वायरल फीवर को दें मात

वायरल एक तरह का मौसमी बुखार होता है जो मौसम में बदलाव होने की वजह से होता है. वायरल का फीवर हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है जिसकी वजह से शरीर में इंफेक्शन बहुत तेजी से बढ़ता है. वायरल के संक्रमण बहुत तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंच जाता है.

वायरल फीवर के मुख्य लक्षण

वायरल होने से वाले शरीर में कुछ इस तरह के लक्षण दिखते हैं जैसे, गले में दर्द, खांसी, सिर दर्द थकान, जोड़ों में दर्द के साथ ही उल्टी और दस्त होना, आंखों का लाल होना और माथे का बहुत तेज गर्म होना आदि. बड़ों के साथ यह वायरल फीवर बच्चों में भी तेजी से फैलता है.

इन घरेलू उपचार से आप इस इंफेक्शन से राहत पा सकते हैं…

1. हल्दी और सौंठ का पाउडर

अदरक में एंटी आक्सिडेंट गुण बुखार को ठीक करते हैं. एक चम्मच काली मिर्च का चूर्ण, एक छोटी चम्मच हल्दी का चूर्ण और एक चम्मच सौंठ यानी अदरक के पाउडर को एक कप पानी और हल्की सी चीनी डालकर गर्म कर लें. जब यह पानी उबलने के बाद आधा रह जाए तो इसे ठंडा करके पिएं. इससे वायरल फीवर से आराम मिलता है.

2. तुलसी का इस्तेमाल

तुलसी में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जिससे शरीर के अंदर के वायरस खत्म होते हैं. एक चम्मच लौंग के चूर्ण और दस से पंद्रह तुलसी के ताजे पत्तों को एक लीटर पानी में डालकर इतना उबालें जब तक यह सूखकर आधा न रह जाए. इसके बाद इसे छानें और ठंडा करके हर एक घंटे में पिएं. आपको वायरल से जल्द ही आराम मिलेगा.

3. धनिया की चाय

धनिया सेहत का धनी होता है इसलिए यह वायरल बुखार जैसे कई रोगों को खत्म करता है. वायरल के बुखार को खत्म करने के लिए धनिया चाय बहुत ही असरदार औषधि का काम करती है.

4. मेथी का पानी

आपके किचन में मेथी तो होती ही है. मेथी के दानों को एक कप में भरकर इसे रात भर के लिए भिगों लें और सुबह के समय इसे छानकर हर एक घंटे में पिएं. जल्द ही आराम मिलेगा.

5. नींबू और शहद

नींबू का रस और शहद भी वायरल फीवर के असर को कम करते हैं. आप शहद और नींबू का रस का सेवन भी कर सकते हैं.

खूबसूरत त्वचा पाने के आसान उपाय

ग्लोइंग स्किन पाना किसकी ख्वाहिश नहीं होती, लेकिन हममें से ज्‍यादातर लोग अपनी स्किन का ठीक से ध्‍यान नहीं रखते हैं. ऐसे में होता ये है कि इतनी देर हो जाती है कि स्क‍िन पूरी तरह से डैमेज हो जाती है. यूं तो स्क‍िन डैमेज होने के बहुत से कारण होते हैं लेकिन धूल, धुंआ और प्रदूषण हमारी स्क‍िन पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालते हैं. ऐसे में स्क‍िन को नियमित देखभाल और पोषण की जरूरत होती है.

थोड़ी सी सावधानी अपनाकर आप पिग्मेंटेशन, सेंसिटिविटी और एंटी एजिंग जैसी समस्याओं से बच सकते हैं. ज्यादातर मामलों में होता ये है कि लोग समय रहते अपनी स्क‍िन पर ध्यान नहीं देते और तब तक प्रॉब्लम इतनी बढ़ जाती है कि उसका असर नजर आने लगता है.

ऐसे में देर करने से बेहतर है कि आप अभी से अपनी त्वचा पर ध्यान देना शुरू कर दीजिए.

1. क्‍लींजिंग: अपना चेहरा साफ करने के लिए नारियल पानी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. क्‍लींजिंग के बाद स्किन के पोर्स बंद करने के लिए अल्कोहल फ्री टोनर का इस्तेमाल करना चाहिए.

2. मॉइश्चराइजर: मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल सर्दियों और गर्मियों दोनों में करना चाहिए. अगर आपकी ऑयली स्किन है तो आपको वॉटर बेस्ड जेल और मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. चेहरे को ठंडे पानी से धोएं. इससे आपके चेहरे का तापमान सही रहेगा, चेहरे पर ऑयल कम आएगा और मुहांसे भी नहीं होंगे.

3. सनस्क्रीन: सनस्‍क्रीन लोशन लगाना कभी ना भूलें. भारतीय स्किन के हिसाब से SPF 20 सबसे अच्छा रहता है. UVA प्रोटेक्शन वाला सनस्क्रीन नॉर्मल स्किन के लिए बहुत फायदेमंद है. अगर आपकी सेंसिटिव स्किन है तो सनब्लॉक UVB प्रोटेक्शन वाला सनस्क्रीन इस्तेमाल कर सकते हैं.

4. नाइट क्रीम: रात को सोने से पहले चेहरा धोकर नाइट क्रीम जरूर लगाएं.

एक बार फिर टीचर बने आमिर

बॉलीवुड के मिस्टर प्रफेक्शनिस्ट आमिर खान ने अपनी फिल्म ‘दंगल’ के रिलीज होने से पहले ही अगली फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी है.

सूत्रों की मानें तो आमिर ने अपने पूर्व मैनेजर अद्वैत चंदन के निर्देशन में बनी फिल्म ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ की शूटिंग शुरू कर दी है. फिल्म में वो एक म्यूजिक टीचर के रोल में नजर आएंगे.

आपको बता दें कि इस फिल्म का नाम पहले ‘आज फिर जीने की तमन्ना है’ रखा गया था, लेकिन अब इसका नाम ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ कर दिया गया है.

आपको बता दें कि ये फिल्म ‘तारे जमीन पर’ के बाद आमिर की दूसरी फिल्म है जिसमें वो एक म्यूजिक टीचर का रोल करते नजर आएंगे. फिल्म की कहानी एक बच्चे और मां के ईद-गिर्द घूमती नजर आएगी.

फिल्म का संगीत अमित त्रिवेदी दे रहे हैं, जबकि गानों के बोल कौसर मुनीर लिखेंगे. अद्वैत चंदन के निर्देशन में बनी इस फिल्म को आमिर खान खुद प्रोड्यूस कर रहे हैं. फिल्म के अन्य कलाकारों की तलाश अभी चल रही है.

आंखों का ऐसे करें श्रृंगार

अगर किसी लड़की की आंखें बड़ी-बड़ी हैं तो उसकी सुंदरता में अपने आप ही चार चांद लग जाते हैं. आइए जानते हैं बड़ी आंखों के आईमेकअप टिप्‍स के बारे में:

1. शिमरी आईशैडो- चमकने वाला आईशैडो, आंखों को स्‍टैंड आउट बना देता है. इससे आंखों में जीवंतता आ जाती है. आप बड़ी आंखों में हमेशा ऊपर की ओर ही शिमर का इस्‍तेमाल करें.

2. नीचे की पलकों पर मस्‍कारा- बड़ी आंखों में हमेशा नीचे की पलक पर मस्‍कारा लगाएं. इससे आंखों में भारीपन आएगा और वो खूबसूरत दिखेगी.

3. व्‍हाइट आईशैडो- आंखों में हमेशा व्‍हाइट आईशैडो को लगाएं. ऐसा करने से आंखों में अनोखापन आ जाता है और आंखें बड़ी भी दिखती हैं.

4. आईब्रो को उठाएं- आप चाहें तो आंखों पर व्‍हाइट आईशैडो से मेकअप करने के अलावा, आईब्रो को उठाने का लुक भी दे सकती हैं. इससे चेहरे पर ताजगी साफ झलकती है.

5. अच्‍छी तरह से बनाई हुई आईब्रो- अगर आपकी आंखें बड़ी हैं तो आईब्रो को पतला न बनवाएं. उन्‍हें अच्‍छे से बढ़ा होने दें और मोटा सेट करवाएं. आप चाहें तो आईब्रो मोटी करने के लिए आईब्रो पेंसिल का इस्‍तेमाल भी कर सकती हैं.

6. प्राइमर जरूरी- बड़ी आंखों में अपर लिड भी बड़ी होती हैं. मेकअप को करने से पहले प्राइमर का इस्‍तेमाल करना बिल्‍कुल न भूलें. आप अपनी पलकों पर प्राइमर का इस्‍तेमाल अवश्‍य करें.

7. डार्क टोन आईशैडो- आंखों पर डार्क टोन आईशैडो, बेहद कमाल का दिखता है. इससे आंखों में चमक दिखती है और वो परफेक्‍ट दिखती हैं. 

8. विंग्‍ड आईलाइनर- अगर आंखों को शॉर्प लुक देना है तो आपको विंग्‍ड आईलाइनर का इस्‍तेमाल करना चाहिए. इसके लिए, आप चाहें तो आंखों को वॉटरलाइन भी कर सकती हैं.

..और तीन बच्चों की मां बन गईं ये अभिनेत्री

पिछले कई सालों से इक्का-दुक्का फिल्मो में छोटे-मोटे रोल कर रही सोहा अली खान लंबे समय के बाद अब एक मजबूत भूमिका में फिल्म ’31अक्टूबर’ में नजर आएंगीं. और साथ ही बड़े परदे पर वो पहली बार तीन बच्चों की मां भी बन गई हैं.

