अपनी अंग्रेजी सुधार रही हैं राखी

आइटम गर्ल राखी सावंत अपने बेहद खास एक्सेंट की वजह से मशहूर हैं, जिसका लोग अक्सर मजाक भी उड़ाया करते हैं. खबर है कि इन दिनों राखी अपनी इंग्लिश सुधार रही हैं और इतना ही नहीं वह फ्रेंच सीखने में व्यस्त हैं.

दरअसल, यह कोचिंग उन्होंने इसलिए शुरू की है ताकि उन्हें उनकी फ्रेंच फिल्म में मदद मिल सके, जो कि एक भारतीय लड़की के इर्द-गिर्द घूमती कहानी है. एक ऐसी भारतीय लड़की, जिसे विदेश में आकर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. राखी अपने ऐक्टिंग स्किल को लेकर तो कॉन्फिडेंट हैं, लेकिन भाषा को वह एक बड़ा चैलेंज मानती हैं.

राखी कहती हैं, ‘मुझे शुरुआत में भरोसा नहीं था, क्योंकि मैं इंग्लिश में उतनी धाराप्रवाह नहीं हूं और न तो फ्रेंच ही जानती हूं. इसलिए, इन दिनों मैं इन भाषाओं को सीखने में व्यस्त हूं.’

एक और चीज इस फिल्म में खास है और वह है किसिंग सीन. खबर है कि इस फिल्म में राखी के 22 किसिंग सीन हैं और उन्होंने खुद इस खबर को कन्फर्म किया है.

अनुष्का ने ‘कॉफी विद करण’ को कहा नो

फिल्ममेकर करण जौहर जल्द ही अपने चर्चित रियलिटी शो ‘कॉफी विद करण’ का पांचवां सीजन लेकर आ रहा हैं. करण के इस शो में सेलेब्रिटी गेस्ट आते हैं. शो के दौरान सेलेब्रिटी की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी बातें होती हैं.

करण जौहर की बॉलीवुड में ऐसी इमेज है कि कोई उनके शो में आने से मना नहीं करता. लेकिन अनुष्का शर्मा ने करण जौहर को ‘ना’ कह दिया है. इस ‘ना’ की वजह जानकर आप चौंक जाएंगे.

अनुष्का शर्मा ने करण जौहर की ‘ऐ दिल है मुश्किल’ में काम किया है. ऐसे में जब यह खबर सामने आई कि अनुष्का ने ‘कॉफी विद करण’ में आने से इनकार कर दिया, तो सबको हैरानी हुई. सूत्रों के मुताबिक, अनुष्का शर्मा की इस ‘ना’ के पीछे एक वजह है, जिसके तार क्रिकेटर विराट कोहली से जुड़े हुए हैं.

दरअसल, अनुष्का शर्मा अपनी पर्सनल लाइफ से जुड़े सवालों के जवाब पब्लिकली नहीं देना चाहतीं. वह अपनी पर्सनल लाइफ को पर्सनल ही रखना चाहती हैं. ये बात अब किसी से छिपी नहीं है कि अनुष्का और विराट रिलेशनशिप में हैं.

अब अगर अनुष्का ‘कॉफी विद करण’ में जाती हैं, तो उनसे विराट से जुड़े सवाल भी जरूर पूछे जाएंगे. इसलिए अनुष्का ने करण के शो में ना जाने का फैसला किया है.

एक तरफ करण की फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ का विरोध कुछ राजनीतिक पार्टियां कर रही हैं. वहीं अब अनुष्का ने ‘कॉफी विद करण’ में आने से इनकार कर दिया. करण जौहर की मुश्किलें आए दिन बढ़ती ही जा रही हैं.

“अब एक हिट फिल्म की अदद जरूरत है”

मैंने बॉक्स ऑफिस पर इतना नुकसान कर लिया है कि अब एक हिट की जरूरत है. यह कहना है रणबीर कपूर का. जी हां, कभी सलमान खान, शाहरूख खान के बाद इन्हें अगला सुपरस्टार माना जाने लगा था. लेकिन फिर रणबीर की फ्लॉप फिल्मों का सिलसिला जो शुरू हुआ, वह आज तक खत्म नहीं हो पाया है.

