बिहार: परंपरा और आधुनिकता का संगम

ऐतिहासिक धरोहरों को संजोए बिहार न सिर्फ परंपरा और आधुनिकता की अनूठी तसवीर पेश करता है, बल्कि शिक्षा और ज्ञानविज्ञान की अंतर्राष्ट्रीय पहचान के लिए यह मशहूर भी है.

बिहार ऐसा प्रदेश है जो अपनी अलग पहचान रखता है. चंद्रगुप्त और अशोक के समय में मगध और इस की राजधानी पाटलिपुत्र का विश्व भर में नाम था. बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है. जब तक झारखंड बिहार से अलग नहीं हुआ था तब तक यहां खनिज संपदा की कोई कमी नहीं थी लेकिन झारखंड बनने पर खनिज संपदा से लबरेज इलाका वहां चला गया. इस तरह बिहार की आर्थिक संपन्नता को काफी नुकसान पहुंचा है.

पर्यटन व ऐतिहासिक दृष्टि से बिहार का आकर्षण आज भी कायम है. देशविदेश से अनेक सैलानी यहां के ऐतिहासिक स्थलों को देखने हर साल आते हैं. बिहार की राजधानी पटना का नाम पाटलिपुत्र और अजीमाबाद भी रहा है. यह शहर अपने सीने में कई ऐतिहासिक धरोहरों को संजोए हुए है.

पटना के दर्शनीय स्थल

बुद्ध स्मृति पार्क : पटना रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते ही विशाल और चमचमाते स्तूप पर नजर टिक जाती है. वह इंटरनैशनल लेवल का बना नया पर्यटन स्थल बुद्ध स्मृति पार्क है. उस जगह पर पहले पटना सैंट्रल जेल हुआ करता था.

म्यूजियम : पार्क के भीतर बुद्ध म्यूजियम को बड़ी खूबसूरती से गुफानुमा बनाया गया है जिस में बुद्ध और बौद्ध से जुड़ी चीजें प्रदर्शन के लिए रखी गई हैं. इसे सिंगापुर के म्यूजियम की तर्ज पर विकसित किया गया है.

मैडिटेशन सैंटर : बौद्ध-कालीन इमारतों की याद दिलाता मैडिटेशन सैंटर बनाया गया है. यह प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय से प्रेरित है. इस में कुल 5 ब्लाक और 60 कमरे हैं. सभी कमरों के सामने के हिस्सों में पारदर्शी शीशे लगाए गए हैं ताकि ध्यान लगाने वाले सामने बौद्ध स्तूप को देख कर ध्यान लगा सकें.

बांकीपुर जेल अवशेष : बांकीपुर जेल को 1895 में बनाया गया था, जो शुरू में तो अनुमंडल जेल था पर बाद में 1907 में उसे जिला जेल बनाया गया. 1967 में उसे सैंट्रल जेल का दरजा दिया गया था. 1994 में जेल को वहां से हटा कर बेऊर इलाके में शिफ्ट कर दिया गया. उस जेल में देश के पहले राष्ट्रपति रहे डा. राजेंद्र प्रसाद समेत कई स्वतंत्रता सेनानी बंदी के रूप में रहे.

ईको पार्क : पटना के लोगों और पर्यटकों की तफरीह के लिए बना नयानवेला ईको पार्क पटना का नया नगीना है. पटना के बेली रोड पर पुनाईचक इलाके में साल 2011 के अक्तूबर महीने में ईको पार्क पर्यटकों के लिए खोला गया. इसे राजधानी वाटिका भी कहा जाता है. पार्क में बनी  झील में नौका विहार का आनंद लिया जा सकता है. इस में बच्चों के खेलने और मनोरंजन का खासा इंतजाम किया गया है, वहीं बड़ों के लिए आधुनिक मशीनों से लैस जिम भी बनाया गया है.

पटना म्यूजियम : पटना म्यूजियम देशविदेश के पर्यटकों को हमेशा ही लुभाता रहा है. पटना के लोग छुट्टी का दिन यहां बिताना पसंद करते हैं. पटना रेलवे स्टेशन से आधा किलोमीटर दूर बुद्ध मार्ग पर बने इस म्यूजियम ने प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को संजो कर रखा है. प्राकृतिक कक्ष में जीवजंतुओं के पुतलों को रखा गया है जबकि वास्तुकला कक्ष में खुदाई से मिली मूर्तियों को रखा गया है, जिस में विश्वप्रसिद्ध यक्षिणी की मूर्ति भी शामिल है.

संजय गांधी जैविक उद्यान : पटना का यह चिडि़याघर शहर वालों का पसंदीदा पिकनिक स्पौट है. रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर और एअरपोर्ट से 2 किलोमीटर की दूरी पर बने चिडि़याघर में विभिन्न प्रजातियों के पशु, पक्षी और औषधीय पौधे हैं जो इस की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं. चिल्ड्रैन रेलगाड़ी में सैर करने का लुत्फ बच्चे, बूढ़े और जवान सभी उठाते हैं. उद्यान में विकसित  झील में नौका विहार का भी आनंद लिया जा सकता है. सांपघर और मछलीघर भी पर्यटकों को लुभाते हैं.

कुम्हरार : प्राचीन पटना का भग्नावशेष यहीं मिला था. पटना जंक्शन से 5 किलोमीटर पूरब में पुरानी बाईपास रोड पर स्थित कुम्हरार प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है और यह पिकनिक स्पौट और लवर्स प्वाइंट के रूप में मशहूर हो चुका है.

गोलघर : गंगा नदी के किनारे बना गोलघर ऐतिहासिक और स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना है. 1770 के भीषण अकाल के बाद साल 1786 में अंगरेजों ने इसे अनाज रखने के लिए बनाया था. 29 मीटर ऊंचे इस गोलाकार भवन के ऊपर चढ़ने के लिए 100 से ज्यादा सीढि़यां हैं. इस के शिखर से पटना शहर का नजारा लिया जा सकता है. इन सब के अलावा जलान म्यूजियम, अगमकुआं, मनेर का मकबरा, सदाकत आश्रम, बिहार विद्यापीठ, गांधी संग्रहालय, तख्त हरमंदिर, शहीद स्मारक, गांधी मैदान, तारामंडल आदि भी पटना के नामचीन पर्यटन स्थल हैं.

अन्य दर्शनीय स्थल

राजगीर : यह स्थान सड़क मार्ग से पटना से 102 किलो-मीटर की दूरी पर है और गया एअरपोर्ट से 60 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां वेणुवन, मनियार मठ, पिप्पल नामक पत्थर का महल है, जिसे पहरा देने का भवन या मचान भी कहते हैं. वैभारगिरी पहाड़ी के दक्षिण छोर पर सोनभद्र गुफा, जरासंध का बैठकखाना, स्वर्ण भंडार, बिंबिसार का कारागार, जीवक आम्रवन और पत्थरों की उम्दा कारीगिरी से बनाई गई सप्तपर्णी गुफा की कलात्मकता देखते ही बनती है.

पटना से 109 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में और नालंदा से 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित राजगीर हिंदू, बौद्ध और जैनियों का महत्त्वपूर्ण व ऐतिहासिक स्थल है. पहाड़ पर बना विश्व शांति स्तूप स्थापत्य कला के बेहतरीन नमूनों में से एक है. रोपवे के जरिए पर्यटक वहां आसानी से पहुंच सकते हैं.

रेलमार्ग से : हावड़ा-पटना मुख्य रेलमार्ग पर स्थित बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन सब से नजदीक स्टेशन है. पटना के मीठापुर बस अड्डे से हरेक घंटे गया के लिए बस जाती है.

वैशाली

यहां कई ऐतिहासिक और कलात्मक इमारतें हैं. राजा विशाल का किला, अशोक स्तंभ, बौद्ध स्तूप समेत कई इमारतें अपने दिनों की गवाह बनी आज भी सीना ताने खड़ी हैं. वैशाली के कोल्हुआ गांव में स्थित अशोक स्तंभ को स्थानीय लोग ‘भीमसेन की लाठी’ भी कहते हैं. स्तंभ के ऊपर घंटाघर है और उस के ऊपर उत्तर की ओर मुंह किए हुए समूचे सिंह की मूर्ति बनी हुई है. यह अशोक स्तंभ आज भी भारतीय लोकतंत्र का प्रतीक चिह्न बना हुआ है. स्तंभ से 50 फुट की दूरी पर एक तालाब है जिस के पास गोलाकार बौद्ध स्तूप बना हुआ है, जिस के ऊपर के भवन में बुद्ध की मूर्ति है.

वैशाली सड़क मार्ग से पटना एअरपोर्ट से 60 किलोमीटर और पटना रेलवे स्टेशन से 54 किलोमीटर की दूरी पर है. नजदीकी रेलवे स्टेशन हाजीपुर और मुजफ्फरपुर है. गया एअरपोर्ट से वैशाली की दूरी 169 किलोमीटर है.

नालंदा

शिक्षा और ज्ञानविज्ञान के अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के रूप में नालंदा मशहूर था. नालंदा महाविहार या महाविश्वविद्यालय में दुनिया भर से छात्र पढ़ने आते थे. इस की स्थापना 5वीं सदी ईसापूर्व में कुमारगुप्त प्रथम ने की थी और हर्षवर्द्धन के शासन में यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर हो गया था. सम्राट अशोक ने यहां मठ की स्थापना की थी. जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर ने यहां काफी समय गुजारा और प्रसिद्ध बौद्ध सारिपुत्र का जन्म यहीं हुआ था. इस में 10 हजार छात्रों के पढ़ने की व्यवस्था थी और उन्हें पढ़ाने के लिए 1,500 शिक्षक दिनरात लगे रहते थे. यहां बुद्धकाल की बनी हुई धातु, पत्थर और मिट्टी की मूर्तियां मिली हैं.

बोधगया

ईसा से 500 साल पहले बोधगया में ही गौतम बुद्ध को पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था. गया शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बोधगया निरंजन नदी के किनारे बसा हुआ है. इस के आसपास कई तिब्बती मठ हैं. वटवृक्ष के नजदीक जापान, चीन, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड द्वारा बनाए गए विशाल बौद्ध स्तूप पर्यटकों को लुभाते हैं. बिहार में सब से ज्यादा विदेशी पर्यटक बोधगया ही आते हैं. गया शहर में भी कई पर्यटन स्थल हैं. पटना से 94 किलोमीटर की दूरी पर गया फल्गु नदी के किनारे बसा हुआ है. बराबर की गुफाओं में मौर्यकालीन स्थापत्य कला का बेहतरीन नमूना देखने को मिलता है.

बोधगया सड़कमार्ग से पटना एअरपोर्ट से 109 किलोमीटर की दूरी पर है. गया एअरपोर्ट से इस की दूरी 8 किलोमीटर है. दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर गया रेलवे स्टेशन नजदीकी रेलवे स्टेशन है.

सासाराम

सासाराम में शेरशाह सूरी और उन के पिता हसन खान सूरी का मकबरा है, जो भारत में पछान स्थापत्य कला का खूबसूरत नजारा पेश करता है. यहां विश्व प्रसिद्ध कैमूर की पहाडि़यां भी हैं.

दियारा

कहीं रेत पर दौड़तेभागते प्रेमीप्रेमिकाएं दुनिया भुलाए, कहीं किनारे बैठा प्रेमी जोड़ा कहीं पानी में छई छपा छई… करते मुहब्बत के दीवाने, कहीं देहाती भोजन का लुत्फ उठाता परिवार. गंगा के दियारा इलाके में जमा हो कर लोग एकांत का आनंद लेने लगे तो सरकार का ध्यान उस ओर गया. अब दियारा इलाके को पर्यटन स्पौट के रूप में विकसित किया जा रहा है. गंगा पर्यटन के नाम से इस योजना को हकीकत के धरातल पर उतारने की कवायद शुरू हो चुकी है.

पटना और हाजीपुर के बीच गंगा नदी के 2 धाराओं में बंट जाने से गंगा के बीच करीब 4 वर्ग किलोमीटर का इलाका टापू की शक्ल ले चुका है. उस टापू पर युवा लड़के और लड़कियां मौजमस्ती करने की  नीयत से नाव के सहारे पहुंच जाते हैं और शाम ढलने से पहले वहां वापस चले जाते हैं. धीरेधीरे कुछ लोगोें ने वहां अपने परिवार के साथ जाना शुरू किया. दियारा में रेत और पानी के बीच समुद्रतट जैसा नजारा और मजा मिलता है.

2017: कंगना शादी तो सोनाक्षी करेंगी सगाई

साल 2016 की शुरुआत बॉलीवुड के लिए कुछ खास नहीं रही थी. कई बॉलीवुड कपल्स अलग हो गए या उनका तलाक हो गया. लेकिन ऐसा लग रहा है कि साल 2017 की शुरुआत बॉलीवुड के लिए काफी अच्छी होने वाली है. आ रही खबरों के मुताबिक कई बॉलीवुड स्टार्स सगाई या शादी कर लेंगे.

सूत्रों की मानें तो जहां एक तरफ कंगना 2017 में शादी करने वाली हैं तो वहीं बॉलीवुड की दबंग गर्ल सोनाक्षी अपने लॉन्ग टाइम ब्वॉयफ्रेंड से सगाई करने वाली हैं.

बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत अपनी एक्टिंग और अपनी खूबसूरती दोनों के लिए जानी जाती हैं. कंगना अपने बेबाक अंदाज के कारण कई दिलों पर राज भी करती हैं. सूत्रों की मानें तो साल 2017 उनके जीवन में एक बड़ी खुशी लाने वाला है. इस बात का खुलासा खुद कंगना ने ही किया है.

कंगना ने एक टीवी शो में बताया कि वह अगले साल शादी कर सकती हैं. दरअसल, शो में कंगना से जब यह पूछा कि साल 2017 में आपके जीवन में क्या नया हो सकता है, नए साल के लिए आपकी क्या प्लानिंग है. इसपर कंगना ने कहा, ‘अगले साल मेरी शादी होने वाली है.’ हालांकि कंगना ने इस बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं दी है.

अगले साल कंगना की दो फिल्में ‘रंगून’ और ‘सिमरन’ आने वाली है. ‘रंगून’ 24 फरवरी को रिलीज होगी. इसे विशाल भारद्वाज ने डायरेक्ट किया है और साजिद नाडिवाला और सिद्धार्थ कपूर इसके प्रड्यूसर हैं. जबकि ‘सिमरन’ अगले साल सितंबर तक रिलीज होने की संभावना है.

इस साल अपने एक्शन के लिए सुर्खियों में रहीं सोनाक्षी सिन्हा 2017 में बहुत बड़ा धमाका करने वाली हैं. बी-टाउन में ये गॉसिप तेजी से फैल रही है कि सोनाक्षी अपने ब्वॉयफ्रेंड बंटी सजदेह के साथ इंगेजमेंट कर लेंगी.

सोनाक्षी अपने दबंग अंदाज और बेबाक बातों के लिए मशहूर रहती हैं. पापा शत्रुघ्न सिन्हा के अंदाजे-बयां की झलक सोना की पर्सनेलिटी में खूब झलकती है और उनका ये कदम इस बात को पुख्ता भी करता है. ये कयास लगाए जा रहा है कि सोनाक्षी फरवरी में बंटी के साथ इंगेजमेंट कर सकती हैं. वैसे सोनाक्षी और बंटी की रिलेशनशिप से सोना के पेरेंट्स खुश नहीं हैं. इसकी वजह ये है कि बंटी की एक बार शादी हो चुकी है और वो तलाकशुदा हैं. इसके अलावा दोनों की बीच उम्र का फासला भी काफी है. बंटी और सोना के बीच पिछले कुछ महीनों में नजदीकियां ज्यादा बढ़ गई हैं. दोनों को साथ में हैंगआउट करते हुए देखा जा चुका है.

उस वक्त भी इंगेजमेंट की खबरें आई थीं. हालांकि एक इंटरव्यू में जब सोनाक्षी से बंटी के रिलेशनशिप के बारे में पूछा गया तो उन्होंने नो कमेंट्स के साथ कहा था, ”आपको मेरी मेरी उंगली में कोई रिंग दिखती है क्या? नहीं ना! फिर? क्या इससे आपके सवाल का जवाब मिल गया.”

बंटी और सोनाक्षी की डेटिंग की कहानी 2012 में शुरू हुई थी. दोनों को एक साथ देखने के बाद ये अफवाहें शुरू हुई थीं. आपको बता दें कि बंटी सलमान खान के छोटे भाई सोहेल खान की बीवी सीमा खान के भाई हैं.

बंटी सोनाक्षी से पहले कथित तौर पर दिया मिर्जा, नेहा धूपिया और सुष्मिता सेन को भी डेट कर चुके हैं. बंटी की शादी अंबिका चौहान से हुई थी, जिसमें सलमान भी शामिल हुए थे. ये शादी 4 साल चली.

निवेश हो वहां अच्छा रिटर्न मिले जहां

पूंजी निवेश का जोखिम किसी भी बैंकिंग स्कीम या अन्य व्यवस्था में उम्र, बाजार के उतारचढ़ाव और निवेश के स्वरूप पर निर्भर करता है. ऐसे में किन स्कीमों में निवेश करें जिस से अधिकतम रिटर्न मिले, बता रही हैं ममता सिंह.

निवेश में आप का झुकाव इक्विटी की ओर है तो एक बात तय है कि शेयर बाजार में उतारचढ़ाव से आप की नींद उड़ रही होगी. हालांकि निवेश के पोर्टफोलियो में इक्विटी का शामिल होना अहम है लेकिन इक्विटी की हिस्सेदारी निवेशक के जोखिम लेने की क्षमता, उम्र और निवेश के लक्ष्य के आधार पर तय होनी चाहिए. इस के साथ ही, आप के पोर्टफोलियो में फिक्स्ड इन्कम वाले इंस्ट्रूमैंट का शामिल होना भी बहुत जरूरी है.

फिलहाल डैट इंस्ट्रूमैंट में निवेश करना आप के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि बाजार में इस के कई सारे प्रोडक्ट उपलब्ध हैं. इन में निवेश से आप अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं.

फिक्स्ड इन्कम इंस्ट्रूमैंट

इक्विटी में निवेश करने से निश्चित तौर पर अच्छा रिटर्न मिलता है. वहीं, जब बाजार में अनिश्चितता बरकरार हो तो निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना चाहते हैं. अगर आप की उम्र ज्यादा है और आप रिटायरमैंट की ओर बढ़ रहे हैं तो ज्यादा जोखिम लेना आप के लिए उपयुक्त नहीं है. इस स्थिति में फिक्स्ड इन्कम वाले इंस्ट्रूमैंट का चुनाव करना ठीक रहता है.

सर्टिफाइड फाइनैंशियल प्लानर अजय बजाज के मुताबिक, बाजार में फिक्स्ड इन्कम वाले कई निवेश विकल्प मौजूद हैं जिन में निवेश कर के एक ओर निवेशक जहां अच्छा रिटर्न कमा पाएंगे वहीं दूसरी ओर वे टैक्स की बचत भी कर सकते हैं.

फिक्स्ड डिपौजिट बेहतर विकल्प

भारतीय निवेशकों के लिए फिक्स्ड डिपौजिट हमेशा से ही निवेश के लिए बेहतरीन विकल्प रहा है. इन में सब से खास बात है कि आप को निश्चित दर पर रिटर्न मिलेगा और जोखिम बिलकुल नहीं है. हालांकि इस निवेश से मिलने वाले ब्याज पर निवेशकों को टैक्स चुकाना पड़ता है. ऐसे में जो लोग निचले टैक्स स्लैब में आते हैं उन के लिए यह निवेश का बेहतरीन विकल्प है, खासतौर पर वे लोग भी, जो रिटायरमैंट के नजदीक हैं, इस में निवेश कर सकते हैं.

बैंक की जिन एफडी का लौकइन पीरियड 5 साल का होता है उन पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट का फायदा भी मिलता है. इस के बावजूद बैंक के फिक्स्ड डिपौजिट में निवेशकों को उतना रिटर्न नहीं मिलता जितना कौर्पोरेट एफडी में मिलता है.

कौर्पौरेट एफडी की बात करें तो इस की ब्याज दरें बैंक एफडी से 1 से 2 फीसदी ज्यादा हैं. इस के बावजूद निवेशकों को उन कौर्पोरेट एफडी में निवेश से बचना चाहिए जिन की रेटिंग अच्छी न हो, फिर चाहे उस पर आप को 15 फीसदी तक रिटर्न ही क्यों न दिया जा रहा हो. जिस एफडी की रेटिंग अच्छी है पर रिटर्न थोड़ा कम हो, उस में निवेश करने में भी समझदारी है.

कौर्पोरेट बौंड डिबैंचर्स

बड़ी कंपनियां अपने फंड की जरूरत को पूरा करने के लिए बौंड जारी करती हैं. आमतौर पर इन बौंड के रिटर्न पर निवेशक को टैक्स चुकाना पड़ता है हालांकि कई बार सरकार कुछ कंपनियों को छोटे निवेशकों के लिए टैक्स फ्री बौंड जारी करने की अनुमति भी देती हैं. बौंड द्वारा कमाए गए मुनाफे पर निवेशक की आय के स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ता है.

निवेशकों को इस तरह के इंस्ट्रूमैंट में निवेश करने से पहले यह जान लेना चाहिए कि मैच्योरिटी पर पैसा वापस मिलेगा या नहीं. कहने का मतलब है कि बौंड जारी करने वाली कंपनी की रीपेमैंट क्षमता के बारे में जानकारी होनी बहुत जरूरी है. वरिष्ठ नागरिकों को काफी उच्च रेटिंग वाले बौंड में निवेश करना चाहिए.

डाइवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड

डेट इंस्ट्रूमैंट के बीच फिक्स्ड इन्कम म्यूचुअल फंड सब से ज्यादा डाइवर्सिफाइड फंड है. इस में मौजूदा ब्याज दरों और शेयर बाजार के उतारचढ़ाव को देखते हुए आमतौर पर निवेशकों को फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान, शौर्ट टर्म डेट फंड और गिल्ट फंड में निवेश करने की सलाह दी जाती है.

निवेशकों के लिए ये सह योजनाएं बेहतर मानी जाती हैं क्योंकि इन में एफडी से ज्यादा ब्याज मिलता है और मैच्योरिटी पीरियड के लिए भी 3 महीने से 3 साल का विकल्प मौजूद होता है. फंड हाउस ने कुछ ऐसी स्कीमें भी लौंच की हैं जिन का मैच्योरिटी पीरियड 370 से 390 दिन के बीच है. इन में निवेश करने से टैक्स के साथ महंगाई को भी समायोजित करने का मौका मिलता है.

हाइब्रिड या स्ट्रक्चर्ड प्रोडक्ट

कई फंड हाउस और प्राइवेट बैंक ऐसे हाइब्रिड प्रोडक्ट औफर कर रहे हैं जिन में डेट इंस्ट्रूमैंट की ज्यादा हिस्सेदारी होती है और इक्विटी का हिस्सा कम होता है. इन में कर्ज पर आधारित हाइब्रिड ऐंड स्कीम शामिल होती हैं. कैपिटल प्रोटैक्शन फंड और मंथली इन्कम प्लान इसी श्रेणी में आते हैं.

जानकार मानते हैं कि इस तरह का निवेश करने में एक ओर जहां आप का निवेश डेट इंस्ट्रूमैंट के जरिए सुरक्षित रहता है वहीं दूसरी ओर इक्विटी में निवेश से आप का रिटर्न भी बढ़ता है. इस पर भले ही ज्यादा रिटर्न न मिलता हो पर इस से होने वाले टैक्स फायदे और कम जोखिम के चलते यह छोटे निवेशकों के लिए पसंदीदा विकल्प है. विशेषज्ञों की मानें तो निवेशकों को अपने कुछ निवेश का कम से कम 20 से 40 फीसदी हिस्सा फिक्स्ड इंस्ट्रूमैंट पर लगाना चाहिए.

बरतें सावधानी

बाजार में उतारचढ़ाव हो रहा हो तो अपनी सारी निवेश राशि फिक्स्ड इन्कम इंस्ट्रूमैंट में निवेश नहीं करनी चाहिए. बाजार में जोखिम ज्यादा दिखाई दे तो फिक्स्ड इन्कम इंस्ट्रूमैंट का अनुपात बढ़ा दें. इस दौरान इक्विटी में निवेश जारी रखें. इस से लंबी अवधि में आप को लाभ होगा. इस तरह के इंस्ट्रूमैंट में निवेश करने से पहले मार्केट रिसर्च करना न भूलें क्योंकि किसी इंस्ट्रूमैंट में मिलने वाला 8 से 9 फीसदी रिटर्न भले ही आप को शुरुआत में लुभावना लगे लेकिन हो सकता है टैक्स के बाद यह रिटर्न कम हो जाए. आप को फिक्स्ड इन्कम इंस्ट्रूमैंट की जानकारी न हो तो किसी विशेषज्ञ की मदद लें. बाजार में सुधार दिखने लगे तो फिक्स्ड इन्कम इंस्ट्रूमैंट और इक्विटी में निवेश के अनुपात को बदल लें क्योंकि फिक्स्ड इन्कम इंस्ट्रूमैंट जहां आप को पूंजी की सुरक्षा देते हैं वहीं लंबे समय तक इन पर निर्भर होना आप के रिटर्न को घटा सकता है.

नींबू के छिलके के फायदे

नींबू के रस के फायदे तो हम सब जानते हैं. खाने का स्वाद बढ़ाना हो या एक्सट्रा फैट घटाना हो, हम रोजाना नींबू का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन नींबू के छिलके में भी बहुत गुणकारी तत्व होते हैं. यह बात अलग है कि हम कभी कभी प्लैटिंग के लिए नींबू के छिलके का प्रयोग कर लेते हैं. पर अकसर हम इन्हें बेकार समझकर कूड़े में फेंक देते हैं.

कैंसर से बचाव

इस बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है. लेकिन, नींबू के छिलके कैंसर से बचाने और उसके इलाज में काफी मददगार होते हैं. इसमें मौजूद तत्त्व कैंसर सेल्स से लड़ने में मददगार होते हैं.

कमर के एकस्ट्रा इंच घटाए

नींबू के छिलके वजन घटाने में भी मदद करते हैं. इनमें पेक्टिन होता है, जो शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को दूर रखता है. तो अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो नींबू के छिलकों का सेवन जरूर करें.

कॉलेस्ट्रॉल घटाए

यह कॉलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने में भी मदद करते हैं. शरीर में कॉलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा दिल को नुकसान पहुंचाती है.

त्वचा को रखे फ्रेश

झुर्रियों, एक्ने, पिग्मेंटेशन और गहरे निशानों से बचाने में नींबू के छिलकों का कोई सानी नहीं. इसमे मौजूद फ्री-रेडिकल्स इस प्रक्रिया में काफी अहम किरदार निभाते हैं. इसके साथ ही इसमं ऐंटि-ऑक्सिडेंट्स त्वचा को डिटॉक्सीफाई करते हैं, जिससे आपका रूप निखरता है.

हड्डियों की मजबती बढ़ाए

नींबू के छिलके हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं. इसमें उच्च मात्रा में कैल्शियम और विटमिन सी होता है. इसके अलावा यह हड्डियों से जुड़ीं बीमारियों जैसे ऑस्टियोपोरोसिस, रहेयूमेटॉयड अर्थराइटिस और इंफ्लेमेटरी पोलीअर्थराइटिस से भी बचाने में मदद करता है.

शरीर से टॉक्सिन हटाए

हमारे शरीर में कई तरह के टॉक्सिन होते हैं. ये पदार्थ न केवल हमारे शरीर को अंदर से कमजोर बनाते हैं, बल्कि साथ ही साथ हमारे भीतर ऐल्कोहल और अन्य नुकसानदेह खाद्य पदार्थों के सेवन की लालसा भी बढ़ाते हैं. नींबू के छिलके अपने खट्टे स्वाद और स्वभाव के कारण, इन विषैले पदार्थों को दूर करने में मदद करते हैं.

न्यू ईयर पार्टी: ग्लिटर मेकअप दे आकर्षक लुक

न्यू इयर पार्टी की सारी तैयारियां आपने कर ली हैं, नई ड्रेस से लेकर नए मैचिंग फुटवियर और एक्सेसरीज सब कुछ फाइनल है। और अब आप कन्फ्यूज्ड हैं मेकअप को लेकर! परेशान न हों, ग्लिटर मेकअप हर तरह के आउटफिट के साथ अच्छा लगता है तो बस तैयार हो जाइए ग्लिटर के टचअप के साथ पार्टी रॉक करने के लिए.

आपको इन स्टेप्स को फॉलो करते जाना है और चंद मिनट बाद आप होंगी रेडी टु रॉक!

आकर्षक चमक

पार्टी के लिए मेकअप करते वक्त केवल कॉन्ट्यूरिंग करना बोरिंग हो सकता है। इसके लिए शिमर हाइलाइटर को चेहरे पर प्रयोग करें। यह आपको स्किन को यंग ग्लो देगा।

ग्लिटरी आंखें

ग्लिटर लाइनर की एक पतली लेयर आंखों पर लगाए। यह आपको ट्रेंडी लुक देगी। आप चाहें तो टेक्सचर शेडो भी अप्लाई कर सकती हैं।

बॉडी शिमर

आप चाहें तो बॉडी शिमर भी ट्राई कर सकती हैं। सिलेब्रिटीज़ इस लुक को अक्सर ट्राई करते हैं। पार्टी गाउन या वनपीस ड्रेस पहनने से पहले गर्दन, पीठ के खुले हिस्सों और पैरों पर शिमर ऑइल लगाएं।

मेटालिक नेल्स

हाथ और पैर ने नाखूनों पर आपके मेकअप को कॉमप्लिमेंट करता हुआ नेल पेंट लगाएं। अगर आप सीजन का हॉटेस्ट ट्रेंड फॉलो करना चाहती हैं, तो बस दो नेलपेंट शेड्स को मिक्स करके लगाएं।

ग्लिटर पाउट

अपने खूबसूरत और नाजुक होठों को शिमर लुक से ओर खूबसूरत बनाएं। ध्यार रखें हर चीज में ग्लिटर यूज करने का मतलब यह नहीं हैं कि आप ओवर द टॉप नजर आएं। अपनी पसंद के लिप कलर की ग्लॉज़ी लिपस्टिक लगाएं और फिर इस पर ग्लिटर टच दें।

आप पार्टी या फंक्‍शन में अलग लुक पाने के लिए ग्लिटर मेकअप करती हैं. यह सिंपल मेकअप से बिल्कुल अलग है. ब्राइट थीम का यह मेकअप फेस को गोल्डन, सिल्वर और ब्रॉन्ज लुक देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

ग्लिटर को बिल्‍कुल सही तरीके से लगाना भी एक कला है. आइए जानते हैं आकर्षक दिखने के लिए ग्लिटर को सही तरीके से लगाने के तरीके के बारे में.

आंखों पर ग्लिटर लगाने का तरीका

आंखे चेहरे का बहुत ही हाईलाईटेड हिस्सा होती हैं, इसलिए आंखो के मेकअप पर विशेष रूप से ध्यान दें. आंखों का मेकअप करते समय आंखो के इनर कॉर्नर पर मैटेलिक शाइन जरूर एड करें. ऐसा करने से आपकी आंखे ब्राइट लगने लगेंगी. ग्लिटर आईशैडों को बेहद सावधानी पूर्वक लगाना होता है.

इसे लगाने के लिए टिप या ग्लिटर एप्‍लीकेटर का इस्‍तेमाल करना चाहिए. पलकों पर शेड लगाने से पहले हल्‍का शेड करें और उसके बाद प्रॉपर लगाएं. इसे लगाते समय हिलें नहीं और न ही पलकों को झपकाएं. अगर आप ग्लिटर आईशेडो को लगाने से पहले बेस कलर का इस्‍तेमाल करती हैं तो इससे ग्लिटर में एक्‍स्ट्रा चमक आती है.

बालों में ग्लिटर

बालों को कलर करना तो अब भी फैशन के हॉट ट्रेंड में है, लेकिन ग्लिटर से बालों को सजाना उससे भी ज्यादा ट्रेंडी है. यह बात सुनने में थोड़ी अजीब लग सकती है और हो सकता है ये ट्रेंड हर किसी को पसंद न आए, लेकिन फैशन के लिए कुछ भी कर गुजरने वाले फैशनपरस्तों को ये क्रेजी स्टाइल जरूर पसंद आएगा.

इस अजीबोगरीब ट्रेंड के अपने कुछ फायदे भी है. अगर आप पार्टी में अपनी पसंद से कलर किए बालों में जाना चाहती हैं लेकिन आपके पास उतना समय नहीं है, तो बस अपनी पसंद के रंग या रंगों में ग्लिटर्स बालों में लगाइए और पार्टी के लिए तैयार हो जाइए. इसे लगाने के लिए बस आपको अपने हेयर क्रीम से बालों को गीला कर उस पर अपनी पसंद से ग्लिटर लगाना है. आप चाहें तो बाल खुले छोड़ दीजिए या पोनी बना लीजिए या कोई और स्टाइल कीजिए.

नाखूनों को ग्लिटर से बनायें आकर्षक

महिलाओं की सुंदरता में सुंदर नाखूनों को सबसे महत्‍वपूर्ण माना जाता है. नाखूनों पर आर्ट बनाना काफी पुरानी प्रथा है. अब आप नाखूनों को ग्लिटर की मदद से सुंदर बना सकती हैं. अपनी पसंद का रंग चुनें. इसे सही से लगाएं. पहला कोट सूख जाने के बाद, नेलपॉलिश का दूसरा कोट लगाएं. आसपास लग जाने वाले कलर को हटा लें. और उस पेंट को अच्‍छी तरह से सूख जाने दें.

नेलपेंट लगाने के बाद आप ग्लिटर को लेकर ब्रश की सहायता से नाखूनों पर लगाएं. या टूथपिक की मदद से नाखून के बीच में लाइन भी खींच सकते हैं.इसके बाद नेल्‍स पर हल्‍की सी आर्ट बनाएं. इसे अच्‍छे से सूख जाने दें. बनी हुई आर्ट को सूख जाने के बाद, उस पर शाइनर को लगाएं.

अपकमिंग लिपस्टिक ट्रेंड्स

ओवरऔल फेस को ग्लोइंग इफैक्ट देने में लिपस्टिक का रोल काफी अहम है, बशर्ते लिपस्टिक अपने लिप्स व फेस टोन को ध्यान में रख कर लगाई गई हो और सब से जरूरी यह कि ट्रेंड के मुताबिक हो.

तो क्या हैं अपकमिंग लिपस्टिक ट्रैंड्स, आइए जानते हैं.

स्पार्कली लिप्स

इस विंटर सीजन में आप के लिप्स पर चमकती शाइन आप के मूड को भी ग्लैमराइज करेगी, क्योंकि इस सीजन में स्पार्कली लिप्स का ट्रेंड हिट रहेगा. इस टैक्नीक से लिप्स पाउटी व भरे नजर आएंगे. चिल्ड नाइट में इस स्पार्कली ट्रेंड को आप डार्क शेड्स जैसे बरगंडी, रूबी रैड, ब्लड वाइन व वर्मीलिन के साथ कैरी कर सकती हैं या फिर शीन न्यूड कलर्स के साथ इस ट्रैंडी लुक को हिट बना सकती हैं. शीन न्यूड ग्लौस अप्लाई करने से लिप्स पर एक वैटी लुक क्रिएट होता है, जो काफी सैंसुअस नजर आता है.

वाइन लिप्स

वाइन शेड इंडियन स्किनटोन पर काफी जंचता है. वार्म शेड होने के कारण यह हर प्रकार की स्किनटोन वाली लड़कियों द्वारा फ्लौंट किया जा सकता है और फेयर ऐंड डस्की दोनों ही टोन पर बहुत खूबसूरत दिखता है. अगर आप की स्किनटोन डार्क है, तो डार्क प्लम, ब्लैकबैरी वाइन, डीप वाइन रैड शैड लगाएं.

अगर आप फेयर हैं, तो प्योर वाइन या वाइन के रैड बैरी शेड्स खूब भाएंगे. इस के अलावा वाइन लिप्स इन दिनों ट्रेंड में हैं, तो ऐसे में कोई भी इस बोल्ड ट्रेंड को अपनाने में संकोच नहीं कर सकती. वाइन शेड जहां एक ओर आप को सौफिस्टिकेटेड व रौयल लुक देता है, वहीं दूसरी तरफ चेहरे को सुपर बोल्ड, सैक्सी लुक भी देता है. विंग्ड लाइनर व फेस पर ब्रौंजिंग के साथ यदि इस शेड से लिप्स को सील किया जाए, तो ओवरऔल लुक गौर्जियस नजर आता है.

एक और बेहतरीन कारण है लिप्स पर वाइन शेड को अप्लाई करने का और वह है शेप. अगर आपके लिप्स छोटे या पतले हैं, तो आप उन पर वाइन कलर का लाइट शेड अप्लाई कर सकती हैं. लिप्स पर लिप प्लंपर अप्लाई करें और फिर वाइन लिप पैंसिल से आउटलाइन दें. अब लिप पैंसिल से मैच करते शेड को लिप्स के अंदर फिल करें. फुलर लिप्स पर बस आप मैट डीप वाइन शेड अप्लाई करें और लिप सीलर से फिक्स कर के खुद को नाइट पार्टी के लिए तैयार कर सकती हैं.

औंब्रे

फ्रैंच वर्ड औंब्रे मेकअप की दुनिया का एक नया स्टाइल है, जिसे आईज व लिप्स मेकअप के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. सेम या फिर डिफरैंट शेड्स को लाइट से डार्क स्टाइल में मर्ज करना ही औंब्रे स्टाइल कहलाता है. लिप्स पर यह ट्रेंड अप्लाई करने के लिए बाहर की तरफ डार्क और अंदर लाइट शेड फिल करें. जैसे लाइट पिंक/डार्क पिंक, पिंक/औरेंज, वाइन/पिंक आदि. औंब्रे स्टाइल के ऊपर ट्रांसपैरेंट लिपग्लौस का कोट लगाने से लिप्स बेहद खूबसूरत व पाउटी नजर आते हैं.

औयल स्लिक लिप ट्रेंड

जैसाकि नाम से जाहिर है, औयल स्लिक लिप्स यानी औयल की कोट लिप्स पर. लिप मेकअप का यह लेटैस्ट ट्रेंड इन दिनों इन है. इस नए ट्रेंड में ग्लौसी टैक्स्चर से सजे लिप्स ऐसे लगते हैं जैसे लिप्स के ऊपर औयल का कोट लगाया गया हो. इस लुक के लिए आप को पर्पल, ब्लू व ग्रे के मैटेलिक शेड्स को आपस में मर्ज करना होगा, जिस से लिप्स पर घुमावदार इफैक्ट आएगा. औयली इफैक्ट के लिए लिप के ऊपर से ट्रांसपैरेंट ग्लौस का कोट लगा लें.

लिप मेकअप टिप्स

जानिए, होंठों पर किस मौके पर कौन से शेड की लिपस्टिक लगाएं.

यदि आंखों का मेकअप हैवी है तो हमेशा लाइट शेड की लिपस्टिक लगाएं.

 

लिपस्टिक लगाने से पहले लिप लाइनर का उपयोग करना अच्छा रहता है. यदि आप लाइट शेड की लिपस्टिक लगा रही हैं, तो न्यूड लाइनर का उपयोग करें.

 

लिपस्टिक आप के दांतों में न लगे, इस के लिए लिपस्टिक लगाने के बाद अपनी इंडैक्स फिंगर को मुंह के अंदर डाल कर होंठों से दबाएं और बाहर खींच लें. इस से अतिरिक्त लिपस्टिक साफ हो जाएगी.

 

यदि दांतों में पीलापन है, तो ऐसी लिपस्टिक का प्रयोग करें, जिस की अंडरटोन नीले रंग का आभास कराए.

 

यदि होंठ पतले हैं, तो मैट और ग्लौस लिपस्टिक चुनने की बजाय क्रीमी लिपस्टिक के डार्क शेड्स का चुनाव करें.

 

2016 रहा बायोपिक फिल्मों के नाम

साल 2016 में रियल लाइफ हीरोज की इंस्पीरेशनल स्टोरी पर बेस्ड फिल्मों का ट्रेंड़ पूरे साल जारी रहा. साल की शुरूआत में फिल्म ‘नीरजा’ आई थी. वहीं साल के खत्म होते होते ‘दंगल’ जैसा हिट बायोपिक भी आया.

इन फिल्मों की सफलता ने यह साबित किया कि अच्छी फिल्म बनाने के लिए एक्शन दृश्यों और फूहड़ हास्य की जरूरत नहीं होती. कहानी को अगर सही पटकथाकार और निर्देशक के साथ किरदारों के अनुरूप अभिनेता मिल जाते हैं तो यह फिल्म काल्पनिक कहानियों पर बनी फिल्मों को कहीं पीछे छोड़ देती हैं. आइए डालते हैं एक नजर उन बायोपिक फिल्मों पर जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के कीर्तिमान स्थापित किए और साथ ही ऑडियंस के दिलों को छुआ.

नीरजा

इस सूची में सबसे पहला नाम राम माधवानी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘नीरजा’ का आता है. सोनम कपूर अभिनीत ‘नीरजा’ उनके नौ साल के करियर की पहली ऐसी फिल्म रही, जिसने बॉक्स ऑफिस पर अपनी लागत का ढाई सौ गुना ज्यादा कारोबार किया.

यह फिल्म उस अपहृत विमान की फ्लाइट अटेंडेंट नीरजा भनोट की सच्ची कहानी पर आधारित थी, जिसने विमान में सवार 270 यात्रियों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की. सोनम कपूर के करियर में इस फिल्म ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

सरबजीत

भारत के सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने 22 सालों तक जेल में रखा . सरबजीत के जीवन पर आधारित फिल्म ‘सरबजीत’ में रणदीप हुड्डा ने सरबजीत का किरदार निभाया. वहीं एश्वर्या राय बच्चन सरबजीत की बहन दलबीर कौर बनीं थी.

एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी

टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के जीवन पर बनी यह फिल्म बायोपिक श्रृंखला की फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ फिल्म है. निर्देशक नीरज पांडे ने इस फिल्म को परदे पर उतारने से पहले धोनी के जीवन की हर छोटी-बडी घटना का गहराई से अध्ययन किया, उसके बाद उन्होंने इसे परदे पर उतारा.

धोनी के रूप में सुशांत सिंह राजपूत से उन्होंने कडी मेहनत करवाई नजीता परदे पर तब नजर आया जब दर्शकों को सुशांत सिंह राजपूत के रूप में परदे पर स्वयं ‘धोनी’ नजर आया. बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म ने 145 करोड़ का कारोबार करके खेल फिल्मों की सर्वश्रेष्ठता सिद्ध की.

दंगल

23 दिसंबर को परदे पर आई आमिर खान निर्मित और अभिनीत ‘दंगल’ बायोपिक फिल्मों में अपनी एक अलग जगह बनाई इसमें कोई शक नहीं. हरियाणा के पहलवान महावीर सिंह फोगाट की जिंदगी पर आधारित यह फिल्म पूरी तरह से महिला सशक्तिकरण को दर्शाती है.

अजहर

अजहर की सच्चाई – इमरान हाश्मी स्टारर फिल्म ‘अजहर’ में इंडियन क्रिकेट टीम के फॉरमर कैप्टन मोहम्मद अजरूद्दीन की लाइफ को दिखाया गया. मैच फिक्सिंग स्केंडल को भी फिल्म में शामिल किया गया था. फिल्म में नरगिस फखरी, प्राची देसाई और लारा दत्ता भी नजर आई.

अलीगढ़

जीवनियों पर बनने वाली फिल्मों में निर्देशक हंसल मेहता और अभिनेता मनोज बाजपेयी की फिल्म ‘अलीगढ़’ हिन्दी सिनेमा के ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में है. अलीगढ़ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की जिंदगी पर बनी इस फिल्म में अभिनेता मनोज वाजपेयी ने जो अभिनय किया, वह विरले ही देखने को मिलता है. हंसल मेहता ने अपनी फिल्म ‘अलीगढ़’ में अदालत में चले विवादास्पद और संवेदनशील मामले को छुआ, जो कॉलेज के एक समलैंगिक प्रोफेसर के जीवन पर आधारित है.

रूस्तम

कानून के सुप्रसिद्ध केस के.एम. नानावटी पर आधारित निर्देशक नीरज पांडे की फिल्म ‘रूस्तम’ को भी दर्शकों ने हाथों हाथ लिया. ‘रूस्तम’ के रूप में नजर आए अभिनेता अक्षय कुमार ने अपने अभिनय से दर्शकों की वाहवाही लूटी लेकिन नीरज पांडे जितने धोनी में सफल रहे, यहां वे कुछ कमतर साबित हुए. शोध की कमी के चलते इस फिल्म में कई कमियां नजर आईं, जिसके चलते इसका विरोध भी हुआ. अन्त में निर्माताओं को कहना पड़ा कि यह फिल्म बायोपिक नहीं बल्कि उस पर आधारित है.

ट्रैफिक

अभिनेता मनोज वाजपेयी की इस साल आई फिल्मों में यह उनकी दूसरी बायोपिक थी, जिसमें चेन्नई की एक असल घटना को दिखाया गया था. ट्रैफिक हवलदार के रूप में सशक्त भावाभिक्ति देने वाली मनोज वाजपेयी ने इस किरदार के लिए ट्रैफिक हवलदार की ट्रेनिंग भी ली थी.

समीक्षकों द्वारा सराही गई यह फिल्म कोई कमाल नहीं दिखा पाई थी. ‘ट्रैफिक’ चेन्नई में असल जीवन की घटना पर आधारित थी, जिसमें चिकित्सकों और यातायात पुलिसकर्मियों ने एक लड़की को नया जीवन देने के लिए मिलकर काम किया था.

वीरप्पन

एक लंबे अन्तराल के बाद निर्माता निर्देशक रामगोपाल वर्मा ने हिन्दी फिल्मों में ‘वीरप्पन’ के जरिए वापसी की. अपने ही अंदाज और अनूठी शैली के लिए ख्यात वर्मा ने चंदन तस्कर ‘वीरप्पन’ की जिंदगी को शिद्दत के साथ परदे पर उतारा. ‘वीरप्पन’ को पकड़ने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों ऑपरेशन कोकून चलाया गया था. वर्मा का निर्देशन काबिल-ए-तारीफ था. लेकिन बाजी मारी थी अभिनेता संदीप भारद्वाज ने जिन्होंने ‘वीरप्पन’ के रूप में उसकी दरिंदगी को परदे पर सशक्तता के साथ पेश किया. कई खूबियों के बावजूद यह फिल्म दर्शकों के जेहन में अपनी जगह बनाने में नाकामयाब रही.

2016 में इन नए चेहरों की हुई एंट्री

साल 2016 के दौरान कई नए कलाकारों ने बॉलीवडु फिल्मों से अभिनय की पारी शुरू की. इनमें से कुछ कलाकारों की फिल्में सफल रहीं, जिससे आने वाले समय में बॉलीवुड में उनका रास्ता कुछ आसान बना, वहीं दूसरी ओर फिल्में पिटने के कारण कुछ नए कलाकारों के लिए बॉलीवुड का सफर कठिन हो गया.

जानिए 2016 में बॉलीवुड में आए नए सितारों के बारे में..

हर्षवर्धन कपूर

अनिल कपूर के बेटे और सोनम कपूर के भाई हर्षवर्धन कपूर ने निर्देशक ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म ‘मिर्जिया’ से बॉलीवुड में अभिनय शुरू किया. हालांकि बॉक्स ऑफिस में कमाल नहीं कर पाने के कारण उनकी नैया थोड़ी डगमग दिख रही है.

सैयामी खेर

मॉडलिंग के क्षेत्र से अभिनेत्री बनने वाली सैयामी खेर ने भी ओमप्रकाश की ‘मिर्जिया’ से ही अपना अभिनय करियर शुरू किया. इस फिल्म में उन्होंने हर्षवर्धन कपूर के साथ काम किया था. सैयामी तन्वी और शबाना आजमी की भतीजी और पुराने जमाने की अभिनेत्री उषा किरण की पोती हैं. वह किंगफिशर कैलेंडर गर्ल रह चुकी हैं. इससे पहले उन्होंने तमिल में मणिरत्नम के साथ एक फिल्म की थी.

श्रिया पिलगांवकर

अभिनेता सचिन और सुप्रिया पिलगांवकर की पुत्री श्रिया पिलगांवकर ने भी इस साल शाहरुख खान की फिल्म ‘फैन’ से बॉलीवुड में कदम रखा. हालांकि इसमें श्रिया का किरदार बहुत छोटा था, लेकिन वह अपने अभिनय से नए कलाकारों में अपनी जगह बनाने में सफल रहीं.

उन्होंने 2013 में एक मराठी फिल्म से अभिनय जगत में कदम रखा था. इसके अलावा उन्होंने ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त करने वाले निर्देशक के साथ फ्रेंच में एक छोटी फिल्म भी की है.

रितिका सिंह

रितिका सिंह ने आर माधवन के साथ फिल्म ‘साला खड़ूस’ से फिल्मी दुनिया में कदम रखा. सुधा कोंगारा प्रसाद के निर्देशन में बनी इस फिल्म को दर्शकों ने खूब पसंद किया.

सायेशा सहगल

अस्सी के दशक के अभिनेता सुमित सहगल और उनकी पहली पत्नी शाहीन बानो की बिटिया और सायरा बानो की भतीजी सायेशा सहगल ने अजय देवगन के ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म ‘शिवाय’ से अभिनय जगत में कदम रखा. इससे पहले वह एक तेलगु फिल्म ‘अखिल’ भी कर चुकी हैं.

गौतम गुलाटी

बिग बॉस-8 के विजेता गौतम गुलाटी ने एकता कपूर की फिल्म ‘अजहर’ से अपना अभिनय करियर शुरू किया. इस फिल्म में उन्होंने रवि शास्त्री का किरदार निभाया था. यह फिल्म अजहरउद्दीन के जीवनी पर आधारित थी.

वलूश्चा डिसूजा

शाहरुख खान की फिल्म ‘फैन’ में श्रिया पिलगांवकर के साथ एक अन्य अभिनेत्री वलूश्चा डिसूजा ने भी बंबई फिल्म उद्योग से अपना करियर शुरू किया. वलूश्चा डिसूजा सुपर मॉडल रह चुकी हैं और इससे पहले पेप्सिको और हुंदै के विज्ञापन में शाहरुख खान के साथ काम कर चुकी हैं.

अर्पशक्ति खुराना

आयुष्मान खुराना के भाई अर्पशक्ति खुराना ने आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ के साथ बॉलीवुड में प्रवेश किया. वह दिल्ली में एक स्थापित रेडियो जॉकी रह चुके हैं और काफी समय से रंगमच करते रहे हैं.

पूजा हेगड़े

तमिल और तेलुगु की अभिनेत्री पूजा हेगड़े ने भी इस साल रितिक रौशन की फिल्म ‘मोहनजोदारो’ के साथ बॉलीवुड में डेब्यू किया है.

सान्या मल्होत्रा और फातिमा सना शेख

आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ में आमिर की बेटी का किरदार निभाने वाली सान्या मल्होत्रा ने भी 2016 में अपना अभिनय करियर शुरू किया. ‘दंगल’ में सान्या के साथ फातिमा सना शेख का भी करियर इसी फिल्म से शुरू हुआ है.

इससे पहले फातिमा ने कमल हसन और तब्बू की फिल्म ‘चाची-420’ में छोटी बच्ची का किरदार निभाया था. वह शाहरुख की फिल्म ‘वन टू का फोर’ में भी दिखाई दी थीं, जबकि टीवी धारावाहिक ‘अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो’ में उन्होंने सुमन का किरदार निभाया था.

भारत में सबसे पहले रिलीज होगी दीपिका की ‘XXX..’

बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की पहली हॉलीवुड फिल्म ‘xXx: रिटर्न ऑफ जैंडर केज’ दुनिया में कहीं भी रिलीज होने से पहले भारत में 14 जनवरी, 2017 को रिलीज होगी.

दीपिका ने ट्वीट किया, “यह घोषणा करते हुए रोमांचित हूं कि ‘xXx: रिटर्न ऑफ जैंडर केज’ पहले भारत में रिलीज होगी. दुनिया में कहीं भी रिलीज होने से पहले. 14 जनवरी.”

आगामी अंतरार्ष्ट्रीय फिल्म में दीपिका सेरेना अंगर की भूमिका में नजर आएंगी. इसमें हॉलीवुड एक्टर विन डीजल प्रमुख भूमिका में हैं.

डीजे क्रूसो द्वारा निर्देशित ‘xXx: रिटर्न ऑफ जैंडर केज’ साल 2002 की फिल्म ‘xXx’ और 2005 की फिल्म ‘xXx: स्टेट ऑफ यूनियन’ का अगला भाग है.

फिल्म में रूबी रोज, सैमुअल एल जैक्सन, डॉनी येन और टोनी जा जैसे सितारे अहम रोल में हैं.

अमरूद के पत्ते से दूर होगी स्किन प्रॉबलेम

अमरूद खाने के बहुत से फायदों के बारे में आप जानती होंगी लेकिन क्या आप जानती हैं अमरूद की पत्त‍ियां भी बड़े काम की होती हैं. अमरूद की पत्त‍ियां सेहत और खूबसूरती दोनों के लिए फायदेमंद हैं.

अमरूद की पत्त‍ियों का इस्तेमाल सामान्य घरेलू बीमारियों के लिए किया जाता है. दस्त, सिर दर्द और मुंह की बदबू दूर करने में तो ये फायदेमंद हैं ही साथ ही साथ ये एक बेहतरीन ब्यूटी प्रोडक्ट भी हैं.

अमरूद की पत्त‍ियों से दूर हो जाएंगी आपकी ये स्किन प्रॉब्लम.

झुर्रियां दूर करने के लिए

अमरूद की पत्‍तियां झुर्रियों को दूर करने में मददगार है. अमरूद की कोमल पत्त‍ियों को पीसकर एक पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को नियमित रूप से प्रभावित हिस्से पर लगाएं. कुछ ही दिनों में आपको फर्क नजर आने लगेगा.

दाग-धब्‍बे दूर करने में मददगार

अगर आपके चेहरे पर बहुत अधिक दाग-धब्बे हैं तो भी अमरूद की पत्‍तियों का इस्तेमाल करना आपके लिए फायदेमंद होगा. अमरूद की पत्त‍ियां दाग-धब्बों को दूर करके चेहरे पर निखार लाने का काम करती हैं.

आप चाहें तो नियमित रूप से अमरूद की मुलायम पत्त‍ियों को पीसकर इस्तेमाल कर सकती हैं. इसके अलावा आप चाहें तो इन पत्त‍ियों को उबाल लें. पांच से दस मिनट तक उबालने के बाद इस पानी को छान लें. इस पानी को गुलाब जल की तरह रोजाना सोने से पहले चेहरे पर लगाएं. कुछ ही दिनों में आपको अंतर नजर आने लगेगा.

मुंहासों को दूर करने के लिए

अमरूद की पत्‍तियों में एंटी-बैक्‍टीरियल गुण पाया जाता है. जिससे बैक्टीरिया पनपने नहीं पाते हैं और मुंहासे की समस्या बार-बार नहीं होती है. इसके साथ ही अमरूद की पत्त‍ियों के नियमित इस्तेमाल से चेहरे पर चमक भी आती है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें