अगर ऐसा होता तो ‘बौबी’ में ऋषि कपूर की जगह होते राजेश खन्ना

ऋषि कपूर एक भारतीय फिल्म अभिनेता और निर्माता हैं. ऋषि कपूर अपने जमाने में चौकलेटी हीरो के रूप में जाने जाते थें. ऋषि कपूर एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिसने बौलीवुड के 100 सालो में से 85 वर्ष का योगदान दिया है. ऋषि कपूर ने अपने फिल्मी करियर में दर्जनों फिल्में की हैं. इस दौरान उन्होंने कई अवार्ड भी अपने नाम किये. साल 2008 में ऋषि कपूर को फिल्म फेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा गया. हालंकि ऋषि कपूर अभी बौलीवुड में एक सक्रिय अभिनेता हैं.

फिल्मी परिवार से होने के कारण ऋषि कपूर हमेशा से ही फिल्मों में अभिनय करने की रूचि रखते थे.  ऋषि कपूर ने बौलीवुड में 1970 में अपने पिता की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ से डेब्यू किया था. इस फिल्म में ऋषि ने अपने पिता के बचपन का किरदार निभाया था. ऋषि कपूर ने बौलीवुड में बतौर एक्टर 1973 में फिल्म बौबी में काम किया था. इस फिल्म में उनके अपोजिट डिंपल कपाड़िया थीं.

ऋषि कपूर ने अपने करियर में 1973 से 2000 तक 92 फिल्मों में रोमांटिक हीरो का किरदार निभाया है. उन्होंने बतौर सोलो लीड एक्टर 51 फिल्मों में अभिनय किया है. ऋषि कपूर अपने जमाने के चौकलेटी अभिनेताओं में से एक थे. उन्होने बौलीवुड को कई रोमांटिक हिट फिल्में दी. 

अभिनय की दुनिया में तहलका मचाने के बाद ऋषि ने निर्देशन में भी हाथ आजमाया. उन्होंने 1998 में अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या राय बच्चन अभिनीत फिल्म आ अब लौट चले निर्देशित की.

ऋषि कपूर ने अपने करियर की शुरुआत से हमेशा ही रोमांटिक किरदार को निभाया था, लेकिन फिल्म अग्निपथ में उनके खलनायक के किरदार को देख सभी हतप्रभ रह गए थे. ऋषि को फिल्म अग्निपथ के लिए आईफा बेस्ट नेगेटिव रोल के अवार्ड से भी नवाजा गया. इस फिल्म के बाद ऋषि कपूर ने फिल्म डी-डे में डी-कंपनी के गोल्ड़मैन का किरदार निभाया. जो दर्शकों को बेहद पसंद आया था.

ऋषि कपूर के बारे में कुछ रोचक बातें

  • ऋषि कपूर बौलीवुड के निर्माता निर्देशक-अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के पोते हैं. वह कपूर खानदान की तीसरी पीढ़ी हैं.
  • फिल्म बौबी जोकि मेरा नाम जोकर का रीमेक थी, इसमें उनके पिता की पहली पसंद राजेश खन्ना थे, लेकिन पैसे ना होने के कारण उन्हें इस फिल्म में अपने बेटे यानि ऋषि कपूर को साइन करना पड़ा था.
  • ऋषि कपूर अपने जमाने के चौकलेटी हीरो थें, तो अफेयर होना लाजमी है, नीतू से शादी होने से पहले ऋषि कपूर ने यास्मीन नाम की लड़की को डेट किया था.
  • ऋषि का अफेयर अपनी पहली कोस्टार डिंपल कपाड़िया से भी रह चुका है.
  • ऋषि कपूर ने नीतू से 5 साल के अफेयर के बाद शादी की थी.
  • ऋषि कपूर ने अपने चालीस साल के फिल्मी करियर में पहली बार फिल्म अग्निपथ के लिए औडिशन दिया था.
  • ऋषि कपूर ने चालीस साल के फिल्मी करियर में पहली बार बार अग्निपथ में नकारात्मक भूमिका निभाई, जो उनके फैंस को बेहद पसंद आई थी.
  • आपको हैरानी होगी, ऋषि कपूर और रणबीर कपूर दोनों नें ही अपनी डेब्यू फिल्म में टौवल सीन किया है.    

इस दीवाली बनाएं गुलाब जामुन

त्योहारों का मौसम हो और मीठा ना बने ऐसा हो नहीं सकता. मीठा खाना हो और गुलाब जामुन के लिए मन ना ललचाए यह भी नामुमकिन है. तो चलिए जानतें हैं भारतीय मिठाईयों में अपनी खास जगह रखने वाला गुलाब जामुन की रेसिपी. इस दीवाली आप अपने घर पर ही गुलाब बनाएं और अपने मेहमानों और परिवार को खुश कर दें.

सामग्री

मावा (खोया) – 250 ग्राम

पनीर – 100 ग्राम

मैदा – 20-30 ग्राम

काजू – 1 टेबल स्पून

किशमिश – टेबल स्पून

चीनी – 600 ग्राम

घी – गुलाब जामुन तलने के लिये

विधि

मावा, पनीर और मैदा को एक चौड़े और बड़े बर्तन में रखकर तब तक मलें जब तक कि वह नरम, चिकना गूथे हुये आटे जैसा न लगने लगे. गुलाब जामुन बनाने के लिये मावा तैयार है.

तैयार मावा से थोड़ा सा मावा अंगुलियों की सहायता से निकालिये, उसे हथेली पर रखकर चपटा करके 3-4 काजू के टुकड़े और एक किशमिश उसमें भरने के लिये उसके ऊपर रखें. मावा को चारों ओर से उठा कर काजू किशमिश को मावा के अन्दर बन्द कर दीजिये, अब दोनों हथेलियों के बीच रख कर गोल करिये, मावा का गोला अच्छी तरह बन जाने के बाद प्लेट में रख लीजिये.  सारे गोले इसी तरह तैयार कर लीजिये.

कढ़ाई में घी डाल कर गरम कीजिये. कढ़ाई में तैयार किए हुए मावे के गोले डालें और तलें. गुलाब जामुन को तलते समय उस पर कलछी न लगायें बल्कि गरम गरम घी उसपर कलछी से डालें और ब्राउन होने के बाद हल्के से हिला हिला कर तलें,  गुलाब जामुन के चारों तरफ ब्राउन होने तक तल लीजिये.

तले गुलाब जामुन कढ़ाई से निकाल कर प्लेट में रखिये. थोड़ा ठंडा होने पर, 2 मिनिट बाद  चाशनी में डुबा दीजिये. आपका गुलाब जामुन बनकर तैयार है.

चाशनी बनाने की विधि

एक बर्तन में चीनी में, 300 ग्राम पानी (चीनी की मात्रा का आधा पानी) मिलाकर गैस पर चाशनी बनने के लिये रखिये.

चाशनी में जब उबाल आ जाय, चीनी पानी में घुल जाय उसके बाद 1-2 मिनिट तक और पकायें. अंगूठे और अंगुली के बीच चिपका कर देखिए की चाशनी तैयार हो या नहीं.

रंगोली के अनूठे रूप

रंगोली को विभिन्न राज्यों में अलग अलग नामों से जाना जाता है. बंगाल में अल्पना, आंध्र प्रदेश में मुग्गुल, तमिलनाडु में कोलम, राजस्थान में मांडना, हिमाचल में अडूपना और उत्तर प्रदेश में चौक व बिहार में एपन के नाम से जाना जाता है.

रंगोली का प्रचलन गुजरात और महाराष्ट्र में ज्यादा है. परंतु महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश से होती हुई यह कला अब पूरे देश में प्रचलित हो चुकी है. महाराष्ट्र में तो दशहरे के बाद से ही प्रतिदिन गृहिणियां सुबह उठ कर मुख्य द्वार पर नई रंगोली बनाने के बाद ही घर के दूसरे काम निबटाती हैं. रंगोली का तात्पर्य ही है रंगों के माध्यम से मन के भावों को अभिव्यक्त करना.

आइए, आप को रूबरू कराते हैं इस के अलगअलग रंगरूप से.

फ्री हैंड रंगोली

इस के अंतर्गत आप कैसी भी फूलपत्ती, कलाकृति आदि के डिजाइन बना सकती हैं. जिन की स्कैचिंग और ड्राइंग अच्छी होती है वे इस का अधिक प्रयोग करते हैं.

डौटेड रंगोली

इस के अंतर्गत बिंदु से बिंदु आपस में जोड़ते हुए डिजाइंस बनाते हैं. इस के माध्यम से ज्यामितीय, वर्गाकार या आयताकार डिजाइन अधिक बनाई जाती हैं.

रैडीमेड रंगोली

यह बाजार में विभिन्न डिजाइंस में पेपर या प्लास्टिक शीट पर मिलती है. डिजाइन के अनुसार पेपर में छेद होते हैं जिन के ऊपर रंग डाल कर डिजाइंस तैयार किए जाते हैं.

आर्टीफिशियल रंगोली

यह प्लास्टिक शीट्स पर कई डिजाइंस में मिलती है. इस में एक ओर ग्लू लगा होता है. ग्लू पर लगे कागज को हटा कर इसे आप मनचाहे स्थान पर चिपका सकती हैं.

हर्बल रंगोली

यह गुलाब, गेंदा जैसे विभिन्न रंगों के फूलों और पेड़ों की पत्तियों से बनाई जाती है. यह दिखने में बहुत खूबसूरत लगती है.

कैसी हो जगह

रंगोली बनाने के लिए जगह का समतल होना अत्यंत आवश्यक है. आजकल घरों में टाइल्स लगे होते हैं और कई बार ये दानेदार और उभरे होते हैं. ऐसे में आप रंगोली बनाने वाले स्थान पर किसी भी हलके रंग की प्लेन प्लास्टिक या पेपर शीट को टेप से चिपका कर उस के ऊपर रंगोली बनाएं. स्थान का चयन घर के मुख्य द्वार के बाएं या दाएं ओर करें ताकि आनेजाने में असुविधा न हो और आप की रंगोली लंबे समय तक बनी रहे. रंगोली के डिजाइन के अनुसार छोटी या बड़ी जगह का चयन करें.

कैसे बनाएं

रंगोली बनाने के लिए चयनित स्थान साफ कर लें. यदि आप ने प्लास्टिक या पेपर शीट चिपकाई है तो उसे भी एक साफ सूखे कपड़े से पोंछ लें. सफेद रंग से डिजाइन की आउटलाइंस बनाएं. यदि आप डौटेड रंगोली बना रही हैं, तो पहले बिंदु रखें फिर डिजाइन के अनुसार उन्हें जोड़ती जाएं. फिर उन में मनचाहे रंग भरें. ध्यान रखें कि रंग एक के ऊपर एक न चढ़ें.

ध्यान रखने योग्य बातें

– यदि आप पहली बार रंगोली बना रही हैं, तो छोटे डिजाइन का चयन करें. साथ ही बाजार में उपलब्ध रंगोली डिजाइंस की किताब और डौटेड पेपर की मदद लें.

– सीधे सफेद रंग से डिजाइन सैट करने में परेशानी हो तो पहले खडि़या या चाक से डिजाइन बनाएं फिर उस पर रंग डालें. प्लास्टिक और पेपर पर आप पैंसिल से भी डिजाइन बना सकती हैं.

– रंगोली बनाते समय डिजाइन में प्रयोग होने वाले सभी रंगों को अलगअलग कटोरियों में रखें ताकि आप को उन्हें इस्तेमाल करने में आसानी रहे.

– यदि कुछ नया प्रयोग करना चाहती हैं, तो चावलों को एक घंटे तक पानी में भिगो दें और फिर पीस कर पेस्ट बना लें. फिर एक प्लास्टिक के कोन में इस पेस्ट को डाल कर जमीन पर मनचाहा डिजाइन बनाएं. सूख जाने पर यह बहुत सुंदर लगता है.

तो इस दीवाली अपने घर की सजावट को और चमकाने के लिए रंगोली बनाना न भूलें.

क्विक मेकअप टिप्स से दमकाएं रूप

त्योहारों पर व्यस्तता बढ़ जाती है. इस व्यस्तता में आप को त्वचा की देखभाल के लिए समय नहीं मिल पाता. जबकि इस मौसम में आप की त्वचा को और ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. समय न मिल पाने के कारण हम त्वचा पर ध्यान नहीं दे पाते हैं और त्वचा की कमी को पूरा करने के लिए तुरंत असर करने वाले कौस्मैटिक विकल्पों का उपयोग करने लगते हैं. लेकिन ये विकल्प अच्छे नहीं हैं, क्योंकि परंपरागत कौस्मैटिक उत्पाद त्वचा को फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसान ज्यादा पहुंचा सकते हैं.

पेश हैं, कुछ सुझाव जो आप को ऐसा स्किन केयर रूटीन प्रदान करेंगे, जिस में आप अपनी त्वचा के लिए केवल कुछ मिनट ही दे कर पूरे दिन तरोताजा रहेंगी.

– मिंट साबुन से नहाएं और ताजगी महसूस करें. यदि आप मिंट साबुन का इस्तेमाल रोजाना करेंगी तो हर दिन ताजगी महसूस करेंगी.

– अपने चेहरे और गालों को ग्रेप सीड औयल से मौइश्चराइज करें एवं अपनी आंखों के नीचे तथा ऊपर खीरे व गुलाब का मिश्रण लगा कर हलकी मालिश करें. इस मिश्रण को चेहरे पर लगा कर मालिश करने से न केवल आप तरोताजा हो जाएंगी, बल्कि इस से आप की रूखी त्वचा को नमी भी मिलेगी और त्वचा में निखार आ जाएगा.

– साबुन की जगह लिक्विड क्लींजर का उपयोग करें, जिस में झाग नहीं बनता. अपनी त्वचा को फोमयुक्त क्लींजर से नुकसान पहुंचाने की जगह सेहतमंद निखार के लिए त्वचा का पोषण करें. आप औलिव औयल के प्रयोग से त्वचा को प्राकृतिक नमी प्रदान कर सकती हैं.

– अपनी डाइट में खट्टे फलों को शामिल करें, क्योंकि उन में विटामिन सी होता है, जो चुस्ती व फुरती बढ़ाता है. संतरे एवं गाजर के गुणों वाले साबुन से नहा कर ताजगी और नई ऊर्जा पाई जा सकती है.

– कई ऐक्सफोलिएंट ऐसे तत्त्वों से बने होते हैं, जो आप की त्वचा को छील कर क्षतिग्रस्त कर देते हैं और त्वचा की उम्र तेजी से बढ़ने लगती है. इसलिए आप ऐंजाइमैटिक ऐक्सफोलिएंट का उपयोग करें. पपीते में प्राकृतिक ऐंजाइम पपाइन पाया जाता है, जो आप की त्वचा तो अपेक्षानुसार ज्यादा निखार प्रदान करता है.

– सिंथैटिक सुगंध का प्रयोग न करें. इस में नुकसानदायक कैमिकल्स हो सकते हैं. इस की जगह आप लांगलांग तेल जैसे शुद्ध ऐसेंशियल औयल के रूप में प्राकृतिक सुगंधों का उपयोग करें. लांगलांग तेल में मधुर सुगंध होने के साथसाथ यह रूखी एवं तैलीय त्वचा में सीबम के स्तर को संतुलित करता है. इसलिए यह त्वचा को नर्म बना कर सुकून भी प्रदान करता है.

– टीट्री में ऐंटीबैक्टीरियल और ऐंटीइनफ्लैमेटरी गुण होते हैं जो मुहांसों को बढ़ने से रोकते हैं. आप ऐलोवेरा में इस तेल की एक से 2 बूंदें मिला कर लगाएं.

– बालों के लिए ऐंटीफ्रीज सीरम जैसे ऐवोकैडो कैरियर औयल बालों में लगा कर उन्हें बांध लें. फिर अपना दैनिक काम जारी रखें. आप के बाल पूरी तरह सूखने के बाद मखमली हो जाएंगे, जिन्हें आप खुला या फिर जूड़े में बांध कर रख सकती हैं.

– अपने चेहरे का मेकअप शुरू करने से पहले उस पर प्राइमर की एक परत लगाएं. इस से आप की त्वचा मुलायम हो जाएगी और आप के लिए मेकअप लगाना भी आसान हो जाएगा. आप इस प्राइमर को लंबे समय तक लगा रहने दें. जोजोबा कैरियर औयल एक बेहतरीन प्राकृतिक फेस प्राइमर और मेकअप रिमूवर है.

– बालों पर औलिव औयल लगाएं. इस के बाद गरम पानी में टौवेल भिगो लें और पानी को निचोड़ दें. यह गरम टौवेल अपने सिर पर बांध लें और 5 मिनट तक ऐसे ही रहने दें. गरम टौवेल को 3 से 4 बार सिर पर बांधें. इस से आप के बाल और सिर ज्यादा तेल सोख सकेंगे.

इन उपायों को अपना कर जगमगाती दीवाली की शाम में आप के रूप की दमक भी घुलमिल जाएगी.

कैसे बनी ‘पद्मावती’, आप भी पढ़िए ये कहानी

जिस पद्मावती के लुक्स और ट्रेलर को देखकर बौलीवुड स्टार्स आज तारीफ पर तारीफ कर रहे हैं. आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे, कि उसी पद्मावती फिल्म को करने के लिए बड़े बड़े स्टार ने साफ साफ इनकार कर दिया था. संजय लीला भंसाली ने रानी पद्मावती के रोल के लिए दीपिका और अलाउद्दीन खिलजी के रोल के लिए रणवीर को तो पहले ही कास्ट कर लिया था.

लेकिन महाराजा रतन सिंह के किरदार के लिए वो इंडस्ट्री के सबसे बड़े स्टार्स को कास्ट करना चाहते थे. लेकिन बड़े बड़े स्टार्स ने रतन सिंह के रोल के लिए हामी नहीं भरी. इसकी वजह थी पद्मावती की फीमेल ओरिएंटड कहानी. विक्की कौशल का इस कैरेक्टर के लिए औडिशन भी हुआ था. लेकिन दीपिका ने विक्की कौशल को उनके अपोज़िट कास्ट करने से साफ़ मना कर दिया.

संजय लीला भंसाली के सामने बड़ी मुश्किल थी. उन्होने शाहिद कपूर को मुश्किलों से मनाया कि वो फिल्म के सेकेंड लीड बनने को तैयार हो जाएं. बताते हैं कि इसके चलते पद्मावती की कहानी में थोड़ी सी हेर फेर भी की गई.

शाहिद के सीन्स बढ़ाए गएं ताकि फीयरलेस राजपूत राजा के रोल में शाहिद कपूर से नाइंसाफी ना हो. वैसे खबरें अब तक हैं कि शाहिद कपूर और रणवीर सिंह में इस फिल्म के क्रेडिट को लेकर ठनी हुई है. एक दूसरे से ज़्यादा लाइम लाइट हासिल करने के लिए फिल्म में ही नहीं. दोनो स्टार्स की पी आर मशीनरी बाहर भी जुटी हुई है.

फिल्म में खिलजी के फर्स्ट लुक से लेकर ट्रेलर तक खिलजी को देखकर अगर आपके रौंगटे खड़े हो रहे हैं. तो आपको रणवीर सिंह की उस मेथड एक्टिंग के बारे में जानना ज़रूरी है. जो लुक्स के लिए इस्तेमाल किए गए प्रोस्थेटिक मेकअप और स्पेशल कौस्ट्यूम से कही आगे है.

अपने दोस्त के दिए तुर्कीश इत्र के साथ रणवीर घंटों तक कमरे में कैद रहते. ताकि वो अपने खिलजी रूप को महसूस कर सकें. एक बार तो ये हुआ कि अचानक वो इत्र की बोतल गुम हो गई तो रणवीर परेशान हो गए. रणवीर ने तब अपने शौट से पहले कमरे में बैठकर उस इत्र की खुश्बू के बारे में घंटों तक सोचा और महसूस किया. इतना भी आसान नहीं होता खिलजी बन जाना.

रणवीर के चेहरे पर चोटों के निशान के लिए नेशनल अवौर्ड विनर मेकअप आर्टिस्ट प्रीतिशील की टीम ने काम किया. बाजीराव मस्तानी के भी लुक्स पर इसी टीम ने काम किया था. रणवीर की आंखों का रंग बदला गया. उनके चेहरे पर चोटों के निशान बनाए गए, ताकि सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी को देखकर ही हर किसी के जिस्म में सिरहन दौड़ जाए.

आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि दीपिका के रानी पद्मावती के लुक के लिए कोई खास तैयारी नहीं की गई. बल्कि खूब रिचर्स की गई. दरअसल 1303 ईस्वी में मेकअप के नाम बहुत कुछ नहीं हुआ करता था. तब ना आई ब्रोज बनी हुई होती थी. ना ही कौस्मेटिक्स का इस्तेमाल होता था. इसके लिए सिर्फ काजल का इस्तेमाल किया गया. बहुत ही मिनिमम मेकअप के साथ दीपिका के लुक को फाइनल किया गया. बतातें है कि पद्मावती के मेकअप टेबल से दीपिका सिर्फ 10 मिनट में उठ जाती थी.

मेकअप कम हो लेकिन रानी पद्मावती के किरदार के लिए गहने कतई कम नहीं होने चाहिए. इसके लिए पूरे एक साल तक राजपूतों का इतिहास खंगाला गया. पूरानी ज्वैलेरी डिजाइन के रिफेरेंस तैयार किए गए. 500 किलो सोने के साथ रानी पद्मावती के लिए 1500 ज्वैलेरी तैयार की गई. जिसमें मांग टीका से लेकर  कंगन तक, गले के हार से लेकर, कमर बंद तक की ज्वैलेरी बनाई गई. 500 किलो की इस ज्वैलेरी को लाने ले जाने के लिए स्पेशल सिक्योरिटी और स्पेशल ट्रक्स इस्तेमाल किए गए. ताकि पद्मावती की इन ज्वैलेरीज़ को बचाया जा सके.

पद्मावती के सेट पर हादसे भी खूब हुए. महारावल रतन सिंह का किरदार निभा रहे शाहिद कपूर की एड़ियों में लगी चोट के चलते सूजन आ गई. पहले तो दर्द के बावजूद शाहिद शूटिंग करते रहे, लेकिन जब दर्द बढ़ा तो शाहिद को शूटिंग से ब्रेक लेना पड़ा.

दीपिका की भारी भरकम ज्वैलेरी ने उनकी गर्दन में ऐसी मोच ला दी कि रानी पद्मावती के किरदार के लिए वो तैयार नहीं हो पा रही थी. ऐसे में दीपिका को भी शूटिंग से ब्रेक लेना पड़ा था. इन सबमें सबसे ज़्यादा चोट रणवीर सिंह को लगी थी.

फिल्म के क्लाइमेक्स की शूटिंग करते हुए रणवीर सिंह के सिर में गहरा कट लगा. ख़ून निकलने लगा, लेकिन रणवीर शूटिंग करते रहे. शूटिंग के बाद वो हौस्पिटल गए. मरहम पट्टी कराने के बाद वे फिर से शूटिंग में लग गए.

पद्मावती को जानदार शानदार बनाने के लिए पूरे 150 कौस्ट्यूम तैयार किए गए. एक एक कौस्ट्यूम में 12 से 13 तरीके के कपड़े इस्तेमाल किए गए. डिजाइनर रिंपल और हरप्रीत नरूला ने इस कौस्ट्यूम्स के लिए पूरा हिंदुस्तान की खाक छानी. राजस्थानी और मुगलिया कौस्ट्यूम के रिफरेंस लिए और तीनों लीड कैरेक्टर्स में से हर किसी के कौस्ट्यूम्स को तैयार करने के लिए 4 से 6 महीने का वक्त लिया. तब कहीं जाकर तैयार हुई फिल्म पद्मावती.

इस एप के जरिये घर बैठे कमाएं पैसे

इस महंगाई के जमाने में हम सभी जानते हैं कि जो सैलेरी हमें मिलती है उसमें महीना चलाना कितना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में हर कोई चाहता है कि वह कुछ ऐसा पार्ट टाइम काम करे जिससे उसे थोड़े और पैसे मिल सके. लेकिन अब आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. अब आप भी घर बैठे आसानी से पैसे कमा सकती हैं.

इसके लिए आपको एक मोबाइल एप को अपने फोन में डाउनलोड करना होगा. इस एप को डाउनलोड करने के लिए आपको पैसे नहीं देने पडेंगे. यह एप आपको प्ले स्टोर में मुफ्त में उपलब्ध है. आइए जानते हैं क्या है यह एप और किस प्रकार आप इनसे पैसे कमा सकती हैं.

फील्ड एजेंट

एक्सट्रा कमाई करने के लिए यह एप बेहतर औप्शन है. इस एप के नेविगेशन विंडो में दिए गए जौब लिस्ट से आप कोई भी जौब सर्च कर सकते हैं. आपको इस बात का ध्यान देना होगा कि जौब सलेक्ट करने के 2 घंटे के भीतर आपको उसे पूरा करके देना होगा. अगर आप समय पर काम खत्म करते हैं तो ही कंपनी आपको उसके पैसे देगी. इस एप में काम करके आप 300 से 500 रुपए तक कमा सकती हैं.

यह एक ऐसा है जिसमें आप फोटो लेकर पैसे कमा सकती हैं. इसमें आपको अपनी फोटो खींचकर इस एप के जरिए अपनी फोटो की बोली लगाकर कमाई करनी होती है. इस एप से फोटो बेचने के लिए आपको 670 रुपए तक मिलते हैं.

इस एप से आपको औनलाइन सर्वे करना होता है. यह एप सर्वे के लिए आपसे कुछ सवाल पूछता है जिनके जवाब आपको देने होते हैं जिनसे आप पैसे कमा सकते हैं. जैसे सामान्य रुप से किसी वस्तु विषय पर सर्वे होता है, ठीक उसी प्रकार आपको सर्वे में प्रयोग हो रहे सवालों का जवाब देना होगा.

इस एप में आप अपने शौपिंग का बिल दिखाकर पैसे कमा सकतीं हैं. इसके लिए बस आपको यह करना होता है कि जब आप शौपिंग करतीं हैं तो उसका बिल आपको इस एप पर अपलोड करना होता है. ऐसा करने के लिए यह एप आपको कमीशन देता है.

इस एप पर भी आपको अपने शौपिंग के बिल अपलोड करने होते हैं. ऐसा करने से यह एप आपको गिफ्ट कार्ड देता है. जिनसे आप जब चाहे शौपिंग कर सकतीं हैं.

इस एप पर नेट सर्फिंग और वेबब्राउजिंग के जरिए आप पैसे कमा सकती हैं. इसी के साथ-साथ यह एप टीवी और वीडियो देखने पर भी आपको पैसे देता है.

अगर ट्रैकिंग से है प्यार तो आपके लिए हैं ये 5 जगहें

अगर आप को ट्रैकिंग का शौक है और आप ऊचें पहाड़ों की चढ़ाई करना चाहतीं हैं तो आप बेशक यहां आ सकती हैं. यहां की खास बात है कि आप यहां रोमांच के साथ ज्ञान भी ले सकती हैं, क्योकि यहां पहाड़ों पर मौजूद किले अपने आप में यहां के इतिहास को बताते हैं.

हम आपको कुछ ऐसे ही जगहों के बारे में बताने जा रहें हैं जहां जाकर आप अपनी छुट्टियों का आनंद ले सकती हैं.

राजमाची

राजमाची लोनावाला के पास स्थित एक किला है. इसके नजदीक स्‍थ‍ित शिरोटा बांध इसे और भी ज्‍यादा खूबसूरत बनाता है. इसकी चढ़ाई काफी आसान है. जमीन से इसके किले के शीर्ष तक पहुंचने में केवल 40 मिनट लगते हैं. इसके किले पर दो गुफाएं हैं जिनमें करीब 40 लोगों एक साथ जा सकते हैं. यहां आने वाले ट्रैकर्स राजमाची के निर्माण को बेहद शानदार मानते हैं.

वीसापुर

वीसापुर लोहागढ़ के पास स्‍थ‍ित हैं, यह जगह ट्रैकिंग के हि‍साब से काफी अच्‍छी मानी जाती है. हालांकि यहां की चढ़ाई मुश्किल है. मानसून के दौरान वीसापुर किला बहुत सुंदर लगता है. इस पहाड़ी की चोटी पर कई झरने हैं. खास बात तो यह है कि बारिश के बाद बड़ी संख्‍या में यहां नए झरने बनते हैं. जल निकाय होने की वजह से किले की दीवार पुणे-मुंबई राजमार्ग को और भी शानदार बनाती है.

हरिश्चंद्रगढ़

हरिश्चंद्रगढ़ एक पहाड़ी किला है यहां पर ट्रैंकिंग की जा सकती है. अनुभवी ट्रैकर्स पांच अलग अलग मार्गों से इस पहाड़ी की ओर बढ़ने का आनंद लेते हैं. एक लंबी यात्रा के साथ इसके शीर्ष पर पहुंचना काफी रोमांचक है. इसके शीर्ष पर गुफाएं व शिविर स्थल भी है. यहां पर ताजे जल की धाराएं बेहद खूबसूरत लगती है. यहां कोंकणकडा घूमने के साथ ही पहाड़ों का लुत्फ भी लिया जा सकता है.

राजगढ़

रायगढ़ से पहले राजगढ़ मराठा साम्राज्य की पहली राजधानी थी. ट्रैकिंग के लिए यह सबसे अच्छी जगहों में से एक माना जाता है, जि‍ससे यहां पर ट्रैकर्स की काफी भीड़ होती है. मानसून के दौरान तो यहां ट्रैकिंग का मजा ही कुछ और होता है. यहां पानी कुंड और बालेकिल्ला प्रमुख आकर्षण का केंद्र माने जाते हैं. इसके अलावा यहां पर गनपाउडर स्टोर और मुख्य अदालत की अलग-अलग संरचनाएं जरूर घूमनी चाहिए.

सिंहगढ़

पुणे के सबसे करीब जगहों में सिंहगढ़ लोकप्रिय पिकनिक स्थलों में से एक है. इस जगह पर जाने के लिए सड़क मार्ग काफी अच्‍छा है, लेकि‍न यहां बड़ी संख्‍या में ऐसे लोग आते हैं जो किले के मार्ग में ट्रैकिंग करना पसंद करते हैं. तानाजी मालुसरे और शिवाजी के छोटे बेटे राजाराम के स्मारक किले पर हैं. इसके अलावा यहां पर देव तकी नामक एक जल निकाय भी है जिसमें पूरे वर्ष ताजा पानी होता है.

सुबह की सैर से हो दिन की शुरुआत

अपने दिन की शुरुआत सुबह समय पर उठ कर सकारात्मक विचारों के साथ करें. ऐसे विचार शरीर में ऊर्जा भरने का काम करते हैं. सुबह की सैर स्वास्थ्यवर्धक होती है, इसलिए मौर्निंगवाक अवश्य करें. आज की भागदौड़ की जिंदगी में इस से काफी रिलैक्स मिलता है.

दिन का पहला घंटा ही अक्सर यह तय कर देता है कि हमारे बाकी 23 घंटे कैसे बीतेंगे. बहुत सी घटनाएं और स्थितियां अक्सर हमारे नियंत्रण से बाहर होती हैं. हम उठते ही सुबह सब से पहले क्या करते हैं, इस का प्रभाव हमारी सोच और दृष्टिकोण पर अवश्य पड़ता है. यदि हम आत्मविश्वास की ओर ध्यान देना चाहते हैं तो काफी बातों का ज्ञान रखना जरूरी है. अपनी सुबह को नियंत्रित कर पूरा दिन हम नियंत्रित कर सकते हैं. सुबह का ऐसा रूटीन रखें जो आप को शारीरिक व मानसिक रूप से ताजगी पहुंचाने वाला हो.

समय पर जागें

दिन की अच्छी शुरुआत के लिए सब से पहले समय पर उठें. देर से उठने से आप को भागदौड़ करनी पड़ सकती है, जिस से चिंता और बेचैनी बढ़ेगी और आप तनाव में आ जाएंगे.

अलार्म लगाएं

सुबह समय पर उठने के लिए अलार्म लगाएं. यह सुनिश्चित कर लें कि कैसे समय पर उठा जाए कि जिस से आप अपने दिन की शुरुआत शांति से कर सकें.

पर्याप्त नींद लें

वैसे तो हमें अलार्म की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए. हम प्राकृतिक रूप से ऐसी नींद लें जिस से जब हमारा शरीर और दिमाग पर्याप्त नींद ले लें, तो हम प्राकृतिक रूप से जाग जाएं. पर यह आजकल संभव नहीं हो पा रहा है, हमें एक निश्चित समय पर सो जाना चाहिए. अगर सोने में परेशानी हो रही है तो आप को अपनी कंप्यूटर संबंधी आदतों को बदलने की जरूरत है. खराब पोस्चर मांसपेशियों को तनाव देता है. वैब ब्राउजिंग, वीडियो गेम्स, कैफीन आप के दिमाग को ज्यादा देर तक ऐक्टिव रख सकते हैं. सब से महत्त्वपूर्ण बात, इलैक्ट्रौनिक साधनों जैसे कंप्यूटर, मौनीटर्स व टैलीविजन स्क्रीन से आप के दिमाग को दिन होने का भ्रम हो सकता है.

स्ट्रैचिंग करें, फिट रहें

दिमाग को खुश व शांत रखने के लिए आप को अपना शरीर स्वस्थ रखना होता है. ये दोनों साथसाथ चलते हैं. दिनभर कंप्यूटर के सामने बैठने से आप का पोस्चर खराब होता है, आप की आंखों को थकान महसूस होती है, शरीर का लचीलापन कम होता है, जो आप को नुकसान पहुंचाता है. थोड़ी सी स्ट्रैचिंग और तेज कदमों से की गई सैर आप के मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है. सुबह सैर के लिए समय जरूर निकालें. इस के फायदे पूरे दिन देखने को मिलेंगे.

सकारात्मक सोचें

सकारात्मक सोचने की आदत डालें. जीवन में जब भी उतारचढ़ाव आएंगे, सकारात्मक दृष्टिकोण हमेशा आप की मदद करेगा.

रिलैक्स रहें, आनंद लें

सुबह उठते ही सब से पहले आप अपना फोन तो नहीं उठाते या उठते ही कंप्यूटर पर तो नहीं बैठ जाते? कुछ पल जागने के बाद सुबह का आनंद लें, सूर्योदय देखें, कौफी पिएं. यह आप पर निर्भर है कि आप कितनी देर में रिलैक्स होते हैं.

समय निर्धारित करें

आप मोबाइल पर अपने ईमेल, मैसेज देखने के लिए बेचैन रहते हैं. थोड़ी देर यह सब चैक करने के लिए बैठ जाएं पर एक बात का ध्यान रखें कि इस के लिए एक समयसीमा जरूर निर्धारित करें. 

अच्छी आदतें डालने के लिए अनुशासन की जरूरत होती है. जो आसान नहीं होता. सुबह समय पर उठने का रूटीन बनाना आसान नहीं है, पर कोशिश अवश्य करें. अच्छी आदतों से आप को लाभ ही होगा. ये अच्छी आदतें तन और मन दोनों को दिनभर स्वस्थ व खुश रखेंगी, दिन की शुरुआत अच्छी करने से पूरा दिन अच्छा बीतने की संभावना हो तो देरी किस बात की.

सही मेकअप बढ़ाए खूबसूरती

युवावस्था ऐसा समय है जब हर युवती खुद पर इतराना-इठलाना चाहती है. कुछ उम्र का असर, कुछ बदलती भावनाओं का, युवतियों पर अनूठी छटा खुद ही आ जाती है. लेकिन इसी उम्र में पिंपल भी अपना रंग दिखा रहे होते हैं. आप को अपनी सहेलियों के संग मूवी देखने जाना हो या फिर किसी मौल में घूमना हो, तब आप का रूप निखारता है मेकअप.

मेकअप करते समय युवतियों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उन का मेकअप उन की उम्र के अनुसार हो यानी न अधिक भड़कीला और न अधिक उत्तेजक. अच्छा मेकअप करने के लिए कुछ टिप्स का ध्यान रखें.

पिंपल्स की समस्या

युवतियों के सब से बड़े दुश्मन होते हैं पिंपल्स. इन के इलाज हेतु घरेलू उपचार करें और यदि घरेलू उपचार से आप को फायदा न हो तो किसी त्वचा विशेषज्ञ की राय लें. अपनी ड्रैस पर हजार रुपए खर्च करने की जगह अपने चेहरे को पिंपल्स से छुटकारा दिलाने में समझदारी है.

घरेलू उपाय

मुलतानी मिट्टी का फेसपैक चेहरे की तैलीय त्वचा को ठीक करता है.

बेसन से मुंह धोने से भी तैलीय त्वचा बेहतर होती है.

एक चम्मच दालचीनी और 2 चम्मच शहद को अच्छी तरह मिला कर 10-15 मिनट के लिए चेहरे पर लगाएं और फिर धो डालें. दालचीनी का रोगाणुरोधी गुण और शहद के ऐंटीबायोटिक होने से पिंपल में आराम मिलता है.

ऐसे ही आप एलोवेरा जैल, पके हुए पपीते के गूदे या संतरे के छिलके का पेस्ट भी चेहरे पर लगा कर फायदा उठा सकती हैं.

युवतियों का मेकअप कैसा हो

युवावस्था में अत्यधिक मेकअप अच्छा नहीं लगता. हलका मेकअप मासूमियत बनाए रखता है.

आंखों पर रंगबिरंगे आईशैड लगाने के बजाय सुनहरे रंग का इस्तेमाल करें. इस से आप की आंखें चमक उठेंगी और साथ ही मेकअप ओवर नहीं लगेगा.

गालों को उभारते हुए चेहरे पर गुलाबी ब्लश लगाएं. इस से आप का लड़कपन छलकेगा और साथ ही युवावस्था का ब्लश भी.

पलकों पर काला मसकारा लगाएं

भड़कीली गहरे रंग की लिपस्टिक न लगाएं. युवावस्था में होंठों पर हलकी गुलाबी या न्यूड रंग की लिपस्टिक अच्छी लगती है.

फाउंडेशन न लगाएं

अक्सर युवतियां अपने पिंपल्स छिपाने के लिए फाउंडेशन लगा लेती हैं. किंतु युवावस्था में फाउंडेशन लगाने से बचना चाहिए. फाउंडेशन 30 साल के आसपास की महिलाओं पर जंचता है. युवतियों को अपने पिंपल छिपाने के लिए कंसीलर और उस के ऊपर टिंटेड मोइश्चराइजर का प्रयोग करना चाहिए.

टिप: कंसीलर लगाने का सही तरीका है कि उसे पिंपल के ऊपर रगड़ा न जाए बल्कि हलके हाथ से हर पिंपल के ऊपर उंगली से लगाया जाए.

हलके-फुलके टिप्स

बालों को सुंदर और रेशमी बनाए रखने के लिए हफ्ते में एक दिन जैतून के तेल से मालिश करें.

होंठों को मुलायम रखने के लिए वैसलीन का इस्तेमाल करना सर्वोत्तम है.

त्वचा को टैन होने से बचाने के लिए सनस्क्रीन लगाना न भूलें. इस से त्वचा टैन होने से बचने के साथसाथ झाइयों व झुर्रियों से भी बचती है.

नाखूनों को कभी दांतों से न काटें. यह आदत न केवल नाखूनों को खराब करती है बल्कि सेहत के लिए भी हानिकारक है. ढंग से नेल फाइलर से फाइल करें.

स्वस्थ त्वचा यानी सुंदर आप

चाहे आप कितना भी सजसंवर लें, यदि आप की त्वचा स्वस्थ नहीं है तो सुंदर लगना मुश्किल है. अपनी त्वचा का ध्यान रखें. हर रात सोने से पहले चेहरा किसी अच्छे क्लींजर से धोएं ताकि चेहरे का अतिरिक्त तेल निकल जाए. उस के बाद अच्छी गुणवत्ता का मोइश्चराइजर लगाएं ताकि आप की त्वचा मुलायम और लचीली रहे.

टिप: त्वचा को स्वस्थ रखने हेतु जंकफूड के सेवन से बचें. खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडा, मछली, दूध से निर्मित खाद्य, फल आदि खाने चाहिए. पानी खूब पीना चाहिए ताकि शरीर से टौक्सिन निकल जाएं.

हफ्ते में एक दिन हलके हाथों से स्क्रब कर डैड स्किन हटा दें. घरेलू स्क्रब बनाने के लिए आप ओटमील या फिर संतरे के छिलकों का प्रयोग कर सकती हैं.

अनुपम खेर बने एफटीआईआई के नये चेयरमैन

बौलीवुड में ही नहीं बल्कि हौलीवुड में भी कई बेहतरीन रोल कर नाम कमा चुके अनुपम खेर को फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एफटीआईआई) का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है. वे एफटीआईआई के विवादास्पद चेयरमैन गजेंद्र चौहान से पदभार संभालेंगे. गजेंद्र ने इस पर कहा है कि उनको हटाया नहीं गया है, बल्कि मार्च में ही उनकी कार्यकाल पूरा हो चुका था. गौरतलब है कि 62 साल के खेर से पहले मशहूर टीवी एक्टर गजेंद्र चौहान इस पद पर थे गजेंद्र को 2015 में FTII का चेयरमैन बनाया गया था. अपने 14 महीने के कार्यकाल के दौरान गजेंद्र चौहान सिर्फ एक बार ही संस्थान में किसी बैठक में शामिल होने गए थे.

बता दें कि जब गजेंद्र को एफटीआईआई का चैयरमेन बनाया गया था तब छात्रों ने कैंपस में काफी विरोध-प्रदर्शन और 139 दिनों तक हड़ताल भी किया था. चौहान की काफी आलोचना उनके कैंपस से बाहर रहने को लेकर भी हुई थी. यही नहीं फिल्म जगत के लोगों ने भी गजेंद्र की योग्यता को लेकर सवाल उठाया था. छात्रों ने उस समय पुणे से लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर तक विरोध प्रदर्शन किया था. जिसकी वजह से चौहान अपने नियुक्ति के सात महीने तक अपना पदभार संभाल नहीं पाए थे. उस समय सरकार ने उन्हें हटाने से मना कर दिया था.

पत्नी किरण खेर ने भी इस पर उन्हें बधाई दी है. उन्होंने कहा कि संस्थान का अध्यक्ष बनना कांटों के ताज पहनने जैसा है. बहुत लोग आपके खिलाफ होते हैं. वे आपके खिलाफ काम करते हैं, लेकिन मुझे यकीन है कि अनुपम अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाएंगे. वे प्रतिभावान हैं. लंबे समय से एक्टिंग सिखा रहे हैं. व्यवस्थित हैं. वह सेंसर बोर्ड और एनएसडी के भी मुखिया रह चुके हैं और अब वह एफटीआईआई के मुखिया होंगे. मुझे इस बात पर गर्व होता है. मैं सूचना और प्रसारण मंत्रालय, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रिया कहना चाहूंगी.

अनुपम खेर ने नेशनल स्कूल आफ ड्रामा से एक्टिंग का कोर्स कर रखा है और उनके लिए फिल्मों में काम मिलना आसान नहीं था. संघर्ष के दिनों में जब वे मुंबई आए तो उन्हें प्लेटफार्म पर सोना तक पड़ा था. संघर्ष कुछ ऐसा था कि कई बार खाने तक के लाले पड़ जाते थे, लेकिन उन्होंने खाने की इस समस्या से निबटने के लिए एक तरिका निकाल लिया था. जब भी ऐसा मौका आता तो वे अपने गोरे रंग और सिर पर बाल न होने को हथियार बनाते. इसके साथ ही लोगों की नकल उतारना भी उनका खास गुण था, जिसका वे भरपूर इस्तेमाल करते. वे खाने की जगहों पर जाते और वहां जाकर अंग्रेजों की तरह बोलते और तरह-तरह की चीजें टेस्ट करते. जब उनका पेट भर जाता तो वे वहां से चलते बनते. दिलचस्प बात यह है कि लोग उन्हें विदेशी समझ लेते थे और पैसे भी नहीं मांगते थे.

अनुपम को साल 2004 में पद्मश्री और 2016 में पद्म भूषण से नवाजा जा चुका है. वह सारांश, डैडी, राम-लखन, लम्हे, खेल, दीवाने, दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे और मैंने गांधी को मारा सरीखी फिल्मों में अपनी काबिल-ए-तारीफ अदायगी के लिए आज भी जाने जाते हैं. बता दें कि अनुपम खेर की अगली फिल्म ‘रांची डायरीज’ जल्द ही रिलीज होने वाली है.

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