लक्षद्वीप का सफर है पैसा वसूल

समुद्री तटों पर जाना और वहां जाकर बीच का आनंद लेना लगभग सभी को पसंद होता है. समुद्र के किनारे सन बाथ, और वौटर एक्टिविटिज का अपना अलग ही मजा होता है. आज हम आपको लक्षद्वीप की सैर पर ले जाने आएं हैं ताकि आप वहां के प्राकृतिक सुंदरता से रुबरु हो पाएं. लक्षद्वीप के समुद्र तट अपने खूबसूरती के लिये खासे मशहूर है, यहां के चमकीले पत्थर, यहां के मलाईदार रेत तथा टूना फिशिंग ये अपने आप में लक्षद्वीप की खासियत हैं, तो चले अब लक्षद्वीप के सैर पर.

कवाराट्टी बीच

कवाराट्टी बीच वौटर एक्टिविटिज के लिए यह एक परफेक्‍ट प्‍लेस है. यहां पर स्‍वीमिंग से लेकर गर्म रेत पर दौड़, पयर्टकों को सब कुछ करने का मौका मिलता है. इसके अलावा यहां पर कई सारे ऐतिहासिक स्‍थल भी बने हैं. जिनमें बड़ी संख्‍या में स्मारक और मस्जिद शामिल है. इसके अलावा यहां पर बने एक्‍वैरियम में मरीना लाइफ की खूबसूरती भी देखते बनती है. यहां पर आप नौकायान से समुद्री यात्रा का आनंद ले सकती हैं.

मिनिकौय बीच

यह लक्षद्वीप के द्वीपसमूह में दक्षिणी द्वीप है. मिनिकौय बीच मालदीव के प्रभाव को उजागर करता है. यह बीच मिनिकौय द्वीप के समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है. यहां के खूबसूरत पत्‍थर पयर्टकों को अपनी ओर आकर्षि‍त करते हैं. यह 10 गांवों के एक समूह के साथ दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है. यहां इलाका टूना मछली पकड़ने का प्रमुख केंद्र है. यहां पर जाएं तो लावा नृत्य जरूर देखें. यहां का यह नृत्‍य प्रसिद्ध है.

कदमेट बीच

कोचीन से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कदमेट समुद्र तट पर घूमना भी काफी रोमांचक लगता है. यहां पर बने विशाल लैगूनों को देखने में बड़ा अच्‍छा लगता है. पयर्टकों को सफेद संगमरमर से चमकते रेतीले मैदान पर पैदल चलने में बड़ा आनंद आता है. यहां पर स्‍नोर्कलिंग, डाइविंग जैसे अनेक वौटर स्‍पोर्ट का मजा लिया जा सकता है. परिवार के साथ छुट्ट‍ियां मनाने का एक बेस्‍ट प्लेस है.

बंगारम बीच

बंगारम समुद्र तट भी बेहद आकर्षक है. मलाईदार रेत से घि‍रे इस तट पर सूर्योदय के समय का मौसम बड़ा ही सुहाना लगता है. यह दुनिया के उन गेटवे में से एक है जहां आप रेत, सूरज और वौटर सर्फिंग का मजा एक साथ ले सकते हैं. स्कूबा डाइविंग, विंडसर्फिंग, वौटर स्कीइंग, पैरासेलिंग, स्नौर्केलिंग जैसी कई दूसरी वौटर एक्‍टि‍विटीज की जा सकती हैं.  

कल्पनी द्वीप

कल्पनी द्वीप में भी पयर्टक मस्‍ती कर सकते हैं. यह जगह भी सनबाथिंग, स्‍वीमिंग और दूसरी वौटर एक्‍टविटीज के लिए एकदम सही है. इसके अलावा लक्षद्वीप में किल्टन, अमिनी, एंड्रट, चेतलाट, बित्र, आदि जगहों पर दोस्‍तों के साथ मस्‍ती की जा सकती है.

ऐसे जाएं यहां

कोच्चि से लक्षद्वीप के अग्टाटी हवाई अड्डे तक हवाई सफर तय किया जाता है. वहीं कोच्चि और अगाटी के बीच समुद्री जहाज का लाभ उठा सकते हैं. इसके अलवा केरल से रेल द्वारा भी लक्षद्वीप की सैर की जा सकती है. केरल चेन्नई, मुंबई, दिल्ली, गोवा, कोलकाता जैसे अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है.

मराठी फिल्म रिव्यू : दशक्रिया

पूजा अर्चना, कर्मकांड आदि प्रथायें आम आदमी के जीवन से इस तरह से जुड़ी हैं कि मरने के बाद भी उसका पीछा नहीं छोड़ती हैं. हिन्दू धर्म में मनुष्य के मरने के बाद तीसरे, दसवें, बारहवें, तेरहवें दिन पर ब्राह्मणों के हाथ से पिंडदान करने और उन्हें दान धर्म करने की प्रथा है. लेकिन आजकल ये प्रथाएं कमाई का धंधा बन चुकी हैं. इसी धंधे पर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ‘दशक्रिया’ फिल्म के जरिये टिप्पणी की गई है. यह फिल्म उपन्यासकार बाबा भांड द्वारा लिखित ‘दशक्रिया’ नामक उपन्यास पर आधारित है.

गोदावरी नदी के तट पर बसे पैठण शहर के नाथ घाट पर दशक्रिया विधि करने के लिए महाराष्ट्र के विविध भागों से लोग आते हैं. इस शहर में रहने वाले ज्यादातर ब्राह्मणों का रोजगार दशक्रिया विधि कराना है. केशव भट्ट (मनोज जोशी) ऐसा ही एक ब्राह्मण है. वह वहां आने वाले सभी ग्राहकों को बड़े चतुराई से अपनी ओर कर लेता है और मनमानी ढंग से दक्षिणा मांगता है. नारायण (मिलिंद फाटक) एक गरीब ब्राह्मण है. शिक्षक की नौकरी छूटने के बाद वो भी दशक्रिया कराने की शुरुआत करता है. लेकिन केशव उसे एक भी ग्राहक मिलने नहीं देता है. इस वजह से केशव और नारायण के बीच विवाद शुरू हो जाता है.

