उसे पाने से वंचित रह गए. लेकिन जब जब वह किसी म्यूजिक वीडियो में नजर आते हं, तब तब वह सूर्खियों में छा जाते हैं. ‘‘नेहा कक्कड़ संग ‘ओह हम सफर सिंगल’,  अमाल मलिक संग ‘तेरा शहर’, शिवानी जाधव संग ‘तेनी वेखूं जावां’के बाद अब हिमांश कोहली नए म्यूजिक वीडियो‘‘मैं जिस दिन भुला दूं’ को लेकर अभी से सूर्खियों में छा गए हैं, जबकि यह म्यूजिक वीडियो ग्यारह फरवरी को बाजार में आएगा.

म्यूजिक वीडियो‘मैं जिस दिन भुला दूं’ में अभिनेता हिमांश कोहली के साथ गायक जुबिन नौटियाल और तुलसी कुमार भी होंगी. जबकि इस वीडियो का निर्देशन नवजीत भुट्टार ने किया है. यह एक रोमांटिक ट्रैक है. इस रोमांटिक गीत पर प्रकाश डालते हुए हिमांश कहते हैं, “जुबिन मेरे एक प्रिय मित्र हैं और बहुत ही भावपूर्ण गायक हैं. अक्सर,  मुझे एक विशेष गीत बहुत पसंद है और फिर बाद में पता चला कि यह जुबिन द्वारा गाया गया है. तुलसी एक महान ट्रेंडिंग महिला गायक हैं, जिन्हें मैंने अपनी पहली फिल्म यारियां की शूटिंग शुरू करने के बाद से जाना है. मुझे वास्तव में उस तरह के गाने पसंद हैं जो वह करती हैं,  यह हमेशा अच्छा,  ताजा,  आकर्षक और श्रोताओं द्वारा पसंद किया जाता है. इस गाने की शूटिंग चंडीगढ़ व  पटियाला में की गई है. कोरोना की वजह से इस गाने की शूटिंग के दौरान बहुत कम प्रोडक्शन स्टाफ था. हमने सुरक्षा के सभी उपाय किए और सामाजिक संतुलन के नियमों का पालन किया. उद्योग को पूरी कार्रवाई में वापस आना बाकी है. ”

 

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हिमांशु आगे कहते हैं-‘‘जब भी मैं कैमरे के सामने होता हूं,  कुछ नया सीखता हूं. मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह फिल्म है या वेब सीरीज है या टी वी है अथवा म्यूजिक वीडियो है. लेकिन मैंने जो सीखा है,  वह यह है कि 5 मिनट में एक कहानी सुनाना और 2 घंटे की फिल्म की तुलना में इसे समझदार बनाना अधिक कठिन है. फिल्मों में स्पष्ट रूप से अपनी चुनौतियां हैं,  लेकिन आपके पास हर संवाद और भावना के लिए एक राहत है. ”

Bigg Boss 14: राखी की गंदी बातों से फूटा रुबीना का गुस्सा, फेंका बाल्टी भर पानी

सलमान खान के पौपुलर रिएलिटी शो ‘बिग बॉस 14’ (Bigg Boss 14) में कंटेस्टेंट राखी सावंत का ड्रामा खत्म नही हो रहा है. जहां बीते दिनों राखी के चलते अभिनव शो छोड़ने को मजबूर हो गए थे तो वहीं अब रुबीना का गुस्सा देखने को मिल रहा है. दरअसल, शो के नए प्रोमो राखी की हरकतों को देखकर रुबीना एक बड़ा कदम देखने को मजबूर हो गई हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे….

राखी कहेंगी ये बात

हाल ही मेकर्स की ओर से जारी किए गए प्रोमो में दिखाया गया है कि राखी सावंत, अभिनव शुक्ला (Abhinav Shukla) को भड़काने की पूरी प्लानिंग करती हुई नजर आएंगी. दरअसल, राखी सावंत वाशरूम के पास अभिनव शुक्ला से बात कर रही होंगी और बातों ही बातों में वह गुस्से में उन्हें ठरकी बोल देंगी, जिसके बाद अभिनव शुक्ला गुस्से में राखी पर बरसते नजर आएंगे.

https://www.youtube.com/watch?v=s5cyQvrHkVo&feature=emb_logo

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रुबीना को आया गुस्सा

अभिनव और राखी की इस लड़ाई का मामला इतना बढ़ जाएगी कि राखी रुबीना दिलाइक (Rubina Dilaik) के सामने अभिनव शुक्ला की कमियां गिनाती हुई नजर आएंगी और कहेंगी कि अभिनव शुक्ला सिर्फ और सिर्फ अपनी बीबी के इशारों पर ही नाचता है. रुबीना चुपचाप राखी सावंत की हर एक बात सुनती दिखेंगी. लेकिन एक पल ऐसा आएगा कि रुबीना, राखी पर गुस्सा दिखाते हुए बाल्टी भर पानी उनपर फेंकती हुई दिखेंगी. वहीं खबर है कि इन सब के बाद बिग बौस कड़ा कदम उठाते हुए रुबीना को पूरे सीजन के लिए नौमिनेट कर देंगे.

 

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बता दें, बीते वीकेंड का वार पर राखी सावंत के बिहेवियर से परेशान अभिनव शुक्ला और रुबीना दिलाइक को शो के होस्ट सलमान खान से खरी खोटी सुननी पड़ी थी, जिसके बाद शो से बाहर सेलेब्स इस बात से काफी नाखुश नजर आए थे और अभिनव और रुबीना का सपोर्ट करते हुए दिखे थे.

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वनराज के इल्जामों से भड़की अनुपमा, गुस्से में देगी ऐसा जवाब

स्टार प्लस के सीरियल अनुपमा की फैन फौलोइंग बढ़ती जा रही है, जिसके कारण यह शो टीआरपी चार्ट में हफ्तों से पहले नंबर पर बना हुआ है. वहीं मेकर्स भी सीरियल को और भी दिलचस्प बनाने के लिए नए-नए ट्विस्ट ला रहे हैं. इसी बीच अब शो में अनुपमा और वनराज के बीच जंग देखने को मिलने वाली हैं, जिससे दर्शक हैरान रह जाएंगे. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में…

वनराज ने लगाया अनुपमा पर इल्जाम

किंजल को वनराज की नौकरी मिलने से सभी परेशान हैं. वहीं वनराज के मन में काव्या, अनुपमा के खिलाफ जहर घोलने में कामयाब हो रही है. वहीं इन सब के कारण वनराज अब अनुपमा को अपना दुश्मन समझ रहा है. एपिसोड में आपने देखा कि वनराज, अनुपमा को करारा जवाब देने की बात कहता हुआ नजर आया था. साथ ही अनुपमा को तलाक के पेपर देता है, जिसे पढकर पूरा शाह परिवार हैरान हो जाता है. दरअसल, वनराज, अनुपमा को तलाक देने के लिए तैयार हो जाता है, लेकिन इसके पीछे वनराज ने अनुपमा के खिलाफ एक प्लान सोचा है. वनराज ने तलाक के कागजों में अनुपमा को मानसिक रूप बीमार होने की बात लिखी है. यही नहीं अनुपमा का कौंफिडेंस तोड़ने के लिए उसने अनुपमा को मेंटली अनस्टेबल होने की बात पूरे परिवार के सामने कही है.

 

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अनुपमा देगी ये जवाब

वनराज के इस कदम से टूट चुकी अनुपमा आने वाले एपिसोड में कड़ा जवाब देते हुए नजर आएगी. दरअसल, आने वाले एपिसोड में अनुपमा, वनराज से कहेगी कि जो इल्जाम मुझ पर लगाना है मुझ पर लगाइये . वह अदालत में हर सवाल का जवाब देगी. अब वह अनुपमा नही है जो वनराज के गुस्से के सामने थर थर कापे. वहीं अनुपमा के गुस्से को देखकर वनराज कहता है. कि वह भी पुराना वनराज नही है. अब लिहाज नही होगा सिर्फ जंग होगी.

अब देखना ये है कि क्या अनुपमा, वनराज के खिलाफ जीत जाएगी.

