हाई बीपी है साइलेंट किलर

फास्ट फूड और फास्ट लाइफ ने हमारी जीवनशैली को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है. गड़बड़ जीवनशैली धीमे से कब हमें कई गंभीर व घातक बीमारियों का शिकार बना लेती है, पता भी नहीं चलता. ऐसी ही एक खतरनाक बीमारी है ‘हाई ब्लड प्रेशर’, जिसे ‘साइलेंट जानलेवा या घातक बीमारी’ भी कहते हैं.

समय पर कराएं जांच

डॉक्टर्स के अनुसार यूं तो हमारे देश में 25 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को साल में एक बार बीपी चेक करवाने की सलाह दी जाती है, लेकिन आज की गड़बड़ जीवनशैली को ध्यान में रखते हुए बेहतर होगा कि 18 साल की उम्र से ही लोग बीपी की जांच करवाना शुरू कर दें.

इसके अलावा अगर आपकी उम्र 25 से ज्यादा है तो साल में दो बार, 35 से ज्यादा है तो तीन बार, 45 से ज्यादा है तो चार बार और 55 से ज्यादा है तो पांच बार बीपी की जांच करवाएं.

हाई बीपी के मरीज इन बातों का रखें ध्यान

खाने में नमक कम लें.

बाहरी नमकीन व अचार लेने से बचें.

खाने में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां, फल आदि लें.

एल्कोहल लेना कम कर दें.

बीपी नॉर्मल हो जाए तब भी दवा बंद न करें. इसकी दवाएं लेते रहें.

बर्थडे स्पेशलः काका के सुपरहिट डायलॉग्स

राजेश खन्ना की एक्टिंग में एक अजीब सी कशिश, अजीब सा दर्द था जो उन्हें दर्शकों के और करीब लाता गया. उनकी फिल्मों के गाने और डायलॉग को लोगों की जुबान में चढ़ने पर जरा भी देर नहीं लगती थी.

एक मैंगजीन से अपने करियर की शुरुआत करने वाले काका देखते ही देखते युवा दिलों की धड़कन बन गए. लड़कियां उन्हें खून से पत्र लिखती थीं. आइए उनके जन्मदिन पर उनके कुछ हिट डायलॉग्स को फिर से याद करते हैं.

अरे ओ बाबू मोशाय.., आनंद

अरे ओ बाबू मोशाय, हम तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं जिसकी डोर उस ऊपरवाले के हाथों में है, कब कौन कहां उठेगा ये कोई नहीं जानता. आनंद फिल्म का ये फेमस डायलॉग आज भी काका की याद दिलाता है.

आई हेट टीयरर्स, अमर प्रेम

पुष्पा, मुझसे ये आसू नहीं देखे जाते, आई हेट टीयरर्स.

मैनें तेरा नमक खाया है, नमक हराम

मैनें तेरा नमक खाया है, इसलिए तेरी नजरों में नमक हराम जरूर हूं. लेकिन जिसने ये नमक बनाया है, उसकी नजरों में नमक हराम नहीम हूं.

हमको माफी देदो साहिब, राम बलराम

मैं देर से आता नहीं हूं लेकिन क्या करूं, देर हो जाती है इसलिए माफी का हकदार हूं, अगर फिर भी किसी ने ना माफ किया हो तो मैं यही कहना चाहता हूं हमको माफी देदो साहिब.

मरने से पहले मरना नहीं चाहता, सफर

मैं मरने से पहले मरना नहीं चाहता.

जिंदगी के आखिरी मोड़ पर कितना अंधेरा है, सफर

ये तो मैं ही जानता हूं कि जिंदगी के आखिरी मोड़ पर कितना अंधेरा है सफर.

किसी बड़ी खुशी के इंतजार में.., बावर्ची

किसी बड़ी खुशी के इंतजार में हम ये छोटे-छोटे खुशियों के मौके खो देते हैं.

2016 में शादी के बंधन में बंधे ये सितारे

साल 2016 में बॉलीवुड और टीवी के कई सितारों ने शादी रचाई. कुछ ने गुपचुप शादी रचाई तो किसी का ग्रैंड सेलिब्रेशन हुआ. चाहे वो बॉलीवुड, टेलीविजन के सितारें हो या क्रिकेट जगत के मशहूर खिलाड़ी. यह साल बॉलीवुड के लिए कई मायनों में अच्छा रहा. आइए डालते हैं एक नजर उन मशहूर हस्तियों पर जो इस साल शादी के बंधन में बंध गए.

बिपाशा-करण

बॉलीवुड की बिंदास बाला बिपाशा बसु और एक्टर करण सिंह ग्रोवर इस साल एक-दूसरे के साथ शादी के बंधन में बंध गए. दोनों की मुलाकात फिल्म ‘अलोन’ के सेट पर हुई थी और वहीं से शुरू हुई इनकी प्रेम कहानी, जिसके बाद इन्होंने साथ रहने का फैसला किया.

हेजल-युवराज

भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह और बॉलीवुड एक्ट्रेस हेजल कीच इस साल एक दूजे के हो गए. दोनों ने 30 नवंबर को चंडीगढ़ से करीब 40 किलोमीटर दूर फतेहगढ़ साहिब में स्थित गुरुद्वारा दफेड़ा साहिब में शादी रचाई.

दिव्यांका-विवेक

‘ये है मोहब्बतें’ की इशिता यानी दिव्यांका त्रिपाठी 8 जुलाई को टीवी एक्टर विवेक दहिया के साथ शादी के बंधन में बंध गईं. यह शादी उनके होम टाउन भोपाल में हुई.

प्रीत-जीन

बॉलीवुड की क्यूट एक्ट्रेस प्रीति जिंटा ने भी इसी साल फरवरी में लॉस एंजिलिस में अपने अमेरिकी प्रेमी जीन गुडएनफ के साथ एक निजी समारोह में बेहद गुपचुप तरीके से शादी कर ली.

उर्मिला-मोहसिन

बॉलीवुड की रंगीला गर्ल उर्मिला मातोंडकर ने इस साल मार्च में गुपचुप तरीके से शादी रचा ली. 42 साल की उर्मिला के पति कश्मीर से है और उनका नाम है मोहसिन अख्तर मीर.

असिन-राहुल

बॉलीवुड एक्ट्रेस असिन ने माइक्रोमैक्स के को-फाउंडर राहुल शर्मा के साथ नई दिल्ली में 19 जनवरी को दो तरीके से शादी रचाई. उन्होंने सुबह क्रिस्चन रीति-रिवाज से शादी रचाने के बाद शाम को हिंदू रीति से भी शादी की.

किश्वर-सुयश

टीवी की मशहूर जोड़ी सुयश राय और किश्वर मर्चेंट ने छह साल लिव इन में रहने के बाद 16 दिसंबर को शादी कर ली. आपको बता दें कि दोनों की मुलाकात स्टारवन के शो ‘प्यार की एक कहानी’ के सेट पर हुई थी. सुयश राय चंडीगढ़ से ताल्लुक रखते हैं. इन दोनों ने कोर्ट मैरिज की. इस दौरान इस जोड़ी के कुछ खास दोस्त और परिवार वाले मौजूद थे. किश्वर उम्र में सुयश से 8 साल बड़ी हैं.

लीजा-डिनो

बॉलीवुड की सेक्सी और हॉट एक्ट्रेस लीजा हेडन ने 29 अक्टूबर को अपने बॉयफ्रेंड डिनो लालवानी से शादी रचाई. लीजा करीब एक साल से यूके बेस्ड बिजनसमैन को डेट कर रही थीं.

संभावना-अविनाश

टीवी एक्ट्रेस और मॉडल संभावना सेठ भी इस साल अपने लॉन्ग टाइम बॉयफ्रेंड अविनाश द्विवेदी के साथ शादी के बंधन में बंध गईं. दोनों की शादी दिल्ली के एक प्राइवेट फंक्शन में हुई.

श्वेता-इवानो

सिंगर और एक्ट्रेस श्वेता पंडित ने इस साल अगस्त में अपने इटैलियन बॉयफ्रेंड इवानो फुच्ची से शादी रचाई.

कैथरीन-बेनी

बॉलीवुड और साउथ इंडियन फिल्मों के पॉप्युलर सिंगर बेनी दयाल ने इसी साल अपनी लॉन्ग टाइम गर्लफ्रेंड कैथरीन थंगम से शादी कर ली. यह गुपचुप सेरेमनी बेंगलुरु में हुई.

सनाया-मोहित

टीवी एक्ट्रेस सनाया ईरानी और मोहित सेहगल की शादी रीति रिवाजों के साथ 25 जनवरी 2016 को गोवा के बीच पर हुई. घोड़े पर सवार मोहित ने बादामी रंग की शेरवानी और नेवी ब्लू पगड़ी पहन रखी थी. सनाया गोल्डन और रेड लहंगे में बेहद खूबसूरत लग रही थीं.

बॉबी-रमणीक

बॉबी डार्लिंग ने अपने बॉयफ्रेंड रमणीक शर्मा के साथ 11 फरवरी को भोपाल के एक मंदिर में शादी की. जिसमें कुछ चुनिंदा करीबी दोस्त और घरवाले ही शामिल हुए. रमणीक भोपाल के एक जाने माने बिजनेसमैन हैं. बॉबी डार्लिंग , जिनका असली नाम पंकज शर्मा है, ने अपना नाम बदलकर पाखी रख लिया है. रमणीक उम्र में बॉबी से 15 साल छोटे हैं.

अमृता-अनमोल

फिल्म ‘विवाह’ से फेमस हुई एक्ट्रेस अमृता ने 15 मई 2016 को बॉयफ्रेंड आर जे अनमोल के साथ शादी की.

कबीर-परवीन

बीते जमाने के एक्टर कबीर बेदी ने 70 साल की उम्र में परवीन दुसांज से शादी की. आपको बता दें की परवीन, कबीर से 28 साल छोटी हैं. 

वंदना-अमन

बिग बॉस 9 के कंटेस्‍टेंट अमन वर्मा ने अपने सालों पुराने रिश्‍ते के बाद गर्लफ्रेंड वंदना लालवानी से शादी कर ली है. एकता कपूर के सुपरहिट सीरियल ‘क्‍योंकि सास भी कभी बहू थी’ से हिट हुए अमन वर्मा ने 14 दिसंबर को अपने दोस्‍तों और साथियों के लिए एक भव्‍य रिसेप्‍शन का आयोजन किया.

रुचा-विशाल

टीवी एक्ट्रेस रूचा गुजराती भी शादी के बंधन में बंध गई हैं. कुसुम फेम रूचा ने अपने लॉन्ग टाइम ब्वॉयफ्रेंड विशाल से 12 दिसमबर को ट्रेडिशनल अंदाज में शादी कर ली. शादी में रूचा के फैमिली मेंबर्स और क्लोज फ्रेंड्स ही शामिल हुए. रुचा इससे पहले साल 2010 में मुंबई के बिजनेसमैन मितुल सांघवी से शादी कर चुकी हैं. लेकिन दोनों की शादी मजह 3 साल ही चल सकी. साल 2013 में दोनों का डाइवोर्स हो गया था.

रचना-बाबुल

सिंगर बाबुल सुप्रियो 9 अगस्त को अपनी गर्लफ्रेंड रचना शर्मा के साथ शादी के बंधन में बंधे. रचना एयहोस्टेज हैं, जोकि दिल्ली की रहने वाली हैं. बाबुल से उनकी मुलाकात फ्लाइट में एक यात्रा के दौरान हुई. सिगिंग और एक्टिंग के अलावा बाबुल राजनीति में भी काफी सक्रीय हैं. वो आसानसोल से बीजेपी के सांसद हैं.

काव्या-दिलीप

मलयालम फिल्मों के अभिनेता दिलीप और अभिनेत्री काव्या माधवन 25 नवंबर को शादी के बंधन में बंधे थे. शादी के समारोह का आयेाजन सादगी के साथ किया गया. इससे पहले दिलीप ने वर्ष 1998 में अभिनेत्री मंजू वारियर से शादी की थी और वर्ष 2015 में दोनों में तलाक हो गया था. दोनों की एक बेटी, मीनाक्षी भी है.

हुनर-मयंक

‘चाल: शह और मात’ और ‘एक बूंद इश्क’ जैसे सीरियल्स में काम कर चुकीं एक्ट्रेस हुनर हेल ने अगस्त में एक्टर मयंक गांधी से शादी की थी. नई दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित पहाड़ी वाले गुरुद्वारे में जोड़ी ने सिख रीतिरिवाज से एक-दूजे को अपना जीवनसाथी स्वीकार किया था.

अब छोटे पर्दे पर आ रहे हैं बाबा रामदेव

बाबा रामदेव किसी सेलेब्रिटी से कम नहीं हैं. योग की बात हो या उनके तरह-तरह के प्रोडक्ट्स, हर कोई बाबा रामदेव और उनसे जुड़ी चीजों से परिचित है. एंटरटेनमेंट की दुनिया में भी बाबा रामदेव का बहुत नाम है. वह कभी किसी सेलेब्रिटी के साथ डांस तो कभी कोई रिएलिटी शो जज करते नजर आ जाते हैं.

लेकिन, क्या आप जानतें हैं कि बाबा रामदेव जल्द ही अपना टीवी रिएलिटी शो लॉन्च करने वालें हैं. यह टेलीविजन रिएलिटी शो एक सिंगिंग रिएलिटी शो होने वाला है जिसमें सिंगर्स को फिल्मी गानों के नहीं बल्कि भजनों के सुर-ताल छेड़ने होंगे.

सूत्रों की मानें तो इस शो को हाल ही में रिलीज हुए शो ‘महाभारत’ में कृष्ण का किरदार निभाने वाले सौरभ राज जैन और सीरियल ‘सिलिसला प्यार का’ की अभिनेत्री छवी पाण्डेय होस्ट करने वालें हैं. यह भी कयास लगाया जा रहा है कि इस शो को खुद बाबा रामदेव और अनूप जलोटा जज करने वाले हैं.

इस शो को हरिद्वार में लॉन्च किया जाएगा और बाद में इसकी शूटिंग मुंबई में शिफ्ट की जाएगी. यह शो अगले साल फरवरी में ऑन एयर होगा.

नौनिहालों के लिए निवेश में न करें देरी

अपने बढ़ते नौनिहालों को महंगी शिक्षा देने व उन्हें नंबर वन पर रखने का हर मातापिता का सपना होता है. लेकिन महंगाई का मुकाबला करते हुए इस सपने को पूरा करने के लिए पैसों का सही समय पर व सही जगह निवेश कैसे करें, बता रहे हैं अमरीश सिन्हा.

भारत में बच्चों को केंद्र में रख कर निवेश करने की परंपरा नहीं रही है. जब से देश और दुनिया में उदारीकरण व बाजारवाद ने दस्तक दी तब से शिक्षा, पैसा व कैरियर अधिक महत्त्वपूर्ण होते गए. यही वजह है कि 20वीं सदी तक तो ऐसी गिनीचुनी निवेश योजनाएं ही देश में उपलब्ध थीं जो विशेषकर बच्चों के लिए हों. इन के बारे में भी शहरी निवेशकों या किसी दूसरे प्रकार के बीमा लेने वालों को ही पता होता था.

चाइल्ड इंश्योरैंस प्लान के अधिकतर ग्राहक वे ही होते थे जो या तो स्वयं बीमा कंपनी में कार्यरत थे या उन के मित्र व रिश्तेदार होते थे. बच्चों के भविष्य की निवेश योजनाएं बहुत ही ‘लो प्रोफाइल’ यानी कम लोगों के बीच प्रसारित होती थीं. वे तो गनीमत रहे 20वीं सदी के समापन के वर्ष और 21वीं सदी के शुरुआती साल जब उदारवाद की कोख से कई सारे घटनाक्रमों ने जन्म लिया. उन में से एक यह था कि लोगों में अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए निवेश करने की जागरूकता पनपी.

अश्विनी गरोडि़या तभी तो अपने इकलौते पुत्र को आईआईएम अहमदाबाद में प्रवेश दिलाने के वास्ते जीजान से जुटे हैं. बेटा होशियार भी है. उस का दाखिला एक नामीगिरामी कोचिंग संस्था में भी कराया गया है. अश्विनी वहां की फीस और फिर मैनेजमैंट में चयन के बाद पूरे 3 साल के आवासीय शिक्षण शुल्क आदि को मिला कर करीब 20 लाख रुपए जुटा चुके हैं.

मुकुंद गाडगिल का बेटा अतुल इसी साल साइंस इंस्टीट्यूट, भोपाल में चुना गया है जहां सभी छात्रों को सरकार की तरफ से 5 हजार रुपए माहवार छात्रवृत्ति मिलती है. वे काफी खुश हैं क्योंकि बतौर फीस मोटी रकम जुटा पाना उन के लिए मुमकिन नहीं था. दरअसल, पिछली सदी तक 1 बच्चे की पढ़ाई में मामूली रकम (कुछ विशेष विषयों की पढ़ाई को छोड़ कर) खर्च होती थी और वह नौकरी भी पा जाता था. लेकिन अब प्रतिस्पर्धी माहौल में पढ़ाई आसान नहीं रह गई है. महत्त्वाकांक्षाएं दिनबदिन बलवती हो रही हैं. हालांकि औरों को पीछे छोड़ आगे बढ़ने के मार्ग में कई निजी व सामाजिक खतरे भी हैं लेकिन उन्हें एक ओर रखते हुए सिर्फ आर्थिक पहलू पर गौर करें तो यह कहा जाना जरूरी है कि बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए अभिभावकों को आर्थिक तौर पर सबल बनना होगा.

बच्चों के भविष्य उन के अध्ययन के कोर्स, डिग्री, इंस्टीट्यूट आदि पर निर्भर होते हैं. ये सभी उच्च कोटि के हों, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप का बच्चा कितना होशियार है व आप श्रेष्ठ संस्थाओं में उस के अध्ययन का खर्च उठा पाने में सक्षम हैं या नहीं. शायद यही वजह है कि कई अभिभावक अपने बच्चों की बेहतर पढ़ाई हेतु बजट बनाने व पैसों का जुगाड़ करने को अपने जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा समझते हैं. हो भी क्यों न, राजेश सिन्हा अपने पुत्र को एमबीए में दाखिला दिलाना चाहते हैं. पर जिस किसी नामी संस्थान से संपर्क करते हैं, उन्हें पढ़ाई का कुल खर्च 12-13 लाख के आसपास बताया जाता है. वे अपने पुत्र निशांत को आईआईएम अहमदाबाद या एसएलआरआई जमशेदपुर के लिए तैयार कर रहे हैं.

चाइल्ड इंश्योरैंस प्लान

चाइल्ड इंश्योरैंस योजना की एक बड़ी खासीयत है. यदि बच्चे के एक निश्चित आयु तक पहुंचने से पहले ही बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है तो भी बीमा अपनी मैच्योरिटी तिथि तक जारी रहता है जबकि उस के बाद सारे प्रीमियम माफ हो जाते हैं. प्रीमियम बीमा कंपनी द्वारा खुद भरे जाते हैं. पौलिसी के मैच्योर होने पर सारे लाभ आप के बच्चे को पूर्ववत मिलेंगे. यह पौलिसी काफी उपयोगी है व सभी बीमा कंपनियों के पास ऐसी पौलिसी उपलब्ध है.

अमूमन यह पौलिसी 2 तरह की होती है. पहली पौलिसी मार्केट से जुड़ी होती है यानी इस में अदा किया जाने वाला प्रीमियम ‘इक्विटी’ और ‘डेट’ दोनों में निवेश किया जाता है जबकि दूसरी पौलिसी पारंपरिक होती है. इस में निवेश सिर्फ ‘डेट’ में होता है. दोनों में से कौन सा विकल्प आप को पसंद है. इस का चुनाव बीमा लेते वक्त आप को करना होता है. जहां पहले विकल्प में ‘जोखिम’ अधिक होने की वजह से मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम अधिक हो सकती है, वहीं दूसरा विकल्प ‘रिस्क फ्री’ होता है. पर इस में ‘मैच्योरिटी वैल्यू’ अपेक्षाकृत कम हो सकती है.

निवेश की शुरुआत

बच्चे के जन्म लेते ही उस के लिए निवेश के रास्ते तय करने शुरू कर देने चाहिए. ज्यादातर माता पिता अपने बच्चों के नाम लंबी अवधि के लिए फिक्स्ड डिपौजिट या आरडी (रेकरिंग डिपौजिट) अकाउंट खुलवाते हैं लेकिन ये काफी नहीं हैं. ये मुद्रास्फीति को मात नहीं दे पाते और लंबी अवधि के एफडी में आप की रकम लंबे समय के लिए ब्लौक हो जाती है.

समझदारी इस में है कि अपने नौनिहालों के लिए निवेश के विभिन्न ‘सेगमैंट’ तय कर लिए जाएं. यह सेगमैंट निर्धारण आप के लक्ष्य के मुताबिक हो. मसलन, लड़के या लड़की के विवाह का खर्च, विवाह की अनुमानित आयु, पढ़ाई पर होने वाला अनुमानित व्यय आदि. अब इन लक्ष्यों के मुताबिक अपनी वर्तमान आय व भविष्य की आय को ध्यान में रख कर निवेश करें. निवेश के कई सेगमैंट हो सकते हैं, जैसे चाइल्ड इंश्योरैंस प्लान, रियल एस्टेट या चुनिंदा कंपनियों के शेयरों में निवेश, पीपीएफ खाते में निवेश. पीपीएफ में माहवार जमा की जाने वाली रकम 15 वर्षों बाद बड़ी रकम में तबदील हो जाती है. रिटर्न का गोल्ड ईटीएफ भी अच्छा विकल्प है.

मुंबई के चेंबूर इलाके में रहने वाले हरीश रावजियानी शेयरों में निवेश के जरिए न सिर्फ अपनी दोनों संतानों (एक पुत्र व एक पुत्री) को अच्छी शिक्षा दिला सके, बल्कि आज दोनों संतानें बहुराष्ट्रीय कंपनियों में ऊंचे ओहदों पर कार्यरत हैं. चाइल्ड इंश्योरैंस प्लान ‘टर्म प्लान’ भी हो सकता है. ये प्लान एक से अधिक भी लिए जा सकते हैं. रियल एस्टेट में निवेश में रिटर्न 20-25 फीसदी सालाना हो सकता है. यह निवेश मुद्रास्फीति को तेजी से मात देता है पर पूंजी अधिक निवेश करनी पड़ती है.

चुनिंदा स्टौक में निवेश से लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिलता है. कुछ स्टौक लंबी अवधि के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं, जैसे एसबीआई, एलएंडटी, नेसले, ब्रिटानिया, कोलगेट, कैस्ट्रोल, केडिला हैल्थकेयर, डाबर, कोल इंडिया आदि. ‘सिप’ के जरिए श्रेष्ठ म्युचुअल फंड में निवेश 15 वर्षों में औसतन आप की रकम में 400 फीसदी इजाफा कर सकते हैं. वास्तविक सोने या गोल्ड ईटीएफ में निवेश भी अच्छा है. औसतन 18-20 फीसदी का रिटर्न देने वाला यह निवेश महंगाई की मार से आप को बचाता है और आप की पूंजी को सुरक्षित भी रखता है.

बहरहाल, जहां चाइल्ड प्लान में 10 हजार रुपए प्रति माह की बचत पर आप को 15 साल में करीब 61 लाख रुपए मिलेंगे, वहीं ऊपर दर्शाए गए निवेश के अलगअलग सेगमैंट के अनुसार इसी अवधि में लगभग 1 करोड़ 15 लाख का रिटर्न प्राप्त हो सकता है. चूंकि मुद्रास्फीति की दर भी औसतन 8 फीसदी रहती है, इसलिए महंगाई का मुकाबला करते हुए अपने बढ़ते नौनिहालों को महंगी शिक्षा देने और उन्हें ‘नंबर वन’ पर रखने के लिए निवेश करने में समझदारी ही नहीं बल्कि तत्परता भी दिखानी होगी यानी चाइल्ड इंश्योरैंस प्लान भी लें और मार्केट में सूझबूझ से पैसे भी लगाएं.

लजीज मुगलई डिश आलू लाजवाब

मुगलई डिश आलू लाजवाब अपने नाम की तरह ही लाजवाब और लजीज है. इसमें खूब सारा दूध, धी और काजू के साथ आलू का इस्तेमाल किया जाता है. जानिए आलू लाजवाब बनाने की रेसिपी.

सामग्री

कटे हुए आलू

तेल

घी

कटे हुए प्याज

काजू

हल्दी पाउडर

गरम मसाला

मिर्ची पाउडर

दूध

नमक

कटे हुए लहसून

कटे हुए अदरक

धनिया पत्ता

दही

विधि

सबसे पहले अदरक, लहसुन और काजू को पीस ले. अब कटे हुए आलू को फ्राई कर लें. एक बर्तन में घी गरम कर लें. गर्म किए हुए घी में जीरा डाले और अच्छे से पका लें.

अब इसमें बारिक कटे हुए प्याज डालकर एक से दो मिनट तक भून लें. फिर इसमें फ्राई किए हुए काजू, हल्दी पाउडर, गरम मसाला, मिर्च पाउडर और रेडी किया हुआ पेस्ट डालें.

इसे एक से दो मिनट तक भूनें. इसके बाद इसमें दही, दूध और पानी डालकर तीन मिनट तक पकाएं. बीच-बीच में इसे एक बार मिला दें.

तीन मिनट बाद इसमें फ्राई किया हुआ आलू डाल दें. इसे दो से तीन मिनट तक पकाएं ताकि आलू में मसाले का स्वाद अच्छी तरह से मिल जाए.

आखिर में इसे निकाल लें और इसे कटे हुए धनिए के पत्ते के साथ सजा दें. इस तरह से आलू लाजवाब तैयार है. आप इसे पराठे के साथ सर्व करें.

सर्दियों में मूली खाने के फायदे

सर्दियों में आप धूप में मूली को काले नमक के साथ खाएं तो इसका स्वाद ही बढ़ जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं इसके खाने के कई फायदे भी हैं. जी हां, सर्दियों में मूली खाने के कई फायदे हैं.

जॉन्डिस के मरीजों के लिए फायदेमंद

मूली जॉन्डिस यानि पीलिया के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है. जिन लोगों को पीलिया हो चुका है या जो इस से रिकवर कर रहे हैं उन्हें मूली को नमक के साथ जरूर खाना चाहिए. इससे पीलिया जल्दी ठीक हो जाता है.

फेफड़े की बीमारी से दिलाए निजात

रेस्पिरेटरी डिस्ऑडर्स हैं यानि जिन लोगों के लंग्स में दिक्कत है यदि वे मूली का सेवन करें तो फेफड़ों संबंधी बीमारी से जल्दी निजात मिलती है.

बुखार में भी फायदेमंद

बुखार में मूली का रस लेना बहुत फायदेमंद होता है. इतना ही नहीं, बुखार के दौरान टेस्ट बदल जाता है, वो भी ठीक हो जाता है.

दूर करे कब्ज की समस्या

कुछ लोग खट्टी डकारें आने के कारण मूली का सेवन नहीं करते. लेकिन आप मूली को उसके पत्तों और काले नमक के साथ खाएंगे तो इतनी डकारें नहीं आएंगी. कहते हैं कि मूली के खाने से कब्ज की समस्या भी आसानी से दूर होती है.

पाचन क्रिया में है मददगार

मूली हर उम्र के लोग खा सकते हैं. इसमें मौजूद नैचुरल फाइबर बड़ी उम्र के लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है. ये डायजेस्टिव सिस्टम को भी ठीक रखता है.

कीड़ा काट ले तो लगाएं मूली का रस

यदि कीड़ा काट ले तो वहां मूली का रस लगाना चाहिए. जल्दी आराम मिलता है. इससे इचिंग भी नहीं होगी.

माउथ फ्रेशनर

मूली को यदि आप सलाद में खाते हैं तो ये माउथ फ्रेशनर है. ये माउथ को फ्रेश और हेल्दी रखता है.

जल महोत्सव : हनुवंतिया टापू

सैलानियों के बीच जल पर्यटन का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है. भारत में जल पर्यटन की जगहों की कमी नहीं है. मगर इनकी कहीं चर्चा नहीं होती. हर भारतीय हमेशा विदेशी जल पर्यटन स्थलों की ही चर्चा करता रहता है. जल पर्यटन के नाम पर लोगों को थाईलैंड, मारीशस, दुबई, आस्ट्रेलिया, पेरिस,ग्रीस, पुर्तगाल, बैंकाक, स्विटजरलैंड, जर्मनी की ही याद आती है. जबकि भारत में अंडमान निकोबार द्वीप समूह के अलावा गोवा, उत्तराखंड में रिषिकेश के साथ ही मध्य प्रदेश में कई जल पर्यटन हैं.

मध्य प्रदेश में एक नहीं कई जल पर्यटन स्थल हैं. जिनमें होशंगाबाद जिले में स्थित तवा, जबलपुर के समीप बरगी, भोपाल में बड़ा तालाब, ग्वालियर के समीप तिगड़ा, शहडोल में बाण सागर, मंदसौर मेंगांधी सागर प्रमुख हैं. जबकि इनमें खंडवा जिले से 45 किलोमीटर दूर इंदिरा सागर बांध के पास स्थित हनुवंतिया टापू अति महत्वपूर्ण व काफी बड़ा जल पर्यटन स्थल है.

हनुवंतिया टापू पर जल पर्यटन के लिए पहुंचने वाले पर्यटक दावा करते हुए नहीं थकते कि यह तो स्विटजरलैंड से भी बेहतर है. मध्य प्रदेश सरकार ने इस जल पर्यटन स्थल को लोकप्रिय बनाने के मकसद से ही इस वक्त 15 दिसंबर 2016 से 15 जनवरी 2017 तक हनुवंतिया टापू पर ‘जल महोत्सव’ का आयोजन किया है. जबकि इसी वर्ष की शुरुआत में 12 से 21 फरवरी के बीच दस दिवसीय जल महोत्सव आयोजित किया गया था, जिसमें दस दिन के अंदर दो लाख पर्यटक पहुंचे थे. इसी वजह से अब यह आयोजन गुलाबी ठंड के मौसम में पूरे एक माह के लिए किया गया है.

नर्मदा नदी के किनारे स्थित हनुवंतिया प्रकृति के अनुपम सौंदर्य से युक्त जल पर्यटन स्थल है. अथाह जल राशि के बीच असंख्य टापू, क्रूज, मोटर बोट, जल परी का रोमांच, पानी से हथखेलियां करते पर्यटक,वाटर स्पोर्टस की मनभावन और साहसिक गतिविधियां हर पर्यटक को अपने मोह पाश में बांध लेते हैं. हनुवंतिया के चारों तरफ सघन वन क्षेत्र वन्य प्राणी और रंग बिरंगे पंक्षी इसे और रमणीय बना देते हैं. इसी वजह से हनुवंतिया दूसरे जल स्थलों से अलग है.

मध्य प्रदेश पर्यटन निगम ने हनुवंतिया को ‘वाटर स्पोर्टस काम्पलेक्स’ के रूप में विकसित कर इसे अति आनंद दायक जल पर्यटन स्थल बनाया है. यहां पूरे वर्ष पर्यटकों को समुचित सुविधाएं देने के मकसद से काटेज, रेस्टारेंट और बोट क्लब संचालित है. वोट क्लब के अंतर्गत जल परी, मोटर बोट का लुत्फ उठाया जा सकता है. साल में किसी भी दिन यहां पर्यटक पिकनिक मनाने जा सकते हैं.

हनुवंतिया टापू पर आयोजित हो रहे जल महोत्सव में हर दिन हजारों पर्यटक आ रहे हैं. मगर 25 दिसंबर को क्रिसमस व रविवार की दोहरी छुट्टी की वजह से एक ही दिन में करीबन बीस हजार पर्यटक पहुंचे. यह पर्यटक बोटिंग करते, जल  से अठखेलियां करते व सेल्फी लेते हुए नजर आए. दिन के समय हाट एअर बलून का आनंद लिया. तो वहीं शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का मजा ले रहे हैं. सांस्कृतिक कार्यक्रम में निमाड़ी फोक गीत संगीत व नृत्य से जुड़े कत्थक डांसर संजय महाजन हर दिन अलग अलग तरह के कार्यक्रम पेश कर रहे हैं. वह अमरकंटक की महिमा, वीरा का व्याह, आरा रजवाड़ी मटकी, कान ग्वाला हास्यप्रद नृत्य, झालरिया नृत्य रणबाई की विदाई, गणगौर नृत्य, सफी गान व कबीर गान को अपने बाड़वाह ग्रुप के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं. यहां सिर्फ भारतीय ही नहीं बल्कि हर दिन सैकड़ों विदेशी पर्यटक भी हनुवंतिया टापू पर जल पर्यटन का लुत्फ उठाते हुए नजर आ रहे हैं.

‘‘जल महोत्सव’’ में कई तरह के आयोजन हो रहे हैं. एक तरफ बच्चे ‘‘एम पी में दिल हुआ बच्चा सा’’ प्रदर्शनी का लुत्फ उठाते हुए सेल्फी खिंचवा रहे हैं. तो वहीं कुछ लोग क्राफ्ट मेले में खरीददारी करते हुए नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं कई पर्यटक टर पैरा सेंलिग, हवा में पैरा सेलिंग, बनाना बोट, स्पीड बोट, जल परी,क्रूज सहित दूसरी राइड का मजा ले रहे हैं.

इस बार जल महोत्सव का आकर्षण शिकारा और हाउस बोट हैं. शिकारा में बैठकर पर्यटक कश्मीर की डल झील का एहसास कर सकता है. तो वहीं केरल की तर्ज पर हाउस बोट में ठहरने का आनंद ले सकता है. जो लोग गुलाबी ठंड के बीच नया वर्ष मनाना चाहते हैं, उनके लिए तो यह जल महोत्सव हमेशा के लिए एक यादगार बना रहेगा.

यहां राष्ट्रीय स्तर की पतंग उड़ाने, सायकल चलाने व वाल क्लाइंबिंग प्रतियोगिताएं हो रही हैं. वाल क्लाइंबिंग प्रतियोगिता मे हिस्सा लेने के लिए 60 राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी पहुंचे हैं. इन्ही में से दस खिलाड़ी चुने जाएंगे, जो कि 2020 में आयोजित ओलंपिक खेल में हिस्सा लेंगे.

कैसे पहुंचेंगे हनुवंतियाः

हवाई मार्ग सेः

हवाई जहाज से यात्रा करने वालों को इंदौर या भोपाल हवाई अड्डा उतरना होगा. वहां से सड़क मार्ग से हनुवंतिया पहुंचा जा सकता है. इंदौर से 130 किलोमीटर और भोपाल से 330 किलोमीटर की दूरी पर हनुवंतिया है.

रेल मार्ग सेः      

रेल मार्ग से यात्रा करने वाले पर्यटक इंदौर अथवा खंडवा रेलवे स्टेशन उतर कर सडक मार्ग से हनुवंतिया पहुंच सकते हैं. इंदौर रेलवे स्टेशन से 130 किलोमीटर और खंडवा रेलवे स्टेशन से 45 किलोमीटर की दूरी है. यदि भोपाल रेलवे स्टेशन से सड़क मार्ग अपनाएं, तो अब्दुल्ला गंज, नसरूल्ला गंज, हरदा, खंडवा व मूंदी होते हुए यानी कि 280 किलोमीटर की यात्रा कर हनुवंतिया पहुंच सकते हैं. मूंदी से हनुवंतिया सिर्फ15 किलोमीटर दूर है.

कहां ठहरें:

हनुवंतिया जल महोत्सव का लुत्फ उठाने वाले पर्यटक इस एक माह के दौरान हनुवंतिया में ही बने टेंट में ठहर सकते हैं. यह टेंट दो तरह के हैं. प्रीमियम और डिलक्स टेंट. यह सभी टेंट वातानुकूलित हैं. इनमें  5जनवरी से 15 जनवरी 2017 के बीच एक रात दो दिन रूकने का किराया प्रति व्यक्ति 8100 और 7100है. एक टेंट में दो लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. जबकि 25 दिसंबर 2016 से 4 जनवरी 2017 के बीच  है राशि बढ़कर 9100 और 8100 है. इस राशि में सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात्रि का भोजन भी शामिल है. जो पर्यटक इन टेंट में ठहरने के लिए पहले से आरक्षण करवाते हैं, उन्हें  इंदौर अथवा खंडवा से हनुवंतिया पहुंचाने व वापस छोड़ने की मुफ्त व्यवस्था की गयी है.

पर जो पर्यटक पूरे वर्ष यहां पर्यटन के लिए आते हैं, उनके ठहरने के लिए निगम द्वारा बनाए गए काटेज या हाउस बोट हैं. काटेज के लिए 3290 प्रति व्यक्ति तथा हाउस बोट के लिए प्रति व्यक्ति 5990 देना होगा.

ये साल रहा रिमिक्स गानों के नाम

साल 2016 रिमिक्स गानों के नाम रहा. इस साल कई पॉपुलर गानों का फिल्मों के लिए रिमेक किया. पुराने गानों में थोड़ा सा मॉर्डन टच देकर कुछ गजब सा पेश करने की कोशिश की गई. कुछ गानों के साथ तो यह फिट बैठा, पर कुछ गानों के असल वर्जन में जो बात थी वो रिमेक में नजर नहीं आई.

आपकी पसंद और नापसंद का फैसला तो आप ही करेंगे, पर हम बता रहे हैं कुछ गानें जिनको 2016 में रिमेक किया गया.

1. लड़की ब्यूटीफूल, कर गई चुल…

करण जोहर आदतन एक और गाने का रिमेक अपने पिक्चर में लेकर आए. रैपर बादशाह द्वारा लिखे इस गीत को फिल्म कपूर एंड संस के लिए अमाल मलिक ने रिक्रिएट किया.

2. लैला मैं लैला…

80 के दशक में आई फिल्म  कुर्बानी में जीनत अमान पर यह गाना फिल्माया गया था. 2017 में आ रही शाहरूख की रईस के लिए राम संपथ ने इसमें कुछ मसाले डाले और जावेद साहब ने कुछ लाइंस. बाकि तड़के का काम सनी लियोन ने किया. इंटरनेट पर इस गाने ने कमाल कर दिया. पर हमें लगता है कि जो बात जीनत में है वो सनी में कहां.

3. तेनु काला चश्मा जचदा ए…

पार्टी कोई भी और कभी भी हो पर काला चश्मा तो जचदा ए… कटरीना के किलर लुक और सिद्धार्थ के चार्म के साथ तो गाने को हिट होना ही था. बार बार देखो फिल्म को आप भले ही बार बार न देखें, पर 2016 में यह यू ट्यूब पर सबसे ज्यादा देखे जाने वाले विडियो में से एक है. इस गाने को ओरिजनली एक पुलिसकर्मी ने लिखा था.

4. हसीनों का दीवाना…

बिग बी के इस गाने को रफ्तार और पायल देव ने काबिल के लिए रिक्रिएट किया है. उर्वशी रौतेला ने इस गाने में एक्स्ट्रा हॉटनेस भर दिया है.

5. ऐसे न मुझे तुम देखो, पल पल दिल के पास

वजह तुम हो फिल्म को देखने की भले कोई वजह न हो. पर फिल्म में दो पुराने गानों का रिमेक है. देव आनंद के मश्हूर गाने ऐसे न मुझे तुम देखो और धरम पाजी पर फिल्माया गाना पल पल दिल के पास. पर इन गानों के बारे में हम कुछ नहीं कहेंगे. आप सुनें और तय करें. 

6. हम्मा हम्मा…

ए आर रहमान के फैन्स का रिएक्शन इस गाने के रिमेक को सुनने के बाद बहुत अच्छा नहीं था. बादशाह के रैप के साथ गाने में मोर्डन टच लाने की कोशिश की गई है. हमें तो इस गाने से काफी निराशा हुई. पर आपकी पसंद नापसंद का डिशीजन आप खुद लें.  

2016 के टॉप 10 डायलॉग्स

साल 2016 हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिये अलग-अलग विषयों पर बनी फिल्मों के नाम रहा. इस साल सुल्तान, पिंक, ऐ दिल है मुश्किल, एमएस धोनी-द अनटोल्ड स्टोरी और दंगल के साथ कई मजेदार फिल्में रिलीज हुई. ऐसे में यह कहना कि साल 2016 बायोपिक, रोमांटिक, स्पोर्ट्स, ड्रामा, थ्रिलर सहित तमाम फिल्मों के नाम रहा.

आइए इन्हीं फिल्मों के कुछ खास डायलॉग पर नजर डालते हैं.

नो मीन्स नो (No Means No), पिंक

महानायक अमिताभ बच्चन ने जब कोर्ट के भीतर खड़े होकर ‘नो मीन्स नो’ कहा तो दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट थमने का नाम ही नहीं ले रही थी.

म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के, दंगल

साल के आखिर में आई फिल्म ‘दंगल’ में जब आमिर अपनी पत्नी से कहते हैं, ‘म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के’ और हर तरफ सीटियां और तालियां बजने लगती हैं.

इक तरफा प्यार की ताकत.., ऐ दिल है मुश्किल

रणबीर कपूर और अनुष्का शर्मा को लेकर करण जौहर ने फिल्म ऐ दिल है मुश्किल बनाई. इसमें बेहतरीन डायलॉग्स भी मौजूद थे. जैसे ‘इकतरफा प्यार की ताकत ही कुछ और होती है, औरों के रिश्तों की तरह ये दो लोगों में नहीं बंटती’.

कोई तुम्हें तब तक नहीं हरा सकता.., सुल्तान

‘सुल्तान’ फिल्म का डायलॉग काफी फेमस हुआ जिसमें कहा गया, ‘कोई तुम्हें तब तक नहीं हरा सकता जब तक कि तुम खुद से ना हार जाओ’.

इसकी कुंडली में लिखा था, कुल का दीपक बनेगी ये, नीरजा

फिल्म में नीरजा की मां के किरदार में शबाना आजमी, नीरजा को कहती हैं कि ‘इसकी कुंडली में लिखा था, कुल का दीपक बनेगी ये’ तो अचानक से दर्शकों में कई लोगों की आंखें नम हो जाती हैं.

आदमी की फितरत ही होती है.., एयरलिफ्ट

साल 2016 की शुरुआत में अक्षय कुमार और निम्रत कौर स्टारर फिल्म ‘एयरलिफ्ट का डायलॉग ‘आदमी की फितरत ही होती है, चोट लगती है तो सबसे पहले आदमी मां-मां ही चिल्लाता है’ काफी प्रसिद्ध हुआ.

जब तक मैं जिंदा हूं ना.., कहानी 2

विद्या बालन स्टारर फिल्म ‘कहानी 2’ का एक डायलॉग काफी फेमस हुआ जब विद्या अपनी बेटी से कहती हैं, ‘जब तक मैं जिन्दा हूं ना तुझे कुछ नहीं होगा’.

अपने पास्ट के द्वारा वर्तमान को ब्लैकमेल मत होने दो.., डियर जिंदगी

गौरी शिंदे के डायरेक्शन में आलिया भट्ट और शाहरुख खान स्टारर फिल्म ‘डियर जिंदगी’ के संवाद भी काफी अलग थे. शाहरुख आलिया को समझाते हुए कहते हैं- ‘अपने बीते हुए कल (पास्ट) के द्वारा वर्तमान (प्रेजेंट) को ब्लैकमेल मत होने दो, जिससे कि फ्यूचर बर्बाद हो जाए’.

कमाता हूं दिरहम में.., ढिशूम

वरुण धवन और जॉन अब्राहम की फिल्म ‘ढिशूम’ का यह डायलॉग भी काफी चर्चा में आया, कमाता हूं दिरहम में लेकिन खर्चता हूं रुपये में, खाता हूं इनकी लेकिन सुनता हूं सिर्फ मोदीजी की’

मेरी यूनिफार्म मेरी आदत है.., रुस्तम

1950 के दशक के मशहूर नानावटी केस पर आधारित फिल्म ‘रुस्तम’ में कई फेमस डायलॉग थे, ‘मेरी यूनिफार्म मेरी आदत है, जैसे कि सांस लेना, अपने देश की रक्षा करना’. या फिर, ‘मतलब बाजी जीतने से है, फिर चाहे पाया कुर्बान हो या फिर रानी’.

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