जलानी टू गुड मसाला: लॉकडाउन में कम न हो रिश्तों का स्वाद

मनीष और निशिता की शादी को दो साल हो गए हैं. दोनों वर्किंग हैं और अपने अपने काम में बिजी, दिल्ली जैसे शहर की भागती दौड़ती जिंदगी में दोनों को एक दूसरे के लिए कम ही टाइम मिल पाता है. लेकिन लॉकडाउन इनकी जिंदगी में एक नया मोड़ ले आया है.

निशिता काम के साथ-साथ दिन भर किचन में बिजी रहती हैं, जिस वजह से न तो वो मनीष को टाइम दे पाती हैं और न ही अपने काम पर फोकस कर पाती है, जिसका नतीजा ये हुआ कि वो दिन पर दिन चिड़चिड़ी हो गई और आखिरकार उसका सारा गुस्सा मनीष पर फूट पड़ा. नतीजा न दिन भर चूल्हा जला न दोनों ने खाना खाया.

निशिता चटपटे खाने की बेहद शौकीन है और भूखी तो बिल्कुल नहीं रह सकती है. ऐसे में मनीष ने निशिता को मनाने के लिए एक बेहतरीन आइडिया लगाया और जलानी टू गुड मसाला शाही पनीर मसाले का नया पैक खोला जो वो लॉकडाउन से पहले लेकर आया था.

क्योंकि निशिता रूम में ही थी इसलिए मनीष ने चुपचाप जलानी टू गुड मसाले के साथ शाही पनीर बनाया और निशिता को सरप्राइज देने के लिए रूम में गया. निशिता, मनीष का ये रूप देखकर हैरान थी और खुश भी. दोनों की नाराजगी दूर हो चुकी थी और अब दोनों मिलकर खाने का स्वाद ले रहे थे.

मनीष की जिंदगी में तो जलानी टू गुड मसाले ने स्वाद घोल दिया तो आप किस बात का इंतजार कर रहे हैं. आप भी ट्राय कीजिए शाही पनीर की ये डिश, जिसका स्वाद दुगुना करेगा जलानी टू गुड मसाला.

‘कसौटी जिंदगी के’ फेम एक्ट्रेस प्रणीता पंडित ने किया 7 महीने की प्रैग्नेंसी का ऐलान, देखें फोटोज

‘कसौटी जिंदगी के’,  ‘कवच’ और ‘कसम तेरे प्यार की’ फेम टीवी अदाकारा प्रणिता पंडित ने अपने पति शिवी पंडित के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर अपनी फोटोज के साथ ऐलान किया है कि दोनों बहुत जल्द माता पिता बनने वाले हैं. खूबसूरत फोटोज के साथ की शिवी ने लिखा है-‘‘जब आप उम्मीद कर रहे हैं, तब क्या उम्मीद करें‘‘.

प्रैग्नेंसी के पलों को कुछ ऐसे एन्जौय कर रही हैं प्रणिता

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अदाकारा प्रणीता पंडित अपनी प्रैग्नेंसी के सातवें महीने में है और वह अगस्त महीने में मां बनने वाली हैं.खुद प्रणीता कहती हैं-‘‘हर कोई एक परिवार का सपना देखता है, लेकिन यह वास्तव में मेरा सपना नहीं था और मुझे इसके बारे में बिल्कुल भी यकीन नहीं था. हम एक साल से अधिक समय से इस बारे में चर्चा और चर्चा कर रहे थे, लेकिन तब मुझे यकीन नहीं हुआ था. अब जब यह हुआ है, तो खुश हूं. मुझे लगता है कि ईश्वर ने मुझे एक अलग दुनिया जीने व आनंद की अनुभूति करने का अवसर प्रदान किया है.यह सबसे अच्छी बात है जो कभी भी हो सकती है.मुझे खुशी है कि मैंने विश्वास की छलांग ली और आगे बढ़ गयी.’’

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खाना देखकर खुद को रोक नही पाती एक्ट्रेस


आगे प्रणिता कहती हैं कि प्रैग्नेंसी के बाद ‘लॉक डाउन’ मेरे लिए आशीर्वाद बनकर आया है. अगर सामान्य स्थिति होती, तो मैं बाहर जाकर बहुत कुछ खा रही होती. क्योंकि मैं खाने की शौकीन हूं. मैं खाना देखकर खुद को नियंत्रित नही कर पाती. मैं एक बच्चे की जैसे मचल जाती और यह भी भूल जाती कि क्या नुकसान करेगा. जबकि प्रैग्नेंसी के बाद मुझे अपने खान पान पर खास ध्यान देना चाहिए. ऐसे में लाॅक डाउन ने मेरी मदद कर दी और मैं घर पर हेल्दी खाना खुद ही बनाकर खा रही हूं. सच कह रही हूं,अब मुझे जो कुछ भी खाने का मन करता है, मैं उसे घर पर पकाने की कोशिश करती हूं और यही मुझे व्यस्त रखता है.लॉकडाउन की बदौलत मैं स्वस्थ भोजन कर रही हूं और अपने स्वास्थ्य का बहुत ज्यादा ध्यान रखती हूं.’’

