Neha Kakkar ने Indian Idol 2020 में ऐश्वर्या राय बच्चन का लुक किया कौपी, देखें फोटोज

बौलीवुड सिंगर नेहा कक्कड़ अपनी शादी के बाद सुर्खियों में रहती हैं. जहां एक तरफ नेहा के गाने लोगों की जबान पर रहते हैं तो वहीं पति रोहनप्रीत के साथ उनकी फोटोज सोशलमीडिया पर छाई रहती हैं. इसी बीच नेहा कक्कड़ ने अपने एक रियलिटी शो Indian Idol 2020 के सेट से कुछ फोटोज शेयर की हैं, जिसमें वह ऐश्वर्या राय बच्चन का लुक कौपी करती दिख रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं नेहा कक्कड़ की लेटेस्ट फोटोज…

‘इंडियन आइडल 2020’ में कौपी किया ये लुक

बीते दिनों ही ‘इंडियन आइडल 2020’ के सेट पर गणतंत्र दिवस मनाया गया था, जिसकी फोटोज नेहा ने सोशलमीडिया पर शेयर की थी. लुक की बात करें तो नेहा कक्कड़ ने ट्रेडिशनल ड्रेस के साथ ऑक्साइड ज्वेलरी कैरी की हुई थी, जिसके चलते उनके झुमके बेहद खूबसूरत लग रही थीं. हालांकि कुछ लोग नेहा के इस लुक की तुलना ऐश्वर्या राय बच्चन की एक फिल्म के लुक से कर रहे हैं. बावजूद इसके फैंस नेहा के इस लुक की तारीफ करते नही थक रहे हैं.

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शादी से लेकर रिसेप्शन तक का लुक कर चुकी हैं कौपी

लुक कौपी करने की बात करें तो नेहा कक्कड़ ने अपनी शादी के दिन जहां अनुष्का शर्मा जैसा लहंगा कैरी किया था, जिसके साथ इस कपल ने वेडिंग लुक के साथ-साथ पोज को भी कौपी किया था. वहीं  शादी के बाकी फंक्शन में नेहा कक्कड़ (Neha Kakkar) एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण की तरह ड्रेस पहने हुए भी नजर आई थीं, जिसके बाद से लोग उन्हें कौपीकैट कहकर ट्रोल कर रहे थे.

सेट पर नए फैशन में आती हैं नजर


नेहा कक्कड़ के लुक्स की बात करें तो वह अक्सर Indian Idol 2020 के सेट पर नए-नए फैशन दिखाती नजर आती हैं. हाल ही में नेहा ने पिंक कलर की एक क्रौप टौप ड्रैस पहनी थी, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं.

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जीभ के स्वाद के लिए खुद को बीमार ना करें, हानिकारक है अचार

शहर हो या गांव, अमीर हो या गरीब, सबके खाने का स्वाद बढ़ाने की जिम्मेदारी अचार पर होती है. अचार के बिना जैसे खाना ही अधूरा है. खाने का अहम तत्व है अचार. एक ओर जहां अचार खाने का स्वाद बढ़ाता है वहीं दूसरी ओर इससे कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं. चूंकि इसमें अत्यधिक मात्रे में तेल नमक और मसाले होते हैं, ये स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है.

जानकारों का मानना है कि  जो लोग बहुत ज्यादा अचार खाते हैं उन्हें दिल की बीमारी, सुगर, अल्सर, आंतों की बीमारी होने की संभावना ज्यादा होती है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि अचार के अत्यधिक प्रयोग से किस तरह की शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं.

हो सकती है आंतों में सूजन

ज्यादा मात्रा में अचार लेने से आंतों में सूजन होने का खतरा भी बना रहता है. ऐसा इस लिए क्योकि इससे शरीर में वाटर रिटेंसन होती है.

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अल्सर का है खतरा

अचार बनाने में ज्यादा मसाले का प्रयोग किया जाता है. ये मासले सभी को सूट नहीं करते. इससे आंत में अल्सर होने की संभावना तेज होती है.

होता है हाई ब्लड प्रेशर का खतरा

जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की परेशानी है उन्हें अचार से परहेज करना चाहिए. अचार में भारी मात्रा में नमक होता है जिससे ब्लड प्रेशर के और बढ़ने का खतरा होता है.

होती है दिल की बीमारी

अचार ज्लदी खराब ना हो इस लिए प्रिजरवेटिव के तौर पर उसमें तेल डाला जाता है. दिल के लिए इतना तेल अच्छा नहीं होता है. इससे दिल की बीमारी के होने का खतरा बना रहता है.

हो सकता है गैस्ट्रिक कैंसर

जानकारों का मानना है कि ज्यादा अचार के सेवन से गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इसीलिए ज्यादा अचार का सेवन करने से बचना जरूरी है.

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Valentine’s Special: वो धोखेबाज प्रेमिका- अनीता के प्यार में दीवाना हुआ नीलेश

अनीता की खूबसूरती के किस्से कालेज में हरेक की जबान पर थे. वह जब कालेज आती तो हर ओर एक समा सा बंध जाता था. वह हरियाणा के एक छोटे से शहर सिरसा के नामी वकील की बेटी थी तथा बेहद खूबसूरत व प्रतिभाशाली थी. चालाक इतनी कि अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझती थी.

अभिजात्य व आत्मविश्वास से उस का नूरानी चेहरा हरदम चमकता रहता. वह मुसकराती भी तो ऐसे जैसे सामने वाले पर एहसान कर रही हो. कालेज में एक रसूख वाले नामी वकील की बेटी यदि होशियार और सुंदर हो, तो उस के आगेपीछे घूमने वालों की फेहरिस्त भी लंबी ही होगी.

लेकिन अनीता ने सब युवकों में से नीलेश को चुना जो गरीब और हर वक्त किताबों में खोया रहता था. वह अनीता का ही सहपाठी था, और गांव के एक गरीब किसान का बेटा था. उस के पिता का असमय निधन हो गया था, इसलिए बड़ी मुश्किल से विधवा मां नीलेश को पढ़ा रही थीं व नीलेश हर समय अपनी पढ़ाई में व्यस्त रहता था.

अनीता को तो नीलेश ही पसंद आया, क्योंकि वह लंबा, हैंडसम और मेहनती नौजवान था. अनीता जबतब कुछ पूछने के बहाने उसे अपने नजदीक लाती गई और देखतेदेखते उन की दोस्ती की चर्चा अब पूरे कालेज में होने लगी. नीलेश खोयाखोया रहने लगा. धीरेधीरे इस मेधावी छात्र की पढ़ाई जहां ठप सी हो गई, वहीं अनीता जो पढ़ाई में औसत दर्जे की थी अब वह उस के बनाए नोट्स पढ़ कर फर्स्ट आने लगी.

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स सब में नीलेश की मेहनत होती. वह रातभर उस के लिए नोट्स बनाता, उस की प्रैक्टिकल की फाइल्स तैयार करता, लैब में ऐक्सपैरिमैंट्स वह करता, लेकिन उस की मेहनत का सारा फल अनीता को मिलता.

