दिखें चश्में में भी सुन्दर और आकर्षक

क्या आप भी सुंदर दिखने की चाहत रखती हैं पर आपकी आंखों पर चढ़ा चश्मा आपकी इस ख्वाहिश के बीच में आ जाता है. आपको ऐसा लगने लगा है कि काश ये मोटा चश्मा न होता तो आप भी खुद को खूबसूरत और आकर्षक दिखा पातीं, अगर हां तो आपका यह खयाल बिल्कुल गलत है. क्योंकि चश्मा आपकी खूबसूरती पर दाग नहीं बल्कि चार चांद लगाता है. इसके लिए बस आप जब भी घर से बाहर निकलें तो यहां दी गई कुछ बातों को अपनाकर ही निकले और फिर देखिए कैसे सबकी निगाहें आप पर होती हैं.

आईब्रोज

अपनी भौहें साफ रखने तथा अच्छी शेप में रखने से चश्मा पहनने के बावजूद आपकी आंखें विशिष्ट व अच्छी दिखाई देंगी. बीच के खाली स्थान को भरा दिखाई देने के लिए आईब्रो पाउडर व भौहों के सुव्यवस्थित दिखने के लिए आईब्रो लाइनर का इस्तेमाल करें.

सही आई शेडो

वह रंग पहनें, जो आपके चश्मे के फ्रेम की पूरक हों. यदि आप अपनी आंखों व चश्मा दोनों को हाइलाइट करना चाहती हैं, तो वह शेड चुनें जो आपके चश्मे के फ्रेम के रंग के विपरीत हो. स्वाभाविक दिखाई देने के लिए तटस्थ रंगों को ही अपनाएं.

आईलाइनर

अपनी आंखों को पौप बनाने के लिए, आईलाइनर लगाएं. अपनी आंखों के केवल किनारों को ही लाइन करना सुनिश्चित करें तथा कोई धुंधला प्रभाव नहीं पैदा होना चाहिए.

कन्सीलर

चश्मा आपकी आंखों के नीचे काले घेरे, झुर्रियों या खामियों को उजागर करता है. काले घेरे और दाग-धब्बों से बचने के लिए, हल्के काले घेरों व धब्बों पर थोड़ा सा कन्सीलर रखें. मेकअप स्पंज की सहायता से इसे त्वचा के साथ मिला लें.

बोल्ड लिप कलर

अपना सारा ध्यान चश्मे पर ही न लगाएं. इसलिए यदि आप एक भूरे रंग या एक काले रंग का फ्रेम पहनती हैं, तो गहरे लाल या एक हाट गुलाबी जैसा गहरा रंग होठों पर लगाने के लिए चुनें. यदि आप रंगीला फ्रेम चुनती हैं, तो गुलाबी जैसे रंग को चुनें.

बालों को सही रखें

ध्यान रखें कि आधे बाल ऊपर तथा आधे लटका कर रखना अच्छा रहता है. चेहरे के अनुसार या तो बालों को खुला छोड़ दें, या उन्हें हल्के जूड़े में बांधे अथवा चोटी बना लें. इससे आप बहुत अच्छी दिखाई देंगी.

इस दर्दनाक बीमारी से जूझ रहे हैं अनिल कपूर, इलाज के लिए जाएंगे जर्मनी

इस साल फरवरी में बौलीवुड के सदाबहार अभिनेता अनिल कपूर की दो फिल्में ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ और ‘टोटल धमाल’ रिलीज हो रही हैं. अनिल दोनों फिल्मों के चलते काफी व्यस्त हैं और दर्द में भी उन्हें फिल्म के प्रमोशन का काम करना पड़ रहा है. कहा जा रहा है कि फिल्मों के प्रमोशन का काम निपटाकर अनिल कपूर, अपना इलाज कराने जर्मनी रवाना हो जाएंगे.