रणबीर की पिछली फिल्म ‘तमाशा’ भी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही थी. लिहाजा, रणबीर ने अब खुद ही कहा है कि अब मुझे एक हिट फिल्म की जरूरत है, जिससे मैं थोड़ा रिलैक्स फील कर सकूं. मेरी पिछली फिल्म तमाशा के बाद अब मैं एक साल बाद आ रहा हूं.

जग्गा जासूस भी लेट हो गई है. मैंने बॉक्स ऑफिस पर अब तक इतना नुकसान सह लिया है कि अब मुझे एक हिट ही बचा सकती है. रणबीर कपूर ने पिछले कुछ समय से एक के बाद एक फ्लॉप दी हैं, जिनमें से कुछ काफी बड़ी बजट की फिल्में भी थीं.

तमाशा

इम्तियाज अली की इस फिल्म में रणबीर-दीपिका की जोड़ी थी. कोई शक नहीं कि यह फिल्म दमदार थी, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फेल हो गई.

रॉय

जैकलीन फर्नानडीस और अर्जुन रामपाल के साथ फिल्म रॉय भी बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी.

बॉम्बे वेलवेट

अनुराग कश्यप की यह बिग बजट फिल्म थी. बॉलीवुड की सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्मों में से एक निकली.

रॉकस्टार

इम्तियाज अली की इस फिल्म ने रणबीर कपूर को बेस्ट एक्टर का अवार्ड तो दिलवा दिया. लेकिन बॉक्स ऑफिस कमाई में पीछे रही.

कटरीना कर सकती हैं टीवी का रुख!

शाहिद कपूर और जैकलीन फर्नानडीज के बाद अब कटरीना कैफ भी टीवी की राह पकड़ सकती हैं. गौरतलब है कि उनकी पिछली दो फिल्में फ्लॉप होने के बाद आगामी फिल्मों पर संदेह पैदा हो गया है.

कटरीना ने कहा ‘टीवी अब कोई छोटा माध्यम नहीं रह गया. मुझे डांस शो में दिलचस्पी है. यदि डांस शो से जुड़ा कोई अच्छा ऑफर हुआ तो मुझे टीवी में काम करने पर कोई एतराज नहीं. मेरे पास ऑफर्स काफी आए हैं. मैं जब फिल्म इंडस्ट्री में आई थी, तब फराह खान मुझे कोरियोग्राफी के दौरान बहुत डांटती थीं. वे कहती थीं डांस करते समय मेरी बाहें स्ट्रांग फ्लो में नहीं दिखती है. मैंने इन बातों पर काफी काम किया है. इसलिए मुझे डांस शो करने में ही ज्यादा दिलचस्पी है.’

सूत्र बताते हैं कि ‘कटरीना ने कई निर्माता-निर्देशकों को अप्रोच किया है, लेकिन इस साल ‘फितूर’ और ‘बार बार देखो’ की असफलता के बाद समीकरण बदल चुके हैं. फिलहाल, उनकी कोई भी कोशिश कारगर नहीं हो रही है.’

हो सकता है वे जल्द टीवी पर नजर आएं.

आगामी फिल्में भी संकट में, छह महीने नहीं कोई काम

सलमान के साथ ‘एक था टाइगर’ के सीक्वल की शूटिंग अगले साल शुरू होगी. फवाद खान के साथ फिल्म टल चुकी है. उधर, आनंद एल. राय ने भी शाहरुख के साथ फिल्म में कटरीना के होने की खबर को नकार दिया है.

रणबीर के साथ ‘जग्गा जासूस’ की शूटिंग पूरी हो चुकी है. रिलीज़ अगले साल अप्रैल में तय है. यानी प्रमोशन मार्च 2017 में शुरू होगा. ऐसे में कहा जा सकता है कि अगले छह महीनों तक कटरीना कैफ के पास कोई काम नहीं है.