नीलेश तो बस, अपनी प्रेमिका के प्रेम में ही डूबा रहता. वह उस के अलावा कुछ सोच भी नहीं पाता. यहां तक कि छुट्टी में वह अपनी मां से मिलने गांव भी नहीं जाता. ये सब देख मां भी बीमार रहने लगीं.

नीलेश प्यार के छलावे में इस कदर खो गया कि उसे याद ही नहीं रहता कि गांव में उस की मां भी हैं, जो आठों पहर उस की राह देखती रहती हैं. मां ने अपने जेवर बेच कर उस के कालेज की फीस भरी. मां बड़े किसानों के यहां धान साफ कर के उस की पढ़ाई का खर्च पूरा कर रही थीं. उन के प्रति चाह कर भी नीलेश नहीं सोच पाता, क्योंकि अनीता के साथ उस के प्रश्नोत्तर बनाना, फिर उस के घर जाना, वह कहीं जा रही हो, तो उसे साथ ले जाना, उस के संग पिक्चर व पार्टी अटैंड करना, ये सब काम वह करता. वह इन सब में इतना थक जाता  कि उसे अपना भी होश न रहता. कालेज की गैदरिंग में उस ने अनीता को देख कर ही यह गीत गाया था, ‘एक शेर सुनाता हूं मैं, जो तुझ को मुखातिब है,

इक हुस्नपरी दिल में है, जो तुझ को मुखातिब है…’

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इस गीत को गाने में वह इतना तन्मय हो गया था कि बड़ी देर तक तालियां बजती रही थीं, पर वह सामने कुरसी पर बैठी अनीता को ही ताकता रहा और उस के कान में तालियों की आवाज भी जैसे नहीं पड़ रही थी. अनीता का सिर गर्व से ऊंचा हो गया था. सारे कालेज में वह जूलियट के नाम से जानी जाने लगी थी. हालांकि उस ने इस प्यार में अपना कुछ नहीं खोया. नीलेश ने उसे कभी उंगली से भी नहीं छुआ था.

इधर ऐग्जाम होतेहोते अनीता का मुंबई में रिश्ता तय हो गया. अनीता को क्या फर्क पड़ना था. वह तो मस्त थी. कभी प्रेम में पड़ी ही नहीं थी. वह तो मात्र मनोरंजन और मतलब के लिए नीलेश को इस्तेमाल कर रही थी. आखिर रिजल्ट आया, अनीता अव्वल आई पर नीलेश 2 विषयों में लटक गया. उस का 1 वर्ष बरबाद हो गया. इधर अनीता विवाह कर मुंबई रहने चली गई, जबकि नीलेश को प्यार में नाकामी और अवसाद हाथ लगा.

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उस का साल बरबाद हो गया इस का तो उसे गम नहीं हुआ लेकिन जिसे वह दिल ही दिल में चाहने लगा था, उस अनीता के एकाएक चले जाने से वह इतना निराश हो गया कि उस ने नींद की गोलियां खा कर आत्महत्या का प्रयास किया.

जब अनीता की बरात आ रही थी, तब नीलेश अस्पताल में जीवन और मौत के बीच झूल रहा था. उस की गरीब मां का रोरो कर बुला हाल था. वह नहीं समझ पा रही थीं कि हर कक्षा में प्रथम आने वाला उस का बेटा आज कैसे फेल हो गया.

वह इतना होशियार, सच्चा, ईमानदार, व मेहनती था कि मां ने उस के लिए असंख्य सपने संजोए थे, किंतु एक बेवफा के प्यार ने उसे इतना नाकाम बना दिया कि वह शराब पीने लगा. उस का भराभरा चेहरा व शरीर हड्डियों का ढांचा नजर आने लगा.

हार के बाद मिली जीत का मजा ही कुछ और होता है- निहारिका यादव

लेखक -पारुल 

डा. निहारिका यादव

सुपर बाइकर

अगर मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं. इस का उदाहरण हैं डा. निहारिका यादव, जो न सिर्फ डैंटिस्ट हैं, बल्कि पुरुषों के वर्चस्व वाले खेल बाइक रेसिंग में भी पुरुषों को टक्कर देती हैं. ऐक्सीडैंट में दायां हाथ लगभग खराब होने के बावजूद उन का रेसिंग के प्रति जनून कम नहीं हुआ, क्योंकि वे मानती हैं कि जो चुनौतियों के साथ जीना सीख लेते हैं उन्हें जिंदगी मुश्किल नहीं, बल्कि खूबसूरत नजर आती है. निहारिका उन महिलाओं के लिए किसी मिसाल से कम नहीं हैं, जो छोटीछोटी चुनौतियों के सामने घुटने टेक कर हार मान लेती हैं. उन्होंने महिलाओं को यह प्रेरणा दी कि यदि कभी शरीर का कोई अंग आप का साथ न दे तो उसे अपनी नियति मान कर न बैठें, बल्कि उस स्थिति से उबर कर अपनी नई पहचान बनाने के रास्ते पर विचार करें. पेश हैं, डा. निहारिका से हुई बातचीत के कुछ खास अंश:

सवाल- मेल डौमिनेटिंग सोसाइटी होने के बावजूद आप बाइक रेसिंग में पुरुषों को ही चुनौती देती हैं. यह जज्बा आप में कहां से आया?

मैं 6 साल से रेसिंग में हूं और मेरी प्रेरणा बुद्ध इंटरनैशनल सर्किट के राइडर्स हैं. जब मैं पहली बार वहां गई और मैं ने उन्हें राइड करते देखा तो मुझे उन से प्रेरणा मिली. मेरे अंदर जो जनून है वह उन के साथ काम व प्रैक्टिस कर के आया. मैं ने कभी इस स्पोर्ट को मेल डौमिनेटिंग स्पोर्ट की तरह नहीं देखा. मैं पुरुषों को टक्कर देते हुए रेस करती हूं. भारत में 1000 सीसी बाइक को रेस करने वाली महिलाएं नहीं हैं. जब मैं पुरुषों के साथ रेस करती हूं तो मुझे काफी कौन्फिडैंस मिलता है और सक्सैस के लिए और मेहनत करती हूं. ऐक्सीडैंट में दायां हाथ 50% खराब होने के बावजूद आप बाइक स्पोर्ट्स को कैसे जारी रख पा रही हैं

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सवाल- आप के कैरियर पर इस का इफैक्ट पड़ा क्या?

2005 में मेरा कार ऐक्सीडैंट हुआ था, जिस में मेरे दाएं हाथ का 50% मूवमैंट चला गया था. उस के बाद मुझे लगा कि लाइफ में जीने का जो असल में ऐेक्साइटमैंट होता है वह किसी बड़े हादसे के बाद ही आता है. अत: इस हादसे ने मेरे हौसले को और बढ़ा कर लाइफ की और रिस्पैक्ट करना सिखाया.