पोस्ट विंटर स्किन केयर टिप्स के बारे में जानें यहां

बात जब सर्दियों के मौसम की हो तो, इसका सबसे ज्यादा असर हमारी सेहत के साथ-साथ स्किन पर भी पड़ता है. सर्दियों के मौसम में हमारी स्किन अपना ग्लो, चमक और हाइड्रेशन खोने लगती है. जिससे स्किन रुखी होकर अक्सर लाल और खुजलीदार होने लगती है. हम में कई ऐसे लोग ऐसे होते हैं जो इस समस्या की ओर खास ध्यान नहीं देते, और बेहतर कदम नहीं उठाते. देखा जाए तो बाहर के स्किन केयर प्रोडक्ट्स को हर कोई खरीद नहीं सकता, और इस बात की भी कोई गारंटी नहीं होती कि जो प्रोडक्ट्स हम लगा रहे हैं वो हमारी स्किन के लिए है भी या नहीं. इसके लिए हमारे पास एक विश्वसनिय विकल्प है और यह विकल्प है, घरेलू उपचार का. जी हां घरेलू उपचार से ही स्किन के रूखेपन से प्राकृतिक तरीके से निजात पा कर खोई हुई रौनक वापस आ जाएगी. आज इस लेख के जरिये हम आपको रुखी स्किन से निजात पाने के लिए ऐसे घरेलू उपचार बताएंगे जो आपके किचन में आसानी से मिल जाएंगे.

1. शहद-

आयुर्वेद में शहद का काफी महत्व है. स्किन से सम्बंधित जितने भी आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स होते हैं, उसमें शहद का इस्तेमाल किया जाता है. शहद रुखी स्किन के लिए भी काफी फायदेमंद हैं. हालांकि सर्दियों का मौसम आते ही स्किन रुखी होने लगती है. स्किन पर शहद लगाने से उसे नमी मिलती है. शहद को हर रोज दस मिनट लगाने से आपको बेहतर रिजल्ट मिलते हैं.

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2. जैतून का तेल-

आज कल जैतून का इस्तेमाल खाने से लेकर बालों और स्किन के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा है. हालांकि स्किन के लिए जैतून के तेल का इस्तेमाल काफी अच्छा माना जाता है. रुखी स्किन को मुलायम बनाने के लिए आधे कप ठंडे दूध में जैतून की कुछ बूंदे ही अपना कमाल दिखाने में काफी हैं. आप इसे हर रोज रुई के जरिये अपने चेहरे पर लगाएं.

3. दूध की मलाई-

मलाई को स्किन के लिए सबसे बेहतर माना जाता है. इसमें प्राकृतिक तौर पर कई तत्व ऐसे होते हैं जो, स्किन को रुखा होने से बचाते हैं. आप रोज रात को सोने से पहले तिल के तेल में थोड़ी सी दूध की मलाई मिलाकर अपने चेहरे से लेकर गर्दन में लगाएं. इसका असर धीरे धीरे आपको खुद नजर आने लगेगा.

4. ओट्स-

ओट्स ना सिर्फ सेहत के लिए बल्कि स्किन के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है. रुखी स्किन के लिए ओट्स का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है. हर रोज नहाने से पहले स्किन पर ओट्स को पानी में मिलाकर लगाएं और पांच मिनट के लिए छोड़ दें. विशेषज्ञ भी रुखी स्किन के लिए इस नुस्खे को काफी फायदेमंद बताते हैं.

5. दही-

स्किन को नम बनाए रखने के लिए दही यानि की योगर्ट काफी अच्छा माध्यम है. इसमें भरपूर मात्रा में एन्टीऑक्सिडेंट होते हैं, जो स्किन में नमी को बरकरार रखते हैं. इसमें उपस्थित लैक्टिक एसिड रूखेपन और स्किन की जलन को दूर करते हैं. फ्रेश दही से अपने चेहरे पर मसाज करें, और दस मिनट बाद इसे अच्छे से धो लें. आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे.

6. नारियल का तेल-

रूखी स्किन के लिए नारियल का तेल काफी फायदेमंद होता है. इसकी कुछ बूंदों से स्किन पर मसाज असर आपको तुरंत नजर आने लगेगा. इसके साथ ही रूखापन दूर होने के साथ स्किन में ग्लो और चमक भी बढ़ती है.

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7. उड़द की दाल-

आपको सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन ये सच है कि, उड़द की दाल को खाने के अलावा स्किन पर भी लगाया जाता है. इस लगाने के लिए एक छोटे छोटा चम्मच दही में एक चम्मच उड़द की दाल का पाउडर मिलाकर पेस्ट बना लें. फिर इसे चेहरे पर लगा लें. सूखने के बाद इसे धो लें. चेहरे में नमी बनी रहेगी.

ये तो रूखी स्किन से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपाय. इसके आलवा आपको भी ये भी जान लेना चाहिए कि अगर हमारे शरीर में पानी की कमी होगी तो उसका असर बाहरी स्किन पर देखने को मिल सकता है. इसलिये ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और अपनी स्किन की रौनक बरकरार रखें.

जब पति या प्रेमी हो Narrow Minded

कहीं आप भी तो किसी संकीर्ण मानसिकता को डेट नहीं कर रहीं? क्या आप अपने पार्टनर यानि की प्रेमी के साथ पूरा दिन टाइम स्पेंड करने के बाद भी अच्छा फील नहीं करती? तो समझ जाइए कि आपका पार्टनर संकीर्ण मानसिकता है. संकीर्ण मानसिकता इंसान हमेशा सिर्फ खुद की तारीफ ही सुनना पसंद करता है. वो समझता है कि वह सबसे श्रेष्ठ है. शोध के मुताबिक संकीर्ण मानसिकता कोई अचानक या एकदम से आई बीमारी नहीं होती. ये बचपन से ही होती है. इसमें इंसान अपनी कमियों को दूर करने के लिए खुद को प्यार करने लगता है और खुद को पैम्पर करने लगता है. संकीर्ण मानसिकता समस्या तब बनती है जब, वो आत्मकेन्द्रित हो जाता है और दूसरों की भावनाएं उसके लिए कोई मायने नहीं रखती. इन्हें सिर्फ अपनी तारीफ ही सुनना पसंद होती है. आज का हमारा ये लेख खास इस विषय पर आधारित है. जहां हम आपको संकीर्ण मानसिकता से निपने के तरीके बताएंगे जो आपके रिलेशन शिप में काफी काम आने वाले हैं.

1. दें अच्छी सीख-

आप इस बात को अच्छे से समझ लें कि संकीर्ण मानसिकता किसी की भी अचानक से नहीं होती. ये बचपन से ही पनपने लगती है. ऐसे में आप उउनके प्रति अपना व्यवहार संतुलित रखें. जब वो कोई अच्छा काम करे तो उसकी तारीफ करें, लेकिन गलती पर उसे उसकी गलती का एहसास भी दिलाएं. उसे जितना तैयार आप जीत के लिए करती हैं, उतना ही तैयार हार को अपनाने के लिए भी करें. अच्छी जिन्दगी की अच्छाई और बुराई के बीच सही संतुलन की सीख दें.

2. काउंसलिंग आएगी काम-

अगर आप रिलेशनशिप में हैं. और अगर आपको अपने पार्टनर के अंदर संकीर्ण मानसिकता की भावना नजर आने लगे तो उसे इग्नोर ना करें उनकी बेहतरी के लिए उन्हें काउंसलिंग के लिए ले जाएं. अगर समय रहते इसका उपचार शुरू किया गया तो इस समय पर काबू पाना भी आसान हो जाएगा.

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3. भावनाओं का रखें ख्याल-

संकीर्ण मानसिकता इंसान के साथ किसी भी रिश्ते में रहना आसान नहीं होता. आपका साथी हमेशा आपकी भावनाओं को अनदेखा करता है. उसकी सोच काफी छोटी लग सकती है. ऐसी स्थिति में आप अपनी भावनाओं को ना खोएं. बेबाकी से अपनी बात को उसी तरह रखें. जिस तरह आपका पार्टनर रखता है. यही एक मात्र ऐसा जरिया है, जिसकी मदद से आप अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकती हैं.

4. सीमाएं करें निर्धारित-

रिश्ता कैसा भी हो उसमें कहीं ना कहीं एक सीमा का निर्धारित होना जरूरी है. इसकी जरूरत तब और भी ज्यादा हो जाती है जब आपका पार्टनर संकीर्ण मानसिकता वाला हो. वो सिर्फ अपनी ही चलाने की कोशिश करता हो. सिर्फ अपनी इच्छाओं की ही बात करता हो. आप इसे खुद पर थोपे ना. आप खुद को इससे दूर रखने के लिए सीमाओं को निर्धारित करें. साथ ही उन्हें इस बात का भी एहसास दिलाएं की आपका भी कुछ पर्सनल स्पेस है. जिसके अंदर किसी को भी आने की परमीशन नहीं है.

5. बहस से रहें दूर-

हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि संकीर्ण मानसिकता वाले इंसान के साथ रहना ये उससे किसी भी तरह की बहस करनी काफी मुश्किल हो सकती है. आपको जब भी लगे कि आपके पार्टनर से आपकी बहस शुरू होने वाली है तो आप उस बहस से खुद को साइड में रखकर दूरी बना लें. आप इसका मतलब ये बिलकुल भी ना समझें कि आप हार गयीं या आपकी गलती है. आप इसे समझदारी समझें. क्योंकि संकीर्ण मानसिकता का इंसान हर हाल में आपको गलत साबित करेगा. जिससे आपका आत्मबल भी टूट सकता है.

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6. ना करें माफ़ी की उम्मीद-

संकीर्ण मानसिकता इंसान सिर्फ अपनी केयर करता है. ऐसे में कई बार वो आपकी भावनाओं को भी ठेस पहुंचा सकता है. जिसके बाद भी वो आपसे माफ़ी नहीं मांगता. लगातर झूठ बोलना उसकी आदत होती है. तो आपके लिए ये सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप उनके इस व्यवहार को लेकर कोई भी उम्मीद ना लगाएं. आप उन्हने यूं ही माफ़ी करने के बजाय उनकी गलतियों का उन्हें एहसास दिलाएं.

तो ये कुछ ऐसी टिप्स हैं, जिनकी मदद से आप खुद को संकीर्ण मानसिकता इंसान से बचा सकती हैं. अगर आप किसी संकीर्ण मानसिकता के साथ डेट कर रही हैं तो पीछे हटने के बजाए आप खुद के व्यवहार में बदलाव करें. जो आपके लिए भी सही रहेगा.

मुझे बालों को स्ट्रेट करने का सही तरीका बताएं?

सवाल-

बहुत समय से मैं बालों को घर में ही स्ट्रेट करती हूं लेकिन उस का रिजल्ट पार्लर जैसा नहीं मिलता है. मुझे बालों को स्ट्रेट करने का सही तरीका बताएं?

जवाब-

जब आप पार्लर या क्लीनिक में बाल स्ट्रेटनिंग करवाती हैं तो उस को करने वाले लोग नौर्मली ऐक्सपर्ट्स होते हैं जो बालों की पतलीपतली लेयर्स के स्ट्रेटनिंग करने में यूज किया जा रहे स्ट्रेटनिंग सल्यूशन की क्वालिटी भी बहुत अच्छी होती है, जिसे आप घर में उतने अच्छी तरीके से यूज नहीं कर पाती हैं. इसलिए बेहतर यही है रोजरोज घर में स्ट्रेटनिंग करने के बदले आप परमानेंट स्ट्रेटनिंग करवा लें जिस से पार्लर जैसे स्थायी रूप से बाल सीधे आप को मिलेंगे.

स्ट्रेट बाल रखने के लिए आप बालों में परमानेंट हेयर ऐक्सटेंशन भी करवा सकती हैं. यदि परमानेंट हेयर ऐक्सटेंशन नहीं करवाना चाहती हैं तो जब भी बाहर जाएं टेंपरेरी हेयर ऐक्सटेंशन लगा कर भी बालों को सेट कर सकती हैं.

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स्‍ट्रेट हेयर स्‍टाइल आज कल काफी ट्रेंड में है और यह हर चेहरे पर सूट भी करता है. आजकल हमारे पास स्ट्रेटनर होता है जिसके चलते हम घर पर ही बेहद आराम से जब चाहे तब बालों के स्ट्रेट कर लेते हैं. लेकिन अपने बालों को बार बार इस तरह से स्‍ट्रेट करना बड़ा ही नुकसानदायक हो सकता है. तो ऐसे में आप कुछ नेचुरल तरीका अपना सकती हैं. बालों को स्‍ट्रेट करने के लिये यहां पर कुछ होममेड हेयर पैक दिये जा रहे हैं, तो जरा ध्‍यान दीजिये.

1. आमला पाउडर और‍ शीकाकाई हेयर पैक

आधा कप आमला पाउडर, आधा कप शिकाकाई पाउडर तथा उतनी ही मात्रा चावल के आटे की 1 कटोरे में मिलाएं. अब उसमें 2 अंडा डाल कर पेस्‍ट बना लें. इस पैक को बालों में लगाएं और 1 घंटे बाद सिर धो लें. आप इस पैक को हफ्ते में दो बार लगा सकती हैं. लगातार प्रयोग से आपके बाल अपने आप ही स्‍ट्रेट हो जाएंगे.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- इन हेयर पैक से करें बालों को स्ट्रेट

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