अब एक साथ 100 लोग कर सकेंगे वीडियो कांफ्रेंस, पढ़ें खबर

covid-19 महामारी के कारण जहाँ एक ओर हम सभी अपने घरों में कैद से हो गए है वहीँ दूसरी तरफ online work ,online classes और video calling का चलन काफी बढ़ गया है. इसी को देखते हुए कई कंपनियां अपने users के अनुभव को बढ़ाने के लिए लगातार इंपॉर्टेंट फीचर्स लॉन्च कर रही है.
जहाँ अभी कुछ दिनों पहले whats app ने अपने video कालिंग की लिमिट बढाई थी ,वहीँ अब रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी फेसबुक और इंटेल जैसी कंपनियों को अपने डिजिटल कारोबार में हिस्सेदारी बेचकर अरबों डॉलर जुटाने के बाद जूम को टक्कर देने की तैयारी कर ली है.

मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने अपने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग app जियोमीट (JioMeet) को लॉन्च कर दिया है. कंपनी इस ऐप पर पिछले काफी समय से काम कर रही थी. पहले जहां Jio Meet ऐप का बीटा वर्जन मई में रोल आउट किया गया था. अब इस ऐप के स्टेबल वर्जन को Android (एंड्रॉइड) और iOS (आईओएस) दोनों प्लेटफॉर्म्स के लिए रोल आउट कर दिया गया है.

Google Play Store और Apple App Store के साथ ही इस ऐप को डेस्कटॉप यूजर्स के लिए भी लॉन्च किया गया है. जियो मीट एप, Google Play Store और Apple App Store से फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है.

रिलायंस के इस कदम को प्रतिद्वंद्वी जूम के साथ ‘प्राइज वार’ के रूप में देखा जा रहा है . अभी तक जहाँ हमें जूम पर 40 मिनट से अधिक की मीटिंग के लिए monthly 15 डॉलर देने होते थे जो एक साल के हिसाब से 180 डॉलर होता है. वहीं जियोमीट इससे अधिक सुविधा मुफ्त में उपलब्ध करा रही है. इससे जूम मीटिंग आयोजित करने वाले को जियोमीट का इस्तेमाल करने पर सालाना 13,500 रुपये की बचत होगी.

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यह अंदाजा लगाया जा रहा है की यह Zoom, Google Meet, hangout, Microsoft Team, Skype जैसे वीडियो कॉलिंग ऐप्स को कड़ी टक्कर देगा.

आइये जाने इस app की क्या है खासियत –

इस app में असीमित मुफ्त कॉलिंग की सुविधा मिलेगी. जियो मीट HD विडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप के जरिए एक साथ 100 लोगों से कनेक्ट हुआ जा सकता है. इसका मतलब इसके जरिए एक साथ 100 लोग मीटिंग में शामिल हो सकते हैं. इसकी जो सबसे बड़ी खासियत है वो है इसका multidevice लॉग इन सपोर्ट . इसे अधिकतम 5 डिवाइसेज के साथ कनेक्ट किया जा सकता है.ऐप में कॉल के दौरान आप एक से दूसरे डिवाइस पर स्विच भी कर सकते हैं.

वहीं इस एप को इस्तेमाल करने के लिए किसी तरह का कोई भी शुल्क नहीं लगेगा.

इस app की एक और खास बात यह है कि इसमें जूम की तरह 40 मिनट की समयसीमा नहीं है. कंपनी ने दावा किया है कि इसमें कॉल्स 24 घंटे तक जारी रखी जा सकती है. जियोमीट में समय की कोई सीमा नहीं होने की वजह से टीचर्स को अपनी ऑनलाइन classes को छोटा करने की जरूरत नहीं होगी.
प्राइवेसी के लिए इसमें हर एक मीटिंग के लिए अलग पासवर्ड है. इसमें स्क्रीन शेयरिंग और वेटिंग रूम की भी सुविधा है. इससे कोई भी भागीदार मीटिंग में बिना अनुमति शामिल नहीं हो सकता. इसमें ग्रुप बनाने की अनुमति है.

रिलायंस जियो इन्फोकॉम के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट पंकज पवार ने कहा, ‘जियो मीट कई खास सर्विस वाला प्लैटफॉर्म है. यह किसी भी डिवाइस और ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम कर सकता है. इसकी एक और खास बात है कि यह किसी आम विडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप की तरह कोलैबोरेशन को लिमिट नहीं करता.’

इसके अलावा इस ऐप को डेस्कटॉप के जरिए भी एक्सेस किया जा सकता है. इसके लिए यूजर को इन्वाइट लिंक पर क्लिक करना होगा. इन्वाइट लिंक पर क्लिक करने के बाद यूजर ग्रुप वीडियो कॉलिंग का हिस्सा बन सकते हैं. साथ ही ये ऐप Windows Store पर भी उपलब्ध है. Windows 10 ऑपरेटिंग सिस्टम पर रन करने वाले डिवाइसेज में भी इस ऐप को स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.

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आइए जानते हैं JioMeet एप को इस्तेमाल करने का तरीका

JioMeet एप को गूगल प्ले-स्टोर या एपल के एप स्टोर से डाउनलोड करें. इसके बाद मोबाइल नंबर या ई-मेल आईडी के जरिए रजिस्टर्ड करें. खास बात यह है कि जियोमीट में मीटिंग को स्टार्ट करने के लिए यानी होस्ट को जियो मीट पर अकाउंट बनाने की जरूरत है पर यदि कोई मीटिंग ज्वाइन करना चाहता है तो उसे अकाउंट बनाने की जरूरत नहीं है.

जियो मीट में भी आप मीटिंग शेड्यूल कर सकते हैं. जियो मीट की मीटिंग में भी कोई भी मीटिंग कोड के जरिए मीटिंग में शामिल हो सकता है.

किसी मीटिंग को ज्वाइन करने के लिए आपको Join के विकल्प पर क्लिक करना होगा. इसके बाद मीटिंग आईडी और पासवर्ड डालना होगा. यदि आप खुद कोई मीटिंग शुरू करना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर डालकर ओटीपी के जरिए लॉगिन करके आप मीटिंग शुरू कर सकते हैं.