हां, सुपर बाइकर बनने में मुझे कुछ चुनौतियां आईं, क्योंकि आप जानते हैं कि थ्रोटल राइट साइड पर होता है और स्पीड कंट्रोल भी राइट साइड से होता है. ऐसे में मुझे जब बाइक को लीन करना होता है, कौर्नर करना होता है तब थोड़ी दिक्कत आती है, क्योंकि मैं अपना पूरा हाथ मोड़ नहीं पाती. लेकिन मेरा मानना है कि जब आप की लाइफ में चुनौतियां आती हैं तो आप उन के समाधान भी ढूंढ़ लेते हैं. मैं ने भी तरीके ढूंढ़ लिए हैं.

 सवाल- डैंटिस्ट और बाइकर होते हुए खुद को कैसे फिट रखती हैं?

रेसर और डाक्टर होना दोनों मेरे लिए काफी महत्त्व रखते हैं. जब मैं बतौर डाक्टर मरीजों से मिलती हूं, तो उन की तकलीफों को अपना मान कर उन के दर्द दूर करती हूं. मैं खुद को उन से इमोशनली जुड़ा महसूस करती हूं, जो मुझे सुकून पहुंचाता है. वहीं एक रेसर के तौर पर मैं खुद को फिट रखने के लिए ऐक्सरसाइज व जिम करती हूं, हर महीने ट्रैक पर जा कर प्रैक्टिस करती हूं ताकि अपना स्टैमिना बढ़ा सकूं.

 सवाल- अपनी जर्नी के बारे में बताएं?

मैं डैंटल सर्जन हूं. गुड़गांव में प्राइवेट क्लीनिक चलाती हूं, साथ ही बाइक रेसर भी हूं. मैं ने हाल ही में जेके टायर द्वारा आयोजित 1000 सीसी राष्ट्रीय सुपर बाइक महिला रेसिंग में भी हिस्सा लिया था, जो मेरे लिए किसी चुनौती से कम न था. इस में मेरे लिए माइंड मेकअप करना सब से बड़ा चैलेंज था, लेकिन मेरे कौन्फिडैंस ने मेरी जर्नी को शानदार बना दिया.

 सवाल- बाइक रेस में आप की अधिकतम स्पीड क्या रहती है और किन चीजों पर फोकस रहता है?

डुकाटी पाणिगले 899 सीसी की मेरी रेसिंग बाइक है, जिसे मैं ने 265 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया है. रेसिंग के दौरान मेरा फोकस कम समय में ट्रैक को कवर करना होता है. इस के लिए मैं निरंतर प्रैक्टिस जारी रखती हूं ताकि अपना बैस्ट दे पाऊं.

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 सवाल- महिलाओं के लिए क्या संदेश देना चाहेंगी?

मैं महिलाओं से कहना चाहूंगी कि लाइफ  में जो भी करें डरें नहीं. आप के सामने जो भी चुनौतियां आएं उन से सीखें और दूसरों को भी प्रेरणा देती रहें. यकीन मानिए हार के बाद मिली जीत का मजा ही कुछ और होता है.

चलना सीख रही हैं कपिल शर्मा की बेटी, फैंस के साथ शेयर किया वीडियो

अपनी हाजिर जवाबी के लिए फेमस कौमेडी किंग कपिल शर्मा एक बार फिर सोशल मीडिया पर छा गए हैं. दरअसल, बीते दिनों कपिल ने अपने फैंस से वाइफ गिन्नी चथरथ की दोबारा प्रैग्नेंसी की खबर को कन्फर्म कर दिया है और बता चुके हैं कि वह दोबारा पापा बनने वाले हैं. हालांकि फैंस अभी भी अनायरा का चेहरा देखने के लिए कपिल से सोशलमीडिया पर फर्माइश करते हैं, जिसके चलते हाल ही में कपिल शर्मा ने अनायरा का एक क्यूट वीडियो फैंस के लिए पोस्ट किया है. आइए आपको दिखाया है खास वीडियो…

फैंस के लिए शेयर किया वीडियो

बीते दिनों #AskKapil सेशन के दौरान कपिल ने ट्विटर पर अपने फैन्स के साथ अपनी बेटी अनायरा का प्यारा सा वीडियो भी पोस्ट किया है, जिसमें अनायरा चलना सीख रही हैं. वहीं फैंस के साथ जैसे ही कपिल ने वीडियो शेयर किया है तब से यह वीडियो फैंस वायरल कर रहे हैं. दरअसल, कपिल शर्मा ने फैन्स ने कपिल से अनायरा के फोटो या वीडियो की मांगी थी, जिसके बाद कपिल ने अनायरा के चलना सीखनेकी एक वीडियो शेयर की.

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दोबारा पिता बनने वाले हैं कपिल

 

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#AskKapil सेशन के दौरान एक फैन ने उनसे सवाल किया था कि क्या ‘द कपिल शर्मा शो’ बंद हो रहा है, जिसका जवाब देते हुए कपिल ने कहा था कि वह अब अपनी वाइफ और फैमिली के साथ वक्त बिताना चाहते हैं. साथ ही यह भी बताया था कि वह दोबारा पिता बनने बनने वाले हैं.

 

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बता दें, काफी समय से एक दूसरे को डेट कर रहे कपिल शर्मा और गिन्नी चथरथ ने 2018 में शादी की थी, जिसके बाद दिसंबर 2019 में उनकी बेटी अनायरा का जन्म हुआ था. वहीं कपिल ने बेटी अनायरा का पहला बर्थडे हाल ही में मनाया था, जिसके बाद से कपिल शर्मा के दोबारा पिता बनने की खबरें सोशलमीडिया पर छा गई थीं.

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Bigg Boss 14: वीकेंड का वार पर इमोशनल हुए अभिनव शुक्ला, कही शो छोड़ने की बात, जानें क्यों

बिग बौस 14 इन दिनों टीआरपी बटोर रहा है, जिसका कारण शो में एंटरटेन करने वाली राखी सावंत को बताया जा रहा है. हालांकि शो में मौजूद घरवाले राखी की इन हरकतों से तंग आ चुके हैं, जिसका असर इस वीकेंड के वार पर दिखने वाला है. दरअसल, इस बार वीकेंड के वार में शो के होस्ट सलमान खान जहां राखी का साथ देते नजर आएंगे तो वहीं रुबीना और अभिनव को डांट लगाते भी नजर आने वाले हैं. वहीं इस डांट के बाद अभिनव शुक्ला एक बड़ा कदम उठाते नजर आएंगे. आइए आपको बताते हैं क्या है मामला…

अभिनव शुक्ला होंगे दुखी

शनिवार यानी आज रात दिखाए जाने वाले वीकेंड के वार में अभिनव शुक्ला अपसेट और इमोशनल होते हुए देखे जाएंगे. दरअसल, अभिनव शो के होस्ट सलमान खान से राखी सावंत के व्यवहार के बारे में बात करने की कोशिश करते हैं, लेकिन सलमान इसमें बिल्कुल भी इंटरेस्ट नहीं लेते हैं. वहीं सलमान, राखी को कहते हुए नजर आएंगे कि क्यों आप अभिनव के पीछे पड़ी हैं, जो आपको भाव नही दे रहा है. इसके बाद सलमान, राखी से पूछते हैं, “राखी इस घर की सबसे बड़ी एंटरटेनर हैं. उसका फायदा सबसे ज्यादा किसको हो रहा है?” तब रुबिना कहती हैं, “पूरे घर को.” सलमान ने इसके जवाब में कहा, “तो आप लोग सही हैं या बाकी का घर सही है?”

https://www.youtube.com/watch?v=j_pRx9OEjoQ&feature=emb_logo

अभिनव करता है ये फैसला

सलमान की बात का जवाब देते हुए रुबिना ने कहेंगी कि, “यहां कोई गलत और सही नहीं है.” सलमान ने इसके बाद तेज आवाज में कहते दिखेंगे कि, “यहां हैं! सिर्फ और सिर्फ अभिनव को फायदा हो रहा है.”, जिसका जवाब देते हुए अभिनव हाथ जोड़ते हुए कहेंगे, “ठीक है सर तो मुझे वो फायदा बिल्कुल भी नहीं चाहिए. हाथ जोड़कर सबके सामने कहना चाहता हूं.”