अनिल कपूर ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें कैल्सिफिकेशन आफ शोल्डर की शिकायत है. पिछले दो साल से उनके दाहिने कंधे में कैल्शियम जमा हो रहा है. जिसके कारण उनके कंधे का पत्थर जैसा बनने की संभावना बढ़ गई है. उन्हें इसके इलाज के लिए जल्द से जल्द जर्मनी रवाना होना है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी के इलाज के लिए वे अप्रैल 2019 में जर्मनी जाने वाले हैं. अनिल ने कहा कि फिल्मों में अपने स्टंट सीन खुद करने के कारण उनका कंधा खराब हो गया. ये स्टंट मुझे प्रभावित करते हैं, लेकिन आगे बढ़ते रहने के लिए यह जरूरी है.

अभिनेता ने बताया, “उनकी आने वाली फिल्म ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ 1 फरवरी को और टोटल धमाल के 22 फरवरी को रिलीज हो रही है. इसके बाद वो जर्मनी में स्पोर्ट्स डाक्टर हंस विलयम की देख-रेख में इलाज कराएंगे. डाक्टर हंस पहले भी अनिल कपूर का ट्रीटमेंट कर चुके हैं.

बता दें कि अनिल कपूर पहली बार रील लाइफ में सोनम कपूर के पिता का किरदार निभाते नजर आएंगे. इस फिल्म का ट्रेलर आने के बाद से ही फिल्म की कहानी को लेकर जबरदस्त सस्पेंस बना हुआ है. इस बारे में राजकुमार राव का कहना है कि फिल्म की कहानी ही सबसे बड़ा ट‍्व‍िस्ट लेकर आएगी.

ऐसे बनाएं वेज सैंडविच

सामग्री:

– 2 ब्रेड

– बेसन(100 ग्राम)

– जीरा(1/2 चम्मच)

– लाल मिर्च पाउडर(1/2 चम्मच)

– हल्दी पाउडर(1/2 चम्मच)

– नमक (1/2 चम्मच)

– पानी(1/2 कप)

– टमाटर(1/2 कप)

– प्याज(1/2 कप)

– 2 हरी मिर्च

– धनिया पत्ता (1/2 कप)

– तेल(2 चम्मच)

 बनाने की विधि:-

– सबसे पहले एक बड़ा कटोरे में बेसन लें.

-फिर उसमे जीरा, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, और थोड़ा सा नमक डाल देंगे.

– फिर उसे अच्छे से मिला दें.

– फिर उसे थोड़ा सा पानी डालकर उसका घोल बना लें.

– फिर उसमे टमाटर, प्याज, हरी मिर्च और धनिया के पत्ते को डाल दें और उसे मिला दें.

– अब गैस पे पैन को गरम होने के लिए रख दें और ब्रेड को दोनों तरफ से घोल में डुबो दें.

– फिर पैन में थोड़ा सा तेल डालकर उसे फैला दें और ब्रेड को डाल दें और उसे 2 मिनट तक पकने दें.

– फिर ऊपर से थोड़ा सा तेल डाल दें और उसे पलट दें.

– दोनों तरफ से अच्छे से पका लें और उसे किसी प्लेट में निकाल लें.

– आपकी ब्रेड सैंडविच बनकर तैयार हो गयी है. इसे गर्मागर्म सौस या चटनी के साथ सर्व करें.

 

कैसे जानें कि वह आप को पसंद कर रहे हैं

रुटजर्स यूनिवर्सिटी के एंथ्रोपोलौजिस्ट हेलेन फिशर कहते हैं कि मनुष्य का शरीर एक सेकेंड के अंदर यह जान जाता है कि सामने बैठा शख्स फिजिकली अट्रैक्टिव है या नहीं और हम उतनी ही तेजी से यह बात सामने वाले तक पहुंचाते हैं कि हम उसे पसंद कर रहे हैं या नहीं.

किसी से मिल कर यदि आप को फ्यूचर प्लान बनाना है या आप उस शख्स में अपना जीवनसाथी ढूंढ रही हैं तो आगे कुछ सोचने से पहले यह ध्यान दें कि वह आप को पसंद कर रहा है या नहीं और इस के लिए फर्स्ट डेट पर उस के बौडी लैंग्वेज पर पूरा ध्यान दें.