फिल्म ’31 अक्टूबर’ में सोहा का किरदार एक सिख महिला का है. सोहा कहती है “फिल्म में मेरे तीन बच्चें हैं और रियल में अम्मा (शर्मीला टैगोर) के तीन बच्चे हैं. फिल्म में जब मैंने एक सीन में बिंदी लगाई तो सबने कहा तुम अम्मा जैसी दिख रही हो.”

सोहा आगे बताती हैं कि फिल्म में वो एक पॉवरफुल सिख महिला का किरदार निभा रही हैं और परदे पर पहली बार तीन बच्चों की माँ बनी है. पूर्व प्रधानमन्त्री इंदिरा गांधी की ह्त्या के बाद के पंजाब के एक सिख परिवार पर गुजरीं घटनाओं की इस कहानी को लेकर काफी हो-हल्ला हो चुका है.

बेहद विवादित और सेंसिटव विषय होने की वजह से फिल्म बनाने से लेकर सेंसर से पास करवाने तक फिल्म के निर्देशक शिवाजी लोटन पाटिल और निर्माता हैरी सचदेव का दम निकल गया था.

वे बताते हैं कि उन्होंने पूरे 9 महीने सेंसर बोर्ड ऑफिस के चक्कर लगाएं. शुरू में सेंसर बोर्ड फिल्म में 40 कट देने के बाद सर्टिफिकेट देने को तैयार हुआ था लेकिन बाद में सिर्फ 9 कट में फिल्म पास हुई.

एक्टिंग छोड़ डायरेक्शन में क्यों गए सोहेल!

अभिनेता से निर्देशक बने सलमान खान और अरजाब खान के भाई सोहेल खान ने कहा कि वह फिल्मों के निर्देशन और निर्माण पर ज्यादा ध्यान देना चाहते हैं क्योंकि अभिनेता के तौर पर उन्हें जिस तरह की भूमिकाएं मिल रही थीं, उससे वह खुश नहीं थे.

सोहेल ने कहा, ‘अभिनेता के तौर पर मुझे अच्छा काम नहीं मिल रहा था और मैं सिर्फ नाममात्र के लिए अभिनय नहीं करना चाहता हूं. इस कारण मैं काफी दुखी था. उन्होंने कहा कि पहले मेरे पास कई फिल्में थीं लेकिन मुझे अहसास हुआ कि मेरे पास उपयोग करने के लिए एक अच्छा प्रोडक्शन हाउस है. मैंने सोचा कि मुझे निर्देशन करना चाहिए, निर्माण करना चाहिए.’

46 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि अगर उन्हें अच्छे किरदार मिलेंगे तो ही वह अभिनय करेंगे, अन्यथा वह फिल्मों के निर्देशन और निर्माण के काम से जुड़े रहेंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि ये उनके पास प्राकृतिक रूप से आती हैं.

1997 में ‘‘औजार’’ से निर्देशन में करियर की शुरूआत करने वाले सोहेल ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी अभिनीत फिल्म ‘फ्रीकी अली’ का निर्देशन किया है. उन्होंने कहा, ‘मुझे अब भी निर्देशन के क्षेत्र में कई चीजें सीखनी हैं.’

जब उनसे ‘फ्रीकी अली’ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं लंबे वक्त से खेल पर कोई फिल्म बनाना चाहता था क्योंकि इसमें मेरी जबर्दस्त दिलचस्पी है. मुझे गोल्फ का विचार आया और फिल्म के लेखक राज शानदिलया की मदद से इसे असलियत में तब्दील किया.’

जूनियर रोशन संभालेंगे ‘कृष-4’ की कहानी

‘कृष-4’ की स्टोरी सेट करने में रितिक रोशन के बेटे ऋहान (10) और ऋदान (8) की भी भूमिका होगी. दरअसल, दोनों ही सुपरहीरो फिल्मों के दीवाने हैं. बैटमैन वर्सेस सुपरमैन, जंगल बुक, कैप्टन अमेरिका जैसी साइंस फिक्शन फिल्में उन्हें पसंद है.

इसी को ध्यान में रखते हुए राकेश रोशन ने उनसे फिल्म के आइडिया के लिए मदद ली है. उनके दोनों पोते बताएंगे कि बच्चे और युवा कैसी एक्शन फिल्में देखना पसंद करते हैं. राकेश के सुने दोनों पोतों के आइडिया.

‘कृष’ सीरीज की पिछली फिल्में राकेश रोशन, हनी ईरानी, रॉबिन भट्‌ट, आकाश खुराना आदि ने लिखी हैं. अब राकेश अपनी कहानी को पिछली फिल्म से अलग रखते हुए इसे हॉलीवुड फिल्मों के लेवल तक ले जाना चाहते हैं. इसलिए वे रिसर्च पर काफी जोर दे रहे हैं.