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एंटरटेनमेंट पर अभिनव कहते हैं ये बात

 

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अभिनव को बीच में रोकते हुए सलमान ने कहेंगे, ” अभिनव, अभिनव, रुको मुझे खत्म तो करने दो पहले, आपको इस तरह से चीजों को लेकर ओवर रिएक्ट करने की जरुरत नहीं है. उल्टी-सीधी बात होती तो हम मुद्दा बनाकर डिस्कस कर लेते.”, जिस पर अभिनव खड़े होकर कहते हैं कि “अगर यह एंटरटेनमेंट है, तो मैं अभी घर जाना चाहता हूं!” वहीं ये बात कहते हुए वह इमोशनल होते हुए नजर आएंगे, जिसे देखकर रुबिना, अभिनव को लगेज रुम में उन्हें गले लगाती हुई नजर आएंगी.

निक्की की लगेगी क्लास

वीकेंड का वार के नए प्रोमो में सलमान और निक्की तंबोली की बातचीत से शुरू होती है, जिसमें सलमान गुस्से में निक्की से पूछते नजर आते हैं, “निक्की, क्या चेंज आया आपमें, तुझमें, तू बोला ही नहीं जा रहा है मुझसे. बावजूद इसके जैसा आप व्यवहार कर रही है. मैं आपसे आप करके बात कर रहा हूं. एक बार समझाया, नहीं समझ आया. दूसरी बार समझाया नहीं समझ आया. तीसरी बार के बाद जाओ भाड़ में.”

 

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बता दें, बीते एपिसोड में राखी सावंत, अभिनव शुक्ला को परेशान करने के लिए उनका अंडरवियर फाड़ती नजर आईं थी, जिसके बाद जहां घरवाले राखी को सुनाते हैं तो वहीं शो के बाहर फैंस उनकी इस हरकत को बेशर्मी का नाम दे रहे हैं.

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काजल लगाते समय रखें इन बातों का खयाल 

काजल लगाना किसे अच्छा नहीं लगता. ये आंखों को उभारने के साथसाथ आपकी सुंदरता में चारचांद लगाने का काम करता है. सही ही कहा जाता है कि काजल के बिना आंखों का आकर्षण पूरा नहीं माना जाता. लेकिन क्या आप जानती हैं कि आपकी काजल लगाने को लेकर छोटी सी भूल आपके पूरे लुक को बिगाड़ने का काम कर सकती है. ऐसे में जरूरी है आपके लिए उन टिप्स को जानना, जिससे आप अपनी आंखों को ऐसा लुक दे पाएंगी, जिससे लोग आपकी तारीफ किए बिना नहीं थकेंगे.

1. काजल से नो समझौता 

चाहे काजल की बात हो या फिर अन्य किसी ब्यूटी प्रोडक्ट की, कभी भी उसकी क्वालिटी से समझौता नहीं करना चाहिए. क्योंकि इससे एक तो आपका आई मेकअप बिगड़ेगा और दूसरा आंखों को भी नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए हमेशा अपनी आंखों की सेंसिटिविटी के हिसाब से ब्रैंडेड काजल को ही खरीदें. मार्केट में आपको हर्बल, जैल बेस्ड, गुलाबखस युक्त , आर्गेनिक काजल मिल जाएंगे, जो आपकी आंखों की केयर करने का काम करेंगे. अगर आपके काजल में केम्फर व आलमंड आयल भी मिला हुआ हो , तो ये आपकी पलकों की ग्रोथ के साथ आपकी आंखों की कोमलता से केयर करने का काम करेगा. इस तरह के काजल लौंग लास्टिंग होने के साथ इनके फैलने का डर नहीं रहता.

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2. आंखों के आसपास की स्किन को साफ करें 

आपने देखा होगा कि बहुत से लोगों के आंखों के आसपास वाली स्किन पर आयल नजर आता है, जो न तो दिखने में अच्छा लगता है और न ही वो लंबे समय तक आपके मेकअप को टिकने देता है. ऐसे में जरूरी है कि जब भी आप आई मेकअप करें तो अपनी स्किन को जरूर क्लीन करें.अगर क्लीन करने के बाद भी आपकी स्किन पर आयल नजर आने लगे तो आप अपनी आंखों के नीचे फिंगर की मदद से पाउडर लगाएं. इससे आपका काजल लंबे समय तक टिकने के साथसाथ फैलेगा नहीं.

3. कैसे लगाएं काजल 

काजल हमेशा आंखों के  आकार के हिसाब से ही लगाना चाहिए, तभी ये आंखों के लुक को और बढ़ाने का काम करता है. अगर आपकी आंखें छोटी हैं और आप उन्हें बड़ा लुक देना चाहती हैं तो आप काजल को वाटरलाइन पर अंदर की तरफ से बाहर की तरफ ले जाते हुए किनारों से उसे ज्यादा हाईलाइट करें या फिर आप लेयरिंग से भी आंखों को ज्यादा उभारने के साथ बड़ा लुक दे सकती हैं.  इसी तरह अगर आपकी आंखें बड़ी हैं तो आप एक तो लेयरिंग से उसे और उभार सकती हैं या फिर सिंगल स्ट्रोक से भी आपकी आंखें गॉर्जियस लुक देने लगेगी. कोशिश करे लॉन्ग लास्टिंग काजल ही अप्लाई करें, ताकि आपकी आंखें लंबे समय तक खूबसूरत दिख सके.

4. आंखों को छूने से बचें 

कई बार ब्रैंडेड काजल लगाने के बावजूद भी आंखों से पानी आने लगता है. ऐसा अकसर इसलिए होता है , क्योंकि आपने आंखों को अच्छे से साफ नहीं किया होता. इसलिए जरूरी होता है आंखों को क्लीन करना. लेकिन आप अगर किसी पार्टी में जाने के लिए सवर रही हैं और काजल लगाने के बाद आपकी आंखों से एकदम से पानी आना शुरू हो जाए तो उसे रगड़े नहीं बल्कि टिश्यू पेपर की मदद से उसे क्लीन करने की कोशिश करें. अगर आप ऐसा नहीं करेंगी तो आपका सारा मेकअप ख़राब होने के साथसाथ आपकी खूबसूरत आंखें भद्दी लगने लगेगी.