यदि आपने Zoom इस्तेमाल किया है तो आपको परेशानी नहीं होगी, क्योंकि JioMeet के सभी फीचर्स जूम एप जैसे ही हैं.

Monsoon Special: स्वाद और सेहत से भरपूर है ये ‘स्टफ्ड पनीर कुलचा’

ये तो हम सभी जानते है की सुबह का नाश्ता हमारी बॉडी के लिए कितना जरूरी होता है. और जहाँ तक मै समझती हूँ हर माँ की सबसे बड़ी उलझन यही होती है की वो अपने बच्चे के नाश्ते या लंच में ऐसा क्या रखे जो healthy होने के साथ- साथ स्वादिष्ट भी हो.

क्योंकि अक्सर ऐसा होता है की बच्चा बिना टिफिन खत्म किए ही लंच बॉक्स वापस ले आता है.अगर आप टिफिन में रोज वाला ही खाना उन्हें पैक करके दे रही हैं तो बच्चे उसे पसंद नहीं करते हैं. ऐसे में बच्चा बाहर के जंक फूड की और भागने लगता है.

फोर्टिस हॉस्पिटल की डाइटीशियन, डॉ. सिमरन सैनी कहती हैं कि “बच्चों को पूरा दिन फुर्तीला रहने के लिए आवश्यक ऊर्जा और एंटीऑक्‍सीडेंट की जरूरत पड़ती है. इसलिए उनके टिफिन में ऐसे स्नैक्स रखें जो उन्हें न केवल ताज़गी दें बल्कि उनकी ऊर्जा को भी बनाए रखें.”

इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसा स्नैक्स जो टेस्टी होने के साथ-साथ healthy भी है .आज हम बनायेंगे स्टफ्ड पनीर कुलचा. अक्सर देखा जाता है की पनीर कुलचे को बनाते वक़्त मैदे का इस्तेमाल किया जाता है जो की वाकई हमारे सेहत के लिए नुक्सान दायक है. अगर हम इसे मैदे से बनायेंगे तो यकीनन स्वादिष्ट तो होगा मगर healthy नहीं .क्योंकि मैदे को डाइजेस्ट होने में बहुत समय लगता है.
लेकिन क्या आप जानते है आप अपने फेवरिट कुल्चे को बिना मैदे और बिना तंदूर के टेस्टी और हेल्दी बना सकती हैं . मज़ेदार बात यह है कि इन स्‍नैक्‍स के लिए आपको ज्‍़यादा मेहनत करने की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी. 10 से 15 मिनट में बन जाने वाले यह स्नैक्स बड़े से लेकर बच्चे तक बड़े मन से खायेंगे.

तो चलिए बनाते है स्टफ्ड पनीर कुलचा –

हमें चहिये-

आटे के लिए सामग्री

गेहूं का आटा – 2 बड़े कप
बेकिंग पाउडर -3/4 चम्मच
दही-3 tablespoon
तेल-2 tablespoon
घी -1 tablespoon
गुनगुना पानी -1/2 कप
नमक-स्वादानुसार

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भरावन के लिए सामग्री-

घिसा हुआ पनीर-1 बड़े कप
बारीक कटी हुई प्याज़-1 medium
बारीक कटी हुई शिमला मिर्च -1 medium
घिसा हुआ अदरक-1/2 teaspoon
हरी मिर्च-2
चाट मसाला- 1/2 teaspoon
काली मिर्च पाउडर-1/2 teaspoon
हरा धनिया -2 tablespoon बारीक कटा
नमक-स्वादानुसार

बनाने का तरीका-

1. एक बाउल में आटा निकाल लेने के बाद उसमे बेकिंग पाउडर,दही ,तेल ,घी,नमक और आवश्यकता अनुसार पानी डाल कर अच्छे से मिलाये और नर्म आता गूथ ले.
2. अब आटे को एक गीले कपडे से ढककर 2 घंटे के लिए रख दे.
3. अब एक दुसरे बाउल में घिसा हुआ पनीर ,अदरक प्याज़ शिमला मिर्च,काली मिर्च,चाट मसाला ,हरा धनिया ,हरी मिर्च और नमक डाल कर अच्छे से मिला लें.
4. अब एक लोई ले और उसे लगभग पूरी के आकर का बेल लें .अगर आटा चिपक रहा हो तो ऊपर से थोडा सा सूखा आटा छिड़क लें.
5. अब बेली गयी लोई के बीच में पनीर की stuffing रखें.और चारो कोनो को धीरे से उठाकर उन्हें आपस में चिपका दे और गोल आकार दें..

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6. अब इसको हलके बेलन से धीरे धीरे करके गोल आकार में बेल ले.
7. अब एक तवे को माध्यम आंच पर गर्म करें .जब तवा गर्म हो जाए तब उस पर कुलचा डाल कर उसको माध्यम आंच पर सेंके .जब उसे हलके ब्राउन कलर की चित्ती आ जाये तो उसे पलट कर दूसरी साइड सेक ले.
8. दोनों तरफ सिक जाने के बाद उसे एक प्लेट में निकाल लें.
9. अब उसपर ऊपर से बटर या घी लगाकर गरमागरम परोसे.तैयार है स्वादिष्ट और healthy स्टफ्ड पनीर कुलचा.
10. आप इसको लहसुन और टमाटर की चटनी के साथ भी खा सकते हैं.

वर्क फ्रॉम होम महिलाओं के लिए आफत या अवसर

कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच ज्यादातर ऑफिसों में सीमित कर्मचारियों के साथ काम संपन्न हो रहे हैं. इन्फोसिस, गोल्डमैन सैश, गूगल जैसी कंपनियों ने भी ज्यादातर कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा है.

आज लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं . खासकर वे कर्मचारी घर से ही अपना उत्तरदायित्व निभा रहे हैं जिन का काम ऑफिस आए बगैर चल सकता है और यह उचित भी है.