इस विवाद को सुलझाने के लिए पत्रे सावकार (दिलीप प्रभावलकर) पंचायत बुलाते हैं, लेकिन पंचायत में मारामारी के अलावा कुछ नहीं होता है. सावकार केशव को मनमानी ढंग से पैसा कमाने का यह धंधा बंद करने के लिए समझाते है, जिसके वजह से केशव उससे नफरत करने लगता है.

केशव एक किरवंत ब्राह्मण है जो मृत्यु के बाद की जाने वाली सभी विधि पूरी करता है और ग्राहकों को धर्म के नाम पर लूटता है. इसलिए गुढीपाडवा के दिन सावकार केशव को पूजा नहीं करने देते है. इससे अपमानित होकर केशव सावकार को सबक सिखाने की ठान लेता है. एक किरवंत ब्राह्मण होने के नाते नारायण भी खुद को अपमानित समझता है और केशव का साथ देता है.

सावकार देव दर्शन के लिए दूसरे गांव जाते हैं, जहां केशव उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट करा देता है जिसमें उनकी मृत्यु हो जाती है. सावकार की पत्नी दशक्रिया विधि के लिए केशव के पास जाती है लेकिन वो अपमान का बदला लेने की बात पर अड़ा रहता है और विधि करने से इनकार कर देता है. साथ ही गांव के सभी किरवंत ब्राह्मणों को भी यह विधि नहीं करने की चेतावनी देता है.

दूसरी ओर, छोटी जाति का 7-8 साल का भान्या (आर्या आढाव) हर रोज स्कूल जाने के बजाय नाथघाट पर घूमता रहता है. अपने बाल मन में उठ रहे सवालों को बेझिझक पूछता है. पानी में किये गये अस्थि विसर्जन को चालनी लगाकर उसमें से छुट्टे पैसे इकठ्ठा करना उसको अच्छा लगता है. यहां से इकठ्ठा किये गए पैसे से वह अपनी मां की आर्थिक मदद करता है. दशक्रिया का विवाद और बाल्यावस्था में भान्या का जीवन फिल्म में दोनों समानांतर आगे बढ़ते हैं. लेकिन एक समय पर ये दोनों एक दूसरे से इस तरह टकराते हैं कि धर्म और जाति के नाम पर छल करने वाले समाज के ठेकेदारों को अपनी लाज बचाकर भागना पड़ता है.

जात-पांत के आधार पर आपस में भेद पैदा करके स्वयं को ज्ञानी और दूसरों को अज्ञानी साबित करने वालों के लिए यह एक तमाचा है. कर्मकांड के संस्कार में पली बढ़ी भावी पीढ़ी फिर से यही धंधा नए सिरे से ना शुरू कर दे, यह चिंता फिल्म के अंत में सताती है.

केशव की भूमिका में मनोज जोशी और भान्या की भूमिका में आर्या आढाव दोनों ने ही फिल्म में बहुत असरदार और कुशल अभिनय किया है. अन्य कलाकारों ने भी बहुत अच्छा काम किया है. संजय पाटिल का उत्कृष्ट पटकथा लेखन और संदीप पाटिल का निर्देशन कहानी के मूल भाव को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करता है. उपन्यास के अनुसार फिल्म का समय काल १९९४ का दिखाया गया है, परन्तु ये परिस्थिति आज भी जस की तस है.

यह फिल्म किसी भी धार्मिक प्रथा पर रोक लगाने की मांग नहीं करती है, लेकिन इसमें सच्चाई को प्रभावशाली ढंग से दिखाया गया है. इससे क्या सीख लेनी चाहिए, यह दर्शकों को अलग से समझाने की जरूरत नहीं है.

निर्माता – कल्पना कोठारी

निर्देशक – संदीप पाटिल

पटकथा – संजय पाटिल

कलाकार – दिलीप प्रभावलकर, मनोज जोशी, मिलिंद फाटक, आर्या आढाव और आशा शेलार

स्टार- 3 & 1/2

फिल्म रिव्यू : तुम्हारी सुलु

फिल्म की पटकथा चाहे जितनी कमजोर हो, मगर कलाकार अपने अभिनय के दम पर उस फिल्म को काफी हद तक रोचक बना सकता है. इसका ताजातरीन उदाहरण है फिल्म ‘तुम्हारी सुलु’, जो महज विद्या बालन के दमदार अभिनय के लिए देखी जा सकती है. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता विद्या बालन ने उपनगरीय मध्यमवर्गीय परिवार की गृहिणी के साथ साथ रेडियो पर फोन करने वालों से सेक्सी बातें करने वाली आर जे तक के किरदार को जिस तरह से निभाया है, उसकी जितनी तारीफ की जाए, कम है.

फिल्म ‘‘तुम्हारी सलु’’ की कहानी मुंबई महानगर से सटे विरार इलाके में रहने वाली सुलोचना उर्फ सुलु (विद्या बालन) के इर्द गिर्द घूमती है. सुलोचना (विद्या बालन) एक मध्यम वर्गीय गृहिणी है, जो कि अपने प्यारे पति अशोक दुबे (मानव कौल) और अपने बेटे प्रणव दुबे के साथ रहती है. उसके पास लक्जरी सुविधाओं से युक्त तीन बेडरूम का फ्लैट भले नहीं है, पर वह खुश रहती है. वह घर के आस पास कई तरह की प्रतियोगिताओं का हिस्सा बनती रहती हैं. उसे ‘निंबू चमचा दौड़’ में पुरस्कार भी मिलता है.