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ब्यूटी केयर के नए तरीके

महिलाएं अपनी खूबसूरती को ले कर बहुत सजग रहती हैं. कोई भी फंक्शन हो या त्योहार परफैक्ट दिखना इन को बखूबी आता है. लेकिन कोरोना की वजह से महिलाएं इस समय पार्लर और सैलून नहीं जा पा रहीं. ऐसे में कम खर्च में आप घर बैठे ही एक ब्यूटी प्रोडक्ट का कई तरह से इस्तेमाल कर सकती हैं.
आइए, जानते हैं ब्यूटीशियन शिल्पी मिश्रा से कैसे हम एक ही कौस्मैटिक का कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं.

लिपस्टिक

कलरफुल विंग लाइनर: लिपस्टिक का इस्तेमाल आप मल्टीकलर विंग लाइनर के लिए कर सकती हैं. मल्टीकलर विंग लाइनर के लिए आप लिक्विड मैट लिपस्टिक का इस्तेमाल करें. इसे विंग लाइनर का शेप दे कर आंखों के ऊपर लगा सकती हैं. लिपस्टिक से इस्तेमाल किया गया विंग लाइनर बोल्ड लुक देता है.
ब्लशर:लिपस्टिक का इस्तेमाल ब्लाशर के लिए भी किया जा सकता है. अगर आप को अपने गालों को नैचुरल लुक देना हो तो कोई भी लाईट शेड लिपस्टिक का इस्तेमाल करें. और अगर आप पार्टी लुक पाना चाहती हैं तो डार्क शिमरी लिपस्टिक का इस्तेमाल करें.

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फाउंडेशन

फाउंडेशन से बनाएं कंसीलर: फाउंडेशन का इस्तेमाल हम मेकअप में बेस देने के लिए करते हैं ताकि चेहरा गोरा और एक समान दिखे. लेकिन हम फाउंडेशन का इस्तेमाल कई तरीके से कर सकते हैं. चेहरे पर दाग, धब्बे और पिंपल्स को छुपाने के लिए हम कंसीलर का इस्तेमाल करते हैं लेकिन क्या आप को पता है हम फाउंडेशन से कंसीलर भी बना सकते हैं? फाउंडेशन से कंसीलर बनाना बहुत आसान है.

कंसीलर बनाने के लिए फाउंडेशन और ग्रीन आईशैडो को मिला लें. इसे आप डार्क सर्कल, पिंपल्स को छिपाने के लिए इस्तेमाल करें. ग्रीन कलर का कंसीलर दागधब्बों को छिपाने में मदद करता है.

मैट लिपस्टिक के लिए: मैट लिपस्टिक सभी महिलाओं की पसंदीदा होती है, क्योंकि यह जल्दी फैलता नहीं हैं और बहुत देर तक होंठों पर टिकी भी है. वैसे तो मैट लिपस्टिक सभी महिलाओं के पास होती है लेकिन यदि आप के पास आप के मनपसंद शेड की मैट लिपस्टिक नहीं है तो आप फाउंडेशन की मदद से मैट लिपस्टिक बना सकतीं हैं.
मैट लिपस्टिक के लिए होंठों पर हल्का फाउंडेशन लगाएं और अब इस पर अपनी मनपसंद लिपस्टिक लगा लें.

बीबी क्रीम: गरमियों में हलके व कम मेकअप की सलाह दी जाती है. ऐसे में आप घर पर अपनी बीबी क्रीम बना सकते हैं. बीबी क्रीम बनाने के लिए फाउंडेशन के साथ मौइस्चराइजर मिक्स करें. अब इन दोनों को अच्छे से मिलाएं. आप की बीबी क्रीम तैयार है. इसे आप रोजाना भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

आईशैडो

वैसे तो आईशैडो का इस्तेमाल महिलाएं आंखों को खूबसूरत दिखाने के लिए करती हैं. लेकिन इस का इस्तेमाल ऐसे भी किया जा सकता है.

हाईलाइटर: आईशैडो पैलेट में बहुत सारे शेड ऐसे होते है जिन्हें आप हाईलाइटर की तरह इस्तेमाल कर सकती हैं. यह आप को एक अच्छा लुक देने के साथसाथ फ्रैश भी दिखाएगा. हाईलाइटर शेड को चुनने के लिए आप गोल्डन, शिमरी ब्राउन, व्हाइट, पिंक जैसे शेड को चुन सकती हैं. अब इसे आप अपने गालों पर लगाएं और मेकअप ब्रश से फैला दें. आप ऐसा आईशैडो भी ले सकती हैं, जो आप की स्किन टोन से मैच करता हो या फिर एक या दो शेड का कौंबिनेशन भी बना सकते हैं.

ब्रो पाउडर: अगर आप के पास आईशैडो पैलेट है तो आप को मेकअप के लिए ब्रो पाउडर खरीदने की भी जरूरत नहीं है. आइब्रो को परफैक्ट बनाने के लिए आप आईशैडो पैलेट से भूरा, काला, ब्राउन रंग का उपयोग कर सकती हैं.

लिपस्टिक: आप आइशैडो पैलेट का इस्तेमाल एक लिपस्टिक के तौर पर भी कर सकती हैं. इस के लिए आप अपने पसंदीदा शेड को चुनें. आप अपने आईशैडो से एक मैट लिपस्टिक शेड पा सकती हैं. इस के लिए सब से पहले किसी छोटे कंटेनर में थोड़ा सा लिप बाम लें. अब आप इस में अपनी पसंद के कुछ आईशैडो शेड्स को मिलाएं. इस मिश्रण को आप लिपस्टिक के तौर पर अपने होंठों पर एप्लाई कर सकती हैं. यह लंबे समय तक होंठों पर टिका रहेगा.

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फेस औयल

चेहरे पर चमक बरकरार रखने के लिए महिलाएं कई ब्यूटी उत्पादों का इस्तेमाल करती हैं. फेस औयल का भी इस्तेमाल महिलाएं स्किन को हैल्दी रखने के लिए करती हैं. फेस औयल को आप मेकअप के साथ भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

ग्लो के लिए: फाउंडेशन में एक ड्रौप फेस औयल मिलाएं और चेहरे पर अच्छे से ब्लैंड करें. इस से चेहरे पर ग्लो बढ़ जाएगा. अगर आप की स्किन ड्राई है तो यह आप के लिए बैस्ट है.

नाइट क्रीम की तरह इस्तेमाल: फेस औयल को आप नाइट क्रीम की तरह भी इस्तेमाल कर सकती हैं. इसे आप रात को चेहरा क्लीन करने के बाद लगाएं सुबह आप का चेहरा फ्रैश नजर आएगा.

सनस्क्रीन के साथ: फेस औयल को आप सनक्रीन के साथ मिला कर भी लगा सकती हैं. यह त्वचा को डैमेज होने से भी बचाता है.

 

सही समय पर निदान के साथ संभव है ब्रेन ट्यूमर का सफल इलाज

न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में प्रगति के साथ आज ब्रेन ट्यूमर के इलाज में विभिन्न प्रकार की मिनिमली इनवेसिव प्रक्रियाएं शामिल हो चुकी हैं. एंडोस्कोपिक सर्जरी भी इसी प्रकार की सर्जरी है जो मुश्किल से मुश्किल ब्रेन ट्यूमर के इलाज में कारगर साबित हुई है.

इस प्रक्रिया में एक पतली ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है जिसके छोर पर एक कैमरा लगा होता है. यह कैमरा ट्यूमर को ढूंढ़कर इलाज करने में मदद करता है. अच्छी बात यह है कि इस प्रक्रिया में मस्तिष्क के स्वस्थ भाग को नुकसान पहुंचाए ही ट्यूमर को बाहर कर दिया जाता है. कई मुश्किल मामलों में बेहतर परिणामों के लिए इसे रोबोटिक साइबरनाइफ रेडिएशन थेरेपी के साथ इस्तेमाल किया जाता है. इस प्रकार ट्यूमर के अतिरिक्त छोटे टुकड़ों को भी बाहर किया जा सकता है.

आर्टमिस हॉस्पिटल के अग्रिम इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइंसेस में न्यूरोसर्जरी विभाग के निदेशक, डॉक्टर आदित्य गुप्ता ने बताया कि, “जब ट्यूमर बढ़ने लगता है तो वह मस्तिष्क और वहां मौजूद उत्तकों पर दबाव बनाता है. यदि समय पर इसकी जांच की जाए तो इसके खतरे को कम किया जा सकता है. मस्तिष्क में मौजूद कोशिकाएं जब खराब होने लगती हैं तो बाद में जाकर ब्रेन ट्यूमर का रूप ले लेती हैं. ये ट्यूमर कैंसर वाला या बिना कैंसर वाला हो सकता है. जब कैंसर विकसित होता है तो यह मस्तिष्क में गहरा दबाव डालता है, जिससे ब्रेन डैमेज होने के साथ मरीज की जान तक जा सकती है. लगभग 45% ब्रेन ट्यूमर बिना कैंसर वाले होते हैं, इसलिए समय पर इलाज के साथ मरीज की जान बचाई जा सकती है.”

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ब्रेन ट्यूमर, भारत में हो रहीं मौतों का दसवां सबसे बड़ा कारण है. इस घातक बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जहां विभिन्न प्रकार के ट्यूमर अलग-अलग उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ कैंसर रेजिस्ट्रीज (आईएआरसी) द्वारा निकाली गई ग्लोबोकैन 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में, हर साल ब्रेन ट्यूमर के लगभग 28,000 नए मामले दर्ज किए जाते हैं. इस घातक कैंसर के कारण अबतक लगभग 24000 मरीजों की मौत हो चुकी है.

डॉक्टर आदित्य गुप्ता ने और अधिक जानकारी देते हुए बताया कि, “ब्रेन ट्यूमर को प्राइमरी और सेकंडरी तौर पर विभाजित किया जाता है. प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर वह है, जो मस्तिष्क में ही विकसित होते हैं जिनमें से कई कैंसर का रूप नहीं लेते हैं. सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर को मेटास्टेटिक ब्रेन ट्यूमर के नाम से भी जाना जाता है. यह ट्यूमर तब होता है जब कैंसर वाली कोशिकाएं स्तन या फेफड़ों आदि जैसे अन्य अंगों से फैलकर मस्तिष्क तक पहुंच जाती हैं. अधिकतर ब्रेन कैंसर इन्हीं के कारण होता है. ग्लाइओमा (जो ग्लायल नाम की कोशिकाओं से विकसित होते हैं) और मेनिंग्योमा (जो मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड की परत से विकसित होते हैं) व्यस्कों में होने वाले सबसे आम प्रकार के ब्रेन ट्यूमर हैं.”

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण और संकेत ट्यूमर के आकार और जगह पर निर्भर करते हैं. कुछ लक्षण सीधा ब्रेन टिशू को प्रभावित करते हैं जबकी कुछ लक्षण मस्तिष्क में दबाव डालते हैं. ब्रेन ट्यूमर का निदान फिजिकल टेस्ट के साथ शुरू किया जाता है, जहां पहले मरीज से बीमारी के पारिवारिक इतिहास के बारे में पूछा जाता है. फिजिकल टेस्ट के बाद कुछ अन्य जांचों की सलाह दी जाती है जैसे कि एमआरआई, सीटी स्कैन.

साइबरनाइफ एम6 एक नॉन-इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसमें सर्जरी के बाद मरीज बहुत जल्दी रिकवर करता है. एम6 इलाज के दौरान 3डी इमेजिंग तकनीक ट्यूमर की सही जगह देखने में मदद करता है, जिससे इलाज आसानी से सफल हो पाता है. इस प्रक्रिया में किसी प्रकार के चीरे की आवश्यकता नहीं पड़ती है, जिससे मरीज पर कोई घाव नहीं होने के कारण वह सर्जरी के बाद जल्दी रिकवर करता है. जबकी सर्जरी की पुरानी तकनीक में मरीज को कई समस्याएं होती हैं. जबकी यह प्रक्रिया 1 से 5 सिटिंग्स में पूरी हो जाती है और हर सिटिंग में आधे घंटे का समय लगता है. इस प्रकार न तो मरीज को कोई असुविधा महसूस होती और ट्यूमर भी दूसरे अगों तक नहीं फैलता है.

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साइबरनाइफ रेडिएशन थेरेपी का विशेष फायदा यह है कि यह मस्तिष्क के काम को प्रभावित किए बिना ही ट्यूमर का इलाज कर देता है. लेकिन जिन मरीजों का कैंसर पूरे शरीर में फैल जाता है, उनका इलाज होल ब्रेन रिजर्व थेरेपी (डबल्यूबीआरटी) से किया जाता है. साइबरनाइफ तकनीक ऐसे मरीजों का इलाज करने में सक्षम नहीं है. मेलानोमा जैसे फैलने वाले कैंसरों का इलाज केवल साइबरनाइफ तकनीक से ही किया जा सकता है.

मौजूदा चीजों से बढ़ाए घर की खूबसूरती

लॉकडाउन के चलते इस समय हर कोई अपने घर में ही रहकर समय बिता रहा है. ऐसे में आपको बोरियत होना स्वाभाविक है. इस खाली समय को सोशल मीडिया पर बिताने के बजाए आप अपनी एनर्जी का इस्तेमाल अपने घर को सजाने में कर सकते हैं.

आप बड़े आसान से तरीकों से अपने घर को नया लुक दे सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे इस लोकडाउन में पैसा खर्च किए बिना अपने घर को नया लुक दें और मौजूदा चीजों से ही घर की खूबसूरती में चारचांद लगाएं.

कैसे बढ़ाए घर की रौनक

1. सबसे पहले जगह खाली करें

इंटीरियर डिज़ाइनर उमेश शर्मा का कहना है कि ये घर को नया लुक देने की दिशा में सबसे अहम कदम है. अपने घर के हर कमरे में जाएं ,बेकार पड़े पेपर,कार्डबोर्ड , बोक्स निकालें. ऐसी चीजें निकालें जो न तो घर को सजाने के काम आएंगी और न ही आप इसका इस्तेमाल नियमित रूप से करते हैं. फर्श सामान इकट्ठा करने की जगह नहीं है, लेकिन अकसर हम घर के कोनों में बेकार सामान जमा कर ही देते हैं. इन्हें हटाकर कमरे में फिजिकल स्पेस को बढ़ाया जा सकता है. ऐसा करते ही आपका घर साफ़ नज़र आने लगेगा.

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2. बैडरूम को आधुनिक लुक दें

आपका बैडरूम ही ऐसी जगह होता है , जिसे आप कलर, पैटर्न और लक्ज़री का बेहतर संयोजन बना सकते हैं. अगर हम बैडिंग आईडिया की बात करें तो बैड के टोप से बॉटम तक की हर लेयर का ध्यान रखें. आप बैडशीट के लिए हलके रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं या बोल्ड, मोनोक्रोमेटिक या आधुनिक पैटर्न से युक्त पिल्लो,डुवेट कवर और थ्रो ब्लैंकेट के साथ बैडरूम को सजा सकते हैं. सही रंग का इस्तेमाल करने से कमरे का आकार बड़ा दिखता है. कॉफ़ी टेबल के नीचे अलग अलग साइज के रंग इस्तेमाल कर आप बैडरूम को बड़ा लुक दे सकते हैं. आप कमरे में इंडोर प्लांट्स भी लगा सकते हैं. आप दीवार पर छोटे छोटे मिरर लगाकर कमरे को बड़ा लुक दे सकते हैं और इन्हें घर में रखे कई रंगों के फ्रेम में सजाकर घर को शाही अंदाज में सजा सकते हैं.

3. कस्टमाइज फोटो फ्रेम लें

हर घर में कस्टमाइज फोटो फ्रेम होता ही है तो ऐसे में आप अपने क्रिएटिव आईडिया के साथ अपनी खुद की आर्ट गैलरी बनाए. छोटे छोटे, कई डेज़िने और रंगों के फ्रेम जो आपको कभी गिफ्ट में मिले हो या फिर आपने उन्हें खरीद कर रखा हुआ हो तो इनमें न केवल आप अपने जीवन के यादगार पलों को संजो सकते हैं बल्कि इनसे अपने घर की खूबसूरती में भी चार चाँद लगा सकते हैं. आप चाहे तो जब मन करे तब कम बजट में खूबसूरत तस्वीरों से फॅमिली ट्री भी बनवा सकते हैं.

4. अपनी कलाकृति से घर को सजाएं

अगर आपमें कला छिपी है तो इसे बाहर निकालें और घर के इंटीरियर को बदल डालिए. इस तरह से आप अपने घर को नया लुक दे सकते हैं. आप किसी पेपर पर पेंटिंग बनाकर अलग अलग तरीके से सजा सकते हैं. आप चाहे तो वाल पेपर लें.इसे खुद से फ्रेम करें और फिर सजाएं घर को. इससे न सिर्फ पैसे की बचत होगी बल्कि घर भी अच्छा दिखेगा. आप पुराने सिक्कों से लेकर किताबों तक, हर चीज़ के साथ क्रिएटिव आईडिया अपना कर घर को अनूठे तरीके से सजा सकते हैं.

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5. छाते के लिए स्टैंड बनाएं

चाहे गर्मी हो या बारिश छाते हमेशा ही इस्तेमाल होते हैं. ऐसे में आप छाते को टांगने के लिए खुद से स्टैंड बना सकते हैं. इस स्टैंड को आप कई रंगों से सजा सकते हैं. आप चाहें तो बड़े वास से छाते के लिए स्टैंड बना सकते हैं. यानि घर में पड़ी चीजों के इस्तेमाल से आप घर को खूबसूरत बना सकते हैं.

मुंबई तो है मुंबई

बंबई, बौम्बे और अब मुंबई. रात को भी जागने वाला शहर. गगनचुंबी इमारतों की जगमग करतीं लाइटें इसे कुछ ज्यादा ही सुंदर बनाती हैं. तभी तो कहा जाता है, ‘मुंबई रात की बांहों में.’ दुनियाभर में विख्यात यह शहर एक बार फिर चर्चा में है, हालांकि, दुनिया के अन्य बड़े नगरों की तरह यह भी नोवल कोरोना वायरस की मार झेल रहा है.

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई इन दिनों कोरोना के अलावा एक और चीज को ले कर चर्चा में है और वह है यहां रहने के लिए होने वाला खर्च. दरअसल, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई रहने के लिहाज से देश का सब से महंगा शहर है. वहीं, समूचे एशिया में यह 19वां सब से महंगा शहर है, जबकि दुनिया के सब से महंगे शहरों में इस का 60वां स्थान है.

मर्सर के ‘वर्ष 2020 – कौस्ट औफ लिविंग (रहनसहन की लागत) सर्वे’ की रिपोर्ट सामने आ गई है. इस सर्वे में भारत के मुंबई शहर को प्रवासियों के लिए रहनेखाने के लिहाज से देश का सब से महंगा शहर बताया गया है. अमेरिकी शहर न्यूयौर्क को आधार बना कर किए गए इस सर्वे का मकसद काम के लिए अलगअलग शहरों में रहने वाले लोगों, नौकरीपेशा लोगों द्वारा किए जाने वाले खर्च का आकलन करना था. इस से मल्टीनेशनल कंपनियों और सरकारों को अपनी योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी.

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भारतीय शहरों में बढ़ती लिविंग कौस्ट :

भारत के दूसरे शहरों की बात करें तो दिल्ली (विश्व स्तर पर 101वां) और चेन्नई (विश्व स्तर पर 143वें स्थान पर) हैं. वहीँ, बेंगलुरु (171) और कोलकाता (185) रैंकिंग में अपेक्षाकृत कम खर्चीले भारतीय शहर हैं.

रिपोर्ट को गौर से देखें तो सर्वे में शामिल सभी भारतीय शहरों ने अपनी रैंकिंग में छलांग लगाई है. इस का मतलब यह है कि सर्वे में शामिल भारतीय शहरों में कौस्ट औफ़ लिविंग यानी रहनसहन का खर्च बढ़ा है. नई दिल्ली शहर सर्वाधिक वृद्धि के साथ 17वें स्थान पर पहुंच गया है और प्रवासियों के लिए सब से महंगे शहरों की शीर्ष 100 सूची से बहुत कम के अंतर से ही रह गया है.

कौस्ट औफ लिविंग सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, हौंगकौंग विश्व का सब से महंगा शहर है.  ग्लोबल रैंकिंग में हौंगकौंग सब से टौप पर है. उस के बाद अश्गाबात (तुर्कमेनिस्तान) दूसरे स्थान पर है.

जापान के टोक्यो और स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख तीसरे व चौथे स्थान पर हैं, जबकि सिंगापुर पिछले साल से 2 स्थान नीचे 5वें स्थान पर है. वैश्विक रैंकिंग में शीर्ष दस में शामिल होने वाले अन्य शहरों में छठे स्थान पर अमेरिका का न्यूयौर्क, 7वें पर चीन का शंघाई, 8वें पर स्विट्जरलैंड का बर्न और जिनेवा 9वें स्थान पर हैं, जबकि 10वें स्थान पर बीजिंग है.

बात मुंबई की :

समंदर के किनारे बसा मुंबई सपने जैसा है. मुंबई शहर यानी की ख्वाबों की ताबीर का शहर, एक ऐसा शहर जहां हज़ारों लोग आंखों में ढेर सारे सपने लिए रोज़ आते हैं. इस शहर के बारे में एक सब से खास बात जो कही जाती है या समझी जाती है वह यह कि शहर न कभी रुकता है, न थकता है.

‘गेटवे औफ इंडिया’ इस शहर की शोभा को बढ़ा रहा है. यहां रातभर रोशनी से नहाई चकाचौंध सड़कें इस बात का एहसास कराती हैं कि यह शहर आम नहीं, बल्कि ख़ास है. दिल को सुकून देने वाली जुहू चौपाटी भी इस शहर में आने वालों के चेहरे पर मुसकान ले आती है.

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दिन में घूमने के लिए काफी खूबसूरत व प्यारी जगहें हैं, तो यहां की नाइटलाइफ भी उतनी ही खास है. इस के अलावा जो लोग बौलीवुड के दीवाने हैं, एक्टिंग जिन के मन में बसती है उन के लिए भी मुंबई बहुत खास है क्योंकि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री यहीं है. फिल्मस्टार्स इसी शहर में रहते हैं.

इस तरह यह कहना सही होगा कि विश्व में चर्चित इंडिया का स्वप्निल शहर मुंबई सब का तहेदिल से स्वागत करता है. इस खूबसूरत शहर में सब के लिए कुछ न कुछ है और यह सब को कुछ न कुछ देता है, कोई जा कर दीदार तो करे. तो फिर दिल से कहिए न ‘लव यू मुंबई.’

Hyundai #AllRoundAura: तकनीक में है शानदार

हुंडई Aura हर तरह के नए टेक्नोलोजी फीचर्स के साथ आती है. जैसे की इसके सेंटर कंसोल में लगा वायरलेस चार्जर

बस अपने Qi इनेब्ल्ड फोन को यहां रखें और इसके बारे में भूल जाएं. जब आप अपनी डेस्टिनेशन तक पहुंचेंगे, तब तक आपको आपका फोन पूरी तरह चार्ज मिलेगा. हुई ना कमाल की सुविधाजनक तकनीक.

अगर इसके दूसरे फीचर्स की बात करें तो हुंडई Aura में आपको मिलता है स्टीयरिंग माउंटेड ऑडियो कंट्रोल, क्रूज़ कंट्रोल, और ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल. हुंडई Aura में आपकी सुविधा के लिए बहुत कुछ है. #AllRoundAura

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‘अलादीन’ एक्ट्रेस नाओमी स्कॉट ने किया दीपिका पादुकोण को लेकर एक बड़ा खुलासा, पढ़ें खबर

डिज़नी फिल्मों ने पिछले साल अपने दर्शकों को बहुत सारी रोमांचकारी फ़िल्में दी,जिन्होंने नयी पीड़ी के लिए पात्रों को एक नए अंदाज़ में पेश किया.द लायन किंग से लेकर फ्रोजन 2 तक, यह डिज्नी के प्रशंसकों के लिए एक एक्शन से भरपूर वर्ष था. दुनिया भर में बड़े पर्दे पर हिट होने वाली ऐसी ही एक फिल्म थी ‘अलादीन’ जिसमें विल स्मिथ, नाओमी स्कॉट और मेना मसूद थे. गाइ रिची के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के किसी बड़े रिकॉर्ड को नहीं तोड़ा, लेकिन दुनियाभर में बॉक्स ऑफिस पर काफी हिट रही.