अधिक जानने का प्रयास

यदि कोई शख्स आप को पसंद करता है तो वह आप के ऊपर अपना फुल अटेंशन रखेगा. आप के बारे में और अधिक जानना चाहेगा. आप की हर बात पर ध्यान देगा और आपके साथ अधिक से अधिक वक्त बिताना चाहेगा. इस के विपरीत यदि आप के अप्रोच करने पर वह दूर होने का प्रयास करें तो समझे कहीं न कहीं आप उसकी पसंद में शामिल नहीं हैं.

झूठी हंसी यानी नेगेटिव माइक्रो एक्सप्रेशंस

माइक्रो एक्सप्रेशंस का अर्थ होता है हल्के फेशियल एक्सप्रेशन जो बहुत कम समय में 1 सेकंड के 1/ 15 से 1 /25 वें भाग में पूरी हो जाती है. यदि कोई शख्स आप से बातें करते वक्त नकली या जबरदस्ती की मुस्कान फेंकता है जो पल भर के लिए चेहरे पर आती है और गायब हो जाती है तो समझिये कि वह आप को पसंद नहीं कर रहा है. उस के चेहरे पर एक पल भर से भी कम समय के लिए आने वाले छोटेछोटे दूसरे भावों पर भी गौर करें. आप को हकीकत का अंदाजा खुद हो जाएगा कि वे आप से अट्रैक्टेड हैं या बोर हो रहे हैं. जो आप को पसंद करेगा उस के चेहरे पर आप से मिल कर अंदर से महसूस की जा रही वास्तविक मुस्कान खिली रहेगी.

फिज़िकली ब्लाक करने का प्रयास करना

यदि कोई शख्स पहली मुलाकात में आप को पसंद नहीं कर रहा तो उस की बाडी लैंग्वेज कुछ ऐसी होगी जैसे आप वह आप को ब्लौक करने का प्रयास कर रहा हो. फिजिकली ब्लौकिंग यानी अपने आर्म्स को क्रौस कर के बैठना, बात करते हुए भी आंखों को दूसरी तरफ किए रहना , पैरों को क्रौस कर और घुटनों को थोड़ा उठा कर बैठना जैसे वह अपने और आप के बीच एक दीवार बना रहे हो. इस के विपरीत यदि वह खुले दिल से थोड़ा करीब होते हुए बैठने का प्रयास करें तो जाहिर है कि वह आप को पसंद कर रहा है.

गहराई से देखना

जब आप को कोई पसंद आता है तो आप उस पर से नजरें हटा नहीं पाते. आप को देख कर यदि उन की आंखों की पुतलियां फैल जाती हैं ,पलके झपकना भूल जाती हैं और वह एकटक आप को देखने लगते हैं तो समझिए आप उन की पसंद है.

बोलते वक्त जुबान का लड़खड़ा जाना

यदि कोई शख्स आप को पसंद कर रहा है तो उस का अपनी जुबान पर नियंत्रण कम हो जाएगा. वह कुछ भी बोलते सोचेगा और कभी कभी संभव है कि वह स्पष्ट रूप से बोल ही न पाए, हकला जाए या शब्द उस के हलक में ही रह जाएं. बहुत बुद्धिमान व्यक्ति भी जब किसी को पसंद करते हैं तो उस का सामना होते ही अंदर से घबरा जाते हैं. उन के हाथ कांप सकते हैं और बोलने के लिए शब्दों की कमी पड़ सकती है.

 

लंबे और खूबसूरत बालों के लिए अपनाएं ये 10 टिप्स

बदलते मौसम के कारण हम बालों की समस्याओं से घिर जाते हैं. फिर उन समस्याओं से निजात पाने के लिए हम केमिकल का इस्तेमाल करने लगते हैं. बालों में तरह-तरह के केमिकल लगाने से बाल भद्दे, छल्लेदार और बेजान हो जाते हैं. अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है तो बालों को अंदर से मजबूती प्रदान करने के लिये आपको घरेलू चीजों का प्रयोग करने की आवश्यकता है. आइए हम आपको बताते हैं 10 प्राकृतिक तरीके जिससे आप अपने बालों को लंबे और मजबूत बना सकती हैं.

