प्रेग्नेंसी के दौरान गैजेट्स को कहिए बाय-बाय

गर्भधारण करना हर महिला के लिए बेहद खुशी का एहसास होता है. हर मां चाहती है कि उसके गर्भ में जो बच्चा पल रहा है , वो स्वस्थ और सुरक्षित रहे . लेकिन क्या आप जानती है कि प्रेग्नेंसी के दौरान आप अगर किसी गैजेट्स का इस्तेमाल करती हैं, तो वो आपके होने वाले बच्चे के लिए परेशानी का सबब बन सकता है.

आज हम आपको बता रहे हैं कि गर्भावस्था के दौरान गैजेट्स का प्रयोग करना आपके और आपके होने वाले बच्चे के लिए कितना सुरक्षित हैं.

1. गैजेट्स क्यों हैं हानिकारक

बेशक आप गैजेट्स का प्रयोग पूरी तरह बंद ना करें, लेकिन इनका प्रयोग करना कम जरुर कर दें. तार रहित गैजेट्स के अंदर रेडिएशन भेजने की प्रवृत्ति पाई जाती है. जिसके कारण शिशु में व्यवहारिक विकार हो सकते हैं. ज्यादातर मामलों में शिशुओं में पाई जाने वाली इस विकृति का कारण गैजेट्स से निकलने वाले रेडियेशन से ही होता है.

2- मोबाइल और लैपटॉप का प्रयोग है नुकसानदेय

गर्भावस्था के दौरान आपके लिए ये जरुरी है कि आप लम्बें समय तक फोन का इस्तेमाल न करें और ना ही लैपटॉप को अपने पेट पर रखें. क्योंकि इसका शिशु के मस्तिष्क के विकास पर सीधा असर पड़ता है. इसलिए फोन ऑन व वाइब्रेशन मोड पर हो तो, उसे अपने पास रखने से बचें. 3. ना लगाएं गैजेट्स की लत

किसी भी चीज की लत नुकसानदेय हो सकती है, इसलिए इस बात का ध्यान दें कि आपको प्रीटाइम में भी इन गैजेट्स की लत ना लगाएं खासकर कि आपकी गर्भावस्था में. हालांकि इसके थोड़े बहुत प्रयोग से शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है. लेकिन ज्यादा प्रयोग जरुर हानिकारक साबित हो सकता है.

4. शिशु को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं ये गैजेट्स

गर्भावस्था के दौरान मोबाइल और लैपटॉप जैसे गैजेट्स के इस्तेमाल आपके शरीर को काफी नुकसान पहुंचाता है साथ ही यह गर्भ में पल रहे शिशु के विकास को भी प्रभावित करता है. इसलिए अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो इन गैजेट्स का प्रयोग कम करें.

5. ये हैं गैजेट्स से दूर रहने के फायदे

इंटरनेट और गैजेट्स का प्रयोग कम करने से आपका स्वस्थ मस्तिष्क ज्यादा सक्रिय रहेगा. जो आपके लिए ही फायदेमंद है . अगर आप आज से ही इन गैजेट्स से खुद को और अपने बच्चे को दूर रखेंगी तो आप अपने बच्चे को किसी भी प्रकार की विकृतियों से बचा पाएंगी.

चिपचिपे मौसम में भी कैसे दिखें कूल और फ्रैश

चिलचिलाती धूप, धूलमिट्टी और उमस भरे गरमी के मौसम में अकसर हम बुझाबुझा सा महसूस करते हैं. हमारी त्वचा और बाल अपनी प्राकृतिक खूबसूरती खोने लगते हैं. मगर कुछ बातों का खयाल रखें, तो हम इस मौसम में भी कूल और फ्रैश महसूस कर सकते हैं.

नमकयुक्त पानी से नहाएं

गरमियों में रोज स्नान करने से शरीर की बदबू, संक्रमण और रोगाणुओं से हमारी रक्षा होती है. स्नान हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाता है.

इस मौसम में हमारे शरीर से काफी पसीना निकलता है, जिस के साथ शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर आते हैं. स्नान न केवल इन विषाक्त पदार्थों को साफ करता है, बल्कि जीवाणुओं और वायरस का भी खात्मा करता है. स्नान करने से नींद भी अच्छी आती है. नमकयुक्त पानी से नहाने से बढ़ती उम्र का असर भी बेअसर हो जाता है. इस से त्वचा मुलायम और चमकदार भी बनती है.

मौइश्चराइजर और सनस्क्रीन

गरमी के मौसम में त्वचा बेजान और रूखी दिखने लगती है. सूर्य की तेज किरणें त्वचा को डैमेज कर सकती हैं. ऐसे में आवश्यक है कि आप किसी अच्छी क्वालिटी की मौइश्चराइजर क्रीम का प्रयोग करें. मौइश्चराइजर से त्वचा की नमी और चमक बरकरार रहती है. प्राकृतिक तरीकों से भी त्वचा को मौइश्चराज्ड कर सकती हैं.

ब्यूटी ऐक्सपर्ट निर्मल रंधावा कहती हैं कि गरमियों में सूर्य की हानिकारक यूवीबी किरणों के संपर्क में आने से त्वचा को नुकसान पहुंचता है. वह जल भी सकती है. ऐसे में सनस्क्रीन का प्रयोग आवश्यक हो जाता है. यह सूर्य की किरणों से त्वचा को बचाने के लिए सुरक्षा कवच तैयार करता है. इस मौसम में कम से कम 30 एसपीएफ वाली सनस्क्रीन क्रीम घर से बाहर निकलने से करीब 15-20 मिनट पहले लगा लेनी चाहिए.

त्वचा की देखभाल

यदि इस मौसम में त्वचा की सही देखभाल न की जाए तो सनबर्न, त्वचा में चिपचिपापन या फिर स्किन ऐलर्जी की समस्या भी पैदा हो सकती है.

इस मौसम में कुछ इस तरह करें त्वचा की रक्षा :

– जहां तक संभव हो सके तेज धूप में न निकलें. सूर्य की सीधी किरणें त्वचा के कोलोजन और इलास्टिक टिशूज को नष्ट कर उसे हानि पहुंचाती हैं. अगर निकलना जरूरी ही हो तो सनस्क्रीन क्रीम लगा कर ही निकलें.

– धूप में निकलते समय आंखों पर काला चश्मा लगा लें ताकि आंखों के नीचे की नाजुक त्वचा सुरक्षित रहे.

– गरमी के मौसम में स्किन की रोज क्लीनिंग, टोनिंग और मौइश्चराइजिंग जरूर करें. इस के लिए अपनी त्वचा के अनुरूप प्रोडक्ट्स खरीदें या फिर प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल करें जैसे कच्चे दूध से क्लीनिंग करें तो गुलाबजल से टोनिंग. ऐलोवेरा जैल का इस्तेमाल मौइश्चराइजिंग के लिए करें.

– सप्ताह में कम से कम 1 दिन त्वचा को ऐक्सफौलिएट जरूर करें. इस से रक्तसंचार सुचारु होता है और त्वचा की बाहरी सतह पर मौजूद मृत कोशिकाएं बाहर निकल जाती हैं.

बालों की देखरेख

गरमी के मौसम में ह्यूमिडिटी लैवल अधिक होने की वजह से बालों को नुकसान पहुंचता है. अत: बालों की तंदुरुस्ती को कायम रखना जरूरी है. इस संदर्भ में बिग बौस हेयर सैलून ऐंड स्पा के संस्थापक हरीश भाटिया के बताए कुछ टिप्स पेश हैं :

– इस मौसम में प्राकृतिक तरीकों से बालों को स्टाइल दें, हीट का प्रयोग कम से कम करें.

– शैंपू के बाद हलका गरम तेल बालों के सिरों से ले कर जड़ों तक लगाएं और हलकी मसाज करें. इस से रक्तसंचार बढ़ेगा और बाल चमकदार व सेहतमंद दिखेंगे.

– यदि तैरने जा रही हों, तो पानी में उतरने से पहले बालों को पानी से भिगो लें. इस से ये कम मात्रा में क्लोरीन अब्जौर्व करेंगे.

– बालों में नियमित कंडीशनर और हेयर सनस्क्रीन क्रीम का प्रयोग करें.

मेकअप

गरमी के दिनों में मेकअप में भी हलकी रंगत अच्छी लगती है. इस मौसम में वाटरप्रूफ मेकअप बेहतर विकल्प है, क्योंकि यह पसीने से धुलता नहीं है.

ब्यूटी ऐक्सपर्ट निर्मल रंधावा कहती हैं, ‘‘गरमियों में आईशैडो क्रीम या ग्लिटर के प्रयोग से बचें. हलके रंग के केक आईशैडो का इस्तेमाल करें. आंखों के मेकअप के लिए एक रंग के शेड्स का प्रयोग करें. आईलाइनर के साथ वाटरप्रूफ मसकारे का प्रयोग करें. होंठों के लिए भी हलके रंग जैसे पीच, गुलाबी या फिर भूरे का प्रयोग करें.’’

कैसे रहें हाइड्रेटेड

हमेशा अपने साथ पानी की बोतल जरूर रखें और नियमित अंतराल पर पानी पीती रहें. दिन में कम से कम 10-12 गिलास पानी जरूर पीएं. इस से शरीर हाइड्रेटेड और ऊर्जावान रहेगा. इस मौसम में फल और सब्जियां जिन में पानी की मात्रा अधिक होती है जैसे तरबूज, अंगूर, खरबूज, तुरई, मूली वगैरह का ज्यादा सेवन करें.

डियो छोड़ें

पसीने की बदबू दूर करने के लिए अकसर डियो का इस्तेमाल करते हैं. डियो ब्रैंडेड ही खरीदें. लोकल डियो में कैमिकल्स काफी मात्रा में होते हैं. ऐसे डियो केवल बदबू दबाने का काम करता है. यदि आप इसे डाइरैक्ट स्किन पर स्प्रे करेंगी तो सूर्य के संपर्क में आने पर यह ऐलर्जी का कारण बन सकता है. इसलिए नामी कंपनी का डियो ही इस्तेमाल करें. गरमियों में टैलकम पाउडर या फ्रैगरैंस वाले साबुन का इस्तेमाल भी कर सकती हैं.

लैमन, मैंथोल, लैवेंडर, रोज, जैसमिन जैसी कई तरह की खुशबुओं में उपलब्ध साबुन और पाउडर प्रकृतिक तत्त्वों प्रयोग से बनाए जाते हैं. आकर्षक महक वाला साबुन और टैलकम पाउडर आप को अंदर से तरोताजा बनाता है. इन में चिकित्सीय गुण भी होते हैं. टैलकम पाउडर आर्मपिट और दूसरी जगहों से मौइश्चर अब्जौर्ब करता है. इस से पसीना कम निकलता है. फंगल इन्फैक्शन से भी बचाव होता है.

गरमी के मौसम में पसीने की समस्या बढ़ जाती है. शरीर के कुछ खास हिस्से ऐसे होते हैं जहां बालों की मौजूदगी पसीना, बदबू और इन्फैक्शन की वजह बन सकती है. इसलिए बेहतर होगा कि पहले ही इन्हें हटा लिया जाए.

निर्मल रंधावा कहती हैं कि शरीर के अनचाहे बालों से छुटकारा पाने के लिए वैक्सिंग और शेविंग सब से सहज तरीके हैं. स्थायी रूप से शरीर से बाल हटाने के लिए लेजर तकनीक का प्रयोग किया जाता है, जो काफी सफल और बेहतर तरीका है.

इन सभी बातों का ध्यान रखने के साथसाथ अपने व्यक्तित्व को और निखारने के लिए भीनीभीनी सुगंध वाली परफ्यूम का भी इस्तेमाल करें. ताजगी और खुशबू का कौंबिनेशन लोगों को आप का दीवाना बना देगा.

बेटे के करियर को संवारने लिए फिल्म बनाएंगे अनिल कपूर

हमारे देश में सदियों से एक बात कही जाती रही है कि ‘‘हर पिता का कर्तव्य होता है कि वह अपने बच्चों को किसी भी सभा में पहली पंक्ति में बैठने लायक बना दें.’’

मगर बौलीवुड से जुड़े लोगों ने इसका अर्थ यह निकाला कि उनका कर्तव्य है कि वह अपने बच्चों को हर हाल में बौलीवुड में स्थापित करें. इसी के चलते तमाम स्टार कलाकार अपने बच्चों को फिल्में दिलवाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाने के साथ साथ खुद फिल्में बनाने पर मजबूर हो रहे हैं.

ऐसे ही एक स्टार कलाकार हैं अनिल कपूर. अनिल कपूर ने सबसे पहले अपनी बेटी सोनम कपूर के लिए कुछ फिल्में बनायी. पिछले दो सालों से वे सोनम कपूर के लिए फिल्म ‘‘वीरे दी वेडिंग’’ को बनाने के लिए प्रयासरत हैं, मगर इस फिल्म की शूटिंग किन्ही वजहों से शुरू नहीं हो पा रही है, तो दूसरी तरफ  वे अपने बेटे व सोनम कपूर के भाई हर्षवर्धन कपूर को भी बौलीवुड में बतौर अभिनेता स्थापित करने के लिए भी प्रयासरत हैं.

अनिल कपूर और उनकी बेटी सोनम कपूर के फिल्मकार राकेश ओमप्रकाश मेहरा के संग बहुत अच्छे संबंध है. इसी के चलते राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने अपनी फिल्म ‘मिर्जिया’ में अनिल कपूर के बेटे व सोनम कपूर के भाई हर्षवर्धन कपूर को बतौर हीरो फिल्म ‘मिर्जिया’ से जोड़ा था. ये एक अलग बात है कि राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने हमेशा दावा किया कि उन्होंने अपनी फिल्म ‘मिर्जिया’ में हर्षवर्धन कपूर को उनकी अभिनय प्रतिभा के आधार पर जोड़ा है. इतना ही नही राकेश ओमप्रकाश मेहरा की माने तो हर्षवर्धन कपूर बेहतरीन कलाकार हैं. पर कटु सत्य यह भी है कि ‘मिर्जिया’ के प्रदर्शन से पहले ही अनिल कपूर ने राकेश ओमप्रकाश मेहरा द्वारा बनाई जा रही फिल्म ‘‘फन्ने खां’’ के लिए शूटिंग करनी शुरू कर दी थी. खैर, ‘मिर्जिया’ से हर्षवर्धन के जुड़ने की चाहे जो वजह रही हो, मगर इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर पानी नहीं मांगा. इसके बाद किसी तरह हर्षवर्धन कपूर ने अपने करियर की दूसरी फिल्म ‘‘भावेश जोशी’’ की शूटिंग विक्रमादित्य मोटावणे के निर्देशन में पूरी की. पर इस फिल्म के प्रदर्शन की कोई संभावना नजर नही आ रही है, क्योंकि विक्रमादित्य मोटावणे स्वयं विवादों में फंसे हुए हैं और इस फिल्म की निर्माण कंपनी ‘‘फैंटम’’ के अस्तित्व को लेकर स्थितियां साफ नहीं हैं.

सूत्रों की मानें तो इन बदले हुए हालातों में अपने बेटे हर्षवर्धन कपूर के करियर व भविष्य को लेकर अनिल कपूर काफी चिंतित हुए और फिर खबर आयी कि ‘जंगली पिक्चर्स’ ओलंपिक विजेता शूटर अभिनव बिंद्रा की बायोपिक फिल्म बनाने जा रही है, जिसमें अभिनव बिंद्रा और उनके पिता के बीच के रिश्तों को रेखांकित किया जाएगा. सूत्र दावा कर रहे हैं कि इस फिल्म से हर्षवर्धन कपूर को जोड़ने के लिए ही अनिल कपूर ने भी इस फिल्म में अभिनय करने के लिए हामी भर दीस, जबकि एक अन्य सूत्र का दावा है कि फिल्म की पटकथा सुनकर अनिल कपूर और हर्षवर्धन कपूर इस कदर प्रभावित हुए कि यह दोनों इस फिल्म में पिता पुत्र के किरदार निभाने के लिए तैयार हुए. पर अभी यह फिल्म शुरू नहीं हो पायी. सूत्रों के अनुसार अचानक कुछ हालात ऐसे बदले कि ‘जंगली पिक्चर्स’ ने इस फिल्म का निर्माण करने से साफ इंकार कर दिया.

‘‘जंगली पिक्चर्स’’ के हट जाने से अभिनव बिंद्रा की बायोपिक फिल्म के निर्माण का मसला अधर में लटक गया, जिसका सीधा असर हर्षवर्धन कपूर के करियर पर हो रहा है. अब सूत्रों के अनुसार अनिल कपूर ने स्वयं एक अन्य निर्माता प्रेरणा अरोड़ा के संग मिलकर इस फिल्म का निर्माण करने का बेड़ा उठा लिया है.

मगर, मजेदार बात तो ये है कि अनिल कपूर या हषवर्धन कपूर दोनों मे से कोई भी अभिनव बिंद्रा की बायोपिक फिल्म को लेकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. वैसे कुछ दिन पहले मीडिया से बात करते हुए अनिल कपूर ने इस फिल्म को लेकर किए गए सवाल पर कहा था ‘‘अभी कुछ भी तय नहीं है. जब सब कुछ तय हो जाएगा, तो हम इस पर बात करेंगे. हो सकता है कि हम पिता पुत्र एक साथ पहली बार इस फिल्म से जुडे़ं, मगर जब तक सारी बातें तय न हो जाएं, तब तक कुछ भी हो सकता है.’’

जबकि प्रेरणा अरोड़ा के अनुसार हर्षवर्धन कपूर में असीम क्षमता है. उन्हे फिल्म ‘मिर्जिया’ में हर्षवर्धन कपूर का अभिनय काफी पसंद आया. प्रेरणा अरोड़ा के अनुसार अभिनव बिंद्रा की बायोपिक फिल्म में अनिल कपूर और हर्षवर्धन कपूर दोनों ही हैं.

अब अभिनव बिंद्रा की बायोपिक फिल्म कब शुरू होगी, इसमें कौन किस हैसियत से नजर आएगा? इसका खुलासा कुछ दिन में हो ही जाएगा? मगर बौलीवुड में चर्चाएं गर्म हैं कि अनिल कपूर चाहकर भी अपने बेटे हर्षवर्धन की किस्मत नहीं बदल सकते? तो वहीं बौलीवुड में सवाल उठाए जा रहे हैं कि हर्षवर्धन कपूर के करियर में यह सब क्यों हो रहा है? क्या अनिल कपूर ने सही मायनों में अपने बेटे को पहली पंक्ति में बैठने लायक शिक्षा दी है? आखिर कब तक हर्षवर्धन के करियर को संवारने के लिए अनिल कपूर परेशान होते रहेंगे? अब बौलीवुड में हो रही इन बातों व सवालों के क्या मायने हैं, यह तो हमें भी नहीं पता, मगर अभिनेत्री कंगना रानौट द्वारा उठाए गए नेपोटिजम की बात को बल जरुर मिल रहा है.

मैं 26 वर्षीय शादीशुदा युवती हूं. मेरे स्तन काफी बढ़ गए हैं. ब्रा भी कसने लगी है. इसलिए मैं ने ब्रा पहनना छोड़ दिया है. मैं क्या करूं.

सवाल

मैं 26 वर्षीय शादीशुदा युवती हूं. मुझे 5 महीने का गर्भ है. समस्या यह है कि मेरा पेट तो उतना नहीं बढ़ रहा पर स्तन काफी बढ़ गए हैं. ब्रा भी कसने लगी है. इसलिए मैं ने ब्रा पहनना छोड़ दिया है. पर डरती हूं कि कहीं स्तन बेडौल न हो जाएं. मैं क्या करूं?

जवाब

गर्भावस्था के दौरान स्तनों का आकार बढ़ जाता है, इसलिए आप को अपनी पुरानी ब्रा टाइट होती होगी. बेहतर होगा कि सही आकार की और अच्छी क्वालिटी की ब्रा खरीदें. ब्रा पहनना न छोड़ें वरना स्तन बेडौल हो जाएंगे. अभी स्तनों के आकार को ले कर चिंतित न हों. प्रसूति के बाद और बच्चे को स्तनपान कराने पर स्तन फिर से पहले वाले आकार में आ जाएंगे.

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जब करें इनरवियर का चुनाव

फैशनेबल दिखने के लिए इनरवियर्स का सही चुनाव बहुत जरूरी है, क्योंकि इनरवियर्स ही ड्रैस की फिटिंग को उभारते हैं. यदि सही इनरवियर्स नहीं होंगे तो बौडी शेप भी खराब दिखेगी. लेकिन इनरवियर किसे दिखाने हैं, यह सोच कर लड़कियां अकसर सस्ते इनरवियर खरीद लेती हैं और यहीं हो जाती है उन से फैशन मिस्टेक. जबकि आजकल बाजार में हर ड्रैस के लिए तरहतरह के इनरवियर्स उपलब्ध हैं.

आइए, जानते हैं किस ड्रैस के साथ कौन सा इनरवियर पहनना चाहिए:

– मिनिमाइजर ब्रा स्लिम फिट टौप के लिए है यदि आप अपनी हैवी ब्रैस्ट का साइज कम दिखाना चाहती हैं तो यह ब्रा आप के लिए परफैक्ट है.

– टी शर्ट पहन रही हैं तो टीशर्ट ब्रा ही पहनें. यह ब्रा आप की ब्रैस्ट को सही आकार देगी और टीशर्ट की फिटिंग भी सही आएगी.

– पैडेड ब्रा उन ड्रैसेज के लिए है, जो बहुत ही महीन फैब्रिक मसलन सिल्क, कौटन और लिनेन से बनी होती हैं.

– यदि डीपनैक ड्रैस पहनने जा रही हैं तो डैमी ब्रा पहनना न भूलें. यह ब्रा औफशोल्डर और ट्यूब टौप के नीचे भी पहनी जा सकती है.

– हाल्टरनेक ब्रा को ढीलेढाले स्पोर्टवियर के नीचे पहनना चाहिए. यह न केवल ब्रैस्ट को स्थाई रखती है, बल्कि पसीने को भी सोखती है. यह पसीने को आप के आउटरवियर पर नहीं आने देती.

फैशन ऐक्सपर्ट विनीता कहती हैं, ‘‘ब्रैस्ट और बंप्स महिलाओं के शरीर के बहुत ही अहम हिस्से होते हैं. ये दोनों ही हिस्से महिलाओं को अच्छी फिगर देते हैं और ड्रैस को अच्छी शेप. यदि किसी महिला की ब्रैस्ट का साइज कम है तो उसे आर्टिफिशियली बढ़ाने के लिए पैडेड ब्रा पहनी जा सकती है. ब्रा की ही तरह बंप्स को बढ़ाने के लिए पैडेड पैंटीज भी मिलती हैं.’’

टीनऐजर्स के इनरवियर

दरअसल, आज की युवा पीढ़ी में इनरवियर्स से जुड़ी सही जानकारी का ज्ञान होना बहुत जरूरी है खासतौर पर जब हम टीनऐजर्स की बात करते हैं, तब यह और भी महत्त्वपूर्ण विषय बन जाता है.

वर्तमान समय में कई तरह के पर्यावरण बदलाव हो रहे हैं, जिन का सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है. इन बदलावों का ही असर है, जो आज लड़कियों में बहुत से शारीरिक बदलाव देखे जा रहे हैं.

इस की एक बड़ी वजह आजकल का खानपान भी है. मासिकधर्म शुरू होने पर लड़कियों के शारीरिक अंगों में विकास होता है. स्तनों का विकास भी मासिकधर्म पर निर्भर करता है.

इस तरह कम उम्र से ही लड़कियों को ब्रा पहननी होती है. यह एक ऐसी उम्र होती है जब अधिकतर लड़कियों को इस बात का आभास भी नहीं होता कि उन के स्तनों में उभार आ रहा है और वे आकार ले रहे हैं. ऐसे में एक मां ही अपनी बेटी को ब्रैस्ट केयर और ब्रा के सही चुनाव की जानकारी दे सकती है.

पेश है, कुछ खास जानकारी जो मां को अपनी बढ़ती बेटी को जरूर देनी चाहिए:

जब बेटी के स्तन आकार लेने लगें, तो तुरंत अपनी बेटी को इस बदलाव के बारे में समझाएं और उसे ट्रेनिंग या स्पोर्ट ब्रा खरीद कर पहनने को दें.

– विकसित होते स्तन कभीकभी लड़कियों को अवसाद में ले जाते हैं. इस बदलाव को लड़कियां आसानी से स्वीकार नहीं कर पातीं. दरअसल, खुद के शारीरिक अंगों में हो रहे बदलाव के बारे में दूसरों के मुंह से सुनती हैं, तो उन्हें यह परिस्थिति अटपटी लगती है, साथ ही विकसित होते स्तनों की बनावट भी अटपटी सी ही होती है. ऐसे में बेटी को कप्ड ब्रा पहनने का सुझाव दें. ऐसी ब्रा स्तनों के आकार को पौइंटेड दिखाने की जगह गोल आकार देती है. इस ब्रा में लगे अंडरवायर भी स्तनों को अच्छी सपोर्ट देते हैं.

– स्कूल में बहुत सारी ऐक्टिविटीज होती हैं, जिन में शारीरिक क्षमता का बहुत प्रयोग करना होता है. इन गतिविधियों में इस उम्र की लड़कियों को भी हिस्सा लेना होता है. मगर इस से पहले मां का फर्ज बनता है कि वह बेटी को समझाए कि उसे विकसित होते स्तनों का ध्यान रखना है और इस का ध्यान वह एक अच्छी स्पोर्ट ब्रा पहन कर ही रख सकती है. स्पोर्ट ब्रा पहनने से स्तनों के टिशूज पर प्रभाव नहीं पड़ता. इसलिए इस ब्रा को किसी स्पोर्ट में हिस्सा लेते या व्यायाम करते वक्त बेटी को पहनने को कहें.

– सवाल होते हैं. मसलन, फिटिंग, साइज और ब्रा पहनने के बाद कितना सहज महसूस हो सकता है. बेटी के मन में चल रही इस उथलपुथल को एक अच्छी फिटेड ब्रा के साथ मां ही खत्म कर सकती है.

– बेटी को डार्क कलर की ब्रा की जगह हलके रंग, हो सके तो स्किन टोन से मैच करते रंग की ब्रा पहनने की सलाह दें. दरअसल, डार्क रंग की ब्रा कपड़ों पर फ्लांट हो सकती है, लेकिन स्किन टोन कलर की ब्रा में यह दिक्कत नहीं आती.

एडल्ट फिल्में जिन्हें सेंसर बोर्ड ने किया बिना कट के पास

सेंसर बोर्ड आजकल अक्सर किसी न किसी फिल्म को रोकने के लिए चर्चा में रहता है. हाल ही में अलंकृता श्रीवास्तव को अपनी फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुरखा’ पास कराने में बहुत मशक्क्त करनी पड़ी.

हर फिल्म के बोल्ड सीन या डायलॉग को काटने-छाटने की डिमांड करता सेंसर बोर्ड एक समय कई अश्लील या विवादित फिल्में भी पास कर चुका है. ये फिल्में एडल्ट तो थी हीं और इनके कुछ सीन काफी विवादित भी रहे.

इन फिल्मों को देखकर कोई सोच भी नहीं सकता कि इन्हें इतने पहले के दौर में सेंसर बोर्ड ने पास कर दिया था. आजकल के समय में बोल्ड और हॉट की परिभाषा ही बदलकर रख दी है लेकिन उस वक्त की ये फिल्में भी कुछ कम नहीं थीं.

तो आइये जानते हैं उन एडल्ट फिल्मों के बारे में जिन्हें सेंसर बोर्ड ने पास कर दिया था.

सत्यम शिवम् सुंदरम

सत्यम शिवम् सुंदरम एक ऐसी फिल्म थी जिसने तहलका मचा दिया था. लोग छुप-छुपकर ये फिल्म देखने जाते थें जैसे की ये कोई पॉर्न फिल्म हो. इसमें जीनत अमान के कपड़े इतने छोटे थे कि बारिश वाले सीन में तो उनके बॉडी पार्ट्स पूरी समझ आ रहे थे.

वीराना

इस फिल्म को वीराने में ही देखें और उस वक्त भी इसे छुपकर ही देखा जाता था. हैरानी की बात है कि इतने बोल्ड सीन होने के बावजूद भी फिल्म रिलीज हो गयी.

फायर

इस फिल्म में नंदिता दास और शबाना आजमी के इतने बोल्ड सीन हैं कि देखने वाला हैरान रह जाये. शबाना आजमी नंदिता दास की भाभी का किरदार निभाती हैं जिससे उनके संबंध बन जाते हैं और ये शबाना के पति भी देख लेते हैं. इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने बिना किसी कट के पास कर दिया था.

राम तेरी गंगा मैली

1985 में रिलीज हुई इस फिल्म में एक्ट्रेस मंदाकिनी का वो भीगा हुआ बदन, आज भी लोग याद करते हैं. इस फिल्म में भी काफी बोल्ड सीन दिखाए गए थे.

पार्टी

साल 1984 में रिलीज हुई इस फिल्म में रोहिणी हट्टंगड़ी के बोल्ड सीन हैं. आज के जमाने में मां या दादी के रोल करनी वाली एक्ट्रेस रोहिणी के उस दौर की फिल्म में अपनी नाईटी उतार दी थी.

बॉलीवुड की हाई बजट फिल्में जो बॉक्स ऑफिस पर रहीं फ्लॉप

आज कल फिल्में 100 करोड़ की कमाई ना करें तो लोग उन्हें फ्लॉप ही मानते हैं. ईद के मौके पर सलमान की फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ आई जिसका बजट लगभग 110 करोड़ था. इस फिल्म की रिलीज के ठीक 10वें दिन फिल्म ने करीब 110.7 करोड़ रुपये का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया है. इसी तरह की कई फिल्में हैं जो बहुत महंगी बनाई गई हैं लेकिन बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई नहीं कर पाई.

इन हाई बजट फिल्मों का हाल कुछ ऐसा रहा.

बॉम्बे वेलवेट (2015)

अनुराग कश्यप की इस फिल्म में रणबीर कपूर, अनुष्का शर्मा और करन जौहर मुख्य भूमिका में थे. इस फिल्म को करन जौहर ने ही प्रोड्यूस भी किया था. इस फिल्म का बजट 125 करोड़ रुपये था जबकि बॉक्स ऑफिस कलेक्शन मात्र 20 करोड़ मुश्किल से हो पाया था.

बेशरम (2013)

रणबीर कपूर, ऋषि कपूर और नीतू कपूर जैसे बड़े नाम थे इस फिल्म में. जिसे अभिनव कश्यप ने डायरेक्ट और हिमांशू मेहरा ने प्रोड्यूस किया था. इस फिल्म ने मुश्किल से 11 से 15 करोड़ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन ही किया था, जबकि इसका बजट करीब 85 करोड़ था.

काइट्स (2010)

साल 2010 में अनुराग बसु ने ये फिल्म बनाई थी. इस फिल्म को राकेश रोशन ने प्रोड्यूस किया था. इस फिल्म का बजट करीब 150 करोड़ रुपये था. जबकि बॉक्स ऑफिस पर इसने करीब 83 करोड़ रुपये का ही कारोबार किया. फिल्म की कहानी दर्शकों को पसंद नहीं आई. इसमें रितिक रोशन, बारबरा मूरी और कंगना रनौत मुख्य भूमिका में थे.

गुजारिश (2010)

ऐश्वर्या राय और रितिक रोशन स्टारर इस फिल्म को संजय लीला भंसाली ने डायरेक्ट और प्रोड्यूस की थी. इस फिल्म का बजट 50 करोड़ था जबकि इसका बिजनेस 14 से 15 करोड़ ही हो पाया था.

ब्लू (2009)

एन्थोनी डिसूजा की डायरेक्टेड फिल्म ‘ब्लू’ को डिलिन मेहता ने प्रोड्यूस की थी. इस फिल्म में अक्षय कुमार, लारा दत्ता, संजय दत्त और कटरीना कैफ के होने के बावजूद फिल्म फ्लॉप रही. 129 करोड़ में बनी ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ 38 करोड़ रुपये का ही कारोबार कर पाई.

लव स्टोरी 2050 (2008)

हरमन बवेजा और प्रियंका चोपड़ा की इस फिल्म को बच्चों ने थोड़ा बहुत पसंद किया लेकिन एडल्ट दर्शकों ने इसे सिरे से नकार दिया. इस फिल्म को हैरी बवेजा ने डायरेक्ट और प्रोड्यूस किया था. इस फिल्म का बजट 60 करोड़ था, जबकि कमाई सिर्फ 18 से 20 करोड़ ही हो पाई थी.

द्रोणा (2008)

अभिषेक बच्चन, प्रियंका चोपड़ा, जया बच्चन और केके मेनन स्टारर इस फिल्म को भी मुंह की खानी पड़ी. दर्शकों को इनका काम एक परसेंट भी पसंद नहीं आया. इस फिल्म का बजट करीब 65 करोड़ था जबकि बॉक्स ऑफिस कलेक्शन मात्र 8.5 करोड़ ही मुश्किल से हो पाया था. इस फिल्म को गोल्डी बहल ने डायरेक्ट किया था.

जरूरी नहीं की हर हाई बजट फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाए. कुछ जरूरी है तो वह है फिल्म का निर्देशन, प्रस्तुति, पटकथा और अभिनय.

मॉनसून में जा रही हैं घूमने तो रखें इन बातों का ध्यान

बारिश में घूमना एक रूमानी और उत्‍साहित करने वाला अहसास है, पर मानसून में मस्‍ती से जुड़ी कुछ परेशानी भी हैं. तो इन टिप्‍स को फॉलो कर लें मॉनसून में घूमने का मजा.

बारिश का पूरा मजा लेने के लिए चुनें सही जगह

अगर आप बारिश में घूमने का पूरा मजा लेने की ख्‍वाहिश रखती हैं और हरयाली के साथ साथ सेफ्टी को भी महत्‍व देती हैं तो फिर बेहतर होगा की आप मुंबई या महाराष्‍ट्र के खूबसूरत लोकेशंस पर जायें. इसके अलावा आप केरल के खूबसूरत नजारों और गोआ के बीच का भी मजा ले सकती हैं.

टिकट पहले बुक करवायें

इस मौसम में ट्रेन और दूसरे यात्रा के साधनों में काफी भीड़ भाड़ होती है. इसलिए एडवांस प्‍लानिंग के साथ एडवांस में टिकट भी बुक करा लें. बाकी कहां ठहरेंगे और कहां कहां जाना है इसकी भी व्‍यवस्‍था पहले ही कर लें.

सोच समझ कर करें ट्रैकिंग

बरसात के मौसम में पहाड़ी स्‍थानों पर लैंडस्‍लाइड का खतरा काफी ज्‍यादा होता है. साथ ही फिसलन भी हो जाती है. ऐसे में अगर आप ट्रैकिंग की शौकीन हैं तो फिर इस दौरान यात्रा की योजना ना ही बनायें तो बेहतर. कुछ लोगों को इसी मौसम में ट्रैकिंग करने का शौक होता है ऐसे लोग सोच समझ कर ऐसी जगह चुने जहां पानी अपेक्षाकृत कम बरस रहा हो और लैंडस्‍लाइड के लिहाज से भी वो सेफ जोन हो.

सावधानी से पिएं पानी

जी हां बारिश में ज्‍यादातर बीमारियां पानी के कारण ही होती हैं इसलिए सबसे ज्‍यादा सावधानी इसी में बरतें. कोशिश करें कि आर ओ का पानी पियें या फिर विश्‍वसनीय पैक वाटर ही बाजार से लें. अगर कुछ ना हो तो पानी को उबाल कर स्‍टोर करने की व्‍यवस्‍था बनायें.

कटे और खुले फल ना खायें

बारिश में फल तो खूब आते हैं पर याद रखें कि खुले में बिक रहे कटे फल बिलकुल ना खायें. ऐसे फल कई बीमारियों को दावत देने वाले होते हैं.

टेस्टी कर्ड सैंडविच

सामग्री

सैंडविच ब्रेड- 6

दही- 4 बड़े चम्मच पानी निकाल हुआ

प्याज- 1 बारीक कटी हुई

गाजर- 1 कद्दूकस की हुई

टमाटर- 1 बारीक कटा हुआ

पत्तागोभी- 1 बारीक कटी हुई

काली मिर्च पाउडर- 1 छोटी चम्मच

नमक- स्वादानुसार

मक्‍खन- सैंडविच सेंकने के लिए

विधि

सबसे पहले पानी निकले हुए दही को एक कटोरी में निकाल लें. अब उसमें कटी हुई सब्जियां, नमक, काली मिर्च अच्छी तरह से मिला दें. अब गैस पर नॉनस्‍टिक तवा रखें और उसे गर्म कर लें.

तवे पर हल्‍का सा मक्‍खन लगा दें और उस पर 1 ब्रेड रखें. ब्रेड के एक तरफ बड़े चम्‍मच की सहायता से मिश्रण को फैला दें, फिर उस पर दूसरी ब्रेड रख दें और उस पर हल्‍का सा मक्‍खन लगा दें.

जब ब्रेड एक तरफ से हल्‍की ब्राउन सिंक जाये तो पलटे से संभाल कर पलट दें. ध्‍यान रहे पलटने पर मिश्रण बाहर ना गिरने पाये. दूसरी तरफ भी हल्‍का ब्राउन सेंक लें. अब तिरछा सैंडविच के आकार में काट कर टोमेटो सॉस या चटनी के साथ गर्म गर्म सर्व करें.

हाई हील्स के दर्द से बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स

आमतौर पर सभी महिलाओं को हाई हील्स पहनना बहुत अच्छा लगता है. फ्लैट फुटवियर की तुलना में हाई हील्स आपको ज्यादा स्टाइलिश और सेक्सी लुक देती हैं. हर लड़की चाहती है कि उसके पास कई सारी हाई हील्स की कलेक्शन हो जिसे वो जब चाहे अपनी ड्रेस और मूड के हिसाब से पहन सके.

हाई हील्स पहनना तो अच्छा लगता ही है लेकिन पैरों में दर्द के साथ परेशानी भी शुरू होती है. जी हां, हाई हील्स के साथ दर्द फ्री में मिलता है. अगर आप भी दर्द से बचने के लिए हील्स पहनना अवॉयड करती हैं तो आपका इंतजार खत्म हुआ. जी हां, आज हम आपको बता रहे हैं हाई हील्स पहनने के कुछ स्मार्ट तरीके जिनके द्वारा आप दर्द से बच सकती हैं.

परफेक्ट साइज

हाई हील्स के दर्द से बचने का सबसे आसान तरीका है कि आप अपने साइज के हिसाब से ही अपने लिए फुटवियर चुनें. अगर फुटवियर का साइज ठीक नहीं होगा तो जाहिर सी बात है कि आपको उससे तकलीफ होगी. अकसर महिलाएं गलत साइज के फुटवियर खरीदने की गलती कर बैठती हैं. छोटे साइज के जूते आपकी मांसपेशियों और तंत्रिकाओं पर दबाव बनाती हैं जिसके परिणामस्वरूप आपको दर्द पैदा महसूस होता है.

आकार पर दें ध्यान

अपने लिए फुटवियर चुनते समय अपने पैर के आकार पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है, खासकर तब जब आप हाई हील्स खरीद रहीं हों. आपके पैर का आकार हाई आर्क, नॉर्मल आर्क और फ्लैट फुट हो सकता है इसलिए अपने पैस की शेप को ध्यान में रखते हुए ही हाई हील्स खरीदें. अगर आप अपने पैर की शेप के अनुसार हाई हील्‍स नहीं खरीदेंगी तो इसकी कीमत आपके पैरों को दर्द सहन कर चुकानी पड़ेगी. अगर आपका पैर फ्लैट है तो आपको ऐसे फुटवियर पहनने चाहिए जिसमें आपका पैर आराम महसूस करे. शूज खरीदने से पहले उन्हें पहनकर और कुछ कदम चलकर भी जरूर देखें.

क्वालिटी भी है जरूरी

हील्स की क्वालिटी सीधे तौर पर आपके कंफर्ट से संबंधित है. जितनी अच्छी क्वालिटी होगी उतना ही उसे पहनने में आपको आराम महसूस होगा. हील्स खरीदते समय क्वालिटी में आपको डिजाइन, मटीरियल और शेप पर ध्यान देना चाहिए. अब अगली बार जब भी आप हाई हील्स खरीदने जाएं तो उसकी क्वालिटी को लेकर किसी भी तरह का समझौता न करें वरना आपकी लापरवाही का भुगतान आपके पैरों को करना पड़ सकता है.

पतले सोल की हील्स

पतले सोल वाली हील्स आपके पैरों को आरामदायक स्थिति नहीं दे पाती हैं. इस कारण आपके पैरों का दर्द और बढ़ जाता है. अपने लिए हील्स खरीदते वक्त उसमें प्रयोग किए गए सोल के पतलेपन और मटीरियल का ध्यान रखें. इस वजह से पतले सोल वाली स्टैलाटोज के मुकाबले प्लैटफॉर्म हील्स ज्यादा आरामदायक होती हैं.

लगातार खड़ी न रहें

हाई हील्स की वजह से आपके शरीर में न्यूरोमेकैनिज्मर बदलने लगता है. इसका मतलब है कि शरीर की यांत्रिक गतिविधियों का संपर्क आपके नर्वस सिस्टम से होने लगता है. हाई हील्स पहनकर लंबे समय तक लगातार चलने या खड़े रहने से आपके घुटनों, जांघों और कमर में स्थायी दर्द रह सकता है. अब जब कभी भी आप हाई हील्स पहनकर बाहर निकलें तो लंबे समय तक लगातार खड़े रहने या चलने की गलती न करें. अपने पैरों को आराम देने के लिए कुछ मिनट बैठ जाएं.

ब्रेक लेना न भूलें

अगर आप पूरा दिन हाई हील्स पहनती हैं तो बहुत जरूरी है कि थोड़े-थोड़े समय में आप इन्हें उतार कर अपने पैरों को आराम दें.

बिना शूटिंग किए निकल गए शाहरुख और अनुष्का

सुनील ग्रोवर से मनमुटाव के बाद कपिल की मुश्किलें थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं. कपिल के फैंस तो यही चाहेंगे कि कपिल जल्द से जल्द अपने पुराने फॉर्म में आ जाएं, वर्ना कपिल शर्मा और शो के लिए ठीक नहीं होगा.

शुक्रवार को शाहरुख ख़ान और अनुष्का शर्मा ‘द कपिल शर्मा शो’ के लिए शूटिंग को गए थे. लेकिन उन्हें बिना शूट के ही सेट से वापस लौटना पड़ा. खबर है कि कपिल शर्मा स्ट्रेस के कारण असहज महसूस कर रहे थे और इसलिए उन्हें शूटिंग कैंसिल करनी पड़ी.

शाहरुख अनुष्का शर्मा के साथ अपनी आने वाली फ़िल्म ‘जब हेरी मेट सेजल’ के प्रमोशन को लेकर कपिल के शो में हिस्सा लेने पहुंचे थे. आप इन तस्वीरों में देख सकते हैं शाहरुख भी शूट कैंसिल होने के बाद थोड़े परेशान से नज़र आ रहे हैं.

बहरहाल, यह भी तय है कि शाहरुख और अनुष्का कपिल के शो में जाकर अपनी फ़िल्म को प्रमोट करते, उससे ज्यादा सुर्खियां तो उन्हें शो कैंसिल होने से मिल जाएगा. बड़ा सवाल यह है कि कपिल शर्मा को ऐसा क्या स्ट्रेस हो गया कि उन्हें शूटिंग ही कैंसिल करनी पड़ी? शूटिंग रद्द करने से मामला गंभीर लग रहा है. फोटों में आप देख सकते हैं अनुष्का भी हैरान सी दिख रही हैं.

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