प्ले स्कूलों से सावधान

महानगरों में बच्चों के लिए क्रैच, प्रीस्कूल, प्ले स्कूल, किंडरगार्टन जैसे नामों से संचालित होने वाली संस्थाएं बदलते सामाजिक परिवेश की जरूरत बन गई हैं. कामकाजी मातापिता औफिस आवर्स में बच्चों को उचित देखभाल के लिए ऐसी संस्थाओं में छोड़ देते हैं.

बढ़ती आधुनिक जरूरतों, खत्म होते पड़ोस और संयुक्त परिवारों की टूटती परंपरा में उन्हें यही विकल्प बेहतर नजर आता है. बच्चों को लाडदुलार, स्नेह, व्यवहार व बातचीत की शिक्षा पैसे के बदले छोटे बच्चों को पालनाघर देने को तैयार हो जाते हैं. मातापिता बेफिक्र भी हो जाते हैं कि उन के बच्चे अच्छे माहौल में पलबढ़ कर जिंदगी का बुनियादी सबक ले कर भविष्य की तरफ बढ़ रहे हैं.

सतर्क रहें अभिभावक

संचालकों की मुंहमांगी फीस चुका कर इस बेफिक्री में और भी इजाफा हो जाता है. लेकिन क्या हकीकत में इसे बेफिक्री ही मान लिया जाए? ऐसा करने वाले अभिभावक कई बार सावधानी और सतर्कता बरतने वाली बुनियादी चूक कर जाते हैं. उन की चूक न सिर्फ उन्हें, बल्कि उन के बच्चे के कोमल मन पर भी भारी पड़ती है.

दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद में रहने वाले एक दंपती को भी यही बेफिक्री थी, लेकिन उन के साथ जो हुआ उस पर वे आज तक पछता रहे हैं. प्रीति व अजय (बदले नाम) दोनों ही नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे. उन की 4 साल की एक बेटी थी. प्राथमिक परवरिश के बाद उन्होंने बेटी को प्ले स्कूल भेजने का फैसला किया. उन्होंने एक बड़ी सोसाइटी में चल रहे किड्स स्कूल क्रैच में बच्ची को भेजने का फैसला किया. उन्होंने जा कर बातचीत की, तो पता चला कि महीने में 4 हजार के बदले स्कूल के संचालक बच्चे की देखभाल करते हैं. बच्चों को घर जैसा माहौल, खानापीना, स्नेह देना यानी उन का हर तरह से खयाल रखा जाता था. मातापिता के आने तक बच्चे के प्रति हर तरह की जिम्मेदारी संचालकों की होती. इस दंपती को यह बहुत अच्छा विकल्प लगा. बेटी को सुबह वहां छोड़ कर वे आराम से नौकरी पर जा सकते थे. इस से बेटी को भी किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. अत: उन्होंने बेटी को वहां छोड़ना शुरू कर दिया.

चंद महीने बाद प्रीति को बेटी की तबीयत बिगड़ती महसूस हुई. अब वह प्ले स्कूल जाने के नाम से ही रोने लगती थी. एक दिन तबीयत ज्यादा बिगड़ी, तो उन्होंने गौर किया. बेटी के शरीर पर कुछ गंदे निशान थे. उन्होंने इस बारे में प्यार से बेटी से पूछा, तो उस ने रोते हुए बताया कि यह सब उस के साथ स्कूल के दादू करते हैं. प्रीति हैरान रह गईं. उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उन की बेटी के साथ इस तरह की गंदी हरकत की जा रही थी और वे अनजान थीं. पति कंपनी के टूअर पर विदेश गए हुए थे. प्रीति ने उन के आने पर हकीकत बताई, तो 12 जनवरी, 2016 को स्कूल संचालकों के खिलाफ उन्होंने थाना विजय नगर में एफआईआर दर्ज कराई.

पुलिस ने दुष्कर्म, अप्राकृतिक यौन शोषण व बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए बनाए गए कानून के तहत काररवाई की. मैडिकल रिपोर्ट में भी इस की पुष्टि हुई. मामला संगीन था, लिहाजा पुलिस ने आरोपी अधेड़ उम्र के अरुण सिन्हा नामक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया.

दरअसल, आरोपी की पुत्रवधू प्ले स्कूल चला रही थी, जिस में वह भी सहयोग करता था. बहू जब किसी काम से बाहर जाती थी, तो वह बच्चों के साथ गंदी हरकतें करता था. बाद में उस ने प्रीति की बेटी को अपनी गंदी हरकतों का नियमित जरीया बना लिया था. किसी ने शायद ही सोचा होगा कि नामी सोसाइटी में इस तरह की घिनौनी सोच वाला शख्स शराफत का चोला ओढ़े रह रहा है. यह सचाई प्रीति और अजय के लिए किसी सदमे की तरह थी.

अब प्रीति और अजय भी पछता रहे हैं. उन के जैसे हजारों मातापिता हैं, जो ऐसा करते हैं. महानगरों में उच्च व मध्यवर्गीय मातापिता जरूरतवश औफिस आवर्स तक बच्चों को प्रीस्कूल में भेजते हैं. बड़ी कीमत चुका कर वे मान लेते हैं कि उन के बच्चे भावनात्मक, मानसिक व शैक्षिक रूप से तैयार हो कर भविष्य के लिए आगे बढ़ रहे हैं.

सोचसमझ कर चुनें प्ले स्कूल

क्या बच्चों की सुरक्षा और विकास के मामले में मातापिता अपनी सोच पर वाकई खरे उतर रहे हैं? यह सोचनीय है. अनजाने में ही सही सावधानी बरतने के अभाव में मातापिता बच्चों के दुश्मन बन जाते हैं. ऐसी नर्सरी संस्थाएं जरूरत तो हैं, लेकिन उन के चुनाव में सतर्कता जरूर बरतनी चाहिए.

हरियाणा के एक प्ले स्कूल में ढाई साल की बच्ची के साथ इस कदर मारपीट की गई कि उस का सिर ही फूट गया. बच्ची को अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा. उस के परिजनों ने स्कूल संचालिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया.

चाइल्ड प्ले स्कूलो में कई बार वह सब होता है, जो प्रत्यक्ष में दिखाई नहीं पड़ता. ऐसे भी मामले सामने आते हैं जब बच्चों को शांत रखने और उन्हें सुलाने के लिए जूस में नशीला पदार्थ तक दिया जाता है.

मातापिता को यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि बच्चे कच्चे घड़े की तरह होते हैं. उन्हें जैसा रूप दिया जाएगा वैसे ही वे हो जाएंगे. यदि उन के साथ प्रीस्कूल में अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है, तो उन में भावनात्मक व मानसिक विकृतियां आने की संभावना बढ़ जाती है. अत: अभिभावकों को छोटे बच्चे की देखभाल के दावे करने वाली संस्थाओं का चुनाव सोचसमझ कर ही करना चाहिए. यह तय करना जरूरी है कि जहां बच्चों को छोड़ना चाहते हैं वह क्या बच्चों के लिए हर तरह से सुविधाजनक और सुरक्षित है?           

इन बातों का रखें खयाल

– पता करें कि संस्था के खिलाफ पहले शिकायतें तो नहीं हैं.

– उन अभिभावकों से भी मिलें जिन के बच्चे संस्था में जाते हैं. ऐसे अभिभावकों के अनुभव लें.

– वहां आने वाले बच्चों के व्यवहार और भावनात्मकता को भी परखें.

– पता करें कि संस्था संचालकों का व्यवहार कैसा है.

– औफिस आवर्स के अलावा भी संस्था में जाएं. इस से हकीकत परखने का मौका मिलेगा.

– संस्था की इजाजत से बच्चों के बीच समय बिताएं और पूछें कि उन्हें कोई परेशान तो नहीं करता.

– समयसमय पर बच्चों से वहां की डेली गतिविधियों पर बात करें. बच्चा कुछ कहना चाहे, तो डांट कर उसे चुप न कराएं. देखें कि उस में अच्छी आदतों का विकास हो रहा है या नहीं.

– शिकायत मिलने पर बेहिचक संस्था के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करें.

चीजी जुकीनी कौइन

सामग्री

– 2 बड़े चम्मच कसा चीज

– 1/2 कप मैदा

– 1/4 कप ओट्स आटा

– 1/2 प्याज बारीक कटा

– 1/2 शिमलामिर्च बारीक कटी

– 1/2 टमाटर बारीक कटा

– 1-2 कलियां लहसुन बारीक कटा हुआ

– 1 छोटा चम्मच कालीमिर्च पाउडर

– नमक स्वादानुसार

– 1 जुकीनी के स्लाइस

– तलने के लिए पर्याप्त तेल

विधि

मैदा, ओट्स, आटा, नमक, चीज का घोल बनाएं. इस में सब्जियां डालें. चीज मिलाएं. कड़ाही में तेल गरम कर जुकीनी के स्लाइस घोल में लपेट कर डीप फ्राई करें. चटनी या सौस के साथ सर्व करें.

व्यंजन सहयोग

अनुपमा गुप्ता

बिना दवाई खाए दूर करें ये बीमारियां

क्या आप जानते हैं बहुत सी बीमारियों को बिना दवा खाए भी दूर किया जा सकता है? कई बीमारियों की रोकथाम के लिए एक्यूप्रेशर का इस्तेमाल सालों से किया जाता रहा है. एक्यूप्रेशर में शरीर के कुछ खास हिस्सों को दबाकर दर्द का इलाज किया जाता है. LV3 एक ऐसा ही प्रेशर प्वॉइंट है जो दर्द दूर करने में मदद करता है.

LV3 प्वॉइंट पैर के अंगूठे के जोड़ पर होता है. हर रोज इस प्वॉइंट को एक मिनट के लिए प्रेस करना चाहिए. तीन हफ्ते तक हर रोज ऐसा करने पर आपको खुद ही कुछ पॉजिटिव चेंज नजर आने लगेंगे. LV3 प्वॉइंट को प्रेस करने से दर्द में तो राहत मिलती है ही साथ ही ये पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है.

ये साबित हो चुका है कि LV3 प्वाइंट पीठ से जुड़ा होता है. जो दर्द कम करने में मददगार होता है. इस प्वॉइंट को प्रेस करने से पीरियड्स के दर्द में भी आराम मिलता है. रेफ्लेक्सोलॉजी के अनुसार, इस प्वॉइंट को प्रेस करने से मेटाबॉलिज्म रेट बेहतर होता है.

ये प्वांइट तनाव को कम करने में भी मददगार होता है. ऐसे में अगर आपको भी इस तरह की कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं तो आज ये ही LV3 प्वॉइंट को रोजाना एक मिनट प्रेस करें.

मसाज बनाएगा और भी ब्यूटीफुल

ब्युटीफुल स्क‍िन पाने के लिए आप भी बहुत कुछ करती होंगी. कभी पार्लर का लंबा बिल भरती होंगी तो कभी तरह-तरह की ब्यूटी-क्रीम खरीदकर लाती होंगी. पर क्या इतने जतन करने के बाद भी आपको मनपसंद स्क‍िन मिल पायी है? ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो स्मूद स्किन पाने के लिए सबकुछ करके हार चुके हैं पर एक उपाय है जो शायद आपने अब तक ट्राई नहीं किया होगा.

क्या आप जानती हैं कुछ तेलों की मालिश से आपको मनचाही स्क‍िन मिल सकती है. इन नेचुरल ऑयल्स की मदद से न केवल आपको खोया हुआ ग्लो वापस मिल जाएगा बल्क‍ि कील-मुंहासों की प्रॉब्लम भी दूर हो जाएगी.

1. लैवेंडर ऑयल से मसाज

लैवेंडर ऑयल में एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टी होती है. जिसके इस्तेमाल से कील-मुंहासों की दिक्कत दूर हो जाती है. इसका यूज आप बॉडी-मसाज और हेयर-मसाज के लिए भी कर सकते हैं.

2. ऑलिव ऑयल

ऑलिव ऑयल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इनफ्लेमेट्री प्रॉपर्टी होती है. इससे मसाज करने से चेहरे पर ग्लो आता है. अगर आपकी स्किन पर बहुत दाग-धब्बे हैं तो भी इसका इस्तेमाल फायदेमंद रहेगा.

3. कोकोनट ऑयल

कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल आप शरीर के हर अंग की मसाज करने के लिए कर सकते हैं. ये एक अच्छे मॉइश्चराइजर की तरह काम करता है. अगर आपकी स्क‍िन बहुत ड्राई है और आप इंफेक्शन के डर से कोई क्रीम नहीं लगाते तो नारियल का तेल आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है. ये दाग-धब्बों को भी हल्का करने का काम करता है.

4. यूकेलिप्टस ऑयल

यूकेलिप्टस की पत्त‍ियों से निकाला जाने वाला ऑयल बेहतरीन पेन-किलर है. इसमें बहुत सी ऐसी प्रॉपर्टी पायी जाती है जो स्कि‍न को फायदा पहुंचाती है. इसके अलावा ये ब्लड सर्कुलेशन को भी बूस्ट करता है, जिससे चेहरे पर ग्लो आता है.

5. बादाम का तेल

बादाम का तेल स्किन में ग्लो लाने का काम करता है. आंखों के नीचे मौजूद डार्क सर्कल को दूर करने में ये बहुत फायदेमंद है. इसके साथ ही ये स्क‍िन को मॉइश्चराइज करने का भी काम करता है.

फ्री क्रेडिट कार्ड ऑफर: सब कुछ नहीं होता फ्री

आम तौर पर आपको कई बैंकों की ओर से क्रेडिट कार्ड के ऑफर आते होंगे. बैंक के एग्‍जीक्‍यूटिव आपको फ्री क्रेडिट कार्ड का ऑफर देते हैं. लेकिन वास्‍तव में क्रेडिट कार्ड पर आपको कई तरह का चार्ज देना पड़ सकता है. ऐसे में अगर आप को कोई बैंक फ्री केडिट कार्ड का ऑफर देता है तो आपको चार्जेज के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद ही क्रेडिट कॉर्ड का ऑफर स्‍वीकार करना चाहिए.

क्रेडिट कार्ड पर होते हैं किस तरह के चार्जेज

ज्‍यादातर बैंक ऑफर के तहत शुरूआती कॉस्‍ट और सालाना फीस माफ कर देते हैं. लेकिन बैंक ग्राहकों से एनुअल मेनेटेनेंस फीस चार्ज करते हैं. ऐसे में आपको क्रेडिट कार्ड पवर एनुअल मेनटेनेंस फीस चुकानी होगी. बैंक क्रेडिट कार्ड के डुप्‍लीकेट स्‍टेटमेंट, कैश विदड्राल और ऐसी स्‍पेशल सेवाओं के लिए चार्ज ले सकते हैं. कुछ खास ट्रांजैक्‍शन जैसे इंटरनेशनल खरीदारी पर एडिशनल ट्रांजेक्‍शन चार्ज लग सकता है. अगर आप क्रेडिट कार्ड बकाए का समय पर भुगतान नहीं करते हैं तो इस पर पर लगने वाला इंटरेस्‍ट और पेनल्‍टी के तौर पर लगने वाला चार्ज अलग होता है.

इंटरेस्‍ट चार्ज

अगर आपने क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग की है और आपने क्रेडिट कार्ड बिल का समय पर भुगतान नहीं किया है तो बैंक बकाया राशि पर इंटरेस्‍ट चार्ज करते हैं. अलग अलग बैंकों क्रेडिट कार्ड पर 2.5 फीसदी प्रतिमाह से 4 फीसदी प्रतिमाह तक इंटरेस्‍ट चार्ज करते हैं.

लेट पेमेंट चार्ज

अगर आप क्रेडिट कार्ड का बिल ड्यू डेट के बाद जमा करते हैं तो बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी इंटरेस्‍ट के अलावा लेट पेमेंट चार्ज करती है. लेट पेमेंट एक निश्चित राशि या मिनिमम आउटस्‍टैंडिंग बैलेंश का निश्चित फीसदी होता है. हालांकि यह अलग अलग क्रेडिट कार्ड कंपनी के लिए अलग-अलग हो सकता है.

सर्विस टैक्‍स

आप क्रेडिट कार्ड से जो भी खर्चा करते हैं उस पर आपको सर्विस टैक्‍स देना होता है. मौजूदा समय में सर्विस टैक्‍स 15 फीसदी है. यह ट्रांजेक्‍शन, फीस, इंटरेस्‍ट चार्ज और अन्‍य चार्ज की कुल वैल्यू पर लगता है.

फ्री क्रेडिट कार्ड के ऑफर पर सोच समझ कर करें फैसला

अगर आपके पास पहले से क्रेडिट कार्ड है तो आपको फ्री क्रेडिट कार्ड के ऑफर पर सोच समझ कर फैसला करना चाहिए. एक से अधिक क्रेडिट कार्ड का प्रबंधन करना आसान नहीं होता है. अगर आप क्रेडिट कार्ड के बकाए का भुगतान समय पर नहीं कर पाते हैं तो यह आपके लिए बड़ी मुसीबत भी बन सकता है.

क्रेडिट हिस्‍ट्री हो सकती है खराब

अगर आपके पास एक से अधिक क्रेडिट कार्ड हैं तो इस बात की ज्‍यादा संभावना होती है कि आप गैर जरूरी खरीदारी कर लें. ऐसी स्थि‍ति में जब आपको क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करना होगा तो इसका असर आपके मंथली खर्च पर पड़ेगा. अगर आप क्रेडिट कार्ड के बिल का समय पर भुगतान नहीं कर पाते हैं तो आपकी क्रेडिट हिस्‍ट्री खराब हो सकती है. इससे भविष्‍य में आपको किसी तरह का भी लोन लेने में दिक्‍कत होगी.

काजोल से एक्टिंग सीखेगी ये स्टार किड

शाहरुख की बेटी भी अब ग्लैमर की दुनिया को लेकर एटेंटिव नजर आ रही हैं. आपको बता दें कि 22 मई, 2000 को जन्मी सुहाना अब 16 साल की हो चुकी हैं और जल्द ही बॉलीवुड में अपना जादू बिखेरेंगी.

मुंबई के धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई कर रही सुहाना को डांसिंग और स्पोर्ट्स का बहुत शौक है. वो स्कूल के कई स्पोर्ट्स इवेंट में शामिल होती हैं लेकिन पापा शाहरुख चाहते हैं कि वो अच्छी डांसर बनकर दुनियाभर में उनका नाम रोशन करें.

आपको बता दें कि सुहाना स्टेट लेवल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में शिरकत कर चुकी हैं. इसके अलावा सुहाना अपनी स्कूल टीम से फुटबॉल भी खेलती हैं.

शाहरुख खान ने एक इवेंट के दौरान कहा था कि वह अपनी बेटी से बेहद डरते हैं. सुहाना बेहद समझदार लड़की है और अक्सर उन्हें गलत काम करने पर टोक देती है.

शाहरुख भी सुहाना को बचपन से ही फिल्मों के सेट पर ले जाते रहे हैं. सुहाना गौरी के मुकाबले अपने पापा के साथ ज्यादा नजर आती हैं.

शाहरुख ने यह भी बताया है कि उनकी बेटी सुहाना एक्ट्रेस बनना चाहती है. उन्होंने कहा कि यदि उसे ऐसा करना है तो शाहरुख चाहेंगे कि सुहाना उनकी दोस्त काजोल से पर्सनली एक्टिंग सीखे.

आपको बता दें कि सुहाना इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हो गईं हैं और अक्सर अपनी फोटोज शेयर करती रहती हैं. सुहाना की कई ग्लैमरस फोटोज उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर देखी जा सकती है.

ऑस्कर के लिए चयनित फिल्मों को मिलेगा इनाम

ऑस्कर में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुनी गई फिल्मों के कोष के लिए 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये की राशि प्रस्तावित की है. भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह (आईएफएफआई) के 47वें संस्करण के संवाददाता सम्मेलन में सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडु ने यह घोषणा की. यह समारोह 20 नवंबर से शुरू होगा.

कान फिल्म समारोह में इन काम्पिटिशन श्रेणी के लिए फिल्मकार को अधिकतम 20 लाख रुपये की सहायता मिलेगी जबकि अनसर्टन रिगार्ड तथा डायरेक्टर्स फोर्टनाइट श्रेणी में 15-15 लाख रुपये की सहायता मिलेगी. इसके अलावा कान, सुनडांस, वेनिस, बर्लिन, टोरंटो और रॉटरडेम जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रतिस्पर्धा में उतरने वाली फिल्मों को भी वित्तीय सहायता मुहैया करवाई जाएगी.

वेनिस फिल्म समारोह में इन कंपिटिशन श्रेणी के लिए फिल्मकार को 15 लाख रुपये की सहायता मिलेगी. विभिन्न फिल्म समारोहों के लिए सहायता राशि भी अलग-अलग होगी. इस पहल के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी फिल्म महोत्वस निदेशालय को सौंपी गई है.

इसे नोडल एजेंसी बनाया गया है. सरकार द्वारा गठित विशेषग्यों के एक टीम की सिफारिश पर ही इस किस्म की सहायता देने का फैसला लिया जाएगा.

‘रईस’ के लिए फरहान का फरमान

बॉलीवुड किंग शाहरुख खान की फिल्मों का रिलीज से पहले ही सुर्खियों में बने रहना कोई नई बात नहीं है. आजकल उनकी आने वाली फिल्म ‘रईस’ खूब चर्चा में है. इसकी वजह शाहरुख के अलावा इसमें काम कर रही पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिरा खान भी हैं.

करण जौहर की फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की रिलीज के बाद ये साफ हो चुका है कि अब बॉलीवुड फिल्मों में पाक एक्टर्स को लेकर फिलहाल कोई दिक्कत नहीं होगी. फरहान अख्तर ने भी अब साफ कर दिया है कि ‘रईस’ में हिरोइन माहिरा खान ही होंगी.

इससे पहले खबर थी कि माहिरा की जगह पूर्व फेमिना मिस इंडिया अंकिता शौरी को शाहरुख की इस फिल्म में लिया गया है. मॉडल से हिरोइन बनी अंकिता ने कहा था, मैंने इस रोल के लिए लुक टेस्ट दिया. यह एक पाकिस्तानी मुस्लिम लड़की का किरदार है, फिल्म डायरेक्टरों को एक सही चेहरे की तलाश थी. मैंने इसकी पुष्टि के लिए छह महीने तक इंतजार किया, हालांकि यह बदलाव आखिरी पल में हुआ. अंकिता का कहना है कि उन्होंने फिल्म के लिए सिर्फ लुक टेस्ट दिया था और उनका रोल कन्फर्म नहीं हुआ था.