अभिनेत्री नाओमी स्कॉट, जिन्हें लिव-एक्शन अलादीन फिल्म में राजकुमारी जैस्मीन के रूप में उनके प्रदर्शन के लिए काफी सराहा गया था, ने हाल ही में एक बहुत ही दिलचस्प खुलासा किया है की किस तरह उनके एक क्रू मेम्बर ने उन्हें फिल्म ‘राम लीला’ के गीत ‘नंगाडा संग ढोल बाजे’ देखकर उन्हें दीपिका पादुकोण समझ लिया था और नाओमी ने इस बात को पसंद किया और अपने क्रू मेम्बर को ठीक भी नहीं किया.क्यूंकि वो दीपिका को बहुत पसंद करती है.

 

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✨✨✨Charlies Angels ✨✨✨

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दरअसल बात तबकी है जब अलादीन की रिलीज़ के समय बीबीसी के साथ एक साक्षात्कार में, जब साक्षात्कारकर्ता हारून रशीद ने उनसे पूछा कि क्या राजकुमारी जैस्मिन दीपिका पादुकोण से प्रेरित हैं, तो नाओमी स्कॉट ने कहा, “मुझे आपको यह मजेदार कहानी बतानी है. क्या आप ‘नंगाडा संग ढोल’ जानते हैं? मैं इसे सेट पर प्ले कर रही थी ,क्यूंकि ये song मुझे बहुत पसंद था. मेरे पास एक अमेरिकी कलाकार और क्रू मेम्बर था.तभी अचानक किसी ने कहा , ‘ओह, यह बहुत सुंदर है, नाय, क्या यह तुम हो?और जैसा की मैंने कहा हां मै हूं ,मै हूं.”

नाओमी स्कॉट ने कहा, “मैंने खुद से सोचा, की आपकी तुलना किसी भी बदतर लोगों से की जा सकती है.लेकिन मैं खुस थी की मेरी तुलन जिससे हुई वो दीपिका थी, मुझे लगता है कि वह बहुत सुंदर है.”

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Medela Flex Breast Pump: बिना दर्द के अब ब्रेस्ट फीडिंग होगी आसान

मेरी बेटी की उम्र 25 साल है. हाल ही में वह पहली बार मां बनी है, जिससे वह बेहद खुश है, लेकिन समस्या है कि उसे बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग करवाने में बेहद तकलीफ होती है, जिसके कारण वह बेहद दर्द सहती है और बच्चे को दूध पिलाने से डरती है. वह बच्चे को डिब्बा बंद दूध पिलाना चाहती है. इसी कशमकश और दर्द को सहते हुए एक बार उसने मुझे अपनी ब्रेस्ट फीडिंग की परेशानी के बारे में बताया, जिसके बाद मैने उसे ब्रेस्ट पंप के बारे में बताया. मैने एक मैग्जीन में Medela Flex Breast Pump के इस्तेमाल के बारे में पढ़ा था, लेकिन किसी प्रौडक्ट पर पूरी तरह विश्वास नहीं कर पा रही क्योंकि इसका असर बच्चे की सेहत पर पड़ सकता है. दूसरी तरफ बेटी को ब्रेस्ट पंप के बारे में बताने के बाद हमने अपने डौक्टर से इसके बारे में सलाह ली कि ये प्रौडक्ट बच्चे के लिए नुकसानदायक तो नही है. इसी से जुड़े कईं सवाल मैने और मेरी बेटी ने डौक्टर से पूछे. साथ ही कौनसा प्रौडक्ट ब्रेस्ट पंप फीडिंग के लिए अच्छा है इसको लेकर भी हमने डौक्टर से सलाह ली.

सवाल- क्या ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल मां के लिए सेफ है?

डौक्टर- जी हां, ब्रेस्ट पंप बड़े पैमाने पर परीक्षण किया जाता है और बिना बीपीए, प्राकृतिक रबर लेटेक्स और फोथलेट्स के बनाया जाता है.

सवाल- कहीं ब्रेस्ट पंप का इस्तमाल करने से ब्रेस्ट औऱ उसकी शेप को नुकसान तो नहीं होगा?

डौक्टर- नहीं, एक ब्रेस्ट पंप स्तनों के आकार को नुकसान या बदलता नहीं है क्योंकि यह एक बच्चे की मां का दूध पीने की नेचुरल क्रिया की पूरी तरह से नकल करता है, इसलिए यह सुरक्षित है.

सवाल- क्या मेडेला ब्रेस्ट पंप हाइजीनिक है?

डौक्टर- मेडेला ब्रेस्ट पंप स्विट्जरलैंड में बना है, चीन में नहीं. यह गुणवत्ता और सामग्री के उच्चतम मानकों के साथ निर्मित और सुरक्षित है.

सवाल- Breast Pump कितने समय तक चल सकता है?

डौक्टर- Breast pump का लंबे समय तक चलना उसके इस्तेमाल और सफाई के तरीकों पर निर्भर करता है. अगर हम इसे अच्छे तरीके से हाइजीन फ्री तरीके से साफ करेंगे तो यह सालों तक चलेगा.

फिर डौक्टर से सलाह करने के बाद मैने और मेरी बेटी ने मार्केट ब्रेस्ट पंप के बारे में जानकारी ली तो हमें Medela Flex Breast Pump के बारे में पता चला. वहीं एक मैग्जीन में इसके बारे में बताया गया था कि यह ब्रेस्ट पंप और कनेक्टर स्विट्जरलैंड में बनाए जाते हैं, जो कि पूरी तरह से सुरक्षित और हाईजीनिक होते हैं. साथ ही यह खाद्य ग्रेड पॉलीप्रोपाइलीन (पीपी) और थर्माप्लास्टिक इलास्टोमर्स (टीपीई) से बने होते हैं. इसके इस्तेमाल से आप अपना समय बचा सकती हैं और बच्चे की केयर कर सकती हैं. वहीं अगर यह खराब या टूट जाए तो इसके पार्ट्स को आसानी से बदला जा सकता है, जिसकी वारंटी  Medela Flex Breast Pump के साथ दी जाती है.

इन सवालों को जानने के बाद मुझे Medela Flex Breast Pump की पूरी जानकारी मिली और पता चला कि यह बहुत ही किफायती और बच्चे के लिए अच्छा प्रौडक्ट है.

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जानें क्या है फर्जी अनामिका शुक्ला की असली कहानी

आपने पिछले कुछ दिनों में अनामिका शुक्ला नाम की कई फर्जी शिक्षिकाओं का मामला सुना होगा. आखिर कौन है यह अनामिका शुक्ला, इसने क्या फर्जीवाडा किया है? आइए जानते हैं

कौन है असली अनामिका?

अनामिका शुक्ला उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में रहने वाली एक बेरोज़गार महिला है जो शिक्षिका के पद के लिए 2017 में अप्लाई करती है पर आज तक उसको नौकरी नही मिली है. परंतु अन्य 25 महिलाओं ने अपना नाम अनामिका शुक्ला रख कर सरकारी स्कूलों में नौकरी प्राप्त कर ली. जब यह मामला सामने आया तो असली अनामिका अपने सारे दस्तावेज लेकर शिक्षा विभाग पहुंच गई व अपने असली होने का प्रमाण दिया. असली अनामिका आज तक बेरोज़गार है जबकि फर्जी अनामिकाएं अपने नाम पर एक साथ 25 स्कूलों में पढाकर करोडों रूपए छाप चुकी हैं.

अब नकली अनामिकाओं का क्या हुआ?

जब से इस मामले पर कार्यवाही होनी शुरू हुई है तब से सारी फर्जी अनामिकाओं ने स्कूल आना छोड दिया है. एक महिला ने तो रात को ही अपना इस्तीफा शिक्षा विभाग को दे दिया. फर्जी शिक्षिकाओं ने अपने सारे दस्तावेज अनामिका शुक्ला के नाम से बनवा रखे हैं जो कि सही हैं परंतु जब उनके स्थान जहां कि वो निवासी हैं के बारे में जानकारी निकाली गई तब उनका भेद खुल गया.

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कुछ शिक्षिकाएं तो कभी स्कूल ही नहीं गई लेकिन फिर भी उनके नाम पर सैलरी पूरी आ रही थी. जब इस घोटाले का भांडा फूटा तो किसी ने स्कूल आना छोड दिया तो किसी ने इस्तीफा ही दे दिया.

खतरे में रायबरेली शिक्षा विभाग

यू.पी के रायबरेली शिक्षा विभाग से भी इस घोटाले के पेंच जुडे हुए हैं. शिक्षा विभाग भी शक के घेरे में है क्योंकि जो महिला बेरोजगार बैठी है उसके नाम से फर्जी दस्तावेज बना कर किसी अन्य को कैसे नियुक्त किया जा सकता है. जो शिक्षिका कभी स्कूल ही नहीं गई उसके नाम से कैसे हर महीने सैलरी दी जा रही है. इसके बाद ही शिक्षा विभाग ने आधी से ज्यादा नकली शिक्षिकाओं के नाम काट दिए. तथा कुछ नकली शिक्षिकाएं तो एक दम से ही गायब हो गई, उन्होने स्कूल आना भी छोड दिया.

हमारे हिसाब से रायबरेली के इस शिक्षा विभाग पर भी कडी से कडी कार्यवाही होनी चाहिए ताकि आगे से अन्य फर्जी घोटाले न हो तथा किसी योग्य के साथ अन्याय न हो. ऐसी ही अन्य खबरों की पडताल जान ने के लिए हमारे साथ जुडे रहिए.

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