जानें क्या है स्किन और बालों से जुड़े मिथ और उनकी सच्चाई

त्वचा व बालों को ले कर लोगों में गलतफहमियां होती हैं. जागरूकता के अभाव में इन गलतफहमियों की वजह से कभी गंभीर समस्या तो कभी हास्यास्पद स्थिति भी आ सकती है. तो जानते हैं, त्वचा व बालों से जुड़े मिथक व उन की सच्चाई.

मिथक

सफेद बालों में कलरिंग करने से वे और जल्दी सफेद होने लगते हैं.

सच्चाई

बालों का सफेद होना बहुत हद तक आनुवंशिकता पर निर्भर करता है. कुछ मामलों में ये तनाव के कारण भी सफेद हो सकते हैं. बालों के सफेद होने का कोई ऐसा बाहरी कारक जिम्मेदार नहीं होता जिस से यह निर्धारित किया जा सके कि किस उम्र में बाल सफेद होने लगते हैं.

मिथक

तैलीय चीजें खाने से कीलमुंहासे बढ़ते हैं.

सच्चाई

कीलमुंहासे हारमोनल असंतुलन की वजह से होते हैं. ये तैलीय भोजन करने से नहीं होते हैं. हां, हाल के शोध से साबित हुआ है कि ब्रैड, आलू, पिज्जा, पास्ता, केक आदि व्हाइट कार्ब्स से भरपूर अत्यधिक ग्लाइकेमिक मात्रा वाले भोजन के बहुत ज्यादा सेवन से कीलमुंहासे बढ़ते हैं. अत: इन का ज्यादा सेवन न करें.

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मिथक

फिलर्स से आप का चेहरा बनावटी लगने लगता है.

सच्चाई

यदि योग्य व प्रशिक्षित प्रोफैशनल की निगरानी में ऐसा किया जाए तो रैस्टिलेन जैसे फिलर्स वाकई आप के चेहरे में निखार ला सकते हैं और इन का असर कुछ वर्षों तक बना रहता है.

किशोरावस्था में भी ये आप के गालों, होंठों आदि को भरापूरा बना कर आप का आकर्षण बढ़ाते हैं, जिस से आप का आत्मविश्वास भी बढ़ता है. इन में हायलुरोनिक ऐसिड होता है, जो आप की त्वचा का एक स्वाभाविक तत्त्व होता है.

मिथक

न्यूरोमौड्यूलेटर्स अच्छा नहीं होता, क्योंकि इस से आप का आकर्षण ठहर सा जाता है.

सच्चाई

यह सच नहीं है. यदि प्रशिक्षित और अनुभवी डर्मेटोलौजिस्ट अथवा कौस्मैटिक सर्जन की मदद से यह पद्धति अपनाई जाए तो आप की झुर्रियां कम करने का यह एक बेहतरीन उपाय हो सकता है और इस का असर कुछ वर्षों तक बना रहता है. दरअसल, यह ऐंटीऐजिंग का सब से सुरक्षित और तेज असरकारक तरीकों में से एक है.

मिथक

सनस्क्रीन का तभी इस्तेमाल करना चाहिए जब आप धूप में निकलती हैं.

सच्चाई

सनस्क्रीन का इस्तेमाल घर में रहने पर भी प्रतिदिन किया जाना चाहिए. घर की खिड़कियों से अंदर आने वाली सूर्य की किरणें भी आप की त्वचा का सांवलापन, पिगमैंटेशन, ऐजिंग लाइंस और झुर्रियां बढ़ा सकती हैं. ये ऐलर्जी भी पैदा कर सकती है. इसलिए आप को दिन भर त्वचा की सुरक्षा करने की जरुरत है.

मिथक

सनस्क्रीन तैलीय होते हैं, इसलिए इन से कीलमुंहासे बढ़ते हैं.

सच्चाई

सनस्क्रीन विशेष फौर्मूले से बनाए जाते हैं और ये नौनऐक्निजेनिक (मुंहासों से बचावकारी) तथा नौनकोमेडोजेनिक (कीलनाशक) होते हैं. यानी इन के इस्तेमाल से कीलमुंहासे या व्हाइटहैड्स/ब्लैकहैड्स नहीं होते हैं.

मिथक

सनस्क्रीन लगाने से पहले मौइश्चराइजर लगाना चाहिए.

सच्चाई

लगभग सभी सनस्क्रीन मौइश्चराइजर के फौर्मूले के आधार पर ही बने होते हैं, इसलिए अतिरिक्त मौइश्चराइजर लगाने की जरुरत नहीं होती है.

मिथक

बारबार शैंपू के इस्तेमाल से बाल झड़ते हैं.

सच्चाई

शैंपू का इस्तेमाल बालों और खोपड़ी को साफ रखने के लिए ही किया जाता है. यह आप की त्वचा के अंदर प्रवेश नहीं करता. बालों की जड़ें त्वचा में काफी अंदर होती हैं. यदि आप की खोपड़ी स्वस्थ है तो आप के बाल झड़ने की समस्या आप के शरीर के अंदर से ही है. यह समस्या पोषण की कमी, हारमोनल असंतुलन, पेट के संक्रमण और पेशाब के रास्ते में संक्रमण आदि से हो सकती है.

दरअसल, आप के शरीर के अंदर की किसी तरह की गड़बड़ी से ही बाल झड़ते हैं और बालों का झड़ना बीमार पड़ने के 1 से 3 महीनों के बाद शुरू होता है. यदि आप के बालों का झड़ना 2 महीनों में भी कम नहीं होता है तो किसी डर्मेटोलौजिस्ट से तुरंत संपर्क करें, क्योंकि गंभीर मामलों में बालों को वापस लाना बहुत मुश्किल हो जाता है.

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मिथक

कुछ ही हफ्तों के बाद बारबार फिलर्स का इस्तेमाल करते रहना चाहिए.

सच्चाई

ज्यादातर फिलर्स साल में 8 महीने तक चलते हैं (सिर्फ होंठों के फिलर्स ही हर 2-3 महीनों पर इस्तेमाल किए जाने चाहिए). इन का प्रभाव कम होने की प्रक्रिया बहुत धीमी होती है और ये अचानक निष्प्रभावी नहीं होते. इन की सब से बड़ी खासीयत यह है कि ये हमेशा 20 से 30% बरकरार रहते हैं. इसलिए रैस्टिलेन पद्धति अपनाने के 1 साल बाद भी आप खूबसूरत बनी रह सकती हैं.

मिथक

तैलीय त्वचा को बारबार किसी ठोस ड्राइंग साबुन से धोने की जरुरत होती है.

सच्चाई

यदि आप अपनी त्वचा को बहुत ज्यादा धो कर शुष्क बना लेंगी तो इस की प्रतिक्रिया में तेलग्रंथियों से और ज्यादातेल का उत्सर्जन होने लगेगा. लिहाजा हमेशा सौम्य और आंशिक कोमल फेसवाश का इस्तेमाल करें. बारबार त्वचा को धोने से भी त्वचा अत्यधिक शुष्क पड़ जाती है, जिस से तेलग्रंथियां तेल उत्सर्जन के लिए बहुत ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं. लिहाजा दिन में 3 बार से ज्यादा चेहरे को न धोएं.

मिथक

पानी की कमी के कारण त्वचा शुष्क हो जाती है, इसलिए ज्यादा पानी पीएंगे तो यह ठीक हो जाएगी.

सच्चाई

त्वचा में प्रोटीन, अनिवार्य वसायुक्त ऐसिड की कमी या डायबिटीज, हाइपोथायराइड आदि जैसी मैटाबोलिक या हारमोनल समस्याओं के कारण त्वचा शुष्क हो जाती है. त्वचा में बहुत ज्यादा पानी की कमी होने से भी त्वचा शुष्क पड़ती है.

(युवा स्किन ऐंड हेयर क्लीनिक की प्रमुख कौस्मैटिक डर्मेटोलौजिस्ट, डा. रेखा सेठ से की गई बातचीत पर आधारित.)

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आप भी वेडिंग सीजन में ट्राय कर सकती हैं नुसरत जहां के ये खूबसूरत झुमके

लोकसभा चुनाव 2019 में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के टिकट पर जीतकर सांसद बनी खूबसूरत बंगाली एक्ट्रेस नुसरत जहां ने बिजनेसमैन निखिल जैन के साथ शादी रचाई है. उनकी शादी की चर्चा चारों तरफ हुई थी क्योंकि शादी की फोटोज में वह लोकसभा में नुसरत सिंदूर लगाए और मंगलसूत्र पहने नजर आईं थीं, जिसकी वजह से काफी विवाद भी हुआ था, लेकिन हम यहां उनके फैशन की बात करेंगे.

नुसरत को ज्वैलरी से बहुत प्यार है, ये उनके इंस्टाग्राम अकाउंट से साफ झलकता है. इसीलिए आज हम उनके कुछ इयररिंग्स के पैटर्न के बारे में बताएंगे, जिसे आप किसी भी लुक वैस्टर्न या इंडियन के साथ ट्राय कर सकते हैं.

1. शर्ट लुक के साथ सिंपल राउंड इयररिंग्स करें ट्राय

नुसरत जितना अपने साड़ी लुक के लिए फेमस है उतना ही अपने वेस्टर्न लुक के लिए भी फेमस है. सांसद नुसरत की ये ब्लैक एंड वाइट स्ट्रिप्ड शर्ट के साथ आपका ये लुक आप ट्राय कर सकती है. इसके साथ गोल्डन राउंड इयररिंग्स आपके लुक पर चांद लगा देगा.

 

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Looking at the sunny side..!! Pic courtesy @sandip3432 ?

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2. चेन वाले झुमके करें ट्राय

अगर आप किसी शादी या पार्टी में साड़ी पहन रहीं हैं और उनके साथ कुछ नये स्टाइल के इयररिंग्स ट्राय करना चाहती हैं तो नुसरत का ये चेन वाले इयररिंग्स आपके लिए परफेक्ट रहेंगे. ये इयररिंग्स आजकल ट्रैंड में हैं. आपकी साड़ी अगर सिंपल है तो उसके साथ चेन वाले हैवी इयररिंग्स ट्राय कर सकती हैं.

3. नुसरत के ये इयरिंग्स पैटर्न करें ट्राय

 

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it’s always me who takes a selfie.. @shrreyapande1 God we ate so much.. #annapurnapuja #navratri #SecularBengal

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सांसद नुसरत इंडियन हो या वेस्टर्न ड्रेस हर किसी के साथ नए और ट्रैंडी इयररिंग्स पहनना पसंद करती हैं. अगर आप भी किसी पार्टी या दोस्तों के साथ अपने लुक को स्टाइलिश दिखाना चाहती हैं तो ये इयररिंग्स पैटर्न आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. आप सिंपल हो हैवी ड्रैस ये इयररिंग्स आपके लुक को ट्रैंडी बनाएगा.

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4. औफ शोल्डर ड्रैस के साथ परफेक्ट है ये इयररिंग्स कौम्बिनेशन

 

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I am confident, bcoz i can admit who i am, what i hv done, n love myself for who i hv bcum..! #selfconfidence #womanpower

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गरमियों में अक्सर आप क्रौप टौप और औफ शोल्डर ड्रैसेस पहनते होंगे, लेकिन क्या आपने ऐसी ड्रैसेस के साथ कैसे इयररिंग्स अच्छे लगेंगे इसके बारे में सोचा है. नुसरत का औफ शोल्डर ड्रैस के साथ सिंपल गोल्डन राउंड इयररिंग्स आपके लिए बेस्ट औप्शन है.

6 मसाले जो कंट्रोल करेंगे आपकी डायबिटीज

डायबिटीज (मधुमेह) एक ऐसी बीमारी है जो कि शायद ही ठीक की जा सकती है. इससे पहले कि यह आपके अंगों को खराब करें उससे पहले इसे कंट्रोल कर लेने में ही भलाई है.

कुछ ऐसे मसाले हैं जो कि मधुमेह को कंट्रोल करने में सहायक होते हैं. यह मसाले उन रोगियों को एक आस देते हैं जो सोचते हैं कि डायबिटीज को केवल इंसुलिन इंजेक्‍शन और शुगर सप्‍पलीमेंट से ही कंट्रोल किया जा सकता है.

मसालों की यह लिस्‍ट बचाएगी आपको डायबिटीज से

1. दालचीनी

यह मसाला डायबिटीज को कंट्रोल करने में सबसे अधिक कारगर है क्‍योंकि यह शरीर में रक्त शर्करा को भी नियंत्रण में रखता है. रिसर्च बताती है कि दालचीनी, शरीर की सूजन को कम करता है तथा इंसुलिन लेवल को नियंत्रित करता है. इसको आप खाने, चाय या फिर गरम पानी में एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिक्‍स कर पिएं.

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2. लौंग

इस मसाले में दालचीनी के मुकाबले कई गुना अधिक पौलफिनौल होता है. लेकिन यह उतनी अधिक मात्रा में नहीं खाया जा सकता जितना आप दालचीनी को खा सकते हैं. इसलिये यह मसाला दूसरे स्‍थान पर आता है.

3. हरी मिर्च

प्रतिदिन भोजन के साथ दो तीन ताजी हरी मिर्च कच्ची सेवन करने से मधुमेह रोग में अच्छा लाभ होता है. हरी मिर्च विटामिन ‘सी’ का अच्छा स्रोत होने के साथ:साथ पाचक ग्रंथियों के लिए भी उत्तेजक है एवं कब्ज को दूर करती है. उल्लेखनीय है कि मधुमेह रोगी को कब्ज और अपच की शिकायत आम होती है.

4. हल्दी

मधुमेह रोगी यदि प्रतिदिन आधा चम्मच हल्दी का सेवन करे तो फायदा होगा. हल्दी एक उत्तम जैव प्रतिरोधी मसाले के रूप में विख्यात है. इसके नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. घाव या चोट पकने नहीं पाता, किसी कारण से लगी अंदरूनी मार भी शीघ्र ठीक हो जाती है.

5. अजवायन की पत्‍ती

जिस तरह से हल्‍दी बैक्‍टीरिया और वाइरल इंफेक्‍शन से बचाती है उसी तरह से अजवायन भी मधुमेह रोगी को फंगल इंफेक्‍शन से बचाती है.

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6. लहसुन

इसे खाने से दिल की बीमारी दूर रहेगी और ब्‍लड प्रेशर हमेशा कंट्रोल में रहेगा. इसलिये लहसुन का सेवन मधुमेह रोगी के लिये आवश्‍यक बनाता है. यह हार्ट पंप को मजबूत बनाएगा और ब्‍लड सर्कुलेशन भी नार्मल करेगा.