अंडे का मास्क

अंडे की सफेदी और एक चम्मच जैतून तेल व शहद को आपस में अच्छे से मिला लें. अब इसे समान रूप से पूरे सिर की खाल पर लगाएं और एक घंटे के लिए छोड़ दें. इसके बाद इसे ठंडे पानी और शैंपू से धो लें. जैतून का तेल रूखे और कमजोर बालों को मजबूत करने में मदद करता है. अंडे में प्रचूर मात्रा में प्रोटीन, सेलेनियम, फास्फोरस, जिंक, आइरन, सल्फर और आयोडीन पाया जाता है. ये सभी बालों को झड़ने से बचाते हैं.

आलू का रस

सिर के जड़ों में आलू का रस लगाएं और और 15 मिनट बाद धो लें. आलू में पाया जाने वाला विटामिन आपके बालों को लंबा और मजबूत बनाएगा.

मेंहदी पैक

एक कप मेंहदी पाउडर में आधा कप दही को अच्छे से मिला लें. इसे करीब दो घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें. इसके बाद इस पेस्ट को अपने सिर के खाल पर लगाएं. जब यह पूरी तरह सूख जाए तो इसे धो लें. यह एक जाना पहचाना बालों का नेचुरल कंडीशनर है. मेंहदी पैक भद्दे और सफेद बालों को चमकीला बना देता है. साथ ही यह बालों की जड़ों पर भी अपना असर दिखाता है और बालों के बढ़ने में मदद करता है.

ग्रीन टी

ग्रीन टी के दो पुड़िए को एक कप गर्म पानी में डुबा कर मिश्रण तैयार करें. अब इस पानी से अपने सिर के खाल को धोएं. बालों को झड़ने से रोकने के लिए अपने दैनिक आहार में भी ग्री टी को शामिल करें.

आमला

आमला पाउडर और नींबू के रस को बराबर मात्रा में मिला कर सिर के खाल पर लगाएं. जब यह सूख जाए तो गुनगुने पाने से सिर को धो लें. इसे लगातार लगाने से आपके बाल काले और मजबूत होंगे.

एलोवेरा और शहद

सिर के जड़ो पर एलोवेरा लगाकर रात भर छोड़ दें. अगले दिन सुबह सिर को अच्छी तरह से धो लें. आप चाहें तो एलोवेरा और शहद को बराबर मात्र में मिलाकर भी लगा सकते हैं. इसे 30 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर ठंडे पानी से धो लें. एलोवेरा में विटामिन ए, बी, सी, सेलेनियम और दूसरे कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं. इससे डैंड्रफ से छुटकारा मिलता है और बाल स्वस्थ रहते हैं.

ओटमील हेयर पैक

ओटमील हेयर मास्क बनाने के लिए आधे कम ओट में दो चम्मच बादाम का तेल और एक चौथाई कप दूध को मिला लें. इस मास्क को बालों की जड़ से लेकर सिरे तक लगाएं. इसे 20 मिनट तक छोड़ दें और फिर गर्म पानी से धो लें. ध्यान रहे कि मास्क लगाने से पहले आपके बाद उलझे हुए और गीले न हों. बालों में नमी प्रदान करने के लिए ओटमील एक अच्छा प्राकृतिक पदार्थ है. यह न सिर्फ आपके बालों को चिकना और मजबूत बनाएगा, बल्कि डैंड्रफ से भी छुटकारा दिलाएगा.

प्याज का रस

प्याज को छोटे-छोट टुकड़ों में काट कर उसका रस निकाल लें. इस रस को अपने सिर के खाल पर लगाएं और 30 से 45 मिनट बाद शैंपू से बालों को धो लें. चूंकि प्याज में गंध होती है, इसलिए आप चाहें तो इसमें गुलाब जल या शहद मिला सकते हैं.

नींबू का रस

एक मुठ्ठी बादाम को रातभर पानी में फूलने के लिए छोड़ दें. सुबह बादम को छील कर पीस लें. अब इसमें दो चम्मच नींबू का रस मिला कर सिर का मसाज करें. 20 मिनट बाद जब यह सूख जाए तो इसे अच्छे से धो लें.

बालों में ज्यादा स्टाइलिंग न करें

बालों में ज्यादा स्टाइलिंग करने से बालों को नुकसान पहुंच सकता है. मशीन के जरिए बालों को घुंघराले कराने, सीधा कराने, केमिकल ब्लीच, कलर और अधिक मात्रा में जेल लगाने से बालों को काफी नुकसान पहुंचता है. हमेशा आराम से बालों में कंघी या ब्रश करें. बालों को सावधानी से साफ करें और उन पर अनावश्य दबाव न डालें.

इंडिया पोस्ट : नकद निकासी से लेकर ट्रांजेक्शन लिमिट तक सारी जानकारी यहां है

इंडिया पोस्ट ने अब बैंकिंग की सुविधा भी शुरू कर दी है. जिसके तहत अब कई तरह के सेविंग अकाउंट खोलने की सुविधा मिलती है, इसमें सेविंग अकाउंट, फिक्स्ड डिपौजिट अकाउंट, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (एससीएसएस) अकाउंट और रेकरिंग डिपौजिट अकाउंट शामिल हैं. इंडिया पोस्ट देश भर में करीब 1.5 लाख डाकखानों का संचालन करती है. इन सभी प्रकार के खातों पर एटीएम की सुविधा मिलती है.

इंडिया पोस्ट के बचत खाते में मात्र 20 रुपये से खाता खोला जा सकता है. खाता में राशि पर पोस्ट आपको 4 फीसदी का सलाना ब्याज दर दोती है. इस बात की जानकारी इंडिया पोस्ट ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर दी है.

वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक एक खाते से एटीएम के जरिए 25,000 रुपये प्रतिदिन निकासी की सुविधा मिलती है. वहीं प्रतिलेन देन 10,000 रुपये की निकासी की सुविधा मिलती है। इंडिया पोस्ट की वेबसाइट पर यह जानकारी दर्ज है.

इसके अलावा एटीएम से निकासी के लिए 5 मुफ्त ट्रांजेक्शन्स दिए जाएंगे. इसमें पोस्ट औफिस से किए जाने वाले लेन-देन में फाइनेंशियल और नौन फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन शामिल है.

मेट्रो शहरों के लिए नंबर औफ ट्रांजेक्शन लिमिट अलग रखी गई है. इन शहरों के लिए के एटीएम से तीन मुफ्त निकासी की सुविधा मिलती है, जबकि नौन मेट्रो शहरों में पांच मुफ्त निकासी की सुविधा मिलती है।

जीवन के अंतिम समय तक काम करते रहना चाहती हूं : अरुणा ईरानी

बाल कलाकार, हिरोइन, खलनायिका और चरित्र अभिनेत्री के रूप में फिल्म इंडस्ट्री पर अपनी अमिट छाप छोड़ने वाली अरुणा ईरानी की शख्सियत अनूठी है. उन्होंने साल 1961 में फिल्म ‘गंगा जमुना’ में बाल कलाकार के रूप में अभिनय शुरू किया था. उस समय वह केवल 9 साल की थी. उन्होंने बचपन से कला का माहौल देखा है, क्योंकि उनके पिता की भी एक थिएटर कंपनी थी, जिसमें वे थिएटर करते थे.

स्वभाव से विनम्र और हंसमुख अरुणा ने कई बड़े-बड़े अभिनेताओं के साथ अलग-अलग भूमिका निभाई, पर उनकी और महमूद की जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया. उनके जीवन की सबसे सफल फिल्म ‘कारवां’ थी, जिसमें उन्होंने एक तेज- तर्रार बंजारन की भूमिका निभाई थी. अरुणा ईरानी केवल फिल्मों में ही नहीं, टीवी पर भी एक सफल आर्टिस्ट रही हैं. इन दिनों वे स्टार प्लस की धारावाहिक ‘दिल तो हैप्पी है जी’ में दादी की भूमिका निभा रही हैं. उनसे मिलकर बातचीत हुई, पेश है अंश.

इस शो को साईन करने की खास वजह क्या है?

यह एक पंजाबी शो है और मुझे हिंदी पंजाबी बोलना है. जिसमें सिर्फ लहजा पंजाबी का होगा. ये मुझे मजेदार और अलग लगा. इसका शीर्षक ही मुझे बहुत अच्छा लगा था.

टीवी में कितना बदलाव आप देखती हैं?

टीवी में बहुत बदलाव आ गया है. मेकिंग बहुत बदल चुकी है. फिल्मों के स्तर पर अब टीवी धारावाहिक बन रहे हैं, जो अच्छी बात है.

आज की धारावाहिकें अधिकतर अंधविश्वास पर बन रही है, इसे आप कितना सही मानती हैं?

ये सही है कि जो बिकता है उसे ही लोग बनाते है, क्योंकि हर कोई यहां व्यवसाय कर रहा है. ऐसे में उन्हें ऐसा करना पड़ता है. वे अगर कुछ अलग बनाते हैं, तो उसमें रिस्क रहता है. मैं टीवी कम देखती हूं. मुझे शेयर मर्केट में अधिक रूचि है और समय मिलने पर उसमें ही व्यस्त हो जाती हूं. प्रोडक्शन हाउस बंद करने के बाद से ये शौक लगा है. घर पर भी इसे लेकर काफी बवाल मचता है, पर मुझे यही काम पसंद है.

आपने अपना प्रोडक्शन हाउस बंद क्यों किया?

इसे करना बहुत मुश्किल था. पहले कर लिया था, लेकिन उसमें काम का तनाव बहुत अधिक रहता था. मेरे लिए इस उम्र में उसे मेनेज करना आसान नहीं था. इसलिए मैंने उसे बंद कर दिया. अभी मैं ब्रेन हेमरेज या स्ट्रोक नहीं चाहती.

आप हमेशा से चुस्त-दुरुस्त और हंसमुख दिखती है, इसका राज क्या है?

मैंने अपने जीवन में हमेशा सामंजस्य से काम किया है. खराब दिन हो या अच्छे सबको झेला और सकारात्मक विचार बनाए रखा, क्योंकि ये सबके जीवन में आता है. मुझे अच्छे विचार हमेशा खुश करते हैं.

इतने सालों तक काम करने के बाद अभी इंडस्ट्री में आपके दोस्त कौन-कौन से हैं?

हम जब काम करते हैं, तो अच्छे दोस्त बन जाया करते हैं. जैसे कि एक दूसरे के लिए इन्तजार करना, भोजन साथ खाना, हर चीज साथ में करते हैं और शो के खत्म होने के बाद दुखी भी हो जाते हैं, लेकिन कुछ दिनों बाद सब भूलकर अपनी जिंदगी में चले जाते हैं.

आपने फिल्मों में एक लम्बी सफल पारी खेली है, लेकिन अब फिल्मों में दिखाई नहीं पड़ती, इसकी वजह क्या है?

मैंने साल 2000 में ही फिल्मों में काम करना छोड़ दिया था, क्योंकि वैसी औफर नहीं मिल रहे थे. असल में मेरे जमाने के हीरो पिता की भूमिका करने लगे थे और उन्हें हिरोइन यंग चाहिए थी, जिसमें मैं नहीं चल पाती. वहां काम नहीं रहा और यहां टीवी पर मुझे मुख्य भूमिका मिली. इसलिए मैंने इसे करना ही उचित समझा.

कादर खान के साथ आपने बहुत सारी भूमिकाएं की, उनसे जुड़ी कुछ यादों को शेयर करें.

हां मैंने उनके साथ बहुत काम किया है. हमारी आपस में बहुत अच्छी बौन्डिंग थी हम चार लोग, जिनमें मैं ,कादर खान, शक्ति कपूर और असरानी सभी एक परिवार की तरह थे.