सुलोचना के अंदर आत्म विश्वास है कि मैं कुछ भी कर सकती हूं. एक दिन सुलोचना के मन में रेडियो जाकी बनने का ख्याल आता है और वह स्थानीय रेडियो स्टेशन पर आडीशन देने जाती है. रेडियो स्टेशन की मालकिन मारिया (नेहा धूपिया) को सुलोचना के अंदर एक जोश नजर आता है. वह उन्हे देर रात प्रसारित होने वाले कार्यक्रम को करने के लिए रख लेती है. इस कार्यक्रम को नाम दिया जाता है-‘तुम्हारी सुलु’.

इस कार्यक्रम में सुलोचना को श्रोताओं के फोन करने पर उनसे बात करनी होती है, जो कि फ्लर्ट करने वाली बातें करना व सुनना चाहते हैं. पति की तरफ से पूरा सहयोग मिलते हुए भी सुलोचना खुद को एक मोड़ पर फंसी हुई पाती हैं. वास्तव में एक दिन उन्हे पता चलता है कि उनके  बेटे की कुछ गलत हरकतों की वजह से उसे स्कूल से निकाल दिया गया है. अब वह अपने सपने को पूरा करने और एक सही मां बनने के बीच खुद को फंसी हुई पाती है. अब सुलोचना को लगता है कि ‘मैं कर सकती हूं’ का उनका मंत्र महज एक भ्रम ही था. वह रेडियो की आरजे वाली नौकरी छोड़ देती हैं. पर हिम्मत नहीं हारती. बेटे की पढ़ाई का ख्याल रखते हुए टिफिन सेवा से लेकर कुछ दूसरे काम करती है और फिर एक दिन पुनः ‘आरजे’ बन जाती है.

विज्ञापन फिल्में बनाते आ रहे सुरेश त्रिवेणी की बतौर लेखक व निर्देशक यह पहली फिल्म है, जिसमें वह सफल नहीं हैं. फिल्म की कथा कथन शैली काफी सहज और वास्तविक है. पर पटकथा काफी कमजोर है. कहानी के नाम पर फिल्म में टीवी सीरियल की ही तरह कुछ घटनाक्रम हैं. फिल्म की शुरुआत धीमी गति से होती हैं, पर फिर विद्या बालन अपने अभिनय के दम पर फिल्म को संभाल लेती हैं. मगर इंटरवल के बाद फिल्म लेखक व निर्देशक के हाथ से निकलती हुई नजर आती है.

सुरेश त्रिवेणी ने पति पत्नी के बीच प्यार व झगड़े के दृश्यों व अन्य पलों को फिल्म में बड़ी खूबसूरती से पिरोया है. इंटरवल के बाद फिल्म में नाटकीयता होने के बावजूद रोचकता नहीं रह जाती है. फिल्म का क्लायमेक्स गड़बड़ है. सुलोचना के बेटे प्रणव के स्कूल से जुड़े मुद्दों को और बेहतर तरीके से पेश किया जाना चाहिए था. फिल्म देखते समय दर्शक के दिमाग में ‘‘भाबी जी घर पर हैं’’ या ‘‘रजनी’’ जैसे कई टीवी सीरियल घूमने लगते हैं.

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो विद्या बालन ने एक बार फिर साबित कर दिखाया है कि वह किसी भी किरदार को अपने बलबूते पर यादगार बना सकती हैं. वह पूरी फिल्म को अपने कंधों पर बड़ी सहजता से आगे लेकर चलती हैं. उपनगर में रहने वाली, बारवहीं फेल महिला जो कि इस बात में यकीन करती है कि ‘मैं कर सकती हूं’ कई तरह की प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज करते कराते अचानक देर रात रेडियो पर सेक्सी कार्यक्रम में श्रोताओं से बात करने वाली आर जे बनने तक हर रूप में वह बहुत सहज लगती हैं. लोगों के दिलों से इस कदर जुड़ती हैं कि कमजोर कहानी व पटकथा के बावजूद दर्शक फिल्म से जुड़ा रहता है.

विद्या बालन ने कामेडी के साथ साथ हंसी, पति से अनबन, बेबसी आदि सभी भावों को जबरदस्त व अति सहज रूप में अपने अभिनय से पेश किया है. अशोक के किरदार में मानव कौल ने भी काफी बेहतरीन काम किया है. उनके फ्रस्टेशन के सीन कुछ ज्यादा ही अच्छे बन पड़े हैं. स्टूडियो मालकिन मारिया के किरदार में नेहा धूपिया ने लंबे समय बाद काफी अच्छी परफौर्मेंस दी है.

दो घंटे बीस मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘तुम्हारी’’ सुल्लू का निर्माण ‘टी सीरीज’ के साथ मिलकर अतुल कस्बेकर और शांति शिवराम मैनी ने किया है. फिल्म के लेखक व निर्देशक सुरेश त्रिवेणी, संगीतकार गुरू रंधावा, रजत नागपाल, तनिष्क बागची, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, कैमरामैन सौरभ गोस्वामी तथा कलाकार हैं-विद्या बालन, मानव कौल, नेहा धूपिया, विजय मौर्य, मलिष्का, अभिषेक शर्मा, सीमा तनेजा, शांतनु घटक व अन्य.

दुल्हन के लिए खास मेकअप टिप्स

हर लड़की अपनी शादी में दुनिया की सबसे खूबसूरत दुल्हन बनना चाहती है. वह अपनी शादी में सबसे अलग और सबसे सुन्दर दिखना चाहती है, वो चाहती है कि जब लोग उसे देखें तो बस देखते ही रह जाएं. दूरदूर तक उसके खूबसूरती की चर्चा हो. इसलिए शादी से पहले ही शादी पर क्या पहनना है, कैसा मेकअप करना है, संगीत और हल्दी में कैसा मेकअप रखना है, स्किन की देखभाल कैसे करनी है. इस तरह के तमाम सवाल लगभग हर लड़की के जेहन में घूमते हैं.

आज हम आपके लिए इन सब सवालों के जवाब लेकर आए हैं, तो चलिए आपको बताते हैं कि दुल्हन का मेकअप कैसा होना चाहिए, मेकअप कैसे करना चाहिए और साथ ही स्किन की देखभाल कैसे करें.

दुल्हन के मेकअप से पहले कुछ जरूरी बातें, हमेशा रखें ध्यान

सुबह उठकर पानी पीएं

चेहरे पर मेकअप तभी अच्छा लगता है जब आपकी त्वचा खिली- खिली हो. खिली- खिली और दमकती त्वचा के लिए जरूरी है स्किन की सही तरीके से देखभाल. इसलिए शादी से 4-5 महीने पहले ही तैयारियां शुरू कर दें. रोजाना सुबह उठकर 2-3 ग्लास पानी पीएं.

नींबू और ग्लिसरीन का कमाल

रात को सोने से पहले चेहरे पर ग्लिसरीन और नींबू का रस मिलाकर लगाएं. सुबह उठकर चेहरा साफ पानी से धो दें.

शहद-चीनी का फेस पैक

शहद और चीनी का फेसपैक लगाने से आपके चेहरे के ना सिर्फ रोम छिद्र खुल जाते हैं बल्कि कम वक्त में ही दमकती हुई त्वचा भी मिल जाती है. इसके लिए एक चम्मच शहद में एक चुटकी चीनी मिलाकर चेहरे पर अच्छी तरह से लगाएं और फिर एक घंटे बाद साफ पानी से धो दें. ऐसा हफ्ते में 2 या 3 बार करें.

हल्दी

हल्दी ना सिर्फ जबरदस्त एंटी-आक्सीडेंट है बल्कि इससे आपकी रंगत भी निखरती है. हल्दी में थोड़ा से बेसन, दूध, नींबू और ग्लिसरीन मिलाकर लगाएं और फिर एक घंटे बाद चेहरा धो दें. कुछ वक्त बाद कमाल खुद ब खुद दिखने लगेगा.

इन तरीकों के जरिए त्वचा खिल उठेगी और फिर शादी के वक्त जो मेकअप होगा वो भी उभर कर सामने आएगा.

ऐसा हो दुल्हन का मेकअप

वैसे तो मेकअप बदलते मौसम के अनुसार ही करना चाहिए, लेकिन आजकल वाटरप्रूफ मेकअप पसंद किया जा रहा है जो हर सीजन में चलता है.

मेकअप से पहले क्लिनजिंग मिल्क से चेहरे की अच्छी तरह से सफाई कर लें. इसके बाद चेहरे पर कंसीलर लगाएं ताकि जो भी दाग-धब्बे हैं वो छिप सकें. कंसीलर के बाद फाउंडेशन का कोट करें. फाउंडेशन लगाते वक्त ध्यान रखें कि उसका कलर आपकी स्किन टोन से मैच करता हुआ होना चाहिए, वरना वो चेहरे पर अलग सा ही नजर आएगा. इसके बाद ब्लश आन लगाएं. ब्लश आन का चुनाव लहंगे के कलर को देखकर किया जाता है. इससे रंगत और निखरकर आती है.

लहंगे के हिसाब से मेकअप

लहंगे के ही रंग को ध्यान में रखते हुए आईशैडो लगाना चाहिए. आईलाइनर लगाएं. आंखों के लिए वाटरप्रूफ मस्कारा और आईलाइनर ही लगाएं ताकि आंखो में पानी आने पर वो छूटे ना. आंखों के हिसाब से आंखो का मेकअप करें. आप अपनी आंखो को स्मोकी लुक भी दे सकती हैं.

लगाएं ये लिप कलर

होठों पर ग्लासी लिप कलर लगाएं. ध्यान रखें कि ग्लासी लिप कलर पर्मानेंट हो यानि जल्दी ना छूटे. लिप कलर भी लहंगे से मैच करता हुआ हो. अगर लहंगा नीला या फिरोजी या पीला है तो सदाबहार लाल या मरून लिप कलर लगाएं.

दुल्हन का हेयरस्टाइल – रखें इसका खास ख्याल

दमकते चेहरे के अलावा जो चीज आपकी खूबसूरती पर ज्यादा चार चांद लगाती है वो है हेयरस्टाइल. हेयरस्टाइल अच्छा हो तो दुल्हन की खूबसूरती और निखर कर आती है. सबसे पहले बालों को अच्छे शैंपू से धो लें और फिर धोने के बाद उनमें रोलर लगा लें. जब बाल सूख जाएं तो रोलर निकाल दें.

इससे आपके बालों में कर्ल्स बन जाएंगे और उनमें वाल्यूम भी आ जाएगा. इससे मनचाहा हेयरस्टाइल देने में मदद मिलेगी. दुल्हन का हेयरस्टाइल उसके चेहरे-मोहरे और नैन-नक्श के हिसाब से होना चाहिए.

49 साल के इस डायरेक्टर ने शेयर की पत्नी के साथ लिपलौक की फोटो

शाहिद, सिटी लाइट्स, अलीगढ़ और सिमरन जैसी फिल्में बना चुकें हंसल मेहता की पहचान बेहद संजीदा विषयों पर फिल्म बनाने वाले निर्देशक के रूप में होती है. 49 वर्षीय हंसल मेहता फिल्मों के मामले में जितने ही गंभीर हैं उनकी पर्सनल लाइफ उतनी ही रोमांटिक है.