जब पति को खटकने लगे पत्नी

प्राचीनकाल से ही भारत पुरुषप्रधान देश है. लेकिन अब समय करवट ले चुका है. महिला हो या पुरुष दोनों को ही समानता से देखा जाता है. ऐसे में यदि बात पति और पत्नी के बीच की हो तो दोनों ही आधुनिक काल में सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते दिखते हैं. पर कई बार ऐसा होता है कि पति अपनी पत्नी से यदि किसी चीज में कम है तो वह हीनभावना का शिकार होने लगता है और उसे पत्नी कांटे के समान लगने लगती है.

ऐसे में जरूरी है पतिपत्नी में आपसी तालमेल, क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि पतिपत्नी में खटास नहीं होती है, लेकिन दूसरे लोग ताने कसकस कर आग में घी का काम करते हैं. ऐसे में जरूरी है कि इस कठिन स्थिति से निकलने की कोशिश पतिपत्नी दोनों करें.

गलत मानसिकता में रचाबसा समाज समाज में यह मानसिकता हमेशा बनी रहती है कि पत्नी के बजाय पति का ओहदा हमेशा उच्च होता है. पत्नी के उच्च शिक्षित, सुंदर, मशहूर और सफल होने से पति को ईगो प्रौब्लम होने लगती है. समाज की दृष्टि से पति को पत्नी की तुलना में प्रतिभाशाली, गुणी, उच्च पदस्थ आदि होना चाहिए. लेकिन पतिपत्नी को समझना चाहिए कि यह आप की अपनी जिंदगी है. इस में छोटाबड़ा कोई माने नहीं रखता है.

यदि पत्नी ऊंचे ओहदे पर है

अकसर देखने में आता है कि पत्नी का ऊंचे ओहदे पर होना समाज में लोगों को गवारा नहीं होता. ऐसा ही कुछ शालिनी के साथ हुआ. उस की लव मैरिज थी. वह उच्च शिक्षा प्राप्त और एक बड़ी कंपनी में उच्च पद पर कार्य करती थी जबकि पति अरुण उस से कम पढ़ालिखा और अपनी पत्नी के मुकाबले निम्न पद पर था. अकसर उस से लोग कहते रहते थे कि तुझे इतनी शिक्षित और कमाऊ बीवी कहां से मिल गई. साथ ही, शालिनी भी उसे ताने देती रहती थी. इन सभी बातों से अरुण इतना अधिक डिप्रेशन में रहने लगा कि उस के मन में अपनी पत्नी के खिलाफ जहर घुलने लगा और फिर तलाक की नौबत आ गई.

पत्नी दे ध्यान: पत्नी के सामने यदि ऐसी स्थिति आए तो वह इस से घबराए नहीं, बल्कि डट कर सामना करे. कई बार हम सामने वालों की गलतियां गिना देते हैं, लेकिन कहीं न कहीं हम में भी खोट होता है. अकसर एक बड़े ओहदे पर होने के कारण पत्नी अपने पति को खरीखोटी सुनाती रहती है जैसे वह अपनी पढ़ाई व कमाई के नशे में चूर अपने पति की कमियों का उपहास उड़ाती रहती है कि घर का सारा खर्च तो उस की कमाई पर ही चलता है.

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कई कमाऊ पत्नियां सब के सामने यह कहती पाई जाती हैं कि अरे यह कलर टीवी तो मैं लाई हूं, वरना इन के वेतन से तो ब्लैक ऐंड व्हाइट ही आता. इन सब बातों से रिश्तों में खटास बढ़ती है. ऐसी स्थिति में पत्नियों को चाहिए कि वे अपने पति को प्रोत्साहित करें कि वे भी जीवन में तरक्की करें न कि हीनभावना से ग्रस्त हो कर कौंप्लैक्स पर्सनैलिटी बन जाएं.

पति ध्यान दें: पति को चाहिए कि वह अपनी पत्नी से हीनभावना रखने के बजाय उसे आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दे. यदि कोई बाहरी व्यक्ति कमज्यादा तनख्वाह का मुद्दा उठाए तो कहे कि हमारे घर में सब कुछ साझा है और हम दोनों पतिपत्नी मिलजुल कर घर की जिम्मेदारियां निभाते हैं.

पत्नी का खूबसूरत होना

वैसे तो हर आदमी की चाह होती है कि उस की पत्नी खूबसूरत हो, लेकिन यदि पत्नी बेहद खूबसूरत हो और पति कम स्मार्ट और सिंपल हो तो लोग यह बोलते नहीं रुकते कि अरे देखो तो लंगूर के मुंह में अंगूर या बंदर के गले में मोतियों की माला. ऐसे में पति को पत्नी बेहद खटकने लगती है. वह न चाह कर भी उसे ताने देता रहता है.

वैसे तो पत्नी की तारीफें पति को गर्व से भर देती हैं, लेकिन जब पत्नी की आकर्षक पर्सनैलिटी पति के साधारण व्यक्तित्व को और दबा देती है, तब संतुलित विचारों वाला पति और भी बौखला जाता है. नतीजतन, पति अपनी सुंदर पत्नी के साथ पार्टीसमारोह में जाने से बचने लगता है. अगर साथ ले जाना जरूरी हो तो पार्टी में पहुंच कर पत्नी से अलगथलग खड़ा रहता है. सजनेधजने तक पर भी ताने देता है.

पत्नी ध्यान दे: ऐसे में पत्नी को समझदारी से काम लेना चाहिए. यदि पत्नी को लगता है कि उस का पति उस की खूबसूरती को ले कर हीनभावना महसूस कर रहा है तो वह पति को समझाए कि पति से बढ़ कर उस के लिए दुनिया में कोई माने नहीं रखता है. साथ ही अपने पति के सामने किसी आकर्षक दिखने वाले आदमी की बात भी न करे. किसी महफिल या समारोह में पति के हाथों में हाथ डाल कर यह दिखाने की कोशिश करे कि वह पति को दिल से प्रेम करती है.

पति ध्यान दे: जिंदगी में उतारचढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन पत्नी पति का हर परिस्थितियों में साथ निभाती है. ऐसे में जरूरी है कि पति लोगों की बातों को नजरअंदाज करे, क्योंकि कुछ लोगों का काम ही होता है कि दूसरे के खुशहाल परिवार में आग लगाना. यदि पतिपत्नी दोनों एकदूसरे का साथ सही से निभाएं तो दूसरा कोई उंगली नहीं उठा सकता.

मायके के पैसे का घमंड

कई बार ऐसा होता है कि पत्नी के मायके में ससुराल के मुकाबले ज्यादा पैसा होता है. पत्नी की सहज मगर रईस जीवनशैली उस के मायके वालों का लैवल, गाडि़यां, कोठियां आदि पति को हीनता का एहसास दिलाने लगते हैं. साथ ही पत्नी भी पति के समक्ष मायके में ज्यादा पैसे होने का राग अलापती रहती है. बातबात पर अपने मायके के सुख बखान कर पति को ताने देती रहती है, जिस से पति हीनभावना से ग्रस्त हो जाता है और उसे पत्नी खटकने लगती है.

पत्नी ध्यान दे: पतिपत्नी के रिश्ते में एकदूसरे का सम्मान सब से ज्यादा अहम होता है. पत्नी को चाहिए कि वह अपने मातापिता के पैसे पर इतना अभिमान न करे कि उस से दूसरे को ठेस पहुंचे. हमेशा मायके के ऐश्वर्य को अपने पति के सामने न जताए. इस से पति के अहम को ठेस पहुंचती है, साथ ही वह पत्नी को मायके जैसा सुख न देने के कारण हीनभावना से ग्रस्त हो जाता है.

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पति ध्यान दें: कई बार पत्नी के कुछ खरीदने पर या किसी डिमांड पर पति क्रोधित हो कर उस के मायके के ऐश्वर्य को ले कर उलटासीधा बोलने लगता है. ऐसे में जरूरी यह होता है कि आप प्रेमपूर्वक आपस में बैठ कर बात करें न कि लड़ाई ही इस विषय का समाधान है. जैसे पत्नी का बारबार अपने मायके के सुख के ताने देना पति को खराब लगता है ऐसे ही पति का पत्नी के मायके के लिए बोलना भी उसे खराब लगता है.

मुझे बचपन से कब्ज की शिकायत है?

सवाल-

मेरी उम्र 55 वर्ष है और मुझे बचपन से कब्ज की शिकायत है. क्या इस का इलाज कराना जरूरी है? इस के नवीनतम उपचार क्या हैं?

जवाब

इतने लंबे समय से चले आ रहे कब्ज का उपचार करना बहुत जरूरी है. कब्ज के उपचार में केवल दवा से काम नहीं चलता, खानपान और जीवनशैली में बदलाव लाना भी जरूरी है. इस के उपचार के लिए आयुर्वेदिक दवा, हर्बल दवा, एलोपैथी सभी की समयसमय पर आवश्यकता पड़ती है. ??अपने भोजन में फाइबर युक्त खाद्यपदार्थों जैसे साबूत अनाज, सब्जियों और फ लों का अधिक मात्रा में शामिल करें. नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करें. प्रोबायोटिक भोजन का सेवन भी करें. तुरंत किसी फि जिशियन को दिखाएं, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ यह समस्या और गंभीर हो सकती है.

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आजकल के समय में कब्ज की शिकायत होना कोई असमान्य बात नहीं है. हर 10 में से 5वे व्यक्ति को आज के समय में कब्ज की शिकायत होती है. कब्ज जिसे लोग आमतौर पर कॉन्स्टिपेशन के नाम से जानते हैं, इसका मुख्य कारण आपका स्ट्रेस लेना, लो फाइबर डायट का होना, रोजाना ठीक से फीजिकल एक्सरसाइज ना करना और लिक्विड चीजों का कम सेवन करना, जैसे ज्यादा पानी ना पीना हो सकता है.

आपको कब्ज होने का मतलब है कि आपके शरीर में डायजेशन अच्छी तरह से नहीं हो रहा है. कब्ज की समस्या के कारण आपके शरीर में और भी कई समस्याऐं पैदा हो सकती हैं, जैसे आपके पेट में ऐंठन होना या हार्टबर्न की शिकायत होना. कई बार ऐसा होता है कि कॉन्स्टिपेशन कुछ दवाओं के कारण भी हो जाता है.

तो आइए जानते हैं कब्ज से निजात पाने के लिए क्या हैं आसान उपाय :

– सामान्य तौर पर कब्ज को आप एक फुल फाइबर डायट से बैलेंस कर सकते हैं. लेकिन आपको ये बात भी ध्यान में रखनी होगी कि कई बार फाइबर का सेवन अधिक हो जाने से पेट में गैस की शिकायत, ब्लोटिंग या डायरिया भी हो सकता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- क्या आप भी परेशान हैं कब्ज की शिकायत से

डिनर में बनाएं टेस्टी वेज हांडी बिरयानी

अगर घर के खाने में रेस्टोरेंट स्टाइल के खाने का तड़का लगाना चाहती हैं तो ये रेसिपी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

सामग्री

बासमती चावल- डेढ़ कप

फूलगोभी- 1/2 कप

हरे मटर- 1/2 कप

बींस- ½ कप

शिमलामिर्च- 2

आलू उबले हुए- 2

प्याज (कटे हुए)- 2

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दही- 1 कप

दालचीनी-  1 टुकड़ा

लौंग- 2

तेजपत्ता- 2

इलायची- 2

लालमिर्च पाउडर- छोटा चम्मच

हलदी पाउडर- 1/4 छोटा चम्मच

कालीमिर्च- 4

लहसुन कसा-1 छोटा चम्मच

अदरक कद्दूकस किया-  1 छोटा चम्मच

हींग- चुटकी भर

धनियापत्ती- 1 बड़ा चम्मच

नीबू का रस- 1 बड़ा चम्मच

बादाम- 10

काजू- 10

घी-4 बड़े चम्मच

नमक- स्वादानुसार

विधि

गोभी, मटर और बींस में नमक डाल कर उबालें और एक तरफ रख दें. चावलों को 30 मिनट तक पानी में भिगोए रखें. फिर पानी निकाल कर नमक मिलाएं और एक प्लेट में फैलाएं. एक बरतन में घी गरम कर उस में प्याज डाल कर सुनहरा होने तक फ्राई करें और निकाल कर एक तरफ रख दें. ऐसे ही काजुओं को सुनहरा होने तक फ्राई कर के एक तरफ रख लें. शिमलामिर्च को पका कर एक तरफ रख लें.

एक बड़े बरतन में 6 कप पानी गरम करें. उस में कालीमिर्च, लौंग, इलायची, तेजपत्ते और नमक मिलाएं. फिर इस में चावल मिलाएं और 8-10 मिनट पकाएं. अब चावलों को एक बड़ी प्लेट में फैलाएं.

चौथाई प्याज, लहसुन व अदरक का पेस्ट गरम घी में डाल कर 3 मिनट पकाएं. अब इस में लालमिर्च पाउडर, हलदी पाउडर, गरममसाला, हींग, प्याज और आलुओं को छोड़ कर बाकी सब्जियां मिलाएं. इन्हें तेल छोड़ने तक पकाएं. अब इस में फेंटा हुआ दही मिला कर 3 मिनट पकाएं और आलू मिलाएं. फिर अलग रख दें. एक हांड़ी के तले में चिकनाई लगा कर चावल फैलाएं. ऊपर पकी हुई सब्जियां फैलाएं.

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अब बाकी सभी फ्राइड सामग्री को इस के ऊपर डालें. ऊपर से नीबू का रस छिड़कें. अब फिर से इस विधि को सामग्री समाप्त होने तक दोहराएं. अब ढक्कन बंद कर किनारों को लोई से बंद करें. अब इस ओवन को पहले से 130 डिग्री तापमान पर गरम किए बरतन में रखें. 15-20 मिनट उसी में रहने दें. फिर गरमगरम सर्व करें.

दूसरा विवाह: विशाल के मन में क्या चल रहा था सोनाक्षी की भाभी के लिए?

Serial Story: दूसरा विवाह (भाग-3)

सूरज के मांपापा भी बहू को बंधन में बांध कर नहीं रखना चाहते थे और अब जब बेटा ही नहीं रहा उन का, फिर बहू को वे किस अधिकार से अपने पास रख सकते थे? लेकिन लीना दूसरे विवाह को हरगिज तैयार न थी क्योंकि सूरज अब भी उस का प्यार था, उस का पति था. लीना वह स्थान किसी और को नहीं देना चाहती थी. उस के लिए तो अब यही घर उस का अपना घर था और सूरज के मांपापा उस की ज़िम्मेदारी.

याद है उसे, जब भी सूरज का खत या फोन आता, एक बात तो वह जरूरत कहता था, ‘लीना, मेरे मांपापा अब तुम्हारी ज़िम्मेदारी हैं, उन का ध्यान रखना’ और लीना कहती, ‘हां, वह इस ज़िम्मेदारी को अच्छे से निभाएगी, चिंता न करें.’ ऐसे में कैसे वह अपने वचन से पलट सकती थी? इसलिए उस ने कभी फिर दूसरा विवाह न करने का फैसला ले लिया.

सूरज के जाने के बाद वह बखूबी अपनी ज़िम्मेदारी निभा रही है. लेकिन सूरज की कमी उसे खलती रहती है. इसलिए तो उस ने अपनेआप को किताबों में झोंक दिया था. वैसे, सूरज के मांपापा भी यही चाहते थे कि लीना दूसरा विवाह कर ले अब. कई बार कहा भी उन्होंने. कई रिश्ते भी आए. पर लीना का एक ही जवाब था कि वह दूसरा विवाह नहीं करेगी.

उस दिन सोनाक्षी को अच्छे से तैयार होते देख लीना कहने लगी, “कब तक यों ही सजसंवर कर विशाल को रिझाती रहोगी ननद रानी? क्यों नहीं कह देतीं उस से अपने मन की बात? एकदूसरे को अच्छी तरह समझने लगे हो तुम दोनों, तो अब क्या सोचविचार करना? कहीं ऐसा न हो, मांपापा तुम्हारी शादी कहीं और तय कर दें और फिर तुम कुछ न कर पाओ.”

भाभी की बात सोनाक्षी को भी सही लगी कि अगर विशाल आगे नहीं बढ़ रहा है, तो क्यों नहीं वही आगे बढ़ कर अपने प्यार का इजहार कर देती है. लेकिन कैसे वह अपने प्यार का इजहार करे, समझ नहीं आ रहा था.

“अब इस में सोचनासमझना क्या है सोनू? देखो, अगले हफ्ते ही विशाल का जन्मदिन है, तो इस से अच्छा मौका और क्या होगा.” लीना की यह बात सोनाक्षी को जंच गई और मन ही मन उस ने इजहारे प्यार का फैसला कर लिया. सोचा लिया उस ने कि कैसे वह विशाल के सामने अपने प्यार कर इजहार करेगी.

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सोनाक्षी ने तो पहली ही नजर में विशाल को अपना दिल दे दिया था. लेकिन विशाल ने आज तक नहीं जताया उसे कि वह उस से प्यार करता है. लेकिन उस की बातों, हावभाव और सोनाक्षी को ले कर उस की बेचैनी को देख, उसे यही लगता है कि वह भी उस से प्यार करता है. वैसे भी, जरूरी तो नहीं की हर बात कह कर ही जताई जाए. मेरे लिए तो इतना ही काफी है कि मुझ से मिले बिना वह एक दिन भी नहीं रह पाता है. तभी तो कोई न कोई बहाना बना कर सीधे मेरे घर आ पहुंचता है. अपने मन में यह सोच सोनाक्षी मुसकरा पड़ी थी.

सोनाक्षी को यह नहीं पता कि विशाल उस से नहीं, बल्कि उस की विधवा भाभी लीना से प्यार करता है और उस की खातिर ही वह उस के घर बहाने बना कर जाता रहता है. यह कब, कैसे और कहां हुआ. नहीं पता उसे. लेकिन जैसेजैसे उस ने लीना को जाना, उस के प्रति वह आकर्षित होता चला गया. इसलिए सोनाक्षी से मिलने के बहाने ही वह उस के घर चला आता था. भले ही वह सोनाक्षी से बातें करता था पर उस का दिल और दिमाग तो लीना के पास ही होता था.

लीना को एक दिन भी न देखना उसे बेचैन कर देता था. रातदिन, बस, उसी का चेहरा उस की आंखों के सामने नाचता रहता. जब वह अपनी आंखें बंद करता तब भी लीना दिखाई देती उसे और जब आंखें खोलता तब भी उस का ही चेहरा नजर आता था उसे. लेकिन वह यह बात किसी से भी बता नहीं पा रहा था. अपने परिवार वालों से भी नहीं क्योंकि जानता था एक विधवा से शादी समाज सहन नहीं कर पाएगा.

पूछना चाहता है वह समाज से और समाज में रह रहे लोगों से कि जब एक विधुर दूसरा विवाह कर सकता है, तो विधवा क्यों नहीं? क्यों एक पति के न रहने पर औरत अपने मन का खापी और पहनओढ़ नहीं सकती? हंसबोल नहीं सकती? आखिर इतना जुल्म क्यों होता है औरत पर? लेकिन दुख तो उसे इस बात का होता है कि औरत अपने ऊपर हो रहे जुल्म को बरदाश्त करती रहती है. ऐसा नहीं है कि औरत में हिम्मत नहीं होती या उस के पास बोलने को शब्द नहीं होते. वह अपनी हिम्मत और शब्द का इस्तेमाल करती नहीं. इधर, विशाल ने संकल्प ले लिया कि वह लीना के चेहरे से उदासी का बादल हटा कर रहेगा. उसे अपना बना कर रहेगा. आदमी की संकल्पशक्ति दृढ़ होनी चाहिए.

उस दिन अचानक विशाल को अपने घर आए देख लीना चौंक पड़ी क्योंकि कभी वह सोनाक्षी के न होने पर घर नहीं आया और सब से बड़ी बात यह कि वह जानता था सोनाक्षी अपने मांपापा के साथ बीमार बूआजी को देखने गई है.

“वि…विशाल जी आप, इस वक़्त? सोनू, मतलब सोनाक्षी तो घर पर नहीं है. मांपापा के साथ बूआजी को देखने गई…“

“हां, पता है मुझे,” बीच में ही विशाल बोल पड़ा, “वैसे, मैं यहां सोनाक्षी से नहीं, बल्कि आप से मिलने आया हूं लीना जी.” विशाल बोलने में भले घबरा रहा था मगर आज वह अपने दिल की बात लीना तक पहुंचा कर रहेगा, सोच कर आया था.

“आ…आप बैठिए, मैं आप के लिए चाय ले कर आती हूं,” कह कर लीना मुड़ी ही थी कि विशाल ने उस का हाथ पकड़ लिया. विशाल को इस रूप में देख कर वह चौंक उठी क्योंकि उस की आंखें आज कुछ और ही भाषा बोल रही थीं जो लीना को साफसाफ दिखाई दे रहा था. “वि…विशाल जी, आप आप यह क्या कर रहे हैं? छोड़िए मेरा हाथ” अपने हाथों को उस की पकड़ से छुड़ाते हुए लीना बोली.

“मैं ने यह हाथ छोड़ने के लिए नहीं पकड़ा है लीना जी. मैं आप से प्यार करता हूं. शादी करना चाहता हूं आप से,” एक सांस में ही विशाल ने अपना फैसला लीना को सुना दिया.

“पर, आप तो सोनाक्षी से…” अचकचा कर लीना पूछ बैठी.

“नहीं, मैं ने कभी भी सोनाक्षी को उस नजर से नहीं देखा. मैं तो आप से प्यार करता हूं लीना जी,” उस के करीब जाते हुए विशाल बोला. लेकिन लीना उस से दूर छिटक गई.

“पागल हो गए हैं आप? ये कैसी बातें कर रहे हैं मुझ से ?” गुस्से से लीना की आंखें लाल हो गईं. उसे तो यही लगता था कि विशाल सोनाक्षी से प्यार करता है, इसलिए वह बहाने बना कर उस से मिलने को घर आ जाता है. लेकिन यह तो… “प्लीज,” अपने दोनों हाथ जोड़ कर लीना कहने लगी, “ऐसी बातें मत कीजिए मुझ से. जाइए यहां से, वरना किसी ने देख लिया, तो अनर्थ हो जाएगा. जानते नहीं क्या आप, मैं एक विधवा हूं?” यह कह कर वह जाने लगी कि विशाल ने उसे रोक लिया और उस के आसपास अपनी बलिष्ठ भुजाओं का घेरा बना दिया जिस से वह निकल नहीं पाई.