चाइनीज कढ़ी, देसी स्वाद

सामग्री चाइनीज बौल्स की

– 150 ग्राम पत्तागोभी कटी हुई

– 10 ग्राम गाजर कटी हुई

– 50 ग्राम प्याज कटा हुआ

– 10 ग्राम बींस

– 1 हरीमिर्च कटी हुई

– 2-3 बेबीकौर्न कटे हुए

– 30 ग्राम कौर्नफ्लोर

– 50 ग्राम मैदा

– थोड़ा सा अदरक कटा हुआ

– थोड़ा सा लहसुन कटा हुआ

– चुटकी भर कालीमिर्च पाउडर

– 1/2 छोटा चम्मच सोया सौस

– 100 ग्राम नूडल्स

– पर्याप्त तेल फ्राई करने के लिए

– 1 बड़ा चम्मच तेल

– नमक स्वादानुसार

सामग्री कढ़ी की

– 200 ग्राम खट्टा दही

– 50 ग्राम बेसन

– 1 छोटा चम्मच हलदी

– थोड़ा अदरक कटा हुआ

– थोड़ा लहसुन कटा हुआ

– चुटकी भर गरममसाला

– 1/2 छोटा चम्मच मेथीदाना

– 1/2 छोटा चम्मच सरसों दाना

– 1-2 सूखी लालमिर्चें

– 5 ग्राम घी

– 1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

– चुटकी भर हींग द्य नमक स्वादानुसार

विधि चाइनीज बौल्स की

पत्ता गोभी, प्याज, बींस, बेबीकौर्न, गाजर, लहसुन, अदरक और हरीमिर्च को पानी में एकसाथ भिगो कर निकाल लें. अब इस में मैदा, कौर्नफ्लोर, नमक और कालीमिर्च डाल कर मिलाएं. अब इस मिश्रण में सोया सौस डालें और मिश्रण की बौल्स बना कर और सुनहरा होने तक तल लें. नूडल्स को भी सुनहरा होने तक तल लें.

विधि कढ़ी की

बेसन को 1/2 कप पानी में घोल कर उस घोल में दही मिला लें. अब फिर से 2 कप पानी डालें और अच्छी तरह फेंट लें. घोल में गांठें न पड़ने दें. अब इस में नमक और हल्दी डालें. धीमी आंच में पकाएं. बीचबीच में मिश्रण को हिलाती रहें. अब इस में गरममसाला डालें.

15 मिनट तक उबालें. फिर घी गरम करें और उस में हींग, मेथीदाना, सरसों दाना, सूखी लालमिर्च और लालमिर्च पाउडर डालें. अब इस तड़के को करी में डाल दें. अब करी को 2-3 मिनट तक उबालें और फिर इस में चाइनीज बौल्स डाल दें. ऊपर से नूडल्स डालें और गरम चावलों के साथ सर्व करें.

व्यंजन सहयोग:

रुचिता कपूर जुनेजा

संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे

हम सभी चाहते हैं कि हमारी सेहत हमेशा बनी रहे जिसके लिए हम अपने भोजन में ऐसी चीजें खाते हैं जिससे कि हमें प्रोटीन मिले. क्या आप जानते हैं कि सुबह का नाश्ता पूरे दिन का सबसे अहम भाग होता है. अगर आपके नाश्ते का हिस्सा अंडा हो तो फिर बात ही क्या है.

न सिर्फ सर्दियों में बल्कि हर मौसम में इसे खाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद है, लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं कि अपनी सुबह की डाइट में अंडे को शामिल नहीं करते हैं. उन्हें लगता है कि इसका सेवन करनें से हम मोटे हो जाएंगे. पर उन्हें कौन समझाए कि अंडे खाने के नुकसान नहीं फायदे ही फायदे हैं.

जो लोग अपनी बॉडी बनाने के लिए प्रोटीन ड्रिंक्स के रुप में कच्चे अंडे को पीते हैं, एक रिसर्च के अनुसार यदि आप अंडे की कच्ची जर्दी (योक) खाते हैं, तो अंडे के बैक्टीरिया से दूषित होने की स्थिति में आप बीमार हो सकते हैं. जानिेए अंडा खाने के फायदों के बारें में.

ब्रेस्ट कैंसर से करे बचाव

अंडा खाना महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद है. इसमें पाए जाने वाला फोलिक एसिड व विटामिन बी 12 पाया जाता है जो कि आपको ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा सकता है.

प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए फायदेमंद

प्रेग्नेंसी के समय ऐसे खाना चाहिए जिससे कि होने वाले बच्चे को पोषण मिले इसलिए आप अंडा को अपने डाइट में शामिल तकर सकते हैं. इसका सेवन करने से भ्रूण को विकसित होने में मदद मिलती है.

आंखों की रोशनी बढ़ाए

अंडे में भरपूर मात्रा में पौष्टिक तत्‍व जैसे कि विटामिन ए, डी, बी12 के साथ रिबाफ्लेविन, फास्‍फोरस, और फोलेट पाया जाता है. जो आपके शरीर के लिए काफी फायदेमंद है. इससे आपका दिमाग मजबूत होने के साथ ये आंखों की रोशनी भी बढ़ाता है.

वजन बढ़ने से बचाए

कई लोगों के दिमाग में यही बात है कि अंडा खाने से वजन बढ़ता है. जबकि ऐसा नहीं है . इसका सेवन करने से आपका वजन नहीं बढ़ता है, क्योंकि इसमें ऐसे तत्व पाए जाते हैं. जिससे आपका पेट काफी देर तक भरा रहता है. एक अंडे में 70 कैलोरी और 6 ग्राम प्रोटीन होता है. जो आपके वजन को बढ़ने नहीं देगा.

एनर्जी से भरपूर

अंडे के सफेद भाग में एल्ब्यूमिन नाम का प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. आपके शरीर को सुबह के समय इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है इसलिए अगर आप रोज नाश्ते में अंडे का सेवन करेंगे तो शरीर को भरपूर मात्रा में प्रोटीन मिलेगा. जिससे दिनभर आपको एनर्जी मिलेगी.

विटामिन डी

अंडे में कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन डी भी अधिक मात्रा में पाई जाती है. जो आपकी हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद है. इसके खाने से आपकी हड्डियां मजबूत बनेंगी साथ ही इसमें अधिक मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड है जो आपके दातों को मजबूत भी रखता है.

कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ाए

अगर आपको अपना गुड कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ाना है और हार्ट की बीमारियों से दूर रहना है, तो कभी-कभार अंडे के पीले भाग को अपने आहार में जरुर लें. इससे आपको हार्ट संबंधी बीमारियां भी नहीं होंगी.

दिमाग को करे तेज

अंडे का सेवन करना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद है. अंडे में कोलाइन नामक एक तत्व पाया जाता है, जो दिमाग को निर्णय लेने में सहायता करता है. साथ ही रोज अंडा खाने से आपकी याददाश्त अच्छी होती है. इसलिए बच्चे को भी एक अंडा जरुर देना चाहिए.

इन लोगों को नहीं करना चाहिए अंडे का सेवन

वे लोग जिन्हें हाई ब्लडप्रेशर, डाइबिटीज व हृदय संबंधी बीमारियां होती हैं, उन्हें अंडे का पीला वाला हिस्सा नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होता है, जो आपके हार्ट के लिए हानिकारक होता है. साथ ही बहुत अधिक मात्रा में अंडे खाने से लकवा, नपुंसकता, पैरों में दर्द और मोटापे की समस्या हो सकती है.

जानवरों के लिए भी हो पुलिस

कुछ समय पहले मैं ने पशु अधिकारों के लिए लड़ने वाले ऐसे लोगों के बारे में लिखा था, जो चुनाव जीत कर डच संसद में भी पहुंचे थे. जानवरों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली दुनिया की यह पहली राजनीतिक पार्टी थी, जो संसद में जगह बना पाई. यह पार्टी 2006 में पहली बार संसद पहुंची थी और अब 150 सीटों वाली डच संसद में इस की 2 सीटें हैं. इस की 1 सीट डच सीनेट में व 9 सीटें 8 प्रांतीय सरकारों में हैं. इस पार्टी की चेयरपर्सन मैरिएन थीम हैं.

इन लोगों ने एक और अभूतपूर्व सफलता हासिल कर ली है, जिस से मुझे ईर्ष्या भी होती है और हो सकता है कि मैं रो भी दूं. डच सरकार ने 500 पुलिस अफसरों की स्पैशल फोर्स तैयार करने का फैसला किया है, जो जानवरों की सुरक्षा और उन के अधिकारों के लिए हर पल तत्पर रहेगी.

यह आइडिया दरअसल टीवी चैनल ‘ऐनिमल प्लानेट’ के एक शो ‘ऐनिमल कौप्स’ से आया था. यह शो अमेरिका के अलगअलग शहरों के उन लोगों के बारे में विस्तार से बताता है, जो जानवरों की देखरेख में लगे रहते हैं.

और बन गई बात

देखते ही देखते कुछ ही समय में जानवरों के अधिकारों की रक्षा करने वाली राजनीतिक पार्टी आश्चर्यजनक रूप से शक्तिशाली बन गई और वह भी एक ऐसे देश में जहां का मुख्य भोजन ही मांस और अन्य दूध से बनने वाले उत्पाद हैं. इन लोगों ने जानवरों की रक्षा का जो सुझाव दिया वह गीर्ट विल्डर्स की पार्टी ‘पार्टी फौर फ्रीडम’ (पीवीवी) के द्वारा अमल में लाया गया. गीर्ट यूरोप के जानेमाने मुखर स्वभाव के नेता हैं और पीवीसी के अध्यक्ष भी.

सच, अगर कुछ करने की ठान ली जाए तो रास्ते खुदबखुद बन जाते हैं. यहां भी कुछ ऐसा ही हुआ. पार्टी फौर फ्रीडम डच सरकार के साथ गठबंधन में है. पशु अधिकारों की रक्षा करने वाली पार्टी के ऐनिमल पुलिस वाले सुझाव को अमल में लाने के लिए पुलिस फोर्स के 3000 जवानों की एक सूची तैयार की गई. पीवीवी पार्टी के एक संसद सदस्य ने डिओन ग्रास से बात की और अपनी पार्टी पर यह सुझाव अमल में लाने का दबाव बनाया. डिओन राजनीति में आने से पहले पशु चिकित्सा के उत्पादों को बेचने का काम करते थे. तब गीर्ट विल्डर्स ने 3000 में से 500 पुलिसकर्मियों को चुना, जिन्हें प्रशिक्षण के बाद ऐनिमल पुलिस में शामिल करना था.

क्या है ऐनिमल पुलिस

ऐनिमल पुलिस को सामान्य पुलिस वाले ही अधिकार प्राप्त हैं. अंतर सिर्फ इतना है कि उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है. यह पुलिस सिर्फ पशुओं पर होने वाली हिंसा की रोकथाम या उन के अधिकारों की सुरक्षा ही सुनिश्चित नहीं करेगी, इन्हें यह भी देखना होगा कि पशुओं की जनसंख्या दर क्या है, कितने जानवरों का इस्तेमाल मांस के व्यवसाय में किया जा रहा है और कसाईखाने में जानवरों के साथ कितनी क्रूरता बरती जाती है. प्रवक्ता जैली इगास का कहना है कि डच पुलिस मुख्यालय नई पुलिस फोर्स को गंभीरता से ले रहा है. इस की मांग आम जनता के साथसाथ राजनेताओं की तरफ से भी आई है, इसलिए हम इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते.

हालैंड में पशुओं पर क्रूरता के सर्वाधिक मामलों को अभी तक एक प्राइवेट संस्था ही सामने लाती रही है. इस संस्था का नाम ‘डच सोसायटी फौर द प्रोटैक्शन औफ ऐनिमल्स’ है. 1865 में स्थापित हुई इस संस्था में 2 लाख से अधिक सदस्य और 14 फुलटाइम जांचकर्ता हैं. 150 स्वयंसेवी सदस्यों के साथ ये जांचकर्ता 1 साल में लगभग 8,000 मामलों को देखते हैं.