उन्होंने कहा, एक इंसान के रूप में मुझमें इसे लेकर एक उम्मीद थी और मुझे थोड़ा बुरा महसूस हुआ लेकिन मेरा मानना है कि हर चीज की कोई वजह होती है.

क्या कहा फरहान ने

पिछले दिनों फरहान ने इस बात से साफ इंकार किया था कि वो किसी भी राजनीतिक दल के दबाव में आ कर आर्मी फंड में पांच करोड़ रूपये की आर्थिक मदद नहीं करेंगे. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की तरफ से ये धमकी दी गई थी कि वो समय आने पर इसका जवाब देंगे.

अब फरहान अख्तर ने ये साफ कर दिया है कि ‘रईस’ में माहिरा ही हिरोइन हैं. फरहान ने कहा, ना तो उनका रोल कम किया या काटा गया है और ना ही उनकी जगह फिल्म में किसी और को रिप्लेस करने की योजना है. फरहान के मुतबिक वो इस बारे में ज्यादा कुछ क्या कह सकते हैं? माहिरा ने शूटिंग पूरी कर ली है और अब तो फिल्म रिलीज के लिए तैयार भी हो रही है.

राहुल ढोलकिया निर्देशित ‘रईस’ गुजरात के एक शराब तस्कर की कहानी है जो रोल शाहरुख निभा रहे हैं. पिछले दिनों ये खबर थी कि भारत में पाकिस्तानी कलाकारो के विरोध को देखते हुए शाहरुख और माहिरा आबू धाबी जा कर शूटिंग करने वाले हैं. हालांकि फरहान ने ये साफ कर दिया है कि फिल्म की शूटिंग पूरी हो चुकी है. फिल्म अगले साल 26 जनवरी को रिलीज होगी.

“मुझे करण जौहर पर शर्म आती है”

मोहम्मद रफी के बेटे ने ऐ दिल है मुश्किल को जमकर लताड़ा है. और अगर कारण सुनेंगे तो आप भी कोई रिएक्शन ही नहीं दे पाएंगे. ऐ दिल है मुश्किल जब से चर्चा में आई है तब से केवल कंट्रोवर्सी के लिए. और अब रिलीज होने के बाद, ताबड़तोड़ कमाने के बाद भी कंट्रोवर्सी है कि करण जौहर को छोड़ना ही नहीं चाहती है.

अब फिल्म को लेकर नया बखेड़ा खड़ा किया है, मोहम्मद रफी के बेटे शाहिद रफी ने. उनकी मानें तो करण जौहर जैसे लोगों को कोई शर्म नहीं है और वो उम्मीद ही नहीं करते कि ऐसे लोग इतनी बड़ी गलतियां करने के बाद बेशर्मी से मुंह उठाकर जीते हैं.

फिल्म के एक सीन में रणबीर कपूर अनुष्का को बताते हैं कि वो मोहम्मद रफी जैसे तो नहीं लेकिन हां, सिंगर बनना चाहते हैं. इस पर अनुष्का उन्हें कहती हैं कि मोहम्मद रफी गाते नहीं, रोते थे. बस यही बात शाहिद रफी को खराब लग गई. उन्होंने कहा कि वो उम्मीद भी नहीं कर सकते थे कि करण जौहर के कद का कोई इंसान उनके पिता की इतनी बेइज्जती कर सकता है. उन्हें हैरानी होती है कि किसी ने ये डायलॉग लिखा और करण जौहर ने पास कर दिया.

वहीं इस मामले पर सोनू निगम से बात करने पर उन्होंने साफ कहा कि आपके पिता के बारे में कोई भी इस तरह बात करेगा तो आपको बुरा लगेगा. मोहम्मद रफी तो बॉलीवुड के लिए पिता समान हैं. जितनी उनकी फैन फॉलोइंग आज है, उतनी तो शायद कुछ लोगों को जिंदगी में ना मिले.

वहीं सोनू निगम से जब कहा गया कि बात को बेवजह तूल दिया जा रहा है तो उनका जवाब साफ था “अगर आप यही चीज अपने पिता के बारे में सुन सकते हैं तो हो सकता है कि हम गलत हैं. लेकिन अगर आपका खून खौलता है तो फिर हम सही बेटा हैं”

वैसे ऐ दिल है मुश्किल जब से चर्चा में आई तब से किसी ना किसी कंट्रोवर्सी में ही फंसी है.