पर जब बात महिलाओं की आती है तो कहीं न कहीं इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वर्क फ्रॉम होम उन के लिए कई परेशानियां भी ला रहा है मसलन;

वर्क फ्रॉम होम से जुड़ी कुछ परेशानियां

एक महिला जब घर में होती है तो पूरे दिन वह घर के छोटेबड़े कामों में उलझी रहती है. बहू के पीछे में सास भले ही घर के काम संभाल ले मगर जब बहू घर में हो तो मजाल है कि वह अपनी कुर्सी से हिल भी जाए. पूरे दिन घर संभालतेसंभालते महिला इतनी थक जाती है कि कई दफा ऑफिस के काम के साथ पूरा न्याय नहीं कर पाती.

घर में महिला को लगातार अपने बच्चों को भी देखना पड़ता है. जब वह ऑफिस में होती है तो बच्चों की चिंता नहीं करनी पड़ती. घर में कोई न कोई उन्हें संभाल ही लेता है. पर घर से काम करने वाली महिलाओं के ऊपर ऑफिस वर्क के साथसाथ चाइल्ड वर्क भी आ जाता है. ऐसे में महिला अपना दिमाग एकाग्र नहीं कर पाती. उसे दूसरे सभी कामों को प्रेफरेंस देना पड़ता है. बस अपने ऑफिस के काम को ही पेंडिंग रखना मजबूरी बन जाती है.

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सच तो यह है कि ज्यादातर विवाहित महिलाओं को ऑफिस जा कर थोड़ी राहत मिल जाती है. एक तरफ जहां पूरे दिन उन्हें घर के कामों से आजादी मिलती है वहीं अपनी सहेलियों के साथ गौसिप करने का आनंद भी मिल जाता है. कहा जाता है न कि औरतें गॉसिप न करें तो उन के पेट में दर्द होने लगता है. ऐसे में ऑफिस आ कर अपनी सासननद की बुराइयां करना और महिला कुलीग्स से जुड़ी गौसिप्स का हिस्सा बनने की खुशी ही अलग होती है.

महिलाओं को औफिस में एकदूसरे से बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है. उन्हें किसी से कोई रेसिपी तो किसी से सिलाईबुनाई या फैशन के अंदाज, किसी से स्मार्ट लुक तो किसी से ब्यूटीफुल स्किन के टिप्स सीखने को मिलते हैं.

महिलाओं को नएनए डिशेज बना कर ऑफिस लाना और दूसरों को खिला कर वाहवाही लूटने का भी अलग ही जुनून होता है. तारीफ पाने के लिए ऑफिस से बेहतर कोई जगह नहीं है.

इसी तरह फैशन के नएनए फंडे आजमाना, लेटेस्ट स्टाइल की ड्रेसेस पहनना और भरपूर मेकअप कर दूसरी महिलाओं को जलाना और पुरुष साथियों को रिझा कर अलग तरह की खुशी पाना भी औफिस में ही संभव है.

अक्सर महिलाएं ऑफिस में अपनी पर्सनैलिटी को ग्रूम करना भी सीखतीं हैं. आप घर में उन्हीं महिलाओं को देखेंगे तो लगेगा जैसे लटकीझटकी सी यह महिला कहां सुदूर देहात से चली आ रही है. औफिस में ये ही महिलाएं बिल्कुल टिपटॉप रहती हैं.

कई दफा महिलाएं औफिस में एकदूसरे से इतने गहरे रिश्ते बना लेती हैं जिन्हें घर से काम करते हुए कायम रख पाना संभव नहीं होता. जूम मीटिंगस में रिश्तों में वैसी फिलिंग्स नहीं आ सकतीं जो आमने सामने मिल कर आती है.

एक बेहतरीन अवसर भी है वर्क फ्रॉम होम

पर इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि बहुत से लोगों के लिए वर्क फ्रॉम होम एक बेहतरीन अवसर भी है. वैसी महिलाएं जिन का बहुत बड़ा परिवार नहीं है वे घर पर आराम से बच्चे की केयर के साथ अपने ऑफिस के काम भी कर सकतीं हैं. उन्हें बच्चे की टेंशन भी नहीं रहती और सुविधानुसार ऑफिस का काम भी निबट जाता है.

इसी तरह कुछ वैसी महिलाएं जिन का काम एकाग्रता के साथ करने वाला है जैसे राइटर, क्रिएटर, एड डेवलपर आदि.

इन्हें अपना दिमाग स्थिर कर काम करना होता है और इस के लिए घर से बेहतर कोई जगह नहीं है.

घर में अपना कमरा बंद कर बहुत आसानी से ऑफिस के काम निपटाए जा सकते हैं और अपनी क्रिएटिविटी को अंजाम दिया जा सकता है. वस्तुत ऑफिस के हो हल्ले में जो काम पूरे दिन में नहीं हो पाता वही घर में पलक झपकते निबट जाता है.

इसलिए ऐसी बुद्धिजीवी महिलाएं विशेष तौर पर वर्क फ्रॉम होम को प्रेफरेंस देती हैं क्योंकि उन के लिए घर में काम के अनुकूल माहौल बना पाना ज्यादा आसान और सहज होता है. जब कि वे ऑफिस में इतने लोगों के बीच चाह कर भी दिमाग को एकाग्र नहीं कर पातीं.

यही नहीं बात जब आनेजाने की होती है तब भी वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन काफी ऊपर रहता है क्योंकि घर से काम कर आप रोजाना दो घंटे की दौड़धूप के साथसाथ समय भी बचाती हैं और इस समय का उपयोग उत्पादकता बढ़ाने में लगाया जा सकता है.

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सिर्फ आनाजाना ही नहीं ऑफिस जाने के लिए तैयार होने, मेकअप करने और ऑफिस में बैठ कर इधरउधर की गप्पे सुनने में बर्बाद किया गया समय भी उपयोगी कामों में लगाया जा सकता है.

वर्क फ्रॉम होम महिलाओं को ऑफिस के साथसाथ घर से जुड़ने और घरवालों के साथ क्वॉलिटी टाइम बिताने का खूबसूरत अवसर भी दे रहा है. वरना पूरा दिन ऑफिस में बिता कर रात ढले थकीहारी जब वह घर लौटती है तो बच्चों और परिवार को बहुत कम समय दे पाती है.

इसलिए कहा जा सकता है कि वर्क फ्रॉम होम जहां अधिकतर औरतों के लिए आफत है वही ऐसी भी बहुत सी महिलाएं हैं जिन के लिए यह वरदान से कम नहीं.

जब शादीशुदा जिंदगी पर भारी हो दोस्ती

हफ्ते के 5 दिन का बेहद टाइट शेड्यूल, घर और आफिस के बीच की भागमभाग. लेकिन आने वाले वीकेंड को सेलीब्रेट करने का प्रोग्राम बनातेबनाते प्रिया अपनी सारी थकान भूल जाती है. उस के पिछले 2 वीकेंड तो उस के अपने और शिवम के रिश्तेदारों पर ही निछावर हो गए थे. 20 दिन की ऊब के बाद ये दोनों दिन उस ने सिर्फ शिवम के साथ भरपूर एेंजौय करने की प्लानिंग कर ली थी. लेकिन शुक्रवार की शाम जब उस ने अपने प्रोग्राम के बारे में पति को बताया तो उस ने बड़ी आसानी से उस के उत्साह पर घड़ों पानी फेर दिया.

‘‘अरे प्रिया, आज ही आफिस में गौरव का फोन आ गया था. सब दोस्तों ने इस वीकेंड अलीबाग जाने का प्रोग्राम बनाया है. अब इतने दिनों बाद दोस्तों के साथ प्रोग्राम बन रहा था तो मैं मना भी नहीं कर सका.’’ऐसा कोई पहली बार नहीं था. अपने 2 साल के वैवाहिक जीवन में न जाने कितनी बार शिवम ने अपने बचपन की दोस्ती का हवाला दे कर प्रिया की कीमती छुट्टियों का कबाड़ा किया है. जब प्रिया शिकायत करती तो उस का एक ही जवाब होता, ‘‘तुम्हारे साथ तो मैं हमेशा रहता हूं और रहूंगा भी. लेकिन दोस्तों का साथ तो कभीकभी ही मिलता होता है.’’

शिवम के ज्यादातर दोस्त अविवाहित थे, अत: उन का वीकेंड भी किसी बैचलर्स पार्टी की तरह ही सेलीब्रेट होता था. दोस्तों की धमाचौकड़ी में वह भूल ही जाता था कि उस की पत्नी को उस के साथ छुट्टियां बिताने की कितनी जरूरत है.

बहुत से दंपतियों के साथ अकसर ऐसा ही घटता है. कहीं जानबू कर तो कहीं अनजाने में. पतिपत्नी अकसर अपने कीमती समय का एक बड़ा सा हिस्सा अपने दोस्तों पर खर्च कर देते हैं, चाहे वे उन के स्कूल कालेज के दिनों के दोस्त हों अथवा नौकरीबिजनेस से जुड़े सहकर्मी. कुछ महिलाएं भी अपनी सहेलियों के चक्कर में अपने घरपरिवार को हाशिए पर रखती हैं.थोड़े समय के लिए तो यह सब चल सकता है, किंतु इस तरह के रिश्ते जब दांपत्य पर हावी होने लगते हैं तो समस्या बढ़ने लगती है.

यारी है ईमान मेरा…

दोस्त हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं, इस में कोई शक नहीं. वे जीवनसाथी से कहीं बहुत पहले हमारी जिंदगी में आ चुके होते हैं. इसलिए उन की एक निश्चित और प्रभावशाली भूमिका होती है. हम अपने बहुत सारे सुखदुख उन के साथ शेयर करते हैं. यहां तक कि कई ऐसे संवेदनशील मुद्दे, जो हम अपने जीवनसाथी को भी नहीं बताते, वे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं, क्योंकि जीवनसाथी के साथ हमारा रिश्ता एक कमिटमेंट और बंधन के तहत होता है, जबकि दोस्ती में ऐसा कोई नियमकानून नहीं होता, जो हमारे दायरे को सीमित करे. दोस्ती का आकाश बहुत विस्तृत होता है, जहां हम बेलगाम आवारा बादलों की तरह मस्ती कर सकते हैं. फिर भला कौन चाहेगा ऐसी दोस्ती की दुनिया को अलविदा कहना या उन से दूर जाना.

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लेकिन हर रिश्ते की तरह दोस्ती की भी अपनी मर्यादा होती है. उसे अपनी सीमा में ही रहना ठीक होता है. कहीं ऐसा न हो कि आप के दोस्ताना रवैए से आप का जीवनसाथी आहत होने लगे और आप का दांपत्य चरमराने लगे. विशेषकर आज के व्यस्त और भागदौड़ की जीवनशैली में अपने वीकेंड अथवा छुट्टी के दिनों को अपने मित्रों के सुपुर्द कर देना अपने जीवनसाथी की जरूरतों और प्यार का अपमान करना है. अपनी व्यस्त दिनचर्या में यदि आप को अपना कीमती समय दोस्तों को सौंपना बहुत जरूरी है तो उस के लिए अपने जीवनसाथी से अनुमति लेना उस से भी अधिक जरूरी है.

ये दोस्ती…

कुछ पुरुष तथा महिलाएं अपने बचपन के दोस्तों के प्रति बहुत पजेसिव होते हैं तो कुछ अपने आफिस के सहकर्मियों के प्रति. श्वेता अपने स्कूल के दिनों की सहेलियों के प्रति इतनी ज्यादा संवेदनशील है कि अगर किसी सहेली का फोन आ जाए तो शायद पतिबच्चों को भूखा ही आफिस स्कूल जाना पड़े. और यदि कोई सहेली घर पर आ गई तो वह भूल जाएगी कि उस का कोई परिवार भी है.

दूसरी ओर कुछ लोग किसी गेटटूगेदर में अपने आफिस के सहकर्मियों के साथ बातों में ऐसा मशगूल हो जाएंगे कि उन की प्रोफेशनल बातें उन के जीवनसाथी के सिर के ऊपर से निकल रही हैं, इस की उन्हें परवाह नहीं होती.

इस के अलावा आफिस में काम के दौरान अकसर लोगों का विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षण और दोस्ती एक अलग गुल खिलाती है. इस तरह का याराना बहुधा पतिपत्नी के बीच अच्छीखासी समस्या खड़ी कर देता है. कहीं देर रात की पार्टी में उन के साथ मौजमस्ती, कहीं आफिशियल टूर. कभी वक्तबेवक्त उन का फोन, एस.एम.एस., ईमेल अथवा रात तक चैटिंग. इस तरह की दोस्ती पर जब दूसरे पक्ष को आब्जेक्शन होता है तो उन का यही कहना होता है कि वे बस, एक अच्छे दोस्त हैं और कुछ नहीं. फिर भी दोनों में से किसी को भी इस ‘सिर्फ दोस्ती’ को पचा पाना आसान नहीं होता.

दोस्ती अपनी जगह है दांपत्य अपनी जगह

यह सच है कि दोस्ती के जज्बे को किसी तरह कम नहीं आंका जा सकता, फिर भी दोस्तों की किसी के दांपत्य में दखलअंदाजी करना अथवा दांपत्य पर उन का हावी होना काफी हद तक नुकसानदायक साबित हो सकता है. शादी से पहले हमारे अच्छेबुरे प्रत्येक क्रियाकलाप की जवाबदेही सिर्फ हमारी होती है. अत: हम अपनी मनमानी कर सकते हैं. किंतु शादी के बाद हमारी प्रत्येक गतिविधि का सीधा प्रभाव हमारे जीवनसाथी पर पड़ता है. अत: उन सारे रिश्तों को, जो हमारे दांपत्य को प्रभावित करते हैं, सीमित कर देना ही बेहतर होगा.

कुछ पति तो चाहते हुए भी अपने पुराने दोस्तों को मना नहीं कर पाते, क्योंकि उन्हें ‘जोरू का गुलाम’ अथवा ‘बीवी के आगे दोस्तों को भूल गए, बेटा’ जैसे कमेंट सुनना अच्छा नहीं लगता. ऐसे पतियों को इस प्रकार के दोस्तों को जवाब देना आना चाहिए, ध्यान रहे ऐसे कमेंट देने वाले अकसर खुद ही जोरू के सताए हुए होते हैं या फिर उन्होंने दांपत्य जीवन की आवश्यकताओं का प्रैक्टिकल अनुभव ही नहीं किया होता.

सांप भी मरे और लाठी भी न टूटे

जरूरत से ज्यादा यारीदोस्ती में बहुत सारी गलतफहमियां भी बढ़ती हैं. साथ ही यह जरूरी तो नहीं कि हमारे अपने दोस्तों को हमारा जीवनसाथी भी खुलेदिल से स्वीकार करे. इस के लिए उन पर अनावश्यक दबाव डालने का परिणाम भी बुरा हो सकता है. अत: इन समस्याओं से बचने के लिए कुछ कारगर उपाय अपनाए जा सकते हैं :

अपने बचपन की दोस्ती को जबरदस्ती अपने जीवनसाथी पर न थोपें.

अगर आप के दोस्त आप के लिए बहुत अहम हों तब भी उन से मिलने अथवा गेटटूगेदर का वह वक्त तय करें, जो आप के साथी को सूट करे.

बेहतर होगा कि जैसे आप ने एकदूसरे को अपनाया है वैसे एकदूसरे के दोस्तों को भी स्वीकार करें. इस से आप के साथी को खुशी होगी.

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जीवनसाथी के दोस्तों के प्रति कोई पूर्वाग्रह न पालें. बेवजह उन पर चिढ़ने के बजाय उन की इच्छाओं पर ध्यान दें.

‘तुम्हारे दोस्त’, ‘तुम्हारी सहेलिया’ के बदले कौमन दोस्ती पर अधिक जोर दें.

अपने बेस्ट फ्रेंड को भी अपनी सीमाएं न लांघने दें. उसे अपने दांपत्य में जरूरत से ज्यादा दखलअंदाजी की छूट न दें.

आफिस के सहकर्मियों की भी सीमाएं तय करें.

अपने दांपत्य की निजी बातें कभी अपने दोस्तों पर जाहिर न करें.

#coronavirus: हड्डियों को न कर दें कमजोर

कोरोना ने महामारी का रूप ले लिया है, जिस में सभी को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सेहत का ध्यान रखना हम सब के लिए बहुत जरूरी हो गया है. काफी दिनों से लोग घरों में बंद हैं. कहीं आजा नहीं रहे, जिस से उन की शारीरिक गतिविधियां कम हो गई हैं, जिस का सीधा असर उन की हड्डियों पर भी पड़ रहा है.

हड्डियां शरीर का सपोर्ट सिस्टम हैं. बच्चे हो या बूढ़े सभी आज के समय की गलत जीवनशैली की वजह से हड्डियों से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे हैं.

ऐसे में कैसे इन दिनों अपनी हड्डियों का खास खयाल रखें. आइए, जानते हैं दिल्ली के आयुस्पाइन हौस्पिटल के डाइरैक्टर डाक्टर सत्यम भास्कर से, जो जौइंट पेन स्पोर्ट्स इंजरी स्पैशलिस्ट हैं.

कोरोना की वजह से सब के जीवन में काफी बदलाव आ चुका है. पहले लोग वर्कआउट के लिए गार्डन, पार्क और जिम जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. लोग फिजिकल ऐक्टिविटीज से बहुत दूर हो गए हैं. इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?

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लोग फिजिकल ऐक्टिविटीज से दूर नहीं हुए उन्होंने जानबूझ कर खुद को दूर किया है. हम चाहें तो घर पर ही ऐक्सरसाइज कर सकते हैं. अपनी बालकनी में भी आसानी से ऐक्सरसाइज कर सकते हैं. ऐक्सरसाइज से हड्डियों को भी फायदा मिलता है. जब हम ऐक्सरसाइज करते हैं, तो उस समय हमारा शरीर अच्छी तरह मूव करता है. हड्डियों को हैल्दी बनाए रखने के लिए सब से आसान ऐक्सरसाइज है कि सीधे लेट जाएं और अपनी कमर के नीचे मोटा तकिया रख लें और फिर 2 मिनट तक बिलकुल सीधे लेटे रहें. इसे हम स्पाइनल ऐक्सटैंशन कहते हैं. अगर आप इस ऐक्सरसाइज को रोज सोने से पहले करते हैं, तो आप का कमर दर्द बिलकुल ठीक हो जाएगा. रोजाना 10-15 मिनट ऐक्सरसाइज करनी चाहिए.

बहुत सारे लोग इस समय औफिस का काम घर से कर रहे हैं. वे लोग घंटों सोफा या बिन बैग पर बैठ कर काम कर रहे हैं, जिस से उन का पोस्चर भी बिगड़ रहा है. हड्डियों के लिए सही पोस्चर कितना जरूरी है और क्याया इस के लिए हमें सावधानियां बरतनी चाहिए?

जब हम औफिस में काम करते हैं, तो हम बंधे होते हैं अपने काम से भी और अपनी सीट से भी. लेकिन जब हम घर पर काम करते हैं, तो हम अपने अकौर्डिंग सब मैनेज करते हैं. ऐसे में हम थोड़ीथोड़ी देर में मूवमैंट कर सकते हैं. मूवमैंट हमारे शरीर और हड्डियों के लिए बहुत जरूरी है. अगर आप घर से काम कर रहे हैं तो हर 30 मिनट में अपना पोस्चर जरूर बदलें. एक ही पोस्चर में घंटों बैठने से हड्डियों में दर्द शुरू हो जाता है, जो सर्वाइकल पेन को न्योता देता है.

पहले के समय में लोगों को हड्डियों से जुड़ी बीमारियां 35 के बाद होती थीं, लेकिन अब ये 25 की उम्र में होने लगी हैं, ऐसा क्यों?

पहले के समय में लोग शारीरिक रूप से ऐक्टिव रहते थे और खानपान का भी ध्यान रखते थे, लेकिन अब अभी और पहले की जीवनशैली में काफी अंतर आ चुका है. अब लोग कुरसी पर बैठेबैठे काम करते हैं, खाने में दूधदही की जगह पिज्जाबर्गर खाते हैं, जबकि बचपन से ही खानपान का खास ध्यान रखने को कहा जाता है. हड्डियों की सेहत के लिए सही खानपान जरूरी है.

शरीर को जब सही मात्रा में पोषण मिलता है, तो हड्डियां मजबूत होती हैं, शारीरिक ग्रोथ भी सही होती है. लेकिन आज के समय में बच्चे कोल्डड्रिंक पीना ज्यादा पसंद करते हैं. क्या कोल्डड्रिंक से शरीर को किसी प्रकार का न्यूट्रिशन मिलेगा? बिलकुल नहीं मिलेगा, बल्कि इन चीजों का सेवन करने से हमारी हड्डियां कमजोर होने लगेंगी. शरीर में कैल्शियम का लैवल कम हो जाएगा, जिस से कम उम्र में जोड़ों में दर्द की शिकायत होने लगेगी. 20 वर्ष तक शरीर को सही पोषण मिलना बहुत जरूरी है. अगर आप को यह शिकायत कम उम्र में ही शुरू हो गई है, तो डाक्टर से कैल्शियम की जांच जरूर करवाएं.

मेनोपौज के बाद महिलाओं की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं. ऐसे में उन्हें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

मेनोपौज के दौरान महिलाओं में ऐस्ट्रोजन स्तर गिर जाता है, जिस से औस्टियोब्लास्ट कोशिकाएं प्रभावित होती हैं. इस से पुरुषों की तुलना में महिलाओं की हड्डियां ज्यादा कमजोर होने लगती हैं, हड्डियों की डैंसिटी पर भी असर पड़ता है. इस से महिलाओं को औस्टियोपोरोसिस और औस्टियोआर्थ्राइटिस जैसी हड्डियों से जुड़ी बीमारियां होने का रिस्क बढ़ जाता है. वैसे तो महिलाओं को खानपान का ध्यान बचपन से ही रखना चाहिए, लेकिन कोई महिला मेनोपौज से गुजर रही है, तो उसे न्यूट्रिशन से भरपूर डाइट फौलो करनी चाहिए.

इस समय लोग बाहर के खानपान को अवौइड कर रहे हैं, लेकिन घर पर मैदे से बने स्वादिष्ठ पकवानों का लुत्फ भी उठा रहे हैं. क्या मैदा हड्डियों की सेहत के लिए हानिकारक है?

मैदे का सेवन ही नहीं करना चाहिए. यह हमारे स्वास्थ्य के लिए जहर के समान है. इस में

0 प्रतिशत न्यूट्रिशन होता है, जिस से हमारे शरीर को कोई फायदा नहीं मिलता. यह डाइजैस्ट भी जल्दी नहीं होता, जिस से कब्ज की शिकायत होने लगती है. मैदा खाने से हड्डियों पर भी बुरा असर पड़ता है. मैदा बनाते वक्त इस में प्रोटीन निकल जाता है और यह ऐसिडिक बन जाता है, जो हड्डियों से कैल्शियम को खींच लेता है, जिस से वे कमजोर हो जाती हैं, इसलिए मैदे का सेवन बिलकुल न करें.

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हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए हमें किन चीजों का सेवन ज्यादा करना चाहिए?

हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए मैग्नीशियम, कैल्शियम और विटामिन डी बहुत जरूरी है. ये सभी हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाते हैं.

मैग्नीशियम: मैग्नीशियम के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन जरूर करें. पालक मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत होता है. इस के अलावा टमाटर, आलू, शकरकंद भी आप आहार में शामिल कर सकते हैं.

कैल्शियम: कैल्शियम के लिए दूध बहुत अच्छा स्रोत है. इस के लिए आप दूध से बनी चीजों का सेवन भी कर सकते हैं. इस के साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियां भी आप को कैल्शियम और आयरन दोनों ही देने में मदद करती हैं. नौनवैज खाने वालों के लिए मछली कैल्शियम का सब से अच्छा विकल्प है. साबूत अनाज, केले, सालमन, बादाम, ब्रैड, टोफू, पनीर आदि कैल्शियम की कमी को पूरा करने के अच्छे स्रोत माने जाते हैं.

विटामिन डी: आप विटामिन डी के लिए टूना, मैकरेल, अंडे का सफेद भाग, सोया मिल्क, डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध, दही के अलावा मशरूम, चीज और संतरे के जूस का भी सेवन कर सकते हैं.

ज्यादा पसीने से छुटकारा पाने का इलाज बताएं?

सवाल-

मुझे बहुत ज्यादा पसीना आता है. कृपया इस से छुटकारा पाने के लिए कोई घरेलू उपाय बताएं?

जवाब

1 चम्मच पिसी फिटकरी को 2 गिलास ठंडे पानी में मिला कर हाथपैरों को धोएं. इस से

पसीना आना कम होता है. अगर पसीने में बदबू भी हो तो भोजन में नमक की मात्रा कम कर दें. नहाते समय 1 बालटी पानी में गुलाबजल या केवड़े के रस की 20 बूंदें डाल कर स्नान करें. अगर पानी में खुशबू कम रहे तो ज्यादा भी डाल सकती हैं.

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गर्मी का मौसम आ चुका है, ऐसे में पसीना आना तो जाहिर सी बात है. पसीने का आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. गर्मी के मौसम में शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए रोमछिद्रों से पसीना निकलता है. यह शरीर को ठंडा रखने और शरीर के अपशिष्ट पदार्थों को बाहर करने का काम करता है. इसलिए पसीने का निकलना सेहत की दृष्टि से जरूरी है. लेकिन ज्यादा पसीना आना भी ठीक नहीं है.

बहुत से लोगों के शरीर से बहुत ज्यादा मात्रा में पसीना निकलता है. पसीने की वजह से शरीर से दुर्गन्ध आती है. ऐसे में जिन्हें बहुत ज्यादा मात्रा में पसीना आता है उनके लिए दिक्कत आती है. आज हम आपको ज्यादा पसीना आने की समस्या से निजात दिलाने वाले कुछ टिप्स के बारे में बताने वाले हैं. आइए, जानते हैं कि वे टिप्स क्या हैं?

कैफीन से परहेज

बहुत ज्यादा मात्रा में कैफीन से बने पदार्थों के सेवन से शरीर से ज्यादा मात्रा में पसीना बाहर आता है. ऐसे में संतुलित मात्रा में ही कौफी आदि का सेवन करना चाहिए.

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नानी का प्रेत: क्या था नानी से जुड़ा रहस्य?

फैशन के मामले में इतनी बदल गई हैं ‘बालिका वधू’ की ‘आनंदी’, आप भी कर सकती हैं ट्राय

सीरियल ‘बालिका वधू’ से 12 साल पहले डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस अविका गौर (Avika Gor) फैंस के बीच आज भी आनंदी के नाम से फेमस है. ‘बालिका वधू’ सीरियल के जरिए वह भारत के घर-घर में मशहूर हुईं.  ‘बालिका वधू’ सीरियल के बाद अविका गौर (Avika Gor) के लुक में काफी बदलाव आया है. हाल ही में अविका ने 30 जून को अपना 23वां जन्मदिन मनाया, जिसके चलते वह काफी सुर्खियों में रहीं, जिसका कारण उनके खास दोस्त मनीष रायसिंघानी (Manish Raisinghan) की शादी बनीं.

दरअसल सीरियल ‘ससुराल सिमर का’ में साथ काम चुके अविका (Avika Gor) और मनीष की दोस्ती से हर कोई वाकिफ है. बीते 30 जून को मनीष ने अपनी दोस्त अविका (Avika Gor) के बर्थडे के दिन गर्लफ्रेंड संगीता चौहान से गुरूद्वारे में शादी की, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी.  इसी के बीच आज हम आपको अविका के कुछ लुक्स के बारे में बताएंगे, जिसे आप अपनी बेटी या बहू के लिए ट्राय कर सकती हैं.

1. रेड और ब्लैक कौम्बिनेशन है परफेक्ट

अक्सर पार्टी और फंक्शन में रेड और ब्लैक का कौम्बिनेशन देखने को मिलता है. वहीं अविका गौर का रेड एंड ब्लैक वाला इंडियन लुक आपके लिए परफेक्ट है. रेड कलर के सिंपल एम्ब्रौयडरी वाले लहंगे के साथ हैवी वर्क वाले ब्लैक फुल स्लीव वाला परफेक्ट औप्शन है.

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2. साउथ इंडियन लुक है ट्रैंडी

अगर आप ट्रैंडी इंडियन आउटफिट ट्राय करना चाहती हैं तो अविका गौर का ये लुक आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. सिंपल साउथ इंडियन लहंगे के साथ फ्लफी ब्लाउज आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. इसके साथ ज्वैलरी की बात करें तो हैवी ज्वैलरी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

3. फ्लावर प्रिंट लहंगा है परफेक्ट 

अगर आप फ्लावर प्रिंट कपड़ों की शौकीन हैं को अविका गौर का लहंगा आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. हैवी ब्लाउज के साथ फ्लावर प्रिंट लहंगा आपके लुक पर चार चांद लगा देगा.

4. सिंपल लुक है परफेक्ट 

अगर आप हैवी लुक की बजाय पार्टी या फंक्शन में सिंपल लुक ट्राय करना चाहती हैं तो अविका के फ्लावर प्रिंट लहंगे के साथ प्लेन ब्लाउज परफेक्ट औप्शन है.

5. लौंग सूट करें ट्राय

लौंग सूट इन दिनों काफी पौपुलर है. सिंपल अनार कली लुक वाले लौंग सूट ट्राय करना चाहती हैं तो अविका का ये लुक काफी खूबसूरत है.

2.89 लाख रुपये का गोल्डन कोरोना मास्क, आप भी चौंक जाएंगे

बाजार में कई तरह के मास्क आ रहे हैं. डिजाइनर मास्क, सर्जिकल मास्क, कपड़ों के साथ मैचिंग वाले मास्क, बहुत से मास्क, लेकिन इन महाशय ने तो गोल्डन मास्क ही बनवा लिया जो कि 24 कैरेट के शुद्ध सोने से बना है.

जी हां कोरोना काल में मास्क तो अब लोगों की दिनचर्या और आदत में शुमार हो गया है इतना ही नहीं खुद को सुरक्षित रखने के लिए लोग बाहर बिना मास्क के निकलने का नाम नहीं ले रहे हैं. मास्क के दाम कहीं 10 रूपये हैं तो कहीं ज्यादा अच्छी क्वालिटी का लेने पर 100 रूपये या 150 रुपये तक के मास्क आ रहे हैं. लेकिन अब आपको ये जानकर थोड़ी हैरानी होगी कि भला कोई इतना भी अमीर है कि सोने का मास्क पहन रहा है.लेकिन ऐसा ही हुआ है एक इंसान के साथ उसने अपने आपको कोरोना से बचाने के लिए प्योर सोने का मास्क बनवाया है. उस व्यक्ति ने शायद यही सोच कर सोने का मास्क बनवाया कि अब तो कोरोना जाने से रहा क्योंकि लोगों ने इसके साथ ही जीना सीख लिया है जिसके साथ मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल लोग अब हमेशा करेंगे तो क्यों न गोल्डन मास्क बनवाया जाए.बाजार में कई तरह के मास्क आ रहे हैं.

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डिजाइनर मास्क, सर्जिकल मास्क, कपड़ों के साथ मैचिंग वाले मास्क, बहुत से मास्क, लेकिन इन महाशय ने तो गोल्डन मास्क ही बनवा लिया जो कि 24 कैरेट के शुद्ध सोने से बना है. इनका नाम शंकर कुराडे है, ये पुणे जिले के पिंपरी-चिंचवाड़ा के रहने वाले हैं.शंकर के मास्क की कीमत 2.89 लाख रुपये है. दरअसल बात ये है कि शंकर कुराडे को सोने का बहुत शौक रहा है हमेशा से. वो बदन पर लगभग तीन कीलो तक का सोना तो रहता ही है या शायद उससे ज्यादा भी रहता है. शंकर ने अपने दसों उंगलियों तक में सोने की अंगूठीयां पहन रखी हैं. सोने का ब्रेसलेट भी पहना है साथ ही में अपने गले में सोने की मोटी-तगड़ी चेन भी पहने रखी है. शंकर का ये अनोखा मास्क दिखने में पतला है और उनके मास्क में होल भी काफी ताकी सांस ले सके. अब भाई लोगों के शौक तो शौक ही हैं जो उनसे क्या ना करवा दें. अब भाई शायद इनके पास पैसों भंडार है या तो सोने की खदान हो सकती है तभी तो इतना सोना इनके बदन पर दिनभर रहता है.वरना आप व्यक्ति तो इसे तिजोरी में संभाल कर रखेंगे.

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Unlock के इंतजार में बुढ्ढे हुए Shilpa Shetty और Raj Kundra, वायरल हुए मीम्स

आम आदमी हो या कोई सेलेब्रिटी, हर कोई लौकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहा हैं. वहीं फिल्म इंडस्ट्री के सबसे ब्यूटीफुल कपल में से एक बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा भी लौकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच पति राज कुंद्रा ने सोशल मीडिया पर मजेदार मीम शेयर करते हुए अपने दिल की बात फैंस के सामने रखी है, जो सोशलमीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. आइए आपको दिखाते हैं शिल्पा शेट्टी के लिए राज कुंद्रा का मजेदार मीम….

बूढे होने का मीम किया शेयर

शेयर किए गए एक मीम में राज कुंद्रा और उनकी पत्नी शिल्पा शेट्टी दोनों ही बूढ़े दिख रहे हैं. साथ ही इस मीम को शेयर करते हुए राज कुंद्रा ने कैप्शन में लिखा, ‘बेबी ये लॉकडाउन कब खत्म होगा.’ इन पोस्ट्स को देखखर शिल्पा शेट्टी ने हंसी की इमोजी शेयर करते हुए लिखा है, ‘आप पागल हैं…’ .

 

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Yeh lockdown kab khatam hoga?? The question everyone is asking 😂😂🤪😇 @theshilpashetty any idea?? #RajFuntra #Funjabi

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धड़कन की सीन किया रिक्रेएट

 

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Chalo at least we getting some ‘me’ time 😂😂 @theshilpashetty #lockdown #rajfuntra #funjabi #punjabi #dhadkan

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इतना ही नहीं, राज कुंद्रा ने एक और मीम सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें वो ‘धड़कन’ के अक्षय कुमार की तरह शिल्पा शेट्टी को बांहों में लिए हुए सरसों के खेत में खड़े नजर आ रहे हैं. और इसके साथ कैप्शन में लिखा, ‘दिल ने ये कहा है दिल से… लॉकडाउन बढ़ रहा है फिर से…’. शिल्पा शेट्टी संग अपने इस मीम को शेयर करते हुए राज कुंद्रा ने लिखा है, ‘चलो इस बहाने हम कुछ मी टाइम तो बिता पा रहे हैं.

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बता दें, शिल्पा शेट्टी इन दिनों अपनी बेटी समीशा को लेकर सोशलमीडिया पर काफी सुर्खियों में हैं. वह अक्सर अपनी बेटी संग फोटोज शेयर करती रहती हैं, जिसे फैंस काफी पसंद करते हैं. ज्ञात हो कि शिल्पा शेट्टी की ये बेटी सरोगेसी के जरिए पैदा हुई हैं.

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