बड़े पर्दे पर वापसी कर रही हैं जेनेलिया

खबर है कि शादी और बच्चों की वजह से फिल्मों से ब्रेक ले चुकीं जेनेलिया डिसूज़ा अब बड़े पर्दे पर वापसी कर रही हैं. पिछली फिल्म ‘फोर्स’ में जॉन अब्राहम की पत्नी की भूमिका निभा चुकीं जेनेलिया ‘फोर्स 2’ में गेस्ट अपीयरेंस करेंगी.

गौरतलब है कि पिछली फिल्म ‘फोर्स’ में जेनेलिया के किरदार का अंत काफी दर्दनाक दिखाया गया था. अब यह देखना काफी मजेदार होगा कि ‘फोर्स 2’ में जेनेलिया को किस अंदाज में दिखाया जाता है.

इस खबर को कन्फर्म करते हुए प्रड्यूसर विपुल शाह ने बताया, ‘जेनेलिया इस फिल्म का हिस्सा हैं. पिछली फिल्म में उनके किरदार को लोगों ने खूब पसंद किया. जॉन और जेनेलिया के रोमांस की भी खूब तारीफ रही, इसलिए हमने खासकर ऐक्ट्रेस के हिसाब से स्क्रिप्ट तैयार किया और इस कहानी में बड़ी खूबसूरती से उनके लिए जगह बनाई है. वह जॉन के किरदार की मदद करने के साथ-साथ, फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाती नजर आएंगी.’

खास बात यह है कि जेनेलिया दो बच्चों की मां बनने के बाद भी पहले की ही तरह स्लिम ट्रिम नजर आती हैं.

ट्विंकल ने की करण की बोलती बंद

करण जौहर के सेलेब्रिटी टॉक शो ‘कॉफी विद करण’ के पांचवें सीजन की शुरुआत बेहद अच्छी रही. शो के पहले गेस्ट शाहरुख खान और आलिया भट्ट थे. करण ने शाहरुख और आलिया से उनके पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़े कई सवाल पूछे, जिनका उन्होंने पूरी इमानदारी से जवाब दिया. शो के अगले एपिसोड में अक्षय कुमार अपनी पत्नी ट्विंकल खन्ना के साथ काफी पीते नजर आएंगे.

‘कॉफी विद करण’ में करण के सवालों पर गेस्ट सेलेब्रिटी बगले झांकते नजर आते हैं. लेकिन ट्विंकल और अक्षय ने करण से ऐसे-ऐसे सवाल पूछे कि उनकी बोलती बंदा हो गई. करण के पास इन सवालों का कोई जवाब ही नहीं था.

ट्विंकल ने रैपिड फायर राउंड में करण जौहर को क्लीन बोल्ड कर दिया. उन्होंने करण से पूछा, ‘सलमान खान, शाहरुख खान और आमिर खान में से सबसे कूल कौन है?’ इसके बाद ट्विंकल ने सीधे करण की दुखती रग पर हाथ रख दिया. उन्होंने पूछा, ‘आप एक और खान, फवाद खान को क्यों नहीं लेते हैं?’ ट्विंकल के इन सवालों पर पहले तो करण मुस्कुराए और फिर कहां कि वह क्लीन बोल्ड हो चुके हैं यानि करण के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं था. ऐसे में करण जौहर के चेहरे के भाव देखने वाले थे.

बता दें कि पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान, करण के चहेते कलाकारों में से एक रहे हैं. वह फवाद के साथ ‘कपूर एंड सन्स’ और ‘ऐ दिल है मुश्किल’ में काम कर चुके हैं. करण, फवाद के साथ तीसरी फिल्म भी करने जा रहे थे, जिसमें कट्रीना कैफ को कास्ट किया गया था. लेकिन उड़ी आतंकी हमले के बाद कुछ राजनीतिक पार्टियों ने पाक कलाकरों का विरोध किया. इस वजह से पाक कलाकरों को फिल्ममेकर्स अपनी फिल्मों में कास्ट करने से बच रहे हैं.

इस दिन रिलीज होगी भंसाली की ‘पद्मावती’

रणवीर सिंह इन दिनों अपनी फिल्म ‘पद्मावती’ की शूटिंग में व्यस्त हैं. इसके साथ-साथ वो अपनी आने वाली फिल्म ‘बेफिक्रे’ के प्रमोशन में भी जुटे हैं. ‘पद्मावती’ में रणवीर के साथ दीपिका पादुकोण की रोमांटिक जोड़ी का इंतजार कर रहे फैंस के लिए अच्छी खबर है. फिल्म की रिलीज डेट सामने आ गई है.

रणवीर ने इंस्टाग्राम पर ‘पद्मावती’ की रिलीज डेट का खुलासा किया है. 17 नवंबर 2017 को फिल्म रिलीज हो रही है. डेट के साथ रणवीर ने फिल्म से अपना लुक भी शेयर किया है. ‘पद्मावती’ में वो अलाउद्दीन खिलजी का रोल प्ले कर रहे हैं, और इस फोटो में उनकी सिर्फ आंखे नजर आ रही हैं.

संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ एक पीरियड ड्रामा है. जिसमें रणवीर, दीपिका के साथ शाहिद कपूर भी नजर आएंगे. फिल्म की शूटिंग का काम काफी तेजी से चल रहा है. बता दें रणवीर और दीपिका की जोड़ी आखिरी बार भंसाली की फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ में नजर आई थी. फिल्म के साथ-साथ इनकी जोड़ी को भी दर्शको ने खूब पसंद किया.

क्रिटिकल बीमारी के लिए अलग पॉलिसी

जब आप जीवन बीमा पॉलिसी खरीदते हैं तो कंपनी आपकी मृत्यु हो जाने पर आपके उत्तराधिकारी या मनोनित व्यक्ति को बीमा राशि का भुगतान कर देती है. इसी तरह बीमा कंपनी आपको किसी बीमारी की वजह से अस्पताल में दाखिल होने पर स्वास्थ्य बीमा के तहत अस्पताल में आपके इलाज पर हुए खर्चे का भुगतान करती है. कभी आपने सोचा है कि अगर आपको किसी गंभीर बीमारी के निदान के बाद आपके कार्य करने और कमाने की क्षमता समाप्त या कम हो जाती है तो ऐसी परिस्थिति में न तो जीवन बीमा कंपनी आपको कुछ भुगतान करेगी और न ही स्वास्थ्य बीमा के तहत कोई भी भुगतान मिलेगा क्योंकि आप जीवित है और अस्पताल में भी भर्ती नहीं हैं.

क्या होती है क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी?

क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी के तहत अगर आप किसी गंभीर बीमारी से बचकर निकलते हैं और आप उसके बाद नियत समय (जो कि 30 दिन तक का होता है) तक जिंदा रहते हैं तो आप बीमा की राशि पाने के हकदार होते हैं यानी आपकी बीमा कंपनी राशि का भुगतान करेगी. क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी में गंभीर मानी जाने वाली बीमारियों के सामने आर्थिक रक्षण प्रदान किया जाता है. इसमें कवर होने वाली बीमारियों में दिल का दौरा पड़ना, किडनी का काम करना बंद करना, पक्षाघात, हृदय का वॉल्व खराब हो जाना, कैंसर आदि प्रकार की गंभीर बीमारियां शामिल हैं.

कितनी राशि का कवर खरीदना चाहिए?

चूंकि गभीर बीमारी के निदान के पश्चात आपकी आमदनी बंद हो जाती है एवं चिकित्सा एवं उपचार पर व्यय बढ़ जाता है, इसलिए आपको आपकी सालाना आय का कम से कम 10 से 12 गुना क्रिटिकल इलनेस कवर खरीदना चाहिए.

कैसे खरीदें पॉलिसी

कई बीमा कंपनियां अपनी जीवन बीमा पॉलिसी और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के साथ क्रिटिकल इलनेस का राइडर खरीदने की सुविधा देती हैं. पर आपको क्रिटिकल इलनेस की अलग से पॉलिसी खरीदनी चाहिए और इसके पीछे कई कारण हैं.

– आपकी क्रिटिकल इलनेस के जोखिम को कवर करने के लिए जीवन बीमा एवं स्वास्थ्य बीमा के साथ में मिलने वाले राइडर की राशि पर्याप्त नहीं होती है.

– क्रिटिकल इलनेस कवर कें अंतर्गत जो भी बीमारियां (रोग) शामिल होते हैं उससे जुड़े नियम हर एक कंपनी में अलग अलग होते हैं. यह भी जरूरी नहीं है कि जो जीवन बीमा या स्वास्थ्य बीमा आप खरीद रहे हैं उसके साथ मिलने वाले राइडर में वो सब गंभीर बीमारियां कवर हों आप चाहते हैं.

– स्वास्थ्य बीमा परिवार के हर व्यक्ति के लिए जरूरी होता है परंतु क्रिटिकल इलनेस परिवार के हर व्यक्ति के लिए जरूरी नहीं है और जब आप स्वास्थ्य बीमा के लिए फैमिली फ्लोटर पॉलिसी खरीदते है तो आपको क्रिटिकल इलनेस का कवर भी परिवार के सभी सदस्यों के लिए खरीदना पड़ेगा.

– फैमिली फ्लोटर में लगने वाला प्रीमियम परिवार के सबसे बड़े सदस्य की आयु पर निर्भर करता है और राइडर पर लगने वाला प्रीमियम भी इसी तरह ज्यादा लग जाता है.

घर को दें विदेशी लुक

घर में कोई मेहमान आए और उन्हें लगे कि वे विदेश में आ गए हैं तो आपकी सोच और कलात्मकता की तारीफ तो जरूर होगी. अगर आप ऐसा चाहती हैं तो फिर मिड नाइट ब्लू और सुनहरे रंग को केंद्र में रखते हुए अपना लें ये टिप्स और दें अपने घर को इंटरनेशनल लुक.

– अपने घर की दीवारों पर ब्राइट और बड़ी कलाकृतियां लगाएं.

– आपने जो कलाकृतियां लगाई हैं उनका आपस में तालमेल हो.

– लाइटिंग इफेक्ट को नजरअंदाज न करें. मूड और स्टाइल के अनुसार घर को रोशन करें.

– शीशों का इस्तेमाल समझदारी से करें.

– ध्यान रहे कि जो रंग आप दीवार और छत के लिए प्रयोग कर रही हैं वे आपके स्टाइल को और बढ़ाते नजर आएं.

– कालीन का प्रयोग बेहतर लगेगा.

– लाउंज और बेडरूम्स में सुंदर कुशन अच्छे लगेंगे.

– फॉल्स सीलिंग की योजना बनाएं ताकि संगीत और रोशनी के प्रभाव से खूबसूरती बढ़े.

– कमरों में सामान कम रखें, ऐसा न लगे कि गंदगी फैली है.

– साइड और सेंटर टेबल्स पर पीतल और कांसे जैसी धातु से बने कंटेम्परेरी शो पीस रख सकती हैं.

कुदरती स्वास्थ्यवर्धक पेय नारियल रस

दुनियाभर में कुदरती स्वास्थ्यवर्धक पेयों की मांग दिनबदिन बढ़ रही है. नारियल रस या कहें नारियल के दूध ने स्वास्थ्यवर्धक पेयों में अपना स्थान बना लिया है. चूंकि नारियल के गूदे को निचोड़ कर नारियल दूध प्राप्त किया जाता है, इसलिए नारियल में निहित सारे पौष्टिक एवं स्वास्थ्यवर्धक गुण नारियल दूध में भी निहित होते हैं.

कद्दूकस की गई नारियल की गिरी में पानी डाल कर निचोड़ने से जो नारियल का दूध प्राप्त होता है, पानी की मात्रा के अनुसार उस के संघटन में अंतर आ जाता है. यह नारियल रस के नाम से भी जाना जाता है.

नारियल दूध का प्रयोग व्यंजन, मिठाई और सूप बनाने के लिए तो किया ही जाता है, इस का प्रयोग पीने के लिए भी किया जाता है. चाय, कौफी आदि में दूध की जगह भी इस का प्रयोग किया जा सकता है. नारियल दूध का उपयोग शाकाहारी लोगों द्वारा विशेष कर उन लोगों द्वारा किया जाता है, जिन्हें जानवरों के दूध से ऐलर्जी होती है. फल रस में मिलाने के लिए भी इस का उपयोग किया जा सकता है.

नारियल दूध का उत्पादन विविध जायकों में एक पौष्टिक एवं गुणकारी पेय के रूप में होता है. जानवरों के दूध से भिन्न नारियल के दूध में लैक्टोज नहीं होता है. इसलिए लैक्टोज असहिष्णु लोग भी इस का उपयोग कर सकते हैं. विविध जायकों में फ्लेवर्ड नारियल रस बनाने की टैक्नोलौजी नारियल विकास बोर्ड के इंस्टिट्यूट औफ टैक्नोलौजी में विकसित की गई है.

फ्लेवर्ड नारियल दूध बनाने के लिए9 से 10 महीने का कच्चा नारियल प्रयोग किया जाता है. इस नारियल से जो दूध मिलता है वह अधिक गाढ़ा होता है और उस में वसा की मात्राभी कम होती है. नारियल दूध की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए उस में नारियल पानी भी मिलाया जाता है.

नारियल रस के पौष्टिक गुण

नारियल दूध में मीडियम चेन संतृप्त वसा होती है. इस में 50% लारिक अम्ल होता है. लारिक अम्ल मानव शरीर में मोनोलारिन बन जाता है. मोनोलारिन में वायरसरोधी, बैक्टीरियारोधी और फफूंदरोधी गुण होते हैं. इसलिए नारियल दूध का उपयोग करने से वायरस एवं बैक्टीरिया के प्रकोप को रोका जा सकता है और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है.

लारिक अम्ल कोलैस्ट्रौल और ट्राइग्लीसराइड स्तर भी कम करता है, जिस से हृदयरोग और पक्षाघात का खतरा कम हो जाता है. प्राकृतिक नाममात्र आहार सामग्री में लारिक अम्ल पाया जाता है. अत: नारियल दूध नियमित प्रयोग करने से शरीर को लारिक अम्ल के स्वास्थ्यकारी गुण प्राप्त होते हैं.

नारियल दूध में निहित मध्यम शृंखला वसा अम्ल शरीर में जमता नहीं है. इस के बजाय ऐसे वसा अम्ल शरीर को विशेष कर कोशिकाओं को तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं. इसीलिए मोटापा कम करने में तथा इंसुलिन प्रतिरोध की अवस्था में नारियल दूध फायदेमंद है. इन वसा अम्लों के अलावा नारियल दूध में अनिवार्य पौष्टिक तत्त्व भी होते हैं, जिन के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं.

विटामिन और खनिज

नारियल दूध विटामिन और खनिजों का अच्छा स्रोत है. इस में विटामिन सी, ई, के, डी और बी समूह के कई विटामिन होते हैं. विटामिन सी और ई से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. विटामिन बी से कोशिकाओं को ऊर्जा मिलती है. नारियल दूध में मैग्नीशियम, पोटैशियम, फासफोरस और आयरन बड़ी मात्रा में होते हैं.

मैग्नीशियम से हृदय की धड़कन नियमित रहती है और नाड़ी सूत्र का काम भी ठीक तरह से होता है. फासफोरस दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाता है. एक व्यक्ति को प्रतिदिन संस्तुत आयरन का 22% नारियल दूध से प्राप्त होता है और यह लाल रक्ताणुओं के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाता है. आयरन की कमी यानी ऐनीमिया में नारियल दूध पीना लाभकर होता है. इन के सिवा कैल्सियम, जिंक आदि भी इस में पर्याप्त मात्रा में होते हैं.

प्रतिओक्सीकारक

नारियल दूध प्रतिओक्सीकारकों से भरपूर होता है, जो शरीर को खतरनाक मुक्त रैडिकलों और कोशिकाओं व ऊतकों पर उन के हानिकारक प्रभाव से सुरक्षा प्रदान करता है. मुक्त रैडिकलों से कैंसर, हृदयरोग, अलजाइमर्स आदि होने का खतरा रहता है.

नारियल दूध में पाचनशक्ति बढ़ाने तथा पोषक तत्त्वों के अवशोषण के लिए सहायक ऐसिड फास्फेट, कैटालैस, डिहाईड्रेजनैस, पैरोक्सिडैस जैसे सारे तत्त्व होते हैं. इस संपूर्ण पेय को फंक्शनल फूड का दर्जा दिया जा सकता है. इस तरह कई गुणों से संपन्न नारियल रस को रोजाना पीना स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी है.

मराठी के बाद पंजाबी फिल्मों में डेब्यू करेंगी प्रियंका

मराठी फिल्म ‘वेंटिलेटर’ में बतौर प्रोड्यूसर डेब्यू करने के बाद अब प्रियंका चोपड़ा पंजाबी फिल्म में डेब्यू करने जा रही हैं. फिल्म का टाइटल ‘सरवन’ है. इस फिल्म में भी प्रियंका बतौर प्रोड्यूसर ही डेब्यू कर रही हैं. जिसकी जानकारी खुद प्रियंका ने ही अपने ट्विटर अकाउंट पर दी है. ये फिल्म अगले महीने दिसंबर में रिलीज होगी.

इस फिल्म में अमरिंदर गिल, रंजीत बावा और सीमि चहल लीड रोल में होंगे. वाकई में बड़े पर्दे पर इस फिल्म को देखना काफी दिलचस्प होगा. ये फिल्म प्रियंका चोपड़ा, डॉ. मधु चोपड़ा और दीपशिखा देशमुख प्रॉड्यूस करेंगे. तो वहीं इसके डायरेक्टर होंगे वासु भगनानी. फिल्म रिलीज तो दिसंबर में होगी लेकिन रिलीजिंग डेट अभी तक तय नहीं हुई है.

क्या सेफ हैं आपके माइक्रोवेव कंटेनर्स?

हम में से कई लोग माइक्रोवेव कंटेनर्स को ‘सेफ’ मार्क देखकर खरीद लेते हैं. चूंकि इनके बैक में सेफ मार्क होता है इसलिए हम निश्चिंत भी हो जाते हैं. हालांकि इन पर केवल यह लिखा होना ही सेफ होने की गारंटी नहीं है.  

कंटेनर्स में कमी

माइक्रोवेव कंटेनर्स को प्रयोग के लिए मानकों पर खरा पाए जाने के बाद ही इनका प्रयोग करें. हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि पतली प्‍लास्टिक बॉडी वाले कंटेनर्स सुरक्षित नहीं होते हैं चाहे उन पर सेफ का मार्क हो भी तो भी. कई अध्‍ययनों में सामने आया है कि इन कंटेनर्स से BPA यानी बिसेफनॉल A निकलता है और जब इन्‍हें गर्म किया जाता है तो वह भोजन में मिल जाता है. छोटी-छोटी मात्रा में BPA लेना काफी हानिकारक होता है और इसका असर लंबे समय तक बना रहता है. अब तो इसे बैन करने की मांग भी उठ रही है.

क्‍या है बेहतर

कई प्‍लास्टिक कंटेनर्स एक बार प्रयोग होने के बाद अगले प्रयोग के लिए ठीक से साफ नहीं होते. प्‍लास्टिक की कुछ मात्रा भोजन में मिलती ही है. साथ ही ऐसे कंटेनर्स, जिसमें डिटर्जेंट या पेंट आदि रखा गया हो उसे धोकर भोजन रखने के लिए कभी प्रयोग नहीं करना चाहिए.

इन्‍हें करें इस्‍तेमाल

शीशे के मोटे बर्तनों को अवन के लिए प्रयोग करें. अच्‍छे ग्‍लासवेयर में ही भोजन को दोबारा गर्म करें. डेकोरेटिव ग्‍लास प्‍लेट्स को प्रयोग करने से बचें. पेपर प्‍लेट को भी भोजन गर्म करने के लिए इस्‍तेमाल कर सकते हैं.

घर बैठे भेजें पैसे

इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के जरिए किसी के भी खाते में पैसे ट्रांसफर करना अब बेहद आसान हो गया है. अब आप कहीं से भी और कभी भी किसी के खाते में कितना भी रुपया ट्रांसफर कर सकते हैं. आज के समय में उपभोक्ताओं की अलग-अलग जरूरतों और राशि के मुताबिक इंटर बैंक ट्रांसफर, एनईएफटी, आरटीजीएस, आईएमपीएस, यूपीआई जैसे कई मनी ट्रांसफर विकल्प उपलब्ध हैं.

जानिए ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर के विकल्पों के बारे में

अगर आपको किसी भी व्यक्ति के बैंक के अकाउंट में पैसे भेजना हो तो आप इसके लिए एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर), आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम), आईएसपीएस (इंटरबैंक मोबाइल पेमेंट सर्विस), यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) और इंटर बैंक व इंटर एकाउंट मनी ट्रांसफर विकल्प में से किसी एक को चुन सकते हैं.

एनईएफटी

हम बैंक के काउंटर पर जाकर पैसा जमा करवाते हैं. नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर ठीक इसी तरह काम करता है. इसके जरिए आप सामान्य बैंकिंग कार्यदिवसों (वर्किंग डेज) में सुबह 8 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं. दूसरे और चौथे शनिवार, रविवार या सार्वजनिक अवकाश के दिन, जब सामान्य बैंक भी बंद होते हैं, एनईएफटी से पैसे ट्रांसफर नहीं किए जा सकते हैं. एनईएफटी के तहत एक रुपए की राशि से लेकर 5 लाख रुपए तक फंड ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके लिए बैंक 2.5 रुपए से लेकर 25 रुपए तक चार्ज करते हैं.

आरटीजीएस

रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम पैसे ट्रांसफर करने का तेज विकल्प है. इसके तहत 24 घंटे में कभी भी फंड ट्रांसफर किया जा सकता है. पैसे ट्रांसफर करने के तुरंत बाद से लेकर अधिकतम 2 घंटे के भीतर पैसा संबंधित खाते में जमा हो जाते हैं. अगर किन्ही वजहों से बैंक दो घंटों के भीतर यह राशि बैंक खाते में जमा नहीं कर पाते, तो यह राशि पैसा भेजने वाले के खाते में जमा हो जाती है. इसके लिए बैंक 25 रुपए से 50 रुपए तक चार्ज करते हैं. बैंकिंग टाइमिंग के बाद फंड ट्रांसफर के लिए अतिरिक्त चार्ज का भुगतान करना पड़ता है.

आईएमपीएस

इंटर बैंक मोबाइल पेमेंट सर्विस छोटी राशि ट्रांसफर करने का सबसे तेज माध्यम है. यह प्लेटफॉर्म मुख्य रुप से मोबाइल बैंकिंग के तहत पैसे ट्रांसफर और ऑनलाइन शॉपिंग के लिए तैयार किया गया है. इसमें फंड ट्रांसफर करने की कोई मिनिमम लिमिट नहीं होती है. बैंक इसके लिए 5 से 15 रुपए तक की राशि चार्ज करते हैं. इसके जरिए इंटरनेट बैंकिंग के अलावा आप मोबाइल नंबर पर भी पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं.

इंटर बैंक और इंटर एकाउंट मनी ट्रांसफर

इसमें पैसों का लेन-देन बैंक के नेटवर्क के बीच में ही होता है. यह सिस्टम रियल टाइम आधार पर काम करता है. इसके तहत एकाउंट होल्डर किसी भी वक्त अपने या उसी बैंक में किसी तीसरे व्यक्ति के एकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर सकता है. रियल टाइम सिस्टम के जरिए ट्रांसफर की गई राशि तुरंत उस एकाउंट में क्रेडिट हो जाती है. इसमें पैसे ट्रांसफर की कोई लिमिट नहीं है. बैंक इस सुविधा के लिए कोई चार्ज नहीं वसूलते हैं.

यूपीआई

अगस्त महीने में लॉन्च हुई यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सर्विस का नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) तेजी से विस्तार करने की तैयारी में है. यूपीआई एक यूनिक पेमेंट सॉल्यूशन है जिसे यूपीआई समर्थित किसी भी एप को ई-मेल, आधार नंबर और मोबाइल नंबर से एक्टिवेट कर सकते हैं.

..तो इसलिए पूनम ने दिए बोल्ड सीन

कभी बोल्ड अंदाज तो कभी बोल्ड बयान को लेकर अक्सर विवादों में घिरी रहने वालीं पूनम पांडे ने इस बार ऐसा करने का कारण भी शेयर किया है. उन्होंने विवाद पैदा करने का कारण बॉलीवुड के खान्स और कपूर्स पर लगाया है.

जी हां, पूनम पांडे का कहना है, ‘मैं हमेशा से चाहती थीं कि लोग मुझे भी नोटिस करें. मगर बॉलीवुड में नई एक्ट्रेस को खान्स और कपूर्स के आगे नजरअंदाज ही कर दिया जाता है. मैं ऐसा नहीं चाहती थीं, इसलिए ‘कंट्रोवर्सी क्वीन’ बन गई.’

आपको बता दें कि पूनम पांडे ने यह दावा किया था कि यदि भारतीय क्रिकेट टीम साल 2011 का वर्ल्ड कप जीत जाती हैं तो वो न्यूड हो जाएंगी. इसके बाद से ही वो सुर्खियों में आई थीं.

उन्होंने इस बारे में बताया, ‘मैं अपने जर्नलिस्ट दोस्त के साथ बैठी थी. हम सोच रहे थे कि कुछ बड़ा किया जाए. मैंने इससे पहले 25-30 कैलेंडर शूट ही किए थे. वो सभी बड़े थे, मगर पहचान फिर भी गायब थी. मैं यह पहले ही देख चुकी थी कि इंडस्ट्री में कई लड़कियां मेहनत करती हैं, मगर खान्स और कपूर्स के आगे सभी उन्हें भूल जाते हैं. ऐसे में अपनी पहचान बनाना मुश्किल था और यह काम तब और भी कठिन हो जाता है कि जब आप किसी खास जगह से नहीं आते. ऐसे में तो कंट्रोवर्सी ही वो चीज बचती है, जो आपको पहचान बनाने में मदद करती है.’

पूनम पांडे सोशल मीडिया पर अपनी बोल्ड तस्वीरें व वीडियो शेयर करने को लेकर सुर्खियों में छाई रहती हैं. इस बारे में उनका कहना है, ‘मेरा कोई ड्रीम रोल नहीं है, मगर हां साड़ी और घूंघट में खुद को देखकर मैं बहुत ज्यादा खुश हो जाऊंगी.’

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