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आज वह सोच कर आया था कि जरूरत पड़ी तो वह लीना के सासससुर से भी बात कर लेगा. कहेगा कि वह लीना से प्यार करता है और उस से शादी करना चाहता है. नहीं मानता वह समाज के इन ढकोसलों को. लेकिन उसे नहीं पता था की पीछे खड़ी सोनाक्षी सब देख ही नहीं रही है, बल्कि उस ने सब सुन भी लिया है.

विशाल से वह कुछ पूछती, मगर वह वहां से बिना कुछ बोले ही निकल गया और लीना ने अपने कमरे में जा कर दरवाजा लगा लिया. सोनाक्षी ने कई बार विशाल को फोन लगाया, पर उस ने उस का फोन नहीं उठाया और न लीना कुछ बता रही थी.

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Serial Story: दूसरा विवाह (भाग-1)

सोनाक्षी ‘बाय’ बोल कर औफिस जाने लगी, तभी उस की भाभी लीना ने उसे रोका और खाने का डब्बा थमा दिया, जिसे वह आज भी भूल कर जा रही थी. मगर वह कहने लगी कि रहने दो, आज वह औफिस की कैंटीन में खा लेगी.

“कोई जरूरत नहीं, ले कर जाओ. रोजरोज बाहर का खाना सेहत के लिए ठीक नहीं होता, झूठमूठ का गुस्सा दिखाती हुई लीना बोली, “मां को बताऊं क्या?”

“अच्छाअच्छा, ठीक है, लाओ, पर मां को कुछ मत बताना, वरना उन का भाषण शुरू हो जाएगा.” उस की बात पर लीना मुसकरा पड़ी और खाने का डब्बा उसे थमा दिया.

सोनाक्षी और लीना थीं तो ननद-भाभी लेकिन दोनों सखियां जैसी थीं जिन्हें हर बात बेझिझक बताई जा सकती है. “प्लीज भाभी, मां को मत बताना की कभीकभार मैं कैंटीन में खा लेती हूं, वरना वह गुस्सा करेगी,” सोनाक्षी बोल ही रही थी कि विशाल उस के पीछे आ कर खड़ा हो गया.

लीना जानती थी वह कुछ न कुछ बोलेगी ही विशाल के बारे में और फिर दोनों के बीच बहसबाजी शुरू हो जाएगी. और वही हुआ भी. सोनाक्षी कहने लगी, “अब मैं निकलती हूं, वरना वह राक्षस, विशाल, गला फाड़ कर सोनाक्षीसोनाक्षी चिल्लाने लगेगा. अजीब इंसान है, कितनी बार कहा है नीचे से आवाज मत लगाया करो, सब सुनते हैं, पर नहीं, अक्ल से दिवालिया जो ठहरा, समझता ही नहीं है.“

“अच्छा, तो अक्ल से दिवालिया इंसान हूं मैं, और तुम ज्ञान की देवी, ओहो ओहो… पीछे से विशाल की आवाज सुन सोनाक्षी ने दांतों तले अपनी जीभ दबा ली कि यह क्या बोल गई वह. अब तो यह विशाल का बच्चा छोड़ेगा नहीं उसे. “बोलो, चुप क्यों हो गई? वैसे, मुझे लगता है दिमागी इलाज की तुम्हें जरूरत है क्योंकि आज औफिस बंद है. पता नहीं, शायद, आज ईद है?” बोल कर विशाल हंसा, तो लीना को भी हंसी आ गई.

दोनों को खुद पर हंसते देख सोनाक्षी को पहले तो बहुत गुस्सा आया, लेकिन फिर दांत निपोरती हुई बोली, “हां भई, पता है मुझे, वह तो मैं तुम्हारा टैस्ट ले रही थी.“

“टेस्ट… ले रही थी या अपने दिमाग का टैस्ट दे रही थी?” ज़ोर का ठहाका लागते विशाल बोला, तो लीना हंसी रोक न पाई.

“वैसे, एक बात बताओ, क्या सच में तुम्हें पता नहीं था कि आज औफिस बंद है या मुझ से मिलने की बेताबी थी?” उस की आंखों में झांकते हुए विशाल बोला, तो शरमा कर सोनाक्षी ने अपनी नजरें नीची कर लीं.

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सच बात तो यही है कि उसे सच में पता नहीं था कि आज औफिस की छुट्टी है. वह तो विशाल से मिलने को इतना आतुर रहती है कि औफिस जाने के लिए रोज वक़्त से पहले ही तैयार हो कर उस की राह देखने लगती है और आज भी उस ने वही किया. जरा भी भान नहीं रहा उसे की आज औफिस की छुट्टी है. वह तैयार हो कर विशाल की राह देखने लगी. विशाल के साथ बातें करना, उस के साथ वक़्त गुजारना सोनाक्षी को बहुत अच्छा लगता है. दरअसल, मन ही मन वह उस से प्यार करने लगी है और यह बात लीना भी जानती है कि सोनाक्षी विशाल को पसंद करती है. लेकिन घर में सब को यही लगता है कि दोनों सिर्फ अच्छे दोस्त हैं और कुछ नहीं. विशाल और सोनाक्षी एक ही औफिस में काम करते हैं और दोनों एकदूसरे को 2 सालों से जानते हैं. चूंकि दोनों एक ही औफिस में काम करते हैं इसलिए सोनाक्षी विशाल के साथ उस की ही गाड़ी में औफिस जातीआती है.

दोनों बातों में लगे थे. तब तक लीना सब के लिए चाय बना लाई. वह अपनी चाय ले कर सोफ़े पर बैठ गई और उन की बातों में शामिल हो गई. लीना के हाथों की बनी चाय पी कर विशाल कहने से खुद को रोक नहीं पाया कि लीना के हाथों में तो जादू है. उस के हाथों की बनी चाय पी कर मूड फ्रेश हो जाता है.

सच में, लीना चाय बहुत अच्छा बनाती है, यह सब कहते हैं और सिर्फ चाय ही नहीं, बल्कि उस का हर काम फरफैक्ट होता है और यही बात विशाल को बहुत पसंद है. उसे गैर जिम्मेदार और कामों के प्रति लापरवाह इंसान जरा भी पसंद नहीं है. वह खुद भी अपनी ज़िम्मेदारी बखूबी निभाता है. लड़का है तो क्या हुआ? अपने घर के सारे काम वह खुद करता है और यह बात लीना को बहुत अच्छी लगती है.

लीना की बड़ाई सुन कर मुंह बनाती हुई सोनाक्षी कहने लगी कि चाय वह भी अच्छा बना लेती है. तो चुटकी लेते हुए विशाल बोला, “हां, पी है तुम्हारे हाथों की बनी चाय भी, बिलकुल गटर के पानी जैसी.” उस की बात पर सब हंस पड़े और सोनाक्षी मुंह बनाते हुए विशाल पर मुक्का बरसाने लगी कि वह उस का मज़ाक क्यों बनाता है हमेशा?

कुछ देर और बैठ कर विशाल वहां से जाने को उठा ही कि लीना ने उसे रोक लिया यह बोल कर कि वह खाना खा कर ही जाए. लीना के इतने प्यार से आग्रह पर विशाल ‘न’ नहीं कह पाया. वैसे, विशाल यहां यह बताने आया था कि आज बुकफेयर का अंतिम दिन है, इसलिए वहां चलना चाहिए, लेकिन सोनाक्षी मूवी देखने के मूड में थी.

“मूवी? नहींनहीं, बेकार में 3 घंटे पकने से अच्छा है बुकफेयर चलना चाहिए,” सोनाक्षी की बात को काटते हुए विशाल बोला. कब से विशाल बुकफेयर जाने की सोच रह था पर औफिस के कारण जा नहीं पा रहा था. आज छुट्टी है, तो सोचा वहां चला जाए.

सोनाक्षी का तो बिलकुल वहां जाने का मन नहीं था पर लीना बुकफेयर का नाम सुनकर ही चहक उठी. उसे किताबें पढ़ना बहुत अच्छा लगता है. कोई कहे कि पूरे दिन बैठ कर किताबें पढ़ती रहो, तो उकताएगी नहीं वह, इतना उसे किताब पढ़ना अच्छा लगता है. तभी तो वह जब भी मार्केट जाती है, बुकस्टॉल से अपने लिए दोचार अच्छीअच्छी किताबें खरीद लाती है.

अकसर औरतों को कपड़ेगहनों का शौक होता है. अलमारी अटी पड़ी होती है कपड़ों से उन की, लेकिन लीना की अलमारी किताबों से अटी पड़ी है. एक भूख है उसे पढ़ने की. एक दिन भी न पढे, तो खालीखाली सा लगता है उसे और विशाल के साथ भी ऐसा ही है. कितना भी बिजी क्यों न हो अपनी लाइफ में, रोज थोड़ाबहुत पढ़ना नहीं भूलता वह. रहा ही नहीं जाता बिना पढ़े उसे. ज़िंदगी सार्थक लगती है उसे पढ़ने से, वरना तो इंसान के जीवन में भागमभाग लगा ही रहता है.

लेकिन लीना दोनों के बीच कबाब में हड्डी नहीं बनना चाहती थी. इसलिए ‘घर में बहुत काम है,’ का बहाना कर जाने से मना कर दिया. लेकिन विशाल तो जिद पर अड़ गया कि उसे भी उन के साथ बुकफेयर चलना ही पड़ेगा. हार कर लीना को उन के साथ जाना पड़ा.

बुकफेयर में जहां लीना और विशाल किताबें देखने में व्यस्त थे, वहीं सोनाक्षी बस आतेजाते लोगों को निहारने और मोबाइल में व्यस्त दिख रही थी. उस के चेहरे से लग रहा था उसे यहां आ कर जरा भी अच्छा नहीं लगा. वह तो कहीं घूमने या फिल्म देखने की सोच रही थी, मगर विशाल उसे यहां खींच लाया. इशारों से कहा भी उस ने कि चलो अब यहां से, बोर हो रही हूं, तो विशाल ने भी इशारों से कहा कि ‘अभी रुकेगा वह यहां, चाहे तो वह जा सकती है घर.

क्या करती वह, एक तरफ बैठ गई और अपना मोबाइल चलाने लगी. गुस्सा भी आ रहा था उसे कि यहां आई ही क्यों? घर में ही रहती इस से अच्छा. भले ही सोनाक्षी और विशाल एकदूसरे को 2 सालों से जानते थे, पर उन की एक भी आदत ऐसी नहीं थी जो आपस में मेल खाती हो. इसलिए अकसर दोनों में अपनेअपने मत को ले कर टकराव होता. और फिर हारने को दोनों में से कोई तैयार नहीं होता.

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वहीँ, विशाल को लीना का साथ इसलिए भी अच्छा लगता था क्योंकि दोनों की बहुत सी आदतें मिलतीजुलती थीं. बातविचारों में भी वह बहुत शालीन थी. उस से बातें कर विशाल को मानसिक स्फूर्ति मिलती थी. जिस तरह से वह बोलती थी न, लगता जैसे उस की बातों से शहद टपक रहा हो. उस के रूप, रस और गंध में विशाल ऐसे खो जाता कि उसे कुछ होश ही नहीं रहता था. जब सोनाक्षी टोकती, उसे तब होश आता कि कहां है वह और किसी सोच मे डूबा था.

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Serial Story: दूसरा विवाह (भाग-4)

2 दिनों बाद विशाल फिर आया, लेकिन लीना से मिलने नहीं, बल्कि उस के सासससुर से उस का हाथ मांगने. अब अंधे को क्या चाहिए, दो आंखें ही न? बहू को बेटी बना कर विदा करना सपना था उन का, लेकिन लीना ही दूसरा विवाह करने को तैयार नहीं हो थी. लेकिन आज जब सामने से आ कर विशाल ने उस का हाथ मांगा तो उन्होंने तुरंत हां कर दी. इस उम्र में अपने सासससुर को और दुख नहीं देना चाहती थी, इसलिए लीना ने भी मौन सहमति दे दी. पर, वह विशाल से शादी नहीं करना चाहती थी, क्योंकि जानती है विशाल सोनाक्षी का प्यार है.

उधर लीना के मातापिता भी बेटी की गृहस्थी फिर से बसते देख खुशी से झूम उठे थे. मगर विशाल के मातापिता इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे. वे एक विधवा को अपनी बहू नहीं स्वीकारना चाहते थे. लेकिन विश्वास था विशाल को कि वे इस रिश्ते के लिए मानेंगे जरूर एक दिन, और न भी मानें, तो उस का फैसला अटल है.

सूरज के मांपापा ने जब लीना और विशाल की शादी की बाद सोनाक्षी को बताई और कहा कि अब वे चैन से मर सकते हैं, तो सोनाक्षी, विशाल और लीना की शादी से खुश होने का दिखावा जरूर कर रही थी, मगर अंदर से वह आग की तरह धधक रही थी. विशाल के मुंह से यह बात सुन कर ही कि, वह लीना से प्यार करता है और उस से शादी करना चाहता है, कैसे उस का गुलाबी चेहरा झुलस कर राख़ हो आया था. सहन नहीं कर पा रही थी कि विशाल उसे ठुकरा कर उस की भाभी का हो गया. अपने कमरे में जा कर तड़ातड़ अपने ही गालों पर थप्पड़ बरसाने लगी थी वह और फिर घुटनों में सिर दे कर बुक्का फाड़ कर रोई थी.

उसे लग रहा था कि जिस भाभी को उस ने अपना दोस्त माना, उस ने ही उस की पीठ पर खंजर भोंक दिया. भले ही वह सब के सामने अखंड शांति का दिखावा कर रही थी, जता रही थी कि उन की शादी से वह प्रसन्न है, पर अपने अभिमान पर हुए आघात से वह धूधू कर जल रही थी.

एक बार तो उस के मन में आया था कि आत्महत्या कर ले. जिस अतुल रूप यौवन पर उसे बहुत गुमान था, उसे अपने हाथों से नोच डाले, टुकड़ेटुकड़े कर तोड़ दे उसे. पर तभी ध्यान आया कि इस से क्या होगा? उन का कुछ बिगड़ेगा? नहीं, बल्कि और उन का रास्ता साफ हो जाएगा. इसलिए वह उन्हें सिखाएगी.

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उस के मन में लीना को ले कर बहुत गुस्सा भरा हुआ था और जब तक वह उसे सबक नहीं सिखा देती, बदला नहीं ले लेती उन से, तब तक उस के मन को शांति नहीं मिलेगी. लीना सोनाक्षी का दुख समझ रही थी, पर क्या करे वह भी. लेकिन एक रास्ता सूझा उसे और उस ने विशाल से मिलने का मन बना लिया.

फोन पर लीना को विशाल से बातें करते देख सोनाक्षी का खून खौल उठा. मन तो किया उस के हाथ से फोन छीन कर फेंक दें और कहे, ‘लज्जा नहीं आई तुम्हें मेरे प्यार को छीनते हुए? अरे, दोबारा विवाह ही करना था, तो क्या लड़कों की कमी थी दुनिया में? मेरा प्यार क्यों छीन लिया तुम ने?’ फिर मन हुआ टेबल पर रखी गरम चाय उस के मुंह पर दे मारे, ताकि उस का यह सुंदर चेहरा बिगड़ जाए. आखिर इस के इसी सुंदर चेहरे पर विशाल को प्यार हो गया न? और इस के इसी सुंदर चेहरे की वजह से ही विशाल ने उसे ठुकरा दिया न? लेकिन उस ने अपने उबलते गुस्से को कंट्रोल कर लिया और उस की बातें सुनने लगी.

लीना विशाल से पास के ही कौफीहाउस में मिलने की बात कह रही थी. लीना के जाने के कुछ देर बाद वह भी घर से निकल पड़ी. अपने चेहरे को दुपट्टे से आधा ढक कर उस ने गौगल्स चढ़ा लिया था ताकि कोई उसे पहचान न पाए. और जा कर ठीक उन के पीछे वाली टेबल पर बैठ गई ताकि उन की बातें ठीक तरह से सुन पाए. फिर वह सोचेगी कि उसे क्या करना है. पता नहीं वह क्या प्लान बना रही थी दोनों को ले कर, यह तो वही जाने.

विशाल ने 2 कप कौफी और्डर किया और गौर से लीना को देखने लगा, जो अब भी सिर झुकाए उसी तरह बैठी थी. “कुछ परेशान लग रही हो,” लीना के चेहरे को पढ़ते हुए विशाल बोला.

“हां, हूं मैं परेशान. और इस की वजह आप हैं. क्यों कर रहे हैं आप ऐसा? मांपापा के सामने मैं कुछ बोल नहीं पाई और न ही फोन पर आप को समझा सकती थी. लेकिन आज मैं आप को यहां यह समझाने आई हूं कि जिद छोड़ दीजिए. आप का प्यार मैं नहीं, बल्कि सोनाक्षी है. अच्छा किया क्या आप ने उस का दिल तोड़ कर? नहीं चाहिए मुझे आप की दया. आप खुद इस शादी से इनकार कर दीजिए, प्लीज,” हाथ जोड़ कर लीना कहने लगी, “और अपना लीजिए मेरी सोनू को. प्यार करती है वह आप से बहुत.”

लीना की बातें सुन कर पहले तो कुछ देर विशाल उसे देखता रहा, फिर बोला, “एक बात बताओ, क्या कभी कहा तुम से सोनाक्षी ने कि मैं ने उसे आई लव यू कहा? क्या एक लड़का और एक लड़की की दोस्ती का मतलब प्यार हो जाता है? नहीं न, फिर कैसे लगा तुम्हें या किसी को भी कि मैं उस से प्यार करता हूं. मैं ने अपनी ज़िंदगी में सिर्फ एक लड़की को चाहा और वह तुम हो लीना तुम और मैं तुम पर कोई दया नहीं कर रहा, बल्कि सच्चे दिल से तुम्हें प्यार करता हूं.”

उस बातों पर लीना का चेहरा झुक गया, क्योंकि विशाल की आंखों में उस के लिए प्यार साफसाफ दिख रहा था. “और जब मैं उस से प्यार ही नहीं करता, फिर शादी का क्या मतलब? बेईमानी नहीं होगा, यह हम दोनों के साथ? क्या खुश रह पाएंगे हम एकदूसरे के साथ, बोलो? मैं तुम से प्यार करता हूं लीना और तुम्हारे साथ ही खुश रह पाऊंगा. जानता हूं कि, मैं भी तुम्हें अच्छा लगता हूं. मेरे साथ रहते हुए तुम कितनी खुश रहती हो, देखा है मैं ने. लेकिन तुम जकड़ी हुई हो समाज की सोच के साथ कि लोग क्या कहेंगे? एक विधवा का जो ठप्पा लगा है न तुम पर, उस से तुम भी नहीं निकलना चाहती हो. बताओ न, क्यों नहीं निकलना चाहतीं? तुम ने ही एक रोज बताया था मुझे कि जब तुम्हारी चाची की जौंडिस से मौत हो गई थी, तब उन के मरने के कुछ महीने बाद ही तुम्हारे चाचा ने दूसरा विवाह कर लिया था. तो उन्हें समाज कुछ क्यों नहीं बोलता? सिर्फ औरतें ही क्यों समाज की बनाई चक्की में पिसती रहें, बोलो न?”

“वह सब मुझे नहीं पता, लेकिन यह जानती हूं कि एक विधवा के लिए दूसरा विवाह करना पाप है. हो सके तो आप सोनाक्षी से शादी कर लीजिए, वह आप से बहुत प्यार करती है,” कह कर नम आंखों से लीना वहां से उठ कर चली गई और विशाल वहीं बैठा जाने क्या सोचने लगा. कुछ देर बाद वह भी वहां से चला आया. काफी अपसेट लग रहा था वह. उसे समझ नहीं आ रहा था क्या करे?

विशाल के जाने के बाद सोनाक्षी भी वहां से निकल गई. आज लीना की बातें सुन कर उस का मन रो पड़ा. सोचने लगी, वह कितनी स्वार्थी हो गई है? जब उस के भाई सूरज की मौत हुई थी तब लीना को देख कर उस का भी कलेजा फटा था. वह भी चाहती थी लीना की गृहस्थी फिर से बस जाए. कोई उस का हाथ थाम कर फिर से उस की ज़िंदगी में बहार ले आए.

लेकिन आज जब कोई उसे दिल से प्यार करने वाला मिला है, उस से शादी करना चाहता है, तो उसे बुरा लग रहा है? सही तो कहा विशाल ने, कब उस ने मुझ से प्यार का इजहार किया? बल्कि मुझे ही यह गलतफहमी हो गई थी कि वह मुझे चाहता है.

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मैं तो यह सोच कर वहां गई थी कि सब के सामने उन्हें जलील करूंगी. बताऊंगी लोगों को कि कैसे उस की अपनी भाभी, जिसे वह अपना सबकुछ समझती थी, ने उस का प्यार छीन लिया. लेकिन वह तो यहां आ कर स्तब्ध रह गई. उस की भाभी तो आज व अब भी पहले उस के बारे में ही सोचती है, चाहती है विशाल उस से शादी करने से मना कर सोनाक्षी को अपना ले. यह सब सोचतेसोचते सोनाक्षी घर पहुंच गई.

आज उस के मन में विशाल और लीना को ले कर कोई गुस्सा या द्वेष नहीं था. बल्कि, वह खुश थी कि उस की भाभी का दूसरा विवाह होने जा रहा है और वह अपने हाथों से उसे सजाएगी, उसे लाल जोड़ा पहनाएगी. खूब नाचेगीगाएगी. और वह गुनगुनाने लगी, ‘मेरी प्यारी बहनिया बनेगी दुलहिया, सज के आएंगे दूल्हे राजा…’

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