सूत्रों के अनुसार, राकेश की ये फिल्म बड़े बजट की होने के साथ-साथ लुक और स्टाइल में एंटरटेनिंग भी होगी. उन्होंने ही सुपरहीरो ‘कृष’ को डेवलप किया था, लेकिन अब यह उतना सिंपल नहीं रह गया. उन्होंने इसे एडवांस बनाने के लिए स्टोरी लिखते समय अपने दोनों पोतों को बुलाया और उनसे नए आइडिया जानना चाहे.

गौरतलब है कि ऋहान और ऋदान न सिर्फ कम्प्यूटर सेवी हैं, बल्कि अपनी पसंद और नापसंद भी अच्छी तरह जानते हैं. इसीलिए राकेश ने दोनों के साथ मिलकर स्टोरी पर ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन रखा. वे दोंनों से मिलने वाले इनपुट से बेहद संतुष्ट हैं. उन्हें पता है कि सुपरहीरो की दुनिया में क्या नया चल रहा है और क्या पसंद किया जा रहा है.

कुछ रंग गोवा के ऐसे भी..

गोवा अपने मनमोहक समुद्र तटों के लिए दुनियाभर में मशहूर है. चमकती रेत, आसमान छूते नारियल के पेड़, बड़ी-बड़ी समुद्री लहरें और शानदार सी-फूड… बस गोवा का नाम लेते ही आंखों में ये सब बस जाता है. वैसे इन सब चीजों के अलावा गोवा में और भी रंग हैं. जानें इनके बारे में –

1. पणजी

गोवा की राजधानी पणजी छोटा शहर जरूर है लेकिन बेहद खूबसूरत है. यह शहर चांदी-सी चमकती धाराओं वाली मांडवी नदी के किनारे बसा है और लाल छतों वाले मकान, खूबसूरत बगीचे, अद्भुत शिल्पकारी वाली मूर्तियां, खूबसूरत गुलमोहर और हरे-भरे पेड़ों की छाया के लिए जाना जाता है. हर कोई यहां की खूबसूरती में खो-सा जाता है. इसके अलावा मारगाओ, वास्को डिगामा तथा मार्मुगाओ हार्बर जैसी जगह घूमकर सफर का पूरा लुत्फ उठाया जा सकता है.

2. मीरामार बीच

पणजी के नजदीक सिर्फ 3 किलोमीटर दूर स्थित इस खूबसूरत सुनहरे समुद्री तट की मुलायम रेत, ताड़ के पेड़ और अरब सागर की नीली छटा देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है. इसकी खूबसूरती की वजह से इसे ‘गोल्डन बीच’ के नाम से जाना जाता है.

3. मोबोर बीच

रोमांच पसंद करने वाले टूरिस्टों के लिए मोबोर बीच सबसे बढ़िया जगह है. यह गोवा के सबसे फेमस बीच में से एक है. यहां पर्यटक कई एडवेंचरस खेल जैसे वॉटर स्कीइंग, वॉटर सर्फिंग, जेट स्की, बनाना-बम्प राइड और पैरासिलिंग का मजा लेते हैं. यहां पर साल में कभी भी घूमने जाया जा सकता है, हालांकि यहां घूमने का सबसे अच्छा वक्त सितंबर से मार्च तक का है.

4. वागातोर बीच

वागातोर बीच मापुसा रोड के पास नॉर्थ (उत्तर) गोवा में पणजी से 22 किलोमीटर दूर है. यह गोवा के बाकी तटों के मुकाबले कम भीड़ वाली और अलग जगह है. इसमें सफेद रेत, काली लावा चट्टानें, नारियल और खजूर के पेड़ की सधी कतारें हैं. साथ ही यहां 500 साल पुराना पुर्तगाली किला है. वागातोर का यह सफेद रेतीला बीच ‘बिग वागातोर’ और ‘लिटिल वागातोर’ के नाम से भी जाना जाता है और यह चपोरा किले की ऊंचाई से खूबसूरत दिखाई देता है.

5. इमेक्यूलेट कंसेप्शन चर्च और रिस मगोस फोर्ट

इमेक्यूलेट कंसेप्शन चर्च और रिस मगोस फोर्ट, अवर लेडी ऑफ इमेक्यूलेट कंसेप्शन चर्च गोवा में बनने वाला पहला चर्च था. यह 1541 से है. पहले बना चर्च पूरी तरह नष्ट हो गया था और इसे फिर से 1619 में बनाया गया. तब यहां आबादी नहीं के बराबर थी. नए चर्च का आकार बताता है कि उस समय का धार्मिक माहौल क्या रहा होगा और चर्चों के पास कितनी दौलत होगी.

6. मोरजिम बीच

मोरजिम बीच को पर ‘टर्टल बीच’ के नाम से भी जाना जाता है. यह नॉर्थ गोवा के परनेम में है. इस बीच में हरे-भरे वातावरण के साथ एक खूबसूरत और ठंडा रास्ता भी है. मोरजिम बीच इसलिए भी खास है क्योंकि यह कुछुए की लुप्त होती प्रजाति ‘ओलिव रिडले’ के रहने की जगह और प्रजनन स्थान है. इस बीच पर दिखने वाले छोटे छोटे कछुए और केंकड़े आप का अनुभव यादगार बना देते हैं.

7. बेटलबटीम बीच

‘सनसेट’ देखना अपने आप में एक अलग और दिल में बस जाने वाला अनुभव होता है. उस पर भी अगर सूर्यास्त बेटलबटीम बीच का हो तो सुंदरता कल्पना से परे है. मजोरडा बीच के दक्षिण में स्थित बेटलबटीम बीच गोवा के सबसे सुंदर बीचों में से है. शानदार सनसेट की वजह इसे ‘सनसेट बीच ऑफ गोवा’ भी कहा जाता है.

8. बोंडला वाइल्डलाइफ सेंचुरी

अगर आप भी बारिश के मौसम में गोवा जा रहे हैं तो अपने पसंदीदा जानवरों को करीब से देखने के लिए बोंडला वाइल्डलाइफ सैंचुरी जरुर जाएं. गोवा की यह छोटी लेकिन मशहूर सेंचुरी शहर के उत्तरपूर्वी इलाके में पोंडा तालुका में है. सिर्फ 8 किलोमीटर में फैला बोंडला वन्यजीव अभयारण्य ज्यादातर घने जंगल और सदाबहार वनस्पति से घिरा है.

9. बागा बीच

गोवा में कई आकर्षक बीच हैं और यहां का नाम लेते ही दिमाग में सुपर एडवेंचरस बागा बीच का नाम आता है. जिसको भी गोवा की खूबसूरती देखने का मौका मिला है वो मानता है कि बागा बीच सबसे रोमांचक बीच है.

10. अर्वलेम केव्स

अपने खूबसूरत तटों और झरनों के अलावा गोवा को विरासत में मिली वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है. यह एक प्राचीन राज्य है और इसकी वास्तुकला भी पुरानी है. गोवा में मौजूद ऐतिहासिक स्मारकों में से सबसे खूबसूरत नमूना अर्वलेम केव्स या पांडव गुफाएं हैं. नॉर्थ गोवा के बिचोलिम शहर में ये गुफाएं चट्टानों को काटकर बनाई गईं थीं.

11. अर्वलेम झरना

यह झरना उत्तर गोवा में सिंक्वेलिम शहर से 2 किलोमीटर दूर है. 24 फीट उंचा यह झरना एक खूबसूरत पिकनिक स्पॉट है. इस झरने को रुद्रेश्वर मंदिर की सीढि़यों से भी देखा जा सकता है. सरकार ने इस झरने के पास एक पार्क भी बनवा रखा है जिससे लोग इसकी खूबसूरती का मजा ले सकें. उंचाई से झर्रझर्र करके गिरता इस झरने का पानी सचमुच लुभावना दिखता है.

12. सेंट कैथेड्रल चर्च

यह गोवा का सबसे प्राचीन, सबसे बड़ा और सबसे सुंदर र्चच है जिसमें पांच घंटे लगे हैं. इसका एक सोने का घंटा गोवा में सबसे बड़ा है और दुनिया के कुछ सबसे अच्छे घंटों में से एक है. इसके अलावा र्चच ऑफ सेंट फ्रांसिस, सेंट आगस्टीन टॉवर, र्चच ऑफ आवर लेडी ऑफ रोजरी भी हैं

13. अगौड़ा किला

अगौड़ा किला गोवा के इतिहास का सबसे बड़ा गवाह है. इस किले का निर्माण 1612 में पुर्तगालियों ने मराठाओं और डच के हमले से बचने के लिए किया था. इस किले में ताजे पानी का एक झरना है. जो इस जगह से गुजरने वाले लोगों की पानी की जरुरत पूरी करता था. यह किला पुर्तगालियों के सभी जरूरी गतिविधियों का केंद्र था.

14. चपोली डैम

मडगांव से 40 किलोमीटर दूर चपोली डेम पहाड़ों से घिरी घाटी में होने की वजह प्राकृतिक आकर्षण से भरपूर है. अगर आपको मछली पकड़ना पसंद है तो यह ईको-टूरिस्ट स्पॉट आपके लिए सही है.

15. महालक्ष्मी मंदिर

गोवा के बंडोरा गांव में महालक्ष्मी मंदिर है. इस मंदिर का खूबसूरत चैक इसका बड़ा आकर्षण है. इस मंदिर का निर्माण 1413 ईस्वी में हुआ था और देश भर से लोग इसे देखने आते हैं. नवरात्रि का उत्सव यहां खासतौर से और पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है.

16. मंगेशी मंदिर

गोवा का मंगेशी मंदिर मॉर्डन और पुरानी हिंदू वास्तुकला का मिलाजुला नमूना है. यह मंदिर भगवान शिव के अवतार भगवान मंगेशी को समर्पित है. कहानियों के अनुसार स्वयं भगवान ब्रह्मा ने यहां लिंग की स्थापना की थी. हर सोमवार को यहां भगवान की मूर्ति की यात्रा निकाली जाती है.

शादी के पहले ये काम जरूर करें

किसी लड़की के जीवन में सब से बड़ी खुशी उस की शादी होती है. इस से उस के नए जीवन की शुरुआत होती है. यदि किसी भी लड़के से शादी करने से पहले तमाम पहलुओं पर गंभीरता और धैर्य से विचार नहीं किया जाए, तो शादी के बाद पछताना पड़ता है. ऐसे में या तो वह ताउम्र घुटन भरी जिंदगी जीती है या फिर तलाक की नौबत आ जाती है. दोनों ही स्थितियां उस के पक्ष में नहीं होतीं. ऐसे में यदि किसी से भी रिश्ते पर हां करने से पूर्व स्वयं लड़की कुछ खास बातों पर गौर करे, तो उसे शादी के बाद पछताना नहीं पड़ेगा, अपितु उस की जिंदगी खुशियों से भरपूर होगी.

कुछ खास मुद्दों पर शादी के पूर्व चर्चा कर लेना आप के हित में होगा, क्योंकि दांपत्य की नींव इन्हीं मुद्दों पर टिकी होती है तथा विवाद और तलाक भी इन्हीं बात को ले कर होता है:

– शादी बच्चों का या गुड्डेगुडि़यों का खेल नहीं है. इसलिए शादी के पूर्व मंगेतर के साथ कुछ मुलाकातें होनी बहुत जरूरी हैं ताकि दोनों एकदूसरे के विचारों को जान सकें. यदि आप को लगता है कि सामने वाले में वे खूबियां या गुण नहीं हैं जिन की चाह आप को है, तो बाद में पछताने से अच्छा होगा कि उस से शादी ही न करें. शादी के पूर्व अलग होने से आप पर तलाकशुदा होने का ठप्पा तो नहीं लगेगा.

– शादी के पूर्व आप लड़के से उस के भविष्य की योजनाएं जान लें तथा यह भी बता दें कि आप कैसा जीवनसाथी चाहती हैं. यदि सामने वाला आप की अपेक्षाओं पर खरा उतरता है तो ही शादी करें.

– अकसर देखा गया है कि न तो लड़की और न ही उस के परिवार वाले कैरियर प्लानिंग के बारे में बताते हैं कि शादी के बाद वह नौकरी करेगी या नहीं करेगी. यदि वह अपना कैरियर छोड़ना नहीं चाहती या नौकरी करना चाहे तो यह बात लड़के और उस के परिवार वालों को बता देनी चाहिए ताकि शादी के बाद वे आप को नौकरी करने से रोकें नहीं. इस के विपरीत यदि आप वर्तमान में जौब करती हैं और शादी के बाद जौब करना नहीं चाहेंगी, तो अपनी मंशा शादी के पूर्व ही व्यक्त कर देनी चाहिए. अन्यथा शादी के बाद वह नौकरी करने का दबाव बनाएगा. नौकरी करने या न करने को ले कर शादी के बाद कोई विवाद न हो, इसलिए अपनी कैरियर प्लानिंग पहले ही बता देनी जरूरी है.

– यदि आप किसी नौकरीपेशा व्यक्ति से शादी कर रही हैं, तो यह पता लगा लें कि उस की जौब तबादले वाली है या नहीं. यदि तबादले होते हैं, तो उस का क्षेत्र कहां तक है? अन्यथा आप ने यह सोच कर रिश्ते के लिए हां की थी कि उस का चंडीगढ़, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, बैंगलुरु जैसे बड़े शहरों में ट्रांसफर होता है, लेकिन शादी के बाद उस का तबादला किसी छोटी जगह हो गया, जहां आप जाना नहीं चाहतीं, तो फिर कलह ही होगी. इसलिए शादी के पूर्व ही आप सोच लें कि आप अपनी जिंदगी में स्थायित्व चाहती हैं या फिर संपूर्ण भारत में पति के तबादले होने पर भटकना. यदि आप जौब में हैं, तो जरूरी नहीं कि जहां आप के पति का ट्रांसफर हो, वहां आप का भी हो ही जाए. कई बार ऐसा संभव नहीं होता. ऐसे में या तो आप को नौकरी छोड़नी पड़ती है या पति से अलग रहना पड़ता है.

– यदि आप की संयुक्त परिवार में शादी करने की इच्छा नहीं है, तो ऐसे रिश्ते को नकारने में ही भलाई है. यदि आप हां कर के शादी कर लेती हैं और फिर पति पर मांबाप से अलग होने का दबाव बनाती हैं, तो यह अनुचित है. इस से परिवार में कलह होगी और बात तलाक तक पहुंच सकती है. यदि आप को किसी का बंधन नहीं चाहिए तो फिर उसी लड़के को अपना जीवनसाथी बनाएं, जो शादी के पूर्व से ही मांबाप से अलग अकेला रहता हो तथा शादी के बाद भी अलग ही रहने का इच्छुक हो.

– जिस घरपरिवार में आप शादी करने जा रही हैं, वहां के परिवेश, रीतिरिवाज, संस्कार, पारिवारिक पृष्ठभूमि आदि सब बातें पहले से जानसमझ लें और फिर यह देखें कि क्या आप ऐसे माहौल में ऐडजस्ट हो पाएंगी? यदि नहीं, तो वहां शादी न करें. फिर भी आप शादी करती हैं, तो आप को वहां तालमेल बैठाना ही होगा, यानी अपनेआप को उन के अनुरूप ढालना ही होगा. अन्यथा आप का स्थाई रूप से मायके लौटना तय है.

– शादी के पूर्व लड़के से होने वाली मुलाकातों में उस से उस के शौक या आदतों के बारे में पूछ लें. हो सकता है कि उस का कोई शौक या आदत आप को बरदाश्त न हो और शादी के बाद इसी मुद्दे को ले कर लड़ाईझगड़ा हो और अंतत: बात तलाक पर आ कर खत्म हो. यदि आप शुद्ध शाकाहारी हैं, तो यह पूछ लें कि वह और उस का परिवार शाकाहारी है या नहीं? शादी के बाद यदि मालूम पड़ा कि वह मांसाहारी है, तो आप पर मांसाहार बनाने का दबाव बनाया जाएगा और यह आप कदापि नहीं कर पाएंगी. इसी प्रकार यदि वह शराब पीने का शौक रखता है, किंतु आप को उस की बदबू से भी नफरत है, तो ऐसे व्यक्ति से आप नजदीकी कैसे बना पाएंगी? जाहिर है, उस के पीने की आदत दांपत्य में दरार पैदा करेगी और अंतत: आप को पछताना ही पड़ेगा.

– यदि शादी के पूर्व आप का कोई बौयफ्रैंड रहा है या किसी के साथ आप के संबंध रहे हैं, तो यह बात पहले ही बता देना फायदेमंद होगा. पर यह बात आधेअधूरे ढंग से बताई जाए कि लगे कि मामला बहुत गंभीर नहीं था. यह न भूलें कि यदि आप का किसी से कोई लगाव रहा है, तो आप के सर्कल में कितनों ही को मालूम होगा. इसलिए थोड़ा बता देना भविष्य के लिए अच्छा रहता है, क्योंकि यदि शादी के बाद उसे इस का पता चलता है, तो वह आप को शक की नजर से देखेगा. उसे आप चरित्रहीन नजर आएंगी. अविश्वास पर दांपत्य की नींव अधिक दिनों तक नहीं टिक पाती. हां, सब कुछ जानने के बाद भी वह शादी के लिए सहमत हो तो बात अलग है.

– यदि आप 2-4 मुलाकातों के बाद भी यह निर्णय नहीं कर पा रही हैं कि वह वाकई आप के लिए फिट है या नहीं, तो आप किसी काउंसलर की सलाह भी ले सकती हैं ताकि आप को निर्णय लेने में आसानी हो.

MP अजब है सबसे गजब है…

मध्य प्रदेश राज्य वाकई में भारत का दिल है. दरअसल यहां का पर्यटन इस देश के जादुई और रहस्यमय केंद्र का सफर है. यह प्रदेश भारत के अंतरमन से रूबरू कराता है. यहां स्मारकों, मंदिरों पर नक्काशीदार शिल्पकारी, किेले, महल, झरने, नदी और पर्वतमालाओं के अनोखे झरोखे हैं…

भोपाल:

राज्य की राजधानी यह शहर पुरातात्विक धरोहरों से भरपूर है. पुराने महल और मस्जिदें और भीड़ भरे बाजार देखने लायक हैं. भोपाल को झीलों का शहर भी कहा जाता है. लेक व्यू के बीच दरगाह का नजारा बेहद खूबसूरत दिखता है. वहीं भारत भवन में कला का अनोखा संगम देखने को मिलेगा साथ ही शाम को इसके पीछे वाले हिस्से में सीढ़ियों पर बैठकर घंटों झील को देखने आपके मन में सुकून का शांत सागर भर देगा.

खजुराहो:

मध्य प्रदेश में टूरिस्टों के बीच यह जगह सबसे ज्याद पसंदीदा है. खजुराहो मंदिरों के पत्थरों पर अलग-अलग तरह की कामुक भंगिमाएं उकेरी गई हैं. इन मूर्तियों के रंग दिन की बदलती रौशनी के साथ बदलते हैं. यहां का लाइट एंड साउंड शो बेहतरीन होता है. खजुराहो प्रकृति के अद्भुत नजारे भी देखने को मिलेंगे.

चित्रकूट:

यह खजुराहो से 195 किमी दूर है. चित्रकूट विंध्य के पहाडों, नदियों और मनोरम जंगलों से घिरा हुआ पूरी तरह से प्रकृति की गोद में है. साथ ही यह एक प्रसिद्ध तीर्थ है. यहां भगवान राम, सीता जी और लक्ष्मण जी ने अपने वनवास के चौदह वर्षों में से ग्यारह वर्ष बिताए थे. यहां के मंदिर, घाट देखने लायक हैं. चित्रकूट में रामघाट, कामदगिरी, सीता कुंड, सती अनुसुया मंदिर, स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी नदी, हनुमान धारा और भरत कूप घूमने लायक हैं.

ग्वालियर:

भारतीय इतिहास का गौरवशाली पन्ना ग्वालियर के किलों और महलों में जिंदा हो उठता है. यह शहर कई लड़ाइयों, रक्तपात और मौतों का गवाह रहा है. यहां घूमने की जगह हैं- ग्वालियर का किला, मानमंदिर महल, जयविलास महल व म्यूजियम, सरोद घर, तानसेन स्मारक और सूर्य मंदिर.

मांडू:

यह इंदौर से 99 किमी. दूर है. मांडू विंध्य की पहाड़ियों में 2000 फीट की ऊंचाई पर है. यह जगह कवि व राजा बाजबहादुर और उनकी सुंदर रानी रूपमती के प्यार की यादों का बसेरा है. यहां अफगानी वास्तुकला का एक शानदार नमूना देखने को मिलेगा है. यहां घूमने लायक जगह हैं जहाज महल, रानी रूपमती का महल, बाजबहादुर का महल, अशर्फी महल, हिंडोला महल और शाही हमाम. यहां की जामी मस्जिद और होशंगशाह के मकबरे का नमूना लेकर ही बाद में ताजमहल बनाया गया.

कान्हा:

कान्हा टाइगर रिजर्व को रुडयार्ड किनलिंग ने मशहूर किया. यह एशिया का सबसे बेहतरीन नेशनल पार्क है. वाइल्ड लाइफ लवर्स के लिए यह अनूठी जगह है. रूडयार्ड किपलिंग की फेमस किताब और सीरियल जंगल बुक की प्रेरणा भी इसी जगह से ली गई थी. यह नेशनल पार्क 1945 वर्ग किमी. में फैला हुआ है.

राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य:

मुरैना में इस अभ्यारण्य की स्थापना जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों से घिरी चंबल नदी के किनारे को सुरक्षित रखने के लिए की गई थी. मछलियों की ढेरों प्रजातियों के अलावा डॉल्फिन, मगरमच्‍छ, घड़ियाल, कछुआ, ऊदबिलाव जैसी प्रजातियां यहां देखी जा सकती हैं. देवरी का मगरमच्छ केन्द्र हाल ही में पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. यहां नवंबर से मार्च के दौरान हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी देखे जा सकते हैं. नदी में बोटिंग का लुत्फ भी उठाया जा सकता है.

ओरछा:

ग्वालियर से 119 किमी. बेतवा नदी के किनारे बसी यह जगह बुंदेलों की राजधानी रही है. यहां का मशहूर ओरछा किला वास्तुकला का एक अद्भुत उदहारण है. यहां चतुरभुज मंदिर, राज महल, राम राजा मंदिर और लक्ष्मीनारायण मंदिर देखने लायक हैं.

जबलपुर:

यहां की मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता लोगों को बहुत लुभाती है. दुनिया में जबलपुर मार्बलरॉक्स के लिए जाना जाता है. जो कि यहां से 23 किमी. दूर भेड़ाघाट में हैं. नर्मदा नदी के दोनों ओर दूर तक  ऊंची संगमरमर की चट्टानें बहुत सुंदर दिखती हैं. यहां बोटिंग की सुविधा नवंबर से मई तक होती है. यहां धुंआधार फाल्स भी बेहतरीन जगह है.

बांधवगढ़:

मध्य भारत के दिल में बसे विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बांधवगढ़ नेशनल पार्क में देश के सबसे ज्यादा बाघ हैं. यहां पर हाथी सफारी का भी लुत्फ लिया जा सकता है.

पंचमढ़ी:

सतपूड़ा पर्वतमालाओं के बीच घिरा यह हिल स्टेशन अपने दामन में बेहद खूबसूरती समेंटे है. इसे सतपूड़ा की रानी भी कहा जाता है. यहां प्रियदर्शिनी प्‍वाइंट, बी फॉल, हांडी खोह, पांडव गुफा, अप्सरा विहार, जटाशंकर गुफा और राजेंद्र गिरि घूमने लायक जगह हैं.

उज्जैन:

यह मध्य प्रदेश का एक प्रमुख शहर है जो क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है. यह एक बहुत प्राचीन नगरी है. उज्जैन राज विक्रमादित्य की राजधानी थी. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल इस नगरी में है. यहां हरसिद्ध‍ि मंदिर, श्री बड़े गणेश मंदिर, भर्तृहरि गुफा, काल भैरव मंदिर और क्षिप्रा घाट घूमने लायक है.

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