5. स्मोकी आइज़ के लिए 

आजकल स्मोकी आई लुक काफी डिमांड में है. लेकिन ये लुक तभी अच्छा रिजल्ट देता है, जब आप इसके लिए रंगों के सलेक्शन में कोई गलती न करें. और अच्छे से ब्लेंड करें, ताकि आपका मेकअप पैची न लगे. इसके लिए आपको सबसे पहले अपनी आंखों के ऊपर आईशैडो प्राइमर लगाने की जरूरत होगी. फिर उसे अच्छे से ब्रश की मदद से सेट करने की , ताकि वो अच्छे से  ब्लेंड हो जाए. फिर इस पर धीरेधीरे ट्रांजीशन कलर अप्लाई करे और अच्छे से ब्लेंड करें  इसके बाद इस पर ब्लैक स्मोकी आई के लिए ब्लैक बेस कलर का इस्तेमाल करें और फिर इसे अच्छे से ब्लेंड करें , ताकि ये बिलकुल भी पैची न लगे. इसे आपको क्रीज़ पर अच्छे से ब्लेंड करना होगा. इसके बाद दोबारा से ट्रांजीशन कलर लेकर इसे क्रीज़ पर अच्छे से अप्लाई करना होगा, फिर आई लिड्स पर ब्लैक आई शैडो लगाकर अच्छे से ब्लेंड करें. ताकि फ्लेकी लुक न लगे. फिर वाटरलाइन पर ब्लैक काजल लगाकर नीचे की आउटरलाइन पर ब्लैक आई शैडो लगाकर अच्छे से ब्लेंड करे. आखिर में इनर कॉर्नर्स को हाईलाइट करने के लिए गोल्ड आई शैडो का इस्तेमाल करके पाएं मिनटों में  स्मोकी आइज़. ध्यान रखें अगर आपको ग्रीन स्मोकी आइज़ चाहिए तो आप ग्रीन बेस कलर का इस्तेमाल करें और अगर ब्लू तो ब्लू बेस कलर का इस्तेमाल करें. ये आपकी चोइज पर निर्भर करता है.

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6. इस बात का खास ध्यान रखें 

ब्यूटी प्रोडक्ट्स में खासकर लिपस्टिक, लिप ग्लॉस, काजल  व लाइनर को किसी से भी शेयर करने से बचें. क्योंकि इससे बैक्टीरिया आपके संपर्क में आकर आपकी आंखों को संक्रमित कर सकते हैं. जिससे आपकी खूबसूरत बनने की चाह पर पानी फिर सकता है. इस बात का भी ध्यान रखें कि जब भी आंखों में एलर्जी हो तो आई मेकअप करने से बचें. आंखों  के लिए हमेशा हर्बल व आर्गेनिक प्रोडक्ट्स का ही चयन करें, क्योंकि ये नेचुरल इंग्रीडिएंट्स से बने होने के कारण आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. इसलिए अगर आप खूबसूरत आंखें चाहती हैं तो इन बातों को इग्नोर न करें.

Winter Special: बच्चों के लिए बनाएं ड्राईफ्रूट डिलाइट

बच्चों को खाना खिलाना मेहनत का काम होता है. लेकिन अगर खाना टेस्टी और हेल्दी हो तो बच्चे आसानी से खा लेते हैं. इसीलिए आज हम आपको ड्राईफ्रूट डिलाइट की रेसिपी बताएगें, जिसे आप अपने बच्चों को आसानी से बनाकर खिला सकते हैं.

हमें चाहिए

–   15 मखाने शैलो फ्राई किए

–   गोंद फ्राई किया

–   2 बड़े चम्मच मगज भुनी

–   50 ग्राम काजू बादाम भुने

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–   1/4 छोटा चम्मच सोंठ

–   गुड़ स्वादानुसार

–   2 बड़े चम्मच घी

–   1 गिलास पानी

बनाने का तरीका

मखाने, गोंद, मगज व काजूबादाम को दरदरा पीस या कूट लें. पैन में घी गरम करें. 1 गिलास पानी में गुड़ डाल कर घुलने तक पकाएं. अब इस में सारी सामग्री डाल कर 20 मिनट धीमी आंच पर पकाएं और फिर गरमगरम सर्व करें.

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ट्राय करें ‘कसौटी…’ की ‘प्रेरणा’ के ये ज्वैलरी लुक्स

सीरियल में प्रेरणा के रोल से फैंस के दिल में अपनी जगह बनाने वाली एरिका फर्नांडीज अपने फैशन के लिए भी फैंस का अट्रेक्शन का कारण हैं. एरिका फैशन सेंस जितना अच्छा है उतना ही ज्वैलरी कलेक्शन भी अच्छा है. चाहे पार्टी हो या शादी एरिका की ज्वैलरी इंडियन और वेस्टर्न दोनों आउटफिट के लिए बेस्ट है. आज हम आपके एरिका के कुछ ज्वैलरी औप्शन के बारे में बताएंगे, जिसे आप भी किसी भी पार्टी या फंक्शन में ट्राय कर सकती हैं.

1. कुर्ते के साथ ट्राय करें ये इयरिंग्स

अगर आप वाइट पहनना चाहती हैं, लेकिन आप सिंपल भी नही दिखना चाहती तो वाइट के साथ कलरफुल इयरिंग्स बेस्ट रहेंगे. एरिका की वाइट कुर्ती के साथ ब्लू इयरिंग्स आपके लुक को सिंपल लेकिन फैशनेबल लुक देंगे.

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2. पार्टी के लिए बेस्ट हैं एरिका के ये इयरिंग्स या झुमके

अगर आप मौनसून में किसी पार्टी या शादी में जाने का प्लैन बना रही हैं तो ये इयरिंग्स आपके लिए एकदम परफेक्ट है. सिंपल इंडियन ड्रेस के साथ गोल्डन शाइनी इयरिंग्स आपके लुक को क्लासी के साथ-साथ स्टाइलिश लुक देगी.

3. डायमंड पैटर्न इयरिंग्स भी है पार्टी के लिए परफेक्ट औप्शन

पार्टी में एक अच्छी ड्रेस के साथ ज्वैलरी फैशनेबल भी होना जरूरी है. अगर आप भी अपने आप को पार्टी में स्टाइलिश के साथ-साथ ट्रेंडी दिखाना चाहते हैं तो ये इयरिंग्स कौम्बिनेशन आपके लिए एकदम परफेक्ट है. ब्लू कलर के कुर्ते के साथ डायमंड इयरिंग्स पैटर्न आपके लुक को कम्पलीट करेगा.

4. ड्रेस के साथ परफेक्ट है एरिका के ये इयरिंग्स

अगर आप भी किसी पार्टी में वेस्टर्न आउटफिट पहनने का सोच रही हैं तो एरिका का ये इयरिंग्स कौम्बिनेशन आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. चेक पैटर्न ड्रेस के साथ गोल्डन मेटल इयरिंग्स आपको पार्टी लुक देने के साथ ट्रेंडी भी दिखाएगा.

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बता दें इन दिनों एरिका सीरियल कसौटी जिंदगी की सीजन 2 से औडियंस का दिल जीतती हुई नजर आ रही हैं, वहीं कईं बार उनके को-स्टार पार्थ समथान के साथ भी लिंकअप की खबरें आ चुकी हैं.

नजरिया बदलने की जरूरत है

अपने इकलौते युवा बेटे को एक असमय दुर्घटना में खो देने वाले वर्मा दम्पत्ति हर समय जोश और जिंदादिली से भरपूर नजर आते हैं. छोटे बड़े किसी भी समारोह में पहुंचकर वे अपने हरफनमौला स्वभाव के कारण वातावरण को खुशनुमा बना देते हैं. उनसे मिलकर हर इंसान सकारात्मकता से भर उठता है. अपने दिवंगत बेटे को याद करते हुए श्रीमती गीता वर्मा कहती हैं,”उसे जाना था सो चला गया, उसके बारे में ही सोचते रहेंगे तो जीना ही दूभर हो जाएगा….. तनाव.. अकेलेपन और फिर डिप्रेशन को गले लगाने से तो अच्छा है कि हम जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं ताकि हमारा जीवन तो सुचारू ढंग से चलता रहे.”

गीता जी के पति राजन वर्मा बैंक के रीजनल मैनेजर पद से रिटायर हुए हैं वे कहते हैं,”बेटा ही तो गया है हम तो अभी इसी धरती पर हैं, जो चला गया उसे लेकर बैठे रहने से तो जिंदगी नहीं चलने वाली , जिंदगी तो चलने का नाम है और वह हर हाल में अपनी डगर पर निर्बाध गति से चलती ही रहती है, हां बेटे के जाने के बाद एक पल को ऐसा लगा था मानो अब सब खत्म हो गया…..उसके बारे में सोचते सोचते कभी कभी तो हमें इतना तनाव हो जाता था कि रातों को नींद नहीं आती थी, घर में खाना नहीं बनता था और यदि किसी तरह बन गया तो खाने की इच्छा ही नहीं होती थी और उस खाने को यूं ही फेंक दिया जाता था….इसी तरह दिन गुजर रहे थे. फिर एक दिन लगा कि इंसान का जन्म बहुत मुश्किल से मिलता है और एक हम है कि अपनी इस खूबसूरत जिंदगी को यूं ही बर्बाद कर रहे हैं….इस तरह तो एक दिन बीमार होकर बेड पर आ जाएंगे. बस उस दिन दुःख, अवसाद, और तनाव को हटाकर हम यथार्थ में आ गए और फिर तो लगा कि अभी तो बहुत कुछ करना शेष है. और उसी दिन से हमारा जीवन को देखने का नजरिया बदल गया.”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए गीता जी कहतीं है,”विभू के रहते कभी हमें अपने बारे में सोचने का अवसर ही नहीं मिला, अब तो राजन भी अपनी नौकरी से रिटायर हो गए हैं. अब हम दोनों ने अपनी बागवानी, कुकिंग, और संगीत की हॉबी को तराशना प्रारम्भ कर दिया. 65 वर्ष की उम्र में हमने एक संगीत क्लास ज्वाइन की है, एक संगीत संस्थान से भी जुड़ गए हैं जिसके माध्यम से हम संगीत के स्टेज और फेसबुक लाइव प्रोग्राम्स करते हैं”

“घर बाहर के सभी कार्य हम पति पत्नी मिलकर करते हैं, अब तो सुबह होकर कब रात हो जाती है हमें पता ही नहीं चलता.अरे भई जिंदगी एक बार मिली इसे खूबसूरती से जीने में ही इसकी सार्थकता है.” राजन खुलकर हंसते हुए कहते हैं.

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एक सफल कोचिंग संस्थान की मालकिन और अपने संस्थान में 25 लोगों को रोजगार देने वाली सफल महिला रोमा जी की उम्र उस समय 40 वर्ष की थी जब दिल का दौरा पड़ने से असमय उनके पति की मृत्यु हो गयी.वे कहतीं हैं,”उनके जाने के बाद लगा था कि ईश्वर ने उन्हें भी क्यों नहीं उठा लिया. कुछ माह तक तो जिंदगी बड़ी बेरंग और नीरस लगती रही. कोई संतान भी नहीं थी जिसके सहारे मैं जीवन काटने का सोचती. सच कहूं तो उस समय मुझे अपने से ज्यादा बदनसीब कोई दूसरा नजर ही नहीं आता था. फिर लगा कि इस संसार में अपनी मर्जी से जीना मरना नहीं होता और फिर जब जीना ही है तो घुटघुट कर और रो रोकर जीने की अपेक्षा शान से जीना चाहिए. अपने आपसे कड़ा संघर्ष करने के बाद अपने नकारात्मक विचारों पर मैंने विजय प्राप्त कर ली. शादी से पूर्व मैं अध्यापन कार्य से जुड़ी थी सो मैंने उसे ही पुनर्जीवित करने का विचार किया और स्वयं को अपडेट करने में जुट गई. कुछ समय बाद एक कोचिंग संस्थान से जुड़ी और दो वर्ष बाद अपना ही कोचिंग संस्थान खोल लिया. सामान्य विद्यार्थियों के अतिरिक्त मैं गरीब तबके के जरूरतमन्द छात्रों को निःशुल्क कोचिंग देती हूँ….यकीन मानिए अब समय कहाँ निकल जाता है मुझे ही पता नहीं चलता….जब मेरे संस्थान का कोई बच्चा किसी परीक्षा को पास करता है तो उससे मिलने वाला सुख अनिवर्चनीय होता है.”

वास्तव में अकेलापन कोई समस्या नहीं है बल्कि हमारे ही नकारात्मक विचारों से उत्सर्जित तरंगों द्वारा निर्मित एक अहसास, मनोभाव और विचार है. मनोवैज्ञानिक काउंसलर कीर्ति वर्मा कहतीं हैं, “इसकी शुरूआत तनाव से होती है और जब यह तनाव निरन्तर मन मस्तिष्क पर हावी रहता है तो इंसान तनावग्रस्त होकर अकेलेपन का शिकार हो जाता है…..और जब यह स्थिति लंबे समय तक रहती है तो फिर डिप्रेशन या अवसाद होने लगता है. इसलिए आवश्यक है कि हमें अपने ऊपर तनाव और अकेलेपन को हावी नहीं होने देना चाहिए. जैसे ही किसी भी कारण से तनाव से मन घिरने लगे तो उसे झिटककर आगे बढ़ने का प्रयास करना ही इससे बचने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है. अक्सर लोग कहते हैं कि ,”जीवन एक संघर्ष अथवा कांटों का ताज है परन्तु 60 वर्षीया मृदुल आंटी को तो जीवन सदैव रंग बिरंगे फूलों से भरा एक गुलदस्ता ही प्रतीत होता है जिसमें गुलाब के कांटे हैं तो रजनीगंधा के फूलों की मखमली पत्तियां भी बस हमें उन्हें देखने का नजरिया भर बदलना है. सेंट्रल स्कूल के प्राचार्य पद से रिटायर, बेहद मिलनसार, खुशमिजाज,

