बालों को शैम्पू करने का ये है सही तरीका

क्या आप जानती हैं कि आपके बाल झड़ने के विभिन्न कारणों में एक कारण बालों में गलत तरीके से शैम्पू करना भी शामिल है. अक्सर महिलाएं अलग अलग तरीके से बालों में शैम्पू करती हैं और यही समझती हैं कि वो जिस तरह से शैम्पू कर रही हैं वही शैम्पू करने का सही तरीका है. अगर आप भी कुछ ऐसा ही सोच रही हैं तो आप गलत हो सकती हैं क्योंकि वास्तव में ऐसा नहीं है. आपको बता दें कि बालों में शैम्पू लगाने का फायदा तभी मिलेगा जब आप शैम्पू ठीक तरह से करेंगी. आइये आज हम आपको बालों में शैम्पू लगाने का सही तरिका बताते हैं-

शैम्पू करने से पहले करें कंघी

शैम्पू करने से पहले बालों को कंघी कर लेना चाहिए. ऐसा करने से बाल सुलझ जाएंगे और शैम्पू आसानी से बालों की जड़ों तक पहुंच जाएगा.

एक ही ब्रांड

हम एक ही तरह का शैम्पू और कंडीशनर इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में बालों को इनकी आदत हो जाती है और असर कम होने लगता है. मौसम के हिसाब से शैम्पू बदल लें.

गलत शैम्पू

शैम्पू लेने से पहले हम ये नहीं चेक करते की उसमे क्या है ? केमिकल सल्फेट वाले शैम्पू स्कैल्प खराब करते हैं. इसमें मौजूद पैराबीन से डेंड्रफ हो सकता है.

शैम्पू से पहले कंडीशनर का करें इस्तेमाल

अक्सर बालों को शैम्पू करने के बाद महिलाएं कंडीशनर का इस्तेमाल करती हैं अगर आप भी ऐसा ही कर रही हैं तो आज ही इस आदत को थोड़ा बदल दीजिए. बालों में शैम्पू करने से पहले कंडीशनर का इस्तेमाल करें और उसके बाद ही बालों को शैम्पू से धोएं. ऐसा करने से बालों को पोषण मिलता है और कंडीशनिंग का बालों पर लंबे समय तक असर दिखाई देता है.

कंडीशनर का इस्तेमाल करने के बाद बालों को कम से कम 10 मिनट तक लगे रहने दें. इस बीच बालों को किसी कपड़े से ढक लें.

शैम्पू की मात्रा

ज्यादा शैम्पू लगाने से बालों को नुकसान पहुंचता है साधारणतः एक चम्मच शैम्पू काफी होता है. अगर बाल लम्बे हैं तो थोड़ा ज्यादा शैम्पू लगा सकती हैं.

पूरे बाल गीले किये बिना शैम्पू लगाना

बाल ठीक से गीले किये बिना ही हम शैम्पू लगा लेते हैं, इससे शैम्पू का असर पूरी तरह से नहीं होता. पहले बाल पूरी तरह गीले करें और फिर शैम्पू लगाएं.

सिर की त्वचा पर ही लगाएं शैम्पू

शैम्पू करते समय इस बात का ध्यान रखें कि शैम्पू बालों की बजाय सिर की त्वचा यानि कि स्कैल्प पर लगाएं. शैम्पू को बालों के किनारे या फिर बीच में लगाने से बाल नहीं बढ़ते हैं. इसलिए शैम्पू को सिर की त्वचा पर लगाकर उंगलियों के इस्तेमाल से मालिश करें.

शैम्पू का बालों की जड़ों तक पहुंचना जरूरी होता है क्योंकि वह आपकी त्वचा पर जमी गन्दगी को साफ करती है, इसलिए शैम्पू अच्छी तरह करें. ऐसा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि नाखून का इस्तेमाल न हो.

सही समय

हम शैम्पू को लगाते ही धो लेते हैं इससे बाल ठीक से साफ नहीं हो पाते और डेंड्रफ बनता है. कम से कम 3 मिनट तक शैम्पू लगे रहने के बाद सिर धोएं.

कम से कम एक मिनट तक धोएं

कई बार जल्दी में शैम्पू सिर से पूरी तरह साफ नहीं हो पाता. शैम्पू सिर में ही जमा रहने से डेंड्रफ बढ़ता है और बाल झड़ने लगते हैं. कम से कम एक मिनट तक धोएं.

पोछने के लिए नरम कपड़े का करें इस्तेमाल

बाल बहुत नाजुक होते हैं इसलिए बालों को पोछने के लिए सख्त कपड़ो के इस्तेमाल के बजाय अपनी किसी पुरानी टी-शर्ट या फिर किसी और मुलायम कपड़े का इस्तेमाल करें. ऐसा करने से बाल उलझते नहीं हैं.

आखिर क्यों आत्महत्या करना चाहती थीं शबाना आजमी

बौलीवुड एक्ट्रेस शबाना आजमी के करियर की शुरुआत 1973 में श्याम बेनेगल की फिल्म अंकुर से हुई थी. इस फिल्म की सफलता के बाद शबाना के टैलेंट को इंडस्ट्री ने पहचाना और उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. अकुंर के बाद 1983 से 1985 तक लगातार तीन सालों तक उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला.

शबाना ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दीं हैं, जिनमें अंकुर, अमर अकबर एन्थोनी , निशांत, शतरंज के खिलाडी, खेल खिलाडी का,हिरा और पत्थर , परवरिश, किसा कुर्सी का, कर्म, आधा दिन आधी रात, स्वामी ,देवता ,जालिम ,अतिथि ,स्वर्ग-नरक, थोड़ी बेवफाई जैसी फिल्में प्रमुख है. लेकिन क्या आप जानते हैं शबाना आजमी बचपन में दो बार सुसाइड करने की कोशिश कर चुकी हैं. दरअसल, मां शौकत आजमी की औटोबायोग्राफी ‘कैफ एंड आई मेमौयर’ में इस बात का खुलासा किया गया कि शबाना बचपन में दो बार सुसाइड करने की कोशिश कर चुकी थीं.

शबाना आजमी की मां शौकत भी एक एक्ट्रेस रह चुकी हैं. उन्होंने ‘उमराव जान’ और ‘सलाम बौम्बे’ जैसी फिल्मों में काम किया है. शौकत ने औटोबायोग्राफी में बताया है कि शबाना को हमेशा लगता था कि मैं उससे ज्यादा उसके भाई को प्यार करती हूं. शौकत बताती हैं कि एक बार शबाना का छोटा भाई बाबा स्कूल के लिए लेट हो रहा था तो मैंने शबाना का टोस्ट उसे दे दिया था. इसके बाद शबाना बाथरूम में रोने चली गई और स्कूल जाने के बाद सहेलियों को बताया कि उसकी मां उसे प्यार नहीं करती हैं. उसने गुस्से में स्कूल में नीला थोथा (कौपर सल्फेट) खा लिया था.

शौकत बताती हैं कि एक बार उन्होंने शबाना को डांटते हुए घर से बाहर निकल जाने को कहा जिसके बाद शबाना ट्रेन के आगे आने की कोशिश की. उस समय.चौकीदार ने सही समय पर आकर शबाना की जान बचा ली थी.

ये घरेलू उपाय आजमाएं, पैरों के दर्द को करें बाय-बाय

त्योहारों का मौसम आ गया है. ऐसे में लोगों को दुगुना काम करने की जरूरत पड़ती है. घर के ही नहीं बल्कि बाहर के कामों में भी खासी मेहनत करनी पड़ती है. इस त्यौहार में खास तौर पर गरबे में जानेवाले लोगों के लिए थकान किसी दुविधा से कम नहीं होता. रात भर डांडिया खेलने के बाद जब लोग थके-हारे घर पहुंचते हैं, तो सबसे ज्यादा तकलीफदेह होता है पैरों का दर्द, जिससे छुटकारा पाना किसी के लिए भी आसान काम नहीं है. ऐसे में कुछ घरेलु उपायों की मदद से पैरों की थकान को मिनटों में दूर करने का नुस्खा अगर मिल जाए, तो लोगों की कई समस्याएं दूर हो जाएंगी. आज हम आपके लिए कुछ ऐसे ही घरेलु नुस्खे लेकर आए हैं, जो आपके पैरों के दर्द को दूर करने में सहायक हो सकते हैं.

गर्म पानी का लें सहारा: घुटनों तक गुनगुने पानी में पैरों को डुबोकर रखें. इस पानी में 3 बड़े चम्मच सेंधा नमक भी मिलाएं. गर्म पानी की वजह से पैरों का तापमान तेज़ी से बदलता है, जिससे पैरों में रक्त संचार तेज़ी से होने लगता है. सेंधा नमक को प्राकृतिक एंटी सेप्टिक भी कहा जाता है, जो आपके पैरों के टिश्यू को रिपेयर करता है, जिससे दर्द मिनटों में छू मंतर हो जाता है.

बर्फ देगा पैरों को ठंडक: गर्म पानी की ही तरह बर्फ भी पैरों के तापमान में तेज़ी से बदलाव लाती है. पैरों की थकान दूर करने के लिए बर्फ का इस्तेमाल करें. बर्फ को पैरों पर रगड़ें, इससे पैरों की मांसपेशियों में संकुचन होगा और रक्त प्रवाह तेज हो जाएगा. जिससे पैरों का दर्द दूर हो जाएगा.  

पैरों के लिए भी उपयोगी है मेहंदी: जिस तरह हाथों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए हम मेहंदी का इस्तेमाल करते हैं, वैसे ही मेहंदी प्राकृतिक रूप से पैरों के लिए भी बेहद उपयोगी है. मेहंदी की तासीर ठंडी होती है, जो पैरों की मांसपेशियों के लिए भी लाभकारी होती है. मेहंदी लगाने के बाद पैरों में ठंडक बनी रहती है, जो दर्द को दूर रखने में मददगार साबित होती है.

सरसों का तेल है गुणकारी: पैरों की थकान दूर करने के लिए सरसों का तेल बेहद गुणकारी साबित हो सकता है. 2 चम्मच सरसों के तेल में लहसुन की 3 कलियां डालकर तेल गर्म कर लें. इस तेल के गुनगुना होने का इंतज़ार करें. गुनगुने तेल को पैरों में लगाकर मालिश करें.

इन उपायों को आजमाने के बाद आपको दवाईयां लेने की जरुरत नही होगी. ये नुस्खे आपकी प्राकृतिक रूप से सहायता करने के लिए काफी जो हैं.

बालों को सेहतमंद बनाने के टिप्स

खूबसूरत चमकते बालों की चाह हर महिला की होती है. ज्यादातर महिलाएं इस बात को ले कर परेशान रहती हैं कि बालों की खूबसूरती कैसे बरकरार रखी जाए.

वैसे भी आज के समय में फैशन, प्रदूषण, तनाव और अस्वास्थ्यकर खानपान ने बालों के झड़ने, टूटने, सफेद होने जैसी समस्याएं बढ़ा दी हैं. ऐसे में जरूरी है कुछ बातों का खयाल रखा जाए ताकि आप के बाल किसी भी मौसम और उम्र में सेहमतंद व आकर्षक बने रहें.

– अगर आप कभी बारिश में भीग जाती हैं तो घर पहुंचते ही बालों को धो लें. इस से सिर की त्वचा में संक्रमण होने की संभावना कम हो जाती है.

– सिर की त्वचा गीली रहने से फंगल संक्रमण, रूसी और जूंए होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए बालों को साफ और सूखा रखने का प्रयास करें. गीले बालों के टूटनेझड़ने की समस्या भी बढ़ जाती है. अत: बालों को धोने के तुरंत बाद कंघी का इस्तेमाल न करें. वे पूरी तरह सूख जाएं तभी कंघी करें.

– घर से बाहर निकलते समय धूलमिट्टी, धूप या बारिश के पानी से बचने के लिए बालों को कवर कर के रखें. स्कार्फ, स्टोल या दुपट्टे से बालों को ढकें.

– बाल को धोने से 1-2 घंटे पहले उन में हर्बल तेल लगाएं. इस से उन की कंडीशनिंग होगी. कुनकुने तेल से 15 मिनट मसाज करें. आप को रिलैक्स महसूस होगा और सिर की त्वचा में रक्तसंचार भी बढ़ेगा. बालों में भी नई चमक आएगी.

– मौसम में बदलाव के दौरान सिर की त्वचा से प्राकृतिक नमी खो जाती है. इस से त्वचा पर मृत कोशिकाएं जमा होने लगती हैं जिस से रूसी और संक्रमण की स्थिति पैदा होती है और बाल झड़ने लगते हैं. इस स्थिति से बचने के लिए बालों को सूखा और साफ रखें.

– ओजोन और्गेनिक एडवांटेज की मैडिकल कंसलटैंट डा. उमा सिंह कहती हैं कि हमेशा अपनी कंघी, हेयरब्रश और हेयर क्लिप्स साफ रखें. ब्लो ड्रायर या स्टाइलिंग का इस्तेमाल ज्यादा न करें. स्ट्रेटनिंग या कर्लिंग मशीन के ज्यादा प्रयोग से बचें, क्योंकि इस से बाल कमजोर हाते हैं.

– बालों को निरंतर पोषण की जरूरत होती है. सही खनिज व विटामिन इन्हें लंबा और मजबूत बनाते हैं. इसलिए संतुलित आहार का सेवन करें, जिस में प्रोटीन, खनिजलवण व कैल्सियम की पर्याप्त मात्रा हो. विटामिन और आयरन भी बालों को स्वस्थ बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में फल और सलाद का सेवन करें. संतुलित भोजन, व्यायाम, कम तनाव, पर्याप्त नींद आप के बालों को स्वस्थ व चमकदार बनाए रखने में मदद करते हैं.

– त्वचा की तरह बालों को भी पोषक तत्त्वों की जरूरत होती है. उदाहरण के लिए बादाम न सिर्फ दिमाग को तंदुरुस्त रखते हैं बल्कि बालों को भी पोषण देते हैं. इन में विटामिन ई पाया जाता है, जिस से बालों को मजबूती मिलती है. अत: हफ्ते में 1 दिन बादाम तेल से बालों की मालिश जरूर करें. बालों का झड़ना रुक जाएगा. इसी तरह शहद, आंवला वगैरह भी बालों के पोषण के लिए आवश्यक हैं. आंवले में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है जो बालों के विकास के लिए अच्छा होता है.

बालों को हर्बल शैंपू से धोने की आदत डालें. शैंपू करते वक्त निम्न बातों का खयाल रखें.

– यदि बाल औयली हैं तो एक दिन छोड़ कर शैंपू करें.

– नौर्मल बालों में सप्ताह में 2-3 बार शैंपू किया जा सकता है.

– कर्ली बालों के लिए ड्राई हेयर शैंपू यूज करें.

– स्कैल्प पर पोरों से शैंपू लगाएं. इस से बालों की गंदगी अच्छी तरह साफ होती है.

पार्टी के लिए बनाएं सतरंगा मक्का सलाद

सामग्री

2 कप मक्का के दाने

1/2 कप खजूर बारीक कटा

1/2 कप अनारदाना

2 बड़े चम्मच शिमलामिर्च बारीक कटी

1/4 कप गाजर कसी

1/4 कप चुकंदर चौकोर टुकड़ों में कटा

1/2 कप संतरे के सेगमैंट बीज निकले

सामग्री ड्रैसिंग की

1 नीबू का रस

1 चम्मच जैतून का तेल

1 छोटा चम्मच सिरका

कालीमिर्च दरदरी कुटी

नमक स्वादानुसार

विधि

मक्का के दानों को स्टीम कर लें. फिर सारी सामग्री को अच्छी तरह मिला कर ठंडा कर

के परोसें.

व्यंजन सहयोग: माधुरी गुप्ता

आदित्य और जरीना ने कंगना को भेजा कानूनी नोटिस

फिल्म ‘‘सिमरन’’ के प्रमोशन के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कंगना रनौत ने खुद को दबंग, निडर और बोल्ड नारी बताते हुए रितिक रोशन के साथ साथ अपने पहले पूर्व प्रेमी आदित्य पंचोली पर हमला बोलते हुए उनकी पत्नी व बेटी पर भी अनापशनाप बयानबाजी की थी. उस वक्त कंगना के साथ साथ उनकी बहन रंगोली भी इस खेल में कूद पड़ी थी.

कंगना और रंगोली ने सभी मर्यादाओं का उल्लंघन करते हुए अपने इस युद्ध को अति निम्न व घटिया स्तर पर ले जा कर खूब चर्चा बटोरी थी. उस वक्त शायद कंगना रनौत या उन्हें सलाह देने वाले उनकी पीआर टीम को लग रहा था कि इससे उनकी फिल्म ‘‘सिमरन’’ को दर्शक मिल जाएंगे. तथा इसके बाद बौलीवुड में हर कोई उनसे डरकर रहेगा और वह अपनी मनमानी करती रहेंगी. पर उस वक्त वह यह भूल गयी थीं कि इसके कई दुष्परिणाम भी हो सकते हैं.

कंगना रनौत की बेबाकी के चलते उनकी फिल्म ‘‘सिमरन’’ को फायदा नहीं हुआ. क्योंकि कंगना ने सबसे बड़ी गलती यह की कि फिल्म ‘सिमरन’ का प्रचार करते हुए वह अपने निजी जीवन के दुश्मनों पर तीखें बाण छोड़ती रहीं, मगर फिल्म ‘सिमरन’ पर बात नहीं की. परिणामतः फिल्म ‘सिमरन’ दर्शकों तक पहुंची नहीं. उपर से अति घटिया फिल्म के चलते इस फिल्म का बाक्स आफिस पर बंटाधार हो गया. इतना ही नहीं ‘रंगून’ और ‘सिमरन’ के बुरे हश्र के बाद कंगना रनौत के करियर पर कई सवालिया निशान लग गए हैं.

तो दूसरी तरफ कंगना रनौत ने जो कुछ किया, उसका दुष्परिणाम यह सामने आया है कि अब आदित्य पंचोली और उनकी पत्नी जरीना वहाब ने एक साथ दो वकीलों जमीर खान और श्रेया श्रीवास्तव की सेवाएं लेते हुए कंगना रनौत के खिलाफ आपराधिक यानी कि क्रिमिनल और सिविल डिफेमेशन नोटिस भेजी है. आदित्य पंचोली का  दावा है कि कानूनी नियमों के तहत ही उन्होंने यह नोटिस कंगना रनौत को ‘स्पीड पोस्ट’ से भेजी है.

गौरतलब है कि कंगना रनौत ने जब बौलीवुड में कदम रखा था, उस वक्त उन्हें आदित्य पंचोली ने ही सहारा दिया था. उस वक्त कंगना रनौत भी आदित्य पंचोली को अपना प्यार बताते हुए हर जगह उनके साथ घूमते हुए नजर आती थीं. बकौल कंगना रनौत उसी दौरान जरीना वहाब, कंगना को संजय लीला भंसाली सहित कई फिल्मकारों से मिलवाने ले गयी थी. कुछ वर्षों बाद कंगना और आदित्य पंचोली के बीच जमकर मारा मारी हुई थी. फिर कंगना ने आदित्य पंचोली का साथ छोड़कर शेखर सुमन के बेटे व अभिनेता अध्ययन सुमन के साथ प्यार की पींगे बढ़ाई थी.

कंगना ने हाल ही में आदित्य पंचोली पर आरोप लगाया था कि आदित्य पंचोली ने उनका शोषण किया और उन्हें अपने घर पर बंदी बनाकर रखा था. इतना ही नही कंगना का आरोप है कि उस वक्त उन्होंने जरीना वहाब से मदद मांगी थी और आदित्य पंचोली के खिलाफ पुलिस में एफआरआई दर्ज करायी थी.

बहरहाल, कंगना और आदित्य पंचोली का यह युद्ध अब कानूनी लड़ाई में बदलने जा रहा है. आदित्य पंचोली कहते हैं, ‘‘मैं जो कुछ कर सकता था, वह कर दिया है. मैंने अपना कदम आगे बढ़ा दिया है. अब कंगना जो चाहें मेरे इस कदम पर अपना नया कदम उठा सकती हैं.’’

उर्वशी के ‘टच मी नौट’ एग्रीमेंट के बारे में जानती हैं आप

इरोटिक फिल्म ‘‘हेट स्टोरी’’ के चौथे सिक्वअल की शूटिंग लंदन में निर्देशक विशाल पंड्या लगातार कर रहे हैं. इस फिल्म के साथ हीरोईन के रूप में उर्वशी रौतेला जुड़ी हुई हैं. जबकि हीरो कौन होगा, यह रहस्य बना हुआ था. वास्तव में फिल्म ‘‘हेट स्टोरी 4’’ में बतौर हीरो गुरमीत चौधरी के होने की खबरें थी, तो दूसरी तरफ 25 सितंबर से गुरमीत चौधरी फिल्म ‘पलटन’ की शूटिंग के लिए लद्दाख पहुंच चुके हैं, तो सवाल उठ रहा था कि फिल्म ‘‘हेट स्टोरी’’ में उर्वशी रौतेला का हीरो कौन होगा.

पर अब सूत्रों के अनुसार लंदन में उर्वशी रौतेला के साथ फिल्म ‘‘हेट स्टोरी 4’’ की शूटिंग टीवी कलाकार करण वाही कर रहे हैं. यह वही करण वाही हैं जो कि हाल ही में ‘खतरों के खिलाड़ी ’सीजन 8 से बाहर हुए हैं. सूत्र दावा कर रहे हैं कि ‘खतरों के खिलाड़ी 8’ से बाहर होने पर करण वाही ने चुपचाप फिल्म ‘हेट स्टोरी 4’ के निर्माता भूषण कुमार से मुलाकात की और फिल्म ‘‘हेट स्टोरी 4’’ साइन की. अब वह लंदन में शूटिंग कर रहे हैं, मगर फिलहाल फिल्म के निर्माता भूषण कुमार और निर्देशक विशाल पंड्या ने इस बारे में चुप्पी साध रखी है. उधर इस त्रिकोणीय प्रेम कहानी में तीसरा कोण यानी कि दूसरी हीरोईन हैं पंजाबी फिल्मों की स्टार कलाकार इहना.

मगर सबसे बड़ा सवाल यह है कि इरोटिक कहानी वाली फिल्म ‘हेट स्टोरी 4’ में निर्देशक विशाल पंड्या ईरोटिजम कैसे परोसेंगे. क्योंकि सूत्र दावा कर रहे हैं कि फिल्म की हीरोईन उर्वशी रौतेला ने ‘‘टच मी नौट’’ का एक नियम अपने अग्रीमेंट में जुड़वाया है.

चलिए बनारस की सैर पर

इतिहास, धर्म, या संस्कृति के लिहाज से अगर बात कि जाऐ तो हमारे देश में एक ऐसा शहर है जो हमेशा से इतिहास के नजरिये से प्रमुख केन्द्र रहा है. आज हम बात करेंगे बनारस के बारे में. आपको काशी के बारे में तो पता ही होगा. यह हमारे देश के ऐतिहासिक, धार्मिक और संस्कृतिक पहलुओं को दर्शाता है. बनारस की खोज राजा बलवंत सिंह द्वारा की गई. तो आज हम आपको ले चलेंगे बनारस की सैर पर और आपको बताएंगे आखिर क्या है यहां खास, जो हर कोई यहां अपने जीवन में एक बार जरूर आना चाहता है.  

सारनाथ संग्रहालय

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने सारनाथ में कई बुद्ध प्राचीन अवशेषों में शामिल मूर्तियों और कलाकृतियों का एक शानदार संग्रहालय बनाया है. इन मूर्तियों में से एक पांचवी शताब्दी में बनायीं गयी ध्यानमग्न भगवान बुद्ध की मूर्ति और मानव आकार की बोधिसत्व प्रतिमा जिसे कमल का फूल लिए हुए दिखाया गया है. यहां पर मौर्य, कुषाण काल और गुप्त काल की भी शानदार कलाकृतियां रखी हुई हैं. ये संग्रहालय हफ्ते के सातों दिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुलता है.

अशोक स्‍तंभ

सारनाथ संग्रहालय में ही अशोक स्‍तंभ है जिसे शेर स्‍तंभ भी कहते हैं. यह भारत का राष्ट्रीय प्रतीक भी है. इस पर अशोक का एक संदेश लिखा है जो बौद्ध समुदाय में सौहार्द बनाये रखने का संदेश देता है. इस पर घंटी के आकार में एक कमल बना हुआ है और साथ ही शेर, घोड़े, हाथी और बैल आदि के प्रतीक बने हुए हैं. इस स्‍तंभ पर चौबीस तीलियों वाला अशोक चक्र भी बना हुआ है जिसे हम अपने तिरंगे में भी देख सकते हैं. इस स्‍तंभ में मौजूद हर चीज भगवान बुद्ध के जीवन के विभिन्न चरणों का प्रतीक है. जैसे हाथी उनके विचारों का प्रतीक है क्‍योंकि महारानी माया ने सपने में, अपने गर्भ में एक सफ़ेद हाथी को प्रवेश करता देखा था. बैल राजकुमार के रूप में बुद्ध के जीवन का प्रतीक है. घोड़ा उनके ऐश्‍वर्य पूर्ण राजसी जीवन से पलायन का प्रतीक है जबकि शेर बुद्ध की बौद्ध धर्म की उपलब्धि का प्रतीक है. इसके अलावा स्‍तंभ पर बने चार शेर, चार दिशाओं में अशोक के शासन का प्रतीक हैं. अशोक चक्र, सम्राट अशोक के यश का प्रतीक माना जाता है, और चारों जानवर सम्राट अशोक के चार राज्यों के राजपाट के प्रतीक हैं. ये भी पूरे हफ्ते सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक पर्यटकों के देखने के लिए उपलब्‍ध रहता है.

रामनगर किला

रामनगर का किला बनारस से 14 किमी की दूरी पर स्थित है. इसका बनारस के महाराजा बलवंत सिंह ने अठारहवीं सदी में अपने पैतृक निवास के रूप में निर्माण करवाया था. ये किला लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है. कहते हैं कि महर्षि वेद व्यास ने कुछ समय यहां भी व्यतीत किया था. रामनगर किले के संग्रहालय में पुरानी कारें, शाही पालकी, तलवारें और पुरानी बंदूकें, हाथीदांत के तराशे हुई वस्तुएं और शानदार शस्त्रागार है. रामनगर किले में एक विशाल घड़ी है जो ना सिर्फ वर्ष, माह, सप्ताह और दिन बताती है बल्कि यह सूर्य, चंद्रमा और नक्षत्र के बारे में खगोलीय जानकारी भी देती है. यहां पर अलंकृत पालकियां, सोना चढ़ाया हुआ हौदा और हथियारों का विशाल संग्रह भी देखने लायक हैं. आप यहां की सैर सुबह 10 बजे से शाम 5:30 बजे तक पूरे हफ्ते कर सकते हैं.

मानसिंह वेधशाला

मानसिंह वेधशाला काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में स्थित है. हालाकि पत्‍थरों की बनी इस वेधशाला के अब ध्‍वंसावशेष ही बचे हैं. यह वेधशाला पर्यटकों के लिए सूर्योदय से सूर्यास्‍त तक खुली रहती है. दशाश्वमेध घाट के ठीक बगल में स्थित मंदिर महल वास्तव में एक वेधशाला ही है. इसके साथ ही है मान मंदिर घाट. मान मंदिर महल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की संरक्षित इकाई है. इस वेधशाला में प्रमुख रूप से ये यंत्र मौजूद हैं जो कुछ सुरक्षित हैं. सम्राट यंत्र, लघु सम्राट यंत्र, दक्षिणोत्तर भित्ति यंत्र, चक्र यंत्र, दिगंश यंत्र, नाड़ी वलय दक्षिण और उत्तर गोल इन यंत्रों द्वारा सूर्य तथा अन्य ग्रह उत्तर या दक्षिण किस गोलार्ध में हैं इसका ज्ञान होता है. इसके अलावा इनसे समय और साल, महीनों का भी ज्ञान होता है.

जंतर मंतर

जंतर मंतर साल 1737 में जयपुर के महाराजा जय सिंह द्वारा बनवाया गया था विज्ञान, प्रौद्योगिकी और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में उनकी विशेष रूचि थी. उन्होंने इस संबंध में अध्ययन करने के लिए अपने विद्वानों को विदेश भी भेजा था. वाराणसी का जंतर मंतर दिल्ली, मथुरा, उज्जैन और जयपुर में बनी ऐसी ही इमारतों की कड़ी में बनवाया गया था. ये विशेष रूप स्थानीय समय को मापने और ग्रहण के समय को ज्ञात करने के लिए बनवाया गया था. इस जंतर मंतर का निर्माण इतने सटीक वैज्ञानिक पद्धति से किया गया है कि आज भी इसकी मदद से खगोल का अध्ययन किया जा सकता है.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय

बनारस के गोदौलिया चौक से करीब 3.8 किलोमीटर दक्षिण में काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्‍थित है. इस विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी. इसके परिसर में बना भारत कला भवन संग्रहालय काफी समृद्ध है. इस संग्रहालय में लगभग 1,00,000 वस्‍तुयें प्रदर्शित की गई हैं. इसी परिसर में प्रसिद्ध विश्‍वनाथ मंदिर भी है.

लोलार्क कुंड

तुलसीघाट से कुछ ही दूरी पर पवित्र लोलार्क कुंड है. महाभारत काल की कहानियों में भी इस कुण्‍ड का उल्‍लेख मिलता है. रानी अहिल्‍याबाई होल्‍कर ने इस कुण्‍ड के चारों तरफ कीमती पत्‍थर से सजावट करवाई थी. यहां पर लोलार्केश्‍वर का मंदिर भी है जिसमें भादो महीने में मेला लगता है.

गंगा नदी

बनारस की बात हो और गंगा के तटों का वर्णन ना हो ऐसा असंभव है. बनारस के गंगा तटों का भी अपना एक ऐतिहासिक महत्‍व है. अपने पूरे रास्‍ते में उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है, केवल वाराणसी में ही ये दक्षिण से उत्तर दिशा में बहती है. यहां 4 मील लम्‍बे तट लगभग 84 घाट हैं. जिनमें सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण पांच घाट अस्‍सीघाट,दशाश्‍वमेधघाट, आदिकेशवघाट, पंचगंगाघाट और मणिकर्णिकघाट हैं. हर घाट की अपनी अलग अलग कहानी है.

बौलीवुड के इस विलेन से असल जिंदगी में भी खौफ खाते थे लोग

82 साल के प्रेम चोपड़ा ने बौलीवुड इंडस्ट्री में खुद को एक ऐसे विलेन के तौर पर स्थापित किया जिसे देखते ही लगता था कि अब सारा माहौल बिगड़ने वाला है. ये या तो लोगों की जिंदगी में ऊथल पुथल मचाएंगे या फिर औरतों के साथ बदतमीजी करेंगे. यह स्क्रीन पर उनके किरदारों की बदौलत ही था कि असल जिंदगी में भी लोग उन्हें ऐसा ही समझ बैठते थे, पर वास्तविकता में प्रेम अपने विलेन के किरदार के बिल्कुल विपरीत हैं. असल जिंदगी में प्रेम चोपड़ा एकदम अलग हैं.

क्या आप जानते हैं कि उनके विलेन के किरदार का खौफ इतना था कि कई मौकों पर जब वे कहीं महफिल या लोगों से मिलते थे तो लोग उन्हें देखकर चौंकन्ने हो जाते थे और उनसे बेहद खौफ खाते थे. कई बार तो ऐसी स्थिति भी आ जाती थी जब वहां मौजूद लोग अपनी बीवियों को लेकर थोड़ा ज्यादा सतर्क हो जाते थे.

प्रेम चोपड़ा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि एक बार वे अपने पिताजी के साथ पार्क में घूमने गए थे तो वहां एकदम से हल्ला मच गया. लोग चिल्लाने लगे कि अपनी बीवियों को छिपा लो प्रेम चोपड़ा यहां आ गया है. यही नहीं, वे बौलीवुड में सबसे ज्यादा रेप सीन करने वाले विलेन में भी शामिल हैं, और एक बार तो एक हीरोइन ने रेप सीन के बाद प्रेम चोपड़ा को थप्पड़ ही रसीद कर दिया था. इस तरह के ढेरों किस्से उनके पास है.

प्रेम चोपड़ा के यादगार डायलाग

उन्होंने अपने 50 साल से भी ज्यादा के फिल्मी करियर में लगभग 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. प्रेम चोपड़ा जितने काइयां, डरावने और खतरनाक आन स्क्रीन पर नजर आते थे उतने ही कैची और खतरनाक उनके डायलाग भी हुआ करते थे. जिस वजह से वे तुरंत जुबान पर चढ़ जाते थे और ये किरदार उनके रोल को डिफाइन करने में काफी मददगार सिद्ध होते थे. ऐसे ही कुछ डायलाग्स है.

फिल्म राजा बाबू का ‘कर भला तो हो भला’, दुल्हे राजा का ‘नंगा नहाएगा क्या और निचोड़ेगा क्या’, सौतन फिल्म का ‘मैं वो बला हूं जो शीशे से पत्थर को तोड़ता हूं’ फिल्म बाबी का फैमस डायलाग ‘प्रेम नाम है मेरा…प्रेम चोपड़ा’ और कटी पतंग ‘मैं जो आग लगाता हूं उसे बुझाना भी जानता हूं’, आज भी लोगों के जुबान पर रहते हैं. उनके इन डायलाग्स में से कई डायलाग को तो दूसरी फिल्मों में फिल्माया जा चुका है.

कैलिफोर्निया के पहाड़ों पर ये क्या कह रही हैं प्रीति जिंटा

बौलीवुड एक्ट्रेस प्रीति जिंटा खुलकर अपनी जिंदगी जीने और उसका आनंद लेने में यकीन रखती हैं. फिल्मों से जुड़े रहने के साथ-साथ वो अपने पति जीन गुडइनफ के साथ क्वालिटी टाइम व्यतीत करना कभी नहीं भूलती. प्रीति ने अपने पति के साथ सोशल मीडिया पर एक बेहद ही क्यूट तस्वीर साझा की है, इस तस्वीर में प्रीति और उनके पति दोनों ही अपने फैन्स को फिट रहने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.

दरअसल, प्रीति और जीन ने हाइकिंग करने का मन बनाया और कैलिफोर्निया के एक खूबसूरत पहाड़ के ऊपर चढ़कर खूब सारी मस्ती की और कई तस्वीरें भी खिंचवाई. इस फोटो में प्रीति अपने पति जीन को पति परमेश्वर कह रही हैं.

जीन जैसा जीवनसाथी पाकर प्रीति खुद को बेहद खुशकिस्मत मानती हैं. कुछ दिनों पहले एक इंटरव्यू में प्रीति ने बताया था कि शादी के बाद उन्होंने फिल्मों में काम ना करने का फैसला लिया था. लेकिन उनके पति ने उन्हें फिल्मों में वापसी के करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होने यह भी कहा कि हाउस वाइफ का काम सबसे मुश्किल होता है क्योंकि एक तो आपको आपके काम की तारीफ नहीं मिलती है और दुसरी आपको कभी कोई छुट्टी भी नहीं मिलती है.

आपको बता दें कि तीन साल बाद प्रीति बड़े पर्दे पर वापसी करने जा रही हैं. उन्होंने साल 2014 में आई फिल्म ‘हैप्पी एंडिंग’ में स्पेशल अपीयरेंस दिया था और उनकी आखिरी फिल्म ‘इश्क इन पेरिस’ 2013 में आई थी. प्रीति की अगली फिल्म नीरज पाठक के निर्देशन में बन रही ‘भैयाजी सुपरहिट’ होगी जिसमें सनी देओल उनके कोस्टार बने नजर आएंगे.

आपको बता दें, प्रीति और जीन की शादी 2016 की शुरुआत में हुई थी. जीन गुडइनफ अमेरिका के रहने वाले हैं और प्रीति से 10 साल छोटे हैं. 29 फरवरी 2016 को प्रीति और जीन ने लास एंजिलिस में एक प्राइवेट सेरेमनी में सात फेरों के साथ शादी की थी. दो महीने बाद मई में मुंबई में इनकी शादी का रिसेप्शन रखा गया था.

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