एसपीसीए इस पहल से खुश है. लेकिन पशुओं को क्रूरता से बचाने वाली इस सोसायटी का कहना है कि पशु रक्षा के लिए कानून में भी फेरबदल की आवश्यकता है ताकि पशुओं से जुड़े अपराधों को अंजाम देने वालों पर सख्त कार्यवाही की जा सके. ऐसा करने से आम लोगों का समर्थन भी मिलेगा, क्योंकि 60% डच लोग पशु अधिकारों की रक्षा को महत्त्वपूर्ण विषय मानते हैं.

अन्य देशों में ऐसा होगा क्या

क्या ऐनिमल पुलिस अन्य देशों में भी बनाई जाएगी? जरमनी के एक अखबार ने अपने 74% पाठकों पर सर्वे किया, जिस में सभी पाठकों का कहना था कि जरमनी में भी ऐनिमल पुलिस होनी चाहिए. भारत में सड़कों पर तो पशुओं के साथ क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गई हैं.

– भैंसों पर इतना सामान लाद दिया जाता है कि कई बार वे बोझ से गिर कर, दब कर मर जाते हैं.

– कुत्तों को बालकनी में बांध कर रखा जाता है, फिर चाहे बारिश हो या तेज धूप. पासपड़ोस के लोग बिल्लियों को जहर पिला देते हैं.

– कसाईखानों में जानवरों के बछड़ों को हथौड़े से मार कर मौत के घाट उतार दिया जाता है.

– ट्रकों में गायभैंसों को इस कदर ठूंस दिया जाता है कि इन में से कई अपनी मंजिल तक पहुंचने से पहले ही कुचल जाने की वजह से दम तोड़ देती हैं.

– शार्क को उस के फिन निकाल कर जीवित ही तड़पने के लिए छोड़ दिया जाता है.

– मुरगों और बकरों की लड़ाई पर सट्टा लगाया जाता है.

– गायों और घोड़ों की रेस कराई जाती है.

– पशु बलि दी जाती है.

– हाथियों की झुलसा देने वाली गरमी में परेड कराई जाती है.

– बूढ़े व बीमार हो चुके जानवरों को तड़पने के लिए सड़कों पर छोड़ दिया जाता है.

– सांपनेवले की लड़ाई पैसा कमाने के लिए करवाई जाती है.

– बंदरों को नचाया जाता है और लंगूरों को दूसरे जानवरों से बचाने के काम में लाया जाता है.

इस तरह की लिस्ट इतनी लंबी है कि खत्म ही न हो.

इस हिंसा को रोका जा सकता है, यदि हमारे पास भी अच्छे और प्रशिक्षित पुलिसकर्मी हों. हमारी पुलिस सिर्फ नकारा ही नहीं, बल्कि पैसे ले कर पशुओं पर हिंसा भी होने देती है. खासतौर पर तब जब पशु अवैध तरीके से कसाईखाने ले जाए जा रहे हों. कानूनी तौर पर तो हर जिले में एसपीसीए (सोसायटी फौर द प्रिवैंशन औफ क्रूएलटी टू ऐनिमल्स) है पर असलियत में यह सिर्फ दिल्ली में ही सक्रिय है और यहां का हाल यह है कि पशु तस्करी पर निगरानी रखने के लिए तैनात कर्मी तस्करों से हफ्ता ले कर अपनी आंखें बंद कर लेते हैं. इन्होंने 30 सालों में तस्करी या पशु हिंसा की किसी भी वारदात को नहीं रोका, क्योंकि दरअसल ये काम पर जाते ही नहीं. ये रात को काम पर जाते हैं ताकि पशुओं से लदे ट्रकों को अवैध व सुरक्षित तरीके से कसाईखाने पहुंचाने में सहायता कर सकें.

कहने को ये कर्मी चेन्नई में भी हैं, लेकिन वहां इन का काम बस इतना है कि तस्करों से जब्त की गई गायों को वापस अवैध कसाईखानों में बेच सकें. हमारे देश में भी जानवरों के लिए पुलिस की व्यवस्था हो तो बहुत सारी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी. जब नीदरलैंड में ऐसा हो सकता है तो सहानुभूति की परंपरा में विश्वास रखने वाले भारत में तो और भी आसानी से हो सकता है.

टूथब्रश के इस्तेमाल से पाएं ग्लोइंग स्किन

हम सभी टूथब्रेश का इस्तेमाल किसी न किसी तरह कर लेते हैं. आमतौर में इसका इस्तेमाल दांत साफ करने में किया जाता है. जब ये पुराना हो जाता है तो फिर इसे ज्वैलरी साफ करने, बर्तन साफ करने जैसे कई कामों में इस्तेमाल किया जाता है.

आपने कभी ये सोचा है कि इसका इस्तेमाल आप अपने चेहरे में भी कर सकते है. जी हां इसके इस्तेमाल से आप अपने चेहरे में ग्लो ला सकते है साथ ही चेहरे में मौजूद डेड स्किन से निजात पा सकते है.

अगर आप भी चाहते हैं कि आपके चेहरे की स्किन सॉफ्ट हो और उसमें ग्लो आ जाए, तो टूथब्रश का इस तरह इस्तेमाल करें.

एक नया टूथब्रश लें. याद रखें कि यह सॉफ्ट होना चाहिए. जिससे कि आपकी स्किन में प्रॉब्लम न हो. इसे गर्म पानी से धो लें. अब आपने चेहरे को फेसवॉश लगाकर गुनगुने पानी से धो लें. इसके बाद अपने चेहरे और गर्दन में स्क्रब लगाएं.

फिर टूथब्रश लें और इसे हल्के हाथों से सर्कुलर मोशन में स्क्रब करें. जिससे कि आपकी चेहरे  में रैशेज न पड़ें. ऐसा कम से कम 3 मिनट करें. फिर अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो लें. इसके बाद किसी मुलायम कपड़े से चेहरे को पोछ कर कोई क्रीम लगा लें.

सप्ताह में कम से कम एक बार ऐसा करें. इससे आपके चेहरे में ग्लो होने के साथ-साथ आपके चेहरे के डेड स्किन भी निकल जाएगी.                 

 

अगर झड़ रहे हैं आपके बाल तो..

अगर आपके बाल भी बहुत अधिक झड़ रहे हैं तो हो सकता है कि आपके खानपान में कोई कमी हो. आमतौर पर हमें लगता है कि हमारे शैंपू, तेल या फिर हेयर क्रीम के सूट नहीं करने की वजह से बाल झड़ते हैं लेकिन इसके अलावा भी कई वजहें हो सकती हैं.

कई बार डाइट में पोषक तत्वों की कमी होने की वजह से भी बाल झड़ना शुरू हो जाते हैं. ऐसे में हमें अपनी डाइट पर ध्यान देने की जरूरत है. हेल्दी डाइट की मदद से बाल झड़ने की समस्या पर काबू पाया जा सकता है.

ये हैं वो 5 चीजें जिन्हें डाइट में शामिल कर बाल गिरने की समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है:

1. अंडा:

बायोटिन और विटामिन से भरपूर अंडा बालों की ग्रोथ और स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है. अंडा खाने के अलावा इसे ऑलिव ऑयल के साथ मिक्स करके बालों में लगाया जा सकता है. 2 अंडे के साथ 4 चम्मच ऑलिव की मात्रा का प्रयोग करें. पतला पेस्ट बनाएं और बालों में लगाएं. इससे काफी फायदा होगा.

 

2. पालक:

पालक आयरन और फोलेट का बेहतरीन स्त्रोत है. फोलेट लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करती है, जो बालों को ऑक्सीजन पहुंचाती है. भोजन में पालक को सलाद के रूप में भी लिया जा सकता है.

3. शिमला मिर्च:

लाल, पीले और हरे रंग में मिलने वाली शिमला मिर्च विटामिन सी से भरपूर होती है, जो कि बालों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होती है. विटामिन सी इस बात को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी होती है कि लाल रक्त कोशिकाओं में लौह की पर्याप्त मात्रा है. विटामिन सी की कमी की वजह बालों में रूखापन बढ़ जाता है और जल्दी टूटने लगते हैं.

4. मसूर की दाल:

टोफू, सोयाबीन, स्टार्चयुक्त बीन्स और मटर शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन के महत्वपूर्ण सोर्स हैं. ये सभी पदार्थ बालों के विकास के लिए बेहद जरूरी हैं.

5. शकरकंद:

विटामिन और बीटा कैरोटिन से भरपूर शकरकंद बालों के विकास के लिए सबसे बढ़िया हैं. बीटा कैरोटिन के दूसरे अन्य स्त्रोतों के रूप में आप गाजर और कद्दू भी खा सकते हैं.

एक गांव ऐसा भी…

हमारे देश में संस्कृत को स्कूल, कॉलेज में विषय के तौर पर ही पढ़ाया जाता था. इसके अलावा इसे सिर्फ पुराने श्लोकों में ही सुना जाता है. फिर भी कुछ लोगों की मेहनत और कोशिशों की वजह से संस्कृत का उपयोग आज भी होता है. कुछ युवाओं ने ‘ध्रुवा’ नाम से संस्कृत बैंड भी बनाया है.

पर जरा सोचिए एक गांव जहां तुंगभद्रा नदी प्राचीन काल से बहती है, जिसके किनारे पर सुपारी के पेड़ों की खेती की जाती है, अपनी प्राचीन जड़ों को अभी भी अपने में संजोय हए है. संस्कृत भाषा का यहां पर बसेरा है और संस्कृत यहां की मातृभाषा होने के साथ-साथ एक औपचारिक भाषा भी है. कुछ लोगों के लिए इस बात पर यकीन करना मुश्किल होगा पर मत्तूर और होसाहल्ली गांव में ब्राह्मण परंपराओं को ही महत्व दिया जाता है.

करीब 600 सालों पूर्व तमिलनाडु के पुदुक्कोट्टई गांव के ब्राह्मणों के एक समूह ने इस गांव में आकर बस गए. ब्राह्मणों का यह समूह जिसे संकेती के नाम से भी जाना जाता है, अग्राहरम जीवन व्यतीत करता है. यह सिर्फ मत्तूर ही नहीं, इसकी जुड़वा बहन कहलाने वाली होसाहल्ली गांव की भी परंपरा है.

जरा सोचिए कैसा लगता होगा अपनी प्राचीनतम भाषा को अपनी मातृभाषा के रूप में उपयोग करना? पर इसका मतलब यह नहीं है की यहां के लोग मोडर्न नहीं हैं. यहां पर भी हर घर में कम से कम एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर है और गांव के बच्चे शिक्षा के हर फिल्ड में टॉपर्स भी होते हैं.

बल्कि यहां के कुछ बच्चों का तो मानना है की वेद के इन संस्कृत श्लोक के जाप से उनकी एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है.

मत्तूर की यात्रा क्यों करें?

मत्तूर, तुंगभद्रा नदी के किनारे बसा शिमोगा का एक खूबरसूरत गांव है. आप यहां पर अग्राहरम, जीने के तरीके को भी जान सकते हैं जो कई वर्षों पूर्व ही भारत के और स्थानों से खत्म हो चुका है. सबसे मजेदार होता है यहां के लोगों के से संकेती , संस्कृत और कन्नड़ भाषा में बातें सुनना जो आज के जमाने में हमारे लिए बिल्कुल ही नया और अलग है.

मॉडर्न जमाने के साथ-साथ वैदिक जीवनयापन आपको मत्तूर और होसाहल्ली में आने को आमंत्रित करता है. यह गांव होसाहल्ली नदी के दूसरे किनारे पर बसा है जो अपने गमाका कला(गाने और कथा कहने के कला) के लिए प्रसिद्ध है. अपने तरह के इस गांव की यात्रा आपको प्राचीनकाल में ले जाएगी जहां आपको इस पुराने भाषा की शक्ति का भी अनुभव होगा.

मत्तूर कैसे पहुंचे?

शिमोगा मत्तूर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर है. यह शहर इस गांव के सबसे नजदीक है.

कुछ निजी बसें शिमोगा से मत्तूर के लिए चलती हैं. पर अगर आप कैब बुक कर लेंगे तो यह आपके लिए सुविधाजनक होगा.

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