जब कर रहे हों अकेले ट्रेवल…

अगर आप अकेले ट्रेवल कर रही हैं तो हर छोटी-बड़ी जानकारी हासिल कर के ही चलें. पर कई बार पूरी प्लेनिंग के बावजूद कोई न कोई परेशानी आ ही जाती है. अब ऐसे में क्या करें? ज्यादा टेंशन न लें और इनमें से कोई भी ऐप डाउनलोड कर के आराम से घूमें.

1. ट्रीप एडवाइजर

अगर आपको आपके डेस्टिनेशन में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी चाहिए, तो यह ऐप बेस्ट है. इसमें आपको किसी भी जगह पर खाने-पीने से लेकर शॉपिंग तक की जानकारी मिल जाएगी. इस ऐप पर मैप भी रहता है जिससे आप आराम से खुद के लिए होटल या रेस्त्रां ढूंढ सकती हैं.

2. कयाक

ये ऐप बाकि सारे ऐप्स में सबसे ज्यादा ट्रेवेलर फ्रेंडली ऐप है. इस ऐप से आप फ्लाइट, कैब भी बूक कर सकती हैं.

3. बुकिंग.कॉम

यह ऐप आपको अलग-अलग होटल के रेंट और कंफर्ट को कंपेयर करने में सहायता करता है. इसमें आपको अन्य ट्रेवेलर्स के रिव्यू भी मिल जायेंगे, जिससे आप आसानी से डिसाइड कर सकती हैं कि आपको कहां ठहरना है.

4. एक्कुवेडर

इस ऐप से आप मौसम की जानकारी प्राप्त कर सकती हैं. इससे आप अपने डेस्टिनेशन के लिए सही पैकिंग कर पायेंगी. इससे आप भविष्य के साथ साथ करेंट डेट के मौसम का हाल भी जान सकती हैं. इससे आपको घूमने-फिरने में दिक्कत नहीं होगी.

5. गूगल गौग्ल्स

ट्रेवलिंग के दौरान तस्वीरें लेना किसको पसंद नहीं होता? ये ऐप आपके लिए परफेक्ट है. इससे न सिर्फ आप पिक्चर ले सकती हैं पर उस पिक्चर के बारे में पूरी जानकारी भी हासिल कर सकती हैं.

6. लाइवट्रेकर

इस ऐप से एक डीजिटल जर्नल तैयार हो जाता है. आप जहां जहां जायेंगी उस सफर का रूट बन जाएगा. वैसे भी अपने सफर को फिर से जीने का भी अलग ही मजा है. यह एक तरह की डीजिटल ट्रेवल डायरी बन जाएगी.

रोंगटे खड़े कर देगी शार्ट फिल्म ‘चटनी’

आपने अभी तक कई शॉर्ट फिल्में देखी होंगी लेकिन जिस शॉर्ट फिल्म की बात हम कर रहे हैं उसे जब आप देखेंगे तो आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. हम बात कर रहे हैं हाल ही में आई टिस्का चोपड़ा की शॉर्ट फिल्म ‘चटनी’ की, जो सोशल मीडिया और यूट्यूब पर खूब धमाल मचा रही है.

फिल्म का एक ही मकसद है कि भोंदू और सीधी सी दिखने वाली औरतों को बाहरी व्यक्तित्व से मत आंकिए. गाजियाबाद की होने के बावजूद चतुर ग्रहस्थन पति पर डोरे डालने वाली तितलियों के पर कतर डालती है और तितली फड़फड़ाती रह जाती है.

फिल्म की कहानी एक ऐसी गृहिणी के इर्द-गिर्द घूमती है जिसकी एक परिचित चंचला उसके पति पर डोरे डालने की कोशिश में है. लेकिन अपने पति को उस ब्यूटी क्वीन के चंगुल से बचाने के लिए वो घरेलू औरत जो काम करती है उससे ना सिर्फ उस चंचला के होश उड़ जाते हैं बल्कि आप भी जब ये देखेंगे तो खौफजदा हो जाएंगे.

कुल मिलाकर इस शॉर्ट फिल्म में वो है जो आपने आज तक नहीं देखा होगा. क्लाईमेक्स तक आते आते ये फिल्म आपको बांधे रखती है और फिर अंत में जो होता है वो आप सोच भी नहीं सकते.

चंद घंटों में ही ये फिल्म खूब वायरल हो चुकी है. फिल्म को काफी सराहा जा रहा है और टिस्का चोपड़ा को भी अपने निभाए रोल के लिए खूब तारीफें मिल रही हैं. 48 घंटों में ही ये फिल्म 5 मिलियन से ज्यादा लोग देख चुके हैं. कह सकते हैं कि इस फिल्म के जरिए टिस्का ने एक ऐसा धमाका किया है जिसकी गूंज काफी वक्त तक रहेगी.

तो इसलिए अक्षय को मिली ‘2.0’

सुपर स्टार रजनीकांत की फिल्म 2.0 का लुक रिलीज होने के बाद से सुर्खियों में है. इस फिल्म में अक्षय कुमार का लुक आकर्षण का केंद्र बन गया है.

जी हां, इस फिल्म में उनका लुक एक मॉन्सटर वाला है. मॉन्सटर के लुक में आने के लिए अक्षय को 3-4 घंटे मेकअप करने में लग जाते हैं. अक्षय खुद कहते हैं कि यह उनकी फिल्म का चैलेंजिंग रोल है. साथ ही इस फिल्म के लिए उन्होंने जितना मेकअप किया है उतना तो उन्होंने अपने 25 साल के करियर में भी नहीं किया.

लेकिन क्या आपक जानते हैं कि यह रोल अक्षय से पहले कई एक्टर को ऑफर किया गया था. लेकिन हर एक्टर ने किसी ना किसी वजह से इस रोल को करने से मना कर दिया था. अंत में यह ऑफर खिलाड़ी कुमार के पास पहुंचा और उन्होंने इस चैलेंजिंग रोल के लिए हां कह दिया. बता दें कि यह रोल बॉलीवुड, टॉलीवुड और हॉलीवुड के कई पॉपुलर चेहरों के पास गया था.

खबर है कि यह रोल सबसे पहले कमल हासन के लिए ही बनाया गया था. लेकिन साउथ इंडस्ट्री में कमल हासन और रजनीकांत के बीच कॉम्पिटीशन है. ऐसे में अपने कॉम्पिटीटर की फिल्म में विलेन का बनने का रिस्क कमल हासन नहीं लेना चाहते थे. उन्होंने यह फिल्म करने से मना कर दिया.

इसके बाद यह रोल बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान के पास गया. लेकिन आमिर उस समय दंगल में बिजी थे.

फिर ये रोल साउथ के दुसरे सुपर स्टार विक्रम के पास आया लेकिन उन्हें भी इस रोल के लिए मना कर दिया.

बाद में शंकर ने हॉलीवुड में चांस लेने की सोची वहाँ अर्नोल्ड श्वाजनेगर को कहानी सुनाई. अर्नोल्ड ने विलेन का किरदार के लिए हामी भर दी लेकिन उनकी फीस इतनी ज्यादा थी कि शंकर उन्हें अफॉर्ड नहीं कर पाए. इतना ही नहीं शंकर ने रितिक से भी इस रोल के लिए बात की थी. लेकिन रितिक ने डेट का बहाना बना कर यह ऑफर ठुकरा दिया.

फाइनली डॉ रिचर्ड्स का रोल अक्षय कुमार की झोली में आया. और अब तो रजनीकांत ने भी मान लिया है कि ‘2. 0’ के असली हीरो अक्षय कुमार ही हैं.

छोटे पर्दे पर एंट्री कर रही हैं ऐश्वर्या!

ऐश्वर्या राय के फैन्स के लिए खुशखबरी है. ऐश को जल्द ही एक रिएलिटी शो की जज बनने वाली हैं. स्टार प्लस पर बहुत जल्द ही एक नया शो ‘दिल है हिंदुस्तानी’ लॉन्च होने जा रहा है. इस शो की तैयारी जोर-शोर से चल रही है.

खास बात यह है कि इस शो से रैपर बादशाह भी छोटे पर्दे पर एंट्री करने जा रहे हैं. वो करण जौहर और संगीतकार शेखर के साथ शो के जज बनने वाले हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस शो के लिए ऐश्वर्या राय बच्चन को भी अप्रोच किया गया है.

इस पूरे मामले पर करण जौहर ने ऐश्वर्या से बात भी की है, लेकिन अब तक ऐश की तरफ से पूरी तरह से रजामंदी नहीं मिली है. अब देखना होगा कि बड़े पर्दे पर अपनी अदाओं से सबको लुभाने वाली ऐश्ववर्या छोटे पर्दे के लिए हामी भरती हैं या नहीं.

सही समय पर शुरू करें रिटायरमेंट प्लैनिंग

हमारे देश में अधिकतर कंपनियों में रिटायरमेंट की आयु 58 वर्ष है. कुछ लोग अर्ली रिटायरमेंट भी ले लेते हैं. आयु और रिटायरमेंट के हिसाब से रिटायरमेंट प्लैनिंग करनी चाहिए. इन सबके साथ ही बढ़ती महंगाई भी है, जिसके हिसाब से ही रिटायरमेंट प्लैनिंग करनी चाहिए.

आप जितनी जल्दी रिटायरमेंट प्लैनिंग शुरू करेंगे ये आपके लिए उतना ही फायदेमंद होगा. निवेश भी रिटारमेंट को ध्यान में रख करें.

ऐसे करें रिटायरमेंट प्लैनिंग-

– निवेश से पहले रिस्क का ध्यान रखें, ताकि रिटायरमेंट प्लैनिंग में दिक्कतें न आयें.

– अपनी सेविंग का 60 प्रतिशत तक रिटायरमेंट फंड के तौर पर बचाकर रखें.

– सेविंग के लिए अलग अकाउंट बनायें, और जब तक जरूरत न हो इस अकाउंट में जमा पैसों को न निकालें.

– बोनस, स्पेशल अलाउंस और किसी भी तरह की एकस्ट्रा इनकम को सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर करें.

– क्रेडिट कार्ड का सारा अमाउंट समय से पहले ही पे करें.

– कहीं भी पैसे लगाने से पहले अच्छे से जानकारी हासिल कर लें क्योंकि पैसे डूबने से आपके प्लैनिंग पर असर पड़ सकता हैं.

– जल्दी-जल्दी जॉब चेंज नहीं करने में ही भलाई है.

– बच्चों की पढ़ाई के लिए लोन ज्यादा अच्छा ऑपशन है. इससे रिटायरमेंट फंड पर असर नहीं पड़ेगा.

– अगर आप फाइनेंश मैनेज नहीं कर पा रही हैं तो आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट की मदद ले सकती हैं.

डिप्रेशन से होती हैं ये अजीब बीमारियां

लगातार मानसिक दबाव या तनाव कई तरह के मानसिक विकारों को जन्म देता है, अनेक शारीरिक समस्याओं का कारण बनता है, जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, थायराइड आदि, इसके बारे में हम आपको विस्‍तार से जानकारी देते हैं.

डिप्रेशन के कारण बीमारियां

हमें दैनिक कार्यों में अनेक प्रकार के तनाव झेलने पड़ते हैं. खासतौर पर वर्तमान युग की तेज रफ्तार जिन्दगी में हमें रोज अनेकों समस्याओं से जूझना पड़ता है और इसके कारण तनाव होता है. लगातार मानसिक दबाव या तनाव अनेक मानसिक विकारों को जन्म देता है, अनेक शारीरिक समस्याओं का शिकार बनता है. जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, थायरोइड इत्यादि. चलिये जानें डिप्रेशन के कारण कौंन कौंन सी बीमारियां हो सकती हैं-

कैंसर

कैंसर के लगभग 60 प्रतिशत रोगी डिप्रेशन से भी ग्रस्त होते हैं क्योंकि अवसाद के कारण इक्यूनसिस्टम बदल जाता है. किसी भी व्यक्ति के अवसाद ग्रस्त होने के पीछे मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, आनुवांशिक तथा जैव वैज्ञानिक कारण हो सकते हैं. अवसाद से पीडि़त रोगी का उपचार आमतौर पर सायकोथैरेपी के द्वारा किया जाता है.

मोटापा

एक अध्ययन में पाया गया है कि बचपन के अवसाद का अगर जल्द इलाज और रोकथाम कर लिया जाए, तो वयस्क होने पर दिल की बीमारी का खतरा कम हो सकता है. अवसादग्रस्त बच्चों के मोटे, निष्क्रिय होने और धूम्रपान करने की संभावना होती है जो किशोरावस्था में ही दिल की बीमारियों के कारण बन सकते हैं. अमेरिका की युनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा में मनोविज्ञान में यह शोध हुआ.

डिमेंशिया

नए शोध से पता चला है कि अवसाद से ग्रस्त लोगों में डिमेंशिया होने का ख़तरा सामान्य से दो गुना अधिक हो सकता है. डिमेंशिया से इंसान की मानसिक क्षमता, व्यक्तित्व और व्यवहार पर प्रभाव पड़ता है. जिन लोगों को डिमेंशिया होता है उनकी याद्दाश्त पर असर पड़ता है. अमरीकन पत्रिका न्यूरोलॉजी में ये तथ्य प्रकाशित हुए.

समय से पहले बुढ़ापा

मानसिक बीमारी पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर (पीटीएसडी) से पीड़ित लोगों को समय से पहले बुढ़ापा आने का खतरा होता है. नए शोध में यह बात सामने आई है. पीटीएसडी कई मानसिक विकारों जैसे गंभीर अवसाद, गुस्सा, अनिद्रा, खान-पान संबंधी रोगों तथा मादक द्रव्यों के सेवन से जुड़ी व्याधि है. सैन डिएगो स्थित युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में साइकेट्री के प्रोफेसर दिलीप वी. जेस्ते व उनके साथियों ने पीटीएसडी में समय से पूर्व बुढ़ापे पर प्रकाशित प्रासंगिक अनुभवजन्य अध्ययनों की व्यापक समीक्षा की.

दिल की बीमारियां

एक अध्ययन में पाया गया है कि बचपन के अवसाद का अगर जल्द इलाज और रोकथाम कर लिया जाए, तो वयस्क होने पर दिल की बीमारी का खतरा कम हो सकता है. अवसादग्रस्त बच्चों के मोटे, निष्क्रिय होने और धूम्रपान करने की संभावना होती है जो किशोरावस्था में ही दिल की बीमारियों के कारण बन सकते हैं

मधुमेह

अवसाद की समस्या मधुमेह की ओर इशारा करती है. कई सालों से यह माना जाता था कि अवसाद की समस्या की जड़ मधुमेह है. हाल के कई शोधों में यह बिंदु सामने आया कि अवसाद से समस्या जटिल होती है. विशेषज्ञों का मानना है कि मधुमेह के पीछे चिंता और तनाव का ही हाथ होता है. यदि कोई व्यक्ति अवसाद ग्रस्त है तो उसे मधुमेह होने की संभावना सामान्य व्यक्ति के मुकाबले दुगनी होती है.

बहरेपन का खतरा अधिक

हाल ही में हुए एक शोध में बहरेपन से संबंधित एक नई जानकारी मिली है. इस शोध की मानें तो अवसाद में रहने वाले लोगों को बहरेपन का खतरा ज्‍यादा होता है.  अमेरीका में हुए इस शोध में शोधकर्ताओं ने 18 साल व इससे अधिक उम्र के पुरुषों और महिलाओं पर अध्ययन किया. इसका असर पुरुषों की तुलना में महिलाओं पर अधिक दिखा.

आप भी दिख सकती हैं फैशनेबल

फैशनेबल दिखने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले यह जान लिया जाए कि ट्रेंड में क्या है. खूबसूरत दिखना और फैशनेबल दिखने में बहुत अंतर है. फैशनेबल दिखना है तो आपको हर मौसम के ट्रेंड के बारे में पता होना चाहिए.

 गर्मियों में एक तरफ जहां हल्के रंग के कपड़े आंखों और शरीर को सुहाते हैं वहीं सर्दियों में चटख रंग पसंद आते हैं. महिलाओं को ऐसे कपड़ों की जरूरत होती है जो फैशनेबल होने के साथ-साथ आरामदायक भी हों. आइए जानें खुद को फैशनेबल बनाने के लिए क्या किया जा सकता है.

सही रंगों का करें चुनाव

सही कपड़े चुनने के बावजूद हम अक्‍सर सही रंग का चुनाव नहीं कर पाते हैं. मौसम के हिसाब से रंगों का चुनाव न केवल आपको, दूसरों को भी सुकून देगा.

स्कर्ट में है दम

अगर आप फैशनेबल दिखना चाहती हैं तो मौसम के हिसाब से स्कर्ट का चुनाव करना अच्छा विकल्प हो सकता है. गर्मियों में घुटनों तक लंबी स्कर्ट खासा ट्रेंड में रहती है. दुबले-पतले लोग ज्यादा घेर वाली और मोटे लोग पेंसिल फिट स्कर्ट पहनें. स्कर्ट फॉर्मल है या डेली वीयर, इसके हिसाब से टॉप का चुनाव करें. एथेनिक प्रिंट वाली स्कर्ट, काला या सफेद टॉप, बांधनी दुपट्टा और कोल्हापुरी चप्पल से आप फैशन दिवा बना सकती है.

स्टोल ना भूलें

बाहर निकलते समय स्कार्फ या स्टोल जहां धूप, धूल-मिट्टी से बचाता है, वहीं उनका फैशन स्टेटमेंट भी होता है. कपड़े का यह छोटा सा टुकड़ा जहां धूप से सुरक्षित रखता है, वहीं बालों को भी बचाता है, जिससे बाल रूखे नहीं होते. बाजार में तरह-तरह के फैशनेबल स्कार्फ मौजूद हैं जिसे आप आसानी से खरीद सकती हैं.

फुट वियर

फुटवियर भी फैशनेबल दिखने में काफी मदद करते हैं. तरह-तरह के सैंडल स्टाइलिश फ्लीप-फ्लॉप, रंग-बिरंगे कैनवस जूते और ब्राइट स्लीपर ट्रेंडी लुक के साथ सुकून भी देते हैं.

सन ग्लासेज

न सिर्फ गर्मियों में बल्कि सर्दियों में भी सन ग्लासेज बहुत मददगार होते हैं. धूप-ठंड से बचाने के साथ-साथ ये आपको स्टाइलिश लुक भी देते हैं.

जूट बैग को अपनाएं

यूं तो लेदर बैग को सबसे अच्छा माना जाता है पर आजकल इको फ्रेंडली चीजें ट्रेंड में हैं. लिहाजा जूट और कपड़े के बैग लोगों को काफी पंसद आ रहे हैं. इको फ्रेंडली होने के साथ ये सस्ते और मजबूत भी होते हैं. आप चाहें तो दो-तीन अलग-अलग तरह के बैग खरीद लें और बदल-बदल कर इस्तेमाल करें. इन्हें आसानी से घर में धोया भी जा सकता है.

बचत करना है आसान

सेविंग की शुरूआत करना कितना मुश्किल लगता है. है न? कई बार आपको बचत करने के आसान तरीके पता नहीं चल पाते. पर बचत करना इतना मुश्किल भी नहीं है. इन स्टोप को अपनाकर आप आसानी से बचत कर सकते हैं.

1. अपने खर्च का हिसाब रखें

बचत करने के लिए सबसे पहले आप अपने खर्च का हिसाब रखें. एक महीने तक हर छोटे-बड़े खर्चे का हिसाब रखें. छोटे-बड़े अर्थात कॉफी से लेकर अखबार तक आप जो भी खरीदती हैं उसका हिसाब रखें. जब आपके पास खर्च का डेटा आ जाए तब इन खर्चों को अलग-अलग कैटेगरी में विभाजित करें. हर कैटेगरी का टोटल भी करें.

2. बजट बनायें

आपके पास एक महीने के खर्च का रिकॉर्ड है. इसके हिसाब से आप अपने महीने का बजट तैयार करें. फिजूलखर्ची पर लगाम लगाइए और एक इमरजेंसी फंड भी बनायें. ऐसे खर्चों को भी शामिल करें जो हर महीने नहीं होती पर जरूरी खर्चों में शामिल हैं, जैसे कार मेंटेनेंस.

3. सेविंग गोल्स बनायें

सेविंग गोल्स बनाने से सेविंग करना आसान हो जाता है. शुरूआत में ही तय कर लें कि आपको अपने गोल्स कब तक हासिल करने हैं. इमरजेंसी फंड में इतने पैसे जरूर  हो कि जॉब चली जाने पर 6 महीने से 1 साल तक आपका खर्च आराम से चल सके.

4. प्रायोरिटी तय करें

हर इंसान की अलग प्राथमिकतायें होती हैं. इसलिए किस काम करने के लिए सेव करना जरूरी है ये आप तय कर लें. जैसे बच्चों की पढ़ाई जरूरी है इसलिए आप पहले इसके लिए बचत करें. अपना फोकस बनाये रखें.

5. बचत का रखें हिसाब

हर महीने बचत का हिसाब रखें. इससे आप अपने गोल्स सक्ती से फॉलो कर पायेंगे. इससे आप बचत में आ रही परेशानियों का भी पता लगा सकती हैं, और उनको सुलझाकर बचत कर सकती हैं.

ये बॉलीवुड एक्ट्रेस हैं आलिया की प्रेरणा

अमुमन देखा गया है कि बॉलीवुड गलियारे से कैट फाइट की खबरें आती रहती हैं. इसलिए यह विश्वास करना बेहद मुश्किल है कि एक बॉलीवुड एक्ट्रेस की प्रेरणा दूसरी बॉलीवुड एक्ट्रेस है. सूत्रों की मानें तो आलिया भट्ट को एक बॉलीवुड एक्ट्रेस से प्रेरणा मिलती है.

बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट का कहना है कि प्रियंका चोपड़ा साहसी हैं और उनके लिए प्रेरणा की स्रोत हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या वह भी उसी तरह क्षेत्रीय फिल्मों के निर्माण में कदम रखना चाहेंगी, जैसा कि प्रियंका ने ‘वेंटिलेटर’ से किया है? आलिया ने कहा कि उन्हें भी इस तरह का काम पसंद है.

उन्होंने कहा, ‘प्रियंका ने लंबा सफर तय किया है. उन्होंने जो कुछ भी हासिल किया है, वह शानदार है. वह उद्यमी हैं और मेरे लिए प्रेरणाप्रद हैं. मैं भी इस तरह के काम करना पसंद करूंगी, लेकिन फिलहाल अभिनय पर ध्यान केंद्रित कर रही हूं.’

आलिया ने कहा कि वह मनोरंजन-जगत के हर माध्यम में अपना भाग्य आजमाना चाहेंगी. उन्होंने कहा, ‘मैं हर माध्यम में अपनी किस्मत आजमाना चाहूंगी, चाहे वह चीनी सिनेमा हो या कोई अन्य. मैं सबकुछ करना चाहती हूं. फिलहाल, मैं अपने कदम यहां जमाना चाहती हूं.’

आलिया वर्तमान में गौरी शिंदे द्वारा निर्देशित फिल्म ‘डियर जिंदगी’ में अभिनय के लिए सराही जा रही हैं. उन्होंने बताया कि अगर वह फिल्मों के लिए काम नहीं कर रही होती हैं तो वह यात्रा करना पसंद करती हैं. आलिया ने कहा, ‘मुझे यात्रा करना पसंद है. जब मैं काम नहीं करती तो घूमना पसंद करती हूं और मेरे लिए यात्रा सीखने का अनुभव है.’

पुराने तकिए लगेंगे नए जैसे

क्या तकिए का खोल निकालते ही पीले गंदे तकिए से सामना हो जाता है? वक्त आ गया है कि खोल के साथ तकिया भी धोया जाए. सुन के अजीब लगा होगा, पर तकिए को धोने की आदत डाल लीजिए. धोने से पहले तकिए को अच्छे से जांच लें. अगर तकिए पर कुछ इंसट्रक्शन लिखें हैं तो उन्हीं के अनुसार तकिए को धोयें.

अगर एलर्जी है तो 6 महीने में ही तकिए को धो डालें. तकिए धोने के लिए टिप्स-

मशीन वॉश के लिए टिप्स

– अपने वाशिंग मशीन के साइज के हिसाब से 2 ही तकिए एक बार में धोयें.

– तकियों को बिना किसी खोल या प्रोटेक्टर के मशीन में डालें.

– वाशिंग पाउडर और ब्लीच का प्रयोग करें.

– गर्म पानी से धोयें.

– तकियों को धूप में ही सुखायें. ड्राइर का प्रयोग न करें.

जब धोना हो बिना का मशीन के

– तकिए को डिटरजैंट और गर्म पानी के घोल में डालें.

– धूप में ही सूखायें.

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