इसका अंदाजा आप उनके लेटेस्ट इंस्टाग्राम पोस्ट से लगा सकते हैं. हंसल मेहता ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी पत्नी के साथ की एक फोटो शेयर की. इस फोटो में वो अपनी पत्नी शफीना हुसैन के साथ लिपलौक करते हुए नजर आ रहे हैं.

 

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फिल्म निर्देशक हंसल मेहता की इस रोमांटिक तस्वीर को अभिनेता राजकुमार राव ने खींचा है. जिसका जिक्र खुद हंसल मेहता ने सोशल मीडिया पर किया है. इस तस्वीर को शेयर करते हुए हंसल ने कैप्शन में बताया कि उनके जिंदगी की इस खूबसूरत तस्वीर को उनके फेवरेट अभिनेता राजकुमार राव ने खींचा है.

बता दें, राजकुमार राव के साथ हंसल अब तक चार फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं. शाहिद (2012), सिटीलाइट्स (2014), अलीगढ़ (2015) और उमेर्टो (2017) ये चारों ही फिल्में दर्शकों और क्रिटीक्स द्वारा सराही गई हैं. हंसल मेहता को उनकी फिल्म शाहिद के लिए तो राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है.

हंसल मेहता की तस्वीर पर इंस्टाग्राम यूजर्स का रिएक्शन.

फिल्मी सितारों की चमक धमक से दूर ही रहने वाले हंसल मेहता की इस तस्वीर को उनके फैन्स द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है. उनके फैंस इस तस्वीर पर कमेंट करते हुए लिख रहे हैं कि आप लोगों की जोड़ी ऐसे ही बनी रहे वहीं कुछ यूजर्स ने इसका मजाक भी बनाया है. एक यूजर ने लिखा कि- हंसल ने किस करते वक्त आंखें बंद नहीं की है, ऐसा कौन करता है.

 

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बता दें, हंसल की पत्नी शफीना हुसैन पौपुलर सोशल एक्टिविस्ट हैं. शफीना ‘एजुकेट गर्ल्स’ नाम के नान-प्राफिट आर्गनाइजेशन की फाउंडर और एजुकेटिव डायरेक्टर भी हैं.

प्रियंका चोपड़ा को बौलीवुड में करना पड़ा था संघर्ष

प्रियंका चोपड़ा की मां मधु चोपड़ा ने बताया कि कैसे उनकी बेटी की बौलीवुड में शुरुआत काफी कठिन थी क्योंकि उन्होंने बहुत से डायरेक्टर्स की मांग को मानने से मना कर दिया था. हौलीवुड के प्रोड्यूसर हार्वे विन्सटीन द्वारा कई एक्ट्रेसेज का शोषण करने की खबर जब सामने आई थी उसके बाद दीया मिर्जा, ऋचा चढ्ढा और प्रियंका ने कास्टिंग काउच की अपनी-अपनी दास्तां को बयां किया था.

मधु चोपड़ा ने कहा

वो केवल 17 साल की थी जब वो इंडस्ट्री में आई थी. इसी वजह से तीन साल पहले तक रोजाना हर मिनट मैं उसके साथ रहती थी. ऐसे में एक जेंटलमैन ने उससे मुलाकात की और उससे कहा जब मैं आपको कहानी सुनाउं तो क्या आपकी मां बाहर बैठ सकती हैं. प्रियंका ने उसे कहा अगर कोई ऐसी कहानी है जो मेरी मां नहीं सुन सकती तो यह वो कहानी है जिसपर मैं काम नहीं कर सकती. इसी कारण एक्ट्रेस को 10 प्रोजेक्ट से हाथ धोना पड़ा.

मधु चोपड़ा ने आगे कहा

दूसरी बार एक डिजायनर ने उन्हें बताया कि डायरेक्टर चाहते हैं वो फिल्म में छोटे कपड़े पहने. डायरेक्टर ने कहा था- कैमरे के सामने किसी मिस वर्ल्ड को लेने का क्या फायदा है जब वो खुद को खूबसूरत नहीं दिखा सकती है.

प्रियंका ने फिल्म में काम करने से मना कर दिया. इसे एक प्रतिष्ठित डायरेक्टर बना रहे थे और वो नाराज हो गए. एक्ट्रेस को 10 प्रोजेक्ट से हाथ धोना पड़ा क्योंकि उन्होंने उन्हें छोड़ दिया. लेकिन उसे कोई फर्क नहीं पड़ा. यही मैं हर किसी को कहती हूं. यह आपकी जिंदगी का अंत नहीं है. आपकी जिंदगी बहुत मूल्यवान है.

आपने देखा शाहरुख के बेटे अबराम का क्यूट डांस

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में शाहरुख खान के सबसे छोटे बेटे अबराम डांस करते हुए नजर आ रहे हैं. इस वीडियो में डांस करते हुए अबराम बहुत प्यारे लग रहे हैं. वहीं इस वीडियो को पापा शाहरुख खान ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट कर अपने फैंस के साथ शेयर किया है.

अबराम इस वीडियो में एक ऐसे फ्लोर पर डांस कर रहे हैं जिसपर उछलते ही आवाज आ रही है. वहीं किनारे में अबराम के साथ वीडियो में उनके बड़े भाई आर्यन भी दिखाई दे रहे हैं. यह वीडियो शाहरुख ने चिल्ड्रेंस डे के अवसर पर इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था.

शाहरुख ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए इसे एक प्यारा सा कैप्शन भी दिया. एसआरके लिखते हैं, ‘आर्यन और सुहाना के लिए अबराम का मैडली हैपिली चाइल्डी डांस.’ इस वीडियो में अबराम बहुत अडौरबल लग रहे हैं.

 

A madly happily childly dance for Aryan & Suhana by lil AbRam on this day of kids.

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अबराम ने इस दौरान ब्लैक डैनिम के साथ ब्लू चेक शर्ट पहनी हुई है. हाल ही में शाहरुख का बर्थडे गया है. शाहरुख के बर्थडे वाले दिन छोटे बेटे अबराम भी उनके साथ फैंस को वेव करते हुए नजर आए थे. अबराम और पापा शाहरुख दोनों ने मिलकर हजारों फैंस को घर की बेलकोनी से हेलो कहा और वेव किया. शाहरुख एक इंटरव्यू में बताते हैं कि उनके बेटे को एक चीज बहुत पसंद है वह है फैंस को वेव करना. शाहरुख बताते हैं,’अबराम को बार-बार बेलकोनी में आना पसंद है.

इन तरीकों से महिलाएं कम समय में कर सकती हैं अच्छी कमाई

नया बिजनेस शुरू करने की सोच रही हैं, तो ये रहे जरूरी टिप्स. थोड़ी सी समझदारी दिखाकर आप ऐसे कई विकल्प तलाश सकती हैं जो आपको पैसे कमाने का मौका देने के साथ-साथ आपको आत्मनिर्भर बनाते हैं.

तो आपके लिए पेश है ये खास लेख, जो आपको ऐसे ही कुछ विकल्पों से रूबरू करवा रहा है जिनके जरिए आप अपना बिजनेस खड़ा कर सकती हैं.

कुकिंग वीडियो

अगर आप एक से एक बेहतरीन रेसेपीज जानती हैं, तो आज ही एक कैमरा खरीदें और कल से ही भोजन बनाने की रेसिपीज़ वीडियो यू-ट्यूब पर अपलोड करना शुरू करें. इससे आगे चलकर बहुत ज्यादा आय हो सकती है.

फ्रीलांसिंग राइटिंग

अगर आपको पढ़ने लिखने का शौक है तो उसे बाहर निकालें. इसके लिए जरूरी नहीं किसी दफ्तर में आठ घंटे की नौकरी करने के बाद ही विचारों को पंख दिए जाएं. आप किसी मैग्‍जीन, अखबार के लिए घर बैठकर आर्टिकल लिख सकती हैं. जिससे आपको अच्छी खासी कमाई हो जाएगी.

ट्रांसलेशन

अगर आप किन्हीं दो भाषाओं पर अच्छी पकड़ रखती हैं, तो ट्रांसलेशन यानि अनुवाद का काम शुरू कर सकती हैं. इंटरनेट पर आसानी से ट्रांसलेशन के प्रोजेक्ट मिल सकते हैं.

प्रोजेक्ट मेकर/हेल्पर

बच्चों के स्कूलों में आये दिन प्रोजेक्ट बनवाये जाते हैं, आप प्रोजेक्ट बनाकर बच्चों को दे सकती हैं या उनकी मदद करने का भी पैसा चार्ज कर सवकती हैं.

ट्यूशन

आप चाहें तो घर पर ही शाम के वक्त ट्यूशन क्लासेस दे सकती हैं. आस-पास के बच्चे आपसे जरूर पढ़ने आयेंगे, फिर आप इस अपने कमाई का जरिया भी बना सकती हैं.

कुकिंग क्लास

अगर आप अच्छा भोजन पकाना जानती हैं, और आपको एक से बढ़कर एक डिश बनाना आती हैं, तो घर पर ही कुकिंग क्लासेस शुरू कर सकती हैं. इसके लिये आपके पास एक कैमरा होना चाहिये जिससे आप विडियो बनाकर यू ट्यूब पर अपलोड़ कर अच्छी खासी कमाई कर पाएं.

वेब डिजाइनिंग

अगर आपको वेब डिजाइनिंग आती है, तो घर बैठे अपनी सेवा जरूरतमंद कंपनियों को दे सकती हैं. इसके लिये कई फ्री लांसिंग कंपनियां मौजूद हैं जो आपको आपके टास्क का पैसा देती हैं.

एंटीक आइटम

सेलिंग अगर आप साज सज्जा से जुड़े एंटीक आइटम बनाना जानती हैं, तो आज ही बनाना शुरू कर दें. रही बात बेचने की तो स्नैपडील जैसी कंपनियां आपके प्रौडक्ट बेचने को तैयार खड़ी हैं.

हौबी क्‍लासेस

आपको पेंटिंग करने, गिटार बजाने जैसी कोई भी हौबी रही है तो आप दूसरों को सिखाकर अपने लिए रोजगार की राह बनाने के साथ अच्‍छी कमाई भी कर सकती हैं.

बर्थडे प्लानर

आप अपने आस-पास की कालोनी के उन बच्चों की बर्थडे पार्टी में बर्थडे प्लानर का काम कर सकती हैं, जिनके माता-पिता के पास समय नहीं है. यह काम वेडिंग प्लानर के जैसा ही होता है.

मेकअप एंड ब्‍यूटी

आज के दौर में मेकअप एंड ब्‍यूटिशियन को महिलाओं ने सबसे ज्‍यादा रोजगार के तौर पर अपनाया है. शुरुआत एक छोटे से ब्‍यूटी पार्लर से की जा सकती है. भविष्य में आप बिजनेस को आगे भी बढ़ा सकती हैं.

औनलाइन सर्वे

जौब बदलते समय के साथ औनलाइन सर्वे जौब में लोगों की डिमांड पहले की अपेक्षा काफी बढ़ गई है. ऐसे में आप औनलाइन सर्वे में थोड़ा समय देकर घर बैठे अच्‍छी इनकम कर सकती हैं.

क्राफ्ट आइटम सेलिंग

अगर आप साज-सज्जा से जुड़ी चीजों को बनाने में माहिर हैं तो क्राफ्ट आइटम का बिजनेस अच्छा औप्‍शन है. फिर अपनी क्रिएटिविटी को बाहर लाने में सोचना कैसा, संभावनाओं से भरा संसार आपके इंतजार में है.

बुटिक

आप घर पर अपना बुटिक खोलकर अच्छी कमाई कर सकती हैं. जरुरत हैं थोड़ी धैर्य और कड़ी मेहनत की. अपनी डिजाइनिंग स्कील के बल पर आप अच्छा कमा सकती हैं.

फिटनेस सेंटर

आज के दौर में लोग अपने हेल्थ को लेकर सजग हो गए हैं. ऐसे में जिम और फिटनेस सेंटर का दौर बढ़ गया हैं. आप चाहे तो कम बजट में अपना फिटनेस सेंटर खोलकर कमाई कर सकती हैं.

डे केयर

महिलाएं अपने घर पर या किसी भी छोटी सी जगह पर डे केयर की शुरुआत कर सकती हैं. ये एक अच्छा बिजनेस साबित होगा. जहां आपको कम इनवेंस्टमेंट में अपना बिजनेस शुरु करने में मदद मिलेगी. पेंटिंग अगर आपके हाथों में हुनर है, तो एक से एक बेहतरीन पेंटिंग बनाकर आप स्नैपडील जैसी वेबसाइटों के माध्यम से बेचना शुरू कर सकती हैं.

इंटीरियर डिजाइनिंग

अगर आपको घर को सजाने-संवारने का शौक है तो आप इंटीरियर डिजाइनिंग का काम शुरु कर सकती हैं.

रेस्टूरेंट

अगर आप अपना बिजनेस शुरु करना चाहती है और खाने-पीने की चीजों के बारे में आपको थोड़ा भी आइडिया है तो आप अपना रेस्टूरेंट शुरु कर सकती हैं, और अच्छी खासी कमाई कर सकती हैं.

टिफिन सर्विस

आप में अगर अच्छा खाना बनाने का हुनर है, तो आप आज ही टिफिन सर्विस शुरू कर सकती हैं. आज 10 डिब्बे से की गई शुरुआत कल एक बड़ी कंपनी बन सकती है.

मौन्ट्रियल बाक फेस्‍टि‍वल : जल्दी जाएं और छुट्टि‍यां यादगार बनाएं

क्या आप संगीत प्रेमी हैं, अगर हां तो आज हम आपके लिये ही कुछ खास लाए हैं. आप यहां जाकर संगीत और लाइव कौंसर्ट का आनंद ले सकती हैं.

नार्थ अमेरिकन देश कनाडा में द बाक फेस्‍टि‍वल का आयोजन भव्‍य रूप से होता है. हर वर्ष यह त्‍योहार सर्दि‍यों की शुरुआत में होता है और मौन्ट्रियल में मनाए जाने की वजह से मौन्ट्रियल बाक फेस्‍टि‍वल के नाम से जाना जाता है. यह म्‍यूजि‍क फेस्‍ट‍िवल मौन्ट्रियल में स्थापित एक बड़े आर्गनाइजेशन द बाक-अकादमी डे द्वारा आयोजि‍त कराया जाता है.

सुरों का जादू बिखरता है

इस साल यह त्‍योहार 17 नवंबर से 3 दिसंबर तक मनाया जाएगा. यह त्‍योहार पूरी तरह से संगीत पर आधारित होता है. यह उत्‍सव इतिहास के महान संगीतकारों के सम्‍मान में मनाया जाता है. यहां पर दुनिया भर से संगीत कार अपने सुरों का जादू बिखेरने आते हैं. वैसे तो यहां पर पूरे दिन कार्यक्रम होते हैं लेकिन शाम के समय का माहौल और सहाना हो जाता है.

विशेष व्‍यवस्‍था की जाती है

यहां पर संगीत के अलावा और भी दूसरे सांस्‍कृति‍क व शैक्ष‍िक कार्यक्रम होते हैं. द बाक फेस्‍टि‍वल में यहां पर संगीत प्रेमियों की काफी भीड़ होती है. बच्‍चों से लेकर बड़े तक यहां पर सभी खूब मस्‍ती करते हैं. लाइव म्‍यूजि‍क को सुनने का जो मजा है वो शायद यहीं मिलता है. इस कार्यक्रम में आने वाले पयर्टकों और दिव्‍यांगों के लिए विशेष व्‍यवस्‍था की जाती है.

सैकड़ों साल पुराना फेस्‍ट‍िवल

आज यह विश्व स्तर के और्केस्ट्रा, गायक और सोलो संगीतकारों को एक जगह एकत्र करने का बड़ा मंच हो गया है. नार्थ अमेरिकन देश कनाड़ा में होने वाला मौन्ट्रियल बाक फेस्‍टि‍वल को इस साल 150 वर्ष हो जाएंगे. वहीं विश्‍व स्‍तर पर संगीत संस्‍कृति‍ को विरासत के रूप में सहेजने वाले बाक फेस्‍ट‍िवल की शुरुआत 31 अक्‍टूबर 1517 को हुई थी.

हर कामकाजी पत्नी के लिए पति का साथ जरूरी : विद्या बालन

फिल्म इंडस्ट्री में 12 साल बिता चुकी अभिनेत्री विद्या बालन अपने बेहतरीन अभिनय के लिए जानी जाती हैं. उनका फिल्मी सफर काफी अच्छा रहा. इतना ही नहीं, उन्होंने कई फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाकर यह सिद्ध कर दिया कि हिंदी सिनेमा केवल अभिनेता के दम पर ही नहीं चलती, बल्कि अभिनेत्रियां भी फिल्मों को सफल बना सकती हैं, जिसमें उनकी फिल्म ‘परिणीता’, ‘कहानी’, ‘द डर्टी पिक्चर’, ‘भूल भुलैया’ आदि है.

इन फिल्मों में उनके अभिनय को सभी ने सराहा, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी फिल्में ‘बौबी जासूस’, ‘कहानी 2’, ‘बेगम जान’ आदि कई फिल्में बौक्स औफिस पर सफल होने में असमर्थ रही. विद्या इसे लेकर अधिक चिंता नहीं करती और इसे एक खराब दौर मानती हैं, जो समय के साथ निकल जायेगा. विद्या केवल अभिनय ही नहीं, सामाजिक कार्य में भी रूचि रखती हैं, जिसे करना वह अपना फर्ज मानती हैं. हंसमुख और स्पष्टभाषी विद्या से बात करना रोचक था, पेश है अंश.

‘तुम्हारी सुलू’ फिल्म में काम करने की वजह क्या थी?

इस फिल्म की कहानी अब तक की मेरी फिल्मों से अलग है. इसमें एक साधारण महिला कैसे अपने सपनों को पूरा करती है, उसे दिखाने की कोशिश की गयी है. इसमें मैंने रेडियो जौकी की भूमिका निभाई है.

घर-परिवार सम्भालने वाली महिलाओं में ये धारणा होती है कि वे कामकाजी महिलाओं की तुलना में कमतर हैं, आप इस बात से कितनी सहमत हैं?

मेरी जब शादी हुई थी, तो सभी ने मुझसे पूछा था कि मैं परिवार के साथ काम को कैसे सम्भालती हूं. ये सही है कि कुछ महिलाओं के पास आप्शन नहीं होता है कि वे परिवार के साथ काम करें, क्योंकि ऐसा करने के लिए अच्छी सपोर्ट सिस्टम होना जरूरी होता है. मुझे घर का कोई काम करना नहीं पड़ता. ऐसे में मैं भले ही घर से दूर रहूं, लेकिन घर पर कहां क्या हो रहा है, उसकी पूरी जानकारी रखती हूं.

मुझे याद आता है जब मैं चौथी कक्षा में थी, तो मेरी एक अध्यापिका ने कही थी कि मेरी मां हर रोज खाना पकाकर, खिलाकर मुझे स्कूल भेजती है और मेरे पिता बिना चिंता के औफिस जाते हैं. ऐसे में मुझे मां को थैंक्स कहना चाहिए. मैंने जब मां को थैंक्स कही तो वह चकित हो गयी थी. मैं मध्यम वर्गीय परिवार से हूं, जहां मैंने देखा है कि मां हमेशा हमारे बारे में सेचती थी. पैसे की अहमियत, किसी से प्यार करना, किसी से हमदर्दी रखना ये सब मैंने अपनी मां से सीखा है. जिन लोगों ने पहले हमारे घर पर काम किया हो या अभी कर रहे हैं उनके बारे में मां आज भी सोचती हैं, उनकी मदद करती है.

मेरे हिसाब से कोई भी महिला अगर परिवार के साथ काम काजी है, तो पति का साथ पूरी तरह से उसे मिलनी चाहिए. तभी उसे काम करने में अच्छा लगेगा.

आपकी पिछली कुछ फिल्में सफल नहीं रही, इस बारे में क्या कहना चाहती हैं?

ये बताना बहुत मुश्किल होता है कि फिल्म चली क्यों नहीं. मैं हर फिल्म में अपनी पूरी कमिटमेंट देती हूं. कई बार कहानी अच्छी होने पर और बड़ी कलाकार को लेकर निर्देशक ढीले पड़ जाते हैं. उन्हें लगता है कि सफल एक्ट्रेस है, तो फिल्म चलेगी ही, जबकि ऐसा नहीं होता. इसके अलावा कहानी जो कही जाती है वह दर्शकों तक सही तरह से पहुंच नहीं पाती और फिल्म ‘हिट’ नहीं हो पाती, लेकिन मैं इससे मायूस नहीं होती.

आप हमेशा हंसमुख स्वभाव की दिखती हैं, क्या कभी किसी बात से गुस्सा आया?

मैं मुस्कुराना पसंद करती हूं. गुस्सा नहीं आता और निराश नहीं होती. मुझे लगता है कि कोई भी बात इतनी बड़ी नहीं हो सकती, जितना लोग सोचते हैं. अगर कोई मुश्किल घड़ी आती भी है तो वह कुछ दिनों बाद अपने आप ही निकल जाती है.

सिद्दार्थ के साथ आपकी जिंदगी कैसी चल रही है? क्या परिवार बढ़ाने की कोई इच्छा है?

सिद्दार्थ के साथ मेरी जिंदगी अच्छी चल रही है. एक छत के नीचे कैसे दो लोग रहते हैं, वह समझ में आया है. अभी हम दोनों और हमारे परिवार इस जिंदगी से खुश हैं. अभी परिवार के बारे में सोचा नहीं है.

आप हमेशा अलग-अलग साड़ियों में दिखती हैं, क्या आप को साड़ियां ही अधिक पसंद है?

साड़ियों की इतनी वैरायटी हमारे देश में है कि मैं कितना भी पहनूं, नयी-नयी साड़ियां मुझे मिलती ही जाएगी. असल में मुझे हर जगह गिफ्ट में साड़ियां ही मिलती है. कांजीवरम की साड़ियां मुझे खास पसंद है.

सामाजिक कार्य की तरफ आपका झुकाव कैसे हुआ?

मुझे सामाजिक कार्य करना हमेशा से पसंद है, फिर चाहे खुले में शौच न करने के बारे कहना, लड़कियों की शिक्षा पूरी करने के बारे में जागरूकता फैलाना, ऐसे किसी भी विषय पर मुझे बात करना पसंद है. ये मुझे अपने परिवार से ही मिला है, जहां हर किसी का ध्यान रखना बचपन से मैंने सीखा है.  

क्या कोई सपना रह गया है, जिसे आप पूरा करना चाहती हैं?

मैंने बचपन से ही अभिनेत्री बनना चाहा और वह सपना पूरा हो गया है, अब कोई मलाल नहीं है.

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