कादर खान की तबियत तब बिगड़ी, जब उनके पास काम नहीं था. जब आप एक ऊंचे मुकाम पर पहुंच जाते हैं, तो वहां से नीचे आना मुश्किल होता है. ऐसा उनके साथ हुआ था. वे एक अच्छे अभिनेता और एक अच्छे लेखक थे. जाहिर है कि वहां से वे कहां आ गए थे और बहुत तनाव में रहते थे. उनकी मृत्यु के बाद जब मैंने फोन किया तो परिवार वालों ने भी मुझसे कहा था कि वे किसी से न तो बात करते थे और न ही किसी का फोन उठाते थे. हमेशा चिड़चिड़े रहते थे. उन्होंने अपने आप को अकेला कर लिया था, जिससे उनका चलना-फिरना उठना- बैठना सब खत्म हो गया था.

क्या इंडस्ट्री ऐसे अनुभवी कलाकार को भी इग्नोर करती है और उनकी मृत्यु के बाद कोई भी उन्हें देखने तक नहीं पहुंचता?

इंडस्ट्री कभी किसी आर्टिस्ट को इग्नोर नहीं करती. एक्टर जब चलता है तो सब साथ होते हैं और जब वह नहीं चलता है, तो कोई उसे सहानुभूति भी नहीं देता. मेरे हिसाब से आपको तब मर जाना चाहिए, जब आप लाइम लाइट में हैं. ये पुराना रिवाज है. पहले तो किसी को पता भी नहीं चलता था कि कोई कब मर गया. आज तो मीडिया है, जो ऐसी खबरों को दिखाती है और सबको पता चलता है. मुझे समझ में नहीं आता कि ऐसे कलाकार अपने आप को सबसे अलग क्यों कर लेते है.

आज के तनाव भरे माहौल में खुश रहने का मंत्र क्या है?

सभी को आगे आने वाली किसी भी समस्या को समझदारी से लेना चाहिए. जीवन में उतार-चढ़ाव आता और जाता है.

खाली समय में आप क्या करती हैं?

मैं खाली समय में अपनी डौगी ‘फिरंगी’ के साथ समय बिताती हूं. खाना बनाती हूं और शौपिंग करती हूं. घर में नहीं बैठती. इसके अलावा सुबह उठकर फिटनेस के लिए वर्कआउट करती हूं.

नए जेनरेशन के साथ काम करना कैसा लगता है?

बहुत अच्छा लगता है, वे मुझे सम्मान देते हैं और उनसे भी मैं बहुत कुछ सीखती हूं.

कोई अवार्ड जिसे पाकर आप खुश हुईं?

जब मुझे लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला, तो बहुत खुशी हुई थी.

उस दौर के निर्देशक जिससे आप बहुत प्रभावित थीं?

राज कपूर, जिनसे मैं बहुत प्रभावित थी.

क्या महिलाओं के लिए कोई मेसेज देना चाहती हैं?

मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि हमेशा घर में न रहें. घर केवल सोने के लिए होता है. वहां रहे, बच्चों को देखे, खाना बनाये और जितना समय मिले बाहर निकलकर काम करें. नहीं तो आप मन ही मन कुछ न कुछ बुदबुदाते रहती हैं, जो आपकी सेहत के लिए ठीक नहीं.

आप की कोई ड्रीम जो रह गयी हो?

मैं अपने जीवन के अंतिम समय तक काम करते रहना चाहती हूं, ताकि जीवन में कभी डिप्रेशन न आयें.

 ये टिप्स आपके ट्रैवल को बनाएंगे दिलचस्प

अगर आप ग्रीनरी जगहों पर जाने की शौकीन हैं तो इसे दिलचस्प बनाने के लिए आप अपनी यात्रा को पूरी जिम्मेदारी के साथ पूरा करें. पर्यावरण को साफ रखने में मदद करें. तो आइए आज बताते हैं कि आप किन तरीकों को अपना कर पर्यावरण को साफ रख सकती हैं.

– पर्यावरण को सहायता करने में सफाई का अहम योगदान होता है. ऐसे में आप अपने साथ कूड़ा जमा करने का एक बैग रखें. जैसे घर साफ रखना जरूरी होता है वैसे ही हम जहां घूमने जाते उसे भी साफ रखना चाहिए. ग्लास, पेपर, प्लास्टिक, कैन आदि को अगल बैग में रखना चाहिए और बचे हुए खाना का गारबेज बैग अलग रख दें.

– यात्रा करते समय हम अक्सर अपनी सुविधा के लिए प्लास्टिक का प्रयोग करते हैं, जो पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. अगर आप ट्रैवेल करने के शौकीन है तो प्लास्टिक की जगह रीयूजेबल वाटर बटल का प्रयोग करें. प्लास्टिक बैग्स की जगह कपड़े का बैग प्रयोग कर सकती हैं. कहीं भी घूमने जा रहे है तो वहां के स्थानीय लोगों की मदद जरूर करें. प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करना उनकी बड़ी मदद होगी.

– आप कहीं घूमने जा रही हैं तो वहां के स्थानीय बाजार को बढ़ावा जरूर दें. वहां के स्थानीय खाने और पहनावें दोनों को तरजीह दें. वहां के हैंडीक्राफ्ट खरीदें. ये वहां की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते है.

– जहां कहीं भी घूमने जा रही हैं तो वहां होटल के बजाय होम स्टे में रहना चुनें. ये आपको नया अनुभव  देता है. होटल जैसी लक्जरी तो भले ही आप ना पाए पर घर जैसा प्यार और अनसुने किस्से सुनने को आपको जरूर मिलेगें. ये आपकी यात्रा को अधिक दिलचस्प बना देते है.

जानिए क्यों हमें कैश छोड़ डिजिटल पेमेंट को अपना लेना चाहिए

आजकल देशभर में कैशलेस ट्रांजेक्शन को काफी बढ़ावा दिया जा रहा. सरकार भी डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए प्रचार प्रसार में लगी है. लोगों को इस बारे में जागरुक करने के लिए टीवी, अखबार जैसे माध्यमों पर विज्ञापनों की लंबी फेहिस्त लगी है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि डिजिटल ट्रांजेक्शन के क्या फायदे होते हैं. और क्यों हमें कैश ट्रांजेक्शन से अधिक डिजिटल लेनदेन करनी चाहिए.

अच्छी सुविधा है डिजिटल ट्रांजेक्शन

डिजिटल ट्रांजेक्शन बेहद ही सुविधाजनक और आसान तरीका है लेनदेन का. इस माध्यम से सारे लेनदेन काफी आसानी से होते हैं. आप कहीं भी जाएं कैश की टेंशन से दूर रहें. इसके माध्यम से पेमेंट और बिल प्राप्त करना सब आसान हो जाता है.

सुरक्षित होता है डिजिटल ट्रांजेक्शन

अगर आप कैश रखती हैं और आपका पर्स गुम हो जाता है तो उसका वापस मिलना नामुंकिन होता है. जबकि डिजिटल पेमेंट में ऐसा नहीं है. अगर आपका कार्ड खो जाए तो आप उसे ब्लौक करा सकती हैं. या फिर कोई ऐसा लेनदेन जिसमें आपसे गलती से शुल्क लिया गया है उस पर आप दावा भी ठोक सकती हैं. यदि आपके साथ धोखाधड़ी हुई है और आप समय पर इसकी रिपोर्ट करते हैं, तो वापस आपको वह राशि मिलने की संभावना रहती है.

 

मिलते हैं वित्तिय लाभ 

 

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कैशबैक जैसे कई औफर्स दिए जा रहे हैं. जैसे कार्ड से पेमेंट करने पर पेट्रोल खरीदने पर छूट, रेल टिकट पर छूट, बीमा खरीदने जैसे कई छूट मिलते हैं. ई-वालेट कंपनियां कैशबैक औफर, रिवार्ड पौइंट्स भी देती हैं.

 

नहीं होता फाइनेंशियल खतरा

 

भारत जैसे देश में जहां हर छोटे बड़े काम के लिए अधिकारियों को पैसा खिलाना पड़ता है. योजनाओं के लाभ का भी आधे से ज्यादा पैसा सरकारी अधिकारी खा जाते हैं. ऐसे में डिजिटल ट्रांजेक्शन की सुविधा लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) से लाभार्थी तक पहुंचने वाले पैसे में भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं रह जाती है.

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