राज ठाकरे की वसूली

कुछ दिन पहले इम्पा ने सिनेमाघरों के मालिकों और मनसे के अशोक पंडित और शालिनी ठाकरे से दरखास्त की थी कि वो फिल्म को रिलीज होने दे क्योंकि फिल्म पहले ही पूरी तरह बन चुकी है और इससे निर्माता-निर्देशकों के साथ फैन्स को भी गहरा झटका लगेगा. इसके बाद राज ठाकरे ने तय किया कि फिल्म की रिलीज के लिए करण जौहर आर्मी फंड को 5 करोड़ देंगे.

धमकी पर धमकी

एसोसिएशन का मानना था कि लोगों में फिलहाल काफी गुस्सा है. ऐसे में अगर किसी ने विरोध में कुछ हिंसात्मक कर दिया तो फिर दर्शकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कोई भी सिनेमा मालिक नहीं ले सकता है. इसलिए बेहतर है कि सुरक्षा के मद्देनजर इन फिल्मों को रिलीज ना होने दिया जाए.

पाकिस्तानी कलाकार

उड़ी हमले के बाद, अचानक से सबका ध्यान बॉलीवुड में काम कर रहे पाकिस्तानी कलाकारों पर आ गया. इसके बाद डिमांड की गई कि पाकिस्तानी कलाकार अपने देश वापस जाएं या फिर हमले की कड़ी निंदा करें. हालांकि पूरा बॉलीवुड इस मुद्दे पर बंट गया कि पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में काम करना चाहिए या नहीं.

रिलीज डेट

फिल्म की रिलीज डेट को लेकर ही सबसे पहले तो करण जौहर और अजय देवगन में ठन गई. अजय देवगन ने शिवाय की रिलीज डेट पहले अनाउंस की और इसके बाद भी करण जौहर ने ऐ दिल है मुश्किल की रिलीज उसी दिन रखी.

ऐश्वर्या Vs बच्चन

ऐश्वर्या राय ने ऐ दिल है मुश्किल में जितने हॉट सीन्स दिए उतने उन्होंने अपने पूरे करियर में नहीं दिए. उसके बाद रणबीर कपूर के साथ हॉट फोटोशूट. और उसके बाद खबरें आई कि इन से बच्चन परिवार नाराज हो गया क्योंकि ऐश के इस तरह के सीन्स करना कतई मंजूर नहीं था.

KRK कांड

अजय देवगन ने जिस तरह से KRK का ऑडियो डाला जिससे पता चल रहा था कि करण जौहर ने शिवाय के बारे में गलत और ऐ दिल है मुश्किल की तारीफ के लिए 25 लाख दिए हैं. हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है नहीं पता लेकिन फिल्म के लिए ये नुकसानदायक ही रहा.

झूठे प्रमोशन

वहीं अजय देवगन फैन्स भी सच जानने में जुट गए थे और उन्होंने ऐ दिल है मुश्किल के पैसे देकर करवाए जा रहे सोशल प्रमोशन की पोल खोल दी. कैसे और क्या हुआ, वो जरा लंबा मुद्दा है.

काजोल के साथ बद्तमीज

करण जौहर-काजोल और अजय देवगन के बीच क्या चल रहा है ये तो कोई नहीं जानता लेकिन गपशप गली इसका पूरा पूरा फायदा उठाया. दरअसल, काफी दिनों से अजय देवगन करण जौहर के बारे में बात तो कर रहे हैं पर खुलकर कुछ नहीं कह रहे हैं. लेकिन सूत्रों की मानें तो करण जौहर ने काजोल के बारे में कुछ ऐसा कहा जो नहीं कहना चाहिए था.

आप, आपकी किताब और आपकी चाय

किताबें पढ़ने का शौक बहुत लोगों को होता है? सिर्फ कोर्स की ही नहीं अन्य जोनर की किताबें भी. जैसे फिक्शन, ऐतिहासिक किताबें, पोएट्री बुक्स, क्लासिक्स या किसी की ऑटोबायोग्राफी. कुछ लोग तो ऐसे दीवाने होते हैं कि एक सिटींग में एक किताब खत्म करके ही उठते हैं.

कॉमिक्स से लेकर नॉवेल्स तक, किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं, क्योंकि ये आपसे झूठ नहीं बोलती. जब साथ कोई नहीं होता तब किताबें ही आपकी साथ होती हैं. इंसानी दोस्त कभी भी आपको छोड़ कर जा सकते हैं पर किताबें ऐसी दोस्त हैं जिन्हें जब तक आप खुद न छोड़ें, ये हमेशा आपके साथ रहती हैं.

मार्कस तुलियस सिसेरो ने भी कहा है ‘किताबों के बगैर कमरा वैसा ही है जैसा बिना आत्मा के शरीर.’ और आज हम आपको ऐसे ही कुछ कैफे के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां बस आप और आपकी किताबें होंगी और अगर आप अपनी किताबों के साथ कॉफी या चाय के मजे लेना चाहती हैं तो ये आपके लिए सबसे बेस्ट जगहे होंगी.

1. आइवी एंड बीन

यह एक खूबसूरत छोटी सी बेहद खास लाइब्ररी और इसे और खास बनाता है यहां का ऑस्ट्रेलियन फूड. आप यहां किताबें पढ़ने के साथ कुछ नया खाने का भी मजा ले सकती हैं. आप यहां से किताबें अपने साथ कुछ दिनों के लिए घर भी ले जा सकती हैं या फिर किसी दूसरी किताब से बदल भी सकती हैं.

पता: 119, सिशन हाउस, शाहपुर जाट, नई दिल्ली

समय: सुबह 11 बजे से रात के 11 बजे तक

2. चा बार

अपने शानदार इंटीरियर के साथ यह जगह आपको किताबें पढ़ने के माहौल के साथ 100 किस्म की चाय भी ऑफर करती है. चा बार ऑक्स्फर्ड बुकस्टोर का ही एक हिस्सा है. तो किताबों साथ अपने चाय के भी शौक को यहां आकर पूरा कीजिए.

पता: न.81, ऑक्स्फर्ड बुकस्टोर, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली

समय: सुबह 11 बजे से रात के 9:30 बजे तक

3. कुंजूम ट्रैवल कैफे

हौज खास की छोटी छोटी गलियों के बीच बना है यह कैफे, आपको अपने किताबों के साथ विभिन्न जगहों की यात्रा पर ले जाएगा. अगर आप यात्रा के भी शौकीन हैं तो यहां आपके लिए ट्रैवल से संबंधित कई किताबें और फोटोग्रॅाफ्स की किताबें मिल जाएंगी. यहां समय-समय पर कई सारे वर्कशॉप भी आयोजित किए जाते हैं.

पता: टी-49, ग्राउंड फ्लोर, हौज़ खास विलेज, नई दिल्ली

समय: सुबह 11 बजे से शाम के 7:30 बजे तक

4. अनदर फाइन डे (Another Fine Day)

साधारण और साफ सुथरे इंटीरियर के साथ यह कैफे आपको घर जैसे माहौल का अनुभव देता है. और यहां किताबों को पढ़ने के साथ आप खाने के अलग स्वाद का भी मजा ले सकते हैं.

पता: ग्राउंड फ्लोर, एम.पी.डी टावर्स, डी.एल.एफ गॉल्फ कोर्स रोड, गुड़गाँव

समय: सुबह 10 बजे से रात के 11 बजे तक

5. सेरेनडिपिटी कैफे

यहां आपको बाकी किताबों के साथ धार्मिक किताबें भी मिल जाएंगी और इस कैफे की खासियत है कि यह अपने ग्राहकों को किताबें डेलिवर भी करती हैं. इसमें एक छोटी सी बेकरी भी है ‘ये ओल्ड बेकरी’, जहां आप कॉफी के साथ केक के भी मजे ले सकते हैं.

पता: द क्लैरिजेस, 12 औरंगजेब रोड, नई दिल्ली

समय: सुबह 11:30 बजे से रात के 10:30 बजे तक

6. फुर्सत से कल्चरल कैफे:

नाम से ही जाहिर है इस कैफे में आकर आप सुकून से अपनी किताबों को पढ़ सकते हैं और साथ ही साथ आप बाहर से अपने लिए खाना भी ऑर्डर कर सकते हैं. यह कैफे हर महीने कोई ना कोई इवेंट ओर्गेनाइज करती है. इस कैफे की अलग बात जो इसे सबसे खास बनाती है, इसका खुली हवा में होना. जी हां इसका एक हिस्सा छत पर खुली हवा में है.

पता: 5 ई, दादा जंगी हाउस, टॉप फ्लोर, शाहपुर जाट, सिरी फोर्ट, नई दिल्ली

तो जॉर्ज लुईस बोर्गस के कहे अनुसार ‘मैने हमेशा कल्पना की है की स्वर्ग एक लाइब्ररी की तरह होगी’, आप भी अगर किताबी कीड़े हैं, किताबों के प्रेमी हैं तो इन जगहों पर जाइए और अपना समय अपने किताब के साथ सुकून से बिताइए.

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