कुछ इस तरह मरना चाहते हैं किंग खान

बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की जिंदगी पर लिखी गई एक किताब लॉन्च हुई है. ‌इस किताब में शाहरुख खान के बॉलीवुड में 25 सालों के सफर की पूरी कहानी है. फोटोज और शब्दों के जरिए उनके इस सफर को बखूबी बयां किया गया है.

उनकी इस किताब से हर रोज कोई ना कोई किस्सा सामने आ रहा है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि ’25 Years Of A Life’ किताब में शाहरुख की मौत के बारे में क्या लिखा गया है. उन्होंने खुद इस बारे में खुलासा किया है.

शाहरुख का कहना है कि वो काम करते हुए यानि शूटिंग के दौरान ही मौत को गले लगाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा से कहता हूं कि मेरे लिए दुनिया से विदाई लेने का सबसे अच्छा तरीका होगा कि कोई रोल-कैमरा-एक्‍शन बोले और मैं दुनिया से चला जाऊं.’

शाहरुख ने कहा कि वो अपनी आखिरी सांस तक काम करना चाहते हैं. उन्होंगे आगे बताया, ‘मुझे अपने स्टारडम से बहुत प्यार है और मैं इसे खोने से बहुत डरता हूं. मुझे पसंद है कि लोग मेरे घर के बाहर आते रहें और मुझे अपना प्यार दें.’

शाहरुख ने कहा कि ये मुझे रास्ते पर खड़े होकर पावभाजी खाने से भी ज्यादा अच्छा लगता है. इससे पहले इस किताब से सामने आया था कि हेमा मालिनी ने शाहरुख की नाक देखकर उन्हें ‌फिल्म ‘दिल आशना है’ में साइन किया था.

सलमान नहीं रितिक करेंगे ‘रेस’

बॉलीवुड के जाने माने निर्देशक अब्बास-मस्तान अपनी सुपरहिट फिल्म ‘रेस’ का तीसरा संस्करण बनाना चाहते हैं. ‘रेस’ और ‘रेस 2’ में सैफ अली खान ने मेन रोल निभाया था. ‘रेस 3’ में सलमान खान के होने की चर्चा थी लेकिन फिल्ममेकर्स का कहना था कि उन्होंने सलमान से इस बारे में कोई बात नहीं की.

अब खबर है कि रितिक रोशन ने ‘रेस 3’ में दिलचस्पी दिखाई है, उन्हें स्क्रिप्ट भी पसंद है. चर्चा है कि वो निर्माता रमेश तौरानी की फिल्म ‘रेस-3’ में रितिक लीड रोल में नजर आएंगे.

‘रेस’ के तीसरे पार्ट के लिए सलमान खान को लीड रोल में लेने पर अब्बास-मस्तान ने कहा था कि ‘रेस 3’ के लिए सलमान से अब तक संपर्क नहीं किया गया है, अब्बास मस्तान ने कहा था, हमने सलमान से किसी विचार पर चर्चा नहीं की है. हमने अब तक ‘रेस 3’ पर काम शुरू नहीं किया है. अगले साल हम फिल्म के कलाकारों और अन्य चीजों पर फैसला करेंगे. सलमान इन दिनों कबीर खान की फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ की शूटिंग कर रहे हैं.

रितिक रोशन ‘काबिल’ की शूटिंग लगभग खत्म कर चुके हैं. ‘कृष 4’ शुरू होने में समय है. बचे हुए समय में वे ‘रेस 3’ की शूटिंग कर सकते हैं. इसीलिए उन्होंने फिल्म के लिए हां कहा है.

थ्रिलर फिल्म ‘रेस’ के इससे पहले के दोनों पार्ट्स ने अच्छा कारोबार किया था. इसका पहला संस्करण 2008 में रिलीज हुआ था जिसमें सैफ अली खान और अक्षय खन्ना अहम भूमिकाओं में थे जबकि इसकी सीक्वल 2013 में रिलीज हुई थी.

फिल्म रिव्यू: रॉक ऑन 2

2008 की सफलतम फिल्म ‘‘रॉक ऑन’ के सिक्वअल ‘‘रॉक ऑन 2’’ से काफी उम्मीदे थी. फरहान अख्तर ने इस फिल्म के निर्देशन की जिम्मेदारी एक प्रतिभाशाली निर्देशक शुजात सौदागर को सौंपी. उन्होंने 2005 में साठ मिनट की एक लघु फिल्म ‘‘बाली’’ का निर्देशन कर सर्वश्रेष्ठ फिल्म का ‘आईटीए’ अवार्ड भी जीता था. मगर कमजोर कहानी व पटकथा के चलते फिल्म का बंटाधार हो गया.

फिल्म ‘‘रॉक ऑन 2’’ की कहानी पिछली आठ वर्ष पहले आयी फिल्म ‘रॉक ऑन’ से आगे बढ़ती है. इस बीचपांच वर्ष पहले मशहूर संगीतज्ञ पं.विभूति (कुमुद मिश्रा) के बेटे राहुल शर्मा की आत्महत्या का बोझ लेकर आदित्य श्राफ (फरहान अख्तर) मुंबई छोड़कर शिलांग के एक गांव में जाकर बस गया है. उसकी पत्नी साक्षी (प्राची देसाई) व बेटा मुंबई में ही रह रहे हैं. शिलांग के गांव में आदित्य गांव के किसानों के साथ मिलकर कोआपारेटिव मूममेंट के अलावा पंचायत स्कूल से जुड़ चुका है. पर उसे हर दिन यह बात सताती रहती है कि उसकी वजह से गायक राहुल शर्मा ने आत्महत्या की थी. वास्तव में आदित्य का बैंड मैजिक लोकप्रिय था, तो राहुल ने आदित्य को अपने गानों की सीडी दी थी. कई बार याद दिलाने के बावजूद आदित्य ने वह सीडी नहीं देखी. और जब एक म्यूजिकल कंसर्ट में आदित्य ने ‘जागो’ गीत गाया, तो इस गीत के संगीत की आलोचना करने के साथ साथ आदित्य से राहुल ने बहस की थी. अंत में राहुल यह कह कर चला गया था कि कल से वह उसकी आवाज नहीं सुनेंगे और फिर उसी रात राहुल ने आत्महत्या कर ली थी.

मैजिक बैंड से जुड़े जोसेफ उर्फ जो मास्र्कंहस (अर्जुन रामपाल) अब टीवी के रियालिटी शो के जज के अलावा अपना एक पब चला रहे हैं. जबकि केदार झवेरी उर्फ के डी (पूरब कोहली) अभी भी संगीत से जुड़ा हुआ है. यह तीनों अलग होते हुए भी दोस्त हैं. आदित्य के जन्मदिन पर सभी उससे मिलने शिलांग जाते हैं. तथा आदित्य के मन में संगीत को जगाने का प्रयास कर वापस आ जाते हैं.

उधर किसानों की वेलफेअर बोर्ड के अध्यक्ष महेंद्र से आदित्य की अनबन हो जाती है. एक दिन पूरे गांव में आग लग जाती है. सब कुछ खत्म हो जाता है. वह आत्महत्या करने जाता है, तो चेरापूंजी में उसकी मुलाकात उभरती म्यूजीशियन व गायिका जिया शर्मा (श्रद्धा कपूर) से होती है. जो कि पं.विभूति की बेटी और राहुलशर्मा की बहन है. अब केडी, आदित्य को लेकर मुंबई आ जाता है. उधर जिया के साथ एक सरोद वादक उदय (शशांक अरोड़ा) जुड़ चुका है. उदय के प्रयासों से ही के डी, जिया व उदय का गाना सुनने के लिए अपने स्टूडियो में बुलाता है. तभी जिया की पहचान सामने आती है. अपने पिता के नाराज हो जाने के डर से जिया स्टेज पर नही गाती है. पं.विभूति शर्मा ठहरे शास्त्रीय संगीतकार, तो उन्हे राक कल्चर समझ में नहीं आता. वह फ्यूजन संगीत के खिलाफ हैं.

पर इसी बीच आदित्य को पता चलता है कि शिलांग के गांव में जो आग लगी थी, उसकी वजह से वहां के लोग भूखे मर रहे हैं. तो वह उनकी मदद के लिए वहां जाता है. इससे नाराज होकर आदित्य की पत्नी साक्षी उससे अलग हो जाती है. फिर आदित्य, केडी, जो, उदया, जिया मिलकर उसी गांव में एक बड़ा म्यूजिकल कंसर्ट कर पैसा जमाकर गांव वालों की मदद करना चाहते हैं. सारी तैयारी हो जाती है. महेंद्र इस कंसर्ट को रोकने का असफल प्रयास करता है. फिर गांव वालों की जिंदगी पुरानी पटरी पर आ जाती है. अब अब आदित्य व जिया मिलकर संगीत तैयार करने लगे हैं. आदित्य का बेटा भी संगीत में रूचि लेने लगा है.

फरहान अख्तर और फिल्म के निर्देशक शुजात सौदागर ने हमसे बातचीत करते हुए दावा किया था कि यह पूरी तरह से संगीत प्रधान फिल्म है. पर फिल्म देखकर यह दावे खोखले साबित होते हैं. फरहान ने दावा किया था कि इस फिल्म में बदली हुई सामाजिक या राजनीतिक स्थितियों का जिक्र नहीं है. मगर किसानों का मसला, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को बहुत ही शुष्क तरीके से पिरोकर फिल्म का बंटाधार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

फिल्म देखते समय यदि दर्शकों को साक्षी व आदित्य के रिश्ते का टूटना देखकर फरहान अख्तर की निजी जिंदगी की कहानी याद आ जाए, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए. वैसे इस फिल्म में यदि प्राची देसाई का किरदार न होता, तो भी कोई फर्क न पड़ता. वैसे भी प्राची देसाई के हिस्से करने को कुछ है ही नहीं. पर प्राची ने इस फिल्म में अभिनय किया, यह भी कम आश्चर्य की बात नहीं है.

इंटरवल से पहले फिल्म बहुत धीमी गति से आगे बढ़ती है. और कहानी इस तरह से आगे बढ़ती है कि दर्शक बुरी तरह से बोरीयत के चलते झल्ला उठता है. इंटरवल के बाद कहानी का ऐसा घालमेल है, कि दर्शक पूछ बैठता है कि संगीत कहां गया? बाप-बेटी, भाई-बहन और दोस्ती इन सभी रिश्तों को कहानी के एक सूत्र में बांधने में कहानीकार व पटकथा लेखक पूरी तरह से असफल है. कथानक के स्तर पर जबरदस्त विरोधाभास है.रिश्तों व दोस्ती की बात करने वाली फिल्म ‘रॉक ऑन’ में आदित्य को अपने वैवाहिक रिश्ते, अपनी पत्नी साक्षी से रिश्ते की बजाय बल्कि जिया के करियर की चिंता ज्यादा सताती है. फिल्म के कुछ भावुक दृश्य अच्छे बन पड़े हैं, कुछ संवाद भी अच्छे हैं, मगर इससे फिल्म संभलती नही है. पुरानी फिल्म ‘‘रॉक ऑन’’ के मुकाबले कहानी के स्तर पर उसका सिक्वल ‘‘रॉक ऑन 2’’ कहीं नहीं ठहरता. संगीत का स्तर पहली फिल्म के मुकाबले काफी कमजोर है.

जहां तक अभिनय का सवाल है तो शशांक अरोड़ा ने काफी अच्छी परफॅामेंस दी है. अर्जुन रामपाल या पूरब कोहली बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं करते हैं. श्रद्धा कपूर का अभिनय देखकर लगता है कि अब वह अभिनय की बजाय सिर्फ संगीत व गायन में करियर बनाना चाहती हैं.

फिल्म में मेघालय व शिलांग की लोकेशन जरुर लोगों को पसंद आएगी. फरहान अख्तर व रितेश सिद्धवानी निर्मित दो घंटे बीस मिनट की अवधि वाली फिल्म के निर्देशक शुजात सौदागर, संगीतकार शंकर एहसान लाय हैं.

रिच ऐंड रौयल लुक दें ब्रोकेड साड़ियां

डेलीवियर में हम किसी भी तरह का आउटफिट क्यों न पहनें, लेकिन जब बात हो फैस्टिवल, मैरिज या पार्टीज की, तो महिलाएं इंडियन ड्रैस को ही प्रैफर करती हैं. इंडियन ड्रैस यानी औनली साड़ी.

ब्रोकेड साड़ियों की खासीयत

आजकल ब्रोकेड साड़ियों की बेहद डिमांड है. कोलकाता के साड़ी विक्रेता सुभाष मुखर्जी बताते हैं कि इस बार इन साड़ियों की धूम है. इस की वजह है इन का गुड व रौयल लुक. अब भले ही फैस्टिवल सीजन समाप्त हो गया हो, लेकिन मैरिज पार्टीज व न्यूली ब्राइड के लिए आप ब्रोकेड साड़ी पसंद कर सकती हैं.

साड़ियों की शौकीन मीनाक्षी सिन्हा बताती हैं कि मुगल पीरियड से पहले ब्रोकेड साडि़यों में इसी मैटीरियल का प्रयोग किया जाता था. इस की मुख्य वजह थी सिल्वर, गोल्डन व कौटन फैब्रिक्स. यही कारण है महिलाएं ब्रोकेड साड़ियां ज्यादा प्रैफर कर रही हैं.

खूबसूरत बौर्डर ही है साड़ी की खूबसूरती

यदि साड़ी में खूबसूरत बौर्डर हो तो बात ही क्या. अगर महिलाएं उन्हें स्टाइल व केयर के साथ कैरी करती हैं तो साड़ी का खूबसूरत बौर्डर उन के लुक को रिच, रौयल व हाई बनाता है. डिजाइनरों द्वारा बौर्डर को खूबसूरत बनाने का लगातार प्रयास किया जाता है ताकि इन साड़ियों की डिमांड दिनोंदिन बढ़े. डिजाइनर बौर्डर की क्वालिटी, ड्युरैबिलिटी और फास्ट कलर आदि का खास ध्यान रखते हैं ताकि इस की क्वालिटी मैंटेन रहे. इस के अतिरिक्त विविध प्रकार के पैरामीटर जैसे, शेड्स, शेप, विथ व थिकनैस भी ब्रोकेड साड़ियों की खास पहचान है.

जौर्जेट सिल्क फैब्रिक

सिल्क ब्रोकेड के लिए बुनकरों द्वारा साड़ियों को साटन व लूम से तैयार किया जाता है. बुनाई में कलरफुल थ्रेड यूज किए जाते हैं. यही वजह है कि आप इन खास साड़ियों को फैस्टिवल के अलावा मैरिज व अन्य मौकों के लिए भी चूज कर सकती हैं. सिल्क जौर्जेट ब्रोकेड साड़ियां अपनी स्मूदनैस, सौफ्टनैस व शाइनी लुक के कारण लोकप्रिय व डिमांड में हैं.

अदर आउटफिट्स

साड़ियों के अलावा आजकल ब्रोकेड ब्लाउज, सलवारसूट व लहंगे भी युवतियों व महिलाओं को खूब भा रहे हैं. कारण इन की ड्युरैबिलिटी, थिकनैस व ब्राइटनैस. अन्य वैराइटिज में कांचीपुरम ब्रोकेड साड़ी या बनारसी ब्रोकेड साड़ी भी आप कैरी कर सकती हैं.

अदर प्रोडक्ट्स

ब्रोकेड फैब्रिक युवतियों व महिलाओं को खूब भा रहा है. सब की पसंदीदा व बेहद डिमांड की एक अन्य वजह साड़ियों के अलावा ब्रोकेड फैबिक्र की जूतियां, बैग्स, हैंगिंग ज्वैलरी भी हैं, जिन्हें आप अपनी सुविधानुसार इस्तेमाल कर सकती हैं.

रखरखाव

इन खूबसूरत साड़ियों को पहनते समय कुछ खास बातों का भी ध्यान रखें.

जब भी साड़ी पहनें आंचल को ओपन कैरी करें. बौर्डर ही इस की खूबसूरती है. अत: जब भी कैरी करें बौर्डर स्ट्रेट हो, यह ध्यान रखें. ब्रोकेड साड़ियों के साथ ब्रोकेड बौर्डर वाले ब्लाउज यूज कर सकती हैं. आप चाहें तो हाफ स्लीव नैट या जौर्जेट ब्लाउज भी कैरी कर सकती हैं. पार्टी आदि से आने के बाद कुछ देर साड़ी को खुला रखने के बाद ही तह लगाएं.

फिल्म रिव्यू : इश्क जुनून-द हीट इज ऑन

पाश्चात्य के प्रभुत्व में जी रही युवा पीढ़ी को बहुत नजदीक से समझने के दावे के साथ फिल्मकार संजय शर्मा थ्रीसम पर आधारित एक अति बोल्ड और अति सेक्सी फिल्म ‘‘इश्क जुनूनःहीट इज ऑन’’ लेकर आए हैं, इस फिल्म को पार्न फिल्मों की तरफ बढ़ता हुआ कदम ही माना जा सकता है. जिसमें बेसिर पैर की कहानी व घटिया पटकथा के साथ साथ ही घटिया निर्देशन है.

फिल्म ‘‘इश्क जुनून-द हीट इज ऑन’’ की कहानी के केंद्र में दो गहरे दोस्त वीर (राजवीर) और राज (अक्षय रंगशाही) हैं, जो कि बचपन से ही एक दूसरे की हर छोटी बड़ी बात के राजदार हैं. दोनों अपनी जिंदगी की हर बात एक दूसरे को न सिर्फ बताते हैं, बल्कि खुशी और दुःख के मौके पर भी एक ही रहते हैं. इनकी दोस्ती को कोई तोड़ नहीं पाता. जबकि उत्तर भारत के एक छोटे शहर की मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की पाखी (दिव्या सिंह) अपने आसमानी सपनों को पूरा करने और एकदम स्वतंत्र जिंदगी जीने की चाह के साथ मुंबई शहर में पहुंचती है. वह अपने मंगेतर रंजीत (राज आर्यन) को भी महत्व नही देती. उसे लोडेड यानी कि करोड़पति प्रेमी की तलाश है.

एक पार्टी में पाखी एक एमएलए के बेटे को फंसाने के चक्कर में खुद ही फंस जाती है, मगर ऐन वक्त पर राज उसकी मदद कर उसे उसके हास्टल तक छोड़ देता है. हास्टल की सहेलियों से पाखी को पता चलता है कि राज कई हजार करोड़ का मालिक है. बस फिर पाखी, राज को रिझाने में लग जाती है. एक दिन राज, पाखी को लेकर अपने फार्म हाउस पहुंचता है और उनका पीछा कर रहे रंजीत को राज अपने बाडीगार्ड दिलावर के हाथों पिटवाकर पेड़ पर लटकवा देता है. फार्म हाउस के बंगले के अंदर प्यार के नाम पर राज व पाखी के बीच गंदे सेक्स का खेल चलता है. दूसरे दिन सुबह वहां वीर भी पहुंच जाता है. पाखी को राज बताता है कि सारी जायदाद उसके मित्र वीर की वजह से है. फिर राज गायब हो जाता है.

वीर, पाखी को घोड़े पर बैठाकर पूरा फार्म हाउस घूमाते हुए बताता है कि वह इस पांच हजार करोड़ की जायदाद का मालिक है. अब पाखी, वीर के साथ प्यार करना शुरू कर देती है और वीर व पाखी के बीच सेक्स का खेल चलता है. जब पाखी की नींद खुलती है, तो पता चलता है कि सामने राज बैठा हुआ है. राज उसके सामने खुद व अपने दोस्त वीर के साथ शादी करने का प्रस्ताव रखता है.

उसके बाद राज बताता है कि उस पार्टी में एलएलए के बेटे के चक्कर में पाखी ने वीर को अनदेखा किया था, इसी कारण राज ने उसकी मदद की थी और यहां तक उसे लेकर आया. यहीं पर पता चलता है कि राज व वीर एक अनाथालय में साथ में रहते थे. पर इस जायदाद के मालिक व उस वक्त के राजा ने अपनी कम उम्र की रानी के इशारे पर इन्हें गोद लिया था. रानी इनके साथ अपनी सेक्स की हवस की भूख मिटाती थी. पर हालातों के चलते राजा व रानी  को राज ने मार दिया था. तब से वह दोनो इस जायदाद के मालिक हैं.

मगर पाखी राज व वीर दोनों के साथ शादी करने की बजाय वहां से भागने का प्रयास करती है. कुछ प्रयास विफल हो जाते हैं. अंत में रंजीत के हाथों राज मारा जाता है, फिर वीर खुद को गोली मार लेता है.

इंटरवल से पहले फिल्म में अति बोल्ड व पार्न  की याद दिलाने वाले सेक्स दृश्य है, पर यह भाग रहस्य का अहसास दिलाकर कुछ उत्सुकता जगाता है. मगर इंटरवल के बाद फिल्म पर से निर्देशक व पटकथा लेखक की पकड़ खत्म हो जाती है. फिल्म देखकर दर्शक यही सोचता है कि उसने क्यों अपनी गाढ़ी कमाई इतनी घटिया फिल्म के लिए बर्बाद कर दी. यदि निर्देशक व लेखक संजय शर्मा की सोच यह हैं कि आज की युवा पीढ़ी सिर्फ सेक्स के पीछे भाग रही है, तो इस फिल्म का परिणाम बता देगा कि यह उनकी सबसे बड़ी भूल थी. शायद वह भूल गए कि अभी भी भारत में पार्न फिल्मों का बाजार नहीं बना है. फिल्म का गीत व संगीत भी प्रभावित नहीं करता. फिल्म को अच्छी लोकेशन पर फिल्माया गया है.

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो राजवीर और अक्षय रंगशाही दोनो ही निराश करते हैं. सेक्स से इतर कुछ दृश्यों में दिव्या सिंह उम्मीद जगाती हैं. राज आर्यन के हिस्से करने को कुछ है ही नहीं.

‘शांतकेतन इंटरटेनमेंट’’ और ‘‘विन्र फिल्मस’’ के बैनर तले बनी फिल्म ‘‘इश्क जुनून-द हीट इज ऑन’’ के निर्माता अनुज शर्मा व विनय गुप्ता, निर्देशक संजय शर्मा, संगीतकार संजीव दर्शन, अंकित तिवारी, जीत गांगुली, वरदान सिंह और अंजान भट्टाचार्य, गीतकार संजीव चतुर्वेदी और शिराज निजामी हैं.

अजनबी शहर में न भूलें ये बातें

नए शहर में घूमने जा रही हैं, तो कुछ बातें जरूर होंगी, जिनके बारे में आपको पता नहीं होगा. ऐसे में नए और अजनबी शहर में ट्रिप पर किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए आपको कुछ जरूरी बातों का ख्याल रखना होगा.

कैब बुकिंग

किसी नए शहर में जाते हुए होटल बुक करना और फैसिलिटी पर ध्यान देने पर हमारा खास फोकस रहता है, लेकिन हम अक्सर ट्रैवल के लिए कैब बुक करना भूल जाते हैं और ऐन मौके पर हमे भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

अडवांस इवेंट बुकिंग

आप जिस शहर में जा रही हैं, वहां एक बड़ा इवेंट भी होने वाला है. यकीनन आप उसमें भी शामिल होना चाहेंगी. लेकिन ऐसा न हो कि आखिरी वक्त में आपको टिकट न मिल पाए और उसमें शामिल होने की आपकी प्लानिंग धरी की धरी रह जाए. ऐसे में किसी भी इवेंट की अडवांस बुकिंग करवा लेना सुविधा की दृष्टि से बेहतर रहेगा.

मैप और डॉक्यूमेंट्स

शहर में बिना भटके घूमना है, तो मैप तो साथ ले जाना ही होगा. और अगर अपने डॉक्यूमेंट्स भूल गए, तो सफर के किसी भी हिस्से पर आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में मैप और अपने डॉक्यूमेंट्स साथ ले जाना न भूलें.

सेफ्टी

अजनबी शहर में हैं, तो सुरक्षा का ख्याल रखते हुए शहर के सुनसान इलाकों में देर रात तक न घूमें. जहां भी घूमने जाएं, उसकी जानकारी अपने परिवार को जरूर दें. कई बार हम बस रास्ते में चलते किसी भी कैब को रोककर उसमें बैठ जाते हैं, जो सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक होता है. ऐसे में सुरक्षा और सुविधा का ख्याल रखते हुए ट्रैवल एजेंट के माध्यम से कैब की बुकिंग पहले ही करवा लें.

दीपिका चलीं ईरानी फिल्मो की ओर

हॉलीवुड में ‘ट्रिपल एक्स: रिर्टन ऑफ जैन्डर केज’ से डेब्यू कर चुकीं दीपिका पादुकोण अब ईरानी सिनेमा में भी काम करने जा रही हैं. दीपिका मशहूर ईरानी डायरेक्टर माजिद मजीदी की फिल्म में काम करती नजर आएंगी. दीपिका फिल्म में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली लड़की का किरदार निभाएंगी.

माजिद के साथ दीपिका के काम करने का अभी तक कोई ऑफिशियली ऐलान नहीं किया गया है. माजिद-दीपिका की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की गई हैं, कैप्शन में उनके साथ काम करने की जानकारी दी गई है. लिखा गया है कि दीपिका-माजिद की वो तस्वीरें फिल्म के सेट की हैं.

देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा के हॉलीवुड में छाने के बाद अब दीपिका भी दुनियाभर में अपना जलवा बिखेर रही हैं. दीपिका हाल ही में ‘एमटीवी यूरोप 2016 म्यूजिक अवॉर्ड’ को प्रेजेंट करती नजर आई थीं. इस अवार्ड समारोह में शिरकत करने वाली दीपिका पहली बॉलीवुड एक्ट्रेस हैं.

उनकी पहली हॉलीवुड फिल्म ‘ट्रिपल एक्स: रिर्टन ऑफ जैन्डर केज’ रिलीज के लिए तैयार है. फिल्म में उनके साथ हॉलीवुड स्टार विन डीजल लीड रोल में हैं. ‘ट्रिपल एक्स’ भारत में अंग्रेजी और हिंदी के साथ तमिल, तेलगु में भी रिलीज होगी. यह फिल्म 2002 में आई फिल्म ‘ट्रिपल एक्स’ और 2005 में आई फिल्म ‘ट्रिपल एक्स: स्टेट ऑफ द यूनियन’ का सीक्वल है. फिल्म 20 जनवरी 2017 को रिलीज होगी.

दीपिका इस फिल्म के बाद बॉलीवुड फिल्म ‘पद्मावती’ में नजर आएंगी. जिसके लिए वह जल्द ही शूटिंग शुरू करने वाली है. फिल्म में उनके साथ रणवीर सिंह और शाहिद कपूर लीड रोल में नजर आएंगे.

डाइनिंग टेबल पर खाना खाने के कायदे

डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना तो हम सभी खाते हैं लेकिन जैसे हमें सुविधा होती है, उसी तरह. कम ही लोग डाइनिंग टेबल से जुड़े सारे नियम फॉलो करते हैं. हालांकि बचपन में सिखाया हम सभी को जाता है लेकिन बड़े होने के साथ ही हम ये कायदे भूलते जाते हैं. कुछ नियम हैं, जिन्हें डाइनिंग टेबल पर बैठने के दौरान फॉलो करना चाहिए. ये नियम सिर्फ उस वक्त के लिए नहीं हैं जब हम घर के बाहर खाना खा रहे हों, घर की मेज पर बैठकर भी हमें ये कायदे-कानून फॉलो करने चाहिए.

1. बैठने का सलीका

डाइनिंग चेयर का चुनाव खुद कभी न करें. जब आपका होस्ट आपको कुर्सी पर बैठने का इशारा करे तभी कुर्सी पर बैठें. या फिर पूछ लें कि क्या मैं यहां बैठ सकती हूं?

2. टेबल नैपकिन

जब हम बैठकर खाना खा रहे होते हैं तो टेबल नैपकिन को अपनी गोद में बिछा लेते हैं. खाना खाने के बाद हम हाथ और मुंह साफ करके नैपकिन को टेबल पर रख देते हैं, बिना यह देखे कि कुछ लोग अभी भी खाना खा रहे हैं. नैपकिन को टेबल पर रखने से पहले इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि सारे लोग खाना खा चुके हों.

3. खाना सर्व करने का तरीका

होस्ट को खाना सर्व करने की शुरुआत करनी चाहिए. जब एक प्लेट में एक डिश सर्व कर दी जाए तो उसे क्लॉक वाइज आगे बढ़ाना चाहिए.

4. चम्मच और चाकू पकड़ने का सही तरीका

– फोर्क हमेशा बाएं हाथ में पकड़ना चाहिए.

– चाकू दाएं हाथ में और प्लेट से एक इंच की दूरी बनाकर.

5. कब करें खाने की शुरुआत

खाना तब तक शुरू नहीं करना चाहिए जब तक कि सभी मेहमानों की प्लेट में खाना सर्व न हो जाए. अगर डिनर फॉर्मल है तो होस्ट की घोषणा का इंतजार करना चाहिए.

जीनत संग सोना चाहते थे जूनियर बच्चन

70 के दशक में जीनत अमान की खूबसूरती के दीवानों की फेहरिस्त में अभि‍षेक बच्चन का नाम भी शामिल था. लिहाजा उस दौरान अभि‍षेक बच्चन उम्र में काफी छोटे थे लेकिन फिर भी उन्हें जीनत अमानत बेहद पसंद थीं. एक टीवी शो के दौरान जूनियर बच्चन ने ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ फेम एक्ट्रेस जीनत अमान को अपना पहला प्यार बताया.

टीवी शो पर अभि‍षेक बच्चन ने अपने बचपन के एक मजेदार किस्से को शेयर किया. अभि‍षेक बच्चन ने बताया कि उनके पिता अमिताभ बच्चन एक दफा हिमाचल में जीनत अमान संग फिल्म की शूटिंग कर रहे थे और इस दौरान अभि‍षेक बच्चन भी उनके साथ थे.

अभि‍षेक ने बताया कि उस दौरान उन्हें अपने पिता की को-स्टार जीनत अमान संग वक्त बिताना बहुत अच्छा लग रहा था, वह हर वक्त उनके साथ खेलने में व्यस्त रहते. एक दिन जब जीनत अमान डिनर करने के बाद अपने रूम की ओर जाने लगी तभी 5 साल के क्यूट अभि‍षेक जानना चाहते थे कि वह किसके साथ सोएंगी.

जब उन्हें पता चला कि जीनत अमान अकेले ही सोने जा रही हैं तो क्यूट अभिषेक को बहुत हैरानी हुई. अभि‍षेक ने जीनत से मासूमियत के साथ पूछा, ‘क्या मैं आपके साथ सो सकता हूं?’, जीनत ने भी मजाकिया अंदाज में जवाब देते हुए कहा, ‘थोड़े बड़े हो जाओ फिर.’

रिलीज होगी एक साल पहले बैन हुई फिल्म

हालिया समय में लीक होने वाली फिल्मों में सनी देओल की ‘मोहल्ला अस्सी’ भी शामिल है. मगर इस फिल्म के साथ दुर्भाग्य यह रहा कि यह रिलीज ही नहीं हो पाई. हालांकि अब इस फिल्म की रिलीज पर मंडरा रहे संकट के बादल छंट गए हैं, क्योंकि पुनर्विचार संबंधी ट्रिब्यूनल ने ‘मोहल्ला अस्सी’ देख ली है और ‘ए’ सर्टिफिकेट दिया है. यह फिल्म संभवत: जनवरी में रिलीज होगी.

आपको बता दें कि ‘मोहल्ला अस्सी’ पिछले साल लीक हो गई थी, पूरी ओरिजनल कॉपी थी. पहले इस फिल्म के ट्रेलर को लेकर काफी हो-हल्ला मचा. सनी देओल, साक्षी तंवर समेत सभी कलाकार गालियां देते नजर आए. मगर सबसे विवादित मुद्दा भगवान शिव को भी गाली देते दिखाना था. मगर ट्रेलर लीक होने के बाद तो पूरी फिल्म ही डिजिटल फॉर्मेट में लीक होकर बाजार में पहुंच गई.

बनारस की पृष्ठभूमि पर बनी यह फिल्म धर्म व आस्था के बाजारीकरण पर कुठाराघात है और यह काशीनाथ सिंह के मशहूर उपन्यास ‘काशी का अस्सी’ पर बनी है. कोर्ट ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की वजह से ‘मोहल्ला अस्सी’ की रिलीज पर रोक लगा थी, हालांकि अब हरी झंडी मिल गई है. हालांकि लीक होने की वजह से पहले ही काफी नुकसान हो चुका है.

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