कोलेस्ट्रॉल रखें काबू में

डॉ मुकेश गोयल, सीनियर कार्डियक सर्जन, इन्द्रप्रस्थ अपोलो होस्पिटल्स

हार्ट यानि दिल मनुष्य के शरीर का महत्वपूर्ण अंग है. किंतु कई परिस्थितियों में दिल की कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है. उच्च रक्तचाप, शरीर का वज़न सामान्य से अधिक होना और निष्क्रिय जीवनशैली दिल की बीमारियों का कारण बन सकती है. रक्त में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ना दिल की बीमारियों का मुख्य कारण है. कोलेस्ट्रोल वैक्स यानि मोम जैसा एक पदार्थ है जो धमनियों की भीतरी दीवारों पर जमकर रक्त के प्रवाह में रूकावट पैदा करता है. यह न केवल दिल बल्कि शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है. दिल की बीमारियों के मुख्य कारण हैं- खाने-पीने की गलत आदतें, शारीरिक व्यायाम की कमी, धूम्रपान, उम्र बढ़ना, परिवार में दिल की बीमारियों का इतिहास, शरीर का वज़न सामान्य न होना तथा कोलेस्ट्रोल बढ़ना.

समय पर निदान एवं उपचार के द्वारा दिल की बीमारियों की संभावना को कम किया जा सकता है. दिल की बीमारियों से बचने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कोलेस्ट्राॅल पर निगरानी रखना. तो सवाल यह है कि कोलेस्ट्रोल की जांच कब शुरू की जाए? इसका क्या महत्व है? एक व्यक्ति को कितनी बार कोलेस्ट्रोल की जांच करानी चाहिए?

कोलेस्ट्रोल टेस्ट क्या है

कोलेस्ट्रोल मोम और वसा जैसा एक पदार्थ है जो रक्त में और हमारे शरीर की हर कोशिका में पाया जाता है. शरीर की कोशिकाओं और अंगों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हमें कुछ मात्रा में कोलेस्ट्रोल की ज़रूरत होती है. हमारा लिवर शरीर की आवश्यकतानुसार कोलेस्ट्रोल बनाने में सक्षम है. लेकिन कुछ खाद्य पदार्थों जैसे मीट, अंडे, पोल्ट्री और डेयरी उत्पादों में भी कोलेस्ट्रोल पाया जाता है. आहार में ज़्यादा वसा का सेवन करने से लिवर अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रोल बनाता है.

कोलेस्ट्रोल के दो मुख्य प्रकार हेंः लो डेंसिटी कोलेस्ट्रोल या एलडीएल जिसे ‘‘बैड’कोलेस्ट्रोल कहा जाता है और दूसरा हाई डेंसिटी कोलेस्ट्रोल या एचडीएल जिसे ‘गुड’कोलेस्ट्रोल कहा जाता है. कोलेस्ट्रोल की जांच के लिए खून की जांच की जाती है जिससे रक्त में मौजूद हर प्रकार के कोलेस्ट्रोल और वसा की जानकारी मिलती है.

ये भी पढ़ें- 6 मसाले जो कंट्रोल करेंगे आपकी डायबिटीज

रक्त में एलडीएल बढ़ने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. एलडीएल बढ़ने से धमनियों के अंदर प्लाॅक जमने लगता है जिससे धमनियां संकरी हो जाती हैं और रक्त के प्रवाह में रूकावट हो सकती है. जब दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में इस तरह की रूकावट हो जाए तो यह हार्ट अटैक का कारण बन सकती है. इसी तरह दिमाग को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में रूकावट पैदा होने से व्यक्ति स्ट्रोक का शिकार हो सकता है. टांगों को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में रूकावट से टांग में गैंग्रीन हो सकता है. कोलेस्ट्रोल जांच को लिपिड प्रोफाइल या लिपिड पैनल के नाम से भी जाना जाता है.

कोलेस्ट्रोल की जांच क्यों महत्वपूर्ण है?  

कोलेस्ट्रोल बढ़ने से कोरोनरी धमनी में प्लाक जमने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे हार्ट अटैक की संभावना बढ़ती है. अक्सर कोरोनरी आर्टरी में इस तरह की रूकावट के लक्षण तब तक दिखाई नहीं देते, जब तक यह ब्लॉक बढ़कर छाती में दर्द या हार्ट अटैक का कारण न बन जाए. ऐसे में समयसमय पर कोलेस्ट्रोल की जांच कराना बहुत ज़रूरी है ताकि अगर कोरोनरी धमनी में प्लाॅक बन रहा है तो समय पर इसका पता लगाकर उपचार शुरू किया जा सके और मरीज़ को घातक परिणामों  से बचाया जा सके. कोलेस्ट्रोल की नियमित जांच से दिल की बीमारियों की संभावना को कम किया जा सकता है.

कोलेस्ट्रोल बढ़ने के कोई लक्षण नहीं होते, किंतु इससे दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है. कोलेस्ट्रोल की जांच से चिकित्सक को मरीज़ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है. जांच में निम्नलिखित का पता लगाया जाता हैः

एलडीएल. इसे बैड कोलेस्ट्रोल भी कहते हैं, यह धमनियों में ब्लॉक का मुख्य कारण है.

एचडीएल. इसे गुड कोलेस्ट्रोल भी कहते हैं. यह बैड कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करता है.

कुल कोलेस्ट्रोल. यह एलडीएल ओर एचडीएल की कुल मात्रा को बताता है.

ट्राई ग्लीसराईड- रक्त में मौजूद एक प्रकार की वसा है. कुछ अध्ययनों के मुताबिक, खासतौर पर महिलाओं में  ट्राई-ग्लीसराईड का स्तर बढ़ने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है.

वीएलडीएल. वैरीलो डेंसिटी लिपोप्रोटीन भी एक प्रकार का बैड कोलेस्ट्रोल है. इसके कारण भी धमनियों के भीतर प्लाॅक जमने लगता है. इसे नापना आसान नहीं है, अक्सर रक्त में ट्राइग्लीसराईड के स्तर के आधार पर इसका अनुमान लगाया जाता है.

कोलेस्ट्रोल की जांच कितनी बार करनी चाहिए?

20 साल या इससे अधिक उम्र में हर 4-6 साल में  कोलेस्ट्रोल की जांच करानी चाहिए. क्योंकि पाया गया है कि जीवन के दूसरे दशक में धमनियों में प्लाक जमना शुरू हो जाता है.

40 की उम्र के बाद अधिक नियमित रूप से जांच कराने की सलाह दी जाती है.

जिन मरीज़ों को पहले से दिल की बीमारी हो (जैसे अगर किसी को हार्ट अटैक, एंजियोप्लास्टी या कोरोनरी बायपाससर्जरी की जा चुकी हो) या जिनके परिवार में दिल की बीमारियों का इतिहास हो, उनहें 6-12 माह में एक बार अपनी जांच करानी चाहिए. ऐसे मरीज़ों को खासतौर पर एलडीएल नियन्त्रित रखना चाहिए.

सेहतमंद जीवनशैली, व्यायाम और सेहतमंद आहार (कम वसा से युक्त आहार) और चिकित्सक की सलहा के अनुसार दवाओं से कोलेस्ट्रोल पर नियन्त्रण रखा जा सकता है.

कोलेस्ट्रोल की जांच क्यों ज़रूरी है?

अगर आप को निम्नलिखित में से कोई लक्षण हैं तो आपको नियमित रूप से कोलेस्ट्रोल जांच करानी चाहिए.

उच्च रक्तचाप

टाईप 2 डायबिटीज़

धूम्रपान

वज़न बढ़ना या मोटापा

व्यायाम की कमी

आहार में सैचुरेटेड फैट का सेवन अधिक

उम्र बढ़ने के साथ भी दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ सकती है.

आहार में मौजूद कौनसी चीज़ें कोलेस्ट्रोल बढ़ाती हैं?

ट्रांसफैट के कारण एलडीएल बढ़ता है और एचडीएल कम हो जाता है.

निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में सैचुरेटेड फैट पाए जाते हैं:

मीठे खाद्य पदार्थ जैसे पेस्ट्री, डोनट, केक और कुकीज़

रैडमीट, फैटी मीट और प्रसंस्कृत मीट

चिकन, टैलो

तले हुए खाद्य पदार्थ

अधिक वसा से युक्त डेयरी उत्पाद जैसे दूध, मक्खन, चीज़ और क्रीम

सेहतमंद विकल्प क्या हैं?

नीचे दिए गए खाद्य पदार्थ एलडीएल कम करने, एचडीएल बढ़ाने और वज़न पर नियन्त्रण रखने में मदद करते हेंः

ये भी पढ़ें- काॅलेस्टेराॅल की नियमित जांच क्यों है जरूरी

जई और जई का चोकर

जौ और अन्य साबुत अनाज

फलियां, दालें, बीन्स, मटर

मेवे  जैसे अखरोट, मूंगफली और बादाम

सिट्रस फल, सेब, स्ट्राबैरी, अंगूर

भिंडी, बैंगन

सोयाबीन

फैटी फिश जैसे सार्डिनेस, मैकेरेल, सालमन

जैतून का तेल

आत्महत्या का ख्याल दूर कैसे भगाएं

डॉक्टर उत्कर्ष गंगेरा , साइकोलोजिस्ट , यूनाइटेड वी केयर

इस चिंता से ज्यादा डरावना और बुरा कुछ नहीं हो सकता कि आपको बारबार आत्महत्या के विचार आते हैं. दुनिया भर में हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है. अमेरिका में की कई एक नई स्टडी के आंकड़ों से पता चलता है कि आत्महत्या की दर 30 साल में सबसे ज्यादा है, जिसमें 15 वर्षों में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. एक ऐसा व्यक्ति जिसमें आत्महत्या के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, उसे एक दोस्त, करीबी परिवार के सदस्य की ज़रुरत होती है, जो उसकी देखभाल कर सके. इसलिए यह जानना बहुत आवश्यक है कि हम क्या कर सकते हैं.

सुसाइडियल बिहेवियर या आत्महत्या की सोच के कुछ संकेत

मृत्यु या आत्महत्या के बारे में बात करना.
आत्महत्या करने के तरीकों के बारे में बात करना.
ज़्यादा डिप्रैशन, निराशा या खुद को जिम्मेदार समझना.
लापरवाह, हिंसक या खुद को नुकसान पहुंचाने वाला व्यवहार करना.
शराब या नशीली दवाओं का आदी हो जाना.
बिना किसी वजह के अचानक बहुत ज्यादा खुश दिखाई देना.
बिना वजह के ही किसी को भी अपना निजी सामान दे देना.
खुशी के मौकों पर भी खुश न रहना या कुछ पसंद न आना.

ये भी पढ़ें- वर्क आउट की कोई उम्र नहीं होती – सोनाली स्वामी

आत्महत्या का विचार आने पर क्या करना चाहिए?

चाहें आप जिनती निराशा या दर्द महसूस कर रहे हों, हमेशा यह याद रखिए कि आप अकेले नहीं हैं. आपकी निराशा या दर्द का इलाज पूरी तरह संभव है और आपको एक नई दिशा दी जा सकती है. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी कंडिशन क्या है. दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें आपकी जरूरत है, ऐसी कईं जगह हैं, जहां आप अच्छा महसूस कर सकते हैं. आपके पास अपनी ऐसी यादें जरूर होंगी जो आपको याद दिलाएंगी कि जिंदगी कितनी खूबसूरत और कीमती है. आप अपने जीवन का सामना पूरी ईमानदारी और हिम्मत से किजिए. यह आपको यह अहसास कराएगा कि डिप्रैशन, चिंता या कोई और मानसिक रोग से आप कैसे लड़ सकते हैं.

इन बातों को हमेशा याद रखिए

भावनाएं कभी भी एक जैसी नहीं रहती. यह समय और परिस्थितियों के अनुसार बदलती रहती हैं. ऐसा बिल्कुल नहीं है कि आप जैसा आज महसूस कर रहे हैं कल भी आपको वैसा ही महसूस हो. कल आपको कुछ और महसूस हो सकता है. नई भावनाएं आपके मन में घर कर सकती हैं. इसलिए हमेशा अपनी भावनाओं पर कंट्रोल रखिए.

आपका अकेला रहना आपके और आपके दोस्तों व करीबी लोगों के जीवन में दुख, तनाव और पीड़ा पैदा करती है. जब भी दिमाग पर किसी तरह के नेगिटिव विचार आएं या आपको लगे कि आप पर ये हावी हो रहे हैं तब आप यह सोचें कि आपके जीवन में ऐसे बहुत से लोग हैं जो सिर्फ आपकी खुशी के लिए हमेशा आपके साथ हैं. अगर आपको यह महसूस होता है कि आपका जीवन बेकार है या किसी को आपकी परवाह नहीं है, ऐसे समय में आप उन लोगों से बात करें जिन्हें आप जानते हैं.

आपकी जिंदगी में अभी बहुत कुछ बाकी है जो आप कर सकते हैं. कभी भी ऐसा महसूस हो कि आपका जीवन उदासी से भरा है, कुछ करने को नहीं बचा तो उस समय यह सोचें कि आप जिंदगी में जो चाहते थे, क्या आपने वो किया या नहीं. हर छोटी-छोटी बात या चीजों में खुशियां ढूंढें. वह हर काम करें जिसे करने से आपको खुशी मिलती है.

दुनिया में ढेर सारी जगहें हैं जहां आप जा सकते हैं और अनुभव ले सकते हैं. यह वह अनुभव हैंजो आपको मन से खुश रखते हैं. आपको हमेशा खुद को इन चीजोंसे जोड़े रखना है. जब भी दिमाग में किसी तरह की नेगेटिविटी आए तो उस वक्त उन पलों के बारे में सोचें जब आप खुश हुए थे.

याद रखिए सुसाइड के विचार हमेशा अस्थायी होते हैं यानी बदलते रहते हैं.

आपको हमेशा ऐसा लगेगा कि आपकी हताशा, निराशा , तकलीफ या दुख कभी खत्म नहीं होगा लेकिन कोई भी भावना अधिक देर तक ठहरती नहीं है, खासकर जब वह नकारात्मक हो. यह समय और परिस्थति के हिसाब से बदलती रहती है. हर समस्या का समाधान अक्सर होता हैं, बस ज़रुरत उसे पहचानने की होती है. भावनाएं बदलती हैं और फिर पॉजिटीव या सकारात्मक घटनाएं होती हैं. आत्महत्या किसी बात का समाधान नहीं हो सकता. इसलिए अगर आप भी निराशा और भारी दुख के समय में हैं तो समय पर ही इसे छोड़ दीजिए. स्थितियां अपनेआप सामान्य हो जाएंगी. ऐसा कुछ करना जो जीवन खत्म कर दे कभी सामाधान नहीं हो सकता.

ये भी पढें- लिवइन रिलेशनशिप में कितना प्यार कितना धोखा

क्या चाहते हैं आत्महत्या की सोच वाले व्यक्ति

बात सुनने वाला

ऐसा कोई करीबी जो उनकी बात सुनने के लिए समय निकाले. ऐसा कोई व्यक्ति जो किसी फैसले पर सलाह न देकर बिना कोई सवाल पूछे उसका ध्यान रखे.

विश्वास करने योग्य

ऐसा कोई व्यक्ति जो उनकी इज्ज़त करे.  उन्हें डांटने, फटकारने या हावी होने की कोशिश न करे. साथ ही साथ उनकी बताई बात को अपने तक ही रखे.

ध्यान रखने वाला

कोई ऐसा जो उसके लिए खुद उपलब्ध रहे. उस व्यक्ति को सूकून और मानसिक शांति दे. जो हमेशा कहेगा कि मैं तेरी परवाह करता हूँ.

कैसे करें आत्महत्या के विचार का अंत?

अगर मन में किसी भी तरह आत्महत्या का विचार आ रहा है तो अपने किसी भरोसेमंद व्यक्ति के साथ बैठकर उससे सारे बातें कह डालें. अगर रोना भी आ रहा है तो रो लें. इससे आत्महत्या की चाह कम हो जाती है.

अगर परिवार के साथ बैठकर बात नहीं कर पा रहे हैं तो किसी मनोवैज्ञानिक या कंसल्टेंट की सहायता अवश्य लें. उन्हें अपने मन की हर बात पूरे विस्तार में बताएं. ऐसा करने से दिल का बोझ हल्का होता है और कोई आपको जज करेगा, यह भावना भी नहीं आएगी.

खुद को सबसे अधिक अहमियत दें.

अगर आप एक लंबे समय से अपने दोस्तों या करीबियों से नहीं मिले हैं तो उनसे मुलाकात करें. इससे आपको बेहतर महसूस होगा. हर वो काम करें जो आपको अच्छा लगता है और जिससे आपके दिमाग को शांति मिलती है.

सुबहसुबह किसी पार्क में जाकर ताजी हवा और सैरसपाटे का आनंद लें. प्रकृति को महसूस करें. चिड़ियों, हवा में लहरा रहे पत्तों और पानी की आवाज को सुनें. इससे मन को शांति मिलती है और नेगेटिविटी दूर होती है.

आप जो भी एक्टिविटी पसंद करते हैं उसे रोज़ाना करें.

राह चलते किसी ज़रूरतमंद की मदद कर दें. ऐसा करने से आपका मन हल्का महसूस करेगा.

हमेशा इस बात को याद रखें आप से बढ़कर कोई नहीं है. जीवन का अर्थ है आनंद. इसलिए बेवजह की टेंशन न पालें.

 

लॉक डाउन के दौरान ‘बिग बॉस 13’ फेम कंटेस्टेंट शहनाज गिल ने यूं घटाया वेट

वजन घटाना हर किसी के लिए अपने आप में एक मुश्किल काम है फिर चाहे वो फ़िल्मी सितारे हो या आम आदमी. हर कोई एक्स्ट्रा बॉडी फैट कम करने के लिए वो सब कुछ करने को तैयार रहता है, जिससे उसका फैट जल्दी से जल्दी कम हो जाये. अगर आप भी आजकल वेट लॉस करने के लिए जी जान से जुट गये हैं तो आप ‘बिग बॉस 13’ की पॉपुलर कंटेस्टेंट शहनाज कौर गिल के डाइट टिप्स को जरूर अपनाएं क्योंकि शहनाज कौर गिल  ने 6 महीने में 12 किलो वजन घटाकर लोगों को चौंका दिया. आजकल अपने वेट लॉस को लेकर सुर्खियों में छाई शहनाज कौर  गिल कहतीं हैं, ‘लोग मेरे मोटापे का मजाक उड़ाते थे. मैंने सोचा लोगों को दिखाती हूं कि मैं भी पतली हो सकती हूं.’

जंक और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाई

शहनाज कौर गिल कहती हैं कि, वेट लॉस के दौरान  मैं चॉकलेट, आइसक्रीम, जंक और प्रोसेस्ड फूड से पूरी तरह दूर रही. यहां तक कि मैंने नॉनवेज खाना भी बंद कर दिया. इससे एक्स्ट्रा बॉडी फैट काफी हद तक कम हुआ.

बाहर का फूड खाना बंद किया

शहनाज कहतीं हैं कि मैंने बाहर खाना-पीना बिल्कुल बंद कर दिया और घर का बना खाना ही खाया. स्पाइसी और ऑयली फूड छोड़कर मैंने सिंपल आहार लेना शुरू किया. इससे मुझे वजन घटाने में काफी मदद मिली.

एक ही तरह के फूड पर करें फोकस

शहनाज कहतीं हैं कि मैंने  एक ही तरह के फूड पर फोकस किया. जैसे कि अगर लंच में दाल और मूंग खाती थीं, तो डिनर में भी वही खाया करती थीं. मैं हमेशा कैलोरी काउंट का ध्यान रखती थीं.

कम भोजन करें

शहनाज कहती हैं कि वजन घटाना इतना भी आसान नहीं है. मैंने अपने खाने की मात्रा को कम किया. जैसे कि यदि मुझे दो रोटी की भूख है तो मैं एक रोटी खाती थी. इसी तरह दूसरी चीजें भी मैं कम खाती थी. एक ही बार ढेर सारा खाने के बजाय थोड़ा-थोड़ा कई बार खाना फायदेमंद है.

बिना एक्सरसाइज के वजन घटाना

मार्च में जब लॉकडाउन शुरू हुआ तो मेरा वजन 67 किलो था. मैंने बिना एक्सरसाइज के 6 महीने में 12 किलो वजन घटाया. अब मेरा वजन सिर्फ 55 किलो है. मैंने अपनी डाइट में बदलाव किया और बहुत-सी फैटी चीजें खाना बंद कर दिया. शायद यही कारण है कि मैं अपना वजन घटा पाई.

स्वाद और सेहत का खजाना है सांभर

चाहे इडली, वड़ा हो या स्वादिष्ट  डोसा ,सांभर के बिना  सब अधूरा है.  सांभर इन व्यंजनों का स्वाद और भी बढ़ा देता है.  इन  व्यंजनों के अलावा और भी कई चीजें हैं जिनके साथ सांभर परोसा जाता है.

सांभर साउथ इंडियन खाने का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है. सांभर की सबसे बड़ी विशेषता ये है की इसको बनाने के लिए दाल के साथ सब्जियां भी डाली जाती है जिससे हमे प्रोटीन और विटामिन एक साथ मिल जाता है.

आपने कई बार बाहर restaurent में सांभर खाया होगा पर अक्सर जब हम इसे घर पर बनाते है तो ओरिजिनल टेस्ट नहीं आ पाता.  तो चलिए आज मै आपको बिलकुल साउथ इंडियन टाइप सांभर बनाना बताउंगी. इस तरह सांभर बनाने के बाद आपके साउथ इंडियन फ़ूड का स्वाद दोगुना हो जायेगा.

कितने लोगो के लिए: 3 से 4

कितना समय:20 से 25 मिनट

मील टाइप:वेज

हमें चाहिए-

तेल –1 टेबल स्पून

अरहर की दाल-1 छोटा कप

लौकी- 1 ½  कप छोटे टुकड़े में कटी हुई

बैगन – 1 कप छोटे टुकड़े में कटा हुआ

गाज़र- ¼ कप छोटे टुकड़े में कटी हुई

ये भी पढ़ें- डिनर में बनाएं टेस्टी वेज हांडी बिरयानी

सहजन की फली-4 से 5  टुकड़े 3 इंच की लम्बाई में कटे हुए (ऑप्शनल)

टमाटर- 1 मध्यम

प्याज़- 1 बड़े आकार का

सांभर पाउडर- 2 छोटे चम्मच

इमली का पेस्ट-1 बड़ा चम्मच (अगर आपके पास इमली नहीं है तो आप अमचूर पाउडर या नीम्बू भी इस्तेमाल कर सकते है)

राई –1 छोटा चम्मच

करी पत्ता-7 से 8

कड़ी लाल मिर्च -2 से 3

हींग-1 चुटकी भर

बनाने का तरीका –

1-सबसे पहले दाल को अच्छे से धोकर कुकर में दाल दीजिये.  अब कुकर में कटी हुई लौकी, बैगन,सहजन की फली  और नमक भी  डाल दीजिये. आप चाहे तो और भी कोई सब्जी ऐड कर सकते हैं. इसके  बाद  1 से 1 1/2 गिलास पानी डाल कर इसको 4 से 5 सीटी आने तक पकने दीजिये.

2-अब गैस को बंद कर दीजिये और भाप खत्म हो जाने के बाद इसको किसी बर्तन में निकाल लीजिये.

3-अब 1/2 कप गर्म पानी में इमली को दाल कर भिगो दीजिये. फिर थोड़ी देर बाद उसके बीज हटाकर उसका पल्प निकाल लीजिये.

4-अब एक कढाई में तेल गर्म कीजिये. अब उसमे तेल डालिए. तेल गर्म हो जाने के बाद उसमे राई डाल कर उसको चटकने दीजिये.

5-अब उसमे करी पत्ता और खड़ी लाल मिर्च डाल दीजिये. अब उसमे कटी हुई प्याज़ डालकर उसको लाल होने तक भूनिए. इसके बाद उसमे टमाटर डालकर उसको भी पकने दीजिये.

6-जब टमाटर पक जाये तब उसमे कटी हुई गाज़र डाल दीजिये और उसको अच्छे से पका लीजिये. अब उसमे सांभर मसाला डाल दीजिये और उसको अच्छे से मिला दीजिये. अब ऊपर से उसमे पकी हुई दाल और सब्जियों का मिश्रण डाल दीजिये जिसे हमने कुकर में पकाया था.  और इमली का पल्प भी मिला दीजिये.

ये भी पढ़ें- टेस्टी और हेल्दी है चीज वाले पालक रोल की ये रेसिपी

7-अब उसको अच्छे से पकने दीजिये.  अगर आपको थोडा सांभर पतला चाहिए तो उसमे अपने हिसाब से गर्म पानी मिला लीजिये. 7 से 8 मिनट पकने के बाद गैस बंद कर दीजिये. आप चाहे तो आप ऊपर से एक बार और राई और करी पत्ते का  तड़का लगा सकते है.

8-तैयार है स्वादिष्ट सांभर. आप इसको चावल के साथ भी खा सकते है.

विटामिन ई औयल से स्किन को दें अनेक फायदे

आप अपने चेहरे में निखार लाने के लिए कभी फेसवाश बदलती हैं तो कभी क्रीम्स. लेकिन इसके बावजूद भी आपको अपनी स्किन में वो ग्लो व ब्यूटी नजर नहीं आती जो आनी चाहिए. ऐसे में आप बस मन ही मन यही सोचती होंगी कि काश मेरे भी चेहरे पर सेलिब्रिटीज जैसा ग्लो हो. मैं भी जब कहीं से गुजरू तो सब मेरे फेस को बस देखते ही रह जाएं. लेकिन आखिर ऐसा होगा कैसे. तो आपको बताते हैं कि आपकी खूबसूरती का राज विटामिन इ आयल में छिपा है. जिसे लगाकर आप अपने रूप को निखारने के साथ साथ स्किन प्रोब्लम्स से छुटकारा भी पा सकती हैं. जानते हैं इस बारे में ब्यूटी एक्सपर्ट पूजा नागदेव से कि क्या क्या फायदे हैं विटामिन इ आयल के स्किन के लिए .

1. स्किन को नौरिश करे

विटामिन इ इम्युनिटी को बूस्ट करने के साथ साथ सेल्स के फंक्शन्स को सुचारू करने का काम करता है. ये स्किन को सूर्य की अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाकर स्किन की हैल्थ का खास ध्यान रखता है. साथ ही अगर आपकी स्किन रूखी रूखी सी रहती है तो ये स्किन को मोइस्चर प्रदान करके स्किन पर नेचुरल ग्लो भी लाता है. इसके लिए आप विटामिन इ के कैप्सूल को ब्रेक करके उससे आयल को बाहर निकालें. फिर उसे स्किन पर लगाकर पूरी रात के लिए छोड़ दें. फिर देखें आपकी स्किन कितना ग्लो करती है.

2. मॉइस्चराइजर का काम करे

अगर आप अपनी स्किन पर खोए हुए मोइस्चर को वापिस लाना चाहती हैं तो विटामिन इ आयल बेस्ट है . क्योंकि विटामिन इ आयल में न्यूट्रिएंट होने के कारण ये स्किन में मोइस्चर को रिस्टोर करने का काम करता है. खास कर ये आयल ड्राई स्किन वालों के लिए किसी मैजिक से कम नहीं होता . इसके लिए बस आप सोने से पहले अपनी मॉइस्चराइजिंग क्रीम में विटामिन इ आयल की कुछ बूंदे मिलाकर अपने फेस पर अप्लाई करें. ऐसा अगर आप रोजाना करेंगी तो धीरे धीरे स्किन का मोइस्चर वापिस लौटने लगेगा. आप विटामिन इ से युक्त क्रीम का भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

ये भी पढे़ं- जानें क्या है स्किन और बालों से जुड़े मिथ और उनकी सच्चाई

3. डार्क सर्कल्स का सफाया

लाइफस्टाइल के कारण नींद पूरी नहीं होना, स्ट्रेस और डाइट में न्यूट्रिएंट्स की कमी व होर्मोन्स का संतुलन बिगड़ने के कारण आजकल छोटी उम्र में भी डार्क सर्कल्स की प्रोब्लम होने लगी है. और एक बार जब आंखों के नीचे काले घेरे दिखने लगते हैं तो चेहरे की सारी रौनक फीकी पड़ने लगती है. ऐसे में बस हम यही सोचते हैं कि किसी तरह इन डार्क सर्कल्स से छुटकारा मिल जाए, भले ही हमें उसके लिए कोई भी कोस्मेटिक खरीदनी पड़े . लेकिन डार्क सर्कल्स से छुटकारा पाने के लिए आपको महंगी क्रीम्स की नहीं बिलकुल रात को विटामिन इ आयल को अपनी आंखों के नीचे लगाकर अच्छे से मसाज करने की जरूरत है. 2 – 3 अप्लाई के बाद ही आपको रिजल्ट दिखने लगेगा.

4. फेस की गंदगी को रिमूव करें

धूल मिट्टी व प्रदूषण के संपर्क में आने से हमारे चेहरे पर गंदगी जमा हो जाती है, जिससे एक्ने की भी समस्या उत्पन होती है. लेकिन अगर आप चेहरे को क्लीन्ज़र से साफ करें तो चेहरे से गंदगी रिमूव होने के साथ साथ चेहरा साफ भी नजर आता है. ऐसे में आपके लिए विटामिन इ क्लींजिंग एजेंट का काम करता है. जबकि विटामिन इ आयल में स्किन को क्लीन करने के साथ साथ उसे सोफ्ट व स्मूद बनाने की भी क्षमता होती है. इसके लिए बस आप कॉटन बोल पर विटामिन इ की कुछ बूंदे डालकर चेहरे को साफ कर धो दें. चेहरा साफ होने के साथ साथ निखर भी जाएगा.

5. घनी आई ब्रोस के लिए

विटामिन इ आयल में सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स और एन्टिओक्सीडैंट्स होने के कारण ये आईब्रोस की हेयर ग्रोथ के लिए काफी अच्छा माना जाता है. ये हेयर ग्रोथ को बूस्ट करने, पी एच लेवल और ब्लड सर्कुलेशन सभी को बेहतर बनाने का काम करता है. इसके लिए आपकी थोड़ी सी मेहनत आपको घनी और खूबसूरत आई ब्रो देने का काम करेगी. बस आप विटामिन इ के कैप्सूल को ब्रेक करके उसमें से आयल निकाल कर उसे आई ब्रोस पर लगाकर पूरी रात के लिए छोड़ दें. और सुबह साफ पानी से पूरे चेहरे को धो लें. कुछ ही दिनों में बदलाव आपके सामने होगा.

6. दागधब्बों को हटाएं

चेहरे पर दाग किसे ,पसंद होता है. लेकिन न चाहते हुए स्किन पर पिम्पल्स होने से उनके निशान रह ही जाते हैं. ऐसे में जब भी हम इन निशानों को देखते हैं तो हम बस यही सोचते हैं कि किसी तरह से दाग गायब हो जाए और हमारा चेहरा पहले की तरह क्लियर नजर आने लगे. बता दें कि आप विटामिन इ के आयल से इन्हें हटा सकती हैं. इसके लिए आप रात को विटामिन इ आयल को चेहरे पर लगाकर छोड़ दें और सुबह धो लें. इससे चेहरे पर ग्लो भी आएगा और धीरे धीरे दागधब्बे भी हट जाएंगे.

ये भी पढें- जानें लिपस्टिक के टाइप्स के बारे में

इन बातों का भी ध्यान रखें

– चेहरे पर अगर ग्लो बरकरार रखना चाहती हैं तो न्यूट्रिशन से भरपूर डाइट लेने के साथ साथ खूब पानी पियें. साथ ही जब भी बाहर जाएं तो सनस्क्रीन अप्लाई करना न भूलें. ये स्किन के लिए प्रोटेक्शन का काम करता है. बार बार कोस्मेटिक्स न बदलें. क्योंकि स्किन केमिकल्स के संपर्क में आने से खराब होनी शुरू हो जाती है. इसलिए जितना हो सके स्किन पर नेचुरल चीज़ों का ही इस्तेमाल करें. इससे स्किन की नेचुरल ब्यूटी बरक़रार रहती है.

डूअल कलर की खूबसूरती को बढ़ाता है Hyundai Creta

हुंडई क्रेटा के व्हीलस को बहुत आकर्षित तरीके से डिजाइन किया गया है. जो इसके साइड लुक को खूबसूरत बनाता है. जब इन व्हीलस पर रौशनी पड़ती है तो इनकी खूबसूरती दोगुनी हो जाती है.
क्रेटा में ग्लास को बहुत सही पोर्शन में लगाया गया है. और इसकी डूअल कलर ऑप्शन इसको खूबसूरती को और भी ज्यादा निखारता है. आगे और पीछे बैठे सभी यात्री डीएलओ का आनंद लेते हैं. हुंडई क्रेटा बहुत ही आरामदायक है इसलिए ##RechargeWithCreta.

REVIEW: बेहतरीन मनोवैज्ञानिक रोमांचक लघु फिल्म ‘नॉक नॉक नॉक’

रेटिंग: साढ़े तीन स्टार

निर्माताः सुधांशु सरिया
लेखक व निर्देशकः सुधांशु सरिया
कलाकारः शांतिलाल मुखर्जी और फुदेन सेरपा
अवधि: 38 मिनट
ओटीटी प्लेटफार्म: मूबी

2017 में नेटफ्लिक्स पर आयी ‘एलजीबीटी कम्यूनिटी’पर आधारित फिल्म‘‘लव’’( LOEV ) के सर्जक सुधांशु सरिया अब तीस मिनट की एक मनोवैज्ञानिक रोमांचक लघु फिल्म ‘‘नॉक नॉक नॉक’’ लेकर आए हैं, जो कि ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रसारित हो रही है. इसमें उन लोगों की कहानी है, जो अपने सिद्धांतों व नियमों पर चलते है, जिसके चलते लोग उन्हे दुतकारते हैं, उनका मजाक उड़ाते हैं, उनकी उपेक्षा करते हैं. सुधांशु सरिया की पिछली फिल्म ‘‘लव’’ ¼LOEV ½ में तीन किरदार थे , जबकि ‘‘नॉक नॉक नॉक’’ में दो किरदार हैं.
सुधांशु सरिया की लघु फिल्म नॉक नॉक नॉक एक गंभीर मुद्दे को संबोधित करती है, जिसमें एक रोमांचक और हास्य कहानी के साथ इसकी सभी जटिलताएं शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- शाही अंदाज में हुई नायरा की दूसरी गोदभराई, दुल्हन की तरह दिखी शिवांगी

कहानीः

यह कहानी है एक टैटू कलाकार केता (फुदेन शेरपा) और दार्जिलिंग में केवेंन्टर्स की छत पर हमेशा क्रासवर्ड को हल करने में व्यस्त रहने वाले बुजुर्ग व्यक्ति दादा (शांतिलाल मुखर्जी)की. केता इन बुजुर्ग इंसान को दादा कहना पसंद करता है. एक दिन केता अचानक दादा के सामने एक अजनबी के रूप में प्रकट होता है और दादा के जुनून को सीखने में रुचि दिखाता है. दादा काफी उपेक्षित रहे हैं, इसलिए अब उन्हे इस तरह के घुसपैठिये से चिढ़ है और वह केता का बिल्कुल भी स्वागत नहीं करते हैं. दूसरी ओर केता समझता है कि उसने आखिरकार उस व्यक्ति को पाया है, जिसके समान हित हैं और इसलिए उनके साथ दोस्ती करने के लिए बेताब है.

कहानी धीरे-धीरे यह बताती है कि यह दोनों किरदार अकेले हैं और अपने स्वयं के क्षेत्रों को चिह्नित करके या अपने स्वयं के मिथकों का निर्माण करके अपने लिए सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, केता, दादा की अनच्छिा के बावजूद अपना रास्ता खोज लेता है. बीच में दादा के बुरे सपने भी हैं. पर कहानी अप्रत्याशित क्षणों के साथ खत्म होती है.

लेखन व निर्देशनः

दो घंटे की फिल्म में दर्शकों को आकर्षित करने के तमाम मसाले पिरोए जा सकते हैं, मगर लगभग चालिस मिनट की लघु फिल्म में कहानी को अक्षुण्ण रखते हुए रसीला, आकर्षक बनाना आसान नही होता है. मगर लेखक व निर्देशक सुधांशु सरिया अपनी लघु फिल्म ‘नॉक नॉक नॉक’ में केवल दो पात्रों के साथ दर्शकों को बांधने में पूरी तरह से सफल रहते हैं. इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह फिल्म दर्शकों को रोमांचित करने के साथ साथ बीच बीच में उनके चेहरे पर मुस्कान भी लाती है, इसके लिए लेखक व निर्देशक बधाई के पात्र हैं.

बतौर लेखक व निर्देशक सुधांशु सरिया इस लघु फिल्म में एक विचित्र और अप्रत्याशित चरमोत्कर्ष पैदा करने में सफल रहे है, जिससे एक स्पष्ट संदेश मिलता है. वह इंसानी मनोविज्ञान की जटिलता को इंगित करने में पूरी तरह से सफल रहे हैं. बतौर लेखक व निर्देशक सुधांशु सरिया इस फिल्म में दो विषम चरित्रों को बहुत गहराई और विस्तार के साथ समान स्तर पर गढ़ने में सफल रहे हैं.

एक तरफ केता, कुंवारा होने के बावजूद, युवा दिमाग के साथ जोखिम लेने के लिए खड़ा है. जबकि शायद दादा कभी केता की तरह थे. लेकिन एकांत के वर्षों और अपने क्षेत्र को चिह्नित करने के जुनून ने उनके दिमाग को एक कोठरी में बदल दिया है, जो परिवर्तन से डरते हैं और युवाओं की अनिश्चितताओं से आशंकित हैं.

ये भी पढ़ें- अंकिता लोखंडे के पिता हुए अस्पताल में एडमिट, इमोशनल होकर लिखा ये पोस्ट

अभिनयः

बंगाली सिनेमा और टेलीविजन के अनुभवी अभिनेता शांतिलाल मुखर्जी ने अपने अभिनय से जिस तरह दादा के जटिल रीति-रिवाजों और रुचियों को परदे पर उकेरा है, उसके लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है. शांतिलाल मुखर्जी ने दादा के जिद्दी गुण को पूरी तरह से पकड़ लिया और उसे परदे पर यथार्थ रूप में अपने स्वाभाविक अभिनय से उकेरा है. नेपाली मूल के अभिनेता फुदेन शेरपा अपने अभिनय से ‘ताजी हवा की एक सांस‘ के विचार को भरने में पूरी तरह से सफल रहे हैं. यह काफी सराहनीय है कि दोनों कलाकार एक यात्रा के दो अंतिम बिंदुओं पर दिखाई देते हैं.

कैमरामैन अच्युतानंद द्विवेदी अपने कैमरे से दार्जिलिंग की विलक्षणता और शांति को पूरी तरह से पकड़ने में सफल रहे हैं.

शाही अंदाज में हुई ‘नायरा’ की दूसरी गोद भराई, दुल्हन की तरह सजी शिवांगी जोशी

स्टार प्लस के पौपुलर सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है में नायरा-कार्तिक की जोड़ी फैंस को एंटरटेन करने के लिए कोई कसर नही छोड़ रही है. वहीं अब सीरियल में जल्द ही नायरा की गोदभराई सेलिब्रेशन देखने को मिलने वाला है, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हो रही है. साथ ही फैंस को ये फोटोज पसंद आ रही है कि वह फोटोज का कोलाज बनाकर वायरल कर रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं सीरियल में नायरा के गोदभराई सेलिब्रेशन की झलक..

साथ आएगा पूरा परिवार

पुरानी बातों को भुलाकर जहां कीर्ति और नक्क्ष नायरा की गोदभराई में खुशी-खुशी शामिल होंगे. वहीं नायरा की गोदभराई में धमाल मचाने के लिए गायु और समर्थ एक दम तैयार नजर आएंगे. अपकमिंग एपिसोड में समीर ओंकार और सिमरन खन्ना एक परफॉर्मंस भी देते हुए भी दिखाई देंगे.

ये भी पढ़ें- Ex-वाइफ सुजैन ने लिखा ‘अगर तुम छोड़ दोगे तो मैं रोऊंगी नहीं’, ऋतिक ने दिया ये जवाब

नायरा का लुक है खूबसूरत

‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के सेट से सामने आई फोटोज में शिवांगी जोशी यानी नायरा के चेहरे पर तो खूब ग्लो नजर आ रहा है. वहीं जबसे नायरा ने कार्तिक को प्रेग्नेंसी की बात बताई है, तबसे वो भी एकदम छोटे बच्चे की तरह उसका ख्याल रख रहा है.

कार्तिक और नायरा की खुशियों का नही है ठिकाना

‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के अपकमिंग एपिसोड में कार्तिक और नायरा की खुशियों का कोई भी ठिकाना नजर नहीं आने वाला है. नायरा की गोदभराई की रस्म कई थीम पर बेस्ड होगी. गोदभराई की रस्म में नायरा सफेद रंग के गाउन में भी नजर आएगी. तो वहीं दुल्हन की तरह सजी हुई भी दिखेगी.

बता दें,  इन दिनों शो में कई ड्रामे देखने को मिल रहे हैं. जहां नायरा आदित्य का सच पूरे परिवार के सामने ला चुकी है तो वहीं आदित्या नायरा और  गोयंका परिवार से बदला लेने की पूरी कोशिश में जुटा हुआ है.

ये भी पढ़ें- BIGG BOSS 14 में नई एंट्री, ‘साथ निभाना साथिया’ की ‘पुरानी गोपी बहू’ आएंगी नजर!

अंकिता लोखंडे के पिता हुए अस्पताल में एडमिट, इमोशनल होकर लिखा ये पोस्ट

बौलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से अंकिता लोखंडे की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव झेल रही हैं. जहां एक तरफ वह सुशांत के लिए इंसाफ की लड़ाई में आगे हैं तो वहीं अब खबर है कि अंकिता को एक और बड़ा झटका लग गया है. दरअसल, अंकिता के पिता शशिकांत लोखंडे अस्पताल में भर्ती होने की खबर सामने आ रही है. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

पिता के लिए लिखा ये मैसेज

सीरियल ‘पवित्र रिश्ता’ फेम एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे ने सोशल मीडिया पर अपने पिता का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि ‘जल्दी ठीक हो जाइए पापा….’ सामने आए वीडियो में अंकिता लोखंडे के पिता अस्पताल के बेड पर बैठे हुए है और वो अंकिता की ही ओर ही एकटक देख रहे हैं.

ankita

ये भी पढ़ें- Ex-वाइफ सुजैन ने लिखा ‘अगर तुम छोड़ दोगे तो मैं रोऊंगी नहीं’, ऋतिक ने दिया ये जवाब

सुशांत के निधन से टूटा था दिल

 

View this post on Instagram

 

It’s hard to find real friends and I got u ..❤️ #Repost @lostboyjourney with @make_repost ・・・ Drugs arnt Kool – Yesterday out of nowhere I was attacked by an actor who I am sure must be close to #rheachakraborty or what was his reason to justify having Coke in a party I dunno on twitter , got some not so nice phone calls and I won’t even mentions the unlimited crass tweets and DMs . The actor attacked me on my personal life and even threatened cause I was standing up for #SushantSinghRajput and when I dint budge and asked him to go ahead he took a YouTurn. I think #Lostsouls and Others took care of him. It was #ankitalokhande who called in the morning to check but by afternoon the same was repeated with her but in a more disturbing way cause This time it was done by someone who we didn’t expect this from. Public shaming, attacks on personal life, threats which are just stupid are not kool. So it was important to let people know it’s not okay to attack any one of us and very politely put our thoughts across. We all have the same Base. We are like cousins who might not meet each other daily but We are standing by each other #ankitalokhande @lokhandeankita #VikasGupta

A post shared by Ankita Lokhande (@lokhandeankita) on

बीते 14 सितम्बर को सुशांत सिंह राजपूत के निधन को तीन महीने बीते है और अंकिता लोखंडे ने इस दौरान सोशल मीडिया पर लिखा था कि वक्त तेजी से भाग रहा है. लेकिन हम तुम्हें अपनी यादों से कभी भी निकाल नहीं पाएंगे. अंकिता लोखंडे (Ankita Lokhande) के इस पोस्ट से साफ है कि वो अंदर से कितना टूट गई है.

ट्रोलिंग का शिकार भी हो चुकी हैं अंकिता

बीते दिनों सोशलमीडिया पर अंकिता की एक फोटो ने खलबली मचा दी थी. दरअसल, अंकिता द्वारा शेयर की गई फोटो में वह मुस्कुराती हुई नजर आ रही हैं, जिसे देखकर ट्रोलर्स का कहना है कि सुशांत के लिए आपके दिल में कोई गम नही है. यह ड्रामा किसलिए.

बता दें, सुशांत के निधन के बाद अंकिता बुरी तरह टूट चुकी थीं, जिसके बाद उनकी एक वीडियो वायरल हुई थी. वहीं अंकिता की इस वीडियो के बाद फैंस उनसे हमदर्दी जताई थी.

ये भी पढ़ें- BIGG BOSS 14 में नई एंट्री, ‘साथ निभाना साथिया’ की ‘पुरानी गोपी बहू’ आएंगी नजर!

घर की सफाई में ये 7 क्लीनिंग-हैक्स करेंगे आपकी मदद

समय कम है और काम ज्यादा, कुछ आसान से क्लीनिंग-हैक्स. यानी की सफाई के शॉर्टकट्स, जिनसे आप घर का काम फुर्ती से निबटाकर शाम को बाजार के लिए भी निकल सकती हैं और अपने घर को सजाने के लिए ढ़ेर सारी शॉपिंग भी कर सकती हैं.

1. BROKEN GLASS CATCHER

सफाई करते वक्त कांच का कप या गिलास या अन्य कोई कांच की गिरकर टूट जाए, तो बिखरे हुए कांच के टुकड़ों को हाथों से बटोरने की कोशिश नहीं करें. एक ब्रेड का पीस लें और जहाँ कांच गिरा हो वहां उसे फेर दें. सारे बारीक टुकड़े उसमें चिपक जाएंगे.

2. ONION GRILL CLEANER

आधा प्याज और कांटे की मदद से गरम ग्रिल के ऊपर इसे रखकर साफ करें. ये ग्रिल तो साफ करेगा ही साथ ही अगली बार के लिए ग्रिल ओवन में अपना फ्लेवर भी छोड़ देगा.

ये भी पढ़ें- जानें कंप्यूटर व फोन से जुड़ी ये 20 व्यावहारिक बातें

3. BLENDER CLEANER

अपने ब्लेंडर में गुनगुना पानी और थोड़ा बर्तन साफ करने का लिक्विड डालें. अब ब्लेंडर का ढक्कन लगा कर इसे कुछ सेकंड के लिए ऑन कर दें. साबुन का पानी निकाल दें और साफ पानी से एक बार फिर वही प्रोसेस दोहराएं.

4. CEILING FAN CLEANER

एक पुराना पिलो-कवर लें और उसे पंखे के ब्लेड्स में लपेट कर साफ करें. ऐसे में पंखे पर चिपकी धूल मिटटी जमीन पर नहीं गिरेगी और पंखे के ब्लेड्स दोनों तरफ से चमक जाएंगे. पंखा साफ करने का ये सबसे आसान तरीका है.

5. REVITALIZE LEATHER FURNITURE

पुराने हो चुके लेदर के फर्नीचर को त्यौहार के मौसम में चमकाने का काम आपकी शू-पॉलिश करेगी. इस पर लगे हुए दाग और धब्बे सब फेड हो जाएंगे. अगर फर्नीचर ब्राउन है तो ब्राउन पॉलिश यूज करें और ब्लैक है तो ब्लैक यूज करें. मैरून लेदर पर भी ब्राऊन पॉलिश इस्तेमाल की जा सकती है.

6. DISHWASHER DEEP CLEANER

अपने डिशवॉशर के टॉप शेल्फ पर एक कप विनेगर रख दें और इसे सबसे हाय मोड पर चला दें. इसके बाद नीचे वाले शेल्फ में थोड़ा बेकिंग सोडा छिड़क दें और एक बार फिर चला दें. अब ये बिलकुल साफ हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- फ्रोजेन फूड के इस्तेमाल से पहले जानें कुछ बातें 

7. CLEAN YOUR MATTRESS

एक स्प्रे-बोतल में थोड़ा वोदका भर लें. अब अपनी मैट्रेस पर इसे स्प्रे करें और एयर-ड्राई होने के लिए रख दें. अल्कोहल से इस मैट्रेस के कीटाणु और बदबू भी दूर हो जाएगी. ये भी एक तरह की ड्राई क्लीनिंग ही है जो घर बैठे की जा सकती है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें