मैं अपनी बीवी की एक असंगत समस्या से परेशान हूं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं विवाहित युवक हूं. अपनी बीवी की एक असंगत समस्या से परेशान हूं. जब भी रात को हम सहवास करने के लिए बिस्तर पर जाते हैं, तो पत्नी पूछती है कि करोगे क्या? उठो करो. इससे मैं खीज जाता हूं कि न कोई फोरप्ले, न कोई उत्साह. कृपया बताएं कि क्या करूं कि बीवी अपना व्यवहार बदले और हम दोनों सहवास का पूरा-पूरा आनंद उठा सकें?

जवाब-

आप अपनी पत्नी को समझाएं कि सहवास अन्य दैनिक कार्यों से अलग क्रिया है. यह वह कार्य नहीं है जिसे झटपट निबटा लिया जाए. इस में तन के साथसाथ मन से भी सक्रिय होना होता है, इसलिए हड़बड़ी न मचाए. सहवास में प्रवृत्त होने से पहले स्पर्श, आलिंगन, चुंबन आदि रतिक्रीड़ाएं करनी चाहिए. इस से मजा दोगुना हो जाता है. यदि आप पत्नी को प्यार से समझाएंगे तो वह आप की बात पर जरूर गौर करेगी. उस के बाद सहवास दोनों के लिए रुचिकर हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- 

लगभग एक साल पहले भंवरताल गार्डन जबलपुर में रहने वाली आयशा ने स्वास्थ्य महकमे में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात अपने पति डा. शफातउल्लाह खान की हत्या इसलिए करवा दी थी, क्योंकि उस का पति अपने विभाग की कई महिला कर्मचारियों से अवैध संबंध रखता था. अपनी अय्याशी की वजह से पत्नी के साथ संबंध भी नहीं बनाता था और पत्नी को प्रताडि़त करता था. हद तो तब हो गई जब पति ने पत्नी की नाबालिग भतीजी को अपनी हवस का शिकार बना लिया और इस से नाबालिग को गर्भ ठहर गया. तंग आ कर पत्नी ने सुपारी दे कर उस की हत्या करवा दी. इसी तरह दिसंबर 2019 में नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव थाना क्षेत्र में एक युवक आशीष की हत्या उस के दोस्त पंकज ने इसलिए कर दी थी, क्योंकि आशीष ने पंकज की पत्नी से सैक्स संबंध बना रखे थे.

ये घटनाएं साबित करती हैं कि समाज में बढ़ते व्यभिचार और विवाहेत्तर संबंधों के कारण अपराधों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है. आमतौर पर विवाह होने के बाद पति और पत्नी के बीच के सैक्स संबंध प्रारंभ के कुछ वर्षों में तो ठीक रहते हैं, परंतु बच्चों के जन्म के बाद पार्टनर की जरूरतों पर पर्याप्त ध्यान न देना और सैक्स संबंधों के प्रति लापरवाही कलह का कारण बन जाते हैं.

सैक्स स्पैशलिस्ट बताते हैं कि सुखद सैक्स उसी को माना जाता है जिस में दोनों पार्टनर और्गेज्म पा सकें. यदि पतिपत्नी सैक्स संबंधों में एकदूसरे को संतुष्ट कर पाने में सफल होते हैं तो उन के दांपत्य संबंधों की कैमिस्ट्री भी अच्छी रहती है.

राकेश और प्रीति की शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं. उन की 2 साल की एक बेटी भी है, परंतु बेटी के जन्म के साथ ही प्रीति का ध्यान अपनी बेटी में ही रम गया है. पति की छोटीछोटी जरूरतों का ध्यान रखने वाली प्रीति अब पति के प्रति बेपरवाह सी हो गई है. कभी रोमांटिक मूड होने पर राकेश सैक्स संबंधी बातों के साथ जब सैक्स करने की पहल करता है तो प्रीति उसे यह कह कर झिड़क देती है कि तुम्हें तो बस एक ही चीज से मतलब है. इस से राकेश कुंठित हो कर चिड़चिड़ाने लगता है. वह अपनी कामेच्छा को मन मसोस कर दबा लेता है, परंतु सैक्स न करने की कुंठा से उस के मन में कहीं और शारीरिक संबंध बनाने के खयाल भी आने लगते हैं. प्रीति जैसी अनेक महिलाओं का यही व्यवहार राकेश जैसे पुरुषों को दूसरी स्त्री के साथ संबंध बनाने को प्रोत्साहित करता है.

जिस तरह स्वादिष्ठ भोजन करने के बाद कुछ और खाने की इच्छा नहीं होती, ठीक उसी तरह सैक्स क्रिया से संतुष्ट पतिपत्नी अन्यत्र सैक्स के लिए नहीं भटकते. दांपत्य जीवन में सुख प्राप्त करने के लिए पतिपत्नी को उन की सैक्स जरूरतों का भी ध्यान रखना चाहिए.

सैक्स की पहल आम तौर पर पति द्वारा की जाती है. पत्नी को भी चाहिए कि वह सैक्स की पहल करे. पतिपत्नी में से किसी के भी द्वारा की पहल का स्वागत कर सैक्स संबंध स्थापित कर एकदूसरे की संतुष्टि का खयाल रख कर विवाहेत्तर संबंधों से बचा जा सकता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- क्यों बनते हैं विवाहेत्तर संबंध

Summer special: घर पर बनाएं चौकलेट ओरियो कौफी

अगर आप समर में अपने बच्चों के लिए कुछ टेस्टी बनाना चाहते हैं तो चौकलेट ओरियो कौफी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. चौकलेट ओरियो कौफी को आप आसानी से स्नैक्स के साथ परोस सकते हैं.

हमें चाहिए- 

–  जरूरतानुसार चौकलेट

–  थोड़ा सा चौकलेट सिरप

–  2-3 ओरियो बिसकुट

– 1/2 छोटा चम्मच कौफी

ये  भी पढ़ें- Summer special: दोपहर के खाने में चावल के साथ परोसें टेस्टी कढ़ी

–  चीनी स्वादानुसार

–  जरूरतानुसार आइस क्यूब्स

–  थोड़े से करीपत्ते कटे

–  थोड़ी सी वैनिला आइसक्रीम

–  1 कप दूध.

बनाने का तरीका-

मिक्सर ग्राइंडर जार में चौकलेट, ओरियो बिसकुट, कौफी और चीनी डाल कर पीस लें. अब आइस क्यूब्स, थोड़ी वैनिला आइसक्रीम और दूध डाल कर दोबारा मिक्सर चला कर कौफी तैयार करें. कांच के गिलास की अंदरूनी सतह पर चौकलेट सिरप की कोटिंग कर थोड़ी सी वैनिला आइसक्रीम डाल कर तैयार कौफी डालें और सर्व करें.

ये  भी पढ़ें- Summer special: डेजर्ट में बनाएं केसर फिरनी

Barrister Babu में नजर आ सकती हैं Devoleena Bhattacharjee, ये है वजह

कोरोनावायरस के बढ़ते कहर के बीच मुंबई के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जरूरी गाइडलाइन्स के साथ टीवी और फिल्मों की शूटिंग शुरू करने की मंजूरी दे दी, जिसके साथ ही कुछ सीरियल्स की शूटिंग भी शुरू हो गई है. वहीं अब लॉकडाउन के बाद शो के निर्माताओं ने जहां कुछ शो बंद करने का फैसला लिया है तो कुछ शोज में लीप लाने का फैसला किया है, जिसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं. कलर्स चैनल के हाल ही में शुरू हुए सीरियल ‘बैरिएस्टर बाबू’ (Barrister Babu) के मेकर्स ने शो में लीप लेने का फैसला किया है. आइए आपको बताते हैं क्या होगी शो में आगे की कहानी….

8 साल की बच्ची की है कहानी

खबरों की मानें तो ‘बैरिएस्टर बाबू’ के मेकर्स इस सीरियल में जल्द ही लीप लाने वाले हैं और लीड रोल के लिए उन्हें नए चेहरों की तलाश है. दरअसल  ‘बैरिएस्टर बाबू’ की कहानी बोंदिता दास नाम की एक आठ साल की बच्ची की है, जिसमें चाइल्ड आर्टिस्ट औरा भटनागर नजर आ रही थीं. वहीं टीवी फैटरनिटी को मिली नई गाइडलाइन्स के तहत सेट पर बच्चों का आना अलाउड नहीं होगा. ऐसे में ‘बैरिएस्टर बाबू’ के मेकर्स को ना चाहकर भी लीप लेना होगा, जिसके चलते नई बोंदिता की तलाश शुरू कर दी गई है.

ये  भी पढ़ें- कोरोनावायरस की चपेट में आईं ‘ये रिश्ता…’ फेम मोहेना कुमारी, परिवार समेत 17 स्टाफ मेंबर हुए क्वारंटाइन

देबोलिना आ सकती हैं नजर

 

View this post on Instagram

 

Eid Mubarak

A post shared by Devoleena Bhattacharjee (@devoleena) on

रिपोर्ट के मुताबिक ‘बैरिएस्टर बाबू’ की कास्टिंग टीम ने बोंदिता के लिए एक्ट्रेस की तलाश शुरू कर दी है. साथ ही सुनने में आ रहा है कि इस शो के लिए ‘बिग बॉस 13’ फेम देवोलीना भट्टाचार्जी (Devoleena Bhattacharjee) को भी अप्रोच किया जा चुका है. वहीं अगर देबोलिना इस रोल के लिए हां कह देती हैं तो उनका नया रोल देखना दिलचस्प होगा.

बता दें, बिग बौस 13 में धमाल मचाने से पहले एक्ट्रेस देवोलीना भट्टाचार्जी सीरियल ‘साथ निभाना साथिया’ में अहम रोल निभा चुकी हैं. इस सीरियल में देबोलिना ने गोपी बहू का किरदार निभाकर लाखों-करोड़ों दिलों को जीत लिया था और उनकी सती सावित्री वाली इमेज बन गई थी. लेकिन बिग बॉस 13 के जरिए देवोलीना भट्टाचार्जी ने अपने बोल्ड और दिलचस्प अंदाज में खूब सुर्खियां बटोरी, लेकिन खराब हेल्थ के चलते उन्हें बीच में ही शो को अलविदा कहना पड़ा था.

ये  भी पढ़ें- Hardik Pandya ने फैंस को दी पिता बनने की खुशखबरी, 5 महीने पहले इस एक्ट्रेस संग की थी सगाई

महामारी की महामार: कम्युनिटी ट्रांसमिशन की जकड़न में भारत

जिंदगियां लीलने, रोजगार छीनने, अर्थव्यवस्था को पंगु बनाने के साथ कोविड महामारी ने अब भारत को कम्युनिटी ट्रांसमिशन में जकड़ लिया है. नोवल कोरोना के फैलाव को रोकने में महामारी एक्सपटर्स की अनदेखी कर सरकार ने जो रणनीति अपनाई वह धराशाई हो गई है.

स्वास्थ्य और महामारी से जुड़े विशेषज्ञों ने कोरोना संक्रमण की  रोकथाम के सरकार के तौरतरीकों की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि इस स्थिति में यह संक्रमण रोका नहीं जा सकता है.

इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन (आईपीएचए), इंडियन एसोसिएशन औफ प्रिवैंटिव ऐंड सोशल मैडिसिन (आईएपीएसएम) और इंडियन एसोसिएशन औफ़ एपीडेमियोलौजिस्ट्स (आईएई) के विशेषज्ञों ने एक साझे बयान में सरकार की कड़ी आलोचना की है. इन्होंने कहा है, “यह उम्मीद करना अव्यावहारिक है कि इस स्थिति में कोरोना को ख़त्म किया जा सकता है क्योंकि देश के बड़े हिस्से में सामुदायिक संक्रमण अच्छी तरह स्थापित हो चुका है.”

गौरतलब है कि सरकार अब तक यह दावा करती आई है कि सामुदायिक संक्रमण अब तक शुरू नहीं हुआ है. स्वास्थ्य विभाग में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल कई बार कह चुके हैं कि सामुदायिक संक्रमण शुरू नहीं हुआ है. जबकि, औल इंडिया इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइसेंज यानी एम्स के महानिदेशक ने मशहूर पत्रकार करण थापर को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि ऐसे कई इलाक़े हैं जहां सामुदायिक संक्रमण नहीं है, लेकिन ऐसे कई दूसरे इलाक़े भी हैं जहाँ सामुदायिक संक्रमण हुआ है.

सख़्त लौकडाउन के बावजूद संक्रमण:

तीनों एसोसिएशनों के साझे बयान में कहा गया है कि 25 मार्च से 3 मई तक का लौकडाउन बहुत ही सख़्त रहा है, इस के बावजूद संक्रमण बहुत फैला है.

साझे बयान में यह भी कहा गया है कि यह लौकडाउन एक मौडल के नतीजों के आधार पर लगाया गया, लेकिन वह मौडल बहुत ही बुरा था, उस से बुरा हो नहीं सकता.

कोविड से बचाव के लिए सरकार द्वारा गठित नेशनल टास्क फोर्स यानी राष्ट्रीय कार्यबल के 16 सदस्यीय संयुक्त समूह में आईएपीएसएम के पूर्व अध्यक्ष और एम्स दिल्ली में सामुदायिक चिकित्सा केंद्र के प्रमुख डा. शशिकांत, आईपीएचए के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सीसीएम एम्स के प्रोफैसर डा. संजय के राय, सामुदायिक चिकित्सा, आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी के पूर्व प्रोफैसर और प्रमुख डा. डीसीएस रेड्डी, डीसीएम और एसपीएच पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के पूर्व प्रोफैसर और प्रमुख डा. राजेश कुमार शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद, अमेरिका में काले लोगों ने किया हिंसक प्रदर्शन

महामारीविदों से राय नहीं ली:

इन विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि महामारी से निबटने के उपायों संबंधी निर्णय लेते समय महामारीविदों से सलाह नहीं ली गई. बयान में कहा गया है , “ भारत सरकार ने महामारीविदों से परामर्श लिया होता जिन्हें अन्य की तुलना में इस की बेहतर समझ होती है तो शायद बेहतर उपाय किए जाते.” विशेषज्ञों ने कहा, ऐसा लगता है कि मौजूदा सार्वजनिक जानकारी के आधार पर सरकार को चिकित्सकों और अकादमिक महामारी विज्ञानियों द्वारा सलाह दी गई थी. उन्होंने कहा, ‘‘नीतिनिर्माताओं ने स्पष्ट रूप से सामान्य प्रशासनिक नौकरशाहों पर भरोसा किया जबकि इस पूरी प्रक्रिया में महामारी विज्ञान, सार्वजनिक स्वास्थ्य, निवारक चिकित्सा और सामाजिक वैज्ञानिकी क्षेत्र के विशेषज्ञों की भूमिका काफी सीमित थी.”

लौकडाउन के कठोर नियमों की आलोचना:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में इन विशेषज्ञों ने लौकडाउन को क्रूर बताया है और कहा है कि लौकडाउन की कठोर सख्ती, नीतियों में समन्वय की कमी की कीमत अब भारत को चुकानी पड़ रही है.

मजदूरों को मिलनी चाहिए थी घर जाने की इजाजत:

पीएम को लिखे पत्र में विशेषज्ञों ने कहा है कि यदि इस महामारी की शुरुआत में ही, जब संक्रमण की रफ्तार कम थी, मजदूरों को घर जाने की अनुमति दे दी गई होती तो मौजूदा हालत से बचा जा सकता था. शहरों से लौट रहे मजदूर अब देश के कोनेकोने में संक्रमण ले जा रहे हैं, इस से ग्रामीण और कसबाई इलाके प्रभावित होंगे जबकि स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं.

डब्लूएचओ के निर्देश के उलट भारत:

मालूम हो कि हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ ने अपने सदस्य देशों को निर्देश जारी किया था कि कोरोना वायरस के इलाज में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन खतरनाक साबित हो सकती है. इसीलिए इस के ट्रायल बंद कर दें. लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों ने न सिर्फ इस दवा पर शोध किया बल्कि देश के डाक्टरों से कहा है कि कोरोना वायरस इलाज में इस दवा से बचाव हो सकता है.

इंडियन काउंसिल औफ मैडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने अपने ताजा शोध  में कहा है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की दवा लेने पर कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे में कमी देखी गई है.

यह लड़ाई, दरअसल, भारतीय दवा बनाम अंतर्राष्ट्रीय गुट है. ज्यादातर पश्चिमी देशों के वैज्ञानिक और दवा कंपनियां भारत की बेहद सस्ती दवाओं के उपचार को ले कर हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश में रहती हैं. कोरोना वायरस का इलाज मलेरिया से बचाव के लिए बनी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन से संभव है.

यह सच है कि अगर कोरोना वायरस से बचाव के लिए इस सस्ती दवा का उपयोग बढ़ जाए तो पश्चिमी देशों की दवा कंपनियों को करोड़ो रुपयों का नुकसान हो जाएगा. यही कारण है कि उन की लौबी डब्लूएचओ पर दबाव बना कर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के सभी ट्रायल बंद करना चाहती है.

ये भी पढ़ें- #coronavirus: लौकआउट की ओर नौरमल नहीं, कहिए न्यूनौरमल लाइफ

बहरहाल, अब यह देखना है कि वायरस देश में तांडव मचाने में किस हद तक खूंखार हो पाता है और वहीं हमारी सरकार उस को शिकस्त देने के लिए अब कैसी रणनीति अपनाती है. उम्मीद की जानी चाहिए कि केंद्रीय हुकूमत आने वाले दिनों में गलती दोहराएगी नहीं.

#coronavirus: आदत और जरूरत में अंतर सीखने का समय !

कोरोना को हारने के लिए लॉक डाउन का दौर ना केवल अपने देश में चल रहा है , जबकि इस समय कोरोना को लेकर यह दौर पूरा विश्व में चल रहा है. अमेरिका में कभी ना बंद होने वाली सड़के बंद है, मडरिस बंद , पेरिस बंद है और बंद है कभी ना रुकने वाला मास्को शहर. इटली में रोम साम्राज्य के विरासत स्थल जो पर्यटक से भरे रहते थे. आज सन्नाटे के इस दौर से गुजर रहे है.

इस नाजुक दौर में विश्व के विभिन्नय धर्म,जाति एवं समुदाय के लोग के दिलों दिमाग में बस एक है बात गुज रहा है कि लोगो को कैसे बचा लिया जाये. यह गुज मानव व्यवहार और सोच को बदल कर रख देगा. यह समय है मानव जाति को महामारी से बचने का, यह समय है आदत और जरूरत में  अंतर समझने का. हथियारों के होड़ से निकल कर मानव जाति के बारे में सोचना होगा. धर्म के प्रसार से ऊपर उठाकर अनुवाईयों के जीवन के बारे में सोचना होगा. साथ ही कुषोषण मुक्त विश्व से आगे बढ़ाते हुए भुखमरी को रोकना होगा.

ये भी पढ़ें- #lockdown: ऐसा देश जिसे कोरोनावायरस की चिंता नहीं

संयम का यह दौर हमारे अहंकार को मिटा सकता है, पड़ोसी के कुशल-मंगल के बारे में जान सकते है. गिला – शिकवा दूर कर सकते है.  अगर हर व्यक्ति अगर ठान ले कि अपने देश के लिए ही उसे सुरक्षित रहना है, तो हम सभी एक दूसरे के काम आएंगे. इस तरह देश के साथ विश्व भी सुरक्षित होगा .

जाहिर तौर पर कोरोना के खिलाफ जंग लड़नी है तो सामाजिक व्यवस्था के सरोकार ऊंचे करने पड़ेंगे. नहीं तो परिणाम दुखद होगा . अभी तक 8 लाख से अधिक लोग इस महामारी से प्रभावित हो गए है . वही पुरे विश्व में करीब 50 हजार से अधिक लोग काल के मुंह में चले गए. अभी कितने जायेंगे कहा नहीं जा सकता. ना कि कोई अनुमान लगाया जा सकता है . लेकिन जागरूपता से इसके फैलाव को रोका जा सकता है . वही भविष्य के लिए भी तैयारी किया जा सकता है .

ये भी पढ़ें- #lockdown: आग से निकले कढ़ाई में गिरे, गांव पहुंचे लोग हो रहे भेदभाव का शिकार

कौलेज के लिए परफेक्ट रहेगा बौलीवुड एक्ट्रेसेस के डैनिम लुक

अगर आप समर सीजन में डैनिम जींस की जगह स्कर्ट या शौर्ट्स ट्राई करें तो यह आपके लुक के लिए बेस्ट औप्शन होगा. आज हम आपको बौलीवुड सेलेब्स के कुछ डैनिम स्कर्ट या शौर्ट्स के कौम्बिनेशन बताएंगे, जिसे आप कौलेज के लिए आसानी से कैरी कर सकते हैं. साथ ही आपके लुक को स्टाइलिश और ट्रैंडी भी बना सकती हैं.

अनन्या पांडे का ये लुक कौलेज के लिए करें ट्राई

ananya-denim-look

हाल ही में स्टूडेंट औफ द ईयर 2 से बौलीवुड में डेब्यू करने वाली ऐक्ट्रेस अनन्या पांडे का कौलेज लुक गर्ल्स के बीच क्रेज का टौपिक बन गया है. अनन्या भी इन दिनों समर सीजन को ध्यान में रखते हुए फुल डैनिम लुक में नजर आ रही हैं, जिसे आप कौलेज के लिए ट्राई कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- वर्कआउट के ट्राई करें बौलीवुड के ये 4 जिम आउटफिट

तारा सुतारिया का डेनिम लुक जरूर करें ट्राई

 

tara-sutaria-denim-fashion

बौलीवुड में हाल ही डेब्यू करने वाली तारा सुतारिया अपने सिंपल लुक के लिए फेमस हो रही हैं. आप भी अगर अपने कौलेज के लिए सिंपल लुक ट्राई करना चाहती हैं तो ये लुक एकदम परफेक्ट होगा. सिंपल औफ स्लीव टौप के साथ डेनिम के शौर्ट्स और वाइट शूज के कौम्बिनेशन को आप कम्फरटेल तरीके से समर में ट्राई कर सकते हैं.

दिशा पाटनी का हौट लुक भी कौलेज के लिए करें ट्राई

disha-patani-denim-fashion

बागी ऐक्ट्रेस दिशा पाटनी भी कई मौकों पर डेनिम स्कर्ट या शौर्ट्स में नजर आ चुकी हैं. ग्रेइश ब्लू कलर के औफ शोल्डर क्रौप टौप के साथ डेनिम शौर्ट्स को टीमअप कर पहनना हो या फिर वाइट सिंपल टॉप और डेनिम जैकेट के साथ डेनिम शौर्टस ट्राई कर सकती हैं. वहीं अगर इसके साथ औप हील्स की जगह शूज पहनेंगी तो यह आपके लुक को कूल और स्टाइलिश बना देगा.

ये भी पढ़ें- 4 टिप्स: प्रेग्नेंसी में ट्राई करें समीरा रेड्डी के ये लुक्स

हिना खान का फुल डेनिम लुक भी करें ट्राई

hina-khan-denim-fashion

टीवी में कौमोलिका के हौट अवतार में नजर आने वाली एक्ट्रेस और कान्स 2019 में बेहतरीन डेब्यू करने वाली हिना खान भी कई बार डेनिम स्कर्ट लुक में नजर आ चुकी हैं. अगर आप डैनिम के ज्यादा शौर्ट ड्रेसेस ट्राई नही करना चाहती हैं तो हिना का यह डेनिम शौर्ट ड्रेस लुक आपके लिए परफेक्ट होगा.

Hyundai #WhyWeLoveTheVenue: वेन्यू में चार्जिंग पोर्ट के लिए है खास इंतजाम

जरा सोचिए आप एक पूरी तरह से भरी हुई कार में ट्रेवल कर रहे हैं और पांच लोग जिनके पास अलग-अलग डिवाइस हैं वो चार्जिंग पोर्ट के लिए लड़ रहे हैं. खैर, अगर आप हुंडई वेन्यू में होते तो इस तरह की लड़ाई से बच जाते क्योंकि इस गाड़ी में एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन यूएसबी पोर्ट्स हैं.

बीच में लगा यूएसबी पोर्ट एंड्रायड ऑटो और एप्पल कारप्ले को इंफोटेनमेंट स्क्रीन से जोड़ने का काम करता है. सिर्फ इतना ही नहीं इसके अलावा इस कार में एक वायरलेस चार्जिंग पैड भी है जिससे आप अपना स्मार्टफोन कनेक्ट कर सकते हैं और पूरी तरह से चार्ज डिवाइस के साथ सफर की मंजिल तक पहुंच सकते हैं.

ये भी पढ़ें- Hyundai #WhyWeLoveTheVenue: कंफर्टेबल साइज की वजह से वेन्यू बनी सबकी पसंद

अब आप सोचेंगे कि पीछे बैठे यात्रियों का क्या? तो हम बता दें कि पीछे की सीट का ध्यान रखते हुए वेन्यू 12 वोल्ट आउटलेट के साथ आता है इसलिए वहां बैठने वालों को भी कोई परेशानी नहीं होती है. अब तो आप समझ ही गए होंगे कि चार्जिंग की सुविधा भी वेन्यू को पसंद करने की एक खास वजह है.

Dr S. K. Jain: जानें कैसे बढ़ाएं सेक्स पावर?

नुपुर और मुकुल की नई-नई शादी हुई थी. दोनों काफी खुश थे. हनीमून के लिए दोनों नैनीताल भी गए. दोनों ही इस सफर के लिए काफी एक्साइटेड थे. नुपुर और मुकुल के परिवार वाले भी दोनों की बढ़ती नजदीकियों से खुश थे. लेकिन आगे जो हुआ वो किसी ने भी नहीं सोचा होगा. दोनों का हनीमून दो हफ्तों का था, लेकिन नुपुर 5 दिन बाद ही अकेले वापस आ गई और फिर बिना कुछ कहे ही वापस अपने मायके चली गई.

घरवाले नुपुर के इस बर्ताव से बेहद हैरान हुए और मुकुल के लिए परेशान भी हुए. अगले कुछ दिनों तक जब मुकुल का कुछ पता नहीं चला तो सब नुपुर को दोष देने लगे. इतने दिनों से चुप्पी साधी हुई नुपुर ने भी अपनी जुबान खोल दी- कि वो आप लोगों को शक्ल नहीं दिखाना चाहते. तब नुपुर की जेठानी और भाभी ने अकेले में उससे बात की जहां ये बात सामने आई है. नुपुर के मुताबिक मुकुल सेक्स करते समय उसे बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं कर पा रहा था. नुपुर ने तो कुछ भी नहीं कहा लेकिन मुकुल ये बात सह नहीं पाया और उसे वापस भेज दिया.

इसके बाद मुकुल का अच्छा दोस्त सुमित उससे मिलने के लिए नैनीताल गया और उसे डॉक्टर एस के जैन के बारे में बताया. जो पिछले कई समय से ऐसी ही समस्याओं का इलाज कर रहे थे. सुमित ने मुकुल को डॉक्टर एस के जैन के कई सफल केसेस के बारे में बताया, जिसके बाद ही वो डॉक्टर एस के जैन से मिलने पहुंचा.

डॉक्टर एस के जैन ने की मदद

डॉक्टर एस के जैन ने यहां नुपुर और मुकुल की काउंसलिंग की और दोनों से काफी बाते की. डॉक्टर एस के जैन के लिए दोनों की प्रॉब्मल कोई बड़ी बात नहीं थी. पहले भी उनके पास ऐसे कई पेशेंट आ चुके हैं. डॉक्टर एस के जैन की सलाह मानकर दोनों ने फिर से एक-दूसरे को मौका दिया और कुछ ही वक्त में अपनी शादीशुदा जिंदगी में वापस लौट गए. मुकुल तो सबसे यही कहता है- आपकी सेक्स लाइफ में भी अगर कोई समस्या है तो बिना यहां वहां भटकने के बजाय सीधे डॉक्टर एस के जैन से मिले और अपना इलाज करवाएं.

ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करें…..

sk-jain

आइए जानते हैं सेक्स पावर कम होने के लक्षण और कारण और साथ ही जानते हैं सेक्स पावर बढ़ाने के नुस्खे…

सेक्स पावर कम होने के लक्षण

सेक्स पावर होने पर पर आपको निम्न तरह के लक्षण महसूस होते हैं.

– यौन उत्तेजना न होना.

– शीघ्रपतन होना.

– चरम सुख (ओर्गेज्म) की अवधि कम होना.

– सेक्स के दौरान संतुष्टि प्राप्त न होना.

– यौन प्रदर्शन में कमी आना.

सेक्स पावर कम होने के कारण

सेक्स पावर कम होने के कई कारण हो सकते हैं. जिनमें से कुछ मुख्य कारणों के बारे में आगे बताया जा रहा है.

  • टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होना.
  • सेक्सुअल स्टेमिना में कमी आना.
  • नपुंसकता.
  • अधिक आयु होना.
  • तनाव व चिंता से ग्रसित होना.
  • दीर्घकालिक रोग, जैसे – डायबिटीज व हृदय रोग होना.

सेक्स पावर बढ़ाने के उपाय और तरीके

सेक्स पावर बढाने के उपाय रखें तनाव से दूरी : सेक्स पावर को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने के लिए आपको तनाव से दूर रहना चाहिए. तनाव से आपके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. एक अध्ययन में इस बात का पता चला है कि तनाव व्यक्ति की सेक्सुअल गतिविधियों को प्रभावित करता है. तनाव के कारण हृदय गति असामान्य हो जाती है. इसके साथ ही साथ तनाव के कारण हाई बीपी की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है. यह दोनों ही रोग आपकी यौन गतिविधि पर बुरा असर डालते हैं.

इसके अलावा तनाव से उत्तेजना में कमी और चरम सुख पर पहुंचना भी कठिन हो जाता है. अगर आपका साथी तनाव में है, तो आपको उनके तनाव को दूर करने के लिए उनकी पूरी सहायता करनी चाहिए. कई बार तनाव के कारण ही व्यक्ति शराब व नशे का आदि हो जाता है. नशे की आदत के कारण भी सेक्स पावर कम हो जाती है.

सेक्स पावर कैसे बढ़ाएं : सेक्स पावर बढ़ाने के लिए वैसे तो आपको कई उपाय बताएं गए हैं, परंतु इनके अलावा भी कुछ ऐसे उपाय है जिनके द्वारा आप अपनी सेक्स पावर को आसानी से बेहतर कर सकते हैं.

हस्तमैथुन करना हस्तमैथुन से आप अपनी सेक्स पावर को बढ़ा सकते हैं. अगर आप अपनी सेक्स पावर को बढ़ाना चाहते हैं तो आपको हस्तमैथुन से सहायता लेनी होगी, दरअसल इससे सेक्स करने की अवधि में वृद्धि होती है. इसको आप सेक्स करने से पहले की प्रैक्टिस की तरह भी देख सकते हैं. इसको करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि इसको ज्यादा करने से नुकसान भी हो सकता है.

रोजाना सेक्स न करें जिस तरह से किसी कार्य को रोजाना करने से आप उसमें बोरियत महसूस करने लगते हैं, ठीक ऐसे ही रोजाना सेक्स करने से आपको इससे बोरियत हो जाती है. सेक्स में बोरियत होने से आपके अंदर की यौनेच्छा में कमी आ जाती है. यौनेच्छा या कामेच्छा को बनाएं रखने के लिए आपको नियमित सेक्स करने की आदत को बदलना होगा. इसकी जगह पर आप एक या दो दिन के अंतराल में सेक्स करें. जिससे आपको सेक्स के दौरान बोरियत भी महसूस नहीं होगी और आप अपनी सेक्स पावर को महसूस भी कर पाएंगे.

सेक्स पावर इनक्रीस करें सूर्य की किरणों से : सूर्य की किरणों से कई तरह की बीमारियों को इलाज किया जा सकता है. मेलाटोनिन (Melatonin; नींद की प्रक्रिया को नियमित करने वाला हार्मोन) के कम व ज्यादा होने का प्रभाव आपकी यौन इच्छा पर पड़ता है. कहा जाता है कि सर्दियों में यह हार्मोन अधिक स्त्रावित होता है. इससे बचने के लिए आपको सूर्य की किरणों में कुछ देर बैठना चाहिए. सेक्स पावर को बढ़ाने के लिए यह एक कारगर उपाय है. इतना ही नहीं सूर्य की किरणों में बैठने से आपका रक्त संचार सही होता है और आप पहले के मुकाबले अधिक सक्रिय हो जाते हैं.

प्याज है सेक्स पावर बढ़ाने का तरीका : अगर आप अपनी सेक्स पावर को बढ़ाने के बारे में सोच रहें हैं तो आपको अपने आहार में प्याज को शामिल करना होगा. प्याज और यौन स्वास्थ्य पर हुई रिसर्च में पाया गया कि प्याज के सेवन से सेक्स पावर को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए आपको सफेद प्याज को काटकर और उसको मक्खन में भूनना होगा. आप हर दिन एक चम्मच इस प्याज का सेवन करें. अपने स्वाद के लिए आप इसमें शहद भी मिला सकते हैं. हर सुबह खाली पेट इस प्याज का सेवन करें. यह उपाय सेक्स पावर और शीघ्रपतन की समस्या को दूर करता है.

सेक्स पावर बढ़ाएं लहसुन से : आप लहसुन के कई फायदों के बारे में पहले से ही जानते होंगे, मगर आज आपको लहसुन से सेक्स पावर को बढ़ाने के उपाय बताए जा रहें हैं. सेक्स पावर को इनक्रीज करने के लिए आप रोजाना लहसुन की कलियों का सेवन करें. इससे आपकी यौन इच्छा में प्राकृतिक रूप से बढ़ोतरी होती है. लहसुन से सेक्स पावर बढ़ने का राज यह है कि इससे यौन अंगों के रक्त संचार में तीव्रता आती है. जिससे सेक्स के समय यौन अंगों में उत्तेजना लंबे समय तक बनी रहती है और आप अधिक समय तक सेक्स कर पाते हैं.

सेक्सुअल पावर बढ़ाता है बादाम : सेक्स पावर को बढ़ाने वाले प्राकृतिक तरीकों में आप बादाम का भी प्रयोग कर सकते हैं. बादाम पर हुए एक अध्ययन में पाया गया कि यह आपके शरीर की सेक्सुअल पावर को बढ़ाते हैं. इसके साथ ही साथ बादाम खाने से प्रजन्न क्षमता में भी वृद्धि होती है. बादाम में उच्च मात्रा में पोषक तत्व व खनिज पाएं जाते हैं. इसमें जिंक, सेलेनियम और विटामिन ई होता है, जिससे यौन स्वास्थ व प्रजन्न शक्ति में बढ़ोतरी होती है. अध्ययन यह भी बताते हैं कि जिंक यौन इच्छा को बढ़ाने के लिए भी काफी उपयोगी माना जाता है. इस वजह से साथी को संतुष्ट करने के लिए आप बादाम का नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं.

सेक्स पावर मेडिसिन है डार्क चॉकलेट : वैसे तो आपने कई बार चॉकलेट खाई होगी, लेकिन आप डार्क चॉकलेट के इस फायदे से अब तक अंजान होंगे. सेक्स पावर को बढ़ाने के लिए डार्क चॉकलेट किसी दवा की तरह ही काम करती है. डार्क चॉकलेट के सेवन से एंड्रोफिन (Endropihn; आपको आनंदित महसूस कराने वाला हार्मोन) स्त्रावित होता है. इसके अलावा डार्क चॉकलेट का स्वाद सभी को पसंद आता है. इसको खाने से भी आपकी सेक्स पावर में बढ़ोतरी होती है. अगर आप अधिक समय तक सेक्स नहीं कर पाते हैं तो आपको डॉर्क चॉकलेट का सेवन अवश्य करना

चाहिए, लेकिन आपको पहले से ही कोई समस्या हो तो आप डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करें.

सेक्स पावर बढ़ाने के लिए नशे से रहें दूर : सेक्स पावर को बढ़ाने के घरेलू नुस्खों में आपको अपनी बुरी आदतों को छोड़ना होगा. शराब पीना व धूम्रपान करने से कई तरह की हानि होती है. इससे आपकी सेक्स पावर में भी कमी आती है. एक अध्ययन के मुताबिक ऐसा इसलिए होता है क्योंकि धूम्रपान और शराब का सेवन करने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती है. इस वजह से पुरुषों में नंपुसकता की समस्या भी हो जाती है. इस समस्या से बचने के लिए आपको धूम्रपान और शराब की लत को छोड़ना होगा. इसकी जगह पर आप ताजे फल व सब्जियों का अधिक सेवन करें.

सेक्स पावर बढाये सही पोजीशन से : बताए गए उपायों से सेक्स पावर की समस्या सही होने पर आप विभिन्न सेक्स पोजीशन की मदद से अपनी पार्टनर को पूर्ण संतुष्टि प्रदान कर सकते हैं. कई बार आप एक ही तरह की सेक्स पोजीशन को करते-करते ऊब जाते हैं. ऐसे में आपको लगता है कि आपकी सेक्स पावर कम हो गई है, जबकि ऐसा होता नहीं है. सेक्स पोजीशन को बदलकर आप अपनी सेक्स लाइफ को पहले की तरह की रोमांचकारी और बेहतर बना पाएंगे. सेक्स पोजीशन को अपनाते समय आपको अपनी सहुलियत से ज्यादा साथी की सहुलियत पर ध्यान देना होगा. एक बार आप और साथी किसी सेक्स पोजीशन में सहज हो जाएं तो बाद में आप अपनी सेक्स पावर को भी प्रदर्शित कर सकते हैं. वहीं कई ऐसी सेक्स पोजीशन भी होती हैं जिनके द्वारा आप कम जोश दिखाए हुए भी साथी को पूरी संतुष्टि प्रदान कर सकते हैं.

Dr S.K. jain साहब से परामर्श हेतु उनकी Contact Details हैं……….

DR.SK JAIN BURLINGTON CLINIC PVT.LTD.

BURLINGTON CROSSING,28A VIDHAN SABHA MARG DENA BANK BULDING 1ST FLOOR LUCKNOW.

Mobile:-
9936604444, 8009024444, 8009034444, 9935117777.

Website visit us on :-
Www.drskjain.com
Email:-Drsaranshjain@gmail.com

रिश्ता और समझौता: भाग-1

अमेरिका के जेएफके अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे में सारी औपचारिकताओं को पूरा कर के जब अपना सामान ले कर सुमन बाहर आई तो उस ने अपनी चचेरी बहन राधिका को हाथ लहराते देखा. सुमन बड़ी मुसकान के साथ उस की ओर बढ़ी और फिर दोनों एकदूसरे से गले मिलीं.

‘‘अमेरिका के न्यूयौर्क में आप का स्वागत है सुमन,’’ कह कर राधिका ने सुमन के गाल पर किस किया.

सुमन ने भी उसे गले लगाया और फिर दोनों निकास द्वार की ओर बढ़ने लगीं.

राधिका, सुमन की चाची की बेटी है. वे लगभग हमउम्र हैं. दोनों का बचपन इंदौर में अपने नानाजी के घर में एकसाथ गुजरा था. हर छुट्टी पर परिवार के सभी सदस्य अपने नाना के घर इंदौर में इकट्ठा होते थे और उन दिनों की खूबसूरत यादें सुमन के दिमाग में अभी भी ताजा हैं. अपने नानानानी की मृत्यु के बाद सुमन की मां ने अपनी बहनों से अपना संपर्क बनाए रखा और वे अकसर मुंबई आती थीं. राधिका ने खुद सुमन के घर में रह कर मुंबई में ही कैमिस्ट्री में पौस्टग्रैजुएशन किया था और उस समय सुमन भी कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रैजुएशन कर रही थी. राधिका नौकरी के सिलसिले में न्यूयौर्क चली गई और सुमन को मुंबई में एक मल्टीनैशनल कंपनी में नौकरी मिल गई.

‘‘चाची और चाचा कैसे हैं,’’ गाड़ी को पार्किंग से बाहर निकालते हुए राधिका ने पूछा.

सुमन मुसकराते हुए बोली, ‘‘वे ठीक हैं.’’

अब दोनों ओर से चुप्पी थी. अमेरिकी धरती पर उतरते ही सुमन से कोई भी निजी सवाल पूछ कर राधिका उसे उलझन में नहीं डालना चाहती थी. इसी बीच सुमन का फोन बजा. आशीष का था. सुमन को झिझक हुई तो राधिका ने कहा, ‘‘तुम कौल लेने में क्यों संकोच कर रही हो?’’

ये भी पढ़ें- Short Story: मीठी छुरी- नवीन क्यों था चंचला की हकीकत से अनजान?

तब सुमन ने कहा, ‘‘हैलो.’’

‘‘हाय स्वीट हार्ट,’’ दूसरी ओर से आशीष की आवाज थी,‘‘तम न्यूयौर्क पहुंच गई हो… यात्रा कैसी रहीं. कोई कठिनाई तो नहीं हुई?’’ उस की आवाज में चिंता बहुत स्पष्ट थी.

‘‘हां आशीष मैं बिना किसी दिक्कत के न्यूयौर्क पहुंच चुकी हूं… सफर अच्छा था… बस थोड़ी थकान महसूस कर रही हूं.  मेरी बहन राधिका हवाईअड्डे मुझे लेने आ गई थीं. अब हम अपने घर जा रही हैं… मैं तुम्हें बाद में फोन करूंगी,’’ और फिर फोन काट दिया.

फिर घंटी बजी. सुमन की मां थीं. मां ने पूछा, ‘‘बेटा, तुम ठीक हो? क्या राधिका एअरपोर्ट आ गई थी? सुमन ने फोन राधिका को पकड़ा दिया. राधिका बोली, ‘‘मौसी मैं एअरपोर्ट कैसे नहीं आती… आप सुमन की चिंता न करो… वह यहां बिलकुल सुरक्षित है. हम घर पहुंच कर आप को फोन करते हैं.’’

‘‘ठीक है,’’ कह सुमन की मां ने फोन काट दिया.

राधिका का तीसरी मंजिल पर

3 बैडरूम वाला अपार्टमैंट था.

जैसे ही राधिका और सुमन ने घर में प्रवेश किया एक फिरंगी लड़की एक बैडरूम से बाहर आई और सुमन को गले लगा कर मुसकराते हुए उस का अभिवादन करते हुए बोली, ‘‘यूएस में आप का स्वागत है और आशा है कि आप मेरे साथ रहना पसंद करेंगी.’’

सुमन सोच में पड़ गई कि राधिका अकेली रह रही है तो यह लड़की कौन?

राधिका उसे कौफी का कप पकड़ाते हुए बोली,

‘‘सुमन यह जेनिफर है. हम ने इस अपार्टमैंट को मिल कर किराए पर लिया है. वह एक सौफ्टवेयर कंपनी में काम करती है और वे ही अपनी कंपनी में तुम्हें नौकरी दिलाने में मदद करने वाली है… न्यूयौर्क बहुत महंगा शहर है… हम इस तरह एक अपार्टमैंट अकेले किराए पर नहीं ले सकते. वह बहुत व्यस्त रहती है, इसलिए ज्यादातर खाना बाहर से मंगवाती है… हमारे बीच कोई समस्या नहीं. अब तुम भी आ गई तो हम तीनों अपार्टमैंट साझा कर सकती हैं,’’ राधिका ने कौफी पीते हुए कहा.

सुमन चुप रही. वैसे भी वह केवल 2 साल के लिए अमेरिका आई है और फिर भारत अपने प्रेमी आशीष के पास वापस चली जाएगी. इस बीच जब जेनिफर उन दोनों के पास आई तो वह औफिस जाने के लिए पूरी तरह तैयार थी. उस ने एक ईमेल आईडी देते हुए सुमन से कहा,‘‘राधिका ने मुझे बताया था कि आप को सौफ्टवेयर सैक्शन में नौकरी की जरूरत है और मैं उसी फील्ड में काम करती हूं… वास्तव में मेरी खुद की टीम में एक शख्स की जरूरत है. आज ही अपना सीवी इस आईडी पर भेजें ताकि जल्दी आप की नियुक्ति हो जाए. बाय… शाम को मिलते हैं,’’ और फिर राधिका को गले लगा अपनी गाड़ी की चाबी ले कर दफ्तर के लिए निकल गई.

‘‘तो क्या चल रहा है? सुमन तुम मुझ से दिल खोल कर बात कर सकती हो, क्योंकि हम केवल चचेरी बहनें ही नहीं बचपन की दोस्त भी हैं. याद है तुम्हें हम उन छोटेछोटे रहस्यों को कैसे साझा करते थे… मैं ने आज छुट्टी ले ली है ताकि तुम्हारे साथ समय बिता सकूं और तुम्हारी चीजों को व्यवस्थित करने के लिए मदद कर सकूं,’’ राधिका ने कहा.

सुमन ने लंबी सांस ली. मुंबई में अच्छी सैलरी वाली नौकरी से इस्तीफा दे कर

अमेरिका क्यों आई है, राधिका को यह बताने के लिए सुमन ने खुद को तैयार किया.

कुछ दिन पहले ही सुमन ने मां को पिता की मौजूदगी में बताया था.

‘‘सुमन तुम यह क्या कह रही हो? तुम

ऐसे सोच भी कैसे सकती हो,’’ उस की मां चिल्लाई थीं.

‘‘क्या आप ने सुना है कि आप की बेटी एक ऐसे लड़के से प्यार करती है, जो हमारी बिरादरी का नहीं है और इस से भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि वह उस के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहती है ताकि वे एकदूसरे को बेहतर तरीके से समझ सकें. फिर वे तय करेंगे कि शादी करनी है या नहीं,’’ यह कहते हुए सुमन की मां मुश्किल से सांस ले पा रही थीं.

ये भी पढ़ें- Short Story: एक सवाल- जब आकाश ने कोमल को अपनी जिंदगी से निकाल फेंका

सुमन की मां हर छोटी सी छोटी बात पर भी भावुक हो जाती है, उस के विपरीत उस के पिता एक संतुलित व्यक्ति हैं. उन्होंने ध्यान से अपनी बेटी की बात सुनी.

सुमन ने कहा, ‘‘पापा, आशीष और मैं एकदूसरे से प्यार करते हैं, लेकिन हम शादी में जल्दबाजी नहीं करना चाहते. मेरे अपने दफ्तर में 4 मित्र जोड़ों ने जल्दबाजी में शादी कर ली और फिर 1 साल के भीतर ही उन की शादी टूट गई. ऐसा इसलिए क्योंकि वे एकदूसरे को ठीक से समझे बगैर शादी कर बैठे. हम यह गलती नहीं दोहराना चाहते हैं. इन दिनों मुंबई में लिव इन रिलेशनशिप में रहना आम बात है. मेरे अपने दोस्त ऐसे ही रहते हैं. ऐसे साथ रहने से हम अपने साथी की ताकत और कमजोरी को समझ सकते हैं और एकदूसरे को बेहतर तरीके से जान सकते हैं. फिर तय कर सकते हैं कि एकदूसरे के लिए सही हैं या नहीं, हमारी शादी सफल हो सकती है या नहीं,’’ सुमन ने समझाया.

आगे पढ़ें- सुमन की मां बेशक सदमे की स्थिति में थीं, लेकिन…

रिश्ता और समझौता: भाग-2

सुमन की मां बेशक सदमे की स्थिति में थीं, लेकिन उस के पिता हमेशा की तरह शांत थे. उन्होंने सुमन को अपनी बगल में बैठाया और फिर बोले, ‘‘तुम्हारे दोस्तों की शादियां टूट गईं और तुम्हें लगता कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने एकदूसरे को समझे बिना जल्दबाजी में शादी की. इस मामले में मेरा खयाल है कि तुम दोनों 1-2 साल के लिए अपनी दोस्ती बरकरार रख कर एकदूसरे को समझने की कोशिश करो और फिर शादी कर लो. यह लिव इन रिश्ता क्यों?’’ रामनाथ ने पूछा.

सुमन ने कहा, ‘‘पापा यही समस्या है. दरअसल, जब हम दोस्त होते हैं तो हम हमेशा दूसरे व्यक्ति को केवल अपना बेहतर पक्ष दिखाते हैं. हम सभी का एक और पक्ष है, जिसे हम जानबूझ कर दूसरों से छिपाते हैं. विवाह में ऐसा नहीं है. आप को अपने पूरे जीवन में एक व्यक्ति के साथ मिलजुल कर रहना होगा और आप को छोटी सी छोटी चीजें जैसे खाने से ले कर पैसे तक बड़े मामलों पर दोनों के बीच सहमति की जरूरत होती है.

‘‘उदाहरण के लिए मेरी एक दोस्त ने अपने बौयफ्रैंड से 4 साल तक डेटिंग करने के बाद शादी की. लेकिन शादी के बाद ही उसे समझ में आ गया कि जिस से उस ने ब्याह किया वह एक पुरुषवादी व्यक्ति है. यद्यपि मेरी सहेली उस से अधिक कमा रही थी, फिर भी उस के पति ने उस के साथ बदसलूकी की और पुराने जमाने की पत्नियों की तरह अपने परिवार की सेवा करने के लिए उसे मजबूर किया. इस के अलावा मेरी सहेली से उस की कमाई का हिस्सा मांगा… दुख की बात तो यह है कि उस लड़के ने मेरी सहेली की अपने मातापिता को किसी भी रूप से सहायता करने से सख्त मनाकर दिया. जब हम दोस्त होते हैं तब हमें एक मर्द के इस पहलू को नहीं जान सकते, क्योंकि उस वक्त सभी इंसान अपना अच्छा पक्ष ही दिखाएगा,’’ सुमन ने बताया.

ये भी पढ़ें- Short Story: नई रोशनी की एक किरण

थोड़ी देर रुक वह आगे बोली, ‘‘पापा, आज भी बहुत से भारतीय पुरुष हैं जो सोचते हैं कि वे घर के बौस हैं. पत्नी को केवल उन की आज्ञा का पालन करना चाहिए. स्त्री को उचित अधिकार और सम्मान नहीं दिए जाने की वजह से ही इन दिनों कई भारतीय शादियां टूट रही हैं. मैं नहीं चाहती कि मेरे साथ भी ऐसा हो. मैं ने सोचा कि जब हम एकसाथ रहते हैं तो हमारी सचाई एकदूसरे के सामने आती है तब हमें पता चलता है कि हम एकदूसरे के लिए सही हैं या नहीं.’’

रामनाथ ने मुसकराते हुए कहा, ‘‘तुम सही हो और मैं इस विषय में तुम से पूरी तरह सहमत हूं, लेकिन यह लिव इन रिलेशनशिप भी उतनी आसान नहीं जितना तुम समझ रही हो. यह भी बहुत सारी समस्याओं को जन्म देती है. तुम एक शिक्षित लड़की हो और मुझे तुम्हें बहुत समझाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि तुम स्मार्ट और बुद्धिमान हो. शादी जैसे बंधन के बिना लड़का और लड़की पतिपत्नी की तरह रहने से भी समस्याएं हो सकती हैं. पहली बात यह है कि दोनों तरफ कोई प्रतिबद्धता नहीं है और यह किसी भी रिश्ते के लिए अच्छा नहीं है.

‘‘अगर इस तरह साथ रहने में जिन दिक्कतों का लड़का और लड़की को सामना करना पड़ता है, उन के बारे में मैं कहूं तो तुम समझोगी कि मैं पिछली पीढ़ी का बूढ़ा आदमी हूं और लिव इन रिलेशनशिप के खिलाफ कहता हूं. इसलिए मेरे पास एक सुझाव है. लिव इन रिलेशनशिप की अवधारणा पश्चिमी देशों से आई है न? लेकिन अब वे महसूस कर रहे हैं कि शादी की हमारी परंपरा बेहतर है. हमारी राधिका न्यूयौर्क में है और तुम वहां जा कर काम करो और पश्चिमी लोगों के साथ काम करते दौरान उन के जीवन को करीब से देखो. तब तुम अपने लिए क्या सही है यह निर्णय करने की स्थिति में होगी और वह तुम्हारे लिए बेहतर होगा.’’

सुमन को भी लगा कि यह एक अच्छा विचार है.

‘‘तो मैं अब अमेरिका में हूं, जहां लिव इन रिलेशनशिप की संस्कृति को समझना है,’’ सुमन ने हंसते हुए कहा.

राधिका भी हंस पड़ी, ‘‘तुम्हें पता है कि जेनिफर अगले हफ्ते वास्तव में अपने बौयफ्रैंड के साथ इसी बिल्डिंग में एक और फ्लैट में जाने की योजना बना रही है. एक नई लड़की क्लारा हमारी रूममेट होगी,’’ कह कर राधिका चाय के कप रखने चल दी और सुमन खिड़की से नीचे चल रही गाडि़यों की जलूस देखने लगी.

धीरेधीरे 3 साल बीत गए. हर हरिवार को सुमन के मातापिता उस से कम

से कम 2 घंटे तक इंटरनैट पर बात करते थे. इकलौती औलाद होने के नाते सुमन के मातापिता उस पर अपनी जान छिड़कते थे. खासकर सुमन की मां जो अपनी बेटी से अलग नहीं रह पा रही थी. उन्होंने अपने पति से कहा कि वे अमेरिका जाएं अपनी बेटी के पास.

रामनाथ ने उन्हें यह कहते हुए रोक दिया, ‘‘नहीं हम वहां नहीं जा रहे हैं. हम ने सुमन को वहां संस्कृति का निजी ज्ञान प्राप्त करने के लिए भेजा है, जिस की भारतीय युवा पीढ़ी इतने उत्साह से पीछा कर रही हैं.’’

सुमन की मां के पास इसे मानने के अलावा कोई और चारा नहीं था.

आशीष हर हफ्ते उस से इंटरनैट पर बात करता था, क्योंकि उसे भी सुमन से अलग रहना अच्छा नहीं लग रहा था. जब उस ने भी यूएस आने का प्रस्ताव रखा तो सुमन ने तुरंत मना कर दिया और कहा, ‘‘मैं ने अपने पिताजी से वादा किया है कि मैं आप को यहां नहीं बुलाऊंगी… और मैं अपना वादा नहीं तोड़ूंगी.’’

आशीष मान गया.

ये भी पढ़ें- Short Story: दंश- क्या था श्रेया की जिंदगी से जुड़ा एक फैसला?

नौकरी भी अच्छी चल रही थी. न्यूयौर्क एक तेजी से आगे बढ़ने वाला शहर है, जो उस के मुंबई से भी ज्यादा तेज है. सुमन को सुबह 8 बजे अपने दफ्तर में पहुंचना है और वह जिस फ्लैट में रह रही है, वहां से पहुंचने में समय लगता. लेकिन न्यूयौर्क में आवागमन करना कोई समस्या नहीं है.

सुमन हर सुबह अपने और राधिका के लिए भारतीय नाश्ता बनाती और लंच भी पैक कर के औफिस के लिए निकल जाती.

एक रिसर्च स्कौलर होने के कारण राधिका की नौकरी लैब में थी और उस के काम का निश्चित समय नहीं था. कभीकभी 3-3 दिन तक घर नहीं आती और इस की सूचना सुमन को पहले ही दे देती थी ताकि वह उस का इंतजार न करे.

अब तक सुमन और क्लारा अच्छे दोस्त बन गए थे. सुमन को लगा कि क्लारा एक अच्छी लड़की है. लेकिन उस के साथ एकमात्र समस्या यह थी कि वह हर रविवार को कुछ मांसाहारी भोजन बनाती थी. उस की गंध को बरदाश्त करना शाकाहारी सुमन के लिए बहुत मुश्किल था. लेकिन धीरेधीरे सुमन उस गंध की आदी हो गई.

सुमन को रविवार को भी जल्दी उठना पड़ता था, क्योंकि क्लारा के रसोई में आने से पहले ही सुमन अपना और राधिका का खाना बना सके.

एक रविवार सुमन टीवी देख रही थी. तभी दरवाजे की घंटी बजी. उस ने दरवाजा खोला तो सामने जेनिफर थी, जो अब उस की सहकर्मी है. उस के पास एक बैग था और उस की आंखें सूजी थीं. उस का हुलिया देख कर सुमन हैरान हो गई.

आगे पढ़ें- जेनिफर अंदर आई और बेकाबू हो कर…

ये भी पढ़ें- मिशन क्वार्टर नंबर 5/2बी: सरकारी क्वार्टर पाने के चक्कर में क्या हुआ विहाग के साथ?

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें