सही मेकअप बढ़ाए खूबसूरती

युवावस्था ऐसा समय है जब हर युवती खुद पर इतराना-इठलाना चाहती है. कुछ उम्र का असर, कुछ बदलती भावनाओं का, युवतियों पर अनूठी छटा खुद ही आ जाती है. लेकिन इसी उम्र में पिंपल भी अपना रंग दिखा रहे होते हैं. आप को अपनी सहेलियों के संग मूवी देखने जाना हो या फिर किसी मौल में घूमना हो, तब आप का रूप निखारता है मेकअप.

मेकअप करते समय युवतियों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उन का मेकअप उन की उम्र के अनुसार हो यानी न अधिक भड़कीला और न अधिक उत्तेजक. अच्छा मेकअप करने के लिए कुछ टिप्स का ध्यान रखें.

पिंपल्स की समस्या

युवतियों के सब से बड़े दुश्मन होते हैं पिंपल्स. इन के इलाज हेतु घरेलू उपचार करें और यदि घरेलू उपचार से आप को फायदा न हो तो किसी त्वचा विशेषज्ञ की राय लें. अपनी ड्रैस पर हजार रुपए खर्च करने की जगह अपने चेहरे को पिंपल्स से छुटकारा दिलाने में समझदारी है.

घरेलू उपाय

मुलतानी मिट्टी का फेसपैक चेहरे की तैलीय त्वचा को ठीक करता है.

बेसन से मुंह धोने से भी तैलीय त्वचा बेहतर होती है.

एक चम्मच दालचीनी और 2 चम्मच शहद को अच्छी तरह मिला कर 10-15 मिनट के लिए चेहरे पर लगाएं और फिर धो डालें. दालचीनी का रोगाणुरोधी गुण और शहद के ऐंटीबायोटिक होने से पिंपल में आराम मिलता है.

ऐसे ही आप एलोवेरा जैल, पके हुए पपीते के गूदे या संतरे के छिलके का पेस्ट भी चेहरे पर लगा कर फायदा उठा सकती हैं.

युवतियों का मेकअप कैसा हो

युवावस्था में अत्यधिक मेकअप अच्छा नहीं लगता. हलका मेकअप मासूमियत बनाए रखता है.

आंखों पर रंगबिरंगे आईशैड लगाने के बजाय सुनहरे रंग का इस्तेमाल करें. इस से आप की आंखें चमक उठेंगी और साथ ही मेकअप ओवर नहीं लगेगा.

गालों को उभारते हुए चेहरे पर गुलाबी ब्लश लगाएं. इस से आप का लड़कपन छलकेगा और साथ ही युवावस्था का ब्लश भी.

पलकों पर काला मसकारा लगाएं

भड़कीली गहरे रंग की लिपस्टिक न लगाएं. युवावस्था में होंठों पर हलकी गुलाबी या न्यूड रंग की लिपस्टिक अच्छी लगती है.

फाउंडेशन न लगाएं

अक्सर युवतियां अपने पिंपल्स छिपाने के लिए फाउंडेशन लगा लेती हैं. किंतु युवावस्था में फाउंडेशन लगाने से बचना चाहिए. फाउंडेशन 30 साल के आसपास की महिलाओं पर जंचता है. युवतियों को अपने पिंपल छिपाने के लिए कंसीलर और उस के ऊपर टिंटेड मोइश्चराइजर का प्रयोग करना चाहिए.

टिप: कंसीलर लगाने का सही तरीका है कि उसे पिंपल के ऊपर रगड़ा न जाए बल्कि हलके हाथ से हर पिंपल के ऊपर उंगली से लगाया जाए.

हलके-फुलके टिप्स

बालों को सुंदर और रेशमी बनाए रखने के लिए हफ्ते में एक दिन जैतून के तेल से मालिश करें.

होंठों को मुलायम रखने के लिए वैसलीन का इस्तेमाल करना सर्वोत्तम है.

त्वचा को टैन होने से बचाने के लिए सनस्क्रीन लगाना न भूलें. इस से त्वचा टैन होने से बचने के साथसाथ झाइयों व झुर्रियों से भी बचती है.

नाखूनों को कभी दांतों से न काटें. यह आदत न केवल नाखूनों को खराब करती है बल्कि सेहत के लिए भी हानिकारक है. ढंग से नेल फाइलर से फाइल करें.

स्वस्थ त्वचा यानी सुंदर आप

चाहे आप कितना भी सजसंवर लें, यदि आप की त्वचा स्वस्थ नहीं है तो सुंदर लगना मुश्किल है. अपनी त्वचा का ध्यान रखें. हर रात सोने से पहले चेहरा किसी अच्छे क्लींजर से धोएं ताकि चेहरे का अतिरिक्त तेल निकल जाए. उस के बाद अच्छी गुणवत्ता का मोइश्चराइजर लगाएं ताकि आप की त्वचा मुलायम और लचीली रहे.

टिप: त्वचा को स्वस्थ रखने हेतु जंकफूड के सेवन से बचें. खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडा, मछली, दूध से निर्मित खाद्य, फल आदि खाने चाहिए. पानी खूब पीना चाहिए ताकि शरीर से टौक्सिन निकल जाएं.

हफ्ते में एक दिन हलके हाथों से स्क्रब कर डैड स्किन हटा दें. घरेलू स्क्रब बनाने के लिए आप ओटमील या फिर संतरे के छिलकों का प्रयोग कर सकती हैं.

अनुपम खेर बने एफटीआईआई के नये चेयरमैन

बौलीवुड में ही नहीं बल्कि हौलीवुड में भी कई बेहतरीन रोल कर नाम कमा चुके अनुपम खेर को फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एफटीआईआई) का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है. वे एफटीआईआई के विवादास्पद चेयरमैन गजेंद्र चौहान से पदभार संभालेंगे. गजेंद्र ने इस पर कहा है कि उनको हटाया नहीं गया है, बल्कि मार्च में ही उनकी कार्यकाल पूरा हो चुका था. गौरतलब है कि 62 साल के खेर से पहले मशहूर टीवी एक्टर गजेंद्र चौहान इस पद पर थे गजेंद्र को 2015 में FTII का चेयरमैन बनाया गया था. अपने 14 महीने के कार्यकाल के दौरान गजेंद्र चौहान सिर्फ एक बार ही संस्थान में किसी बैठक में शामिल होने गए थे.

बता दें कि जब गजेंद्र को एफटीआईआई का चैयरमेन बनाया गया था तब छात्रों ने कैंपस में काफी विरोध-प्रदर्शन और 139 दिनों तक हड़ताल भी किया था. चौहान की काफी आलोचना उनके कैंपस से बाहर रहने को लेकर भी हुई थी. यही नहीं फिल्म जगत के लोगों ने भी गजेंद्र की योग्यता को लेकर सवाल उठाया था. छात्रों ने उस समय पुणे से लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर तक विरोध प्रदर्शन किया था. जिसकी वजह से चौहान अपने नियुक्ति के सात महीने तक अपना पदभार संभाल नहीं पाए थे. उस समय सरकार ने उन्हें हटाने से मना कर दिया था.

पत्नी किरण खेर ने भी इस पर उन्हें बधाई दी है. उन्होंने कहा कि संस्थान का अध्यक्ष बनना कांटों के ताज पहनने जैसा है. बहुत लोग आपके खिलाफ होते हैं. वे आपके खिलाफ काम करते हैं, लेकिन मुझे यकीन है कि अनुपम अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाएंगे. वे प्रतिभावान हैं. लंबे समय से एक्टिंग सिखा रहे हैं. व्यवस्थित हैं. वह सेंसर बोर्ड और एनएसडी के भी मुखिया रह चुके हैं और अब वह एफटीआईआई के मुखिया होंगे. मुझे इस बात पर गर्व होता है. मैं सूचना और प्रसारण मंत्रालय, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रिया कहना चाहूंगी.

अनुपम खेर ने नेशनल स्कूल आफ ड्रामा से एक्टिंग का कोर्स कर रखा है और उनके लिए फिल्मों में काम मिलना आसान नहीं था. संघर्ष के दिनों में जब वे मुंबई आए तो उन्हें प्लेटफार्म पर सोना तक पड़ा था. संघर्ष कुछ ऐसा था कि कई बार खाने तक के लाले पड़ जाते थे, लेकिन उन्होंने खाने की इस समस्या से निबटने के लिए एक तरिका निकाल लिया था. जब भी ऐसा मौका आता तो वे अपने गोरे रंग और सिर पर बाल न होने को हथियार बनाते. इसके साथ ही लोगों की नकल उतारना भी उनका खास गुण था, जिसका वे भरपूर इस्तेमाल करते. वे खाने की जगहों पर जाते और वहां जाकर अंग्रेजों की तरह बोलते और तरह-तरह की चीजें टेस्ट करते. जब उनका पेट भर जाता तो वे वहां से चलते बनते. दिलचस्प बात यह है कि लोग उन्हें विदेशी समझ लेते थे और पैसे भी नहीं मांगते थे.

अनुपम को साल 2004 में पद्मश्री और 2016 में पद्म भूषण से नवाजा जा चुका है. वह सारांश, डैडी, राम-लखन, लम्हे, खेल, दीवाने, दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे और मैंने गांधी को मारा सरीखी फिल्मों में अपनी काबिल-ए-तारीफ अदायगी के लिए आज भी जाने जाते हैं. बता दें कि अनुपम खेर की अगली फिल्म ‘रांची डायरीज’ जल्द ही रिलीज होने वाली है.

किन वजहों से गांधी और नेहरु परिवार से दूर हो गये अमिताभ बच्चन

बच्चन परिवार और गांधी-नेहरू परिवार के बीच नजदीकियों की बात किसी से छिपी नहीं है. एक वक्त ये दोनों ही परिवार एक दूसरे के सबसे करीबी माने जाते थे लेकिन उसके बाद दोनों के बीच दूरियां इतनी बढ़ गयीं कि उनके संबंध पूरी तरह खत्म ही हो गये.

साल 2004 में दोनों परिवारों के आपसी रिश्ते के बारे में पूछने पर अमिताभ ने गांधी परिवार को राजा और अपने परिवार को रंक बताया था. बच्चन और नेहरू-गांधी परिवार की दोस्ती आजादी से पहले की थी. दोनों ही परिवार इलाहाबाद के थे और तभी से उनमें दोस्ती भी थी.

कहा जाता है कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने केवल हरिवंश राय बच्चन को नौकरी देने के लिए विदेश मंत्रालय में हिन्दी अधिकारी का पद सृजित करवाया था.

हरिवंश राय बच्चन को नेहरू जी ने राज्य सभा में भी मनोनीत किया था. उन्हें नेहरू जी के निवास के बगल वाला बंगला आवंटित किया गया था. नेहरू और हरिवंश राय बच्चन की तरह दोनों परिवारों के बाकी सदस्यों के बीच भी काफी मधुर संबंध थे.

अमिताभ खुद भी बता चुके हैं कि उनकी और नेहरू के नाती राजीव गांधी के बीच पहली मुलाकात तब हुई थी जब अमिताभ चार साल के थे और राजीव दो साल के. जब अमिताभ बच्चन कुली फिल्म की शूटिंग में घायल हुए थे तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उन्हें देखने अस्पताल गयी थीं. लेकिन बाद के सालों में दोनों परिवारों के बीच आई दूरियों की वजह अभी तक आधिकारिक रूप से न तो गांधी परिवार के किसी सदस्य ने और न ही बच्चन परिवार के किसी सदस्य ने जाहिर की है.

लेकिन माना जाता है कि दोनों परिवार के बीच दूरी तब बढ़ी जब इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी के कहने पर अमिताभ बच्चन ने इलाहाबाद से लोक सभा चुनाव लड़ा और भारी बहुमत जीत हासिल की. चुनाव जीतने जिताने तक राजीव और अमिताभ के बीच सबकुछ सही रहा लेकिन उसके बाद राजनीति ने रंग दिखाना शुरू कर दिया.

जयप्रकाश चौकसे की मानें तो उस समय संसद के गलियारों में ये कानाफूसी होती थी कि अमिताभ बच्चन के कहने पर किसी कारोबारी को सरकार ने लाइसेंस दिया था. कांग्रेसी नेताओं का मानना था इस डील में पैसे का लेन देन हुआ था और वो पैसा कांग्रेस के कोषागार में नहीं जमा कराया गया था. जबकि कुछ लोगों का कहना था कि कथित डील में अमिताभ ने कभी पैसा नहीं लिया था और उन्होंने बस दोस्ती में मदद की थी.

बाद में बोफोर्स घोटाले में भी अमिताभ बच्चन का नाम घसीटा गया. अमिताभ उसके खिलाफ ब्रिटेन की अदालत में गये और मुकदमा जीता. लेकिन शायद तब तक दोनों परिवारों के रिश्तों के बीच दरार पड़ चुकी थी जो वक्त के साथ चौड़ी होती चली गयी.

लेटैस्ट नेल आर्ट ट्रैंड

खूबसूरती सिर्फ चेहरे से ही नहीं होती है. अगर चेहरे के साथ साथ हाथ पैर भी खूबसूरत दिखें तभी कोई महिला या युवती खूबसूरत कहलाती है. हाथों को खूबसूरत बनाने के लिए नेल्स का सही शेप में कटा और साफसुथरा होना बहुत जरूरी है. उस पर अगर खूबसूरत नेल आर्ट की डिजाइन हो तो और भी बेहतर. मगर क्या आप को पता है कि नेल आर्ट में एक से बढ़ कर एक लेटैस्ट ट्रैंड आ गए हैं जो आप के नेल्स को डिफरैंट लुक दे कर अट्रैक्टिव बना सकते हैं? अगर आप अपने लुक के साथ कुछ चेंजओवर करना चाहती हैं तो अपनाएं कुछ डिफरैंट और अट्रैक्टिव औप्शन जो आप के नेल्स को बेहतर लुक दें.

डिफरैंट नेल आर्ट डिजाइन के बारे में जानकारी दे रही हैं नेल आर्ट ऐक्सपर्ट खुशबू.

ऐडवर्टाइजिंग नेल आर्ट डिजाइन

अब तक आप ने फ्लौवर डिजाइन, फ्रैंच डिजाइन, ऐनिमल डिजाइन आदि ही अपने नेल्स पर बनवाएं होंगे, पर ऐडवर्टाइजिंग नेल आर्ट में आप अपने फैवरिट ऐड को सलैक्ट कर के उस की डिजाइन अपने नेल्स पर बनवा सकती हैं.

3डी नेल आर्ट डिजाइन

3डी नेल आर्ट 3 डी नेल पैंट, स्कल्पचर पाउडर और 3डी जैल से की जाती है. इन में सारी डिजाइनें 3डी इफैक्ट देती हैं. ये डिजाइनें दूसरी नेल आर्ट डिजाइनों से डिफरैंट होने की वजह से बहुत अवट्रैक्टिव लगती हैं. इन में सब से बड़ी बात आप अपने नेल्स को मूड के मुताबिक डिजाइन करवा सकती हैं.

न्यूजपेपर नेल आर्ट डिजाइन

इस नेल आर्ट में आप अपने फैवरिट न्यूज पेपर को डिजाइन करवा सकती हैं या फिर अपनी कोई फैवरिट लाइन भी नेल्स पर लिखवा सकती हैं. यह आप के नेल्स को अलग ही लुक देगी.

सोशल नेल आर्ट डिजाइन

आज युवाओं में बढ़ती सोशल साइट की दीवानगी ने इन्हें मेकअप ट्रैंड्स में भी ला दिया है. कालेज गोइंग गर्ल्स अपने नेल्स पर फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप, यूट्यूब वगैरा के साइन व पिक्चर खूब बनवा रही हैं. इन के अलावा वे सोशल साइट के स्टीकर भी लगवा रही हैं.

जिपर नेल आर्ट डिजाइन

जिपर नेल आर्ट डिजाइन में नेल्स पर जिप जैसी डिजाइन बनाई जाती है. यह यूनीक स्टाइल आप को बोल्ड लुक देगा. लेकिन इस डिजाइन को बनवाने में काफी समय लगता है.

हैलोवीन नेल आर्ट डिजाइन

ग्लैमरस व बोल्ड लुक चाहने वाली लड़कियों के लिए हैलोवीन नेल आर्ट डिजाइन बैस्ट है. इस में डिफरैंट स्टाइल के बोल्ड लुक आप बनवा सकती हैं और ये डिजाइनें डिस्को पार्टी आदि के लिए बैस्ट हैं.

फैस्टिवल पार्टी मैन्यू हो हैल्दी भी और टेस्टी भी

फैस्टिवल की बात जब होती है तो पार्टी बेहद खास हो जाती है. पार्टी में डांस, मस्ती और रोमांच के साथ ही साथ बेहद जरूरी होता है खाने के मैन्यू का चुनाव करना. युवा खाने में बहुत चूजी होते हैं. उन्हें साधारण खाना पसंद नहीं आता. वे फास्टफूड, चाइनीज, पास्ता और आइसक्रीम की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं. कई बार होटलों में बना यह खाना हैल्थ के लिहाज से अच्छा नहीं होता. युवाओं की सेहत के लिए ये हानिकारक होते हैं. ऐसे में खाने के मैन्यू का चुनाव करना बेहद अहम है. पार्टी का यह फूड मैन्यू हैल्दी और टैस्टी होना चाहिए साथ ही साथ, यह दिखने में भी अच्छा हो. यूथ इस बात को पसंद करते हैं कि उन का मैन्यू दिखने में भी आकर्षक हो. युवाओं में एक यह धारणा होती है कि जो हैल्दी फूड होता है वह टैस्टी नहीं होता है. इस धारणा को बदलने की जरूरत है. आज के दौर में खानपान को ले कर इतने बदलाव हो रहे हैं कि टैस्टी खाने को भी हैल्दी बनाया जा सकता है.

न्यूट्रीवैल इंडिया की डा. सुरभि जैन कहती हैं, ‘‘यूथ को पार्टी का मैन्यू तय करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि वह हैल्दी और  टेस्टी तो हो ही, देखने में भी अच्छा हो. आज के समय में सलाद का प्रयोग बहुत अच्छा होता है. फैस्टिवल सीजन में कई तरह की हरी सब्जियां मिलती हैं. इन का प्रयोग किया जा सकता है. सौफ्टडिं्रक में फ्रैश जूस का प्रयोग अच्छा रहता है. कोल्डड्रिंक और बोतलबंद जूस में चीनी का प्रयोग अधिक रहता है, ऐसे में इन का प्रयोग सावधानी से करें.

‘‘हनी मिक्स ड्रिंक बनाए जा सकते हैं. कई तरह के ड्रिंक बादाम, मेवा से भी मिला कर तैयार किए जा सकते हैं. आजकल के खाने में मिलावट के साथ स्वच्छ तेल का प्रयोग नहीं किया जाता. होटलों में कई बार एक ही औयल का प्रयोग किया जाता है. यह औयल सेहत के लिए बहुत खतरनाक होता है. मैन्यू के साथ जरूरी है कि खाना बनाने वाले उपकरण का चुनाव सावधानी से हो.’’ 

वैलकम ड्रिंक में हो मेवा का प्रयोग

किसी भी पार्टी में खाने की शुरुआत वैलकम ड्रिंक से होती है. यूथ की पार्टी का वैलकम ड्रिंक कुछ खास होना चाहिए. कोल्डड्रिंक और डब्बाबंद जूस तो बेहद सरल सा मैन्यू हो जाता है. यह देखने में कुछ खास नहीं होता. हैल्दी भी उतना नहीं होता है फैस्टिवल के दिनों में मौसम जाडे़ का होता है. ऐसे में मेवा से तैयार डिं्रक बेहद जरूरी होता है. यह युवाओं की सेहत के लिए उपयोगी भी होगा. वैलकम ड्रिंक में मौकटेल्स को युवा खूब पसंद करने लगे हैं. जरूरी यह होता है कि इस को बहुत अच्छी तरह से पेश किया जाए. फ्रै श लाइम सोडा, शिकंजी के साथ रूहअफ्जा, मैंगो और स्ट्राबैरी से तैयार वैलकम ड्रिंक बहुत अच्छे होते हैं.’’

इवैंट और्गेनाइजर दिशा संधू कहती हैं,‘‘फैस्टिवल सीजन में मौसम बदल रहा होता है, ऐसे में यूथ को हैल्दी वैलकम ड्रिंक का प्रयोग करना चाहिए. मौकटेल्स अब ऐसे तैयार होने लगे हैं जो देखने में भी बहुत अच्छे लगते हैं. इन को पेश करने का तरीका भी बेहद खास होता है. इस को देखने से ही मन खुश हो जाता है.

‘‘आज के समय में पार्टी की फोटोग्राफी बेहद खास होती है, ऐसे में इस में परोसे जाने वाले वैलकम ड्रिंक का अच्छा दिखना जरूरी होता है. कोल्डड्रिंक या जूस के मुकाबले मौकटेल्स ज्यादा हैल्दी, टैस्टी होने के बाद साथसाथ खूबसूरत भी दिखते हैं. ये अलगअलग टैस्ट के होते हैं. मौकटेल्स को तैयार करने में खाने वाले कलर की जगह पर नैचुरल खाने की चीजों के इस्तेमाल से उसे कलरफुल बनाया जाए. जैसे केसर के प्रयोग से मौकटेल्स को कलर दिया जा सकता है. यह हैल्थ को नुकसान नहीं देता है.’’

स्टार्टर हो खास

मैन्यू में वैलकम ड्रिंक के बाद सब से खास होता है स्टार्टर फूड. यह कुछ तीखाचटपटा होना चाहिए जिस से खाने की भूख न खत्म हो. खाने वाले का स्वाद बढ़ जाए. युवाओं को स्टार्टर फूड में साउथ इंडियन डिश के साथ चाइनीज डिश बेहद पसंद आती है. इस के साथ ही, चटपटी चाट भी पसंद आती है. पापड़ी चाट, ढोकला, भेलपूरी युवा खूब पसंद करते हैं.

डायटीशियन तान्या साहनी कहती हैं, ‘‘युवाओं में स्टार्टर फूड मेन कोर्स से ज्यादा पसंद किया जाता है. कटलेट, स्प्रिंगरोल, हनी पोटैटो को तैयार करते समय अच्छे किस्म का औयल प्रयोग किया जाए. बेहतर होगा कि औलिव औयल का प्रयोग हो. यह सेहत के लिए खास होता है. भेलपूरी और ढोकला दोनों में ही औयल का प्रयोग नहीं होता है. ये सब से अहम होते हैं.’’

फैस्टिवल सीजन में तरहतरह की सब्जियां बाजार में होती है. ऐसे में इन से तैयार सूप भी बहुत उपयोगी होते हैं. सूप में कई तरह की सब्जियां होती हैं जो सेहत के लिए लाभकारी होती हैं. इन का टेस्ट भी अच्छा होता है.

तान्या कहती हैं, ‘‘स्टार्टर फूड का चुनाव सही तरह से करना चाहिए. सूप इन में सब से बेहतर होता है. सूप खाने की भूख को बढ़ाने के साथ ही साथ खाने को सही तरह से डाइजैस्ट भी करता है. युवाओं को अपनी पसंद के अनुसार इन को तैयार कराना चाहिए. थोडे़बहुत बदलाव के बाद हैल्दी सूप को टैस्टी बनाया जा सकता है. इस में पसंद के अनुसार फ्रूट्स का भी प्रयोग किया जा सकता है. विंटर के इस फैस्टिवल सीजन में कई तरह के टेस्टी फू्रट्स मिलने लगते हैं. यह भी अलग किस्म के होते हैं. फ्रूट्स चाट भी पसंद की जाती है.’’

मेन कोर्स में पनीर पहली पसंद

पार्टी की शान उस का खाना होता है. ऐसे में खाना स्वादिष्ठ होना जरूरी है. खाने में शाकाहारी पसंदीदा डिश होती है. कुछ युवाओं को नौनवेज भी पसंद आता है. इवैंट और्गेनाइजर स्वाति दीक्षित का मानना है, ‘‘डिश का चुनाव ऐसा होना चाहिए कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों की पसंद का हो. ऐसे में पनीर की डिश सब से खास होती है. मशरूम से तैयार डिश खाने में हैवी हो जाती है, ऐसे में यह यूथ को कम पसंद आती है. पनीर में कढ़ाईपनीर सब से खास होता है. फ्राई सब्जियां जैसे भरवां बैगन, करेला और टमाटर भी यूथ पसंद करते हैं. ग्रेवी वाली सब्जी के साथ ड्राई सब्जी भी जरूरी होती है. बहुत सारे युवाओं को आलूजीरा फ्राई सब से अच्छा लगता है. तंदूरी रोटी के साथ जीरा राइस भी पसंद आता है.’’

खाने के बाद स्वीट डिश में यूथ को सब से पसंद आइसक्रीम आती है. मिठाई बहुत कम लोग खाना पसंद करते हैं. युवाओं की पार्टी का मैन्यू पूरी तरह से बैलेंस्ड होना चाहिए. जिस से वे पार्टी को ऐंजौए कर सकें.

क्या कंगना विजेता बन कर उभरेंगी?

इन दिनों बौलीवुड में जो हालात नजर आ रहे हैं, उससे यह बत साफ तौर पर लग रही है कि कंगना रनौत की अपनी जिद, अड़ियल स्वभाव और बिंदासपना ने उन्हें हर तरफ से मुसीबत में डाल दिया है. यूं तो कंगना पर मुसीबतों का पहाड़ टूटना शुरू हो चुका है. मगर 13 अक्टूबर को उनके खिलाफ अदालती कार्यवाही भी शुरू होने वाली है. आदित्य पंचाली और जरीना वहाब के वकीलों जमीर खान और श्रेया श्रीवास्तव द्वारा कंगना रनौत के खिलाफ आपराधिक यानी कि क्रिमिनल और सिविल डिफेमेशन नोटिस भेजी गयी थी. इन दो कानूनी नोटिस के जवाब में कंगना रनौत ने अपने वकील रिजवान की तरफ से जिस तरह का जवाब भिजवाया, उसने आग में घी का काम कर दिया है. अब आदित्य पंचोली और जरीना वहाब ने बिना देर किए कंगना रनौत के खिलाफ अदालती कार्यवाही शुरू करने के लिए अपने वकीलों से कह दिया है. आदित्य पंचोली की वकील श्रेया श्रीवास्तव ने कह दिया है कि 13 अक्टूबर को वह अपने मुवक्किल की तरफ से कंगना रनौत के खिलाफ अदालत में क्रिमिनल और सिविल डिफेमेशन के मुकदमें दायर करने जा रही हैं.

मजेदार बात यह कि कंगना रनौत के वकील रिजवान सिद्दिकी ने आदित्य पंचोली व जरीना वहाब के वकीलों द्वारा भेजी गयी नोटिस का जवाब देते हुए कुछ पुराने अखबारों की कतरने भेजते हुए कहा है कि उनकी मुवक्किल ने टीवी इंटरव्यू में ऐसा कुछ नहीं कहा, जो कि पहले अखबारों में न छपा हो. रिजवान सिद्दिकी के अनुसार कंगना ने आदित्य पंचोली के साथ अपने अनुभवों का ही जिक्र किया है और वह प्रताड़ित हुई हैं. यह सब 2007 में मीडिया में आ चुका है.

उधर आदित्य पंचोली कहते हैं कि कंगना रनौत ने उनकी नोटिस का जवाब नहीं दिया है. वह कहते हैं, ‘‘कंगना को कोई हक नहीं बनता कि वह राष्ट्रीय टीवी पर मुझे अपमानित करें. मैंने उन्हें उनकी बात कहने का अवसर दिया था, जिसे अब वह खो चुकी हैं. अब मैंने अपने वकीलों से कह दिया है कि कंगना रनौत के खिलाफ अदालती कार्यवाही शुरू की जाए.

बहरहाल, इस पर अभी तक कंगना रनौत की तरफ से कोई बात नहीं कही गयी है. उनकी बहन रंगोली भी अदालती कार्यवाही के मसले पर चुप हैं.

जबकि कंगना रनौत बुरी तरह से चारों तरफ से घिरती जा रही हैं. पिछले कुछ दिनों के अंदर रितिक रोशन ने न सिर्फ इंटरव्यू देकर कंगना रनौत के खिलाफ आग उगला है, बल्कि उन्होंने पुलिस के अपराध शाखा में भी कंगना रनौत के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है. तो वहीं रितिक की पूर्व पत्नी के अलावा रितिक रोशन के पिता राकेश रोशन भी अब अपने बेटे के बचाव में खुलकर आ गए हैं. उन्होंने भी कई तरह के बयान दे दिए हैं. इतना ही नहीं बौलीवुड भी दो खेमों में बंट चुका है. बौलीवुड से जुड़े ज्यादातर लोग रितिक रोशन के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं. यह सभी कंगना पर हमला बोल रहे हैं. कुछ कलाकारों ने बाकायदा सोशल मीडिया पर कंगना के खिलाफ खुला पत्र तक लिख दिया है. महिला कलाकार यामी गौतम ने तो यहां तक फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि, ‘‘समाज ने आमतौर पर मान लिया है कि जो पुरूष है, गलती उसी की है. यह बहुत खतरनाक है. लोगों ने रितिक रोशन व कंगना के मसले को लिंगभेद का मसला बना दिया है…..’’ उधर करण जोहर, सोनम कपूर, ट्विंकल खन्ना, दिया मिर्जा, सोनाली बेंद्रे सहित कई कलाकार बाकायदा रितिक रोशन के पक्ष में ट्वीट कर रहे हैं.

इतना ही नहीं अब इस विवाद का असर कंगना रनौत के करियर पर भी होने लगा है. कल तक कंगना का साथ दे रहे फिल्मकार भी अब कंगना रनौत से दूरी बनाने लगे हैं. अब हंसल मेहता सहित कई फिल्मकार चुप हो गए हैं. आनंद एल राय ने ‘तनु वेड्स मनु’ का तीसरा सिक्वअल कंगना के बिना बनाने का निर्णय सुना दिया है. तो वहीं कंगना रनौत की अतिमहत्वाकांक्षी फिल्म ‘‘मणिकर्णिका’’ पर संकट के बादल छा गए हैं. पिछले दिनों इस फिल्म की शूटिंग हैदराबाद में चल रही थी. सूत्रों का दावा है कि कंगना रनौत के साथ ही अंकिता लोखंडे भी शूटिंग करने पहुंची थी, लेकिन दूसरे ही दिन इस फिल्म की शूटिंग रूक गयी. पता चला कि इस फिल्म को फायनेसं कर रहे एक निर्माता ने फिल्म के निर्माण में अपना पैसा देने से इंकार कर दिया. इतना ही नहीं सूत्रों की मानें तो नौ अक्टूबर से ‘मणिकर्णिका’ की शूटिंग राजस्थान में शुरू होने वाली थी, पर नहीं हो पायी. क्योंकि अब धन लगाने वाले लोग इस फिल्म के लिए धन मुहैय्या करने में आनाकानी कर रहे हैं. यानी कि ‘‘मणिकर्णिका’’ के पूरी होने पर सवालिया निशान लग चुका है. मगर कंगना रनौत के अति नजदीकी लोगों के अनुसार इससे कंगना रनौत पर फर्क नहीं पड़ेगा. क्योंकि कंगना रनौत ने अपने करीबियों को बता दिया है कि यदि बौलीवुड में उनका करियर खत्म हो गया, तो भी उन्हें चिंता नही है. वह आराम से अपने मनाली वाले बंगले में रहते हुए बाकी की जिंदगी गुजार देंगी. बौलीवुड से जुड़े सूत्र दावा कर रहे हैं कि कंगना रनौत के इस निर्णय के बारे में जैसे जैसे लोगों को पता चल रहा है, वैसे वैसे बौलीवुड के लोग उनसे दूरी बनाते जा रहे हैं. अब लोगों को लगने लगा है कि कंगना रनौत ने खुद को मजबूत कर लिया है. यह बौलीवुड छोड़ सकती है, पर जिन्हें बौलीवुड में रहकर काम करना है, वह कंगना रनौत के इस रवैए से नाराज नजर आ रहे हैं.

बौलीवुड का एक तबका मानता है कि कंगना के साथ उनकी बहन रंगोली ने बेवजह ट्विटर पर के आर के, रितिक रोशन, आदित्य पंचोली के खिलाफ अपने बयानों से इस लड़ाई को अति घटिया स्तर पर पहुंचा दिया है. कुछ लोग मानते हैं रंगोली अपनी बहन कंगना रनौत के करियर में कील गाड़ने का काम कर रही हैं. पर कंगना या रंगोली क्या समझती हैं, यह तो वही जानें.

सूत्रों की मानें तो आदित्य पंचोली व जरीना वहाब की इस अदालती कार्यवाही, रितिक रोशन द्वारा पुलिस को सौंपी गयी शिकायत आदि के चलते अब कंगना रनौत पर कई अन्य तरह की मुसीबतें आने वाली हैं. सूत्रों की मानें तो अब अदालत के चक्कर में कंगना इस कदर उलझने वाली हैं कि उनका अभिनय व अपने करियर से ध्यान भंग होगा, जिसका असर उनकी निर्माणाधीन फिल्म ‘मणिकर्णिका’ पर पड़ने वाला है. इसके अलावा अब बौलीवुड भी दो तबकों में बंट गया है. सूत्र बताते हैं कि कई बड़े कलाकार व फिल्मकारों ने हमेशा के लिए कंगना रनौत से दूरी बनाने का निर्णय ले लिया है. देखना यह है कि अब कंगना रनौत किस तरह अपने करियर को आगे ले जाना चाहेंगी? क्या एक बार फिर वह पुराने ढर्रे पर चलते हुए बौलीवुड के कुछ दूसरे लोगों पर तीर छोड़ेंगी या..

अनिल शर्मा नवाजुद्दीन के सहारे करेंगे अपने बेटे को लान्च

सपोर्टिंग एक्टर के तौर पर पहचान रखने वाले डार्क हैंडसम हीरो नवाजुद्दीन ने एक्टिंग के दम पर बौलीवुड में अपना जलवा कायम कर लिया है. आज वह एक बड़े कलाकार के साथ ही एक बेहतरीन स्टार बन गये हैं, शायद यही वजह है कि अब ‘गदर’ और ‘अपने’ जैसी फिल्में बना चुके डायरेक्टर अनिल शर्मा अपने बेटे को लान्च करने के लिए नवाजुद्दीन सिद्दीकी के स्टारडम का सहारा लेते दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ की कामयाबी के बाद कुछ अलग जानर की फिल्में करने का फैसला लिया था. उन्होंने रोमांटिक फिल्मों को चुनने की बात भी कही थी और अब उन्होंने ने अनिल शर्मा की फिल्म ‘जीनियस’ साइन कर ली है. ‘जीनियस’ फिल्म की शूटिंग शुरू हो चुकी है. फिल्म की शूटिंग जनवरी 2018 तक खत्म करने की उम्मीद के साथ ही इसे 2018 के मध्य में रिलीज करने की बात कही जा रही है.

बताते चलें कि अनिल के बेटे उत्कर्ष शर्मा ‘गदर- एक प्रेम कथा’ में बाल-कलाकार के रूप में नजर आ चुके हैं. उनके किरदार का नाम चरणजीत था जिसमे वे अमीषा और सनी के बेटे बने थे. उत्कर्ष ‘जीनियस’ से बौलीवुड में डेब्यू करने वाले है. ‘जीनियस’ का फर्स्ट लुक-पोस्टर पहले ही रिलीज कर दिया गया है. रिलीज हुए पोस्टर्स को ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्वीट कर साझा किया है. पोस्टर में उत्कर्ष सूट-बूट पहने हुए काफी स्मार्ट लग रहे है. फिल्म की पंचलाइन है ‘दिल की लड़ाई दिमाग से’

वैसे हमेशा कुछ हटकर करने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी का ‘जीनियस’ फिल्म में किस तरह का रोल होगा, इस बात पर नजर रहेगी क्योंकि इस साल उनकी ‘मौम’, ‘मुन्ना माइकल’, ‘रईस’, ‘हरामखोर’ और ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ जैसी फिल्में रिलीज हुई हैं और हर फिल्म में उनका अलग अंदाज देखने को मिला है.

वैसे भी नवाजुद्दीन सिद्दीकी के पास खुशियां मनाने की ढेरों वजह मौजूद हैं क्योंकि हाल ही में उनकी फिल्म ‘मौम’ को बीबीसी की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया गया था. यही नहीं, विशाल भारद्वाज के साथ काम करने का उनका ख्वाब भी पूरा होने जा रहा है, और वे उनके प्रोडक्शन हाउस की कामेडी फिल्म में लीड रोल कर रहे हैं. फिर जल्द ही उनकी फिल्म ‘मंटो’ भी रिलीज होने वाली है. उनके पास डायरेक्टर रितेश बतरा की अगली फिल्म ‘लंचबाक्स’ भी है.

बाइक से हैरतअंगेज करतब

युवाओं की खास पसंद है बाइक. कुछ उत्साही और दुस्साहसी युवक मोटरसाइकिल से ऐसे हैरतअंगेज कारनामे करते हैं कि देखने वाला आश्चर्यचकित रह जाए.  सेना की डेयर डेविल्स मोटरसाइकिल प्रदर्शन टीम ने ऐसे हैरतअंगेज कारनामों के लिए अनेक बार गिनीज बुक औफ वर्ल्ड रिकौर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है. इस टीम ने अपना पहला रिकौर्ड 1991 में ग्वालियर में तब बनाया था जब 7 मोटरसाइकिलों पर 40 जवानों ने सवार हो कर 400 मीटर का फासला तय किया था. सेना की ही सिग्नल कोर टीम ने 11 मोटरसाइकिलों पर 251 जवानों को बैठा कर 11 जून, 2009 को जबलपुर में 240 मीटर चलने का रिकौर्ड बनाया था.

अक्तूबर 2014 में मध्य प्रदेश की जबलपुर डेयर डेविल्स टीम ने करतब दिखाते हुए 3 नए विश्व रिकौर्ड बनाए. पहला रिकौर्ड 70 सैकंड में 3 मोटरसाइकिलों पर 15 जवानों ने 1 किलोमीटर के वर्गाकार क्षेत्र में मानव मोटरसाइकिल पिरामिड बना कर बनाया. नायक दिलीप कुमार बोहरा के पेट के ऊपर से 1,200 बार बौक्स को निकाला गया. यह स्टंट जवानों ने 13 मिनट में पूरा किया. तीसरा रिकौर्ड हवलदार दिपायन चौधरी व ईश्वर रावटी ने वर्गाकार ट्रैक पर 218 किलोमीटर की रिवर्स राइडिंग की. उन्होंने पिछला रिकौर्ड तोड़ते हुए 4 घंटे 21 मिनट और 8 सैकंड में यह कीर्तिमान रचा.

1976 में ब्राजीलियन आर्मी पुलिस के 40 जवान एक ही मोटरसाइकिल पर सवार हो कर 1.6 किलोमीटर की दूरी तक गए थे.  मोटरसाइकिल द्वारा सब से लंबी छलांक का रिकौर्ड 69,60 मीटर का है. 6 फरवरी, 1977 को फ्रांस के एलो ज्यां प्रीयू ने पैरिस के निकट मौटलेहरी में छलांग लगा कर 16 बसों को पार कर के यह रिकौर्ड बनाया था.  22 जून को लौडन, न्यू हैंपशायर में डोग डैंजर ने 1991 होंडा सी आर 500 पर मोटरसाइकिल द्वारा लंबी छलांग में 251 फुट की सब से लंबी दूरी तय की.

रोमांचक प्रदर्शन

नई दिल्ली में हर वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में मोटरसाइकिल के रोमांचक प्रदर्शन भारतीय सेना के जवानों द्वारा किए जाते हैं, जिन्हें देख दर्शक दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं. 26 जनवरी, 1992 को भारतीय थलसेना की मोटरसाइकिल प्रदर्शन टीम ने 42 पुरुषों और 8 मोटरसाइकिलों ने पिरामिड बनाने का रिकौर्ड बनाया था. जिस ने बिना किसी बाहरी सहायता के 600 मीटर की दूरी तय की थी. इस टीम ने 6 जून, 1992 को अपना रिकौर्ड सुधारते हुए 8 मोटरसाइकिलों पर 45 पुरुषों का पिरामिड बना कर 800 मीटर की दूरी तय की थी.

सेना की डेयर डेविल्स के नाम  2 रिकौर्ड और भी हैं, 21 दिसंबर, 2013 को उस ने चलती मोटरसाइकिल पर प्रदर्शन किया. इसी दिन उस ने जमीन पर लेटे  हुए 50 जवानों  के ऊपर से मोटरसाइकिल जंप करा कर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया था.  मोटरसाइकिल से हैरतअंगेज प्रदर्शन करने वालों की कमी नहीं है. 30 नवंबर, 1988 को 10 फुट की सीढ़ी के ऊपर से पीछे की तरफ मुंह कर के लगातार 90 मिनट के लिए सिग्नलमैन डेबी जोंस, रौयल सिग्नल व्हाइट हैलमेट्स ने 23 किलोमीटर की दूरी केटरिक एयरफील्ड, न्यूयौर्क में तय की थी.  अटलांटा जौर्जिया के ग्रगेरीड ने स्ट्रीटलीगल मोटरसाइकिल प्रदर्शित की जो 15 फुट 6 इंच लंबी और 253 किलोग्राम भारी है.

क्या आप ने 25 फुट लंबी मोटरसाइकिल को चलते देखा है? जरमनी के एसेन मोटर शो में प्रदर्शित इस मोटरसाइकिल को बनाया है स्टीव हौपकिंस ने. इस पर 10 व्यक्ति आराम से बैठ सकते हैं.

लाजवाब कारनामे

ब्रिटेन के कोलिन फुर्ज ने तो कमाल ही कर दिखाया. उन्होंने 72 फुट लंबी मोटरसाइकिल प्रदर्शित की. लंबाई अधिक होने के कारण इसे सीधे चलना पड़ता है. इस पर 25 व्यक्ति आराम से बैठ सकते हैं. गिनीज बुक औफ वर्ल्ड रिकौर्ड्स के लिए इसे एक मील तक चला कर दिखाया गया. इस की रफ्तार 35 किलोमीटर प्रतिघंटा है.

क्या आप 7.5 फुट ऊंची मोटरसाइकिल की कल्पना कर सकते हैं? यह ‘विगटो’ है जोकि स्वीडन के टौम बीवर्ग ने बनाई है. जगुआर के 12 पावर के इंजन वाली यह मोटरसाइकिल 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकती है.

फ्रांस के कलाकार जूलियन डूपौंट ने मैक्सिको में बाइक पर सांसें रोक देने वाले कारनामे को अंजाम दिया है. इस साहसी कलाकार ने अपने जीवन का सब से हैरतअंगेज प्रदर्शन करते हुए मैक्सिको सिटी के मोंटाना रूसा रोलर कौस्टर ट्रैक पर बाइक चलाई. 33 मीटर ऊंचा यानी 108 फुट वुडन कौस्टर बिना बिजली के चलने वाली ट्रेन के लिए तैयार किया गया था जो गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत पर काम करता है.  सड़क पर बाइक सवार प्रदर्शन करते हुए तो अकसर देखे जाते हैं लेकिन आसमान में पैराग्लाइडिंग से बाइक पर प्रदर्शन करना लोहे के चने चबाने से कम नहीं है. ऐसा ही कारनामा किया स्टंटमैन स्टीव मेयर ने. उन्होंने साल्ट लेक सिटी से 50 मील दूर उटाह में हार्ले डैविडसन से पैराग्लाइडर की तरह माउंट टिंपानोगास के चारों ओर चक्कर लगाया.

उम्र 56 साल की लेकिन जज्बा युवाओं जैसा. मिलिटरी एमसीटीई के ड्राइवर सुरेश चौधरी ने फरवरी 2014 में बगैर हैंडल पकड़े 221 किलोमीटर तक बाइक चलाने का कारनामा किया. उन्होंने मध्य प्रदेश के महू से जुलवानिया तक बाइक चला कर इस कारनामे को अंजाम दिया.

उन्होंने यह सफर 3 घंटे में पूरा किया. वे 10 साल के कड़े अभ्यास के बाद यह मुकाम हासिल कर पाए. उन का सपना हाथ छोड़ कर बाइक चलाने वाले 213 किलोमीटर के रिकौर्ड को तोड़ना था. वे अपने इस कारनामे को गिनीज बुक औफ वर्ल्ड रिकौर्ड्स में दर्ज कराने का दावा करेंगे.

बचें जानलेवा सैल्फी से

कहीं आप को भी सैल्फी लेने की लत तो नहीं है? कुछ विशेष पलों को यादगार बनाने वाली सैल्फी आप की जान को खतरा तो नहीं पैदा कर रही? एक अध्ययन के अनुसार, सैल्फी लेने की लत घातक हो सकती है.

कारनेग मैलन यूनिवर्सिटी और अन्य संस्थानों के अध्ययनकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन ‘मी, माईसैल्फ ऐंड माई किल्फी : कैरेक्टराइजिंग ऐंड प्रीवैंटिंग सैल्फी डैथ्स’ के अनुसार, 2014 में दुनियाभर में सैल्फी के कारण हुईं 127 में से अकेले भारत में 76 मौतें हुई. ये मृतक खतरनाक जगहों पर सैल्फी ले रहे थे.

10 जनवरी, 2016 को बैंडस्टैंड, मुंबई में सैल्फी लेते हुए 3 युवतियां समुद्र में बह गईं, एक व्यक्ति ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन उस की भी मृत्यु हो गई. अगस्त 2016 में महाराष्ट्र की ही 27 वर्षीया एक वकील की पुणे के पास मंदोषी घाट पर अपने पति के साथ सैल्फी लेते हुए गिर कर मृत्यु हो गई. नवंबर में लायंस पौइंट, लोनावाला पर 25 वर्षीय एक युवक की सैल्फी लेते हुए मृत्यु हो गई.

2015 में भी सैल्फी के कारण कई मौतें हुईं. आगरा के पास सामने से आती हुई ट्रेन के सामने पोज बनाते हुए कुछ विद्यार्थियों की मृत्यु हो गई. इसी वर्ष नागपुर में नौका पर सैल्फी लेते हुए 7 युवक डूब गए. एक जापानी युवक की भी ताजमहल पर सैल्फी लेते हुए गिरने के बाद सिर में लगी और चोट से मृत्यु हो गई थी.

एक अध्ययन के अनुसार, विश्वभर में सैल्फी से हुई मौतों का एक सामान्य कारण है, किसी बिल्डिंग या पहाड़ से नीचे गिरना. इस कारण से अब तक 29 जानें गई हैं. इस के बाद सैल्फी के चक्कर में 11 मौतें हुईं.

कुछ जगहों पर तो सैल्फी स्टिक को बैन ही कर दिया गया है, जैसे, कांस फिल्म फैस्टिवल, विंगल्डन, द कोलोसियम, रोम, कई थीम पार्क्स, द नैशनल गैलरी, लंदन, द गगेनहेम, न्यूयौर्क में द मैट्रोपोलिटन म्यूजियम औफ आर्ट, पैलेस म्यूजियम, बीजिंग, कोशैला म्यूजिक फैस्टिवल और बुल्स फैस्टिवल, स्पेन.

दांव पर जान

मुंबई के एवार्ड औफिसर किरण दिघवकर का कहना है कि मार्च 2017 में सीएसटी और बीएमसी बिल्डिंग के बाहर स्पैशल जगह बनाई जाएगी, सैल्फी जोन, क्योंकि भारत में यहां काफी सैल्फी ली जाती हैं. यह उचित रैलिंग वाली जमीन से 5 फुट ऊपर बनेगी.

क्या आप ने ब्रैगी बैन सुना है? ब्रैगी किसी खूबसूरत लोकेशन पर या जिम में हैवीवेट उठाते हुए सैल्फी है जो दोस्तों और परिवार को चिढ़ाने के लिए ली जाती है. दक्षिण फ्रांस में तो एक टूरिस्ट बीच को नो ब्रैगी जोन बना दिया गया है.

रेलवे प्रोटैक्शन फोर्स द्वारा प्रस्तावित नए रेलवे ऐक्ट के अनुसार, ट्रेन के पास खतरनाक सैल्फी लेने वाले को 5 वर्षों की सजा हो सकती है. यह कदम युवाओं में बढ़ते सैल्फी क्रेज को रोकने के लिए उठाया गया है.  यह जीवन एक अमूल्य उपहार है, इसे सस्ता न समझें, इस का महत्त्व समझें. टैक्नोलौजी मानव विकास के लिए है. सैल्फी के चक्कर में पड़ कर, अपने व्यर्थ के शौक में अपने जीवन को दांव पर  न लगाएं.

इन आसान तरीकों से आप घर बैठे कर सकती हैं कमाई

भारत में सबसे ज्यादा बाहर काम सिर्फ पुरुष करते हैं और यहां कि महिलाएं घर का काम लेकिन अब ऐसा नहीं है. काफी मात्रा में महिलाएं पुरुषों से आगे है जैसे शिक्षा, रोजगार लेकिन अब भी कुछ महिलाएं घर को चलाने में ही व्यस्त रहती हैं तथा इसे ही अपने जीवन का नैतिक कर्तव्य मानती हैं. और कुछ महिलाएं किसी कारण वश बाहर काम नहीं कर सकती तथा जो महिलाएं घर पर रह कर ही काम करना चाहती हैं ये लेख उन्हीं महिलाओं के लिए है.  

आज हम महिलाओं को 3 ऐसे कमाई के आसान तरीके बताने जा रहे हैं.  जिनकी मदद से आप घर बैठे अच्छी खासी कमाई कर सकती हैं.

ब्यूटी पार्लर

वैसे तो ब्यूटी पार्लर का काम चेहरे को ब्यूटीफुल लुक देना होता है, लेकिन चेहरे को खूबसूरत बनाने के पीछे जो प्रक्रिया होती है या ब्यूटी पार्लर में जो काम किये जाते है तथा ब्यूटी पार्लरों में जो सेवा दी जाती हैं. सबसे पहले आपको इन सेवाओं को लिए अच्छे से सिखना पड़ेगा. फिर जब आपको ब्यूटी पार्लर के काम आ जाएं तो आप फिर अपना खुद का ब्यूटी पार्लर खोल सकतीं हैं और घर बैठे अच्छी खासी कमाई कर सकतीं हैं.

कंप्यूटर शिक्षा

अगर आप कंप्यूटर को अच्छी तरह से जानती समझती और समझा सकती हैं तो आप अपने घर से छोटे बच्चों और महिलओं को कप्यूटर की शिक्षा प्रदान कर सकतीं हैं, और इसका ट्रेड तेजी से बढ रहा है. इसमें आपका शौक भी पूरा हो जायेगा. ये एक मात्र ऐसा काम है जिसमें आप बहुत कम समय खर्च करके अच्छा पैसा कमा सकती हैं. मान लीजिए आपके पास रोज 10/दस बच्चे या महिलाएं आती हैं और आप कम-से कम 500 रुपय लेती हैं तो भी आप दिन में 2 घंटे समय दे कर महीने का 5000 रुपये आसानी से कमा सकती हैं. इसमें आप कंप्यूटर कि सामान्य जानकारी और इन्टरनेट के बारे में जानकारी प्रदान कर सकती हैं.

ब्लौगिंग

अगर आप के पास कोई ऐसा आईडिया है जिससे आप लोगो को बहुत अच्छे से समझा सकती है, अर्थात किसी विषय पर अच्छी तरह से लिख सकती है तो आप ब्लौग्गिंग कर सकती हैं. इसके लिए आप को कोई एक ब्लौग प्लैटफौर्म का चुनाव करना होगा जैसे ब्लौगर. कौम, वर्डप्रेस आदि, उसके बाद आप ब्लौगिंग  करना शुरू कर सकती है, आप किन विषय पर ब्लौगिंग कर सकती है जैसे ब्यूटी टिप्स, खाना बनाना, इन्टरनेट, आदि या आपको जो कुछ आता है आप उस पर भी ब्लौगिंग करना शुरू कर सकतीं हैं.

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