हरफनमौला, चुस्त दुरुस्त, फैशनेबल आंटी को देखकर हर कोई यही सोचता था कि उनके जीवन में तो दुःख का साया भी नहीं हो सकता पर अपने अतीत के बारे में बताते हुए वे कहतीं हैं कि , “जब उनका बेटा मात्र 5 साल का था तो पति के दूसरी औरत से अफेयर के चलते पति को तलाक देना पड़ा फिर पूरा जीवन बेटे की परवरिश और स्कूल में चला गया. बेटा विदेश पढ़ने गया तो वहीं की एक लड़की से विवाह करके सैटल हो गया. स्कूल से रिटायर होने के बाद बेटे की जिद के कारण एकाध बार उसके पास गई भी परन्तु उनकी और मेरी जीवन शैली में बहुत अंतर है वहां मुझे मेरा अस्तित्व ही गुम हुआ जान पड़ता है इसलिए मैं अब यहीं रह रही हूं. एक प्राइवेट स्कूल में नौकरी करती हूँ और खूब देशाटन करते हुए अपना जीवन यापन कर रही हूँ. अकेलापन जैसा कोई शब्द मेरी डिक्शनरी में है ही नहीं और न इसे लेकर मुझे कभी कोई तनाव होता है….मेरे लिए इस जिंदगी से अधिक खूबसूरत कोई चीज हो ही नहीं सकती.’

कभी कभी कुछ लोग सब कुछ होते हुए भी अपने आप को अकेला महसूस करते हैं, वे अपने आप में ही खोए रहते हैं और अक्सर अनेकों बीमारियों को गले लगा लेते हैं. मध्यमवर्गीय परिवार में पली बढ़ी अंतर्मुखी प्रवृत्ति की भावना का विवाह एक अतिसम्पन्न परिवार में हुआ. बहुत प्रयास करने के बाद भी वहां सामंजस्य नहीं बैठा पाने के कारण वह तनावग्रस्त रहने लगी. वह कहती है,”मेरे घर में जहां मनचाही ड्रेस मिलने पर, मनचाहा खाना बन जाने पर या कहीं घूमने जाने जैसी छोटी छोटी खुशियों को सेलिब्रेट किया जाता था वहीं यहां हर समय बिजनेस और सम्पत्ति की बातें….. खुशी या खुश होने जैसे किसी शब्द से तो यहां किसी का परिचय ही नहीं था. यहां सेलेब्रेशन का तात्पर्य ही होटल की बड़ी बड़ी पार्टियां हैं जहां सजधजकर कठपुतली की भांति बैठे रहो. स्वयं को अभिव्यक्त न कर पाने के कारण मैं अंदर ही अंदर घुटने लगी थी जिससे मैं तनावग्रस्त रहने लगी…उन दिनों मुझे अपना जीवन निरुद्देश्य और बेकार लगने लगा था. एक दिन अपनी अंतरंग सखी के कहने पर मैंने अपना कालिज टाइम के शौक लेखन को फिर से प्रारंभ कर दिया ….बस उसके बाद से तो मेरे जीवन को मानो दिशा ही मिल गयी….सारा तनाव छूमंतर हो गया . आज मैं कुछ पत्रिकाओं की नियमित लेखिका हूं. जीवन मूल्यों पर आधारित दो पुस्तकों का प्रकाशन भी हो चुका है. अब मेरा जिंदगी के प्रति नजरिया ही बदल गया है, किसी पत्रिका या पेपर में छपने वाला आर्टिकल या कहानी मुझे असीम खुशी प्रदान करती है. मेरी जिंदगी से तनाव या अकेलेपन का नामोनिशान ही गुम हो चुका है.”

भोपाल के सिटी इलाके में रहने वाले अनमोल गुप्ता जी सहायक संचालक कृषि के पद से रिटायर हैं और अब एक नर्सरी के मालिक और आर्गेनिक ग्रीन संस्था के अध्यक्ष भी . ऑर्गेनिक सब्जियों की होम डिलीवरी करने के साथ साथ नर्सरी में आने वाले प्रत्येक ग्राहक को वे प्रत्येक पौधे को लगाने और देखभाल के तरीके बताते हैं और लोगों की डिमांड पर होम विजिट भी करते हैं. सुबह 8 बजे से लेकर रात्रि 10 बजे तक वे बेहद व्यस्त रहते हैं. सप्ताह का हर दिन गांवों में उगाई जाने वाली ऑर्गेनिक सब्जियों की देखरेख के लिए निर्धारित है.उनका इकलौता बेटा बहू दोनों मुंबई में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं…. पत्नी का 2 वर्ष पूर्व देहांत हो गया तो बेटा जबर्दस्ती अपने साथ मुंबई ले गया. वे कहते हैं,”वहां दो माह में ही मैं तनावग्रस्त रहने लगा. उन दोनों के ऑफिस चले जाने के बाद होनेवाले अकेलेपन से मैं परेशान रहने लगा. मुझे लगने लगा कि यदि मैं और अधिक यहां रहा तो अवश्य डिप्रेशन में चला जाऊंगा..जिंदगी भर किसानों और खेतों के साथ रहने वाला मैं वहां की महानगरीय फ्लैट कल्चर में एडजस्ट ही नहीं हो पा रहा था. एक दिन उचित अवसर देखकर यही सच्चाई मैंने अपने बेटे बहू को बताई बड़ी मुश्किल से वे मेरी परेशानी को समझ पाए और वापस भोपाल भेजने को राजी हुए. यहां आकर लगा मानो मैं स्वर्ग में आ गया हूं. कृषि के क्षेत्र में आजीवन कार्य किया है अतः इसी में पूरी तरह से रम गया हूं. अब कब दिन रात होते हैं मुझे ही पता नहीं चलता. जीवन को तो उद्देश्य मिल ही गया है साथ ही मन में समाज के लिए कुछ कर पाने का संतोष भी है.”

इन लोंगों से मिलकर लगता है कि मानो जिंदगी में तनाव और अकेलेपन जैसी कोई समस्या है ही नहीं हमें सिर्फ अपने सोचने की दिशा को परिवर्तित करना है. अपने दिलो दिमाग में नकारात्मकता को किसी भी कीमत पर प्रवेश नहीं देना चाहिए बल्कि सृजनात्मकता और सकारात्मकता में निरन्तर वृद्धि करते रहना चाहिए. कभी कभी बच्चों के बहुत दूर चले जाने, किसी प्रियजन की असमय मृत्यु हो जाने, कठिन परिश्रम के बाद भी सफलता न मिल पाने पर जीवन के प्रवाह में अकेलापन, नैराश्य और खालीपन का आ जाना स्वाभाविक सी बात है परन्तु इससे बहुत अधिक समय तक प्रभावित होना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है. मनोवैज्ञानिकों और डॉक्टरों के अनुसार अकेलेपन से बी पी, शुगर, अनिद्रा जैसी बीमारियों के साथ साथ याददाश्त भी कमजोर होने लगती है. बेव एम डी के अनुसार अकेलेपन के कारण 26 प्रतिशत तक मृत्यु की और 32 प्रतिशत स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है.इसलिए आवश्यक है कि जैसे ही यह खालीपन आपके मन मस्तिष्क में जगह बनाने लगे तो सचेत होकर स्वयं को सकारात्मक दिशा में लगा देना चाहिए ताकि समस्या और अधिक गम्भीर न हो.

-नजरिया बदलना है जरूरी

जीवन को देखने का नजरिया बदलें. अपनी ही स्थिति पर हरदम दुःखी होते रहने की अपेक्षा अपने से कमतर लोंगों को देखने की आदत डालें….आप पाएंगे कि आपसे अधिक सुखी इस संसार में कोई दूसरा है ही नहीं. सोनी टी वी के सुप्रसिद्ध धारावाहिक कौन बनेगा करोड़पति में एक खिलाड़ी के द्वारा दी गयी सुखी इंसान की परिभाषा सौ प्रतिशत सही है कि,” हाथ पैर और दिल दिमाग से मैं पूरी तरह फिट हूं इसलिए मैं स्वयं को इस संसार का सर्वाधिक सुखी इंसान मानता हूं.”वास्तव मैं दुख और सुख जीवन के दो पहलू हैं जिसमें कभी एक पहलू कमजोर होता है तो कभी दूसरा.

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-दोस्तों और परिवार से मिलें

कोरोना ने हमें दोस्तों और परिवार की अहमियत को बखूबी समझा दिया है इसलिए जब भी समय मिले अपने परिवार और सदस्यों के साथ वक़्त अवश्य बिताएं. अपनी दोस्त मंडली के साथ घूमने जाएं, उन्हें भोजन पर बुलाएं, गेम खेले परन्तु केवल उन्हीं दोस्तों के साथ जिनसे मिलकर आपको खुशी मिलती हो.

-फिट रहना है जरूरी

हम सदियों से सुनते आए हैं कि निरोगी काया इस जीवन का सबसे बड़ा सुख है. कोरोना जैसी महामारी के बाद से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करना अत्यंत आवश्यक हो गया है और इसके लिए आवश्यक है कि आप प्रतिदिन कम से कम 40 मिनट स्वयं को दें. इस अवधि में आप इच्छानुसार वॉकिंग, जिमिंग, योगा अथवा व्यायाम करें.

-आहार भी हो पौष्टिक

अक्सर देखा जाता है कि अकेला इंसान अपने लिये भोजन बनाने में आलस्य करता है अथवा एक टाइम बनाकर दो या तीन टाइम तक बासी खाना खाया जाता है. ऐसा करने की अपेक्षा हरदम पौष्टिक और ताजा भोजन खाने का प्रयास किया जाना चाहिए.

-नकारात्मक लोंगों से दूरी बनाएं

नकारात्मकता जहां आपके सोचने समझने की शक्ति को क्षीण करके मन मस्तिष्क को तनावग्रस्त कर देती है वहीं सकारात्मकता असीम ऊर्जा का संचार करके मनुष्य की रचनात्मक शक्ति में वृद्धि करती है. इसके लिए आवश्यक है कि आप नकारात्मक लोंगों से दूरी बनाकर रखें क्योंकि ये लोग निराशा से भरे होते हैं और अपनी इसी विचारधारा की तरंगें वे आपके पास छोड़ जाते हैं जिससे आप भी प्रभावित हो जाते हैं. एक गृहिणी अनीता कहतीं हैं,”मैं निगेटिव लोगों से 2 फ़ीट की दूरी बनाकर रखती हूं क्योकि ये लोग जब भी मिलते हैं मेरे अच्छे खासे दिमाग में अपना कचरा छोड़ जाते हैं.”

-छोटी छोटी खुशियों को सेलिब्रेट करें

जीवन के प्रति सदैव सकारात्मकता से भरपूर रहने वाले एक अधिकारी मनोज जी कहते हैं,”मेरे लिए हर नया दिन एक उत्सव जैसा होता है.मेरी मीटिंग के सफल हो जाने पर, मनचाही मूवी देख लेने पर, दी गयी समय सीमा में कार्य पूर्ण हो जाने पर, या सप्ताहांत का अवकाश मुझे असीम खुशी देता है क्योंकि मेरी नजर में खुश होना या खुशी मनाना एक अहसास है जिसके लिए किसी बड़ी घटना, कार्य या बहुत पैसे का होना आवश्यक नहीं है. वे कहते हैं जब आप इन छोटी छोटी बातों से खुश होना सीख लेते हैं तो तनाव आपके आसपास तक नहीं फटक सकता.

-खुशी देना सीखें

किसी सहेली की कोई रेसिपी, कहानी या आर्टिकल के प्रकाशित होने पर या किसी की विवाह या जन्मदिन की वर्षगांठ पर मैसेज के स्थान पर फोन कॉल करके बधाई देना आपको सकारात्मकता से भर देगा. किसी भूखे को खाना खिलाना, गार्ड या मेड को गरमागरम चाय पिलाने से उसके चेहरे पर आई खुशी आपको अपरिमित ऊर्जा से भर देती है.

-जीवन को सरलतम तरीके से जियें

कुछ लोग जाति, धर्म और सम्पदा के कारण बेवजह का अहंकार पालकर अपने जीवन को दुरूह बना लेते हैं. इसकी अपेक्षा आप जीवन को जितने सरलतम तरीके से जिएंगे जीवन आपको उतना ही खूबसूरत प्रतीत होगा. लोगों से किसीभी मुद्दे पर स्वयम को सही साबित करने के लिए बेवजह की बहस और विवाद से बचें क्योंकि बहसें सदैव निरर्थक और अंतहीन होतीं हैं.

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-उद्देश्यपरक जीवन जियें

अपनी हॉबीज को तराशकर स्वयम को प्रतिदिन एक टास्क दें मसलन आज आप नए पौधे लगाएंगी, कोई नई धुन या गाना सीखेंगी, या कोई नई रेसिपी ट्राय करेंगी, कोई नई मूवी देखेंगी. इसके अतिरिक्त उम्र कोई भी हो आप नया सीखने को सदैव तत्पर रहें क्योंकि किसी भी प्रकार की नकारात्मकता को दूर करने के लिए व्यस्तता ही सर्वोत्तम दवाई है.

-पत्र पत्रिकाएं पढ़ें

जैसा कि सर्वविदित है पत्र पत्रिकाएं इंसान की सबसे अच्छी मित्र होतीं हैं परन्तु सोशल मीडिया, टी वी और मोबाइल के अधिकतम प्रयोग के कारण हम निरन्तर इनसे दूर होते जा रहे हैं, किताबें हमें नई जानकारियां तो देती ही हैं साथ ही नकारात्मक विचारों से भी दूर रखतीं हैं. और इस प्रकार अपने नजरिये और सोचने की दिशा में थोड़ा सा परिवर्तन करके हम अपने इस बेशकीमती जीवन को और अधिक खूबसूरत बना सकते हैं.

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